Punjab State Board PSEB 10th Class Physical Education Book Solutions हॉकी (Hockey) Game Rules.
हॉकी (Hockey) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education
याद रखने योग्य बातें
- हॉकी टीम के खिलाड़ियों की संख्या = 11 बदलवें, 5
- हॉकी के मैदान की लम्बाई = 100 गज़, 91.40 मी०
- हॉकी के मैदान की चौड़ाई = 60 गज़, 54.86 मीटर
- हॉकी खेल का समय = 15-3-15, 15-10-15 की चार अवधियां लेकिन ओलम्पिक में 35-10-35 होता है।
- मध्यान्तर का समय = 5 मिनट से 10 मिनट
- गेंद का वज़न = 156 ग्राम से 163 ग्राम
- गेंद का व्यास = 8 ईंच से 9 ईंच
- हॉकी का वज़न = 12 औंस कम-से-कम 28 औंस अधिक-से-अधिक
- हॉकी रिंग से गुजर सके = 2.1″
- हॉकी स्टिक की लम्बाई = 37” से 38
- अधिकारी = एक टैकनीकल आफिसर, दो अम्पायर, दो जज, एक रीजरव अम्पायर।
- महिलाओं की हॉकी स्टिक का वज़न = 23 औंस
- गोल के खम्भों की लम्बाई = 4 औंस
- गोल बोर्ड की ऊँचाई = 18 इंच
- अन्तिम रेखा से “डी” की दूरी डा का दूरा = 16 इंच
- पैनल्टी स्ट्रोक की दूरी = 7 गज़
- डाटड शूटिंग सर्कल का दायरा = 21 गज़
- बैक बोर्ड की गहराई = 4 फीट
हॉकी खेल की संक्षेप रूप-रेखा
(Brief outline of the Hockey Game)
- मैच दो टीमों में खेला जाता है। प्रत्येक टीम में ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। खेल के दौरान किसी भी टीम में एक से अधिक गोलकीपर नहीं हो सकता।
- खेल का समय मध्यान्तर (Interval) से पहले और बाद में 35-5-35 मिनट का होगा। आराम पांच मिनट का होगा।
- मध्यान्तर के बाद दोनों टीमें अपना-अपना क्षेत्र बदल लेंगी।
- मैच के समय कोई टीम अधिक-से-अधिक खिलाड़ी बदल सकती है। जिस खिलाड़ी के स्थान पर प्रतिस्थापित खिलाड़ी (Substitute) लिया जाता है, उसे मैदान में पुनः आने की आज्ञा दी जा सकती है। पैनल्टी कार्नर लगाते समय खिलाड़ी बदला नहीं जा सकता।
- हॉकी के मैच में एक टैक्नीकल आफिसर, दो अम्पायर, दो जज और एक रिजर्व अम्पायर होता है।
- निलम्बित किए गए खिलाड़ी की जगह कोई अन्य खिलाड़ी नहीं खेलेगा।
- अतिरिक्त समय में बदला हुआ खिलाड़ी फिर खेल में नहीं आ सकता।
- कप्तान आवश्यकतानुसार गोल कीपर बदल सकते हैं।
- कप्तान साइडों के चुनाव के लिए टॉस करते हैं।
- कोई भी खिलाड़ी कड़ा या अंगूठी आदि वस्तुएं नहीं पहन सकता।
- हॉकी के खेल में 16 खिलाड़ी होते हैं। 11 खेलते हैं तथा 5 बदलवे (Substitutes) होते हैं।
- हिट लगाते समय हॉकी कन्धे से ऊपर भी उठ सकती है।
- यदि D के अन्दर या D के 25 गज़ अन्दर रक्षक टीम खतरनाक फाऊल करती है तो रैफ़री पैनल्टी कार्नर दे देगा।
- गोल कीपर या कोई अन्य खिलाड़ी D में से बाल को पकड़ ले या पांव नीचे दबा दे, तो रैफरी पैनल्टी स्ट्रोक दे देगा।
- हॉकी की कोई टीम अधिक-से-अधिक खिलाड़ी बदल सकती है बदलवें खिलाड़ी के स्थान पर फिर उसे बदला जा सकता है। केवल टाईब्रेकर के समय खिलाड़ी नहीं बदल सकते।
- गोल कीपर को पैनल्टी कार्नर अथपा पैनल्टी स्ट्रोक के समय नहीं बदला जा सकता, उसे चोट लगने पर ही बदला जा सकता है।
- 16 गज़ के सर्कल से बाहर 21 गज़ की डाटड रेखा सर्कल में अंकित की जाती है।
प्रश्न
हॉकी खेल में कितने खिलाड़ी खेलते हैं ? और खेल का समय बताओ।
उत्तर—
टीमें और खेल का समय
(Teams and duration of play)
- हॉकी का खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है। प्रत्येक टीम में ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। खेल के दौरान किसी भी टीम में एक से अधिक गोल रक्षक न होगा।
- मैच के दौरान प्रत्येक टीम अधिक-से-अधिक खिलाड़ी बदल सकती है।
- एक बार बदला हुआ खिलाड़ी पुनः खेल में भाग ले सकता है। निलम्बित किए खिलाड़ी के स्थान पर कोई दूसरा खिलाड़ी नहीं खेल सकता।
HOCKEY GROUND
- कार्नर, कार्नर दण्ड या पैनल्टी दण्ड दिए जाने के अतिरिक्त जब खेल रुका हो तो स्थानापन्न (Substitute) खिलाड़ी रैफरी की आज्ञा से मैदान में उतर सकता है। इस काम में जितना समय लगा हो वह खेल के समय में जोड़ा जाएगा।
- यदि कोई परिणाम निकालने के लिए अतिरिक्त समय (Extra time) दिया जाए तो दूसरा खिलाड़ी (Substitute) भी किया जा सकता है।
- खेल की 35-35 मिनट की दो अवधियां होती हैं। इनके मध्य मध्यान्तर होता है।
मध्यान्तर में टीमें अपनी साइड बदल लेती हैं। मध्यान्तर कम-से-कम पांच मिनट और अधिक-से-अधिक दस मिनट का हो सकता है।
कप्तान (कैप्टन)-
- साइडों (दिशाओं) के चुनाव के लिए दोनों टीमों के कप्तान खेल के आरम्भ में टॉस करेंगे। टॉस द्वारा दिशा या पास करने का फैसला करेंगेटॉस जीतने वाला पास या दिशा में से एक चुन सकता है।
