PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

Hindi Guide for Class 8 PSEB पदावली-सूरदास, मीराबाई Textbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ:

औगुन = अवगुण, बुराइयाँ, दोष। समदरसी = समदर्शी, सब को समान देखने वाला। नार = नाला। नीर = जल। बरन = रंग, एक रूप। बधिक = शिकारी। पारस = एक ऐसा पत्थर जिसके स्पर्श से लोहा भी सोना बन जाता है। कंचन = सोना। टरौ = टल जाएगा। दाऊ = बलदेव। खिझायौ = चिढ़ाता है। मोसौ = मुझसे। लीन्हौ = लिया है। कहा करौं = क्या करूँ या क्या कहूँ। रिस के मारे = गुस्से के मारे। पुनि-पुनि = बारबार। मात = माता। कत = किस लिए। स्यामल = काले रंग का। गात = शरीर। दाउहीं = बलदेव को। रिस = गुस्सा। चबाई = चुगलखोर। धूत = धूर्त। सौं = सौगन्ध । पूत = पुत्र। वसतु = वस्तु। अमोलक = अमूल्य। खरचै = खर्च करने पर। सत्त = सत्य। खेवटिया = मल्लाह, केवट। हरषि = प्रसन्न। जस = यश। पग = पैर। बावरी = पगली। न्यात = नातेदार, रिश्तेदार । कुलनासी = कुल का नाश करने वाली। पीवत = पीकर । सहज = आसानी से। अविनासी = सदा रहने वाला भगवान्।

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II. हिंदी रूप लिखें :

औगुन – ………………….
समदरसी – ………………….
बधिक – ………………….
बरन – ………………….
मोसों – ………………….
कान्ह – ………………….
मोहौं – ………………….
बसतु – ………………….
किरपा – ………………….
इक – ………………….
उत्तर:
औगुन – अवगुण ।
समदरसी – समदर्शी।
बधिक – वधिक।
बरन – वर्ण।
मोसों – मुझसे।
कान्ह – कृष्ण।
मोहौं –मुझे।
बसतु – वस्तु।
किरपा – कृपा।
इक – एक।

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(ख) विषय – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
श्रीकृष्ण ने यशोदा से क्या शिकायत की है ?
उत्तर:
श्रीकृष्ण ने यशोदा से यह शिकायत की कि बड़ा भाई बलराम उसे चिढ़ाता है। वह कहता है कि तुझे तो मोल लिया गया है। तू यशोदा का पुत्र नहीं है, क्योंकि नन्द बाबा भी गोरे हैं तथा यशोदा भी गोरी है। तू काले शरीर वाला है।

प्रश्न (ख)
माता ने श्रीकृष्ण को कैसे विश्वास दिलाया कि वह उसका पुत्र है ?
उत्तर:
माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को यह कह कर विश्वास दिलाया कि बलदेव तो जन्म काल से ही चुगलखोर और धूर्त है। मुझे गो-धन की सौगन्ध है कि तू मेरा पुत्र है और मैं तेरी माता हूँ।

प्रश्न (ग)
बलराम श्री कृष्ण को कैसे खिझाते थे ?
उत्तर:
बलराम श्रीकृष्ण को यह कहकर खिझाते थे-तू तो मोल लिया हुआ है। तू यशोदा का पुत्र नहीं है।

प्रश्न (घ)
मीरा ने राम रूपी रत्न-धन कैसे प्राप्त किया ?
उत्तर:
मीरा ने राम रूपी रत्न-धन अपने सतगुरु की कृपा से प्राप्त किया।

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प्रश्न (ङ)
‘सत की नाव’ से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
‘सत की नाव’ का अर्थ-सत्य स्वरूप परमात्मा। मीरा ने भगवान् के भजन को ‘सत्य की नौका’ कहा है जोकि इस भव सागर से पार उतारने वाला है।

प्रश्न (च)
मीरा को जहर क्यों दिया गया ?
उत्तर:
मीरा का देवर उसे कुल को बदनाम करने वाली मानता था। उसे मीरा द्वारा साधु-सन्तों की संगति पसन्द नहीं थी। इस कारण मीरा को जहर दिया गया।

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
तीसरे पद के आधार पर मीरा की भक्ति-भावना पर संक्षिप्त नोट लिखो।
उत्तर:
मीरा ने अपने गुरु की कृपा से राम नाम का रत्न-धन प्राप्त कर लिया। मानो उसने जन्म-जन्म की पूँजी पा ली हो। पूँजी भी ऐसी, जो कभी खर्च करने से कम नहीं होती, बल्कि उत्तरोत्तर बढ़ती ही रहती है। मीरा भगवान् कृष्ण के रंग में पूरी तरह रंग गई।

प्रश्न (ख)
चौथे पद की प्रसंग सहित व्याख्या करो।
उत्तर:
मीरा पैरों में घुघरू बाँध कर नाचती है और कहती है कि मैं तो अपने नारायण श्रीकृष्ण की स्वयं ही दासी बन गई हूँ। लोग कहते हैं कि मीरा पागल हो गई है और रिश्तेदार कहते हैं कि वह कुल का नाश करने वाली हो गई है। राणा जी ने मीरा को मारने के लिए विष का प्याला भेजा। उसे पीकर वह हँसने लगी। मीरा कहती है कि मेरे तो प्रभु चतुर गिरिधारी कृष्ण हैं, वे सदा रहने वाले भगवान् मुझे आसानी से मिल गए हैं। भाव है कि संसार के कष्टों को मीरा तुच्छ मानती है। उसे अब देह (शरीर) की चिन्ता नहीं रही। उस पर जहर के प्याले का भी कोई असर नहीं पड़ा, क्योंकि वह श्रीकृष्ण की शरण में चली गई है।

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(ग) व्यावहारिक व्याकरण

पर्यायवाची लिखें :

प्रभु – ………………….
कंचन – ………………….
जल – ………………….
गंगा – ………………….
माता – ………………….
पूत – ………………….
कृपा – ………………….
उत्तर:
1. प्रभु – ईश्वर, परमात्मा।
2. कंचन – सोना, स्वर्ण, हेम।
3. जल – पानी, नीर, वारि, तोय, आब, अंबू।
4. गंगा – जाह्नवी, सुरसरिता, मंदाकिनी, जाह्नवी।
5. माता – माँ, जननी, अम्बा।
6. पूत – पुत्र, तनय, सुत, तनुज।
7. कृपा – दया, अनुकम्पा, मेहरबानी, अनुग्रह।

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PSEB 8th Class Hindi Guide पदावली-सूरदास, मीराबाई Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
‘समदरसी’ किस का नाम है ?
(क) कवि का
(ख) भगवान का
(ग) प्रांत का
(घ) देश का।
उत्तर:
भगवान का।

प्रश्न 2.
श्रीकृष्ण को कौन खिझाता है ?
(क) दाऊ
(ख) भाऊ
(ग) दमन
(घ) रमन।
उत्तर:
दाऊ।

प्रश्न 3.
‘चबाई’ कौन होता है ?
(क) खिलाड़ी
(ख) शैतान
(ग) संत
(घ) चुगलखोर।
उत्तर:
चुगलखोर।

प्रश्न 4.
मीरा ने कौन-सा ‘रत्न’ पाया है ?
(क) राम
(ख) श्याम
(ग) सीता
(घ) राधा।
उत्तर:
राम।

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प्रश्न 5.
मीरा किस नाव पर सवार है ?
(क) लकड़ी की
(ख) मन की
(ग) सत की
(घ) शरीर की।
उत्तर:
सत की।

प्रश्न 6.
राणा जी ने किस का प्याला भेजा था ?
(क) विष का
(ख) दूध का
(ग) शहद का
(घ) जल का।
उत्तर:
विष का।

प्रश्न 7.
‘न्यात’ का क्या अर्थ है ?
(क) न्यौता देना
(ख) नाते-रिश्तेदार
(ग) मना करना
(घ) स्नान करना।
उत्तर:
नाते रिश्तेदार।

प्रश्न 8.
गोवर्धन पर्वत किसने उठाया था ?
(क) राम ने
(ख) बलराम ने
(ग) कृष्ण ने
(घ) रावण ने।
उत्तर:
कृष्ण ने।

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सप्रसंग व्याख्या

1. हमारे प्रभु, औगुन चित न धरौ।
समदरसी है नाम तुम्हारी, सोई पार करौ॥
इक लोहा पूजा मैं राखत, इक घर बधिक परौ।
सो दुबिधा पारस नहिं जानत, कंचन करत खरौ॥
इक नदिया इक नार कहावत, मैलो नीर भरौ।
जब मिलि गए तब एक बरन है, गंगा नाम परौ॥
तन माया, ज्यौ ब्रह्म कहावत, सूर सु मिलि बिगरौ।
कै इनकौ निरधार कीजियै, कै प्रन जात टरौ॥

शब्दार्थ:
औगुन = अवगुण, बुराइयाँ, दोष। समदरसी = समदर्शी, सब को समान देखने वाला। नार = नाला। नीर = जल। बरन = रंग, एक रूप। बधिक = शिकारी। पारस = एक ऐसा पत्थर जिसके स्पर्श से लोहा भी सोना बन जाता है। कंचन = सोना। टरौ = टल जाएगा।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘पदावली’ से लिया गया है। प्रस्तुत पद में सूरदास जी भगवान् कृष्ण से प्रार्थना करते हुए कहते हैं

व्याख्या:
हे परमात्मा ! हमारी बुराइयों को अपने मन में न रखो। हमारे अवगुणों को क्षमा कर दो। आपका नाम तो समदर्शी है अर्थात् आप सब को समान दृष्टि से देखते हैं, इसलिए चाहो तो हमें भवसागर से पार उतार दो। एक लोहा पूजा में रखा जाता है और एक शिकारी के घर में तीर तलवार आदि के रूप में पड़ा होता है। पारस इस भेद को नहीं जानता। वह उन दोनों के गुण-दोष नहीं देखता बल्कि अपने संपर्क से दोनों को खरा सोना बना देता है। एक पवित्र जल वाली नदी कहलाती है। एक नाला कहलाता है, जिसमें गंदा पानी भरा होता है। जब ये दोनों मिल जाते हैं तब एक रूप हो जाते हैं और दोनों मिल कर बहते हुए गंगा नदी में मिल जाते हैं, उनका नाम गंगा पड़ जाता है। सूरदास जी कहते हैं कि यह सारा संसार माया और भ्रम के जाल से भरा हुआ कहलाता है। माया के इस भ्रम जाल को दूर कर दो। हे भगवान् ! मुझे इस बार संसार सागर से पार उतार दो, नहीं तो आपका पतित-पावन होने का प्रण टल जाएगा। कवि का भाव है कि भगवान् भले-बुरे सब का रक्षक है। वह पारस पत्थर के समान है, जो अच्छे-बुरे दोनों तरह के लोहे को सोना बना देता है।

विशेष:

  1. कवि ने ईश्वर की महिमा का वर्णन किया है।
  2. ब्रज भाषा का प्रयोग किया गया है।

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2. मैया मोहि दाऊ बहुत खिझायौ।
मोसौं कहत मोल को लीन्हौं, तू जसुमति कब जायौ।
कहा करौं, इहि रिस के मारै खेलन कै नहिं जात।
पुनि पुनि कहत कौन है माता, को है तेरौ तात॥
गोरे नन्द, जसोदा गोरी, तुम कत स्यामल गात।
चुटकी दे दे ग्वाल नचावत, हंसत सबै मुसकात॥
तू मोही कौं मारन सीखी, दाउहिं कबहुं न खीझे।
मोहन मुख रिस की ये बातें, जसुमति सुनि-सुनि रीझै॥
सुनहु कान्ह, बलभद्र चबाई, जनमत ही को धूत।
सूर स्याम मोहिं गोधन की सौं, हौं माता तू पूत॥

शब्दार्थ:
दाऊ = बलदेव। खिझायौ = चिढ़ाता है। मोसौ = मुझसे। लीन्हौ = लिया है। कहा करौं = क्या करूँ या क्या कहूँ। रिस के मारे = गुस्से के मारे। पुनि-पुनि = बारबार। मात = माता। कत = किस लिए। स्यामल = काले रंग का। गात = शरीर। दाउहीं = बलदेव को। रिस = गुस्सा। चबाई = चुगलखोर। धूत = धूर्त। सौं = सौगन्ध । पूत = पुत्र।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘पदावली’ में से लिया गया है। यह पद सूरदास जी द्वारा रचित है। इसमें बाल-कृष्ण माता यशोदा से अपने बड़े भाई बलराम की शिकायत करते हुए कहते हैं

व्याख्या:
हे माता ! मुझे भाई बलराम बहुत चिढ़ाता है। वह मुझे कहता है कि तू मोल लिया गया है; तुझे तो खरीदा गया है। यशोदा ने तुझे कब जन्म दिया है? क्या कहूँ, इसी गुस्से के मारे मैं खेलने के लिए नहीं जाता। वह मुझे बार-बार कहता है कि कौन तुम्हारी माता है और कौन तुम्हारे पिता हैं ? क्योंकि नन्द गोरे रंग के हैं, यशोदा भी गोरे रंग की है, तू काले शरीर वाला किस लिए है। सभी ग्वालों को वह चुटकी बजा-बजा कर नचवाता है। सब हँसते और मुस्कुराते हैं। तू तो मुझे ही

मारना सीखी है, बलदेव को तो तू कभी भी गुस्से भी नहीं होती। कृष्ण के गुस्से से भरे मुख को देख कर तथा ये बातें बार-बार सुनकर यशोदा प्रसन्न होती है। यशोदा कहती है कि हे कृष्ण ! सुनो, बलदेव तो चुगलखोर है, जन्म से ही वह धूर्त है। सूरदास कहते हैं कि माता यशोदा कृष्ण से फिर कहती है कि मुझे गो धन (गऊओं) की सौगन्ध है-मैं तुम्हारी माता हूँ और तू मेरा पुत्र है। भाव है कि बालकृष्णं माता यशोदा से बड़े भैया बलराम की शिकायत करते हैं कि वह मुझे चिढ़ाता है कि तुझे मोल लिया गया है, तो माता यशोदा गऊओं की सौगन्ध खाकर कृष्ण को विश्वास दिलाती है। वह कहती है कि मैं तुम्हारी माता हूँ और तू मेरा पुत्र है।

विशेष:

  1. कवि ने यशोदा ममता और श्रीकृष्ण के प्रेम को वाणी प्रदान की है।
  2. ब्रज भाषा का प्रयोग किया गया है। |

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

3. मैंने राम रतन धन पायौ।
वसतु अमोलक दी मेरे सतगुरु, करि किरपा अपणायो।
जनम जनम की पूँजी पाई, जग में सबै खवायो।
खरचै नहिं कोई चोर न लवै, दिन-दिन बढ़त सवायौ।
सत्त की नाव खेवटिया सतगुरु, भवसागर तरि आयो।
‘मीरा’ के प्रभु गिरिधर नागर, हरखि हरखि जस गायौ॥

शब्दार्थ:
वसतु = वस्तु। अमोलक = अमूल्य। खरचै = खर्च करने पर। सत्त = सत्य। खेवटिया = मल्लाह, केवट। हरषि = प्रसन्न। जस = यश।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘पदावली’ में से लिया गया है। प्रस्तुत पद में मीरा गुरु की महिमा का गुण-गान करती हुई कहती है

व्याख्या:
मैंने भगवान् के नाम का रत्न-धन प्राप्त कर लिया है। मेरे सच्चे गुरु ने मुझे अमूल्य वस्तु प्रदान की है। कृपा करके उन्होंने मुझे अपनी शरण में अपना लिया है। मैंने तो जन्म-जन्म की सम्पत्ति प्राप्त कर ली है। इस संसार में मेरे पास जो कुछ था उस सब को मैंने त्याग दिया है। मैंने सांसारिक मोह-माया को त्याग कर गुरु की शरण प्राप्त कर ली है। भगवान् के नाम रूपी रत्न धन को खर्च करने से भी वह कम नहीं होता। चोर इसे ले नहीं सकता। यह तो दिन-प्रतिदिन सवाया होकर बढ़ता जाता है। मीरा कहती है कि मैंने सत्य की नाँव बनाकर और सच्चे गुरु को मल्लाह बनाकर इस संसार रूपी सागर को पार कर लिया है। मेरे प्रभु गोवर्धन पर्वत को उठाने वाले चतुर कृष्ण हैं। मैं हर्ष के साथ उन्हीं का यशोगान करती हूँ कि सच्चे गुरु की कृपा से भगवान् के नाम का रत्न धन प्राप्त किया जा सकता है।

विशेष:

  1. कवयित्री ने श्रीकृष्ण के प्रति अपनी भक्ति-भावना को प्रकट किया है।
  2. भाषा में गेयता का गुण है।

4. पग धुंघरू बाँध मीरा नाची रे।
मैं तो अपने नारायण की, आपहि हो गई दासी रे।
लोग कहैं मीरा भई बावरी, न्यात कहैं कुलनासी रे।
विष का प्याला राणाजी भेज्या, पीवत मीरा हांसी रे।
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर, सहज मिले अविनासी रे।

शब्दार्थ:
पग = पैर। बावरी = पगली। न्यात = नातेदार, रिश्तेदार । कुलनासी = कुल का नाश करने वाली। पीवत = पीकर । सहज = आसानी से। अविनासी = सदा रहने वाला भगवान्।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘पदावली’ में से लिया गया है। प्रस्तुत पद में मीरा ने भगवान् कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति-भावना और आप बीती का वर्णन किया है।

व्याख्या:
मीरा पैरों में घुघरू बाँध कर नाचती है और कहती है कि मैं तो अपने नारायण श्रीकृष्ण की स्वयं ही दासी बन गई हूँ। लोग कहते हैं कि मीरा पागल हो गई है और रिश्तेदार कहते हैं कि वह कुल का नाश करने वाली हो गई है। राणा जी ने मीरा को मारने के लिए विष का प्याला भेजा। उसे पीकर वह हँसने लगी। मीरा कहती है कि मेरे तो प्रभु चतुर गिरिधारी कृष्ण हैं, वे सदा रहने वाले भगवान् मुझे आसानी से मिल गए हैं। भाव है कि संसार के कष्टों को मीरा तुच्छ मानती है। उसे अब देह (शरीर) की चिन्ता नहीं रही। उस पर जहर के प्याले का भी कोई असर नहीं पड़ा, क्योंकि वह श्रीकृष्ण की शरण में चली गई है।

विशेष:

  1. मीरा ने श्रीकृष्ण के प्रति अपने प्रेम और भक्ति को व्यक्त किया है।
  2. गेयता का गुण है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

पदावली (सूरदास, मीराबाई) Summary

पदावली (सूरदास, मीराबाई) पदावली सार

सूरदास का ईश्वर के प्रति गहरा विश्वास है कि वे सभी प्राणियों का कल्याण करते हैं। वे उनके अवगुणों की ओर ध्यान नहीं देते। जिस प्रकार पारस पत्थर मंदिर में रखे हुए लोहे को सोना बना देता है तो वह कसाई के द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले लोहे के साधन को भी वह सोना ही बनाता है। वे उनमें कर्म के आधार पर भेद-भाव नहीं करता। गंदे नालोंनालियों का जल भी गंगा की धारा में मिल कर गंगा की पवित्रता को पा जाता है। हर अच्छे-बुरे का रक्षक ईश्वर ही है। श्रीकृष्ण साँवले रंग के थे। उनके बड़े भाई बलराम उन्हें चिढ़ाते थे कि उनका जन्म यशोदा माता से नहीं हुआ। उन्हें तो बाज़ार से खरीदा गया था। यशोदा माता ने गउओं की सौगंध खाकर कहा कि वह ही उनकी माँ थी। बलराम का कहना झूठ था क्योंकि वह तो जन्म से ही धूर्त था। मीराबाई कृष्ण भक्ति के विषय में कहती है कि उनकी भक्ति सबसे अच्छी है जिसे चोर चुरा नहीं सकता, खर्च करने पर वह घटती नहीं बल्कि बढ़ती ही जाती है। वह सत्य की नौका को चलाने वाले हैं। उन्हीं का यश गागा कर वह प्रसन्नता प्राप्त करती है। वह अपने पाँवो में धुंघुरू बाँध कर उनके समक्ष नाचती है। लोग कहते हैं कि वह कुल का नाश कर रही थी पर वह उनकी परवाह नहीं करती। उसने राणा के द्वारा भेजा जहर का प्याला भी उनका प्रसाद समझ कर पी लिया था। वह तो केवल श्रीकृष्ण का है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 24 नेत्रदान Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 24 नेत्रदान

Hindi Guide for Class 8 PSEB नेत्रदान Textbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ:

नसीब = भाग्य।
सहसा = अचानक।
आशैंका = सन्देह, शक।
हृदयआघात = दिल का दौरा।
चुहलबाजी = शरारती।
विलाप = रोना-धोना।
असहनीय = जिसे सहन न किया जा सके।
संकल्प = इच्छा, निश्चय।
सर्वोपरि = सबसे ऊपर।
स्वेच्छा = अपनी इच्छा।
आर्द्र = नमी युक्त।
शल्य = चीर-फाड़।
आश्वस्त = जिसे आश्वासन या भरोसा मिला हो।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

II. इन मुहावरों के अर्थ समझते हुए वाक्य बनायें

लुत्फ उठाना, मातम छाना, गले से लिपटकर रोना, किसी और दुनिया में जाना, जीवन प्रकाशमान होना, यज्ञ सफल होना, जीवन के मायने बदलना।

उत्तर:
1. लुत्फ उठाना – सभी बच्चों ने रीना की जन्मदिवस पार्टी में बहुत लुत्फ उठाया था।
2. मातम छाना – भरी सभा में नेता जी की हृदय गति रुक जाने के कारण मातम छा गया।
3. गले से लिपटकर रोना – विवाह के पश्चात् विदाई के समय रोहिणी अपनी मम्मी के गले से लिपट फूट-फूट कर रो रही थी।
4. किसी और दुनिया में जाना-हम सब को मर कर किसी और दुनिया में जाना ही
5. जीवन प्रकाशमान होना-भाई साहब ने अपनी सारी संपत्ति दीन-दुखियों को दान देकर समाज सेवा में लगकर अपने जीवन को प्रकाशमान कर लिया।
6. यज्ञ सफल होना-ग्यारह गरीब लड़कियों का आर्य समाज में विवाह कराने का काम कठिन था पर सब की कोशिश से यज्ञ सफल हो ही गया।
7. जीवन के मायने बदलना-बचपन से अपंग हो चुके राजेश ने जब से कृत्रिम पाँव प्राप्त किए हैं तब से उसके जीवन के मायने बदल गए हैं।

(ख) विषय – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
नेत्रदान करने का संकल्प किस-किसने किया था ?
उत्तर;
नेत्रदान करने का संकल्प मृतका और उसकी सहेली ने किया था।

प्रश्न (ख)
हृदयाघात के कारण किसकी मृत्यु हो गई थी ?
उत्तर:
हृदयाघात के कारण लेखिका की सखी की मृत्यु हो गई थी।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

प्रश्न (ग)
नेत्र संकल्प का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
नेत्र संकल्प का अर्थ है-मृत्यु के पश्चात् नेत्रों का दान।

प्रश्न (घ)
सहेली के परिवार वालों ने नेत्रदान करने का विरोध कैसे किया ?
उत्तर:
सहेली के परिवार वालों ने नेत्रदान करने का विरोध इसलिए किया था कि उन्हें उसके नेत्रदान के विषय में कुछ भी पता नहीं था।

प्रश्न (ङ) एक व्यक्ति की आँखें कितने लोगों को लगाई जाती हैं ?
उत्तर:
एक व्यक्ति की आँखें दो लोगों को लगाई जाती हैं।

प्रश्न (च)
हमारे देश में कितने लोग ऐसे हैं जिनका आँखों का पर्दा किसी न किसी कारण धुंधला हो जाता है ?
उत्तर:
हमारे देश में 25 लाख से अधिक लोगों की आँखों का पर्दा किसी न किसी कारण धुंधला हो जाता है।

प्रश्न (छ)
नेत्र बैंक की टीम के पहुंचने से पूर्व क्या करना चाहिए ?
उत्तर:
नेत्र बैंक की टीम पहुँचने से पूर्व मृतक की दोनों आँखें बंद कर उन पर रूई में लपेट कर बर्फ रखनी चाहिए और पंखा बंद कर देना चाहिए।

प्रश्न (ज)
नेत्रदान करने में कितना समय लगता है ?
उत्तर:
नेत्रदान करने में 15-20 मिनट लगते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
जीवित नेत्र संकल्प पत्र के बारे में आप क्या जानते हैं ? लिखें।
उत्तर:
जीवित नेत्र संकल्प पत्र एक प्रकार का शपथ-पत्र होता है जिसके द्वारा कोई भी व्यक्ति शपथ लेता है कि जब वह मर जाएगा तो उसकी दोनों आँखें घर के लोग दान दे देंगे। उन आँखों को डॉक्टर किन्हीं दो ज़रूरतमंद लोगों को लगाएंगे जिससे वे इस संसार को देख सकें। नेत्रदान विशेष नेत्र-बैंकों के डॉक्टर ही ले सकते हैं।

प्रश्न (ख)
नेत्रदान के क्या लाभ हैं ?
उत्तर:
नेत्रदान एक ऐसा दान है जो किसी नेत्रहीन को फिर से संसार की सुन्दरता देखने के योग्य बना देता है। इससे एक साथ दो अंधे लोगों को देखने की शक्ति प्राप्त हो जाती है। जिन मृतक आँखों को नष्ट होना ही था वे किसी को जीवन देने के योग्य बन जाती हैं। इससे मृतक शरीर को कोई क्षति नहीं होती।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. ‘अ’ लगाकर विपरीत शब्द बनायें

प्रिय = …………………
सहनीय = …………………
सहमति = …………………
सहयोग = …………………
सम्भव = …………………
उत्तर:
प्रिय = अप्रिय
सहनीय = असहनीय
सहमति = असहमति
सहयोग = असहयोग
सम्भव = असम्भव।

इन विपरीत अर्थ वाले शब्दों को भी समझें

अर्थ = अनर्थ
इच्छा = अनिच्छा
ठण्डक = तपन
कर्तव्य = अधिकार।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

II. लिंग बदलें

बेटा = …………………
पति = …………………
सास = …………………
माता = …………………
मौसी = …………………
दादी = …………………
साधु = …………………
उत्तर:
बेटा = बेटी
पति = पत्नी
सास = ससुर
माता = पति
मौसी = मौसा
दादी = दादा
साधु = साध्वी।

