PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पादप कोशिको की इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी संरचना का सचित्र वर्णन कीजिए-
उत्तर-
पादप कोशिको की इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी संरचना-
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा पादप कोशिका की संरचना निम्नलिखित अनुसार है। इस सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखे जाने पर कोशिका के तीन भाग प्रत्यक्ष दिखाई देते हैं तथा वे हैं

  1. कोशिका भित्ति
  2. कोशिका द्रव्य तथा
  3. केंद्रक।

I. कोशिका भित्ति (Cell wall) – यह कोशिका का बाह्य आवरण है। यह अजीवित पदार्थ सेल्यूलोज़ का बना होता है। यह कोशिका को आकार प्रदान करती है तथा जल के लिए पारगम्य (Permeable) होती है। यह कोशिका की सुरक्षा करती है तथा ऊतकों को दृढ़ और मज़बूत बनाती है।
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II. कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) – यह एक अर्ध तरल, जैलीनुमा जीवित पदार्थ है। यह स्वभाव में कोलायडी होता है। यह कोशिका में जैविक कार्य करता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, लिपिड, जल, न्यूक्लिक अम्ल तथा खनिज लवण पाए जाते हैं। इसमें निम्नलिखित पिंड या कोशिकांग (Cell organelles) पाए जाते हैं-

(i) लवक (Plastids) – पौधों की कोशिकाओं में तीन प्रकार के लवक पाए जाते हैं-
(क) हरित लवक (Chloroplast) – इनमें एक हरे रंग का पदार्थ क्लोरोफिल होता है जो प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोजन निर्माण में सहायता करता है।
(ख) वर्णी लवक (Chromoplast) – ये नीले, काले अथवा पीले रंग के होते हैं, परंतु इनका रंग हरा नहीं होता।
(ग) अवर्णी लवक (Leucoplast) – ये रंगहीन होते हैं तथा पौधे के प्रकाश से दूर वाले भागों में पाए जाते हैं। ये तने, शाखाओं तथा पत्तियों में हरे रंग के ही होते हैं।

(ii) रिक्तिकाएं (Vacuoles) – पौधों की कोशिकाओं में कोशिका द्रव्य में बड़ी रिक्तिकाएं पाई जाती हैं। इनमें कोशिका रस भरा होता है। ये कोशिका का लगभग 90% भाग घेरती है। यह कोशिका को दृढ़ता प्रदान करने में भी सहायक होती हैं।

(iii) माइटोकाँड्रिया (Mitochondria) – यह कोशिका के जीव द्रव्य में पाए जाने वाले दानेदार पदार्थों के छोटे समूह हैं। ये ऊर्जा का भंडारण करते हैं।

(iv) अंतर्द्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum) – यह एक तरल से भरी हुई अवकोशिका को घेरे हुए झिल्लीदार जाली है। यह दो प्रकार की है-खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका (अपनी सतह पर राइबोसोम जुड़े हुए) प्रोटीन संश्लेषण के लिए और चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका (बिना राइबोसोम के) लिपिड स्राव के लिए। राइबोसोम कोशिका द्रव्य में अलग से भी होते हैं। जालिका में संश्लेषित कुछ प्रोटीन व लिपिड नए कोशिकीय अंश (विशेषतया कोशिका झिल्ली) बनाने में प्रयुक्त होते हैं। कुछ अन्य, कोशिका के अंदर या जब कोशिका से बाहर स्रावित किए जाते हैं, एंजाइम व हार्मोन के रूप में कार्य करते हैं।

(v) राइबोसोम (Ribosomes) – लाल रक्ताणुओं तथा विकसित शुक्राणुओं के अतिरिक्त ये असीमकेंद्रक तथा ससीमकेंद्रक कोशिकाओं में पाए जाते हैं। प्रत्येक राइबोसोम के दो भाग होते हैं। एक छोटा सब-यूनिट तथा एक बड़ा सब-यूनिट होता है। राइबोसोम आर० एन० ए० (R.N.A.) तथा प्रोटीन के बने होते हैं। ये कोशिका के भीतर प्रोटीन का निर्माण करते हैं।

(vi) गॉल्जी उपकरण (Golgi Apparatus) – यह एक चिकने, चपटे, नलिकाकार उपक्रम समूह से बना है। ये प्रायः समानांतर पंक्तियों में एक ढेर में होते हैं। गॉल्जी उपकरण कोशिका का स्त्रावी अंगक है। यह कोशिका में संश्लेषित पदार्थों के पैकेज बनाकर कोशिका के अंदर (प्लाज्मा झिल्ली व लाइसोसोम) व बाहर के लक्ष्यों को भेजता है। गॉल्जी सम्मिश्रण लाइसोसोम और परॉक्सिम को बनाने में भी शामिल हैं। गॉल्जी उपकरण पौधों में जब छोटी इकाइयों में होते हैं, तो जालीकाय (डिक्टियोसो’:) कहलाते हैं।

III. केंद्रक (Nucleus) – यह एक प्रमुख गोलाकार या अंडाकार संरचना है जो प्रायः कोशिका के केंद्र के निकट स्थित होता है। यह सभी कोशिकीय गतिविधियों का नियंत्रण केंद्र है। यह एक द्विपरती झिल्ली, केंद्रीय झिल्ली से घिरा होता है जो इसे कोशिका द्रव्य से अलग करती है। केंद्रकीय झिल्ली में कुछ छिद्र होते हैं। केंद्रक के मुख्य अवयव हैं (क) क्रोमेटिन पदार्थ जो एक धागेनुमा संरचना के रूप में है, और (ख) केंद्रक जिसमें अधिकतर आर० एन० ए० होता है। आर० एन० ए० कोशिका द्रव्य में प्रोटीन बनाने में सहायता करता है। क्रोमेटिन पदार्थ, मुख्यतया डी० एन० ए० से बना होता है। यह आनुवंशिक सूचनाओं को संचित करने व एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में प्रेषित करने के लिए उत्तरदायी है। कोशिका विभाजन के साथ यह सघन छड़नुमा पिंडों-गुणसूत्रों (Chromosomes) में संघनित हो जाते हैं। गुणसूत्रों में जीन होते हैं जो डी० एन० ए० के खंड हैं। एक जीन गुणसूत्र की कार्यात्मक इकाई है। केंद्रक कोशिका की सभी क्रियाओं को नियंत्रित करता है।

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प्रश्न 2.
कोशिका के केंद्रक की संरचना और कार्य का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
कोशिका के मध्य में विद्यमान गोलाकार या अंडाकार संरचना को केंद्रक कहते हैं। इसकी सर्वप्रथम खोज रॉबर्ट ब्राउन ने की थी। प्रायः एक कोशिका में एक केंद्रक होता है। केंद्रक में निम्नलिखित प्रमुख भाग होते हैं-
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1. केंद्रक झिल्ली – केंद्रक के चारों ओर दोहरे परत का एक आवरण होता है जिसे केंद्रक झिल्ली कहते हैं। इसमें छोटे-छोटे अनेक छिद्र होते हैं जिनके द्वारा केंद्रक के भीतर का केंद्रक द्रव्य बाहर जा सकता है। असीम केंद्र की कोशिकाओं में केंद्रक झिल्ली नहीं होती।

2. केंद्रक द्रव्य – केंद्रक झिल्ली से घिरे पदार्थ को केंद्रक द्रव्य कहते हैं। यह पारदर्शी, कोलॉइजी तरल होता है जो न्यूक्लियो प्रोटीन से बना होता है। इस में राइबोसोम्ज, खनिज लवण, एंजाइम, आर० एन० ए०, क्रोमेटिन धागे तथा केंद्रिक पाए जाते हैं।

3. क्रोमैटिन पदार्थ – क्रोमैटिन पदार्थ धागे के समान बारीक रचनाओं का जाल होता है। जब कभी कोशिका का विभाजन होने वाला होता है तो वह क्रोमोसोम में संगठित हो जाता है। क्रोमोसोम (गुणसूत्र) में आनुवंशिक गुण होते हैं जो माता-पिता से DNA (डिऑक्सी राइबो-न्यूक्लिक अम्ल) अणु रूप में अगली पीढ़ी में जाते हैं। डी० एन० ए० तथा प्रोटीन से गुणसूत्र बनते हैं और इनमें कोशिका के निर्माण और संगठन की सभी विशेषताएँ उपलब्ध होती हैं। डी० एन० ए० के क्रियात्मक खंड को जीन कहते हैं। जिस कोशिका का विभाजन नहीं हो रहा होता उसमें डी० एन० ए० क्रोमैटिन के रूप में रहता है। विभिन्न जीवधारियों में क्रोमोसोम की संख्या अलग-अलग होती है पर एक ही जाति के सभी प्राणियों में इनकी संख्या एक समान होती है। क्रोमोसोम की संरचना में बदलाव होने से जीव-जंतुओं में विभिन्नताएं उत्पन्न हो जाती हैं। केंद्रक में आर० एन० ए० रिबोन्यूक्लिक अम्ल है जो केंद्रिका में प्रोटीन संश्लेषण में सहायक होता है।

4. केंद्रिक – कोशिका के केंद्रक में एक या दो केंद्रिका होती हैं। इस में प्रोटीन, आर० एन० ए० तथा डी० एन० ए० होते हैं। असीम केंद्रकी कोशिकाओं में केंद्रिक नहीं होता। बैक्टीरिया जैसे कुछ जीवों में कोशिका का केंद्रकीय क्षेत्र बहुत कम स्पष्ट होता है क्योंकि इसमें केंद्रक झिल्ली की अनुपस्थिति रहती है।

केंद्रिक के कार्य

  1. यह आनुवंशिक लक्षणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक स्थानांतरण का आधार है।
  2. यह कोशिका विभाजन के लिए जिम्मेदार होता है।
  3. यह कोशिका की सभी उपापचय क्रियाओं पर नियंत्रण रखता है।
  4. यह शरीर की वृद्धि के लिए उत्तरदायी होता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त नोट लिखो
(i) क्लोरोप्लास्ट
(ii) अंतःद्रव्यी जालिका
(iii) गॉल्जीकाय।
उत्तर-
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(i) क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast) – ये कोशिका द्रव्य में हरे पौधों की समस्त कोशिकाओं में पाये जाते हैं। इनकी संख्या एक से सौ तक हो | राइबोसोम
ग्रैनम सकती है। ये प्रायः तश्तरीनुमा अथवा कुछ पौधों की कोशिकाओं में गोलाकार हो सकते हैं। स्पाइरोगायरा के क्लोरोप्लास्ट फीते या रिबन के समान होते हैं, परंतु क्लेमाइडोमोनास के हरितकवक प्यालेनुमा होते हैं। हरित लवक के चारों ओर दोहरी पर्त वाली इकाई की बनी दो झिल्लियां होती हैं। ग्रेनम लैमिली द्वारा जुड़े होते हैं। थैलेनुमा थाइलेकोइडस स्ट्रोमा में एक के ऊपर एक चट्टे के समान स्थित होते हैं। इसमें आनुवंशिक पदार्थ भी होता है।

क्लोरोप्लास्ट के कार्य-

  1. ये प्रकाश-संश्लेषण का कार्य करते हैं और CO2, H2O से सूर्य की विकिरण ऊर्जा की उपस्थिति में भोजन तैयार करते हैं।
  2. प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में ऑक्सीजन मुक्त होती है।
  3. ये कार्बन डाइऑक्साइड का स्थिरीकरण करते हैं। अतः ये कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके वायु में कार्बन डाइऑक्साइड की सामान्य सांद्रता का स्थिरीकरण करते हैं।
  4. हरित लवक, वर्णी लवकों में परिवर्तित हो जाते हैं-उदाहरण फलों के छिलके।

(ii) अंतःद्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum) – यह कोशिका के कोशिका द्रव्य में झिल्लियों का जाल होता है। यह दो प्रकार का होता है। चिकनी अंत: द्रव्यी जालिका तथा रूक्ष अंतः द्रव्यी जालिका। राइबोसोम्स रूक्ष अंतः द्रव्यी जालिका से जुड़े होते हैं। चिकनी अंत: प्रद्रव्यी जालिका पर कोई राइबोसोम नहीं होता, ये कलाविहीन कोशिकांग होते हैं। यह कोशिका के अंदर विभिन्न पदार्थों का भंडारण करते हैं।
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(iii) गॉल्जीकाय (Golgi Body) – इन्हें गॉल्जी काम्पलैक्स या गॉल्जी उपकरण कहते हैं। ये पोलीसेकेहेराइडस, लिपिड्स तथा अन्य पदार्थों के श्रावण तथा उन्हें कोशिका से बाहर निकालने में लगी होती हैं। पौधों में ड्रिक्टियोसोम्स कोशिका भित्ति संश्लेषण में शामिल होती हैं। गॉल्जी काय पुटिकाओं, थैलियों तथा नलिकाओं की बनी होती हैं। ये थैली या थैले के समान होती हैं तथा एक के ऊपर एक चट्टेनुमा रखी होती हैं।
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प्रश्न 4.
माइटोकाँड्रिया का सचित्र वर्णन करो। इन्हें कोशिका का ऊर्जा घर क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
माइटोकॉड्रिया (Mitochondria) – ये बहुत ही सूक्ष्म कोशिकांग हैं जो कोशिका में अधिक संख्या में पाए जाते हैं। इनका आकार 0.5 से 2 माइक्रॉन तक होता है। अमीबा की कुछ जातियों में इनकी संख्या 5,00,000 तक होती है। ये केवल इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा ही देखे जा सकते हैं। ये छड़ आकार, धागानुमा अथवा गोलाकार रचनाएं होती हैं। प्रत्येक माइटोकाँड्रिया के चारों ओर लाइपो प्रोटीन की एक दोहरी झिल्ली होती है। इसकी भीतरी परत अंदर की ओर धंसकर कई प्रकार के उभार बनाती है जिन्हें क्रिस्टी कहते हैं। माइटोकाँड्रिया के भीतरी द्रव को मैट्रिक्स (Matrix) कहते हैं। माइटोकॉड्रिया द्रव से भारी होते हैं। माइटोकॉड्रिया में डी० एन० ए० (DNA) भी पाया जाता है।
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माइटोकॉड़िया ऊर्जा घर के रूप में – इनमें काफ़ी मात्रा में एंजाइम होते हैं। माइटोकांड्रिया को कोशिका में भोजन पदार्थों के ऑक्सीकरण का स्थान माना गया है। इसके श्वसन के द्वारा काफ़ी मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है। इसी कारण से माइटोकॉड्रिया को कोशिको का ऊर्जा घर कहा जाता है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
कोशिका क्या है ? कोशिका के मुख्य कार्य बताओ।
उत्तर-
कोशिका – कोशिका जीव की संरचना तथा कार्य की एक इकाई है। इसमें जीवन देने वाला पदार्थ जीव द्रव्य पाया जाता है। यह पदार्थ प्लाज्मा झिल्ली अथवा कोशिका झिल्ली से घिरा होता है।

कोशिका के मुख्य कार्य-

  1. यह पाचन में सहायता करती है।
  2. यह ऊर्जा उत्पन्न करने में सहायक है।
  3. यह पदार्थों के स्त्रावण में सहायता करती है।
  4. यह आवश्यक पदार्थों के संश्लेषण में सहायता करती है।

प्रश्न 2.
ससीमकेंद्री (Eukaryotic cell) कोशिका किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ससीमकेंद्री कोशिका – ऐसी कोशिका जिसमें केंद्रक स्पष्ट रूप से पाया जाता है जो केंद्रक कला द्वारा घिरा होता है उसे ससीमकेंद्री कोशिका कहते हैं। इसमें कोशिका द्रव्य तथा केंद्रक स्पष्ट होते हैं।
उदाहरण – जंतु तथा पादप कोशिका।

प्रश्न 3.
असीमकेंद्री कोशिका क्या है ?
उत्तर-
असीमकेंद्री कोशिका – इस कोशिका में केंद्रक स्पष्ट रूप में नहीं होता। इसे न्यूक्लीओइड (Nucleoid) कहते हैं। इसमें केंद्रक कला अनुपस्थित होती है।

उदाहरण – जीवाणु (Bacteria) कोशिका तथा नील-हरित शैवाल की कोशिकाएं (Cells of blue-green algae)

प्रश्न 4.
एककोशिकीय जीव तथा बहुकोशिकीय जीव का उदाहरण देकर व्याख्या करो।
उत्तर-
एककोशिकीय जीव तथा बहुकोशिकीय जीव की उदाहरण सहित व्याख्या-

जीव का प्रकार व्याख्या एवं उदाहरण
I. एककोशिकीय जीव (i) इनका शरीर एक कोशिका का बना होता है।

(ii) इसकी सभी जैविक क्रियाएं (भौतिक और रासायनिक) जैसे श्वसन तथा पोषण आदि एक कोशिका द्वारा होती हैं।

(iii) इसमें अमीबा (प्रोटोजोआ) बैक्टीरिया तथा क्लेमाइडोमोनास आदि आते हैं।

II. बहुकोशिकीय जीव (i) इनका शरीर लाखों कोशिकाओं का बना होता है।

(ii) इन जीवों के शरीर के विभिन्न भाग वही क्रियाएं करते हैं, जिनके वह अनुकूलित होते हैं।

(iii) इसमें कवक, पौधे, जंतु, हवेल, बरगद का वृक्ष, हाथी, मनुष्य तथा मेंढक आदि आते हैं।

प्रश्न 5.
कोशिका में पाए जाने वाले अजीवित पदार्थ कौन-से हैं ?
उत्तर-
कोशिका में पाए जाने वाले अजीवित पदार्थ – कुछ रासायनिक तथा उत्सर्जी पदार्थ कोशिका में पाए जाते हैं। ये पदार्थ स्टॉर्च के कण, शर्करा, वसा, प्रोटीन, खनिज तथा एलकेलाइडस होते हैं।

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प्रश्न 6.
कोशिका झिल्ली और कोशिकी भित्ति में क्या अंतर है ? प्रत्येक के कार्य बताइए।
उत्तर-
कोशिका झिल्ली तथा कोशिका भित्ति में अंतर-

कोशिका झिल्ली (Plasma membrane) कोशिका भित्ति (Cell wall)
(1) यह सभी कोशिकाओं के जीव द्रव्य के चारों ओर पाई जाती है। (1) यह पौधों, जीवाणुओं, हरी नीली काई की कोशिकाओं की कोशिका कला के चारों ओर पाई जाती है।
(2) यह प्रोटीन की बनी हुई होती है। (2) यह सैल्यूलोज़ की बनी हुई होती है।
(3) यह स्वभाव में महीन व लचीली होती है। (3) यह मोटी तथा सख्त होती है।

प्रश्न 7.
कोशिका में विद्यमान दोनों न्यूक्लिक एसिड के नाम बताइए। वे क्या कार्य करते हैं ?
उत्तर-
कोशिकाओं में पाए जाने वाले दो न्यूक्लिक एसिड हैं-
(1) डी० एन० ए० (डीऑक्सी राइबोन्यूक्लिक एसिड) (DNA)
(2) आर० एन० ए० (राइबोन्यूक्लिक एसिड) (RNA)।

1. डीऑक्सी राइबोन्यूक्लिक एसिड के कार्य – इसमें जीन्स होती है। यह आनुवंशिक सूचनाओं को एकत्रित करता है तथा इन्हें अगली पीढ़ी में वंशागत करता है। यह एक प्रकार का आनुवंशिक पदार्थ है। यह यूकैरियोटिक कोशिकाओं के केंद्रक में पाया जाता है।

2. राइबोन्यूक्लिक एसिड के कार्य – यह कई प्रकार के विषाणुओं (viruses) में आनुवंशिक पदार्थ होता है। यह कोशिका द्रव्य में प्रोटीन संश्लेषण का कार्य करने में सहायक होता है।

प्रश्न 8.
जीन क्या है ? इसके कार्य के बारे में लिखिए।
उत्तर-
जीन तथा उसके कार्य – यह डी० एन० ए० का खंड होता है। यह क्रोमोसोम पर एक के ऊपर एक क्रम में स्थित होती है। जीन आनुवंशिक गुणों के निर्धारण की इकाई है। आमतौर पर एक लक्षण जीन के एक जोड़े से नियंत्रित होता है, जो होमोलोगस क्रोमोसोम पर एक विशिष्ट स्थान पर होते हैं। ऐसे जीनों को एलील कहते हैं।

जीन के कार्य-

  1. जीन सजीवों के लक्षणों के लिए उत्तरदायी है।
  2. जीन सजीवों की लंबाई एवं शक्ल निर्धारित करते हैं।
  3. जीनज वर्णकों की उत्पत्ति में ही सहायक हैं।

प्रश्न 9.
कौन-सा कोशिकांग ‘पाचक थैली’ कहलाता है और क्यों ?
उत्तर-
लाइसोसोम को प्रायः ‘पाचक थैली’ कहते हैं। ये सभी कोशिकाओं में पाए जाते हैं। ये थैलीनुमा रचनाएं एक हरी झिल्ली द्वारा घिरी होती हैं। इन थैलीनुमा रचनाओं में अनेक पाचक विकर होते हैं। इन्हें पाचक थैलियां (Digestive bags) भी कहते हैं। ये विकर लाइसोसोमस से युक्त होकर अनेक कोशिका द्रव्यी रचनाओं को नष्ट कर देते हैं। लाइसोसोम भोजन के कणों, अन्य बाह्य कार्यों, कोशिका के पुराने कटे-फटे कोशिकांगों के पाचन में सहायता करते हैं। इसमें प्रायः पुरानी कोशिकाओं की मृत्यु हो जाती है। अतः इन्हें कोशिका की ‘पाचक थैलियां’ कहा जाता है अथवा आत्मघाती थैलियां भी कहते हैं।

प्रश्न 10.
कौन-से कोशिकांग कोशिका के ऊर्जा संयंत्र हैं ? संक्षेप में इनके कार्य बताइए।
उत्तर-
माइटोकांड्रिया को कोशिका के ऊर्जा संयंत्र कहते हैं।
माइटोकांडिया के कार्य – इसमें कोशिका के भोज्य पदार्थों का ऑक्सीकरण होता है। इसके श्वसन के फलस्वरूप ऊर्जा मुक्त होती है। ये ऊर्जा को एडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट के रूप में संचित करते हैं।

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प्रश्न 11.
पौधों में रिक्तिकाओं के कार्य बताओ।
उत्तर-
पौधों में रिक्तिकाओं के कार्य – पौधों की कोशिकाओं में रिक्तिकाएं कोशिका द्रव्य में पाई जाती हैं। इनमें कोशिका रस भरा होता है। पौधों की कोशिकाओं का लगभग 90% भाग रिक्तिकाओं द्वारा घिरा होता है। जंतु कोशिकाओं में रिक्तिकाएं छोटी होती हैं। यह पौधों की स्फीति (turgidity) तथा दृढ़ता प्रदान करती हैं।

प्रश्न 12.
राइबोसोम तथा तारककाय में अंतर बताइए।
उत्तर-
राइबोसोम (Ribosome) तथा तारककाय (Centrosome) में अंतर-

राइबोसोम (Ribosome) तारककाय (Centrosome)
(1) ये सूक्ष्म दानेदार, गोल संरचनाएं हैं। (1) यह एक सूक्ष्म पारदर्शक काय है।
(2) ये जीव-द्रव्य में स्वतंत्र अवस्था में तथा अंत:द्रव्यी जालिका से जुड़े रहते हैं। (2) यह केवल जंतु कोशिकाओं में केंद्रक की केंद्रक झिल्ली के समीप स्थित होता है।
(3) राइबोसोम में RNA तथा प्रोटीन होते हैं। (3) इसकी रचना में बिंदु के समान दो सूक्ष्म रचनाएं होती हैं जिनसे एस्टर किरणें निकलती हैं।
(4) राइबोसोम प्रोटीन निर्माण के स्थल होते हैं। (4) यह जंतु कोशिका के विभाजन में सहायक होता है।

प्रश्न 13.
राइबोसोम किस पदार्थ के बने होते हैं ? कोशिका में इनका क्या कार्य है और प्रोकैरियोटिक कोशिका में यह कहाँ होते हैं ?
उत्तर-
राइबोसोम RNA प्रोटीन का बना होता है। यह कोशिका में उपस्थित अंतर्द्रव्यी जालिका के धागों पर स्थित होता है। यह प्रोकैरियोटिक कोशिका के कोशिका द्रव्य में स्वतंत्र रूप से उपस्थित होता है। इनका मुख्य कार्य प्रोटीन संश्लेषित करना है।

प्रश्न 14.
गॉल्जीकाय द्वारा स्रावित पदार्थ कहाँ एकत्रित होता है ? पौधों में गॉल्जीकाय को क्या नाम दिया गया है ?
उत्तर-
गॉल्जीकाय द्वारा रिसा पदार्थ रसधानियों में एकत्रित होता है। पौधों में गॉल्जीकाय का नाम डिक्टियोसोम (Dictyosome) है। यह कोशिका भित्ति बनाने में काम आते हैं।

प्रश्न 15.
हम माइटोकॉड्रिया को कोशिका का ऊर्जागृह क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
माइटोकाँडिया में ऑक्सीकारक एंजाइम होते हैं जो भोजन के कार्बोहाइड्रेट्स ऑक्सीकरण द्वारा ऊर्जा उत्पादन के लिए उत्तरदायी हैं । यह उत्पादित ऊर्जा कोशिका द्वारा प्रयोग की जाती है। इसलिए इसे कोशिका का ऊर्जागृह कहते हैं।

प्रश्न 16.
निम्नलिखित शब्दों की परिभाषा दीजिएजीव द्रव्य, कोशिका द्रव्य, केंद्रक द्रव्य।
उत्तर-
जीव द्रव्य (Protoplasm) – यह जीवन का आधार है तथा कोशिका कला के अंदर पाया जाता है। इसमें कोशिका द्रव्य तथा केंद्रक द्रव्य दोनों आते हैं।

कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) – यह कोशिका कला तथा केंद्रक के मध्य पाया जाता है। यह एक गाढ़ा, पारदर्शक, जैली के समान पदार्थ है। इसमें विभिन्न प्रकार के कोशिकांग होते हैं।

केंद्रक द्रव्य (Nucleosplasm) – यह कोशिका के केंद्रक में पाया जाता है।

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प्रश्न 17.
पक्ष्माभ तथा कशाभ में अंतर बताइए।
उत्तर-
पक्ष्माभ तथा कशाभ में अंतर-

पक्ष्माभ (Cilia) कशाभ (Flagella)
(1) एक कोशिका में पक्ष्माभ की संख्या 1400 तक होती है। (1) प्रत्येक कोशिका में कशाभ की संख्या एक अथवा दो होती है।
(2) इनकी लंबाई 5-10μ होती है। (2) इनकी लंबाई 100-150μ तक होती है।
(3) पक्ष्माभ कोशिका की सारी सतह पर होते हैं। (3) यह कोशिका के एक सिरे पर होते हैं।
(4) इसमें घुमावदार गति (Sweeping movement) प्रदर्शित होती है। (4) इसमें लहरदार गति (Undulating movement) प्रदर्शित होती है।
(5) ये सूक्ष्म कोशिकीय विस्तार हैं। (5) ये लंबे कोशिकीय विस्तार हैं।

प्रश्न 18.
ग्रेना तथा स्ट्रोमा में अंतर बताइए।
उत्तर-
ग्रेना (Grana) तथा स्ट्रोमा (Stroma) में अंतर-

ग्रेना (Grana) स्ट्रोमा (Stroma)
(1) यह चपटी थैलियों जैसी संरचना होती है जो एक-दूसरे के ऊपर सिक्कों के रूप में पड़ी होती हैं। ये एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं। (1) यह क्लोरोप्लास्ट का आधात्री पदार्थ है जिसमें ग्रेना तथा पटलिकाओं जैसी रचनाएं होती हैं।
(2) इसमें प्रकाश संश्लेषणीय वर्णक होते हैं। ये क्लोरोप्लास्ट की इकाई होते हैं। (2) इनमें वर्णक द्रव्य नहीं होते।
(3) ये लाइपो-प्रोटीन पदार्थ के बने होते हैं। (3) ये जलीय प्रोटीन पदार्थ के बने होते हैं।

प्रश्न 19.
कोशिका भित्ति के मुख्य कार्य बताओ।
उत्तर-
कोशिका भित्ति के कार्य-

  1. यह कोशिका की सुरक्षा करती है।
  2. यह कोशिका को निश्चित आकृति प्रदान करती है।
  3. यह पारगम्य होती है। इस द्वारा खनिज घोल कोशिका में प्रवेश पाते हैं।
  4. ये समीपवर्ती कोशिकाओं को बाँधे रखती है।
  5. यह पादप कोशिका के भीतर स्फीति (turgidity) बनाये रखती है।

प्रश्न 20.
प्लाज्मा झिल्ली के मुख्य कार्य बताओ।
उत्तर-
प्लाज्मा झिल्ली के कार्य-

  1. यह कोशिकाओं को आकृति प्रदान करती है।
  2. यह अंदर की कोशिकांगों की सुरक्षा करती है।
  3. यह कोशिकाओं के भीतर के सभी पदार्थों को घेरे रखती है।
  4. यह विभिन्न पदार्थों को एक अंश का कोशिका के अंदर तथा बाहर जाने देती है क्योंकि यह अर्ध-पारगम्य है।

प्रश्न 21.
आप प्याज़ की झिल्ली की कोशिकाएँ किस प्रकार दर्शाएं ?
उत्तर-
प्याज़ के छोटे-से टुकड़े की अवतल सतह से चिमटी की सहायता से झिल्ली उतारो और पानी वाले वांच ग्लास में रखो ताकि झिल्ली मुड़ने और सूखने से बची रहे। काँच की एक स्लाइड लो और उस पर पानी की एक बूंद डालो। इस पर झिल्ली के एक टुकड़े को बिल्कुल सीधी रखो। इस पर एक बूंद आयोडीन डालो और इसे कवर स्लिप से ढक दो। कवर स्लिप में वायु के बुलबुले नहीं होने चाहिए। इसे संयुक्त सूक्ष्मदर्शी से देखो।
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प्रश्न 22.
मानव शरीर की विभिन्न कोशिकाओं के चित्र बनाओ।
उत्तर-
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प्रश्न 23.
कोशिका भित्ति की उपयोगिता लिखिए।
उत्तर-
पौधों, कवक तथा बैक्टीरिया की कोशिकाओं को कोशिका भित्ति अपेक्षाकृत कम तनु विलयन में बिना फटे बचा कर सुरक्षित रखती है। ऐसे माध्यम से कोशिका परासरण विधि से पानी ग्रहण कर लेती है और कोशिका फूल जाती है तथा कोशिका भित्ति पर दबाव डालती है। कोशिका भित्ति भी फूली हुई कोशिका के प्रति समान रूप से दबाव डालती है। कोशिका भित्ति के कारण पादप कोशिकाएँ परिवर्तनीय माध्यम को जंतु कोशिका की अपेक्षा अधिक सरलता से सहन कर सकती हैं ।

प्रश्न 24.
केंद्रक की संरचना का चित्र बनाओ जैसा कि इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में दिखाई देता है।
उत्तर-
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदशी में केंद्रक की संरचना-
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प्रश्न 25.
केंद्रक के प्रमुख कार्य लिखिए।
उत्तर-

  1. केंद्रक कोशिका की क्रियाशीलता को बनाए रखने का कार्य करता है।
  2. कोशिका के सभी प्रमुख क्रियाकलापों पर यही नियंत्रण बनाए रखता है।
  3. केंद्रक कोशिका विभाजन में सहायक होता है।
  4. केंद्रक जनन क्रिया में सहयोग देता है।

प्रश्न 26.
बहुकोशिकीयता के क्या लाभ होते हैं ?
उत्तर-
बहुकोशिकीयता (Multicellularity) के कारण निम्नलिखित लाभ होते हैं-

  1. इसके कारण उच्च वर्ग के जीवों में श्रम विभाजन का कार्य संपन्न होता है।
  2. कोशिकाएं विभेदन के कारण विशिष्ट रूप धारण कर विशेष कार्यों को कराती हैं।
  3. कोशिकाएं एक-दूसरे के सहयोग से कार्य कराती हैं।
  4. प्राणियों में विकास और वृद्धि इसी कारण होती है।

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प्रश्न 27.
कोशिका में रसधानियां क्या होती हैं ? इनके कार्य लिखिए।
उत्तर-
रसधानियां वे संग्राहक थैलियां होती हैं जिनमें ठोस और तरल पदार्थों का संग्रह होता है।

इनके निम्नलिखित कार्य होते हैं-

  1. पदार्थों के लिए आवश्यक प्रोटीन, कार्बनिक अम्ल, शर्करा, अमीनो अम्ल आदि इनमें विद्यमान होते हैं।
  2. रसधानियों में भरा कोशिका द्रव्य कोशिकाओं को स्फीति और कठोरता प्रदान करता है।
  3. ये जल और अपशिष्ट पदार्थों के एक कोशी जीवों के शरीर से बाहर निकालती है।
  4. अमीबा रसधानी से ही अपने प्रयोग के लिए खाद्य प्राप्त करता है। पादप कोशिकाओं में रसधानियों का आधार बड़ा होता है जबकि जंतु कोशिकाओं में इनका आधार छोटा होता है।

प्रश्न 28.
एक कोशिका के संगठन का वर्णन करो।
उत्तर-
कोशिका का संगठन-

क्रम संख्या कोशिका के भाग व्याख्या
(1) कोशिका झिल्ली यह कोशिकाओं की बाहरी दीवार बनाती है।
(2) जीव द्रव्य यह कोशिकाओं में जीवन देने वाला पदार्थ है।

प्रश्न 29.
माइटोकांड्रिया और लाइसोसोम में रचना और कार्य का अंतर चित्र सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
माइटोकांड्रिया और लाइसोसोम में अंतर-

माइटोकांड्रिया (Mitochondria) लाइसोसोम (Lysosomes)
(1) माइटोकांड्रिया छड़ आकार के अंगक हैं कोशिका द्रव्य में होते हैं। (1) लाइसोसोम कोशिका-द्रव्य में सूक्ष्म गोलाकार अंगक है। कोशिका द्रव्य में होते हैं।
(2) यह दोहरी झिल्ली से घिरा होता है। (2) यह इकहरी झिल्ली से घिरा होता है।
(3) माइटोकांड्रिया की भीतरी भित्ति उंगली जैसी रचनाओं में फैली होती है जिन्हें क्रिस्टी (Cristae) कहते हैं। (3) इसमें क्रिस्टी नहीं होते।
(4) इनमें श्वसन एंजाइम होते हैं। (4) इनमें हाइड्रोलिटिक एंजाइम होते हैं जो पाचन का कार्य करते हैं।
(5) इन्हें कोशिका के ऊर्जा गृह भी कहते हैं।

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(5) इन्हें कोशिका की आत्महत्या की थैलियाँ भी कहते हैं।

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प्रश्न 30.
पादप कोशिका के विशिष्ट भाग/अंगक के कार्य बताइए।
उत्तर-
कोशिका भित्ति (Cell Wall) के कार्य-

  1. यह यांत्रिक शक्ति और सुरक्षा प्रदान करती है।
  2. यह कोशिका की स्फीत स्थिति बनाए रखती है।
  3. यह परासरण नियंत्रण के द्वारा कोशिका को फटने से बचाती है।
  4. यह पानी और खनिज पदार्थ के गति का मार्ग है।

क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast) – यह अंगक प्रकाश-संश्लेषण का स्थल है। इसमें कार्बन डाइऑक्साइड, पानी तथा प्रकाश की ऊर्जा की सहायता से कार्बोहाइड्रेट का निर्माण होता है।

बड़ी केंद्रीय रसधानी (Large Central Vacuole)-

  1. यह विभिन्न पदार्थों (अपशिष्ट पदार्थ भी) को संग्रहित करती है।
  2. यह कोशिका की परासरण क्रियाओं में भाग लेती है।
  3. कभी-कभी यह लाइसोसोम के समान भी कार्य करती है।

प्रश्न 31.
क्रोमोसोम किसे कहते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
कोशिका विभाजन के समय केंद्रक में धागे की तरह दिखाई देने वाली रचनाओं को क्रोमोसोम कहते हैं। प्रत्येक जीव में इनकी अलग-अलग संख्या होती है। आलू में 48, कुत्ते में 64 और मनुष्य में इनकी 46 (23 जोड़े) संख्या होती है। हर एक क्रोमोसोम में दो क्रोमेटिड होते हैं जिन पर जीन होते हैं और उन्हें ही आनुवंशिकता के लिए उत्तरदायी माना जाता है।

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प्रश्न 32.
जीवन की कार्यात्मक इकाई क्या है ? परिभाषित करिए।
उत्तर-
जीवन की कार्यात्मक इकाई कोशिका है।
कोशिका – यह जीव द्रव्य का एक छोटा-सा पिंड होता है जिसके द्वारा जीव की सभी क्रियाएं जैसे कि उपापचय, चेतनता, जनन, प्रचलन आदि संपन्न होती हैं।

प्रश्न 33.
कौन-सा कोशिकांग ‘आत्मधाती थैली’ कहलाता है ? और क्यों ?
उत्तर-
लाइसोसोम को प्रायः ‘आत्मधाती थैली’ कहते हैं। ये सभी कोशिकाओं में पाए जाते हैं । ये थैलीनुमा रचनाएं एक हरी झिल्ली द्वारा घिरी होती हैं। इन थैलीनुमा रचनाओं में अनेक पाचक विकर होते हैं। इन्हें आत्मधाती थैलियां भी कहते हैं । ये विकर लाइसोसोमस से युक्त होकर अनेक कोशिका द्रव्यी रचनाओं को नष्ट कर देते हैं। लाइसोसोम भोजन के कणों, अन्य बाह्य कार्यों, कोशिका के पुराने कटे-फटे कोशिकांगों के पाचन में सहायता करते हैं। इसमें प्राय: पुरानी कोशिकाओं की मृत्यु हो जाती है। अतः इन्हें कोशिका की ‘आत्मधाती थैलियां’ कहा जाता है।

प्रश्न 34.
कौन-से कोशिकांग कोशिका के ऊर्जा संयंत्र हैं ? संक्षेप में इनके कार्य बताइए।
उत्तर-
माइटोकांड्रिया को कोशिका के ऊर्जा संयंत्र कहते हैं।

माइटोकांड्रिया के कार्य – इसमें कोशिका के भोज्य पदार्थों का ऑक्सीकरण होता है। इसके श्वसन के फलस्वरूप ऊर्जा मुक्त होती है। ये ऊर्जा को एडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट के रूप में संचित करते हैं।

प्रश्न 35.
निम्नलिखित प्रत्येक कोशिका अवयव का मुख्य कार्य क्या है ?
(क) प्लैज्मा झिल्ली
(ख) सूत्र कणिका (माइटोकांडिया)
(ग) गुण-सूत्र
(घ) न्यूक्लिओलस (केंद्रिका)
(ङ) लाइसोसोम
(च) कोशिका भित्ति
(छ) राइबोसोम
(ज) क्लोरोप्लास्ट
(झ) गॉल्जी उपकरण
(अ) परॉक्सिसोम।
उत्त-

कोशिका अवयव (Organelle) कार्य (Role)
(क) प्लैज्मा झिल्ली पदार्थों के कोशिका के भीतर आने या बाहर जाने पर नियंत्रण रखना।
(ख) माइटोकांड्रिया कोशिका का ऊर्जा गृह कार्बोहाइड्रेट के विखंडन द्वारा ऊर्जा पैदा करना।
(ग) गुण-सूत्र (Chromosome) (i) ये डी० एन० ए० पर उपस्थित होते हैं जो आनुवंशिक लक्षणों के वाहक होते हैं।

(ii) यह कोशिका की क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।

(घ) (केंद्रिका) (Nucleolus) राइबोसोम के निर्माण तथा आनुवंशिक सूचनाएं ले जाने में मध्यस्थ का कार्य।
(ङ) लाइसोसोम अंतर कोशिकीय पाचन तंत्र का कार्य।
(च) कोशिका भित्ति कोशिका को यांत्रिक शक्ति तथा सुरक्षा प्रदान करना।
(घ) राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करना।
(ज) क्लोरोप्लास्ट प्रकाश संश्लेषण द्वारा खाद्य निर्माण करना
(झ) गॉल्जी उपकरण लाइसोसोमस तथा परऑक्सीसोमस का निर्माण।
(अ) परॉक्सिसोम ऑक्सीकरण अभिक्रियाएं करना।

प्रश्न 36.
हेप्लोइड तथा डिप्लोइड कोशिकाओं में अंतर बताओ।
चित्र-हेप्लोइड तथा डिप्लोइड कोशिकाओं में अंतर-

हेप्लोइड कोशिकाएं (Haploid Cells) डिप्लोइड कोशिकाएँ (Diploid Cells)
(1) कोशिकाएँ जिनमें क्रोमोसोम के जोड़े नहीं होते। (1) कोशिकाएं जिनमें क्रोमोसोम होमोलोगोस जोड़ों में होते हैं।
(2) बहुत-से जंतुओं और पौधों की जनन कोशिकाएं और युग्मक हेप्लोइड होती हैं। (2) बहुत-से उच्च श्रेणी के जंतुओं और पौधों की कायिक कोशिकाएं डिप्लोइड होती हैं।
(3) हेप्लोइड (N) डिप्लोइड (2N) संख्या का आधा होता है। (3) डिप्लोइड (2N) हेप्लाइड (N) संख्या का दुगुना होता है।

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अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
जीवन की कार्यात्मक इकाई क्या है ?
उत्तर-
कोशिका (Cell) जीवन की कार्यात्मक इकाई है।

प्रश्न 2.
कोशिका के तीन भागों के नाम लिखो।
उत्तर-
कोशिका भित्ति, कोशिका द्रव्य, केंद्रक।

प्रश्न 3. कोशिकांगों के नाम लिखें।
उत्तर-
अंतः प्रद्रव्यी जालिका, माइटोकाँड्रिया, राइबोसोम, गॉल्जीकॉय, क्लोरोप्लास्ट तथा लाइसोसोम, प्लास्टिड्ज आदि मुख्य कोशिकांग हैं।

प्रश्न 4.
कोशिका के उस अंग का नाम बताओ जो केवल पादप कोशिकाओं में होता है।
उत्तर-
लवक (Plastids)।

प्रश्न 5.
पौधों का हरा रंग किस पदार्थ के कारण होता है ?
उत्तर-
हरित लवक (Chlorophyll)।

प्रश्न 6.
केंद्रक की मुख्य रचना का नाम बताओ।
उत्तर-
गुण-सूत्र (Chromosome)।

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प्रश्न 7.
उन दो कोशिकांगों के नाम बताओ जो केवल पौधों में ही पाए जाते हैं।
उत्तर-

  1. कोशिका भित्ति तथा
  2. लवक।

प्रश्न 8.
एक ऐसे अंगक का नाम बताओ जो कोशिका में प्रोटीन संश्लेषण का कार्य करता है।
उत्तर-
राइबोसोम (Ribosome)।

प्रश्न 9.
हमारे शरीर की सबसे छोटी कोशिका का नाम बताओ।
उत्तर-
लिंफोसाइट (Lymphocyte)।

प्रश्न 10.
पौधे की सबसे लंबी कोशिका का नाम बताओ।
उत्तर-
दृढ़ कोशिका (Sclerenchyma)।

प्रश्न 11.
कोशिका के उस अंग का नाम बताओ जो श्वसन के लिए उत्तरदायी है।
उत्तर-
माइटोकाँड्रिया (Mitochondria)।

प्रश्न 12.
माइटोकॉड्रिया के अंदर मिलने वाले एंजाइम का नाम बताओ।
उत्तर-
श्वसन एंजाइम।

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प्रश्न 13.
कोशिका का माप कैसे प्रभावित होता है ?
उत्तर-
कोशिका का माप कोशिका के कार्य जो यह करता है से प्रभावित होता है। उदाहरण के तौर पर कुछ नाड़ी कोशिकाएं एक मीटर से भी लंबी हैं।

प्रश्न 14.
ससीम कोशिका का कौन-सा भाग द्रव्य का निर्माण करता है ?
उत्तर-
ससीम कोशिका का केंद्रक और कोशिका द्रव्य, जीव द्रव्य बनाते हैं।

प्रश्न 15.
कोशिका के किस अंग को आत्महत्या के थैले कहते हैं ?
उत्तर-
लाइसोसोमस को (Lysosomes)।

प्रश्न 16.
कोशिका का कौन-सा अंग प्रोटीन संश्लेषण के लिए उत्तरदायी है ?
उत्तर-
राइबोसोम (Ribosomes)।

प्रश्न 17.
डी० एन० ए० का पूरा नाम बताओ।
उत्तर-
डीऑक्सी राइबोज न्यूक्लिक एसिड।

प्रश्न 18.
आर० एन० ए० का पूरा नाम बताओ।
उत्तर-
राइबो न्यूक्लिक एसिड।

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प्रश्न 19.
राबर्ट हुक ने कार्क की पतली काट की संरचना कैसी पाई थी ?
उत्तर-
मधुमक्खी के छत्ते जैसी।

प्रश्न 20.
कार्क क्या है ?
उत्तर-
कार्क एक पदार्थ है जो वृक्ष की छाल से प्राप्त होता है।

प्रश्न 21.
राबर्ट हुक ने कार्क में प्रकोष्ठकों को कब और किसकी सहायता से देखा था ?
उत्तर-
राबर्ट हुक ने कार्क में प्रकोष्ठकों को सन् 1665 में स्वनिर्मित सूक्ष्मदर्शी से देखा था।

प्रश्न 22.
राबर्ट हुक ने प्रकोष्ठकों को कोशिका क्यों कहा था ?
उत्तर-
लेटिन भाषा में (Cellulae) (कोशिका) का अर्थ है-छोटा कमरा । इसीलिए राबर्ट हुक ने प्रकोष्ठकों को कोशिका कहा था।

प्रश्न 23.
एक कोशी जीव किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जिन जीवों में केवल एक कोशिका होती है उन्हें एक कोशी जीव कहते हैं।

प्रश्न 24.
एक कोशी जीवों के छः उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
अमीबा, पैरामीशियम, युग्लीना, एंटअमीबा, क्लैमिडोमोनास, बैक्टीरिया।

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प्रश्न 25.
बहकोशी जीव किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जिन जीवों में अनेक कोशिकाएं समाहित हो कर विभिन्न कार्यों को संपन्न करने हेतु विभिन्न अंगों का निर्माण करती हैं उन्हें बहुकोशी जीव कहते हैं।

प्रश्न 26.
बहुकोशी जीवों के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
कवक (Fungi), पादप, जंतु।

प्रश्न 27.
कोशिका का सबसे पहले पता किसने और कब लगाया था ?
उत्तर-
राबर्ट हुक ने 1665 में।

प्रश्न 28.
तालाब के जल में स्वतंत्र रूप से जीवित कोशिकाओं का पता किसने और कब लगाया था ?
उत्तर-
ल्यूवेनहक ने सन् 1674 में।

प्रश्न 29.
कोशिका में केंद्रक किसने और कब खोजा था ?
उत्तर-
राबर्ट ब्राउन ने 1831 में।

प्रश्न 30.
जैविक पदार्थ को जीवद्रव्य नाम किसने और कब दिया था ?
उत्तर-
जे० ई० पुराकंज ने 1839 में।

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प्रश्न 31.
कोशिका सिद्धांत की खोज किसने की थी ?
उत्तर-
एम० स्लीडन (1838) तथा टी० स्वान (1839) ने।

प्रश्न 32.
कोशिका सिद्धांत क्या है ?
उत्तर-
सभी पौधे तथा जंतु कोशिकाओं से बने हैं और वे जीवन की मूलभूत इकाई हैं।

प्रश्न 33.
कोशिका सिद्धांत को किसने आगे बढ़ाया था ?
उत्तर-
विरचो ने 1855 में।

प्रश्न 34.
विरचो की कोशिका सिद्धांत को क्या देन है ?
उत्तर-
विरचो ने बताया कि सभी कोशिकाएं पूर्ववर्ती कोशिकाओं से बनती हैं।

प्रश्न 35.
इलैक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की खोज कब हुई थी ?
उत्तर-
सन् 1940 में।

प्रश्न 36.
इलैक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी से क्या लाभ हुआ ? ।
उत्तर-
कोशिका की जटिल संरचना और अनेक अंगकों को समझना संभव हो सका।

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प्रश्न 37.
कोशिका के किन तीन गुणों पर सभी क्रियाएं संभव हो पाती हैं ?
उत्तर-
प्लैज्मा झिल्ली, केंद्रक, कोशिका द्रव्य।

प्रश्न 38.
प्लैज्मा झिल्ली क्या है ?
उत्तर-
कोशिका की सबसे बाहरी परत प्लैज्मा झिल्ली है जो कोशिका के घटकों को बाहरी पर्यावरण से अलग करती है। यही पदार्थों को अंदर या बाहर आने-जाने से रोकती है।

प्रश्न 39.
प्लैज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
यह अन्य पदार्थों की गति को रोकती है पर कुछ पदार्थों को अंदर या बाहर आने-जाने देती है इसलिए इसे वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली कहते हैं।

प्रश्न 40.
CO2 तथा ऑक्सीजन झिल्ली के आर-पार किस विधि से आ-जा सकते हैं ?
उत्तर-
विसरण प्रक्रिया से।

प्रश्न 41.
कोशिका तथा बाह्य पर्यावरण में विसरण की क्या भूमिका है ?
उत्तर-
गैसों के आदान-प्रदान को नियंत्रित रखना।

प्रश्न 42.
परासरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जल के अणुओं की गति जब वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा हो तो उसे परासरण कहते हैं।

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प्रश्न 43.
परासरण में जल के अणु किस आधार पर गति करते हैं ?
उत्तर-
परासरण में जल के अणु वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा उच्च जल की सांद्रता से निम्न जल की सांद्रता की ओर जाते हैं।

प्रश्न 44.
अल्प परासरण दाबी विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
यदि कोशिका को तनु विलयन वाले माध्यक में रखा जाए तो जल परासरण विधि से कोशिका के भीतर चला जाएगा। ऐसे विलयन को अल्प परासरण दाबी विलयन कहते हैं।

प्रश्न 45.
एक कोशीय अलवणीय जीव तथा पादप कोशिकाएं जल किस विधि के द्वारा ग्रहण करती हैं ?
उत्तर-
परासरण द्वारा।

प्रश्न 46.
पौधों की जड़ों के द्वारा जल अवशोषण कैसी क्रिया है ?
उत्तर-
परासरण क्रिया।

प्रश्न 47.
कोशिकाओं से परिवहन में ऊर्जा की किस रूप में आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
ATP के रूप में।

प्रश्न 48.
प्लैज्मा झिल्ली किस से बनी होती है ?
उत्तर-
लिपिड और प्रोटीन से।

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प्रश्न 49.
प्लैज्मा झिल्ली की रचना किस सूक्ष्मदर्शी से देख सकते हैं ?
उत्तर-
इलैक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी से।

प्रश्न 50.
एक कोशी जीवों में कोशिका झिल्ली का लचीलापन किस कार्य में सहायक बनता है ?
उत्तर-
बाह्य वातावरण से भोजन तथा अन्य पदार्थ ग्रहण करने में।

प्रश्न 51.
पादप कोशिका भित्ति मुख्य रूप से किससे बनी होती है ?
उत्तर-
सेल्यूलोज से।

प्रश्न 52.
सेल्यूलोज की कोशिका भित्ति के निर्माण में क्या उपयोगिता है ?
उत्तर-
यह जटिल पदार्थ है और पौधों को संरचनात्मक दृढ़ता प्रदान करता है।

प्रश्न 53.
जीवद्रव्य कुंचन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जब पादप कोशिका में परासरण से पानी की हानि होती है तो कोशिका झिल्ली सहित आंतरिक पदार्थ संकुचित हो जाते हैं जिसे जीव द्रव्य कुंचन कहते हैं।

प्रश्न 54.
जंतु कोशिका को अपेक्षा पादप कोशिका परिवर्तनीय माध्यम को आसानी से किस कारण सहन कर सकती है ?
उत्तर-
कोशिका भित्ति के कारण।

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प्रश्न 55.
प्याज़ की झिल्ली की अस्थाई स्लाइड बनाने के लिए किस घोल का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
आयोडीन का।

प्रश्न 56.
कोशिका को रंगने के लिए किस-किस विलयन का प्रयोग करते हैं ?
उत्तर-
आयोडीन विलयन, सैफ्रानिन अथवा मैथलीन ब्लू विलयन।

प्रश्न 57.
कोशिका द्रव्य क्या है ?
उत्तर-
प्लैज्मा झिल्ली के अंदर कोशिका द्रव्य एक तरल पदार्थ है जिस में अनेक विशिष्ट कोशिका के घटक होते हैं। कोशिका द्रव्य तथा केंद्रक को मिला कर जीव द्रव्य बनता है।

प्रश्न 58.
अंतर्द्रव्यी जालिका क्या है ?
उत्तर-
यह झिल्ली युक्त नलिकाओं का एक बहुत बड़ा तंत्र है। यह लंबी नलिका या गोल या आयताकार थैलों की तरह दिखाई देती है। इसकी रचना प्लैज्मा झिल्ली जैसी ही होती है।

प्रश्न 59.
अंतर्द्रव्यी जालिका किस-किस प्रकार की होती है ?
उत्तर-

  1. खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका (RER),
  2. चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका (SER) ।

प्रश्न 60.
गॉल्जी उपकरण का विवरण सबसे पहले किसने किया था ?
उत्तर-
कैमिलो गॉल्जी।

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प्रश्न 61.
गॉल्जी उपकरण में सामान्य शक्कर से क्या बनता है ?
उत्तर-
जटिल शक्कर।

प्रश्न 62.
लाइसोसोम किससे बनाया जाता है ?
उत्तर-
गॉल्जी उपकरण से।

प्रश्न 63.
लाइसोम का कोशिका में क्या कार्य है ?
उत्तर-
कोशिका अंगकों के टूटे-फूटे भागों को पाचित कर कोशिका को साफ करना।

प्रश्न 64.
कार्बनिक पदार्थों को तोड़ने में कौन सक्षम है ?
उत्तर-
लाइसोसोम।

प्रश्न 65.
लाइसोसोम क्यों फटता है ?
उत्तर-
कोशिकीय चयापचय में व्यवधान के कारण जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाती है।

प्रश्न 66.
माइटोकांड्रिया किस रूप में ऊर्जा प्रदान करता है ?
उत्तर-
ATP (ऐडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट) के रूप में।

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प्रश्न 67.
माइटोकांड्रिया की बाहरी और भीतरी झिल्ली कैसी होती है ?
उत्तर-
बाहरी झिल्ली छिद्रित तथा भीतरी झिल्ली बहुत अधिक वलित होती है।

प्रश्न 68.
प्लैस्टिड किन में होते हैं ?
उत्तर-
केवल पादप कोशिकाओं में।

प्रश्न 69.
प्लैस्टिड के दो प्रकार कौन-से हैं ?
उत्तर-
केरोमोप्लास्ट (रंगीन प्लैस्टिड) तथा ल्यूकोप्लास्ट (श्वेत अथवा रंगहीन प्लैस्टिड)।

प्रश्न 70.
जिस प्लैस्टिड में क्लोरोफिल होता है उसे क्या कहते हैं ?
उत्तर-
क्लोरोप्लास्ट।

प्रश्न 71.
जंतु और पादप कोशिकाओं में रसधानियाँ कैसी होती हैं ?
उत्तर-
जंतु कोशिकाओं में छोटी तथा पादप कोशिकाओं में बहुत बड़ी।

प्रश्न 72.
पादप कोशिका की रसधानी में क्या भरा होता है ?
उत्तर-
कोशिका द्रव्य।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
परमाणु के नाभिक से क्या अभिप्राय है ? नाभिक की खोज करने के लिए रदरफोर्ड द्वारा किए गए अल्फा-किरण प्रकीर्णन प्रयोग की संक्षिप्त में विवेचना कीजिए। इस प्रयोग के परिणामों तथा त्रुटियों को भी लिखिए।
उत्तर-
नाभिक (Nucleus)- रदरफोर्ड तथा सहयोगियों द्वारा किए गए अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग (Alpha particle scattering experiment) से गहन द्रव्यमान वाले नाभिक के अस्तित्व के बारे संकेत मिला। परमाणु के सघन तथा धन आवेशित भाग को नाभिक कहा जाता है। इस पर उपस्थित धन आवेश, इलेक्ट्रॉनों के ऋण आवेश के बराबर होने के कारण परमाणु उदासीन होता है।

परमाणु के आयतन की तुलना में नाभिक का आयतन बहुत ही कम होता है। नाभिक में प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन होते हैं। परमाणु का द्रव्यमान प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन के कारण होता है क्योंकि इलैक्ट्रॉन का द्रव्यमान नाममात्र होता है। __रदरफोर्ड का अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग- रदरफोर्ड ने सन् 1911 में अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग द्वारा नाभिक की खोज की थी। इस प्रयोग में उसने एक सोने की बारीक 1000 परमाणुओं के बराबर मोटी पन्नी पर तीव्र गति वाले अल्फा कणों की बमबारी की।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 1

सोने की पतली पन्नी से टकराने के उपरान्त एल्फा कणों का प्रकीर्णन हो जाता है अर्थात् वे बिखर जाते हैं। अधिकांश कण सोने के पत्र को पार कर जाते हैं परंतु कुछ कण परमाणु नाभिक के टकराने के बाद उसी दिशा में वापिस लौट आते हैं।

प्रयोग के प्रेक्षण-प्रयोग के परिणामस्वरूप रदरफोर्ड ने निम्नलिखित प्रेक्षण प्रस्तुत किए-

  1. बहुत से α-कण (लगभग 99%) सोने की पन्नी में से बिना किसी परावर्तन के गुज़र जाते हैं।
  2. कुछ कण विभिन्न कोणों पर विक्षेपित होते हैं।
  3. बहुत ही अल्प संख्या में कण (10,000 में से एक) केंद्रीय भाग से टकराकर अपने पथ पर फिर लौट आते है।

प्रयोग से परिणाम – ऐसे प्रयोगों की श्रृंखला से रदरफोर्ड ने निम्नलिखित परिणाम प्रस्तुत किए-

  1. क्योंकि शीट में से बहुत-से कण बिना परावर्तित हुए गुज़र जाते हैं, इससे सिद्ध होता है कि परमाणु में अधिकतर स्थान खाली है।
  2. धन आवेशित कुछ α-कण (He2+) अपने पथ से परावर्तित होते हैं, अर्थात् मुड़ जाते हैं। इससे यह निर्णय लिया जा सकता है कि परमाणु का कुछ भाग धन आवेशित तथा द्रव्यमान युक्त है।
  3. कुछ α-कण वापिस लौट आए। इसी से नाभिक की स्थिति का पता लगता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 2

त्रुटियां – यह परमाणु की स्थिरता के विषय में कुछ व्यक्त नहीं करता। नाभिक के चारों ओर इलैक्ट्रॉन वृत्तीय चक्कर लगाते हैं जिसका परिणाम उनकी तेज़ गति होती है। इस कारण आवेशित कणों से विकिरित ऊर्जा परमाणु को अस्थिर कर देगी। पर यह सत्य नहीं है जबकि परमाणु तो वास्तव में निश्चित संरचना के साथ स्थिर होता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के आधार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के निम्नलिखित मुख्य बिंदु थे-

  1. परमाणु का केंद्र धनावेशित होता है जिसे नाभिक कहते हैं। परमाणु का लगभग संपूर्ण द्रव्यमान नाभिक में होता है।
  2. नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रॉन निश्चित कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं जैसे सूर्य के चारों ओर विभिन्न नक्षत्र चक्कर लगाते हैं।
  3. नाभिक का आकार परमाणु के आकार की तुलना में बहुत कम होता है।

प्रश्न 2.
रदरफोर्ड को कैसे विश्वास हुआ कि परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन होते हैं ?
उत्तर-
ऐसा α-किरणों के प्रकीर्णन प्रयोग द्वारा पता चला कि बहुत कम α-कण (लगभग 10,000 में से एक) उसी दिशा में वापिस हो जाते हैं। क्योंकि α-कण नाभिक द्वारा अपकर्षित किए जाते हैं, इसलिए ऐसे कणों पर अवश्य ही धन आवेश होगा। उस समय तक ज्ञात अवपरमाणुक कणों-इलैक्ट्रॉनों और प्रोटॉनों में से केवल प्रोटॉन पर धन आवेश था। इसलिए ही तत्व के परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन विद्यमान हैं, जोकि α-कणों को अपकर्षित करते हैं।

प्रश्न 3.
रदरफोर्ड ने इस तथ्य के लिए क्या कारण बताया था कि परमाणु के इलैक्ट्रॉन नाभिक के अंदर की ओर अपकर्षित नहीं होते ?
उत्तर-
रदरफोर्ड के अनुसार परमाणु के बाह्य नाभिकीय भाग में इलेक्ट्रॉन स्थिर नहीं है। ये शैल (Shell) नामक वृत्ताकार परिपथों में चक्कर लगाते हैं। बाह्य नाभिकीय भाग में स्थित इलेक्ट्रॉन नाभिक की ओर आकर्षित होते हैं। इस आकर्षण बल को इससे विपरीत दिशा में क्रियाशील केंद्रीय बल संतुलित कर देता है। इसलिए इलेक्ट्रॉन निश्चित परिपथों में निरंतर घूमते रहते हैं तथा नाभिक के अंदर की ओर आकर्षित नहीं होते।

प्रश्न 4.
नाभिकीय आकार की तुलना में परमाणु के आकार का परिमाण बताइए।
उत्तर-
परमाणु की त्रिज्या नाभिक की त्रिज्या से 1015 गुणा बड़ी है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 3

प्रश्न 5.
रदरफोर्ड परमाणु मॉडल के बारे में मुख्य आपत्ति क्या थी ?
उत्तर-
इलैक्ट्रॉन आवेशित कण हैं। कोई भी आवेशित कण जब त्वरित किया जाता है तो ऊर्जा विकरित करता है। नाभिक के गिर्द चक्राकार गति में रहने के लिए इलेक्ट्रॉन को त्वरित होना पड़ेगा जिसके फलस्वरूप वह ऊर्जा का विकिरण करेगा। ऊर्जा की हानि के कारण कक्षा का आकार सिकुड़ेगा और अंत में नाभिक को टकराएगा। इसलिए ऐसा मॉडल स्थिरता प्रदान नहीं करेगा।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 6.
जब एक इलैक्ट्रॉन ऊर्जा स्तर K से ऊर्जा स्तर L में छलांग लगाता है तो परमाणु की ऊर्जा क्यों बढ़ जाती है ?
उत्तर-
एक इलेक्ट्रॉन जो ऊर्जा स्तर K में चक्कर लगा रहा है उसके पास ऊर्जा की एक निश्चित मात्रा है। जब वह इलैक्ट्रॉन K ऊर्जा स्तर से L ऊर्जा स्तर में कूद जाता है तो वह L ऊर्जा स्तर की ऊजां ग्रहण कर लेता है जोकि पहले से अधिक होती है। इस प्रकार इलेक्ट्रॉन पहली ऊर्जा से अधिक ऊर्जा प्राप्त कर लेता है। इससे कुल मिला कर परमाणु की ऊर्जा में वृद्धि हो जाती है।

प्रश्न 7.
वे शैल जिनमें इलेक्ट्रॉन परमाणु के नाभिक के गिर्द चक्कर लगाते हैं ऊर्जा स्तर क्यों कहलाते हैं ?
उत्तर-
एक इलेक्ट्रॉन किसी शैल में चक्कर लगाते समय कुछ ऊर्जा की मात्रा से जुड़ा रहता है। जब यह एक शैल से दूसरे शैल में छलाँग लगाता है तो इसकी ऊर्जा में परिवर्तन आ जाता है। इस प्रकार शैल इलेक्ट्रॉन को ऊर्जा प्रदान करने के साथ-साथ स्थान भी बदलता है जिससे उन्हें ऊर्जा शैल या ऊर्जा स्तर कहा जाता है।

प्रश्न 8.
परमाणु की संरचना को समझने के लिए रदरफोर्ड का मूल योगदान क्या थे ?
अथवा
रदरफोर्ड द्वारा प्रस्तुत किए गए नाभिकीय मॉडल के लक्षण क्या थे ?
उत्तर-
परमाणु की नाभिकीय संरचना को समझने के लिए रदरफोर्ड का मूल योगदान निम्न प्रकार थे-

  1. परमाणु का केंद्र धन आवेशित होता है जिसे नाभिक कहा जाता है।
  2. एक परमाणु का संपूर्ण द्रव्यमान नाभिक में होता है।
  3. नाभिक का आकार परमाणु के आकार की तुलना में बहुत छोटा होता है।
  4. इलैक्ट्रॉन नाभिक के इर्द-गिर्द निश्चित कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं।

प्रश्न 9.
फ्लोरीन परमाणु में 9 इलेक्ट्रॉन तथा 9 प्रोटॉन हैं। इसके परमाणु में कितने ऊर्जा शैल होंगे ?
उत्तर-
क्योंकि पहले कोश K में 2 इलेक्ट्रॉन समा सकते हैं। इसलिए शेष 7 इलैक्ट्रॉन दूसरे कोश L में समा जायेंगे जिसकी अधिकतम सामर्थ्य 8 इलेक्ट्रॉनों की है। इसलिए फ्लोरीन के दो ऊर्जा कोश होंगे।

प्रश्न 10.
मैग्नीशियम परमाणु में 12 इलेक्ट्रॉन है। इसका कौन-सा ऊर्जा कोश पूर्ण रूप से भरा हुआ नहीं
उत्तर-
मैग्नीशियम परमाणु में 12 इलेक्ट्रॉन हैं। K कोश में 2 इलेक्ट्रॉन तथा दूसरे L कोश में 8 इलेक्ट्रॉन भरे जायेंगे।
इस प्रकार K तथा L शैल पूर्ण रूप से भरे गए हैं। शेष 2 इलेक्ट्रॉन [12 – (2 + 8) = 2)] तीसरे कोश M में समाहित होंगे जबकि इस कोश में अधिकतम 18 इलेक्ट्रॉन भरे जा सकते हैं। अत: तीसरा कोश M अपूर्ण है।

प्रश्न 11.
निम्न परमाणु युग्ल की इलेक्ट्रॉनिक संरचना में क्या समानताएं हैं ? प्रत्येक परमाणु की इलैक्ट्रॉन संख्या कोष्ठक में दिये गए हैं ।
लीथियम (3), सोडियम (11) तथा पोटैशियम (19), हीलियम (2), नियॉन (10) तथा आर्गान (18), बैरीलियम (4), मैग्नीशियम (12) तथा कैल्सियम (20)।
उत्तर-

  1. लीथियम, सोडियम तथा पौटैशियम सभी के बाह्यतम कोश में एक इलेक्ट्रॉन है।
  2. हीलियम, नियॉन तथा आर्गान सभी के बाहयतम कोश में 8 इलेक्ट्रॉन हैं।
  3. बैरीलियम, मैग्नीशियम तथा कैल्सियम सभी के बाह्यतम कोश में 2 इलेक्ट्रॉन हैं।

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प्रश्न 12.
एक तत्त्व का परमाणु रासायनिक संयोजन में भाग नहीं लेता है। क्या आप बता सकते हैं कि इस परमाणु के बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या कितनी है ? वर्णन करें।
उत्तर-
यह कथन दर्शाता है कि तत्व अक्रियाशील गैस है और इसके परमाणु के बाह्यतम कोश में ? या 8 इलेक्ट्रॉन हैं।
ऐसा इसलिए है कि हीलियम के बाह्यतम कोश में 2 इलेक्ट्रॉन को छोड़ कर ऐसे परमाणु जिनके बाह्यतम कोश में 8 इलेक्ट्रॉन हैं अक्रियाशील हैं और वे रासायनिक संयोजन में भाग नहीं लेते हैं।

प्रश्न 13.
एक तत्व में 16 प्रोटॉन हैं। परमाणु के K, L तथा M कोशों में कितने इलेक्ट्रॉन उपस्थित होंगे ? इसकी इलैक्ट्रॉन संयोजकता क्या होगी ?
उत्तर-
इलेक्ट्रॉनों की संख्या = प्रोटॉनों की संख्या = 16
इलेक्ट्रॉनिक संरचना = K = 2 ; L = 8 ; M = 6
तत्व में वैलेंस इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 6
∴ इलैक्ट्रॉन संयोजकता = 8 – 6 = 2

प्रश्न 14.
यदि हम किसी परमाणु का क्रमांक जानते हैं तो उसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखना संभव है। ऐसा क्यों है ?
उत्तर-
हां. किसी तत्व के परमाणु क्रमांक की सहायता से उसकी इलेक्ट्रॉन संरचना लिखना संभव है। वास्तव में किसी तत्व का परमाणु क्रमांक उसके परमाणु में विद्यमान प्रोटॉनों या न्यूट्रॉनों की संख्या के बराबर होता है। यदि हमें इलेक्ट्रॉनों की संख्या पता हो तो हम इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिख सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक विन्यास का अर्थ है कि विभिन्न शैलों में इलेक्ट्रॉनों का वितरण किस प्रकार है।

उदाहरण – ऑक्सीजन की परमाणु संख्या (Z) 8 है। इसका अर्थ यह है कि ऑक्सीजन में 8 इलेक्ट्रॉन हैं। इनमें से 2 पहले शैल में होते हैं जिससे वह पूरी तरह भर जाता है। शेष 6 इलेक्ट्रॉन दूसरे शैल में विद्यमान होते हैं।
ऑक्सीजन में इलेक्ट्रॉन वितरण इस प्रकार है-
पहले K-शैल में 2 इलेक्ट्रॉन
दूसरे L-शैल में 6 इलेक्ट्रॉन
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प्रश्न 15.
क्या किसी परमाणु में 12 प्रोटॉन और 13 इलेक्ट्रॉन होना संभव है ? व्याख्या करें।
उत्तर-
नहीं, ऐसा संभव नहीं है। एक परमाणु विद्युतीय दृष्टि से उदासीन होना चाहिए। इसका अर्थ है कि इस पर कोई आवेश शेष नहीं रहता है। अब प्रत्येक प्रोटॉन पर इकाई धन आवेश होता है तथा प्रत्येक इलेक्ट्रॉन पर इकाई ऋण आवेश होता है। अतः एक उदासीन परमाणु में इलेक्ट्रॉनों और प्रोटॉनों की संख्या बराबर होनी चाहिए।

प्रश्न 16.
संकेत \({ }_{20}^{40} \mathrm{Ca}\) से लिखें-
(i) Ca की द्रव्यमान संख्या
(ii) Ca की परमाणु संख्या
(iii) Ca नाभिक की संरचना।
उत्तर-
(i) Cu की द्रव्यमान संख्या = 40

(ii) Ca की परमाणु संख्या = 20

(iii) Ca नाभिक की संरचना-
प्रोटॉनों की संख्या P = 20. इलेक्ट्रॉनों की संख्या = P = 20
न्यूट्रॉनों की संख्या = द्रव्यमान संख्या – प्रोटॉनों की संख्या
= 40 – 20 = 20

प्रश्न 17.
इस कथन से क्या सूचना मिलती है कि मैग्नीशियम की द्रव्यमान संख्या 24 तथा परमाणु संख्या 12 है ?
उत्तर-
मैग्नीशियम की परमाणु संख्या 12 इस ओर संकेत करती है कि इसके परमाणु के नाभिक में 12 प्रोटॉन हैं तथा इतने ही इलेक्ट्रॉन इसके बाह्य नाभिकीय भाग में हैं। द्रव्यमान संख्या 24 यह दर्शाती है कि प्रोटॉनों के साथ नाभिक में 12 न्यूट्रॉन (24-12) भी विद्यमान हैं।

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प्रश्न 18.
द्रव्यमान संख्या को परिभाषित कीजिए। द्रव्यमान संख्या नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों से कैसे संबंधित है ?
उत्तर-
द्रव्यमान संख्या – किसी तत्व की द्रव्यमान संख्या उसमें उपस्थित प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों की संख्या के योग के बराबर होती है।
द्रव्यमान संख्या (A) = प्रोटॉनों की संख्या (P) + न्यूट्रॉनों की संख्या (N)
न्यूट्रॉनों की संख्या = द्रव्यमान संख्या – प्रोटॉनों की संख्या
= द्रव्यमान संख्या – परमाणु संख्या
= A – Z

प्रश्न 19.
जे० जे० टॉमसन के प्रसिद्ध प्रयोगों से पहले विद्युत् और चुंबकीय क्षेत्रों में कैथोड किरणों का विक्षेपण ज्ञात था, तो जे० जे० टॉमसन का मुख्य योगदान क्या था ?
उत्तर-
जे० जे० टॉमसन का योगदान यह था कि (i) उन्होंने कणों पर आवेश और उनके द्रव्यमान अनुपात का पता लगाया था।
उनके अनुसार \(\frac{e}{m}\) = 1.76 × 1011 c /kg
यहाँ e = कणों पर आवेश तथा m = द्रव्यमान है।

(ii) उन्होंने इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान का पता लगाया जो m = \(\frac{1.602 \times 10^{-19 \mathrm{c}}}{1.76 \times 10^{11 \mathrm{c} / \mathrm{kg}}}\)
= 9.1 × 10-31 kg = 9.1
× 10 g-28 ग्राम था। यह द्रव्यमान हाइड्रोजन के द्रव्यमान का \(\frac{1}{1837}\) भाग के समान था।

प्रश्न 20.
निम्नलिखित तत्वों के परमाणुओं में वेलैंस कोश इलेक्ट्रॉनों की संख्या कितनी है ?
(i) ऐलुमिनियम
(ii) सल्फ र
(ii) क्लोरीन
(iv) कार्बन
(v) नाइट्रोजन
(vi) पोटैशियम
(vii) ऑक्सीजन
(viii) फ्लोरीन।
उत्तर-

क्रमांक तत्व का नाम वेलैंस कोश (संयोजकता) इलेक्ट्रॉन की संख्या
(i) ऐलुमिनियम (A1) 3
(ii) सल्फर (S) 2
(iii) क्लोरीन (Cl) 1
(iv) कार्बन (C) 4
(v) नाइट्रोजन (N) 3
(vi) पोटैशियम (K) 1
(vii) ऑक्सीजन (O) 2
(viii) फ्लू ओरीन (F) 1

प्रश्न 21.
न्यूट्रॉन के अस्तित्व को किसने प्रस्तावित किया ? इस पूर्वधारणा (Assumption) का क्या आधार था ?
उत्तर-
सबसे पहले न्यूट्रॉन के अस्तित्व का विचार रदरफोर्ड ने प्रकट किया था। सन् 1920 में उसने मत प्रस्तुत किया कि नाभिक में प्रोटॉन और उसके निकट इलेक्ट्रॉन विद्युतीय आकर्षण के कारण आपस में इतने निकट हों कि उन्हें एक कण के रूप में ही माना जा सकता हो जिसमें पूरा आवेश शून्य हो गया हो। इसलिए उसने एक नये कण की संकल्पना की और उसका नाम न्यूट्रॉन रखा। तत्पश्चात् इसी संकल्पना ने आधुनिक विज्ञान की अनेक महत्त्वपूर्ण समस्याओं को हल कर दिया।

प्रश्न 22.
प्रायोगिक रूप से न्यूट्रॉन की खोज किसने की ? इस प्रयोग की आवश्यक बातें क्या थीं ?
उत्तर-
जेम्स चैडविक ने सन् 1932 में सबसे पहले न्यूट्रॉन की खोज की थी। उन्होंने पाया कि जब बैरीलियम नामक तत्व से a-किरणें टकरायी जाती हैं तो उससे एक नया कण विसर्जित होता है। यह नया कण उदासीन प्रकृति का था। जब इस कण को जिंक सल्फाइड की प्लेट से टकराया गया तो प्रकाश उत्पन्न हुआ। इसका द्रव्यमान हाइड्रोजन के द्रव्यमान के समान था।
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उपस्थिति संबंधी प्रयोग उन्होंने पाया कि हाइड्रोजन परमाणु के अतिरिक्त अन्य सभी तत्वों में न्यूट्रॉन थे। न्यूट्रॉन का द्रव्यमान लगभग प्रोटॉन के द्रव्यमान के समान था। प्रोटॉन का द्रव्यमान 1 a.m.u. माना जाता था। इसलिए न्यूट्रॉन का द्रव्यमान भी 1 a.m.u. है। न्यूट्रॉन आवेशित कण नहीं हैं इसलिए इनका परीक्षण आसान नहीं है परंतु 1932 ई० में चैडविक इनको प्रदर्शित करने में सफल हो गया।

‘प्रश्न 23.
हीलियम के संयोजकता कक्ष में 2 इलेक्ट्रॉन होते हैं पर उसकी संयोजकता 2 नहीं होती। क्यों ?
उत्तर-
हीलियम के संयोजकता कक्ष में 2 इलेक्ट्रॉन होते हैं पर उसकी संयोजकता 2 नहीं होती क्योंकि उसका कक्ष पूर्ण होता है। इसलिए उसकी संयोजकता शून्य है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 24.
संयोजकता इलेक्ट्रॉन को परिभाषित कीजिए। यह परमाणु संरचना से कैसे सम्बन्धित है ?
उत्तर-
संयोजकता इलेक्ट्रॉन-किसी परमाणु के सबसे बाह्यतम कक्ष में उपस्थित इलेक्ट्रॉन ही संयोजकता इलेक्ट्रॉन कहलाते हैं। ये ही रासायनिक क्रियाओं में भाग लेते हैं।

संयोजकता किसी परमाणु की संरचना को प्रकट करती है। जैसे सोडियम (Na) की परमाणु संख्या 11 है। उसके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (K = 2, L = 8, M = 1) में सबसे बाहरी कक्ष M में एक इलेक्ट्रॉन है। इसलिए उसकी संयोजकता एक है। किसी भी तत्व के रासायनिक गुण सबसे बाहरी कक्ष में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या पर ही निर्भर करते हैं। परमाणु संरचना से ही संयोजकता इलेक्ट्रॉनों का पता लगता है। यह परमाणु के नाभिक के द्रव्यमान से लगभग संबंधित नहीं होते। यदि किसी परमाणु का बाह्यतम कक्ष पूर्ण रूप से भरा हुआ (8, 18, 32 इलेक्ट्रॉन) हो तो उस तत्व की संयोजकता शून्य होती है और वह निष्क्रिय होता है। विभिन्न तत्वों के परमाणुओं में बराबर इलेक्ट्रॉन होने की अवस्था में उनके रासायनिक गुण एक समान होते हैं।

प्रश्न 25.
परमाणु नाभिक के आवश्यक गुणधर्म की व्याख्या कीजिए। इन गुणधर्मों की इलैक्ट्रॉन के गुणधर्मों से तुलना कीजिए।
उत्तर-
परमाणु नाभिक ( केंद्रक) के गुणधर्म-

  1. परमाणु का नाभिक (केंद्रक) धन आवेश युक्त होता है।
  2. परमाणु का पूरा द्रव्यमान उसके नाभिक में ही स्थित होता है।
  3. परमाणु नाभिक का आकार परमाणु के आकार से बहुत छोटा होता है। यह परमाणु के आकार से 105 गुना छोटा होता है।

परमाणु नाभिक की त्रिज्या 10-13 10-19 होती है जबकि परमाणु की अपनी त्रिज्या 10-8 सें०मी० होती है। इसलिए परमाणु का अधिकांश भाग खाली होता है।

परमाणु नाभिक के गुणधर्मों की इलैक्ट्रॉनों के गुणधर्मों से तुलना-

  1. इलेक्ट्रॉनों पर ऋण आवेश होता है, जबकि नाभिक पर प्रोटॉनों के कारण धन आवेश होता है।
  2. इलेक्ट्रॉन केंद्रक के चारों ओर घूमते रहते हैं जबकि नाभिक परमाणु के केंद्रीय भाग में स्थित होता है।
  3. नाभिक का द्रव्यमान हीलियम परमाणु के बराबर होता है जबकि इलेक्ट्रॉन हाइड्रोजन परमाणु के \(\frac{1}{1840}\) भाग
    के बराबर होता है।

प्रश्न 26.
इलेक्ट्रानों को नक्षत्रीय इलेक्ट्रॉन क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल को सौर मॉडल भी कहते हैं क्योंकि इस मॉडल में यह कल्पना की गई थी कि जिस प्रकार सूर्य के चारों ओर सभी नक्षत्र चक्कर लगाते हैं, उसी प्रकार नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रॉन चक्कर लगाते हैं। इसलिए परमाणु के इलेक्ट्रॉनों को नक्षत्रीय इलेक्ट्रॉन भी कहा जाता है।

प्रश्न 27.
क्या ऐसा संभव हो सकता है कि तत्व के अणु में एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन हो परंतु उसका कोई भी न्यूट्रॉन न हो ? यदि ऐसा है तो उस तत्व का नाम लिखिए।
उत्तर-
हाँ, ऐसा संभव है। हाइड्रोजन तत्व के अणु की स्थिति में ऐसा ही होता है जिसे \({ }_{1}^{1} \mathrm{H}\) से प्रदर्शित किया जाता है।

प्रश्न 28.
क्या 35Cl और 37Cl की संयोजकता अलग-अलग होगी ? अपने उत्तर को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
नहीं, 35Cl और 37Cl की संयोजकता अलग-अलग नहीं होगी क्योंकि ये दोनों एक ही तत्व के समस्थानिक हैं।

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प्रश्न 29.
चित्र द्वारा सोडियम परमाणु और सोडियम आयन में इलैक्ट्रॉन वितरण दर्शाइए और इनकी परमाणु संख्या दीजिए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 6

सोडियम परमाणु की परमाणु संख्या 11 है और इसमें इलेक्ट्रॉनों की संख्या भी 11 है। धनात्मक सोडियम आयन (Na+) में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 11 – 1 = 10 होती है। इसलिए उसके इलेक्ट्रॉनिक कक्ष में इलेक्ट्रॉन वितरण 2, 8 होगा। किसी तत्व की परमाणु संख्या इसके प्रोटॉनों के बराबर होगी। इसलिए सोडियम परमाणु और सोडियम आयन में परमाणु संख्या समान ही होगी। अत: दोनों की परमाणु संख्या 11 है।

प्रश्न 30.
हीलियम, नियॉन तथा आर्गान तत्वों की संयोजकता शून्य क्यों है ?
उत्तर-
हीलियम के एकमात्र शैल K में 2 इलेक्ट्रॉन हैं। क्योंकि यह अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या है जो K शैल में समाहित हो सकती है। इसलिए यह न तो इलेक्ट्रॉन का लाभ कर सकता है और न ही हानि । इसलिए इसकी संयोजकता शून्य है। इसी भांति नियॉन (2, 8) और आर्गान (2, 8, 8) में बाह्यतम शैल में आठ-आठ इलेक्ट्रॉन हैं जोकि अधिकतम संख्या है। इसलिए दोनों नियॉन और आर्गान की संयोजकता शून्य है।

प्रश्न 31.
एक तत्व की परमाणु संख्या 15 है। इसका क्या अभिप्राय है ? क्या यह संभव है कि एक ही परमाणु के कोश (शैल) अधिक हो सकते हैं ?
उत्तर-
जब एक परमाणु के तीन कोश हैं, इसका तात्पर्य यह है कि परमाणु में इलेक्ट्रॉन का वितरण तीन ऊर्जा स्तरों में है। इस प्रकार उत्तेजित अवस्था में उसी परमाणु के इलेक्ट्रॉन तीन से अधिक ऊर्जा स्तरों में वितरित हैं। जिससे उसी परमाणु के अधिक शैल (कोश) होंगे।

प्रश्न 32.
तत्वों की परमाणु संख्या तथा परमाणु द्रव्यमान संख्या नीचे दी गई हैं। निम्न सूचना को रिक्त स्थानों में लिखिए।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 7
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 8

प्रश्न 33.
एक तत्व की परमाणु संख्या क्या होगी जिसके M-शैल में 7 इलेक्ट्रॉन हैं ?
उत्तर-
इसका तात्पर्य यह है कि तत्व के परमाणु के K-शैल तथा L-शैल पूर्ण रूप से भरे हुए हैं। K-शैल में अधिकतम इलेक्ट्रॉन की संख्या 2 तथा L-शैल में 8 हो सकती है जबकि M-शैल में 7 इलेक्ट्रॉन हैं।
इसलिए परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या = 2 + 8 + 7 = 17

क्योंकि परमाणु विद्युतीय रूप से उदासीन होता है, इसलिए परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या = इलेक्ट्रॉनों को संख्या होगी।
∴ परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या = 17
∴ परमाणु की परमाणु संख्या = 17

प्रश्न 34.
समस्थानिकों के समान गुण लिखिए।
उत्तर-
समस्थानिकों के गुण-

  1. किसी तत्व के समस्थानिकों की परमाणु संख्या समान होती है।
  2. तत्व के सभी समस्थानिकों के रासायनिक गुण एक जैसे होते हैं।
  3. तत्व के सभी समस्थानिकों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है।
  4. तत्व के सभी समस्थानिकों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास एक जैसा होता है।

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प्रश्न 35.
निम्न सारणी में किन्हीं तत्वों की द्रव्यमान संख्या तथा परमाणु संख्या दी गई है :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 9
(i) ऊपर दी गई सारणी से आइसोबार (समभारिक) का युग्म चुनिए।
(ii) सारणी में लिखे तत्व B की संयोजकता क्या होगी ?
उत्तर-
(i) D तथा E
(ii) B तत्व की संयोजकता = 1

संख्यात्मक प्रश्न (Numerical Problems)

प्रश्न 1.
परमाणु द्रव्यमान 35 और 37 वाले क्लोरीन के दो समस्थानिक (आइसोटोप) 3 : 1 के अनुपात में विद्यमान हैं। इनका औसत परमाणु द्रव्यमान क्या होगा ?
हल :
क्लोरीन का औसत परमाणु द्रव्यमान = \(\frac{35 \times 3+37 \times 1}{3+1}\)
= \(\frac{105+37}{4}\) = 35.5 a. m. u.