- कोच न होने की अवस्था में कोच अम्पायर का काम करेगा।
- आवश्यकता पड़ने पर कप्तान गोल कीपरों की तबदीली करेगा। इस तबदीली के बारे अम्पायरों को सूचित करेगा।
प्रश्न
हॉकी खेल के मैदान, गोल पोस्ट, शूटिंग सर्कल, गेंद, हॉकी, खिलाड़ी की पोशाक और बैक पास के बारे में लिखें।
उत्तर-
खेल का मैदान-हॉकी के खेल का मैदान आयताकार होगा। इसकी लम्बाई 91.40 m तथा चौड़ाई 55 m होगी। छोटी सीमा रेखा गोल रेखा कहलाती है। गोल रेखा की मोटाई 3 इंच होगी। पुश इन के नियन्त्रण और उसकी सहायता के लिए केन्द्र रेखा के परे तथा प्रत्येक 22.90 m की रेखा साइड लाइन के 5 गज़ के समतल प्रत्येक साइड लाइन पर तथा इसके भीतरी किनारे किनारे अन्दर गोल रेखा का समतल प्रत्येक साइड लाइन पर तथा इसके भीतरी किनारे से 16 गज़ पर 12″ लम्बा एक निशान लगाया जाएगा। कार्नर हिट के लिए मैदान के अन्दर समीप के गोल स्तम्भ से 5 गज़ तथा 10 गज़ पर गोल के दोनों ओर गोल रेखा पर निशान लगाया जाएगा। कार्नर हिट के लिए मैदान के भीतरी कार्नर फ्लैग के 5 गज़ पर रेखाओं तथा पार्श्व (साइड) रेखाओं पर निशान लगाया जाएगा। प्रत्येक गोल केन्द्र से 6.40 m दूर सामने की ओर एक सफेद बिन्दु लगाया जाएगा जिसका व्यास 6″ से अधिक न होगा। झण्डियां केन्द्र रेखा से एक गज़ बाहर को रखी जाएंगी।
गोल पोस्ट-
- प्रत्येक गोल रेखा के केन्द्र में 1.20 m की दूरी पर पड़े हुए दो खम्बों के बीच भूमि से 6.40 m ऊंची (अन्दर की माप) तथा पड़ी क्रास बार से जुड़ा एक गोल होगा। गोल पोस्टों का अगला भाग गोल रेखा के बाहरी किनारे को छुएगा। गोल पोस्ट क्रास छड़ों से ऊपर नहीं निकलेंगे और न ही क्रास बार गोल स्तम्भों से बाहर को होगी। गोल स्तम्भ और क्रास बार सामने से 5 cm चौड़ी और 71/2 cm गहरी होगी। गोल पोस्टों के पीछे अच्छी तरह मज़बूती से जाल लगा होगा।
- गोल पोस्टों के अन्दर 4 गज़ लम्बे तथा अधिक-से-अधिक 8” ऊंचे मैदान को छूते हुए गोल बोर्ड लगाए जाएंगे। ये बोर्ड गोल लाइन के साथ 90° का कोण बनाएंगे। ये बोर्ड लकड़ी के बने होंगे।
- बोर्ड को दूरी पर सहारा देने के लिए गोल के भीतर लकड़ी के तख्ते रखे होंगे।
शूटिंग सर्कल (Shooting Circle)—प्रत्येक गोल के सामने गोल रेखा से 16 गज़ की दूरी 3.66 m लम्बी और तीन इंच चौड़ी एक समानान्तर सफेद रेखा लगाई जाएगी। यह रेखा हर ओर चौथाई वृत्त बनाती हुई गोल रेखा से मिलेगी जिसका केन्द्र बिन्दु गोल स्तम्भ होंगे। इन रेखाओं द्वारा घिरा हुआ स्थान शूटिंग सर्कल कहलाएगा।
गेंद-गेंद सफेद रंग के चमड़े या किसी दूसरे सफेद पेंट किए हुए चमड़े की बनी होगी। इसका आकार क्रिकेट की गेंद से मिलता-जुलता है। इसकी परिधि (घेरा) 814” से 97″ तक होती है। इसका वज़न 51/5 औंस से 53/4 औंस तक होता है।
हॉकी (स्टिक)-स्टिक का केवल बायां भाग चपटा होना चाहिए। इसका सिरा धातु से जुड़ा नहीं होना चाहिए। स्टिक का भार 28 औंस और 12 औंस से कम नहीं होना चाहिए। स्टिक का आकार ऐसा होना चाहिए कि वह 2” के आन्तरिक व्यास वाले छल्ले से निकल जाए।
खिलाड़ियों की पोशाक तथा सामान–प्रत्येक टीम का खिलाडी वही पोशाक धारण करेगा जो संस्था या क्लब द्वारा निश्चित की गई है। प्रत्येक खिलाड़ी ऐसे जूते पहनेगा जिससे दूसरों को हानि न पहुंचे। गोल कीपर इन चीज़ों को धारण कर सकता है-पैड, निक्कर, दस्ताने, बूट और मास्क।
SHOOTING CIRCLE
BACK LINE 60 YARDS
बैक पास-खेल शुरू करने के लिए, गोल हो जाने पर, खेल दुबारा शुरू करने और मध्यान्तर के बाद खेल शुरू करने के लिए, मैदान के मध्य में टॉस जीतने वाले खिलाड़ी पर गोल हो तो वह खिलाड़ी और आधे समय के बाद विरोधी टीम का खिलाड़ी बैक पास करेगा। बैक पास करने वाला खिलाड़ी सैंटर लाइन पर या दूसरी तरफ पैर रख सकता है।
प्रश्न
हॉकी खेल के साधारण नियम लिखें।
उत्तर-
खेल के लिए साधारण व्याख्या
- गेंद खेलने के लिए स्टिक का उल्टा भाग प्रयोग नहीं करना चाहिए, केवल चपटा भाग ही । प्रयोग में लाना चाहिए। बिना अपनी स्टिक के कोई खिलाड़ी खेल में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
- गेंद पर प्रहार करते समय प्रहार के शुरू या अन्त में स्टिक कन्धों से ऊपर जा सकती है, लेकिन गेंद खतरनाक न हो।
- गेंद पर इस प्रकार प्रहार नहीं करना चाहिए जिससे दूसरे खिलाड़ी के लिए खतरा पैदा हो जाए।
- अपनी टीम के लाभ के लिए खिलाड़ी गेंद को भूमि या हवा में अपने शरीर के किसी भाग से नहीं रोक सकता।
- विरोधी खिलाड़ी के रोकने के लिए स्टिक को टांग या पैर का सहारा नहीं देना चाहिए।
- स्टिक के अतिरिक्त किसी भी रूप या दिशा में गेंद को उड़ाया, लुढ़काया या फेंका नहीं जा सकता।