III. ‘बे’ लगाकर नये शब्द बनायें

बे + ख़बर = …………………
बे + सहारा = …………………
बे + शक = …………………
बे + मेल = …………………
+ रोक = …………………
उत्तर
बे + ख़बर = बेख़बर
बे + सहारा = बेसहारा
बे + शक = बेशक
बे + मेल = बेमेल
बे + रोक = बेरोक।

IV. ‘नेत्र’ शब्द के पर्यायवाची लिखें।

उत्तर:
नेत्र = आँख, दृग, लोचन, नयन, चक्षु, विलोचन, अक्षि।

योग्यता विस्तार

  • नेत्रदान किसी भी आय में मरणोपरान्त किया जा सकता है।
  • एक व्यक्ति की आँखें किन्हीं दो व्यक्तियों को प्रत्यारोपित की जाती हैं।
  • यह सूचना गुप्त रखी जाती है कि किस व्यक्ति को किसकी आँख लगी है।
  • नेत्रदान करने वाले को दानी (Donar) और नेत्र प्राप्त करने वाले को प्राप्त कर्ता (Donee) कहा जाता है।
  • नेत्र लेने के बाद इन्हें 24 से 36 घंटे तक रखा जाता है, जहाँ इनकी जाँच-पड़ताल की जाती है।
  • नेत्र बैंक में एक रजिस्टर लगा होता है जिसमें इच्छुक व्यक्तियों के नाम दर्ज होते हैं। क्रम अनुसार ही नेत्र प्रत्यारोपित किये जाते हैं।
  • नेत्र लगाने को ग्राफटिंग (Grafting) कहते हैं।
  • केवल आँख का पर्दा (Cornea) ही प्रत्यारोपित किया जाता है।
  • नेत्र में रोशनी आने में तीन से चार माह लगते हैं।
  • कोर्निया के धुंधले होने के अनेक कारण जैसे आँख में संक्रमण, चोट, खान-पान में कमी और आप्रेशन में कोई बाधा आदि हैं।
  • जिस व्यक्ति का रेटिना खराब हो गया या पीलिया, कैंसर, एडज़, रेबीज जैसे संक्रामक रोग से पीड़ित मृतक के नेत्रदान के अयोग्य होते हैं।
  • नेत्र बैंक की टीम के पहुँचने तक मृत्यु के उपरान्त दोनों आँखें बन्द कर दें, पंखा न चलायें। बर्फ रुई में लपेटकर उसकी आँखों पर रख दें। तकिया लगाकर मृतक का सिर ऊँचा कर दें।

संकल्प

  • कोई भी जीवित व्यक्ति संकल्प पत्र भर सकता है।
  • संकल्प पत्र निकटवर्ती क्षेत्र बैंक को भेजा जाता है।
  • नेत्र बैंक से नेत्र दानी कार्ड (Eye Donar Card) मिलता है। इसे हमेशा अपने पास संभाल कर रखें।
  • संकल्प पत्र न भी भरा हो तो भी नेत्रदान हो सकता है। उत्तराधिकारी की सहमति आवश्यक है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

PSEB 8th Class Hindi Guide नेत्रदान Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
लेखिका को किसकी मृत्यु की सूचना मिली थी ?
(क) भाई
(ख) पिता
(ग) माता
(घ) सहेली।
उत्तर:
सहेली।

प्रश्न 2.
लेखिका को सहेली की मृत्यु की सूचना किस दिन मिली ?
(क) रविवार को
(ख) सोमवार को
(ग) मंगलवार को
(घ) बुधवार को।
उत्तर:
रविवार को।

प्रश्न 3.
एक व्यक्ति की आँखें कितने लोगों को लगाई जा सकती हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर:
दो।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

प्रश्न 4.
लेखिका की सहेली को दिल का दौरा सुबह कब पड़ा था ?
(क) दो बजे
(ख) तीन बजे
(ग) चार बजे
(घ) पाँच बजे।
उत्तर:
चार बजे।

प्रश्न 5.
मृतका के नेत्रदान करने के संकल्प की किसने,सराहना की थी ?
(क) मौसा ने
(ख) ससुर ने
(ग) पति ने
(घ) मौसी सास ने।
उत्तर:
मौसी सास ने।

प्रश्न 6.
मौसी सास ने नेत्रदान का संकल्प पत्र कितने वर्ष पूर्व भरा था ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर:
चार।

प्रश्न 7.
क्या लगाने से न देख सकने वाले भी देख सकते हैं ?
(क) लैंस
(ख) ऐनक
(ग) कार्निया
(घ) सुरमा।
उत्तर:
कार्निया।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

प्रश्न 8.
नेत्रदान के लिए किस बैंक को सूचना देनी होती है ?
(क) ब्लड
(ख) नेत्र
(ग) सहकारी
(घ) सरकारी।
उत्तर:
नेत्र।

प्रश्न 9.
हमारे देश में कितने लाख से अधिक लोग देख नहीं सकते ?
(क) बीस
(ख) पच्चीस
(ग) तीस
(घ) पैंतीस।
उत्तर:
पच्चीस।

प्रश्न 10.
नेत्रदान करने में कितने मिनट का समय लगता है ?
(क) 10-12
(ख) 15-20
(ग) 8-10
(घ) 12-15.
उत्तर:
15-20.

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

नेत्रदान Summary

नेत्रदान पाठ का सार

प्रातः का समय था। ठंडी हवा चल रही थी। अपनी बात सुनाने वाली महिला घर के बगीचे में चाय पी रही थी कि फोन की घंटी बजी। उसकी बेटी फोन बाहर ही ले आई और उसने फोन अपनी मम्मी को दिया। फोन सुनते ही वह फूट-फूट कर रोने लगी। पूछने पर पता लगा कि उसकी प्रिय सहेली हृदयघात से चल बसी थी। वह और उसका पति शीघ्रता से उसके घर को चले। घर से चलने से पहले उसने अपने नेत्रदान करने का संकल्प पत्र उठाया और फोन से नेत्र बैंक को सूचना दी। वहाँ पहुँचकर पता लगा कि सुबह चार बजे उसकी सहेली को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी। महिला ने उसके पति को बताया कि उसकी मृतक पत्नी ने कुछ दिन पहले नेत्रदान करने का संकल्प किया था। पति ने बताया कि वह बाहर गया हुआ था और कल रात ही वापस लौटा था। उसने फोन पर इतना अवश्य बताया था कि वह मुझे कोई महत्त्वपूर्ण बात बताने वाली थी। महिला ने उसे अपना नेत्रदान पत्र दिखाया।

सहेली की सास और ससुर पहले तो अपनी बहू के नेत्रदान के लिए तैयार नहीं हुए लेकिन बाद में वे इसके लिए मान गए। मृतका की मौसी सास ने तो बहू की इस काम के लिए सराहना की। उसने स्वयं भी चार वर्ष पहले नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा था। उसका पोता देख नहीं सकता था और हो सकता था कि बहू की आँखों से वह देखने लगे। नेत्रदान किसे प्राप्त होगा यह बात गुप्त रखी जाती है और एक व्यक्ति को एक ही आँख दान में दी जाती है। हमारे देश में 25 लाख से अधिक ऐसे बच्चे हैं जो देख नहीं सकते। आँख के सामने का कॉर्निया नामक पर्दा धुंधला हो जाने के कारण दिखाई नहीं देता। जब साफ कॉर्निया लगा दिया जाए तो न देख सकने वाले वे लोग भी देख सकते हैं। मृतका की सहेली शल्य चिकित्सकों के आने से पहले रूई में बर्फ लपेट कर मृत शरीर की आँखों पर रखती रही थी। डॉक्टरों ने 15 से 20 मिनट में आँखें लेकर मृतका को नकली आँखें लगा दी थीं ताकि उसका चेहरा सामान्य बना रह सके।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 23 फलों की चौपाल

Hindi Guide for Class 8 PSEB फलों की चौपाल Textbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ:

चौपाल = खुली मंडपाकार बैठक जहाँ गाँव के लोग बैठकर पंचायत आदि करते हों, छायादार बड़ा चबूतरा।
कफ़ सिरप = खांसी की दवा।
नेत्र ज्योति = आँखों की देखने की शक्ति।
इजाजत = आज्ञा
अवशेष = बचा हुआ।
विसर्जित = त्यागा हुआ, छोड़ा हुआ।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल

(ख) विचार – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

प्रश्न (क)
अमरूद को कब खाना चाहिए ?
उत्तर:
अमरूद को अच्छी तरह धोकर दोपहर के समय खाना चाहिए।

प्रश्न (ख)
गाजर ने खाने से पहले अपने बारे में क्या हिदायत दी ?
उत्तर:
गाजर ने खाने से पहले अपने बारे में हिदायत दी कि मुझे खाने से पहले अच्छी तरह मल-मल कर धोना चाहिए और साफ करना चाहिए।

प्रश्न (ग)
उन दो सब्जियों के नाम लिखें जिन पर रोएं होते हैं ?
उत्तर:
गाजर और मूली पर रोएं होते हैं।

प्रश्न (घ)
अंगूर ने अपने क्या फायदे बताये ?
उत्तर:
अंगूर से खून बढ़ता है, खून साफ होता है, पाचन क्रिया ठीक होती है, नेत्र ज्योति बढ़ती है और कमजोर लोग स्वस्थ हो जाते हैं।

प्रश्न (ङ)
फलों को खाने से पहले धोना क्यों ज़रूरी है ?
उत्तर:
धूल-मिट्टी और हानिकारक बेक्टीरिया को दूर करने के लिए उन्हें धोना ज़रूरी है।

प्रश्न (च)
उन दो फलों के नाम लिखें जिन्हें खाने से पहले कुछ देर तक पानी में भिगोना चाहिए ?
उत्तर:
अंगूर और गाजर को खाने से पहले कुछ देर तक पानी में भिगोना चाहिए।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल

प्रश्न (छ)
सेब के छिलके क्यों नहीं उतारने चाहिए ?
उत्तर:
सेब के छिलके के ठीक नीचे विटामिन ‘सी’ और ‘ए’ होते हैं जो उसे उतारने से नष्ट हो जाते हैं इसलिए उसका छिलका नहीं उतारना चाहिए।

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

प्रश्न (क)
फलों को खाने से पहले क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए ?
उत्तर:
फलों को खाने से पहले साफ पानी से अच्छी तरह मल-मल कर धोना चाहिए। अंगूर, सेब, गाजर आदि को कुछ समय तक पानी में रखा जाना चाहिए। फलों का छिलका नहीं उतारना चाहिए। छिलकों के ठीक नीचे सेब जैसे फलों में विटामिन होते हैं जो छिलका उतर जाने से नष्ट हो जाते हैं।

प्रश्न (ख)
फलों को पकाने के लिए रसायनों का प्रयोग घातक है, क्यों ?
उत्तर:
अनेक फलों को पकाने के लिए कुछ लालची फल विक्रेता और व्यापारी उन्हें विशेष रसायनों में डुबो कर रखते हैं या उन पर रसायनों का छिड़काव करते हैं। आम जैसे फल की पेटी में कैल्शियम कार्बाइड का टुकड़ा रखते हैं जो नमी की अवस्था में एसीटीलीन गैस उत्पन्न करता है जिससे फल तो पक जाते हैं पर फल के माध्यम से वह मनुष्य के शरीर को बहुत अधिक नुकसान पहुँचाते हैं। इससे शरीर को तरह-तरह की बीमारियाँ हो जाती हैं।

प्रश्न (ग)
पीले रंग के फलों के नाम लिखें जिनमें विटामिन ‘ए’ की मात्रा अधिक होती है।
उत्तर:
पीले रंग के अनेक फलों में विटामिन ‘ए’ काफ़ी मात्रा में होता है लेकिन सभी पीले रंग के फल विटामिन ‘ए’ के भंडार नहीं होते। गाजर में विटामिन ‘ए’ पर्याप्त मात्रा में होता है जो चाहे बाहर से लाल और भीतर से पीली होती है। अंगूर और सेब भी विटामिन ‘ए’ से भरपूर होते हैं। आम में विटामिन ‘ए’ काफी मात्रा में होता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल

प्रश्न (घ)
खट्टे/रस वाले फलों के नाम लिखें जिनमें विटामिन ‘सी’ की मात्रा अधिक होती है।
उत्तर:
खट्टे/रस वाले फलों को सिटरिक परिवार के सदस्य कहते हैं। इनमें विटामिन ‘सी’ की मात्रा अधिक होती है। ये रोगों से लड़ने की क्षमता शरीर को देते हैं। संतरा, नींबू, मालटा, कीन, ग्रेफ्रूट, चकोतरा आदि फल इसी परिवार से जुड़े हुए हैं।

प्रश्न (ङ)
कौन-से ऐसे फल हैं जो यदि काटकर थोड़ी देर पड़े रहें तो काले हो जाते हैं ? उनमें भोजन का कौन-सा खनिज लवण होता है ?
उत्तर:
अनेक फल ऐसे हैं जिनमें लोहा नामक तत्व की मात्रा अन्य फलों की अपेक्षा अधिक होती है। जब इन्हें काटा जाता है तो इनमें उपस्थित लोहा वायु में उपस्थित ऑक्सीजन से क्रिया करता है और उससे लोहा ऑक्साइड बन जाता है। इस कारण वे गहरे भूरे या काले रंग को प्रकट करने लगते हैं। सेब, नाशपाती, अमरूद, आम आदि इस वर्ग के फल हैं। इनको खाने से रक्त में लोहा बढ़ता है जो शरीर को शक्ति प्रदान करता है।

प्रश्न (च)
फलों और सब्जियों पर प्रचलित मुहावरे/लोकोक्ति इकट्ठी करें। जैसे आम के आम गुठलियों के दाम।
उत्तर:
फलों और सब्जियों पर आधारित और समाज में प्रचलित अनेक मुहावरे और लोकोक्तियाँ हैं जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं
(क) आम के आम गुठलियों के दाम
(ख) मिर्च का स्वभाव होना
(ग) एक अनार सौ बीमार
(घ) एक करेला दूसरा नीम चढ़ा
(ङ) थाली का बैंगन
(च) बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद
(छ) किस खेत की मूली
(ज) गूलर का फूल होना
(झ) नमक-मिर्च लगाना
(ञ) गाजर-मूली के भाव बिकना

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल

(छ) उन फलों के नाम लिखें जिन्हें छिलका सहित/छिलका रहित खाया जाता है।

उत्तर:
छिलका सहित खाये जाने वाले फल
सेब
नाशपाती
अंगूर
जामुन
अमरूद
चैरी
खुमानी
आडू
आलू बुखारा
रसभरी
स्ट्राबरी

छिलका रहित खाये जाने वाले फल
खरबूजा
आम
तरबूज
अनानास
केला
श्रीफल/सीताफल/शरीफ़ा
संतरा
मौसमी
कीनू
लीची
अनार

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. इन शब्दों में से मूल शब्द अलग करें

प्रतिनिधित्व = प्रतिनिधि
फायदेमंद = ……………….
लापरवाही = ……………….
स्पष्टीकरण = ……………….
महत्त्वपूर्ण = ……………….
गुणवान = ……………….
अधिकाँश = ……………….
विसर्जित = ……………….
उत्तर:
प्रतिनिधित्व = प्रतिनिधि
फायदेमंद = फायदा
लापरवाही = परवाह
स्पष्टीकरण = स्पष्ट
महत्त्वपूर्ण = महत्त्व
गुणवान = गण।
अधिकाँश = अधिक
विसर्जित = सर्जित

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल

II. इन शब्दों के विपरीत शब्द लिखें

फायदा = ……………….
आवश्यक = ……………….
कमज़ोर = ……………….
रोगी = ……………….
ज़रूरी = ……………….
गुण = ……………….
महत्त्वपूर्ण = ……………….
विश्वास = ……………….
उपयोगी = ……………….
गुणवान = ……………….
विसर्जन = ……………….
उत्तर:
फायदा = घाटा
आवश्यक = अनावश्यक
कमज़ोर = शक्तिशाली
रोगी = निरोगी
ज़रूरी = गैर-ज़रूरी
गुण = अवगुण
महत्त्वपूर्ण = महत्त्वहीन
विश्वास = अविश्वास
उपयोगी = अनुपयोगी
गुणवान = गुणहीन
विसर्जन = सृजन।

III. उचित योजक शब्द लगाकर वाक्य पूरे करें

(i) …………… लोगों को ऐसे ही परेशान करोगे …………. तुम्हें भला कौन पूछेगा।
(ii) ………………. यह बात सच है कि बंटी को खाँसी मेरी वजह से ही हुई है ………………… इसमें मेरा रत्ती भर भी दोष नहीं।
(iii) दाँतों …………….. मसूड़ों के लिए भी मैं फायदेमंद हूँ।
(iv) इसको कई बार समझाया गया ……………….. यह अपनी आदत से बाज़ नहीं आ रही है।
(v) मेरे शरीर के रोओं में घातक जीवाणु होते हैं …………….. मुझे खाने से पहले खूब अच्छी तरह से धो लेना चाहिए।
(vi) आप ऐसा कोई उपाय बतायें ………………. लोग बीमार न पड़ें।
(vii) लोग हमें खाने का सही तरीका नहीं जानते ………………… हम लोग चाहते हुए भी पूरा फायदा नहीं पहुंचा पाते हैं।
उत्तर:
(i) अगर लोगों को ऐसे ही परेशान करोगे तो तुम्हें भला कौन पछेगा।
(ii) यद्यपि यह बात सच है कि बंटी को खाँसी मेरी वजह से ही हुई है तथापि इसमें मेरा रत्ती भर भी दोष नहीं।
(iii) दाँतों और मसूड़ों के लिए भी मैं फायदेमंद हूँ।
(iv) इसको कई बार समझाया गया लेकिन यह अपनी आदत से बाज़ नहीं आ रही है।
(v) मेरे शरीर के रोओं में घातक जीवाणु होते हैं अतः मुझे खाने से पहले खूब अच्छी तरह से धो लेना चाहिए।
(vi) आप ऐसा कोई उपाय बतायें ताकि लोग बीमार न पड़ें।
(vii) लोग हमें खाने का सही तरीका नहीं जानते इसलिए हम लोग चाहते हुए भी पूरा फायदा नहीं पहुंचा पाते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल

योग्यता विस्तार

हमें स्वस्थ रहने के लिए संतुलित भोजन करना चाहिए। संतुलित भोजन वह है जिसमें सभी पोषक तत्व यथा-कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज लवण, जल और रेशे उचित मात्रा में हों। नीचे एक ओर फलों के नाम दिये गये हैं, दूसरी ओर विटामिनों के नाम हैं। जिस फल में जो विटामिन अधिक मात्रा में पाया जाता है उसके नीचे सही शिान अंकित करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल 1
उत्तर:
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल 2

अभिनय
इस एकाँकी का स्कूल के वार्षिक उत्सव पर अभिनय करवायें।

PSEB 8th Class Hindi Guide फलों की चौपाल Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
फलों का राजा किस फल को कहते हैं ?
(क) सेब को
(ख) आम को
(ग) केले को
(घ) अंगूर को।
उत्तर:
आम को।

प्रश्न 2.
क्या खाने से लड़के को खाँसी हो गई थी ?
(क) अनार
(ख) अमरूद
(ग) अंगूर
(घ) आम।
उत्तर:
अमरूद।

प्रश्न 3.
अमरूद कब खाना चाहिए ?
(क) रात को
(ख) दोपहर को
(ग) संध्या के समय
(घ) प्रभातकाल में।
उत्तर:
दोपहर को।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल

प्रश्न 4.
गाजर के लम्बे बालों में कौन-से जीवाणु होते हैं ?
(क) अमीबा
(ख) एटामीबा
(ग) अक्टोबा
(घ) इकाबीमा।
उत्तर:
एटामीबा।

प्रश्न 5.
शरीर में खून बढ़ाने में सबसे अधिक योगदान किस फल का होता है ?
(क) केला
(ख) अमरूद
(ग) सेब
(घ) अंगूर।
उत्तर:
अंगूर।

प्रश्न 6.
किस फल के छिलके नीचे विटामिन ए और सी होते हैं ?
(क) अनार
(ख) अमरूद
(ग) सेब
(घ) केला।
उत्तर:
सेब।

प्रश्न 7.
छिलका सहित खाने वाला फल कौन-सा है ?
(क) अनार
(ख) केला
(ग) आम
(घ) अंगूर।
उत्तर:
अंगूर।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल

प्रश्न 8.
छिलका रहित खाया जाने वाला फल है ?
(क) सेब
(ख) अंगूर
(ग) केला
(घ) अमरूद।
उत्तर:
केला।

फलों की चौपाल Summary

फलों की चौपाल पाठ का सार

तरह-तरह के फलों की एक सभा बुलाई गई। छोटे लड़के-लड़कियों ने फलों के मुखौटे लगाकर फलों का अभिनय किया। फलों के राजा आम ने अन्य फलों से पूछताछ की। वह जानना चाहते थे कि लोग उन्हें खाने के बाद बीमार क्यों पड़ जाते थे। केले ने सभा को आरम्भ किया और अमरूद पर आरोप लगाया कि उसे खाने से एक लड़के को खांसी हो गई। शारीरिक परेशानी के साथ-साथ उसे इलाज के लिए पैसे भी खर्च करने पड़े। अमरूद ने अपना बचाव करते हुए कहा कि सर्दी के दिन शाम के समय उस लड़के ने उसे बिना धोये हुए खाना शुरू कर दिया था। यदि उसे दोपहर के समय खाया जाता तो वह हानिकारक नहीं होता। वह पाचन क्रिया को बढ़ाता है, पेट साफ रखता है, दाँतोंमसूड़ों के लिए अच्छा है, कब्ज़ और बवासीर में उपयोगी है और दिमाग की गर्मी को कम करता है। वह पागलपन दूर करने में भी सहायक होता है। बस, उसका इस्तेमाल ठीक ढंग से किया जाना चाहिए।

संतरे ने गाजर पर आरोप लगाया कि उसके कारण लोगों में दस्त और पेट की गड़बड़ी होने की शिकायतें आ रही थीं। गाजर ने अपने उत्तर में कहा कि लोग उसे धोए बिना खा लेते हैं। उस पर लम्बे-लम्बे बालों में एंटामीबा नामक जीवाणु होते हैं जो पेट में जाकर पाचन क्रिया को प्रभावित करते हैं। उसमें विटामिन ‘ए’, ‘बी’, ‘डी’ और ‘के’ काफ़ी मात्रा में होते हैं जिससे शरीर का विकास होता है। उसे अच्छी तरह धोने के बाद ही खाया जाना चाहिए। गाजर के बैठते ही मूली ने अपने बारे में स्वयं कहा कि उसे खाने से पहले धोया जाना चाहिए।

केले ने अंगूर पर आरोप लगाया कि उसे खाने से अनेक लोग बीमार पड़ जाते हैं। इसका कारण क्या था ? अंगूर ने बताया कि उसमें विटामिन ए, बी, सी, प्रोटीन, वसा, कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा आदि होते हैं जिनसे शरीर में खून बढ़ता है, खून साफ होता है, पाचन क्रिया ठीक होती है और नेत्र ज्योति ठीक होती है। वह कमज़ोर और रोगियो के लिए बहुत उपयोगी होता है। लोगों की बीमारी का कारण वह नहीं है बल्कि लोग स्वयं हैं। वे रेडियों और ठेले वालों से उसे खरीदते हैं। उस पर पड़ी धूल-मिट्टी, मक्खियों की गन्दगी आदि की परवाह किए बिना उसे खा जाते हैं जिस कारण वे बीमार पड़ जाते हैं। उसे पकाने के लिए रासायनिक पदार्थों का उपयोग भी नहीं किया जाना चाहिए। उसे खाने से पहले अच्छी तरह धोया जाना चाहिए। अंगूर के बैठते ही सेब स्वयं खड़ा हो गया। उसने बताया कि उसे खाने के लिए लोग उसका छिलका उतार देते हैं। छिलके के ठीक नीचे विटामिन ए और सी होते हैं। इसलिए अच्छी तरह धोकर छिलके सहित खाना चाहिए। सबकी बात सुनकर आम ने निष्कर्ष निकाला कि लोगों को फल सावधानी से खाने चाहिएं। उन्हें अच्छी तरह धोकर बिना छिलका उतारे ही खाना चाहिए।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता

Hindi Guide for Class 8 PSEB उम्मीद का अन्तिम पत्ता Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

I. शब्दार्थ :

फुसफुसाना = धीमी, अस्फुट आवाज़ में बोलना।
लता = बेल।
आग्रह = किसी बात पर बार-बार ज़ोर देना।
खनिक = खोदने वाला।
ज्वर = बुखार, ताप।
सर्वश्रेष्ठ = सबसे उत्तम।
कलाकृति = कलामयी रचना।
निमोनिया = सर्दी से फेफड़े में श्लेष्मा के जमा हो जाने से होने वाली सूजन या प्रदाह ।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता

II. इन शब्दों के अर्थ समझते हुए वाक्य बनायें :लता, आग्रह, अनचाहा, चित्र, मूर्ति, सर्वश्रेष्ठ, कलाकृति।

उत्तर:
लता-स्वीटपी की लता फूलों से लदी हुई थी। आग्रह-आप मेरे आग्रह को मत ठुकराइए और सभा में अवश्य आइए। अनचाहा-अनचाहा मेहमान किसी को भी अच्छा नहीं लगता। चित्र-अनीता ने गांधी जी का सुंदर चित्र बनाया था। मूर्ति-गणेश जी की मूर्ति बहुत ही सुंदर है। सर्वश्रेष्ठ-प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ वक्ता को पुरस्कार दिया गया। कलाकृति-प्राचीन मंदिरों में अनेक कलाकृतियाँ बड़ी ही भव्य हैं।

(ख) विषय – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

प्रश्न (क)
स्यू और जॉनसी कौन थीं ?
उत्तर;
स्यू और जॉनसी दोनों सहेलियाँ थीं और दोनों ही अच्छी कलाकार थीं।

प्रश्न (ख)
जॉनसी को क्या हो गया था ?
उत्तर;
जॉह्नसी को निमोनिया हो गया था।

प्रश्न (ग)
उसके मन में क्या बात बैठ गई थी ?
उत्तर:
उसके मन में बैठ गया था कि आईवीलता का आखिरी पत्ता गिर जाएगा तो वह भी मर जाएगी।