प्रश्न 2.
परमाणु क्रमांक 18 वाले तत्व X तथा परमाणु क्रमांक 16 वाले तत्व Z में से कौन-सा रासायनिक रूप से अधिक अभिक्रियाशील होगा ?
हल :
X तत्व का परमाणु क्रमांक = इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 18
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 10
अब Z तत्व का परमाणु क्रमांक – Z में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 16
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किसी निष्क्रिय गैस के एक परमाणु के सबसे बाहरी कक्ष में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं जिससे X न तो कभी इलेक्ट्रॉन खोएगा और न ही अर्जित करेगा। अतएव X रासायनिक रूप से अभिक्रियाशील नहीं है।

किसी निष्क्रिय गैस के विन्यास को प्राप्त करने के लिए Z तत्व 2 इलेक्ट्रॉन अर्जित कर सकता है। अतएव Z रासायनिक रूप से X से अधिक अभिक्रियाशील है।

प्रश्न 3.
उस तत्व की परमाणु संख्या ज्ञात करें जिसके नाभिक में 12 न्यूट्रॉन हैं और जिसकी द्रव्यमान संख्या 23 है। इस तत्व का संकेत क्या है ?
हल :
परमाणु के नाभिक में न्यूट्रॉन की संख्या = 12
परमाणु द्रव्यमान (A) = 23
परमाणु संख्या (Z) = ?
हम जानते हैं कि द्रव्यमान संख्या (A) = प्रोटॉन की संख्या + न्यूट्रॉन की संख्या
23 = P + 12
∴ प्रोटॉन की संख्या (P) = 23 – 12 = 11
अर्थात् परमाणु संख्या (Z) = प्रोटॉन की संख्या = 11 उत्तर
सोडियम तत्व की परमाणु संख्या 11 तथा द्रव्यमान संख्या 23 है। इस तत्व को दर्शाने के लिए संकेत है \({ }_{11}^{23} \mathrm{Na}\) उत्तर

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में प्रोटॉनों, न्यूट्रॉनों और इलेक्ट्रॉनों की संख्या पता करें : \({ }_{92}^{235} \mathbf{U}\) तथा \({ }_{92}^{238} \mathrm{U}\) दोनों परमाणुओं का आपस में क्या संबंध है ?
हल :
U-235 परमाणु की द्रव्यमान संख्या (A) = 235
परमाणु संख्या (Z) = 92
हम जानते हैं कि n = A – Z
n = 235 – 92
n = 143
∴ U-235 में प्रोटॉन की संख्या = परमाणु संख्या = 92
इलेक्ट्रॉन की संख्या = प्रोटॉन की संख्या = 92
न्यूट्रॉन की संख्या = 143
U-238 परमाणु की द्रव्यमान संख्या (A) = 238
परमाणु संख्या (Z) = 92
n = 238 – 92
n = 146

\({ }_{92}^{235} \mathrm{U}\) तथा \({ }_{92}^{238} \mathrm{U}\) दोनों यूरेनियम तत्व के समस्थानिक हैं। इन दोनों के नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या एक समान 92 है, परंतु न्यूट्रॉनों की संख्या विभिन्न है अर्थात् दोनों परमाणुओं की परमाणु संख्या समान है, परंतु द्रव्यमान संख्या भिन्न है।

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प्रश्न 5.
तत्व \(x_{9}^{19}\) में कितने इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन हैं ? इस तत्व की संयोजकता कितनी होगी ?
हल :
परमाणु संख्या = 9
द्रव्यमान संख्या = 19
∴ इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 9
प्रोटॉनों की संख्या = परमाणु संख्या = 9
न्यूट्रॉनों की संख्या – 19 – 9 = 10
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 12
तत्व की संयोजकता = 8 – 7 = 1

प्रश्न 6.
परमाणु के अवपरमाणुक कणों के नाम बताओ। हीलियम का परमाणु द्रव्यमान 4u तथा इसके नाभिक में 2 प्रोटॉन हैं। इसमें कितने न्यूट्रॉन हैं ? सोडियम तथा कार्बन की इलेक्ट्रॉनिक संरचना लिखिए (दिया है सोडियम की परमाणु संख्या = 11, कार्बन की परमाणु संख्या = 6)।
हल :
(i) परमाणु के अवपरमाणुक कण : इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन

(ii) हीलियम में न्यूट्रॉनों की संख्या = 4 – 2 = 2
(iii) सोडियम की इलेक्ट्रॉनिक संरचना : PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 13
(iv) कार्बन की इलेक्ट्रॉनिक संरचना : PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 14

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
‘कैनाल रे’ की खोज किसने और कब की थी ?
उत्तर-
‘कैनाल रे’ को खोज ई० गोल्डस्टीन ने सन 1886 में की थी।

प्रश्न 2.
कैनाल किरणों पर कौन-सा आवेश होता है ? उत्तर-धन आवेश।

प्रश्न 3.
प्रोटॉन पर कौन-सा आवेश होता है ?
उत्तर-
धन आवेश।

प्रश्न 4.
प्रोटॉन परमाणु के किस भाग में होते हैं ?
उत्तर-
सबसे भीतरी भाग नाभिक में।

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प्रश्न 5.
डाल्टन के अनुसार परमाणु के मूल गुण क्या थे ?
उत्तर-
डाल्टन के अनुसार परमाणु अविभाज्य और अविनाशी है।

प्रश्न 6.
डॉल्टन के सिद्धांत को किस खोज ने गलत सिद्ध कर दिया था ?
उत्तर-
इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन की खोज ने।

प्रश्न 7.
परमाणु संरचना से संबंधित पहला मॉडल किसने प्रस्तुत किया था ?
उत्तर-
जे० जे० टॉमसन।

प्रश्न 8.
रदरफोर्ड ने एल्फा कणों के प्रकीर्णन प्रयोग में सोने की पन्नी क्यों चुनी थी ?
उत्तर-
रदरफोर्ड बहुत पतली परत चाहते थे जो 1000 परमाणुओं के बराबर मोटी हो।

प्रश्न 9.
एल्फा कण क्या होते हैं ?
उत्तर-
दविआवेशित हीलियम (He2+) कण होते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 10.
एल्फा कणों पर कौन-सा आवेश होता है ?
उत्तर-
धन आवेश ।

प्रश्न 11.
एल्फा कणों का द्रव्यमान कितना होता है ?
उत्तर-
4u.

प्रश्न 12.
नील्स बोर ने रदरफोर्ड के मॉडल पर उठी आपत्तियों को किस प्रकार दूर किया ?
उत्तर-
नील्स बोर ने स्पष्ट किया कि इलेक्ट्रॉन कुछ निश्चित कक्षाओं में ही चक्कर लगा सकते हैं जिनसे ऊर्जा का विकिरण नहीं होता।

प्रश्न 13.
ऊर्जा स्तर किसे कहते हैं ?
उत्तर-
इलेक्ट्रॉन जिन निश्चित कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं उन्हें ऊजां स्तर कहते हैं। इन्हें K. L, M. N… या 1, 2, 3, 4 … के द्वारा निरूपित किया जाता है।

प्रश्न 14.
परमाणु द्रव्यमान किसे कहते हैं ?
उत्तर-
परमाणु द्रव्यमान – परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के द्रव्यमान के योग को परमाणु द्रव्यमान कहते हैं।

प्रश्न 15.
विभिन्न कक्षाओं में इलेक्ट्रॉनों के वितरण का नियम किसने प्रस्तुत किया था ?
उत्तर-
बोर और बरी ने।

प्रश्न 16,
परमाणु के विभिन्न कक्षाओं में इलेक्ट्रॉनों की कक्षा में वितरण करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर-
2n2जहां ‘n’ कक्षा की संख्या या ऊर्जा स्तर होता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 17.
पहली चार कक्षाओं में क्रम से इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या लिखिए।
उत्तर-
2, 8. 18. 32.

प्रश्न 18.
सबसे बाह्यतम कोश में अधिकतम कितने इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं ?
उत्तर-
8.

प्रश्न 19.
रासायनिक रूप से कौन-से तत्व सक्रिय नहीं होते ?
उत्तर-
जिन तत्वों के परमाणुओं के बाह्यतम कक्ष पूर्ण रूप से भरे होते हैं, वे रासायनिक दृष्टि से सक्रिय नहीं होते।

प्रश्न 20.
अष्टक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
अष्टक -आट इलेक्ट्रॉन वालं सबसे बाहरी कक्ष को अप्टक कहते हैं।

प्रश्न 21.
तत्व की संयोजकता क्या होती है ?
उत्तर-
संयोजकता – परमाणा के बाहयतम कक्ष में इलेक्ट्रॉनों के अष्टक बनाने के लिए जितनी संख्या में इलेवटॉनों का सामेदारी या स्थानांतरण होता है. वह उस तत्व की संयोजकता होती है।

प्रश्न 22.
परमाणु संख्या किसे कहते हैं ?
उत्तर-
परमाणु संख्या – किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों की कुल संख्या को परमाणु संख्या कहते है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 23.
न्यूक्लिऑन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
न्यूक्लिऑन – कियो परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन और न्यूट्रॉन को न्यूक्लिऑन कहते हैं।

प्रश्न 24.
परमाण का लगभग संपूर्ण द्रव्यमान कहां स्थित होता है ?
उत्तर-
परमाणु के नाभिक में।

प्रश्न 25.
द्रव्यमान संख्या किसे कहते हैं ?
उत्तर-
द्रव्यमान संख्या – किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों और न्यूटॉनों की कुल संख्या के योग को द्रव्यमान संख्या कहते हैं।

प्रश्न 26.
समस्थानिक किस कहते हैं ?
उत्तर-
समस्थानिक ( आइसोटोप)- एक ही तत्व के परमाणु जिनकी परमाणु संख्या समान लेकिन द्रव्यमान संख्या भिन्न होती है, उसे समस्थानिक कहते हैं।

प्रश्न 27.
क्लोरीन के दो समस्थानिक लिखिए।
उत्तर-
\({ }_{17}^{35} \mathrm{U}\) तथा \({ }_{17}^{37} \mathrm{U}\)

प्रश्न 28.
कार्बन के दो समस्थानिक लिखिए।
उत्तर-
\({ }_{16}^{12} \mathrm{U}\) तथा \({ }_{16}^{14} \mathrm{U}\)।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 29.
क्लोरीन के परमाणु का द्रव्यमान क्या है ?
उत्तर-
35.5.

प्रश्न 30.
कैंसर के उपचार में किस तत्व के समस्थानिक का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
कोबाल्ट के समस्थानिक का।

प्रश्न 31.
घेघा रोग के इलाज में किस तत्व के समस्थानिक का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
आयोडीन के समस्थानिक का।

प्रश्न 32.
परमाणु भट्टी में ईंधन के रूप में किस तत्व के समस्थानिक का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर-
यूरेनियम का।

प्रश्न 33.
समभारिक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
समभारिक-भिन्न-भिन्न परमाणु संख्या पर समान द्रव्यमान संख्या वाले तत्वों को समभारिक कहते हैं।

प्रश्न 34.
दो समभारिक तत्वों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. कैल्सियम
  2. आर्गान।

प्रश्न 35.
हाइड्रोजन के तीन समस्थानिकों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. प्रोटियम (\({ }_{1}^{1} \mathrm{H}\))
  2. ड्यूटीरियम (\({ }_{1}^{2} \mathrm{H}\))
  3. ट्राइटियम (\({ }_{1}^{3} \mathrm{H}\))

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प्रश्न 36.
यदि किसी तत्व के K तथा L शैल संपूर्ण रूप से इलैक्ट्रॉनों से भरे हों तो इसमें इलेक्ट्रॉनों की कुल कितनी संख्या होगी ? ।
उत्तर-
इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 10 (K = 2, L = 8)

प्रश्न 37.
परमाणु के कौन-से इलेक्ट्रॉन तत्व के गुणों को निर्धारित करते हैं ?
उत्तर-
वेलैंस इलेक्ट्रॉन।

प्रश्न 38.
क्लोरीन परमाणु की द्रव्यमान संख्या 35 और परमाणु संख्या 17 है। आप क्लोरीन परमाणु को कैसे प्रदर्शित करोगे ?
उत्तर-
\({ }_{17}^{35} \mathrm{Cl}\)

प्रश्न 39.
उस अवपरमाणुक कण का नारा बताओ जो परमाणु का आकार निर्धारित करता है।
उत्तर-
इलेक्ट्रॉन।

प्रश्न 40.
उन पदार्थों ( परमाणुओं) को क्या कहते हैं जिनके रासायनिक गुण समान हों परंतु भौतिक गुण अलग हों ?
उत्तर-
समस्थानिक (आइसोटोप)।

प्रश्न 41.
Mg2+ आयन में 10 इलैक्ट्रॉन हैं। Mg2+ में प्रोटॉनों की संख्या क्या होगी ?
उत्तर-
12

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प्रश्न 42.
वह कौन-सा तत्व है जिसके परमाणु के नाभिक में न्यूट्रॉन उपस्थित नहीं है ?
उत्तर-
हाइड्रोजन।

प्रश्न 43.
किसी तत्व के समस्थानिकों में निम्न कणों में से कौन-कौन से समान संख्या में होते हैं : इलेक्ट्रॉन, प्रोट्रॉन, न्यूट्रॉन ?
उत्तर-
इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन।

प्रश्न 44.
हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक हैं : \({ }_{1}^{1} \mathrm{H}\), \({ }_{1}^{2} \mathrm{H}\), \({ }_{1}^{3} \mathrm{H}\) ये सभी विद्युतीय उदासीन क्यों हैं ?
उत्तर-
इन तीनों में एक प्रोटॉन तथा एक इलेक्ट्रॉन उपस्थित है।

प्रश्न 45.
एक तत्व के परमाणु की परमाणु संख्या 16 है। उसके संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा संयोजकता विन्यास लिखें।
उत्तर-
संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 6
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PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
रासायनिक संयोजन के नियमों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
वैज्ञानिक आंतवाँ एल० लवाइजिए तथा जोसफ एल० पाउस्ट ने रासायनिक संयोजन के दो नियम प्रतिपादित किए थे।

I. द्रव्यमान संरक्षण या द्रव्य की अविनाशिता का नियम
रूस के वैज्ञानिक एम०वी० लोमोनोसोव (M.V. Lomonosov) ने 1756 ई० में ‘द्रव्यमान संरक्षण के नियम’ का प्रतिपादन किया। द्रव्यमान संरक्षण के नियम के अनुसार जब रासायनिक परिवर्तन पूरा होता है तो रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो सृजन होता है और न ही विनाश होता है। अतः किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में परिवर्तन के उपरान्त भी पदार्थ का कुल द्रव्यमान उतना ही रहता है जितना अभिक्रिया से पूर्व था।
∴ अभिक्रिया से पूर्व अभिकारकों का कुल द्रव्यमान = अभिक्रिया के उपरांत उत्पादों का कुल द्रव्यमान इस नियम को निम्न प्रयोग द्वारा सिद्ध किया जा सकता है।
प्रयोग – एक फ्लास्क लो। इसमें अग्रलिखित X और Y रसायनों का युगल लो।

X – Y
(i) कॉपर सल्फेट – सोडियम कार्बोनेट
(ii) बेरियम क्लोराइड – सोडियम सल्फेट
(iii) लेड नाइट्रेट – सोडियम क्लोराइड

इनमें से ‘Y’ विलयन को एक शंक्वाकार फ्लास्क में तथा ‘X’ विलयन को एक क्वथन नली में लो। क्वथन नली को विलयन युक्त फ्लास्क में इस प्रकार लटकाओ कि दोनों विलयन आपस में न मिलें। फ्लास्क का मुंह कार्क से बंद कर दें। फ्लास्क में सभी वस्तुओं को ध्यानपूर्वक तोलो तथा फ्लास्क को इस प्रकार हिलाओ कि ‘X’ और ‘Y’ विलयन आपस में मिल जाए। रासायनिक क्रिया के बाद फ्लास्क को तोलो। द्रव्यमान अपरिवर्तित रहेगा जबकि अंतर्वस्तुओं में रासायनिक क्रिया से परिवर्तन होगा। इससे द्रव्यमान संरक्षण का नियम सिद्ध हो जाता है।
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II. स्थिर अनुपात का नियम
रखी हुई x विलयन युक्त क्वथन नली। इस नियम को फ्रेंच वैज्ञानिक जे० एल० प्राउस्ट (J. L. Proust) ने 1799 ई० में प्रतिपादित किया। इस नियम के अनुसार,
प्रत्येक रासायनिक यौगिक में भले वह किसी भी विधि से बनाया या प्राप्त किया गया हो, तत्वों के द्रव्यमान एक निश्चित अनुपात में संयुक्त रहते हैं।
इस नियम से यह स्पष्ट है कि प्रत्येक यौगिक का रासायनिक संघटन निश्चित होता है, जो उसके बनाने की विधि या स्रोत (Source) पर निर्भर नहीं करता है।

उदाहरण 1.-जल (H2O) हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन का यौगिक है। जल को विभिन्न विधियों द्वारा बनाया जा सकता है और प्राकृतिक साधनों द्वारा भी प्राप्त किया जा सकता है। किसी भी प्रकार से प्राप्त जल का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि जल में हाइड्रोजन व ऑक्सीजन, भार की दृष्टि से 1 : 8 के अनुपात में संयुक्त है।

उदाहरण 2.-कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) कार्बन तथा ऑक्सीजन का यौगिक है। इसे
(i) कार्बन को वायु में जलाकर,
(ii) कैल्सियम कार्बोनेट को गर्म करके अथवा
(iii) सोडियम कार्बोनेट पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया करके प्राप्त किया जा सकता है। तीनों विधियों से प्राप्त CO2 का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि इनमें कार्बन व ऑक्सीजन, द्रव्यमान की दृष्टि से 12 : 32 अर्थात् 3 : 8 के अनुपात में संयुक्त रहते हैं।
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PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 2.
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत की विवेचन कीजिए।
उत्तर-
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के अनुसार, सभी तत्व, यौगिक या मिश्रण सूक्ष्म कणों से बने होते हैं। इन सूक्ष्म कणों को परमाणु कहते हैं। डाल्टन के सिद्धांत की विवेचना इस प्रकार की जा सकती है-

  1. सभी द्रव्य परमाणुओं से निर्मित होते हैं।
  2. परमाणु अविभाज्य सूक्ष्मतम कण होते हैं जो रासायनिक अभिक्रिया में न तो बनाए जा सकते हैं न ही उनका विनाश होता है।
  3. दिए गए तत्व के सभी परमाणुओं का द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म समान होते हैं।
  4. भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणुओं के द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म भिन्न-भिन्न होते हैं।
  5. भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु परस्पर छोटी पूर्ण संख्या के अनुपात में संयोग कर यौगिक बनाते हैं।
  6. किसी भी यौगिक में परमाणुओं की सापेक्ष संख्या और किस्म निश्चित होते हैं।

प्रश्न 3.
परमाणु द्रव्यमान को परिभाषित कीजिए। ग्राम-परमाणु भार किसे कहते हैं ?
अथवा
परमाणु द्रव्यमान व्यक्त करने का आधुनिक पैमाना क्या है ? इस पैमाने पर आप किसी तत्व का औसत सापेक्ष परमाणु द्रव्यमान किस प्रकार व्यक्त कर सकते हैं ?
उत्तर-
परमाणु द्रव्यमान – किसी तत्व का छोटे-से-छोटा कण परमाणु कहलाता है और वह रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग लेता है। परमाणु अत्यंत ही सूक्ष्म होता है और इसका वास्तविक द्रव्यमान ज्ञात करना कठिन है। तत्वों के परमाणु द्रव्यमान से उनका सापेक्ष द्रव्यमान ज्ञात होता है।

हाइड्रोजन का परमाणु सबसे हल्का होता है, इसलिए इसके परमाणु द्रव्यमान को इकाई मानकर अन्य तत्वों के सापेक्ष द्रव्यमान ज्ञात किए जाते हैं और इनको परमाणु द्रव्यमान कहा जाता है।

अतः किसी तत्व का परमाणु द्रव्यमान वह संख्या है जो यह प्रदर्शित करती है कि उस तत्व का एक परमाणु हाइड्रोजन के एक परमाणु से कितने गुना भारी है।
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कुछ वैज्ञानिकों ने अपने प्रयोगों के आधार पर परमाणु द्रव्यमान की इकाई हाइड्रोजन के एक परमाणु के द्रव्यमान के स्थान पर ऑक्सीजन के परमाणु द्रव्यमान के सोलहवें भाग (1/16) को अधिक सही माना है।
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अब परमाणु द्रव्यमान का ऑक्सीजन मानक भी मान्य नहीं रहा है; क्योंकि ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान इसके तीन समस्थानिकों (isotopes) का औसत द्रव्यमान होता है; इसलिए ऑक्सीजन को विश्वस्त न पाकर वैज्ञानिकों ने C12 को मानक निर्धारित किया है।

किसी भी तत्व का परमाणु द्रव्यमान इसके परमाणु का औसत सापेक्ष द्रव्यमान (Average relative mass) होता है, जबकि उसकी तुलना कार्बन परमाणु (C12) समस्थानिक) का भार 12 मानकर की जाती है।
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ग्राम परमाणु द्रव्यमान – जब परमाणु द्रव्यमान को ग्राम में प्रकट करते हैं, तो वह ग्राम परमाणु द्रव्यमान कहलाता है।
उदाहरण-कैल्सियम का परमाणु द्रव्यमान 40 है तथा इसका परमाणु द्रव्यमान 40 ग्राम है।

प्रश्न 4.
सरल यौगिकों के सत्र किस प्रकार लिखे जाते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
दो अलग-अलग तत्वों से बने सरलतम यौगिकों को द्विअंगी यौगिक कहते हैं।
आण्विक यौगिकों को रासायनिक सूत्र लिखते समय पहले संघटक तत्वों के प्रतीक लिखकर उनकी संयोजकताएं लिखी जाती हैं। जैसा कि इसके नीचे दिए उदाहरणों में प्रकट किया गया है। इसके बाद संयोजित परमाणुओं की संयोजकताओं को क्रॉस (Cross) करके अणु सूत्र लिखते हैं।

1. हाइड्रोजन क्लोराइड का सूत्र
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 6
अतः हाइड्रोजन क्लोराइड का रासायनिक सूत्र HCl है।

2. सोडियम सल्फाइट के सूत्र
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 7
अतः सोडियम सल्फाइट का सूत्र Na2SO3 है।

3. कार्बन टेट्राक्लोराइड का सूत्र
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 8
अत: कार्बन टेट्राक्लोराइड का सूत्र CCl4 है।

4. मैग्नीशियम क्लोराइड का सूत्र
मैग्नीशियम क्लोराइड का सूत्र ज्ञात करने के लिए पहले हम धनायन का संकेत (Mg2+) लिखते हैं। इसके बाद ऋणायन क्लोराइड (Cl) लिखते हैं तथा आवेशों को क्रॉस-गुणा (criss-cross) करके हम सूत्र प्राप्त करते हैं।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 9
अतः मैग्नीशियम क्लोराइड का सूत्र MgCl2 है।

5. ऐलुमिनियम ऑक्साइड का सूत्र :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 10
अतः ऐलुमिनियम ऑक्साइड का सूत्र Al2O3 है।

6. कैल्सियम ऑक्साइड का सूत्र :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 11
इनमें दोनों तत्वों की संयोजकताएं समान हैं। अतः इसका सूत्र Ca2O2 प्राप्त होगा, किंतु हम इस सूत्र को CaO के रूप में सरलीकृत करते हैं।

बहुपरमाणुक आयनों वाले यौगिक
1. सोडियम नाइट्रेट का सूत्र :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 12
अतः सोडियम नाइट्रेट का सूत्र : NaNO3

2. कैल्सियम हाइड्रोक्साइड का सूत्र :
जब सूत्र में एक ही आयन के दो या दो से अधिक आयन होते हैं तो उनके लिए कोष्ठक का उपयोग किया जाता है। यहां पर OH के कोष्ठक में रखकर पादांक 2 लगाते हैं जो यह दर्शाता है कि एक कैल्सियम परमाणु के साथ दो हाइड्रोक्सिल समूह जुड़े हैं।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 13
अतः कैल्सियम हाइड्रोक्साइड सूत्र : Ca (OH)2

3. सोडियम कार्बोनेट का सूत्र :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 14
अतः सोडियम कार्बोनेट सूत्र : Na2CO3
इसमें कोष्ठक के उपयोग की आवश्यकता नहीं है क्योंकि बहुपरमाणुक आयन कार्बोनेट का एक ही आयन विद्यमान है।

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प्रश्न 5.
मोल संकल्पना क्या है ? इसकी आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए मोलर-द्रव्यमान को पारिभाषित कीजिए।
उत्तर-
मोल संकल्पना – रसायन शास्त्र में अतिसूक्ष्म स्तर पर कणों (जैसे-परमाणुओं, अणुओं, कणों, इलेक्ट्रॉनों आदि) की संख्या ज्ञात करने के लिए रसायनज्ञों को एक मानक मात्रक की आवश्यकता अनुभव हुई। इसलिए मोल संकल्पना का प्रतिपादन हुआ। मोल संकल्पना के अनुसार, “किसी पदार्थ का एक मोल उसकी वह मात्रा है जिसमें उतने ही कण उपस्थित होते हैं, जितने कार्बन-12 समस्थानिक के ठीक 12 ग्राम में परमाणुओं की संख्या होती है।

किसी पदार्थ के एक मोल में कणों की संख्या सदैव समान होगी, भले ही वह कोई भी पदार्थ हो। इस संख्या के सही निर्धारण के लिए कार्बन-12 परमाणु का द्रव्यमान, द्रव्यमान स्पेक्ट्रममापी द्वारा ज्ञात किया गया जिसका मान 1.992648 × 10-23 ग्राम प्राप्त हुआ। कार्बन के 1 मोल का द्रव्यमान 12 ग्राम होता है; अतः कार्बन के 1 मोल में परमाणुओं की संख्या इस प्रकार होगी-
= PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 15
= 6.0221367 × 1023 ≈ 6.022 × 1023 परमाणु/मोल
इसे ‘आवोगादो संख्या’ कहते हैं तथा ‘N’ या ‘NA‘ से व्यक्त करते हैं।
मोल संकल्पना की आवश्यकता – परमाणु और अणु आकार में अत्यंत छोटे होते हैं तथा किसी पदार्थ को बहत कम मात्रा में भी इनकी संख्या बहुत अधिक होती है, इतनी बड़ी संख्याओं के साथ कार्य करने के लिए इतने ही परिमाण के एक मात्रक को आवश्यकता होती है। मोल संकल्पना के अनुसार 12 ग्राम कार्बन में 6.022 × 1023 (आवोगाद्रो संख्या) कार्बन-परमाणु होते हैं क्योंकि इन कणों को गिनना संभव नहीं है, इसलिए इनकी संख्या को मोल में व्यक्त करके कार्य करना सुगम हो जाता है।
उदाहरणस्वरूप-
1 मोल में ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या = 6.022 × 1023
∴ 3 मोल में ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या = 3 × 6.022 × 1023
= 1.8066
= 1.81 × 1024 परमाणु मोलर द्रव्यमान-किसी पदार्थ के एक मोल को ग्राम में व्यक्त द्रव्यमान को उसका ‘मोलर द्रव्यमान’ कहते हैं। ग्राम में व्यक्त मोलर द्रव्यमान संख्यात्मक रूप से परमाणु द्रव्यमान या आण्विक द्रव्यमान या सूत्र दव्यमान के बराबर होता है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
“उच्च ताप पर वायु में चूने के पत्थर (CaCO3) को गर्म करने से द्रव्यमान कम हो जाता है, परंतु लोहे का द्रव्यमान बढ़ जाता है।” ये तथ्य द्रव्यमान-संरक्षण की पुष्टि किस प्रकार करते हैं ?
उत्तर-
चूने के पत्थर को गर्म करने पर कैल्सियम ऑक्साइड तथा कार्बन डाइऑक्साइड प्राप्त होती है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 16

चूँकि CO2 बाहर निकल जाती है, इसलिए CaCO3 के भार में कमी आ जाती है। अभिकारक पदार्थों (CaCO3) व उत्पादों (CaO + CO2) का द्रव्यमान बराबर होता है; अतः इसी से द्रव्यमान-संरक्षण नियम की पुष्टि होती है। अब लोहे को गर्म करने से लोहे का ऑक्साइड (Fe2 O3) बनता है।
4Fe + 3O2 → 2Fe2 O3
रासायनिक क्रिया के अनुसार लोहे का ऑक्सीकरण होने से द्रव्यमान बढ़ जाता है, परंतु अभिकारक पदार्थों व उत्पाद का द्रव्यमान समान रहता है।

इन तथ्यों से प्रकट होता है कि द्रव्य को न तो नष्ट किया जा सकता है और न ही उत्पन्न किया जा सकता है, केवल उसका रूप बदलता है। अतः इससे द्रव्यमान-संरक्षण नियम की पुष्टि होती है।

प्रश्न 2.
परमाणु द्रव्यमान इकाई (a.m.u.) से आप का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
परमाणु द्रव्यमान इकाई (a.m.u.) – आजकल परमाणु द्रव्यमान को कार्बन-12 परमाणु (6C12) के द्रव्यमान के सापेक्ष व्यक्त किया जाता है। परमाणु द्रव्यमान मात्रक को a.m.u. द्वारा प्रदर्शित करते हैं। कार्बन-12 के एक परमाणु का द्रव्यमान स्वेच्छा से 12 a.m.u. मान लिया गया है। अत: कार्बन-12 के एक परमाणु के द्रव्यमान के बारहवें (1/12) भाग को परमाणु द्रव्यमान इकाई कहते हैं।

परमाणु द्रव्यमान इकाई (1 a.m.u.) = \(\frac {1}{12}\) × कार्बन-12 परमाणु का द्रव्यमान

कार्बन-12 समस्थानिक के एक परमाणु का वास्तविक द्रव्यमान 1.9926 × 10-23 ग्राम होता है जो 12 a.m.u. के बराबर होता है।

∴ 1 a.m.u. = \(\frac{1.9926 \times 10^{-23}}{12}\)
= 1.66 × 10-24 ग्राम 1.66 × 10-24 ग्राम को a.m.u. का ग्राम तुल्यांक (gram equivalent) कहते हैं।
तत्वों के विभिन्न समस्थानिकों के परमाणुओं के द्रव्यमान तथा सब परमाण्विक कणों के द्रव्यमान प्रायः a.m.u. में व्यक्त किए जाते हैं। उदाहरणार्थ-7N14 के एक परमाणु का द्रव्यमान = 14.0032 a.m.u. इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान = 0. 0005486 a.m.u.

प्रश्न 3.
कुछ तत्वों के परमाणु द्रव्यमान पूर्णांक नहीं होते। क्यों ?
उत्तर-
किसी तत्व का परमाणु द्रव्यमान उसके समस्थानिकों के परमाणु द्रव्यमान के सापेक्ष औसत द्रव्यमान होता है। यह सदा पूर्णांक में नहीं होता और इसी कारण कुछ तत्वों के परमाणु द्रव्यमान पूर्णांक नहीं होते। उदाहरण के लिए क्लोरीन के दो समस्थानिक हैं। क्लोरीन का 75% ऐसा है जिसका परमाणु द्रव्यमान 35 है और 25% परमाणु का द्रव्यमान 37 है। इसलिए इसका परमाणु द्रव्यमान 35.5 है।
∴ क्लोरीन का परमाणु द्रव्यमान = \(\frac{3 \times 35+1 \times 37}{4}\)
= \(\frac{105+37}{4}\)
= \(\frac{142}{4}\) = 35.5

प्रश्न 4.
तत्वों के अणुओं की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
तत्वों के अणुओं की विशेषताएं-

  1. तत्वों के अणु एक ही प्रकार के परमाणुओं द्वारा रचित होते हैं।
  2. अधातुओं में अणु एक से अधिक परमाणुओं से बनते हैं, जैसे ऑक्सीजन अणु दो ऑक्सीजन परमाणुओं से बनता है, इसलिए इसे द्वि-परमाणु अणु O2 कहते हैं। यदि सामान्यतः 2 के स्थान पर 3 ऑक्सीजन परमाणु परस्पर संयोग करते हैं तो हमें ओज़ोन प्राप्त होता है।
  3. किसी अणु की संरचना में प्रयुक्त होने वाले परमाणुओं की संख्या को उस अणु की परमाणुकता कहते हैं।
  4. धातु अणुओं एवं कार्बन जैसे अन्य तत्वों के अणुओं की सरल संरचना नहीं होती है किंतु उनके अणुओं में असीमित परमाणु परस्पर बंधे होते हैं।

प्रश्न 5.
प्रतीक किस आधार पर तैयार किए गए हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
आजकल इंटरनैश्नल यूनियन ऑफ प्योर एंड एप्लाइड केमिस्ट्री (IUPAC) तत्वों के नामों को स्वीकृति देता है।
(i) अधिकतर तत्वों के प्रतीक उन तत्वों के अंग्रेजी नामों के एक या दो अक्षरों से बने होते हैं। किसी प्रतीक का पहला अक्षर सदैव बड़े अक्षर में तथा दूसरा अक्षर छोटे अक्षर में लिखा जाता है जैसे
(क) ऑक्सीजन, O
(ख) ऐलुमिनियम, Al
(ग) कोबाल्ट CO

(ii) कुछ तत्वों के प्रतीक उनके अंग्रेजी नामों के प्रथम अक्षर तथा बाद में आने वाले किसी एक अक्षर को संयुक्त करके बनाते हैं जैसे-मैग्नीज़ (Mn), क्लोरीन (Cl), जिंक (Zn) आदि।

(iii) अन्य तत्वों के प्रतीकों को लैटिन, जर्मन और ग्रीक भाषाओं में उनके नामों से बनाया गया है। जैसे-लोहा (Iron) का प्रतीक Fe है, जो उसके लैटिन नाम फेरम से व्युत्पन्न किया गया है। इसी प्रकार सोडियम का प्रतीक Na तथा पोटाशियम का प्रतीक K क्रमश: नैट्रियम एवं केलियम से व्युत्पन्न हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 6.
अणु और परमाणु में अंतर लिखिए।
उत्तर-
अणु और परमाणु में अंतर-

अणु परमाणु
1. अणु दो या दो से अधिक परमाणुओं के मिलने से बनता है। 1. परमाणु रासायनिक क्रियाओं में भाग लेने वाला पदार्थ का सूक्ष्मतम कण है।
2. यह मुक्त अवस्था में रह सकता है। 2. यह मुक्त अवस्था में रह सकता है और नहीं भी।

प्रश्न 7.
आयन किसे कहते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
आयन-धातु और अधातु युक्त यौगिक आवेशित कणों से बने होते हैं। इन आवेशित कणों को आयन कहते हैं। आयन पर ऋण या धन आवेश होता है। ऋण आवेशित कण को ऋणायन (anion) तथा धन आवेशित कण को धनायन (cation) कहते हैं। सोडियम क्लोराइड (NaCl) में धनात्मक सोडियम आयन (Na+) तथा ऋणात्मक क्लोराइड आयन (Cl) संघटक कण के रूप में विद्यमान होते हैं। अत: आयन एक आवेशित परमाणु अथवा परमाणुओं का एक ऐसा समूह होता है जिस पर नेट आवशेष विद्यमान होता है।

प्रश्न 8.
जल, अमोनिया, कार्बन डाइऑक्साइड, कैल्शियम ऑक्साइड तथा सोडियम क्लोराइड के संघटक तत्वों के द्रव्यमान अनुपात लिखिए।
उत्तर-

यौगिक संयुक्त तत्व संघटक तत्वों के द्रव्यमान का अनुपात
जल हाइड्रोजन, ऑक्सीजन 1 : 8
अमोनिया नाइट्रोजन, हाइड्रोजन 14 : 3
कार्बन डाइऑक्साइड कार्बन, ऑक्सीजन 3 : 8
कैल्सियम ऑक्साइड कैल्सियम, ऑक्सीजन 40 : 16 अर्थात् 5 : 2
सोडियम क्लोराइड सोडियम, क्लोरीन 23 : 35.5

प्रश्न 9.
किसी तत्व के परमाणु तथा उसके आयन में अंतर लिखिए।
उत्तर-
तत्व के परमाण तथा आयन में अंतर-

परमाणु आयन
(1) परमाणु विद्युत् आवेश की दृष्टि से उदासीन होते हैं। (1) आयन आवेशित कण होते हैं। वे धनात्मक तथा ऋणात्मक आवेशित हो सकते हैं।
(2) परमाणु अभिक्रियाशील होता है क्योंकि इनका बाह्यतम कोश पूर्ण नहीं होता। (2) आयन की इलैक्ट्रॉनिक संरचना किसी एक उत्कृष्ट गैस की इलैक्ट्रॉनिक संरचना के बराबर होती है तथा स्थाई होती है।
(3) परमाणु में प्रोटॉनों तथा इलैक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है। (3) धनायन में इलैक्ट्रॉन की संख्या प्रोटॉनों से कम तथा ऋण आयन में प्रोटॉनों से अधिक होती है।

प्रश्न 10.
Na परमाणु की अपेक्षा Na+ आयन क्यों स्थायी है ?
उत्तर-
Na+ आयन Na (2, 8, 1) परमाणु से एक इलैक्ट्रॉन खोने पर बनता है। इनका विन्यास 2, 8 है। यह विन्यास निष्क्रिय गैस विन्यास के समान है। अत: Na+ आयन Na परमाणु की अपेक्षा अधिक स्थायी है।

प्रश्न 11.
रासायनिक सूत्र किसे कहते हैं ? पानी का उदाहरण बताओ कि रासायनिक सूत्र से हमें क्याक्या जानकारी मिलती है ?
उत्तर-
रासायनिक सूत्र – किसी भी यौगिक के अणु में विभिन्न तत्वों के परमाणु विद्यमान होते हैं। उदाहरण के लिए हाइड्रोजन का अणु म परमाणुओं के मेल से बनता है। उसी प्रकार अमोनिया का अणु H और N परमाणुओं के मेल से बनता है। इसलिए किसी भी पदार्थ के अणु को उसमें विद्यमान तत्वों के संकेतों द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है। विभिन्न तत्वों के संकेतों की सहायता से किसी पदार्थ का प्रदर्शन ही सूत्र कहलाता है। अतः सूत्र को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है, “किसी पदार्थ के अणु का उसके अवयवी तत्वों के प्रतिरूप संक्षिप्त प्रतीक ही सूत्र है।”

रासायनिक सूत्र का महत्त्व – पानी का उदाहरण लेते हुए इसके महत्त्व पर विचार करते हैं। पानी का रासायनिक सूत्र H2O है।

  1. सूत्र से ज्ञात होता है कि हाइड्रोजन का एक अणु तथा ऑक्सीजन के दो अणु एक-दूसरे के साथ संयोजित होते हैं।
  2. ऑक्सीजन की संयोजकता 2 है जबकि हाइड्रोजन की एक।
  3. H2O का द्रव्यमान 18 है। ऑक्सीजन का परमाणु भार 16 और हाइड्रोजन का 2 है।
  4. यौगिक वैद्युत् रूप से उदासीन है। इस पर कोई चार्ज (आवेश) नहीं है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 12.
जल के अणु में उपस्थित परमाणुओं की संख्या का सरलतम अनुपात ज्ञात करें।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 17

प्रश्न 13.
निम्नलिखित के सूत्र लिखिए-
(i) ऐलुमिनियम क्लोराइड
(iii) अमोनियम कार्बोनेट
(ii) फॉस्फोरस पेंटाक्लोराइड
(iv) डाइनाइट्रोजन ट्रेटाऑक्साइड
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 18

प्रश्न 14.
निम्नलिखित सूत्र लिखिए-
उत्तर-
(i) जिंक सल्फेट
(it) मैग्नीशियम कार्बोनेट
(iii) फैरस क्लोराइड
(iv) ऐल्युमिनियम एसीटेट
(v) सिल्वर नाइट्रेट
(vi) प्लम्बस नाइट्रेट
(vii) अमोनियम सल्फाइड
(viii) पोटाशियम बाइकार्बोनेट।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 19

प्रश्न 15.
निम्नलिखित के द्वारा बने यौगिकों के सूत्र तथा नाम लिखिए-
(1) Fe3+ तथा SO42-
(ii) Cr3+ तथा PO43-
(iii) Hg22+ तथा Cl
(iv) NH4+ तथा CO32-
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 20

प्रश्न 16.
निम्नलिखित के द्वारा बने यौगिकों के सूत्र तथा नाम लिखिए-
(i) प्लम्बस आयन तथा नाइट्रेट आयन
(it) निकिल आयन तथा कार्बोनेट आयन
(iii) कैल्सियम आयन तथा ऑक्सेलेट आयन
(iv) अमोनियम आयन तथा ऐसीटेट आयन
(v) मैग्नीशियम आयन तथा कार्बोनेट आयन।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 21

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 17.
निम्नलिखित यौगिकों के नाम लिखिए-
(i) HgCl
(ii) (NH4)2CO3
(iii) NaHCO3
(iv) CrPO4
(v) Sr(HCO3)2
(vi) PtBr4
(vii) ZnS
(viii) BaC2O4
(ix) Pb(NO3)2
(x) Fe2(SO4)3
(xi) CuSO3
(xii) PCI5
(xiii) (NH4)2Cr2O7
(xiv) Ni(NO3)2
उत्तर-
(i) मयूरस क्लोराइड
(ii) अमोनियम कार्बोनेट
(iii) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट
(iv) क्रोमियम फॉस्फेट
(v) स्ट्रॉन्शियम बाइकार्बोनेट
(vi) प्लेटिनम ब्रोमाइड
(vii) जिंक सल्फाइड
(viii) बेरियम आक्सेलेट
(ix) लैड नाइट्रेट
(x) फैरिक सल्फेट
(xi) कॉपर सल्फाइट
(xii) फास्फोरस पेंटाक्लोराइड
(xiii) अमोनियम डाइक्रोमेट
(xiv) निकल नाइट्रेट।

संख्यात्मक प्रश्न (Numerical Problems)

प्रश्न 1.
4 ग्राम हाइड्रोजन तथा 32 ग्राम ऑक्सीजन के रासायनिक संयोग से 36 ग्राम जल बना । ये रासायनिक संयोग के किस नियम की पुष्टि करता है ? कारण सहित बताइए।
हल :
रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारकों का कुल द्रव्यमान = 32 ग्राम + 4 ग्राम
= 36 ग्राम
उत्पाद का द्रव्यमान = 36 ग्राम
चूंकि अभिकारकों का कुल द्रव्यमान उत्पाद के द्रव्यमान के बराबर है अतः यह उदाहरण द्रव्य की अविनाशिता के नियम की पुष्टि करता है।

प्रश्न 2.
कार्बन तथा ऑक्सीजन संयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनाते हैं। वे 3 : 8 के अनुपात में संयोग करते हैं। 6.0g कार्बन के साथ पूर्ण अभिक्रिया करने के लिए कितनी ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ेगी। उत्पन्न हुई कार्बन डाइऑक्साइड गैस के द्रव्यमान का भी परिकलन कीजिए। इस प्रकार आपके उत्तर के लिए रासायनिक संयोजन का कौन-सा नियम लागू होता है ?
उत्तर-
कार्बन तथा ऑक्सीजन स्थिर अनुपात नियम के अनुसार परस्पर संयोग करते हैं।
कार्बन : ऑक्सीजन = 3 : 8
∴ 3g कार्बन जितनी ऑक्सीजन के साथ संयोग करता है = 8g
6g कार्बन जितनी ऑक्सीजन से संयोग करता है = \(\frac{8}{3}\) × 6 = 16g
कार्बन तथा ऑक्सीजन की कुल मात्रा 6 + 16 = 22g
∵ अभिकारकों की कुल मात्रा = उत्पादों की कुल मात्रा
∴ कार्बन डाइऑक्साइड की कुल मात्रा = 22g

प्रश्न 3.
170 ग्राम सिल्वर नाइट्रेट, सोडियम क्लोराइड से अभिक्रिया करके 143.5 ग्राम सिल्वर क्लोराइड तथा 85 ग्राम सोडियम नाइट्रेट देता है। सोडियम क्लोराइड का द्रव्यमान कितना होगा ?
हल :
प्रश्नानुसार,
सिल्वर नाइट्रेट का द्रव्यमान = 170
ग्राम सिल्वर क्लोराइड का द्रव्यमान = 143.5 ग्राम
सोडियम नाइट्रेट का द्रव्यमान = 85 ग्राम
मान लो, सोडियम क्लोराइड का द्रव्यमान = x ग्राम
द्रव्यमान संरक्षण के नियम के अनुसार,
अभिकारकों का कुल द्रव्यमान = उत्पादों का कुल द्रव्यमान
रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण :
NaCl + AgNO3 = AgCl + NaNO3
x + 170 = 143.5 + 85
x = (143.5 + 85 – 170)
= (228.5 – 170) ग्राम
= 58.5 ग्राम
इसलिए सोडियम क्लोराइड (NaCl) का द्रव्यमान = 58.5 ग्राम उत्तर

प्रश्न 4.
सिद्ध कीजिए कि निम्नलिखित आंकड़े स्थिर अनुपात के नियम की पुष्टि करते हैं। कॉपर मोनोऑक्साइड के दो नमूनों में कॉपर के द्रव्यमान निम्नलिखित हैं-
(i) 1.26 ग्राम कॉपर, 1.42 ग्राम कॉपर मोनो-ऑक्साइड में।
(ii) 1.008 ग्राम कॉपर, 1.136 ग्राम कॉपर मोनो-ऑक्साइड में।
(कॉपर का परमाणु द्रव्यमान = 63, ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान = 16)
हल : पहले नमूने में,
कॉपर मोनोऑक्साइड का द्रव्यमान = 1.42 ग्राम
कॉपर का द्रव्यमान = 1.26 ग्राम
∴ ऑक्सीजन का द्रव्यमान = (1.42 – 1.26) ग्राम = 0.16 ग्राम
अतः कॉपर तथा ऑक्सीजन के द्रव्यमान का अनुपात = 1.26 : 0.16
= 7.875 : 1
दूसरे नमूने में,
कॉपर मोनोऑक्साइड का द्रव्यमान = 1.136 ग्राम
कॉपर का द्रव्यमान = 1.008 ग्राम
ऑक्सीजन का द्रव्यमान = (1.136 – 1.008) ग्राम
= 0.128 ग्राम
अतः कॉपर तथा ऑक्सीजन का अनुपात = 0.008 ग्राम : 0.128 ग्राम
= 7.875 : 1
चूंकि इन दोनों नमूनों में कॉपर तथा ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात 7.875:1 है, इसलिए आँकड़ों से स्थिर अनुपात के नियम की पुष्टि होती है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 5.
एक प्रयोग में 2.4 ग्राम आयरन ऑक्साइड को हाइड्रोजन द्वारा पूर्णतया अपचयित करने पर 1.68 ग्राम आयरन प्राप्त होता है। दूसरे प्रयोग में 2.90 ग्राम आयरन ऑक्साइड अपचयित होने पर 2.03 ग्राम आयरन देता है। इन प्रयोगों के परिणामों से स्थिर अनुपात का नियम सिद्ध कीजिए।
हल :
पहले प्रयोग में,
आयरन ऑक्साइड का द्रव्यमान = 2.40 ग्राम ………………. (i)
आयरन का द्रव्यमान = 1.68 ग्राम ……………… (ii)
अतः संयुक्त ऑक्सीजन का द्रव्यमान = (i) … (ii)
= (2.40 – 1.68) ग्राम
= 0.72 ग्राम
अब आयरन एवं ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात = 1.68 : 0.72
= 7 : 3

दूसरे प्रयोग में,
आयरन ऑक्साइड का द्रव्यमान = 2.90 ग्राम ……………….. (iii)
आयरन का द्रव्यमान = 2.03 ग्राम …………….. (iv)
अतः संयुक्त ऑक्सीजन का द्रव्यमान = (iii) … (iv)
= (2.90 – 2.03) ग्राम
= 0.87 ग्राम आयरन एवं ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात = 2.03 : 0.87
= 7 : 3
चूँकि दोनों प्रयोगों में आयरन तथा ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात 7 : 3 है, इसलिए इससे स्थिर अनुपात के नियम की पुष्टि होती है।

प्रश्न 6.
कितने अणु विद्यमान होंगे ?
(a) 9g जल
(b) 17 g अमोनिया।
हल :
(a) जल (H2O) का आण्विक द्रव्यमान = 2 × H + 1 × O
= 2 × 1 + 16 × 1
= 18 a.m.u.
जल का 1 मोल = 18 g
= 6.022 × 1023 अणु
अर्थात् जल के 18 g में अणुओं की संख्या = 6.022 × 1023 अणु
जल के 9 g में अणुओं की संख्या = \(\frac{6.022 \times 10^{23} \times 9}{18}\)
= 3.011 × 1023 अणु

(b) NH3 का मोलर द्रव्यमान = 14 + 3 × 1 = 17 g /mol
NH3 की मोल संख्या = \(\frac{17 \mathrm{~g}}{17 \mathrm{~g} \mathrm{~mol}^{-1}}\) = 1 mol

प्रश्न 7.
17 ग्राम H2O2 में मोलों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल :
H2O2 का आण्विक द्रव्यमान = 1 × 2 + 16 × 2
= 34 a.m.u.
17 g H2O2 में मोलों की संख्या = \(\frac{1 \times 17}{34}\)
= \(\frac{1}{2}\) = 10.5 मोल

प्रश्न 8.
निम्नलिखित के आण्विक द्रव्यमान का परिकलन कीजिए।
(i) PCl5
(ii) NH3
(iii) CH2 Cl2
(iv) H2O2
(v) S8.
हल :
(i) PCl5 का आण्विक द्रव्यमान = 31 + 5 × 35.5
= 31 + 177.5
= 208.5 u

(ii) NH3 का आण्विक द्रव्यमान = 14 + 1 × 3
= 14 +3
= 17 u

(iii) CH2 Cl2 का आण्विक द्रव्यमान = 12 + 1 × 2 + 2 × 35.5
= 12 + 2 + 71
= 85u

(iv) H2O2 का आण्विक द्रव्यमान = 1 × 2 + 16 × 2
= 2 + 32
= 34u

(v) S8 का आण्विक द्रव्यमान = 32 × 8
= 256 u

प्रश्न 9.
निम्न यौगिकों के सूत्र इकाई द्रव्यमान का परिकलन कीजिए-
(i) MgO
(ii) CaCl2
(iii) CaCO3
(iv) AlCl3
हल :
(i) Mgo का सूत्र इकाई द्रव्यमान = 24 + 16
= 40g
= 40 u

(ii) CaCl2 का सूत्र इकाई द्रव्यमान = 40 + 2 × 35.5
= 40 + 71.0
= 111.0g
= 111 u

(iii) CaCO3 का सूत्र इकाई द्रव्यमान = 40 + 12 + 16 × 3
= 40+ 12 + 48
= 100g
= 100 u

(iv) AlCl3 का सूत्र इकाई द्रव्यमान = 27 + 3 × 35.5
= 27 + 106.5
= 133.5 g
= 133.5 u

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 10.
सोडियम कार्बोनेट (Na2 CO3.10H2O) एक औद्योगिक रासायनिक पदार्थ है। इसका सूत्र द्रव्यपान (Formula Mass) ज्ञात करो।
हल :
Na2 CO3.10H2O का सूत्र द्रव्यमान (Formula Mass)
= 23 × 2 + 12 + 3 × 16 + 10 (1 × 2 + 16)
= 46 + 12 + 48 + 10 (18)
= (46 + 12 + 48 + 180) g
= 286 g

प्रश्न 11.
निम्नलिखित पदार्थों के मोलर द्रव्यमान (Molar Mass) का परिकलन करो-
(a) इथाइन, C2H2
(b) सल्फर अणु, S8
(c) फॉस्फोरस अणु, P4
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, HCl
(e) नाइटिक अम्ल, HNO3
हल :
(a) C2H2 का मोलर द्रव्यमान (Molar Mass) = 12 × 2 + 1 × 2
= 26 a.m.u.
= 26g

(b) S8 का मोलर द्रव्यमान (Molar Mass) = 32 × 8
= 256 a.m.u.
= 256 g

(c) P4 का मोलर द्रव्यमान (Molar Mass) = 31× 4
= 124 a.m.u.
= 124g

(d) HCl का मोलर द्रव्यमान (Molar Mass) = 1 + 35.5
= 36.5 a.m.u.
= 36.5g

(e) HNO3 का मोलर द्रव्यमान (Molar Mass) = 1 + 14 + 16 × 3
= 1 + 14 + 48
= 63 a.m.u.
= 63g

प्रश्न 12.
ग्लूकोस (C6H12O8) अणु का आण्विक द्रव्यमान परिकलित कीजिए।
हल :
ग्लूकोस (C6H12O8) का आण्विक द्रव्यमान = 6 (12) + 12 (1) + 6 (16)
= (72) + (12) + (96)
= 180u

प्रश्न 13.
प्राप्त कार्बनडाइऑक्साइड की मात्रा का परिकलन कीजिए। जब-
(i) 1 मोल कार्बन को हवा में जलाया जाता है, और ।
(ii) 1 मोल कार्बन को 16 ग्राम ऑक्सीजन में जलाया जाता है।
हल :
हवा में कार्बन को जलाने का रासायनिक समीकरण निम्नलिखित है-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 22

(i) जब 1 मोल कार्बन को वायु में जलाया जाता है-
1 मोल कार्बन जलकर CO2 उत्पन्न करेगा = 1 मोल = 44 ग्राम

(ii) जब 1 मोल कार्बन को 16 ग्राम ऑक्सीजन में जलाया जाता है-
1 मोल कार्बन के लिए, आवश्यक ऑक्सीजन = 32 ग्राम = 1 मोल
परन्तु ऑक्सीजन का उपलब्ध द्रव्यमान = 16 ग्राम = \(\frac{1}{2}\) मोल
अतः ऑक्सीजन सीमित मात्रा में है
∴ उत्पन्न हुई CO2 का द्रव्यमान = \(\frac{1}{2}\) मोल = 22 ग्राम

प्रश्न 14.
निम्नलिखित अणुओं के द्रव्यमान ज्ञात करो
(i) क्लोरीन (Cl2),
(ii) क्लोरोफॉर्म (CHCl3),
(iii) मीथेन (CH4),
(iv) जल (H2O),
(v) कार्बनडाइऑक्साइड (CO2)
जबकि C = 12, H = 1, Cl = 35.5, S = 32, O = 16.
हल :
(i) क्लोरीन (Cl2) का अणु द्रव्यमान = 2 × 35.5 = 71 g

(ii) क्लोरोफॉर्म (CHCl3) का अणु द्रव्यमान = 12 + 1 + 3 × 35.5 = 119.5 g

(iii) मीथेन (CH4) का अणु द्रव्यमान 12 + 4 × 1 = 16g

(iv) जल (H2O) का अणु द्रव्यमान = 2 × 1 + 16 = 18 g

(v) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का अणु द्रव्यमान = 12 + 2 × 16 = 44 g

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 15.
चाय में विद्यमान कैफ़ीन (C8H10N4O2) का अणु द्रव्यमान ज्ञात करो।
हल :
कैफ़ीन का अणु द्रव्यमान = 8 × 12 + 10 × 1 + 4 × 14 + 2 × 16
= 96 + 10 + 56 + 32
= 194 g

प्रश्न 16.
C-12 के एक अणु का द्रव्यमान 1.993 × 1023g है। एक a.m.u. का द्रव्यमान ज्ञात करो।
हल:
1a.m.u. = \(\frac{1}{12}\) कार्बन अणु का द्रव्यमान
कार्बन (C-12) अणु का द्रव्यमान = 1.993 × 10-23 g
1 a.m.u = \(\frac{1.993 \times 10^{-23} \mathrm{~g}}{12}\)
= 1.66 × 10-24
∴ 1 a.m.u. = 1.66 × 10-24g

प्रश्न 17.
0.0239 g क्लोरोफॉर्म (CHCl3) में मोल की संख्या ज्ञात करो, जबकि C = 12, Cl = 35.5, H = 1.
हल:
CHCl3 का मोलर द्रव्यमान = 12 + 1 + 3 × 35.5
= 119.5
अर्थात् 119.5g में विद्यमान अणु = 6.023 × 1023
1g में विद्यमान अणु = \(\frac{6.023 \times 10^{-23}}{119.5}\)
∴ 0.0239g में विद्यमान अण \(\frac{6.023 \times 10^{-23}}{119.5}\) × 0.0239
= 1.2046 × 1020

प्रश्न 18.
चांदी के एक अणु का द्रव्यमान 1.794 × 10-22g है। चांदी का आण्विक द्रव्यमान ज्ञात करो।
हल :
हम जानते हैं कि, किसी तत्व के 6.022 × 1023 अणुओं का द्रव्यमान
= ग्राम अणु द्रव्यमान
चांदी के 1 अणु का द्रव्यमान = 1.794 × 10-22 g (दिया है)
6.022 × 1023 चांदी के अणुओं का द्रव्यमान = 1.794 × 10-22 × 6.022 × 1023 g
= 108.05 g
अर्थात् चांदी का ग्राम अणु का द्रव्यमान = 108.05 g
चांदी का आण्विक द्रव्यमान = 108.05

प्रश्न 19.
नमक के एक कि० ग्रा० पैकेट का मूल्य 4 रुपये है। नमक का मोलर द्रव्यमान 58.5 है। इसका प्रति मोल (mol) मूल्य ज्ञात करो।
हल:
नमक का मोलर द्रव्यमान = 58.5
1 मोल नमक का द्रव्यमान = 58.5 g
1000 g नमक का मूल्य = 4 रुपये
1 ग्राम नमक का मूल्य = \(\frac{4}{1000}\)
∴ 58.5 ग्राम नमक का मूल्य = \(\frac{4}{1000}\) × 58.5
= 0.23 रुपये

प्रश्न 20.
नाइट्रोजन (N) का द्रव्यमान ज्ञात करो जिसमें अणुओं की उतनी ही संख्या विद्यमान है जितनी 4.4g CO, में है।
हल:
CO2 को मोलर द्रव्यमान = 1 × C + 2 × O
= 1 × 12 + 2 × 16
= 12 + 32
= 44g
44 g कार्बन डाइऑक्साइड में अणु = 6.022 × 1023
1 g कार्बन डाइऑक्साइड में अणुओं की संख्या = \(\frac{6.022 \times 10^{23}}{44}\)
4.4 g कार्बन डाइऑक्साइड में अणु = \(\frac{6.022 \times 10^{23}}{44}\) × 4.4
= 6.022 × 1022
नाइट्रोजन (N2) के अणु = 6.022 × 1022
N2 का मोलर द्रव्यमान = 28
6.022 × 1022 N2 का अणुओं का द्रव्यमान = 28 g
N2 के 6.022 × 1022 अणुओं का द्रव्यमान = \(\frac{28}{6.022 \times 10^{22}}\) × 6.022 × 1022
= 28 g

प्रश्न 21.
निम्नलिखित प्रत्येक में कणों की संख्या का परिकलन कीजिए :
(i) 4g सोडियम परमाणु
(ii) 8 g ऑक्सीजन अणु
(iii) 0.1 मोल कार्बन परमाणु
हल :
(i) PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 23
N = \(\frac{\mathrm{m}}{\mathrm{M}}\) × N0
N = \(\frac{46}{23}\) × 6.022 × 1023
N = 12.044 × 1023

(ii) PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 24
N = \(\frac{\mathrm{m}}{\mathrm{M}}\) × N0
∴ ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान = 16 u
ऑक्सीजन अणुओं का मोलर द्रव्यमान = 16 × 2 = 32 g
N = 32
= \(\frac{8}{32}\) × 6.022 × 1023
N = 1.5055 × 1023
= 1.51 × 1023

(iii) कणों (परमाणु) की संख्या = कण के मोलों की संख्या × आवोगाद्रो संख्या
N = n × N0
= 0.1 × 6.022 × 1023
= 6.022 × 1023

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 22.
ग्लूकोज (C6H12O6) की प्रतिशत संरचना ज्ञात कीजिए।
(C = 12, H = 1, 0 = 16)
हल :
ग्लकोज़ का आण्विक द्रव्यमान = 6 × 12 + 12 × 1 + 6 × 16
= 72 + 12 + 96
= 180g
% कार्बन = \(\frac{72}{180}\) × 100 = 40
% हाइड्रोजन = \(\frac{12}{180}\) × 100 = 6.66
% ऑक्सीजन = \(\frac{96}{180}\) × 100 = 53.33

प्रश्न 23.
निम्नलिखित का ग्रामों में द्रव्यमान ज्ञात करो।
(i) 1 मोल सल्फ्यूरिक एसिड (H2SO4)
(2) 0.5 मोल ऐलूमिनियम सल्फेट [Al2(SO4)3]
(1) 0.03 मोल अमोनिया (NH3)
(iv) 0.7 मोल हाइड्रोजन क्लोराइड (HCl)
(v) 10 मोल सोडियम सल्फाइट (Na2SO3)
(vi) 0.5 मोल नाइट्रोजन गैस (N2)
हल :
(i) 1 मोल H2SO4 का द्रव्यमान = 2 + 32 + 64
= 98 g = आण्विक पुंज

(ii) 1 मोल Al2(SO4)3 का द्रव्यमान = 2 × 27 + 3 × (32 + 64)
= 342 g = आण्विक पुंज
∴ 0.5 मोल Al2(SO4)3 का द्रव्यमान = \(\frac{34 \times 5}{10}\)
= 171 g

(iii) 1 मोल NH3 का द्रव्यमान = 14 + 3 = 17g
∴ 0.05 मोल NH3 का द्रव्यमान
= 17 × 0.05
= 0.85g

(iv) 1 मोल HCl का द्रव्यमान = 1 + 35.5
= 36.5g
∴ 0.7 मोल HCl का द्रव्यमान
= 36.5 × 0.7
= 25.55 g

(v) 1 मोल Na2SO3 का द्रव्यमान = 2 × 23 + 1 × 32 + 16 × 3
= 126 u = 126 g
∴ 10 मोल Na2SO3 का द्रव्यमान = 126 × 10
= 1260g

(vi) 1 मोल नाइट्रोजन गैस (N2) का द्रव्यमान = 2 × 14
= 28g
∴ 0.5 मोल नाइट्रोजन गैस (N2) का द्रव्यमान = 28 × 0.5
= 14g

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
भारतीय दार्शनिकों ने पदार्थ की विभाज्यता के विषय में पहली बार कब विचार किया ?
उत्तर-
लगभग 500 ई० पूर्व।

प्रश्न 2.
महर्षि कणाद ने पदार्थ के विभाजन के बारे में क्या प्रतिपादित किया था ?
उत्तर-
पदार्थ का सूक्ष्मतम कण अविभाज्य रहेगा।

प्रश्न 3.
महर्षि कणाद ने अविभाज्य सूक्ष्मतम कण को क्या नाम दिया था ?
उत्तर-
परमाणु।

प्रश्न 4.
किन दो ग्रीक दार्शनिकों ने सूक्ष्मतम कण को अविभाज्य कण माना था ?
उत्तर-
डेमोक्रिटस और लियुसपिस ने।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 5.
यौगिक जल में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात सदैव क्या होता है ?
उत्तर-
1 : 8.

प्रश्न 6.
अमोनिया (NHT) में नाइट्रोजन और हाइड्रोजन के द्रव्यमानों का अनुपात क्या होता है ?
उत्तर-
14 : 3.

प्रश्न 7.
प्राउस्ट ने निश्चित अनुपात के नियम के अंतर्गत क्या कहा था ?
उत्तर-
दो या दो से अधिक तत्वों द्वारा निर्मित यौगिक में इन दो तत्वों का अनुपात सदैव निश्चित रहता है।

प्रश्न 8.
जॉन डाल्टन ने परमाणु सिद्धांत कब प्रस्तुत किया था ?
उत्तर-
सन् 1808 में।

प्रश्न 9.
द्रव्यों की प्रकृति के बारे में आधारभूत सिद्धांत किसने प्रस्तुत किया था ?
उत्तर-
जॉन डाल्टन ने।

प्रश्न 10.
परमाणु के अर्धव्यास को किस इकाई में मापा जाता है ?
उत्तर-
नेनोमीटर (nm) में।

प्रश्न 11.
नेनोमीटर और मीटर में परस्पर क्या संबंध है ?
उत्तर-
1 nm = 10-9m.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 12.
हमारे इर्द-गिर्द की वस्तुएं किस से मिलकर बनी हैं ?
उत्तर-
परमाणुओं से।

प्रश्न 13.
सबसे पहले तत्वों के लिए प्रतीकों का प्रयोग किस वैज्ञानिक ने किया था ?
उत्तर-
जॉन डाल्टन ने।

प्रश्न 14.
बर्जीलियस के प्रतीकों में क्या विशेषता थी ?
उत्तर-
उनमें तत्वों के नाम को एक या दो अक्षरों से प्रदर्शित किया जाता था।

प्रश्न 15.
विभिन्न परमाणु द्रव्यमानों की इकाइयाँ पहले किस आधार पर ली जाती थीं ?
उत्तर-
ऑक्सीजन परमाणु के परमाणु द्रव्यमानों का \(\frac {1}{16}\) वां भाग के आधार पर।

प्रश्न 16.
परमाणु द्रव्यमानों को ज्ञात करने के लिए परमाणु द्रव्यमान इकाई कार्बन-12 समस्थानिक मानक के रूप में सार्वभौमिक रूप से कब स्वीकार की गई ?
उत्तर-
1961 में।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 17.
आजकल परमाणु द्रव्यमान ज्ञात करने के लिए कौन-सी इकाई उपयोग में लायी जाती है ?
उत्तर-
C-12 समस्थानिक के परमाणु द्रव्यमान के \(\frac {1}{12}\) वें भाग को मानक परमाणु द्रव्यमान इकाई के रूप में उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 18.
किसी तत्व या यौगिक का सूक्ष्मतम कण क्या है जो स्वतंत्र रूप से विचर सकता है ?
उत्तर-
अणु।

प्रश्न 19.
किसी तत्व के एक समान परमाणुओं से क्या बनता है ?
उत्तर-
अणु।

प्रश्न 20.
ऑक्सीजन के अणु में कितने परमाणु उपस्थित होते हैं ?
उत्तर-
दो परमाणु । इसलिए इसे द्विपरमाणुक कहते हैं।

प्रश्न 21.
द्विपरमाणुक अणु के चार उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. हाइड्रोजन
  2. ऑक्सीजन
  3. नाइट्रोजन
  4. क्लोरीन।

प्रश्न 22.
चतुर्परमाणुक अणु का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
फास्फोरस (P4)।

प्रश्न 23.
अष्टपरमाणुक या (बहुपरमाणुक) अणु की एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
सल्फर (S8)।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 24.
जब ऑक्सीजन के तीन परमाणु परस्पर संयोग करते हैं तो क्या प्राप्त होता है ?
उत्तर-
ओज़ोन (O3)।

प्रश्न 25.
किस तत्व के अणुओं की सरल संरचना नहीं होती ?
उत्तर-
कार्बन।

प्रश्न 26.
कार्बन डाइऑक्साइड में कार्बन और ऑक्सीजन के अणुओं का द्रव्यमान अनुपात लिखो।
उत्तर-
3 : 8.

प्रश्न 27.
जल अणु में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के परमाणुओं की संख्या का क्या अनुपात है ?
उत्तर-
H : 0 = 2 : 1

प्रश्न 28.
आयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
आयन – आवेशित कणों को आयन कहते हैं।

प्रश्न 29.
धनायन (Cation) किसे कहते हैं ?
उत्तर-
धन-आवेशित कणों को धन-आयन कहते हैं।

प्रश्न 30.
ऋणायन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ऋण आवेशित कणों को ऋणायन कहते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 31.
कैल्सियम ऑक्साइड के संघटक तत्वों का द्रव्यमान अनुपात लिखिए।
उत्तर-
कैल्सियम ऑक्साइड में कैल्सियम और ऑक्सीजन का अनुपात 5 : 2 है।

प्रश्न 32.
मैग्नीशियम सल्फाइड में मैग्नीशियम और सल्फर का द्रव्यमान अनुपात क्या है ?
उत्तर.-
3 : 4.

प्रश्न 33.
सोडियम क्लोराइड में सोडियम और कलोरीन का द्रव्यमान अनुपात लिखिए।
उत्तर-
सोडियम (Na) : क्लोरीन (Cl) = 23 : 35.5

प्रशन 34.
रालामनिक सूत्र किसे कहते हैं ?
उत्तर-
रावानिक नकिसी दौरिका उसके संघटक तत्वों के प्रतीकों तथा उनकी संखोजकता की सहायता से निरूपण, रासायनिक सूत्र कहलाता है।

प्रश्न 35.
संयोजकता किसे कहते हैं ?
उत्तर-
संयोजकता- किसी तत्व की संयोजन सामर्थ्य को उस तत्व की संयोजकता कहते हैं।

प्रश्न 36.
दवि-अंगी यौगिक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
दो भिन्न-भिन्न तत्वों से बने यौगिको को द्वि-अंगी यौगिक कहते हैं।

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प्रश्न 37.
किसी पदार्थ का आण्विक द्रव्यमान क्या होता है ?
उत्तर-
आण्विक द्रव्यमान – किसी पदार्थ का आण्विक द्रव्यमान वह संख्या है जो यह प्रदर्शित करती है कि इस पदार्थ का एक अणु, कार्बन-12 समस्थानिक के एक परमाणु के बारहवें अंश से कितने गुना भारी है।

प्रश्न 38.
आण्विक द्रव्यमान किस इकाई से व्यक्त किया जाता है ?
उत्तर-
आण्विक द्रव्यमान को इकाई u (यूनीफाइड) द्वारा व्यक्त किया जाता है।

प्रश्न 39.
a.m.u. के नाम के लिए IUPAC का नया प्रस्ताव क्या है ?
उत्तर-
u (यूनीफाइड) है।

प्रश्न 40.
जल किन तत्वों के संयोग से बना हुआ है ?
उत्तर-
हाइड्रोडन तथा ऑक्सीजन तत्वों के संयोग से जल बना हुआ है।

प्रश्न 41.
मोल किसे कहते हैं ?
उत्तर-
मोल – किसी स्पीशीज़ (अणु, परमाणु अथवा कण) की वह संख्या है जो ग्रामों में उसके परमाणु या आण्विक द्रव्यमान के बराबर होती है।

प्रश्न 42.
आवोगाद्रो संख्या किसे कहते हैं ?
उत्तर-
आवोगाद्रो संख्या – किसी पदार्थ के 1 मोल में कणों की निश्चित संख्या होती है जिसका मान 6.022 × 1023 होता है को आवोगाद्रो संख्या कहते हैं। इसे N0 से व्यक्त किया जाता है।

प्रश्न 43.
आवोगाद्रो संख्या को किससे प्रदर्शित किया जाता है ?
उत्तर-
N0 से।

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प्रश्न 44.
तत्व द्रव्यमान के किस अनुपात में संयोजन करके यौगिक बनाते हैं ?
उत्तर-
तत्व द्रव्यमान के स्थिर अनुपात में संयोग करके यौगिक बनाते हैं।

प्रश्न 45.
द्रव्यमान संरक्षण नियम को किस वैज्ञानिक ने प्रस्तुत किया था ?
उत्तर-
रूस के वैज्ञानिक लोमोनोसोव ने सन् 1756 में द्रव्यमान संरक्षण नियम प्रस्तुत किया था।

प्रश्न 46.
“स्थिर अनुपात नियम’ का प्रतिपादन किस वैज्ञानिक ने किया था ?
उत्तर-
फ्रांस के वैज्ञानिक प्राउस्ट ने सन् 1799 में।

प्रश्न 47.
a.m.u. क्या प्रदर्शित करता है ?
उत्तर-
परमाणु द्रव्यमान इकाई को।

प्रश्न 48.
कार्बन का कौन-सा समस्थानिक तत्व के सापेक्ष परमाणु द्रव्यमान को दर्शाने के लिए प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
कार्बन-12 समस्थानिक (आइसोटोप)।

प्रश्न 49.
अधिकांश तत्वों के परमाणु द्रव्यमान पूर्णांक नहीं होते हैं। यह किस तथ्य को दर्शाता है ?
उत्तर-
तत्वों के परमाणु द्रव्यमानों का पूर्णांक में न होना उस तत्व के समस्थानिकों का होना दर्शाता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 50.
मोलर द्रव्यमान क्या होता है ?
उत्तर-
मोलर द्रव्यमान-किसी पदार्थ के 1 मोल का ग्राम में व्यक्त किया गया द्रव्यमान उसका मोलर द्रव्यमान होता है।

प्रश्न 51.
मोल संकल्प के अनुरूप तत्व का ग्राम परमाणु द्रव्यमान परिभाषित करें।
उत्तर-
ग्राम परमाणु द्रव्यमान या एक ग्राम परमाणु किसी तत्व के 1 मोल (6.022 × 1023 परमाणुओं) का द्रव्यमान होता है जिसे ग्राम में प्रदर्शित किया जाता है।

प्रश्न 52.
किसी तत्व के एक ग्राम परमाणुओं में कितने परमाणु उपस्थित होते हैं ?
उत्तर-
6.022 × 1023 (आवोगाद्रो संख्या के बराबर)।

प्रश्न 53.
क्या सोडियम और कैल्शियम के एक ग्राम मोल में परमाणुओं की संख्या भिन्न-भिन्न होती है ?
उत्तर-
नहीं। इनमें परमाणुओं की संख्या एक समान होगी।

प्रश्न 54.
एक बड़े बर्तन में दो बीकर रखे गए हैं। एक बीकर में लैड नाइट्रेट तथा दूसरे बीकर में सोडियम सल्फेट का विलयन है। बर्तन को तोला गया तथा बाद में बर्तन में रखे दोनों विलयनों को परस्पर भली-भांति मिलाया जाता है। बर्तन को पुनः तोला गया। क्या द्रव्यमान परिवर्तित होता है अथवा नहीं तथा ऐसा किस नियम के अंतर्गत होता है ?
उत्तर-
द्रव्यमान परिवर्तित नहीं होता है। द्रव्यमान संरक्षण नियमानुसार रासायनिक अभिक्रिया से पूर्व तथा पश्चात् द्रव्यमान समान रहता है।

प्रश्न 55.
12 ग्राम मैग्नीशियम तथा 16 ग्राम ऑक्सीजन के संयोग से 28 ग्राम मैग्नीशियम ऑक्साइड प्राप्त होता है। इन आँकड़ों से रासायनिक संयोजन के किस नियम की पुष्टि होती है ?
उत्तर-
इन आँकड़ों से द्रव्यमान संरक्षण नियम की पुष्टि होती है।

प्रश्न 56.
क्या 1 मोल सोडियम तथा 1 मोल ऑक्सीजन का द्रव्यमान बराबर होगा ?
उत्तर-
नहीं, 1 मोल सोडियम (6.022 × 1023 परमाणु) का द्रव्यमान 23 ग्राम (परमाणु द्रव्यमान) तथा 1 मोल ऑक्सीजन (6.022 × 1023 अणु) का द्रव्यमान 32 ग्राम (अणु द्रव्यमान) होता है।

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प्रश्न 57.
1 मोल किस संख्या को प्रदर्शित करता है ?
उत्तर-
6.022 × 1023.