- विरोधी खिलाड़ी की स्टिक के साथ हुकिंग, हिटिंग या स्ट्राइकिंग आदि की आज्ञा नहीं है।
- कोई भी खिलाड़ी गेंद और विरोधी खिलाड़ी के बीच भाग कर उस खेल में बाधा नहीं पहुंचाएगा और न ही वह स्वयं स्टिक द्वारा विरोधी के खेल में बाधा डाल सकता है।
- जब गेंद गोल कीपर के चक्र में हो तो वह इसे किक मार सकता है या अपने शरीर के किसी भी अंग से इसे रोक सकता है।
- यदि गेंद गोल कीपर के पैडों में या किसी खिलाड़ी या रैफरी के कपड़ों में अटक जाए तो खेल रोक दिया जाएगा और उसी स्थान से पास द्वारा फिर से शुरू करवाया जाएगा जहां पर घटना घटी हो।
- यदि गेंद अम्पायर से टकरा जाए तो वह खेल में रहती है अर्थात् खेल चालू रहेगा।
- रफ या खतरनाक खेल, किसी तरह का दुर्व्यवहार या व्यर्थ समय को नष्ट करने की आज्ञा नहीं है।
दण्ड-इस नियम के उल्लंघन होने की दशा में—
गोल्डन गोल रूल (Golden Goal Rule) हॉकी के खेल में समय समाप्त होने पर यदि दोनों टीमें बराबर रह जाती हैं तो बराबर रहने की स्थिति में 772, 712 मिनट का खेल होगा। इस समय में जब भी गोल हो जाए तो वहीं पर खेल समाप्त हो जाता है और गोल करने वाली टीम विजयी घोषित की जाती है। उसके बाद यदि फिर गोल न हो तो दोनों टीमों को 5-5 पैनल्टी स्ट्रोक उस समय तक दिए जाते रहेंगे जब तक फैसला नहीं हो जाता।
प्रश्न
हॉकी खेल में हो रहे साधारण नियमों की उल्लंघना के बारे में लिखें।
उत्तर-
- यदि उल्लंघन शूटिंग वृत्त (चक्र) से बाहर हुआ हो तो विरोधी टीम को फ्री हिट दी जाती है, परन्तु अम्पायर के विचार में यदि रक्षक टीम के खिलाड़ी ने अपनी 25 गज़ की रेखा में यह अपराध जानबूझ कर किया है तो इसे पैनल्टी कार्नर अवश्य देना चाहिए।
- यदि आक्रमक खिलाड़ी द्वारा उल्लंघन वृत्त (चक्र) के भीतर हुआ है तो विरोधी टीम को फ्री हिट दी जाती है। इसके विपरीत यदि रक्षक खिलाड़ी द्वारा वृत्त के अन्दर उल्लंघन हुआ हो तो आक्रामक टीम को पैनल्टी कार्नर या पैनल्टी स्ट्रोक दिया जाता है।
- यदि वृत्त से बाहर दोनों विरोधी खिलाड़ियों द्वारा एक साथ नियम का उल्लंघन हुआ हो तो अम्पायर उल्लंघन वाले स्थान पर बुल्ली करने की आज्ञा देगा, परन्तु गोल रेखा के 5 गज़ से बाहर (पास) होनी चाहिए।
- रफ़ या खतरनाक खेल या दुर्व्यवहार की स्थिति में अम्पायर दोषी खिलाड़ी को
- चेतावनी दे सकता है।
- उसे अस्थाई तौर पर मैदान से बाहर निकाल सकता है।
- उसे शेष खेल में रोक सकता है।
नोट-अस्थायी तौर पर निकाला गया खिलाड़ी अपने गोल नेट के पीछे उस समय तक खड़ा रहेगा जब तक कि अम्पायर उसे वापिस नहीं बुलाता।
गोल-जब गेंद नियमानुसार गोल पोस्टों में से गुज़र कर गोल लाइन पार कर जाए तब गोल हो जाता है। उस समय गेंद वृत्त में होनी चाहिए और आक्रामक खिलाड़ी की स्टिक से लग कर आई हो। अधिक गोल करने वाली टीम की मैच में विजय होती है। पैनल्टी स्ट्रोक के समय यदि गोलकीपर फ़ाऊल करता है तो बाल का गोल लाइन को पार करना ज़रूरी नहीं है।
प्रश्न
निम्नलिखित से आपका क्या भाव है ? फ्री हिट, कार्नर, पैलन्टी कार्नर।
उत्तर-
फ्री हिट—
- फ्री हिट प्राय: उल्लंघन (अवज्ञा) वाले स्थान से ली जाती है। यदि आक्रामक खिलाड़ी द्वारा उल्लंघन वृत्त के अन्दर होता है तो वृत्त के किसी भी बिन्दु से फ्री हिट ली जा सकती है।
- फ्री हिट लेते समय गेंद भूमि पर स्थिर रहेगी। इसमें गेंद पर किसी भी प्रकार का प्रहार प्रयोग में लाया जा सकता है, परन्तु गेंद घुटने से ऊपर नहीं उछलनी चाहिए। इसमें स्कूप स्ट्रोक की आज्ञा नहीं।
- यदि फ्री हिट 16 गज़ के अन्दर मिली हो तो रक्षक टीम के खिलाड़ी द्वारा घटना वाले स्थल के समानान्तर किसी भी स्थान से लगाई जा सकती है।
- फ्री हिट लेते समय टीम का खिलाड़ी गेंद से 5 गज़ के घेरे में न होगा। अपनी टीम का खिलाड़ी पांच गज़ दूर होना जरूरी नहीं।
- यदि फ्री हिट लेते समय प्रहारक से गेंद चूक जाए तो वह इसे दोबारा हिट लगा सकता है।
- फ्री हिट लेने के पश्चात् प्रहारक उस समय तक गेंद को छू नहीं सकता जब तक कि किसी दूसरे खिलाड़ी ने गेंद छू न लिया हो या खेल न लिया हो।
दण्ड-इस नियम के उल्लंघन की दशा में—
- शूटिंग चक्र के बाहर-विरोधी टीम को एक फ्री हिट दी जाएगी।
- शूटिंग चक्र के अन्दर—
- आक्रामक टीम के विरुद्ध विरोधी टीम को 16 गज़ की एक फ्री हिट दी जाएगी।
- आक्रामक टीम को रक्षक टीम के विरुद्ध पैनल्टी कार्नर या पैनल्टी स्ट्रोक दिया जाएगा।
पुश-इन—
- जब गेंद साइड लाइन से पूरी तरह बाहर निकल जाए तो उसी स्थान से पुश या हिट करके गेंद को खेल में लाया जाता है। गेंद के साइड लाइन से बाहर निकलने से पहले जिस टीम के खिलाड़ी ने इसे अन्त में छुआ हो उसकी विरोधी टीम का कोई भी खिलाड़ी पुश-इन करता है।