प्रश्न (घ)
जॉनसी का मन बहलाने के लिए स्यू ने क्या किया ?
उत्तर:
जॉनसी का मन बहलाने के लिए उसने फैशन और कपड़ों की बातें कीं और उनके कमरे में ही चित्र बनाने का कार्य किया।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता

प्रश्न (ङ)
आईवी लता से गिरते पत्ते को देखकर उसने स्यू से क्या कहा ?
उत्तर:
आईवी लता के गिरते पत्ते को देखकर उसने स्यू से कहा कि उसके आखिरी पत्ते गिरने के बाद वह भी मर जाएगी।

प्रश्न (च)
बहरमैन कौन था ?
उत्तर:
बहरमैन साठ साल का बूढ़ा कलाकार था जो चित्र बनाया करता था।

प्रश्न (छ)
उसकी सर्वश्रेष्ठ कलाकृति क्या थी ?
उत्तर:
बहरमैन की सर्वश्रेष्ठ कलाकृति वह हरे-पीले रंग का पत्ता था जिसे उसने आई वी लता पर लगाया था।

प्रश्न (ज)
अन्तिम पत्ते को लता पर लगा देखकर जॉनसी को क्या विश्वास हो गया था ?
उत्तर:
अन्तिम पत्ते को लता पर लगे देखकर जॉनसी को विश्वास हो गया था कि वह अभी नहीं मरेगी। वह अभी और जियेगी।

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

प्रश्न (क)
जॉनसी में जीने की चाह क्यों नहीं थी ?
उत्तर:
जॉनसी को निमोनिया था। बिस्तर पर लेटे-लेटे उसने बाहर लगी आईवी लता से गिरते पत्ते देखे थे तो उसे वहम हो गया था कि जिस प्रकार पत्ते गिर रहे थे वह भी उसी तरह मौत की ओर जा रही थी। बेल के आखिरी पत्ते के गिरने के बाद वह भी मर जाएगी। निराशा और हताशा के कारण उसमें जीने की चाह नहीं रही थी।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता

प्रश्न (ख)
स्यू ने अपनी सहेली के लिए क्या-क्या काम किये ?
उत्तर:
स्यू ने अपनी सहेली के लिए वे सब काम किए जो कोई भी बहुत अच्छी सहेली कर सकती थी। उसने उसके मानसिक वहम को दूर करने के लिए उसे समझायाबुझाया। उसका ध्यान बदलने के लिए फैशन और वस्त्रों की बातें कीं। उसके कमरे में ही चित्रकला की। डॉक्टर और बहरमैन से उसके बारे में बातचीत की। उसे दुलारा, प्यार किया और सब प्रकार से उसकी सेवा-सुश्रुषा की।

प्रश्न (ग)
बहरमैन ने जॉनसी के लिए ऐसा क्या किया जिससे उसके मन में जीने की चाह उत्पन्न हो गई ?
उत्तर:
बहरमैन एक अच्छा चित्रकार था। जब उसे स्यू से पता चला कि जॉनसी के मन में एक वहम घर कर गया था कि लता पर लगा आखिरी-पत्ता जब गिर जाएगा तब वह भी मर जाएगी तो उसने आखिरी पत्ते के गिर जाने के बाद तूफ़ानी रात में एक पत्ता बनाकर बेल पर लगा दिया जो दूर से असली लगता था। उसे तुफ़ान में भी गिरता न देखकर उसके मन में जीने की चाह उत्पन्न हो गई थी।

(घ) व्यावहारिक व्याकरण

I. इन शब्दों में से मूल शब्द अलग करके लिखें :

1. चिन्तित = ………………..
2. तूफ़ानी = ………………..
3. दिलचस्पी = ………………..
4. बर्फीली = ………………..
5. शान्ति = ………………..
6. स्वास्थ्य = ………………..
7. उत्सुकता = ………………..
8. परेशानी = ………………..
9. अन्तिम = ………………..
उत्तर:
मूल शब्द
1. चिन्ता
2. तूफ़ान
3. दिल
4. बर्फ
5. शान्त
6. स्वस्थ
7. उत्सुक
8. परेशान
9. अन्त।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता

II. विपरीत शब्द लिखें :

स्वस्थ = ………………..
सहयोग = ………………..
अन्धेरा = ………………..
इच्छा = ………………..
निराश = ………………..
दुर्व्यवहार = ………………..
परेशानी = ………………..
उत्सुकता = ………………..
उत्तर:
स्वस्थ = अस्वस्थ
सहयोग = असहयोग
अन्धेरा = उजाला
इच्छा = अनिच्छा
निराश = आशावान
दुर्व्यवहार = सद्व्यवहार
परेशानी = आसानी
उत्सुकता = अनौत्सुकता

III. पर्यायवाची शब्द लिखें :

उम्मीद = ………………..
लता = …………………
बारिश = ………………..
पत्ता = ………………..
उत्तर:
उम्मीद = आशा , अपेक्षा
लता = बेल , वल्लरी।
बारिश = वर्षा , बरखा
पत्ता = पत्र , पर्ण

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता

IV. ‘अनचाहा’ में ‘अन’ और दुर्व्यवहार में ‘दुर’ उपसर्ग है। ‘अन’ और ‘दुर’ लगाकर नये शब्द बनायें :

अन + जान = ………………..
अन + ……. = ………………..
अन + ………. = ………………..
दुर् + दशा = ………………..
दुर् + …………… = ………………..
दुर् + …………… = ………………..
उत्तर
अन + जान = अनजान
अन + होनी = अनहोनी
अन + मेल = अनमेल
दुर् + दशा = दुर्दशा
दुर् + भाग्य = दुर्भाग्य
दुर् + गम = दुर्गम।

(घ) रचना – बोध

आपको सहेली/मित्र का पत्र मिला है जिससे आपको मालूम हुआ कि उसके पिता/माता दुर्घटनाग्रस्त हो गए हैं। उनकी स्थिति गम्भीर है। ऐसे में पत्र लिखकर उसका उत्साह बढ़ायें।

उत्तर:
810-प्रेम नगर,
पटियाला।
28 नवम्बर, 20……….
प्रिय नीरजा,

नमस्ते। मुझे अभी कुछ मिनट पहले ही पंजाब केसरी में छपे समाचार से पता लगा है कि तुम्हारे पापा दुर्घटनाग्रस्त हो गए हैं। उनके बाईक को पीछे से एक कार वाले ने टक्कर मार दी। उनका नाम और घर का पता पढ़कर एक बार तो मैं सिर से पाँव तक काँप गई थी। मेरी आँखें सोचने मात्र से आँसुओं से भर गई थीं। मैं तुम्हारी और आंटी की स्थिति की कल्पना भलीभांति कर सकती हूँ। समाचार-पत्र में जिस अस्पताल का नाम छपा है वह अच्छा है और वहाँ के डॉक्टर भी बहुत कुशल हैं। ईश्वर अंकल को निश्चित रूप से ठीक करेंगे। ईश्वर बहुत दयालु हैं। वह गम्भीर से गम्भीर स्थिति को भी पल भर में ठीक कर देते हैं। तुम हौंसला बनाए रखना। अपनी मम्मी को सहारा देना। मैं भी अपने पापा के साथ शीघ्र तुम्हारे पास आऊंगी। तुम चिन्ता न करना। चाची जी को नमस्कार।
तुम्हारी सखी,
अनुराधा

चिन्तन एवं मनन :
जीवन में कई बार ऐसे क्षण आते हैं जब मन निराशा से भर जाता है। ऐसे क्षणों में भी हमें छोटी-छोटी चीजों में आशा की एक किरण दिखाई दे सकती है। अत: निराश होने की कोई आवश्यकता नहीं है। ऐसे सुख के छोटे-छोटे क्षण ढूंढें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता

PSEB 8th Class Hindi Guide उम्मीद का अन्तिम पत्ता Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
स्यू और जॉनसी छोटे से घर की किस मंजिल पर रहती थी ?
(क) पहली
(ख) दूसरी
(ग) तीसरी
(घ) चौथी।
उत्तर:
तीसरी।

प्रश्न 2.
जॉनसी को कौन-सी बीमारी थी ?
(क) निमोनिया
(ख) कैंसर
(ग) टी०वी०
(घ) डायरिया।
उत्तर:
निमोनिया।

प्रश्न 3.
स्यू और जॉनसी क्या थी ?
(क) कलाकार
(ख) डॉक्टर
(ग) नर्स
(घ) अध्यापक।
उत्तर:
कलाकार।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता

प्रश्न 4.
जॉह्नसी किस लता को देख रही थी ?
(क) आईवी
(ख) सीवी
(ग) जीवी
(घ) ओवी।
उत्तर:
आईवी।

प्रश्न 5.
स्यू क्या बना रही थी ?
(क) सूप
(ख) चित्र
(ग) दवा
(घ) टीका।
उत्तर:
चित्र।

प्रश्न 6.
बहरमैन की उम्र कितनी थी ?
(क) पचास वर्ष
(ख) साठ वर्ष
(ग) पैंसठ वर्ष
(घ) चालीस वर्ष।
उत्तर;
साठ वर्ष।

प्रश्न 7.
बहरमैन ने आईवी लता पर क्या लगाया था ?
(क) झंडा
(ख) तूफ़ान से बचाने के लिए तिरपाल
(ग) हरे-पीले रंग का आईवी लता के पत्ते का चित्र
(घ) छतरी।
उत्तर:
हरे-पीले रंग का आईवी लता के पत्ते का चित्र।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता

प्रश्न 8.
बहरमैन कैसे मरा ?
(क) निमोनिया से
(ख) डायरिया से
(ग) कैंसर से
(घ) टी० वी० से।
उत्तर:
निमोनिया से।

उम्मीद का अन्तिम पत्ता Summary

उम्मीद का अन्तिम पत्ता कहानी का सार

मन में उत्पन्न होने वाले आशा के भाव किसी में भी नया जीवन भर देने की ताकत रखते हैं। स्यू और जॉनसी दो सहेलियां थीं। वे कलाकार थीं और एक साथ एक पुराने मकान की तीसरी मंजिल पर रहती थीं। नवम्बर महीने में जॉनसी को निमोनिया हो गया था। वह बिना हिले-डुले बिस्तर पर लेटी रहती थी। डॉक्टर उसका इलाज कर रहा था पर उस पर दवाई का कोई असर ही नहीं हो रहा था। एक दिन डॉक्टर ने स्यू से कहा कि उसे लगता था कि उसकी सहेली ने अपने दिमाग में यह बात बिठा ली थी कि वह अब ठीक नहीं हो सकती थी। ऐसा होने के कारण दवाइयाँ उस पर असर नहीं कर रही थीं। स्यू ने अपनी सहेली के ध्यान बंटाने के लिए फैशन, वस्त्रों, चित्रकला आदि से जुड़ी हुई बातें कीं लेकिन उसने कोई उत्तर नहीं दिया। वह अपना ड्राइंग बोर्ड भी उसके कमरे में ले आई थी। एक दिन स्यू ने जॉनसी को खिड़की के बाहर लेटे-लेटे आइवी-लता के झड़ते पत्तों को गिनते देखा। वह बेल खिड़की के सामने ईंटों की दीवार के मध्य तक चढ़ी हुई थी।

बाहर लगातार बढ़ती ठंड के कारण बेल के पत्ते गिर रहे थे। जब स्यू ने उससे इस बारे में पूछा तो जानसी ने उत्तर दिया कि तीन दिन पहले वहाँ लगभग सौ पत्ते थे। अब केवल पाँच पत्ते शेष रह गए थे। जब अन्तिम पत्ता गिर जाएगा तो वह भी मर जाएगी। स्यू ने उसे समझाया कि झड़ते पत्तों का उसके जीवन से कोई सम्बन्ध नहीं था लेकिन वह भी कुछ नहीं बोली। अब बेल पर केवल तीन पत्ते शेष रह गए थे। जाह्नसी अन्धेरा होने से पहले पके हुए अन्तिम पत्ते को भी गिरते हुए देखना चाहती थी और सोचती थी कि उसके बाद वह भी सदा के लिए सो जाएगी। स्यू ने उसे दुलारा, प्यार किया और उसे समझाया। उसने उससे कहा कि जब तक वह चित्र पूरा नहीं बना लेती तब तक वह खिड़की के बाहर उस पत्ते की ओर न देखे। वह बूढ़े खनिक का चित्र बनाने के लिए सबसे नीचे वाली मंजिल की ओर चली गई जहां बहरमैन नामक बूढ़ा चित्रकार रहता था। वह उसे अपने चित्र का मॉडल बनाना चाहती थी। वह बूढ़ा चित्रकार एक सर्वश्रेष्ठ कलाकृति बनाना चाहता था। स्य ने अपनी सहेली से सम्बन्धित सारी परेशानियाँ बहरमैन को बताईं। वे दोनों जब कमरे में आए तो जाह्नसी सो रही थी। बेल पर अब केवल एक पत्ता शेष बचा था, बाहर तेज़ बारिश हो रही थी और बर्फीली हवा चल रही थी, ऐसा लगता था कि आखिरी पत्ता भी गिर जाएगा। बहरमैन बिना कुछ बोले वापस अपने कमरे में चला गया।

अगली सुबह जब पर्दा हटाया तो तेज़ हवाओं के बावजूद आखिरी पत्ता नहीं गिरा था। वह काफी हरा और स्वस्थ लग रहा था। कुछ-कुछ देर बाद जाह्नसी अपनी आँखें खोलकर उस पत्ते की ओर देख लेती थी। शाम को एक बार फिर तूफ़ान आया वह पत्ता फिर भी नहीं गिरा। कुछ देर बाद उसने स्यू से कहा कि उसके विचार ठीक नहीं थे। वह जान गई थी कि मौत की चाह रखना पाप था। दोपहर बाद डॉक्टर साहब ने उसे जाँच कर कहा कि अब ठीक थी और शीघ्र पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएगी। उसने यह भी बताया कि बहरमैन को भी निमोनिया हो गया था और कोई उम्मीद नहीं थी कि वह जिन्दा रह पाएगा। अगली सुबह स्यू ने जॉनसी को बताया कि बहरमैन की मृत्यु हो गई थी। उसे दो दिन से निमो िथा। चौकीदार ने बताया कि वह गीले कपड़े और गीले जूते पहने हुए बिस्तर पर पड़ा काँप रहा था। वह तूफ़ानी रात में बाहर निकला था। उसने आईवीलता का आखिरी पत्ता गिर जाने के बाद हरे-पीले रंगों का पत्ता बनाकर वहां लगाया था जो फड़फड़ाता नहीं था। वह उसकी सर्वश्रेष्ठ कलाकृति थी।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 6 The Bewitched Jacket

Punjab State Board PSEB 9th Class English Book Solutions English Literature Book Solutions Chapter 6 The Bewitched Jacket Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 English Literature Book Solutions Chapter 6 The Bewitched Jacket

Question 1.
Who did the author meet at a party ?
(लेखक पार्टी में किस से मिला ?)
Answer:
He met a man who looked handsome because of his clothes. The man was about forty years old.
वह एक आदमी से मिला जो अपने वस्त्रों की वजह से सुन्दर लग रहा था। उस आदमी की आयु लगभग चालीस वर्ष की थी।

Question 2.
Why was the author impressed by the man he met at the party ?
(लेखक उस आदमी से प्रभावित क्यों हुआ था जिसे वह पार्टी में मिला था ?)
Answer:
The man looked handsome because of his clothes. He seemed to be a gentle person. That was why the author was impressed by him.
वह आदमी अपने वस्त्रों की वजह से सुन्दर लगता था। देखने में वह एक भद्र पुरुष प्रतीत होता था। इसी कारण लेखक उस से प्रभावित हो गया।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 6 The Bewitched Jacket

Question 3.
Where did the author get his suit made ?
(लेखक ने अपना सूट कहां से बनवाया ?)
Answer:
He got it made by a tailor named Alfonso Corticella. The tailor lived at via Ferrarà
उसने यह एलफान्सो कोर्टिसेला नामक दर्जी से बनवाया। वह दर्जी मध्यमार्ग फैरारा 17 में रहता था।

Question 4.
Why was the author not keen to wear the suit ?
(लेखक सूट पहनने को उत्सुक क्यों नहीं था ?)
Answer:
The author did not know the why of it. It was only an inner feeling. He did not feel like wearing the suit.
लेखक को इस का कारण पता नहीं था। यह केवल एक अन्दर की भावना थी। उसका सूट पहनने को मन नहीं करता था।

Question 5.
What did the author find in the right pocket of the jacket ? What happened after that ?
(लेखक को जैकट की दाईं जेब में क्या मिला। उसके बाद क्या हुआ ?)
Answer:
He found there a ten-thousand-lira note. He thought the tailor might have put it there and forgotten about it. But then he put his hand into the pocket again. This time he found there another ten-thousand-lira note. He turned as pale as death.

उसे वहां दस हज़ार लियर का एक नोट मिला। उसने सोचा कि दर्जी ने शायद इसे वहां रखा हो और फिर भूल गया हो। किन्तु फिर उसने दोबारा अपना हाथ जेब में डाला। इस बार उसे वहां दस हजार लियर का एक दूसरा नोट मिला। वह एक मरे हुए आदमी के जैसा पीला पड़ गया।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 6 The Bewitched Jacket

Question 6.
Why did the author not return the money to the tailor ?
(लेखक ने दर्जी को पैसे वापस क्यों नहीं किए ?)
Answer:
The author soon realized that the money did not belong to the tailor. There was something magical about the jacket. Every time he put his hand into the right pocket, he found there a banknote of ten thousand lira. Thus there was no question of returning the money to the tailor.

लेखक को शीघ्र ही महसूस हो गया कि पैसे दर्जी के नहीं थे। जैकट में कोई जादुई बात थी। हर बार जब वह दाईं जेब में अपना हाथ डालता तो वहां उसे दस हजार लियर का नोट मिल जाता। इस प्रकार दर्जी को पैसे वापस करने का वहां कोई प्रश्न ही नहीं था।

Question 7.
What did the author do after coming home ?
(लेखक ने घर लौटने के बाद क्या किया ?)
Answer:
The author shut the doors and lowered the blinds. He started taking out notes from his jacket. The pocket was never empty. There was a heap of notes. The author counted them. They were: 58 million lire. He hid them in an old trunk.

लेखक ने दरवाज़े बन्द कर दिए और पर्दे नीचे गिरा दिए। उसने अपने जैकट में से नोट निकालने शुरू कर दिए। जेब कभी खाली न हुई। वहां नोटों का एक ढेर लग गया। लेखक ने उन्हें गिना। वे 58 मिलियन लियर थे। उसने इन्हें एक पुराने ट्रंक में छिपा दिया।

Question 8.
Why did the author buy another suit ?
(लेखक ने दूसरा सूट क्यों खरीदा ?)
Answer:
The author did not want his maid to know of the bewitched jacket. So he bought another suit of the same kind. He left it to the care of the maid.

लेखक नहीं चाहता था कि नौकरानी को जादुई जैकट का पता चले। इसलिए उसने उसी तरह का एक दूसरा सूट खरीद लिया। उसने यह नौकरानी की देख-रेख में छोड़ दिया।

Question 9.
What did the author do with the money ?
(लेखक ने पैसों का क्या किया ?)
Answer:
He hid it in an old trunk.
उसने ये एक पुराने ट्रंक में छिपा दिए।

Question 10.
Did the author know that there was a connection between the ill-gotten money and the bad happenings ?
(क्या लेखक जानता था कि बुरे ढंग से प्राप्त किए पैसे और बुरी घटनाओं के बीच कोई सम्बन्ध था ?)
Answer:
Yes, he did have such a feeling. Every time he drew money from the pocket, something bad happened in the world.
हां, लेखक को इस तरह की भावना अवश्य महसूस होती थी। हर बार जब वह जेब में से पैसे निकालता, तो संसार में कोई बुरी घटना घट जाती।

Question 11.
Why did the author still want more money ?
(लेखक अब भी और पैसे क्यों चाहता था ?)
Answer:
The more one has, the more one wants. It is a universal truth.
किसी आदमी के पास जितना ज़्यादा होता है, वह उतना ही और ज़्यादा चाहता है। यह एक स्थाई सच्चाई है।

Question 12.
Why did the author decide to destroy the jacket ? What happened when he was destroying it?
(लेखक ने जैकट को नष्ट क्यों किया ? तब क्या हुआ जब वह इसे नष्ट कर रहा था ?)
Answer:
Every time he drew money from the jacket, something bad happened in the world. The author could bear it no longer. That was why he decided to destroy the jacket. While he was destroying it, he heard a human voice. It said, “Too late, too late !” But he could see none there.

हर बार जब वह जैकट में से पैसे निकालता, संसार में कोई बुरी घटना हो जाती। लेखक इसे और अधिक सहन न कर सका। इसी कारण उसने जैकट को नष्ट करने का फैसला कर लिया। जब वह इसे नष्ट कर रहा था, तो उसे एक मानव आवाज़ सुनाई दी। यह कह रही थी, “अब बहुत देर हो गई है, बहुत देर !” किन्तु उसे वहां कोई भी दिखाई न दिया।

Question 13.
Do you think the author was a happy man after getting rid of the jacket ? Why ?
(क्या आप समझते हैं कि जैकट से छुटकारा पाने के बाद लेखक एक प्रसन्न व्यक्ति था ? क्यों ?)
Answer:
The author was still sad and worried. He feared that someday the tailor would come to his house and ask for the payment.
लेखक अब भी उदास और चिन्तित था। उसे भय था कि किसी दिन दर्जी उसके घर आ जाएगा और उससे पैसे के भुगतान की मांग करेगा।

Objective Type Questions

Answer the following in one word / phrase / sentence :

Question 1.
Who is the writer of the story, ‘The Bewitched Jacket’ ?
Answer:
Dino Buzzati.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 6 The Bewitched Jacket

Question 2.
What kind of a story is ‘The Bewitched Jacket’ ?
Answer:
A mystery story.

Question 3.
What was the age of the man the author met at a party?
Ans:
About forty years.

Question 4.
Who made the author’s suit ?
Answer:
A cailor named Alfonso Corticella.

Question 5.
Did the author feel like wearing the suit ?
Answer:
No, he didn’t.

Question 6.
What is lira ?
Answer:
Lira used to be an Italian unit of money.

Question 7.
What was found in the right pocket of the jacket?
Answer:
A ten-thousand lira note.

Question 8.
Where did the writer hide the money ?
Answer:
In an old trunk.

Question 9.
What happened every time the writer drew money from the pocket of the jacket?
Answer:
Something bad happened in the world.

Question 10.
What happened when the author was destroying the jacket?
Answer:
A human voice was heard.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 6 The Bewitched Jacket

Complete the following:

1. The author shut the door and …………………. the blinds.
2. There was news of a bank …… in the newspapers.
3. A bank’s ………………. car was carrying money to the main office.
4. An …………………. of 58 million lire was looted.
5. A terrible fire had destroyed a …………
6. The narrator took a car and went to a …………….. place.
Answer:
1. lowered
2. robbery
3. armoured
4. amount
5. warehouse
6. hilly.

Write True or False against each statement :

1. The writer went to a reception party in Rome.
2. The name of the tailor was Alfonso Corticella.
3. The tailor himself came to take the measurements.
4. The first time, narrator found 59 million lire.
5. The maid came in the morning.
6. In the morning papers, there was news of a bank inauguration.
Answer:
1. False
2. True
3. True
4. False
5. True
6. False.

Choose the correct option for each of the following:

Question 1.
Who did the narrator meet at a reception in Milan ?
(a) A film star.
(b) A doctor.
(c) A man of about forty.
(d) Bill Clinton.
Answer:
(c) A man of about forty.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 6 The Bewitched Jacket

Question 2.
The tailor lived at ……………
(a) via Ferrara 18
(b) via Ferrara 17
(c) via Ferrara 19
(d) via Ferrara 15
Answer:
(b) via Ferrara 17

Question 3.
The author rang up his ……
(a) secretary
(b) sister
(c) brother
(d) teacher
Answer:
(a) secretary

Question 4.
The narrator arrived at a valley in ……….
(a) the Alps
(b) the Himalayas
(c) the Shivalik hills
(d) Dehradun.
Answer:
(a) the Alps

The Bewitched Jacket Summary in English

The Bewitched Jacket Introduction:

It is a mystery story. The narrator meets a stranger at a party. The stranger is wearing nicely tailored clothes. The narrator asks him the name of the tailor. He goes to the same tailor and orders a suit for himself. When the narrator asks him its price, the tailor says that there is no hurry. After three weeks, the narrator gets his suit.

It is a jacket, a pair of trousers and a vest. By chance, the narrator puts his hand in the right pocket of the jacket. He finds in it a ten thousand lira note. The narrator thinks that the tailor must have put it there and forgotten about it. But he is surprised when the same thing happens every time he puts his hand in the pocket. In one night, he collects 58 million lire.

But the next morning there is news of a bank robbery of 58 million. The narrator is filled with fear. Still he works the next night and collects 135 million. This time there is news of a big fire in which more than 135 million is lost in cash. The narrator notes that every time he collects money from his pocket, something bad happens in the world. However, he grows very rich. He buys a big villa and has big automobiles. He has a good amount of money in his bank also. But then one morning, it is found that an old woman has committed suicide.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 6 The Bewitched Jacket

She lived in the same building in which the narrator had lived for a long time. She commits suicide because she had mislaid her monthly pension of 30 thousand lire. The same amount of money the narrator had collected from his pocket the day before. He can bear it no longer and doesn’t want to keep the jacket with him. He goes to a hilly place and burns the jacket. When he comes back, he finds that his car, his villa and his bank balance have all disappeard. Now he fears that someday the cursed tailor will come and ask for his bill.

Note : Lira used to be an Italian unit of money, the plural form of which was lire.

The Bewitched Jacket Summary in English

One night the narrator met a man about forty years old. The man looked handsome because of his clothes. The narrator did not know who he was. He had met him for the first time. But he praised him for his clothes. The man seemed to be a gentle person, but looked a little sad. The narrator liked his clothes so much that he asked him who his tailor was.

The man smiled curiously. He said that nearly no one knew that tailor, yet he was a great master. The narrator asked him if he was an expensive tailor. At this the stranger replied, “I don’t know. He made me this suit three years ago, and still he has not sent me the bill.” He told the narrator that the tailor’s name was Alfonso Corticella and that he lived at via Ferrara. The narrator found out the tailor’s house. He was a little old man. His hair was dyed black.