प्रश्न 58.
34 ग्राम अमोनिया (NH3) में कितने मोल उपस्थित होते हैं ?
उत्तर-
2 मोल अमोनिया।

प्रश्न 59.
एक तत्व ‘2’ की संयोजकता 3 है। इस तत्व ‘Z’ के ऑक्साइड का सूत्र क्या होगा ?
उत्तर-
Z2O3.

प्रश्न 60.
कार्बन-12 के 0.012 kg में कितने परमाणु विद्यमान होते हैं ? इस स्थिराँक को क्या नाम दिया गया है ?
उत्तर-
6.022 × 1023 परमाणु। इस संख्या को आवोगाद्रो स्थिराँक कहते हैं।

प्रश्न 61.
Al3+ तथा SO42- आयनों से बनने वाले यौगिक का सूत्र क्या होगा ?
उत्तर-
Al2 (SO4)3 .

प्रश्न 62.
जल के 9g में कितने अणु उपस्थित होते हैं ?
उत्तर-
9g जल में कितने अणुओं की संख्या = \(\frac{1}{9}\) × 6.022 × 1023 = 3.011 × 1023अणु ।

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प्रश्न 63.
HNO3 का मोलर द्रव्यमान ज्ञात करो। परमाणु द्रव्यमान दिए गए हैं H = 1u, N = 14u, 0 = 16u.
उत्तर-
HNO3 का मोलर द्रव्यमान = 1u + 14u + 3 × 16u = 63u

प्रश्न 64.
क्लोरीन परमाणु में कितने संयोजकता इलैक्ट्रान उपस्थित होते हैं ?
उत्तर-
7.

प्रश्न 65.
बहुपरमाण्विक आयन क्या होते हैं ?
उत्तर-
बहुपरमाण्विक आयन-परमाणुओं का समूह-जिस पर नेट आवेश हो जैसे-NH31+

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
मिश्रण तथा यौगिक में भेद लिखें। उत्तर-मिश्रण तथा यौगिक में भेद (Differences between mixture and compound)-

मिश्रण (Mechanical Mixture) यौगिक (Chemical Compound)
(i) मिश्रण के अवयव किसी भी अनुपात में हो सकते हैं। (i) यौगिक के अवयव एक निश्चित अनुपात में होते हैं।
(ii) मिश्रण के गुण उसके अवयवों के गुणों के मध्यवर्ती होते हैं। (ii) यौगिक के गुण उसके अवयवों के गुणों से भिन्न होते हैं।
(iii) मिश्रण भौतिक परिवर्तन का परिणाम है। (iii) यौगिक रासायनिक परिवर्तन का परिणाम है।
(iv) मिश्रण के अवयव पास-पास पड़े हुए दिखाई देते हैं। (iv) यौगिक के अवयव पास-पास पड़े हुए दिखाई नहीं देते हैं।
(v) मिश्रण बनाते समय आयतन में परिवर्तन नहीं है। (v) यौगिक बनाते समय आयतन में परिवर्तन होता होता है।
(vi) मिश्रण बनाते समय ऊर्जा में परिवर्तन नहीं होता है। (vi) जब यौगिक बनाया जाता है, तो ऊर्जा में परिवर्तन होता है।
(vii) यह दो या दो से अधिक पदार्थों के मिलने से बनता है जो रासायनिक रूप से संयोग नहीं करते। (vii) यह दो या दो से अधिक तत्वों के रासायनिक संयोग से बनता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

प्रश्न 2.
तत्व और यौगिक में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
तत्व और यौगिक में अंतर-

तत्व (Element) यौगिक (Compound)
(i) तत्व को असमान गुण वाले दो या दो से अधिक सरल भागों में नहीं बांटा जा सकता है।

उदाहरण-ऑक्सीजन को भिन्न गुणों वाले सरल भागों में नहीं बांटा जा सकता है।

(i) यौगिक को असमान गुण वाले दो या दो से अधिक सरल भागों में अपघटित किया जा सकता है।

उदाहरण-पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में अपघटित किया जा सकता है।

(ii) तत्व के अणु में केवल एक तरह के परमाणु होते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 1

(ii) यौगिक के अणु में सदा दो या दो से अधिक तरह के परमाणु होते हैं।

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(iii) तत्व सभी शुद्ध और अशुद्ध पदार्थों के अवयव हो सकते हैं। (iii) यौगिक केवल अशुद्ध पदार्थों के अवयव हो सकते हैं।

प्रश्न 3.
क्रिस्टलीकरण किसे कहते हैं ? आप फिटकरी के रवे (क्रिस्टल) किस प्रकार प्राप्त करोगे ?
उत्तर-
क्रिस्टलीकरण – यह पृथक्करण की वह विधि है जिसके द्वारा किसी द्रव में विलेय अशुद्ध ठोस पदार्थ के विलयन से शुद्ध पदार्थ प्राप्त किया जाता है। शुद्ध पदार्थ प्राप्त करने के लिए गर्म द्रव में जितना भी अशुद्ध पदार्थ घुल सके, घोल लिया जाता है। इसके पश्चात् घोल में से अघुलनशील अशुद्ध पदार्थों को फिल्टर द्वारा छान लिया जाता है। अब संतृप्त गर्म घोल को ठंडा करने पर शुद्ध ठोस पदार्थ के क्रिस्टल प्राप्त हो जाते हैं।

फिटकरी के क्रिस्टल (रवे) बनाने की विधि – एक बीकर को लगभग आधा पानी से भरो। इसमें थोड़ासा फिटकरी का पाऊडर डाल कर घोल को गर्म करो। फिटकरी का पाऊडर तब तक डालते जाओ जब तक कि वह घोल घुल सके। गर्म घोल को गिलास में छान लो जैसे कि चित्र में दिखाया गया है। अब गिलास को ठंडा होने दीजिए।
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प्रश्न 4.
एक मिश्रण में से पानी तथा गंधक को कैसे अलग करोगे ?
उत्तर-
पानी तथा गंधक के मिश्रण को बीकर में लो। कीप स्टैंड में कीप को रखो। कीप के नीचे एक साफ़ बीकर रखो। फिल्टर पेपर की इस तरह तहें बनाओ ताकि एक तरफ तीन तथा एक तरफ एक तह हो।
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इसको कीप में रखो। मिश्रण को शीशे की छड़ से धीरे-धीरे कीप में डालो। द्रव या पानी नीचे धीरे-धीरे बीकर में आ जाएगा, जो गंधक से बिल्कुल स्वतंत्र होता है। इस द्रव को फिल्ट्रेट कहते हैं। ठोस गंधक फिल्टर पर शेष रह जाएगा।
फिल्टर पेपर को कीप से आराम से अलग करके गंधक को सुखा लिया जाता है।

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित का पृथक्करण कैसे करोगे ?
(i) सरसों के तेल से जल
(i) दूध से क्रीम।
उत्तर-
(i) जल तथा सरसों के तेल के मिश्रण में से अवयवों को पृथक करना – जल तथा सरसों का तेल भारी होने के कारण एकदूसरे में अघुलनशील हैं। इसलिए ये मिश्रण में अलग-अलग पर्ते बना लेते हैं। इन दोनों द्रवों का घनत्व अलग है। सरसों का तेल हल्का होने के कारण ऊपरी पर्त बनाता है परंतु जल निचली पर्त बनाता है। इस अमिश्रणीय द्रवों के मिश्रण को पृथक्कारी कीप में डाल लिया जाता है। कुछ समय के बाद कीप का स्टॉप कॉक खोल दिया जाता है जिससे जल निकल जाता है और शेष कीप में सरसों का तेल बच जाता है।
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(ii) दूध से क्रीम पृथक् करना – इसके लिए अपकेंद्रण विधि का प्रयोग किया जाता है। दूध को एक बंद मुंह वाले बर्तन में डालकर वृत्ताकार पथ पर क्षितिज तल में बड़ी तेज़ गति से घुमाया जाता है जिससे क्रीम हल्की होने के कारण दूध के ऊपर केंद्रीय अक्ष के आस-पास इकट्ठी होकर तैरती रहती है। इसे अलग कर लिया जाता है।

प्रश्न 6.
यौगिक किसे कहते हैं ? यौगिक की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-
यौगिक-जब दो या अधिक तत्व परस्पर एक निश्चित अनुपात में रासायनिक संयोग करते हैं, तब वे यौगिक बनाते हैं । किसी यौगिक को उन तत्वों से तोड़ा जा सकता है, जिनसे मिलकर वह बनता है। उदाहरण के लिए, जल का प्रत्येक अणु हाइड्रोजन के दो परमाणुओं तथा ऑक्सीजन के एक परमाणु से मिलकर बनता है। जल में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का अनुपात 2 : 1 होता है। जल एक यौगिक है। यह जल के अणुओं से बनता है। इसी प्रकार सोडियम और क्लोरीन के संयोग से सोडियम क्लोराइड बनता है, जिसे साधारण नमक के नाम से जाना जाता है। यौगिक के गुण, उसमें पाए जाने वाले तत्वों के गुणों से अलग होते हैं, जिनसे मिलकर यह बना है। एक अन्य यौगिक का उदाहरण चीनी है। चीनी का एक अणु कार्बन के 12 परमाणुओं; हाइड्रोजन के 22 परमाणुओं तथा ऑक्सीजन के 11 परमाणुओं से मिलकर बनता है। कार्बन डाइ-ऑक्साइड भी यौगिक है। कार्बन डाइऑक्साइड के प्रत्येक अणु में, कार्बन का एक परमाणु तथा ऑक्सीजन के दो परमाणु होते हैं । यौगिक के गुण उसके अवयव तत्वों से भिन्न होते हैं जैसे हाइड्रोजन जलती है, ऑक्सीजन जलने में सहायता करती है और ये दोनों गैसें हैं, परंतु इन दोनों के संयोग से बना यौगिक, पानी, एक द्रव है तथा यह आग को बुझा देता है।

यौगिक की विशेषताएँ-

  1. यौगिकों का सामांगी संगठन होता है।
  2. यौगिकों के निर्माण में भाग लेने वाले सभी तत्व एक-दूसरे से निश्चित अनुपात में संयुक्त रहते हैं।
  3. यौगिकों के गुण उनके अवयवी तत्वों के गुणों से भिन्न होते हैं।
  4. यौगिकों के अवयवी तत्वों को साधारण विधियों द्वारा अलग-अलग नहीं किया जा सकता है।
  5. यौगिकों के निर्माण या वियोजन में ऊष्मा के रूप में ऊर्जा निकलती है अथवा अवशोषित होती है।

प्रश्न 7.
उत्पत्ति के आधार पर यौगिक कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
उत्पत्ति के आधार पर यौगिकों को दो भागों में बाँटा गया है-

  • अकार्बनिक यौगिक (Inorganic Compound) – वे यौगिक जो पृथ्वी की पर्पटी से प्राप्त किए जाते हैं, उन्हें अकार्बनिक यौगिक कहते हैं; जैसे-कैल्शियम कार्बोनेट (मारबल), नमक, सोडियम नाइट्रेट और सोडियम कार्बोनेट आदि।
  • कार्बनिक यौगिक (Organic Compound) – वे यौगिक जिनको पौधे और जंतुओं से प्राप्त करते हैं, उन्हें कार्बनिक यौगिक कहते हैं; जैसे-शक्कर, एसीटिक एसिड, स्टार्च, तेल, वसा तथा प्रोटीन आदि इन सभी तत्वों में कार्बन आवश्यक अवयव है।

प्रश्न 8.
मिश्रण किसे कहते हैं? इनकी विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
मिश्रण – मिश्रण दो या अधिक तत्वों अथवा यौगिकों को किसी भी अनुपात में मिलाने से बनते हैं। मिश्रण में अवयव किसी भी अनुपात में उपस्थित होते हैं तथा मिश्रण में अवयव अपने गुणों को बनाए रखते हैं; जैसे-वायु मिश्रण है। इसमें नाइट्रोजन और ऑक्सीजन जैसे तत्व, कार्बन डाइऑक्साइड और जल-वाष्प जैसे यौगिक होते हैं। इसके अतिरिक्त वायु में अन्य गैसें तथा धूल के कण भी उपस्थित होते हैं।

मिश्रण की विशेषताएं-

  1. मिश्रण में विभिन्न अवयव किसी भी अनुपात में उपस्थित हो सकते हैं।
  2. मिश्रण के गुण उसके विभिन्न अवयवों के गुणों का अनुपात होता है।
  3. मिश्रण के विभिन्न अवयवों को आसानी से अलग किया जा सकता है।
  4. मिश्रण के निर्माण में ऊष्मा नहीं निकलती है।

प्रश्न 9.
मिश्रण कितने प्रकार के होते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
मिश्रण दो प्रकार के होते हैं-
(1) विषमांगी मिश्रण (Heterogeneous Mixtures)
(2) समांगी मिश्रण (Homogeneous Mixtures)

1. विषमांगी मिश्रण – वह मिश्रण जिसमें इसके अवयव एक समान रूप से बँटे नहीं होते हैं, असमांग मिश्रण कहलाता है। प्रकृति में पाए जाने वाले मिश्रण अधिकतर असमांग होते हैं । उदाहरण-सल्फर और पोटैशियम नाइट्रेट, मृदा सैंकड़ों यौगिक तथा तत्वों का मिश्रण है। इसकी संरचना एक स्थान से दूसरे स्थान पर परिवर्तित होती है। असमांग मिश्रण के विभिन्न अवयवों को हम अपनी आँखों से देख सकते हैं।

2. समांगी मिश्रण – वह मिश्रण जिसमें इसके अवयव एक समान बँटे होते हैं, समांग मिश्रण कहलाते हैं। जल में शक्कर का विलयन एक समांग मिश्रण है। वायु, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल-वाष्प का समांग मिश्रण है। समुद्री जल, लवण विलयन, शरबत, दूध, फलों का रस, आइसक्रीम, विलयन के रूप में दवाइयाँ, कैरोसीन आदि समांग मिश्रण के अन्य उदाहरण हैं।

मिश्रण का प्रकार उदाहरण
1. गैस में गैस वायु
2. द्रव में गैस सोडा वाटर, जल जिसमें ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड हैं।
3. द्रव में द्रव नींबू का रस तथा जल, जल तथा एल्कोहल।
4. द्रव में ठोस समुद्री जल, चीनी का जलीय विलयन।
5. ठोस में ठोस मसालों का मिश्रण, मिट्टी, मिश्र धातु।

आयरन तथा सल्फर तत्व हैं । चूर्ण के रूप में इन दोनों तत्वों को किसी भी अनुपात में मिलाने पर इनका मिश्रण बनता है, परंतु जब इन दोनों तत्वों के एक निश्चित अनुपात से बने मिश्रण को बहुत अधिक गर्म करते हैं, तब एक नया पदार्थ आयरन सल्फाइड बन जाता है। गर्म करने पर दो तत्व आयरन तथा सल्फर रासायनिक अभिक्रिया करके आयरन सल्फाइड यौगिक बनाते हैं। आयरन सल्फाइड यौगिक में आयरन तथा सल्फर का कोई गुण नहीं पाया जाता है, जबकि आयरन और सल्फर के मिश्रण में अपने अवयव आयरन और सल्फर दोनों के ही सभी गुण पाए जाते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

प्रश्न 10.
सिद्ध कीजिए कि वायु मिश्रण है, यौगिक नहीं।
उत्तर-
निम्नलिखित तथ्यों से यह सिद्ध होता है कि वायु एक मिश्रण है-

  • वायु बहुत-सी गैसों का मिश्रण है। इनमें से मुख्य नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल-वाष्य हैं, जो कि अपने व्यक्तिगत गुण रखती हैं।
  • वायु की संरचना स्थान-स्थान पर परिवर्तित होती है। औद्योगिक क्षेत्रों में कार्बन मोनो-ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, धुएँ के कण आदि अपेक्षाकृत अधिक होते हैं। इसी प्रकार अधिक ऊँचाइयों पर जैसे पर्वतों पर वायु में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। इस प्रकार वायु की संरचना विषमांग होती है।
  • जलने के दौरान केवल ऑक्सीजन प्रयुक्त होती है, अन्य गैसें नहीं।
  • वायु को बहुत कम ताप पर ठंडा करके ऑक्सीजन या नाइट्रोजन को पृथक् किया जा सकता है।

प्रश्न 11.
विलयन किसे कहते हैं ? इसके गुण धर्म लिखिए।
उत्तर-
विलयन-दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण विलयन कहलाता है। नींबू जल, सोडा जल आदि इस के उदाहरण हैं। प्रायः विलयन को ऐसे तरल पदार्थ के रूप में माना जाता है जिसमें ठोस, द्रव या गैस मिला हो पर ठोस विलयन मिश्र धातु और गैसीय विलयन वायु भी होती है। एक विलयन के कणों में समांगीकता होती है।

विलयन के गुण धर्म-

  1. यह एक समांगी मिश्रण है।
  2. इसके कण 1 nm (10-10 m) से भी छोटे होते हैं।
  3. इसके कणों को नंगी आँख से देखा नहीं जा सकता।
  4. ये टिंडल प्रभाव नहीं दिखाते।
  5. इसके कण नीचे नहीं बैठते।

प्रश्न 12.
वायु से विभिन्न गैसों को किस प्रकार प्राप्त किया जाता है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
वायु समांगी मिश्रण है जिसके विभिन्न घटकों को प्रभाजी आसवन से प्राप्त किया जा सकता है। पहले वायु पर दबाव बढ़ा कर उसे संपीडित किया जाता है और तापमान कम करके ठंडा किया जाता है। द्रवित वायु को प्रभाजी आसवन स्तंभ में धीरे-धीरे गर्म कर गैसों को भिन्न-भिन्न ऊँचाई पर प्राप्त कर लिया जाता है।
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प्रश्न 13.
धातुओं और अधातुओं के गुणों में अंतर लिखिए।
उत्तर-

धातुएं (Metals) अधातुएं (Non-Metals)
(1) धातुएँ सामान्य ताप पर ठोस होती हैं परंतु केवल पारा सामान्य ताप पर तरल अवस्था में होता है। (1) अधातुएँ सामान्य ताप पर तीनों अवस्थाओं में पाई जाती हैं। फॉस्फोरस और सल्फर ठोस रूप में, H2, O2, N2 गैसीय रूप में तथा ब्रोमीन तरल रूप में होती हैं।
(2) धातुएँ तन्य तथा आघातवर्ध्य होती हैं। (2) वे प्रायः भंगुर होती हैं।
(3) धातुएँ प्राय: चमकदार होती हैं अर्थात् उनमें धात्विक चमक होती है। (3) अधातुओं में धात्विक चमक नहीं होती। अपवाद-ग्रेफाइट, आयोडीन तथा हीरा।
(4) धातुएँ ऊष्मा तथा विद्युत् की सुचालक होती हैं। अपवाद-बिस्मथ। (4) सभी अधातुएं कुचालक हैं। अपवाद-ग्रेफाइट और गैस कार्बन।
(5) धातुओं के गलनांक तथा क्वथनांक बहुत अधिक होते हैं। (5) अधातुओं के गलनांक तथा क्वथनांक कम होते हैं।
(6) धातुएँ अधिकांशतः कठोर होती हैं अपवाद-सोडियम तथा पोटाशियम चाकू से काटी जा सकती है। (6) इनकी कठोरता भिन्न-भिन्न होती है। हीरा सब पदार्थों से कठोरतम है।
(7) धातुओं का आपेक्षित घनत्व अधिक होता है परंतु Na, K इसके अपवाद हैं। (7) अधातुओं का आपेक्षित ताप प्रायः कम होता है।
(8) धातुएँ अपारदर्शक होती हैं। (8) गैसीय अधातुएं पारदर्शक हैं।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
मिश्र धातुओं को मिश्रण क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
मिश्र धातुएं समांगी मिश्रण होती हैं। इन्हें भौतिक क्रिया से अवयवों में अलग-अलग नहीं किया जा सकता है। ये अपने घटकों के गुणों को प्रकट करते रहते हैं। पीतल, कांसा, स्टील आदि मिश्र धातु हैं।

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प्रश्न 2.
रंग वाले घटक (डाई) को नीले या काले रंग की स्याही से पृथक् करना।
उत्तर-
कार्य विधि – एक बीकर को जल से आधा भरो। बीकर के मुंह पर वाच-ग्लास रखकर उस पर कुछ बूंदें स्याही डालो। बीकर को गर्म करना आरंभ करो। वाच ग्लास से वाष्पीकरण होने लगेगा और वाच ग्लास पर डाई का अवशेष बच जाएगा। इससे सिद्ध होगा कि स्याही डाई का पानी में मिश्रण है।
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प्रश्न 3.
परख करना कि काली स्याही में डाई एक ही रंग की नहीं होती है।
उत्तर-
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कार्य विधि-फिल्टर पेपर की एक पतली परत लो। इसके निचले किनारे से 3 cm ऊपर पैंसिल से एक रेखा खींच लें। उस रेखा के बीच में पानी में घुलनशील
काली स्याही की एक बूंद रखें। इसे सूखने दें। फिल्टर पेपर को चित्रानुसार रखें और बिना हिलाए छोड़ दो। पानी फिल्टर पेपर पर ऊपर चढ़ने लगेगा। उस पर अलग-अलग रंग आ जाएंगे। इससे सिद्ध होता है कि काली स्याही अनेक रंगों की बनी होती है।

प्रश्न 4.
अपकेंद्रण यंत्र का प्रयोग कहाँ किया जाता है ? इस प्रक्रिया का सिद्धांत लिखिए।
उत्तर-
अपकेंद्रण यंत्र का प्रयोग प्रयोगशालाओं में रक्त और मूत्र की जाँच में किया जाता है। डेयरी और घर में क्रीम से मक्खन निकालने तथा वाशिंग मशीनों में इस का प्रयोग किया जाता है। जब कभी किसी द्रव में मौजूद ठोस कण इतने छोटे होते हैं कि ये छानक पत्र से बाहर चले आते हैं । इन कणों को पृथक् करने के लिये छानन विधि का प्रयोग नहीं किया जाता है। ऐसे मिश्रणों को अपकेंद्रण के द्वारा पृथक् किया जाता है। इस सिद्धांत के आधार पर जब मिश्रण को तेजी से घुमाया जाता है, तब भारी कण नीचे बैठ जाते हैं और हल्के कण ऊपर ही रुक जाते हैं।

प्रश्न 5.
क्रोमैटोग्राफ़ी क्या है ? इसका उपयोग किन क्षेत्रों में किया जाता है ?
उत्तर-
क्रोमैटोग्राफ़ी किसी मिश्रण से घटकों को पृथक करने की विधि है। इस विधि से रंगों को पृथक किया जाता है। इसका प्रयोग उन विलेय पदार्थों को पृथक् करने में होता है जो एक ही तरह के विलायक में घुले होते हैं। इस का उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाता है-

  1. डाई के रंगों को अलग करने में।
  2. रक्त से दवा को पृथक् करने में।
  3. प्राकृतिक रंगों से रंग को पृथक करने में।
  4. मूत्र से चीनी को पृथक् करने में।

प्रश्न 6.
किसी अशुद्ध नमूने में से शुद्ध CuSO4 प्राप्त करना।
उत्तर-
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कार्य-विधि – चीनी मिट्टी की एक प्याली । में थोड़ा अशुद्ध CuSO4 लो। इसे न्यूनतम मात्रा में लिए गए पानी में घोल लो। अशुद्धियों को छानकर प्याली को गर्म करो। प्याली में नीले रंग के क्रिस्टल दिखाई देंगे। ये सभी क्रिस्टल एक समान दिखाई देंगे। इन्हें छानकर अलग कर लो।
इस प्रकार CuSO4 के संतृप्त विलयन से शुद्ध CuSO4 को प्राप्त किया जा सकता है।

प्रश्न 7.
भौतिक और रासायनिक परिवर्तन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
भौतिक परिवर्तन – ये अस्थाई होते हैं जिनमें केवल भौतिक अवस्था में परिवर्तन होता है। इन परिवर्तनों में रासायनिक परिवर्तन नहीं होते और इन्हें मूल अवस्था में बदला जा सकता है। उदाहरण-पानी को भाप या बर्फ में बदलना, चीनी को पानी में घोलना।

रासायनिक परिवर्तन – ये स्थाई होते हैं जिनमें भौतिक परिवर्तन के साथ रासायनिक परिवर्तन भी होते हैं। इन्हें मूल अवस्था में नहीं लाया जा सकता। उदाहरण-लोहे को जंग लगना, मैग्नीशियम तार को ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलाना, मोमबत्ती का जलना।

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प्रश्न 8.
भौतिक और रासायनिक परिवर्तन में अंतर लिखिए।
उत्तर-
भौतिक और रासायनिक परिवर्तन में अंतर-

भौतिक परिवर्तन रासायनिक परिवर्तन
(1) यह अस्थायी परिवर्तन होता है। (1) यह स्थायी परिवर्तन होता है।
(2) इनमें केवल भौतिक अवस्था, रंग, घनत्व आदि गुणों में अंतर होता है। (2) इनमें नया रासायनिक पदार्थ बन जाता है।
(3) मूल पदार्थ की प्राप्ति सरलता से हो जाती है। (3) मूल पदार्थ की प्राप्ति सरलता से नहीं होती।
(4) रासायनिक गुणों में परिवर्तन नहीं होता। (4) रासायनिक गुणों में परिवर्तन होता है।
(5) पदार्थों के संघटन में परिवर्तन नहीं होता। (5) पदार्थों के संघटन में परिवर्तन होता है।
(6) उदाहरण-बर्फ पिघलना, जल में नमक का घुलना। (6) उदाहरण-जंग लगना, कागज़ का जलना।

प्रश्न 9.
मोमबत्ती के जलने पर भौतिक और रासायनिक परिवर्तन दोनों होते हैं। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
जब मोमबत्ती जलती है तो मोम पिघलती है। मोम का पिघलना भौतिक परिवर्तन है। जब मोमबत्ती वायु की उपस्थिति में जलती है तो जल वाष्प और CO2 गैस बनती है। जल वाष्पों और CO2 के गुण मोमबत्ती से भिन्न होते हैं, इसलिए यह रासायनिक परिवर्तन है।

प्रश्न 10.
तत्व किसे कहते हैं ? तत्वों की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
फ्रांस के रसायनज्ञ लैवाइज़र ने पहली बार प्रमाणित किया था कि द्रव्य का सरलतम रूप तत्व है। इसे दो या दो से अधिक भागों में भौतिक या रासायनिक विधि से नहीं बांटा जा सकता। यह एक ही प्रकार के परमाणुओं से मिल कर बना होता है। हर तत्व के परमाणु दूसरे तत्व से भिन्न होते हैं। तत्वों को धातु, अधातु और उपधातु में बांटा जाता है। सोना, चांदी, लोहा, तांबा आदि धातु हैं; हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, ब्रोमीन आदि अधातु हैं तथा आर्सेनिक, एंटीमनी, बिस्मथ आदि उपधातु हैं। तत्वों को इस विश्व की रचना का आधार माना जाता है। अब तक कुल 112 तत्वों की प्राप्ति हो चुकी है जिन में से 92 प्रकृति द्वारा प्रदत्त हैं तथा शेष 20 मानव-निर्मित हैं। तत्वों में धातुएं तथा अधातुएं सम्मिलित हैं-

धातुएं प्रायः दिए हुए निम्न गुणधर्मों में से सभी को या कुछ को प्रदर्शित करती हैं।

  1. ये चमकीली होती हैं।
  2. ये चाँदी जैसी सफ़ेद या सोने की तरह पीले रंग की होती हैं।
  3. ये ताप तथा विद्युत् की सुचालक होती हैं।
  4. ये तन्य होती हैं (और इनको तार के रूप में खींचा जा सकता है)।
  5. ये आघातवर्ध्य होती हैं। इनको पीटकर महीन चादरों में ढाला जा सकता है।
  6. ये प्रतिध्वनिपूर्ण होती हैं।

सोना, चाँदी, ताँबा, लोहा, सोडियम, पोटैशियम इत्यादि धातु के उदाहरण हैं। पारा धातु होते हुए भी कमरे के तापमान पर द्रव है।
अधातुएँ दिए गए निम्न गुणों में से प्रायः कुछ को या सभी को प्रदर्शित करती हैं :

  1. ये विभिन्न रंगों की होती हैं।
  2. ये ताप और विद्युत् की कुचालक होती हैं।
  3. ये चमकीली, प्रतिध्वनिपूर्ण और आघातवर्ध्य नहीं होती हैं।

प्रश्न 11.
द्रव की विभिन्न अवस्थाओं के आधार पर समांगी और विषमांगी मिश्रणों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

मिश्रण समांगी (Homogeneous) विषमांगी (Heterogeneous)
1. ठोस में ठोस पीतल, कांसा, गनमैटल आदि विभिन्न मिश्रधातु रेत कण + लोह चूर्ण, रेत + अमोनियम क्लोराइड
2. ठोस में द्रव पारे में सोना ×
3. ठोस में गैस पैलेडियम में हाइड्रोजन ×
4. द्रव में ठोस पानी में चीनी पानी में मिट्टी, पानी में चॉक
5. द्रव में द्रव इथाइल एल्कोहल में पानी पानी में तेल
6. द्रव में गैस पानी में कार्बन डाइऑक्साइड ×
7. गैस में गैस वायु ×

प्रश्न 12.
वायुमंडल में कुछ धात्विक कण जैसे कैडमियम, जिंक, पारा आदि कैसे निर्मक्त होते हैं ?
उत्तर-
वायुमंडल में कुछ धात्विक कण जैसे कैडमियम, जिंक, पारा आदि जिंक, तांबे, सीसे तथा स्टील के शोधन के दौरान निर्मुक्त होते हैं। ये कण पीड़कनाशियों, फॉस्फेट उर्वरकों, फंगसनाशियों तथा श्रृंगार प्रसाधनों के उत्पादन या उपयोग के दौरान भी निर्मुक्त होते रहते हैं।

प्रश्न 13.
विलेय, विलायक तथा विलयन की परिभाषाएं बताओ।
उत्तर-
कुछ पदार्थ द्रव में घुल जाते हैं जैसे चीनी पानी में घुल जाती है। अमोनियम क्लोराइड तथा कॉपर सल्फेट भी पानी में घुल जाते हैं। ठोस पदार्थों को, जो द्रव में घुल जाते हैं, विलेय कहलाते हैं। वे द्रव जिसमें ठोस पदार्थ घुल जाते हैं, विलायक कहलाते हैं। विलेय तथा विलायक के बने समांगी मिश्रण को विलयन कहते हैं। नमक तथा पानी के मिश्रण को विलयन कहते हैं, नमक विलेय तथा पानी विलायक कहलाता है।

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प्रश्न 14.
जलीय और अजलीय विलयन में अंतर दीजिए।
उत्तर-
जलीय विलयन – विभिन्न पदार्थों के जल में घोल कर बनाए गए विलयनों को जलीय विलयन कहते हैं। जलीय विलयन में विलायक जल होता है।

उदाहरण – नमक का जल में विलयन, कॉपर सल्फेट का जल में विलयन।

अजलीय विलयन – कुछ पदार्थ जल में नहीं घुलते परंतु कार्बनिक द्रवों में घुलकर विलयन बनाते हैं। ऐसे विलयन को अजलीय विलयन कहते हैं। इसमें विलायक प्रायः एल्कोहल, एसीटोन, टेट्राक्लोराइड कार्बन सल्फाइड तथा बेंजीन आदि होते हैं।

उदाहरण-एल्कोहल में आयोडीन का घोल, नैफ्थलीन का बेंजीन में घोल।

प्रश्न 15.
संतृप्त विलयन तथा असंतृप्त विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
संतृप्त विलयन – किसी विशेष ताप पर किसी विलयन में जब और अधिक विलेय न घुल सकें तो वह विलयन संतृप्त विलयन कहलाता है।

असंतृप्त विलयन – ऐसा घोल जिसमें किसी निश्चित ताप पर विलेय की मात्रा उस अधिकतम मात्रा से कम होती है तो उस ताप पर उसके द्वारा घोली जा सकती है, असंतृप्त विलयन कहलाता है। यदि कोई विलयन किसी निश्चित ताप पर संतृप्त हैं, ताप को बढ़ाने पर असंतृप्त हो जाता है।

प्रश्न 16.
वास्तविक विलयन (True solution) क्या होता है ? इसकी विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
वह विलयन जिसमें विलेय के कणों का आकार 10-8 सेमी० तक होता है। इसमें विलेय के कण विलायक के अणुओं के मध्य स्थानों में लुप्त हो जाते हैं। ऐसा विलयन समांगी मिश्रण होता है। इसमें विलेय कणों को परिक्षेपण कण तथा विलायक कणों को परिक्षेपण माध्यम कहते हैं। उदाहरण-नमक तथा चीनी के जलीय विलयन।

विशेषताएं-
(I) वास्तविक विलयन साफ़ और पारदर्शी होता है।
(II) यह समांगी मिश्रण होता है।
(III) इसके कणों का आकार 10-8 सेमी० तक होता है।
(IV) इसे स्थिर करने पर भी कण नीचे नहीं बैठते।
(V) यह प्रकाश का प्रकीर्णन (Scattering of light) नहीं करते।
(VI) इन्हें छान कर अलग नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 17.
निलंबन (Suspension) किसे कहते हैं ? इसकी विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
निलंबन- यह किसी विलेय और विलायक का विषमांगी मिश्रण होता है जिसमें विलेय के कणों का आकार 10-5 सेमी० से बड़ा होता है।
विशेषताएं-
(I) निलंबन विषमांगी मिश्रण होता है।
(II) इसमें मिले कणों को सरलता से सूक्ष्मदर्शी के द्वारा देखा जा सकता है।
(III) इसे फिल्टर पेण की सहायता से सरलतापूर्वक छाना जा सकता है।
(IV) निलंबन को कुछ देर स्थिर रखने पर कण द्रव से अलग हो कर नीचे बैठ जाते हैं।

प्रश्न 18.
कोलाइडी विलयन (Colloidal Solution) किसे कहते हैं ? इसकी विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
कोलाइड – यह एक विलयन है जिसमें विलेय के पदार्थ के कणों का आकार 10-7 सेमी० और 10-5 सेमी० के बीच होता है अर्थात् पदार्थ विलयन और निलंबन के बीच होता है । कोलाइडी विलयन को सॉल (Sols) भी कहते हैं। रक्त, टूथपेस्ट, साबुन का घोल, जेम, कोहरा आदि कोलाइडी विलयन के उदाहरण हैं।
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विशेषताएं-
(I) कोलाइडी विलयन समांगी प्रतीत होते हैं पर वास्तव में वे विषमांगी होते हैं।
(II) कोलाइडी कणों को फिल्टर पेपर से छान कर अलग नहीं किया जा सकता।
(III) कोलाइडी कण स्थिर अवस्था में रखे जाने पर भी तल पर नीचे नहीं बैठते।
(IV) कोलाइडी कण ब्राऊनी गति प्रकट करते हैं।
(V) कोलाइडी विलयन टिंडल प्रभाव दिखाते हैं।
चित्र-कोलाइडी कणों की ब्राऊनी गति
(VI) कोलाइडी कणों पर ऋण या घन आवेश होता है जिस कारण वैद्युत्-कण-संचालन का गुण प्रकट करते हैं।

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प्रश्न 19.
बताओ क्या होता है जब प्रकाश किरण पुंज कोलाइडी विलयन में से गुजरता है ?
उत्तर-
कोलाइडी विलयन में से जब तेज प्रकाश किरण पुंज को (साबुन के विलयन) अंधेरे कमरे में पड़ी बीकर में रख कर गुज़ारा जाता है तो इसका पथ प्रकाशित दिखाई देता है। प्रकाश का पथ इसलिए दिखाई देता है कि इसके कणों द्वारा प्रकाश प्रकीर्णन सब दिशाओं में होता है।
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यह प्रकीर्णन प्रकाश हमारी आंखों में प्रवेश करता है जिससे प्रकाश का पथ दिखाई देता है। इसे ‘टिंडल प्रभाव’ कहते हैं।

प्रश्न 20.
कुछ कोलाइडों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
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प्रश्न 21.
कोलाइड तथा निलंबन में अंतर लिखो।
उत्तर-
कोलाइड और निलंबन में अंतर-

कोलाइड (Colloidal) निलंबन (Suspension)
(i) कोलाइड के कणों को सरलता से नहीं देखा जा सकता। (i) निलंबन के कणों को सरलता से देखा जा सकता है।
(ii) कोलाइड के कणों को छान करके अलग किया नहीं किया जा सकता है। (ii) निलंबन के कणों को छान करके अलग किया जा सकता है।
(iii) कोलाइड के कणों का माप 10-7 सें० मी० से 10-5 सें० मी० होता है। (iii) निलंबन के कणों का माप 10-5 से० मी० या इससे अधिक होता है।
(iv) कोलाइड को काफ़ी स्थान तक स्थिर रखने पर भी इनके कण नीचे नहीं बैठते। (iv) निलंबन को काफ़ी समय तक स्थिर रखने पर इसके कण नीचे बैठ जाते हैं।

प्रश्न 22.
एक विलयन के 320 g विलायक जल में 40 g साधारण नमक विलेय है। विलयन की सांद्रता का परिकलन करें।
हल :
विलेय पदार्थ (नमक) का द्रव्यमान = 40g
विलायक (जल) का द्रव्यमान = 320g
हम जानते हैं,
विलयन का द्रव्यमान = विलेय पदार्थ का द्रव्यमान + विलायक का द्रव्यमान
= 40 g + 320 g
= 360g
विलयन का द्रव्यमान प्रतिशत
= PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 13 × 100
= \(\frac{40}{360}\) × 100 = 11.1%

प्रश्न 23.
विलयन की सांद्रता को किस प्रकार प्रदर्शित किया जा सकता है ?
उत्तर-
विलायक की सांद्रता किसी विलायक में विलेय की आपेक्षिक मात्रा होती है। यदि विलेय की मात्रा विलायक की अपेक्षा कम हो तो इसे तनु विलयन कहते हैं और विलेय की मात्रा अधिक होने की अवस्था में उसे सांद्र विलयन कहते हैं। विलयन की सांद्रता को निम्नलिखित ढंग से प्रदर्शित किया जा सकता है-

(i) विलयन की शक्ति – इसके अंतर्गत एक लिटर विलयन में उपस्थित विलेय की ग्राम संख्या को जाना जाता है, इसीलिए इसे ग्राम/लिटर इकाई से प्रदर्शित किया जाता है।
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(ii) प्रतिशतता
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प्रश्न 24.
निम्नलिखित शब्दों की परिभाषा बताओ-
1. आसवन
2. ऊर्ध्वपातन
3. अपकेंद्रण।
उत्तर-
1. आसवन – वह विधि जिसमें एक द्रव को उबाल कर वाष्पों में परिवर्तित किया जाता है और उन वाष्पों को ठंडा करके शुद्ध द्रव में संघनित किया जाता है, आसवन कहलाती है।

2. ऊर्ध्वपातन – वह विधि जिसमें कोई ठोस गर्म करने पर सीधे गैसीय अवस्था में बिना द्रवीय अवस्था में बदले परिवर्तित हो जाता है, ऊर्ध्वपातन कहलाती है।

3. अपकेंद्रण – इस विधि द्वारा किसी द्रव में निलंबित ठोस पदार्थ के कणों को पृथक किया जाता है। इसमें मिश्रण को वृत्ताकार पथ में क्षैतिज तल में तेज़ी से घुमाया जाता है।

प्रश्न 25.
चार ऐसी उदाहरण दीजिए जिसमें पानी में मिले अवयवों को अपकेंद्रण विधि से अलग किया जाता है।
उत्तर-
पानी से मिले अवयवों को अपकेंद्रण विधि द्वारा अलग करने के उदाहरण-

  1. रुधिर से रुधिर कोशिकाओं को अलग करना।
  2. पेशाब में मिले ठोस पदार्थों को अलग करना।
  3. चीनी की फैक्टरियों में गन्ने के रस से चीनी रवों को अलग करना।
  4. दूध से मक्खन को अलग करना।

प्रश्न 26.
जब हवा में कपूर की गोलियां रखी जाती हैं, तो वे कुछ देर बाद गायब क्यों हो जाती हैं ?
उत्तर-
कपूर ऊर्ध्वपातीय पदार्थ है। जब इनकी गोलियों को हवा में रखा जाता है, तो वे सीधे वाष्प में बदल जाती हैं। अत: कुछ समय बाद वे गायब हो जाती हैं।

प्रश्न 27.
दही से मक्खन को अलग करने के लिए, दही का मंथन क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
जब दही मथा जाता है तो मक्खन के कण अपकेंद्रीय बल द्वारा अलग हो जाते हैं। अब क्योंकि मक्खन के कण शेष कणों से हल्के होते हैं अतः वे लस्सी पर तैरते रहते हैं और आसानी से अलग किये जा सकते हैं। इसलिए दही का मक्खन दही से अलग करने के लिए मंथन किया जाता है।

प्रश्न 28.
तुम पानी से मूंगफली का तेल किस प्रकार पृथक् करोगे ?
उत्तर-
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मूंगफली के तेल तथा पानी को उनके मिश्रण से पृथक करना – मूंगफली का तेल तथा पानी अमिश्रणीय द्रव हैं। ये द्रव मिश्रण में अलग-अलग पर्ते बना लेते हैं, क्योंकि मूंगफली का तेल, पानी की अपेक्षा हल्का है। इस मिश्रण के अवयवों को पृथक्कारी कीप की सहायता से अलग किया जा सकता है। इस मिश्रण को पृथक्कारी कीप में डाला जाता है।

कुछ समय के पश्चात् मूंगफली का तेल ऊपरी पर्त तथा पानी निचली पर्त बना लेता है। अब पृथक्कारी कीप का स्टॉप कॉक खोल कर पानी अलग कर लिया जाता है जबकि मूंगफली का तेल कीप में रह जाता है।

प्रश्न 29.
दो घुलनशील पदार्थों के मिश्रण को कैसे पृथक् किया जा सकता है ? नमक के घोल में से शुद्ध पानी को कैसे अलग किया जाता है ?
उत्तर-
जिन पदार्थों के मिश्रण को विघटन हुए बिना उबाला जा सकता है और जिनके क्वथनांकों के मध्य अंतर अधिक होता है, उन्हें आसवन विधि से अलग-अलग किया जा सकता है। ऐसीटोन और जल के मिश्रण को आसवन विधि से अलग-अलग किया जा सकता है । एल्कोहल और जल के मिश्रण को भी इसी विधि से पृथक किया जा सकता है। नमक के घोल से शुद्ध पानी को प्राप्त करने के लिए हम आसवन विधि का प्रयोग करते हैं।

आसवन विधि – रिटार्ट में नमक का घोल लिया जाता है। रिटार्ट का मुंह ढक्कन से बंद कर दिया जाता है तथा इसकी गर्दन ठंडे पानी में रखी फ्लास्क में फिट की जाती है। एक गीला कपड़ा फ्लास्क के ऊपर रखा जाता है और इसका ध्यान रखा जाता है कि कपड़ा गीला रहे।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 17

रिटार्ट में पड़े घोल को अब गर्म किया जाता है। कुछ देर बाद पानी उबलना शुरू कर देता है तथा इस तरह बनी भाप फ्लास्क में से गुजरती है। फ्लास्क में भाप ठंडी होकर पानी के बुलबुलों में परिवर्तित हो जाती है जो फ्लास्क में एकत्रित हो जाती है। इस तरह एकत्रित पानी शुद्ध होता है।

प्रश्न 30.
नमक से कपूर को अलग करने की विधि का नाम बताओ।
उत्तर-
नमक तथा कपूर में से कपूर ऊर्ध्वपातीय पदार्थ है। इसलिए दिए गए मिश्रण में से दोनों अवयवों को ऊर्ध्वपातन विधि द्वारा अलग कर सकते हैं।

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प्रश्न 31.
आयोडीन तथा रेत को उनके मिश्रण से आप किस प्रकार पृथक करेंगे ?
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 18
आयोडीन एक ऐसा पदार्थ है जो गर्म करने पर ठोस अवस्था से गैसीय अवस्था में आ जाता है जबकि रेत यह गुण नहीं दर्शाता। अत: रेत तथा आयोडीन के मिश्रण में से उनको अलग करने के लिए ऊर्ध्वपातन की विधि उपयोग में लाई जाती है।

विधि – दिए गए मिश्रण को पार्सिलेन डिश में डालकर तिकोने स्टैंड पर रखो । अब कांच की कीप को चित्र की भांति पार्सिलेन डिश पर उल्टा करके रखो। कीप का मुंह रूई से बंद कर दीजिए। डिश को तब तक गर्म करिए जब तक कि मिश्रण में से धुआं निकलना न बंद हो जाए। अब गर्म करना बंद कर दें और उसे ठंडा होने दें। आप कीप की सतह पर पीले रंग का ठोस आयोडीन जमा हुआ देखेंगे जबकि पार्सिलेन डिश में केवल रेत बच जाएगा।

प्रश्न 32.
तुम्हें रेत, पानी तथा सरसों के तेल का मिश्रण दिया गया है। तुम मिश्रण के अवयवों को किस प्रकार अलग करोगे ?
उत्तर-
दिए गए मिश्रण को किसी बर्तन में डालकर कुछ समय के लिए छोड़ दें। आप देखेंगे कि रेत अघुलनशील तथा भारी होने के कारण बर्तन की तली में बैठ जाएगी। अब पानी तथा सरसों के तेल के अमिश्रणीय घोल को सावधानीपूर्वक किसी दूसरे बर्तन में उंडेल (अर्थात् निथार) लें। अब पानी तथा सरसों के तेल के अमिश्रणीय घोल को पृथक्कारी कीप में डाल लें। सरसों का तेल तथा पानी अलग-अलग परतें बना लेंगे। अब स्टॉप कॉक को खोल कर पानी तथा सरसों के तेल को पृथक् कर लें।

प्रश्न 33.
प्रभाजी आसवन विधि का प्रयोग किस अवस्था में किया जा सकता है ? चित्र बनाकर इस विधि को समझाइए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 19
जब दो या दो से अधिक घुलनशील द्रवों के क्वथनांक का अंतर 25 K से कम होता है, तो मिश्रण को प्रभाजी आसवन विधि से अलग किया जा सकता है। वायु की विभिन्न गैसों का पृथक्करण इसी विधि से किया जाता है। पेट्रोलियम उत्पादों से उनके विभिन्न उत्पादों को प्रभाजी आसवन विधि से प्राप्त किया जाता है।

प्रभाजी आसवन विधि का उपकरण साधारण आसवन विधि की तरह ही होता है। केवल आसवन फ़्लास्क और संघनक के बीच एक प्रभाजी स्तंभ का प्रयोग किया जाता है। साधारण प्रभाजी आसवन में एक नली का प्रयोग किया जाता है, जो शीशे के गुटकों से भरी होती है, जो वाष्प को ठंडा और संघनित होने के लिए सतह प्रदान करती है।

प्रश्न 34.
आसवन और प्रभाजी आसवन में अंतर लिखिए।
उत्तर-

आसवन प्रभाजी आसवन
1. मिश्रण को भिन्न-भिन्न ताप पर गर्म करने से अवयव प्राप्त होते हैं। 1. प्रभावी स्तंभ की अलग-अलग ऊँचाइयों से भिन्न-भिन्न प्रभाजी प्राप्त होते हैं।
2. मिश्रण को सबसे कम तापमान पर उबलने वाले अवयव के क्वथनांक पर गर्म किया जाता है। 2. मिश्रण को सबसे अधिक क्वथनांक वाले द्रव के क्वथनांक तक गर्म किया जाता है।
3. इस क्रिया से एक ही बार में शुद्ध अवयव प्राप्त नहीं होता है। 3. इस क्रिया से एक ही बार में शुद्ध अवयव प्राप्त हो जाता है।
4. मिश्रण को बार-बार भिन्न उबाल बिंदुओं तक गर्म करना पड़ता है। 4. मिश्रण को एक ही बार गर्म कर वाष्पित अवस्था में लाना पड़ता है।
5. मिश्रण में एक बार में केवल एक ही अवयव का वाष्पन होता है। 5. वाष्पित किए जाने वाले मिश्रण से एक साथ सभी अवयव वाष्पित होते हैं।
6. मिश्रण के वाष्पों को निकास नली से गुजार कर संघनित किया जाता है। 6. मिश्रण को गर्म करने के बाद वाष्पों को प्रभाजी स्तंभ तक भेजा जाता है।
7. जिन द्रवों के क्वथनांक में 25K से अधिक अंतर हो। उन्हीं के लिए आसवन विधि का प्रयोग किया जाता है। 7. 25 K से कम क्वथनांक के घुलनशील पदार्थों के मिश्रण के लिए ही इस विधि का उपयोग होता है।

प्रश्न 35.
संघटन के आधार पर पदार्थ का वर्गीकरण आरेख द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर-
संघटन के आधार पर पदार्थ का वर्गीकरण-
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PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

प्रश्न 36.
पीने योग्य पानी को जल स्रोतों से प्राप्त करने के क्रमों का चित्र बनाइए।
उत्तर-
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अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
शुद्ध पदार्थ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वह पदार्थ जिसमें विद्यमान सभी कण समान रासायनिक प्रकृति के हों, उसे शुद्ध पदार्थ कहते हैं ।

प्रश्न 2.
मिश्रण किस से बनता है ?
उत्तर-
मिश्रण एक या एक से अधिक शुद्ध तत्वों या यौगिकों के मिलने से बनता है।

प्रश्न 3.
जल में घुले नमक (NaCl) के मिश्रण को किस विधि से अवयवों में पृथक् कर सकते हैं ?
उत्तर-
आसवन विधि से।

प्रश्न 4.
समांगी मिश्रण के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
जल में नमक, जल में चीनी।

प्रश्न 5.
विषमांगी मिश्रण के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
नमक और लोहे की छीलन, नमक और गंधक।

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प्रश्न 6.
जल और तेल कैसा मिश्रण है-समांगी अथवा विषमांगी ?
उत्तर-
विषमांगी मिश्रण।

प्रश्न 7.
विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण है।

प्रश्न 8.
किसी ठोस विलयन का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
मिश्रधातु-पीतल, कांसा, बैल मेटल।

प्रश्न 9.
किसी गैसीय विलयन का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
वायु।

प्रश्न 10.
पीतल मिश्रधातु के कौन-कौन से अवयव हैं ?
उत्तर-
जिंक और कॉपर।

प्रश्न 11.
विलायक क्या है ?
उत्तर-
विलयन का वह घटक जिस की मात्रा दूसरे से अधिक होती है और जो दूसरे घटक को विलयन में मिलाता है उसे विलायक कहते हैं।

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प्रश्न 12.
विलयन क्या है ?
उत्तर-
विलयन का वह घटक जो कम मात्रा में होता है और विलायक में घुला होता है उसे विलय कहते हैं।

प्रश्न 13.
जल में चीनी के घोल में विलेय और विलायक के नाम लिखिए।
उत्तर-
चीनी विलेय और जल विलायक है।

प्रश्न 14.
टिंक्चर आयोडीन में विलेय और विलायक के नाम लिखिए।
उत्तर-
आयोडीन विलेय और एल्कोहल विलायक हैं।

प्रश्न 15.
वातयुक्त पेय (सोडा जल, कोक आदि) में विलेय और विलायक के नाम लिखिए।
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड गैस विलेय और जल विलायक हैं।

प्रश्न 16.
वायु किस प्रकार का विलयन है ?
उत्तर-
वायु गैस में गैस का विलयन है।

प्रश्न 17.
वायु में विलायक और विलेय का नाम लिखिए।
उत्तर-
नाइट्रोजन को वायु का विलायक और दूसरी गैसों को विलेय का नाम दिया जाता है।

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प्रश्न 18.
विलयन के क्षणों का आकार लिखिए।
उत्तर-
विलयन के कण व्यास में 1 nm (10-‘m) से भी छोटे होते हैं।

प्रश्न 19.
संतृप्त विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
किसी दिए हुए निश्चित तापमान पर यदि विलयन में विलेय पदार्थ नहीं घुलता है तो उसे संतृप्त विलयन कहते हैं।

प्रश्न 20.
असंतृप्त विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
यदि एक विलयन में विलेय पदार्थ की मात्रा संतृप्त से कम है तो इसे असंतृप्त कहते हैं।

प्रश्न 21.
विलयन की सांद्रता क्या है ?
उत्तर-
विलायक की मात्रा अथवा आयतन में घुले हुए विलेय की मात्रा को विलयन की सांद्रता कहते हैं।

प्रश्न 22.
निलंबन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
निलंबन वह विषमांगी घोल है जिसमें ठोस द्रव में परिक्षेपित हो जाता है। विलेय पदार्थ कण घुलते नहीं बल्कि माध्यम में समृष्टि में निलंबित रहता है।

प्रश्न 23.
निलंबन अस्थाई क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
निलंबन में छानन विधि से कणों को पृथक् किया जा सकता है इसलिए इसे अस्थाई माना जाता है।

प्रश्न 24.
निलंबित कण आँखों से क्यों देखे जा सकते हैं ?
उत्तर-
इस का आकार 100 nm (10-7m) से बड़ा होता है।

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प्रश्न 25.
टिंडल प्रभाव क्या है ?
उत्तर-
कोलाइडल कणों के छोटे आकार से प्रकाश की किरण का फैलना टिंडल प्रभाव कहलाता है।

प्रश्न 26.
दूध की कोलाइडल प्रकृति का कैसे पता चलता है ?
उत्तर-
दूध टिंडल प्रभाव दिखाता है।

प्रश्न 27.
कोलाइड के कणों का आकार लिखिए।
उत्तर-
1 nm से 100 nm के बीच।

प्रश्न 28.
कोलाइड किस विधि से मिश्रण से पृथक् किए जा सकते हैं ?
उत्तर-
अपकेंद्रीकरण तकनीक से।

प्रश्न 29.
छानन विधि का प्रयोग कहाँ नहीं किया जाता ?
उत्तर-
जब द्रव में विद्यमान ठोस कण इतने छोटे हों कि छानक पत्र से बाहर चले जाए।

प्रश्न 30.
मिश्रणों के अपकेंद्रण का सिद्धांत क्या है ?
उत्तर-
अपकेंद्रण विधि द्वारा भारी कण नीचे बैठ जाते हैं और हल्के कण ऊपर ही रह जाते हैं।

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प्रश्न 31.
अपकेंद्रण यंत्र प्रयोग कहाँ-कहाँ किया जाता है ?
उत्तर-
जाँच प्रयोगशाला में रक्त और मूत्र की जाँच, दूध से क्रीम और मक्खन प्राप्ति तथा वाशिंग मशीन में कपड़ों से जल निकालने के लिए।

प्रश्न 32.
दो अघुलनशील द्रवों के मिश्रण को किस सिद्धांत के आधार पर पृथक् करते हैं ?
उत्तर-
परस्पर न मिलने वाले द्रव अपने पनत्व के अनुसार पृथक्-पृथक् परतों में बंट जाते हैं।

प्रश्न 33.
नमक और अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण को किस विधि से पृथक् किया जा सकता है ?
उत्तर-
ऊर्ध्वपातन विधि से।

प्रश्न 34.
चार ऐसे ठोस पदार्थों के नाम लिखिए जिन का ऊर्ध्वपातन किया जा सकता है ?
उत्तर-
अमोनियम क्लोराइड, कपूर, नेपथालीन, एंथ्रासीन।

प्रश्न 35.
डाई कितने रंगों का मिश्रण होता है ?
उत्तर-
दो या दो से अधिक रंगों का मिश्रण।

प्रश्न 36.
क्रोमैटोग्राफ़ी किसे कहते हैं ?
उत्तर-
मिश्रण से रंगों के पृथक्कीकरण की विधि को क्रोमैटोग्राफ़ी कहते हैं।

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प्रश्न 37.
क्रोमैटोग्राफ़ी के क्या उपयोग हैं ?
उत्तर-
डाई में रंगों को पृथक् करने, प्राकृतिक रंगों से रंग को अलग करने, मूत्र से चीनी पृथक् करने तथा रक्त से दवा पृथक् करने के लिए।

प्रश्न 38.
आसवन विधि का प्रयोग मिश्रण के किन घटकों को पृथक् करने के लिए किया जाता है ?
उत्तर-
जिन घटकों के क्वथनांकों के बीच काफ़ी अंतर होता है।

प्रश्न 39.
प्रभाजी आसवन का प्रयोग कहाँ किया जाता है ?
उत्तर-
जब दो या दो से अधिक घुलनशील द्रवों के क्वथनांक का अंतर 25K से कम होता है।

प्रश्न 40.
दो उदाहरण लिखिए जहाँ प्रभाजी आसवन विधि का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
वायु से विभिन्न गैसों तथा पेट्रोलियम उत्पादों से उन के विभिन्न घटकों को पृथक करने के लिए।

प्रश्न 41.
साधारण प्रभाजी स्तंभ में शीशे के गुटके क्या कार्य करते हैं ?
उत्तर-
ये वाष्प को ठंडा और संघनित होने के लिए सतह प्रदान करते हैं।

प्रश्न 42.
वायु कैसा मिश्रण है ?
उत्तर-
समांगी मिश्रण।

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प्रश्न 43.
ऑक्सीजन का क्वथनांक कितना है ?
उत्तर-
183°C।

प्रश्न 44.
आर्गन का क्वथनांक क्या है ?
उत्तर-
186°C।

प्रश्न 45.
नाइट्रोजन का क्वथनांक क्या है ?
उत्तर-
196°C।

प्रश्न 46.
क्रिस्टलीकरण विधि का प्रयोग किस लिए किया जाता है ?
उत्तर-
ठोस पदार्थों को शुद्ध करने के लिए।

प्रश्न 47.
शुद्ध कॉपर सल्फेट को किस विधि से प्राप्त करेंगे ?
उत्तर-
क्रिस्टलीकरण विधि से।

प्रश्न 48.
समुद्र से प्राप्त नमक को शुद्ध रूप में किस विधि से प्राप्त करेंगे ?
उत्तर-
वाष्पीकरण तथा क्रिस्टलीकरण विधि से।

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प्रश्न 49.
क्रिस्टलीकरण विधि साधारण वाष्पीकरण से अच्छी क्यों है ?
उत्तर-
साधारण वाष्पीकरण में कुछ ठोस विघटित हो जाते या झुलस जाते हैं या कुछ अशुद्धियां रह जाती हैं।

प्रश्न 50.
फिटकरी को किस विधि से शुद्ध किया जाता है ?
उत्तर-
क्रिस्टलीकरण से।

प्रश्न 51.
रासायनिक परिवर्तन में क्या-क्या परिवर्तित होता है ?
उत्तर-
रासायनिक संघटन और रासायनिक गुणधर्मों में परिवर्तन होता है।

प्रश्न 52.
जलना किस प्रकार का परिवर्तन है ?
उत्तर-
रासायनिक परिवर्तन।

प्रश्न 53.
रासायनिक संघटन के आधार पर पदार्थ को किन भागों में बांटा जाता है ?
उत्तर-
तत्व और यौगिक।

प्रश्न 54.
फ्रांस के किस वैज्ञानिक ने तत्व के लिए माना था कि वह पदार्थ का मूल रूप है ?
उत्तर-
एंटोनी लॉरेंट लेवाज़िर ।

प्रश्न 55.
पदार्थ का मूल रूप क्या है ?
उत्तर-
तत्व।

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प्रश्न 56.
तत्व क्या है ?
उत्तर-
तत्व-यह पदार्थ का वह मूल रूप है जिसे रासायनिक प्रतिक्रिया से छोटे पदार्थों के टुकड़ों में नहीं बांटा जा सकता।

प्रश्न 57.
तत्वों को किन-किन भागों में बांटा जाता है ?
उत्तर-
धातु, अधातु और उपधातु ।

प्रश्न 58.
कौन-सी धातु कमरे के तापमान पर द्रव है ?
उत्तर-
पारा।

प्रश्न 59.
उपधातु किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जो धातु और अधातु के मध्यवर्ती गुणों को दर्शाते हैं उन्हें उपधातु कहते हैं।

प्रश्न 60.
उपधातु के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
बोरान, सिलिकन।

प्रश्न 61.
अधातुओं के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
हाइड्रोजन, आयोडीन, कॉर्बन, कोक, ब्रोमीन, क्लोरीन आदि।

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प्रश्न 62.
धातुओं के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
सोडियम, पोटाशियम, लोहा, तांबा, चांदी, सोना आदि।

प्रश्न 63.
ज्ञात तत्वों की संख्या कितनी हैं ?
उत्तर-
112 तत्व ।

प्रश्न 64.
प्राकृतिक तत्व कितने हैं ?
उत्तर-
92 तत्व ।

प्रश्न 65.
कितने तत्व कमरे के तापमान पर गैसें हैं ?
उत्तर-
ग्यारह (11) तत्व ।

प्रश्न 66.
मिश्रण को पृथक् करने की पांच विधियों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. फिल्टरन
  2. क्रिस्टलीकरण
  3. ऊर्ध्वपातन
  4. आसवन
  5. वाष्पन।

प्रश्न 67.
चीनी की फैक्टरी में चीनी के क्रिस्टलों को अलग करने के लिए कौन-सी विधि प्रयोग की जाती
उत्तर-
‘अपकेंद्रण’ विधि।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पदार्थ की विशेषताएं क्या हैं? पदार्थ की तीन अवस्थाओं के गुण संक्षेप में लिखिए।
उत्तर-

  1. पदार्थ स्थान घेरते हैं – वस्तु द्वारा घेरा हुआ स्थान आयतन कहलाता है। सभी वस्तुएं स्थान तो घेरती हैं, लेकिन समान रूप में नहीं घेरती हैं। कुछ वस्तुएं कम और कुछ वस्तुएं अधिक स्थान घेरती हैं; जैसे-एक पुस्तक, पैंसिल की अपेक्षा अधिक स्थान घेरती है।
  2. पदार्थ भार रखते हैं – सभी वस्तुओं में भार होता है, पर सभी में समान रूप से भार नहीं होता है। यह इस पर निर्भर करता है जो कि वस्तु में अणु कितनी दृढ़ता से व्यवस्थित हैं।

सभी पदार्थों को तीन अवस्थाओं में वर्गीकृत किया गया है-
ठोस (Solid) – ऐसे पदार्थ जिनकी आकृति और आयतन दोनों ही निश्चित होते हैं, ठोस कहलाते हैं; जैसे-पत्थर, लोहा आदि।
ठोस के गुण-

  1. ठोस का आयतन निश्चित होता है।
  2. ठोस की आकृति निश्चित होती है।
  3. से कटोर और दृढ़ होते हैं।
  4. ठोस बहते नहीं हैं। इनका ढेर लगाया जा सकता है।
  5. ठोसों को संपोड़ित नहीं किया जा सका है।
  6. ठोसों के अणुओं के मध्य अधिक आकर्षण बल पाया जाता है।
  7. ठोस में बहुत-से मुक्त पृष्ठ हो सकते हैं।

द्रव (Liquids ) – वह पदार्थ जिनका आयतन तो निश्चित होता है, परंतु आकृति निश्चित नहीं होती है तथा एक मुक्त पृष्ठ होता है, द्रव कहलाता है। उदाहरण-जल, दूध आदि।

  1. द्रव का आयतन निश्चित होता है।
  2. द्रव की आकृति निश्चित नहीं होती है। यह उसी बर्तन की आकृति ग्रहण कर लेता है जिसमें रखा जाता है।
  3. द्रव के रखने के लिए बर्तन की आवश्यकता होती है।
  4. द्रव इसका ऊपरी पृष्ठ खुला होता है।
  5. द्रव के अणुओं के मध्य लगने वाला आकर्षण बल, ठोसों की अपेक्षा कम होता है।

गैस (Gas) – वह पदार्थ जिसमें न तो आकृति और न ही आयतन निश्चित होता है, गैस कहलाता है। यह सरलता से संपीड़ित हो जाता है और इसका कोई मुक्त पृष्ठ नहीं होता है। उदाहरण-ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, भाप आदि।

गैसों के गुण-

  1. गैसों की आकृति निश्चित नहीं होती है। ये जिस बर्तन में रखी जाती हैं, उसी का आकार ग्रहण कर लेती हैं।
  2. गैसों का आयतन निश्चित नहीं होता है। ये उसी बर्तन का आयतन ग्रहण कर लेती हैं, जिसमें इनको रखा जाता
  3. गैस को संपीड़ित किया जा सकता है।
  4. गैस का मुक्त पृष्ठ नहीं होता है।
  5. गैस के अणुओं के बीच आकर्षण बल कम होता है।
  6. गैस सभी दिशाओं में बह सकती है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 2.
(क) प्रयोग द्वारा सिद्ध करें कि वाष्पन से ठंडक पैदा होती है।
(ख) वे उदाहरण दें जहाँ वाष्पन लाभदायक होता है।
उत्तर-
(क) प्रयोग – लकड़ी के टुकड़े पर थोड़ा-सा पानी छिड़क कर ईथर से भरे बीकर को ऊपर रख देते हैं। ईथर की वाष्पन दर बढ़ाने के लिए ईथर को फूंक मारते हैं जैसा कि चित्र में दिखाया गया है । पानी से वाष्पन की गुप्त ऊष्मा अवशोषित कर ली जाती है। यह ठंडा हो जाता है और अंत में जम जाता है तथा बर्फ बन जाता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ 1

(ख) वाष्पन द्वारा ठंडक पैदा करने के उदाहरण-

  1. गर्मियों में हम ज़मीन पर पानी छिड़कते हैं। सतह से पानी वाष्पित होता है और वाष्पन के लिए गुप्त ऊष्मा यह करने से अवशोषित करता है जिससे ज़मीन ठंडी हो जाती है।
  2. गर्मियों के मौसम में प्रयुक्त होने वाले वाटर कूलर (डैज़र्ट कूलर) इसी नियम पर आधारित हैं कि वाष्पन से ठंडक पैदा होती है। चटाइयों ( पंड) पर छिड़का जा रहा पानी वाष्पित होता है और ठंडक पैदा होती है।
  3. जब बाहर का ताप बहुत आंधक ने तो हमारे शरीर पर पसीना आता है। जैसे ही हमें पसीना आता है, वाष्पन क्रिया होती हैं और ठंडक महेंसूस होता है।
  4. नहाने के बाद हमारे शरीर पर स्थित पानी का वाष्पन होता है जिससे ठंडक महसूस होती है। यह ठंडक और अधिक महसूस होगी यदि हम पंखे के नीचे आ खड़े हों। पंखे की हवा वाष्पन की दर बढ़ाती है, अत: ठंडक बढ़ती है।
  5. चुसकी लेने से पहले चाय के गर्म कप में फूंक मारी जाती है जिससे वाष्पन में वृद्धि हो जाती है तथा ताप में कमी हो जाती है।
  6. गर्मियों में वृक्षों में नए पत्ते आ जाते हैं। इन पत्तों से पानी का वाष्पन काफ़ी तीव्रता से होता है। फलस्वरूप ये
  7. मिट्टी के बर्तनों या सुराहियों में पानी ठंडा रहता है। मिट्टी के बर्तनों की सतह पर बहुत बारीक लिद्र होते हैं। पानी इन छिद्रों में से बाहर रिसता रहता है और वाष्पित होता रहता है तथा सुराही के पानी से वाष्पन की गुप्त ऊष्णा अवशोषित कर लेता है।
  8. परिणामस्वरूप सुराही में पड़ा पानी ठंडा हो जाता है। (8) कई बार घड़े के गिर्द एक गोला कपड़ा रखा जाता है ताकि पानी की वाष्पन क्रिया तेज हो और यह शीघ्रता से ठंडा हो सके।
  9. गर्मियों में कुत्ते प्रायः अपनी जीभ बाहर निकाले रखते हैं ताकि उन्हें ठंडक महसूस हो। वे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उनकी चमड़ी से पसीना नहीं आता।
  10. जब नाखूनों की पॉलिश हटाने के लिए एसीटोन नामक द्रव को प्रयोग में लाते हैं तो नाखूनों के आस-पास त्वचा पर लगने से वह वहाँ से ऊष्मा को प्राप्त कर वाष्पीकृत हो जाती है जिससे ठंडक महसूस होती है।

प्रश्न 3.
क्वथन (Boiling) की परिभाषा दीजिए। यह वाष्यन से कैसे भिन्न है ?
उत्तर-
कवथन या उबाल क्रिया – जब द्रव का सतही दबाव वायुमंडलीय दबाव के बराबर हो जाता है तब द्रव अवस्था से वाष्प अवस्था में बदलने की क्रिया को उबाल क्रिया या क्वथन क्रिया कहते हैं।

पानी का क्वथनांक (Boiling point) – 100°C है। अशुद्धियाँ प्राय. क्वथनांक को कम कर देती हैं। द्रव की सतह पर दबाव में वृद्धि से उबाल दर्जे में वृद्धि होती है। यह दाब के कारण पानी (द्रव) के क्वथनांक में वृद्धि का सिद्धांत प्रेशर कुकर के निर्माण में प्रयुक्त होता है।

वाष्पन तथा क्वथन में अंतर-

क्वथन वाष्पन
(1) इस क्रिया के दौरान ताप बदलता है। (1) इस क्रिया के दौरान ताप पूर्णतया स्थिर रहता है।
(2) यह सभी तापों पर होता रहता है। (2) यह केवल क्वथनांक पर होता है।
(3) यह सतह पर होने वाली क्रिया है। (3) यह द्रव के सभी कणों पर होता है।
(4) यह एक शांत और धीमी क्रिया है। (4) यह तेज़ और एक ध्वनि उत्पन्न करने वाली क्रिया है।
(5) यह सतह के क्षेत्रफल, वायु, वेग आदि की वृद्धि से बढ़ जाती है। (5) यह इनके परिवर्तनों के होने पर स्थिर रहता है।
(6) इस क्रिया में बुलबुले नहीं बनते। (6) इस क्रिया में बुलबुले बनते हैं।
(7) इसमें ठंड उत्पन्न होती है। (7) इसमें ठंड उत्पन्न नहीं होती।

प्रश्न 4.
वाष्पीकरण को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पदार्थ के कण सदा गतिशील रहते हैं। निश्चित तापमान पर उसके कणों में गतिज ऊर्जा होती है। जिस कारण वाष्पीकरण होता रहता है पर निम्नलिखित कारकों से इसकी दर प्रभावित होती है-

  • सतह क्षेत्र बढ़ने से – वाष्पीकरण एक सतही प्रक्रिया है। जब सतह का क्षेत्र बढ़ा दिया जाता है तो वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है। इसलिए किसी गिलास में डाले गए गर्म दूध की अपेक्षा प्लेट में डाला गया गर्म दूध जल्दी ठंडा हो जाता है। गीले कपड़ों को सुखाने के लिए उन्हें धूप में फैलाया जाता है।
  • तापमान में वृद्धि – द्रव का तापमान जितना अधिक होगा उसका वाष्पीकरण भी उतना ही जल्दी होगा। इस से पदार्थ के कणों को पर्याप्त गतिज ऊर्जा प्राप्त होती है।
  • आर्द्रता में कमी – यदि वायु में नमी की मात्रा कम हो तो वाष्पीकरण शीघ्र होता है पर वायु में नमी होने के कारण वाष्पीकरण देर से होता है। वर्षा के दिनों में गीले कपड़ों को इसी कारण सूखने में देर लगती है।
  • हवा की गति में तीव्रता – तेज़ हवा में वाष्पीकरण शीघ्र होता है। हवा तेज़ होने के कारण जलवाष्प हवा के साथ उड़ जाते हैं जिस कारण आसपास के जल वाष्पों की मात्रा घट जाती है।
  • पदार्थ की प्रकृति – पेट्रोल, स्पिरिट आदि ऐसे द्रव हैं जिनकी प्रकृति अधिक तेजी से वाध्वीकृत होने की है।
  • दबाव में कमी – द्रवों पर दबाव कम होने से वाष्पीकरण की क्रिया अधिक तेजी से होती है।

प्रश्न 5.
ऊष्मा और तापमान में अंतर लिखिए।
उत्तर-
ऊष्मा और तापमान में अंतर-

ऊष्या नापमान
1. यह ऊर्जा का एक रूप है। 1. यह एक अवाया है। इससे ऊष्मा के बहने की दिशा का पता लता है।
2. इसमें गर्मी या सर्दी की संवेदना का अनुभव होता है। 2. वस्तु का गुणधर्म होने के कारण यह उभा के प्रवाह को निश्चित करता है।
3. इसे कैलोरी या किलो-कैलोरी में मापते हैं। इसका यांत्रिक मात्रक जूल (J) है। 3. इसे अंशो में मा५ है।
4. यह वस्तु में ऊर्जा की मात्रा है। 4. यह वस्तु का भौतिक है।
5. इसे कैलोरीमीटर से मापते हैं। 5. इसे तापमापी से मापत हैं।
6. यह वस्तु की संहति, प्रकृति और तापक्रम पर निर्भर करती है। 6. यह वस्तु की संहति, प्रकृति और तापक्रम पर निर्भर नहीं करता।
7. यह एक कारण है। 7. यह ऊष्मा का प्रभाव है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पदार्थ किसे कहते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
पदार्थ – हमारे दैनिक जीवन में प्रयोग में लायी जाने वाली अनेक प्रकार की नस्तुएं हैं। इसका रूप, सा, गुण, आकार, उपयोग आदि अलग-अलग होते हैं पर फिर भी हमारे लिए उपयोगा हैं। नमक का पानी में घोल और चीनी का पानी में घोल देखने में एक से प्रतीत होते हैं पर दोनों एक-दूपरे से भिन्न हैं : मेला, कुम भ पानी, हवा, पेसिल, पत्थर, दूध, माँस, दालें, अनाज आदि सभी पदार्थ हैं। पदार्थ वे वस्तुएँ हैं जो स्थान घरती हैं और रखती हैं इसलिए हमारे आस-पास की सभी वस्तुएँ पदार्थ की श्रेणी में रखी जाती हैं।

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प्रश्न 2.
पदार्थ का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर-
पदार्थ को अनेक प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है। आधुनिक काल में इसका वो करण प्रायः दो आधारों पर किया जाता है-
(I) भौतिक अवस्था के आधार पर : ठोस द्रव और गैस
(II) रासायनिक संरचना के आधार पर : तत्त्व, यौगिक और मिश्रण।

प्रश्न 3.
प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि पदार्थ कणों से बने होते हैं और कणों के बीच खाली स्थान होता
उत्तर-
प्रयोग – एक 100 ml का बीकर लो। इसे जल से लगभग आधा भर दो और जल के स्तर पर निशान लगा दो। अब इसमें कुछ नमक या चीनी डालो और जल के स्तर को देखो। यह कुल बह गया है। नमक या चीनी को छड़ की सहायता से अच्छी तरह हिलाओ। इसके घुल जाने के पश्चात् जल का तल फिर से कम हो जाएगा।

निष्कर्ष – इससे प्रमाणित होता है कि जल के अणुओं के बाच खाली स्थान होता है। हिलाने पर नमक या चीनी के अणु उन खाली स्थानों में चले गए और जल का स्तर कम हो गया। पदार्थ कणों से बनने के कारण ही नमक या चीनी पूरी तरह जल में घुल गई।
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प्रश्न 4.
प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि पदार्थ के कण अति सूक्ष्म होते हैं ।
उत्तर-
प्रयोग – पोटाशियम परमैंगनेट के दो या तीन क्रिस्टलों को 100 मि.ली० जल में घोल दें। इस घोल से परखनली में लगभग 10 मि०ली. घोल निकाल कर 90 मि०ली० साफ जल में मिला दें। फिर इस घोल से 10 मि०ली० निकाल कर उसे भी 90 मि०ली० साफ जल में मिला दें। इसी प्रकार इस घोल को 5 से 8 बार दोहराओ और घोल को तनु करते रहो । आप देखेंगे कि जल अब भी रंगीन रहेगा।

निष्कर्ष- इससे सिद्ध होता है कि पोटाशियम परमैंगनेट के केवल एक क्रिस्टल में अनेक सूक्ष्म कण होते हैं ।
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प्रश्न 5.
प्रयोग द्वारा ठोस, द्रव और गैसों पर दबाव का प्रभाव प्रदर्शित करना ।
उत्तर-
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प्रयोग – 100 ml की तीन सिरिंज लेकर उनके सिरों को चित्र के अनुसार बंद कर दो। सभी सिरिंजों के पिस्टन को हटा लें। पहली सिरिंज में हवा, दूसरी में जल और तीसरी में चॉक के टुकड़े भर दें। सिरिंज के पिस्टन की गतिशीलता आसान बनाने के लिए उस पर थोड़ी वैसलीन लगा दें और उसे वापस सिरिंज में लगाएं। अब पिस्टन को संपीडित करने का प्रयत्न करें।

पिस्टन वायु से भरी सिरिंज में आसानी से गति करता है पर पानी से भरी सिरिंज में पिस्टन बहुत थोड़ी गति करता है। चॉक के टुकड़ों पर संपीडन बिल्कुल नहीं होता।

निष्कर्ष – गैसें सबसे अधिक संपीड्य होती हैं। द्रवों को अधिक नहीं दबाया जा सकता पर ठोस पर दबाव का प्रभाव नहीं पड़ता। गैसें सबसे अधिक संपीड्य होती हैं।

प्रश्न 6.
पदार्थ का भौतिक अवस्था के आधार पर वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर-
विश्व की विभिन्न वस्तुओं को भौतिक आधार पर ठोस, तरल और गैस नामक तीन अवस्थाओं में वर्गीकृत किया जा सकता है।
ठोस – ठोस का निश्चित रूप और आकार होता है तथा इसका निश्चित घनफल होता है। प्रायः ये कठोर होते हैं और इन पर दबाव नहीं डाला जा सकता। उदाहरण-लकड़ी, पत्थर, चीनी, नमक।
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द्रव – तरल का निश्चित आकार नहीं होता पर निश्चित घनफल अवश्य होता है। ये उसी बर्तन का आकार ले लेते हैं जिसमें इन्हें डाला जाता है। इनमें बहने की प्रवृत्ति होती है। इसलिए इन्हें द्रव भी कहते हैं । उदाहरण पानी, दूध, तेल, एल्कोहल।