- जब पुश-इन लिया जा रहा हो तो किसी भी टीम का कोई भी खिलाड़ी 5 गज़ के घेरे में नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा हुआ तो अम्पायर दुबारा पुश-इन के लिए कहेगा।
- पुश-इन करने वाला खिलाड़ी स्वयं गेंद को उस समय तक नहीं छू सकता जब तक कि अन्य खिलाड़ी इसे छू न ले या खेल न ले।
दण्ड—
- पुश-इन लेने वाले खिलाड़ी द्वारा नियम के उल्लंघन की दशा में विरोधी टीम को पुश-इन दिया जाएगा।
- किसी अन्य खिलाड़ी द्वारा नियम का उल्लंघन होने पर पुश-इन दुबारा ली जाएगी परन्तु बार-बार उल्लंघन होने पर विरोधी टीम को फ्री हिट दी जाएगी।
गेंद का पीछे जाना—
- यदि आक्रमक टीम के खिलाड़ी द्वारा गेंद गोल रेखा के पार चली जाए और गोल न हो या अम्पायर के विचार में गोल रेखा से 25 गज़ या अधिक दूर से रक्षक टीम के किसी खिलाड़ी द्वारा अनजाने में गोल रेखा के पार चली जाए तो रक्षक टीम का खिलाड़ी उस स्थान से 16 गज़ की फ्री हिट लगाएगा जहां से गेंद ने गोल लाइन को पार किया हो।
- यदि गेंद रक्षक टीम के खिलाड़ी द्वारा अनजाने में ही गोल रेखा से 25 गज़ की दूरी से बाहर निकाल दी जाती है तो विरोधी टीम को पैनल्टी कार्नर दिया जाता है।
- यदि रक्षक टीम का खिलाड़ी जान-बूझ कर गेंद को मैदान के किसी भाग से गोल रेखा से बाहर निकाल लेता है तो यदि गोल न हुआ हो तो विरोधी टीम को पैनल्टी कार्नर दिया जाता है।
- यदि अम्पायर के मतानुसार रक्षक टीम के खिलाड़ी ने अपने 25 गज़ की रेखा के अन्दर जान-बूझ कर नियम की अवज्ञा की है तो विरोधी टीम को पैनल्टी कार्नर दिया जाता है।
कार्नर—
- आक्रामक टीम को गोल रेखा या साइड रेखा के किनारे वाले फ्लैग पोस्ट से 5 गज़ के वृत्त में से फ्री हिट दी जाएगी।
- पैनल्टी कार्नर लगाते समय यदि बाल पुश करने से पहले ही रक्षक टीम के रिगाड़ी दौड़ पड़ें तो रैफ़री दोबारा पुश करने के लिए कहेगा।
पैनल्टी कार्नर-जब अम्पायर का मत हो कि रक्षात्मक खिलाड़ी ने जान-बूझ कर गेंद गोल पोस्ट के अतिरिक्त गोल रेखा में डाल दी है, और यदि गोल न हुआ हो तो विरोधी टीम को पैनल्टी कार्नर दिया जाता है।
पैनल्टी कार्नर लगाते समय एक खिलाड़ी बॉल को गोल रेखा पर लगे शूटिंग सर्कल के अन्दर के निशान से बॉल पुश करेगा, तो इधर डी के किनारे पर खड़ा खिलाड़ी हॉकी से ही खेलेगा और तीसरा बॉल को हिट करेगा। पैनल्टी कार्नर का गोल तब माना जाएगा जब बॉल गोल के फट्टे (Goal Post) से ऊंचा न जाए या under cut न हो। गोल रेखा पार कर चुका हो।
पैनल्टी कार्नर मिलने के पश्चात् यदि खेल का समय समाप्त हो जाता है तो भी पैनल्टी कार्नर अवश्य मिलेगा।
पैनल्टी स्ट्रोक-आक्रामक टीम को उस समय पैनल्टी स्ट्रोक दिया जाता है। जब रक्षक टीम का खिलाड़ी वृत्त के अन्दर से जान-बूझ कर ग़लती न करे तो कार्नर हिट के समय दोनों टीमों के खिलाड़ी जिस स्थान पर चाहें, खड़े हो सकते हैं। यदि नए नियमों के अनुसार शूटिंग चक्र में आक्रमण रोकने वाली टीम कोई फाऊल करती है, चाहे वह जान-बूझ कर करे, चाहे अनजाने में उसके विरुद्ध पैनल्टी स्ट्रोक दिया जाता है।
- पैनल्टी स्ट्रोक आक्रामक टीम के किसी खिलाड़ी द्वारा गोल-रेखा के सामने 7 गज़ की दूरी से मारा जाता है और रक्षक टीम के गोल कीपर द्वारा रोका जाता है, परन्तु गोल कीपर के नियम उस पर पूरी तरह लागू होंगे।
- पैनल्टी स्ट्रोक लगाते समय दोनों टीमों में सभी खिलाड़ी नज़दीक की 25 गज़ वाली रेखा के बाहर रहेंगे।
- स्ट्रोक लेते समय अम्पायर की सीटी बजने पर आक्रामक खिलाड़ी गेंद के निकट खड़ा हो जाता है। सीटी बजने के बाद और स्ट्रोक लेते समय वह एक कदम आगे कर सकता है।
- वह गेंद को केवल एक बार ही छू सकता है। इसके पश्चात् वह न तो गेंद की ओर जाएगा और न ही गोल रक्षक की ओर। अम्पायर की सीटी का संकेत मिलने पर पैनल्टी स्ट्रोक मारा जाएगा।
- गोल रक्षक गोल-रेखा पर खड़ा रहेगा। वह उस समय तक अपने स्थान से नहीं हिलेगा जब तक गेंद को हिट नहीं किया जाता।
- कन्धों से ऊंची गेंद को गोल रक्षक स्टिक के किसी भाग से स्पर्श नहीं कर सकता। गोल रक्षक को मिलने वाली सुविधाएं उसकी जगह लेने वाले खिलाड़ी को मिलेंगी, परन्तु उसे पैनल्टी स्ट्रोक के दौरान कपड़े और सामान नहीं मिल सकता। अभिप्राय पैड, दस्ताने या अन्य सामान पहन सकता है/सकती है, जो गोल कीपर पहन सकता है।
- पैनल्टी स्ट्रोक लगाने पर गेंद किसी भी ऊंचाई तक जा सकती है।
- यदि पैनल्टी स्ट्रोक लेने वाला खिलाड़ी या प्रहारक की कोई क्रिया गोल रक्षक को अपने पांव हिलाने के लिए विवश करे या प्रहारक बेहोश हो जाए तो स्ट्रोक फिर से लिया जाएगा।