The narrator asked him to make him a suit. The tailor selected a piece of cloth for the narrator and took his measurements. He offered to come to the narrator’s house for the fitting. When the narrator asked him the price, the tailor said that there was no hurry. The narrator got the suit after three weeks. It was a masterpiece but he did not feel like wearing it. It was only after some weeks that he decided to wear it. It was a Tuesday in April and it was raining. The narrator says that he will never forget that day.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 6 The Bewitched Jacket

The narrator was at his office. He put his hand into the pocket of his jacket. There was a piece of paper in it. The narrator thought it was the tailor’s bill. But when he took it out, it was a ten-thousand-lira note. The narrator thought the tailor might have put it there and then forgotten about it. So he called his secretary to write a letter to the tailor. But before the secretary came, he had felt another piece of paper in his pocket. He turned as pale as death.

In the meantime, the secretary came in. She asked the narrator if he was feeling ill. The narrator said it was just a little dizziness. He sent her back saying that he would dictate the letter later. When she had gone, he took out the piece of paper from his pocket. It was another ten-thousand-lira note. Then he tried a third time. And a third banknote came out.

The narrator left the office and went home. He shut the doors and lowered the blinds. He started taking out the notes. There was a heap of notes before him. He counted them. There were 58 million lire. He emptied an old trunk and hid the money in it.

The maid came in the morning. She saw the narrator in bed wearing a suit. She looked surprised. The narrator told her that he had drunk a little too much the night before. The maid asked the narrator to take off the suit so that she could brush it. But the narrator said that he had to go out immediately and had no time to change. He went to a garment store and bought another suit of the same kind. He decided to leave this one in the maid’s care, and hide the other one in a safe place.

But there was news in the morning papers which dampened his joy. There was news of a bank robbery. A bank’s car was carrying money to the main office. Four criminals stopped it and killed a man. They took away all the money. It was 58 million lire. This incident left the narrator a little confused. But the same evening he set to work again. He was already rich but he wanted to become richer. This time he got 135 million.

In the morning papers, there was again news. A terrible fire had destroyed a warehouse in which more than 135 million were lost in cash. Two firemen were also killed while putting out the fire. The narrator now knew that the money in his pocket was coming from crimes, blood and death. But he didn’t blame himself for it. He continued drawing more and more money from his jacket. He bought a huge villa and had big automobiles to drive around.

One morning, an old woman was found dead in the same building where the narrator had lived for many years. She had killed herself because she had mislaid her monthly pension of 30 thousand lire. The narrator had drawn the same amount from his jacket a day before. He realised that every time he drew money from his pocket, there was something bad in the world. He could bear it no longer. He decided to destroy his jacket.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 6 The Bewitched Jacket

The narrator took his car and went to a hilly place. There he burnt the jacket to ashes. As the flames were dying out, he heard a human voice. It said, “Too late, too late !” The narrator tried to find who it was, but he could see none there.

However, he was happy that he had got rid of the jacket. But when he came back he saw that his car, his villa and his savings account had disappeared. There was nothing but dust in the old trunk. He became sad and worried. But no one took any notice of him. He had a constant fear that some day the cursed tailor would come and ask for the payment of his bill.

The Bewitched Jacket Summary in Hindi

The Bewitched Jacket Introduction:

कहानी का संक्षिप्त परिचय यह एक रहस्य-कथा है। वर्णनकर्ता एक पार्टी में किसी अजनबी से मिलता है। अजनबी सुन्दर ढंग से सिले वस्त्र पहने हुए है। वर्णनकर्ता उससे दर्जी का नाम पूछता है। वह उसी दर्जी के पास जाता है और अपने लिए एक सूट का आर्डर देता है। जब वह उसे इसकी कीमत पूछता है तो दर्जी कह देता है कि इसकी कोई जल्दी नहीं है। तीन सप्ताह के बाद वर्णनकर्ता को अपना सूट प्राप्त हो जाता है। यह एक जैकट, एक पतलून और एक वास्कट है।

अचानक वर्णनकर्ता अपना हाथ वास्कट की दाईं जेब में डालता है। उसे इसमें दस हजार लियर का एक नोट मिलता है। वर्णनकर्ता समझता है कि यह दर्जी ने वहां रखा होगा और फिर इसके बारे में भूल गया होगा। किन्तु वह चकित रह जाता जब हर बार वैसा ही होता है जब वह अपना हाथ जेब में डालता है। एक रात में वह जेब से 58 मिलियन लियर निकाल लेता है। किन्तु अगली प्रातः वहां 58 मिलियन लियर की बैंक डकैती का एक समाचार छपता है।

वर्णनकर्ता भय से भर जाता है। फिर भी वह अगली रात वही काम करता है और 135 मिलियन इकट्ठे कर लेता है। इस बार एक बड़ी आग लगने का समाचार मिलता है जिसमें 135 मिलियन से ज़्यादा की नगद राशि नष्ट हो जाती है। वर्णनकर्ता देखता है कि हर बार जब वह अपनी जेब से पैसे इकट्ठे करता है तो संसार में कोई बुरी घटना हो जाती है। तो भी वह बहुत धनी हो जाता है। वह एक बड़ा बंगला खरीद लेता है और उसके पास बड़ी-बड़ी गाड़ियां हो जाती हैं। उसके पास बैंक में भी भारी रकम जमा हो जाती है। किन्तु फिर एक प्रातः पता चलता है कि एक बूढ़ी औरत ने आत्महत्या कर ली है। वह उसी इमारत में रहती थी जिसमें वर्णनकर्ता एक लम्बे समय तक रहता रहा था।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 6 The Bewitched Jacket

वह आत्महत्या कर लेती है क्योंकि वह तीस हज़ार लियर की अपनी मासिक पेन्शन कहीं रख कर भूल जाती है। उतनी ही धन-राशि लेखक ने एक दिन पहले अपनी जेब से इकट्ठी की थी। वह इसे और अधिक सहन नहीं कर पाता है। और अब वह जैकट अपने पास नहीं रखना चाहता है। वह एक पहाड़ी जगह पर चला जाता है और जैकट को जला देता है। जब वह वापस आता है तो देखता है कि उसकी कार, उसका बंगला और उसकी बैंक में बचत-राशि सब गायब हो गए हैं। अब उसे भय होने लगता है कि वह घृणित दर्जी एक दिन आ जाएगा और उससे अपने बिल की राशि मांगेगा। नोट-लियर इतालवी मुदा की एक इकाई होती थी, जिसका बहुवचन भी लियर ही होता था।

The Bewitched Jacket Summary in Hindi

एक रात वर्णनकर्ता एक चालीस वर्षीय आदमी से मिला। वह आदमी अपने वस्त्रों की वजह से सुन्दर लग रहा था। वर्णनकर्ता उसे नहीं जानता था। वह उससे पहली बार मिला था। परन्तु उसने उस आदमी के वस्त्रों की प्रशंसा की। वह आदमी एक भद्र पुरुष लगता था, परन्तु वह थोड़ा उदास प्रतीत होता था। वर्णनकर्ता को उसके वस्त्र इतने अच्छे लगे कि उसने उससे पूछा कि उसका दर्जी कौन था। वह आदमी अजीब ढंग से मुस्कराया। उसने कहा कि उस दर्जी के बारे में लगभग कोई नहीं जानता था, फिर भी वह एक महान् कारीगर था। वर्णनकर्ता ने पूछा कि क्या वह एक महंगा दर्जी था। इस पर उस अजनबी ने उत्तर दिया, “मुझे मालूम नहीं। उसने तीन वर्ष पूर्व मेरा यह सूट बनाया था, और उसने अभी तक मुझे बिल नहीं भेजा है।” उसने लेखक से कहा कि दर्जी का नाम एल्फान्सो कोर्टिसेला था और वह मध्य मार्ग फेरारा 17 में रहता था।

वर्णनकर्ता ने दर्जी का घर ढूंढ निकाला। वह छोटे कद का एक बूढ़ा आदमी था। उसने अपने बाल काले रंगे हुए थे। वर्णनकर्ता ने उससे कहा कि वह उसके लिए एक सूट बना दे। दर्जी ने वर्णनकर्ता के लिए एक कपड़ा चुना और उसका नाप लिया। उसने फिटिंग जांचने के लिए वर्णनकर्ता के घर आने की पेशकश की। जब वर्णनकर्ता ने उससे पैसों का पूछा तो उसने कहा उसकी कोई जल्दी नहीं थी।

वर्णनकर्ता को तीन सप्ताह बाद सूट मिल गया। यह एक अत्युत्तम कलाकृत्ति था परन्तु वर्णनकर्ता का उसे पहनने का मन न हुआ। यह कुछ सप्ताहों बाद ही हुआ कि उसने उसे पहनने का निश्चय किया। यह अप्रैल में मंगलवार का दिन था और उस दिन बरसात हो रही थी। वर्णनकर्ता कहता है कि उस दिन को वह कभी भूल नहीं पाएगा। वर्णनकर्ता अपने दफ्तर में था। उसने जैकट की जेब में अपना हाथ डाला। उसमें कागज़ का एक टुकड़ा

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 6 The Bewitched Jacket

था। वर्णनकर्ता ने सोचा कि यह दर्जी का बिल होगा। परन्तु जब उसने इसे बाहर निकाला तो यह एक दस हज़ार लियर का नोट था। वर्णनकर्ता ने सोचा कि शायद दर्जी ने उसे वहां डाल दिया होगा और फिर उसके बारे में भूल गया होगा। इसलिए दर्जी को पत्र लिखने के लिए उसने अपनी सेक्रेटरी को बुलाया। परन्तु इससे पहले कि सेक्रेटरी आती उसे अपनी जेब में कागज़ का एक अन्य टुकड़ा महसूस हुआ। उसका रंग एक मुर्दे के जैसा पीला पड़ गया। तभी सेक्रेटरी वहां आ गई। उसने वर्णनकर्ता से पूछा कि क्या वह स्वयम् को बीमार महसूस कर रहा था।

वर्णनकर्ता ने कहा कि वह थोड़ी थकावट अनुभव कर रहा था। उसने उसे यह कहकर वापस भेज दिया वह पत्र थोड़ी देर बाद लिखवा लेगा। जब वह चली गई तो उसने अपनी जेब से कागज़ का वह टुकड़ा निकाला। यह दस हज़ार लियर का एक और नोट था। फिर उसने ऐसा तीसरी बार किया और तीसरा नोट जेब से निकल आया। वर्णनकर्ता दफ़्तर से घर चला आया। उसने दरवाज़े बन्द कर लिए और पर्दे नीचे गिरा दिए। उसने नोट निकालने शुरू कर दिए। उसके सामने नोटों का ढेर लग गया। उसने उन्हें गिना। ये 58 मिलियन लियर थे। उसने एक पुराना ट्रंक खाली किया और पैसों को उसमें छिपा दिया।

प्रातः उसकी नौकरानी आ गई। उसने वर्णनकर्ता को बिस्तर में सूट पहने लेटा देखा। यह देखकर उसे हैरानी हुई। वर्णनकर्ता ने उसे कह दिया कि वह रात को कुछ ज्यादा ही पी गया था। नौकरानी ने वर्णनकर्ता से कहा कि वह सूट उतार कर उसे दे दे ताकि वह उस पर ब्रश मार दे। परन्तु वर्णनकर्ता ने उससे कहा कि उसे अभी बाहर जाना था और उसके पास कपड़े बदलने का समय नहीं था। वह एक कपड़ों की दुकान पर गया और उसी तरह का एक सूट खरीद लाया। उसने फैसला किया कि वह इसे नौकरानी की देखभाल में छोड़ देगा, और दूसरे को किसी सुरक्षित स्थान पर छिपा देगा।

परन्तु सुबह के समाचार-पत्रों में एक ऐसी खबर थी जिसने उसकी खुशी ठण्डी कर दी। यह एक बैंक डकैती की खबर थी। बैंक की एक गाड़ी मुख्य दफ्तर की ओर पैसे लेकर जा रही थी। चार अपराधियों ने उसे रोका और एक आदमी को मार डाला। वे सारा पैसा ले गए। यह 58 मिलियन लियर थे। इस घटना से वर्णनकर्ता थोड़ी दुविधा में पड़ गया। परन्तु उसी शाम वह दोबारा उसी काम पर लग गया। वह पहले ही धनी बन चुका था परन्तु वह और धनी बनना चाहता था। इस बार उसे 135 मिलियन प्राप्त हुए।

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सुबह के समाचार-पत्रों में फिर एक खबर आई। एक भयानक आग ने एक गोदाम को तबाह कर दिया था जिसमें 135 मिलियन से ज्यादा नगदी नष्ट हो गई। दो आग बुझाने वाले कर्मचारी भी आग बुझाते समय मारे गए थे। अब वर्णनकर्ता जान गया था कि उसकी जेब में पैसा अपराधों, खून और मृत्यु से आ रहा था। परन्तु उसके लिए उसने स्वयम् को दोषी न ठहराया। वह अपनी जेब से पैसे निकालता ही चला गया। उसने एक बड़ासा बंगला खरीदा और घूमने-फिरने के लिए बड़ी-बड़ी गाड़ियां ले ली।

एक प्रातः उसी इमारत में एक बूढ़ी औरत मरी हुई पाई गई जहां लेखक अनेक वर्षों तक रहा था। उसने आत्महत्या कर ली थी क्योंकि उसने अपनी 30 हज़ार लियर की अपनी मासिक पेंशन कहीं खो दी थी। वर्णनकर्ता ने उतनी ही रकम एक दिन पहले अपनी जैकट से निकाली थी। उसने अनुभव किया कि जब भी वह अपनी जेब से पैसे निकालता था तो संसार में कुछ बुरा हो जाता था। वह उसे और अधिक सहन नहीं कर सकता था। वर्णनकर्ता ने अपनी कार ली और एक पहाड़ी स्थान पर चला गया। वहां उसने जैकट को जलाकर राख कर दिया। जब ज्वालाएं शान्त हो रही थीं तो उसने एक मानव की आवाज़ सुनी। उसने कहा, “अब बहुत देर हो चुकी है।” वर्णनकर्ता ने यह जानने की कोशिश की कि यह किसकी आवाज़ थी, परन्तु उसे वहां कोई दिखाई न दिया।

फिर भी वह खुश था कि उसे जैकट से छुटकारा मिल गया था। परन्तु जब वह वापस घर आया तो उसने देखा कि उसकी कार, उसका बंगला और उसके सब बैंक खाते गायब हो चुके थे। उसके पुराने ट्रंक में धूल के अतिरिक्त और कुछ नहीं था। वह उदास और चिन्तित हो गया। परन्तु किसी ने उसकी कोई परवाह नहीं की। अब उसके मन में यह निरन्तर भय बना रहता था कि किसी दिन बह घृणित दर्जी आएगा और अपने बिल के पैसे मांगेगा।

The Bewitched Jacket Translation in Hindi

(Page 46)

कठिन शब्दार्थ-1. bewitched—जादुई, अभिशप्त; 2. unexpected—अप्रत्याशित; 3. reception–स्वागत पार्टी; 4. complimented—प्रशंसा की; 5. curiously-विचित्र ढंग से; 6. expensiveमहंगा; 7. imagineकल्पना करना, विचार से; 8. swear-कसम खाना।

अनुवाद-एक रात (इटली के नगर) मिलन में एक स्वागत समारोह के दौरान मैं लगभग चालीस वर्ष की आयु के एक आदमी से मिला जो अपने वस्त्रों की वजह से देखने में सुन्दर लगता था। मैं नहीं जानता कि वह कौन था, मैं उससे पहली बार मिल रहा था, तथा प्रारम्भ में, जैसा कि सदा होता है, उसका नाम जानना असम्भव था। किन्तु कुछ समय के बाद मैंने उसे अपने समीप पाया, और हम बातें करने लगे। वह एक भद्र पुरुष प्रतीत होता था, किन्तु वह कुछ उदास लगता था। मैंने उसके वस्त्रों के लिए उसकी प्रशंसा की, और मैंने उससे पूछा कि उसका दर्जी कौन था। वह अजीब ढंग से हंस दिया, मानो वह जानता ही था कि मैं उससे यह प्रश्न पूछूगा।

‘उसे लगभग कोई नहीं जानता है,’ उसने कहा। ‘फिर भी वह एक महान् कारीगर है।’ ‘क्या मैं……. ?’ ‘हां, कोशिश कर लीजिए। उसका नाम कोर्टिसेला है, एल्फान्सो कोर्टिसेला, मध्यमार्ग फेरारा 17 पर।’ ‘बहुत महंगा होगा, मेरे विचार से।’

‘ऐसा मानता हूं, किन्तु क़सम से मुझे पता नहीं है। उसने मेरा यह सूट तीन वर्ष पहले बनाया था, और अब तक उसने मुझे अपना बिल नहीं भेजा है,’ उसने उत्तर दिया। ‘कोर्टिसेला, मध्यमार्ग फेरारा 17, क्या आपने ऐसा ही कहा था ?’ मैंने पूछा। ‘बिल्कुल यही,’ अजनबी ने उत्तर दिया। और वह मुझे छोड़ कर लोगों के एक अन्य समूह से जा मिला।

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(Page 46-47)

कठिन शब्दार्थ-1. measurements – नाप; 2. vest—वास्कट; 3. masterpiece – सर्वोत्तम कलाकृत्ति; 4. lira – मुद्रा की एक भूतपूर्व इतालवी इकाई; 5. counterfier – जाली, नकली; 6. wallet-बटुआ।

अनुवाद-मध्य मार्ग फेरारा 17 पर मुझे वह मकान मिल गया। दर्जी स्वयं मुझे अन्दर ले जाने के लिए आया। वह छोटे कद का एक बूढ़ा आदमी था जिसने अपने बालों को काला रंग कर रखा था। मैंने उसे बताया कि उसका पता मुझे कैसे मालूम पड़ा था, उसकी कपड़ा-कटाई की मैंने प्रशंसा की, और उससे कहा कि मेरे लिए एक सूट बना दे। उसने सलेटी रंग का ऊनी कपड़ा चुना, फिर उसने मेरा नाप लिया, तथा स्वयं ही कहा कि वह फिटिंग को जांचने के लिए मेरे घर पर आ जाएगा।

मैंने उससे इसकी कीमत पूछी। ‘कोई जल्दी नहीं है,’ उसने ऐसा उत्तर दिया। ‘कितना अच्छा आदमी है!’ मैंने पहले ऐसा सोचा। किन्तु जब मैं घर लौट रहा था तो मुझे अनुभव हुआ कि उस बूढ़े आदमी ने मुझे बेचैन बना दिया था। (शायद उसकी बहुत ज्यादा स्नेहपूर्ण मुस्कराहटों की वजह से।) संक्षेप में उसे दोबारा मिलने की मेरी कोई इच्छा नहीं थी। किन्तु अब सूट का आर्डर दिया जा चुका था तथा तीन सप्ताह के पश्चात् यह तैयार हो गया।

जब वे इसे मेरे पास ले कर आए, तो मैंने इसे पहन कर देखा (जैकट, पतलून और वास्कट) शीशे के सामने खड़ा होकर। यह एक अत्युत्तम काम था। फिर भी, पता नहीं क्यों, इसे पहनने को मेरा मन नहीं था तथा कई सप्ताह बीत गए, इससे पहले कि मैं इसे पहनने का निर्णय कर पाता।

वह दिन मैं कभी नहीं भूलूंगा। यह अप्रैल महीने का एक मंगलवार का दिन था तथा वर्षा हो रही थी। जब मैंने सूट पहना तो मुझे प्रसन्नता हुई क्योंकि यह मुझे बहुत अच्छे तरह से ठीक बैठा था। नियमतः मैं वास्कट की दाईं जेब में कोई चीज़ नहीं डालता हूं; बाईं वाली जेब में मैं अपना कार्ड रखता हूं। दफ्तर में कुछ घण्टों के बाद मैंने दाईं जेब में अपना हाथ डाला। मैंने देखा कि वहां इसमें कागज़ का एक टुकड़ा था। क्या यह दर्जी का बिल था ?

नहीं। यह. दस हज़ार इतालवी लियर का एक नोट था। मैं चकित रह गया। निश्चय ही मैंने इसे वहां नहीं डाला था। मैंने उस नोट को ध्यानपूर्वक देखा। क्या यह कोई नकली नोट था ? मैंने इसे रोशनी में देखा। मैंने इसे दूसरे नोटों के साथ मिला कर देखा। वहां कोई अन्तर नहीं था। मैंने सोचा कि यह अवश्य ही कोर्टिसेला का होगा। शायद कोई ग्राहक भुगतान करने आया होगा। तब उस समय दर्जी के पास अपना बटुआ नहीं रहा होगा, इसलिए उसने पैसे मेरी जैकट में डाल दिए होंगे जो शायद समीप ही लटक रही थी। ऐसी बातें हो जाती हैं। मैंने अपने सेक्रेटरी को फोन किया। मैं कोर्टिसेला को एक पत्र लिखना चाहता था, वे पैसे वापस करने के .. लिए जो मेरे नहीं थे। फिर भी (और मैं कह नहीं सकता कि मैंने ऐसा क्यों किया) मैंने अपना हाथ दोबारा जेब में डाल दिया।

‘क्या कोई परेशानी है, श्रीमान् ? क्या आप अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं ?’ मेरी सेक्रेटरी ने पूछा। मैं शायद एक मुर्दे के जितना पीला पड़ गया था। मेरी जेब में मेरी अंगुलियों ने कागज़ के एक दूसरे टुकड़े को छुआ – जो कुछ मिनट पहले वहां नहीं था।

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(Page 48-49)

कठिन शब्दार्थ-1. dizziness—चक्कर आना ; 2. dictate-लिखवाना ; 3. mysterious-रहस्यमय; 4. maid-नौकरानी ; 5. blinds-पर्दे ; 6. miracle-चमत्कार ; 7. diminished—कम हो गया।

अनुवाद-‘नहीं, नही, कोई बात नहीं है,’ मैने कह दिया, ‘थोड़ा सिर भारी हो रहा था। कभी-कभी मेरे साथ ऐसा हो जाता है। शायद मैं थोड़ा थक गया हूं। अब तुम जा सकती हो। प्रिय, मैं एक पत्र लिखवाना चाहता था, किन्तु हम इसे बाद में कर लेंगे।’ केवल अपनी सेक्रेटरी के चले जाने के बाद मैंने अपनी जेब में से कागज़ का वह टुकड़ा निकाला। यह एक अन्य एक हज़ार लियर का नोट था। फिर मैंने तीसरी बार करके देखा। और एक तीसरा नोट निकल आया। मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा। यह एक रहस्यमय बात थी।

एक परी-कथा की भांति, जिस पर विश्वास करना कठिन था। मैं दफ्तर छोड़ कर घर चला गया। मैं अकेले बैठना चाहता था। सौभाग्यवश मेरी नौकरानी पहले ही जा चुकी थी। मैंने दरवाजे बन्द कर दिए और पर्दे गिरा दिए। मैं एक-के-बाद-एक करके, नोट निकालने लगा, बहुत जल्दी-जल्दी। मेरी जेब कभी खाली नहीं होती थी। मैं ऐसा बार-बार करता गया, यह भय लिए हुए कि यह अजूबा कभी भी समाप्त हो सकता था। मैं इसे दिन-रात जारी रखना चाहता था, जब तक कि मेरे पास लाखों न हो जाते। किन्तु एक समय पर आ कर (नोटों के) प्रवाह की गति कम हो गई।

(Page 49)

कठिन शब्दार्थ-1. heap-ढेर ; 2. amazed-आश्चर्य-चकित ; 3. sigh of relief-राहत की सांस ; 4. incident-घटना ; 5. dampened-निराश कर दिया. ; 6. robbery-डाका ; 7. armouredबख्तरबंद ; 8. superstitious-अन्धविश्वासी।

अनवाद-मेरे सामने नोटों का एक ढेर पड़ा हुआ था। ज़रूरी बात यह थी कि उन्हें छिपा दिया जाए, ताकि किसी को भी उनकी कोई भनक न पड़े। मैंने कम्बलों से भरा हुआ पुराना ट्रंक खाली किया और इसमें पैसे डाल दिए, सब से नीचे अनेक तहों में लगा कर। फिर मैंने धीरे-धीरे गिनना गुरू कर दिया। वहां 58 मिलियन (पांच करोड़ 80 लाख) लियर थे।

अगली प्रातः मैं नौकरानी के आने के बाद जागा। वह मुझे सूट पहने हुए ही बिस्तर में लेटे देखे कर हैरान रह गई। मैंने हंसने की कोशिश की, यह समझाते हुए कि बीती रात मैं कुछ ज्यादा ही पी गया था। नौकरानी ने मुझे कहा कि मैं सूट उतार दूं, ताकि वह इसे कम से कम ब्रुश मार कर झाड़ दे।

मैंने उत्तर दिया कि मुझे तुरन्त बाहर जाना था और मेरे पास वस्त्र बदलने का समय नहीं था। फिर जल्दी से मैं सिले सिलाए वस्त्र बेचने वाली एक दुकान पर गया, उसी तरह का एक दूसरा सूट खरीदने के लिए; मैंने सोचा कि मैं इस नए सूट को नौकरानी की देखरेख में छोड़ दूंगा; और ‘अपने’ वाले कोट को एक सुरक्षित जगह में छिपा दूंगा।

मुझे पता नहीं चल रहा था कि क्या मैं किसी स्वप्न में से गुजर रहा था। गली में आने पर मैं निरन्तर अपने रेनकोट (बरसाती) के नीचे वाली अपनी जेब को टटोलता रहा। हर बार मैं राहत की सांस भर लेता। मुझे वहां कागज़ का नोट महसूस हो सकता था। किन्तु एक घटना से मेरा जोश ठण्डा पड़ गया। वहां प्रातः के समाचार-पत्रों में एक बैंक-डकैती का समाचार था।

एक बैंक की बख्तरबंद गाड़ी मुख्य कार्यालय की ओर पैसे ले जा रही थी कि जब चार अपराधियों द्वारा इसे मध्यमार्ग ली पाल्मनोवा पर रोक लिया गया और इस में से सब राशि साफ़ कर दी गई। जब उस मौके पर लोग इकट्ठे हो गए तो अपराधियों में से एक ने गोलियां चलानी शुरू कर दी और एक आदमी मारा गया। किन्तु सबसे बड़ी बात, लूटी गई राशि अचम्भा पहुंचाने वाली थी-यह 58 मिलियन लियर थी !