गैस – गैस का न तो निश्चित आकार होता है और न ही निश्चित घनफल। इस पर दबाव डाला जा सकता है। यह उस बर्तन में पूर्ण रूप से फैल कर उसी का रूप ले लेती है जिसमें इसे डाला जाता है। उदाहरण-ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, वायु, कार्बन डाइऑक्साइड।

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प्रश्न 7.
ठोस, द्रव और गैस की स्थिति अंतरा आण्विक बल के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
प्रत्येक पदार्थ अति छोटे कणों से बनता है। ये कण स्थिर न हो कर लगातार गतिशील रहते हैं। ऊष्मा ऊर्जा से इनकी गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। ये एक-दूसरे पर आकर्षण बल लगाते हैं जिसे अंतरा आण्विक बल कहते हैं । इनके आधार पर ठोस, द्रव, गैस की स्थिति की व्याख्या की जा सकती है।

ठोस – इनमें कण एक-दूसरे के बहुत निकट होते हैं और कणों के बीच बहुत कम रिक्त स्थान होता है । इनके बीच आकर्षण बल बहुत अधिक होता है और वे केवल घूर्णन गति कर सकते हैं । इसलिए उनका निश्चित आकार और घनफल होता है।
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द्रव – इनमें कण एक-दूसरे से दूर-दूर होते हैं और कणों के बीच पर्याप्त रिक्त स्थान होता है जिसके परिणामस्वरूप इनमें आकर्षण बल अपेक्षाकृत कमजोर होता है पर यह इतना कमजोर नहीं होता कि कण एक-दूसरे से अलग हो जाएं। इसीलिए द्रव पदार्थों का निश्चित आकार नहीं होता पर उनका निश्चित घनफल होता है। वे उस बर्तन का आकार ग्रहण कर लेते हैं जिसमें डाले जाते हैं।

गैस – गैसों में कणों की स्थिति बहुत ढीली होती है और उन के बीच रिक्त स्थान बहुत अधिक होते हैं। उन के बीच आकर्षण बल न के बराबर ही होता है और तीव्र वेग से सभी दिशाओं में इधर-उधर गति कर सकते हैं। इसीलिए गैस का न तो निश्चित आकार होता है और न ही निश्चित घनफल। इनके कणों में बड़े रिक्त स्थानों के कारण उन्हें दबाया जा सकता है और वे बर्तन की दीवारों पर दबाव डाल सकती हैं।

प्रश्न 8.
अवस्था परिवर्तन से आप क्या समझते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
तापमान और दबाव पर निर्भर कर कोई पदार्थ ठोस, तरल और गैस अवस्थाओं को प्राप्त कर सकता है जिसे अवस्था परिवर्तन कहते हैं। यदि किसी वस्तु का द्रवणांक सामान्य तापमान से अधिक हो तो वह ठोस कहलाती है और यदि उसका क्वथनांक सामान्य तापमान से अधिक हो तो वह द्रव कहलाती है। सामान्य दबाव पर यदि क्वथनांक कम हो तो उसे गैस कहते हैं। तापमान और दबाव में परिवर्तन से किसी पदार्थ को ठोस, तरल और गैस अवस्थाएं दी जा सकती
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हैं। बर्फ को गर्म करने से वह द्रव में और द्रव को गर्म करने से वाष्प में बदला जा सकता है। वाष्प को ठंडा करने से द्रव और द्रव को ठंडा करने से उसे ठोस में बदला जा सकता है।
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प्रश्न 9.
एक प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि तापमान के परिवर्तन से पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन होता
उत्तर-
प्रयोग – एक बीकर में लगभग 150 ग्राम बर्फ का टुकड़ा लें और उसे स्टैंड पर इस प्रकार रखें कि थर्मामीटर का बल्ब उसको स्पर्श करे। चित्रानुसार उपकरण को लगाएं। बीकर को धीमी आंच पर गर्म करें।
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जब बर्फ पिघलने लगे तो तापमान नोट करो। जब पूरी बर्फ जल में परिवर्तित हो जाए तो फिर तापमान नोट करो। जब जल उबलने लगे और भाप बनने लगे तब तापमान को नोट करो।

निष्कर्ष – बर्फ 0°C पर पिघलती है। जब सारी बर्फ पिघल कर पानी में बदल जाती है तब भी उसका तापमान 0°C होता है। जल की द्रव अवस्था से गैसीय अवस्था में परिवर्तन 100°C पर होता है।

प्रश्न 10.
पदार्थ की अवस्था पर ताप और दाब का क्या प्रभाव पड़ता है ? स्पष्ट करो।
उत्तर-
ताप और दाब का पदार्थ की अवस्था पर प्रभाव पड़ता है। जब किसी ठोस को गर्म किया जाता है तो उस के कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। वे तेजी से कंपन करते हैं और अधिक स्थान ग्रहण करते हैं और वे फैलने लगते हैं। एक निश्चित तापमान पर वे आकर्षण के बंधन से मुक्त हो स्वतंत्रतापूर्वक घूमने लगते हैं। तब उसके अणुओं की गति नहीं बढ़ती और उनका व्यवस्था और क्रम में परिवर्तन होने लगता है तब वे तरल अवस्था में बदल जाते हैं । तल को गर्म करने से अणुओं का वेग बढ़ जाता है। उनकी गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। तेज़ गति वाले अणुओं का सवेग जब उन पर भीतर की तरफ लग रहे बल से अधिक बढ़ जाता है तो वे वाष्प अवस्था में बदल जाते हैं और तरल की सतह से बाहर निकल आते हैं।

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प्रश्न 11.
जल और एल्कोहल के निश्चित आयतन को परस्पर मिलाने पर मिश्रण का आयतन प्रारंभ में लिए गए जल और एल्कोहल के योग से कम हो जाता है। क्यों ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
काँच की एक नली के आधे भाग में जल भरो। इस के शेष आधे भाग को एथिल एल्कोहल से भर दो। इसे अच्छी तरह से हिलाओ। नली में कुछ रिक्त स्थान दिखाई देगा। कुछ समय बाद इसे फिर देखो। मिश्रण का आयतन प्रारंभ में लिए गए जल और एल्कोहल के आयतन के योग से कुछ कम दिखाई देगा क्योंकि एल्कोहल के कण जल के अंतरा-अणुक अवकाश के मध्य समायोजित हो जाते हैं।

प्रश्न 12.
ठोस, द्रव तथा गैस में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
ठोस, द्रव तथा गैस में अंतर-
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प्रश्न 13.
शीतलन के लिए 0°C के पानी की अपेक्षा 0°C की बर्फ़ अधिक प्रभावी क्यों होती है ?
उत्तर-
0°C ताप की बर्फ °C के पानी की अपेक्षा ठंडा करने में अधिक प्रभावपूर्ण होती है क्योंकि वह 0°C के पानी में बदलने के लिए अपनी गलन की गुप्त ऊष्मा के बराबर ऊष्मा लेती है और फिर ताप वृद्धि के लिए ऊष्मा प्राप्त करती है जबकि 0°C तापमान का पानी केवल ताप में वृद्धि के लिए ही ऊष्मा को प्राप्त करता है।

प्रश्न 14.
दाँतों को आइसक्रीम बर्फ के जल की अपेक्षा अधिक ठंडी क्यों प्रतीत होती है ?
उत्तर-
आइसक्रीम को पिघलने के लिए गलन की गुप्त ऊष्मा की आवश्यकता होती है जो दाँतों से अवशोषित की जाती है। इस गुप्त ऊष्मा का मान अधिक होता है जिसके परिणामस्वरूप दाँतों को आइसक्रीम बर्फ के जल की अपेक्षा अधिक ठंडी प्रतीत होती है।

प्रश्न 15.
बर्फ गलन की गुप्त ऊष्मा क्या है ? इसका क्या अर्थ है ?
उत्तर-
बर्फ गलन की गुप्त ऊष्मा 3.34 × 105 J/kg (या 80 cal/g) है। इसका अर्थ यह है कि 0°C पर 1 kg बर्फ 3.34 × 105 जूल ऊष्मा अवशोषित करके 0°C पर 1 kg पानी में बदलती है या 1 kg पानी 0°C पर 3.34 × 105 जूल ऊष्मा विसर्जित करके 0°C पर बर्फ में बदल जाता है।

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प्रश्न 16.
भाप के वाष्पन की गुप्त ऊष्मा क्या है ? इसका क्या अर्थ है ?
उत्तर-
भाप के वाष्पन की गुप्त ऊष्मा 22.5 × 105 J/kg (या 540 cal/g) है। इसका अर्थ यह है कि 100° पर 1kg पानी 22.5 × 105 जूल ऊष्मा अवशोषित करके 100°C ताप वाली भाप में बदल जाता है या 100°C पर 1 kg भाप 22.5 × 105 जूल ऊष्मा विसर्जित करके 100°C ताप वाले पानी में बदल जाती है।

प्रश्न 17.
उबलते पानी और उसी ताप की भाप में से, किससे जलन अधिक कष्टकर होती है ? कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
भाप सदा ही उबलते पानी से अधिक गंभीर जलन उत्पन्न करती है। जब पानी 100°C तापमान पर उबलता है तो 100°C वाष्प में परिवर्तित होता है। उसे 536 कैलोरी / ग्राम या 2260 जूल / ग्राम ऊष्मा की आवश्यकता होती है जिसे गुप्त ऊष्मा कहते हैं । इसीलिए उबलते पानी से भाप में ऊष्मा अधिक होती है क्योंकि उसमें गुप्त ऊष्मा भी सम्मिलित होती है। इसी कारण वह अधिक गंभीर जलन उत्पन्न करती है।

प्रश्न 18.
जब मोटे कांच से बने गिलास में उबलता हुआ पानी ( या बर्फ ) डाल दिया जाता है तो यह तिड़क क्यों जाता है ?
उत्तर-
जब मोटे कांच से बने गिलास में उबलता हुआ पानी डाला जाता है तो ताप वृद्धि के कारण गिलास का आंतरिक भाग फैल जाता है। क्योंकि कांच ऊष्मा का कम चालक है इसलिए बाहर बहुत कम ऊष्मा आती है। बाहरी सतह से कांच बहुत कम फैलता है। इसी कारण गिलास तिड़क जाता है।

प्रश्न 19.
ठोस प्रसार की कुछ हानियां बताओ।
उत्तर-
ठोस प्रसार की कुछ हानियां-

  1. जब कांच के गिलास में गर्म पानी डाला जाता है तो यह तिड़क जाता है ।
  2. इस प्रसार के कारण रेल की पटरियां टेढ़ी हो सकती हैं तथा गाड़ियां उलट सकती हैं।
  3. कंकरीट या अन्य सामान्य फ़र्श तिड़क सकते हैं।
  4. भाप या गर्म पानी से पानी की पाइपें मुड़ सकती हैं।
  5. गर्मियों में लंबी तारें बिछाई जाती हैं ताकि सर्दियों में सिकुड़ने की क्रिया को पूरा किया जा सके।
  6. इस्पात से बने पुल फैल कर सहारे की दीवारें तोड़ सकते हैं।
  7. घड़ियां गर्मियों में पीछे और सर्दियों में आगे जा सकती हैं।

प्रश्न 20.
जब बहुत गर्म चाय कांच के गिलास में डाली जाती है तो यह तिड़क क्यों जाता है ?
उत्तर-
गर्म पानी या चाय डालने पर मोटा कांच का गिलास तिड़क जाता है । गर्म द्रव गिलास के आंतरिक भाग को बाहरी तल से पहले प्रसारित कर देता है। इस तरह उत्पन्न तनाव कांच के लिए इतना अधिक होता है जो इसके लिए असहनीय हो जाता है और गिलास तिड़क जाता है।

प्रश्न 21.
रेल की दो पटरियों के बीच प्रसार के लिए खाली स्थान रखा जाता है, क्यों ? व्याख्या करो।
उत्तर-
गर्मियों में रेल पटरियां गर्म होकर फैलती हैं। यदि प्रसार के लिए खाली स्थान न रखा जाए तो यह मुड़ सकती हैं तथा रेल पटरी से उतर सकती है। इसलिए दो पटरियों के बीच खाली स्थान छोड़ा जाता है. ताकि इन्हें प्रसार के लिए स्थान मिल सके।

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प्रश्न 22.
जब तालाब जम जाते हैं, तो भी मछलियां कैसे जीवित रहती हैं ? ।
उत्तर-
पानी के असंगत प्रसार के कारण बहुत कड़ाके की सर्द में भी झीलों और तालाबों के पानी की ऊपरी सतह ही जमती है। ऊपर जमी बर्फ के नीचे का पानी नहीं जमता । परिणामस्वरूप मछलियां तथा अन्य जल जीव जीवित रहते हैं। यदि पानी का प्रसार एक जैसा होता है तो झीलों और तालाबों का सारे का सारा पानी जम जाता है तो जल जीवों तथा जल-वनस्पति का बचना असंभव होता।

प्रश्न 23.
किसी धात्वीय बर्तन की अपेक्षा सुराही में रखा पानी अधिक ठंडा क्यों होता है ?
उत्तर-
सुराही के छिद्रों में से पानी बाहर आ जाता है जो निरंतर इसकी सतह से वाष्पित होता रहता है। वाष्पन के लिए अभीष्ट ऊष्मा सुराही के अंदर पड़े पानी से ली जाती है। इस ऊष्मा हानि के कारण पानी ठंडा हो जाता है।

प्रश्न 24.
‘पदार्थ की गुप्त ऊष्मा’ की परिभाषा लिखो।
उत्तर-
गुप्त ऊष्मा की वह मात्रा है जो किसी पदार्थ द्वारा ठोस से द्रव या द्रव से गैस (वाष्प) अवस्था परिवर्तित करते समय बिना किसी ताप वृद्धि के अवशोषित की जाती है।

प्रश्न 25.
गलन की गुप्त ऊष्मा तथा वाष्यन की गुप्त ऊष्मा की परिभाषा दें।
उत्तर-
गलन की ऊष्मा – बिना ताप परिवर्तित किए किसी पदार्थ के इकाई पुंज द्वारा ठोस अवस्था से द्रव अवस्था में बदलते समय अवशोषित ऊष्मा की मात्रा को उस पदार्थ की गलन ऊष्मा कहते हैं।

वाष्पन की गुप्त ऊष्मा-बिना ताप परिवर्तित किए किसी पदार्थ के इकाई पुंज द्वारा द्रव अवस्था से गैस अवस्था में बदलते समय अवशोषित ऊष्मा की मात्रा को उस पदार्थ की वाष्पन की गुप्त ऊष्मा कहते हैं।

प्रश्न 26.
गर्मियों में कभी-कभी सोडा वाटर की बोतलें फट जाती हैं क्यों?
उत्तर-
गर्मियों में वायुमंडल का ताप बढ़ने से सोडा-वाटर में भरी गैस का दाब गर्म होने से बढ़ जाता है जिसके कारण कभी-कभी सोडा वाटर की बोतलें फट जाती हैं।

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प्रश्न 27.
नहाने के तुरंत बाद हमें ठंड क्यों महसूस होती है ?
उत्तर-
नहाने के तुरंत बाद शरीर पर पानी की कुछ बूंदें रह जाती हैं। इन बूंदों का वाष्पीकरण होता है। वाष्पीकरण के लिए आवश्यक ऊष्मा हमारे शरीर से ले ली जाती है जिसके कारण हमें ठंड महसूस होती है।

प्रश्न 28.
गर्मियों में सड़कों पर छिड़काव क्यों किया जाता है?
उत्तर-
वाष्पन से ठंडक उत्पन्न होती है। सड़कों पर किए गए छिड़काव के कारण वाष्पन क्रिया तीव्र होती है। वाष्पण के लिए जो ऊष्मा की आवश्यकता होती है वह सड़क से ली जाती है जिस कारण सड़कें ठंडी हो जाती हैं।

प्रश्न 29.
किस प्रकार सिद्ध करोगे कि पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं ?
उत्तर-
जलती हुई अगरबत्ती की सुगंध पदार्थ के कणों के गतिशील होने के कारण दूर से अनुभव की जा सकती है। गर्म खाने की महक दूर से अनुभव की जा सकती है। रबड़ को लगी आग को बहुत दूर से जाना जा सकता है। इत्र की गंध पदार्थ के कणों के गतिशील होने के कारण ही दूर तक फैल जाती है।

प्रश्न 30.
ठोस का ठोस में विसरण क्या है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
दो धातु के टुकड़ों को कसकर बाँधकर कुछ वर्षों तक रख देने से कभी-कभी एक धातु के कण दूसरे में विसरित हो जाते हैं। इसे ठोस में ठोस का विसरण कहते हैं। ठोस के कण अपने स्थान से ज़्यादा गति नहीं करते। वे अपने माध्य स्थान पर ही दोलन करते हैं। इसलिए ठोस पदार्थों में दूसरे ठोस पदार्थ में विसरित होने के गुण प्रायः नहीं होते।

प्रश्न 31.
गैसों में संपीड्यता के अधिक होने के तीन उपयोग लिखिए।
उत्तर-

  1. द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) को सिलिंडरों में भरा जाता है ताकि ईंधन के रूप में प्रयुक्त की जा सके।
  2. अस्पतालों में रोगियों को दी जाने वाली ऑक्सीजन गैस सिलिंडरों में संपीडित की जाती है।
  3. प्राकृतिक गैस (CNG) का वाहनों में प्रयोग इसी गुण के आधार पर किया जाता है।

प्रश्न 32.
गर्म करने पर ठोसों की अवस्था में परिवर्तन लिखिए।
उत्तर-
ठोस को गर्म करने पर उसके अणुओं की कंपन गति बढ़ती है। गतिज ऊर्जा बढ़ने के साथ अंतर आण्विक बल कम होने लगता है। एक निश्चित ताप पर अणुओं के कंपन का आयाम इतना बढ़ जाता है कि वे आकर्षण के बंधन से मुक्त होकर स्वतंत्रतापूर्वक घूमने लगते हैं। एक निश्चित ताप के पहुँचने पर ठोस के अणुओं की गतिज ऊर्जा नहीं बढ़ती है, बल्कि उनकी व्यवस्था तथा क्रम में परिवर्तन होने लगता है। अत: ठोस द्रव में परिवर्तित होने लगता है।

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प्रश्न 33.
गर्म करने पर द्रव की अवस्था में परिवर्तन लिखिए।
उत्तर-
द्रव को गर्म करने पर उसके अणुओं की गतिज ऊर्जा काफ़ी बढ़ जाती है, और अणु एक-दूसरे से काफ़ी दूर होते जाते हैं। ऐसे अणु जिनकी गतिज ऊर्जा बहुत अधिक होती है, द्रव की सतह पर आने पर सतह को छोड़कर वायुमंडल में चले जाते हैं। इस प्रकार अणुओं के बीच अंतरा अणुक आकर्षण बल नहीं के बराबर हो जाता है और द्रव वाष्प में निरंतर परिवर्तित होने लगता है।

प्रश्न 34.
द्रव के ठंडा होने की अवस्था में परिवर्तन लिखिए।
उत्तर-
जब किसी द्रव को ठंडा किया जाता है तो इसके अणु ऊष्मीय ऊर्जा खो देते हैं। इससे उनकी गति धीमी हो जाती है। गति धीमी होने से अंतराअणुक बल बढ़ जाते हैं। यह तब तक चलता रहता है, जब तक कि अंतराअणुक बल, कंपन करते हुए अणुओं की ऊर्जा से अधिक नहीं हो जाते। इस प्रकार अणु एक स्थिति में रहते हैं। इस समय द्रव, ठोस अवस्था में परिवर्तित होता है।
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प्रश्न 35.
गैस के ठंडा होने पर अवस्था परिवर्तन लिखिए।
उत्तर-
जब गैस को ठंडा किया जाता है, इसके अणु ऊष्मा ऊर्जा को खो देते हैं। इससे अणुओं की गति धीमी हो जाती है। यह तब तक चलता रहता है, जब तक कि गैस के अणुओं की ऊर्जा, अंतराअणुक बलों से कम नहीं हो जाती है। इस प्रकार, अणु एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं और निर्बल अंतराअणुक बलों द्वारा बँधे रहते हैं। इसीलिए गैस, द्रव अवस्था में परिवर्तित हो जाती है।

प्रश्न 36.
पदार्थ की तीन अवस्थाओं में परिवर्तन को रेखाचित्र की सहायता से प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर-
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प्रश्न 37.
ऊर्ध्वपातन विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
ऊर्ध्वपातन विधि में ठोस को गर्म कर सीधा वाष्प में या वाष्प को सीधा ठोस में बदला जाता है। इस प्रक्रिया में द्रव नहीं बनता।
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इस विधि से अमोनियम क्लोर इड, नैप्थालीन, आयोडीन, कपूर आदि को सरलता से प्राप्त कर लिया जाता है।

चीनी की प्याली में थोड़ा कपूर या अमोनियम क्लोराइड लें। इस पर फिल्टर पेपर रख कर उस पर उल्टा कीप रखें। कीप के सिरे पर रूई का एक टुकड़ा रख दें। गर्म करने पर वाष्प बना कपूर या अमोनियम क्लोराइड प्राप्त हो जाएगा।

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प्रश्न 38.
बर्फीले पानी से भरे गिलास की बाहरी सतह पर पानी की बूंदें क्यों दिखाई देती हैं?
उत्तर-
किसी बर्तन में हम बर्फीला पानी रखते हैं। जल्दी ही बर्तन की बाहरी सतह पर हमें पानी की बूंदें नज़र आने लगेंगी। वायु में उपस्थित जल वाष्प की ऊर्जा ठंडे पानी के संपर्क में आकर कम हो जाती है और यह द्रव अवस्था में बदल जाता है, जो हमें पानी की बूंदों के रूप में नज़र आता है।
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प्रश्न 39.
दाब बढ़ाने से किसी द्रव पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
पदार्थ की विभिन्न अवस्थाएं घटक कणों के बीच की दूरी में अंतर के कारण होती हैं। दाब बढ़ाने से पदार्थों के कणों को समीप लाया जा सकता है। ताप में कमी करके इससे गैस को द्रव अवस्था में बदला जा सकता है।
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प्रश्न 40.
प्लाज्मा क्या है ? ये कहाँ-कहाँ देखा जा सकता है ?
उत्तर-
प्लाज्मा पदार्थ की एक अवस्था है जिसमें कण आयनीकृत गैस के रूप में होते हैं। ये अत्यधिक ऊर्जावान और उत्तेजित होते हैं । इसे अग्रलिखित में देखा जा सकता है-

  1. लोटसेंट ट्यूब और नियॉन बल्ब में।
  2. सूर्य और तारों की चमक में।

प्रश्न 41.
प्लाज्मा भिन्न रंगों को प्रकट क्यों करता है ?
उत्तर-
विशेष प्रकार की गैसों में विद्युत् ऊर्जा प्रवाहित करने पर गैसें आयनीकृत हो जाती हैं। गैस के स्वभाव के अनुसार विशेष रंग की चमक उत्पन्न होती है।

प्रश्न 42.
बोस आइंस्टाइन कंडनसेट से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
एक भारतीय वैज्ञानिक सत्येंद्रनाथ बोस ने सन् 1920 में पदार्थ की पाँचवीं अवस्था के लिए कुछ गणनाएँ की थीं। उनके आधार पर अल्बर्ट आइंस्टीन ने पदार्थ की एक नई अवस्था की भविष्यवाणी की थी। इसी को बोस आइंस्टाइन कंडनसेट (BEC) कहा जाता है। बाद में अमेरिका के तीन वैज्ञानिकों एरिक ए कॉर्नेल, उल्फगैंग केटरले और कार्ल ई वेमैन ने BEC की अवस्था प्राप्त करने पर नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया था।

प्रश्न 43.
BEC किस प्रकार तैयार किया जाता है ?
उत्तर-
सामान्य वायु के घनत्व के एक लाखवें हिस्से से कम घनत्व वाली गैस को अत्यधिक कम तापमान पर ठंडा करने से BEC तैयार किया जाता है।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
हमारे चारों ओर की वस्तुएं किस कारण भिन्न दिखाई देती हैं ?
उत्तर-
आकार, आकृति और बनावट में भिन्नता के कारण वे भिन्न दिखाई देती हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 2.
पदार्थ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
विश्व की हर वस्तु जिस भी सामग्री से बनती है, जो स्थान घेरती है और जिसका द्रव्यमान होता है, उसे पदार्थ कहते हैं।

प्रश्न 3.
पदार्थ के पाँच उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
हवा, भोजन, पत्थर, जल, पौधे।

प्रश्न 4.
पंचतत्व किसे कहते हैं ?
उत्तर-
हमारे देश के प्राचीन दार्शनिकों ने सभी वस्तुओं को बनाने वाले पदार्थ को पाँच मूल तत्वों में वगीकृत किया था जिन्हें पंचतत्व कहते हैं।

प्रश्न 5.
पंचतत्व कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
वायु, पृथ्वी, अग्नि, जल और आकाश।

प्रश्न 6.
यूनानी दार्शनिक कितने तत्वों का मूल मानते थे ?
उत्तर-
चार।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 7.
यूनानी दार्शनिकों के द्वारा स्वीकार किए जाने वाले चार मूल तत्वों के नाम लिखिए।
उत्तर-
पृथ्वी, अग्नि, वायु और जल।

प्रश्न 8.
आधुनिक वैज्ञानिक पदार्थ को किस आधार पर वर्गीकृत करते हैं ?
उत्तर-
भौतिक गुणधर्म और रासायनिक प्रकृति।

प्रश्न 9.
पदार्थ किससे बनते हैं ?
उत्तर-
पदार्थ कणों से मिलकर बनते हैं।

प्रश्न 10.
पोटेशियम परमैंगनेट के बहुत थोड़े क्रिस्टलों से भी जल रंगीन क्यों हो जाता है ?
उत्तर-
पोटेशियम परमैंगनेट के केवल एक क्रिस्टल में अनेक सूक्ष्म कण होते हैं।

प्रश्न 11.
पदार्थ के कण कितने छोटे हो सकते हैं ?
उत्तर-
पदार्थ के कण इतने छोटे हो सकते हैं कि उनकी कल्पना भी हम नहीं कर सकते।

प्रश्न 12.
पदार्थ के कणों के बीच में क्या होता है ?
उत्तर-
पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है।

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प्रश्न 13.
नमक, चीनी, डेटॉल आदि पानी में क्यों घुल जाते हैं ?
उत्तर-
पदार्थों के कणों के बीच पर्याप्त रिक्त स्थान होने के कारण।

प्रश्न 14.
अगरबत्ती की सुगंध दूर तक किस कारण से फैल जाती है ?
उत्तर-
पदार्थ के कणों के निरंतर गतिशील होने के कारण।

प्रश्न 15.
नमक पानी में क्यों घुल जाता है ?
उत्तर-
जब नमक को पानी में घोलते हैं तो नमक के कण पानी के कणों के बीच रिक्त स्थानों में समावेशित हो जाते हैं।

प्रश्न 16.
पानी में शहद की शुद्धता किस प्रकार परखी जा सकती है ?
उत्तर-
यदि पानी में शहद एक वर्ण रेखा के रूप में गिरता है तो वह शुद्ध माना जाता है।

प्रश्न 17.
तापमान बढ़ाने से कणों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
उनकी गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है।

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प्रश्न 18.
पदार्थ के कण निरंतर गतिशील किस कारण रहते हैं ?
उत्तर-
गतिज ऊर्जा के कारण।

प्रश्न 19.
विसरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
दो विभिन्न पदार्थों के कणों का स्वत: मिलना विसरण कहलाता है।

प्रश्न 20.
गर्म करने पर विसरण पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
गर्म करने पर विसरण तेज़ हो जाता है।

प्रश्न 21.
पदार्थ के कणों पर बल क्या प्रभाव डालता है ?
उत्तर-
यह बल कणों को एक साथ रखता है।

प्रश्न 22.
भौतिक अवस्था के आधार पर पदार्थ की अवस्थाएं कौन-कौन-सी हैं ?
उत्तर-
ठोस, द्रव और गैस।

प्रश्न 23.
ठोस पदार्थों के तीन गुण लिखिए।
उत्तर-
ठोस पदार्थों का निश्चित आकार, स्पष्ट सीमाएँ और स्थिर आयतन होता है।

प्रश्न 24.
बल लगाने से ठोस पदार्थों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
बल लगाने से भी ठोस पदार्थ अपना आकार बनाए रखते हैं। अधिक बल लगाने से वे टूट सकते हैं पर अपना आकार नहीं बदलते।

प्रश्न 25.
रबड़ को खींच कर इसका आकार बदला जा सकता है तो फिर यह ठोस क्यों है ?
उत्तर-
रबड़ पर बल लगाने से यह अपना आकार बदलता है पर बल हटा लेने से यह पुनः अपने मूल आकार को प्राप्त कर लेता है। अत्यधिक बल लगाने पर यह टूट जाता है। इसलिए यह ठोस है।

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प्रश्न 26.
चीनी, नमक, शक्कर आदि को जिन बर्तनों में रखते हैं, ये उन्हीं बर्तनों का आकार ले लेते हैं पर फिर भी ये ठोस क्यों कहलाते हैं ?
उत्तर-
चीनी, नमक, शक्कर आदि को जिन बर्तनों में रखते हैं, ये उन्हीं का आकार ले लेते हैं। पर फिर भी ये ठोस हैं क्योंकि इनके क्रिस्टलों के आकार नहीं बदलते।

प्रश्न 27.
स्पंज का संपीडन संभव क्यों होता है ?
उत्तर-
स्पंज का संपीडन इसमें विद्यमान छिद्रों से हवा बाहर निकलने के कारण संभव होता है।

प्रश्न 28.
द्रव किसे कहते हैं ?
उत्तर-
द्रव निश्चित आयतन वाले तरल हैं जिनमें बहाव का गुण होता है और ये आकार बदलते हैं।

प्रश्न 29.
जल के किस गुण के कारण जलीय जंतु जीवित रह पाते हैं ?
उत्तर-
वातावरण में विद्यमान ऑक्सीजन गैस विसरित होकर जल में मिल जाती है जो जलीय जंतुओं के जीवन के लिए अनिवार्य होती है।

प्रश्न 30.
जल में कौन-सी गैस विसरित होकर पौधों के लिए आवश्यकताओं की पूर्ति करती है ?
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड गैस।

प्रश्न 31.
द्रव में किन-किन का विसरण संभव है ?
उत्तर-
द्रव में ठोस, द्रव और गैस तीनों का विसरण संभव है।

प्रश्न 32.
ठोस की अपेक्षा द्रव में विसरण की दर अधिक क्यों होती है ?
उत्तर-
ठोस की अपेक्षा द्रव में पदार्थ के कण स्वतंत्र रूप से गति करते हैं और उन कणों में रिक्त स्थान भी अधिक होते हैं।

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प्रश्न 33.
ठोस, द्रवों और गैसों में अपेक्षाकृत संपीड्यता किसमें सबसे अधिक होती है ?
उत्तर-
गैसों में।

प्रश्न 34.
वाहनों में कौन-सी संपीडित गैस प्रयुक्त की जाती है ?
उत्तर-
संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG)।

प्रश्न 35.
घरों में ईंधन के रूप में कौन-सी गैस प्रयुक्त की जाती है ?
उत्तर-
द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG)।

प्रश्न 36.
इत्र और अगरबत्ती की सुगंध तेज़ी से क्यों फैल जाती है ?
उत्तर-
कणों की तेज़ गति और अत्यधिक रिक्त स्थानों के कारण गैसों का विसरण बहुत तीव्रता से हो जाता है।

प्रश्न 37.
पानी द्रव्य की किन-किन अवस्थाओं में पाया जाता है ?
उत्तर-
पानी ठोस (बर्फ), द्रव, गैस (वाष्प) अवस्थाओं में पाया जाता है।

प्रश्न 38.
ठोस की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
ठोस प्रायः कठोर होते हैं जिन पर दबाव नहीं डाला जा सकता। इनका निश्चित आकार और घनफल होता है।

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प्रश्न 39.
द्रव की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
द्रव का निश्चित घनफल होता है पर कोई निश्चित आकार नहीं होता। इस पर भी अधिक दबाव नहीं डाला जा सकता। यह प्रायः बहते हैं।

प्रश्न 40.
गैस की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
गैस दबाव को सहन करने वाला द्रव्य है जिसे किसी भी आकार के बर्तन में भरा जा सकता है। इसका निश्चित आकार और घनफल नहीं होता।

प्रश्न 41.
ठोस, तरल और गैस के चार-चार उदाहरण दो।
उत्तर-
ठोस = लकड़ी, पत्थर, चीनी, नमक।
तरल = पानी, दूध, तेल, एल्कोहल।
गैस = वायु, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड।

प्रश्न 42.
CNG का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर-
Compressed Natural Gas (दबाव सहित प्राकृतिक गैस)।

प्रश्न 43.
ठोस प्रायः निश्चित आकार के क्यों होते हैं ?
उत्तर-
ठोस वस्तुओं को बनाने वाले कण एक-दूसरे के बहुत निकट होते हैं और उनके बीच आकर्षण बल बहुत अधिक होता है इसलिए ठोस प्रायः निश्चित आकार के होते हैं।

प्रश्न 44.
किसी टायर में हवा अधिक क्यों भरी जा सकती है ?
उत्तर-
गैसों के द्वारा अधिक दबाव सहने के गुण के कारण किसी टायर में अधिक हवा भरी जा सकती है। गैसों के कण गति करने में स्वतंत्र होते हैं और वे टायर में शीघ्र फैल सकते हैं।

प्रश्न 45.
गैसों की आकृति और आयतन निश्चित क्यों नहीं होता ?
उत्तर-
गैसों के अणु एक-दूसरे से काफ़ी दूरी पर होते हैं। इन्हें गति करने और अपने स्थान से चारों ओर घूमने में पर्याप्त स्वतंत्रता होती है इसलिए इनकी आकृति और आयतन निश्चित नहीं होता।

प्रश्न 46.
जल पदार्थ की कितनी अवस्थाओं में रहता है ?
उत्तर-
तीन अवस्थाओं में।

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प्रश्न 47.
जल की तीनों अवस्थाओं के नाम लिखिए।
उत्तर-
ठोस = बर्फ, द्रव = जल, गैस = जलवाष्प।

प्रश्न 48.
तापमान में वृद्धि के कारण जब ठोस पिघल कर द्रव बन जाता है तो उसे क्या कहते हैं ?
उत्तर-
गलनांक।

प्रश्न 49.
तापमान की SI इकाई क्या है ?
उत्तर-
केल्विन।

प्रश्न 50.
0°C कितने केल्विन के बराबर होता है ?
उत्तर-
0°C सेल्सियस = 273.16K .

प्रश्न 51.
केल्विन से सेल्सियस में बदलने के लिए तापमान में कितना घटाना चाहिए ?
उत्तर-
273 घटाना चाहिए।

प्रश्न 52.
सेल्सियस से केल्विन में बदलने के लिए तापमान में कितना जोड़ना चाहिए ?
उत्तर-
273 जोड़ना चाहिए।

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प्रश्न 53.
संगलन क्या है ?
उत्तर-
गलने की प्रक्रिया यानि ठोस से द्रव अवस्था में परिवर्तन को संगलन कहते हैं।

प्रश्न 54.
जल का क्वथनांक क्या है ?
उत्तर-
जल का क्वथनांक 373 K (100°C) है।

प्रश्न 55.
ऊर्ध्वपातन क्या है ?
उत्तर-
द्रव अवस्था में परिवर्तित हुए बिना ठोस अवस्था से सीधे गैस और वापस ठोस में बदलने की प्रक्रिया को ऊर्ध्वपातन कहते हैं।

प्रश्न 56.
शुष्क बर्फ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ठोस कार्बन डाइऑक्साइड को शुष्क बर्फ कहते हैं।

प्रश्न 57.
दाब के मापन की इकाई क्या है ?
उत्तर-
ऐटमॉस्फीयर (atm)।

प्रश्न 58.
दाब की SI इकाई क्या है ?
उत्तर-
पास्कल (Pa)।

प्रश्न 59.
सामान्य दाब किसे कहते हैं ?
उत्तर-
समुद्र की सतह पर वायुमंडलीय दाब एक ऐटमॉसफीयर होता है और इसे सामान्य दाब कहते हैं।

प्रश्न 60.
कोई द्रव बिना क्वथनांक पर पहुँचे वाष्प अवस्था में किस प्रकार पहुँचता है ?
उत्तर-
वाष्पन क्रिया से।

प्रश्न 61.
वाष्पन क्रिया का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
धूप में गीले कपड़ों का सूखना।

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प्रश्न 62.
क्वथनांक से कम तापमान पर द्रव के वाष्पन में परिवर्तन की प्रक्रिया को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
वाष्पीकरण।

प्रश्न 63.
वाष्पीकरण की दर किन-किन कारणों से बढ़ती है ?
उत्तर-
सतह क्षेत्र बढ़ने से, तापमान में वृद्धि, आर्द्रता में कमी, हवा की गति में वृद्धि।

प्रश्न 64.
तापमान बढ़ने से वाष्पीकरण की क्रिया तेज़ क्यों हो जाती है ?
उत्तर-
कणों को पर्याप्त गतिज ऊर्जा मिलने के कारण।

प्रश्न 65.
हवा की गति बढ़ने से कपड़े जल्दी क्यों सूखते हैं ?
उत्तर-
जल वाष्पों के कण हवा के साथ उड़ जाते हैं जिस कारण आस-पास के जल वाष्प की मात्रा घट जाती है।

प्रश्न 66.
आर्द्रता किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वायु में विद्यमान जल वाष्प की मात्रा को आर्द्रता कहते हैं।

प्रश्न 67.
आर्द्रता का वाष्पन से क्या संबंध है ?
उत्तर-
वायु में जल कणों की मात्रा बढ़ने से वाष्पीकरण की दर घट जाती है।

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प्रश्न 68.
कपड़ों को सुखाने के लिए उन्हें फैलाया क्यों जाता है ?
उत्तर-
उनके सतही क्षेत्र को बढ़ाने के लिए ताकि वाष्पीकरण की दर बढ़ाई जा सके।

प्रश्न 69.
वाष्पीकरण का शीतलता से क्या संबंध है ?
उत्तर-
वाष्पीकरण से शीतलता बढ़ती है।

प्रश्न 70.
गर्मियों में सूती कपड़ों का प्रयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
सूती कपड़ों में जल का अवशोषण अधिक होता है जिसका वायुमंडल में सरलता से वाष्पीकरण हो जाता है जिस कारण तापमान कम हो जाता है।

प्रश्न 71.
प्लाज्मा अवस्था में कण किस रूप में होते हैं ?
उत्तर-
इस अवस्था में कणं अत्यधिक ऊर्जा वाले और अधिक उत्तेजित होते हैं। ये कण आयनीकृत गैस के रूप में होते हैं।

प्रश्न 72.
लोरसेंट ट्यूब और नियॉन बल्ब में क्या होता है ?
उत्तर-
प्लाज्मा होता है।

प्रश्न 73.
सूर्य और तारों में चमक किस कारण होती है ?
उत्तर-
प्लाज्मा के कारण।

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प्रश्न 74.
तारों में प्लाज्मा किस कारण बनता है ?
उत्तर-
उच्च तापमान के कारण।

प्रश्न 75.
BEC किस प्रकार तैयार किया जाता है ?
उत्तर-
सामान्य वायु के घनत्व के एक लाखवें भाग जितने कम घनत्व वाली गैस को बहुत ही कम तापमान पर ठंडा करने से BEC तैयार होता है।

प्रश्न 76.
‘बोस-आइंस्टीन कंडनसेशन’ की अवस्था प्राप्त करने के लिए भौतिकी में किसे नोबेल पुरस्कार दिया गया था ?
उत्तर-
सन् 2001 में अमेरिका के एरिक ए० कॉर्नेल, उलगैंग केटरले तथा कार्ल ई० वेमैन को।

प्रश्न 77.
किसे लॉग ऑन करके पदार्थ की चौथी और पाँचवीं अवस्था के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है ?
उत्तर-
WWW.Chem4kids.com

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਜੰਗਲੀ ਸੰਪਦਾ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਦੇ ਲਈ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਉਪਾਅ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੰਗਲੀ ਸੰਪਦਾ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਦੇ ਉਪਾਅ-

  1. ਰੁੱਖਾਂ ਨੂੰ ਕੱਟਣਾ ਬੰਦ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਸਿਰਫ਼ ਉਹੀ ਰੁੱਖ ਕੱਟੇ ਜਾਣ ਜੋ ਸੁੱਕ ਗਏ ਹੋਣ ਜਾਂ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਗੰਭੀਰ ਬਿਮਾਰੀ ਲੱਗ ਜਾਵੇ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਥਾਨ ਤੇ ਨਵੇਂ ਰੁੱਖ ਲਗਾਏ ਜਾਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  3. ਰੁੱਖਾਂ ਦੀ ਹਰ ਸਾਲ ਗਿਣਤੀ ਕੀਤੀ ਜਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਰੁੱਖਾਂ ਨੂੰ ਲਗਾਉਣ ਦੇ ਉਦੇਸ਼ਾਂ ਦੀ ਪੂਰਤੀ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  4. ਵਣ ਮਹਾਂਉਤਸਵ ਮਨਾਇਆ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਇਹ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਰੁੱਖ ਉਗਾਉਣ ਦੀ ਪਰੰਪਰਾ ਹੈ ਜਿਸਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਵਣ ਮਹਾਂਉਤਸਵ ਹਫ਼ਤੇ ਵਿੱਚ ਹਜ਼ਾਰਾਂ ਨਵੇਂ ਰੁੱਖ ਲਗਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  5. ਨਵੇਂ ਲਾਏ ਰੁੱਖਾਂ ਦੀ ਦੇਖਭਾਲ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  6. ਜੰਗਲਾਂ ਨੂੰ ਰੋਪਣ ਦੀ ਨਵੀਂ ਯੋਜਨਾ ਲਾਗੂ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  7. ਜੰਗਲ ਸੰਪਦਾ ਨੂੰ ਜੰਗਲ ਦੀ ਅੱਗ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਉੱਚਿਤ ਪ੍ਰਬੰਧ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  8. ਰੁੱਖਾਂ ਨੂੰ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਰਸਾਇਣਿਕ ਦਵਾਈਆਂ ਦਾ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਵਾਤਾਵਰਨ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਦੇ ਘਟਕਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ।
ਉੱਤਰ-
ਮਨੁੱਖ ਅਤੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦਾ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਡੂੰਘਾ ਰਿਸ਼ਤਾ ਹੈ । ਮਨੁੱਖ ਹੀ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਜਾਂ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸਦਾ ਅਸਰ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਵੀ ਉਸੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਮਨੁੱਖੀ ਸਮਾਜ ਦੇ ਲਈ ਸਾਫ਼ ਅਤੇ ਸਿਹਤਮੰਦ ਵਾਤਾਵਰਨ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਪਰੰਤੁ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਅਤੇ ਸਿਹਤਮੰਦ ਬਣਾਉਣਾ ਮਨੁੱਖਾਂ ‘ਤੇ ਹੀ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਮਨੁੱਖ ਦੀਆਂ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦਾ ਅਨਿਯੋਜਿਤ ਹੋਣਾ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਓਨੀ ਹੀ ਵਧੇਰੇ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਮਹਾਂਨਗਰਾਂ ‘ ਵਿੱਚ ਟਰੱਕਾਂ ਅਤੇ ਬੱਸਾਂ ਵਿਚੋਂ ਨਿਕਲਦਾ ਕਾਲਾ ਧੂੰਆਂ, ਨਦੀਆਂ ਵਿੱਚ ਨਾਲਿਆਂ ਦਾ ਗੰਦਾ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਖਿਲਰਿਆ ਕੂੜਾ-ਕਰਕਟ ਆਦਿ ਮਹਾਂਨਗਰਾਂ ਦੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਦੂਸ਼ਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ। ਇਹ ਸਾਰੀਆਂ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਮਿਲ-ਜੁਲ ਕੇ ਸਾਡੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੇ ਸਾਰੇ ਘਟਕਾਂ, ਜਿਵੇਂ-ਪਾਣੀ, ਹਵਾ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਸਾਨੂੰ ਜੀਵਤ ਰੱਖਣ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

ਜਨਸੰਖਿਆ ਵਿਚ ਲਗਾਤਾਰ ਵਾਧਾ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਮਨੁੱਖ ਦੀ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਭੂਮਿਕਾ ਹੈ । ਜਨਸੰਖਿਆ ਦੇ ਵੱਧਣ ਨਾਲ ਘਰ, ਕੱਪੜੇ ਅਤੇ ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀਆਂ ਜ਼ਰੂਰਤਾਂ ਵੀ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ। ਲੋੜਾਂ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕਰਨ ਲਈ ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਪਦਾਵਾਂ ਦੀ ਹਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ ਜੰਗਲਾਂ ਨੂੰ ਵਧੇਰੇ ਕੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਭੂਮੀਗਤ ਪਾਣੀ ਦਾ ਅਨਿਯੰਤਰਿਤ ਉਪਯੋਗ, ਪਥਰਾਹਟ ਬਾਲਣ ਦਾ ਵਧੇਰੇ ਉਪਯੋਗ, ਉਦਯੋਗੀਕਰਨ ਆਦਿ । ਇਹ ਸਾਰੇ ਕਿਸੇ ਨਾ ਕਿਸੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

ਜਦੋਂ ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਮੁੜ ਸਵੱਛਤਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ ਤਾਂ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਉਦਯੋਗਿਕ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਅਤੇ ਬਿਨਾਂ ਨਿਯੋਜਿਤ ਲੱਗੇ ਕਾਰਖ਼ਾਨੇ ਆਦਿ ਨਾਲ ਵੀ ਵਾਤਾਵਰਨ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਵਧੇਰੇ ਰਸਾਇਣਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਵੀ ਇਸ ਦਾ ਇਕ ਘਟਕ ਹੈ । ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਪ੍ਰਦਾਵਾਂ ਦਾ ਵਧੇਰੇ ਸ਼ੋਸ਼ਣ ਵੀ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨੂੰ ਵਧਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਉਦਯੋਗਿਕ ਕ੍ਰਾਂਤੀ ਨਾਲ ਹਵਾ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਵਰਖਾ, ਆਂਤਰਿਕ ਦਹਿਣ ਇੰਜਣਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਚਲਿਤ ਵਾਹਨਾਂ ਦੁਆਰਾ ਵਧੇਰੇ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਸਲਫਰ ਯੁਕਤ ਯੌਗਿਕਾਂ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿਚ ਮੁਕਤ ਕਰਨ ਦਾ ਨਤੀਜਾ ਹੈ । ਐਰੋਸੋਲ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਨਾਲ ਓਜ਼ੋਨ ਸਤਹਿ ਨੂੰ ਹਾਨੀ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ ।

ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਕਿਰਿਆਕਲਾਪਾਂ ਦੇ ਨਤੀਜੇ ਤੋਂ ਪੈਦਾ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ, ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਕਰਨ ਵਿਚ ਸਭ ਤੋਂ ਅੱਗੇ ਹਨ। ਇਹ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਪਦਾਰਥ ਬਹੁਤ ਹੀ ਘਾਤਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਅਸਰ ਦੂਰ-ਦੂਰ ਤੱਕ ਫੈਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਨਿਪਟਾਨ ਅੱਜ-ਕੱਲ੍ਹ ਵਿਸ਼ਵ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਮੁੜ ਚੱਕਰ ਹੀ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਚਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਮੁੱਖ ਭੂਮਿਕਾ ਮਨੁੱਖ ਦੀ ਹੈ, ਇਸਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਇਸ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਵੀ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿਚ ਮਨੁੱਖ ਹੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕੋਲਾ ਅਤੇ ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਸਾਵਧਾਨੀ ਪੁਰਵਕ ਕਿਉਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੋਲਾ ਅਤੇ ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਪੇੜ-ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਤੋਂ ਬਣੇ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਕਾਰਬਨ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਹਾਈਡਰੋਜਨ, ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਅਤੇ ਸਲਫਰ ਵੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਜਲਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ, ਪਾਣੀ, ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ ਅਤੇ ਸਲਫਰ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਘੱਟ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਜਲਾਉਣ ਤੇ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਜਗਾ ਕਾਰਬਨ ਮੋਨੋਆਕਸਾਈਡ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਉਤਪਾਦਾਂ ਵਿਚੋਂ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਅਤੇ ਸਲਫਰ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ ਅਤੇ ਕਾਰਬਨ ਮੋਨੋਆਕਸਾਈਡ ਜ਼ਹਿਰੀਲੀਆਂ ਗੈਸਾਂ ਹਨ । ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਇਕ ਗੀਨ ਹਾਊਸ ਗੈਸ ਹੈ। ਕੋਲਾ ਅਤੇ ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਕਾਰਬਨ ਦੇ ਵਿਸ਼ਾਲ ਭੰਡਾਰ ਹਨ । ਜੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਕਾਰਬਨ ਸੰਪੂਰਨ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਨਾ ਜਲੇ ਤਾਂ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧਰਤੀ ਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਉਪਲੱਬਧਤਾ ਤਾਂ ਵੱਧ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ਤੇ ਨਾਲ ਹੀ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵੈਸ਼ਵਿਕ ਤਾਪ ਵਧਣ ਦਾ ਕਾਰਨ ਬਣ ਜਾਵੇਗੀ । ਇਸ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਸੋਚ ਸਮਝ ਕੇ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਗੰਗਾ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ ? ਇਸਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਯੋਜਨਾ ਤੇ ਟਿੱਪਣੀ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਗੰਗਾ ਹਿਮਾਲਿਆ ਪਰਬਤ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਗੰਗੋਤਰੀ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ ਬੰਗਾਲ ਦੀ ਖਾੜੀ ਤੱਕ ਲਗਭਗ 2500 ਕਿਲੋਮੀਟਰ ਤੱਕ ਯਾਤਰਾ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਰਾਜਾਂ ਦੇ ਸੌ ਤੋਂ ਵੱਧ ਨਗਰਾਂ ਅਤੇ ਕਸਬਿਆਂ ਵਿਚੋਂ ਲੰਘਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਉਸ ਵਿਚ ਤਰ੍ਹਾਂ-ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਗੰਦਗੀਆਂ ਦਾ ਮਿਲਣਾ ਸੁਭਾਵਿਕ ਹੈ। ਗੰਗਾ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿਚ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਹੈ-

  1. ਉਦਯੋਗਿਕ ਕੱਚਰਾ ।
  2. ਅਣਉਪਚਾਰਿਤ ਮਲ ਅਤੇ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ।
  3. ਮ੍ਰਿਤ ਸਰੀਰਾਂ ਨੂੰ ਤੱਟਾਂ ਤੇ ਜਲਾਉਣਾ, ਜਲ ਵਿਚ ਵਹਾਉਣਾ ਅਤੇ ਮ੍ਰਿਤ ਸਰੀਰਾਂ ਦੀ ਰਾਖ ਅਤੇ ਹੱਡੀਆਂ ਨੂੰ ਗੰਗਾ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਸੁੱਟਣਾ ।
  4. ਅੰਧ-ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਦੇ ਕਾਰਨ ਗੰਗਾ ਵਿਚ ਨਹਾਉਣਾ ।

ਗੰਗਾ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਯੋਜਨਾ – ਗੰਗਾ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਧਾਰਮਿਕ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਹੱਡੀਆਂ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ, ਮਨੁੱਖੀ ਆਂਦਰ ਵਿੱਚ ਪਾਇਆ ਜਾਣ ਵਾਲਾ ਕੋਲੀਫਾਰਮ ਜੀਵਾਣੂ ਮੌਜੂਦ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸਦੀ MPN (Most Probable Number) ਪਾਣੀ ਦੇ ਅਧੋਪ੍ਰਵਾਹ ਵਿੱਚ ਵੱਧਦਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ | ਸਾਲ 1985 ਵਿੱਚ, ਗੰਗਾ ਦੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ ਗੰਗਾ ਸਫ਼ਾਈ ਯੋਜਨਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤੀ ਗਈ ਸੀ । ਜਿਸਦਾ ਬਜਟ ਪਹਿਲੇ ਚਰਨ ਵਿਚ 462 ਕਰੋੜ ਰੁਪਏ ਅਤੇ ਦੁਸਰੇ ਚਰਨ ਵਿਚ 416 ਕਰੋੜ ਰੁਪਏ ਸੀ । ਇਸ ਅਭਿਆਨ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ 873 ਮਿਲੀਅਨ ਲੀਟਰ ਪਾਣੀ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਉਪਚਾਰਿਤ ਕਰਨਾ ਸੀ । ਵਰਤਮਾਨ ਵਿੱਚ ਗੰਗਾ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਯੋਜਨਾ ਵਿਚ ਤੇਜ਼ੀ ਲਿਆਉਣ ਦੀ ਬਹੁਤ ਹੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੈ ਤਾਂ ਹੀ ਇਸ ਵਿੱਚ ਲਗਾਤਾਰ ਵੱਧਦੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਤੇ ਨਿਯੰਤਰਨ ਪਾਇਆ ਜਾ ਸਕੇਗਾ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਪ੍ਰਾਕਿਰਤਿਕ ਸੰਸਾਧਨ ਨੂੰ ਉਦਾਹਰਨ ਸਹਿਤ ਪਰਿਭਾਸ਼ਿਤ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਕਿਰਤਿਕ ਸੰਸਾਧਨ (Natural resoures) – ਕੁਦਰਤ ਵਿਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਮਨੁੱਖ ਲਈ ਉਪਯੋਗੀ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਉਦਾਹਰਨ-ਹਵਾ, ਪਾਣੀ, ਮਿੱਟੀ, ਖਣਿਜ, ਕੋਇਲਾ, ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਆਦਿ ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
3R ਦੇ ਸਿਧਾਂਤ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ? ਵਰਣਨ ਕਰੋ । (ਮਾਂਡਲ ਪੇਪਰ)
ਉੱਤਰ-
ਪਹਿਲੇ R ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ Reduce ਜਿਸਦਾ ਮਤਲਬ ਹੈ ਘੱਟ ਕਰਨਾ । ਇਸਦਾ ਇਹ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ ਸਾਨੂੰ ਪਲਾਸਟਿਕ, ਕਾਗਜ਼, ਕੱਚ, ਧਾਤੁ ਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਆਦਿ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਮੁੜ-ਚੱਕਰ ਕਰਕੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਉਪਯੋਗੀ ਵਸਤੂਆਂ ਬਣਾਉਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ | ਸਾਨੂੰ ਅਜਿਹੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਕੱਚਰੇ ਦੇ ਡਿੱਬੇ ਵਿਚ ਨਹੀਂ ਪਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਬਲਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਕੱਚਰੇ ਤੋਂ ਵੱਖ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਮੁੜ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕੇ ।

ਦੂਸਰੇ ‘R’ ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ Recycle ਅਰਥਾਤ ਮੁੜ ਚੱਕਰਣ । ਇਸਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ ਸਾਨੂੰ ਪਲਾਸਟਿਕ, ਕਾਗਜ਼, ਕੱਚ, ਧਾਤਾਂ ਦੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ਆਦਿ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਮੁੜ ਚੱਕਰਣ ਕਰਕੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਉਪਯੋਗੀ ਵਸਤੂਆਂ ਬਣਾਉਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ । ਸਾਨੂੰ ਅਜਿਹੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਕਚਰੇ ਦੇ ਡੱਬੇ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਪਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਬਲਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਕੱਚਰੇ ਤੋਂ ਵੱਖ ਕਰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ਤਾਂ ਜੋ ਇਹ ਮੁੜ ਉਪਯੋਗੀ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾ ਸਕਣ ।

ਤੀਸਰਾ ‘R’ ਹੈ Reuse ਅਰਥਾਤ ਮੁੜ ਉਪਯੋਗ ਇਹ ਮੁੜ ਚੱਕਰ ਤੋਂ ਵੀ ਵਧੀਆ ਤਰੀਕਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਮੁੜ ਚੱਕਰ ਵਿੱਚ ਵੀ ਕੁੱਝ ਨਾ ਕੁੱਝ ਊਰਜਾ ਵਿਅਰਥ ਹੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਮੁੜ ਉਪਯੋਗ ਦੇ ਤਰੀਕੇ ਵਿੱਚ ਅਸੀਂ ਇਕ ਹੀ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਵਾਰ-ਵਾਰ ਵਰਤਦੇ ਹਾਂ । ਉਦਾਹਰਨ-ਵੱਖ-ਵੱਖ ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਨਾਲ ਡਿੱਬੇ ਅਤੇ ਕੇਨ ਅਸੀਂ ਹੋਰ ਸਮਾਨ ਰੱਖਣ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਗੰਗਾ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨੂੰ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਗੰਗਾ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਤਰੀਕਿਆਂ ਨਾਲ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-

  1. ਉਦਯੋਗਿਕ ਇਕਾਈਆਂ ਨਾਲ ਨਿਕਲੇ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਕਚਰੇ ਨੂੰ ਗੰਗਾ ਵਿੱਚ ਡਿੱਗਣ ਤੋਂ ਰੋਕ ਕੇ ।
  2. ਨਦੀ ਵਿਚ ਮ੍ਰਿਤ ਪਸ਼ੂਆਂ ਨੂੰ ਬਹਾਉਣ ਤੋਂ ਰੋਕ ਕੇ ।
  3. ਘਰਾਂ, ਵਪਾਰਿਕ ਸੰਸਥਾਨਾਂ ਤੋਂ ਨਿਕਲੇ ਕੁੜੇ ਨੂੰ ਨਦੀ ਵਿੱਚ ਨਾ ਰੋੜ ਕੇ ।
  4. ਨਦੀ ਵਿੱਚ ਕੱਪੜੇ ਨਾ ਧੋ ਕੇ ।
  5. ਪਾਣੀ ਸਰੋਤਾਂ ਦੇ ਨੇੜੇ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਨੂੰ ਨਾ ਤਿਆਗ ਕੇ ।
  6. ਨਦੀ ਵਿੱਚ ਰਾਖ ਅਤੇ ਮੁਰਦਿਆਂ ਨੂੰ ਨਾ ਬਹਾ ਕੇ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਮੁੜ-ਚੱਕਰ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਲਈ ਅਸੀਂ ਕੀ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੁੜ-ਚੱਕਰ – ਪੁਰਾਣੀਆਂ ਅਖ਼ਬਾਰਾਂ, ਕਾਪੀਆਂ-ਕਿਤਾਬਾਂ, ਧਾਤੂਆਂ ਤੋਂ ਬਣੀਆਂ ਪੁਰਾਣੀਆਂ ਬੇਕਾਰ ਵਸਤੂਆਂ, ਪਲਾਸਟਿਕ ਆਦਿ ਨੂੰ ਕੁੱਝ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਨਵੇਂ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਜਿਸਨੂੰ ਮੁੜ-ਚੱਕਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਮੁੜ-ਚੱਕਰ ਲਈ ਅਸੀਂ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਾਰਜ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ-

  1. ਅਜਿਹੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਖ਼ਰੀਦੋ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਮੁੜ-ਚੱਕਰ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  2. ਅਜਿਹੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰੋ ਜੋ ਮੁੜ-ਚੱਕਰ ਤੋਂ ਬਣੀਆਂ ਹੋਣ ।
  3. ਮੁੜ-ਚੱਕਰ ਲਈ ਢੁੱਕਵੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਵੇਚ ਦਿਓ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
‘ਚਿਪਕੋ ਅੰਦੋਲਨ’ ਨੇ ਸਰਕਾਰ ਅਤੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਕੀ ਸਿਖਾਇਆ ਹੈ ? ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ।
ਉੱਤਰ-
ਚਿਪਕੋ ਅੰਦੋਲਨ – ਚਿਪਕੋ ਅੰਦੋਲਨ ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸਮੁਦਾਇਆਂ ਵਿੱਚ ਫੈਲ ਗਿਆ | ਜਨ-ਸੰਚਾਰ ਮਾਧਿਅਮ ਨੇ ਵੀ ਇਸ ਵਿੱਚ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਯੋਗਦਾਨ ਦਿੱਤਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਸਰਕਾਰ ਨੂੰ ਇਹ ਸੋਚਣ ਤੇ ਮਜ਼ਬੂਰ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਕਿ ਜੰਗਲੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦੀ ਠੀਕ ਢੰਗ ਨਾਲ ਵਰਤੋਂ ਲਈ ਪ੍ਰਾਥਮਿਕਤਾ ਤੈਅ ਕਰਨ ਲਈ ਮੁੜ ਵਿਚਾਰ ਦੀ ਲੋੜ ਹੈ । ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਅਨੁਭਵ ਨੇ ਸਿਖਾ ਦਿੱਤਾ ਹੈ ਕਿ ਜੰਗਲਾਂ ਦੇ ਵਿਨਾਸ਼ ਨਾਲ ਸਿਰਫ਼ ਜੰਗਲਾਂ ਦੀ ਉਪਲੱਬਧਤਾ ਹੀ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਸਗੋਂ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਅਤੇ ਜਲ ਸੋਮਿਆਂ ਤੇ ਵੀ ਅਸਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸਥਾਨਿਕ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਭਾਗੀਦਾਰੀ ਨਿਸਚਿਤ ਰੂਪ ਵਿਚ ਜੰਗਲਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਵਿੱਚ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਭੋਂ-ਜਲ ਦੇ ਕੀ ਲਾਭ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਝੋ-ਜਲ ਦੇ ਲਾਭ-

  1. ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਾਸ਼ਪਿਤ ਹੋ ਕੇ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ।
  2. ਇਸ ਵਿੱਚ ਜੀਵ ਜੰਤੂਆਂ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦਾ ਜਣਨ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦਾ ।
  3. ਇਹ ਭੋ-ਪੱਧਰ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ ਲਿਆਉਂਦਾ ਹੈ ।
  4. ਇਹ ਪੌਦਿਆਂ ਨੂੰ ਨਮੀ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
  5. ਇਹ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਅਤੇ ਸੰਦੂਸ਼ਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਕੀ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਬਣਦੇ ਹਨ ? ਇਸਦੇ ਦੋ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ।
ਉੱਤਰ-
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ – ਜੰਤੂਆਂ ਅਤੇ ਬਨਸਪਤੀ ਦੀ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਅਤੇ ਅਵਸ਼ੇਸ਼ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ਵਿੱਚ ਦਬਦੇ ਰਹੇ ਹਨ ਜੋ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਤਲਛੱਟ ਦੇ ਹੇਠਾਂ ਦੱਬ ਕੇ ਇਕੱਠੇ ਹੋ ਗਏ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਆਕਸੀਜਨ ਉਪਲੱਬਧ ਨਹੀਂ ਹੋਈ । ਤਲਛੱਟ ਦੇ ਆਵਰਨ ਦੇ ਹੇਠਾਂ ਨਾ ਤਾਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਤੇ ਨਾ ਹੀ ਵਿਘਟਨ, ਪਰੰਤੂ ਇਸੇ ਤਲਛੱਟ ਦੇ ਭਾਰ ਕਾਰਨ ਇਨ੍ਹਾਂ ਅਵਸ਼ੇਸ਼ਾਂ ਵਿਚੋਂ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਹੋਰ ਵਾਸ਼ਪਿਤ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਪਦਾਰਥ ਨੁਚੜ ਕੇ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਨ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਨ ਉਰਜਾ ਯੁਕਤ ਕਾਰਬਨ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦੇ ਉਹ ਅਨੁ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਮੂਲ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸੌਰ ਊਰਜਾ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਬਨਸਪਤੀਆਂ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ । ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ ਕੋਲਾ, ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਅਤੇ ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਪਾਣੀ ਜੀਵਨ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਇਸ ਕਥਨ ਨੂੰ ਸਿੱਧ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਾਣੀ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਜੀਵਨ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ-

  1. ਪਾਣੀ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚ ਭਾਗ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ।
  2. ਪਾਣੀ ਸਰੀਰ ਦੇ ਤਾਪਮਾਨ ਨੂੰ ਸਥਿਰ ਰੱਖਦਾ ਹੈ ।
  3. ਪਾਣੀ ਪੋਸ਼ਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਸਰੀਰ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਭਾਗਾਂ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
  4. ਪਾਣੀ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਦੇ ਵਿਸਰਜਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
  5. ਪਾਣੀ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਪਰਿਵਹਿਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
  6. ਖੇਤੀ, ਕਾਰਖ਼ਾਨਿਆਂ ਅਤੇ ਬਿਜਲੀ ਲਈ ਵੀ ਪਾਣੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਪਾਣੀ ਸੁਰੱਖਿਅਣ ਦੇ ਮੁੱਖ ਉਪਾਅ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਾਣੀ ਦੇ ਸੁਰੱਖਿਅਣ ਲਈ ਉਪਾਅ-

  1. ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਸਿੰਚਾਈ ਲਈ ਉਪਯੋਗ ਕਰਨਾ ।
  2. ਹੜ੍ਹ ਨਿਯੰਤਰਨ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਲੋਜੀਕਲ ਸਰਵੇ ਅਤੇ ਬੰਨ੍ਹ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਨਾ ।
  3. ਭੂਮੀਗਤ ਜਲ ਦੀ ਰੀਚਾਰਜਿੰਗ ਅਤੇ ਫਜ਼ੂਲ-ਖ਼ਰਚੀ ਨੂੰ ਰੋਕਣਾ ।
  4. ਵਧੇਰੇ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਘੱਟ ਪਾਣੀ ਵਾਲੇ ਸਥਾਨਾਂ ਤੇ ਭੇਜਣਾ ।
  5. ਭੂ-ਖੋਰ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਲਈ ਬਾਹਰੀ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਬਣਾਈ ਰੱਖਣਾ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਕੁਝ ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਕਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਹਵਾ ਦੇ ਮੁੱਖ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹਨ-

  1. ਕਾਰਬਨ ਮੋਨੋਆਕਸਾਈਡ
  2. ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ
  3. ਸਲਫਰ ਅਤੇ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ
  4. ਫਲੋਰਾਈਡਾਂ ਦੇ ਯੌਗਿਕ
  5. ਧਾਤੂਆਂ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਕਾਰਬਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨਿਯੰਤਰਨ ਦੇ ਪੰਜ ਉਪਾਅ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਉਪਾਅ ਕਰਨੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ-

  1. ਗੋਬਰ ਗੈਸ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਅਜੈਵ-ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਖੱਡਿਆਂ ਵਿਚ ਸੁੱਟਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਚੱਕਰੀਕਰਨ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਵਾਹਿਤ ਮਲ ਅਤੇ ਉਤਸਰਜੀ ਪਦਾਰਥ ਆਦਿ ਦਾ ਸਹੀ ਢੰਗ ਨਾਲ ਵਿਸਰਜਨ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  5. ਆਟੋ ਮੋਬਾਈਲਜ਼ ਵਿੱਚ ਸੀ.ਐਨ.ਜੀ. ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਜੰਗਲਾਂ ਨੂੰ ਕੱਟਣ ਨਾਲ ਕੀ ਹਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੇ ਰੁੱਖਾਂ ਨੂੰ ਕੱਟਣ ਦੀ ਦਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਵਾਧੇ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਰੁੱਖਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਜਾਵੇਗੀ । ਰੁੱਖ ਵਾਸ਼ਪਨ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਨਾਲ ਵੱਡੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਜਲ ਮੁਕਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨਾਲ ਵਰਖਾ ਵਾਲੇ ਬੱਦਲ ਸੌਖਿਆ ਹੀ ਬਣ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਜੰਗਲ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਉਸ ਖੇਤਰ ਵਿਚ ਵਰਖਾ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਰੁੱਖ ਘੱਟ ਸੰਖਿਆ ਵਿੱਚ ਉੱਗਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੁਸ਼ਚੱਕਰ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਹ ਖੇਤਰ ਰੇਗਿਸਥਾਨ ਵੀ ਬਣ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਰੁੱਖਾਂ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਕੱਟਣ ਨਾਲ ਜੈਵ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨਾਲ ਭਰਪੁਰ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਪਰਲੀ ਪਰਤ ਵਰਖਾ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਾਲ ਵਹਿ ਕੇ ਖਤਮ ਹੋਣ ਲਗਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਕੋਲਾ ਅਤੇ ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਨੂੰ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤੱਕ ਬਚਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੋਲਾ ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਮਸ਼ੀਨਾਂ ਦੀ ਕਾਰਜ-ਕੁਸ਼ਲਤਾ ਤੇ ਵੀ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਆਵਾਜਾਈ ਦੇ ਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-ਦਹਿਣ ਇੰਜਨ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤਕ ਇਸਦੀ ਵਰਤੋਂ ਦੇ ਲਈ ਸੋਧ ਕੀਤਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਬਾਲਣ ਦਾ ਪੂਰਨ ਦਹਿਣ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਯਕੀਨੀ ਬਣਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਵੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ਾਂ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਕਾਰਜ-ਕੁਸ਼ਲਤਾ ਵੀ ਵਧੇ ਅਤੇ ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨੂੰ ਵੀ ਘੱਟ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕੇ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤੱਕ ਬਚਾਇਆ ਜਾ ਸਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਪਾਰਕ ਅਤੇ ਜੰਗਲੀ ਜੀਵ ਸ਼ਰਨ ਸਥਲ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਪਾਰਕ ਜੰਗਲੀ ਜੀਵ ਸ਼ਰਨ ਸਥਲ
(1) ਚੀਤਾ, ਗੈਂਡਾ, ਸ਼ੇਰ ਆਦਿ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਜੰਗਲੀ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਆਵਾਸ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । (1) ਜੀਵ ਜੰਤੂਆਂ ਦੀਆਂ ਆਮ ਪ੍ਰਜਾਤੀਆਂ ਨੂੰ ਕੁਦਰਤੀ ਵਾਤਾਵਰਨ ਵਿਚ ਸੁਰੱਖਿਆ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
(2) ਇਸ ਦਾ ਖੇਤਰ 100 ਵਰਗ ਕਿਲੋਮੀਟਰ ਤੋਂ 500 ਵਰਗ ਕਿਲੋਮੀਟਰ ਤੱਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (2) ਇਸ ਦਾ ਖੇਤਰ 500 ਵਰਗ ਕਿਲੋਮੀਟਰ ਤੋਂ 1000 ਵਰਗ ਕਿਲੋਮੀਟਰ ਤੱਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(3) ਚਾਰੇ ਪਾਸੇ ਪੱਕੀਆਂ ਕੰਧਾਂ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । (3) ਚਾਰੇ ਪਾਸੇ ਉੱਚੀਆਂ ਜਾਲੀਦਾਰ ਅਸਥਾਈ ਕੰਧਾਂ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੁਦਰਤੀ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਜਾਂ ਸ਼ੁੱਧ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿਚ ਧੂਲ ਕਣ ਅਤੇ ਹੋਰ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਣ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕੋਈ ਪੰਜ ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦੇ ਨਾਮ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਜੰਗਲ,
  2. ਜੰਗਲੀ ਜੀਵਨ,
  3. ਪਾਣੀ,
  4. ਕੋਲਾ,
  5. ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਤਿੰਨ R’s ਦੇ ਨਾਮ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. Reduce (ਘੱਟ ਉਪਯੋਗ),
  2. Recycle (ਮੁੜ ਚੱਕਰ),
  3. Reuse (ਮੁੜ ਉਪਯੋਗ) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਕਿਹੜੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਮੁੜ ਚੱਕਰਣ ਦੁਆਰਾ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਲਾਸਟਿਕ, ਕੱਚ, ਕਾਗ਼ਜ਼, ਅਤੇ ਧਾਤੂ ਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
CFC ਦਾ ਪੂਰਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਲੋਰੋ-ਫਲੋਰੋ ਕਾਰਬਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਉਰਜਾ ਦੇ ਅਨਵੀਕਰਨੀ ਸਰੋਤਾਂ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਕੋਲਾ,
  2. ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਉਰਜਾ ਦੇ ਦੋ ਪਰੰਪਰਾਗਤ ਸਰੋਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਣਿਜ ਬਾਲਣ ਅਤੇ ਵਗਦਾ ਹੋਇਆ ਪਾਣੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਇਹ ਸੰਸਾਧਨ ਜੇ ਵਰਤਮਾਨ ਦਰ ਨਾਲ ਵਰਤੇ ਜਾ ਰਹੇ ਹਨ ਤਾਂ ਇਹ ਕਿੰਨੇ ਸਮੇਂ ਤੱਕ ਉਪਲੱਬਧ ਰਹਿਣਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨ ਲਗਭਗ ਅਗਲੇ 40 ਸਾਲਾਂ ਅਤੇ ਕੋਲੇ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨ ਅਗਲੇ 200 ਸਾਲਾਂ ਤੱਕ ਉਪਲੱਬਧ ਰਹਿ ਸਕਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਕਿਹੜੇ ਦੋ ਵਰਗਾਂ ਵਿਚ ਰੱਖਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਵਧੇਰੇ ਘਾਤਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਜੈਵ-ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਪਦਾਰਥ ।
  2. ਜੈਵ-ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਪਦਾਰਥ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੋਨਾਂ ਵਿਚੋਂ ਜੈਵ-ਅਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ ਵਧੇਰੇ ਘਾਤਕ ਹੈ ।

ਵਸਤੁਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਇੰਦਰਾ ਗਾਂਧੀ ਨਹਿਰ ਨਾਲ ਕਿਸ ਰਾਜ ਦੇ ਵੱਡੇ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਹਰਾ-ਭਰਾ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ?
(a) ਉੱਤਰ ਪ੍ਰਦੇਸ਼
(b) ਉਤਰਾਖੰਡ
(c) ਛੱਤੀਸਗੜ੍ਹ
(d) ਰਾਜਸਥਾਨ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਰਾਜਸਥਾਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਅਮ੍ਰਿਤਾ ਦੇਵੀ ਬਿਸ਼ਨੋਈ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਇਨਾਮ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ-
(a) ਜੀਵ ਸੰਰੱਖਿਅਣ ਲੌਈ
(b) ਵਣ-ਉਨਮੂਲਲੈ ਲਈ
(c) ਵਣਾਂ ਦੇ ਵਿਨਾਸ਼ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਲਈ
(d) ਜਲ-ਸੰਰੱਖਿਅਣ ਲਈ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਜੀਵ ਸੰਰੱਖਿਅਣ ਲਈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜਲ-ਭੰਡਾਰਨ ਦੀ ਕੁਲ਼ ਪੱਧਤੀ ਪ੍ਰਚਲਨ ਵਿੱਚ ਹੈ-
(a) ਰਾਜਸਥਾਨ ਵਿੱਚ
(b) ਹਿਮਾਚਲ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ
(c) ਉਤਰਾਖੰਡ ਵਿੱਚ
(d) ਮੱਧ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਹਿਮਾਚਲ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
1970 ਦੇ ਪਹਿਲੇ ਦਸ਼ਕ ਵਿੱਚ ਚਿਪਕੋ ਅੰਦੋਲਨ ਕਿੱਥੇ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋਇਆ ?
(a) ਕੁਮਾਉਂ ਵਿੱਚ
(b) ਗੜ੍ਹਵਾਲ ਵਿੱਚ
(c) ਹਿਮਾਚਲ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ
(d) ਆਸਾਮ ਵਿੱਚ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਗੜ੍ਹਵਾਲ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਗੰਗਾ ਸਫਾਈ ਯੋਜਨਾ ਕਦੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋਈ ?
(a) 1945 ਵਿੱਚ
(b) 1965 ਵਿੱਚ
(c) 1985 ਵਿੱਚ
(d) 2005 ਵਿੱਚ ।
ਉੱਤਰ-
(c) 1985 ਵਿੱਚ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਵਣ ਪਾਲਿਸੀ ਬਣਾਈ ਗਈ ਸੀ-
(a) 1988
(b) 1989
(c) 1990
(d) 1991.
ਉੱਤਰ-
(a) 1988.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਮੁੜ-ਚੱਕਰ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-
(a) ਪਲਾਸਟਿਕ
(b) ਪਾਲੀਥੀਨ
(c) ਧਾਤਾਂ
(d) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ਕੁਦਰਤ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਮਨੁੱਖ ਲਈ ਉਪਯੋਗੀ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ …………………….. ਆਖਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨ

(ii) ……………… ਖ਼ਤਮ ਹੋਣ ਵਾਲਾ ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਮਿੱਟੀ

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ

(iii) ……………… ਨਾ ਖ਼ਤਮ ਹੋਣ ਵਾਲਾ ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼

(iv) ਕਿਸੇ ਵੱਡੇ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤੇ ਦਰੱਖ਼ਤ ਲਗਾ ਕੇ ਜੰਗਲਾਂ ਨੂੰ ਵਿਕਸਿਤ ਕਰਨਾ ……………………….. ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਵਣੀਕਰਨ

(v) CFC ਦਾ ਪੂਰਾ ਨਾਂ ………………………….. ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਲੋਰੋਫਲੋਰੋ ਕਾਰਬਨ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 ਸਾਡਾ ਵਾਤਾਵਰਨ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 ਸਾਡਾ ਵਾਤਾਵਰਨ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 ਸਾਡਾ ਵਾਤਾਵਰਨ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ-
(i) ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਅਤੇ ਜੀਵੋਮ ਜਾਂ ਬਾਇਓਮ
(ii) ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਅਤੇ ਭੋਜਨ-ਜਾਲ
(iii) ਮਾਸਾਹਾਰੀ ਅਤੇ ਸਰਬ-ਆਹਾਰੀ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਅਤੇ ਜੀਵੋਮ ਜਾਂ ਬਾਇਓਮ-

ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ (Ecosystem) ਜੀਵੋਮ ਜਾਂ ਬਾਇਓਮ (Biome)
(1) ਇਹ ਜੈਵ ਜਗਤ ਦੀ ਸਵੈ-ਧਾਰੀ (Self sus-taining) ਇਕਾਈ ਹੈ । (1) ਇਹ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧਾਂ ਦਾ ਸਮੂਹ ਹੈ ।
(2) ਇਹ ਜੈਵ ਜੀਵਾਂ ਅਤੇ ਅਜੈਵ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨਾਲ ਮਿਲ ਕੇ ਬਣਿਆ ਹੈ । (2) ਇਸ ਵਿਚ ਸਮਾਨ ਜਲਵਾਯੂ ਵਾਲੇ ਇੱਕ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਭੂਗੋਲਿਕ ਖੇਤਰ ਦੇ ਕਈ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(3) ਇਹ ਜੈਵ ਜਗਤ ਵੀ ਬਾਕੀਆਂ ਨਾਲੋਂ ਛੋਟੀ ਇਕਾਈ ਹੈ । (3) ਇਹ ਜੈਵ ਜਗਤ ਦੀ ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਵੱਡੀ ਇਕਾਈ ਹੈ ।