- यदि पैनल्टी स्ट्रोक के फलस्वरूप—
- गेंद स्तम्भों के बीच और क्रासबार के नीचे गोल रेखा को पूरी तरह पार कर जाए तो गोल हो जाता है।
- गोल रक्षक द्वारा किसी नियम का उल्लंघन करने से गोल होने पर से रुक जाए तो भी गोल हुआ माना जाएगा।
- यदि गेंद को गोल रक्षक पकड़ ले या गेंद उसके पैडों में अटक जाए तो गेंद रुक गई मानी जाती है।
- यदि गेंद वृत्त के अन्दर स्थिर हो जाए या बाहर चली जाए तो पैनल्टी स्ट्रोक समाप्त हो जाता है।
- गोल हो जाने अथवा दिए जाने के बिना खेल पुनः फ्री हिट से आरम्भ होती है। गोल रेखा से 16 गज़ की दूरी से रक्षक टीम फ्री हिट लगाती है।
- पैनल्टी स्ट्रोक तथा खेल के दोबारा शुरू होने तक की अवधि का खेल उसी मध्य या Half में जोड़ा जाएगा।
दण्ड—
- यदि आक्रामक खिलाड़ी किसी नियम का उल्लंघन करता है तो रक्षक टीम द्वारा गोल रेखा से 16 गज़ की दूरी से फ्री हिट लगाने से खेल पुनः शुरू होगा।
- यदि गोल रक्षक द्वारा नियम का उल्लंघन होता है तो अम्पायर स्ट्रोक दोबारा लगाने के लिए कहेगा।
दुर्घटनाएं—
- किसी खिलाड़ी या अम्पायर के अस्वस्थ हो जाने की दशा में दूसरे अम्पायर द्वारा खेल को कुछ समय के लिए रोक दिया जाता है। इस प्रकार नष्ट हुए समय को लिख दिया जाता है। खेल रोकने से पहले यदि गोल हो जाता है या अम्पायर के विचार से दुर्घटना न होने की दिशा में गोल हो जाता है तो इस प्रकार का हुआ गोल मान लिया जाएगा।
- जितनी जल्दी सम्भव हो सके अम्पायर खेल पुनः शुरू कराएगा। अम्पायर द्वारा चुने हुए स्थान से बुली द्वारा पुनः खेल शुरू किया जाएगा।
मैदान में खिलाड़ियों का स्थान ग्रहण करना
हॉकी टीम में ग्यारह खिलाड़ी होते हैं और पांच बदलवें खिलाड़ी होते हैं। इनमें से 4 फ़ारवर्ड, 4 हॉफ बैक, 2 फूल बैक तथा एक गोल कीपर होता है।
प्रश्न
हॉकी खेल के कुछ महत्त्वपूर्ण तकनीक के बारे में बताइए।
उत्तर-
हॉकी खेल के कुछ महत्त्वपूर्ण तकनीक जल्दी से जल्दी पूरे स्तर के मैचों में खेलने के इच्छुक खिलाड़ी, जब तक हॉकी के प्रमुख स्ट्रोकों की जानकारी प्राप्त न कर लें, तब तक खेल का सच्चा आनन्द प्राप्त करना असम्भव है। मैं समझता हूं कि यदि नौसिखिए खिलाड़ी मैच में खेलने से पहले गेंद को मैदान में आसानी से लुढ़काने लायक हॉकी का प्रयोग करना सीख लें तो वह अच्छी शुरुआत रहेगी।
विभिन्न स्ट्रोकों को खेलते समय सिर, पैर और हाथों की क्या स्थिति हो इस विषय में कोई सुनिश्चित नियम नहीं है। यद्यपि सरलता से स्ट्रोक लगाने में खिलाड़ी के फुट वर्क (Foot work) का बहुत महत्त्व होता है। सबसे पहले तो खिलाड़ी को स्टिक पकड़ने का सही तरीका मालूम होना चाहिए। स्ट्रोक लगाने के दूसरे सिद्धान्त व्यक्तिगत अथवा छोटेछोटे ग्रुपों में अभ्यास करने से अपने आप आ जाते हैं। पूर्ण सफलता के लिए यह आवश्यक है कि सभी अभ्यास तब तक धीमी गति से किए जाएं जब तक खिलाड़ी उनकी सही कला न सीख ले। फिर धीरे-धीरे उसे अपनी गति बढ़ानी चाहिए।
प्रमुख स्ट्रोक निम्नलिखित हैं—
पुश स्ट्रोक कलाई की सहायता से लगाया जाता है, जिसमें बायां हाथ तो हैंडल के ऊपरी सिरे पर और दायां हाथ स्टिक के बीचों-बीच रहता है तथा बाजू और कन्धे इसके ठीक पीछे रहने चाहिएं। गेंद को ज़मीन के साथ-साथ धेकल देना चाहिए। यह स्ट्रोक छोटे और सुनिश्चित ‘पास’ के लिए लगाया जाता है और यह बहुत ही रचनात्मक महत्त्व का होता है।
फ्लिक (Flik)
फ्लिक स्ट्रोक में दोनों हाथ स्टिक पर साथ-साथ रहते हैं और यह स्ट्रोक ढीली कलाइयों से लगाया जाता है। फ्लिक करते समय स्टिक गेंद के एकदम साथ रहनी चाहिए। यह स्ट्रोक स्टिक को पीछे की ओर उठाए बिना ही लगाया जाता है। साधारणतया यह स्ट्रोक लुढ़कती हुई गेंद पर और गेंद को जल्दी निकासी के लिए हिट की अपेक्षा लगाया जाता है। रिवर्स फ्लिक में गेंद को दायीं ओर लाने के लिए रिवर्स स्टिक का प्रयोग किया जाता है। प्रतिपक्षी को चकमा देने का यह बहुत ही सूझ-बूझ वाला तरीका है और जब खिलाड़ी इस कला में फर्राट हो जाता है, तो यह स्ट्रोक बहुत ही दर्शनीय होता है। एक जमाना था जब भारतीय खिलाड़ी यूरोपीय टीमों के साथ खेलते हुए ‘स्कूप’ का बहुत प्रयोग करते हुए उन्हें लाजवाब कर देते थे। लेकिन हाल ही में नई दिल्ली में खेले गए टेस्ट-मैच में यह देखा गया है कि सधे हुए ‘फ्लिक स्ट्रोक’ का प्रयोग करके प्रतिपक्षी जर्मन खिलाड़ी भारतीय खिलाड़ियों के सिर पर से गेंद उछाल कर अक्सर भारतीय क्षेत्र या यों कहिए कि भारतीय रक्षा-पंक्ति में घुसपैठ करने में सफल हो जाते थे। आश्चर्य की बात है कि इस प्रकार गेंद 30 गज़ और इससे भी ज्यादा अन्दर तक फेंकी गई। परिणाम यह होता था कि हमारी रक्षा पंक्ति को वहां तुरन्त पहुंचने और बचाव करने का अवसर ही नहीं मिलता था।
अधिक शक्तिशाली फ्लिक स्ट्रोक लगाने के लिए आवश्यक है कि स्टिक की पकड़ बंटी हुई हो यानी दाएं हाथ की पकड़, बाएं हाथ की पकड़ से अलग स्टिक पर थोड़ी नीचे की ओर रहनी चाहिए। छोटी दूरी के लिए फ्लिक स्ट्रोक लगाने के लिए सिद्धान्त में यह कुछ भिन्न है। हमारे खिलाड़ियों को इस कला में पारंगत होना चाहिए, क्योंकि ‘खिलाड़ी से खिलाड़ी को’ वाली आधुनिक नीति का एक यही सर्वोत्तम जवाब है।
यह एक आकर्षक तथा सबसे लाभकारी स्ट्रोक है, परन्तु इसके लिए आवश्यकता है अभ्यास और पुष्ट कलाइयों की। कलाइयों को पुष्ट बनाने के लिए अग्रलिखित अभ्यास किए जाने चाहिएं—
- स्टिक के ऊपरी हिस्से को बाएं हाथ से पकड़ें और इसके पास ही दाएं हाथ से, स्टिक को थोड़ा पलट कर गेंद दायीं ओर धकेल दें। स्ट्रोक के प्रारम्भ में शरीर के वज़न का दबाव बाएं पैर पर पड़ता है, दायां कन्धा घूम जाता है और इसके साथ ही कलाई के झटके के साथ स्ट्रोक लगता है। इस स्ट्रोक को अभ्यास में लाने के लिए गेंद को घेरे के आकार में रिवर्स स्ट्रोक से लुढ़काएं।
- गेंद उसी प्रकार आगे बढ़ाएं, परन्तु उसी स्थिति में रहते हुए और स्टिक को सिर्फ बाएं हाथ से पकड़ कर।
ये दो अभ्यास बहुत आवश्यक हैं, विशेषकर उन भारतीय खिलाड़ियों के लिए जो ‘लेफ्ट फ्लिक’ या ‘पुश’ में बिल्कुल ही अनाड़ी हैं। इससे उनके बाएं हाथ को वह शक्ति भी प्राप्त होगी, जो फ्लिक स्ट्रोक के लिए आवश्यक है। यह स्ट्रोक गेंद को तेज़ गति प्रदान करने की दृष्टि से भी, और गेंद की शीघ्र निकासी के लिए भी उपयोगी है। इस स्ट्रोक के द्वारा खिलाड़ी अपने पास की दिशा तो छिपाता ही है, साथ ही बाएं हाथ की भिड़न्त के लिए आवश्यक शक्ति भी प्राप्त करता है।
स्कूप (Scoop)
यह स्ट्रोक जानबूझ कर गेंद उछालने के लिए लगाया जाता है। स्टिक तिरछी झुकी हुई, ज़मीन से कुछ ऊपर गेंद के पीछे रहती है और स्टिक पर खिलाड़ी की पकड़ में दोनों हाथ एक-दूसरे से काफ़ी दूर रहते हैं। गेंद के ज़मीन पर गिरते समय यदि तथा यह स्ट्रोक लगाते समय खेल में किसी प्रकार का जोखिम पैदा हो जाए तो इसे नियम भंग की कार्यवाही मानना चाहिए। हालांकि एक लैफ्ट विंगर के लिए प्रतिपक्षी खिलाड़ी को उसकी स्टिक पर से गेंद उछालकर उसे चकमा देने की दृष्टि से यह स्ट्रोक बहुत ही लाभकारी है, परन्तु इसका प्रयोग कभी-कभी ही करना चाहिए। भारी तथा कीचड़ वाले मैदान पर यह स्ट्रोक बहुत उपयोगी रहती है।
ड्राइव (Drive)
यह एक ग़लत धारणा है कि गेंद को ज़ोर से हिट करने के लिए स्टिक को किसी भी तरफ कन्धे से ऊपर से ले जाना आवश्यक है। सच तो यह है कि हॉकी को पीछे की तरफ थोड़ा-सा उठाकर हिट करने से गेंद अपने लक्ष्य तक अपेक्षाकृत अधिक शीघ्रता से पहुंच सकती है। हिट की गति और शक्ति खिलाड़ी के फुट वर्क (Foot work) समयानुपात तथा गेंद को हिट करते समय कलाइयों से मिली ताकत पर निर्भर करती है। खिलाड़ी को काटदार या नीचे से प्रहार करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये स्ट्रोक नियम विरुद्ध होते हैं।
लंज (Lunge)
यह स्ट्रोक लगाते समय खिलाड़ी के एक हाथ में स्टिक, बाजू पूरी खिंची हुई तथा एक पैर पर शरीर टिका हुआ और घुटने मुड़े हुए होते हैं। जब प्रतिपक्षी खिलाड़ी भिड़न्त की सीमा से दूर हो तो गेंद को उसकी स्टिक से बचाने के लिए इस स्ट्रोक का प्रयोग किया जाता है। फारवर्ड खिलाड़ी गेंद को साइड लाइन तथा गोल लाइन से बाहर जाने वाली गेंद को स्ट्रोक द्वारा अतिरिक्त पहुंच की सहायता से रोक सकते हैं।
जैब (Jab)
यह एक और एक हत्था स्ट्रोक है। इसे दाएं हाथ से भी लगाया जा सकता है और बाएं से भी। इस स्ट्रोक का उपयोग गेंद को धकियाने के लिए किया जाता है। गेंद धकियाने की यह ऐसी गतिशील फारवर्ड कार्यवाही है, जिसमें खिलाड़ी ने एक हाथ से स्टिक पकड़ी हुई होती है और उसकी बाजू पूरी तरह आगे तक बढ़ी हुई रहती है। जब दो विपक्षी खिलाड़ी गेंद हथियाने के उद्देश्य से आगे बढ़ रहे हों, तो इससे पहले कि उनमें से कोई गेंद हथियाए, गेंद को उनकी पहुंच से बाहर धकेलने के लिए यह स्ट्रोक प्रयोग में लाया जाता है।
जैब तथा लंज के अभ्यास के लिए
(क) स्टिक को एक हाथ से पकड़ और बाजू पूरी तरह आगे बढ़ा कर खिलाड़ी को ‘शार्प जैब’ का अभ्यास करना चाहिए।
(ख)
- स्टिक बाएं हाथ से पकड़ कर, बाजू पूरी तरह आगे तक बढ़ाकर खिलाड़ी को रिवर्स स्ट्रोक खेलने का अभ्यास करना चाहिए, इससे बाईं कलाई में मजबूती आएगी।
- गेंद को अपने बीच में रख कर दो खिलाड़ी खड़े हो जाएं। फिर गेंद को खेलने के लिए तेज़ी से दौड़ पड़ें। दोनों ही खिलाड़ियों को एक-दूसरे से पहले गेंद को दाएं हाथ से जैब करने, और इसके बाद बाएं हाथ से लंज करने का प्रयत्न करना चाहिए।
इन दोनों एक हत्थे स्ट्रोकों का नियमित अभ्यास आवश्यक है। जब दोनों हाथों से खेलना या स्ट्रोक लगाना असम्भव हो, तभी इन स्ट्रोकों का प्रयोग करना चाहिए। दूसरे शब्दों में, कहना चाहूंगा जब खिलाड़ी को गेंद खेलने के लिए अपेक्षाकृत अधिक पहुंच की ज़रूरत हो, तब ये स्ट्रोक बहुत ही उपयोगी होते हैं।
ड्रिबल (Dribble)
ड्रिब्लिंग की कला हॉकी में बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। एक खिलाड़ी तब तक पूरा खिलाड़ी नहीं हो सकता, जब तक कि वह इसमें प्रवीणता न प्राप्त कर ले। अगर वह अपने सहयोगी खिलाड़ी की तरफ गेंद हिट या पुश कर देने से काम चल सकता हो, तो जहां तक हो सके ड्रिब्लिग नहीं करनी चाहिए। कीचड़दार, उछाल या उबड़-खाबड़ मैदानों पर खिलाड़ियों को ड्रिब्लिग नहीं करनी चाहिए। ड्रिब्लिंग का मुख्य उद्देश्य कब्जे में आई गेंद को पहले बाएं, फिर दाएं-इसी सिलसिले से लेकर खिलाड़ी को अधिक से अधिक तेज़ी से भागना होता है। ड्रिब्लिग करते समय खिलाड़ी को स्टिक इस तरह पकड़नी चाहिए कि उसके बाएं हाथ की पकड़ तो सामान्यतः स्टिक के हैंडल के ऊपर की तरफ रहे और उसके दाएं हाथ की पकड़ बाएं से तीन-चार इंच नीचे रहे। गेंद खिलाड़ी से लगभग एक गज़ की दूरी पर रहनी चाहिए। ड्रिब्लिग करते समय स्टिक गेंद से काफ़ी निकट होनी चाहिए।
गेंद रोकना (Fielding the ball)
अनुभव बताता है कि गेंद को स्टिक से रोकना सबसे आसान और फुर्तीला कार्य है। इसलिए गेंद रोकने के लिए हाथों का प्रयोग कभी-कभार ही होता है। पैनल्टी कार्नर के लिए पुश लेते समय या जब गेंद हवा में खिलाड़ी की कमर से ऊपर हो, तब सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए गेंद को हाथ से रोकना आवश्यक है। अगर गेंद हाथ से पकड़ ली जाए तो उसे तुरन्त छोड़ देना चाहिए।
गेंद रोकते समय खिलाड़ी स्टिक को इस तरह ढीला पकड़े कि उसका बायां हाथ हैंडल पर ऊपर रहे और स्टिक के ठीक बीचों-बीच उसका दायां हाथ गेंद को इधर-उधर लुढ़कने से बचाने के लिए, उसके गेंद से टकराने से पहले ही हाथों को थोड़ा ढीला छोड़ देना चाहिए। आड़ी स्टिक से गेंद अच्छी तरह रोकी जाती है।
जब कोई विपक्षी फारवर्ड खिलाड़ी गेंद के पीछे भाग रहा हो, तब गेंद रोकने का सबसे आसान और सुरक्षित तरीका यह है कि खिलाड़ी अपने शरीर और स्टिक को गेंद के समानान्तर ले आए। अगर उसके पास समय और गुंजाइश हो तो अपनी दाईं ओर गेंद रोकने का प्रयत्न करना चाहिए। इस प्रकार वह गेंद को आसानी से हिट कर सकेगा।
गेंद रोकने और हिट करने का अभ्यास
मान लीजिए कि दो खिलाड़ी ‘क’ और ‘ख’ एक-दूसरे से 20 गज़ के अन्तर पर खड़े हैं। मध्य रेखा उन दोनों के बीच का केन्द्र है। ‘क’ खिलाड़ी ‘ख’ खिलाड़ी की तरफ गेंद हिट करता है। ‘ख’ उसे रोक कर वापस ‘क’ को लौटा देता है-दोनों का उद्देश्य एकदूसरे पर गोल ठोकना है। अगर गेंद विपक्षी खिलाड़ी की गोल रेखा को पार कर जाती है, तो गोल माना जाता है। अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए खिलाड़ी को ठीक से गेंद रोकने और तुरन्त वापस हिट कर देनी होती है। अगर खिलाड़ी के पास कमज़ोर हिट आती है, तो वह विपक्षी खिलाड़ी के क्षेत्र में घुस कर बच रहे दस गज़ के दौरान में एक फुर्तीली हिट लगा कर उसे ग़लत स्थिति में पकड़ने का प्रयत्न करेगा।
नियम—
- अगर खिलाड़ी गेंद को साइड लाइन या उसके समानान्तर खिंची दस गज़ की रेखा के पार हिट कर देता है, तो प्रतिपक्षी खिलाड़ी गेंद के रेखा पार करने की जगह पर कहीं से भी हिट ले सकता है।
- अगर कोई खिलाड़ी गेंद रोकने के प्रयत्न में गेंद को रेखा के पार लुढ़का देता है, तो प्रतिपक्षी खिलाड़ी उस स्थान से हिट ले सकता है, जहां से गेंद लुढ़की थी।
इस अभ्यास का उद्देश्य खिलाड़ी की गेंद रोकने और हिट करने की कला को सुधारना है। अतः इस अभ्यास से सर्वोत्तम लाभ उठाने के लिए खिलाड़ियों को विपक्षी खिलाड़ियों के क्षेत्र में फुर्ती से घुसपैठ करने और तुरन्त वापसी के अवसरों की तलाश में रहना चाहिए।
दौड़ते हुए गेंद रोकने का अभ्यास
यह अभ्यास गोल लाइन की अपेक्षा साइड लाइन की दिशा में 25 गज़ के क्षेत्र के अन्दर रह कर ही करना चाहिए। दोनों ही खिलाड़ियों को एक-दूसरे को ग़लत स्थिति में पकड़ने के लिए गेंद को प्रतिपक्षी खिलाड़ी के दाएं या बाएं कुछ दूरी से गुजरती हुई हिट मारनी चाहिए। पहुंच से बाहर जा रही गेंद को बाएं और दाएं हाथ के लंज से कैसे रोका जाएखिलाड़ी के सीखने की यह मुख्य बात है।
PSEB 10th Class Physical Education Practical हॉकी (Hockey)
प्रश्न 1.
हॉकी का खेल किस प्रकार शरू होता है ?
उत्तर-
हॉकी का खेल सैंटर लाइन के निश्चित नियम से जब एक खिलाड़ी दूसरे अपने खिलाड़ी को पास दे दे तो खेल शुरू हो जाता है।
प्रश्न 2.
हॉकी की खेल में कुल कितने खिलाड़ी होते हैं ?
उत्तर-
हॉकी की खेल में 16 खिलाड़ी होते हैं जिनमें से 11 खिलाड़ी खेलते हैं और पांच अतिरिक्त होते हैं।
प्रश्न 3.
हॉकी की खेल में कितने खिलाड़ी बदले जा सकते हैं ?
उत्तर-
इसमें जितने चाहो खिलाड़ी बदले जा सकते हैं।
प्रश्न 4.
हॉकी की खेल में कुल कितना समय होता है और बराबर की परिस्थिति में और कितना समय दिया जाता है?
उत्तर-
हॉकी की खेल में 35-5-35 मिनट का समय होता है।
गोल्डन गोल रूल (Golden Goal Rule)-हॉकी के खेल में समय समाप्त होने पर यदि दोनों टीमें बराबर रह जाती हैं तो बराबर रहने की स्थिति में 7V2, 7V2 मिनट का खेल होगा। इस समय में जब भी गोल हो जाए तो वहीं पर खेल समाप्त हो जाता है और गोल करने वाली टीम विजयी घोषित की जाती है। इसके बाद यदि फिर गोल न हो तो दोनों टीमों को 5-5 पैनल्टी स्ट्रोक उस समय तक दिए जाते रहेंगे जब तक फैसला न हो जाए।
प्रश्न 5.
हॉकी के खेल के मैदान की लम्बाई-चौड़ाई बताओ।
उत्तर-
हॉकी के खेल के मैदान की लम्बाई 100 गज़ और चौड़ाई 60 गज़ होती है।
प्रश्न 6.
हॉकी की गेंद का वज़न और घेरा बताओ।
उत्तर-
हॉकी की गेंद का वज़न 512 औंस और घेरा 912 इंच होता है।
प्रश्न 7.
हॉकी की खेल में खिलाने वालों की गिनती का वर्णन करो।
उत्तर-
हॉकी की खेल में निम्नलिखित अधिकारी होते हैं—
- टेकनीकल आफिशल — 1
- अम्पायर — 2
- जज़ — 2
- रिजर्व अम्पायर — 1
प्रश्न 8.
हॉकी की खेल में खिलाड़ियों की स्थिति बताओ।
उत्तर-
हॉकी की खेल में 11 खिलाड़ी होते हैं—
- गोलकीपर
- राइट फुल बैक
- लैफ्ट फुल बैक
- राइट हाफ़ बैक
- सैंटर हाफ़ बैक
- लैफ्ट हाफ़ बैक
- राइट आऊट फारवर्ड
- राइट इन फ़ारवर्ड
- सैंटर फारवर्ड
- लैफ्ट इन फ़ारवर्ड
- लैफ्ट आऊट फारवर्ड।
प्रश्न 9.
गोल पोस्ट की लम्बाई और ऊंचाई बताओ।
उत्तर-
गोल पोस्ट 4 गज़ लम्बे और 7 फुट ऊंचे होते हैं।
प्रश्न 10.
गोल बोर्ड की लम्बाई और ऊंचाई कितनी होती है ?
उत्तर-
गोल बोर्ड 4 गज़ लम्बा और 18 इंच से अधिक ऊंचा नहीं होना चाहिए।
प्रश्न 11.
हॉकी का भार कितना होता है ?
उत्तर-
पुरुषों के लिए हॉकी का भार 28 औंस और स्त्रियों के लिए 23 औंस होता है।
प्रश्न 12.
हॉकी के खिलाडियों के लिए किस प्रकार की वर्दी होनी चाहिए ?
उत्तर-
हॉकी के खिलाडियों के लिए एक कमीज़, निक्कर, जुराबें और बूट होने चाहिएं। गोल कीपर के सामान में पैड, हाथ के दस्ताने आदि होने चाहिएं।
प्रश्न 13.
हॉकी में स्ट्राइकिंग घेरा क्या होता है ? ।
उत्तर-
प्रत्येक गोल के सामने एक सफ़ेद रेखा 4 गज़ लम्बी और तीन इंच चौड़ी होती है, जो गोल रेखा के समानान्तर और उससे 16 गज़ की दूरी पर होगी। यह तीन इंच रेखा की चौड़ाई के घेरे तक जाएगी जिसका केन्द्र गोल पोस्ट होगा। 16 गज़ की दूरी घेरे के बाहरी किनारों और गोल लाइनों के मध्य वाला स्थान जिसमें रेखाएं भी शामिल हैं, स्ट्राइकिंग घेरा कहा जाता है।
प्रश्न 14.
पैनल्टी की दूरी बताओ।
उत्तर-
पैनल्टी गोल पोस्ट की 8 गज की दूरी से लगाई जाती है।
प्रश्न 15.
हॉकी के खेल में क्या स्टिक होती है ?
उत्तर-
अब हॉकी के खेल में स्टिक नहीं होती। चाहे हॉकी कन्धे के ऊपर तक उठाई जाए तो भी फाऊल नहीं होता। शर्त यह है कि भयावह ढंग से स्टिक न ली गई हो।
प्रश्न 16.
क्या डी से बाहर भी पैनल्टी कार्नर दिया जा सकता है ?
उत्तर-
डी से बाहर पैनल्टी कार्नर दिया जा सकता है यदि आक्रामक को भयावह ढंग से रोका गया हो।
प्रश्न 17.
पैनल्टी स्ट्रोक कब दिया जाता है ?
उत्तर-
जब रक्षक टीम के खिलाड़ी जानबूझ कर गेंद को पकड़ लें या पांव के नीचे दबा लें तो पैनल्टी स्ट्रोक दिया जाता है।