क्या अचानक मिली मेरी दौलत और इस चोरी में कोई सम्बन्ध था जो कि लगभग एक ही समय पर घटित हुई थीं ? क्या ऐसा सोचना मूर्खता की बात है ? इससे भी ज्यादा बड़ी बात यह है कि मैं अन्धविश्वासी (वहमी) नहीं हूं, किन्तु इस घटना ने मुझे थोड़ा उलझन में डाल दिया।

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(Page 50)

कठिन शब्दार्थ-1. warehouse-माल-गोदाम ; 2. villa—देहाती बंगला ; 3. abroad-विदेश ; 4. mislaid-खो दिया ; 5. get rid of-छुटकारा पाना।

अनुवाद-व्यक्ति को जितना ज्यादा मिलता जाता है, वह उतना ही ज्यादा चाहता है। मैं पहले ही धनी बन चुका था। किन्तु मैं और भी धनी होना चाहता था। तथा उसी सायं मैं दोबारा उसी काम में लग गया। इस बार 135 मिलियन हो गए।

उस रात मैं अपनी आंखे बन्द न कर पाया। मैं उलझन में था। प्रभात होने पर मैं उछल कर बिस्तर से बाहर आ गया, अपने वस्त्र पहने, तथा समाचार-पत्र लेने के लिए भागता हुआ बाहर गया। जब मैं पढ़ रहा था तो मेरी सांस रुक गई। एक भयानक आग जो एक गोदाम में लग गई थी, उससे मध्यमार्ग सैन क्लोरा के मुख्य बाज़ार में एक इमारत का आधा हिस्सा तबाह हो गया था। आग से ज़मीन-जायदाद का कारोबार करने वाली एक बड़ी कम्पनी की तिजोरियां नष्ट हो गई थीं जिनमें 135 मिलियन से ज़्यादा नगदी पड़ी हुई थी। आग को बुझाने के दौरान दो फायरमैन भी मारे गए थे।

अब मैं जान गया कि मेरी जेब वाला पैसा कहां से आता था। अपराधों से, खून बहाने से और मौत से। किन्तु इसके लिए मैं स्वयं को दोषी ठहराने को तैयार नहीं था। मैंने अपनी जेब में से पैसे निकालने का काम जारी रखा बहुत आसान काम था। मैं अपना हाथ जेब में डाल लेता और मेरी अंगुलियां हमेशा नोटों से छू जातीं। पैसे, ईश्वरीय पैसे! मैंने शीघ्र ही एक विशाल बंगला खरीद लिया (यद्यपि मुझे पुराने मकान में ही रहते रहना ठीक लगा), मैने पेन्टिंगें खरीदी, बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमा करता, तथा ‘स्वास्थ्य कारणों की वजह से’ अपनी फ़र्म को छोड़ने के बाद, अति सुन्दर औरतों के साथ पूरे संसार की यात्रा की।

मैं जान गया था कि हर बार जब मैं अपनी जेब में से पैसे निकालता तो संसार में कोई दुःखदायक घटना हो जाती थी। किन्तु फिर भी मैंने वह काम करना जारी रखा। और वह दर्जी ? मैंने बिल जानने के लिए उसे टैलीफोन किया, किन्तु किसी ने उत्तर नहीं दिया। मध्यमार्ग फैरारा पर जब मैं उसकी तलाश करने गया, तो लोगों ने मुझे बताया कि वह विदेश चला गया था, उन्हें यह पता नहीं था कि वह कहां गया था। एक प्रातः उस इमारत में जहां मैं अनेक वर्ष रहा था, यह पता चला कि एक साठ वर्षीय रिटायर हुई औरत ने आत्महत्या कर ली थी क्योंकि वह 30 हज़ार लियर की अपनी मासिक पेन्शन किसी जगह रख कर भूल गई थी, जो उसने एक दिन पहले ही प्राप्त की थी। वे पैसे अब मेरे पास थे। ‘बहुत हो चुका, बहुत हो चुका !’ मैंने सोचा। मुझे उस जैकट से छुटकारा पाना था। मैंने इसे नष्ट करने का निश्चय कर लिया।

(Page 50-52)

कठिन शब्दार्थ-1. valley-घाटी ; 2. boulder-चट्टान ; 3. terrified—भयभीत ; 4. clearing-वह जगह जहां से पेड़ काट लिए गए हों ; 5. cursed—घृणित।।

अनुवाद-कार द्वारा मैं एल्पस पर्वत की एक घाटी में आया तथा जंगल की तरफ़ चल दिया। वहां कोई भी जीवित आदमी नहीं था। मैं जंगल को पार करके एक चट्टानी जगह पर पहुंचा। यहां से विशाल पत्थरों के मध्य खड़े हो कर मैंने अपने पिठूबैग में से वह जादुई जैकट खींच कर निकाली, और इसे आग लगा दी। कुछ ही मिनटों में इसकी केवल राख बची रह गई। किन्तु जब ज्वालाएं समाप्त हो रही थीं तो मुझे किसी मानव की आवाज़ सुनाई दी। यह केवल दो या तीन मीटर दूर से आई थी। “बहुत देर; बहुत देर हो गई है!” इसने कहा। भयभीत हुए मैंने घूम कर देखा। किन्तु मुझे कोई दिखाई नहीं दिया। मैं उस आदमी की तलाश करता हुआ एक चट्टान से कूद कर दूसरी पर गया। कुछ न मिला। वहां केवल चट्टानें थीं।

भय पर काबू पाने के बाद मैं घाटी को लौट आया। मैं प्रसन्न था कि जैकट अब मेरे पास नहीं थी। आखिर मैं मुक्त हो गया था। तथा सौभाग्य से धनी। किन्तु मेरी कार उस कटे हुए पेड़ों वाली घासदार जगह पर नहीं थी। तथा नगर को लौटने के बाद मैंने देखा कि मेरा बंगला गायब हो गया था, और इसकी जगह एक खेत था जिसमें एक नोटिस लगा हुआ था- ‘नगर-निगम की बिकाऊ जगह।’ मेरे बचत खाते में कोई पैसे नहीं बचे थे। तथा मेरे पुराने ट्रंक में केवल धूल थी, धूल के सिवाय और कुछ नहीं।

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मैं जानता हूं कि यह सब अभी समाप्त नहीं हुआ है। मैंने बहुत मुश्किल से उसी जगह फिर से काम करना शुरू कर दिया। मैं उदास और चिन्तित रहता हूं, किन्तु कोई भी मेरी हालत की तरफ ध्यान नहीं देता है। मैं जानता हूं कि किसी दिन मेरे दरवाज़े की घण्टी बजेगी। मैं इसका उत्तर दूंगा और वहां मेरे सामने वह घृणित दर्जी खड़ा होगा, अपने हिसाब को अन्तिम रूप से चुकता करवाने के लिए।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 21 हरी-हरी दूब पर

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 21 हरी-हरी दूब पर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 21 हरी-हरी दूब पर

Hindi Guide for Class 8 PSEB हरी-हरी दूब पर Textbook Questions and Answers

(क) भाषा ज्ञान

I. शब्दार्थ

उत्तर:
दूब = प्यास।
ओस = वाष्प का रूप।
क्वाँर = आश्विन (कुआर) का महीना।
फूटा = उगा।
बालसूर्य = प्रात:कालीन सूर्य।
पाँव फैलाना = निकलना, उदित होना।
बगीची = छोटी बगिया।
ताप = गरमी।
भाप = जल का वाष्पीय रूप।
सत्य = सच्चाई।
क्षणिक = पल भर रहने वाली, कम आयु की।
सौन्दर्य = सुन्दरता।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 21 हरी-हरी दूब पर

(ख) विषय-बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
ओस की बूंदें अभी थीं, अब नहीं हैं’-इस पंक्ति में कवि क्या कहना चाहता है ?
उत्तर:
कवि कहता है कि ओस की बूंदें कुछ देर पहले तो थीं पर धूप की गर्मी से अब वे भाप बन कर उड़ गई हैं।

प्रश्न (ख)
हमारी खुशियों के बारे में कवि ने क्या कहा है ?
उत्तर:
हमारी खुशियों के बारे में कहा कि वे सदा नहीं रहतीं। वे कभी आती हैं और कभी नष्ट हो जाती हैं।

प्रश्न (ग)
प्रातःकालीन सूर्य से बगीचे की सुन्दरता का वर्णन करें।
उत्तर:
प्रात:कालीन सूर्य से हर पौधे का एक-एक पत्ता जगमगा उठता है। उनमें चमक-सी आ जाती है।

प्रश्न (घ)
क्यों न मैं क्षण-क्षण को जीऊँ’ में कवि क्या कहना चाहता है ?
उत्तर:
कवि कहना चाहता है कि ओस की आयु चाहे बहुत छोटी है पर उसकी सुन्दरता को हर पल वह महसूस करना चाहता है। उसका आनन्द पाना चाहता है।

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II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
जीवन की वास्तविकता को स्वीकार करने में कवि कहाँ तक सफल हो पाया है ?
उत्तर:
कवि ने माना है कि जीवन के तरह-तरह के रंग होते हैं। वे सुख भी देते हैं और दुःख भी। सभी के लिए सुख की प्राप्ति के भिन्न-भिन्न आधार होते हैं। कवि को घास पर पड़ी ओस की छोटी-छोटी बूंदें आकर्षक लगती हैं। वह उन्हें वास्तविकता मानता है पर सूर्य की गर्मी उन्हें भाप में बदल कर मिटा देती है। ओस की बूंदें कवि के जीवन की वास्तविकता हैं पर वे क्षणिक हैं, लेकिन सूर्य का हर रोज पूरब दिशा से प्रकट होना भी वास्तविकता है।

प्रश्न (ख)
शाश्वत खुशियों के सन्दर्भ में कवि की क्या धारणा है ?
उत्तर:
शाश्वत का अर्थ है-जो सदा रहे। जो पहले भी था, अब भी है और आगे भी होगा। जीवन में खुशियाँ सभी को प्राप्त होती हैं पर वे क्षणिक होती हैं। कोई भी ऐसा प्राणी नहीं हो सकता जिसकी खुशियाँ शाश्वत हों। हर व्यक्ति के जीवन में सुखों के बाद दु:ख और दुःखों के बाद सुख अवश्य आते हैं।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. पर्यायवाची शब्द लिखें

(क) दूब = …………………
(ख) ओस = …………………
(ग) पाँव = …………………
(घ) क्षण = …………………
(ङ) पत्ता = …………………
(च) सौन्दर्य = ………….
(छ) सूर्य = …………………
(ज) सत्य = …………………
उत्तर:
(क) दूब = घास, दूर्वा
(ख) ओस = शबनम, तुहिनकण
(ग) पाँव = पाद, पैर
(घ) क्षण = पल, अवसर
(ङ) पत्ता = पत्र, पर्ण
(च) सौन्दर्य = सुन्दरता, लावण्य
(छ) सूर्य = सूरज, दिवाकर
(ज) सत्य = सच, यथार्थ।

II. (क) निम्नलिखित अनेकार्थक शब्दों के विभिन्न अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयुक्त करें

मगर – लेकिन – वह आ तो सकता था मगर आया नहीं।
मगर – घड़ियाल – मैंने चिड़ियाघर में एक मगर देखा।
बाल, हरी, हर, पूरब

उत्तर:
बाल – केश = रेवा की दादी जी के बाल बिल्कुल सफेद हैं।
बाल – बच्चा = कृष्ण का बाल-रूप कितना सुन्दर और आकर्षक था।
हरी – एक रंग = आप की साड़ी पर हरी कढ़ाई सुन्दर है।
हरी – हरण करना = कौरवों ने भरी सभा में द्रौपदी की लाज हरी थी।
हर – प्रत्येक = हर सोमवार हमारी गणित की परीक्षा हुआ करती थी।
हर – भगवान शिव = हर-हर गंगे करते हुए सब आगे बढ़ गए थे।
पूरब – एक दिशा का नाम = सूर्य पूरब दिशा से निकलता है।
पूरब – पहले = इससे पूरब तो आप को कभी इस गली में नहीं देखा गया।

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(घ) रचनात्मक व्याकरण

(i) आप प्रात:कालीन और सायंकालीन सैर करने के लिए बाग़ में जाते होंगे। प्रात:कालीन सूर्य की लालिमा, पक्षियों का कलरव, ओस के कणों पर सतरंगी इन्द्रधनुषी आभा, फूलों की खुशबू और सुन्दरता, तालाब में खिला कमल आदि प्राकृतिक सुन्दरता का आपने अनुभव किया होगा। इस तरह के अनुभवों को अपनी डायरी में लिखने का प्रयत्न करें।
(ii) सुमित्रानंदन पंत की किरणों का खेल’ डॉ० राम कुमार वर्मा द्वारा रचित ‘ये गजरे तारों वाले’ तथा ‘जयशंकर प्रसाद की ‘बीती विभावरी जाग री’ कविताएँ पढ़कर प्राकृतिक सुन्दरता का आनन्द लें।
(iii) श्री अटल बिहारी वाजपेयी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री हैं। वे कविताएँ, गीत, व्यंग्यात्मक रचनाएँ, मुक्तक छंद लिखने में सिद्धहस्त हैं। उनकी अन्य रचनाएँ पुस्तकालय से लेकर पढ़ें।
(iv) ‘ओस का मोती’ एक मुहावरा है जिसका अर्थ है-‘क्षणिक अस्तित्व की वस्तु एवं बात।
उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं कीजिए।

PSEB 8th Class Hindi Guide हरी-हरी दूब पर Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
ओस की बूंदें क्या बन कर उड़ गईं ?
(क) पानी
(ख) भाप
(ग) ताप
(घ) धूल।
उत्तर:
भाप।

प्रश्न 2.
ओस की बूंदों को किस ने सुखा दिया ?
(क) सूर्य ने
(ख) हवा ने
(ग) धूल ने
(घ) बादल ने।
उत्तर:
सूर्य ने।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 21 हरी-हरी दूब पर

प्रश्न 3.
किस की कोख से बाल सूर्य निकला ?
(क) क्वॉर
(ख) ज्वार
(ग) बाजरा
(घ) मक्का ।
उत्तर:
क्वॉर।

प्रश्न 4.
बाल सूर्य किस की गोद में पाँव फैलाने लगा ?
(क) पूर्व
(ख) उत्तर
(ग) पश्चिम
(घ) दक्षिण।
उत्तर:
पूर्व।

प्रश्न 5.
कवि उगते सूर्य को नमस्कार करने के स्थान पर किसे ढूँढ रहा है ?
(क) ओस की बूंद को
(ख) क्वॉर को
(ग) पत्ते को
(घ) भाप को।
उत्तर:
ओस की बूंद को।

प्रश्न 6.
कवि के अनुसार सूर्य क्या है ?
(क) एक सत्य
(ख) एक झूठ
(ग) एक चमत्कार
(घ) एक नक्षत्र।
उत्तर:
एक सत्य।

प्रश्न 7.
ओस का जीवन कैसा है ?
(क) स्थाई
(ख) क्षणिक
(ग) रंगीन
(घ) बदरंग।
उत्तर;
क्षणिक।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 21 हरी-हरी दूब पर

प्रश्न 8.
कवि के अनुसार हर मौसम में क्या नहीं मिलती ?
(क) धूप
(ख) वर्षा
(ग) ओस की बूंद
(घ) चाँदनी।
उत्तर:
ओस की बूंद।

सप्रसंग व्याख्या

1. हरी-हरी दूब पर
ओस की बूंदें
अभी थीं,
अब नहीं हैं।
ऐसी खुशियाँ
जो हमेशा हमारा साथ दें
कभी नहीं थीं,
कहीं नहीं हैं।

शब्दार्थ : दूब = प्यास। ओस = वाष्प का रूप।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक में संकलित कविता ‘हरी-हरी दूब पर’ से ली गई हैं। कवि ने प्रकृति में आने वाले परिवर्तन से अपने जीवन के सुख-दुखों को जोड़कर प्रकट किया है।

व्याख्या:
कवि कहता है कि अभी कुछ देर पहले प्रातः के समय हरी-हरी घास पर ओस की कुछ बूंदें थीं पर वे अब वहाँ नहीं हैं। ऐसी खुशियाँ जो साथ रहें, मन को प्रसन्नता देती रहें, वे सदा हमारे साथ नहीं रहतीं। न तो वे पहले कभी रही थीं और न कभी वर्तमान में रही हैं। भाव है कि जीवन में सुख आते हैं, लेकिन वे क्षणिक होते हैं। वे कुछ देर तक तो हमारे साथ रहते हैं पर समय के साथ वे भी समाप्त हो जाते हैं।

विशेष:

  1. कवि ने जीवन में आने वाले सुखों की अस्थिरता को प्रकट किया है।
  2. भाषा सरल और सरस है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 21 हरी-हरी दूब पर

2. क्वाँर की कोख से
फूटा बाल सूर्य,
जब पूरब की गोद में
पाँव फैलाने लगा,
तो मेरी बगीची का
पत्ता-पत्ता जगमगाने लगा,
मैं उगते सूर्य को नमस्कार करूँ
या उसके ताप से भाप बनी,
ओस की बूंदों को ढूँढूँ ?

शब्दार्थ:
क्वाँर = आश्विन (कुआर) का महीना। फूटा = उगा। बालसूर्य = प्रात:कालीन सूर्य। पाँव फैलाना = निकलना, उदित होना। बगीची = छोटी बगिया। ताप = गरमी। भाप = जल का वाष्पीय रूप। .

प्रसंग:
यह पद्यांश हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘हरी हरी दब पर’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने सुबह के समय सूर्य के पूर्व दिशा से निकलने का वर्णन किया है जिसका सारी प्रकृति पर प्रभाव पड़ा है।

व्याख्या:
कवि कहता है कि आश्विन (कुआर) का महीना था। उसकी कोख से बाल सूर्य प्रकट हुआ। जब वह बाल सूर्य पूर्व दिशा की गोद में धीरे-धीरे अपने पाँव फैलाने लगा तो मेरी छोटी-सी बगिया में पौधों का एक-एक पत्ता जगमगाने लगा था। प्रातः की कोमल धूप में हरे-भरे पत्ते चमकने लगे थे। कवि कहता है कि मुझे अब समझ नहीं आ रहा है कि मैं सुबह के समय आकाश में प्रकट होने वाले सूर्य को प्रणाम करूँ या कुछ देर पहले घास पर जगमगाने वाली ओस की बूंदों को ढूँढूँ जो हल्की धूप के आने से भाप बनकर पता नहीं उड़ गई हैं। भाव है कि कवि का प्रकृति-प्रेम बदलते समय के कारण आए परिवर्तन को स्वीकार नहीं कर पा रहा। उसे ओस की बूंदों का सौन्दर्य अधिक प्रिय था।

विशेष:

  1. कवि ने प्रकृति के रूप की परिवर्तनशीलता की ओर संकेत किया है।
  2. भाषा सरल, सरस और भावपूर्ण है।

3. सूर्य एक सत्य है
जिसे झुठलाया नहीं जा सकता
मगर ओस भी तो एक सच्चाई है
यह बात अलग है कि ओस क्षणिक है
क्यों न मैं क्षण-क्षण को जीऊँ ?
कण-कण में बिखरे सौन्दर्य को पीऊँ ?
सूर्य तो फिर भी उगेगा,
धूप तो फिर भी खिलेगी,
लेकिन मेरी बगीची की हरी-हरी दूब पर,
ओस की बूंद
हर मौसम में नहीं मिलेगी।

शब्दार्थ : सत्य = सच्चाई। क्षणिक = पल भर रहने वाली, कम आयु की। सौन्दर्य = सुन्दरता।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित कविता ‘हरी हरी दूब पर’ से ली गई हैं। कवि प्रकृति में विद्यमान कोमलता को प्रेम करता है पर परिवर्तन तो कठोर भी होता है। कवि उस कठोरता को सहन नहीं कर पा रहा।

व्याख्या:
कवि कहता है कि सूर्य का उगना और संसार को धूप देना एक ऐसी सच्चाई है जिसे किसी भी अवस्था में झुठलाया नहीं जा सकता। पर यह भी सच है कि घास पर ओस की बूंदें प्रकट हुई थीं। यह अलग बात है कि ओस पलभर के लिए रहने वाली है। मैं ओस की उज्ज्वलता, सुन्दरता और कोमलता के हर पल को क्यों न पीऊँ। कण-कण में बिखरी उस सुन्दरता को मैं क्यों मन से प्राप्त करूँ। सूर्य तो फिर भी उगेगा। वह बार-बार प्रकट होगा। धूप हर रोज़ खिलेगी पर मेरी बगीची की हरी-हरी घास पर ओस की बूंदें तो हर मौसम में मुझे नहीं मिलेंगी। भाव है कि ओस तो केवल सर्दी की ऋतु में ही घास पर दिखाई देती है और उसकी अपनी ही सुन्दरता है। उसे भी किसी प्रकार से नकारा नहीं जा सकता।

विशेष:

  1. कवि ने माना है कि प्रकृति के हर रंग में सुन्दरता है, लेकिन हर इन्सान की पसन्द अलग-अलग है। किसी को प्रकृति का कोई रूप अच्छा लगता है तो किसी को कोई।
  2. भाषा सरल और सरस है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 21 हरी-हरी दूब पर

हरी-हरी दूब पर Summary

हरी-हरी दूब पर कविता का सार

कवि ने अपनी कविता में प्रकृति में आने वाले परिवर्तनों को सूक्ष्मता से देखा है और उन्हें प्रकट किया है। सुबह-सवेरे हरी-हरी घास ओस की बूंदें अभी कुछ देर पहले तो दिखाई दे रही थीं पर अब वे वहाँ नहीं हैं। हमारे जीवन में भी खुशियाँ आती हैं। वे पलभर रहती हैं और फिर हमारा साथ छोड़ जाती हैं। आश्विन महीने में सुबह सूर्य पूर्व दिशा में जब प्रकट हुआ तो मेरी बगीची का पत्ता-पत्ता जगमगा उठा था। मुझे समझ नहीं आ रहा कि अब मैं सूर्य देव को प्रकाश देने के लिए प्रणाम करूँ या उस धूप के कारण भाप बन गई ओस को ढूँढूँ। सूर्य एक सच्चाई है जिसे झुठलाया नहीं जा सकता पर ओस की बूंद भी तो सच है। हाँ, इतना ठीक है कि ओस का जीवन पलभर का है और पल-पल की खुशी को पीने का मुझे अधिकार है। मैं उसे प्राप्त क्यों न करूँ ? सूर्य तो फिर उगेगा, धूप भी निकलेगी पर मेरी बगीची में हर मौसम में ओस की बूंदें तो दिखाई नहीं देंगी।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 20 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 20 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 20 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा

Hindi Guide for Class 8 PSEB सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

I. शब्दार्थ:

अन्यथा = नहीं तो।
हेलमेट = सिर की रक्षा करने वाला टोप।
सेफ्टी बैल्ट = सुरक्षा बैल्ट।
निर्धारित = नियत, निश्चित किया हुआ।
संकेत = इशारा।
पार्क = गाड़ी खड़ा करना।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 20 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा

(ख) विषय बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) सड़क पर दिनों-दिन बढ़ती दुर्घटनाओं का लेखक ने क्या कारण बताया
उत्तर:
लापरवाही और सुरक्षा नियमों का पालन न करना ही दिनों दिन बढ़ती दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है।

(ख) सड़क-सुरक्षा-जीवन रक्षा से लेखक का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
सड़कों पर अपनी और दूसरों की सुरक्षा से ही जीवन की सुरक्षा की जा सकती

(ग) स्कूटर तथा कार चलाने के लिए कम-से-कम कितनी उम्र होनी चाहिए ?
उत्तर:
स्कूटर तथा कार चलाने के लिए कम से कम उम्र 16 वर्ष होनी चाहिए।

(घ) वाहन चलाते समय मोबाइल सुनना क्यों खतरनाक हो सकता है ?
उत्तर:
वाहन चलाते समय मोबाइल सुनने से ध्यान बंट जाता है जिससे दुर्घटना होने की सम्भावना बढ़ जाती है। इसलिए यह खतरनाक हो सकता है।

(ङ) निश्चित स्थान पर वाहन पार्किंग का क्या फायदा है ?
उत्तर:
निश्चित स्थान पर वाहन पार्किंग से किसी को भी असुविधा नहीं होती।

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(च) चौराहे में लाल-हरी बत्ती के पास सड़क पर काली-सफेद लकीरें क्या दर्शाती हैं ?
उत्तर:
चौराहे में लाल-हरी बत्ती के पास काली-सफेद लकीरें यह दर्शाती हैं कि पैदल सड़क पार करने वाले वहाँ से जाएँ।

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) वाहन चलाते समय सेफ्टी बैल्ट लगाना क्यों अनिवार्य है ?
उत्तर:
वाहन चलाते समय चालक और अगली सीट पर बैठे दूसरे व्यक्ति को सेफ्टी बैल्ट लगानी अनिवार्य है। अचानक किसी कारण ब्रेक लगाने पर उनके सिर का भाग आगे को तेजी से झुकते हैं जो वाहन में सामने की किसी भी वस्तु से टकरा सकते हैं। दुर्घटना हो जाने की स्थिति में सिर और चेहरे पर गम्भीर चोट लग सकती है। सेफ्टी बेल्ट लगाने से शरीर और छाती आगे गति नहीं कर पाते जिससे व्यक्ति की सुरक्षा बढ़ जाती है।

(ख) कौन-से वाहनों पर काले रंग के शीशे और लाल रंग की बत्ती लगायी जा सकती है ?
उत्तर:
विशेष अधिकार प्राप्त लोगों के द्वारा ही अपने वाहनों पर काले रंग के शीशे और लाल रंग की बत्ती लगवाई जा सकती है। इसके लिए अधिकार प्राप्त व्यक्ति ट्रैफिक विभाग से लिखित आज्ञा प्राप्त करते हैं। बिना आज्ञा के ऐसा नहीं किया जा सकता। बिना आज्ञा काले रंग के शीशे और लाल बत्ती का प्रयोग करने वालों को दण्डित किया जा सकता है।

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(ग) हमें सड़क पर दुर्घटना से बचने के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर:
हमें सड़क पर दुर्घटनाओं से बचने के लिए वाहन की गति कम और नियन्त्रित रखनी चाहिए। सीट बेल्ट का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। सड़क पर लाल-हरी बत्तियों का ध्यान रखना चाहिए। सड़कों का प्रयोग करने के लिए बनाए गए नियमों का पालन करना चाहिए। स्कूटर-मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट का प्रयोग करना चाहिए। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. शुद्ध करके लिखें :