(ii) ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਅਤੇ ਭੋਜਨ-ਜਾਲ-

ਭੋਜਨ-ਲੜੀ (Food Chain) ਭੋਜਨ-ਜਾਲ (Food web)
(1) ਇਹ ਕਿਸੇ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਵਿਚ ਭੋਜਨ ਅਤੇ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ । (1) ਇਸ ਵਿਚ ਆਹਾਰ ਪੱਧਰ ਭੋਜਨ ਲੜੀਆਂ ਨਾਲ ਜੁੜੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(2) ਇਹ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦੀ ਕ੍ਰਮਵਾਰ ਆਹਾਰ ਲੜੀ ਹੈ । (2) ਇਸ ਵਿਚ ਇਕ ਭੋਜਨ ਲੜੀ ਦੇ ਜੀਵ ਕਿਸੇ ਨਾ ਕਿਸੇ ਪੋਸ਼ਣ ਪੱਧਰ ਤੇ ਹੋਰ ਭੋਜਨ-ਲੜੀਆਂ ਨਾਲ ਜੁੜ ਕੇ ਭੋਜਨ ਲੜੀਆਂ ਦਾ ਜਾਲ ਜਿਹਾ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
(3) ਇਸ ਵਿਚ ਆਹਾਰੀ ਪੱਧਰ ਸੀਮਿਤ ਹੈ । (3) ਇਸ ਵਿਚ ਆਹਾਰੀ ਪੱਧਰ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਵਿੱਚ ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਤੁਲਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
(4) ਇਹ ਸੀਮਿਤ ਅਤੇ ਛੋਟੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 ਸਾਡਾ ਵਾਤਾਵਰਨ 1
(4) ਇਹ ਕਈ ਭੋਜਨ ਲੜੀਆਂ ਦਾ ਜਾਲ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 ਸਾਡਾ ਵਾਤਾਵਰਨ 2

(ਉ) ਜੰਗਲ ਵਿਚ (ਅ) ਘਾਹ ਦੇ ਮੈਦਾਨ ਵਿੱਚ (ੲ) ਤਾਲਾਬ ਵਿੱਚ ।

(iii) ਮਾਸਾਹਾਰੀ ਅਤੇ ਸਰਬ-ਆਹਾਰੀ-

ਮਾਸਾਹਾਰੀ (Carnivore) ਸਰਬ-ਆਹਾਰੀ (Omnivore)
(1) ਇਹ ਦੂਜੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਦਾ ਮਾਸ ਹੀ ਖਾਂਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ- ਸ਼ੇਰ, ਚੀਤਾ ਆਦਿ । (1) ਇਹ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਦਾ ਮਾਸ ਅਤੇ ਪੇੜ-ਪੌਦੇ ਦੋਵਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਮਨੁੱਖ, ਦਿਲ ਆਦਿ ।
(2) ਇਹ ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਦੇ ਤੀਸਰੇ ਜਾਂ ਉਸਦੇ ਅਗਲੇ ਸਾਰੇ ਪੱਧਰਾਂ ਤੇ ਮਿਲਦੇ ਹਨ । (2) ਇਹ ਅਕਸਰ ਦੂਸਰੇ ਆਹਾਰੀ ਪੱਧਰ ਤੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(3) ਇਹ ਅਕਸਰ ਜੰਗਲਾਂ ਵਿਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । (3) ਇਹ ਕਿਸੇ ਵੀ ਸਥਾਨ ਤੇ ਰਹਿ ਸਕਦੇ ਹਨ ।
(4) ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕੱਟਣ ਵਾਲੇ ਦੰਦ ਘੱਟ ਵਿਕਸਿਤ ਅਤੇ ਕਿੱਲ ਦੰਦ ਅਤੇ ਨਹੀ ਵਧੇਰੇ ਵਿਕਸਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (4) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਦੋਵੇਂ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਦੰਦ ਅਤੇ ਨਹੁੰ ਵਿਕਸਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 ਸਾਡਾ ਵਾਤਾਵਰਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਛੋਟੀ ਕਿਵੇਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਊਰਜਾ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਇਕ ਹੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸਦਾ ਕਈ ਚਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਹੁੰਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਉਰਜਾ ਦੇ ਹਰ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਤੇ ਉਰਜਾ ਦਾ 1% ਭਾਗ ਰਹਿ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਵਿਚ ਵੱਧ ਚਰਨ ਹੋਣ ਤਾਂ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵਧੇਰੇ ਮਾਤਰਾ ਵਿਅਰਥ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ । ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਕੁਦਰਤ ਵਿਚ ਭੋਜਨ ਲੜੀਆਂ ਛੋਟੀਆਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਵਿਚ ਉਰਜਾ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਦੇ ਦੌਰਾਨ ਉਤਪਾਦਕ ਪੱਧਰ ਤੇ ਵੱਧ ਉਰਜਾ ਉਪਲੱਬਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਵਿਚ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਵੱਲ ਜਾਣ ਤੇ ਉਰਜਾ ਦੀ ਉਪਲੱਬਧਤਾ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਉਦਾਹਰਨ – ਘਾਹ → ਟਿੱਡਾ → ਡੱਡੂ → ਸੱਪ → ਮੋਰ
ਜੇ ਇਸ ਲੜੀ ਵਿਚ ਡੱਡੂ ਨੂੰ ਸਮਾਪਤ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਲੜੀ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ । ਇਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਬਦਲਾਓ ਦਿਖਾਈ ਦੇਣਗੇ-

  1. ਟਿੱਡਿਆਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ ਵੱਧ ਜਾਵੇਗੀ ।
  2. ਡੱਡੂ ਨਾ ਮਿਲਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਸੱਪਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ।
  3. ਸੱਪਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਦਾ ਮੋਰਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਤੇ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪਵੇਗਾ ।

ਮਨੁੱਖ ਦੁਆਰਾ ਕਈ ਬੇਲੋੜੇ ਕੰਮਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਛੋਟੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸ ਨਾਲ ਕੁਦਰਤ ਵਿਚ ਅਸੰਤੁਲਨ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕੀ ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਵਿਚ ਛੇ ਤੋਂ ਵੱਧ ਪੱਧਰ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ ? ਜੇ ਨਹੀਂ ਤਾਂ ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਹਰ ਚਰਨ ਵਿਚ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਰਜਾ ਵਿਚ ਲਗਾਤਾਰ ਕਮੀ ਹੁੰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਤਿੰਨ ਜਾਂ ਚਾਰ ਚਰਨਾਂ ਦੇ ਬਾਅਦ ਊਰਜਾ ਸਿਰਫ ਨਾਂ-ਮਾਤਰ ਹੀ ਰਹਿ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਦੁਆਰਾ ਹਰੇ ਪੌਦੇ ਸੌਰ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸਿਰਫ 1% ਭਾਗ ਹੀ ਅੰਤਰਹਿਣ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਬਾਕੀ ਵਾਤਾਵਰਨ ਵਿੱਚ ਹੀ ਵਿਅਰਥ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਦੂਸਰੇ ਚਰਨ ਵਿੱਚ ਪੌਦਿਆਂ ਨੂੰ ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀ ਖਾਂਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਸਿਰਫ਼ 10% ਹੀ ਊਰਜਾ ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜੇ ਅਸੀਂ ਸੌਰ ਊਰਜਾ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਸਿਰਫ਼ 1000 ਮੰਨ ਲਈਏ ਤਾਂ ਪੌਦੇ ਸਿਰਫ 10J ਊਰਜਾ ਪਾਪਤ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀ ਸਿਰਫ 1J ਉਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਜਦੋਂ ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀ ਨੂੰ ਮਾਸਾਹਾਰੀ ਖਾਂਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਸਿਰਫ 0.01J ਉਰਜਾ ਹੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਵੇਗੀ । ਇਸ ਲਈ ਜਿਵੇਂ-ਜਿਵੇਂ ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਦੇ ਚਰਨ ਵੱਧਦੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਉਵੇਂ-ਉਵੇਂ ਹੀ ਉਪਲੱਬਧ ਉਰਜਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵੀ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਇਹ ਨਤੀਜਾ ਨਿਕਲਦਾ ਹੈ ਕਿ ਕਿਸੇ ਵੀ ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਵਿਚ ਛੇ ਜਾਂ ਵੱਧ ਚਰਨ ਸੰਭਵ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਉਤਪਾਦਕ ਪੱਧਰ ਤੇ ਉਰਜਾ ਵਧੇਰੇ ਉਪਲੱਬਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਬਾਅਦ ਵਿੱਚ ਲਗਾਤਾਰ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਆਖਿਰੀ ਪੱਧਰ ਤੇ ਉਰਜਾ ਬਹੁਤ ਹੀ ਘੱਟ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਪਰਿਭਾਸ਼ਿਤ ਕਰੋ। ਇਸਦੇ ਮੁੱਖ ਘਟਕਾਂ ਦੇ ਨਾਮ ਲਿਖੋ।
ਜਾਂ
ਵਾਤਾਵਰਨ ਪੱਧਤੀ ਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ? ਇਸਦੇ ਕਿੰਨੇ ਭਾਗ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਾਤਾਵਰਨ ਉਹ ਭੌਤਿਕ ਅਤੇ ਜੈਵਿਕ ਸੰਸਾਰ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਅਸੀਂ ਸਾਰੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਾਂ । ਇਸਦੇ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਘਟਕ ਜੈਵ ਅਤੇ ਅਜੈਵ ਹਨ !
ਜੀਵ ਘਟਕ – ਸਾਰੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂ, ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਮਨੁੱਖ ਜੀਵ ਘਟਕ ਦੇ ਵਰਗ ਵਿਚ ਆਉਂਦੇ ਹਨ ।
ਅਜੀਵ ਘਟਕ – ਭੌਤਿਕ ਜਾਂ ਅਜੀਵ ਘਟਕਾਂ ਵਿੱਚ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਥਲ ਹਨ । ਹਵਾ ਤੋਂ ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਅਸੀਂ ਪੀਂਦੇ ਹਾਂ ਅਤੇ ਥਲ ਤੇ ਸਾਡਾ ਨਿਵਾਸ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਮੌਸਮ ਸੰਬੰਧੀ ਘਟਕ ਹਨ-ਸੌਰ ਊਰਜਾ, ਤਾਪ, ਪ੍ਰਕਾਸ਼, ਵਰਖਾ, ਨਮੀ, ਹਨੇਰੀ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਜੈਵ ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਅਤੇ ਜੈਵ ਅਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਦੱਸੋ। ਹਰੇਕ ਦਾ ਉੱਚਿਤ ਉਦਾਹਰਨ ਵੀ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-

ਜੈਵ ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ ਜੈਵ ਅਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ
(1) ਇਹ ਉਹ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਪਦਾਰਥ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਹਾਨੀ ਰਹਿਤ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿਚ ਤੋੜਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਜਿਵੇਂ- ਗੋਬਰ, ਘਾਹ ਆਦਿ । (1) ਇਹ ਉਹ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਪਦਾਰਥ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਹਾਨੀ ਰਹਿਤ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿਚ ਨਹੀਂ ਤੋੜਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ । ਜਿਵੇਂ-ਡੀ.ਡੀ.ਟੀ., ਪਲਾਸਟਿਕ ਆਦਿ ।
(2) ਇਹ ਪਦਾਰਥ ਜੀਵਾਣੂਆਂ, ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਦੁਆਰਾ ਅਪਘਟਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਵਿੱਚ ਸੰਤੁਲਨ ਬਣਾਈ ਰੱਖਦੇ ਹਨ । (2) ਇਹ ਪਦਾਰਥ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਵਰਗੇ ਜੀਵਾਣੂਆਂ ਦੁਆਰਾ ਅਪਘਟਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵ-ਮੰਡਲ (Biosphere) – ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ‘‘ਜੀਵ ਦਾ ਖੇਤਰ` । ਧਰਤੀ ਤੇ ਸਥਲ, ਜਲ ਅਤੇ ਹਵਾ ਮੌਜੂਦ ਹੈ ਜੋ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦਾ ਜੀਵਨ ਬਣਾਈ ਰੱਖਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਧਰਤੀ ਤੇ ਜੀਵਨ ਬਣਾਈ ਰੱਖਣ ਵਾਲੇ ਇਹ ਖੇਤਰ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਮਿਲ ਕੇ ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਧਰਤੀ ਤੇ ਸਥਲ-ਮੰਡਲ, ਜਲਮੰਡਲ ਅਤੇ ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਸਾਰੇ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਨੂੰ ਇਕੱਠੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਜੀਵ-ਮੰਡਲ (Biosphere) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ (Ecosystem) ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਇਸਦਾ ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਨਾਲ ਕੀ ਸੰਬੰਧ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ – ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਵਿਚ ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਆਦਾਨ-ਪ੍ਰਦਾਨ ਜੈਵ ਅਤੇ ਅਜੈਵ ਘਟਕਾਂ ਦੇ ਵਿਚ ਲਗਾਤਾਰ ਹੁੰਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਪ੍ਰਬੰਧ ਨੂੰ ਹੀ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ। ਤਾਲਾਬ, ਝੀਲ, ਜੰਗਲ, ਖੇਤ ਅਤੇ ਮਨੁੱਖ ਦੁਆਰਾ ਬਣਾਏ ਜੀਵ ਸ਼ਾਲਾ ਵਿੱਚ ਜੈਵ ਅਤੇ ਅਜੈਵ ਘਟਕ ਆਪਸ ਵਿਚ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਕਰਦੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਜੋ । ਇਕ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਜੈਵ ਸੰਖਿਆ, ਜੈਵ ਅਤੇ ਅਜੈਵ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਦੇ ਘਟਕ ਹਨ, ਜੋ ਇਸ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਨੂੰ ਸੰਰਚਨਾ ਅਤੇ ਗਤੀਸ਼ੀਲਤਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਕੋਈ ਤਾਲਾਬ, ਜੰਗਲ ਜਾਂ ਘਾਹ ਦਾ ਮੈਦਾਨ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ ਹਨ ।

ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਦਾ ਹਰ ਘਟਕ ਆਪਣਾ ਖ਼ਾਸ ਕੰਮ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕੁੱਝ ਕਾਰਨਾਂ ਦਾ ਸਾਰਾ ਯੋਗ ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਨੂੰ ਸਥਿਰਤਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ਕਿਸੇ ਭੂਗੋਲਿਕ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਸਾਰੇ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਇਕੱਠੇ ਮਿਲ ਕੇ ਬਾਇਓਮ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸਾਰੇ ਬਾਇਓਮ ਮਿਲ ਕੇ ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਦਾ ਇੱਕ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਘਟਕ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਹੈ ਜੋ ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਨੂੰ ਗਤੀਸ਼ੀਲਤਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 ਸਾਡਾ ਵਾਤਾਵਰਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਉਤਪਾਦਕ ਅਤੇ ਖਪਤਕਾਰ ਵਿਚ ਅੰਤਰ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-

ਉਤਪਾਦਕ (Producer) ਖਪਤਕਾਰ (Consumer)
(1) ਅਜਿਹੇ ਜੀਵ ਜੋ ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਤੋਂ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਉਤਪਾਦਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । (1) ਅਜਿਹੇ ਜੀਵ ਜੋ ਆਪਣੇ ਭੋਜਨ ਲਈ ਦੂਸਰੇ ਜੀਵਾਂ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੇ ਹਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਖਪਤਕਾਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
(2) ਹਰੇ ਪੌਦੇ ਉਤਪਾਦਕ ਜੀਵ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ । (2) ਸਾਰੇ ਜੰਤੂ ਉਪਭੋਗਤਾ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਅਪਘਟਕ ਕੀ ਹਨ ? ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਅਪਘਟਕਾਂ ਦਾ ਕੀ ਮਹੱਤਵ ਹੈ ?
ਜਾਂ
ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਮੁੜ ਚਕਰਨ ਵਿਚ ਅਪਘਟਕਾਂ ਦੀ ਭੂਮਿਕਾ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ।
ਉੱਤਰ-
ਅਪਘਟਕ – ਅਪਘਟਕ ਉਹ ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵ ਹਨ ਜੋ ਮਿਤ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਕਾਰਬਨਿਕ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦਾ ਅਪਘਟਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸਰਲ ਯੌਗਿਕਾਂ ਅਤੇ ਤੱਤਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਸਰਲ ਯੌਗਿਕ ਅਤੇ ਤੱਤ ਧਰਤੀ ਦੇ ਪੋਸ਼ਣ ਭੰਡਾਰ ਵਿੱਚ ਵਾਪਸ ਚਲੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਅਪਘਟਕਾਂ ਦਾ ਮਹੱਤਵ – ਅਪਘਟਕ ਜੀਵ ਮ੍ਰਿਤ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਮ੍ਰਿਤ ਸਰੀਰਾਂ ਦੇ ਅਪਘਟਨ ਵਿਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਰੱਖਣ ਦਾ ਕਾਰਜ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਅਪਘਟਕ ਜੀਵ ਮ੍ਰਿਤ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਮ੍ਰਿਤ ਸਰੀਰਾਂ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤੱਤਾਂ ਨੂੰ ਫਿਰ ਤੋਂ ਧਰਤੀ ਦੇ ਪੋਸ਼ਣ ਭੰਡਾਰ ਵਿੱਚ ਵਾਪਿਸ ਪਹੁੰਚਾਉਣ ਦਾ ਕਾਰਜ ਵੀ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਮੁੜ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਜਾਣ ਤਾਂ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਬਣੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਮਿੱਟੀ ਬਾਰ-ਬਾਰ ਫਸਲਾਂ ਦਾ ਪੋਸ਼ਣ ਕਰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਊਰਜਾ ਦੀ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਤੋਂ ਕਿਹੜਾ ਵਿਅਕਤੀ ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀ ਜਾਂ ਮਾਸਾਹਾਰੀ ਵਧੇਰੇ ਲਾਭ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ? ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਰਜਾ ਦੀ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਤੋਂ ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀ ਵਿਅਕਤੀ ਵਧੇਰੇ ਲਾਭ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਕਾਰਨ-ਪੌਦੇ ਪਹਿਲੇ ਆਹਾਰ ਪੱਧਰ ਤੇ ਹਨ । ਇੱਕ ਆਹਾਰ ਪੱਧਰ ਤੋਂ ਅਗਲੇ ਆਹਾਰ ਪੱਧਰ ਨੂੰ ਆਮ ਕਰਕੇ ਲਗਭਗ 10% ਘੱਟ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਬਣਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੈ ਕਿ ਮਾਸਾਹਾਰੀ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਸੰਤੁਲਨ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਬਣਿਆ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੁਦਰਤ ਵਿੱਚ ਭੋਜਨ ਲੜੀਆਂ ਜੁੜੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਕਈ ਵਾਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਇੱਕ ਦੀ ਕੋਈ ਕੁੜੀ ਕਿਸੇ ਕਾਰਨ ਸਮਾਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਉਦੋਂ ਉਸ ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਦਾ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਲੜੀ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧ ਜੁੜ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਅਤੇ ਊਰਜਾ ਦੇ ਪ੍ਰਵਾਹ ਦਾ ਸੰਤੁਲਨ ਬਣਿਆ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਜੇ ਅਜਿਹੇ ਕਿਸੇ ਜੰਗਲ ਵਿੱਚ ਸਾਰੇ ਹਿਰਨ ਸਮਾਪਤ ਹੋ ਜਾਣ ਤਾਂ ਇਸਦੀ ਪੂਰਤੀ ਕਰਨ ਲਈ ਜੰਗਲ ਦਾ ਸ਼ੇਰ ਕਿਸੇ ਜੰਗਲੀ ਜਾਨਵਰ ਨੂੰ ਮਾਰ ਕੇ ਕੁੜੀ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕਰ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਸੰਤੁਲਨ ਬਣਿਆ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਕਿਹੜੇ ਰਸਾਇਣ ਓਜ਼ੋਨ ਛੇਦ ਦੇ ਲਈ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਕਾਰਨ ਬਣੇ ਹੋਏ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਓਜ਼ੋਨ ਛੇਦ ਦੇ ਮੁੱਖ ਕਾਰਨ-

  1. ਐਰੋਸੋਲ ਦਹਿਣ
  2. ਆਧੁਨਿਕ ਅੱਗ ਬੁਝਾਊ ਯੰਤਰ
  3. ਪਰਮਾਣੂ ਵਿਸਫੋਟ
  4. ਹੋਲੋਜਨ
  5. ਸਲਫੇਟ ਐਰੋਸੋਲ
  6. CFCs (ਕਲੋਰੋਫਲੋਰੋ ਕਾਰਬਨ), CBC (ਕਲੋਰੋ ਬੋਮੋਕਾਰਬਨ ਆਦਿ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਰੈਫਰੀਜਰੇਟਰਾਂ ਅਤੇ ਏਅਰ ਕੰਡੀਸ਼ਨਰਾਂ ਵਿੱਚ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪਿਰਾਮਿਡ ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਪੋਸ਼ਣ ਰੀਤੀ ਦੀ ਸੰਰਚਨਾ ਨੂੰ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪਿਰਾਮਿਡ ਭੋਜਨ ਲੜੀਆਂ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪੋਸ਼ੀ ਪੱਧਰਾਂ ਦਾ ਗਾਫੀਕਲ ਨਿਰੂਪਣ (graphical representation) ਕਰਦੇ ਹਨ । ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪਿਰਾਮਿਡ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪੋਸ਼ੀ ਪੱਧਰਾਂ ਨੂੰ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪਿਰਾਮਿਡ ਦਾ ‘ਆਧਾਰ’ ਉਤਪਾਦਕ ਜੀਵਾਂ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਪੌਦਿਆਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 ਸਾਡਾ ਵਾਤਾਵਰਨ 3
ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪਿਰਾਮਿਡ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪਿਰਾਮਿਡ ਦੇ ਆਧਾਰ (Base) ਤੋਂ ਜਿਵੇਂ-ਜਿਵੇਂ ਉੱਪਰ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ, ਪਿਰਾਮਿਡ ਆਕਾਰ ਪਤਲਾ ਹੁੰਦਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉੱਤਰ ਪੋਸ਼ੀ ਪੱਧਰਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪਿਰਾਮਿਡ ਦੀ ਚੋਟੀ ਸਰਬ-ਉੱਚ ਮਾਸਾਹਾਰੀ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 ਸਾਡਾ ਵਾਤਾਵਰਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਓਜ਼ੋਨ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਣਦੀ ਹੈ ? ਇਸਦੇ ਰਿਕਤੀਕਰਨ ਨੂੰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ।
ਉੱਤਰ-
ਆਕਸੀਜਨ ਦੇ ਤਿੰਨ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਤੋਂ ਓਜ਼ੋਨ (O3) ਦੇ ਅਣੂ ਬਣਦੇ ਹਨ । ਆਮ ਆਕਸੀਜਨ ਦੇ ਅਣੂ ਵਿੱਚ ਦੋ ਪਰਮਾਣੂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਆਕਸੀਜਨ ਸਾਰੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਾਣੀਆਂ ਦੇ ਜੀਵਨ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਪਰ ਓਜ਼ੋਨ ਇੱਕ ਘਾਤਕ ਜ਼ਹਿਰ ਹੈ । ਵਾਯੁਮੰਡਲ ਦੇ ਓਪਰੀ ਪੱਧਰ ਵਿੱਚ ਓਜ਼ੋਨ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਕਾਰਜ ਪੂਰਾ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਸੂਰਜ ਤੋਂ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਪਰਾਬੈਂਗਣੀ ਵਿਕਿਰਣਾਂ ਤੋਂ ਧਰਤੀ ਦੇ ਲਈ ਇੱਕ ਸੁਰੱਖਿਆ ਕਵਚ ਤਿਆਰ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਪਰਾਬੈਂਗਣੀ ਕਿਰਣ ਧਰਤੀ ਤੇ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਲਈ ਬਹੁਤ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਹਨ । ਇਹ ਵਿਕਿਰਣਾਂ ਚਮੜੀ ਦਾ ਕੈਂਸਰ ਪੈਦਾ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਦੇ ਉੱਤਰ ਪੱਧਰ ਤੇ ਪਰਾਬੈਂਗਣੀ (UV) ਵਿਕਿਰਣ ਦੇ ਪ੍ਰਭਾਵ ਨਾਲ ਆਕਸੀਜਨ (O2) ਅਣੂਆਂ ਤੋਂ ਓਜ਼ੋਨ ਬਣਦੀ ਹੈ । ਉੱਚ ਊਰਜਾ ਵਾਲੇ ਪਰਾਬੈਂਗਣੀ (UV) ਵਿਕਿਰਣ ਆਕਸੀਜਨ ਅਣੂਆਂ (O2) ਨੂੰ ਵਿਘਟਿਤ ਕਰ ਆਜ਼ਾਦ ਆਕਸੀਜਨ (O) ਪਰਮਾਣੂ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ। ਆਕਸੀਜਨ ਦੇ ਇਹ ਸੁਤੰਤਰ ਪਰਮਾਣੂ ਸੰਯੁਕਤ ਹੋ ਕੇ ਓਜ਼ੋਨ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਭੋਜਨ ਲੜੀ ਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ? ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਭੋਜਨ ਲੜੀ – ਉਤਪਾਦਕ, ਖਪਤਕਾਰ ਅਤੇ ਅਪਘਟਕ ਤੋਂ ਮਿਲ ਕੇ ਬਣਨ ਵਾਲੀ ਲੜੀ, ਭੋਜਨ ਲੜੀ ਕਹਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
ਭੋਜਨ ਲੜੀ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ-ਘਾਹ → ਟਿੱਡਾ → ਡੱਡੂ → ਸੱਪ → ਮੋਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਨਿਖੇੜਕ ਕੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ? ਪ੍ਰਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਵਿੱਚ ਨਿਖੇੜਕ ਦੀ ਕੀ ਭੂਮਿਕਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਿਖੇੜਕ – ਜੀਵਾਣੂ ਅਤੇ ਉੱਲੀ ਜਿਹੇ ਸੂਖਮਜੀਵ ਮਰੇ ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਅਵਸ਼ੇਸ਼ਾਂ ਦਾ ਵਿਘਟਨ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਜਿਹਨਾਂ ਨੂੰ ਨਿਖੇੜਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਪਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਵਿੱਚ ਨਿਖੇੜਕ ਦੀ ਭੂਮਿਕਾ – ਨਿਖੇੜਕ ਰੀਝਲਦਾਰ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਸਰਲ ਅਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਰਲ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਮੁੜ ਉਪਯੋਗ ਵਿੱਚ ਲਿਆਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਜੈਵ ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਹ ਪਦਾਰਥ ਜੋ ਜੈਵਿਕ ਪ੍ਰਮਾਂ ਦੁਆਰਾ ਅਪਘਟਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਜੈਵ ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕੋਈ ਚਾਰ ਜੈਵ ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਬਜ਼ੀ-ਫਲਾਂ ਦੇ ਛਿੱਲਕੇ, ਕਾਗਜ਼, ਭੂਸਾ, ਚਾਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜੈਵ ਅਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਹ ਪਦਾਰਥ ਜੋ ਜੈਵਿਕ ਪ੍ਰਮਾਂ ਦੁਆਰਾ ਅਪਘਟਿਤ ਨਹੀਂ ਹੋ ਪਾਉਂਦੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਜੈਵ ਅਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜੈਵ ਅਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਦੋ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਪਲਾਸਟਿਕ
  2. ਕੱਚ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਦੇ ਅਜੈਵ ਕਾਰਕਾਂ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਤਾਪ, ਵਰਖਾ, ਹਵਾ, ਮਿੱਟੀ, ਖਣਿਜ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਕੁਦਰਤੀ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੰਗਲ, ਤਾਲਾਬ, ਝੀਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਉਤਪਾਦਕ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਤਪਾਦਕ – ਜੋ ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨਾਲ ਸੂਰਜ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਤੇ ਕਲੋਰੋਫਿਲ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਵਿਚ ਅਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਤੋਂ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਉਤਪਾਦਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਖਪਤਕਾਰ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੋ ਜੀਵ ਭੋਜਨ ਦੇ ਲਈ ਸਿੱਧੇ ਜਾਂ ਅਸਿੱਧੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਉਤਪਾਦਨਾਂ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਖਪਤਕਾਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਖਪਤਕਾਰ ਦੇ ਚਾਰ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਮਨੁੱਖ
  2. ਸ਼ੇਰ
  3. ਬਾਂਦਰ
  4. ਚਿੜੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਸੂਖਮਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਅਪਮਾਜਕ ਜਾਂ ਨਿਖੇੜਕ ਕਿਉਂ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਖ਼ਮਜੀਵ ਗੁੰਝਲਦਾਰ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਸਰਲ ਅਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿਚ ਬਦਲ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਮਿੱਟੀ ਵਿਚ ਚਲੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਮੁੜ ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਦੁਆਰਾ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਤੇ ਮਿਲਨ ਵਾਲੇ ਸਾਰੇ ਕੁਦਰਤੀ ਖੇਤਰ ਅਤੇ ਉਸ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਸਾਰੇ ਜੀਵ ਜੰਤੂ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਮਿਲ ਕੇ ਮੰਡਲ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਦੇ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਘਟਕ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵ ਘਟਕ ਅਤੇ ਅਜੀਵ ਘਟਕ ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਦੇ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਘਟਕ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਸਰਬ-ਆਹਾਰੀ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਹ ਜੀਵ ਜੋ ਭੋਜਨ ਦੇ ਲਈ ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੋਨਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸਰਬ-ਆਹਾਰੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਮਨੁੱਖ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਕਿਸੇ ਜਲੀ ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਦਾ ਉਦਾਹਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਾਈ ਜਾਂ ਸ਼ੈਵਾਲ → ਛੋਟੇ ਜੰਤੂ → ਮੱਛੀ → ਵੱਡੀ ਮੱਛੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਕਿਸ ਨੂੰ ਵਧੇਰੇ ਊਰਜਾ ਉਪਲੱਬਧ ਹੋਵੇਗੀ ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀ ਨੂੰ ਜਾਂ ਮਾਸਾਹਾਰੀ ਨੂੰ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀ ਨੂੰ ਮਾਸਾਹਾਰੀ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ ਊਰਜਾ ਉਪਲੱਬਧ ਹੋਵੇਗੀ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਜੈਵ ਯੌਗਿਕੀਕਰਨ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵਾਣੂਆਂ ਅਤੇ ਸ਼ੈਵਾਲ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤੇ ਗਏ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਸਥਿਰੀਕਰਨ ਨੂੰ ਜੈਵ ਯੌਗਿਕੀਕਰਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਜੈਵ-ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਫੋਕਟ ਪਦਾਰਥ ਕੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੈਵ-ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਫੋਕਟ ਪਦਾਰਥ-ਅਜਿਹਾ ਫੋਕਟ ਪਦਾਰਥ ਜਿਹੜਾ ਜੈਵਿਕ ਪ੍ਰਮਾ ਦੁਆਰਾ ਅਪਘਟਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਅਜਿਹਾ ਫੋਕਟ ਪਦਾਰਥ ਜੀਵਾਣੁਆਂ ਅਤੇ ਹੋਰ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਹੋਏ ਐਂਜ਼ਾਈਮਾਂ ਦੀ ਮਦਦ ਨਾਲ ਸਮੇਂ ਦੇ ਨਾਲ ਆਪਣੇ ਆਪ ਅਪਘਟਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਵਸਤੂਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜੇ ਸਮੂਹਾਂ ਵਿੱਚ ਕੇਵਲ ਜੈਵ-ਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ ਹਨ-
(a) ਘਾਹ, ਫੁੱਲ ਅਤੇ ਚਮੜਾ
(b) ਘਾਹ, ਲੱਕੜੀ ਅਤੇ ਪਲਾਸਟਿਕ
(c) ਫਲਾਂ ਦੇ ਛਿੱਲੜ, ਕੇਕ ਅਤੇ ਨਿੰਬੂ ਦਾ ਰਸ
(d) ਕੇਕ, ਲੱਕੜੀ ਅਤੇ ਘਾਹ ।
ਉੱਤਰ-
(a), (c) ਅਤੇ (d) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਹੇਠ ਦਿੱਤਿਆਂ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜੇ ਭੋਜਨ-ਲੜੀ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਦੇ ਹਨ-
(a) ਘਾਹ, ਕਣਕ ਅਤੇ ਅੰਬ
(b) ਘਾਹ, ਬੱਕਰੀ ਅਤੇ ਮਨੁੱਖ
(c) ਬੱਕਰੀ, ਗਾਂ ਅਤੇ ਹਾਥੀ
(d) ਘਾਹ, ਮੱਛੀ ਅਤੇ ਬੱਕਰੀ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਘਾਹ, ਬੱਕਰੀ ਅਤੇ ਮੁਨੱਖ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਬਲੀ ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਵਿੱਚ ਉਤਪਾਦਕ ਹੈ –
(a) ਘਾਹ
(b) ਟਿੱਡਾ
(c) ਡੱਡੂ
(d) ਸੱਪ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਘਾਹ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜੈਵ-ਅਵਿਘਟਨਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ ਹੈ-
(a) ਕਾਗਜ਼
(b) ਮਿਤ ਪੌਦੇ
(c) ਪਾਲੀਥੀਨ
(d) ਕੱਚੇ ਫਲ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਪਾਲੀਥੀਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਵਿਚ ਊਰਜਾ ਦਾ ਮੁੱਖ ਸੋਮਾ ਹੈ-
(a) ਹਵਾ
(b) ਸੂਰਜ
(c) ਪੌਦੇ
(d) ਪਰਮਾਣੂ ਊਰਜਾ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਸੂਰਜ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਜੀਵ-ਮੰਡਲ ਵਿਚ ਸ਼ਾਮਿਲ ਹੈ-
(a) ਵਾਯੂਮੰਡਲ
(b) ਥਲਮੰਡਲ
(c) ਜਲਮੰਡਲ
(d) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਵਾਯੂਮੰਡਲੀ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਦਾ ਸਥਿਰੀਕਰਨ ਨਹੀਂ ਕਰਦਾ ਹੈ-
(a) ਰਾਈਜ਼ੋਬੀਅਮ
(b) ਈ. ਕੋਲਾਈ
(c) ਨਾਈਟਰੋਸੋਮੋਨਾਸ
(d) ਨੀਲੇ ਹਰੇ ਸ਼ੈਵਾਲ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਈ. ਕੋਲਾਈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 ਸਾਡਾ ਵਾਤਾਵਰਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਕਲੋਰੋ-ਫਲੋਰੋ ਕਾਰਬਨਜ਼ (CFCs) ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(a) ਰੇਫਰੀਜਰੇਟਰ ਵਿੱਚ
(b) ਏਅਰ ਕੰਡੀਸ਼ਨਰ ਵਿੱਚ
(c) ਗੱਦੇਦਾਰ ਫੋਮ ਵਿੱਚ
(d) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰਿਆਂ ਵਿੱਚ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰਿਆਂ ਵਿੱਚ ।

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ……………… ਜੈਵ ਅਤੇ ਅਜੈਵ ਘਟਕਾਂ ਦੇ ਪੁਰਨ ਤਾਲਮੇਲ ਨਾਲ ਬਣੀ ਵਿਵਸਥਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵ ਮੰਡਲ

(ii) ਭੋਜਨ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ………………….. ਨੂੰ ਛੱਡ ਕੇ ਸਾਰੇ ਜੀਵ ਖਪਤਕਾਰ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਉਤਪਾਦਕ

(iii) ਕਿਸੇ ਵੀ ਭੋਜਨ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਪਹਿਲਾ ਪੋਸ਼ੀ ਸਤਰ ………………. ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਹਰੇ ਪੌਦੇ

(iv) ਜ਼ਿਆਦਾਤਰ ਭੋਜਨ ਲੜੀਆਂ …………………. ਤੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੌਦਿਆਂ

(v) ……………… ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਪਦਾਰਥ ਅਤੇ ਮ੍ਰਿਤ ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਸਰੀਰ ਦੇ ਭਾਗਾਂ ਨੂੰ ਸਰਲ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿੱਚ ਤੋੜ ਕੇ ਅਪਣਾ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਅਪਘਟਕ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਚਿੱਤਰ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਬਾਕਸਨੁਮਾ ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਦੀ ਬਨਾਵਟ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਸੁਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਦਾ ਸਿਧਾਂਤ, ਰਚਨਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਅੰਕਿਤ ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਬਾਕਸਨੁਮਾ ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਦੀ ਬਨਾਵਟ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਦਾ ਇੱਕ ਸਾਫ਼ ਅਤੇ ਲੇਬਲ ਕੀਤਾ ਹੋਇਆ ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਸੂਰਜੀ ਪਰਾਵਰਤਕ ਅਤੇ ਸੂਰਜੀ ਸੰਕੇਂਦਰਿਕ ਕੀ ਹਨ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਿੱਥੇ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਇੱਕ ਬਾਕਸਨੁਮਾ ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਦੀ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਪਰਾਵਰਤਕ – ਇਹ ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਸੂਰਜੀ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਪਰਾਵਰਤਕ ਕਰਨ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਪਰਾਵਰਤਕਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਉਨ੍ਹਾਂ ਯੰਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਮੱਧਮ ਤਾਪਮਾਨ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇੱਥੇ ਸੂਰਜੀ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਦਾ ਪਰਾਵਰਤਨ ਸਮਤਲ ਦਰਪਣਾਂ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਕਾਲੇ ਰੰਗ ਦੇ ਬਰਤਨ ਦੇ ਪੈਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਕਾਲੀ ਸਤਹਿ ਵਾਲੇ ਬਰਤਨ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਸੋਖ ਕੇ ਗਰਮ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਅਯੋਜਨ ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰਾਂ ਅਤੇ ਸੂਰਜੀ ਹੀਟਰਾਂ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਸਰਜੀ ਸੰਕੇਂਦਰਿਕ – ਇਹ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਅਭਿਸਾਰੀ ਲੈਂਨਜ਼ ਜਾਂ ਦਰਪਣ ਹੈ ਜਿਸ ਦੁਆਰਾ ਸਰਜੀ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਕੇਂਦਰਿਤ ਕਰਕੇ ਉੱਚ ਤਾਪ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਸੂਰਜੀ ਸੰਕੇਂਦਰ ਕੁੱਕਰਾਂ ਵਿੱਚ ਜਿੱਥੇ ਬੇਕ ਕਰਨਾ ਜਾਂ ਤਲਣ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੋਵੇ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਪੈਰਾਬੋਲਿਕ ਪਰਾਵਰਤਕ ਸਤਹਿ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਊਰਜਾ ਇਕ ਵੱਡੇ ਖੇਤਰ ਤੋਂ ਛੋਟੇ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਸੰਕੇਂਦਰਿਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ 1000 ਜਾਂ ਇਸ ਤੋਂ ਵੱਧ ਲੋਕਾਂ ਲਈ ਰਸੋਈ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਭਾਫ਼ ਉਤਪਾਦਨ ਕਰਨ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਸਿਧਾਂਤ – ਕਾਲੀ ਸਤਹਿ ਵਧੇਰੇ ਤਾਪ ਦਾ ਸੋਖਣ ਕਰਦੀ ਹੈ ਪਰ ਕੁੱਝ ਸਮੇਂ ਪਿੱਛੋਂ ਕਾਲੀ ਸਤਹਿ ਇਸ ਸੋਖਿਤ ਤਾਪ ਦਾ ਵਿਕਿਰਨ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿੰਦੀ ਹੈ। ਤਾਪ ਦੀ ਇਸ ਹਾਨੀ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਲਈ ਕਾਲੀ ਪੱਟੀ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਤਾਪ ਦੇ ਕੁਚਾਲਕ ਬਕਸੇ ਵਿੱਚ ਰੱਖ ਕੇ ਉਸ ਨੂੰ ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਨਾਲ ਢੱਕ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਕਸੇ ਦੇ ਅੰਦਰ ਦੀਆਂ ਦੀਵਾਰਾਂ ਨੂੰ ਕਾਲੇ ਰੰਗ ਨਾਲ ਪੇਂਟ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਤਾਪ ਦਾ ਸੋਖਣ ਹੋ ਸਕੇ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੁਆਰਾ ਤਾਪ ਦੀ ਹਾਨੀ ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋ ਸਕੇ ।

ਬਨਾਵਟ – ਆਮਤੌਰ ਤੇ ਇਹ ਇੱਕ ਲੱਕੜ ਦਾ ਬਕਸਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਬਾਹਰੀ ਬਕਸਾ ਵੀ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਬਕਸੇ ਅੰਦਰ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਜਾਂ ਲੋਹੇ ਦਾ ਬਣਿਆ ਇੱਕ ਹੋਰ ਬਕਸਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸਨੂੰ ਅੰਦਰਲਾ ਬਕਸਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਅੰਦਰਲੇ ਬਕਸੇ ਦੀਆਂ ਦੀਵਾਰਾਂ ਅਤੇ ਹੇਠਾਂ ਵਾਲੀ ਸਤਹਿ ਕਾਲੀ ਪੇਂਟ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਸੂਰਜੀ ਉਰਜਾ ਦਾ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਸੋਖਣ ਹੋ ਸਕੇ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੁਆਰਾ ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹਾਨੀ ਹੋਵੇ ।

ਅੰਦਰਲੇ ਅਤੇ ਬਾਹਰਲੇ ਬਕਸੇ ਦੇ ਵਿੱਚ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂ ਨੂੰ ਥਰਮੋਕੋਲ ਜਾਂ ਕੱਚ ਦੀ ਰੂੰ ਨਾਲ ਭਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਦੀ ਊਸ਼ਮਾ ਬਾਹਰ ਨਾ ਜਾ ਸਕੇ । ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਦੇ ਬਕਸੇ ਉੱਪਰ ਇੱਕ ਮੋਟੇ ਕੱਚ ਦੀ ਸ਼ੀਟ ਦਾ ਢੱਕਣ ਲੱਗਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਸ੍ਰੀਨ ਹਾਊਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਸਮਤਲ
ਚਿੱਤਰ-ਬਾਕਸਨੁਮਾ ਸੋਲਰ ਕੁੱਕਰ ਦਰਪਣ ਵੀ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਪਰਾਵਰਤਕ ਤਲ ਵਜੋਂ ਕਾਰਜ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 1

ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ – ਪਕਾਉਣ ਵਾਲੇ ਭੋਜਨ ਪਦਾਰਥ ਨੂੰ ਸਟੀਲ ਜਾਂ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੇ ਬਰਤਨ ਜਿਸ ਦੀ ਬਾਹਰਲੀ ਸਤਹਿ ਨੂੰ ਕਾਲੀ ਪੇਂਟ ਕੀਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਪਾ ਕੇ ਬਕਸੇ ਅੰਦਰ ਰੱਖ ਦਿੰਦੇ ਹਾਂ । ਹੁਣ ਇਸ ਨੂੰ ਕੱਚ ਦੇ ਢੱਕਣ ਨਾਲ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪਰਾਵਰਤਕ ਸਤਹਿ M ਅਰਥਾਤ ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਨੂੰ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਏ ਅਨੁਸਾਰ ਖੜ੍ਹਾ ਕਰਕੇ ਕੁੱਕਰ ਨੂੰ ਧੁੱਪ ਵਿੱਚ ਰੱਖ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਸੂਰਜ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀਆਂ ਕਿਰਨਾਂ ਪਰਾਵਰਤਕ ਤਲ ਤੇ ਆਪਾਤੀ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਪਰਾਵਰਤਕ ਤਲ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਤੀਬਰ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਪੁੰਜ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕੁੱਕਰ ਦੇ ਕੱਚ ਦੀ ਸ਼ੀਟ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਦੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਬਰਤਨ ਉੱਪਰ ਪੈਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਕਾਲੀ ਸੜ੍ਹਾਵਾਂ ਸੂਰਜੀ ਤਾਪ ਨੂੰ ਸੋਖਿਤ ਕਰ ਲੈਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਹੁਣ ਇਹ ਸੜਾਵਾਂ ਤਾਪ ਦੀਆਂ ਪਰਾ-ਵੈਂਗਣੀ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਨਿਕਾਸ ਕਰਨ ਲਗਦੀਆਂ ਹਨ, ਪਰ ਉੱਪਰਲੀ ਸਤਹਿ ਉੱਤੇ ਸਥਾਪਿਤ ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਬਾਹਰ ਨਹੀਂ ਜਾਣ ਦਿੰਦੀ । ਇਸ ਲਈ ਬਕਸੇ ਦੇ ਅੰਦਰ ਦਾ ਤਾਪ ਅੰਦਰ ਹੀ ਰਹਿ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਇਸ ਕੁੱਕਰ ਦਾ ਅੰਦਰਲਾ ਤਾਪਮਾਨ 2-3 ਘੰਟੇ ਦੇ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ 100°C ਤੋਂ 140°C ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਭੋਜਨ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਗਰਮੀ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਇਸ ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਵਿੱਚ ਸੌਖੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਕਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਇੱਕ ਅੰਕਿਤ ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਸੋਲਰ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਦੀ ਸੰਰਚਨਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਉਹ ਇਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰ ਕੇ ਪਾਣੀ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸੋਲਰ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਦਾ ਅੰਕਿਤ ਚਿੱਤਰ ਹੇਠਾਂ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 2

ਸੂਰਜੀ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਪਰੋਧੀ ਬਕਸਾ B ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਹੜਾ ਅੰਦਰੋਂ ਕਾਲਾ ਪੇਂਟ ਕੀਤਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਦੇ ਅੰਦਰ ਕਾਲੇ ਰੰਗ ਨਾਲ ਪੇਂਟ ਕੀਤੀ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਟਿਉਬ T ਇੱਕ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਦਾ ਬਕਸਾ ਅਤੇ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਟਿਊਬ ਕਾਲੇ ਰੰਗ ਦੀ ਇਸ ਲਈ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਅਧਿਕ ਸਮਰੱਥਾ ਨਾਲ ਸੂਰਜ ਦੀਆਂ ਤਾਪਨ ਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਸੋਖਤ ਕਰ ਸਕੇ । ਸੰਵਹਨ ਅਤੇ ਵਿਕਿਰਨ ਦੁਆਰਾ ਤਾਪ ਦੀ ਹਾਨੀ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਲਈ ਬਕਸੇ ਦੇ ਉੱਪਰ ਸ਼ੀਸ਼ੇ ਦਾ ਢੱਕਣ ਲੱਗਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਦੀ ਤਾਂਬੇ ਦੀਆਂ ਟਿਊਬਾਂ ਦੇ ਦੋਵੇਂ ਸਿਰੇ ਪਾਣੀ ਭੰਡਾਰ ਟੈਂਕ D ਨਾਲ ਜੁੜੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਸੂਰਜੀ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਦੇ ਭੰਡਾਰਨ ਟੈਂਕ ਨੂੰ ਮਕਾਨ ਦੀ ਛੱਤ ਦੇ ਉੱਪਰ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਕਿ ਸੂਰਜ ਦੀ ਰੌਸ਼ਨੀ ਸਾਰਾ ਦਿਨ ਮਿਲ ਸਕੇ ।

ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ – ਠੰਢਾ ਪਾਣੀ ਪਾਈਪ P ਦੇ ਰਸਤੇ ਭੰਡਾਰਨ ਟੈਂਕ D ਵਿੱਚ ਦਾਖਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਪਾਈਪ Q ਦੁਆਰਾ ਪਾਣੀ ਤਾਪਨ B ਦੀ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਟਿਉਬ 1 ਵਿੱਚ ਚਲਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਟਿਉਬ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸੋਖ ਕਰਕੇ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਠੰਡਾ ਪਾਣੀ ਇਨ੍ਹਾਂ ਗਰਮ ਤਾਂਬੇ ਦੀਆਂ ਟਿਊਬਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਗਰਮ ਪਾਣੀ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਟਿਊਬ ਦੇ ਦੂਜੇ ਸਿਰੇ ਤੋਂ ਨਿਕਲ ਕੇ ਪਾਈਪ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾ ਭੰਡਾਰਨ ਟੈਂਕ ਦੇ ਦੂਸਰੇ ਭਾਗ ਵਿੱਚ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਪਾਈਪ S ਦੁਆਰਾ ਵਰਤੋਂ ਲਈ ਬਾਹਰ ਕੱਢਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੌਰ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਦੇ ਭੰਡਾਰਨ ਟੈਂਕ ਦਾ ਸਾਰਾ ਪਾਣੀ ਕਾਫ਼ੀ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
(i) ਅੰਕਿਤ ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਗੁੰਬਦ ਆਕਾਰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਦੀ ਰਚਨਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਸਮਝਾਓ ।
(ii) ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਤੈਰਦੇ ਹੋਏ ਗੈਸ ਹੋਲਡਰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਦੀ ਰਚਨਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਸਮਝਾਓ ।
ਜਾਂ
ਜੀਵ-ਅਪਸ਼ਿਸਟ ਤੋਂ ਜੀਵ ਗੈਸ (ਬਾਇਓ ਗੈਸ) ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦੀ ਵਿਧੀ ਦਾ ਵਿਸਥਾਰ ਨਾਲ ਵਰਣਨ ਕਰੋ । ਇਸ ਗੈਸ ਨੂੰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦੇ ਕੋਈ ਦੋ ਲਾਭ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵ ਗੈਸ (ਬਾਇਓ ਗੈਸ) ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ – ਜੀਵ ਗੈਸ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਗੈਸਾਂ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਗੈਰ-ਹਾਜ਼ਰੀ ਵਿੱਚ ਜੈਵ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਅਪਘਟਨ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਘਟਕ ਮੀਥੇਨ (CH4) ਗੈਸ ਹੈ ਜੋ ਇੱਕ ਆਦਰਸ਼ ਬਾਲਣ ਹੈ । ਜੀਵ ਗੈਸ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਗੋਬਰ, ਮਲ-ਮੂਤਰ, ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਫਲ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਅਤੇ ਖੇਤੀਬਾੜੀ ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਉਦਯੋਗਾਂ ਦੇ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਆਦਿ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਜੀਵ ਗੈਸ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਦੋ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਲਾਂਟ ਉਪਯੋਗ ਵਿੱਚ ਲਿਆਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
(i) ਸਥਿਰ ਗੁੰਬਦ ਕਿਸਮ ਦਾ ਪਲਾਂਟ
(ii) ਤੈਰਦਾ ਹੋਇਆ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ।

(i) ਸਥਿਰ ਗੁੰਬਦ ਕਿਸਮ ਦੇ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਦੀ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ – ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਬਰਾਬਰ ਮਾਤਰਾ ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ M ਵਿੱਚ ਮਿਲਾ ਕੇ ਉਸ ਦਾ ਘੋਲ ਬਣਾ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਇਸ ਘੋਲ ਦਾ ਪਵੇਸ਼ ਚੈਂਬਰ ਦੇ ਰਸਤੇ ਤੋਂ ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ T ਵਿੱਚ ਭੇਜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ ਦਾ ਕਾਫ਼ੀ ਭਾਗ ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਮਿਸ਼ਰਨ ਨਾਲ ਭਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਉਸ ਦੇ ਉੱਪਰ ਦਾ ਗੁੰਬਦ D ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਇਕੱਠੀ ਕਰਨ ਲਈ ਖ਼ਾਲੀ ਛੱਡ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਮਿਸ਼ਰਨ ਨੂੰ 50-60 ਦਿਨ ਰੱਖੇ ਰਹਿਣ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਸਮੇਂ ਦੌਰਾਨ ਗੋਬਰ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਵਿੱਚ ਅਨਆਸੀ ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਨਿਮਨੀਕਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਬਣਨ ਲਗਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਪਾਈਆਂ ਦੁਆਰਾ ਗੁੰਬਦਨੁਮਾ ਟੈਂਕੀ ਵਿੱਚ ਇਕੱਠੀ ਹੁੰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਗੁੰਬਦ ਵਿੱਚ ਇਕੱਠੀ ਹੋਈ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਨੂੰ ਗੈਸ ਨਿਕਾਸ S ਦੁਆਰਾ ਘਰਾਂ ਤਕ ਪਹੁੰਚਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦੀ ਉਪਲੱਬਧਤਾ ਲਗਾਤਾਰ ਬਣਾਈ ਰੱਖਣ ਲਈ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਨਿਯਮਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਘੋਲ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ ਵਿੱਚ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਬਣਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਬਾਕੀ ਬਚਿਆ ਗੋਬਰ ਦਾ ਘੋਲ ਨਿਕਾਸ ਚੈਂਬਰ ਦੇ ਰਸਤੇ ਟੈਂਕ Fਵਿੱਚ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਟੈਂਕ ਤੋਂ ਗੋਬਰ ਦੇ ਬਚੇ-ਖੁਚੇ ਘੋਲ ਜਾਂ ਸਲਰੀ ਨੂੰ ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਖਾਦ ਦੇ ਰੂਪ ਵਜੋਂ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 3

(ii) ਤੈਰਦੇ ਹੋਏ ਗੈਸ ਹੋਲਡਰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਦੀ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ – ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਜਾਂ ਜੈਵ ਗੈਸ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਪਦਾਰਥ ਹੈ-ਪਸ਼ੂਆਂ ਦਾ ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ । ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਬਰਾਬਰ ਮਾਤਰਾ ਟੈਂਕ M ਵਿੱਚ ਮਿਲਾ ਕੇ ਗੋਬਰ ਦਾ ਪਤਲਾ ਘੋਲ ਜਾਂ ਸਲਰੀ (Slurry) ਬਣਾ ਲੈਂਦੇ ਹਾਂ । ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਇਸ ਘੋਲ ਨੂੰ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਪਾਈਪ I ਦੁਆਰਾ ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ T ਵਿੱਚ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਕ ਨੂੰ ਗੋਬਰ ਦੇ ਮਿਸ਼ਰਨ ਨਾਲ ਭਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪਰੰਤੂ ਉਸ ਦੇ ਉੱਪਰ ਤੈਰਦੀ ਹੋਈ ਟੈਂਕੀ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਇਕੱਠੀ ਕਰਨ ਲਈ ਖ਼ਾਲੀ ਛੱਡ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 4

ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਘੋਲ ਨੂੰ ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ ਵਿੱਚ ਲਗਭਗ 60 ਦਿਨ ਲਈ ਰੱਖਿਆ ਰਹਿਣ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਸਮੇਂ ਦੌਰਾਨ ਗੋਬਰ ਜਾਂ ਪਾਣੀ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਵਿੱਚ ਅਨਆਕਸੀ ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਨਿਮਨੀਕਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਿਸ ਨਾਲ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਬਣਦੀ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਤੈਰਦੀ ਹੋਈ ਟੈਂਕੀ H ਵਿੱਚ ਇਕੱਠੀ ਹੁੰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ। ਤੈਰਦੀ ਹੋਈ ਗੈਸ ਟੈਂਕੀ ਵਿੱਚ ਇਕੱਠੀ ਹੋਈ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਨੂੰ ਨਿਕਾਸ S ਵਿੱਚੋਂ ਪਾਇਪਾਂ ਦੁਆਰਾ ਘਰਾਂ ਤਕ ਪਹੁੰਚਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦੀ ਉਪਲੱਬਧਤਾ ਲਗਾਤਾਰ ਬਣਾਏ ਰੱਖਣ ਲਈ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਨਿਯਮਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸਮੇਂ-ਸਮੇਂ ਤੇ ਗੋਬਰ ਦਾ ਘੋਲ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ T ਵਿੱਚੋਂ ਬਾਈਓ ਗੈਸ ਬਣਨ ਦੇ ਬਾਅਦ ਬਚੀ ਹੋਈ ਸਲਰੀ ਨਿਕਾਸ ਪਾਈਪ O ਦੇ ਰਸਤੇ ਟੈਂਕ F ਵਿੱਚ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਟੈਂਕ F ਤੋਂ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਜਾਂ ਸਲਰੀ ਨੂੰ ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਲਿਜਾ ਕੇ ਖਾਦ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦੇ ਲਾਭ – ਇਹ ਇੱਕ ਵਧੀਆ ਬਾਲਣ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਧੂੰਆਂ ਰਹਿਤ ਬਲਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਜਲਾਉਣ ਨਾਲ ਕੋਈ ਸੁਆਹ ਵਰਗਾ ਅਵਸ਼ੇਸ਼ ਨਹੀਂ ਬਚਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇਹ ਇੱਕ ਪਰਿਆਵਰਣ ਦਾ ਹਿਮਾਇਤੀ ਬਾਲਣ ਹੈ । ਡਾਇਜੈਸਟਰ ਤੋਂ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਬਾਕੀ ਬਚੀ ਹੋਈ ਸਲਰੀ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਅਤੇ ਫਾਸਫੋਰਸ ਦੇ ਯੌਗਿਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਖਾਦ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ।

ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਸਾਨੂੰ ਨਾ ਕੇਵਲ ਵਧੀਆ ਬਾਲਣ ਹੀ ਮਿਲਦਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਖਾਦ ਵੀ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਰਿਆਵਰਣ ਵੀ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬੱਚ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਅਨਾਕਸੀ-ਅਪਘਟਨ – ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਵਿੱਚ ਉਪਸਥਿਤ ਅਨਾਕਸੀ ਸੂਖ਼ਮਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਗੈਰ-ਹਾਜ਼ਰੀ ਵਿੱਚ ਸਲਰੀ ਦਾ ਅਪਘਟਨ ਕਰਦੇ ਹੈ । ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਗੈਰ-ਹਾਜ਼ਰੀ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਵਾਲਾ ਅਪਘਟਨ ਅਨਾਕਸੀ ਅਪਘਟਨ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦਾ ਕਾਰਜ ਸਿਧਾਂਤ ਕੀ ਹੈ ? ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦਾ ਵਰਣਨ ਚਿੱਤਰ ਸਹਿਤ ਸਮਝਾਓ ।
ਜਾਂ
ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੇ ਕਾਰਜ ਸਿਧਾਂਤ ਨੂੰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਚੱਕੀ ਦਾ ਸਿਧਾਂਤ, ਰਚਨਾ ਦਾ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਚਿੱਤਰ ਸਹਿਤ ਸਮਝਾਓ। ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੇ ਮੁੱਖ ਉਪਯੋਗ ਅਤੇ ਹਾਨੀਆਂ ਵੀ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ ਚੱਕੀ- ਇਹ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਪੰਣ ਦੀ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਦੁਆਰਾ ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਫਿਰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 5

ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੀ ਰਚਨਾ – ਜਦੋਂ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਘੁੰਮਣ ਵਾਲੀ ਸ਼ਾਫਟ ਵਗਦੀ ਹੋਈ ਪੌਣ, ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੀ ਹੈ ਉਹ ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੇ ਇਕ ਬਲ ਲਗਾਉਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪੌਣ ਚੱਕੀਆਂ ਦੇ ਬਲੇਡ ਘੁੰਮਣ ਲਗਦੇ ਹਨ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੇ ਘੁੰਮਣ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਉਸ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਦੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਬਣਤਰ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਪੱਖੇ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਦੇ ਸਮਾਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਨੂੰ ਇੱਕ ਅਜਿਹਾ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਪੱਖਾ ਸਮਝਿਆ। ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ । ਕਿਉਂਕਿ ਜਦੋਂ ਪੱਖੇ ਦੇ ਬਲੇਡ ਘੁੰਮਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਪੌਣ ਵੱਗਦੀ ਹੈ, ਪਰੰਤ ਜਦੋਂ ਪੌਣ ਵੱਗਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੇ ਬਲੇਡ ਘੁੰਮਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 6

ਘੁੰਮਦੇ ਹੋਏ ਬਲੇਡਾਂ ਦੀ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਕਾਰਨ ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਨਾਲ ਕਣਕ ਪੀਸਣ ਵਾਲੀ ਚੱਕੀ ਦਾ ਚਲਾਉਣਾ, ਪਾਣੀ ਵਾਲੇ ਪੰਪ ਦਾ ਚਲਾਉਣਾ, ਘੁਮਿਆਰ ਦਾ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਬਰਤਨਾਂ ਦਾ ਚੱਕਾ ਘੁੰਮਾਉਣਾ ਆਦਿ ਕਾਰਜ ਕੀਤੇ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਅਜਿਹੇ ਹੀ ਸਥਾਨ ਤੇ ਲਗਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਹਵਾ ਵੀ ਲਗਭਗ ਪੂਰਾ ਸਾਲ ਤੀਬਰ ਵੇਗ ਨਾਲ ਚਲਦੀ ਹੈ । ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੁਆਰਾ ਪਾਣੀ ਖਿੱਚਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੀ ਬੈਂਕ ਇੱਕ ਪਾਣੀ ਵਾਲੇ ਪੰਪ ਦੇ ਪਿਸਟਨ ਨਾਲ ਜੁੜੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਹਵਾ ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੇ ਬਲੇਡ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਚੱਕੀ ਦਾ ਪਹੀਆ ਘੁੰਮਣ ਲਗਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਨਾਲ ਜੁੜਿਆ ਧੁਰਾ ਘੁੰਮਣ ਲਗਦਾ ਹੈ । ਧੁਰੇ ਦੀ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਬੈਂਕ ਉੱਪਰ-ਹੇਠਾਂ ਹੋਣ ਲਗਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਪੰਪ ਦੀ ਪਿਸਟਨ ਛੜ ਉੱਪਰ-ਹੇਠਾਂ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਵਾਲੇ ਪੰਪ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਣ ਲਗਦਾ ਹੈ ।

ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੇ ਉਪਯੋਗ – ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੇ ਕਈ ਉਪਯੋਗ ਹਨ ਜਿਵੇਂ ਕਿ-

  1. ਪੌਣ ਕਿਸ਼ਤੀਆਂ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ।
  2. ਪੌਣ ਚੱਕੀਆਂ ਨਾਲ ਆਟਾ ਚੱਕੀਆਂ ਤੇ ਜਲ ਪੰਪ ਆਦਿ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ।
  3. ਹਵਾਈ ਜਹਾਜ਼ਾਂ ਦੁਆਰਾ ਉਡਾਨ ਭਰਨ ਲਈ ।
  4. ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ।

ਪੌਣ ਉਰਜਾ ਦੀਆਂ ਹਾਨੀਆਂ – ਭਾਵੇਂ ਪੌਣ ਉਰਜਾ ਦੇ ਕਈ ਲਾਭ ਹਨ ਪਰੰਤ ਇਸ ਦੀਆਂ ਕਈ ਹਾਨੀਆਂ ਵੀ ਹਨ। ਕਈ ਕਮੀਆਂ ਵੀ ਹਨ ਜਿਵੇਂ ਮੰਨ ਲਓ ਜਦੋਂ ਸਾਨੂੰ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਸ ਸਮੇਂ ਪੌਣ ਦਾ ਵਹਾਓ ਨਾ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਇਹ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਸ ਸਮੇਂ ਪੌਣ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਨਾ ਵਗਦੀ ਹੋਵੇ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਨੂੰ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਖੁੱਲਾ ਖੇਤਰ ਵੀ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਕ ਹੋਰ ਕਮੀ ਇਹ ਵੀ ਹੈ ਕਿ ਇਸ ਨੂੰ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਨਿਰਮਾਣ ਲਾਗਤ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕੀ ਉਪਯੋਗ ਹਨ ?
ਜਾਂ
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਸ ਦਾ ਸਿਧਾਂਤ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੀ ਬਣਤਰ ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ । ਕੋਈ ਚਾਰ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਜਾਂ
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਕੀ ਹੈ ? ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਅਤੇ ਉਪਯੋਗ ਤੇ ਟਿੱਪਣੀ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ – ਇਹ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ (ਯੰਤਰ) ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਸਿੱਧੇ ਹੀ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਕਿਉਂਕਿ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਊਰਜਾ ਵੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਵੀ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਵਿੱਚ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ (ਜਾਂ ਯੰਤਰ) ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ।

ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਵਿੱਚ ਅਰਧਚਾਲਕਾਂ ਜਿਵੇਂ ਸਿਲੀਕਾਨ ਅਤੇ ਗੇਲੀਅਮ ਦੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਕੁੱਝ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ (ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਆਰਸਨਿਕ, ਬੋਰੋਨ, ਇੰਡਿਅਮ ਆਦਿ) ਮਿਲਾ ਦੇਣ ਨਾਲ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਚਾਲਕਤਾ ਵਧਾਈ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਅਰਧਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਚਾਲਕਤਾ ਤਾਪਮਾਨ ਵਧਾਉਣ ਨਾਲ ਵੀ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਦਾ ਵਿਕਾਸ – ਅੱਜ ਤੋਂ ਲਗਭਗ 100 ਸਾਲ ਪਹਿਲਾਂ ਇਹ ਖੋਜ ਹੋ ਚੁੱਕੀ ਸੀ ਕਿ ਸਲੇਨੀਅਮ ਦੀ ਪਤਲੀ ਪਰਤ ਨੂੰ ਸੂਰਜੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਰੱਖਣ ਨਾਲ ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਵੀ ਪਤਾ ਸੀ ਕਿ ਸਲੇਨੀਅਮ ਦੇ ਕਿਸੇ ਟੁਕੜੇ ਤੇ ਆਪਾਤੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸਿਰਫ਼ 0.8% ਭਾਗ ਹੀ ਬਿਜਲੀ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਕਿਉਂਕਿ ਅਜਿਹੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਸੀ ਇਸ ਲਈ ਬਿਜਲੀ ਉਤਪਾਦਨ ਲਈ ਇਸ ਪਰਿਘਟਨਾ ਦੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੀ ਕੋਈ ਅੱਗੇ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਨਹੀਂ ਹੋਈ ।

ਪਹਿਲਾਂ ਵਿਹਾਰਿਕ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਸੰਨ 1954 ਵਿੱਚ ਬਣਾਇਆ ਗਿਆ ਸੀ । ਇਹ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਲਗਭਗ 10% ਸੂਰਜੀ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕੀਤਾ ਪੁਲਾੜ ਕਾਰਜਾਂ ਦੀ ਵੱਧਦੀ ਮੰਗ ਦੇ ਕਾਰਨ ਜ਼ਿਆਦਾ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸਮਰੱਥਾ ਵਾਲੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਨੂੰ ਵਿਕਸਿਤ ਕਰਨ ਦੀ ਦਰ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਵਧੀ । ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਲਈ ਅਰਧਚਾਲਕਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਨਾਲ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਵੱਧ ਗਈ ਹੈ । ਸਿਲੀਕਾਂਨ, ਗੈਲੀਅਮ ਅਤੇ ਜਰਮੇਨੀਅਮ ਜਿਹੇ ਅਰਧ-ਚਾਲਕਾਂ ਤੋਂ ਬਣੇ ਹੋਏ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ 10% ਤੋਂ 18% ਤੱਕ ਹੈ । ਸਲੇਨੀਅਮ ਤੋਂ ਬਣੇ ਆਧੁਨਿਕ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ 25% ਤੱਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 7

ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਪੁਲਾੜ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ – ਬਣਾਉਟੀ ਉਪਗ੍ਰਹਿਆਂ ਅਤੇ ਪੁਲਾੜ ਵਿੱਚ ਭੇਜੇ ਗਏ ਖੋਜ ਦੇ ਯੰਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਪ੍ਰਯੋਜਨ ਕਰਨ ਲਈ ।
  2. ਪੇਂਡੂ ਬਿਜਲੀਕਰਨ – ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਸੰਗ੍ਰਹਿਣ ਕਰਕੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੇਂਡੂ ਖੇਤਰਾਂ ਨੂੰ 24 ਘੰਟੇ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਸਕਦੇ ਹਨ ।
  3. ਗਲੀਆਂ ਨੂੰ ਰੌਸ਼ਨ ਕਰਨਾ – ਛੋਟੇ ਸੁਰਜੀ ਪੈਨਲਾਂ ਅਤੇ ਸਟੋਰੇਜ ਬੈਟਰੀ ਦੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਨਾਲ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਸਟਰੀਟ ਲਾਈਟ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਤੰਭਾਂ (Light house) ਵਿੱਚ ਵੀ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ !
  4. ਪਾਣੀ ਖਿੱਚਣਾ – ਖੇਤੀ ਦੇ ਕੰਮਾਂ ਲਈ ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਜਲ ਪੰਪ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਖਿੱਚਣ ਲਈ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  5. ਪਾਣੀ ਦਾ ਖਾਰਾਪਨ ਦੂਰ ਕਰਨ/ਸ਼ੁੱਧ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਯੰਤਰ – ਕਈ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਹੋਈ ਸ਼ਕਤੀ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ਸ਼ੋਧਨ ਕਰਨ ਲਈ ਉਦਯੋਗ ਲਗਾਏ ਗਏ ਹਨ ।
  6. ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਉਤਪਾਦਨ – ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਦਾ ਬਿਜਲੀ ਅਪਘਟਨ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਬਾਲਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  7. ਸ਼ਕਤੀ ਫਾਰਮ – ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਵੱਡੇ ਪੈਨਲਾਂ ਨੂੰ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਜੋੜ ਕੇ ਅਧਿਕ ਸ਼ਕਤੀ ਉਪਲੱਬਧ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਉੱਚਿਤ ਵੈਗਾਂ ਨਾਲ ਇਸ ਨੂੰ ਦਿਸ਼ਟ ਧਾਰਾ (D.C.) ਅਤੇ ਪਰਤਵੀ ਧਾਰਾ (A.C.) ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਫਿਰ ਲੱਗੇ ਸ਼ਕਤੀ ਗਿੱਡ ਨਾਲ ਜੋੜ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  8. ਹੋਰ ਉਪਯੋਗ – ਉੱਚ ਸੁਯੋਗਤਾ ਵਾਲੇ ਸੈੱਲ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨੀ ਘੜੀਆਂ ਜਾਂ ਕੈਲਕੂਲੇਟਰਾਂ ਵਿੱਚ ਵੀ ਵਰਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰਨ ਲਈ ਇੱਕ ਬਲਾਕ ਰੇਖਾ-ਚਿੱਤਰ ਬਣਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ – ਇਹ ਪੈਨਲ ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਤੋਂ ਬਣਾਈ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਉਪਯੋਗੀ ਕੰਮ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਬਣਾਵਟ – ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ਕਈ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦਾ ਸਮੂਹਿਕ ਰੂਪ ਨਾਲ ਕੰਮ ਕਰਨ ਦੀ ਯੋਗਤਾ ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਕਈ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਨੂੰ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਤਰਤੀਬ ਦੇ ਕੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨੂੰ ਅਜਿਹੀ ਥਾਂ ਤੇ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਧੁੱਪ ਆਉਂਦੀ ਹੋਵੇ। ਪੈਨਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨੂੰ ਬਦਲਣ ਦੀ ਵਿਵਸਥਾ ਵੀ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ – ਸਿਲੀਕਾਨ ਅਤੇ ਗੈਲੀਅਮ ਵਰਗੇ ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਬਣਾਏ ਗਏ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਪੈਨਲ ਤੇ ਜਦੋਂ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਪੈਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਅਰਧ ਚਾਲਕ ਦੇ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਚਾਰ ਵਰਗ ਸੈਂ.ਮੀ. ਦੇ ਇਕ ਸਰਜੀ ਸੈੱਲ ਨਾਲ 60 ਮਿ.ਲੀ. ਐਮਪੀਅਰ ਕਰੰਟ
ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲ ਤੋਂ ਡੀ.ਸੀ.ਆਉਟਪੁਟ ਲਗਪਗ 0.4 – 0.5 ਵੋਲਟ ਤੇ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਘੱਟ ਜਾਂ ਵੱਧ ਗਿਣਤੀ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਘੱਟ ਜਾਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਉਪਯੋਗ-

  1. ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਵਿਵਸਥਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  2. ਬਣਾਉਟੀ ਵਿੱਚ ਉਪਗ੍ਰਹਿ ਅਤੇ ਪੁਲਾੜ ਖੋਜ ਯਾਨਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕੀਤਾ । ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਨਿਊਕਲੀ (ਨਾਭਿਕੀ) ਵਿਖੰਡਨ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ? ਨਿਊਕਲੀ (ਨਾਭਿਕੀ) ਵਿਖੰਡਨ ਦਾ ਇੱਕ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਜਾਂ
ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਤੋਂ ਤੁਹਾਡਾ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇਸ ਨੂੰ ਇੱਕ ਉਦਾਹਰਨ ਦੇ ਕੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ-ਇਹ ਉਹ ਕਿਰਿਆ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਭਾਰੀ ਪਰਮਾਣੂ (ਜਿਵੇਂ ਯੂਰੇਨੀਅਮ, ਪਲੂਟੋਨੀਅਮ ਜਾਂ ਥੋਰੀਅਮ) ਦੇ ਨਾਭਿਕ ਨੂੰ ਘੱਟ ਊਰਜਾ ਵਾਲੇ ਨਿਊਨ ਨਾਲ ਬੰਬਾਰੀ ਕਰਾ ਕੇ ਹਲਕੇ ਨਾਭਿਕਾਂ ਵਿੱਚ ਤੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸਦੇ ਫਲਸਰੂਪ ਬਹੁਤ ਵਿਸ਼ਾਲ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਊਰਜਾ ਮੁਕਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਥੋੜ੍ਹੇ ਜਿਹੇ ਪੁੰਜ (mass) ਦੀ ਹਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਅਤਿ ਅਧਿਕ ਊਰਜਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਗਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਮੁਲ ਨਾਭਿਕ ਅਤੇ ਉਪਜੇ ਨਾਭਿਕਾਂ ਦੇ ਪੁੰਜਾਂ ਦਾ Δm, ਉਰਜਾ E ਵਿੱਚੋਂ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜਾ E = mc2 ਦੇ ਦੁਆਰਾ ਕੰਟਰੋਲ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਇਥੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਨਿਰਵਾਯੂ (ਖਲਾਅ ਵਿੱਚ ਚਾਲ ਹੈ । ਨਿਊਕਲੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਇਲੈਕਟ੍ਰਾਨ ਵੋਲਟ ਦੇ ਨਾਭਿਕ ਨਾਲ ਪ੍ਰਗਟਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
1 ev = 1.602 × 10-19 J

ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ – ਯੂਰੇਨੀਅਮ-235 ਵਿੱਚ ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਧੀਮੀ ਗਤੀ ਵਾਲੇ ਨਿਊਾਨਾਂ ਦੀ ਬੰਬਾਰੀ ਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਯੂਰੇਨੀਅਮ-235 ਪਰਮਾਣੁਆਂ ਤੇ ਧੀਮੀ ਗਤੀ ਵਾਲੇ ਨਿਊਵਾਨਾਂ ਦੀ ਬੰਬਾਰੀ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਯੂਰੇਨੀਅਮ ਦਾ ਭਾਰੀ ਨਾਭਿਕ ਟੁੱਟ ਕੇ ਦੋ ਮੱਧਮ ਭਾਰ ਵਾਲੇ ਪਰਮਾਣੂ ਬੇਰੀਅਮ-139 ਅਤੇ ਕ੍ਰਿਪਾਨ94 ਬਣਾ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਵੱਡੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਤਿੰਨ ਨਿਉਟਾਂਨ ਉਤਸਰਜਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਵਿਖੰਡਨ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਦੌਰਾਨ ਯੂਰੇਨੀਅਮ ਦੇ ਕੁੱਝ ਪੁੰਜ ਦਾ ਨੁਕਸਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸਦੇ ਬਦਲੇ ਵਿੱਚ ਵਿਸ਼ਾਲ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਊਰਜਾ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 8

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ ਤੋਂ ਤੁਹਾਡਾ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇੱਕ ਉਦਾਹਰਨ ਦੇ ਕੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਲਯਨ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ? ਇਸ ਦਾ ਇੱਕ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ – ਇਹ ਉਹ ਕਿਰਿਆ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਦੋ ਹਲਕੇ ਨਿਊਕਲੀਅਸ ਪਰਸਪਰ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਇੱਕ ਭਾਰੀ ਨਿਉਕਲੀਅਸ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਰਜਾ ਦੀ ਵਿਸ਼ਾਲ ਮਾਤਰਾ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਥੋੜੇ ਜਿਹੇ ਪੁੰਜ ਦੀ ਹਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਊਰਜਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਗਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਉਦਾਹਰਨ – ਭਾਰੀ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਜਿਸਨੂੰ ਡਿਊਟੀਰੀਅਮ ਵੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਤੱਤ ਦਾ ਇੱਕ ਆਈਸੋਟੋਪ ਹੈ ਜਿਸਨੂੰ \({ }_{1}^{2} \mathrm{H}\) ਸੰਕੇਤ ਨਾਲ ਟਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਜਦੋਂ ਡਿਊਟੀਰੀਅਮ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂ ਨੂੰ ਉੱਚੇ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਡਿਉਟੀਰੀਅਮ ਦੇ ਦੋ ਨਾਭਿਕ (ਨਿਊਕਲੀਅਸ) ਪਰਸਪਰ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਹੀਲੀਅਮ ਦਾ ਭਾਰੀ ਨਾਭਿਕ ਬਣਾ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵਿਸ਼ਾਲ ਮਾਤਰਾ ਮੁਕਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀ ਸਮੀਕਰਨ ਦੁਆਰਾ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 9
ਸੂਰਜ ਅੰਦਰ ਭਾਰੀ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦਾ ਹੀਲੀਅਮ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ ਦਾ ਉਦਾਹਰਨ ਹੈ !

