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PSEB 8th Class Science Notes Chapter 9 जंतुओं में जनन
→ जनन का एक विशेष महत्त्व है क्योंकि यह एक जैसे जीवों में पीढ़ी दर पीढ़ी निरंतरता बनाए रखना सुनिश्चित करता है।
→ सभी सजीव अपने जैसे जीव पैदा करते हैं। इस प्रक्रम को जनन कहते हैं।
→ जनन की दो विधियाँ हैं-
- लैंगिक जनन
- अलैंगिक जनन।
→ अलैंगिक जनन में, नया जीव एक ही जनक से उत्पन्न होता है।
→ सजीव अलैंगिक जनन में पाँच विधियों द्वारा जनन करते हैं-
(क) द्विखंडन
(ख) मुकुलन
(ग) बीजाणु बनना
(घ) कायिक जनन।
(ङ) पुनर्जनन (Regeneration)-
→ लैंगिक जनन में, दोनों नर और मादा की आवश्यकता होती है। नर जनक, नर युग्मक पैदा करते हैं और मादा, मादा युग्मक पैदा करते हैं। नर और मादा युग्मक के संलयन को निषेचन (fertilization) कहते हैं।
→ कुछ ऐसे जीव हैं, जिसमें दोनों जननांग ही पाए जाते हैं, उभयलिंगी (Hermaphrodite) कहलाते हैं।
→ निषेचन, किसी जीव में बाह्य और किसी जीव में आंतरिक होता है।
→ पौधों में वृद्धि अनियमित होती है जबकि पशुओं में सीमित होती है।
→ वह प्रक्रम जिसमें विशेष आकार और आकृतियां बनती हैं विकास और वृद्धि कहलाता है।
→ अंगों की वृद्धि में आकृति, आकार और संघटकों की संख्या में परिवर्तन आता है।
→ बीज, युग्मनज या शरीर के अन्य भाग से नए जीव के बनने को विकास कहते हैं। विभिन्न जंतुओं में विकास के विभिन्न ढंग हैं।
→ लैंगिक जनन अधिकतर प्रयुक्त होता है।
→ मादा जननांगों में एक जोड़ी, अंडाशय, अंडवाहिनी तथा गर्भाशय होता है।
→ नर जनन अंगों में एक जोड़ा वृषण, दो शुक्राणु नलिका तथा एक शिश्न होता है।
→ वीर्य Semen, एक दूध जैसा द्रव्य है जिसमें शुक्राणु होते हैं।
→ शिश्न नर में मूत्र और शुक्राणु को उत्सर्जन करने का काम करता है।
→ शुक्राणु (Spermatozoan) सूक्ष्म नर युग्मक है। एक शुक्राणु में एक सिर, मध्य भाग और एक पूंछ होती है।
→ क्लोनिंग में समरूप कोशिका या अन्य जीवित भाग अथवा संपूर्ण जीव को कृत्रिम रूप से उत्पन्न किया जाता है। क्लोन वाले जंतुओं में अक्सर जन्म के समय अनेक विकृतियाँ होती हैं।
→ लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)-एक ऐसा प्रक्रम जिसमें नर और मादा के संलयन से निषेचन होता है।
→ अंडाणु (Egg)-मादा युग्मक जिसे मादा अंडाशय उत्पन्न करता है।
→ शुक्राणु (Sperm)-नर युग्मक जिन्हें नर वृषण पैदा करते हैं।
→ निषेचन (Fertilization)-नर युग्मक (शुक्राणु) और मादा युग्मक (अंडाणु) का संलयन निषेचन कहलाता है।
→ युग्मनज (Zygote)-एक कोशिक संरचना जो शुक्राण और अंडाणु के संलयन से बनती है।
→ आंतरिक निषेचन (Internal Fertilization)-मादा के शरीर के अंदर होने वाला निषेचन ।
→ जतु में जनन बाह्य निषेचन (External Fertilization)-मादा के शरीर के बाहर होने वाला निषेचन।
→ भ्रूण (Embryo)-युग्मनज विभाजनों से बनी संरचना भ्रूण कहलाती है।
→ गर्भ (Foetus) भ्रूण की अवस्था जिसमें सभी शारीरिक भाग विकसित होकर पहचानने योग्य हो जाते हैं।
→ जरायुज जंतु (Viviparous Animals)-जंतु जो शिशु को जन्म देते हैं।
→ अंडप्रजनक जंतु (Oviparous Animals)-जंतु जो अंडे देते हैं।
→ कायांतरण (Metamorphosis)-लारवा के कुछ उग्र-परिवर्तनों द्वारा वयस्क जंतु में बदलने की प्रक्रिया।
→ अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction)-जनन का वह प्रकार जिसमें केवल एक ही जीव भाग लेता है।
→ मुकुलन (Budding)-ऐसा अलैंगिक जनन जिसमें नया जीव मुकुल (Bud) से उत्पन्न होता है।
→ विखंडन (Binary Fission)-ऐसा अलैंगिक जनन जिसमें जीव दो भागों में विभाजित होकर संतति उत्पन्न करता है।