पराथना = …………….
चारट = …………….
टरैफिक = …………….
दाँयी = …………….
मंतर = …………….
सिखना = …………….
किन्तू = …………….
रफतार = …………….
मोबाईल = …………….
रूकावट = …………….
मतबल = …………….
निचित = …………….
उबड़-खबड़ = …………….
रस्ते = …………….
धन्यावाद = …………….
उत्तर:
पराथना = प्रार्थना
चारट = चार्ट
टरैफिक = ट्रैफिक
दाँयी = दायीं
मंतर = मंत्र
सिखना = सीखना
किन्तू = किंतु
रफतार = रफ़्तार
मोबाईल = मोबाइल
रूकावट = रुकावट
मतबल = मतलब
निचित = निश्चित
उबड़-खबड़ = ऊबड़-खाबड़
रस्ते = रास्ते
धन्यावाद = धन्यवाद

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 20 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा

II. रिक्त स्थान में उचित सम्बन्धबोधक शब्द भरकर वाक्य पूरे करें

(क) इसे अन्य नियमों ……. कठोरता से लागू नहीं किया जा सका है। (की ओर, की अपेक्षा)
(ख) आज्ञा ……….. किसी को ऐसा नहीं करना चाहिए। (के लिए, के बिना)
(ग) सड़क ………… काली सफ़ेद लकीरें लगाई गयी हैं। (के पास, पर)
(घ) हमें भारी गाड़ियों …….. से नहीं गुज़रना चाहिए। (के बीच, के बदले)
(ङ) चालक …….. बैठे व्यक्ति को भी हेलमेट पहनना चाहिए। (के बगैर, के पीछे)
उत्तर:
(क) इसे अन्य नियमों की अपेक्षा कठोरता से लागू नहीं किया जा सका है।
(ख) आज्ञा के बिना किसी को ऐसा नहीं करना चाहिए।
(ग) सड़क पर काली सफ़ेद लकीरें लगाई गयी हैं।
(घ) हमें भारी गाड़ियों के बीच से नहीं गुज़रना चाहिए।
(ङ) चालक के पीछे बैठे व्यक्ति को भी हेलमेट पहनना चाहिए।

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III. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखें

(i) स्कूल का सर्वप्रमुख अध्यापक
(ii) स्कूल में सुबह आयोजित की जाने वाली सभा
(iii) स्कूटर चलाने वाला व्यक्ति
(iv) विद्या प्राप्त करने वाला
(v) जो बीमार हो
(vi) जहाँ बीमारों का इलाज हो
(vii) चौराहे में लाल बत्ती के पास सड़क पर लगी काली सफेद लाइनें
उत्तर:
(i) मुख्याध्यापक
(ii) प्रार्थना सभा
(iii) स्कूटर चालक
(iv) विद्यार्थी
(v) रोगी/बीमार/रुग्ण
(vi) अस्पताल
(vii) जैबरा लाइनें

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IV. एक शब्द में अलग-अलग अक्षरों व मात्राओं के प्रयोग से कई शब्द बना सकते हैं। ‘खतरनाक’ शब्द से बनने वाले विविध शब्द कैसे बनते हैं। देखो

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 20 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा 1
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं इसका अभ्यास करें।

V. इस तरह निम्नलिखित शब्दों में अलग-अलग अक्षरों व मात्राओं के प्रयोग से नए शब्द बनायें

अचानक, जानकारी
अचानक = अचकन, चना, आक, नाच, कन, चाक।
जानकारी = जान, जारी, कान, कार, जनक, करी।

इन्हें भी याद रखिये-
1. स्कूटर चालक के साथ-साथ पीछे बैठे व्यक्ति को भी बढ़िया किस्म का हेलमे पहनना चाहिए।
2. महिलाओं को भी अपनी सुरक्षा हेतु हेलमेट पहनना चाहिए।
3. यदि लाल बत्ती हुई हो और उस समय किसी भी तरफ से कोई न आता जाता | दिखाई दे तो भी हमें लाल बत्ती पर खड़े रहना चाहिए।
4. केवल हरी बत्ती पर ही चलना चाहिए।
5. हमें हरी बत्ती दिखाई देने पर जल्दी लाँघने के लिए अपने वाहन की गति बढ़ा नहीं देनी चाहिए। इससे जल्दबाजी में दुर्घटना घट सकती है।
6. हमें हेलमेट सुरक्षा के लिए पहनना है न कि नियमों का पालन करने के लिए। हेलमेट होते हुए भी उसे सिर पर न पहन कर हाथ में पकड़ना या स्कूटर पर लटका कर रखना नियमों की अवहेलना के साथ-साथ बेवकूफी है।
7. हमें सड़क पर अपने वाहन से किसी से रेस नहीं लगानी चाहिए।
8. हमें अपना वाहन निश्चित जगह पर ही खड़ा करना चाहिए।

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PSEB 8th Class Hindi Guide सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
हमें सड़क पर किस ओर चलना चाहिए ?
(क) दायीं
(ख) बायीं
(ग) किसी भी दिशा में
(घ) बीच में।
उत्तर:
बायीं।

प्रश्न 2.
वाहन कहाँ खड़े करने चाहिए ?
(क) कहीं भी
(ख) फुटपाथ पर
(ग) सड़क पर
(घ) निश्चित स्थान पर।
उत्तर:
निश्चित स्थान पर।

प्रश्न 3.
‘P’ के दोनों ओर तीर (2) क्या दर्शाते हैं ?
(क) वाहन दायीं ओर खड़ा करें
(ख) वाहन बायीं ओर खड़ा करें
(ग) वाहन खड़ा नहीं करें
(घ) वाहन दोनों ओर खड़ा करें
उत्तर:
वाहन दोनों ओर खड़ा करें

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 20 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा

प्रश्न 4.
चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल की कितनी बत्तियाँ होती हैं ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर:
तीन।

प्रश्न 5.
स्कूटर/कार चलाने के लिए कम-से-कम कितनी आयु होनी चाहिए ?
(क) 14
(ख) 15
(ग) 16
(घ) 18.
उत्तर:
16.

प्रश्न 6.
चौराहे पर लगी काली-सफेद लकीरों वाले क्षेत्र का प्रयोग कौन करते हैं ?
(क) कार चालक
(ख) स्कूटर चालक
(ग) पैदल यात्री
(घ) ट्रक चालक।
उत्तर:
पैदल यात्री।

प्रश्न 7.
अस्पताल के पास हार्न के कटे हुए निशान का क्या अर्थ है ?
(क) हार्न बजायें
(ख) हार्न न बजायें
(ग) हार्न ज़ोर से बजायें
(घ) हार्न बार-बार बजायें।
उत्तर:
हार्न न बजायें।

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प्रश्न 8.
वाहन चलाते समय मोबाइल सुनने से क्या हो सकता है ?
(क) कुछ नहीं
(ख) दुर्घटना
(ग) कान का फटना
(घ) मोबाइल का गिरना।
उत्तर:
दुर्घटना।

प्रश्न 9.
ट्रैफिक सिग्नल पर कौन-सी बत्ती जल रही हो तो वाहन चलाना चाहिए ?
(क) लाल
(ख) पीली
(ग) हरी
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर:
हरी।

प्रश्न 10.
वाहन किस बत्ती के जलने पर चलाना नहीं चाहिए ?
(क) हरी
(ख) पीली
(ग). नीली
(घ) लाल।
उत्तर:;
लाल।

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सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा Summary

सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा पाठ का सार

स्कूल में ट्रैफिक पुलिस अधिकारी आमन्त्रित किए गए थे। प्रधानाचार्य ने उनका परिचय देते हुए स्कूल में आने के लिए स्वागत किया। सभी विद्यार्थी यातायात के नियमों को जानना चाहते थे। स्टेज पर लगे यातायात नियमों तथा चिह्नों से सम्बन्धित चार्यों को समझना चाहते थे। ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि यातायात के नियमों का पालन न करने और सड़क पर लापरवाही के कारण दुर्घटनाओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इनसे बचने का एक ही मूल तरीका है कि हमें स्वयं सड़क पर सुरक्षित ढंग से चलना चाहिए और दूसरों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए। विद्यार्थियों की जानकारी बढ़ाते हुए उन्होंने बताया कि हमें हमेशा सड़क के बायीं ओर ही चलना चाहिए। यदि सड़क पार करनी हो तो दायीं-बायीं ओर देखकर सावधानी से ऐसा करना चाहिए।

हमें सड़क के किनारे फुटपाथ पर ही चलना चाहिए। तेज़ रफ्तार से वाहन नहीं चलाना चाहिए। पुरुषों और महिलाओं को हेलमेट का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। वाहन चलाते समय सुरक्षा बैल्ट का प्रयोग करना चाहिए। यदि वाहन चलाते समय मोबाइल फोन की घण्टी बज जाती है तो वाहन को सड़क के किनारे रोककर बात करनी चाहिए। ट्रैफिक पुलिस ने जगह-जगह सड़क किनारे बोर्ड लगवाए हुए हैं। स्कूल के सामने बोर्ड पर जो बैग ले जाते बच्चे का चित्र बना होता है उसका अर्थ होता है कि यहाँ स्कूल है इसलिए वाहन की गति कम करो। अस्पताल के पास हार्न के कटे हुए निशान का अर्थ होता है कि व्यर्थ में हार्न न बजाया जाए क्योंकि ऊँची आवाज़ से रोगियों को परेशानी होती है।

पार्किंग के लिए अलग-अलग तीर लगे होते हैं। ‘P’ के नीचे दायीं ओर लगा तीर यह दर्शाता है कि वाहन दायीं ओर खड़ा करें। यही तीर का चिह्न बाईं ओर लगा हो तो वाहन को बाईं तरफ खड़ा करना चाहिए। ‘P’ के दोनों तरफ लगे तीर यह दर्शाते हैं कि वाहन दोनों तरफ खड़े किए जा सकते हैं। यदि ‘P’ के नीचे ‘साइकिल’ या ‘कार’ का चिह्न लगा हो तो वहाँ वहीं सम्बन्धित वाहन ही खड़ा करना चाहिए। सड़क पर लगी काली-सफेद लाइनों को ज़ेबरा लाइनें कहते हैं। पैदल चलने वालों को सदा उन्हीं पर चलते हुए सड़क पार करनी चाहिए। ऊबड़-खाबड़ सड़क की चेतावनी भी बोर्ड पर अंकित की जाती है। सड़क पर बायें, दायें या घूमने के संकेत बोर्डों द्वारा चालकों को दिए जाते हैं। हमें सड़क पर न तो खेलना चाहिए और न कूड़ा-कर्कट फेंकना चाहिए। भारी गाड़ियों के बीच में से हमें नहीं निकलना चाहिए। यातायात के नियम हमें और दूसरों को सुरक्षा प्रदान करते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

Hindi Guide for Class 8 PSEB भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम Textbook Questions and Answers

(क) विषय – बोध

I. शब्दार्थ:

लक्ष्य = उद्देश्य।
अब्बू = पिता।
अन्तरिक्ष विज्ञान = अन्तरिक्ष में स्थित, ग्रहों, उपग्रहों आदि की स्थिति स्वरूप जानकारी से सम्बन्धित विज्ञान।
कर्मठता = काम में कुशलता।
विभूति = विभव, अधिकता, बढ़ती, ऐश्वर्य।
सजग = जागरूक।
नजरअन्दाज = अनदेखा।
अथक = कभी न थकने वाला।
मशगूल = लीन।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

II. इन शब्दों के अर्थ लिखकर वाक्य बनायें :

उपाधि = ………………..
अथक = ………………..
मिसाइल = ………………..
लक्ष्य = ………………..
अन्तरिक्ष = ………………..
सपना = ………………..
टूटना = ………………..
उत्तर:
उपाधि = पदवी – हमारे अध्यापक के पास पीएच०डी० की उपाधि भी है।
अथक = बिना थके हुए – आपने अपने जीवन में यह पद प्राप्त करने के लिए अथक प्रयत्न किए हैं।
मिसाइल = दूर तक वार करने वाला एक हथियार – भारत ने अपने बलबूते पर अनेक प्रकार की मिसाइलें तैयार कर शत्रु के हृदय में डर पैदा कर दिया है।
लक्ष्य = मंजिल – अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मनोज कुछ भी कर सकता है।
अन्तरिक्ष = आकाश – पिछले सप्ताह भारत ने अपना एक रॉकेट अन्तरिक्ष में सफलतापूर्वक छोड़ा।
सपना टूटना = इच्छा अधूरी रह जाना – पति के देहान्त के कारण कल्पना का बड़ी कोठी बनाने का सपना टूट गया था।

(ख) विषय – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) भारत का प्रथम नागरिक किसे कहा जाता है ?
उत्तर:
भारत का प्रथम नागरिक राष्ट्रपति जी को कहा जाता है।

(ख) राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का पूरा नाम लिखें।
उत्तर:
डॉ० अबुल पकीर जैनुलाबुदीन अब्दुल कलाम।

(ग) इन्होंने अपने पिता का हाथ बंटाने के लिए क्या काम लिया ?
उत्तर:
इन्होंने घर-घर अखबार बांट कर अपने पिता का हाथ बंटाया था।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

(घ) इन्होंने वैमानिकी इंजीनियरी (एयरोनॉटिक्स इंजीनियरिंग) की डिग्री कहाँ से प्राप्त की ?
उत्तर:
इन्होंने वैमानिकी इंजीनियरी की डिग्री मद्रास तकनीकी संस्थान से प्राप्त की थी।

(ङ) इनके प्रेरणास्त्रोत कौन-कौन थे ?
उत्तर:
इनके प्रेरणास्रोत प्रो० विक्रम साराभाई, प्रो० सतीश धवन, प्रो० ब्रह्म प्रकाश, प्रो० एम०जी० मेनन, डॉ० राजा रमन्ना आदि प्रसिद्ध विभूतियाँ थीं।

(च) एस०एल०वी० 3 क्या है ?
उत्तर:
यह उपग्रह का अन्तरिक्ष में छोड़ने वाला प्रक्षेपण यन्त्र है।

(छ) आपको ‘मिसाइल मैन’ क्यों कहा जाता है ?
उत्तर:
आपने नाग, अग्नि, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल आदि मिसाइलें देश को प्रदान की जिस कारण आपको मिसाइल मैन कहा जाता है।

(ज) अपंग बच्चों के लिए आपने क्या बनाया और उसमें कौन-सी धातु प्रयोग की जाती है ?
उत्तर:
अपंग बच्चों के लिए आपने चलने की छड़ी बनाई। उनमें धातु कार्बन का प्रयोग किया जाता है।

(झ) आपको कौन-कौन से सम्मान, कब-कब प्राप्त हुए ?
उत्तर:
आपको सन् 1981 में पद्मभूषण, सन् 1990 में पद्म विभूषण और सन् 1997 में भारत रत्न नामक सम्मान प्राप्त हुए थे।

(ञ) किस गुण के कारण आप चाचा नेहरू की याद करा देते हैं ?
उत्तर:
बच्चों में घुल-मिल जाने के कारण आप चाचा नेहरू की याद करा देते हैं।

(त) हर इन्सान के बारे में आपकी क्या राय है ?
उत्तर:
हर इन्सान में कोई न कोई अनोखा गुण अवश्य होता है जिसे उभारने की आवश्यकता होती है।

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II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) उस घटना का वर्णन करो जिससे प्रेरित होकर उन्होंने उड़ान को अपना लक्ष्य बनाया।
उत्तर:
रामेश्वरम् ऐलिमैंटरी स्कूल के अध्यापक श्री शिवा सुब्रमण्यम ने पांचवीं कक्षा के अपने छात्रों को रामेश्वरम् के तट पर समझाया था कि पक्षी को उड़ने की इच्छा अपनी इच्छा से मिलती है। डॉ० कलाम उस समय छात्र के रूप में उस कक्षा में थे। उनके मन में अपने अध्यापक की बात सुनकर पक्षी की उड़ान एक प्रेरणा बन गई थी। कठोर परिश्रम से वे अपने लक्ष्य में पूर्ण रूप से सफल रहे थे।

(ख)’सपने टूट जायें तो निराश न हों।’ ऐसा उन्होंने क्यों कहा ?
उत्तर:
डॉ० कलाम के जीवन का लक्ष्य वायुसेना में पायलट बनने का था। उन्होंने इसके लिए प्रयत्न किया था पर उन्हें अन्तिम चयन प्रक्रिया में सफलता की प्राप्ति नहीं हुई थी। उन्होंने तब ऐसा कहा था कि सपने टूट जायें तो निराश न हों। वे अपने प्रयत्न से उड़ान प्रणाली में काम आने वाले यन्त्र बनाने में काम करने लगे थे।

(ग) युवा वर्ग के लिए उनका क्या सन्देश है ?
उत्तर:
युवा वर्ग के लिए उनका सन्देश है कि वे सब अपने ज्ञान का सदुपयोग करें। अपने खाली समय में वे जरूरतमन्द बच्चों में अपना ज्ञान बांटें। पर्यावरण सुधारने के लिए अधिक-से-अधिक पौधे लगाएं और उनकी देखभाल करें। वे समाज को खुशहाल बनाने के लिए प्रयत्न करें।

(घ) अब्दुल कलाम की जीवनी से आपने क्या-क्या सीखा ?
उत्तर:
अब्दुल कलाम अति बुद्धिमान और सचेत थे। बचपन में अपने अध्यापक के द्वारा कही गई बात को मन में रखकर वे देश के सर्वोच्च स्थान पर पहुंचने में सफल हुए। अधिक सम्पन्न न होने के बावजूद उन्होंने अपने मन में हताशा नहीं आने दी थी। छुटपन से ही अपने पिता की सहायता करने के लिए प्रयत्न करते थे। अपने जीवन के लिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त न करने पर भी वे हताश नहीं हुए थे। सर्वोच्च शिखर पर पहुँच कर भी वे संगीत, कविता-लेखन और पढ़ने में अपना ध्यान लगाते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

(ङ) अपने विद्यालय के पुस्तकालय से इनकी जीवनी लेकर पढ़ें। अच्छी बातें/गुण अपनी डायरी में नोट करें।
उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं कीजिए।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. इन शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखें :

पक्षी = ………………..
इच्छा = ………………..
आकाश = ………………..
अध्यापक = ………………..
लक्ष्य = ………………..
समुद्र = ………………..
अब्बू = ………………..
उत्तर:
पक्षी = खग, पंछी
इच्छा = चाह , कामना
आकाश = नभ , आसमान
अध्यापक = गुरु , शिक्षक
लक्ष्य = उद्देश्य , मंजिल
समुद्र = सागर , उद्धि
अब्बू = पिता , तात।

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II. इन शब्दों के विपरीत अर्थ वाले शब्द लिखें :

आमदनी = ………………..
गुण = ………………..
असफल = ………………..
इच्छा = ………………..
विकसित = ………………..
मिलन = ………………..
विश्वास = ………………..
युवा = ………………..
सदुपयोग = ………………..
बुराई = ………………..
उत्तर:
आमदनी = खर्चा
गुण = अवगुण/दोष
असफल = सफल
इच्छा = अनिच्छा
विकसित = अविकसित
मिलन = वियोग
विश्वास = अविश्वास
युवा = वृद्ध
सदुपयोग = दुरुपयोग
बुराई = अच्छाई।

III. इन शब्दों में से मूल शब्द अलग करें :

सुशोभित = ………………..
नागरिक = ………………..
निर्मित = ………………..
सम्मानित = ………………..
विकसित = ………………..
परिवर्तित = ………………..
उत्तर:
सुशोभित = शोभा
नागरिक = नगर
निर्मित = निर्माण
सम्मानित = मान
विकसित = विकास
परिवर्तित = वृत

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IV. ‘ता’ लगाकर भाववाचक संज्ञा बनायें :

नैतिक = ………………..
कर्मठ = ………………..
विनम्र = ………………..
सफल = ………………..
आवश्यक = ………………..
मिलनसार = ………………..
सजग = ………………..
नागरिक = ………………..
उत्तर:
नैतिक = नैतिकता
कर्मठ = कर्मठता
विनम्र = विनम्रता
सफल = सफलता
आवश्यक = आवश्यकता
मिलनसार = मिलनसारता
सजग = सजगता
नागरिक = नागरिकता।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

PSEB 8th Class Hindi Guide भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
डॉ० कलाम कब से कब तक भारत के राष्ट्रपति रहे ?
(क) 2002 से 2007 तक
(ख) 2000 से 2005 तक
(ग) 2001 से 2006 तक
(घ) 2003 से 2008 तक।
उत्तर:
2002 से 2007 तक।।

प्रश्न 2.
डॉ० कलाम का जन्म कब हुआ था ?
(क) 15-8-1931
(ख) 5-9-1931
(ग) 15-10-1931
(घ) 15-11-1931.
उत्तर:
15-10-1931.

प्रश्न 3.
डॉ० कलाम का जन्म किस स्थान पर हुआ था ?
(क) धनुष पुर
(ख) धनुष कोटी
(ग) धनुष बाणी
(घ) धनुष नगर।
उत्तर:
धनुष कोटी।

प्रश्न 4.
डॉ० कलाम ने मद्रास तकनीकी संस्थान से किस विषय में डिग्री प्राप्त की थी ?
(क) कंप्यूटर विज्ञान
(ख) सिविल इंजीनियरिंग पर
(ग) वैज्ञानिकी इंजीनियरिंग
(घ) मकैनिकल इंजीनियरिंग।
उत्तर:
वैज्ञानिकी इंजीनियरिंग।

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प्रश्न 5.
डॉ० कलाम को किस नाम से जाना जाता है ?
(क) राकेट मैन
(ख) त्रिशूल मैन
(ग) मिसाइल मैन
(घ) उपग्रह मैन।
उत्तर:
मिसाइल मैन।

प्रश्न 6.
डॉ० कलाम को कौन-सा सर्वोच्च सम्मान दिया गया ?
(क) देशरत्न
(ख) रॉकेट रत्न
(ग) भारत रत्न
(घ) विज्ञान रस।
उत्तर:
भारत रत्न।

भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम Summary

भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम पाठ का सार

भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ० अब्दुल कलाम उच्च कोटि के वे वैज्ञानिक हैं जिन्होंने भारत के नाम को विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में ला खड़ा किया है। वे जुलाई, सन् 2002 से जुलाई, सन् 2007 तक देश के राष्ट्रपति पद को सुशोभित करने वाले महान् व्यक्तित्व के स्वामी हैं। इनका जन्म 15 अक्तूबर, सन् 1931 में रामेश्वरम् के धनुष कोटि गाँव में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। अपने पिता की सहायता करने के लिए प्रतिदिन ये अपने बचपन में ही सुबह चार बजे उठ जाते थे। नमाज़ पढ़ने के बाद अपने गणित के अध्यापक से पढ़ने के बाद पैदल तीन किलोमीटर रामेश्वरम् रेलवे स्टेशन से अखबार के बण्डल लाकर घर-घर बांटते और फिर पाठशाला जाते थे। गाँव से प्राथमिक शिक्षा परी करने के पश्चात् रामनाथपुरम् से मैट्रिक परीक्षा पास की। इन्होंने मद्रास तकनीकी संस्थान से वैमानिकी इंजीनियरी में डिग्री प्राप्त की तथा अंतरिक्ष विज्ञान में कुशलता प्राप्त की। माता-पिता के अतिरिक्त प्रो० विक्रम साराभाई, प्रो० सतीश धवन, प्रो० ब्रह्म प्रकाश, प्रो० एम०जी० मेनन, डॉ० राजा रमन्ना आदि इनके प्रेरणा स्रोत थे। ये एयरफोर्स में पायलट बनना चाहते थे पर ऐसा न कर पाने के बाद इन्होंने उड़ान प्रणाली में काम आने वाले यन्त्र बनाने में अपना पूरा ध्यान लगा दिया। इन्होंने सन् 1963 में भारत की पहली राकेट उड़ान और अन्य उड़ानों में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। रोहिणी उपग्रह को अन्तरिक्ष में छोड़ने वाले प्रक्षेपण यन्त्र एस०एल०वी० 3 की सफलता के बाद ये प्रधानमन्त्री के विज्ञान एवं तकनीकी सलाहकार बन गए थे। नाग, अग्नि, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल आदि मिसाइलों की सफलता के बाद इन्हें ‘मिसाइल मैन’ का नाम मिल गया था। इन्होंने मिसाइलों में प्रयुक्त होने वाली धातु कार्बन को विकसित किया। इसी से हैदराबाद निजाम संस्थान के अपंग बच्चों के चलने के लिए इन्होंने छड़ी तैयार की। इनके महान् योगदान के लिए इन्हें पदम् भूषण, पदम् विभूषण और भारत रत्न की उपाधियों से सम्मानित किया गया। इनका देश के युवा वर्ग में दृढ़ विश्वास है और मानना है कि यदि युवा वर्ग अपनी क्षमता से कार्य करे तो भारत सन् 2020 से पहले एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा। आज का युवा वर्ग बहुत सजग और सचेत है। उसे एकदूसरे के साथ ज्ञान, धन, खुशी और मुस्कान बांटनी चाहिए। सभी को एक-दूसरे की बुराइयों को नजरअंदाज करना चाहिए और अच्छाइयों से पाठ सीखना चाहिए।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 7 The King who Limped

Punjab State Board PSEB 9th Class English Book Solutions English Literature Book Solutions Chapter 7 The King who Limped Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 English Literature Book Solutions 7 The King who Limped

Question 1.
Why were the courtiers anxious ?
(दरबारी उत्सुक क्यों थे ?)
Answer:
They were anxious to meet the new King.
वे नए राजा से मिलने के लिए उत्सुक थे।

Question 2.
How did the King look like ?
(राजा देखने में कैसा लगता था?)
Answer:
When the King enters, he is wearing a bowler hat. And he walks with a big limp.
जब राजा प्रवेश करता है तो उसने एक काला टोप पहने होता है और वह बहुत लंगड़ा कर चलता

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 7 The King who Limped

Question 3.
Who did the King bring with him ? Why ?
(राजा अपने साथ किसे ले कर आया? क्यों?)
Answer:
The King brought with him two men. The two men were neighbours. They were fighting in the street over a dog. Each claimed to be the dog’s owner. The King brought them with him to decide their dispute.
राजा अपने साथ दो आदमी ले कर आया। वे दोनों आदमी पड़ोसी थे। वे गली में एक कुत्ते के बारे में लड़ रहे थे। उनमें से प्रत्येक कुत्ते का मालिक होने का दावा कर रहा था। राजा उनके झगड़े का फैसला करने के लिए उन्हें अपने साथ ले आया।

Question 4.
Why were the two men fighting ?
(वे दो आदमी क्यों लड़ रहे थे?)
Answer:
They were fighting over a dog. Each claimed to be the dog’s real owner.
वे एक कुत्ते के बारे में लड़ रहे थे। प्रत्येक कुत्ते का असली मालिक होने का दावा कर रहा था।

Question 5.
Why did the Chancellor and the Prime Minister walk with a limp ?
(राजपुरोहित और प्रधान मन्त्री लंगड़ा कर क्यों चल रहे थे?)
Answer:
They saw that the King had a limp. In order to please the King, they pretended that they too had a limp.
उन्होंने देखा कि राजा लंगड़ी चाल से चलता था। राजा को खुश करने के लिए वे नाटक करने लगे कि उनकी चाल भी लंगड़ी थी।

Question 6.
Who else did not walk properly ? Why?
(अन्य कौन था जो ठीक ढंग से न चला ? क्यों ?)
Answer:
One of the two Ladies-in-waiting did not walk properly. She said she had a sprained ankle. But in fact, she was only trying to walk like the King who had a limp. She thought she would thus please the King.

दो दरबारी-सेविकाओं में से एक ठीक ढंग से न चली। उसने कहा कि उसके टखने में मोच आ गई थी। किन्तु वास्तव में वह राजा की भांति चलने की कोशिश कर रही थी, जो लंगड़ा कर चलता था। वह समझती थी कि इस तरह वह राजा को खुश कर देगी।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 7 The King who Limped

Question 7.
How did the King return the dog to the right owner ?
(राजा ने कुत्ता सही मालिक को कैसे लौटाया?)
Answer:
It was suggested that the dog should be divided in two. The two neighbours could then have half each. The first neighbour agreed to it at once. But the second one said, “It is a good little dog. I cannot see it harmed. Let him have the dog.” Thus the King saw that the second neighbour was the real owner of the dog. He gave the dog to this man and sent the other one to prison.

यह सुझाव दिया गया था कि कुत्ते को दो हिस्सों में बांट दिया जाए। दोनों पडोसी तब आधा-आधा ले सकते थे। पहला पड़ोसी इसके लिए तुरन्त सहमत हो गया। किन्तु दूसरे ने कहा, “यह एक छोटासा सुन्दर कुत्ता है। मैं इसे कोई हानि पहुंचते नहीं देख सकता। कुत्ता उसे ही दे दीजिए।” इस तरह राजा जान गया कि दूसरा पड़ोसी कुत्ते का असली मालिक था। उसने कुत्ता इस आदमी को दे दिया और दूसरे को जेल भेज दिया।

Question 8.
Why did the King send the first neighbour to prison ?
(राजा ने पहले पड़ोसी को जेल क्यों भेज दिया?)
Answer:
The first neighbour had told a lie. He had also shown how cruel he was. So the King sent him to prison.
पहले पड़ोसी ने झूठ बोला था। उसने यह भी दिखा दिया था कि वह कितना निर्दय था। इसलिए राजा ने उसे जेल भेज दिया।

Question 9.
Why was the King not pleased with the Chancellor and the Prime Minister ?
(राजा राजपुरोहित और प्रधान मन्त्री से प्रसन्न क्यों नहीं था ?)
Answer:
The King saw that both of them were sycophants. Their suggestions relating to the dispute between the two neighbours were also foolish ones. So the King was not pleased with them.
राजा ने देखा कि वे दोनों चापलूस थे। दो पड़ोसियों के मध्य झगड़े के सम्बन्ध में उनके सुझाव भी मूर्खतापूर्ण थे। इसलिए राजा उनसे प्रसन्न नहीं था।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 7 The King who Limped

Question 10.
How was the first lady rewarded ?
(पहली औरत को कैसे पुरस्कृत किया गया?)
Answer:
She was made the chief Lady-in-waiting.
उसे मुख्य दरबारी-सेविका बना दिया गया।

Question 11.
Why were the courtiers amazed at the King’s behaviour ?
(दरबारी राजा के व्यवहार पर चकित क्यों रह गए?)
Answer:
The courtiers had thought the King to be a clownish fool. They were amazed when they saw how wise the King was.
दरबारियों ने राजा को एक पागल-सा मसखरा समझा था। वे चकित रह गए जब उन्होंने देखा कि राजा कितना बुद्धिमान था।

Objective Type Questions

Answer the following in one word / phrase / sentence :

Question 1.
Who is the writer of the play, ‘The King Who Limped’?
Answer:
Monica Thorne.

Question 2.
Where does the play open ?
Answer:
In the audience room of the king’s palace.

Question 3.
Who were the courtiers waiting for?
Answer:
They were waiting for the new king.

Question 4.
Why are the courtiers anxious to meet the new king ?
Answer:
Because none of them has seen the king before.

Question 5.
How does the king look when he enters the court ?
Answer:
He wears a bowler hat and walks with a big limp.

Question 6.
Who were the two men whom the king had brought ?
Answer:
They were the men who had been seen fighting in a street.

Question 7.
What does everyone stare at ?
Answer:
At the king’s bowler hat.

Question 8.
What did the previous king wear ?
Answer:
A crown.

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Question 9.
What happens to the officials in the end ?
Answer:
The king removes them from their posts.

Question 10.
Who becomes the new Prime Minister ?
Answer:
The Courtier.

Complete the following :

1. The play opens in …………………. of the palace.
2. All the officials have not seen …………… before.
3. The king enters with the blowing of ……………..
4. The Second Lady says that the king is wearing a ……………….. hat.
5. The two men accompanying the king had been ……………….. in a street.
6. The two men were charged with …………………. of peace.
Answer:
1. the audience room
2. the king
3. the trumpets
4. funny
5. fighting
6. breach.

Write True or False against each statement :

1. The king walked with a big limp.
2. The king was wearing a crown.
3. The two men were gossiping in the middle of a street.
4. Each of the neighbours was claiming the dog as his.
5. The Chancellor was promoted to a higher rank.
6. The Courtier was made the Prime Minister.
Answer:
1. True
2. False
3. False
4. True
5. False
6. True.

Choose the correct option for each of the following :

Question 1.
The king was …………
(a) very wise
(b) very kind
(c) justice-loving
(d) a big fool.
Answer:
(d) a big fool.

Question 2.
The officials behaved ….. before the king.
(a) foolishly
(b) wisely
(c) strangely
(d) arrogantly.
Answer:
(a) foolishly

Question 3.
The Prime Minister did not like ………………. sitting on the arm of the throne.
(a) the Chancellor
(b) the First Lady
(c) the Courtier
(d) one of the neighbours.
Answer:
(a) the Chancellor

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 7 The King who Limped

Question 4.
The king sees everybody staring at ……….
(a) the First Lady
(b) the neighbours
(c) his bowler hat
(d) the dog.
Answer:
(c) his bowler hat

The King who Limped Summary in English

The King who Limped Introduction:

It is a simple, humorous play. It makes fun of people who try to please others by flattery. They are sycophants. They have no worth of their own. Such people don’t deserve the position they hold. They use flattery as a tool to maintain their position. But a wise person at once sees through their cunning and keeps them at arm’s length. In this play, a new king comes to his court limping and wearing a funny hat. He wants to see if there are any sycophants in his court. In order to please the King, the Prime Minister, the Chancellor and a fat lady-in-waiting start limping. They also get the kind of hat the King is wearing. The King at once sees that these people have no worth at all. They don’t know how to decide even a simple case. The King removes these sycophants from their positions. He appoints those who really deserve it.

The King who Limped Summary in English

The play opens in the Audience Room of the King’s palace. The Prime Minister, the has ncellor, two Ladies-in-waiting and a Courtier are waiting for the new King. None of them – seen the new King before and they are anxious to meet him.From the way they behave in the King’s absence, we get an idea of what kind of people they are. Of the two ladies-in-waiting, the First Lady is tall and slim. The Second Lady is short and very fat. The Prime Minister starts talking foolishly. The First Lady calls him silly.

The Second Lady says that it does not matter how silly he is if he is the Prime Minister. The Chancellor is sitting on the arm of the King’s throne. The Prime Minister at once goes up the steps, pushes the Chancellor away, and sits on the throne. Seeing this, the courtier says meaningfully, “I expect the Prime Minister found the steps hard.” Then through the window, he says that it is raining outside, yet there are crowds of people in the street. Among them he sees the new King coming and says, “Well, that’s queer !”

Second Lady : What’s queer ?
Courtier : Never mind; you’ll soon see.
Second Lady : I do hope he is handsome.
Chancellor : Of course, he is handsome.
Prime Minister : I do hope he won’t want his own way too much.
Chancellor : Of course, he won’t want his own way too much.
Courtier : Why shouldn’t he want his own way

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 7 The King who Limped

The sound of a trumpet is heard. Both the Prime Minister and the Chancellor try to look important and take positions on either side of the throne. The King enters with the blowing of trumpets. He is wearing a bowler hat and walks with a big limp. Behind him is a Page carrying a dog on a cushion. Behind the Page, there are two Neighbours. Each of them is holding a chain attached to the dog’s collar. The King goes up to the throne. Everyone looks astonished at the King’s unusual appearance. The Second Lady says in a whisper that the King is wearing a funny hat. The Prime Minister whispers that the King limps.

The Prime Minister wants to know about the two meñ the King has brought with him. The King says that he had seen them fighting in the street and brought them with him to settle their dispute. The Chancellor says that it is unusual to bring common people into the · palace. At this the King says, “What did you expect me to do ? Let them go on fighting ?”

The King sees everyone staring at his bowler hat. He asks them what wrong is with his hat. The Chancellor says that their previous King used to wear a crown. The King says, “What ! In this blazing sun ?” He says that he was wearing a hat to save himself from sunstroke. At once the Chancellor takes off his coronet and hands it to a servant. Both the Prime Minister and the Chancellor get for themselves the bowler hats to wear. They start limping also like the King. The King asks them what trouble they have.

The Prime Minister says that he has got a cramp in his leg. The Chancellor says that he has rheumatism. The Second Lady is also seen limping. She says she has sprained her ankle. Both the First Lady and the Courtier behave in their normal, natural manner. The King asks them if there is nothing wrong with them. Both of them say that they have always been very healthy.

The Pointing to the two Neighbours, the King asks the Prime Minister what he should do w them. The Prime Minister says that both of them should be put in prison.

King : What for?
Chancellor : For causing a breach of peace.
Second Lady : What is a breach of peace ?
First Lady : Be quiet. You are one !
King : (To the Courtier) What would you do ?
Courtier : I would listen to what they have to say.

At this, the King asks the two Neighbours what they have to say for themselves. The First Neighbour says that he had found the dog starving in the street. He took the dog home and fed it for three months. The Second Neighbour calls the First Neighbour a liar. He says that the dog was his, and it was given to him by his brother. When the King asks him to go and fetch his brother, he says that his brother is dead. Thus it becomes difficult to decide who the real owner is.

King : What is to be done now?
Courtier : Keep the dog yourself, Your Majesty. Then no one can quarrel about it.
King : But I don’t care for dogs. I like cats better.
First Lady : Why not divide the dog in two and give them half each?

The First Neighbour at once agrees to it. But the Second one says, “Let him keep the dog, Your Majesty. It is a good little dog. I cannot bear to see it harmed. Let him have the dog.” The King at once knows the truth. He gives the dog to the Second Neighbour and sends the First one to prison. Then he gets up, takes off his bowler hat and puts it on the throne. Now he walks quite naturally and comes to the Chancellor.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 7 The King who Limped

King : Have you still got rheumatism?
Chancellor : Your Majesty, the pain is going off.
King : Why are you wearing a bowler hat ? It looks funny.
Chancellor : Because it is a sunny day, as you yourself said, Your Majesty.
King : Rubbish ! You limped because I limped.

You wore a bowler hat because I wore one. It is raining outside, but you say it is a sunny day, because I said it was a sunny day. You are what they call a sycophant. ………… I put on a limp and wore a funny hat to find out, if there were any honest people in the court. I have found two.

The King removes the Chancellor, the Prime Minister and the Second Lady-in-waiting from the positions they are holding. He makes the Courtier his Prime Minister and the First Lady the chief Lady-in-waiting. And he orders his men to take the bowler hats to the town museum and put them there.

The King who Limped Summary in Hindi

The King who Limped Introduction:

यह एक साधारण-सा हास्यरस का नाटक है। यह ऐसे लोगों का मजाक उड़ाता है जो चापलूसी के द्वारा दूसरों को खुश करने की कोशिश करते हैं। उन्हें ‘जी-हजूर’ या ‘चमचे’ कहा जाता है। इस तरह के लोग उस पदवी के पात्र नहीं होते जहां वे लगे होते हैं। अपनी पदवी को बनाए रखने के लिए वे चापलूसी को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं। किन्तु एक बुद्धिमान व्यक्ति उनकी दुष्टता को तुरन्त समझ जाता है और उन्हें स्वयं से दूर रखता है। इस नाटक में एक नया राजा अपने दरबार में एक हास्यजनक टोप पहने हुए और लंगड़ाते हुए आता है। वह देखना चाहता है कि क्या उसके दरबार में कोई चापलूस किस्म के लोग हैं। राजा को प्रसन्न करने के लिए उसका प्रधान मंत्री, और प्रधान धर्माधिकारी (राजपुरोहित) और एक मोटी-सी दरबारी सेविका भी लंगड़ाने लगते हैं। वे उस तरह के टोप भी मंगवा लेते हैं जो कि राजा पहने हुए है। राजा को तुरन्त पता चल जाता है कि इन लोगों में बिल्कुल कोई योग्यता नहीं है। उन्हें एक साधारण-सी समस्या का समाधान करना भी नहीं आता है। राजा इन चापलूसों को उनके पदों से हटा देता है। वह उन लोगों को नियुक्त कर देता है जो वास्तव में ही इसके पात्र हैं।

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The King who Limped Summary in Hindi

नाटक का दृश्य शाही महल के भेंट-कक्ष में शुरू होता है। प्रधान मन्त्री, राजपुरोहित, दो दरबार-सेविकाएं और एक दरबारी नए राजा की प्रतीक्षा कर रहे होते हैं। उन में से किसी ने नए राजा को नहीं देखा है और वे उस से मिलने को उत्सुक हैं। दरबार-सेविकाओं में से पहली सेविका लम्बी और पतली है।

दूसरी नाटी और बहुत मोटी है। प्रधान मन्त्री मूर्खतापूर्ण ढंग से बातें करने लगता है। पहली सेविका उसे मूर्ख कहती है। दूसरी कहती है कि इस से कोई अन्तर नहीं पड़ता कि वह कितना मूर्ख है यदि वह प्रधान मन्त्री के पद पर है। राजपुरोहित सिंहासन के बाजू के ऊपर बैठा होता है। प्रधान मन्त्री तुरन्त सिंहासन की सीढ़ियों से ऊपर को जाता है, राजपुरोहित को धकेल कर परे कर देता है और सिंहासन पर बैठ जाता है। यह देख कर दरबारी अर्थपूर्ण ढंग से कह देता है, “मेरे विचार से प्रधान मन्त्री को सीढ़ियां चढ़नी कठिन महसूस हुई होंगी।” फिर खिड़की में से बाहर को देखते हुए. वह कहता है कि वहां वर्षा हो रही है फिर भी गली में लोगों की भीड़ इकट्ठी हो रही है। उनके मध्य उसे नया राजा दिखाई पड़ जाता है, और वह कह उठता है, “अरे, बड़ा अजीब है!”

दूसरी सेविका – क्या अजीब है ? दरबारी – चिन्ता मत करो; तुम्हें जल्दी पता चल जाएगा ? दूसरी सेविका – मैं समझती हूं कि वह सुन्दर होगा। राजपुरोहित – निश्चय ही वह सुन्दर होगा। प्रधान मन्त्री – मुझे आशा है कि वह अपनी ज्यादा इच्छा नहीं चलाना चाहेगा। राजपुरोहित – निश्चय ही वह अपनी ज़्यादा इच्छा नहीं चलाना चाहेगा। दरबारी – वह अपनी इच्छा क्यों न चलाना चाहे ढोल-नगाड़े की आवाज़ आती है। प्रधान मन्त्री और राजपुरोहित दोनों महत्त्वपूर्ण दिखलाई देने का यत्न करते हैं और सिंहासन के दोनों तरफ अपनी जगहों पर खड़े हो जाते हैं। ढोल-नगाड़ों के मध्य राजा प्रवेश करता है। वह एक काला टोप पहने हुए है और बहुत लंगड़ा कर चलता है।

उसके पीछे-पीछे एक द्वारपाल है जिसने एक गद्दे के ऊपर एक कुत्ता उठाया हुआ है। उसके पीछे दो आदमी हैं जो एक-दूसरे के पड़ोसी हैं। उन दोनों में से प्रत्येक ने एक जंजीर पकड़ी हुई है जो कुत्ते के पट्टे के साथ लगी हुई है। राजा ऊपर सिंहासन के पास चला जाता है। प्रत्येक व्यक्ति राजा के असाधारण वेश को देखता है और हैरान हुआ खड़ा रहता है। दूसरी सेविका दबी हुई आवाज़ में फुसफुसाते हुए कहती है कि राजा ने एक हास्यजनक टोप पहना हुआ है। प्रधान मन्त्री दबी हुई आवाज़ में कहता है कि राजा लंगड़ाता है।

प्रधान मन्त्री उन दो आदमियों के बारे में जानना चाहता है जिन्हें राजा अपने साथ लाया है। राजा कहता है कि उस ने उन्हें गली में लड़ते हुए देखा था और वह उनके झगड़े को निपटाने के लिए उन्हें अपने साथ ले आया था। राजपुरोहित कह देता है कि साधारण लोगों को महल में लाना एक असामान्य बात है। इस पर राजा कह देता है, “तो तुम मुझ से क्या करने की आशा करते थे? उन्हें वहां लड़ने के लिए छोड़ देता ?”

राजा देखता है कि सभी उसके काले टोप की तरफ आंखे फाड़े देख रहे हैं। वह उनसे पूछता है कि उसके टोप में क्या खराबी है। राजपुरोहित कहता है कि उनका पहला राजा एक ताज पहना करता था। राजा कहता है, “क्या ! इस कड़कती धूप में?” वह कहता है कि वह स्वयं को सूर्य के ताप से बचाने के लिए टोप पहने हुए था। तुरन्त राजपुरोहित अपना मुकुट उतार देता है और इसे एक नौकर को पकड़ा देता है। प्रधान मन्त्री तथा पुरोहित दोनों अपने लिए पहनने को काले टोप मंगवा लेते हैं। वे राजा की भांति लंगड़ाने भी लगते हैं।

राजा उनसे पूछता है कि उन्हें क्या तक़लीफ है। प्रधान मन्त्री कहता है कि उसकी टांग की नाड़ी खिंच गई है। राजपुरोहित कहता है कि उसे गठिया हुआ पड़ा है। दूसरे नम्बर वाली दरबार-सेविका (Second Lady) भी लंगड़ाती हुई दिखाई देती है वह कहती है कि उसके घुटने में मोच आ गई है। किन्तु पहले नम्बर वाली दरबार-सेविका (First Lady) और राजदरबारी (Courtier) दोनों अपने स्वाभाविक और सामान्य ढंग से व्यवहार करते रहते हैं। राजा उनसे पूछता है कि क्या उन्हें कोई तक़लीफ नहीं है। वे दोनों कहते हैं कि वे सदा ही स्वस्थ रहते हैं।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 7 The King who Limped

दोनों पड़ोसियों की तरफ़ इशारा करते हुए राजा प्रधान मन्त्री से पूछता है कि वह उनका क्या करे। प्रधान मन्त्री कह देता है कि उन दोनों को जेल में डाल दिया जाए।

राजा : किस कारण से?
राजपुरोहित : शान्ति भंग करने की वजह से।
दूसरी सेविका : शान्ति भंग क्या होता है ?
पहली सेविका : चुप रहो। तुम शान्ति भंग ही हो!
राजा : (दरबारी से) तुम क्या करते?
दरबारी : मैं सुनता कि उन्हें क्या बात कहनी है।

इस पर राजा दोनों पड़ोसियों से पूछता है कि उन्हें अपने-अपने पक्ष में क्या कहना है। पहला पड़ोसी कहता है कि उसे कुत्ता गली में भूख से तड़पता हुआ मिला था। वह कुत्ता घर ले गया और तीन महीने तक खिलायापिलाया। दूसरा पड़ोसी पहले पड़ोसी को एक झूठा आदमी कहता है। वह कहता है कि कुत्ता उसका है, और यह उसे उसके भाई ने दिया था। जब राजा उसे कहता है कि वह जा कर अपने भाई को लाए, तो वह कहता है कि उसका भाई मर गया है। इस तरह यह फैसला करना कठिन हो जाता है कि कुत्ता किसका है।

राजा : अब क्या किया जाए ?
दरबारी : कुत्ता अपने पास रख लीजिए, महाराज। तब उन में से कोई भी इस के बारे में नहीं लड़ेगा।
राजा: लेकिन मुझे कुत्ते अच्छे नहीं लगते; मुझे बिल्लियां अच्छी लगती हैं।
पहली सेविका : कुत्ते को दो टुकड़ों में क्यों न बांट दिया जाए और उन दोनों को आधा-आधा दे दिया जाए।

पहला पड़ोसी तुरन्त इसके लिए सहमंत हो जाता है। किन्तु दूसरा कहता है, “महाराज, कुत्ता उसे ही रख लेने दीजिए। यह एक सुन्दर छोटा-सा कुत्ता है। मैं इसे कोई कष्ट पहुंचता नहीं देख सकता। उसे ही कुत्ता ले लेने दीजिए।” राजा को तुरन्त सच्चाई समझ आ जाती है। वह कुत्ता दूसरे पड़ोसी को दे देता है तथा पहले को जेल भेज देता है। फिर वह खड़ा हो जाता है। अपना काला टोप उतारता है और इसे सिंहासन के ऊपर रख देता है। अब वह बहुत साधारण ढंग से चलता है और राजपुरोहित के पास आ जाता है।

राजा : क्या तुम्हें अब भी गठिया है?
राजपुरोहित : महाराज, दर्द अब समाप्त होता जा रहा है।
राजा : तुम यह काला टोप क्यों पहने हुए हो? यह तो हास्यजनक लग रहा है।
राजपुरोहित : क्योंकि आज बहुत धूप वाला दिन है, जैसा कि, महाराज, आप ने स्वयं ही कहा था।
राजा बकवास! तुम लंगड़ाने लगे थे क्योंकि मैं लंगड़ा रहा था। तुम ने काला टोप पहन लिया क्योंकि मैंने काला टोप पहना हुआ था। बाहर वर्षा हो रही है, लेकिन तुम कहते हो कि आज धूप वाला दिन है, क्योंकि मैंने कह दिया था कि आज धूप वाला दिन है। तुम वह हो जिसे लोग ‘चमचा’ कहते हैं।

मैंने लंगड़ा होने का नाटक किया था और एक काला टोप पहन लिया था, यह जानने के लिए कि क्या यहां दरबार में कोई ईमानदार लोग हैं। मुझे दो ही मिले हैं। राजा प्रधान मन्त्री, राजपुरोहित और दूसरी दरबार-सेविका को उन की पदवियों से हटा देता है। वह दरबारी को अपना प्रधान मन्त्री बना लेता है तथा पहली सेविका को मुख्य दरबारी-सेविका बना देता है और वह अपने आदमियों को आदेश देता है कि वे काले टोपों को ले जा कर नगर के अजायबघर में रख दें।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 7 The King who Limped

The King who Limped Translation in Hindi

(Page 54) 1. limped-लंगड़ा कर चलता था; 2. sycophant-चापलूस ; 3. courtier-दरबारी ; 4. Lady-in-waiting-राजदरबार में नौकरानी ; 5. page-सन्देशवाहक।

(Page 55) 1. chancellor-राज्य का उच्चाधिकारी; 2. anxious-उत्सुक; 3. plump—मोटा; 4. throneसिंहासन; 5. Excellency-किसी शाही पदवी वाले व्यक्ति को सम्मान सूचक सम्बोधन; 6. His Majesty – राजा को सम्बोधन; 7. tyrant-निर्दय शासक; 8. rice pudding-चावलों का पुलाव; 9. rude—गुस्ताख।

(Page 56) 1. trumpet-तुरही; 2. craning-गर्दन उठा कर देखना; 3. queer-विचित्र; 4. puff-अभिमान से भरे हुए; 5. smoothes-सिलवटें दूर करती है।

(Page 57) 1. heralds-उद्घोषक; 2. bowler hat-काला टोप; 3. pronounced limp—अत्यधिक लंगडा कर; 4. buzzफुसफुसाहट; 5. astonishment-आश्चर्य; 6. unusual-विचित्र; 7. appearance-आकृति; 8. bold—गुस्ताख; 9. arbitrate-झगड़े का निर्णय करना।

(Page 58) 1. stare-घूरना; 2. crown-ताज; 3. sunstroke-लू लगना; 4. coronet-छोटा मुकुट ।

(Page 59) 1. cramp—ऐंठन; 2. imitating-नकल उतारना; 3. rheumatism-गठिया; 4. sprainedमोच; 5. convalescent-स्वास्थ्य लाभ करना; 6. quarrelsome-झगड़ालू; 7. ribs—पसलियां।

(Page 60) 1. breach of peace-शान्ति भंग करना; 2. goodness sake-भगवान के लिए; 3. crushedलज्जित; 4. fetch-लाना; 5. witness-गवाह; 6. starving-भूखा मर रहा।

(Page 61) 1. remarkable-शानदार; 2. a man of few words-बहुत कम बोलने वाला व्यक्ति; 3. murmur-फुसफुसाना; 4. evidenceसबूत; 5. splendid-शानदार।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 7 The King who Limped

(Page 62) 1. seize-पकड़ना; 2. innocent—निर्दोष; 3. struggling-यत्न कर रहा; 4. severelyसख्ती से; 5. still-चुप रहना; 6. rascal-दुष्ट, बदमाश; 7. rightful सही; 8. interrupting-बीच में बोलते हुए; 9. impatiently—अधीरता से; 10. nuisance-हो-हल्ला ; 11. meaningly-अर्थपूर्ण ढंग से।

(Page 63) 1. ridiculous—हास्यप्रद, बेढंगी; 2. rubbish-बकवास; 3. pouring with rain-मूसलाधार वर्षा; 4. flatter-चापलूसी करना; 5. sensible-तर्कपूर्ण; 6. snatches-छीन लेता है; 7. gossip—गप्पबाजी।

(Page 64) 1. amazement—हैरानी से।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

Punjab State Board PSEB 9th Class English Book Solutions English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

Question 1.
Who were Sue and Johnsy? What happened to Johnsy?
(स्य और जॉह्नसी कौन थी? जॉह्नसी को क्या हुआ था?)
Answer:
Sue and Johnsy were two young artists. Johnsy was seriously ill. She had pneumonia.
स्यू और जॉह्नसी दो युवा चित्रकार थीं। जॉह्नसी भयानक रूप से बीमार थी। उसे न्यूमोनिया हो गया था।

Question 2.
What did Johnsy feel about her illness ?
(जॉह्रसी अपनी बीमारी के बारे में क्या महसूस करती थी?)
Answer:
She thought she was not going to get well. She thought she would die with the falling of the last ivy leaf.
वह समझती थी कि वह स्वस्थ नहीं होगी। वह समझती थी कि वह बेल के अन्तिम पत्ते के गिरने के साथ ही मर जाएगी।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

Question 3.
What did Sue do to make her feel happy ?
(स्यू ने उसे प्रसन्न महसूस करवाने के लिए क्या किया?)
Answer:
She talked about
उसने वस्त्रों और फैशनों के बारे में बातें की। उसने अपनी पेन्टिंग पर काम करते हुए सीटियां बजानी शुरू कर दी।

Question 4.
Why did Johnsy look at the ivy leaves carefully ?
(जॉह्रसी ने बेल के पत्तों की तरफ़ ध्यान से क्यों देखा?)
Answer:
Johnsy thought she was nearing her death with the falling of each leaf. She kept looking at the leaves carefully to see how many of them were left.
जॉह्नसी समझती थी कि प्रत्येक पत्ते के गिरने के साथ वह अपनी मृत्यु के अधिकाधिक नज़दीक पहुंच रही थी। वह पत्तों की तरफ ध्यान से देखती रही, यह जानने के लिए कि वे कितने बचे हुए थे।

Question 5.
Who was Behrman ?
(बरमैन कौन था?)
Answer:
He was an old painter. He was sixty years old. He had always desired to paint a masterpiece. But he could never begin it.
वह एक बूढ़ा पेन्टर था। वह साठ वर्ष की आयु का था। उसने सदा एक श्रेष्ठ रचना बनाने की इच्छा की थी। किन्तु वह इसे कभी शुरू न कर पाया।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

Question 6.
Why did Sue call Behrman to her room ?
(स्यू ने बरमैन को अपने कमरे में क्यों बुलाया ?)
Answer:
An ivy creeper went up the wall opposite Johnsy’s window. Only one leaf was left on the creeper. Johnsy thought she would die when this last leaf fell. Sue wanted Behrman to paint a similar leaf on the wall. That was why she took Behrman to her room. She wanted to show him how the last leaf looked from there.

जॉह्नसी की खिडकी के सामने वाली दीवार पर सिरपेंचे की एक बेल चढ़ी हुई थी। बेल पर केवल एक ही पत्ता रह गया था। जॉह्नसी समझती थी कि वह मर जाएगी जब यह अन्तिम पत्ता गिर जाएगा। स्यू चाहती थी बरमैन इसी तरह का एक पत्ता दीवार के ऊपर चित्रित कर दे। इसी कारण वह बरमैन को अपने कमरे में ले गई। वह उसे दिखाना चाहती थी कि अन्तिम पत्ता देखने में वहां से कैसे लगता था।

Question 7.
How was Johnsy saved ?
(जॉह्रसी को कैसे बचाया गया?)
Answer:
Johnsy thought she would die when the last leaf fell. Sue thought of an idea. She asked an old painter to paint an ivy leaf on the wall. When Johnsy woke up the next morning, she saw one last leaf on the ivy. She regained her will to live. Thus she was saved.

जॉह्नसी सोचती थी कि जब आखिरी पत्ता गिरेगा, तो वह मर जाएगी। स्यू को एक विचार सूझ आया। उसने एक बूढ़े पेन्टर को दीवार पर सिरपेंचे का एक पत्ता चित्रित करने को कहा। जब जॉह्रसी अगली सुबह जागी, उसने बेल पर एक आखिरी पत्ता देखा। उस को जीने की इच्छा-शक्ति फिर से प्राप्त हो गई। इस तरह वह बच गई।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

Question 8.
What happened to Behrman and why?
(बरमैन का क्या हुआ तथा क्यों ?)
Answer:
In order to save Johnsy, Behrman painted an ivy leaf on the wall. He worked in the night. It was a cold and windy night. It was raining also. Behrman got pneumonia. He died after two days.

जॉह्नसी को बचाने के लिए बरमैन ने दीवार के ऊपर सिरपेंचे का एक पत्ता चित्रित किया। वह रात में काम करता रहा। यह एक ठण्डी और तेज़ हवा वाली रात थी। वर्षा भी हो रही थी। बरमैन को न्यूमोनिया हो गया। वह दो दिन बाद मर गया।

Question 9.
What was Behrman’s masterpiece ?
(बरमैन की श्रेष्ठ कृति क्या थी?)
Answer:
It was the ivy leaf he had painted on the wall. It looked so real that Johnsy could not know it. She regained her will to live. Thus the painting proved Behrman’s masterpiece.

यह सिरपेंचे का वह पत्ता था जो उसने दीवार पर चित्रित किया था। यह इतना वास्तविक लगता था कि जॉह्नसी को इस का पता न चल पाया। उसने अपनी जीने की इच्छा फिर से प्राप्त कर ली। इस तरह वो पेन्टिंग बरमैन की श्रेष्ठ कृति साबित हुई।

Question 10.
Do you think Behrman was right in sacrificing his life ? Why?
(क्या आप समझते हैं कि बरमैन अपने जीवन का बलिदान करने में ठीक था? क्यों?)
Answer:
Behrman painted an ivy leaf on the wall. It looked so real that Johnsy could not know it. She regained her will to live. Thus she was saved. But Behrman got pneumonia and died. His sacrifice was not in vain. He had painted a masterpiece and also saved a life.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

बरमैन ने दीवार के ऊपर सिरपेंचे का एक पत्ता चित्रित कर दिया। यह इतना वास्तविक लगता था कि जॉह्नसी जान न पाई। उसने जीवित रहने की अपनी इच्छा फिर से प्राप्त कर ली। इस तरह वह बच गई। किन्तु बरमैन को न्यूमोनिया हो गया और वह मर गया। उसका बलिदान व्यर्थ न गया। उसने एक श्रेष्ठ कृति चित्रित कर दी थी और एक जीवन भी बचा दिया था।

Objective Type Questions

Answer the following in one word / phrase / sentence :

Question 1.
Which great writer has written the story, ‘The Last Leaf”?
Answer:
O. Henry.

Question 2.
In which month had Johnsy fallen seriously ill?
Answer:
In the month of November.

Question 3.
What was the name of Johnsy’s friend ?
Answer:
Sue.

Question 4.
What did Sue hear suddenly ?
Answer:
She heard Johnsy whisper something.

Question 5.
Where was Johnsy’s bed in the room ?
Answer:
Near the window.

Question 6.
Name the vine that climbed the brick wall.
Answer:
Ivy.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

Question 7.
Who was Behrman ?
Answer:
An old painter.

Question 8.
How did the leaf painted by Behrman look like?
Answer:
Exactly like the real leaf.

Question 9.
What did the unfallen leaf fill Johnsy with ?
Answer:
With a new hope.

Question 10.
What had Behrman desired all his life?
Answer:
To paint a masterpiece.

Complete the following:

1. Johnsy and Sue were two ………..
2. The window …………….. the brick wall of the opposite house.
3. The last ivy leaf fell during the …………..
4. Behrman painted a …………………. in green colour.
5. Sue couldn’t ……………….. the curtain as she needed the light.
6. Johnsy was running a high
Answer:
1. friends
2. overlooked
3. night
4. leaf
5. draw
6. temperature.

Write True or False against each statement :

1. It was summer and ivy leaves were falling.
2. Johnsy’s condition worsened with the falling of each ivy leaf.
3. Sue talked about films and fashions to amuse Johnsy.
4. Behrman was a very famous painter.
5. Behrman worked in rain and caught pneumonia.
6. Sue poured out her worries to David.
Answer:
1. False
2. True
3. False
4. False
5. True
6. False

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

Choose the correct option for each of the following:

Question 1.
What did Johnsy suffer from ?
(a) Pneumonia.
(b) Cancer.
(c) Jaundice.
(d) Cold.
Answer:
(a) Pneumonia.

Question 2.
Sue sent for the ………….
(a) painter
(b) carpenter
(c) chauffeur
(d) doctor.
Answer:
(d) doctor.

Question 3.
“I can’t draw the curtain for I need the light.” Who said these words ?
(a) Behrman.
(b) Sue.
(c) Johnsy.
(d) Lencho.
Answer:
(b) Sue.

Question 4.
The next morning, Sue came and sat on Johnsy’s ………..
(a) lap
(b) chair
(c) bed
(d) table.
Answer:
(c) bed

The Last Leaf Summary in English

The Last Leaf Introduction:

This story is based on the idea that our way of thinking has a deep effect on our life. If we have a positive approach towards life, we remain happy and enjoy good health. But if our way of thinking is negative, it always results in misery, unhappiness and even death. If a patient thinks positively and hopefully, it can help the doctor a great deal in curing him. Otherwise, he can’t hope to get well in spite of the best efforts on the part of the doctor.

The Last Leaf Summary in English

A girl named Johnsy catches pneumonia. Her bed was near the window which overlooked the brick wall of the opposite house. A very old ivy vine climbed half-way up the brick wall. It was winter and its leaves were falling. A strange idea took hold of Johnsy’s mind. She began to think that when the last ivy leaf fell, she would also pass away.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 6 The Bewitched Jacket 1

Her condition went from bad to worse with the falling of each leaf from the ivy. Her friend, Sue, tried her best to get this foolish idea out of Johnsy’s mind but in vain. When only one leaf was left on the ivy, Johnsy began to prepare herself for death. Then Sue thought of a plan to save the life of her friend. When Johnsy was asleep at night. Sue went to an old painter named Behrman. It was raining hard and the last ivy leaf fell during the night. Behrman painted a leaf in green colour, which looked exactly like the real leaf.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

Next morning when Johnsy woke up, she began to wait for the last leaf to fall. But the leaf didn’t fall even after two days and two nights. It filled Johnsy with a new hope. Her condition began to improve. When she was completely out of danger, Sue told her that the last leaf was not the real leaf, but a mere painting by Behrman. She also told her that Behrman worked in rain during the night and caught pneumonia. He died the next day. Behrman had desired all his life to paint a masterpiece but had never been able to begin it. But the last leaf that he painted before his death, really proved a masterpiece.

The Last Leaf Summary in Hindi

The Last Leaf Introduction:

यह कहानी इस विचार पर आधारित है कि हमारे सोचने के ढंग का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि हम जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखेंगे तो हम प्रसन्न और स्वस्थ रहेंगे। किन्तु यदि हमारे सोचने का ढंग नकारात्मक है तो इसका परिणाम दुःख और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकता है। यदि एक रोगी सकारात्मक और आशापूर्ण ढंग से सोचता है तो डॉक्टर को उसका इलाज करने में बहुत मदद मिल सकती है। अन्यथा, डॉक्टर के पूरे प्रयत्नों के बावजूद वह अच्छा होने की आशा नहीं कर सकता है।

The Last Leaf Summary in Hindi

कहानी का विस्तृत सार ‘ जॉह्नसी नाम की एक लड़की को न्यूमोनिया हो जाता है। उसका बिस्तर उस खिड़की के पास था जो सामने वाले घर की ईंट की दीवार की दिशा में खुलती थी। एक बहुत पुरानी सिरपेंचे की लता ईंट की दीवार की आधी दूर ऊपर तक चढ़ी हुई थी। शरद ऋतु थी और उसके पत्ते झड़ रहे थे। जॉह्नसी के दिमाग में एक अजीब विचार आया। वह सोचने लगी कि जब सिरपेंचे का आखिरी पत्ता गिरेगा तो वह भी मर जाएगी। सिरपेंचे से प्रत्येक पत्ते के गिरने के साथ उसकी हालत बद से बदतर होती गई।

उसकी सहेली स्यू ने जॉह्नसी के दिमाग से यह मूर्खतापूर्ण विचार निकालने की बहुत कोशिश की किन्तु सब व्यर्थ गया। जब सिरचे पर केवल एक पत्ता रह गया तो जॉह्नसी स्वयं को मृत्यु के लिए तैयार करने लगी। तब स्यू ने अपनी सहेली की जान बचाने के लिए एक योजना सोची। रात को जब जॉह्नसी सोई हुई थी तो स्यू बरमैन नाम के एक बूढ़े चित्रकार के पास गई। जोरों की वर्षा हो रही थी और रात को सिरपेंचे का आखिरी पत्ता गिर गया। बरमैन ने एक पत्ते को हरे रंग में रंगा जो बिल्कुल असली पत्ते की भान्ति प्रतीत होता था। अगली सुबह जॉह्नसी जागी तो वह आखिरी पत्ते के गिरने की प्रतीक्षा करने लगी। परन्तु दो दिन और दो रातों के बाद भी पत्ता नहीं गिरा।

इसने जॉह्नसी के मन में एक नई आशा भर दी। उसकी हालत सुधरने लगी। जब वह पूरी तरह से खतरे से बाहर हो गई तो स्यू ने उसे बताया कि वह आखिरी पत्ता असली पत्ता नहीं था बल्कि मात्र बरमैन के द्वारा की हुई चित्रकारी थी। उसने उसे यह भी बताया कि रात को बरमैन ने वर्षा में काम किया और उसे न्यूमोनिया हो गया। अगले दिन वह मर गया। बरमैन ने जीवन भर एक उत्तम चित्र बनाने की इच्छा की थी लेकिन वह उसे कभी आरम्भ नहीं कर पाया था। किन्तु अपनी मृत्यु के पहले उसने जो आखिरी पत्ते की चित्रकारी की थी, वास्तव में वही उसकी अति उत्तम कलाकृति सिद्ध हुई।

The Last Leaf Translation in Hindi

(Page 40)

कठिन शब्दार्थ-1. artist – कलाकार; 2. worried – चिन्तित; 3. respond – जवाब देना; 4. whispered – फुसफुसाई, धीरे से बोली; 5. anxiously – उत्सुकतापूर्वक; 6. creeper – लता, बेल; 7. shedding-झड़ रहे।

अनुवाद-स्यू और जॉहसी, दो युवा कलाकार, एक छोटे घर में इकट्ठी रहती थीं। उनका घर एक पुराने मकान की तीसरी मंजिल पर था। नवम्बर के महीने में जॉह्नसी काफ़ी गम्भीर रूप से बीमार पड़ गयी। उसे न्यूमोनिया हुआ था। वह बिना हिले बिस्तर पर पड़ी खिड़की के बाहर देखती रहती। उसकी सहेली स्यू बहुत चिन्तित हो गयी। उसने एक डॉक्टर को बुलवा भेजा। हालांकि डॉक्टर रोज़ उसको देखने आता था पर उसकी हालत में कोई सुधार नहीं था। एक दिन डॉक्टर जॉह्रसी को देखने के लिए आया, तो वह स्यू को एक तरफ ले गया और उससे पूछा, “क्या जॉह्नसी को कोई बात परेशान कर रही है?” “नहीं,” स्यू ने जवाब दिया। “पर आप क्यों पूछ रहे हैं ?”

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

डॉक्टर ने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि जॉह्नसी के दिमाग़ में यह बात बैठ गयी है कि वह दोबारा स्वस्थ नहीं हो पायेगी। अगर वह जीना नहीं चाहती तो दवाओं से उसे कोई लाभ नहीं होगा।” । स्यू अपनी तरफ से पूरी कोशिश करती, कि जॉह्नसी अपने आसपास की चीज़ों में दिलचस्पी ले। वह फैशन और परिधानों के बारे में बातें करती, पर जॉह्नसी कोई जवाब नहीं देती। वह बस बिस्तर पर निश्चल लेटी रहती। स्यू अपना ड्राइंग-बोर्ड लेकर जॉह्नसी के कमरे में आ गयी और चित्र बनाने लगी। जॉह्रसी का ध्यान उसकी बीमारी से हटाने के लिए, वह चित्र बनाते हुए सीटी बजाने लगी।

अचानक स्यू ने जॉह्नसी को धीरे से कुछ कहते हुए सुना। वह जल्दी से उसके बिस्तर के पास गयी और उसको उलटी गिनती करते हुए सुना। वह खिड़की के बाहर देख रही थी और कह रही थी, ‘बारह!’ थोड़ी देर बाद वह बुदबुदाई ‘ग्यारह’, फिर ‘दस’, फिर ‘नौ’, फिर ‘आठ’, ‘सात’। स्यू ने उत्सुकतापूर्वक खिड़की से बाहर देखा। उसने उनकी खिड़की के सामने वाली दीवार पर आधी ऊँचाई तक चढ़ी सिरपेंचे की एक पुरानी लता देखी। बाहर की ठण्डी हवा में उस लता के पत्ते झड़ कर गिर रहे थे।

(Page 41 – 42)

कठिन शब्दार्थ-1. autumn – पतझड़; 2. finality – निश्चयात्मकता, निर्णयात्मकता; 3. nonsense – बकवास, मूर्खतापूर्ण बात; 4. soup-शोरबा; 5. curtain – परदा; 6. begged—प्रार्थना की।

अनुवाद-“क्या बात है प्रिय?” स्यू ने पूछा।
“छ:,” जॉह्रसी धीरे से बुदबुदायी। “अब वे पहले से तेज़ गति से गिर रहे हैं। तीन दिन पहले वहां लगभग सौ थे।
अब केवल पाँच शेष रह गए हैं।”
“पतझड़ का मौसम है,” स्यू बोली, “और पत्ते तो गिरेंगे ही।”
“जब आखिरी पत्ता गिरेगा, तब मैं मर जाऊंगी,” जॉह्नसी ने विश्वास से कहा।
“मुझे तो यह बात तीन दिन पहले से ही पता है।”
“ओह, कितनी मुर्खता भरी बात है!” स्यू ने जवाब दिया।
“उन पुराने सिरपेंचे के पत्तों का तुम्हारे स्वस्थ होने से क्या सम्बन्ध हो सकता है? डॉक्टर को विश्वास है कि तुम अच्छी हो जाओगी।”
जॉह्रसी ने कुछ नहीं कहा। स्यू गयी और उसके लिए एक कटोरा शोरबा ले आयी।
“मुझे शोरबा नहीं चाहिए,” जॉह्नसी ने कहा। “मुझे भूख नहीं लगी अब केवल चार पत्ते शेष रह गए हैं।
मैं अंधेरा होने से पहले अन्तिम पत्ते को गिरता हुआ देखना चाहती हूं। फिर मैं हमेशा के लिए सो जाऊंगी।”
स्यू जॉह्रसी के बिस्तर पर बैठ गयी, उसे चूमा और बोली, “तुम नहीं मरोगी। मैं पर्दा नहीं कर सकती क्योंकि मुझे रोशनी की ज़रूरत है। मैं चित्र को पूरा करके हमारे लिए थोड़े पैसे प्राप्त करना चाहती हूँ। मेरी प्यारी सहेली,” उसने जॉह्रसी से प्रार्थना की, “कृपया वादा करो कि जब तक मैं चित्र बना रही हूँ तब तक तुम खिड़की से बाहर नहीं देखोगी।”

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

(Page 42-43)

कठिन शब्दार्थ-1. peacefully-शान्तिपूर्वक; 2. miner-खनिक; 3. masterpiece-सर्वश्रेष्ठ कलाकृति; 4. poured out-उंडेल दी, पूरी बात बता दी; 5. convinced—विश्वास होना; 6. stupid-मूर्ख; 7. tiptoed-चुपके से अंदर गए; 8. peeped out-बाहर झांक कर देखा; 9. icy-बहुत ठण्डा ; 10. feebleकमजोर; 11. nervous-घबराई हुई; 12. reluctantly–अनिच्छा से; 13. exclaimed—विस्मयपूर्वक कहा; 14. vine–बेल; 15. fierce – भयंकर, तेज़।

अनवाद-“ठीक है,” जॉह्नसी ने कहा। “अपना चित्र जल्दी पुरा करो क्योंकि मैं अन्तिम पत्ते को गिरता देखना चाहती हूँ। मैं इन्तज़ार करते-करते थक चुकी हूं। मुझे मरना है, इसलिए उन बेचारे, थके हुए पत्तों की तरह शान्ति से चले जाने दो।”

“सोने की कोशिश करो,” स्यू ने कहा। “मुझे एक बूढ़े खनिक की तस्वीर बनानी है। मैं बरमैन को अपना मॉडल बनने के लिए बुला लेती हूँ।”वह जल्दी से नीचे चली गयी। बरमैन मकान की सबसे नीचे वाली मंजिल पर रहता था। वह साठ वर्ष की आयु का एक बूढ़ा पेंटर था। जीवन भर उसका सपना रहा था कि वह कोई श्रेष्ठ कृति बनाये, परन्तु यह अभी तक एक सपना ही था। स्यू ने अपनी सारी व्यथा बरमैन को बता दी। उसने उसे बताया कि किस प्रकार जॉह्नसी को यह विश्वास था कि आखिरी पत्ते के गिरने के साथ ही उसकी मृत्यु हो जाएगी।

“क्या वह मूर्ख है?” बरमैन ने पूछा। “वह इतनी नासमझ कैसे हो सकती है?” “उसे काफ़ी तेज़ बुखार है,” स्यू ने शिकायत की। “वह खाने-पीने से इन्कार कर रही है और मुझे इस बात की बहुत चिन्ता है।” “मैं तुम्हारे साथ चलकर जॉह्नसी को देखुंगा,” बरमैन ने कहा। वे चुपचाप जॉह्रसी के कमरे में गए। जॉह्नसी सो रही थी। स्यू ने पर्दा कर दिया और वे दूसरे कमरे में चले गए। उसने खिड़की के बाहर झांका। लता पर केवल एक ही पत्ता था। बड़ी तेज़ वर्षा हो रही थी और बर्फीली हवा चल रही थी। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो यह पत्ता अब किसी भी पल गिर जाएगा। बरमैन ने एक शब्द भी नहीं कहा। वह वापस अपने कमरे में चला गया।

जॉह्रसी अगली सुबह सोकर उठी। दुर्बल आवाज़ में उसने स्यू को पर्दा हटाने के लिए कहा। स्यू घबराई हुई थी। उसने बड़ी अनिच्छा से पर्दा हटा दिया। “ओह,” लता को देखते ही स्यू विस्मय से बोली। “देखो, उस लता पर अब भी एक पत्ता है। यह काफ़ी हरा और स्वस्थ प्रतीत हो रहा है। आंधी और तेज़ हवाओं के बावजूद यह गिरा नहीं।” “मैंने रात को तेज़ हवाओं की आवाज़ सुनी थी,” जाह्नसी ने कहा, “मैंने सोचा कि यह रात को गिर गया होगा। यह आज ज़रूर गिर जाएगा, फिर मैं मर जाऊंगी।”

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कठिन शब्दार्थ-1. lovingly – प्यार से; 2. cooperated – सहयोग दिया; 3. depressed – निराश; 4. gloomy – उदास; 5. wicked-दुष्ट; 6. sin – पाप; 7. hugged – गले से लगाया; 8. brightly – खुशी से; 9. confident-विश्वस्त; 10. janitor-चौकीदार; 11. paints – चित्रकारी के रंग; 12. flutter – फड़फड़ाना; 13. masterpiece – श्रेष्ठ-कृति, सर्वोत्तम रचना।

अनुवाद-“तुम नहीं मरोगी,” स्यू ने जोश से कहा। “तुम्हें अपने दोस्तों के लिए जीना है। अगर तुम मर गयी तो मेरा क्या होगा?” जॉह्नसी धीरे से मुस्करायी और उसने अपनी आँखें बन्द कर ली। हर एक घण्टे के बाद वह खिड़की से बाहर देखती और पत्ते को वहीं पाती। वह लता से चिपका हुआ प्रतीत होता था। शाम को फिर से आंधी आयी, पर वह पत्ता नहीं गिरा। जॉह्नसी लेटे हुए काफ़ी देर तक पत्ते को देखती रही। फिर उसने स्यू को बुलाया।

“मैं एक बरी लडकी बन गयी थी। तुमने इतने प्यार से मेरी देखभाल की पर मैंने तुम्हें सहयोग नहीं दिया। मैं दुःखी और उदास थी। उस आखिरी पत्ते ने मुझे दिखा दिया कि मैंने कितना बुरा व्यवहार किया है। मुझे पता चल गया है कि मृत्यु की इच्छा करना पाप है।”

स्यू ने जॉह्रसी को गले लगा लिया। फिर उसे बहुत सारा गर्म शोरबा और एक दर्पण लाकर दिया। जॉह्नसी ने अपने बालों में कंघी की और प्रफुल्लता से मुस्कुरायी। दोपहर को डॉक्टर आया। अपने मरीज़ का परीक्षण करने के बाद उसने स्यू ने कहा, “अब जॉह्नसी के पास जीने की इच्छा है। मुझे विश्वास है कि वह जल्दी ही अच्छी हो जाएगी। अब मुझे नीचे जाकर बरमैन को देखना चाहिए। वह भी न्यूमोनिया से ग्रस्त है। पर मुझे उसके बचने की कोई आशा नहीं है।”

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

अगली सुबह स्यू जॉह्नसी के बिस्तर पर आकर बैठ गयी। जॉह्नसी का हाथ अपने हाथों में लेते हुए उसने कहा, “मेरे पास तुम्हें बताने के लिए कुछ है। बरमैन महोदय की आज सुबह न्यूमोनिया से मृत्यु हो गयी। वह केवल दो दिन बीमार रहा। पहले दिन चौकीदार ने उसे उसके बिस्तर पर पाया। उसके कपड़े और जूते गीले थे और वह कांप रहा था। वह उस तूफ़ानी रात को घर से बाहर रहा था।” “फिर उन्हें उसके बिस्तर के पास एक सीढ़ी और एक जलती हुई लालटेन मिली। फर्श पर सीढ़ी के पास कुछ ब्रुश और हरा और पीला रंग भी था। प्रिय जॉह्नसी,” स्यू ने कहा, “खिड़की के बाहर देखो। उस सिरपेंचे के पत्ते को देखो। क्या तुम्हें यह हैरानी नहीं हुई कि इतनी तेज़ हवा के चलने के बावजूद भी यह फड़फड़ाता क्यों नहीं है? यह बरमैन की श्रेष्ठ-कृति है। उसने इसे उस रात चित्रित किया था जब बेल का आखिरी पत्ता गिर गया था।”