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਅਤੇ ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਨਾਭਿਕੀ ਵਿਖੰਡਨ ਅਤੇ ਨਾਭਿਕੀ ਸੰਯਨ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਅਤੇ ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ (Nuclear Fission) ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ (Nuclear Fusion)
(1) ਭਾਰੀ ਨਾਭਿਕ ਹਲਕੇ ਨਾਭਿਕ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (1) ਹਲਕੇ ਨਾਭਿਕ ਭਾਰੀ ਨਾਭਿਕਾਂ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(2) ਇਸ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਦੇ ਪੂਰਾ ਹੋਣ ਲਈ ਤਾਪ ਦੀ ਲੋੜ ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (2) ਇਸ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਹੋਣ ਲਈ ਤਾਪ ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(3) ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਦੀਆਂ ਉਪਜਾਂ ਆਮਤੌਰ ਤੇ ਰੇਡੀਓ ਐਕਟਿਵ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਨਿਪਟਾਨ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (3) ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ ਦੀ ਉਪਜ ਰੇਡੀਓ ਐਕਟਿਵ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਨਿਪਟਾਉਣ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(4) ਇਹ ਇੱਕ ਨਿਯੰਤ੍ਰਿਤ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਹੈ । (4) ਇਹ ਇੱਕ ਅਨਿਯੰਤ੍ਰਿਤ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਹੈ ।
(5) ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਊਰਜਾ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (5) ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਵਿਸ਼ਾਲ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਊਰਜਾ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(6) ਇਹ ਪਰਮਾਣੂ ਬੰਬ ਬਣਾਉਣ ਦਾ ਆਧਾਰ ਹੈ । (6) ਇਹ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਬੰਬ ਬਣਾਉਣ ਦਾ ਆਧਾਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(7) ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਵਿਖੰਡਨ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਬਾਲਣ ਬਹੁਤ ਮਹਿੰਗਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (7) ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਪਦਾਰਥ ਸਸਤੇ ਅਤੇ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਪਥਰਾਟ ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਥਰਾਟ ਜਾਂ ਫਾਂਸਿਲ – ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਕਠੋਰ ਭਾਗ ਜਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਚੱਟਾਨਾਂ ਤੇ ਬਣੇ ਕੁੱਝ ਪੁਰਾਣੇ ਨਿਸ਼ਾਨ ਜਿਹੜੇ ਸਾਨੂੰ ਚੱਟਾਨਾਂ ਦੀ ਖੁਦਾਈ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਮਿਲਦੇ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਪਥਰਾਟ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਫਾਂਸਿਲ ਲਾਤੀਨੀ (Latin) ਭਾਸ਼ਾ ਦਾ ਸ਼ਬਦ ਹੈ, ਜਿਸ ਦਾ ਅਰਥ ‘ਪੁੱਟ ਕੇ ਕੱਢੀ ਗਈ ਵਸਤੂ’’ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੀਆਂ ਹੱਡੀਆਂ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਿੰਜਰ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪੈਰ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨ ਪੰਜੇ ਜਾਂ ਪੰਜਿਆਂ ਦੇ ਛਪੇ ਹੋਏ ਨਿਸ਼ਾਨ ਸਾਰੇ ਪਥਰਾਟ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਜੀਵ ਵਿਕਾਸ ਬਾਰੇ ਪਤਾ ਲਗਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ । ਇਸ ਦੀਆਂ ਢੁੱਕਵੀਆਂ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦਿਓ । ਉਰਜਾ ਸੰਕਟ ਨਾਲ ਨਿਪਟਣ ਲਈ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਲਈ ਧਿਆਨ ਵਿੱਚ ਰੱਖਣ ਵਾਲੀਆਂ ਦੋ ਸਾਵਧਾਨੀਆਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ-ਜੀਵ – ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਜੋ ਧਰਤੀ ਹੇਠਾਂ ਦੱਬੇ ਰਹੇ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਅਣਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਅਪਘਟਿਤ ਹੋ ਕੇ ਬਣੇ ਬਾਲਣ, ਨੂੰ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਉਦਾਹਰਨ-ਕੋਲਾ, ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ।
ਊਰਜਾ ਸੰਕਟ ਤੋਂ ਬਚਣ ਲਈ ਸਾਵਧਾਨੀਆਂ-
ਊਰਜਾ ਸੋਮੇ ਜਿਵੇਂ ਕੋਲਾ, ਤੇਲ ਅਤੇ ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ) ਦੇ ਖ਼ਤਮ ਹੋਣ ਦੇ ਡਰ ਤੋਂ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਢੰਗਾਂ ਰਾਹੀਂ ਬਚਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-

  1. ਸਾਨੂੰ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਬਹੁਤ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਕੇਵਲ ਉਸ ਸਮੇਂ ਇਸ ਬਾਲਣ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਨਵਿਆਉਣਯੋਗ ਸਰੋਤ ਨਾ ਮਿਲੇ ।
  2. ਸਾਨੂੰ ਨਵੀਂ ਟੈਕਨਾਲੋਜੀ ਪਤਾ ਲਰਵਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਜੋ ਅਸੀਂ ਊਰਜਾ ਨਾਲ ਭਰਪੂਰ ਨਵੇਂ ਊਰਜਾ ਸਰੋਤ ਜਿਵੇਂ-ਜੈਵ ਪੁੰਜ (ਬਾਇਓਮਾਸ) ਜਾਂ ਸੂਰ ਆਦਿ ਤੋਂ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰ ਸਕੀਏ ।
  3. ਸਾਨੂੰ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਵਿਅਰਥ ਨਸ਼ਟ ਨਹੀਂ ਹੋਣ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜੇਕਰ ਅਸੀਂ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਬਹੁਤ ਅਧਿਕ ਤੇਜ਼ ਦਰ ਨਾਲ ਕਰੀਏ ਤਾਂ ਉਸ ਦਾ ਸਿੱਟਾ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ? ਕਾਰਨ ਸਹਿਤ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਧਰਤੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਬਹੁਤ ਧੀਮੀ ਗਤੀ ਨਾਲ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਅਸਾਧਾਰਨ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਦੁਆਰਾ ਬਣੇ ਹਨ । ਵੱਖ ਹੋਏ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਤੋਂ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਬਣਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਕਰੋੜਾਂ ਸਾਲ ਲੱਗ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਤੇ ਜਿਹੜੇ ਫਾਂਸਿਲ ਬਾਲਣ ਅਸੀਂ ਅੱਜ-ਕੱਲ੍ਹ ਧਰਤੀ ਵਿੱਚੋਂ ਖੋਦ ਕੇ ਕੱਢ ਰਹੇ ਹਾਂ ਉਹ ਕਰੋੜਾਂ ਸਾਲ ਪਹਿਲਾਂ ਧਰਤੀ ਵਿੱਚ ਦੱਬੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਤੋਂ ਬਣੇ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਅਸੀਂ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਕਰਾਂਗੇ ਤਾਂ ਉਹ ਛੇਤੀ ਹੀ ਖ਼ਤਮ ਹੋ ਜਾਣਗੇ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
L.P.G. ਨੂੰ ਇੱਕ ਆਦਰਸ਼ ਬਾਲਣ ਕਿਉਂ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
L.P.G, ਇੱਕ ਆਦਰਸ਼ ਬਾਲਣ-L.P.G. ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਕਰਕੇ ਆਦਰਸ਼ ਬਾਲਣ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ-

  1. L.P.G. ਦਾ ਕੈਲੋਰੀ ਮੁੱਲ ਵੱਧ ਹੈ ।
  2. L.P.G. ਦਾ ਪ੍ਰਚਲਨ ਤਾਪਮਾਨ ਵਧੇਰੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  3. LP.G. ਦੇ ਬਲਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਜ਼ਹਿਰੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਘੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  4. L.P.G. ਦੀ ਬਲਣ ਦਰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  5. L.P.G. ਵਿੱਚ ਅਜਲਣਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਕਿਸੇ ਚੰਗੇ ਬਾਲਣ ਦੀਆਂ ਕੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ? (ਮਾਂਡਲ ਪੇਪਰ)
ਜਾਂ
ਚੰਗੇ ਬਾਲਣ ਦੀਆਂ ਘੱਟੋ-ਘੱਟ 6 ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਈਆਂ ਲਿਖੋ ।
ਜਾਂ
ਚੰਗੇ ਬਾਲਣ ਦੇ ਗੁਣ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੰਗੇ (ਆਦਰਸ਼ ਬਾਲਣ ਦੇ ਗੁਣ-

  1. ਇਸ ਦਾ ਕੈਲੋਰੀ-ਮੁੱਲ ਵੱਧ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਬਾਲਣ ਦਾ ਪ੍ਰਜਲਣ ਤਾਪਮਾਨ ਉੱਚਿਤ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਬਾਲਣ ਦੀ ਬਲਣ ਦਰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  4. ਬਾਲਣ ਵਿੱਚ ਅਜਲਣਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਜਿੰਨੀ ਘੱਟ ਹੋਵੇ ਓਨਾ ਹੀ ਚੰਗਾ ਹੈ ।
  5. ਬਲਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਜ਼ਹਿਰੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  6. ਬਾਲਣ ਦੀ ਉਪਲੱਬਧਤਾ ਸੁਖਾਲੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  7. ਬਾਲਣ ਸਸਤਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  8. ਬਾਲਣ ਨੂੰ ਸਟੋਰ ਕਰਨਾ ਅਤੇ ਲਿਜਾਣਾ ਸੌਖਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਪਣ-ਬਿਜਲੀ ਕਿਵੇਂ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੇ ਕੀ ਲਾਭ ਅਤੇ ਹਾਨੀਆਂ ਹਨ ?
ਜਾਂ
ਹਾਈਡਲ (ਪਣ) ਪਾਵਰ ਪਲਾਂਟ ਵਿਚ ਬਿਜਲੀ ਕਿਵੇਂ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ? ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਸਮਝਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਣ-ਬਿਜਲੀ ਉਤਪਾਦਨ ਦਾ ਬੁਨਿਆਦੀ ਸਿਧਾਂਤ – ਨਦੀਆਂ ਵਿੱਚ ਵਹਿੰਦੇ ਹੋਏ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਬੰਨ੍ਹ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਇਕੱਠਾ ਕਰ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਹੁਣ ਬੰਧ ਪੱਧਰ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਤਲ ਦੇ ਨੇੜੇ ਲਗਾਏ ਗਏ ਬਿਜਲੀ ਜੈਨਰੇਟਰ ਤੇ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਡਿੱਗਦੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਪਾਣੀ ਟਰਬਾਈਨਾਂ ਨੂੰ ਘੁੰਮਾਉਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਬਿਜਲੀ ਜੈਨਰੇਟਰ ਦੇ ਆਰਮੇਚਰ ਨੂੰ ਘੁੰਮਾਉਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 10
ਲਾਭ-

  1. ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਬਾਲਣ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਫਲਾਇਆ ਜਾਂਦਾ |
  2. ਪਣ ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਨਹਿਰਾਂ ਤੋਂ ਸਿੰਚਾਈ ਲਈ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਹਾਨੀਆਂ-

  1. ਵਾਤਾਵਰਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਕਈ ਪਰਿਸਥਿਤੀਆਂ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਜੀਵ ਜੰਤੂਆਂ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦਾ ਕੁਦਰਤੀ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  2. ਸਮਾਜਿਕ ਜੀਵਨ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਲੋਕ ਆਪਣੀ ਜ਼ਮੀਨ ਤੋਂ ਵਾਂਝੇ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਜੈਵ ਪੁੰਜ ਜਾਂ ਬਾਇਓ ਮਾਸ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੈਵ ਪੰਜ – ਪੌਦਿਆਂ (ਜਾਂ ਬਨਸਪਤੀਆਂ) ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਜੈਵ ਪੁੰਜ ਜਾਂ ਬਾਇਓਮਾਸ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੇ ਕੋਈ ਚਾਰ ਲਾਭ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਾਇਓ ਗੈਸ – ਜੰਤੂਆਂ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਦੀ ਪਾਣੀ ਦੀ ਹੋਂਦ ਅਤੇ ਆਕਸਜੀਨ ਦੀ ਗੈਰਮੌਜੂਦਗੀ ਵਿੱਚ ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਲਘੂਕਰਨ ਨਿਮਨੀਕਰਨ) ਦੌਰਾਨ ਮੀਥੇਨ (CH4) ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ (CO2), ਹਾਈਡਰੋਜਨ (H2) ਅਤੇ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ (N2) ਗੈਸਾਂ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਨੂੰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਤੱਤ ਮੀਥੇਨ ਹਨ ।

ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਅਤੇ ਸੰਘਟਨ
ਮੀਥੇਨ = 50% ਤੋਂ 70%
ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ = 30% ਤੋਂ 40
ਹਾਈਡਰੋਜਨ = 5% ਤੋਂ 10%
ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ = 1% ਤੋਂ 25%
ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਸਲਫਾਈਡ = ਥੋੜ੍ਹੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ

ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦੇ ਲਾਭ-

  1. ਇਹ ਖਾਣਾ ਪਕਾਉਣ ਲਈ ਬਾਲਣ ਦੇ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਵਰਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  2. ਇਹ ਇੰਜਣ ਚਲਾਉਣ ਦੇ ਲਈ ਬਾਲਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਆਉਂਦੀ ਹੈ । (iii) ਇਹ ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਰੌਸ਼ਨੀ ਕਰਨ ਲਈ ਵੀ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਗੋਬਰ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਦੇ ਕੋਈ ਦੋ ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਗੋਬਰ ਦੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੇ ਕਾਰਨ-

  • ਗੋਬਰ ਨੂੰ ਸਿੱਧੇ ਹੀ ਪਾਥੀਆਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਜਲਾਉਣ ਨਾਲ ਉਸ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਅਤੇ ਫਾਸਫੋਰਸ ਵਰਗੇ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਗੋਬਰ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਨਾਲ ਸਾਫ-ਸੁਥਰਾ ਬਾਲਣ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਫਾਲਤੂ ਸਲਰੀ ਨੂੰ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਖਾਦ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  • ਗੋਬਰ ਨੂੰ ਪਾਥੀਆਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਜਲਾਉਣ ਨਾਲ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਧੂੰਆਂ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਬਣਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਕਾਰਨ ਦੱਸੋਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਕਿਸਾਨਾਂ ਲਈ ਵਰਦਾਨ ਸਮਝੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਆਧੁਨਿਕ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਦਰਅਸਲ ਕਿਸਾਨਾਂ ਲਈ ਲਾਹੇਵੰਦ ਹੈ । ਇਸ ਪਲਾਂਟ ਦੁਆਰਾ ਜੰਤੂਆਂ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਨੂੰ ਸੌਖ ਨਾਲ ਆਕਸੀ-ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪਾਣੀ ਦੀ ਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਤੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਮੀਥੇਨ, CO2, H2, H2S ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿਹੜੀ ਕਿ ਇਕ ਬਹੁਤ ਲਾਭਦਾਇਕ ਧੂੰਆਂ ਰਹਿਤ ਬਾਲਣ ਹੈ । ਇਸ ਬਾਲਣ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਗੈਸ ਸਟੋਵ ਵਿੱਚ ਤਾਪ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਛੁੱਟ ਜਿਹੜਾ ਘੋਲ ਬਾਕੀ ਬਚ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਉਸ ਵਿੱਚ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਅਤੇ ਫਾਸਫੋਰਸ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿਹੜੀ ਕਿ ਇਕ ਵਧੀਆ ਅਜੈਵਿਕ ਖਾਦ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਰਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਸਾਰੀ ਕਿਰਿਆ ਦੌਰਾਨ ਵਾਤਾਵਰਨ ਵੀ ਦੂਸ਼ਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਕੇ ਕਿਸਾਨ ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਸਿੰਜਾਈ ਕਰਨ ਲਈ ਪੰਪ ਸੈਟ ਤੇ ਇੰਜਣ ਚਲਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਡੀਜ਼ਲ ਨਾਲੋਂ ਸਸਤਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਉਪਯੋਗਾਂ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਕਿਸਾਨਾਂ ਲਈ ਵਰਦਾਨ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਸਮੂਹਿਕ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਲਗਾਉਣ ਦੇ ਮੁੱਖ ਕਾਰਨ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਪਰਿਵਾਰਾਂ ਦੁਆਰਾ ਮਿਲ ਕੇ ਲਗਾਇਆ ਗਿਆ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਸਮੂਹਿਕ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਲਾਂਟ ਅੱਗੇ ਲਿਖੇ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਲਗਾਏ ਜਾ ਰਹੇ ਹਨ-

  1. ਕਈ ਪਰਿਵਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਪਲਾਂਟ ਨੂੰ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਰੱਖਣ ਲਈ ਵੱਡੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਪਸ਼ੂ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ।
  2. ਪਰਿਵਾਰ ਸ਼ੁਰੂ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਖ਼ਰਚੇ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਅਸਮਰੱਥ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
  3. ਕਈ ਪਲਾਂਟ ਲਗਾਉਣ ਦੀ ਥਾਂ ਇਕ ਹੀ ਪਲਾਂਟ ਲਗਾਉਣਾ ਸਸਤਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ (ਜੀਵ ਗੈਸ) ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਗੋਬਰ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਦੇ ਕੋਈ ਦੋ ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਗੋਬਰ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਦੇ ਕਾਰਨ-

  • ਗੋਬਰ ਨੂੰ ਸਿੱਧਾ ਹੀ ਕੰਢਿਆਂ (ਪਾਥੀਆਂ) ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਾਲਣ ਨਾਲ ਉਸ ਵਿੱਚ ਉਪਸਥਿਤ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਅਤੇ ਫਾਸਫੋਰਸ ਜਿਹੇ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਜੀਵ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਗੋਬਰ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਸੁਥਰਾ ਬਾਲਣ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਅਵਸ਼ੇਸ਼ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸਲਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਖਾਦ ਵਜੋਂ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  • ਗੋਬਰ ਨੂੰ ਕੰਢਿਆਂ (ਪਾਥੀਆਂ) ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਾਲਣ ਨਾਲ ਬਹੁਤ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਧੂੰਆਂ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
    ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਜੀਵ ਗੈਸ ਬਣਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਭੋਜਨ ਪਕਾਉਣ ਲਈ ਕੰਢਿਆਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਦੀ ਥਾਂ ਤੇ ਗੋਬਰ ਨੂੰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਕਿਉਂ ਚੰਗਾ ਹੈ ? ਇਸ ਦੇ ਤਿੰਨ ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਗੋਬਰ ਜਲਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਬਹੁਤ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਧੂੰਆਂ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜਿਸ ਤੋਂ ਹਵਾ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਗੋਬਰ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਕਰਨ ਨਾਲ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਕਾਰਨ ਇਸ ਨੂੰ ਚੰਗਾ ਸਮਝਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

  1. ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਧੂੰਆਂ ਰਹਿਤ ਬਲਦੀ ਹੈ ।
  2. ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਕਾਫੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਉਸ਼ਮਾ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
  3. ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਬਚਿਆ ਹੋਇਆ ਬੇਲੋੜਾ ਪਦਾਰਥ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਅਤੇ ਫਾਸਫੋਰਸ ਦੇ ਯੌਗਿਕਾਂ ਨਾਲ ਭਰਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਖਾਦ ਦੇ ਰੂਪ ਵਜੋਂ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਸੂਰਜ ਦੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸੋਮਾ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜ ਦੀ ਕੋਰ ਵਿੱਚ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦੇ ਨਿਊਕਲੀਅਸ ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ ਚਾਲ ਨਾਲ ਗਤੀ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਇਹ ਨਿਊਕਲੀਅਸ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਟਕਰਾਉਂਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਸੰਯੋਜਿਤ ਹੋ ਕੇ ਵੱਧ ਪੁੰਜ ਵਾਲੇ ਭਾਰੀ ਤੱਤਾਂ ਦੇ ਨਿਊਕਲੀਅਸ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਨਿਉਕਲੀ ਸੰਯੋਜਨ ਕਿਰਿਆ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਦੇ ਫਲਸਰੂਪ ਸੂਰਜ ਦੇ ਕੋਰ ਵਿੱਚ ਲਗਭਗ 1.4 × 107K ਦਾ ਤਾਪਮਾਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਦਕਿ ਬਾਹਰ ਦਾ ਤਾਪਮਾਨ 6000 K ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਾਪਮਾਨ ਦੇ ਅੰਤਰ ਕਾਰਨ 4 × 1026 ਵਾਟ (ਜੁਲ ਪ੍ਰਤੀ ਸੈਕਿੰਡ) ਉਰਜਾ ਵਿਕਸਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਰੰਤੁ ਇਸ ਕਾਰਨ ਸੂਰਜ ਠੰਢਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਊਰਜਾ ਦੇ ਵਿਕਿਰਿਤ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਪੁੰਜ ਵਿੱਚ ਕਮੀ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ਜੋ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਊਰਜਾ ਸਾਨੂੰ ਉਸ ਸਮੇਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਧਰਤੀ ਸੂਰਜ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਸੂਰਜ ਵਿਚਲੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦੇ ਭਾਰੇ ਆਈਸੋਟੋਪ ਡਿਊਟੀਰੀਅਮ ਨਿਊਕਲੀਅਸ ਸੂਰਜ ਅੰਦਰ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਟਕਰਾ ਕੇ ਹੀਲੀਅਮ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਸਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਊਰਜਾ ਵੀ ਨਿਕਲਦੀ ਹੈ । ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦੇ ਸੰਯੋਜਨ ਲਈ ਨਿਊਕਲੀਅਸਾਂ ਦਾ ਅਧਿਕ ਚਾਲ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਣਾ ਤਾਂ ਹੀ ਸੰਭਵ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜੇਕਰ ਸੂਰਜ ਦਾ ਤਾਪਮਾਨ 4000000°C ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਸੂਰਜ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਉਰਜਾ ਸੰਯੋਜਨ ਕਿਰਿਆ ਦਾ ਸਿੱਟਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਜੇਕਰ ਸੂਰਜ ਊਰਜਾ ਦਾ ਵਿਸ਼ਾਲ ਸੋਮਾ ਹੈ ਫਿਰ ਵੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਕੇਵਲ ਸੀਮਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਵਿੱਚ ਕਿਉਂ ਲਿਆਈ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜ ਸਾਡੀ ਧਰਤੀ ਤੇ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸਭ ਤੋਂ ਵਿਸ਼ਾਲ ਸਰੋਤ ਹੈ । ਇਹ ਊਰਜਾ ਸਾਡੇ ਤਕ ਬਹੁਤ ਵਿਸਤ੍ਰਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪਹੁੰਚਦੀ ਹੈ । ਧਰਤੀ ਦੇ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਦੇ ਓਪਰੀ ਭਾਗ ਦੇ ਹਰੇਕ ਵਰਗ ਮੀਟਰ ਦੁਆਰਾ 136kJ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਤੀ ਸੈਕਿੰਡ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ 47% ਭਾਗ ਧਰਤੀ ਤਲ ਦੇ ਹਰੇਕ ਵਰਗ ਮੀਟਰ ਤਕ ਇਕ ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ ਪਹੁੰਚਦਾ ਹੈ । ਉਰਜਾ ਦੀ ਇਹ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਮਾਤਰਾ ਵੀ ਸਮਾਨ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਉਪਲੱਬਧ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਇਹੀ ਕਾਰਨ ਹੈ ਕਿ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਕੇਵਲ ਸੀਮਿਤ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਕੰਮਾਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਪਰੰਪਰਾਗਤ ਉਪਯੋਗ ਦੱਸੋ ।
ਜਾਂ
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦੇ ਚਾਰ ਦੈਨਿਕ ਉਪਯੋਗ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਪਰੰਪਰਾਗਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਦੇ ਕੰਮਾਂ ਲਈ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ ।

  1. ਕੱਪੜੇ ਸੁਕਾਉਣ ਲਈ
  2. ਸਮੁੰਦਰੀ ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਲੂਣ ਬਣਾਉਣ ਲਈ
  3. ਫ਼ਸਲ ਕੱਟਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਅਨਾਜ ਵਿੱਚ ਨਮੀ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਘੱਟ ਕਰਨ ਲਈ
  4. ਸਬਜ਼ੀਆਂ, ਫਲ ਅਤੇ ਮੱਛੀ ਸੁਕਾਉਣ ਲਈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸਿੱਧੇ ਜਾਂ ਅਸਿੱਧੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਤਾਪ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਇਕੱਠਾ ਕਰਕੇ ਜਾਂ ਬਿਜਲੀ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਇਸ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਰਸਾਇਣਿਕ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸਮੁੰਦਰੀ ਲਹਿਰਾਂ ਤੋਂ ਊਰਜਾ ਦਾ ਦੋਹਨ ਕਰਕੇ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਅਸਿੱਧੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਵਿੱਚ ਲਿਆਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਸੂਰਜੀ ਤਾਪਨ ਜੁਗਤਾਂ ਵਿੱਚ ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਦਾ ਕੀ ਮਹੱਤਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਤਾਪਨ ਜੁਗਤਾਂ ਵਿੱਚ ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਦਾ ਮਹੱਤਵ-ਤਾਪ ਰੋਧੀ ਬਕਸੇ ਵਿੱਚ ਕਾਲੀ ਪੱਟੀ ਦੀ ਉੱਪਰਲੀ ਸਤਹਿ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਨਾਲ ਢੱਕ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਦਾ ਇਹ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਗੁਣ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਸੂਰਜੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਇਨਫਰਾਰੈਡ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਅੰਦਰ ਲੰਘਣ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਉਸ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਇਨਫਰਾਰੈੱਡ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਲਈ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਅਧਿਕ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਉਤਸਰਜਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਸਤੂਆਂ ਤੋਂ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ ਜਾਂ ਤੁਲਨਾਤਮਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਤਾਪ ਤੇ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਸੂਰਜੀ ਤਾਪਨ ਜੁਗਤਾਂ ਦੀਆਂ ਕੋਈ ਦੋ ਪਰਿਸੀਮਾਵਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਤਾਪਨ ਜੁਗਤਾਂ ਦੀਆਂ ਪਰਿਸੀਮਾਵਾਂ-

  • ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਸੂਰਜੀ ਉਰਜਾ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਵਿਸਤ੍ਰਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਉੱਚ ਤਾਪ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਜੁਗਤਾਂ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਇਲਾਵਾ ਇਕ ਹੀ ਸਥਾਨ ਤੇ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਸਮਾਨ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਬਲਕਿ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਬਦਲਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਜੁਗਤ ਮੀਂਹ ਵਾਲੇ ਦਿਨ ਕੰਮ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਅਸਮਰੱਥ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  • ਸਾਰੇ ਸੂਰਜੀ ਤਾਪਨ ਜੁਗਤਾਂ ਨੂੰ ਸੂਰਜ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਲਗਾਤਾਰ ਬਦਲਣਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੇ ਧੁੱਪ ਸਿੱਧੀ ਪਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਸਾਡੀ ਊਰਜਾ ਦੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਜ਼ਰੂਰਤਾਂ ਦੀ ਅਪੂਰਤੀ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਨਾਲ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੀ ? ਦੋ ਕਾਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੇਕਰ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਕਿਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨਹੀਂ ਫੈਲਾਉਂਦੇ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਬਹੁਤ ਸੁਵਿਧਾਜਨਕ ਹੈ ਪਰ ਫਿਰ ਵੀ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਸੰਬੰਧਿਤ ਜ਼ਰੂਰਤਾਂ ਦੀ ਪੂਰਤੀ ਲਈ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ । ਇਸ ਦੇ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਕਾਰਨ ਹਨ-

  1. ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਕਾਰਜ ਸਮਰੱਥਾ ਕੇਵਲ 20% ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  2. ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਰਾਤ ਨੂੰ ਆਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਜਾਂ ਬੱਦਲ ਦੇ ਸਮੇਂ ਕੰਮ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ।
  3. ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਬਹੁਤ ਮਹਿੰਗਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਉਨ੍ਹਾਂ ਚਾਰ ਖੇਤਰਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ਜਿੱਥੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਨੂੰ ਊਰਜਾ ਸਰੋਤ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਬਣਾਉਟੀ ਭੂ-ਉਪਹਿ ਅਤੇ ਪੁਲਾੜ ਖੋਜ ਵਿੱਚ ।
  2. ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨਿਕ ਉਪਕਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ।
  3. ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿਵਸਥਾ ਅਤੇ ਦੂਰਦਰਾਜ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਟੈਲੀਵਿਜ਼ਨ ਕਾਰਜਕੂਮਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਸਾਰਿਤ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ।
  4. ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਤੰਭਾਂ (Light House) ਅਤੇ ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਵਾਲੀਆਂ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਇਹ ਸਮਝਾਓ ਕਿ ਪਿਛਲੇ ਕੁਝ ਦਹਾਕਿਆਂ ਵਿੱਚ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦਾ ਮਹੱਤਵ ਕਿਉਂ ਵੱਧ ਗਿਆ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਤੱਤ ਅਧਿਕ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਕੀਮਤ ਵਿੱਚ ਉਪਲੱਬਧ ਹਨ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਅਧਿਕ ਸਮਰੱਥਾ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਤੋਂ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਬਣਾਉਟੀ ਉਪਗ੍ਰਹਿਆਂ, ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲਾਂ ਵਿਗਿਆਨਿਕ ਉਪਕਰਨਾਂ, ਦੂਰ ਸੰਚਾਰ ਸਾਧਨਾਂ ਆਦਿ ਵਿੱਚ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਸਰਲਤਾ ਨਾਲ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਕਾਰਨਾਂ ਦੇ ਫਲਸਰੂਪ ਸੋਲਰ ਸੈੱਲਾਂ ਦਾ ਮਹੱਤਵ ਪਿਛਲੇ ਦਹਾਕੇ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਗਿਆ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਫਾਰਮ ਕੇਵਲ ਕੁੱਝ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਹੀ ਕਿਉਂ ਸਥਾਪਿਤ ਕੀਤੇ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ ? ਕਾਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਸਾਰੇ ਸਥਾਨਾਂ ਤੇ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੀ ਇਹ ਉਨ੍ਹਾਂ ਸਥਾਨਾਂ ਤੇ ਸੰਭਵ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਇਸ ਦੇ ਲਈ ਅਨੁਕੂਲ ਪਰਿਸਥਿਤੀਆਂ ਹੋਣ । ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਜ਼ਰੂਰਤਾਂ ਦੀ ਪੂਰਤੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ-

  1. ਪੌਣ ਦੀ ਗਤੀ 15 ਕਿ.ਮੀ. /ਘੰਟਾ ਜਾਂ ਇਸ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  2. ਸਾਰਾ ਸਾਲ ਪੌਣ ਨੂੰ ਇਸੇ ਗਤੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਤੀਦਿਨ 12 ਘੰਟੇ ਜਾਂ ਇਸ ਤੋਂ ਅਧਿਕ ਸਮੇਂ ਲਈ ਵਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਇਹ ਸ਼ਰਤਾਂ ਪੂਰੀਆਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਫਾਰਮ ਦੀ ਸਥਾਪਨਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਅਰਧ ਚਾਲਕ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਰਧ ਚਾਲਕ-ਉਹ ਪਦਾਰਥ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਬਿਜਲੀ ਚਾਲਕ ਚਾਲਕਾਂ ਨਾਲੋਂ ਘੱਟ ਪਰੰਤੂ ਰੋਧਕਾਂ ਨਾਲੋਂ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਅਰਧ ਚਾਲਕ ਪਦਾਰਥ ਜਰਮੇਨੀਅਮ ਅਤੇ ਸਿਲੀਕਾਂਨ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਪੌਣ-ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਪੌਣ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚੱਲਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ-ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਹਵਾ ਨੂੰ ਪੌਣ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਪੌਣ ਦਾ ਚਲਨਾ – ਧਰੁਵੀ ਖੇਤਰਾਂ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖੀ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸੂਰਜ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਤੀਬਰਤਾ ਅਧਿਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਫਲਸਰੂਪ ਭੂਮੱਧ ਰੇਖੀ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ਦੇ ਤਲ ਦੇ ਨੇੜੇ ਹਵਾ ਛੇਤੀ ਹੀ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉੱਪਰ ਵਲ ਨੂੰ ਉੱਠਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਖਾਲੀ ਹੋਈ ਥਾਂ ਨੂੰ ਭਰਨ ਲਈ ਧਰੁਵੀ ਖੇਤਰਾਂ ਦੀ ਠੰਢੀ ਹਵਾ ਭੂ-ਮੱਧ ਖੇਤਰਾਂ ਵੱਲ ਵਹਿਣ ਲਗਦੀ ਹੈ । ਹਵਾ ਦੇ ਇਸ ਬਹਾਓ ਨੂੰ ਧਰਤੀ ਦਾ ਘੁੰਮਣਾ ਲਗਾਤਾਰ ਰੁਕਾਵਟ ਪਾਉਂਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਅਜਿਹੇ ਤਿੰਨ ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ਜਿਹੜੇ ਪੌਣ ਨੂੰ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਕਰਨ ਲਈ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਹੋਣ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ ਨੂੰ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਕਰਨ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਾਰਨ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਹਨ-

  1. ਸੂਰਜ ਦੀ ਸਥਿਤੀ
  2. ਹਵਾ ਦੇ ਤਾਪਮਾਨ ਦਾ ਅੰਤਰ
  3. ਹਵਾ ਦੇ ਦਬਾਓ ਦਾ ਅੰਤਰ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਕਿਸੇ ਬੰਨ੍ਹ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਕੀਤੀ ਗਈ ਪਣ-ਬਿਜਲੀ ਨੂੰ ਸੋਲਰ ਊਰਜਾ ਦਾ ਹੀ ਹੋਰ ਰੂਪ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਵਹਿੰਦੇ ਹੋਏ ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਬਿਜਲੀ ਨੂੰ ਪਣ-ਬਿਜਲੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਸੂਰਜੀ ਸੋਲਰ ਊਰਜਾ ਦੀ ਊਸ਼ਮਾ ਨੂੰ ਸਮੁੰਦਰ, ਦਰੱਖ਼ਤਾਂ ਦੇ ਪੱਤੇ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ਤੇ ਉਪਸਥਿਤ ਜਲ ਸਰੋਤਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਜਲ ਦਾ ਵਾਸ਼ਪੀਕਰਨ ਕਰਨ ਲਈ ਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਉਤਪਾਦਿਤ ਜਲਵਾਸ਼ਪ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਉੱਪਰ ਵਲ ਉੱਠਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਜਲਵਾਸ਼ਪ ਠੰਢੇ ਹੋ ਕੇ ਵਾਪਸ ਮੀਂਹ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੇਠਾਂ ਡਿੱਗਦੇ ਹਨ । ਮੀਂਹ ਦਾ ਪਾਣੀ ਜਾਂ ਫਿਰ ਬਰਫ਼ ਦੇ ਪਿਘਲਣ ਤੋਂ ਬਣਿਆ ਪਾਣੀ ਬੰਨ੍ਹ ਵਿੱਚ ਇਕੱਠਾ ਕਰ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੁਰਜੀ ਉਰਜਾ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਇਕੱਠੇ ਕੀਤੇ ਹੋਏ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਤੀਬਰ ਗਤੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਹੁਣ ਇਹ ਤੀਬਰ ਗਤੀ ਦਾ ਪਾਣੀ ਟਰਬਾਈਨ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਯੰਤਿਕ ਉਰਜਾ ਅਤੇ ਫਿਰ ਬਿਜਲੀ ਉਰਜਾ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਅਸੀਂ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਪਣਬਿਜਲੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਇਕ ਹੋਰ ਰੂਪ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਪਣ-ਊਰਜਾ ਦਾ ਇੱਕ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਪ੍ਰਤਿਬੰਧ ਦੱਸੋ । ਇਸ ਦਾ ਲਾਭ ਵੀ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਣ – ਊਰਜਾ ਦਾ ਇਕ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਪ੍ਰਤਿਬੰਧ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਪਣ-ਚੱਕੀ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ਵਹਿ ਰਿਹਾ ਜਲ ਹਰੇਕ ਥਾਂ ਤੇ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਉਪਲੱਬਧ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਕਾਰਜ ਕਰਨ ਲਈ ਪਣ-ਉਰਜਾ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੇਵਲ ਉਨ੍ਹਾਂ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਵਹਿੰਦੇ ਹੋਏ ਪਾਣੀ ਅਧਿਕ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਉਪਲੱਬਧ ਹੋਵੇ । ਪਣ-ਊਰਜਾ ਦਾ ਇਕ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਲਾਭ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਇਸ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਨਾਲ ਪਰਿਆਵਰਣ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ (Ocean Thermal Energy) – ਸਮੁੰਦਰ, ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦੇ ਵੱਡੇ ਭੰਡਾਰ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਉਰਜਾ ਦੇ ਇਸ ਸੋਮੇ ਨੂੰ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਲਿਆਂਦਾ ਜਾ ਸਕੇ ਤਾਂ ਸਾਨੂੰ ਬਹੁਤ ਅਧਿਕ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਉਰਜਾ ਉਪਲੱਬਧ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ । ਸਮੁੰਦਰ ਦੀ ਸਤਹਿ ਤੇ ਇਸ ਦੀ ਲਗਭਗ 1000 m ਡੂੰਘਾਈ ਵਿਚਕਾਰ ਤਾਪਮਾਨ ਅੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਕਈ ਥਾਂਵਾਂ ‘ਤੇ ਤਾਂ ਤਾਪ ਵਿੱਚ ਇਹ ਅੰਤਰ 20°C ਤਕ ਵੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸਮੁੰਦਰ ਦੀ ਸਤਹਿ ਤੇ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਡੂੰਘਾਈ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਤਾਪ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਦੇ ਕਾਰਨ ਉਪਲੱਬਧ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਉਰਜਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੇ ਦੋ ਰੂਪਾਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਗਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ? ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  • ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦੇ ਪ੍ਰਭਾਵ ਨਾਲ ਪੌਣਾਂ ਚਲਦੀਆਂ ਹਨ । ਸਮੁੰਦਰ ਤਲ ਤੇ ਵਹਿਣ ਵਾਲੀਆਂ ਪੌਣਾਂ ਜਲ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਪੈਦਾ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਤਟਾਂ ਨਾਲ ਲਗਾਤਾਰ ਵਹਿਣ ਲਈ ਗਤੀ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਉਪਯੋਗੀ ਕੰਮਾਂ ਨੂੰ ਕਰਵਾਉਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਬਣਦੀ ਹੈ ।
  • ਸ਼ਰਜ ਦੀ ਗਰਮੀ ਤੋਂ ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਦਾ ਪਾਣੀ ਗਰਮ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਉਸ ਦੀਆਂ ਲਹਿਰਾਂ ਦਾ ਤਾਪਮਾਨ ਬਦਲਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ (OTE) ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਸਮੁੰਦਰ ਊਰਜਾ ਦੇ ਵਿਸ਼ਾਲ ਭੰਡਾਰ ਹਨ । ਇਸ ਕਥਨ ਨੂੰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਮੁੰਦਰ ਊਰਜਾ ਦੇ ਵਿਸ਼ਾਲ ਭੰਡਾਰ-ਸਮੁੰਦਰ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਉਰਜਾ ਦੇ ਵਿਸ਼ਾਲ ਭੰਡਾਰ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੁਆਰਾ ਬਹੁਤ ਵੱਡੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਉਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਉਰਜਾ ਉਤਪੱਤੀ ਦੇ ਆਧਾਰ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹਨ-

  1. ਸਮੁੰਦਰ ਦੀਆਂ ਲਹਿਰਾਂ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਦੇ ਕਾਰਨ ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
  2. ਸਮੁੰਦਰ ਦੀ ਵਿਭਿੰਨ ਸੜਾਵਾਂ ਦੇ ਤਾਪ ਦੇ ਅੰਤਰ ਤੋਂ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  3. ਚੰਨ ਅਤੇ ਸੂਰਜ ਦੇ ਆਕਰਸ਼ਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪੈਦਾ ਜਵਾਰ ਭਾਟਾ ਤੋਂ ਟਰਬਾਈਨ ਘੁੰਮਾ ਕੇ ਟਰਬਾਈਨਾਂ ਦੁਆਰਾ ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸਾਗਰ ਤੱਟਾਂ ਤੇ ਰਹਿਣ ਵਾਲਿਆਂ ਲਈ ਵਰਦਾਨ ਬਣ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  4. ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਦੇ ਵਿਭਿੰਨ ਸਥਾਨਾਂ ਤੇ ਲੂਣਾਂ ਦੀ ਸੰਘਣਤਾ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੋਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਊਰਜਾ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  5. ਸਮੁੰਦਰੀ ਜੀਵਨ ਨੂੰ ਬਾਲਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 32.
ਭੂ-ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੇ ਮੁੱਖ ਲਾਭ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੂ-ਤਾਪ ਊਰਜਾ (Geothermal Energy) – ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ਦੇ ਹੇਠਲੇ ਗਰਮ ਚੱਟਾਨਾਂ ਦੇ ਸੋਮੇ ਨੂੰ ਭੂ-ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਭੂ-ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਦੀ ਹੋਂਦ ਧਰਤੀ ਦੇ ਮੱਧ ਭਾਗ ਦੇ ਬਹੁਤ ਗਰਮ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਹੈ । ਇਹ ਸਿੱਧੇ ਜਾਂ ਅਸਿੱਧੇ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਸੂਰਜ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਧਰਤੀ ਦੇ ਹੇਠਲੀਆਂ ਪਿਘਲੀਆਂ ਚੱਟਾਨਾਂ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਮੈਗਮਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਭੂ-ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸੋਮਾ ਹਨ ।

ਜਦੋਂ ਮੈਗਮਾ ਕੁੱਝ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ਦੇ ਨੇੜੇ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਗਰਮ ਸਥਾਨ ਬਣ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਆਉਣ ਵਾਲਾ ਪਾਣੀ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਭਾਫ਼ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਭਾਫ਼ ਚੱਟਾਨਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਫਸ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਬਹੁਤ ਉੱਚੇ ਦਬਾਅ ਤੇ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਜ਼ਮੀਨ ਅੰਦਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਗਰਮ ਸਥਾਨਾਂ ਤਕ ਪਾਈਪ ਖੋਭੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਭਾਫ਼ ਬਹੁਤ ਅਧਿਕ ਦਬਾਅ ਨਾਲ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਭਾਫ਼ ਟਰਬਾਈਨਾਂ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਟਰਬਾਈਨਾਂ ਦੇ ਚਲਣ ਨਾਲ ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਲਾਭ-

  1. ਸਾਰਾ ਸਾਲ ਪ੍ਰਤੀਦਿਨ 24 ਘੰਟੇ ਤੱਕ ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  2. ਕਿਉਂਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਬਾਲਣ ਨਹੀਂ ਜਲਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਇਸ ਲਈ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਪੈਦਾ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ।
  3. ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਲਾਗਤ ਵੀ ਘੱਟ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 33.
ਵਿਖੰਡਨ ਅਤੇ ਸੰਯਨ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਉਰਜਾ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਵਿਖੰਡਨ ਅਤੇ ਸੰਯਨ ਦੇ ਦੌਰਾਨ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਅੰਤਰ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਇਕ ਗ੍ਰਾਮ ਯੂਰੇਨੀਅਮ ਨੂੰ ਵਿਖੰਡਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਲਗਭਗ 6.2 × 1010 ਊਰਜਾ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਰੰਤੂ ਜਦੋਂ 1 ਗ੍ਰਾਮ ਡਿਊਟੇਰੀਅਮ ਨੂੰ ਸੰਧਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ 2.3 × 1012J ਊਰਜਾ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਰਮਾਣੂ ਵਿਖੰਡਨ ਨੂੰ ਸੰਯਨ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਅਧਿਕ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਵਿਖੰਡਨ ਕਿਰਿਆ ਨਾਲ ਵਾਤਾਵਰਨ ਵਿੱਚ ਰੇਡੀਓ ਸਭਿਅਤਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸਦੇ ਪਰਿਣਾਮਸਰੂਪ ਗੁਣ ਸੂਤਰਾਂ ਅਤੇ ਜੀਨਸ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਲੱਡ ਕੈਂਸਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਜੈਵਿਕ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਕਈ ਦੋਸ਼ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 34.
ਊਰਜਾ ਦੇ ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਅਤੇ ਅਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਊਰਜਾ ਦੇ ਨਵੀਨੀਕਰਨ ਅਤੇ ਅਨਵੀਨੀਕਰਨ ਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਾਡੇ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਰਤੀ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਊਰਜਾ ਦੋ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸੋਮਿਆਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪੁਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ-ਉਰਜਾ ਦੇ ਉਹ ਸੋਮੇ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਖ਼ਪਤ ਹੋ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਦੁਬਾਰਾ ਉਤਪਾਦਿਤ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ, ਊਰਜਾ ਦੇ ਅਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਖਾਣਾ ਪਕਾਉਣ ਲਈ ਅਸੀਂ ਕੋਲਾ, ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਤੇਲ, ਐਲ. ਪੀ. ਜੀ. ਆਦਿ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਦੇ ਹਾਂ । ਸਰਦੀਆਂ ਵਿੱਚ ਲੱਕੜੀ ਦਾ ਕੋਲਾ ਵੀ ਗਰਮੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਬਾਲਦੇ ਹਨ । ਇਕ ਵਾਰ ਵਰਤੇ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਦੁਬਾਰਾ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੀ । ਦਰੱਖ਼ਤਾਂ-ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਲੱਕੜੀ ਵੀ ਇਸੇ ਸੋਮੇ ਅਧੀਨ ਆਉਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਸੀਮਿਤ ਹਨ । ਇਹ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਫੈਲਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਪੂਰਤੀਯੋਗ ਸੋਮੇ – ਉਰਜਾ ਦੇ ਉਹ ਸੋਮੇ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਕੁੱਝ ਸਮੇਂ ਬਾਅਦ ਪੁਨਰ-ਉਤਪਾਦਨ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਉਰਜਾ ਦੇ ਪੁਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਸੂਰਜ, ਹਵਾ, ਪਾਣੀ, ਮਿੱਟੀ ਆਦਿ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਨ ਨਾਲ ਇਹ ਦੁਬਾਰਾ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਤੋਂ ਕੋਈ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨਹੀਂ ਫੈਲਦਾ । ਇਹ ਅਸੀਮ ਅਤੇ ਸਾਫ਼ ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 35.
ਕੀ ਊਰਜਾ ਦੇ ਸਾਰੇ ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਪੈਦਾ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ? ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਊਰਜਾ ਦੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਕਰਕੇ ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ ਲਗਭਗ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਰਹਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
ਊਰਜਾ ਦੇ ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਸੂਰਜ, ਹਵਾ, ਪਾਣੀ, ਖੇਤੀ ਦਾ ਕੂੜਾ-ਕਰਕਟ, ਲੱਕੜੀ ਅਤੇ ਪਸ਼ੂਆਂ ਦਾ ਗੋਬਰ ਆਦਿ । ਸੂਰਜ, ਊਰਜਾ ਦਾ ਸੋਮਾ ਹੈ । ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਜੈਵ ਮਾਤਰਾ (ਜਲਾਉਣ ਵਾਲੀ ਲੱਕੜੀ, ਪਸ਼ੂਆਂ ਦਾ ਗੋਬਰ, ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਵਿੱਚ ਉਪਲੱਬਧ ਵਿਘਟਨਕਾਰੀ ਫਾਲਤੂ ਪਦਾਰਥ, ਫ਼ਸਲਾਂ ਦਾ ਕੂੜਾ-ਕਰਕਟ ਆਦਿ) ਨੂੰ ਜਲਾਉਣ ਤੇ ਇਹ ਊਰਜਾ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਤਸਰਜਿਤ ਹੋਇਆ ਧੂਆਂ ਹਵਾ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 36.
ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੇ ਲਾਭ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ ਚੱਕੀ- ਇਹ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਪੰਣ ਦੀ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਦੁਆਰਾ ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਫਿਰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 5

ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੀ ਰਚਨਾ – ਜਦੋਂ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਘੁੰਮਣ ਵਾਲੀ ਸ਼ਾਫਟ ਵਗਦੀ ਹੋਈ ਪੌਣ, ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੀ ਹੈ ਉਹ ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੇ ਇਕ ਬਲ ਲਗਾਉਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪੌਣ ਚੱਕੀਆਂ ਦੇ ਬਲੇਡ ਘੁੰਮਣ ਲਗਦੇ ਹਨ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੇ ਘੁੰਮਣ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਉਸ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਦੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਬਣਤਰ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਪੱਖੇ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਦੇ ਸਮਾਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਨੂੰ ਇੱਕ ਅਜਿਹਾ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਪੱਖਾ ਸਮਝਿਆ। ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ । ਕਿਉਂਕਿ ਜਦੋਂ ਪੱਖੇ ਦੇ ਬਲੇਡ ਘੁੰਮਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਪੌਣ ਵੱਗਦੀ ਹੈ, ਪਰੰਤ ਜਦੋਂ ਪੌਣ ਵੱਗਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੇ ਬਲੇਡ ਘੁੰਮਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 6

ਘੁੰਮਦੇ ਹੋਏ ਬਲੇਡਾਂ ਦੀ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਕਾਰਨ ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਨਾਲ ਕਣਕ ਪੀਸਣ ਵਾਲੀ ਚੱਕੀ ਦਾ ਚਲਾਉਣਾ, ਪਾਣੀ ਵਾਲੇ ਪੰਪ ਦਾ ਚਲਾਉਣਾ, ਘੁਮਿਆਰ ਦਾ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਬਰਤਨਾਂ ਦਾ ਚੱਕਾ ਘੁੰਮਾਉਣਾ ਆਦਿ ਕਾਰਜ ਕੀਤੇ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਅਜਿਹੇ ਹੀ ਸਥਾਨ ਤੇ ਲਗਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਹਵਾ ਵੀ ਲਗਭਗ ਪੂਰਾ ਸਾਲ ਤੀਬਰ ਵੇਗ ਨਾਲ ਚਲਦੀ ਹੈ । ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੁਆਰਾ ਪਾਣੀ ਖਿੱਚਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੀ ਬੈਂਕ ਇੱਕ ਪਾਣੀ ਵਾਲੇ ਪੰਪ ਦੇ ਪਿਸਟਨ ਨਾਲ ਜੁੜੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਹਵਾ ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੇ ਬਲੇਡ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਚੱਕੀ ਦਾ ਪਹੀਆ ਘੁੰਮਣ ਲਗਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਨਾਲ ਜੁੜਿਆ ਧੁਰਾ ਘੁੰਮਣ ਲਗਦਾ ਹੈ । ਧੁਰੇ ਦੀ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਬੈਂਕ ਉੱਪਰ-ਹੇਠਾਂ ਹੋਣ ਲਗਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਪੰਪ ਦੀ ਪਿਸਟਨ ਛੜ ਉੱਪਰ-ਹੇਠਾਂ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਵਾਲੇ ਪੰਪ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਣ ਲਗਦਾ ਹੈ ।

ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੇ ਉਪਯੋਗ – ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੇ ਕਈ ਉਪਯੋਗ ਹਨ ਜਿਵੇਂ ਕਿ-

  1. ਪੌਣ ਕਿਸ਼ਤੀਆਂ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ।
  2. ਪੌਣ ਚੱਕੀਆਂ ਨਾਲ ਆਟਾ ਚੱਕੀਆਂ ਤੇ ਜਲ ਪੰਪ ਆਦਿ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ।
  3. ਹਵਾਈ ਜਹਾਜ਼ਾਂ ਦੁਆਰਾ ਉਡਾਨ ਭਰਨ ਲਈ ।
  4. ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ।

ਪੌਣ ਉਰਜਾ ਦੀਆਂ ਹਾਨੀਆਂ – ਭਾਵੇਂ ਪੌਣ ਉਰਜਾ ਦੇ ਕਈ ਲਾਭ ਹਨ ਪਰੰਤ ਇਸ ਦੀਆਂ ਕਈ ਹਾਨੀਆਂ ਵੀ ਹਨ। ਕਈ ਕਮੀਆਂ ਵੀ ਹਨ ਜਿਵੇਂ ਮੰਨ ਲਓ ਜਦੋਂ ਸਾਨੂੰ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਸ ਸਮੇਂ ਪੌਣ ਦਾ ਵਹਾਓ ਨਾ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਇਹ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਸ ਸਮੇਂ ਪੌਣ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਨਾ ਵਗਦੀ ਹੋਵੇ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਨੂੰ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਖੁੱਲਾ ਖੇਤਰ ਵੀ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਕ ਹੋਰ ਕਮੀ ਇਹ ਵੀ ਹੈ ਕਿ ਇਸ ਨੂੰ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਨਿਰਮਾਣ ਲਾਗਤ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 37.
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ਕਿਵੇਂ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ – ਇਹ ਪੈਨਲ ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਤੋਂ ਬਣਾਈ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਉਪਯੋਗੀ ਕੰਮ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਬਣਾਵਟ – ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ਕਈ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦਾ ਸਮੂਹਿਕ ਰੂਪ ਨਾਲ ਕੰਮ ਕਰਨ ਦੀ ਯੋਗਤਾ ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਕਈ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਨੂੰ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਤਰਤੀਬ ਦੇ ਕੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨੂੰ ਅਜਿਹੀ ਥਾਂ ਤੇ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਧੁੱਪ ਆਉਂਦੀ ਹੋਵੇ। ਪੈਨਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨੂੰ ਬਦਲਣ ਦੀ ਵਿਵਸਥਾ ਵੀ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ – ਸਿਲੀਕਾਨ ਅਤੇ ਗੈਲੀਅਮ ਵਰਗੇ ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਬਣਾਏ ਗਏ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਪੈਨਲ ਤੇ ਜਦੋਂ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਪੈਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਅਰਧ ਚਾਲਕ ਦੇ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਚਾਰ ਵਰਗ ਸੈਂ.ਮੀ. ਦੇ ਇਕ ਸਰਜੀ ਸੈੱਲ ਨਾਲ 60 ਮਿ.ਲੀ. ਐਮਪੀਅਰ ਕਰੰਟ
ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲ ਤੋਂ ਡੀ.ਸੀ.ਆਉਟਪੁਟ ਲਗਪਗ 0.4 – 0.5 ਵੋਲਟ ਤੇ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਘੱਟ ਜਾਂ ਵੱਧ ਗਿਣਤੀ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਘੱਟ ਜਾਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਉਪਯੋਗ-

  1. ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਵਿਵਸਥਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  2. ਬਣਾਉਟੀ ਵਿੱਚ ਉਪਗ੍ਰਹਿ ਅਤੇ ਪੁਲਾੜ ਖੋਜ ਯਾਨਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕੀਤਾ । ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਊਰਜਾ ਦਾ ਅਨੰਤ ਮੁੱਖ ਸੋਮਾ ਕਿਹੜਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮਿਆਂ ਨੂੰ ਕਿੰਨੇ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਵੰਡਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜ ਦੇ ਸੋਮਿਆਂ ਨੂੰ ਦੋ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਵੰਡਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-

  1. ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਊਰਜਾ ਸੋਮੇ ਅਤੇ
  2. ਪੂਰਤੀ ਅਯੋਗ ਊਰਜਾ ਸੋਮੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦੇ ਤੱਤ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦੇ ਮੁੱਖ ਤੱਤ-CH4, CO2 ਅਤੇ H2S ਹਨ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਮੀਥੇਨ 65% ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਕਿਸੇ ਦੋ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਕੋਲਾ,
  2. ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਇਕ ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ਜਿਸ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਅਸੀਂ ਇਹ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਇੱਕ ਚੰਗਾ ਬਾਲਣ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਇਸ ਦਾ ਵਧੇਰੇ ਹਿੱਸਾ ਮੀਥੇਨ ਹੈ ਜੋ ਇਕ ਚੰਗਾ ਬਾਲਣ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਕਿਸਾਨਾਂ ਲਈ ਵਰਦਾਨ ਕਿਉਂ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਨਾਲ ਗੈਸੀ ਬਾਲਣ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਸਲਰੀ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਖਾਦ ਵੀ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
L.P.G ਦੇ ਤੱਤ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਈਥੇਨ, ਪੇਨ ਅਤੇ ਬਿਊਟੇਨ । L.P.G. ਦਾ ਮੁੱਖ ਸੰਘਟਕ ਬਿਊਟੇਨ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਉੱਚ ਦਬਾਅ ਹੇਠ ਤਰਲ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਗੈਰ-ਨਵਿਆਉਣਯੋਗ ਬਾਲਣ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੋਲਾ, ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਅਤੇ ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਕੋਲ ਗੈਸ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਾਈਡਰੋਜਨ, ਮੀਥੇਨ ਅਤੇ ਕਾਰਬਨ ਮੋਨੋਆਕਸਾਈਡ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਜੈਵ-ਪੁੰਜ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੈਵ-ਪੰਜ – ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤ ਸਮੱਗਰੀ ਨੂੰ ਜੈਵ-ਪੁੰਜ ਆਖਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ ਊਰਜਾ (Wind Energy) – ਹਵਾ ਦੇ ਵਿਸ਼ਾਲ ਪੁੰਜ ਦੀ ਗਤੀਸ਼ੀਲਤਾ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਗਤੀ ਊਰਜਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਬਾਲਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਗੋਹੇ ਦੀਆਂ ਪਾਥੀਆਂ ਦੀਆਂ ਕੋਈ ਦੋ ਹਾਨੀਆਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਦਿਨ, ਅਪੂਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਧੂੰਆਂ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਗੋਹੇ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਲਾਭਦਾਇਕ ਤੱਤ ਬਰਬਾਦ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਸੋਮਾ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਸੋਮਾ ਗੋਬਰ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਬਾਲਣ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਇਕ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਸੜਕਾਂ ‘ਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਰਨ ਲਈ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਕਿਹੜੀ-ਕਿਹੜੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਸਥਾਈ ਗੁੰਬਦ ਪਲਾਂਟ
  2. ਤੈਰਦੀ ਗੈਸ ਟੈਂਕੀ ਪਲਾਂਟ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲ – ਇਹ ਅਰਧਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਬਣਾਈ ਗਈ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸੋਲਰ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਉਪਯੋਗੀ ਕੰਮ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਕੋਈ ਚਾਰ ਅਰਧਚਾਲਕਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
ਜਾਂ
ਅਜਿਹੇ ਦੋ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜੋ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਿਲੀਕਾਂਨ, ਗੇਲੀਅਮ, ਸੇਲੀਨਿਅਮ, ਜਰੇਨਿਅਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਨਾਲ ਬਣਨ ਵਾਲੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਕਿੰਨੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
10%-18%.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਕਿਹੜੇ ਉਪਯੋਗੀ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਚਾਲਕਤਾ ਨੂੰ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵਧਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਚਾਲਕਤਾ ਨੂੰ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਪਦਾਰਥ (ਅਸ਼ੁੱਧੀ) ਮਿਲਾ ਕੇ ਵਧਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਪਰੰਪਰਾਗਤ ਰੂਪ ਨਾਲ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦੇ ਦੋ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਕੱਪੜੇ ਸੁਚਾਉਣ ਵਿੱਚ
  2. ਸਮੁੰਦਰ ਦੇ ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਲੂਣ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲਾਂ ਦੇ ਦੋ ਲਾਭ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਰਨਾ
  2. ਜਲ-ਪੰਪ ਚਲਾਉਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਬਣਾਉਟੀ ਉਪਗ੍ਰਹਿ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਕਿਹੜੇ ਸਾਧਨ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲਾਂ ਤੋਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ-ਜੀਵ – ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਧਰਤੀ ਹੇਠ ਦੱਬੇ ਰਹੇ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਅਣਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਅਪਘਟਿਤ ਹੋ ਕੇ ਬਾਲਣ ਬਣ ਗਿਆ ਜਿਸ ਨੂੰ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਆਖਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ – ਕੋਲਾ, ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਅਨਵੀਨੀਕਰਨ ਸਾਧਨਾਂ ਦੀਆਂ ਤਿੰਨ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦਿਓ :
ਉੱਤਰ-

  1. ਕੋਲਾ
  2. ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਤੇਲ
  3. L.P.G.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਕਿਸੇ ਦੋ ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮਿਆਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੂਰਤੀਯੋਗ ਸੋਮਿਆਂ ਦੇ ਨਾਂ-

  1. ਪਾਣੀ
  2. ਹਵਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਕਿਨ੍ਹਾਂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਤੋਂ ਤਿਆਰ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੰਤੂਆਂ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਦੀ ਪਾਣੀ ਦੀ ਹੋਂਦ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਗੈਰ-ਮੌਜੂਦਗੀ ਵਿੱਚ ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਲਘੂਕਰਨ ਦੌਰਾਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਨੂੰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ – ਸਮੁੰਦਰ ਦੀ ਸਤਹਿ ਦੇ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਡੂੰਘਾਈ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਤਾਪਮਾਨ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਕਾਰਨ ਉਪਲੱਬਧ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਸਰੀਰਿਕ ਕਾਰਜਾਂ ਦੇ ਕਰਨ ਲਈ ਕਿਸ ਊਰਜਾ ਦੀ ਲੋੜ ਪੈਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੱਠਿਆਂ ਦੀ ਉਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਕਿਸ ਬਾਲਣ ਦੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਨੇ ਉਦਯੋਗਿਕ ਕ੍ਰਾਂਤੀ ਨੂੰ ਸੰਭਵ ਬਣਾਇਆ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੋਲੇ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਨੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਊਰਜਾ ਦੇ ਕਿਸ ਕਿਸਮ ਦੇ ਸੋਮੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੂਰਤੀਅਯੋਗ ਸਰੋਤ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 32.
ਬਿਜਲਈ ਉਪਕਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਕਿਸ ਬਾਲਣ ਨੂੰ ਜਲਾ ਕੇ ਭਾਫ਼ ਤਿਆਰ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ (ਫਾਸਿਲ ਬਾਲਣ) ਕੋਲਾ ਜਲਾ ਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 33.
ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਬਾਲਣ ਨੂੰ ਜਲਾ ਕੇ ਊਸ਼ਮਾ ਊਰਜਾ ਉਤਪੰਨ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਤਾਪ ਬਿਜਲੀ ਪਲਾਂਟ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 34.
ਪਣ-ਬਿਜਲੀ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਦਾ ਪਰਿਵਰਤਨ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਤੋਂ ਬਿਜਲੀ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 35.
ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਫਾਰਮ ਕਿਸਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਵਿਸ਼ਾਲ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਪਣ-ਚੱਕੀਆਂ ਲਗਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਤਾਂ ਉਸ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਪੌਣ-ਊਰਜਾ ਫਾਰਮ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 36.
ਕਿਸ ਦੇਸ਼ ਨੂੰ ਪੌਣਾਂ ਦਾ ਦੇਸ਼ ਕਿਹਾ ਗਿਆ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਡੈਨਮਾਰਕ ਨੂੰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 37.
ਪੌਣ ਉਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਪੌਣਾਂ ਦੀ ਚਾਲ ਕਿੰਨੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
15 km/h ਤੋਂ ਵੱਧ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 38.
ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਵਿੱਚ ਕੱਚ ਦੀ ਸ਼ੀਟ ਦਾ ਕਵਰ ਕਿਉਂ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼੍ਰੀਨ ਹਾਊਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 39.
ਸੋਲਰ ਸੈੱਲ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਕਿਸ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 40.
ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਦਾ ਲੇਵਲ ਕਿਸੇ ਕਾਰਨ ਚੜ੍ਹਦਾ ਅਤੇ ਡਿੱਗਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੰਨ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਕਾਰਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 41.
ਨਿਊਕਲੀ ਊਰਜਾ ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਿਉਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਕਾਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 42.
ਭਾਰੀ ਨਿਉਕਲੀ ਤੱਤਾਂ ਦੇ ਤਿੰਨ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਯੂਰੇਨੀਅਮ,
  2. ਪਲੂਟੋਨੀਅਮ,
  3. ਥੋਰੀਅਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 43.
ਅਲਬਰਟ ਦਾ ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਸੰਬੰਧੀ ਸੂਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
E = Δmc2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 44.
ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਨਿਊਕਲੀਅਰ ਬਿਜਲਈ ਰੀਐਕਟਰ ਕਿੱਥੇ-ਕਿੱਥੇ ਸਥਿਤ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਡਾਰਾਪੁਰ (ਮਹਾਂਰਾਸ਼ਟਰ), ਰਾਣਾ ਪ੍ਰਤਾਪ ਸਾਗਰ (ਰਾਜਸਥਾਨ) ਕਲਾਕਮ (ਤਾਮਿਲਨਾਡੂ), ਨਰੋਗ (ਉੱਤਰ ਪ੍ਰਦੇਸ਼), ਕੈਗਾ (ਕਰਨਾਟਕ) ਅਤੇ ਕਟਰਾਪੁਰ (ਗੁਜਰਾਤ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 45.
CNG ਦਾ ਪੂਰਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੰਪੀੜਤ ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ (Compressed Natural Gas) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 46.
ਊਰਜਾ ਦਾ ਵਾਸਤਵ ਵਿੱਚ ਮੁੱਖ ਸਰੋਤ ਕਿਹੜਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 47.
ਸੋਲਰ ਸੈੱਲ ਕਿਹੜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਕਿਹੜੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 48.
ਬਿਜਲੀ ਉਤਪਾਦਨ ਕਰਨ ਲਈ ਕਿਸ ਊਰਜਾ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਨ ਨਾਲ ਪਰਿਵਆਵਰਣ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? .
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ ਉਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 49.
ਸੋਲਰ ਸੈੱਲ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਲਰ ਸੈੱਲ-ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 50.
ਬਣਾਉਟੀ ਉਪਗ੍ਰਹਿ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਕਿਸ ਸਾਧਨ ਨਾਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਲਰ ਪੈਨਲ ਤੋਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 51.
ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਦਰਸਾਏ ਗਏ ਯੰਤਰ ਵਿਚ ਕਿਸ ਕਿਸਮ ਦਾ ਦਰਪਣ ਵਧੇਰੇ ਢੁੱਕਵਾਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 11

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 52.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਏ ਯੰਤਰ ਦਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਕੀ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 12
ਉੱਤਰ-
ਯੰਤਰ ਦਾ ਨਾਂ – ਸਥਿਰ ਗੁੰਬਦ ਕਿਸਮ ਦਾ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ । ਇਸ ਯੰਤਰ ਵਿੱਚ ਬਾਇਓ ਗੈਸ (ਜੈਵ ਗੈਸ) ਤਿਆਰ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 53.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 13 ਨੂੰ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 14
ਉੱਤਰ-

  1. ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ
  2. ਬਾਹਰੀ ਲੱਕੜ ਦਾ ਬਕਸਾ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਵਸਤੂਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਨਾ-ਨਵਿਆਉਣ ਯੋਗ ਸ੍ਰੋਤ ਹੈ-
(a) ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ
(b) ਪੌਣ ਊਰਜਾ
(c) ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ
(d) ਪਾਣੀ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਪਣ-ਬਿਜਲੀ ਸੰਯੰਤਰ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ-
(a) ਪੌਣ ਉਰਜਾ
(b) ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਪਾਣੀ ਦੀ ਉਰਜਾ
(c) ਕੋਲੇ ਦੇ ਜਲਣ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈ ਉਰਜਾ
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਪਾਣੀ ਦੀ ਊਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਇੱਕ ਤਾਪ ਬਿਜਲੀ ਯੰਤਰ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ-
(a) ਪੌਣ ਊਰਜਾ
(b) ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਪਾਣੀ ਦੀ ਊਰਜਾ
(c) ਫਾਂਸਿਲ ਈਂਧਨ ਦੇ ਜਲਣ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈ ਊਰਜਾ
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਫਾਂਸਿਲ ਈਂਧਨ ਦੇ ਜਲਣ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈ ਊਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਇੱਕ ਬਕਸਾਨੁਮਾ ਸੋਲਰ ਕੁੱਕਰ ਨੂੰ 2-3 ਘੰਟੇ ਸੂਰਜ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਰੱਖਣ ਨਾਲ ਉਸਦਾ ਤਾਪ ਰੇਂਜ ਹੋਵੇਗਾ-
(a) 60°C ਤੋਂ 80°C
(b) 80°C ਤੋਂ 100°C
(c) 100°C ਤੋਂ 140°C
(d) 140°C ਤੋਂ 180°C.
ਉੱਤਰ-
(c) 100°C ਤੋਂ 140°C.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦਾ ਹੈ-
(a) ਸੋਲਰ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ
(b) ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ
(c) ਸੌਰ ਭੱਟੀ
(d) ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ-
(a) ਕਾਰਬਨ
(b) ਸਿਲੀਕਾਨ
(c) ਸੋਡੀਅਮ
(d) ਕੋਬਾਲਟ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਸਿਲੀਕਾਨ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਉਹ ਉਪਕਰਨ ਜੋ ਊਰਜਾ ਦੇ ਇੱਕ ਰੂਪ ਨੂੰ ਯੰਤ੍ਰਿਕ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦਾ ਹੈ, ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ –
(a) ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ
(b) ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ
(c) ਇੰਜਨ
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਇੰਜਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਜੈਵ ਮਾਤਰਾ ਉਰਜਾ ਸੋਤ ਦਾ ਉਦਾਹਰਨ ਨਹੀਂ ਹੈ ?
(a) ਲੱਕੜ
(b) ਗੋਬਰ ਗੈਸ
(c) ਕੋਲਾ
(d) ਨਿਊਕਲੀ ਊਰਜਾ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਨਿਊਕਲੀ ਊਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਠੋਸ ਈਂਧਨ ਨਹੀਂ ਹੈ ?
(a) ਕੋਲਾ
(b) ਲੱਕੜ
(c) ਕੋਕ
(d) ਕਿਰੋਸੀਨ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਕਿਰੋਸੀਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਨਾ-ਨਵਿਆਣਯੋਗ ਊਰਜਾ ਸ੍ਰੋਤ ਹੈ ?
(a) ਪੌਣ ਊਰਜਾ ।
(b) ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ।
(c) ਫਾਂਸਿਲ ਈਧਨ
(d) ਪਣ ਊਰਜਾ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਫਾਂਸਿਲ ਧਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਊਰਜਾ ਦਾ ਵਾਸਤਵਿਕ ਇੱਕੋ ਹੀ ਸ੍ਰੋਤ ਕੀ ਹੈ ?
(a) ਸੂਰਜ
(b) ਪਾਣੀ
(c) ਯੂਰੇਨੀਅਮ
(d) ਫਾਂਸਿਲ ਈਂਧਨ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਸੂਰਜ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਘਟਕ ਹੈ-
(a) CO2
(b) CH4
(c) H2
(d) H2S.
ਉੱਤਰ-
(b) CH4

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ……………… ਊਰਜਾ ਨੂੰ ……………… ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਕਾਸ਼, ਤਾਪ

(ii) ਟਾਰਚ ਦਾ ਜਗਣਾ ……………… ਊਰਜਾ ਦਾ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਨ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਰਸਾਇਣਿਕ

(iii) ……………… ਗੈਸ, ਬਾਇਓਗੈਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਘਟਕ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਮੀਥੇਨ

(iv) ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਵਿੱਚ ਪੌਣ ਦੀ ……………… ਊਰਜਾ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਯੰਤ੍ਰਿਕ ਕਾਰਜਾਂ ਦੇ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਗਤਿਜ

(v) ਹਾਈਇਲੈੱਕਟ੍ਰਿਕ ਜਨਰੇਟਰਾਂ ਵਿੱਚ ਉੱਚਾਈ ਤੋਂ ਡਿੱਗਦੇ ਪਾਣੀ ਦੀ . ……………. ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਥਿਤਿਜ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਰੱਖੀ ਲੋਹੇ ਦੀ ਕੋਰ ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਹੈ ? ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਵਿੱਚ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਬਨਾਉਣ ਲਈ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਉਪਾਅ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਲੀਨਾਇਡ – ਇਹ ਇੱਕ ਕੁੰਡਲੀ ਦੀ ਸ਼ਕਲ ਦੀ ਤਾਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਰੋਧਕ ਚਾਲਕ ਤਾਰ ਦੇ ਕਈ ਲਪੇਟੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਕੁੰਡਲੀ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਕੋਰ (core) ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਲਪੇਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਇਸ ਸੋਲਨਾਇਡ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਚੁੰਬਕੀ ਗੁਣ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਨ ਲਗਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 1
ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਲੋਹਾ ਕੋਰ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ-
ਜਦੋਂ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੇ ਅੰਦਰ ਲੋਹੇ ਦੀ ਕੋਰ ਰੱਖ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਵੇਲੇ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੀ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਕਾਫ਼ੀ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਚੁੰਬਕ ਖੇਤਰ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਦਾ ਪਤਾ ਚੁੰਬਕੀ ਸੁਈ ਵਿੱਚ ਹੋਏ ਵਿਖੇਪਣ ਤੋਂ ਲਗਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਕਾਰਨ ਚੁੰਬਕ ਬਣਨ ਵਾਲੀ ਲੋਹਾ ਕੋਰ ਨਾਲ ਯੁਕਤ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਨੂੰ ਹੀ ਬਿਜਲਈ ਚੁੰਬਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਯਾਦ ਰਹੇ ਕਿ ਨਰਮ ਲੋਹੇ ਦੇ ਕੋਰ ਨਾਲ ਬਣਿਆ ਹੋਇਆ ਚੁੰਬਕ ਸਟੀਲ ਕੋਰ ਵਾਲੇ ਚੁੰਬਕ ਨਾਲੋਂ ਵੱਧ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 2

ਇੱਕ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਾਰਕਾਂ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ-

  1. ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੇ ਲਪੇਟਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ – ਜੇਕਰ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੇ ਲਪੇਟਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ ਜ਼ਿਆਦਾ ਜਾਵੇਗੀ ਤਾਂ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਵੀ ਵੱਧ ਜਾਵੇਗੀ ।
  2. ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ – ਜੇਕਰ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਅਧਿਕ ਹੋਵੇਗੀ ਤਾਂ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਵੱਧ ਜਾਵੇਗੀ ।
  3. ਕੋਰ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਜਿਸ ਉੱਪਰ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਲਪੇਟੀ ਹੋਈ ਹੈ – ਜੇਕਰ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਅੰਦਰ ਰੱਖੇ ਹੋਏ ਨਰਮ ਲੋਹੇ ਦੀ ਛੜ ਹੈ ਤਾਂ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵੱਧ ਪ੍ਰਬਲ ਹੋਵੇਗਾ ।

ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੀਆਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਈਆਂ-

  • ਇੱਕ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਹੋਏ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਲਪੇਟਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ, ਉਸ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਅਤੇ ਕੋਰ ਪਦਾਰਥ ਦੇ ਸੁਭਾਅ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
  • ਕਾਰਖ਼ਾਨਿਆਂ ਵਿੱਚ ਭਾਰੀ ਵਜ਼ਨ ਚੁੱਕਣ ਲਈ ਕੁੰਨ ਦੇ ਬਿਜਲਈ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਇਸਦਾ ਉਪਯੋਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਛੋਟ ਬਿਜਲੀ ਘੰਟੀ ਟੈਲੀਗ੍ਰਾਫ਼ ਅਤੇ ਮੋਟਰ ਆਦਿ ਵਿੱਚ ਇਸਦਾ ਉਪਯੋਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  • ਇਸਦਾ ਉਪਯੋਗ ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਚੁੰਬਕ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਅਪਰਤਵੀਂ (ਡੀ. ਸੀ.) ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਜੈਨਰੇਟਰ ਦਾ ਸਿਧਾਂਤ, ਰਚਨਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਚਿੱਤਰ ਸਹਿਤ ਸੰਖੇਪ ਵਿੱਚ ਵਰਣਨ ਕਰੋ !
ਜਾਂ
ਬਿਜਲਈ ਜੈਨਰੇਟਰ ਦਾ ਸਿਧਾਂਤ, ਬਣਤਰ ਅਤੇ ਕਾਰਜਵਿਧੀ ਦਾ ਚਿੱਤਰ ਸਹਿਤ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਜੈਨਰੇਟਰ – ਜੈਨਰੇਟਰ ਇੱਕ ਅਜਿਹਾ ਯੰਤਰ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਕੇਵਲ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਇੱਕ ਰੂਪ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜੈਨਰੇਟਰ ਵਿੱਚ ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਬਿਜਲੀ ਉਤਪਾਦਨ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਸਿਧਾਂਤ – ਜੈਨਰੇਟਰ ਇਸ ਸਿਧਾਂਤ ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਹੈ ਕਿ ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਚਾਲਕ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਨੂੰ ਕੱਟਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਫੈਰਾਡੇ ਦੇ ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰੇਰਣ ਕਾਰਨ ਇਸ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਚਾਲਕ ਬਲ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਦੋਂ ਚਾਲਕ ਸਰਕਟ ਨੂੰ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਬਨਾਵਟ-ਅਪਰਤਵੀ ਧਾਰਾ ਜੈਨਰੇਟਰ ਦੇ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਮੁੱਖ ਭਾਗ ਹਨ-

  • ਆਰਮੇਚਰ (Armature) – ਇਸ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਆਇਤਾਕਾਰ ਕੁੰਡਲੀ ABCD ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਸਿਲੰਡਰ ਨੂੰ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਨਰਮ ਲੋਹੇ ਦੇ ਰੋਧੀ ਤਾਰ ਦੀ ਵੱਡੀ ਸੰਖਿਆ ਵਿੱਚ ਲਪੇਟ ਦਿੱਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸਨੂੰ ਆਰਮੇਚਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨੂੰ ਇੱਕ ਧੁਰੇ ਤੇ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸਨੂੰ ਭਾਫ ਜਾਂ ਵਹਿੰਦੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਘੁਮਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਖੇਤਰ ਚੁੰਬਕ (Field Magnets) – ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਦੋ ਚੁੰਬਕੀ ਧਰੁਵਾਂ ਦੇ ਵਿੱਚ ਇਸ ਕੁੰਡਲੀ ਨੂੰ ਸਥਾਪਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਛੋਟੇ ਜੈਨਰੇਟਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸਥਾਈ ਚੁੰਬਕਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਵੱਡੇ ਜੈਨਰੇਟਰਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕ ਲਗਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਸਪਲਿਟ ਰਿੰਗ ਜਾਂ ਵਿਭਾਜਿਤ ਛੱਲੇ (Split Rings) – ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਦੋਨਾਂ ਸਿਰਿਆਂ ਤੇ ਤਾਂਬੇ ਦੇ ਬਣੇ ਹੋਏ ਅੱਧੇ ਰਿੰਗ R1 ਅਤੇ R2 ਨਾਲ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਦੋਨੋਂ ਕੰਮਿਊਟੇਟਰ ਵਜੋਂ ਕਾਰਜ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  • ਕਾਰਬਨ ਬੁਰਸ਼ (Carbon Brush) – ਕਾਰਬਨ ਦੇ ਦੋ ਬਰੁੱਸ਼ B1 ਅਤੇ B2 ਦੋਨੋਂ ਅੱਧੇ ਰਿੰਗਜ਼ਾਂ R1 ਅਤੇ R2 ਦੇ ਨਾਲ ਛੂੰਹਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਕੁੰਡਲੀ ਘੁੰਮਦੀ ਹੈ ਤਾਂ R1 ਅਤੇ R2 ਵਾਰੀ-ਵਾਰੀ B1 ਅਤੇ B2 ਨੂੰ ਛੂੰਹਦੇ ਹਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪਾਦਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  • ਲੋਡ (Load) – ਬਰੁੱਸ਼ B1 ਅਤੇ B2 ਰਾਹੀਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਲੋਡ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਲੋਡ ਦੀ ਥਾਂ ਤੇ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਲਗਾ ਕੇ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 3

ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ (Working) – ਜਦੋਂ ਕੁੰਡਲੀ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਧੁਰੇ ਤੇ ਘੁਮਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਭੁਜਾਵਾਂ AB ਅਤੇ CD ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਬਲ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜਾ ਹੱਥ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ਪੇਰਿਤ ਬਿਜਲਈ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਮੰਨ ਲਓ ਸ਼ੁਰੂ ਵਿੱਚ ਕੁੰਡਲੀ ਲੰਬਾਕਾਰ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਹੈ । ਇਸਦੀ ਭੁਜਾ AB ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਅਤੇ ਭੁਜਾ CD ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਕੁੰਡਲੀ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਧੁਰੇ ਦੇ ਦੁਆਲੇ ਘੁਮਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਪਹਿਲੇ ਅੱਧੇ ਚੱਕਰ ਦੌਰਾਨ ਭੁਜਾ AB ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਅਤੇ ਭੁਜਾਂ CD ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਪੇਰਿਤ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਭੁਜਾ AB ਵਿੱਚ ਤੋਂ 8 ਵੱਲ ਅਤੇ ਭੁਜਾ CD ਵਿੱਚ Cਤੋਂ CD ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਗਤੀ ਕਰਨਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰੇਗੀ । ਇਸ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਭੁਜਾਵਾਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵੀ ਵਿਪਰੀਤ ਹੋਵੇਗੀ । ਲੋਡ (load) ਵਿੱਚ ਧਾਰਾ ਦੀ ਉਹੀ ਦਿਸ਼ਾ ਰੱਖਣ ਲਈ ਵਿਭਾਜਿਤ ਛੱਲਿਆਂ (Split Rings) ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਦੂਜੇ ਅੱਧ ਚੱਕਰ ਦੇ ਦੌਰਾਨ ਇਸ ਦਾ ਸਿਰਾ ਵਿਭਾਜਿਤ ਛੱਲੇ R, ਨਾਲ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਸਿਰਾ D ਵਿਭਾਜਿਤ ਛੱਲੇ R, ਦੇ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਲੋਡ ਵਿੱਚ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਉਹੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਇੱਕ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੁਆਰਾ ਦਰਸਾਓ ਕਿ ਇੱਕ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਰੱਖੇ ਹੋਏ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਤੇ ਇੱਕ ਬਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਉਹ ਨਿਯਮ ਵੀ ਦੱਸੋ ਜਿਸ ਦੁਆਰਾ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਯੋਗ – ਕਿਸੇ ਸਥਿਰ ਸਹਾਰੇ ਖੜਵੀਂ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸਪਰਿੰਗ ਲੱਗੀ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੀ ਇੱਕ ਛੱੜ ਘੋੜੇ ਦੀ ਨਾਲ ਰੂਪੀ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਦੋਨਾਂ ਧਰੁਵਾਂ ਵਿੱਚ ਲਟਕਾਓ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਹੁਣ ਕੁੰਜੀ K ਦੁਆਰਾ ਛੜ ਨੂੰ ਬੈਟਰੀ ਨਾਲ ਜੋੜੋ । ਹੁਣ ਕੁੰਜੀ K ਨੂੰ ਦਬਾ ਕੇ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿਓ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 4

AB ਕਾਗਜ਼ ਦੇ ਤਲ ਦੇ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਹੈ ਪਰੰਤੂ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ (N ਤੋਂ S ਵੱਲ ਹੈ) ਦੇ ਅਭਿਲੰਬ ਹੈ । ਛੜ AB ਵਿੱਚ ਧਾਰਾ A ਤੋਂ B ਵੱਲ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੁੰਦੀ
ਗਤੀ (ਬਲ) ਹੈ । ਜਿਉਂ ਹੀ ਛੜ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਵੇਗੀ ਛੜ ਇੱਕ ਬਲ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰੇਗੀ ਅਤੇ ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਹੋਵੇਗੀ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਛੜ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਖਿੱਚੀ ਜਾਵੇਗੀ ਅਤੇ ਸਪਰਿੰਗ ਲੰਬੇ ਹੋ ਜਾਣਗੇ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 5

ਜੇਕਰ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਬਲ ਵਿਪਰੀਤ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕਿਰਿਆ ਕਰੇਗਾ । ਚੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਰੱਖੇ ਗਏ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਤੇ ਕਿਰਿਆ ਕਰ ਰਹੇ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਨਿਯਮ । ਦੁਆਰਾ ਪਤਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਫਲੇਮਿੰਗ ਦਾ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦਾ ਨਿਯਮ – ਇਸ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਆਪਣੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦੀ ਪਹਿਲੀ ਉਂਗਲੀ, ਦੂਜੀ ਉਂਗਲੀ ਅਤੇ ਅੰਗੂਠੇ ਨੂੰ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫੈਲਾਓ ਤਾਂ ਜੋ ਇਹ ਤਿੰਨੋਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਤੇ ਲੰਬ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਹੁਣ ਆਪਣੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਨੂੰ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਰੱਖੋ ਕਿ ਪਹਿਲੀ ਉਂਗਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸੰਕੇਤ ਕਰੇ N ਤੋਂ S ਵੱਲ ਅਤੇ ਦੂਜੀ ਉਂਗਲੀ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਅੰਗੂਠੇ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਪਤਾ ਲੱਗ ਜਾਵੇਗੀ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਇੱਕ ਕਿਰਿਆ-ਕਲਾਪ ਦਾ ਆਯੋਜਨ ਕਰੋ ਜਿਸ ਤੋਂ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੋਵੇ ਕਿ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਡਰ-
ਇੱਕ ਕੁੰਡਲੀ XY ਲਓ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਲਪੇਟ ਹੋਣ । ਇਸ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਜੋੜੋ । ਇਸ ਆਯੋਜਨ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਕੋਈ ਸਰੋਤ ਨਹੀਂ ਲਗਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 6

ਹੁਣ ਚਿੱਤਰ (a) ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਇੱਕ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਨੇੜੇ ਲਿਆਓ, ਪਰੰਤੂ ਚੁੰਬਕ ਕੁੰਡਲੀ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਛੂਹਣਾ ਚਾਹੀਦਾ । ਤੁਸੀਂ ਦੇਖੋਗੇ ਕਿ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਦੀ ਸੂਈ ਦਾ ਵਿਖੇਪਣ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ ਜੋ ਇਸ ਗੱਲ ਦਾ ਸਬੂਤ ਹੈ ਕਿ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ । ਸੂਈ ਵਿੱਚ ਹੋਏ ਵਿਖੇਪਣ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨੋਟ ਕਰੋ । ਹੁਣ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਕੁੰਡਲੀ ਤੋਂ ਪਰ੍ਹਾਂ ਲਿਜਾਓ । ਤੁਸੀਂ ਵੇਖੋਗੇ ਕਿ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਵਿੱਚ ਫਿਰ ਵਿਖੇਪਣ ਹੋਇਆ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਹੁਣ ਪਹਿਲੇ ਵਿਖੇਪਣ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾਂ ਤੋਂ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੈ [ਚਿੱਤਰ (b)] । ਜਦੋਂ ਚੁੰਬਕ ਇੱਕ ਥਾਂ ਤੇ ਸਥਿਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਦੀ ਸੂਈ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਵਿਖੇਪਣ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਤੋਂ ਇਹ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੈ ਕਿ ਜਦੋਂ ਚੁੰਬਕ ਅਤੇ ਕੁੰਡਲੀ ਦੀ ਸਾਪੇਖ ਗਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਧਾਰਾ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਸਾਵਧਾਨੀਆਂ ਵਰਤੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਸਾਵਧਾਨੀਆਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ-

  1. ਸਾਰੇ ਜੋੜ ਬਿਜਲੀ ਰੋਧਕ ਟੇਪ ਨਾਲ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਢੱਕੇ ਹੋਏ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  2. ਭੋ-ਸੰਪਰਕ ਤਾਰ ਦਾ ਜ਼ਰੂਰ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਫਿਉਜ਼ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਜ਼ਰੂਰ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਸਾਰੇ ਪੇਚ ਜਾਂ ਟਰਮੀਨਲ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੱਸੇ ਹੋਏ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  5. ਸਰਕਟ ਦੀ ਮੁਰੰਮਤ ਕਰਨ ਵੇਲੇ ਰਬੜ ਦੇ ਦਸਤਾਨੇ ਅਤੇ ਜੁੱਤੇ ਪਾਏ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  6. ਜਦੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਕਿਸੇ ਉਪਕਰਨ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹ ਕਰ ਰਹੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਸ ਸਮੇਂ ਉਪਕਰਨ ਦੇ ਧਾਤਵੀਂ ਖੋਲ ਜਾਂ ਫਰੇਮ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਛੂਹਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  7. ਪੇਚਕਸ, ਪਲਾਸ, ਟੈਸਟਰ ਆਦਿ ਉੱਪਰ ਬਿਜਲੀ ਰੋਧਕ ਕਵਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  8. ਖ਼ਰਾਬ ਸਵਿੱਚ ਨੂੰ ਛੇਤੀ ਬਦਲ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  9. ਅੱਗ ਲੱਗਣ ਜਾਂ ਦੁਰਘਟਨਾ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਸਰਕਟ ਦਾ ਸਵਿੱਚ ਛੇਤੀ ਹੀ ਬੰਦ ਕਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  10. ਪਰਵੀਂ ਧਾਰਾ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਫਿਊਜ਼ ਅਤੇ ਸਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਵਾਹਕੀ ਤਾਰ ਵਿੱਚ ਜ਼ਰੂਰ ਲਗਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  11. ਉੱਚਿਤ ਸਮਰੱਥਾ ਵਾਲਾ ਫਿਊਜ਼ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕੀਤਾ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਤੁਸੀਂ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਿੱਧ ਕਰੋਗੇ ਕਿ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਦਾ ਕਰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਇੱਕ ਮੋਟੀ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਲੰਘਾਉਣ ਨਾਲ ਤਾਰ ਦੇ ਨੇੜੇ ਪਈ ਦਿਸ਼ਾ ਸੂਚਕ ਦੀ ਸੂਈ ਵਿਖੇਪਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਤੋਂ ਇਹ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ? ਇਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਨੂੰ ਸਮਝਾਉਣ ਲਈ ਉਸਟੈਡ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ – ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ (ਤਾਰ) ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸਦੇ ਚਹੁੰ ਪਾਸੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਊਰਸਟੈਡ ਨੇ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕੀਤਾ ਕਿ ਜਦੋਂ ਚੁੰਬਕੀ ਸੂਈ ਉੱਪਰ ਰੱਖੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਸੂਈ ਦਾ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਵਿਖੇਪਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਜੇਕਰ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਦੁਸਰੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਵਿਖੇਪਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਜੇਕਰ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਦੂਸਰੀ (ਉਲਟ) ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਵਿਖੇਪਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਸੂਈ ਤਾਰ ਦੇ ਉੱਪਰ ਰੱਖੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਦੀ ਵਿਖੇਪਣ ਦਿਸ਼ਾ SNOW ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ਯਾਦ ਰੱਖੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
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ਨੋਟ – SNOW ਨਿਯਮ ਇਹ ਦੱਸਦਾ ਹੈ ਕਿ ਜੇਕਰ ਧਾਰਾ 5 ਤੋਂN ਵੱਲ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਸੂਈ, ਤਾਰ ਦੇ ਉੱਪਰ ਰੱਖੀ ਹੋਈ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਦੱਖਣ ਵੱਲ ਵਿਖੇਪਿਤ ਹੋਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਅਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ਅਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਗੁਣ . ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ (Magnetic Field) – ਕਿਸੇ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦਾ ਉਹ ਖੇਤਰ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਚੁੰਬਕ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਆਕਰਸ਼ਣ ਜਾਂ ਤਿਕਰਸ਼ਣ ਬਲ) ਅਨੁਭਵ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਚੁੰਬਕੀ ਰੇਖਾਵਾਂ (Magnetic lines of forces) – ਜਦੋਂ ਇਕਾਈ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਗਤੀ ਕਰਨ ਲਈ ਸੁਤੰਤਰ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਜਿਸ ਪੱਥ ਤੇ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਗਤੀ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਉਸਨੂੰ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਗੁਣ-

  1. ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਤੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਕੇ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਤੇ ਜਾ ਕੇ ਖ਼ਤਮ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
  2. ਕੋਈ ਵੀ ਦੋ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਕੱਟਦੀਆਂ ਹਨ। ਜੇਕਰ ਕੱਟਦੀਆਂ ਹੋਣ ਤਾਂ ਇਸ ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ ਉਸ ਬਿੰਦੁ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀਆਂ ਦੋ ਦਿਸ਼ਾਵਾਂ ਹੋਣਗੀਆਂ ਜੋ ਸੰਭਵ ਨਹੀਂ ਹੈ ।
  3. ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾ ਦੀ ਸਪੱਰਸ਼ ਰੇਖਾ (ਟੇਜੈਂਟ) ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਤੁਸੀਂ ਸਮਾਨ ਅਤੇ ਅਸਮਾਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮਾਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਸਮਾਨ ਦਰੀ ਵਾਲੀਆਂ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਅਸਮਾਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਦੁਰੀਆਂ ਵਾਲੀ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਨਾਲ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਦਰਸਾਏ ਗਏ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੀਆਂ ਰੇਖਾਵਾਂ ਨੂੰ ਕੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕੋਈ ਦੋ ਗੁਣ ਵੀ ਦੱਸੋ ।
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ਉੱਤਰ-
ਰੇਖਾਵਾਂ ਨੂੰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੇ ਗੁਣ-

  1. ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਬਾਹਰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਤੋਂ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਵੱਲ ਅਤੇ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਅੰਦਰ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਤੋਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਵੱਲ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
  2. ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਬਲ ਰੇਖਾ ਦੇ ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਖਿੱਚੀ ਗਈ ਸਪੱਰਸ਼ ਰੇਖਾ (ਟੇਜੇਂਟ) ਉਸ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦਰਸਾਉਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਤੁਸੀਂ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈਆਂ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕਿਵੇਂ ਗਿਆਤ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਮੈਕਸਵੈਲ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਪਤਾ ਲਗਾਈ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ
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ਕਰਨ ਲਈ ਚਾਲਕ ਨੂੰ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਵਿੱਚ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਵਿਖਾਏ ਅਨੁਸਾਰ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਕੜੋ ਤਾਂ ਜੋ ਤੁਹਾਡਾ ਅੰਗੂਠਾ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਸੰਕੇਤ ਕਰੇ ਤਾਂ ਤੁਹਾਡੀਆਂ ਉਂਗਲੀਆਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਚਾਲਕ ਦੇ ਚਹੁੰ ਪਾਸੇ ਉਤਪੰਨ ਹੋਏ ਖੇਤਰੀ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦਰਸਾਏਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਮੈਕਸਵੈਲ ਦਾ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦਾ ਅੰਗੂਠਾ ਨਿਯਮ ਕੀ ਹੈ ? ਉਸ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਿਸ ਉਦੇਸ਼ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੈਕਸਵੈਲ ਦਾ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦਾ ਅੰਗੂਠਾ ਨਿਯਮ – ਇਸ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਸਿੱਧੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕਰਨ ਲਈ ਜੇਕਰ ਚਾਲਕ ਨੂੰ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਵਿੱਚ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਕੜਿਆ ਜਾਏ ਕਿ ਤੁਹਾਡਾ ਅੰਗਨਾ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਅਤੇ ਤੁਹਾਡੀਆਂ ਉਂਗਲੀਆਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ, ਚਾਲਕ ਦੇ ਦੁਆਲੇ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕ ਖੇਤਰ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦਰਸਾਏਗੀ । ਇਸ ਨਿਯਮ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕਰਨ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਚੁੰਬਕ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਕੀ ਹਨ ? ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕਿਵੇਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੇ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਜਿੱਥੇ ਇੱਕ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਆਕਰਸ਼ਣ ਜਾਂ ਪ੍ਰਤਿਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਨੂੰ ਅਨੁਭਵ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਉਸਨੂੰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।ਉਹ ਪੱਥ ਜਿਸ ਉੱਪਰ ਚੁੰਬਕ ਦਾ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਮੁਕਤ ਅਵਸਥਾ ਹੋਣ ਤੇ ਗਤੀ ਕਰੇਗਾ ਉਸਨੂੰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ! ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਵਿਧੀਆਂ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

(1) ਲੋਹ ਚੂਰਨ ਦੁਆਰਾ – ਇੱਕ ਕਾਰਡ ਬੋਰਡ ਉੱਤੇ ਇੱਕ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਰੱਖੋ । ਹੁਣ ਉਸ ਕਾਰਡ ਬੋਰਡ ਤੇ ਲੋਹ-ਚੂਰਨ ਛਿੜਕ ਕੇ ਕਾਰਡ ਬੋਰਡ ਨੂੰ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਥਪਥਪਾਓ । ਲੋਹ ਚੂਰਨ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੇ ਅਨੁਰੂਪ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਏ ਅਨੁਸਾਰ ਵਿਵਸਥਿਤ ਹੋ ਜਾਏਗਾ ।
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(2) ਇੱਕ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਖਿੱਚਣਾ-
ਕਿਰਿਆ ਕਲਾਪ-ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਦੇ ਨੇੜੇ ਇੱਕ ਚੁੰਬਕੀ ਦਿਸ਼ਾ ਸੂਚਕ ਰੱਖੋ । ਹੁਣ ਇੱਕ ਨੁਕੀਲੀ ਪੈਂਨਸਿਲ ਨਾਲ ਦਿਸ਼ਾ ਸੂਚਕ ਦੇ ਧਰੁਵਾਂ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ । ਹੁਣ ਦਿਸ਼ਾ ਸੂਚਕ ਨੂੰ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਅੱਗੇ ਚਲਾਓ ਤਾਂ ਜੋ ਇਸਦਾ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਉਸੇ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਹੋਵੇ ਜਿੱਥੇ ਪਹਿਲੇ ਇਸਦਾ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਸੀ । ਇਸ ਸਥਿਤੀ ਨੂੰ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ। ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਦੁਹਰਾਓ ਤਾਂ ਜੋ ਤੁਸੀਂ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚ ਜਾਓ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਬਿੰਦੂਆਂ ਨੂੰ ਵਕਰ ਰੇਖਾ ਦੁਆਰਾ ਮਿਲਾਓ ਜੋ ਇੱਕ ਬਲ ਰੇਖਾ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਨੇੜੇ ਚੁੰਬਕੀ ਦਿਸ਼ਾ ਸੂਚਕ ਦੀਆਂ ਸਥਿਤੀਆਂ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ : ਤੁਹਾਨੂੰ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦਾ ਇੱਕ ਨਮੂਨਾ ਪੈਟਰਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ ।
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PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੁਆਰਾ ਸਿੱਧ ਕਰੋ ਕਿ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰਨ ਨਾਲ ਉਸ ਦੇ ਚਹੁ ਪਾਸੇ ਚੰਬੜੀ ਖੇਤਰ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਲੰਘਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਚਾਲਕ ਦੇ ਚਹੁੰ ਤਰਫ ਇੱਕ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਯੋਗ – ਇੱਕ ਕਾਰਡ ਬੋਰਡ ਦਾ ਸਮਤਲ ਟੁਕੜਾ ਲਓ । ਇਸ ਤੇ ਇੱਕ ਚਿੱਟਾ ਕਾਗ਼ਜ਼ ਲਗਾ ਕੇ ਉਸਨੂੰ ਸਟੈਂਡ ਵਿੱਚ ਖਿਤਿਜ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਲਓ। ਇਸ ਦੇ ਵਿੱਚ-ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਤਾਰ ਲੰਘਾਓ ! ਤਾਰ ਨੂੰ ਇੱਕ ਸੈੱਲ ਕੁੰਜੀ K ਨਾਲ ਜੋੜ ਕੇ ਸਰਕਟ ਪੂਰਾ ਕਰੋ : ਹੁਣ ਕੁੰਜੀ X ਨੂੰ ਦਬਾ ਕੇ ਤਾਰ XY ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਲੰਘਾਓ । ਤਾਰ ਦੇ ਨੇੜੇ ਇੱਕ
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ਚੁੰਬਕੀ ਸੂਈ ਲਓ । ਤੁਸੀਂ ਦੇਖੋਗੇ ਕਿ ਸੂਈ ਇੱਕ ਖ਼ਾਸ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਆ ਕੇ ਰੁਕਦੀ ਹੈ। ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇਸ ਪ੍ਰਯੋਗ ਤੋਂ ਇਹ ਸਿੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਗੁਜ਼ਾਰਨ ਨਾਲ ਇਸਦੇ ਚਹੁੰ ਪਾਸੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ-ਜਿਵੇਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਉਵੇਂ-ਉਵੇਂ ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੁ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੇ ਪਰਿਮਾਣ ਵਿੱਚ ਵੀ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਇੱਕ ਚੱਕਰੀ ਕੁੰਡਲੀ ਕਾਰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਰੂਪ-ਰੇਖਾ ਖਿੱਚੋ ।
ਉੱਤਰ-
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ਚੱਕਰੀ ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਕਾਰਨ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ – ਚੱਕਰੀ ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਕਾਰਨ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦਾ ਅਧਿਐਨ ਕਰਨ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖਿਆ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰੋ ।

ਪ੍ਰਯੋਗ – ਇੱਕ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮੁੜੇ ਹੋਏ ਤਾਰ ਦੇ ਟੁੱਕੜੇ ਨੂੰ ਇੱਕ ਖਿਤਿਜੀ ਗੱਤੇ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਾਓ । ਹੁਣ ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚੋਂ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰੋ ਅਤੇ ਗੱਤੇ ਤੇ ਲੋਹ ਚੂਰਨ ਖਿਲਾਰ ਕੇ ਥਪਥਪਾਓ ! ਤੁਸੀਂ ਵੇਖੋਗੇ ਕਿ ਲੋਹ ਚੂਰਨ ਇੱਕ ਨਿਸਚਿਤ ਢੰਗ ਨਾਲ ਵਿਵਸਥਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜੋ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਕੁੰਡਲੀ ਕਾਰਨ ਉਤਪੰਨ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਜਿਉਂ-ਜਿਉਂ ਕੁੰਡਲੀ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਦੂਰ ਜਾਵੋਗੇ ਓਨਾ ਤੀ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦਾ ਅਰਧ ਵਿਆਸ ਵੱਧਦਾ ਜਾਵੇਗਾ । ਜਦੋਂ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਪਹੁੰਚ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ ਤਾਂ ਖੇਤਰੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਦੇ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਵਧਾਉਣ ਦੇ ਕਾਰਕ-

  1. ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਲਪੇਟਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ ਵਧਾਉਣ ਨਾਲ ।
  2. ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਕਰਨ ਨਾਲ ।
  3. ਕੁੰਡਲੀਆਂ ਦਾ ਅਰਧ ਵਿਆਸ ਘਟਾ ਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰੇਰਣ ਕਿਸਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹਿਤ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਅਧਿਕਤਮ ਕਦੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਣ (Electromagnetic Induction) – ਕਿਸੇ ਸਰਕਟ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਤ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਨੂੰ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਬਿਜਲੀ ਵਾਹਕ ਬਲ ਉਤਪੰਨ ਕਰਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰੇਰਣ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਉਤਪੰਨ ਹੋਏ ਬਿਜਲੀ ਵਾਹਕ ਬਲ ਨੂੰ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਬਲ ਆਖਦੇ ਹਨ ।

ਇਸਨੂੰ ਕਿਸੇ ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰੇਮ੍ਰਿਤ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਜਾਂ ਤਾਂ ਕਿਸੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਗਤੀ ਕਰਵਾ ਕੇ ਜਾਂ ਫਿਰ ਉਸ ਦੇ ਚਹੁੰ ਤਰਫ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਉਤਪੰਨ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ । ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਕੁੰਡਲੀ ਦੀ ਗਤੀ ਕਰਾ ਕੇ ਮ੍ਰਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਉਤਪੰਨ ਕਰਨਾ ਬਹੁਤ ਸੌਖਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਕੁੰਡਲੀ ਦੀ ਗਤੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਲੰਬ ਰੂਪ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਪ੍ਰੇਮ੍ਰਿਤ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਅਧਿਕਤਮ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਅਸੀ ਕਦੀ-ਕਦੀ ਵੇਖਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਅਚਾਨਕ ਬਿਜਲੀ ਬਲਬ ਸਾਧਾਰਨ ਨਾਲੋਂ ਘੱਟ ਜਾਂ ਵੱਧ ਤੀਬਰਤਾ ਨਾਲ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਕੀ ਕਾਰਨ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸਪਲਾਈ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ 220 ਵੋਲਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਕਈ ਵਾਰ ਇਸ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸਦੇ ਕਾਰਨ ਬਲਬ ਦਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਾਧਾਰਨ ਨਾਲੋਂ ਅਧਿਕ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਜਦੋਂ ਕਦੀ ਇਸ ਦੀ ਵੋਲਟਤਾ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਬਲਬ ਦਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਾਧਾਰਨ ਨਾਲੋਂ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਤਾਰ ਦੀ ਕੁੰਡਲੀ ਕਿਸ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਨਾਲ ਜੁੜੀ ਹੋਣੀ ਹੈ । ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ਜੇਕਰ ਕਿਸੇ ਛੜ ਚੁੰਬਕ-
(i) ਦਾ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਲਿਜਾਇਆ ਜਾਵੇ ।
(ii) ਨੂੰ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਸਥਿਰ ਰੱਖਿਆ ਜਾਵੇ ।
(iii) ਨੂੰ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਅੰਦਰੋਂ ਬਾਹਰ ਵੱਲ ਖਿੱਚ ਲਿਆ ਜਾਵੇ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਦੀ ਸਈ ਵਿਖੇਪਤ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ਜਿਸ ਨਾਲ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਹੋਂਦ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਦਾ ਹੈ। ਜੇਕਰ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਤੀਬਰਤਾ ਨਾਲ ਗਤੀਮਾਨ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਵਿਖੇਪਨ ਹੋਰ ਵੱਧ ਜਾਵੇਗਾ ।

(ii) ਜੇਕਰ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਸਥਿਰ ਰੱਖਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਦੀ ਸੂਈ ਕੋਈ ਵਿਖੇਪਨ ਨਹੀਂ ਦਰਸਾਏਗੀ ।

(iii) ਜੇਕਰ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਕੁੰਡਲੀ ਤੋਂ ਬਾਹਰ ਵੱਲ ਖਿੱਚਿਆ ਜਾਵੇਗਾ ਤਾਂ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਦੀ ਸੂਈ ਵਿੱਚ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿਖੇਪਨ ਵੱਲ ਹੋਵੇਗਾ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਕੁੱਝ ਅਜਿਹੇ ਬਿਜਲਈ ਉਪਕਰਨਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਮੋਟਰ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੋਵੇ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਮੋਟਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਉਹ ਸਾਰੇ ਉਪਕਰਨ ਕਾਰਜ ਕਰਦੇ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ-ਬਿਜਲੀ ਪੱਖਾ, ਟੇਪ ਰਿਕਾਰਡਰ, ਮਿਕਸਰ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਪਰਤਵੀਂ ਧਾਰਾ ਅਤੇ ਅਪਰਤਵੀਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਰਤਵੀਂ ਧਾਰਾ ਅਤੇ ਅਪਰਤਵੀਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਪਤਵੀਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ (Alternating Current) ਅਪਰਤਵੀਂ ਜਾਂ ਸਿੱਧੀ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ (Direct Current)
(1) ਇਹ ਧਾਰਾ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (1) ਇਹ ਧਾਰਾ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(2) ਇਸ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪਰਿਮਾਣ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਵੱਧਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । (2) ਇਸ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪਰਿਮਾਣ ਹਮੇਸ਼ਾ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਹੀ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।
(3) ਇਸ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਇੱਕ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਸਮਾਂ ਅੰਤਰਾਲ ਦੇ ਬਾਅਦ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । (3) ਇਸ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨਹੀਂ ਬਦਲਦੀ ਹੈ ।
(4) ਇਸ ਧਾਰਾ ਦਾ ਗਰਾਫ਼ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਨਾ ਹੋ ਕੇ ਲਪੇਟੇਦਾਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (4) ਇਸ ਧਾਰਾ ਦਾ ਗਰਾਫ਼ ਇੱਕ ਸਿੱਧੀ ਰੇਖਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਫਿਉਜ਼ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਸਦੇ ਕੀ ਲਾਭ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਫਿਊਜ਼ – ਇਹ ਇੱਕ ਅਜਿਹਾ ਉਪਕਰਨ ਹੈ ਜੋ ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਜਿਹੜਾ ਬਿਜਲੀ ਕਾਰਨ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਤੋਂ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਲੱਗੇ ਹੋਰ ਉਪਕਰਨਾਂ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰੱਖਦਾ ਹੈ : ਵਿਉਜ਼ ਤਾਰ ਜਿਸ ਧਾਤੂ ਦੀ ਬਣੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਉਸਦਾ ਪਿਘਲਾਓ ਦਰਜਾ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਲਾਭ – ਜੇਕਰ ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਕਾਰਨ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਨਿਯਤ ਮਾਤਰਾ ਤੋਂ ਵੱਧ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਫਿਊਜ਼ ਦੀ ਤਾਰ ਪਿਘਲ ਕੇ ਸਰਕਟ ਨੂੰ ਤੋੜ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਦੁਰਘਟਨਾ ਤੋਂ ਬਚਾਓ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਫਿਉਜ਼ ਦੀ ਤਾਰ ਉੱਚ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਅਤੇ ਘੱਟ ਪਿਘਲਾਓ ਦਰਜੇ ਵਾਲੀ ਕਿਉਂ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫਿਊਜ਼ ਦੀ ਤਾਰ ਉੱਚ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਅਤੇ ਘੱਟ ਪਿਘਲਾਓ ਦਰਜੇ ਵਾਲੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਜਦੋਂ ਇਸਨੂੰ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਸ਼੍ਰੇਣੀਕੂਮ ਵਿੱਚ ਵਿਵਸਥਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਅਧਿਕ ਮਾਤਰਾ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਇਹ ਤਾਰ ਪਿਘਲ ਜਾਵੇ ਅਤੇ ਕਿਸੇ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਬਿਜਲੀ ਤੋਂ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਹਾਨੀ ਤੋਂ ਬਚਾਓ ਹੋ ਜਾਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਾਂਕ (ਝੱਟਕਾ) ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਾਂਕ (Electric shock) – ਜਦੋਂ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦਾ ਕੋਈ ਅੰਗ ਬਿਜਲੀ ਲਿਜਾ ਰਹੀ ਨੰਗੀ ਤਾਰ ਨੂੰ ਛੂਹ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਸਥਾਪਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਤੋਂ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚੋਂ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਅਜਿਹਾ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਸਾਨੂੰ ਝੱਟਕਾ ਮਹਿਸੂਸ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਝੱਟਕੇ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਸ਼ੱਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਕਈ ਵਾਰ ਅਜਿਹੇ ਝੱਟਕੇ ਨਾਲ ਆਦਮੀ ਦੀ ਮੌਤ ਵੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਓਵਰਲੋਡਿੰਗ ਅਤੇ ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਓਵਰਲੋਡਿੰਗ (Over loading) – ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਇਸ ਨਾਲ ਜੁੜੇ ਹੋਏ ਉਪਕਰਨਾਂ ਦੀ ਬਿਜਲਈ ਸਮਰੱਥਾ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਤਾਰਾਂ ਦੀ ਚੋਣ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਅਧਿਕਤਮ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਸਾਰੇ ਉਪਕਰਨਾਂ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਸੀਮਾ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਪਕਰਨ ਆਪਣੀ ਸਮਰੱਥਾ ਤੋਂ ਵੱਧ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਖਿੱਚਦੇ ਹਨ ਜਿਸਨੂੰ ਓਵਰਲੋਡਿੰਗ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ (Short Circuit) – ਕਈ ਵਾਰ ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਤਾਰ ਅਤੇ ਉਦਾਸੀਨ ਤਾਰ (ਨਿਊਟਰਲ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਪਰਸਪਰ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਆ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਅਜਿਹਾ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਸਰਕਟ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਸਿਫਰ (ਜ਼ੀਰੋ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਬਹੁਤ ਅਧਿਕ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਵਰਤਾਰੇ ਨੂੰ ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ ਹੋਣ ਸਮੇਂ ਤਾਰ ਬਹੁਤ ਅਧਿਕ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਉਪਕਰਨ ਨੂੰ ਹਾਨੀ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਕਾਰਨ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਸੰਕਟ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਸੰਕਟਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਓ ਦੇ ਉਪਾਅ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਕਾਰਨ ਸੰਕਟ ਅਤੇ ਬਚਾਓ ਦੇ ਉਪਾਅ-

  1. ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਝੱਟਕਾ ਲੱਗਣ ਕਾਰਨ ਸਰੀਰ ਦੇ ਸੈੱਲ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ ।
  2. ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਾਂਕ ਲੱਗਣ ਕਾਰਨ ਦਿਲ ਦੇ ਪੱਠਿਆਂ ਤੇ ਬੁਰਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਮੌਤ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  3. ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਾਂਕ ਕਾਰਨ ਸਰੀਰ ਦੇ ਪੱਠਿਆਂ ਤੇ ਭੈੜਾ ਅਸਰ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਹਿਲ-ਜੁਲ ਘੱਟ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  4. ਜੇਕਰ ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਮੋਟੀ ਫਿਉਜ਼ ਦੀ ਤਾਰ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਅਧਿਕ ਤੀਬਰ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪਵਾਹ ਹੋਣ ਤੇ ਇਹ ਤਾਰ ਨਹੀਂ ਪਿਘਲੇਗੀ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਅੱਗ ਲੱਗ ਸਕਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਬਿਜਲਈ ਉਪਕਰਨ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਬਚਾਓ ਲਈ ਉਪਾਅ
ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਾਂਕ ਤੋਂ ਬਚਣ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ-

  1. ਜਿਸ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ ਉਸ ਨੂੰ ਗਿੱਲੇ ਹੱਥਾਂ ਨਾਲ ਨਹੀਂ ਛੂਹਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  2. ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਉਪਕਰਨ ਵਧੀਆ ਕੁਆਲਟੀ ਵਾਲੇ ਅਤੇ ਆਈ. ਐੱਸ. ਆਈ. ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਮਾਣਿਤ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  3. ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਵਰਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਬਿਜਲਈ ਉਪਕਰਨਾਂ ਨਾਲ ਭੋ-ਸੰਪਰਕ ਤਾਰ ਜ਼ਰੂਰ ਲੱਗੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  4. ਖ਼ਰਾਬ ਪਲੱਗਾਂ ਅਤੇ ਸਵਿੱਚਾਂ ਨੂੰ ਫੌਰਨ ਬਦਲ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਧਾਰਾਵਾਹੀ (ਲਾਇਵ), ਉਦਾਸੀਨ ਅਤੇ ਭੋ-ਸੰਪਰਕ ਜੋੜਕ ਤਾਰਾਂ ਨੂੰ ਆਮਤੌਰ ਤੇ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਰੰਗ ਦੇ ਤਾਰ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੁਰਾਣੀ ਮਾਨਤਾ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਲਈ ਲਾਲ, ਉਦਾਸੀਨ ਲਈ ਕਾਲੀ ਅਤੇ ਭੋ-ਸੰਪਰਕਿਤ ਲਈ ਕਾਲੇ ਰੰਗ ਦੀ ਤਾਰ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਲਿਆਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਅੰਤਰ-ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਸਤਰ ਤੇ ਇੱਕ ਨਵੀਂ ਮਾਨਤਾ ਅਨੁਸਾਰ ਲਾਇਵ ਤਾਰ ਲਈ ਭੁਰੀ, ਉਦਾਸੀਨ ਲਈ ਹਲਕੀ ਨੀਲੀ ਅਤੇ ਭੋ-ਸੰਪਰਕਿਤ ਤਾਰ ਲਈ ਹਰੀ ਜਾਂ ਹਰੀ-ਪੀਲੀ ਤਾਰ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਭੋ-ਸੰਪਰਕਿਤ ਤਾਰ ਮੋਟੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਇਹ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਸਹਿ ਸਕੇ । ਹੋਰ ਤਾਰਾਂ ਦੀ ਮੋਟਾਈ ਉਪਕਰਨ ਦੀ ਦਰ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਹਰੇਕ ਤਾਰ ਧਾਰਾ ਦੀ ਸੀਮਿਤ ਮਾਤਰਾ ਨੂੰ ਸਹਿ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਧਾਰਾ ਇਸ ਸੀਮਾ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੋ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਵੱਧ ਤਾਪਨ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਇਸਨੂੰ ਅੱਗ ਲਗ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ 220V ਦੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਵਰਤੋਂ ਲਈ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਦਕਿ ਅਮਰੀਕਾ ਜਿਹੇ ਵਿਕਸਿਤ ਅਤੇ ਅਮੀਰ ਦੇਸ਼ਾਂ ਵਿੱਚ ਇਹ 110V ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ। ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਵਿਅਕਤੀ 220V ਦੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਤਾਰ ਨੂੰ ਛੂੰਹਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਦੀ ਮੌਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਾਂ ਫਿਰ ਉਹ ਬੁਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਝੁਲਸ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੁ 110V ਤੇ ਇਹ ਖ਼ਤਰਨਾਕ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ । ਘੱਟ ਵੋਲਟਤਾ ਤੇ ਦਿੱਤੀ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਵਿੱਚ ਸੰਚਾਰਣ ਨੁਕਸਾਨ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਛੁੱਟ ਇਸਦੇ ਸੰਚਾਰ ਲਈ ਵੱਡੀ ਸੰਖਿਆ ਵਿੱਚ ਟ੍ਰਾਂਸਫਾਰਮਰ ਲਗਾਉਣੇ ਪੈਂਦੇ ਹਨ ਜੋ ਆਰਥਿਕ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਤੋਂ ਅਵਿਕਾਸਸ਼ੀਲ ਦੇਸ਼ਾਂ ਲਈ ਔਖਾ ਕੰਮ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਧਰਤੀ ਇੱਕ ਵੱਡੇ ਚੁੰਬਕ ਵਾਂਗ ਵਿਵਹਾਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਵੱਡੇ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕਾਰਜ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਸਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਧਰਤੀ ਸਤਹਿ ਤੋਂ 3 × 104 ਕਿ.ਮੀ. ਦੀ ਉੱਚਾਈ ਤੇ ਅਨੁਭਵ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ਦੇ ਹੇਠਾਂ ਕੋਈ ਚੁੰਬਕ ਨਹੀਂ ਹੈ ।

ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੇ ਅੱਗੇ ਲਿਖੇ ਕਾਰਨ ਮੰਨੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ-

  1. ਧਰਤੀ ਹੇਠਾਂ ਪਿਘਲੀ ਹੋਈ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਧਾਤਵੀ ਵ ਲਗਾਤਾਰ ਘੁੰਮਦੇ ਹੋਏ ਇੱਕ ਵੱਡੇ ਚੁੰਬਕ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵਿਵਹਾਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਧਰਤੀ ਆਪਣੇ ਧੁਰੇ ਦੁਆਲੇ ਘੁੰਮਣ ਕਾਰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਗੁਣ ਪ੍ਰਗਟਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
  3. ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਦੀ ਰਚਨਾ ਲੋਹੇ ਅਤੇ ਨਿਕਲ ਨਾਲ ਹੋਈ ਹੈ । ਧਰਤੀ ਦੇ ਘੁੰਮਣ ਕਾਰਨ ਇਸ ਦਾ ਚੁੰਬਕੀ ਵਿਵਹਾਰ ਪ੍ਰਗਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਧਰਤੀ ਇੱਕ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵਿਵਹਾਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਦਾ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਅਜਿਹਾ ਹੈ ਜਿਵੇਂ ਇਸਦੇ ਅੰਦਰ ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਚੁੰਬਕ ਮੌਜੂਦ ਹੈ। ਇਸਦਾ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਕੈਨੇਡਾ ਦੇ ਉੱਤਰੀ ਅਰਧ ਗੋਲੇ ਵਿੱਚ 70.5 ਉੱਤਰੀ ਅਕਸ਼ਾਂਸ਼ ਅਤੇ 96° ਪੱਛਮੀ ਰੇਖਾਵਾਂ ਤੇ ਸਥਿਤ ਹੈ । ਇਹ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਤੋਂ ਲਗਭਗ 1600 ਕਿ. ਮੀ. ਦੂਰ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘ ਰਿਹਾ ਖਿਤਿਜ ਤਲ ਭੂਗੋਲਿਕ ਮੀਰੀਡਿਅਨ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ ।ਉੱਤਰ ਅਤੇ ਦੱਖਣ ‘ਚੋਂ ਲੰਘ ਰਿਹਾ ਤਲ ਚੁੰਬਕੀ ਮੀਰੀਡਿਅਨ ਦੇ ਨਾਂ ਨਾਲ ਜਾਣਿਆ। ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਕਿਸ ਨਿਯਮ ਨੂੰ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ? ਨਿਯਮ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ । ਇਸ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਿਸ ਯੰਤਰ ਵਿਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 17
ਉੱਤਰ-
ਫਲੇਮਿੰਗ ਦਾ ਖੱਬਾ ਹੱਥ ਨਿਯਮ – ਇਸ ਨਿਯਮ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ‘‘ਆਪਣੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦੀ ਪਹਿਲੀ ਉਂਗਲੀ, ਵਿਚਕਾਰਲੀ ਉਂਗਲੀ ਅਤੇ ਅੰਗੂਠੇ ਨੂੰ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਫੈਲਾਓ ਕਿ ਇਹ ਤਿੰਨੋਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਦੇ ਪਰਸਪਰ ਲੰਬ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੋਣ, ਜੇਕਰ ਪਹਿਲੀ ਉਂਗਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ, ਵਿਚਕਾਰਲੀ ਉਂਗਲੀ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸੰਕੇਤ ਕਰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਅੰਗੂਠਾ ਚਾਲਕ ਦੀ ਗਤੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਜਾਂ ਚਾਲਕ ਉੱਤੇ ਲੱਗ ਰਹੇ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਸੰਕੇਤ ਕਰੇਗਾ ।”
ਇਸ ਨਿਯਮ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਬਿਜਲੀ ਮੋਟਰ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।”

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਏ ਨਿਯਮ ਦਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ । ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 18 ਨੂੰ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 19
ਉੱਤਰ-
ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਫਲੇਮਿੰਗ ਦਾ ਸੱਜਾ ਹੱਥ ਨਿਯਮ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 20 ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 21 ਮ੍ਰਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਨਿਯਮ ਦਰਸਾਇਆ ਹੈ ? ਇਸ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 18 ਨੂੰ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 22
ਉੱਤਰ-
ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਫਲੇਮਿੰਗ ਦਾ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦਾ ਨਿਯਮ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 20 ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 21 ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਧਰਤੀ ਇੱਕ ਬੜਾ ਵੱਡਾ ਚੁੰਬਕ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਚੁੰਬਕੀ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਕਿਸ ਪਾਸੇ ਸਥਿਤ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੂਗੋਲਿਕ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਵੱਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਤਿੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕੀ ਪਦਾਰਥ-

  1. ਲੋਹਾ
  2. ਕੋਬਾਲਟ
  3. ਨਿਕਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਕਿਸ ਭਾਗ ਵਿੱਚ ਆਕਰਸ਼ਣ ਸ਼ਕਤੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਪ੍ਰਬਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਿਰਿਆਂ ਤੇ (ਅਰਥਾਤ ਧਰੁਵਾਂ ਤੇ) ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਸੁਤੰਤਰ ਪੂਰਵਕ ਲਟਕਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਕਿਸ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸੰਕੇਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਰ-ਦੱਖਣ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਮੁਕਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਲਟਕਾਏ ਗਏ ਚੁੰਬਕ ਦਾ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਕਿਸ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸੰਕੇਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੂਗੋਲਿਕ ਉੱਤਰ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਫਿਉਜ਼ ਦੀ ਤਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਧਿਕ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਤਾਂ ਜੋ ਗਰਮ ਹੋ ਕੇ ਪਿਘਲ ਸਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੇ ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਿਹੜੀ ਦਿਸ਼ਾ ਉਸ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਰੱਖੀ ਕੰਪਾਸ ਸੂਈ ਦੇ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਤੋਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਵੱਲ ਖਿੱਚੀ ਗਈ ਰੇਖਾ ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਜੇਕਰ ਸੁਤੰਤਰਤਾ ਪੂਰਵਕ ਲਟਕ ਰਹੀ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲਣ ਨਾਲ ਸੋਲੀਨਾਇਡ 180° ਘੁੰਮ ਜਾਵੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਉਦਾਸੀਨ ਬਿੰਦੁ ਤੇ ਨੇਟ ਚੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਤੀਬਰਤਾ ਦਾ ਮਾਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਉਦਾਸੀਨ ਬਿੰਦੁ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਤੀਬਤਾ ਦਾ ਮਾਨ ਜ਼ੀਰੋ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਧਾਰਾ ਵਾਹੀ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੇ ਨੇੜੇ ਚੁੰਬਕੀ ਸੁਈ ਲਿਆਉਣ ਨਾਲ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕੀ ਸੂਈ ਵਿਖੇਤ ਹੋ ਕੇ ਸੁਈ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਠਹਿਰੇਗੀ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਬਿਜਲੀ ਮੋਟਰ ਅਤੇ ਬਿਜਲੀ ਜੈਨਰੇਟਰ ਵਿੱਚ ਸਿਧਾਂਤਕ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਮੋਟਰ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਯੰਤਿਕ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਬਿਜਲਈ ਜੈਨਰੇਟਰ ਵਿੱਚ ਯੰਤਿਕ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਜੇਕਰ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਨੂੰ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਸਿਰੇ ਤੋਂ ਦੂਰ ਲਿਜਾਇਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਇਸ ਸਿਰੇ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਧਰੁਵ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਖੱਬਾ ਹੱਥ ਅੰਗੂਠਾ ਨਿਯਮ ਕਿਸ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪੈਦਾ ਹੋਏ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਵਿੱਚ ਅੰਗੂਠਾ ਕਿਸ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਤੇ ਲੱਗ ਰਹੇ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨੂੰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਗਤੀਮਾਨ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਕ੍ਰਿਤ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕਿਸ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ਪਤਾ ਕੀਤੀ। ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰੇਰਣ ਦੀ ਘਟਨਾ ਦੀ ਖੋਜ ਕਿਸ ਵਿਗਿਆਨਿਕ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਾਇਕਲ ਫੈਰਾਡੇ ਨੇ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਸਾਡੇ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਉਪਲੱਬਧ ਮੇਨਜ਼ ਬਿਜਲੀ ਸਪਲਾਈ ਦੀ ਵੋਲਟਤਾ ਕਿੰਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
220 ਵੋਲਟ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਘਰੇਲੂ ਸਰਕਟ ਨੂੰ ਓਵਰਲੋਡਿੰਗ ਅਤੇ ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਕਿਹੜੀ ਜੁਗਤ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫਿਉਜ਼ ਤਾਰ ਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਭੋ-ਸੰਪਰਕ ਤਾਰ ਦਾ ਕਿਹੜਾ ਰੰਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਧਾਤਵੀ ਫਰੇਮ ਵਾਲੇ ਬਿਜਲੀ ਉਪਕਰਨਾਂ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਸ਼ੱਕ ਤੋਂ ਬਚਣ ਲਈ ਕੀ ਸਾਵਧਾਨੀ ਵਰਤਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫਰੇਮ ਨੂੰ ਭੋ-ਸੰਪਰਕਿਤ ਕਰੋ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕਿਸ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ਪਤਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਅੰਗੁਠਾ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਯੰਤ੍ਰਿਕ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਯੰਤਰ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਮੋਟਰ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
MRI ਸ਼ਬਦ ਦਾ ਪੂਰਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੰਬਕੀ ਅਨੁਨਾਦ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬਨ (Magnetic Resonance Imaging) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਣ ਵਾਲੇ ਯੰਤਰ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਜੈਨਰੇਟਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਡਾਇਨਮੋ ਕਿਹੜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਕਿਹੜੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਡਾਇਨਮੋ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕਿਸ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ਗਿਆਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
50 ਸਾਈਕਲ ਦੀ ਪਰਤਵੀਂ ਧਾਰਾ ਦਾ ਦੋਲਨ ਕਾਲ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
1/50 ਸੈਕਿੰਡ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਇੱਕ ਪਰਤਵੀਂ ਧਾਰਾ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ 50 ਹਰਟਜ਼ (Hz) ਹੈ । ਦੱਸੋ ਇੱਕ ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ ਇਸ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕਿੰਨੀ ਵਾਰੀ ਬਦਲੇਗੀ ?
ਉੱਤਰ-
100 ਵਾਰ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਦਰਸਾਏ ਗਏ ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਅੰਗੂਠਾ ਕਿਸ ਗੱਲ ਦਾ ਸੰਕੇਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 23
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਕਿਹੜੀ ਬਿਜਲਈ ਕਿਰਿਆ ਕਾਰਨ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਦੀ ਸੂਈ ਵਿਖਪਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 24
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰੇਰਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਦੋ ਚੁੰਬਕਾਂ ਦੀਆਂ ਚੁੰਬਕੀ ਰੇਖਾਵਾਂ ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਦਿੱਤੀਆਂ ਗਈਆਂ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਦੋਨਾਂ ਚੁੰਬਕਾਂ ਦੇ ਆਹਮਣੇਸਾਹਮਣੇ ਵਾਲੇ ਧਰੁੱਵਾਂ ਦਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
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ਉੱਤਰ-
ਦੋਵੇਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ (N) ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 32.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਲੋਹਚੂਨ ਇਕ ਖ਼ਾਸ ਪੈਟਰਨ ਵਿਚ ਸੈੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਪੈਟਰਨ ਕੀ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
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ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 33.
ਸਾਧਾਰਨ ਬਿਜਲੀ ਮੋਟਰ ਦੇ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ P ਅਤੇ Q ਕੀ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਦਾ ਕੀ ਕੰਮ ਹੈ ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 27
ਉੱਤਰ-
ਸਪਲਿਟ ਰਿੰਗ ।

ਵਸਤੁਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰਨ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕਰਦੇ ਹਾਂ-
(a) ਮੈਕਸਵੈਲ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ
(b) ਫਲੈਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ
(c) ਫਲੈਮਿੰਗ ਦੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ
(d) ਫੈਰਾਡੇ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਮੈਕਸਵੈਲ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕਿਸੇ ਤੀਬਰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਕੁੰਡਲੀ ਰੱਖਣ ਨਾਲ ਉਤਪੰਨ ਹੋਏ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕਰਦੇ ਹਾਂ-
(a) ਮੈਕਸਵੈਲ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ
(b) ਫਲੈਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਨਾਲ
(c) ਫਲੈਮਿੰਗ ਦੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਨਾਲ
(d) ਫੈਰਾਡੇ ਦੇ ਨਿਯਮ ਨਾਲ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਫਲੈਮਿੰਗ ਦੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਘਰੇਲੂ ਪਰਿਪੱਥ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤੀ ਗਈ ਉਦਾਸੀਨ ਤਾਰ ਦਾ ਰੰਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ
(a) ਕਾਲਾ
(b) ਲਾਲ
(c) ਹਰਾ
(d) ਕੋਈ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਕਾਲਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜਦੋਂ ਬਿਜਲੀ ਲਿਜਾਣ ਵਾਲੀ ਅਤੇ ਉਦਾਸੀਨ ਤਾਰ ਆਪਸੀ ਸੰਪਰਕ ਹੋਣ ਕਰਕੇ ਬਹੁਤ ਵੱਧ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸੇ ਅਵਸਥਾ ਨੂੰ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
(a) ਓਵਰਲੋਡ
(b) ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ
(c) ਭੋ-ਸੰਪਰਕ
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਹੋਏ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਉੱਚ-ਸ਼ਕਤੀ ਵਾਲੇ ਬਿਜਲੀ ਉਪਕਰਨਾਂ ਦੇ ਧਾਤਵੀਂ ਫਰੇਮ ਨੂੰ ਘਰੇਲੂ ਪਰਿਪਥ ਦੀ ਝੋ-ਤਾਰ ਨਾਲ ਜੋੜਨਾ ਕੀ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
(a) ਓਵਰਲੋਡਿੰਗ
(b) ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ
(c) ਭੋ-ਸੰਪਰਕ
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਹੋਏ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਭੋ-ਸੰਪਰਕ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਸਿੱਧੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਸ੍ਰੋਤ ਹੈ ?
(a) ਖ਼ੁਸ਼ਕ ਸੈੱਲ
(b) ਬਟਨ ਸੈੱਲ
(c) ਲੈਡ ਬੈਟਰੀ
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਹੋਏ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਹੋਏ ਸਾਰੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਉਤਪੰਨ ਕਰਨ ਦੀ ਜੁਗਤ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ-
(a) ਜਨਰੇਟਰ
(b) ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ
(c) ਮੀਟਰ
(d) ਐਮਮੀਟਰ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਜਨਰੇਟਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਸਮਾਨ ਚੁੰਬਕੀ ਧਰੁਵਾਂ ਦਾ ਆਪਸੀ ਕੀ ਸੰਬੰਧ ਹੈ ?
(a) ਅਪਕਰਸ਼ਣ
(b) ਆਕਰਸ਼ਣ
(c) ਦੋਨੋਂ ਅਪਕਰਸ਼ਣ ਅਤੇ ਆਕਰਸ਼ਣ
(d) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਅਪਕਰਸ਼ਣ ।

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ਉਹ ਜੁਗਤ ਜਿਹੜੀ ਯੰਤ੍ਰਿਕ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ …………………………. ਅਖਵਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਨਰੇਟਰ

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

(ii) ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ……………… ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰੇਮ੍ਰਿਤ ਧਾਰਾ

(iii) ਮੈਕਸਵੈਲ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਨਾਲ ……………… ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ

(iv) ……………… ਦੀ ਕੂਡ ਨਾਲ ਅਧਿਕ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਬਿਜਲਈ ਚੁੰਬਕ ਬਣਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਨਰਮ ਲੋਹੇ

(v) ਧਰਤੀ ਇੱਕ ਵੱਡੇ ……………… ਵਿਵਹਾਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
(ਕ) ਬਿਜਲ ਕਰੰਟ ਦੇ ਤਾਪੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਸੰਬੰਧੀ ਲਿਖੋ ।
(ਖ) ਬਿਜਲੀ ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ। ਇਸ ਦੀ ਇਕਾਈ ਵਾਟ ਦੀ ਵੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ।
(ਗ) ਬਿਜਲੀ ਉਰਜਾ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੀਆਂ ਇਕਾਈਆਂ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
(ਕ) ਤਾਪੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਦੇ ਨਿਯਮ – ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਵਿਚੋਂ ਬਿਜਲ ਕਰੰਟ ਲੰਘਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਇਹ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੱਥ ਦਾ ਅਧਿਐਨ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਜੁਲ ਨੇ ਕੀਤਾ। ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਨੂੰ ਜੁਲ ਦਾ ਤਾਪਨ ਨਿਯਮ (Joule’s heating effect) ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਨਿਯਮ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਜਦੋਂ ਚਾਲਕ ਵਿਚੋਂ ਕਰੰਟ ਲੰਘਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਪੈਦਾ ਹੋਇਆ ਤਾਪ :
(i) ਕਰੰਟ ਦੇ ਵਰਗ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
H ∝ I2 (ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R, ਸਮਾਂ t ਹੋਣ)
(ii) ਚਾਲਕ ਦੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੈ ।
H ∝ R (ਜਦੋਂ ਧਾਰਾ I, ਸਮਾਂ ਵੀ t ਹੋਣ)
(iii) ਸਮੇਂ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿੰਨੇ ਸਮੇਂ ਲਈ ਕਰੰਟ ਲੰਘਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
H ∝ t (ਜਦੋਂ ਤਿਰੋਧ R ਅਤੇ ਕਰੰਟ I ਹੋਣ)
(i), (ii) ਅਤੇ (iii) ਤੋਂ
H ∝ I2 Rt
ਸਮਾਨੁਪਾਤੀ ਨਿਯੰਤਰਕ ਦਾ ਮਾਨ ਮਾਤਕਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ। S.I. ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਇਸ ਦਾ ਮਾਨ 1 ਹੈ ।
∴ H = I2 Rt (ਜੂਲ ਵਿੱਚ)

(ਖ) ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਕਤੀ – ਬਿਜਲੀ ਦੁਆਰਾ ਕਾਰਜ ਕਰਨ ਦੀ ਦਰ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਕਤੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਮੰਨ ਲਓ ਕਿ ਆਪਣੇ ਸਿਰਿਆਂ ਦੇ ਪਾਰ V ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਵਾਲੇ ਚਾਲਕ ਵਿਚੋਂ ਸਮੇਂ t ਦੇ ਲਈ ਧਾਰਾ I ਲੰਘਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਕਾਰਜ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੋਵੇਗਾ-
W = VIt
ਪਰ ਸਰਕਟ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇਗੀ
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 1
= \(\frac{\mathrm{W}}{t}\)
= \(\frac{\mathrm{VI} t}{t}\)
= VI
ਓਹਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ
I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\)
∴ P = V × I
= \(\frac{V^{2}}{R}\)
ਅਤੇ P = I2R
ਬਿਜਲ ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ ਇਕਾਈ – ਜੇ v ਨੂੰ ਵੋਲਟ ਅਤੇ I ਨੂੰ ਐਮਪੀਅਰ ਵਿੱਚ ਮਾਪਿਆ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਸ਼ਕਤੀ ਵਾਟ ਵਿੱਚ ਹੋਵੇਗੀ।
ਵਾਟ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ – ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਵਾਟ ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਕਤੀ ਉਦੋਂ ਕਹੀ ਜਾਵੇਗੀ ਜਦੋਂ ਇੱਕ ਐਮਪੀਅਰ ਕਰੰਟ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਵੋਲਟ ਦੇ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਹੋਣ ਤੇ ਵਗਦਾ ਹੈ ।
1 ਵਾਟ = 1 ਵੋਲਟ × ਐਮਪੀਅਰ
ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ ਵੱਡੀ ਇਕਾਈ ਕਿਲੋਵਾਟ (KW) ਹੈ ।
1 ਕਿਲੋਵਾਟ = 1000 ਜੂਲ

(ਗ) ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ – ਕਿਸੇ ਨਿਸਚਿਤ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਕਰੰਟ ਦੁਆਰਾ ਕੁੱਲ ਕੀਤੇ ਗਏ ਕਾਰਜ ਦੀ ਮਾਤਰਾ, ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਕਹਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
ਮੰਨ ਲਓ, ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ 1 ਐਮਪੀਅਰ ਕਰੰਟ ਸਮੇਂ ਲਈ ਲੰਘਦਾ ਹੈ, ਜਦੋਂ ਇਸ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਉਦੋਂ ਵਰਤੀ ਗਈ ਉਰਜਾ ਜਾਂ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ-
W = VIt
ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਦੀ ਇਕਾਈ ਜੂਲ ਜਾਂ ਵਾਟ ਸੈਕਿੰਡ ਹੈ। ਪਰ ਇਹ ਇੱਕ ਛੋਟੀ ਇਕਾਈ ਹੈ। ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵੱਡੀ ਇਕਾਈ ਵਾਟ ਘੰਟਾ ਹੈ ।

ਵਾਟ ਘੰਟੇ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ – ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਇੱਕ ਵਾਟ ਘੰਟਾ ਕਹੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਦੋਂ ਚਾਲਕ ਵਿਚੋਂ ਇੱਕ ਐਮਪੀਅਰ ਕਰੰਟ ਇੱਕ ਘੰਟੇ ਲਈ ਲੰਘਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਜਦੋਂ ਇਸ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਇੱਕ ਵੋਲਟ ਦਾ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
1 ਵਾਟ ਘੰਟਾ = 1 ਵਾਟ × 1 ਘੰਟਾ
= 1 ਵੋਲਟ × 1 ਐਮਪੀਅਰ × 1 ਘੰਟਾ
1 ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ = 1000 ਵਾਟ ਘੰਟਾ
ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵੱਡੀ ਇਕਾਈ ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਕਿਨ੍ਹਾਂ ਕਾਰਕਾਂ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ? (ਮਾਡਲ ਪੇਪਰੇ)
ਉੱਤਰ-
ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ – ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿੱਚ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਅਤੇ ਉਸ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੇ ਕਰੰਟ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਦੇ ਅਨੁਪਾਤ ਨੂੰ ਚਾਲਕ ਦਾ ਤਿਰੋਧ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਜੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ vਹੋਵੇ ਅਤੇ ਇਸ ਵਿਚੋਂ ਲੰਘ ਰਹੀ ਕਰੰਟ ਦੀ ਮਾਤਰਾ 1 ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ (R)
ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ (V) ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ (R)
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 12

ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦਾ ਮਾਤ੍ਰਿਕ-S.I. ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦਾ ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਓਹਮ ਹੈ ਜਦਕਿ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਵੋਲਟ ਅਤੇ ਬਿਜਲੀ ਕਰੰਟ ਨੂੰ ਐਮਪੀਅਰ ਵਿੱਚ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਓਹਮ (Ohn) – ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਤਿਰੋਧ ਇੱਕ ਓਹਮ ਹੋਵੇਗਾ ਜੇ ਉਸਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਇੱਕ ਵਲਟ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਉਸ ਵਿਚੋਂ ਲੰਘ ਰਹੇ ਕਰੰਟ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਇੱਕ ਐਮਪੀਅਰ ਹੋਵੇ ।

ਚਾਲਕ ਦੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦੀ ਨਿਰਭਰਤਾ – ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਤਿਰੋਧ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਾਰਕਾਂ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ-
(i) ਚਾਲਕ ਦੀ ਲੰਬਾਈ (l)-ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਚਾਲਕ ਦੀ ਲੰਬਾਈ (l) ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਅਰਥਾਤ R ∝ l ………(1)

(ii) ਚਾਲਕ ਦੀ ਪਰਿਖੇਤਰ ਕਾਟ ਦਾ ਖੇਤਰਫਲ (A)-ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਤਿਰੋਧ ਉਸਦੀ ਪਰਿਖੇਤਰ ਕਾਟ (A) ਦੇ ਖੇਤਰਫਲ ਦਾ ਉਲਟ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਅਰਥਾਤ R ∝ \(\frac{1}{\mathrm{~A}}\) ………(2)

(iii) ਚਾਲਕ ਦੇ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ-ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਉਸ ਚਾਲਕ ਦੇ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਇਨ੍ਹਾਂ ਸਾਰੇ ਕਾਰਕਾਂ ਨੂੰ ਜੋੜਨ (ਸੰਯੋਜਿਤ) ਨਾਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ :
R ∝ \(\frac{l}{\mathrm{~A}}\)
ਜਾਂ R = ρ × \(\frac{l}{\mathrm{~A}}\) ਜਿੱਥੇ ਏ ਅਨੁਪਾਤੀ ਸਥਿਰ ਅੰਕ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੁਆਰਾ ਗਿਆਤ ਕਰੋ ਕਿ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਲਈ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦਾ ਮਾਨ ਕਿਨ੍ਹਾਂ-ਕਿਨ੍ਹਾਂ ਕਾਰਕਾਂ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 2
ਕਿਸੇ ਧਾਤੂ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਕਾਰਕਾਂ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਉਹ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੁਆਰਾ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ :
ਪ੍ਰਯੋਗ – ਇੱਕ ਬੈਟਰੀ, ਐਮਮੀਟਰ, ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕ ਤਾਰ ਅਤੇ ਸਵਿੱਚ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਬਣਾਓ। ਸਵਿੱਚ ਨੂੰ ਦਬਾ ਕੇ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰੋ । ਐਮਮੀਟਰ ਨਾਲ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਮਾਨ ਨੋਟ ਐਮੀਟਰ ਕਰੋ । ਹੁਣ ਇਸ ਤਾਰ ਦੀ ਥਾਂ ਤੇ ਉਸੇ ਲੰਬਾਈ ਅਤੇ ਮੋਟਾਈ ਦੀ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਧਾਤੂ ਦੀ ਤਾਰ ਦੁਆਰਾ ਜੋੜੋ ਅਤੇ ਐਮਮੀਟਰ ਦੁਆਰਾ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਮਾਨ ਨੋਟ ਕਰੋ । ਤਾਰ ਤੁਸੀਂ ਵੇਖਦੇ ਹੋ ਕਿ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਮਾਨ ਬਦਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਯੋਗ ਤੋਂ ਇਹ ਸਿੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਉਸ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਇੱਕ ਹੀ ਤਾਪ ਤੇ ਸਮਾਨ ਲੰਬਾਈ ਅਤੇ ਮੋਟਾਈ ਵਾਲੇ ਭਿੰਨਭਿੰਨ ਧਾਤੂਆਂ ਦੇ ਚਾਲਕਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਹੁਣ ਪਹਿਲੇ ਤਾਰ ਦੇ ਵਿਆਸ ਬਰਾਬਰ ਅਤੇ ਉਸ ਧਾਤੂ ਤੋਂ ਬਣੀ ਹੋਈ ਇੱਕ ਤਾਰ ਲਓ ਜਿਸ ਦੀ ਲੰਬਾਈ ਪਹਿਲੀ ਤਾਰ ਨਾਲੋਂ ਦੁੱਗਣੀ ਹੋਵੇ। ਇਸ ਤਾਰ ਨੂੰ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਜੋੜੋ ਅਤੇ ਇਸ ਵਿਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰੋ। ਤੁਸੀਂ ਦੇਖੋਗੇ ਕਿ ਧਾਰਾ ਦਾ ਇਹ ਮਾਪ ਪਹਿਲੇ ਮਾਪ ਤੋਂ ਅੱਧਾ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ ਜਾਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦੁੱਗਣਾ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ। ਇਸ ਤੋਂ ਸਿੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਤਿਰੋਧ ਲੰਬਾਈ ਦੇ ਸਮਾਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਜੇਕਰ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R ਅਤੇ ਤਾਰ ਦੀ ਲੰਬਾਈ l ਹੋਵੇ ਤਾਂ
R ∝ l ………..(1)

ਹੁਣ ਇੱਕ ਧਾਤੂ ਦੀਆਂ ਬਣੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਦੋ ਤਾਰਾਂ ਲਓ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਲੰਬਾਈ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਹੋਵੇ, ਪਰੰਤੂ ਕਾਟ ਦਾ ਖੇਤਰਫਲ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੋਵੇ। ਪਹਿਲਾਂ ਘੱਟ ਕਾਟ ਦੇ ਖੇਤਰਫਲ ਵਾਲੀ ਤਾਰ ਨੂੰ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਜੋੜੋ ਅਤੇ ਬਾਅਦ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਕਾਟ ਵਾਲੇ ਖੇਤਰਫਲ ਦੀ ਤਾਰ ਨੂੰ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਜੋੜੋ। ਤੁਸੀਂ ਦੇਖੋਗੇ ਕਿ ਤਾਰ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਮਾਨ ਪਹਿਲਾਂ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਅਧਿਕ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਇਸ ਤੋਂ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਦੂਸਰੇ ਤਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਪਹਿਲੇ ਤਾਰ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਹੈ। ਇਸ ਤੋਂ ਸਿੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਉਸਦੇ ਕਾਟ ਦੇ ਖੇਤਰਫਲ ਦੇ ਵਿਲੋਮ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਜੇਕਰ ਚਾਲਕ ਦਾ ਤਿਰੋਧ R ਅਤੇ ਤਾਰ ਦੀ ਕਾਟ ਦਾ ਖੇਤਰਫਲ A ਹੈ, ਤਾਂ
R ∝ \(\frac{1}{A}\) …………….. (2)
(1) ਅਤੇ (2) ਨੂੰ ਜੋੜਨ ਨਾਲ, R ∝ \(\frac{l}{\mathrm{~A}}[latex]
ਜਾਂ R = ρ × [latex]\frac{l}{a}\)

ਜਿੱਥੇ ρ ਸਥਿਰ ਅੰਕ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਨੂੰ ਚਾਲਕ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ। ਇਸ ਦਾ ਮਾਨ ਚਾਲਕ ਦੇ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਕਿਰਤੀ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਓਹਮ ਦਾ ਨਿਯਮ ਕੀ ਹੈ ? ਤੁਸੀਂ ਪ੍ਰਯੋਗਸ਼ਾਲਾ ਵਿੱਚ ਇਸ ਦੀ ਕਿਵੇਂ ਪੁਸ਼ਟੀ ਕਰੋਗੇ ?
ਜਾਂ
ਓਹਮ ਦਾ ਨਿਯਮ ਲਿਖੋ । ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਸਮਝਾਓ ਕਿ ਇਸ ਦੀ ਪ੍ਰਯੋਗਸ਼ਾਲਾ ਵਿਚ ਵਿਆਖਿਆ ਕਿਵੇਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਜਾਂ
ਓਹਮ ਦਾ ਨਿਯਮ ਲਿਖੋ । ਇਸ ਨੂੰ ਪ੍ਰਯੋਗਸ਼ਾਲਾ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗਾਤਮਕ ਤੌਰ ਤੇ ਸਿੱਧ ਕਰਨ ਲਈ ਸਰਕਟ ਚਿੱਤਰ ਬਣਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 3
ਓਹਮ ਦਾ ਨਿਯਮ (Ohm’s Law) – ਓਹਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ “ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਦੇ ਵਿੱਚ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਰy ਅਤੇ ਉਸ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੀ ਕਰੰਟ ਦੀ ਮਾਤਰਾ 1 ਦਾ ਅਨੁਪਾਤ ਸਦਾ ਸਥਿਰ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ, ਸ਼ਰਤ ਚਾਲਕ ਦੀਆਂ ਭੌਤਿਕ ਹਾਲਤਾਂ ਤਾਪਮਾਨ ਅਤੇ ਦਬਾਅ ਆਦਿ ਨਾ ਬਦਲਣ ।”
ਜਾਂ = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}\) = ਸਥਿਤ ਅੰਕ (R)
ਇਸ ਸਥਿਰ ਅੰਕ (R) ਨੂੰ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਓਹਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੀ ਪੁਸ਼ਟੀ-ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਚਾਲਕ PQ ਨੂੰ ਬੈਟਰੀ (B), ਇੱਕ ਕਰੰਟ ਨਿਯੰਤਰਕ (Rh), ਇੱਕ ਐਮਮੀਟਰ (A) ਅਤੇ ਇਕ ਕੁੰਜੀ (K) ਨੂੰ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਜੋੜੇ । ਚਾਲਕ PQ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਵੋਲਟ ਮੀਟਰ V ਲਗਾਓ, ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਵਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

ਹੁਣ ਕੁੰਜੀ ਵਿੱਚ ਪਲੱਗ ਲਗਾ ਕੇ ਚਾਲਕ PQ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੇ ਕਰੰਟ ਦੀ ਪੜ੍ਹਤ ਐਮਮੀਟਰ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਚਾਲਕ
ਕਰੋ ।

ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦਾ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ V ਵੋਲਟਮੀਟਰ ਵਿੱਚ ਨੋਟ ਕਰੋ। ਹੁਣ V ਅਤੇ I ਦਾ ਅਨੁਪਾਤ (\(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}\)) ਪਤਾ ਕਰੋ ।

ਹੁਣ ਨਿਯੰਤਰਕ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਕਰੰਟ ਦਾ ਮੁੱਲ ਬਦਲੋ ਅਤੇ ਵੋਲਟਮੀਟਰ ਅਤੇ ਐਮਮੀਟਰ ਦੀ ਨਵੀਂ ਪੜ੍ਹਤ ਨੋਟ ਕਰੋ। ਫਿਰ ਤੋਂ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਅਤੇ ਧਾਰਾ ਦੇ ਅਨੁਪਾਤ (\(\frac{V_{1}}{I_{1}}\)) ਦਾ ਮੁੱਲ ਪਤਾ ਕਰੋ । ਕਰੰਟ ਨਿਯੰਤਰਕ ਦੇ ਸੰਪਰਕ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਬਦਲ ਕੇ ਇਸ ਯੋਗ ਨੂੰ ਦੁਹਰਾਓ। ਮੰਨ ਲਓ ਇਸ ਵਾਰ ਐਮੀਟਰ ਦੀ ਪੜ੍ਹਤ I2 ਅਤੇ ਵੋਲਟਮੀਟਰ ਦੀ ਪੜ੍ਹਤ V2 ਹੈ । ਹੁਣ ਫਿਰ \(\frac{V_{2}}{I_{2}}\) ਦਾ ਅਨੁਪਾਤ ਕੱਢੋ। ਤੁਸੀਂ ਦੇਖੋਗੇ ਕਿ ਹਰ ਵਾਰ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਅਤੇ ਧਾਰਾ ਦਾ ਅਨੁਪਾਤ ਸਥਿਰ ਹੈ ।
ਅਰਥਾਤ \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}=\frac{\mathrm{V}_{1}}{\mathrm{I}_{1}}=\frac{\mathrm{V}_{2}}{\mathrm{I}_{2}}\) = ….R (ਸਥਿਰ ਅੰਕ)
ਇਸ ਸਥਿਰ ਅੰਕ ਨੂੰ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਓਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੀ ਪੁਸ਼ਟੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ। ਹੁਣ ਚਾਲਕ PQ ਦੇ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਮੁੱਲਾਂ ਅਤੇ ਇਸ ਅਨੁਸਾਰ ਕਰੰਟ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਮਾਨ ਦੇ ਵਿਚਾਲੇ ਗਰਾਫ਼ ਖਿੱਚੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 4

ਗਰਾਫ਼ ਇਕ ਸਿੱਧੀ ਰੇਖਾ ਹੈ, ਇਹ ਓਹਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੀ ਪੁਸ਼ਟੀ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਗਰਾਫ਼ ਤੋਂ ਪਤਾ ਲਗਦਾ ਹੈ ਕਿ, ਜਿਵੇਂ-ਜਿਵੇਂ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਵੱਧਦਾ ਹੈ, ਕਰੰਟ ਵਿੱਚ ਰੇਖੀ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜੋ ਕਿ ਓਹਮ ਦਾ ਨਿਯਮ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਜੋੜੇ ਗਏ ਕਈ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਾਂ ਦਾ ਡੁੱਲ-ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਕਿੰਨਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਸ ਲਈ ਇੱਕ ਸੰਬੰਧ ਦਾ ਵਿਉਂਤਪਤ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਜੋੜੇ ਗਏ ਕਈ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧਾਂ ਦਾ ਤੁੱਲ-ਪ੍ਰਤੀਰੋਧ ਕਿੰਨਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਚਿੱਤਰ ਬਣਾਓ ਅਤੇ ਸੰਬੰਧ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਾਂ ਨੂੰ ਲੜੀ ਵਿਚ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਸੰਯੋਜਨ ਦਾ ਤੁੱਲ-ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਇਕੱਲੇ-ਇਕੱਲੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਾਂ ਦੇ ਜੋੜ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 5
ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਜੋੜੇ ਗਏ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਾਂ ਦਾ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਡੁੱਲ – ਤਿਰੋਧਾਂ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧ ਦਾ ਵਿਉਂਤਪੱਤ-ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਜੁੜੇ ਹਿੱਸੇ ਤਿੰਨ ਵਿਰੋਧਾਂ r1,r2 ਅਤੇ r3 ਤੇ ਵਿਚਾਰ ਕਰੋ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ। ਮੰਨ ਲਓ, ਹਰੇਕ ਵਿੱਚ ਕਰੰਟ I ਲੰਘ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਇਸਦੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦੇ ਸਮਾਨੁਪਾਤੀ ਹੈ ।
ਮੰਨ ਲਓ,
V1 = r1 ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ
V2 = r2 ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ
V3 = r3 ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ
V = V1 + V2 + V3
ਮੰਨ ਲਓ, RS ਪੂਰੀ ਲੜੀ ਦਾ ਤਿਰੋਧ ਹੈ ।
ਓਹਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ,
V = IRS
ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ
V1 = Ir1
V2 = Ir2
V2 = Ir3

(i) ਵਿੱਚ ਮਾਨ ਰੱਖਣ ਤੇ
IRS = Ir1 + Ir2 + Ir3
ਇਸ ਲਈ ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਜੋੜੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਕੁੱਲ ਤਿਰੋਧ ਸਾਰੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਾਂ ਦੇ ਜੋੜਾਂ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਜਦੋਂ ਤਿੰਨ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਾਂ ਨੂੰ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਜੋੜ ਕੇ ਇੱਕ ਬੈਟਰੀ ਨਾਲ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੱਲਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦੇ ਲਈ ਇਕ ਸੰਬੰਧ ਮਾਲੂਮ ਕਰੋ।
ਜਾਂ
ਸਮਾਨਾਂਤਰਬੱਧ ਜੋੜੇ ਗਏ ਕੁੱਝ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧਾਂ ਦਾ ਡੁੱਲ-ਪ੍ਰਤੀਰੋਧ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ? ਚਿੱਤਰ ਬਣਾਓ ਅਤੇ ਸੰਬੰਧ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰੋ।
ਜਾਂ ਬਿਜਲੀ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਜਦ ਦੋ ਜਾਂ ਵੱਧ ਤਿਰੋਧਾਂ (R1, R2, R3, ………) ਨੂੰ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਪਰਿਣਾਮੀ ਤਿਰੋਧ (R) ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ V ਅਤੇ ਬਿਜਲੀਧਾਰਾ (I) ਲਈ ਸੰਬੰਧ/ਸੂਤਰ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰੋ । ਅੰਕਿਤ ਚਿੱਤਰ ਵੀ ਬਣਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ – ਮੰਨ ਲਓ, ਤਿੰਨ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R1, R2, R3, ਬਿੰਦੁ A ਅਤੇ B ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਜੋੜੇ ਗਏ ਹਨ। ਹੁਣ ਜੇ ਬਿੰਦੁ A ਅਤੇ B ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਲਗਾਉਣ ਤੇ ਮੁੱਖ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਕਰੰਟ I ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਬਿੰਦੁ A ਤੇ ਇਹ ਬਿਜਲੀ ਕਰੰਟ ਤਿੰਨ ਹਿੱਸਿਆਂ ਵਿੱਚ ਵੰਡਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਮੰਨ ਲਓ ਤਿਰੋਧ R1, R2, ਅਤੇ R3, ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਣ ਵਾਲਾ ਕਰੰਟ I1, I2, I3 ਹੈ ।
ਤਾਂ
I = I1 + I2 + I3

ਜੇ ਦੋਵੇਂ ਸਿਰਿਆਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ v ਹੈ, ਤਾਂ ਓਹਮ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ,
I1 = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{1}}\)
I2 = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{2}}\)
I3 = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{3}}\)
I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\) , ਜਿੱਥੇ ਕਿ ਸੰਯੋਜਨ ਦਾ ਡੁੱਲ-ਤਿਰੋਧ ਹੈ ।
(1) ਵਿੱਚ ਮਾਨ ਰੱਖਣ ਤੇ
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 6
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 7

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਬਿਜਲਈ-ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਬਿਜਲਈ-ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਮਾੜਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਜਾਂ
ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ। ਇਸ ਦੀ ਇਕਾਈ ਵਾਟ ਦੀ ਵੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਕਤੀ – ਕਾਰਜ ਕਰਨ ਦੀ ਦਰ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਕਤੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਮੰਨ ਲਓ, ਇਕ ਚਾਲਕ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿੱਚ V ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਲਗਾਇਆ ਹੈ ਅਤੇ I ਕਰੰਟ ਲੰਘਦਾ ਹੈ । t ਸਮੇਂ ਦੇ ਲਈ I ਕਰੰਟ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਹੋਵੇਗਾ-
W = VIt
ਪਰ ਸਰਕਟ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਪ੍ਰਗਟ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 8
= \(\frac{\mathrm{W}}{t}\)
= \(\frac{\mathrm{VI} t}{t}\)
= VI
P = VI
ਓਹਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ,
P = \(\frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{R}}\) [∵ I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\)]
ਅਤੇ P = I2R [ ∵ V = IR]
ਬਿਜਲਈ-ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ ਇਕਾਈ-
∵ P = V × I

ਜੇ V ਨੂੰ ਵੋਲਟ ਵਿੱਚ ਅਤੇ I ਨੂੰ ਐਮਪੀਅਰ ਵਿੱਚ ਮਾਪਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਸ਼ਕਤੀ ਵਾਟ ਵਿੱਚ ਹੋਵੇਗੀ ।
ਵਾਟ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ – ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਵਾਟ ਬਿਜਲਈ-ਸ਼ਕਤੀ ਤਦ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਇੱਕ ਵੋਲਟ ਦਾ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਉਸ ਵਿਚੋਂ ਇੱਕ ਐਮਪੀਅਰ ਕਰੰਟ ਲੰਘ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ ।
1 ਵਾਟ = 1 ਵੋਲਟੋ × 1 ਐਮਪੀਅਰ ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ ਵੱਡੀ ਇਕਾਈ ਕਿਲੋਵਾਟ (kw) ਹੈ ।
1 ਕਿਲੋਵਾਟ = 1000 ਵਾਟ
ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ – ਕਿਸੇ ਨਿਸਚਿਤ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਧਾਰਾ ਦੁਆਰਾ ਕੁੱਲ ਕੀਤੇ ਗਏ ਕਾਰਜ ਦੀ ਮਾਤਰਾ, ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਕਹਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
1 ਕਿਲੋਵਾਟ = 1000 ਵਾਟ
ਮੰਨ ਲਓ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਵਿਚੋਂ I ਐਮਪੀਅਰ ਧਾਰਾ t ਸਮੇਂ ਲੰਘਦੀ ਹੈ, ਜਦਕਿ ਇਸ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ V ਵੋਲਟ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਵਰਤੀ ਗਈ ਉਰਜਾ ਜਾਂ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਗਟ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ-
W = QV
W = VIt ਹੁਣ, ਓਹਮ ਨਿਯਮ ਤੋਂ
V = IR
W = I2Rt
ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਿਜਲ-ਊਰਜਾ (W) ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ-
(i) ਕਰੰਟ ਦਾ ਵਰਗ (I2)
(ii) ਤਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ (R)
(iii) ਸਮਾਂ (1) ਜਿਸ ਲਈ ਕਰੰਟ ਤਾਰ ਵਿਚੋਂ ਲੰਘਦਾ ਹੈ ।
ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਦੀ ਮਾਣਕ ਇਕਾਈ ਜੂਲ ਜਾਂ ਵਾਟ ਸੈਕਿੰਡ ਹੈ ਪਰ ਇਹ ਇੱਕ-ਛੋਟੀ ਇਕਾਈ ਹੈ। ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵੱਡੀ ਇਕਾਈ ਵਾਟ ਘੰਟਾ ਹੈ ।

ਵਾਟ ਘੰਟਾ – ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਇੱਕ ਵਾਟ ਘੰਟਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜੇਕਰ ਚਾਲਕ ਵਿਚੋਂ ਇੱਕ ਐਮਪੀਅਰ ਕਰੰਟ ਇੱਕ ਘੰਟੇ ਲਈ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਜਦੋਂ ਇਸ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਇੱਕ ਵੋਲਟ ਦਾ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਹੋਵੇ।
1 ਵਾਟ ਘੰਟਾ = 1 ਵਾਟ × 1 ਘੰਟਾ
= 1 ਵੋਲਟ × 1 ਐਮਪੀਅਰ × 1 ਘੰਟਾ
ਬਿਜਲ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵੱਡੀ ਇਕਾਈ ਨੂੰ ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ (kWh) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
1 ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ = 1000 ਵਾਟ ਘੰਟਾ
ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ ਇਕਾਈ ਵਪਾਰਕ ਬੋਰਡ ਵਲੋਂ ਮਾਨਤਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੈ। ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਨੂੰ B.O.T. ਇਕਾਈ ਵੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ। ਘਰੇਲੂ ਉਪਯੋਗ ਲਈ ਇਹ ਬਿਜਲ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵਪਾਰਕ ਇਕਾਈ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ (ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਚਾਰਜ ਦੇ ਪ੍ਰਵਾਹ ਲਈ ਇਲੈਂਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ।
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸੇ ਧਾਤਵੀਂ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਪਰਮਾਣੂ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੇ ਹਨ। ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਉਪਸਥਿਤ ਸੁਤੰਤਰ ਇਲੈੱਕਟੁਨ ਸਾਰੀਆਂ ਦਿਸ਼ਾਵਾਂ ਵਿੱਚ ਗਤੀ ਕਰਦੇ ਹਨ। ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਦਿਸ਼ਾਵਾਂ ਵਿੱਚ ਗਤੀ ਕਰਨ ਦੇ ਕਾਰਨ ਇਲੈੱਕਵਾਂਨਾਂ ਦਾ ਬਹਾਓ ਕਿਸੇ ਨਿਸਚਿਤ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਕਿਸੇ ਚਾਰਜ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਨਹੀਂ
ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 9

ਜਦੋਂ ਇਸ ਚਾਲਕ (ਤਾਰ) ਨੂੰ ਬੈਟਰੀ ਦੇ ਨਾਲ ਜੋੜ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਚਾਲਕ ਦਾ ਇੱਕ ਸਿਰਾ ਧਨ ਅਤੇ ਦੂਜਾ ਸਿਰਾ ਰਿਣ ਬਣ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਨ ਧਨ ਖੇਤਰ ਵੱਲ ਖਿੱਚੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜਿਸਦੇ ਫਲਸਰੂਪ ਉਹ ਖੱਬੇ ਪਾਸੇ ਵੱਲ ਨੂੰ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ। ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨਾਂ ਦੀ ਗਤੀ ਸੱਜੇ ਤੋਂ ਖੱਬੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਚਾਰਜ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਸੱਜੇ ਤੋਂ ਖੱਬੇ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਵਰਤਾਰੇ ਨੂੰ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਚਿੱਤਰ ਦੁਆਰਾ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਸਾਡੇ ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਕੀ ਰੋਲ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਰੋਲ-ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਯੋਗਦਾਨ ਹੈ। ਇਸ ਨਾਲ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਕਈ ਸਹੂਲਤਾਂ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ ਰਾਤ ਨੂੰ ਹਨੇਰਾ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ ਇਸਦਾ ਉਪਯੋਗ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਬੱਲਬ ਅਤੇ ਟਿਊਬ ਲਾਈਟ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਗਰਮੀਆਂ ਵਿੱਚ ਡੇਜ਼ਰਟ ਕੂਲਰ, ਏਅਰ ਕੰਡੀਸ਼ਨਰ ਆਦਿ ਨਾਲ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰ ਕੇ ਘਰਾਂ ਨੂੰ ਠੰਡਾ ਅਤੇ ਸਰਦੀਆਂ ਵਿੱਚ ਹੀਟਰ ਆਦਿ ਨਾਲ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਛੁੱਟ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਕੇ ਟੈਲੀਵਿਜ਼ਨ, ਰੇਡੀਓ, ਸਿਨੇਮਾ ਅਤੇ ਸੰਗੀਤ ਆਦਿ ਦੁਆਰਾ ਮਨੋਰੰਜਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਖੇਤੀ, ਆਵਾਜਾਈ ਅਤੇ ਉਦਯੋਗਾਂ ਵਿੱਚ ਮਸ਼ੀਨਾਂ ਆਦਿ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ਵੀ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਇਲੈਕਟ੍ਰੋਸਟੈਟਿਕਸ ਤੋਂ ਤੁਹਾਡਾ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਲੈੱਕਟ੍ਰੋਸਟੈਟਿਕਸ (Electrostatics) – ਜਦੋਂ ਦੋ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਦੂਜੇ ਨਾਲ ਰਗੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੋਨਾਂ ਵਿੱਚ ਛੋਟੀਆਂ-ਛੋਟੀਆਂ ਅਤੇ ਹਲਕੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਵੱਲ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਕਰਨ ਦਾ ਗੁਣ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਅਜਿਹਾ ਰਗੜ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਹੋਈ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਨੂੰ ਰਗੜ ਬਿਜਲੀ ਜਾਂ ਸਥਿਰ ਬਿਜਲੀ ਵੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ। ਸਥਿਰ ਚਾਰਜਾਂ ਦੇ ਅਧਿਐਨ ਨੂੰ ‘ਇਲੈੱਕਟ੍ਰੋਸਟੈਟਿਕਸ’ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਉਦਾਰਹਨ-ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਪੈਂਨ ਨੂੰ ਸੁੱਕੇ ਵਾਲਾਂ ਦੇ ਨਾਲ ਰਗੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਕਾਗ਼ਜ਼ ਦੇ ਛੋਟੇ-ਛੋਟੇ ਟੁਕੜਿਆਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਵੱਲ ਖਿੱਚ ਲੈਂਦਾ ਹੈ। ਇਹ ਰਗੜ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਹੋਈ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਸੰਭਵ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਧਨ ਅਤੇ ਰਿਣ ਚਾਰਜ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਹ ਕਿਵੇਂ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਨ ਚਾਰਜ (Positive Charge) – ਰੇਸ਼ਮ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਦੇ ਨਾਲ ਰਗੜਨ ਤੇ ਕੱਚ ਦੀ ਛੜ ਤੇ ਪੈਦਾ ਹੋਏ ਚਾਰਜ ਨੂੰ ਧਨ ਚਾਰਜ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਰਿਣ ਚਾਰਜ (Negative Charge) – ਬਿੱਲੀ ਦੀ ਖੱਲ ਨਾਲ ਰਗੜਨ ਤੇ ਆਬਨੂਸ (ਐਨਾਈਟ ਦੀ ਛੜ ’ਤੇ ਪੈਦਾ ਹੋਏ ਚਾਰਜ ਨੂੰ ਰਿਣ ਚਾਰਜ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਚਾਲਕਾਂ ਅਤੇ ਰੋਧਕਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ।
ਜਾਂ
ਚਾਲਕ ਅਤੇ ਰੋਧਕ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਚਾਲਕ ਅਤੇ ਰੋਧਕ (Conductors and insulators)-
ਚਾਲਕ-ਚਾਲਕਾਂ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਸੁਤੰਤਰ ਇਲੈੱਕਵਾਂਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਬਿਜਲ ਕਰੰਟ ਦੇ ਪ੍ਰਭਾਵ ਅਧੀਨ ਗਤੀ ਕਰਦੇ ਹਨ। ਜਦੋਂ ਚਾਲਕ ਨੂੰ ਬੈਟਰੀ ਨਾਲ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਇਲੈੱਕਟਾਂ ਇਸ ਦੇ ਧਨ ਟਰਮੀਨਲ ਵੱਲ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਰਿਣ ਟਰਮੀਨਲ ਤੋਂ ਪ੍ਰਤਿਕਰਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ। ਇਸ ਲਈ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਇਨ੍ਹਾਂ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨਾਂ ਦੀ ਗਤੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਚਾਰਜ ਦਾ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਲਈ ਚਾਲਕ ਅਜਿਹੇ ਪਦਾਰਥ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਬਿਜਲ ਕਰੰਟ ਲੰਘਦਾ ਹੈ।
ਉਦਾਹਰਨ – ਤਾਂਬਾ, ਚਾਂਦੀ, ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਆਦਿ ।

ਰੋਧਕ – ਅਜਿਹੇ ਪਦਾਰਥ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਤੰਤਰ ਇਲੈੱਕਵਾਂਨ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੁੰਦੇ ਹਨ। ਇਨ੍ਹਾਂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿੱਚ ਇਲੈੱਕਟਾਂਨ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਗਤੀ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ ਅਰਥਾਤ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲ ਕਰੰਟ ਨਹੀਂ ਲੰਘਦਾ ਉਹ ਰੋਧਕ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ-ਰਬੜ, ਕੱਚ, ਪਲਾਸਟਿਕ ਆਦਿ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਬਿਜਲਈ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਦਾ ਕੀ ਅਰਥ ਹੈ ? ਧਨ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅਤੇ ਰਿਣ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਟੈਂਸ਼ਲ – ਇਹ ਚਾਲਕ ਦੀ ਇੱਕ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਬਿਜਲਈ ਅਵਸਥਾ ਹੈ ਜੋ ਸਾਨੂੰ ਇਹ ਦੱਸਦੀ ਹੈ ਕਿ ਕਿਸੇ ਦੂਸਰੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਆਉਣ ਨਾਲ ਬਿਜਲਈ ਚਾਰਜ ਦਾ ਬਹਾਓ ਕਿਸ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੋਵੇਗਾ। ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਧਰਤੀ ਦੇ ਸਾਪੇਖ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਧਨ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ – ਜੇਕਰ ਧਨ ਚਾਰਜ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਧਰਤੀ ਵੱਲ ਵਹਿੰਦਾ ਜਾਂ ਇਲੈਕਟ੍ਰਾਨ ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਵਸਤੂ ਵੱਲ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਣ ਤਾਂ ਉਸ ਵਸਤੂ ਦੇ ਟੈਂਸ਼ਲ ਨੂੰ ਧਨ ਟੈਸ਼ਲ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਕਿਸੇ ਸੈੱਲ ਦੇ ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਬਲ ਦਾ ਕੀ ਅਰਥ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੈੱਲ ਦਾ ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਬਲ – ਇਕਾਈ ਚਾਰਜ ਨੂੰ ਪੂਰੇ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰਾਉਣ ਵਿੱਚ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਸੈੱਲ ਦੁਆਰਾ ਖ਼ਰਚ ਕੀਤੀ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਸੈੱਲ ਦਾ ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਬਲ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ। ਇਸ ਨੂੰ E ਦੁਆਰਾ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਬਲ ਦੀ S.I ਇਕਾਈ ਵੋਲਟ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਇਲੈੱਕਟ੍ਰੋਸਟੈਟਿਕਸ ਵਿੱਚ ਕੂਲਾਂਮ ਦਾ ਨਿਯਮ ਬਿਆਨ ਕਰੋ ਅਤੇ ਇਸ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਸਥਿਰ ਬਿਜਲਈ ਵਿੱਚ ਕੂਲਾਂਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਜਾਂ
ਸਥਿਰ ਬਿਜਲਈ ਵਿੱਚ ਕੂਲਾਂਮ ਦਾ ਨਿਯਮ ਬਿਆਨ ਕਰੋ ਅਤੇ ਇਸ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਇਲੈੱਕਟ੍ਰੋਸਟੈਟਿਕਸ ਵਿੱਚ ਕੂਲਾਮ ਦਾ ਨਿਯਮ – ਕੂਲਾਂਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਦੋ ਸਮਜਾਤੀ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਚਾਰਜਿਤ ਵਸਤੁਆਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਅਪਕਰਸ਼ਨ ਬਲ ਜਾਂ ਦੋ ਅਸਮਜਾਤੀ ਚਾਰਜ ਵਾਲੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਉਨ੍ਹਾਂ ਚਾਰਜਾਂ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਦੇ ਗੁਣਾਂ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ ਦੇ ਵਰਗ ਦੇ ਉਲਟ ਸਮਾਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 10

ਮੰਨ ਲਓ ਦੋ ਬਿੰਦੂਆਂ ਤੇ ਚਾਰਜ ਦੀ ਮਾਤਰਾ q1 ਅਤੇ q2 ਹੈ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ ‘d’ ਹੈ। ਜੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਕਿਰਿਆ ਕਰ ਰਿਹਾ ਬਲ F ਹੋਵੇ, ਤਾਂ
F ∝ q1q2 ……….(i)
ਅਤੇ
F ∝ \(\frac{1}{d^{2}}\) ………(ii)
ਸਮੀਕਰਨ (1) ਅਤੇ (ii) ਨੂੰ ਮਿਲਾ ਕੇ,
F ∝ \(\frac{q_{1} q_{2}}{d^{2}}\)
ਜਾਂ
F = \(\frac{q_{1} q_{2}}{d^{2}}\)
ਜਿੱਥੇ K ਅਨੁਪਾਤ ਅੰਕ ਹੈ ਜਿਸਦਾ ਮੁੱਲ ਚਾਰਜਾਂ ਦੇ ਮਾਧਿਅਮ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਚਾਰਜਾਂ ਨੂੰ ਕੂਲਾਂਮ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਦੂਰੀ ਨੂੰ ਮੀਟਰਾਂ ਵਿੱਚ ਲਿਆ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਹਵਾ ਜਾਂ ਨਿਰਵਾਯੂ ਲਈ K = 9 × 109 ਹੈ ।
F = 9 × 109 × \(\) ਨਿਊਟਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਜਾਂ
ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਕਿਸਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਇਸ ਦੀ ਇਕਾਈ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ-ਇੱਕ ਬਿਜਲੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਦੋ ਬਿੰਦੂਆਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਉਸ ਖੇਤਰ ਕਾਰਨ ਸਥਿਰ ਬਿਜਲੀ ਦਲ ਦੇ ਉਲਟ ਇੱਕ ਇਕਾਈ ਧਨ ਚਾਰਜ ਨੂੰ ਇੱਕ ਬਿੰਦੂ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਬਿੰਦੂ ਤਕ ਲੈ ਜਾਣ ਲਈ ਕੀਤੇ ਗਏ ਕਾਰਜ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਹੈ । ਪੁਟੈਂਥਲ ਅੰਤਰ ਦੀ ਇਕਾਈ ਵੋਲਟ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਵੋਲਟ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ। ਇਹ ਕਿਸ ਦੀ ਇਕਾਈ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵੋਲਟ-ਬਿਜਲੀ ਖੇਤਰ ਦੇ ਦੋ ਬਿੰਦੂਆਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਇੱਕ ਵੋਲਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਦੋਂ ਇੱਕ ਕੂਲਾਮ ਦੇ ਚਾਰਜ ਨੂੰ ਇਕ ਬਿੰਦੂ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਬਿੰਦੂ ਤਕ ਲੈ ਜਾਣ ਵਿੱਚ 1 ਜੂਲ ਕਾਰਜ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੋਵੇ
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 11
ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਦੀ ਇਕਾਈ ਵੋਲਟ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਅਸੀਂ ਕਿਵੇਂ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਬਿਜਲ ਕਰੰਟ ਚਾਰਜ ਦੇ ਪ੍ਰਵਾਹ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੇ ਅਸੀਂ ਇੱਕ ਚਾਰਜਿਤ ਬਿਜਲਦਰਸ਼ੀ ਨੂੰ ਤਾਰਾਂ ਦੁਆਰਾ ਅਣਚਾਰਜਿਤ ਬਿਜਲਦਰਸ਼ੀ ਦੇ ਨਾਲ ਜੋੜੀਏ, ਤਾਂ ਚਾਰਜ ਚਾਰਜਿਤ ਬਿਜਲਦਰਸ਼ੀ ਤੋਂ ਅਣਚਾਰਜਿਤ ਬਿਜਲਦਰਸ਼ੀ ਵੱਲ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰਨਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦੇਵੇਗਾ। ਇਸ ਨਾਲ ਅਸਚਾਰਜਿਤ ਬਿਜਲਦਰਸ਼ੀ ਦੇ ਪੱਤਰੇ ਵਧੇਰੇ ਫੈਲ ਕੇ ਇੱਕ ਦੂਜੇ ਤੋਂ ਵੱਖ ਹੋ ਜਾਣਗੇ ਅਤੇ ਖੁੱਲ੍ਹ ਜਾਣਗੇ। ਕਰੰਟ ਦਾ ਇਹ ਵਾਹ ਓਨੀ ਦੇਰ ਤਕ ਚਲਦਾ ਰਹੇਗਾ ਜਦੋਂ ਤੱਕ ਕਿ ਦੋਵੇਂ ਬਿਜਲਦਰਸ਼ੀਆਂ ਦੇ ਪੱਤਰੇ ਇੱਕ ਨਹੀਂ ਹੋ ਜਾਂਦੇ। ਬਰਾਬਰੀ ਆਉਣ ‘ਤੇ ਬਿਜਲਦਰਸ਼ੀ ਤੇ ਪੱਤਰੇ ਇੱਕ ਸਾਰ ਖੁੱਲ੍ਹਣਗੇ। ਚਾਰਜ ਦੇ ਇਸ ਪ੍ਰਵਾਹ ਨੂੰ ਹੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਬਿਜਲ ਕਰੰਟ ਕੀ ਹੈ ?
ਜਾਂ
ਬਿਜਲ ਕਰੰਟ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲ ਕਰੰਟ (Electric Current) – ਜਦੋਂ ਦੋ ਬਿੰਦੂ, ਜੋ ਕਿ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਟੈਂਸ਼ਲਾਂ ਤੇ ਹੋਣ, ਨੂੰ ਇੱਕ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਤਾਰ ਦੁਆਰਾ ਜੋੜ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਚਾਰਜ ਵੱਧ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਤੋਂ ਘੱਟ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਵਾਲੇ ਚਾਲਕ ਵੱਲ ਪ੍ਰਵਾਹ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਕਿਰਿਆ ਉਦੋਂ ਤੱਕ ਚਲਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ, ਜਦੋਂ ਤਕ ਕਿ ਦੋਨੋਂ ਬਿੰਦੂਆਂ ਦਾ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਬਰਾਬਰ ਨਹੀਂ ਹੋ ਜਾਂਦਾ । ਜੇ ਦੋਨਾਂ ਬਿੰਦੂਆਂ ਵਿੱਚ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਬਣਿਆ ਰਹੇ, ਤਾਂ ਚਾਰਜ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਜਾਰੀ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚਾਰਜ ਦੇ ਲਗਾਤਾਰ ਪ੍ਰਵਾਹ ਨੂੰ ਕਰੰਟ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਕਿਵੇਂ ਊਸ਼ਮਾ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸੇ ਧਾਤਵੀ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਵੱਡੀ ਸੰਖਿਆ ਵਿੱਚ ਮੁਕਤ ਇਲੈੱਕਵਾਂਨ ਗਤੀ ਕਰਦੇ ਹਨ। ਜਦੋਂ ਚਾਲਕ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਸਰੋਤ ਨਾਲ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਮੁਕਤ ਇਲੈੱਕਫੁੱਟ ਉੱਚੇ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਤੋਂ ਨੀਵੇਂ ਟੈਂਸ਼ਲ ਵੱਲ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਤੋਂ ਇਲੈਂਕਨ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਟਕਰਾਓ ਕਾਰਨ ਮੁਕਤ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨਾਂ ਦੀ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਚਾਲਕ ਦੇ ਪਰਮਾਣੁਆਂ ਵਿੱਚ ਸਥਾਨਾਂਤਰਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਚਾਲਕ ਦੇ ਤਾਪ ਦੀ ਧੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਊਸ਼ਮਾ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈ ਊਸ਼ਮਾ ਦਾ ਸੰਬੰਧ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਅਤੇ ਊਸ਼ਮਾ ਵਿਚਕਾਰ ਸੰਬੰਧ – ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਲੰਘਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਹ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਜੂਲ ਨਾਂ ਦੇ ਵਿਗਿਆਨਿਕ ਨੇ ਸਾਨੂੰ ਇਹ ਦੱਸਿਆ ਸੀ । ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਨੂੰ ਜੂਲ ਦਾ ਤਾਪਨ ਪ੍ਰਭਾਵ ਦਾ ਨਿਯਮ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ। ਕਿਉਂਕਿ ਚਾਲਕ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਪ੍ਰਵਾਹ ਦਾ ਤਿਰੋਧ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਲਗਾਤਾਰ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਪ੍ਰਵਾਹ ਹੋਣ ਵਿੱਚ ਕਾਰਜ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ਜੋ ਉਸ਼ਮਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਗਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਮੰਨ ਲਓ ਕਿਸੇ R ਤਿਰੋਧ ਵਾਲੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ t ਸੈਕਿੰਡ ਤੱਕ I ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ, V ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਤੇ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ ਅਤੇ t ਸਮਾਂ ਲਈ I ਧਾਰਾ Q ਚਾਰਜ ਕਾਰਨ ਹੋਵੇ ਤਾਂ,
I = \(\frac{\mathrm{Q}}{t}\)
ਜਾਂ Q = I × t
Q ਚਾਰਜ ਲਈ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ W = Q × V
= It × V
= It × I × R
= I2 Rt (∵ V = I × R)
ਜੇਕਰ ਉਤਸਰਜਿਤ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਮ ਨਾਲ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ
H = W
∴ H = I2Rt ਜੂਲ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਚਾਲਕ ਦੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ । ਇਸ ਦਾ ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਦੱਸੋ ।
ਜਾਂ
ਚਾਲਕ ਦੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇਸ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ – ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿੱਚ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਅਤੇ ਉਸ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੇ ਕਰੰਟ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਦੇ ਅਨੁਪਾਤ ਨੂੰ ਚਾਲਕ ਦਾ ਤਿਰੋਧ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਜੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ vਹੋਵੇ ਅਤੇ ਇਸ ਵਿਚੋਂ ਲੰਘ ਰਹੀ ਕਰੰਟ ਦੀ ਮਾਤਰਾ 1 ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ (R)
ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ (V) ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ (R)
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 12

ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦਾ ਮਾਤ੍ਰਿਕ-S.I. ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦਾ ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਓਹਮ ਹੈ ਜਦਕਿ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਵੋਲਟ ਅਤੇ ਬਿਜਲੀ ਕਰੰਟ ਨੂੰ ਐਮਪੀਅਰ ਵਿੱਚ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਓਹਮ (Ohn) – ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਤਿਰੋਧ ਇੱਕ ਓਹਮ ਹੋਵੇਗਾ ਜੇ ਉਸਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਇੱਕ ਵਲਟ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਉਸ ਵਿਚੋਂ ਲੰਘ ਰਹੇ ਕਰੰਟ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਇੱਕ ਐਮਪੀਅਰ ਹੋਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇਸ ਦਾ S.I. ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਲਿਖ ਕੇ ਮਹੱਤਤਾ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ – ਕਿਸੇ ਇਕਾਈ ਲੰਬਾਈ ਅਤੇ ਇਕਾਈ ਪਰਿਖੇਤਰਫਲ ਵਾਲੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਉਸ ਚਾਲਕ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ ਕਹਾਉਂਦੀ ਹੈ। ਇਸ ਦਾ S.I. ਮਾਤ੍ਰਿਕ Ω m (ਓਹਮ-ਮੀਟਰ ਹੈ ।
ਮਹੱਤਤਾ-

  1. ਇਹ ਤਾਪਮਾਨ ਦੇ ਨਾਲ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਉਹ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਕੁਚਾਲਕ ਜਾਂ ਘੱਟ ਚਾਲਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
  3. ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਉਹ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੰਗੇ ਚਾਲਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ। ਜਿਵੇਂ-ਧਾਤਾਂ, ਮਿਸ਼ਰਧਾਤਾਂ ਆਦਿ ।
  4. ਕਿਸੇ ਮਿਸ਼ਰਧਾਤੂ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ ਉਸਦੀਆਂ ਘਟਕ ਧਾਤਾਂ ਤੋਂ ਅਧਿਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਤਾਪੀ ਉਪਕਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉੱਚ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ ਦੇ ਗੁਣਾਂ ਵਾਲੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਤਾਪਨ ਉਪਕਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ-

  1. ਇਹ ਉੱਚੇ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਆਕਸੀਕ੍ਰਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
  2. ਇਹ ਅਧਿਕ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  3. ਇਹ ਉੱਚੇ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਨਹੀਂ ਜਲਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਬਿਜਲ ਸਰਕਟ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਹ ਇੱਕ ਬੰਦ ਸਰਕਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨ ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਲੰਘਦੇ ਹਨ। ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਨੂੰ ਬੈਟਰੀ ਨਾਲ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਇਲੈੱਕਟਾਂਨ ਰਿਣ ਟਰਮੀਨਲ ਤੋਂ ਧਨ ਟਰਮੀਨਲ ਵੱਲ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹਨ। ਪਰ ਕਰੰਟ (I) ਦੀ ਪਰੰਪਰਿਕ ਦਿਸ਼ਾ ਇਲੈਂਕਨ ਦੇ ਪ੍ਰਵਾਹ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਤੋਂ ਉਲਟ ਲਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਬਿਜਲਈ ਕਰੰਟ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੀਆਂ ਮਾਤ੍ਰਿਕਾਂ ਦੱਸੋ।
ਜਾਂ
ਬਿਜਲਈ ਕਰੰਟ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸਦੀ S.I. ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਇਕਾਈ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਕਰੰਟ (Current) – ਜੇ ਦੋ ਚਾਰਜਿਤ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਇੱਕ ਚਾਲਕ ਦੁਆਰਾ ਜੋੜਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਇਲੈੱਕਵਾਂਨ ਇੱਕ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਦੂਜੀ ਵਸਤੂ ਵੱਲ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ। ਇਲੈਂਕਟਾਂਨਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਵਾਹ ਦੀ ਦਰ ਨੂੰ ਬਿਜਲ ਈਧਾਰਾ (I) ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਦੂਜੇ ਸ਼ਬਦਾਂ ਵਿੱਚ, ਇਕਾਈ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੇ ਚਾਰਜ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਕਰੰਟ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 13
= 6.25 × 1018 ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨ

ਐਮਪੀਅਰ (Ampere) – ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚੋਂ ਇੱਕ ਸੈਕਿੰਡ ਲਈ ਇੱਕ ਕੂਲਾਂ ਚਾਰਜ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸ ਨੂੰ ਇੱਕ ਐਮਪੀਅਰ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ।
ਕਰੰਟ ਦੀ ਛੋਟੀ ਇਕਾਈ ਮਿਲੀ-ਐਮਪੀਅਰ ਹੈ ।
1 ਮਿਲੀ-ਐਮਪੀਅਰ = \(\frac{1}{1000}\) ਐਮਪੀਅਰ
= 10-3 ਐਮਪੀਅਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਕਰੰਟ ਮਾਪਣ ਲਈ ਕਿਸ ਯੰਤਰ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਇਸ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰੰਟ ਨੂੰ ਮਾਪਣ ਲਈ ਐਮਮੀਟਰ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਇਹ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਹਮੇਸ਼ਾ ਇਸ ਢੰਗ ਨਾਲ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਸੰਪੂਰਨ ਕਰੰਟ ਇਸ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਵੇ ਅਰਥਾਤ ਲੜੀਵਾਰ ਕੂਮ ਵਿਚ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਐਮਮੀਟਰ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 14

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਦੀ ਇਕਾਈ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ।
ਜਾਂ
ਇਕ ਵਾਟ = ਘੰਟਾ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ । ਉੱਤਰ-ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਦੀ ਇਕਾਈ ਜੂਲ/ਵਾਟ-ਸੈਕਿੰਡ/ਵਾਟ-ਘੰਟਾ ਹੈ।
ਵਾਟ-ਘੰਟਾ-ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਇੱਕ ਵਾਟ-ਘੰਟਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜੇ ਇਕ ਐਮਪੀਅਰ ਕਰੰਟ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚੋਂ ਇੱਕ ਘੰਟੇ ਲਈ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਜਦੋਂ ਉਸਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਵੋਲਟ ਦਾ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਹੋਵੇ !
1 ਵਾਟ ਘੰਟਾ = 1 ਵਾਟ × 1 ਘੰਟਾ
= 1 ਵੋਲਟ × 1 ਐਮਪੀਅਰ × 1 ਘੰਟਾ
ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਵੱਡੀ ਇਕਾਈ ਨੂੰ ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
1 ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ = 1000 ਵਾਟ ਘੰਟਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਇਕ ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ ਵਿੱਚ ਕਿੰਨੇ ਜੂਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਜਾਂ
ਇਕ ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ ਨੂੰ ਪਰਿਭਾਸ਼ਿਤ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ – ਜੇਕਰ ਇੱਕ ਕਿਲੋਵਾਟ ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਕਤੀ ਨੂੰ 1 ਘੰਟੇ ਤਕ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਖਪਤ ਹੋਈ ਊਰਜਾ ਇੱਕ ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ (kWh) ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
∴ 1 kWh = 1 kW × 1 ਘੰਟਾ
= 1000 ਵਾਟ × 3600 ਸੈਕਿੰਡ
= 1000 PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 15 × 3600 ਸੈਕਿੰਡ
∴ 1 ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ (1 kWh) = 36 × 105 ਜੂਲ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਕੀ ਕਾਰਨ ਹੈ ਕਿ ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਤਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਤਾਪਮਾਨ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਦਕਿ ਬਿਜਲਈ ਬੱਲਬ ਦੇ ਫਿਲਾਮੈਂਟ ਵਿੱਚ ਉੱਚ ਤਾਪਮਾਨ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਤਾਰਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਬਿਜਲਈ ਬੱਲਬ ਦੇ ਫਿਲਾਮੈਂਟ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ, ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰਨ ਤੇ ਬਿਜਲਈ ਬੱਲਬ ਦੇ ਫਿਲਾਮੈਂਟ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰਾ ਉੱਚਾ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਬਿਲਜਈ ਵਾਹਕ ਤਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ :-
(i) ਜੇਕਰ ਤੁਸੀਂ ਐਮਮੀਟਰ ਨੂੰ ਸਮਾਨੰਤਰ ਕ੍ਰਮ ਵਿੱਚ ਸੰਯੋਜਿਤ ਕਰਦੇ ਹੋ ਤਾਂ ਐਮਮੀਟਰ ਕਿਉਂ ਸੜ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
(ii) ਇੱਕ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਤਾਪ ਤੋਂ ਕੁੱਝ ਹੇਠਾਂ ਕੁੱਝ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ ਘੱਟ ਕੇ ਜ਼ੀਰੋ ਕਿਉਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
(i) ਸਰਕਟ ਦੇ ਹੋਰ ਉਪਕਰਨਾਂ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਐਮਮੀਟਰ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਨਾ ਹੋਣ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਜਦੋਂ ਐਮਮੀਟਰ ਨੂੰ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਸਮਾਨੰਤਰ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਸਰਕਟ ਦਾ ਕੁੱਲ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਐਮਮੀਟਰ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿੱਚ ਕਾਰਜ ਕਰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਐਮਮੀਟਰ ਵਿੱਚ ਉੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸ ਕਾਰਨ ਵਧੇਰੇ ਤਾਪ ਦੇ ਉਤਪੰਨ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਐਮਮੀਟਰ ਸੜ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(ii) ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਤਾਪ ਭਾਂਤਿਕ ਤਾਪ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਪਦਾਰਥ ਅਤਿਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਉਸਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਅਚਾਨਕ ਜ਼ੀਰੋ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਬਿਜਲਈ ਉਪਕਰਨਾਂ ਨੂੰ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਕ੍ਰਮ ਵਿੱਚ ਜੋੜਨਾ ਕਿਉਂ ਲਾਭਦਾਇਕ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਸੰਯੋਜਨ ਦੇ ਲਾਭ-

  1. ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਾਂ ਨੂੰ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਜੋੜਨ ਨਾਲ ਕਿਸੇ ਵੀ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਸਵਿੱਚ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਸੁਤੰਤਰਤਾ ਪੂਰਵਕ ਭੇਜੀ ਜਾਂ ਰੋਕੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  2. ਅਜਿਹਾ ਕਰਨ ਨਾਲ ਸਾਰੀਆਂ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਸ਼ਾਖ਼ਾਵਾਂ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਲਈ ਬੱਲਬ, ਬਿਜਲਈ ਐੱਸ, ਰੈਫ਼ਰੀਜ਼ੇਟਰ, ਰੇਡੀਓ ਅਤੇ ਟੈਲੀਵਿਜ਼ਨ ਆਦਿ ਨੂੰ ਇੱਕ ਹੀ ਟੈਂਸ਼ਲ ਤੇ ਚੱਲਣ ਯੋਗ ਬਣਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25
ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਂਦਾ ਹੈ, ਜੇਕਰ-
(i) ਤਾਰ ਦੀ ਲੰਬਾਈ ਵਧਾ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ ।
(ii) ਪਰਿਖੇਤਰਫਲ ਵਧਾ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ, ਤਾਰ ਦੀ ਲੰਬਾਈ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਸਮਾਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਤਾਰ ਦੀ ਲੰਬਾਈ ਵਧਾਉਣ ਨਾਲ ‘ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਅਧਿਕ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(ii) ਮੋਟੇ ਤਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਬਾਰੀਕ ਤਾਰ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਤਾਰ ਦੀ ਮੋਟਾਈ ਕਾਰਨ ਉਸ ਦਾ ਪਰਿਖੇਤਰਫਲ ਵੱਧ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਸੰਯੋਜਕ ਤਾਰਾਂ ਤਾਂਬੇ ਦੀਆਂ ਹੀ ਕਿਉਂ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ? ਇਹ ਤਾਰਾਂ ਮੋਟੀਆਂ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੀਆਂ
ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਚਾਂਦੀ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਤਾਂਬਾ (ਕਾਪਰ) ਹੀ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਵਧੀਆ ਚਾਲਕ ਹੈ। ਇਸ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਘੱਟ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਇਸ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਅਸਾਨੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਵਾਹ ਕਰ ਸਕਦੀ ਹੈ। ਸੰਯੋਜਕ ਤਾਰਾਂ (ਬਿਜਲੀ ਵਾਹਕ ਤਾਰਾਂ) ਮੋਟੀਆਂ ਰੱਖੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਕਿਉਂਕਿ ਕਿਸੇ ਤਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਉਸਦੀ ਮੋਟਾਈ ਦੇ ਉਲਟ (ਵਿਲੋਮ) ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਜਿਹੜੀ ਤਾਰ ਜਿੰਨੀ ਮੋਟੀ ਹੋਵੇਗੀ ਓਨਾ ਹੀ ਉਸ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗਾ। ਇਸ ਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਅਸਾਨੀ ਨਾਲ ਉਸ ਵਿਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਸਕੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਚਾਲਕ ਕੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ? ਦੋ ਉਦਾਹਰਣਾਂ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਚਾਲਕ-ਅਜਿਹੇ ਪਦਾਰਥ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਸੌਖਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਚਾਲਕ ਅਖਵਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਣ-

  1. ਤਾਂਬਾ
  2. ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ
  3. ਤੇਜ਼ਾਬ ਯੁਕਤ ਪਾਣੀ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਸੰਖਿਆਤਮਕ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Numerical Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਦੋ ਛੋਟੇ ਚਾਰਜਿਤ ਗੋਲਿਆਂ ਤੇ 2 × 10-7 ਕੂਲਾਂਮ ਅਤੇ 3 × 10-7 ਕੂਲਾਂਮ ਦੇ ਚਾਰਜ ਹਨ ਅਤੇ ਇਹ ਹਵਾ ਵਿੱਚ 30 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਰੱਖੇ ਗਏ ਹਨ। ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਬਲ ਮਾਲੂਮ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਪਹਿਲੇ ਗੋਲੇ ਦਾ ਚਾਰਜ q1 × 10-7 ਕੂਲਾਂਮ
ਦੂਜੇ ਗੋਲੇ ਦਾ ਚਾਰਜ q2 = 3 × 10-7 ਕੂਲਾਂਮ
ਗੋਲਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ d = 30 cm
= \(\frac{30}{100}\)m
= 0.30 cm
ਹਵਾ ਮਾਧਿਅਮ ਲਈ K = 9 × 109
ਦੋਨੋਂ ਗੋਲਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਬਿਜਲੀ ਬਲ F = ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 16

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਇੱਕ ਚਾਲਕ ਦੀ ਲੰਬਾਈ 3.0 m, ਪਰਿਖੇਤਰਫਲ 0.02 mm2 ਅਤੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ 2 ਓਹਮ ਹੈ। ਇਸ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ ਮਾਲੂਮ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਚਾਲਕ ਦੀ ਲੰਬਾਈ (l) = 3.0 m
ਚਾਲਕ ਦਾ ਪਰਿਖੇਤਰਫਲ (a) = 0.02 m2
= \(\frac{0.02}{10^{6}}\)m2
ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ (R) = 2 ਓਹਮ
ਚਾਲਕ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ (ρ) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, R = ρ × \(\frac{l}{a}\)
2 = ρ × \(\frac{3}{0.02 \times 10^{-6}}\)
∴ ρ = \(\frac{2 \times 0.02 \times 10^{-6}}{3}\)
ρ = \(\frac{2 \times 2}{3 \times 10^{2}}\) × 10-6
= \(\frac{4}{3}\) × 10-8
= 1.33 × 10-8 ਓਹਮ-ਮੀਟਰ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
30 Ω, 50 Ω ਅਤੇ 80 Ω, ਦੇ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਜੋੜੇ ਗਏ ਤਿੰਨ ਤਿਰੋਧਕਾਂ ਦਾ ਤੱਲ-ਤਿਰੋਧ ਮਾਲੂਮ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਇੱਥੇ r1 = 30 Ω
r2 = 50 Ω
r3 = 80 Ω
ਹੁਣ, ਕਿਉਂਕਿ ਤਿੰਨਾਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਾਂ r1, r2, r3 ਨੂੰ ਲੜੀਬੱਧ ਜੋੜਿਆ ਗਿਆ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਡੁੱਲ-ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ (R) ਤਿੰਨਾਂ ਦੇ ਜੋੜ ਬਰਾਬਰ ਹੈ ।
R = r1 + r2 + r3 )
= 30 Ω + 50 Ω + 80 Ω
R = 160 Ω

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
40 Ω, 60 Ω, ਅਤੇ 90 Ω ਦੇ ਤਿੰਨ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਾਂ ਨੂੰ ਸਮਾਨਾਂਤਰਬੱਧ ਵਿੱਚ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਸੰਯੋਜਨ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵਸ਼ਾਲੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਕਿੰਨਾ ਹੈ ?
ਹੱਲ :
ਇੱਥੇ r1 = 40 Ω
r2 = 60 Ω
r3 = 90 Ω
ਮੰਨ ਲਓ ਤਿੰਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵਸ਼ਾਲੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R ਹੈ
ਕਿਉਂਕਿ ਤਿੰਨਾਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਾਂ ਨੂੰ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਵਿੱਚ ਸੰਯੋਜਿਤ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ
\(\frac{1}{R}\) = \(\frac{1}{r_{1}}+\frac{1}{r_{2}}+\frac{1}{r_{3}}\)
= \(\frac{1}{40}+\frac{1}{60}+\frac{1}{90}\)
\(\frac{1}{R}\) = \(\frac{9+6+4}{360}\)
\(\frac{1}{R}\) = \(\frac{19}{360}\)
∴ R = \(\frac{360}{19}\) = 18.95 Ω

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
6 Ω, 8 Ω, ਅਤੇ 10 Ω ਦੇ ਤਿੰਨ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਲੜੀ ਬੱਧ ਜੋੜੇ ਗਏ ਹਨ । ਪਰਿਪੱਖ ਦਾ ਕੁੱਲ ਤਿਰੋਧ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਦਿੱਤਾ ਹੈ,
R1 = 6 Ω , R2 = 8 Ω, R3 = 10 Ω
ਮੰਨ ਲਓ ਪਰਿਪੱਖ ਦਾ ਕੁੱਲ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R ਹੈ, ਤਾਂ
ਲੜੀ ਬੱਧ ਸੰਯੋਜਨ ਦਾ ਕੁੱਲ ਤਿਰੋਧ, R = R1 + R2 + R3
= 6Ω + 8Ω + 10Ω
= 24Ω

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
5 Ω, 8 Ω, ਅਤੇ 12 Ω ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਾਂ ਵਾਲੇ ਤਿੰਨ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਲੜੀਵਾਰ ਕੌਮ ਵਿਚ ਜੋੜੇ ਗਏ ਹਨ । ਪਰਿਪੱਖ ਦਾ ਪਰਿਣਾਮੀ ਤਿਰੋਧ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਦਿੱਤਾ ਹੈ,
R1 = 5 Ω, R2 = 8 Ω , R3 = 12 Ω
ਮੰਨ ਲਓ ਪਰਿਪੱਖ ਦਾ ਪਰਿਣਾਮੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R ਹੈ, ਤਾਂ
ਲੜੀਵਾਰ ਕੂਮ ਵਿਚ ਜੋੜੇ ਗਏ ਤਿਰੋਧਾਂ ਦਾ ਪਰਿਣਾਮੀ ਤਿਰੋਧ, R = R1 + R2 + R3
= 5Ω + 8Ω + 12Ω
= 25Ω

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
4 Ω, 8 Ω, 12 Ω ਅਤੇ 24 Ω ਕਿਸ ਤਰਤੀਬ ਵਿਚ ਜੋੜੇ ਜਾਣ ਤਾਂ ਜੋ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਵੇਗਾ ? ਪਰਿਣਾਮੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਵੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ : ਦਿੱਤਾ ਹੈ,
R1 = 4 Ω , R2 = 8 Ω , R3 = 12 Ω , R4 = 24 Ω
ਮੰਨ ਲਓ ਪਰਿਣਾਮੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R ਹੈ,
ਜੇਕਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਚਹੁੰ ਤਿਰੋਧਾਂ ਨੂੰ ਲੜੀਕੂਮ ਵਿਚ ਜੋੜਿਆ ਜਾਏਗਾ ਤਾਂ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਵੇਗਾ । ਪਰਿਣਾਮੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ, R = R1 + R2 + R3 + R4.
= 4Ω + 8Ω + 12Ω + 24Ω
= 48Ω

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
4 Ω, 8 Ω, 10 Ω ਅਤੇ 20 Ωਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦੀਆਂ ਚਾਰ ਕੁੰਡਲੀਆਂ ਨੂੰ ਜੋੜਨ ਤੇ (1) ਅਧਿਕਤਮ (2) ਨਿਊਨਤਮ ਤਿਰੋਧ ਕਿੰਨਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਵੇਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ? (ਮਾਂਡਲ ਪੇਪਰ)
ਹੱਲ :
1. ਅਧਿਕਤਮ ਤਿਰੋਧ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਸੰਯੋਜਨ – ਇਨ੍ਹਾਂ ਚਹੁੰ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਾਂ ਨੂੰ ਲੜੀਮ ਵਿਚ ਜੋੜਨ ਨਾਲ ਅਧਿਕਤਮ ਪਰਿਣਾਮੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਵੇਗਾ ।
∴ RS = R1 + R2 + R3 + R4
= 4Ω + 8Ω + 10Ω + 20Ω
= 42Ω

2. ਨਿਊਨਤਮ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਸੰਯੋਜਨ-ਜੇਕਰ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਤਿਰੋਧਾਂ ਨੂੰ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਕੂਮ ਵਿਚ ਜੋੜਿਆ ਜਾਵੇਗਾ ਤਾਂ ਪਰਿਣਾਮੀ ਤਿਰੋਧ ਨਿਊਨਤਮ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਹੋਵੇਗਾ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਪੰਜ ਬੱਲਬਾਂ ਨੂੰ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਹਰੇਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ 400 ਓਹਮ ਹੈ, 220 V ਦੀ ਸਪਲਾਈ ਨਾਲ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। (ੳ) ਹੋਰ ਲੈਂਪ ਦੀ ਵੋਲਟੇਜ (ਅ) ਜੇ ਬੱਲਬਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਤੀਦਿਨ 5 ਘੰਟੇ ਲਈ 30 ਦਿਨਾਂ ਵਾਸਤੇ ਜਲਾਇਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਖ਼ਪਤ ਬਿਲ ਮਾਲੂਮ ਕਰੋ, ਜਦੋਂ ਕਿ ਇਕ ਯੂਨਿਟ ਦਾ ਮੁੱਲ 3 ਰੁਪਏ ਹੋਵੇ।
ਹੱਲ :
ਹਰ ਬੱਲਬ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ= 440 ਓਹਮ
5 ਬੱਲਬ ਸਮਾਨਅੰਤਰ ਜੋੜੇ ਗਏ ਹਨ ਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਡੁੱਲ-ਤਿਰੋਧ R ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 18
= 88 ਓਹਮ
ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ V = 220 V
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, P = \(\frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{R}}\)
= \(\frac{220 \times 220}{88}\)
= \(\frac{5 \times 220}{2}\) = 550 W
ਹਰੇਕ ਲੈਂਪ ਦੀ ਵਾਟੇਜ (ਸ਼ਕਤੀ) = \(\frac{550}{5}\) = 110 ਵਾਟ
ਸਮਾਂ = 30 × 5 ਘੰਟੇ
= 150 ਘੰਟੇ
ਊਰਜਾ ਦੀ ਖ਼ਪਤ (E) = p × t
= 550 ਘੰਟੇ × 150 ਘੰਟੇ
= 82500 ਵਾਟ-ਘੰਟੇ
= \(\frac{82500}{1000}\) ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟੇ
= \(\frac{825}{10}\) ਯੂਨਿਟ
ਊਰਜਾ ਸਪਲਾਈ ਦੀ ਦਰ = 3 ਰੁ: ਪ੍ਰਤੀ ਯੂਨਿਟ
ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਬਿੱਲ ਦੀ ਰਕਮ =\(\frac{825}{10}\) × 3
= 247.50 ਰੁਪਏ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਦੋ ਤਾਰਾਂ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸਮਾਨਅੰਤਰ ਬੱਧ ਜੋੜਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ 12 Ω ਹੈ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਜੋੜਨ ਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ 50 Ω , ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਾਂ ਦਾ ਮੁੱਲ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਮੰਨ ਲਓ ਕਿ ਦੋ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R1 ਅਤੇ , ਹਨ
ਜਦੋਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਕੁੱਲ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ-
RS = R1 + R2 = 50 Ω ……….(i)
ਸਮਾਨਅੰਤਰ ਬੱਧ ਵਿੱਚ ਜੋੜਨ ‘ਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਸਮੂਚਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 19
(i) ਅਤੇ (ii) ਤੋਂ ਅਸੀਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਾਂ
R1 + \(\) = 50

ਜਾਂ R12 – 50 R1 + 600 = 0
ਜਾਂ R12 – 30 R1 – 20 R1 + 600 = 0
ਜਾਂ R1(R1 – 30) – 20 (R1 – 30) = 0
ਜਾਂ (R1 – 30) (R1 – 20) = 0
∴ R1 – 30 = 0 ਜਾਂ R1 – 20 = 0
∴ ਅਰਥਾਤ R1 = 30 Ω ਅਤੇ R1 = 20 Ω
ਇਸ ਲਈ ਪਹਿਲਾ ਤਿਰੋਧ R2 = 30 Ω
ਅਤੇ ਦੂਜਾ ਤਿਰੋਧ R2 = 20 Ω
ਇਸ ਲਈ ਪਹਿਲਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R1 = 20 ਅਤੇ ਦੂਜਾ ਤਿਰੋਧ R2 = 30 Ω ਲੈ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਇੱਕ ਸਰਕਟ A ਆਕਾਰ ਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਓਹਮ ਪ੍ਰਤਿ ਸਮ ਦੇ ਪੰਜ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਜੁੜੇ ਹੋਏ ਹਨ। ਇਸ ਦੀਆਂ ਦੋ ਭੁਜਾਵਾਂ 20 ਸਮ ਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਵਿੱਚ ਵਾਲੀ ਲੰਬਾਈ 10 ਸਮ ਹੈ ਜਦਕਿ ਸ਼ੀਰਸ਼ ਕੋਣ 60° ਹੈ। ਇਸ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਗਿਆਤ ਕਰੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 20
ਹੱਲ :
ਪ੍ਰਸ਼ਨ ਵਿੱਚ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਸੰਯੋਜਨ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 21
DA ਅਤੇ AE ਸ਼੍ਰੇਣੀਕੂਮ ਵਿੱਚ ਜੁੜੇ ਹਨ
∴ DA ਅਤੇ AE ਦਾ ਕੁੱਲ ਤਿਰੋਧ = 10 + 10
= 20 Ω
ਹੁਣ DE ਅਤੇ AE ਦਾ ਕੁੱਲ ਤਿਰੋਧ 20 Ω DE ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ
DAED ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ \(\frac{1}{r}\) = \(\frac{1}{10}+\frac{1}{20}\)
= \(\frac{2+1}{20}\)
∴ r = \(\frac{20}{3}\)Ω
ਹੁਣ BD, DAED ਅਤੇ EC ਲੜੀਕੂਮ ਵਿਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਸੰਯੋਜਿਤ ਹਨ
∴ B ਅਤੇ C ਦੇ ਵਿੱਚ ਕੁੱਲ ਤਿਰੋਧ = 10 + \(\frac{20}{3}\) + 10
= \(\frac{30+20+30}{3}\)
= \(\frac{80}{3}\)
= 26.67 Ω

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਇੱਕ ਬੱਲਬ 200 v ਅਤੇ 100 wਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ? ਇਹ ਬੱਲਬ 4 ਘੰਟੇ ਲਈ ਦੀਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਨੇ ਕਿੰਨੀ ਊਰਜਾ ਖਪਤ ਕੀਤੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦਾ 2.50 ਰੁ: ਪ੍ਰਤਿ ਯੂਨਿਟ ਦੀ ਦਰ ਨਾਲ ਖ਼ਰਚ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
P = \(\frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{R}}\)
ਜਾਂ R = \(\frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{P}}\)
∴ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧ R = \(\frac{(200)^{2}}{100}\)
= \(\frac{200 \times 200}{100}\)
= 400 Ω
ਖ਼ਪਤ ਹੋਈ ਊਰਜਾ E = \(\frac{100 \times 4}{1000}\)
= 0.4 Kwh
ਕੁੱਲ ਖ਼ਰਚਾ = 0.4 × 2.50
= 1 ਰੁਪਏ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
220 V ਦੇ ਬਿਜਲਈ ਸਰੋਤ ਨੂੰ ਚਾਰ 40 W, 220 V ਦੇ ਬੱਲਦਾਂ ਨੂੰ ਸ਼ੇਣੀਬੱਧ ਵਿਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਸੰਯੋਜਿਤ ਕਰਨ ਤੇ ਹਰੇਕ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਧਾਰਾ ਦਾ ਮਾਨ ਪਤਾ ਕਰੋ। ਜੇਕਰ ਇੱਕ ਬੱਲਬ ਫਿਊਜ਼ ਹੋ ਜਾਵੇ ਤਾਂ 220 v ਸਰੋਤ ਤੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਧਾਰਾ ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪਏਗਾ ?
ਹੱਲ :
40 ਵਾਟ ਦੇ ਬੱਲਬ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ = \(\frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{P}}\)
= \(\frac{(220)^{2}}{40}\)
40 ਵਾਟ ਦੇ ਚਾਰ ਬੱਲਬਾਂ ਦਾ ਕੁੱਲ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ = \(\frac{4 \times(220)^{2}}{40}\)
= 4840 Ω
ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਧਾਰਾ I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\)
= \(\frac{220}{4840}\)
= 0.045A
ਇੱਕ ਬੱਲਬ ਦੇ ਫਿਊਜ਼ ਹੋਣ ਨਾਲ ਉਸ ਵਿੱਚ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਨਹੀਂ ਹੋਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
12V ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਦੇ ਦੋ ਬਿੰਦੂਆਂ ਦੇ ਵਿੱਚ 20 ਚਾਰਜ ਨੂੰ ਲਿਜਾਣ ਵਿੱਚ ਕਿੰਨਾ ਕਾਰਜ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਹੱਲ :
ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ (V) = 12 ਵੋਲਟ ਦੇ ਦੋ ਬਿੰਦੂਆਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਚਾਰਜ ਦਾ ਮਾਨ Q = 2 ਕੂਲਾਂਮ ।
ਇਸ ਲਈ ਚਾਰਜ ਨੂੰ ਸਥਾਨੰਤਰਿਤ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ W = V × Q
= 12 V × 2 C
= 24 J (ਜੂਲ) ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਇੱਕ 20 Ω ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਬਿਜਲਈ ਬੱਲਬ ਅਤੇ ਇੱਕ 4 Ω ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦਾ ਚਾਲਕ 6V ਦੀ ਬੈਟਰੀ ਨਾਲ ਚਿੱਤਰ ਅਨੁਸਾਰ ਜੁੜੇ ਹਨ । ਗਣਨਾ ਕਰੋ : (a) ਸਰਕਟ ਦਾਕੁੱਲ ਤਿਰੋਧ (b) ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਧਾਰਾ।
ਹੱਲ :
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 22
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਬੱਲਬ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R1 = 20 Ω
ਅਤੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R2 = 4 Ω
ਬੈਟਰੀ ਦਾ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ V = 6 V
(a) ∵ ਦੋਨੋਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਸ਼੍ਰੇਣੀਕੂਮ ਵਿੱਚ ਜੁੜੇ ਹਨ,
∴ ਸਰਕਟ ਦਾ ਕੁੱਲ ਤਿਰੋਧ R = R1 + R2
= 20Ω + 4Ω
= 24Ω

(b) ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਲੱਗਿਆ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ V = 6 V
ਕੁੱਲ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R = 24 Ω
∴ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੀ ਧਾਰਾ I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\)
= \(\frac{6 \mathrm{~V}}{24 \Omega}\)
= 0.25 A

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਇੱਕ 4 Ω ਦੇ ਤਿਰੋਧਕ ਵਿੱਚ 100.J ਊਸ਼ਮਾ ਪ੍ਰਤਿ ਸੈਕਿੰਡ ਦੀ ਦਰ ਨਾਲ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ। ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਦੇ ਵਿੱਚ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਗਿਆਤ ਕਰੋ। ਹੱਲ :
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਊਸ਼ਮਾ H = 100 J
ਸਮਾਂ t = 1s
ਤਿਰੋਧ R = 4 Ω
ਸੂਤਰ H = I2 Rt ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨ ਤੇ
ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ I = \(\sqrt{\frac{\mathrm{H}}{\mathrm{R} t}}\)
= \(\sqrt{\frac{100 \mathrm{~J}}{4 \Omega \times 1 \mathrm{~s}}}\)
= 5A
ਪਰੰਤੂ V = I × R
∴ ਤਿਰੋਧਕ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਾਲੇ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ V = 5 A × 4 Ω
= 20 V

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਨਾਲ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ R1 = 10 Ω, R2 = 40 Ω, R3 = 30 Ω, R4 = 20 Ω ਅਤੇ Rs = 60 ਹੈ ਅਤੇ 12 v ਦੀ ਬੈਟਰੀ ਇਸ ਸੰਯੋਜਨ ਵਿੱਚ ਜੁੜੀ ਹੋਈ ਹੈ। ਪਰਿਕਲਨ ਕਰੋ : – (a) ਸਰਕਟ ਦਾ ਕੁੱਲ ਤਿਰੋਧ ਅਤੇ (b) ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਧਾਰਾ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 23
ਹੱਲ :
(a) ਮੰਨ ਲਓ R1 ਅਤੇ R2 ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਾਂ ਦਾ ਸਮਾਨਅੰਤਰ ਬੱਧ ਸੰਯੋਜਨ ਦਾ ਡੁੱਲ-ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R’ ਹੈ, ਤਾਂ
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 24
∴ R’ = 8 Ω
ਹੁਣ R3, R4 ਅਤੇ R5 ਸਮਾਨਅੰਤਰ ਸੰਯੋਜਨ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਕੁੱਲ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R” ਹੈ, ਤਾਂ
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 25
∴ R” = 10 Ω

ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੈ ਕਿ R’ ਅਤੇ R” ਨੂੰ ਸ਼੍ਰੇਣੀਬੱਧ ਵਿੱਚ ਸੰਯੋਜਿਤ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਕੁੱਲ ਤਿਰੋਧ R ਹੈ, ਤਾਂ
R = R’ + R”
= 8 Ω + 10 Ω
∴ R = 18 Ω

(b)ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ V = 12 V
ਸਰਕਟ ਦਾ ਕੁੱਲ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R = 18 Ω
∴ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\)
= \(\frac{12 \mathrm{~V}}{18 \Omega}\)
= 0.67 A

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਜਦੋਂ ਇੱਕ ਬਿਜਲਈ ਹੀਟਰ ਕਿਸੇ ਸਰੋਤ ਤੋਂ 4A ਦੀ ਧਾਰਾ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚ 60 y ਦਾ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਹੈ ਜੇਕਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਨੂੰ ਵਧਾ ਕੇ 120 V ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਹੀਟਰ ਕਿੰਨੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰੇਗਾ ?
ਹੱਲ :
ਪਹਿਲੀ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਬਿਜਲਈ ਹੀਟਰ ਦੁਆਰਾ ਲਈ ਗਈ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ I1 = 4 A
ਬਿਜਲਈ ਹੀਟਰ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ V1 = 60 V
ਬਿਜਲਈ ਹੀਟਰ ਦੀ ਕੁੰਡਲੀ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R = \(\frac{\mathrm{V}_{1}}{\mathrm{I}_{1}}\)
= \(\frac{60 \mathrm{~V}}{4 \mathrm{~A}}\)
= 15 Ω
ਓਹਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਹੀਟਰ ਦੀ ਕੁੰਡਲੀ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R ਸਥਿਰ ਰਹੇਗਾ ।
ਦੂਜੀ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ
ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ V2 = 120 V
ਕੁੰਡਲੀ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R = 15 Ω
∴ ਬਿਜਲਈ ਹੀਟਰ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਧਾਰਾ I2 = \(\frac{V_{2}}{R}\)
= \(\frac{120 \mathrm{~V}}{15 \Omega}\)
= 8 A

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਬਿਜਲ ਟੈਂਸ਼ਲ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਕਾਈ ਚਾਰਜ ਅਨੰਤ ਤੋਂ ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ਤਕ ਲੈ ਜਾਣ ਵਿੱਚ ਕੀਤੇ ਗਏ ਕਾਰਜ ਨੂੰ ਉਸ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਬਿਜਲ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
W = QV
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 26
ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਨੂੰ ਵੋਲਟ ਵਿੱਚ ਮਾਪਦੇ ਹਨ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਬਿਜਲਈ ਚੁੰਬਕ ਦੀ ਧਰੁਵਤਾ ਵਿੱਚ ਤਬਦੀਲੀ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਚੁੰਬਕ ਦੀ ਧਰੁਵਤਾ ਵਿੱਚ ਤਬਦੀਲੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲ ਕੇ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕਿਹੜੇ ਚਾਰਜ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਆਕਰਸ਼ਣ ਕਰਦੇ ਹਨ ਤੇ ਕਿਹੜੇ ਅਪਕਰਸ਼ਣ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮਾਨ ਚਾਰਜ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਤਿਕਰਸ਼ਣ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਅਸਮਾਨ ਚਾਰਜ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਆਕਰਸ਼ਣ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ-

  1. ਲੰਬਾਈ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ।
  2. ਖੇਤਰਫਲ ਦੇ ਉਲਟ ਅਨੁਪਾਤੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਕਿਸਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਘੱਟ ਹੈ-100 w ਦੇ ਬੱਲਬ ਦਾ ਜਾਂ 60 w ਦੇ ਬੱਲਬ ਦਾ ?
ਉੱਤਰ-
P = \(\frac{V^{2}}{R}\)
ਕਿਉਂਕਿ P ∝ \(\frac{1}{R}\)
∴ ਵਧੇਰੇ ਸ਼ਕਤੀ ਵਾਲੇ ਬੱਲਬ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗਾ ।
ਇਸ ਲਈ 100 W ਵਾਲੇ ਬੱਲਬ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਜੇ ਤਾਰ ਦੀ ਲੰਬਾਈ ਦੁੱਗਣੀ ਅਤੇ ਖੇਤਰਫਲ ਅੱਧਾ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ‘ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ :
R1 = ρ\(\frac{l_{1}}{\mathrm{~A}_{1}}\), R2 = ρ\(\frac{l_{2}}{\mathrm{~A}_{2}}\)
R2 = \(\frac{\frac{\rho 2 l_{1}}{\mathrm{~A}_{1}}}{2}\)
= \(\frac{2 \times 2 \times \rho \times l_{1}}{\mathrm{~A}_{1}}\)
= 4 R1
ਇਸ ਲਈ ਤਿਰੋਧ ਚਾਰ ਗੁਣਾ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਬਿਜਲ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਦੀ ਇਕਾਈ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵੋਲਟ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਤਿਰੋਧ ਦਾ ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਓਹਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਬਿਜਲ ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ ਇਕਾਈ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਾਟ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
40 W ਅਤੇ 100 w ਦੇ ਦੋ ਬੱਲਬਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕਿਸ ਬੱਲਬ ਦੇ ਤੰਤੂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
40 W ਬੱਲਬ ਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਇੱਕ ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ ਵਿੱਚ ਕਿੰਨੇ ਜੂਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
1 ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ (Kwh) = 3.6 × 106 ਜੂਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਸਾਡੇ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਸਪਲਾਈ ਕਿੰਨੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
220V – 230V.

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਓਹਮ ਦਾ ਨਿਯਮ ਲਿਖੋ ਅਤੇ ਇਸ ਨੂੰ ਗਣਿਤਿਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰੋ।
ਉੱਤਰ-
ਓਹਮ ਦਾ ਨਿਯਮ-ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ (I) ਉਸ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ (V) ਦੇ ਸਮਾਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਗਣਿਤਿਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ, V ∝ I
ਜਾਂ \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}\) = R (ਚਾਲਕ ਲਈ ਸਥਿਰ ਅੰਕ)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਚਾਂਦੀ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ 1.6 × 10-8 Ωm ਹੈ । ਇਸ ਕਥਨ ਦਾ ਕੀ ਅਰਥ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਸ ਕਥਨ ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ 1m ਲੰਬੇ ਅਤੇ 1m2-ਕਾਟ ਦੇ ਖੇਤਰਫਲ ਵਾਲੇ ਚਾਂਦੀ ਦੇ ਤਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ 1.6 × 10-8 Ω ਹੋਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਐਮਮੀਟਰ ਨੂੰ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਕਿਵੇਂ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਰਕਟ ਦੇ ਜਿਸ ਘਟਕ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਮਾਪ ਲੈਣਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਐਮਮੀਟਰ ਨੂੰ ਉਸ ਘਟਕ ਨਾਲ ਸ਼ੇਣੀਕੂਮ ਵਿੱਚ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਕਿਸ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਅਧਿਕ ਹੋਵੇਗਾ – 50 w ਦੇ ਬੱਲਬ ਦਾ ਜਾਂ 25 w ਦੇ ਬੱਲਬ ਦਾ ਅਤੇ ਕਿੰਨੇ ਗੁਣਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੰਨ ਲਓ ਬੱਲਦਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R1 ਅਤੇ R2 ਹਨ ਅਤੇ ਲੱਗਿਆ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ V ਹੈ, ਤਾਂ
P1 = 50 = \(\frac{V^{2}}{R_{1}}\)
ਅਤੇ p2 = 25 = \(\frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{R}_{2}}\)
∴ \(\frac{P_{1}}{P_{2}}\) = \(\frac{50}{25}=\frac{V^{2}}{R_{1}} \times \frac{R_{2}}{V^{2}}\)
⇒ 2 = \(\frac{\mathrm{R}_{2}}{\mathrm{R}_{1}}\)
⇒ R2 = 2 × R1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਕਿਸੇ ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਚਾਬੀ ਜਾਂ ਸਵਿੱਚ (Plug) ਦੇ ਚਿੰਨ੍ਹ ਦੱਸੋ ਜਦੋਂ ਸਰਕਟ
(i) ਖੁੱਲ੍ਹਾ ਹੋਵੇ
(ii) ਬੰਦ ਹੋਵੇ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਚਾਬੀ ਜਾਂ ਸਵਿੱਚ-()-
(ii) ਬੰਦ ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਚਾਬੀ ਜਾਂ ਸਵਿੱਚ-(.)-

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਦੋ ਬਿਜਲਈ ਸੁਚਾਲਕਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਕਾਪਰ
  2. ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ – ਕਿਸੇ ਨਿਸਚਿਤ ਸਮੇਂ ਵਿਚ ਧਾਰਾ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤੇ ਗਏ ਕਾਰਜ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਬਿਲਜਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਵੋਲਟਮੀਟਰ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮਾਨਅੰਤਰ ਕੁਮ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਕਰੰਟ ਦੀ ਇਕਾਈ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਐਮਪੀਅਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਬਿਜਲਈ ਸਮਰੱਥਾ (ਸ਼ਕਤੀ) ਦੀ ਵੱਡੀ ਇਕਾਈ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਲੋਵਾਟ (kw) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਧਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਕਿਸ ਪਰਮਾਣੂ ਕਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਲੈੱਕਟਾਂਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਇੱਕ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨ ਤੇ ਕਿੰਨੇ ਕੂਲਾਂਮ ਚਾਰਜ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
1.6 × 10-19C

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਇੱਕ ਕੂਲਾਂਮ ਚਾਰਜ ਕਿੰਨੇ ਇਲੈੱਕਨਾਂ ਦੇ ਚਾਰਜ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
6.25 × 1018 ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨਾਂ ਦੇ ਚਾਰਜ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਸਭ ਤੋਂ ਵਧੀਆ ਬਿਜਲਈ ਚਾਲਕ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚਾਂਦੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਤਾਂਬੇ ਅਤੇ ਲੋਹੇ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਕਿਹੜਾ ਚੰਗਾ ਚਾਲਕ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤਾਂਬਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਬਿਜਲਈ ਬੱਲਬ ਦਾ ਫਿਲਾਮੈਂਟ ਕਿਸ ਧਾਤੂ ਦਾ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਟੰਗਸਟਨ ਧਾਤ ਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਬਿਜਲਈ ਐੱਸ ਅਤੇ ਟੋਸਟਰ ਦੇ ਫਿਲਾਮੈਂਟ ਕਿਸ ਧਾਤੂ ਦੇ ਬਣੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਾਈਟ੍ਰੋਮ ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤੂ ਦੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਬਿਜਲਈ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਦਾ S.I. ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਐਮਪੀਅਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਬਿਜਲਈ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦਾ S.I. ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਓਹਮ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 32.
ਕਿਸੇ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ ਦਾ S.I. ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਓਹਮ-ਮੀਟਰ (Ωm) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 33.
ਬਿਜਲਈ ਚਾਰਜ ਦਾ S.I. ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕੂਲਾਂਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 34.
ਤਿਰੋਧ ਦੇ ਸ਼੍ਰੇਣੀ ਸੰਯੋਜਨ ਅਤੇ ਸਮਾਨ ਅੰਤਰ ਸੰਯੋਜਨ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਸਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਅਧਿਕਤਮ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਸਦਾ ਨਿਊਨਤਮ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼੍ਰੇਣੀ ਸੰਯੋਜਨ ਦਾ ਅਧਿਕਤਮ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਅਤੇ ਸਮਾਨਅੰਤਰ ਦਾ ਨਿਊਨਤਮ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 35.
ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ (kwh) ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵਪਾਰਕ ਇਕਾਈ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 36.
1kwh ਕਿੰਨੇ ਜੂਲ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
1kwh = 3.6 × 106 ਜੂਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 37.
ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਉਪਕਰਨ ਕਿਸ ਵਿਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਜੁੜੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮਾਨਅੰਤਰ ਸੰਯੋਜਨ ਵਿਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 38.
ਇੱਕ ਦਿਸ਼ਾਈ (D.C.) ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਸਰੋਤ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਸੈੱਲ ਜਾਂ ਬੈਟਰੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 39.
ਬਿਜਲੀ ਸੈੱਲ ਅਤੇ ਬਿਨਾਂ ਜੋੜ ਤੋਂ ਤਾਰ ਕਰਾਸਿੰਗ ਲਈ ਸੰਕੇਤ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਸੈੱਲ ਦਾ ਸੰਕੇਤ : PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 27
ਬਿਨਾਂ ਜੋੜ ਤੋਂ ਤਾਰ ਕਰਾਸਿੰਗ ਲਈ ਸੰਕੇਤ : PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 28

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 40.
(i) ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਅਤੇ
(ii) ਐਮਮੀਟਰ ਲਈ ਸੰਕੇਤ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਲਈ ਸੰਕੇਤ : PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 29
(ii) ਐਮਮੀਟਰ ਲਈ ਸੰਕੇਤ : PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 30

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 41.
ਬਿਜਲੀ ਲਈ ਬੈਟਰੀ ਜਾਂ ਸੈੱਲਾਂ ਦਾ ਸੰਯੋਜਨ ਅਤੇ ਤਾਰ ਜੋੜ ਦੇ ਸੰਕੇਤ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਲਈ ਬੈਟਰੀ ਜਾਂ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਸੰਯੋਜਨ ਲਈ ਸੰਕੇਤ :PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 31
ਤਾਰ ਜੋੜ ਦਾ ਸੰਕੇਤ : PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 32

ਵਸਤੂਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
V ∝ I ਦਾ ਨਿਯਮ ਪ੍ਰਤਿਪਾਦਿਤ ਕੀਤਾ ਹੈ-
(a) ਫੈਰਾਡੇ ਨੇ
(b) ਵਾਟ ਨੇ
(c) ਓਹਮ ਨੇ
(d) ਕੂਲਾਂਮ ਨੇ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਓਹਮ ਨੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਦਾ ਮਾਤਕ ਹੈ-
(a) ਐਮਪੀਅਰ
(b) ਵੋਲਟ
(c) ਓਹਮ
(d) ਵਾਟ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਵੋਲਟ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਬਿਜਲੀ ਸ਼ਕਤੀ ਦਾ ਮਾਕ ਹੈ-
(a) ਐਮਪੀਅਰ
(b) ਵੋਲਟ
(c) ਓਹਮ
(d) ਵਾਟ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਵਾਟ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
\(\frac {1}{3}\) Ω ਦੇ ਤਿੰਨ ਤਿਰੋਧਕਾਂ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੰਯੋਜਿਤ ਕਰਕੇ ਕਿੰਨਾ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ?
(a) \(\frac {1}{3}\) Ω
(b) 1 Ω
(c) \(\frac {1}{9}\) Ω
(d) 3 Ω
ਉੱਤਰ-
(b) 1 Ω

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਫਿਊਜ਼ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਯੁਕਤੀ ਨਾਲ ਕਿਸ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
(a) ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਕੁਮ
(b) ਸ਼੍ਰੇਣੀਕੂਮ
(c) ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਅਤੇ ਸ਼੍ਰੇਣੀਕੂਮ ਦੋਨਾਂ ਵਿੱਚ
(d) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਸ਼੍ਰੇਣੀਕੁਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਬਿਜਲਈ ਚਾਰਜ ਦਾ SI ਮਾਕ ਹੈ-
(a) ਵਾਟ
(b) ਕਿਲੋਵਾਟ
(c) ਕੂਲਾਂਮ
(d) ਐਮਪੀਅਰ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਕੂਲਾਂਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਕਿਸ ਮਾਕ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
(a) ਕੂਲਾਮ
(b) ਐਮਪੀਅਰ
(c) ਵਾਟ
(d) ਕਿਲੋਵਾਟ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਐਮਪੀਅਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਪਰਿਪੱਬਾਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੀ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਕਿਸ ਯੰਤਰ ਦੁਆਰਾ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
(a) ਐਮਮੀਟਰ
(b) ਵੋਲਟਮੀਟਰ
(c) ਗੈਲਵੇਨੋਮੀਟਰ
(d) ਬਿਜਲੀ ਮੀਟਰ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਐਮਮੀਟਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਐਮਮੀਟਰ ਨੂੰ ਪਰਿਪੱਬ ਵਿੱਚ ਕਿਵੇਂ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
(a) ਸ਼੍ਰੇਣੀਕ੍ਰਮ ਵਿੱਚ
(b) ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਕੂਮ ਵਿੱਚ
(c) ਸ਼੍ਰੇਣੀਕੂਮ ਅਤੇ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਕੂਮ ਦੋਨਾਂ ਵਿੱਚ
(d) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਸ਼੍ਰੇਣੀਕ੍ਰਮ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਨੂੰ ਕਿਸ ਯੰਤਰ ਨਾਲ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
(a) ਐਮਮੀਟਰ
(b) ਵੋਲਟਮੀਟਰ
(c) ਗੈਲਵੇਨੋਮੀਟਰ
(d) ਬਿਜਲੀ ਮੀਟਰ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਵੋਲਟਮੀਟਰ ।

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ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਸੰਯੋਜਿਤ ਹਰੇਕ ਤਿਰੋਧਕ ਵਿੱਚ ਵਹਿ ਰਹੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ …………………….. ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਵੱਖ-ਵੱਖ

(ii) ਓਹਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਤਾਰ ਦੇ ਲਈ V ਅਤੇ I ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਦਾ ਸੰਬੰਧ …………………….. ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
R

(iii) ਕਿਸੇ ਬਿਜਲਈ ਪਰਿਪੱਖ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਦਾ ਮਾਪ ………………………….. ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਵੋਲਟਮੀਟਰ

(iv) ਇੱਕ ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ (Kwh) ………………………….. ਦਾ ਮਾਤਕ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ

(v) ਕਿਸੇ ਬਿਜਲਈ ਪਰਿਪੱਥ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਮਾਪਣ ਵਾਲਾ ਯੰਤਰ …………………….. ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਐਮਮੀਟਰ ।