PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पादप जगत् को कितने उप-जगतों में विभाजित किया गया है ? उप-जगत् क्रिप्टोगैमी का सचित्र वर्णन करो।
उत्तर-
पादप जगत् (Division Planate) को दो उप-जगतों (i) क्रिप्टोगैमी (Cryptogamme) तथा फैनेरोगैमी (Phanerogamme) में विभाजित किया गया है।

उप-जगत् क्रिप्टोगैमी – इसके निम्नलिखित लक्षण हैं-

  1. इनमें जड, तने और पत्ते विकसित नहीं होते।
  2. इसमें जनन अंग छिपे हुए होते हैं। इसलिए दिखाई नहीं देते।
  3. इनमें पुष्प भ्रूण अवस्था तथा बीज नहीं होते।

इन्हें फिर तीन डिवीज़नों में विभाजित किया गया है।

  1. डिवीजन थैलोफाइटा (Division Thallophyta)
  2. डिवीजन ब्रायोफाइटा (Division Bryophyta)
  3. डिवीजन टैरीडोफाइटा (Division Pteridophyta) ।

डिवीज़न थैलोफाइटा – इसके निम्नलिखित लक्षण हैं-

  1. इन पौधों का शरीर जड़, तना तथा पत्ती में विभाजित नहीं होता।
  2. इन पौधों के शरीर को सुकाय (Thallus) कहते हैं।
  3. जनन अंग सरल और साधारण होते हैं।
  4. इन पौधों के युग्मक में भ्रूण नहीं बनता। शैवाल, कवक तथा लाइकन इस डिवीज़न के अंतर्गत आते हैं।

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शैवाल के लक्षण-

  • यह सामान्य जल में पाए जाते हैं।
  • इन पौधों में क्लोरोफिल होता है और ये अपना भोजन स्वयं बनाते हैं।
  • इनका सूकाय एक कोशिकीय तथा बहुकोशिकीय और तंतुमय होता है।
  • इनकी कोशिका भित्ति सेल्यूलोज और पैकटिक पदार्थों की बनी हुई होती है।
  • ये अन्य पौधों की छालों पर, नम भूमि तथा दीवारों पर पाए जाते हैं।
  • इनमें भोजन पदार्थ मांड के रूप में संचित होता है। स्पाइरोगाइरा, यूलोथ्रिक्स, क्लेडोफोरा, अल्वा आदि मुख्य शैवाल हैं।

कवकों के लक्षण-

  1. इनमें पर्ण हरित (Chlorophyll) नहीं पाया जाता इसलिए ये अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते।
  2. ये परजीवी तथा मृतोपजीवी या विषमपोषी होते हैं।
  3. ये धागों जैसी रचनाओं जिन्हें कवक तंतु कहते हैं, के बने होते हैं, जो एक कोशिकीय या बह कोशिकीय होते हैं।
  4. कवक तंतु से निर्मित सूकाय को माइसीलियस कहते हैं।
  5. इनकी कोशिका भित्ति काइटन या कवक सेल्यूलोज या दोनों की बनी होती है।
  6. इनमें संचित भज्य पदार्थ तेल, वोल्यूटिन या ग्लाइकोजन के रूप में होता है। यीस्ट, राइजोपस, पेनिसिलियम, म्यूकर आदि मुख्य कवक हैं।

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लाइकेन (Lichens) के लक्षण-
ये शैवाल तथा कवक के परस्पर सहयोग से बने सहजीवी पौधे हैं। ये पौधों जैसे प्रतीत होते हैं। शैवाल अवयव नीले हरे शैवाल अथवा हरे शैवाल होते हैं। शैवाल कवक को भोजन प्रदान करते हैं। कवक अवयव, शैवाल को खनिज, जल और सुरक्षा प्रदान करते हैं। ऐसा जीवन जिसमें दोनों सहयोगियों को एक-दूसरे से लाभ प्राप्त हो, को सहजीवन लाइकेन फोलिओज़ फ्रक्टिकोज लाइकेन (Symbiosis) कहते हैं। ये वृक्षों की छालों, नंगी चट्टानों, दीवारों तथा घरों की छत्तों आदि पर उगते हैं।
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पार्मेलिया, ग्रेफिस, गाइरोफाइरा तथा असनिया मुख्य लाइकेन हैं।

डिवीज़न ब्रायोफाइटा के लक्षण-इसके मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं-

  1. इन पौधों का शरीर, जड़, तना तथा पत्तों जैसी रचनाओं में बंटा होता है।
  2. ये नमी वाले तथा छायादार स्थानों पर उगते हैं।
  3. इनमें संवहन ऊतक नहीं होते।
  4. इनमें युग्मकोद्मिद स्वतंत्र होता है तथा यह मुख्य पौधा होता है।
  5. ये युग्मकोद्मिद (Gametophyte) तथा बीजाणु उदभिद् (Sporophyte) पीढ़ी प्रदर्शित करते हैं।

इस खंड को निम्नलिखित दो वर्गों में बांटा गया है-
वर्ग 1. हिपेटिसी (Hepaticae) – इनका सुकाय चपटा और डारसीवेंट्रफ होता है। यह हरा सूकाय है। उदाहरणरिक्सीया (Riccia), मारकेंशिया।

वर्ग 2. मसाई (Musci) – मसाई समूह में नम और छायादार जगहों पर उगते हैं, पौधे का शरीर तने तथा पत्ती जैसी रचनाओं में बंटा होता है और यह वनस्पति धरती पर मेराइनोइस (Rhizoids) द्वारा लगाई जाती है।
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डिवीज़न टैरीडोफाइटा के लक्षण – इसके मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं-

  1. इनका शरीर जड़, तना तथा पत्तियों में विभाजित होता है।
  2. इसमें जनन अंग बहुकोशिकीय होते हैं।
  3. इनमें स्पोरेंजियम पत्ती की निचली सतह पर विकसित होते हैं।
  4. इनमें निषेचित अंडे से भ्रूण बनता है।
  5. पौधे पीढ़ी एकांतरण दर्शाते हैं।
    उदाहरण टैरिस, सिलैजिनैला फर्न।

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प्रश्न 2.
उप-जगत् फैनेरोगैमी के लक्षण बताओ। इसके विभिन्न उपखंडों का चित्र बनाकर वर्णन करो।
उत्तर-
फैनेरोगैमी के लक्षण- इसके मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं-

  1. इनका शरीर जड़, तना तथा पत्तियों में विभाजित होता है।
  2. इनमें संवहन ऊतक जाइलम तथा फ्लोएम बंडलों के रूप में उपस्थित होते हैं।
  3. इनमें बहुकोशिकीय जनन अंग होते हैं।
  4. इन पौधों में निषेचित अंडे से भ्रूण का निर्माण होता है।
  5. इन्हें बीजों वाले पौधे कहते हैं।

इन बीजों वाले पौधों को निम्नलिखित दो उप-खंडों में विभाजित किया गया है-
(i) जिम्नोस्पर्म अथवा नग्न बीजी (Gymnosperms)
(ii) एंजिओस्पर्म (Angiosperms)

(i) जिम्नोस्पर्म अथवा नग्न बीजी पौधों के लक्षण-

  1. इन पौधों के फूलों को कोन (cone) कहते हैं। फूलों में दल तथा बाह्य दल नहीं होते।
  2. इनके बीज नग्न होते हैं।
  3. इनके जननांग शंकु के आकार के होते हैं।
  4. इनमें बीजांड गुरु बीजाणुपर्ण (megasporophyll) की सतह पर लगे हुए होते हैं।
    पाइनस, चील, देवदार आदि इसके मुख्य उदाहरण हैं।
  5. निषेचन के बाद एक या एक से अधिक भ्रूण उत्पन्न होते हैं।

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(ii) ऐंजियोस्पर्म पौधों के लक्षण-

  1. इन पौधों के तने शाकीय अथवा काष्ठीय होते हैं।
  2. इनमें शाक, झाड़ी तथा वृक्ष आते हैं।
  3. इनके फूलों में दल तथा बाह्य दल पाए जाते हैं।
  4. इनके बीज फलों से ढके रहते हैं। इसे निम्नलिखित दो भागों में विभाजित किया जाता है-

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(i) द्विबीज पत्री (Dicotyledonous) – इनमें दो बीज-पत्र होते हैं।
उदाहरण – मटर तथा चना।

(ii) एक बीज पत्री (Monocotyledonous) – इनमें एक बीज-पत्र होता है।
उदाहरण – गेहूँ, मक्का तथा चावल आदि।

प्रश्न 3.
जंतु (प्राणी) जगत् के मुख्य फाइलमों के नाम लिखो। इनमें से प्रत्येक की एक या दो मुख्य विशेषताएं तथा उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
जंतुओं (प्राणियों ) के कुछ प्रमुख फाइलम तथा उनके लक्षण और उदाहरण-
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प्रश्न 4.
जंतु (प्राणी) जगत् के फाइलम प्रोटोजोआ तथा पोरीफैरा के लक्षणों का उदाहरण सहित वर्णन करो।
उत्तर-
फाइलम प्रोटोजोआ के लक्षण-

  1. ये अति आदिम तथा एक कोशिकीय जीव हैं।
  2. कुछ प्रोटोजोआ मृदु जल तथा समुद्रीय जल में पाए जाते हैं। इनमें कुछ स्वतंत्र जीवी तथा परजीवी भी होते हैं।
  3. इनमें प्रचलन कूट पाद, फ्लैजला अथवा सिलिया द्वारा होता है।
  4. इनमें पोषण जंतुसम (holozoic), पादपसम (Holophytic) तथा विषमपोषी होता है।
  5. इनमें श्वसन शरीर की सामान्य सतह द्वारा होता है।
  6. इनमें जनन खंडन अथवा बहुखंडन विधि अथवा सिस्ट उत्पत्ति द्वारा होता है।
    अमीबा, यूग्लीना, पैरामीशियम, प्लाजमोडियम तथा ट्रिपनोसोमा इसके मुख्य उदाहरण हैं।

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फाइलम पोरीफेरा के लक्षण-

  1. ये बहु-कोशिकीय होते हैं।
  2. ये प्रायः समुद्री जल में पाए जाते हैं।
  3. इनकी देहभित्ति दो स्तरों की बनी हुई होती है।
  4. इनमें तंत्रिका तंत्र तथा कंकाल तंत्र विकसित नहीं होती है।
  5. इनमें नाल तंत्र (Canal System) उपस्थित होती है।
  6. इनमें शरीर में छोटे-छोटे छिद्र और एक बड़ा छिद्र (Osculum) पाया जाता है।
  7. इनकी देह भित्ति की आंतरिक परत पर कालर कोशिकाएं पायी जाती हैं।
    स्पंज, साइकॉन युप्लेक्टेला तथा स्पंजिला इसके मुख्य उदाहरण हैं।

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प्रश्न 5.
फाइलम सीलेन्ट्रेटा तथा प्लैटीहैलमिन्थीज के सामान्य लक्षण बताओ।
उत्तर-
फाइलम सीलेंट्रेटा के लक्षण-

  1. ये समुद्रों और ताज़े पानी में पाए जाते हैं। हाइड्रा (Hydra) ताजे पानी का जीव है।
  2. ये एकल अथवा कोलोनियल होते हैं।
  3. इनके कोलोनियल जीवों में पीढ़ी रूपांतरण होता है।
  4. इसके कुछ जंतुओं में लाइम का बाह्य कंकाल होता है। (कोरल)
  5. इनमें जनन अलैंगिक कलिका उत्पादन द्वारा तथा लैंगिक जनन मैडूयसा द्वारा होता है।
  6. इनमें स्टिंगिंग कोशिकाएं होती हैं जिन्हें निडोब्लास्ट कहते हैं।
  7. इन जंतुओं की रेडियल समिती होती है।
  8. इनमें दंश कोशिकाएं टैटेकलस पर पाई जाती हैं।
    हाइड्रा, ओबिलिया, सी-एनीमोन तथा मूंगा इसके मुख्य उदाहरण हैं।

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फाइलम प्लैटीहैलमिंथीज के लक्षण-

  1. ये प्रायः चपटे कृमि होते हैं।
  2. ये अधिकतर परजीवी होते हैं।
  3. इनका शरीर तीन स्तरों (layers) का बना हुआ होता है अर्थात् यह जंतु त्रिप्लोब्लास्टिक है।
  4. इनका शरीर पृष्ठ, अधर चपटा (dorsoventrally flattened) होता है।
  5. यह तरल आहार, पारगम्य विधि (Osmosis) द्वारा अवशोषित है।
  6. इनका शरीर द्विपार्श्व सममित होता है।
  7. ये प्रायः द्विलैंगिक होते हैं तथा इनका जनन तंत्र जटिल होता है।
  8. इन जंतुओं में शरीर गुहा नहीं होती।
    फीता कृमि, प्लेनेरिया तथा लिवर फल्यूक इसके मुख्य उदाहरण हैं।

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प्रश्न 6.
फाइलम अर्थोपोडा तथा एकाइनोडर्मेटा के मुख्य लक्षण बताओ।
उत्तर-
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फाइलम अर्थोपोडा के लक्षण-

  1. इनका शरीर खंड युक्त होता है।
  2. इनके खंड पर प्रायः एक जोड़ी संधि युक्त टांगें होती हैं।
  3. इनका शरीर बाहर की ओर जुड़ा हुआ तथा द्विपार्श्व सममित होता है।
  4. इनमें शरीर गुहा (Haemocoel) होती है।
  5. इसके मुंह के भागों पर पार्श्व जबड़े होते हैं जो फाड़ने, काटने तथा चबाने तथा चूसने के लिए रूपांतरित होते हैं।
  6. इनके शरीर का काइटिन का बना कठोर निर्जीव तथा बाह्य कंकाल होता है।
  7. इनका परिवहन तंत्र खुले प्रकार का होता है।

कॉकरोच, प्राण (पेलिमोन), केंकड़ा, बिच्छू, मक्खी, मधुमक्खी, मच्छर, सैंटीपीड, मिलिपीड आदि इस फाइलम के मुख्य उदाहरण हैं।

फाइलम एकाइनोडर्मेटा के लक्षण-

  1. इस फाइलम के जंतुओं की त्वचा कांटेदार (spinous) होती है।
  2. इनके शरीर के खंड (segments) नहीं होते।
  3. इनकी त्वचा शरीर के बाहर की ओर कांटेदार चूने की (CaCO3) कवच बनाती है।
  4. इस फाइलम के लगभग सभी जंतु समुद्रों में पाए जाते हैं।
  5. इनमें सीलोम तथा जल संवहन तंत्र (water vascular system) पाया जाता है।
  6. इनका प्रचलन खोखली माल पाद की सहायता से होता है। (7) इनमें लिंग अलग-अलग भी होते हैं और कुछ द्विलिंगी भी होते हैं।
  7. इनमें पुनरुद्भवन (Regeneration) की क्षमता होती है।
    समुद्री आर्चिन, सितारा मछली, एंटीडॉन तथा होलोथुरिया या सी-कुकम्वर इसके कुछ मुख्य उदाहरण हैं।

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प्रश्न 7.
अधिवर्ग मत्स्य के लक्षण बताइए। इसे कितने वर्गों में बांटा गया है ? प्रत्येक का उदाहरण सहित वर्णन करो।
उत्तर-
अधिवर्ग मत्स्य (Superclass Pisces) – इसमें सभी मछलियां आती हैं। ये नदियों, तालाबों, पोखरों, नहरों व समुद्रों में पाई जाती हैं । इसके निम्नलिखित लक्षण हैं –

  1. इनका शरीर असमतापी तथा धारारेखित होता है।
  2. ये क्लोम (gills) द्वारा श्वसन करती हैं।
  3. इनका बाह्य कंकाल शल्कों का बना हुआ होता है।
  4. इनमें पार्श्व रेखा तंत्र उपस्थित होता है।
  5. इनमें बाह्य कान नहीं होते।
  6. इनके हृदय में एक आलिंद तथा एक निलय दो भाग होते हैं।

अधिवर्ग मत्स्य को निम्नलिखित तीन वर्गों में विभाजित किया गया है-
1. वर्ग प्लेकोडर्मी (Placodermi) – इस वर्ग की मछलियाँ अब लुप्त हो गई हैं । इनके के वल जीवाश्म ही पाए जाते हैं।
उदाहरण – क्लाइमेटियस।

2. वर्ग कांडिकथीज (Chondrichthyes) के लक्षण-

  • इस वर्ग की मछलियाँ प्रायः समुद्रों में पाई जाती हैं।
  • इनका अंत: कंकाल उपास्थि का बना होता है ।
  • इनका बाह्य कंकाल शल्कों का बना होता है।
  • इनके दांत एक ही आकार के होते हैं।
  • इनमें श्वसन गलफड़ों द्वारा होता है तथा गिल्ज की संख्या 5-7 तक होती है।
  • कुत्ता मछली, विद्युत् मीन, टोरपीडो आदि इसके मुख्य उदाहरण हैं।

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3. वर्ग आस्टिक्थीज़ (Osteichthyes) के लक्षण-

  • इनका अंतः कंकाल अस्थि का बना हुआ होता है।
  • यह समुद्रों, नहरों, नदियों, तालाबों आदि में पाई जाती हैं।

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  • इनका मुख अग्र होता है तथा जबड़े पूरी तरह विकसित होते हैं।
  • इनके गिल्स आपरकुलम की सहायता से ढके हुए होते हैं।
  • इस वर्ग की कुछ मछलियों में वाताशय (Air bladder) भी पाए जाते हैं।
  • इस वर्ग की मछलियाँ एक-लिंगी होती हैं।
    एनाबास, रोहू, उड़ने वाली मछली, दरियाई घोड़ा तथा लंगफिश इसके कुछ मुख्य उदाहरण हैं।

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प्रश्न 8.
जलस्थलचर श्रेणी तथा सरीसृप श्रेणी के जीवों के लक्षण बताओ।
उत्तर-
जलस्थलचर श्रेणी के लक्षण-

  1. ये जंतु जल तथा थल दोनों स्थानों पर पाए जाते हैं।
  2. इनका शरीर असमतापी (Cold blooded) होता है।
  3. ये गिल्स, त्वचा तथा फेफड़ों द्वारा श्वसन करते हैं।
  4. इनमें अग्रम और पिछले पैर होते हैं।
  5. इनके पैरों की पांच उंगलियां होती हैं।
  6. इनके हृदय के तीन भाग होते हैं।
  7. ये एक लिंगी जंतु हैं।
  8. कई जंतुओं के शरीर पर दाने (warts) होते हैं।
    मेंढक, टोड, हाइला तथा सेलेमेंडरा इस वर्ग के मुख्य उदाहरण हैं।

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सरीसृप श्रेणी के मुख्य लक्षण-

  1. यह रींगने वाले जंतु हैं। इनकी त्वचा सूखी तथा ग्रंथि विहीन होती है।
  2. इनकी त्वचा पर शल्क होते हैं।
  3. इनका अंत: कंकाल उपचर्नीय शल्कों का बना होता है।
  4. इनमें दो जोड़ी पांच अंगुली पाद होते हैं।
  5. ये असमतापी जंतु हैं।
  6. इनका शरीर सिर, ग्रीवा, धड़ तथा पूंछ में विभाजित होता है।
  7. इनकी लंबाई और भार काफ़ी अधिक हो सकती है।
  8. ये प्रायः स्थलीय जंतु हैं तथा गर्म प्रदेशों में पाए जाते हैं।
  9. यह एक लिंगी जंतु है। इनमें निषेचन मादा के शरीर के अंदर होता है।
    छिपकली, सांप, कछुआ तथा मगरमच्छ रेप्टीलिया या सरीसृप वर्ग के मुख्य उदाहरण हैं।

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प्रश्न 9.
पक्षी श्रेणी तथा स्तनधारी श्रेणी के मुख्य लक्षण बताओ।
उत्तर-
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पक्षी श्रेणी के लक्षण-

  1. ये समतापी (Warm blooded) जंतु हैं।
  2. इनका शरीर पखे की तरह होता है।
  3. इनमें चोंच उपस्थित होती है परंतु दांत नहीं होते।
  4. इनकी त्वचा पर तेल और सफेद रंग की ग्रंथियां पाई जाती हैं।
  5. इनके हृदय के चार कोश-दो आलिंद तथा दो निलय होते हैं।
  6. इन जंतुओं के कान होते हैं और शरीर पंखों से ढका होता है।
  7. इनकी त्वचा पर तेल और सफेद रंग की ग्रंथियां पाई जाती हैं। इन जंतुओं के रक्त में लाल रक्ताणु पाए जाते हैं जिनमें केंद्रक नहीं होता।
  8. इनके अंडे पीत युक्त होते हैं तथा इनमें भ्रूण झिल्लियां भी पाई जाती हैं।
  9. इनमें श्वसन तंत्र के साथ वायुकोश होते हैं।
  10. इनमें स्तन ग्रंथियाँ होती हैं।
  11. इनके अग्रपाद पंखों में रूपांतरित होते हैं।
  12. इनकी अस्थियां हल्की होती हैं तथा अंतः कंकाल छिद्रयुक्त होता है।
    कबूतर, तोता, कौआ, गोरैया, शुतुरमुर्ग, मोर आदि इसके मुख्य उदाहरण हैं।

स्तनधारी श्रेणी के लक्षण-

  1. यह समतापी जंतु है।
  2. ये विभिन्न आकार के होते हैं तथा इनके शरीर पर बाल होते हैं।
  3. इनमें बाह्य कान उपस्थित होता है।
  4. पेट में पेट पर्दा (डायाफ्राम) होता है।
  5. इनकी त्वचा पर तेल तथा स्वेद ग्रंथियां पाई जाती हैं।
  6. इनके हृदय के चार कोश-दो आलिंद तथा दो निलय होते हैं।
  7. इनमें लाखों रक्त कणिकाएं होती हैं जो केंद्रक विहीन होती हैं।
  8. इनके दांत विषदंती (Heterodont) तथा गर्तदंती (Thecodont) होते हैं। ये जीवन में दो बार निकलते हैं।
  9. ये बच्चों की बहुत अधिक देखभाल करते हैं।
    चूहा, बंदर, कंगारू, हाथी, चमगादड़, गिलहरी, शेर, मनुष्य आदि इसके कुछ मुख्य उदाहरण हैं।

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लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
वर्गिकी (Taxonomy) तथा वर्गीकरण पद्धति (Systematics) क्या है ?
उत्तर-
वर्गिकी (Taxonomy) – जीव विज्ञान की वह शाखा जिसका संबंध सजीवों के वर्गीकरण से हो, वर्गिकी कहलाती है।

वर्गीकरण पद्धति (Systematics) – वर्गीकरण विज्ञान का वर्गीकरण पद्धति वर्गिकी से भिन्न है। यह सभी जीवों की विविधता है। वर्गीकरण पद्धति में सजीवों को उनके गुणों तथा परस्पर निर्भरता के आधार पर भिन्न-भिन्न समूहों में बांटा जाता है।

प्रश्न 2.
वर्गीकरण क्या है ?
इसके महत्त्व बताइए।
उत्तर-
वर्गीकरण (Classification) – जीवों को उनकी समानताओं तथा असमानताओं के आधार पर विभिन्न ग्रुपों में विभाजित करने की विधि को वर्गीकरण कहते हैं।

वर्गीकरण का महत्त्व – वर्गीकरण निम्नलिखित कारणों से महत्त्वपूर्ण है-

  1. यह विभिन्न प्रकार के जीवों के अध्ययन को सरल बनाता है।
  2. यह सभी जीवों की एकदम स्पष्ट तस्वीर प्रदान करता है।
  3. यह जीवों के विभिन्न समूहों के बीच संबंध के बारे में बतलाता है।
  4. यह जीव विज्ञान की अन्य शाखाओं को आधार प्रदान करता है।
  5. भूगोल का अध्ययन पूर्णतया पौधों तथा जंतुओं के वर्गीकरण पर आधारित है।
  6. जीव विज्ञान की अन्य शाखाएं जैसे परिस्थितिकी, कोशिका विज्ञान, कायिकी आदि का विकास वर्गीकरण के कारण ही संभव हुआ है।

प्रश्न 3.
जीवों के स्थानीय नाम क्यों पर्याप्त नहीं हैं ? वैज्ञानिक नामों के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
जीवों को पहचानने के लिए स्थानीय नाम पर्याप्त नहीं हैं क्योंकि स्थानीय नाम भिन्न-भिन्न भाषाओं में भिन्न-भिन्न होते हैं। उदाहरण के लिए एक कुत्ते को हिंदी में कुत्ता, तमिल में ‘नाई’ तथा बंगला में ‘कुकुर’ कहते हैं। इसी प्रकार अन्य जीवों के लिए भी भिन्न-भिन्न भाषाओं में भिन्न-भिन्न नाम प्रयोग किए जाते हैं। इसलिए जीवों को संसार में सभी स्थानों पर जानने के लिए स्थानीय नाम पर्याप्त नहीं है।

सारे संसार में जंतुओं को जानने तथा पहचानने के लिए वैज्ञानिक नाम देना अति आवश्यक है। पौधों तथा जंतुओं को नाम देना नामकरण कहलाता है। जीवों को वैज्ञानिक नाम देने की पद्धति कोरोलस लिनियस ने दी। इसे द्विपद नाम पद्धति कहते हैं। इस पद्धति के अनुसार सारे संसार में किसी भी जीव का नाम एक ही रहेगा। इस प्रकार स्थानिक नामों द्वारा पैदा हुई समस्या समाप्त हो गई।

वैज्ञानिक नाम रखने के लाभ – वैज्ञानिक नाम रखने से समस्त विश्व में सजीवों की पहचान आसान हो गई है तथा हर प्रकार की कठिनाई समाप्त हो गई है।

प्रश्न 4.
वर्गीकरण की विभिन्न श्रेणियां बताइए।
उत्तर-
वर्गीकरण की विभिन्न श्रेणियां निम्नलिखित हैं-

(1) जगत (Kingdom) सर्वोच्च श्रेणी जिसमें सभी जंतु तथा पौधे शामिल हैं।
(2) फाइलम (Phylum) यह वर्ग से उच्चतम होती है। वर्गों को मिलाकर फाइलम बनाते हैं।
(3) वर्ग (Class) आर्डरस मिलकर वर्ग बनाते हैं।
(4) आर्डर (Order) कुल मिलकर आर्डर बनाते हैं।
(5) कुल (Family) इसमें प्रजातियां शामिल हैं।
(6) जीनस (Genus) जातियां मिलकर जीनस अथवा प्रजाति बनाती हैं।
(7) जाति (Species) यह जीवों की निम्नतम श्रेणी है।
(एक समान गुणों और आपस में जनन करने वाले सजीव आते हैं।)

प्रश्न 5.
बाघ तथा आम का श्रेणीबद्ध वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर-
बाघ तथा आम का श्रेणीबद्ध वर्गीकरण-

श्रेणी बाघ (Tiger) आम (Mango)
जगत (Kingdom) एनिमेलिया पादप (Plantae)
ह्यसंघ (Phylum) कार्डेटा ट्रेकियोफाइटा (Tracheophyta)
उपसंघ (Sub-Phylum) वर्टिब्रेटा …………….
वर्ग (Class) स्तनधारी मौंगलिओपसिडा (Magnoliopsida)
गण (Order) कार्निवोरा सेपिंडेलस (Spindal)
वंश (Genus) पेंथेरा मैंगिफेरा (Mangifera)
जाति (Species) टाइग्रिस इंडिका (indica)

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प्रश्न 6.
द्विबीजपत्री तथा एकबीजपत्री पौधों में अंतर बताओ।
उत्तर-
दविबीजपत्री तथा एकबीजपत्री पौधों में अंतर-

द्विबीजपत्री एकबीजपत्री
(1) इनके बीज में दो बीजपत्र होते हैं। (1) इनके बीज में केवल एक बीजपत्र होता है।
(2) इनकी पत्तियों में जालिकावत शिरा विन्यास होता है। (2) इनकी पत्तियों में समानांतर शिरा विन्यास होता है।
(3) इनमें मूसला जड़ तंत्र पाया जाता है। (3) इनमें रेशेदार जड़ तंत्र पाया जाता है।
(4) इनमें द्वितीयक वृद्धि होती है। (4) इनमें द्वितीयक वृद्धि नहीं होती।
(5) इनमें पुष्प पंचतयी होते हैं। (5) इनके पुष्प त्रिपयी होते हैं।

प्रश्न 7.
शैवाल का आर्थिक महत्त्व बताओ।
उत्तर-
शैवाल का आर्थिक महत्त्व-

  1. यह मछली तथा अन्य जलीय जंतुओं हेतु भोजन प्रदान करती है।
  2. यह जल में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड के समुचित संतुलन का प्रबंध करती है।
  3. यह जल को स्वच्छ रखती है।
  4. यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत है।
  5. शैवाल की कुछ जातियों से आयोडीन प्राप्त होती है।
  6. रेड एल्गी से (जैसे जिलेडियम) अगर-अगर (Agar-Agar प्राप्त होता है।
  7. कुछ शैवालों से दवाइयाँ बनाई जाती हैं।
  8. कुछ शैवाल तेलीय पदार्थ स्रावित करते हैं।

प्रश्न 8.
फाइलम एनीलिडा के सामान्य लक्षण बताओ।
उत्तर-
फाइलम एनीलिडा के सामान्य लक्षण-

  • ये जीव पानी, नमी युक्त स्थानों तथा समुद्र में पाए जाते हैं।
  • ये लंबे शरीर वाले जंतु त्रिस्तरीय होते हैं।
  • इनका शरीर द्विपार्श्व सममित होता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता 21

  • इनमें नैफरिडिया द्वारा उत्सर्जन होता है।
  • शरीर को गति सीट (Setae) अथवा पेरापोडिया (Parapodia) द्वारा मिलती है।
  • इनमें एक लिंगी, दो लिंगी दोनों तरह के जीव पाये जाते हैं।
  • इनके तंत्रिका तंत्र में एक अर्ग नर्व रिंग तथा एक अधर नर्वकार्ड पायी जाती है।
    केंचुआ, नेरिज़ तथा जोंक इसके मुख्य उदाहरण हैं।

प्रश्न 9.
फाइलम मोलस्का के सामान्य लक्षण बताओ।
उत्तर-
फाइलम मोलस्का के लक्षण-

  1. यह जीव जलीय तथा स्थलीय दोनों प्रकार के होते हैं।
  2. इनका शरीर कोमल तथा अखंडित होता है।
  3. इनके शरीर में सिर, पाद तथा पिंडक तीन भाग होते हैं।
  4. इनमें लिंग प्रायः अलग-अलग होते हैं।
  5. यह गिल्स द्वारा श्वसन करता है जिन्हें टिनिया कहते हैं।
  6. यह पादों द्वारा प्रचलन करता है।
    पाइला, यूनिओ, काइटन तथा ओक्टोपस इसके मुख्य उदाहरण हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता 22

प्रश्न 10.
संघ नीमेटोडा के मुख्य लक्षण बताओ।
उत्तर-
संघ नीमेटोडा के लक्षण-

  1. इनमें प्रायः गोल कृमि आते हैं।
  2. इनका शरीर द्विपार्श्व सममित होता है।
  3. इनका शरीर तीन स्तरों का बना होता है तथा अखंडित है।
  4. इनमें श्वसन अंग तथा संवहन तंत्र अनुपस्थित होता है।
  5. शारीरिक गुहा शुद्ध नहीं होती।
  6. इनकी आहार नाल में पेशी स्तर नहीं होता परंतु यह पूर्ण होती है। गोल कृमि, ऑक्सीयूरिस, पिन वर्म इसके मुख्य उदाहरण हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 11.
कॉर्डेटा की चार मुख्य विशेषताएं क्या हैं ?
उत्तर-
कॉर्डेटा की चार मुख्य विशेषताएं-कॉर्डेटा की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

  1. नालाकार नर्वकार्ड – इनमें एक खोखली नालाकार नर्वकार्ड अथवा तंत्रिका रज्जु पाई जाती है।
  2. नोटोकार्ड की उपस्थिति – सभी कॉर्डेटा में जीवनभर या जीवन की किसी अवस्था में एक ठोस लचीली नोटोकार्ड पायी जाती है।
  3. ग्रसनी क्लोम दरारें (Pharyngeal gill slits) – सभी कॉर्डेटों में एक छिद्रित ग्रसनी पाई जाती है। यह लारवा अवस्था में अथवा सारे जीवन में रहती है।
  4. गुदा के पीछे पूंछ – सभी कॉडेंटों की गुदा के पीछे पूंछ पायी जाती है।

प्रश्न 12.
नॉन-कॉर्डेटा के मुख्य लक्षण बताओ।
उत्तर-
नॉन-कॉर्डटा के लक्षण-

  1. इसमें नोटोकार्ड नहीं होता।
  2. इनमें गिल्स उपस्थित होती हैं तथा श्वसन प्रायः बाह्य त्वचा से होता है।
  3. इसमें केंद्रीय तंत्रिका तंत्र ठोस होता है।
  4. ये जंतु प्रायः जल में पाए जाते हैं।
  5. इनमें रुधिर प्रायः रंगहीन होता है।
  6. इसमें वास्तुविक पूंछ नहीं होती तथा अस्थि कंकाल अनुपस्थित होता है।

प्रश्न 13.
संघ हेमीकाटा के मुख्य लक्षण बताओ।
उत्तर-
संघ हेमीकाटा के मुख्य लक्षण-

  1. इनका शरीर द्विपार्श्व सममिति होता है।
  2. यह जंतु प्रायः समुद्र में पाए जाते हैं।
  3. इनमें काटा और नॉन-कॉडेटा दोनों के लक्षण पाए जाते हैं।
  4. इनकी ग्रसनी के बाहर की ओर क्लोम दरारें श्वसन में सहायक होती हैं।
  5. यह कृमि एक लिंगी होते हैं।
  6. इनके शरीर के तीन भाग होते हैं। शुंड (Proboscis), कालर और धड़ (Trunk)।
  7. ये कृमि रूपी जंतु होते हैं।
    उदाहरण – बैलेनोग्लोसस, सैफेलोडिस्कस।

प्रश्न 14.
जिम्नोस्पर्मस तथा टेरिडोफाइटा में अंतर बताओ।
उत्तर-
जिम्नोस्पर्मल तथा टेरिडोफाइटा पौधों में अंतर-

जिम्नोस्पर्मस टेरिडोफाइटा
(1) यह सम शीतोष्ण कटिबंध (temperate) जलवायु वाले भागों में पाये जाते हैं। (1) यह छायादार तथा नम स्थानों में पाए जाते हैं।
(2) इनमें कैंबियम उपस्थित होता है। (2) इनमें कैंबियम अनुपस्थित होता है।
(3) इनमें पोलेन ट्यूब बनती है। (3) इनमें पोलेन ट्यूब नहीं बनती।
(4) इनमें ग्रीवा नाल कोशिकाएँ नहीं होतीं। (4) इनमें ग्रीवा नाल कोशिकाएँ उपस्थित होती हैं।

प्रश्न 15.
निम्नलिखित में अंतर लिखिए-
(क) नॉन कॉर्डेट्स और कॉर्डेट्स
(ख) अस्थिल भीन और उपस्थिमय मीन।
उत्तर-
(क) नॉन कॉर्डेट्स और कॉर्डेट्स में अंतर-

नॉन कॉर्डेट्स कॉडेट्स
(1) केंद्रीय तंत्रिका का तंत्र ठोस है। (1) केंद्रीय तंत्रिका तंत्र खोखला और नलिकाकार होता है।
(2) केंद्रीय तंत्रिका तंत्र आहार नाल के नीचे अधर तल पर होता है। (2) कंद्रीय तंत्रिका तंत्र आहार नाल के पीछे होता है।
(3) क्लोम विदर नहीं पाए जाते हैं। (3) क्लोम विदर पाए जाते हैं।
(4) नोटोकॉर्ड नहीं पाई जाती। (4) नोटोकॉर्ड पाई जाती है।
(5) आहार नाल के पिछले हिस्से में हृदय पाया जाता है। (5) आहार नाल के नीचे हृदय विद्यमान होता है।

(ख) अस्थिल मीन और उपस्थिमय मीन में अंतर

अस्थिल मीन उपस्थिमय मीन
(1) इनका कंकाल अस्थियों से निर्मित होता है। (1) इनका कंकाल उपस्थियों से निर्मित होता है।
(2) इनमें वाताशय (Air Bladder) होता है। (2) इनमें वाताशय (Air Bladder) नहीं होता।
(3) इन पर चकाभ और कंकताभ शलक होता है। (3) इन पर फ्लैकॉयड शल्क होता है।

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प्रश्न 16.
निम्नलिखित में अंतर लिखिए-
(क) स्तनधारी और उभयचर
(ख) शैवाल और कवक।
उत्तर-
(क) स्तनधारी और उभयचर में अंतर-

स्तनधारी उभयचर
(1) ये प्राय: स्थल पर रहते हैं। (1) यह जल और स्थल दोनों पर रहते हैं।
(2) ये समतायी होते हैं। (2) ये असमतायी होते हैं।
(3) इन पर बाल पाए जाते हैं। (3) इन पर बाल नहीं होते।
(4) इन की त्वचा शुष्क और मोटी होती है। (4) इनकी त्वचा नम और कोमल होती है।
(5) इनके हृदय में चार कक्ष होते हैं। (5) इनके हृदय में तीन कक्ष होते हैं।
(6) इनमें प्रायः बाह्य कान होते हैं। (6) इन में बाह्य कान प्रायः नहीं होते।
(7) ये प्रायः शिशुओं को जन्म देते हैं। (7) इन के बच्चों का जन्म अंडों से होता है।

(ख) शैवाल और कवक में अंतर-

शैवाल कवक
(1) ये जलीय होते हैं। (1) ये स्थलीय होते हैं।
(2) इनकी जनन इकाइयां जलीय प्रवाह के कारण चल होती हैं। (2) इनकी जनन इकाइयां अचल होती हैं।
(3) इन की कोशिका भित्ति सेलुलोज़ से बनी होती है। (3) इनकी कोशिका भित्ति सेलुलोस से बनी होती है।
(4) इनमें भोजन मंड के रूप में होता है। (4) इनमें भोजन ग्लाइकोजन के रूप में होता है।
(5) ये स्वपोषी होते हैं। (5) ये मृत जीवी या परजीवी होते हैं।

प्रश्न 17.
द्विपद् नामपद्धति क्या है ? एक उदाहरण की सहायता से स्पष्ट करिए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता 23
द्विपद् नामपद्धति – पौधों तथा जंतुओं के नामकरण की यह पद्धति केरोलस लिनियस ने विकसित की थी। इस पद्धति के अनुसार जीवों को वैज्ञानिक नाम दिए जाते हैं। प्रत्येक जंतु तथा पौधे को दो नाम दिए जाते हैं। एक जैनेरिक नाम तथा दूसरा स्पीशीज नाम। जैनेरिक वंश का नाम होता है। लिनियस को उसके इस कार्य के लिए वर्गीकरण विज्ञान का पिता कहा जाता है।

उदाहरणस्वरूप – आम का वैज्ञानिक नाम मैंगीफेरा इंडिका है। सरसों का वैज्ञानिक नाम ब्रासिका कंप्रेस्ट्रिस है। इसी प्रकार मनुष्य जाति का वैज्ञानिक नाम होमो सेपियंस है। इन सभी नामों में पहला जैनेरिक नाम तथा दूसरा स्पीशीज नाम है।

प्रश्न 18.
वर्गीकरण की द्वि-जगतीय प्रणाली की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं ?
उत्तर-
द्वि-जगतीय प्रणाली – संसार के सभी जीवों-जंतुओं तथा पौधों को दो जगतों में विभाजित किया गया है-
(i) जगत् प्राणी (Animalae),
(ii) जगत् पादप (Plantae)

जगत् प्राणी के लक्षण-

  1. यह एक स्थान से दूसरे स्थान तक जा सकते हैं।
  2. ये अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते।
  3. इनकी कोशिका में कोशिका भित्ति नहीं होती।
  4. इनमें हरे रंग , क्लोरोफिल (पर्णहरित) नहीं होता।

जगत् पादप के लक्षा –

  1. ये एक स्थान पर स्थिर रहते हैं।
  2. यह अपने भोजन का स्वयं निर्माण करते हैं।
  3. इनकी कोशिका भित्ति सेल्यूलोज की बनी हुई होती है।
  4. इनमें हरे रंग का पदार्थ पर्णरहरित होता है।

प्रश्न 19.
जीवाणुओं और कवक को पौधों के साथ वर्गीकत क्यों किया गया है?
उत्तर-
जीवाणुओं तथा कवकों का रंग हरा नहीं होता। ये अपने भोजन दूसरे मृत अथवा जीवित जीवों से प्राप्त करते हैं। फिर भी इन्हें निम्नलिखित कारणों से पादपों के साथ रखा जाता है-

  1. जीवाणुओं तथा कवकों में पादपों के गुण होते हैं।
  2. इनकी कोशिका भित्ति सेल्यूलोज की बनी होती है।
  3. कवक अपना भोजन पौधों के समान घोल अवस्था में लेते हैं।

प्रश्न 20.
आइशलर द्वारा प्रस्तावित वनस्पति वर्गीकरण की रूपरेखा दीजिए।
उत्तर-
आइशलर द्वारा प्रस्तावित वनस्पति वर्गीकरण की रूपरेखा-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता 24

प्रश्न 21.
हेमीकॉर्डेटा, यूरोकॉर्डेटा तथा सीफेलोकॉर्डेटा के एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. हेमीकॉर्डेटा-उदाहरण-बेलोनोग्लोसस ।
  2. यूरोकॉर्डेटा-उदाहरण-हर्डमानिया।
  3. सीफेलोकॉर्डेटा–उदाहरण-एंफी ओक्सस।

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प्रश्न 22.
पीढ़ी एकांतरण क्या है ?
उत्तर-
पीढ़ी एकांतरण (Alternation of Generation) – किसी भी पौधे के जीवन काल में दो पीढ़ियों बीजाणु-उद्भिद (Sporophyte) तथा युग्मोकोदिभिद् (Gemetophyte) के एकांतरित रूप में आने को पीढ़ी एकांतरण कहते हैं।
उदाहरण – फर्न तथा मॉस।

प्रश्न 23.
कशेरुका और अकशेरुका प्राणियों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-

लक्षण कशेरुका प्राणी अकशेरुका प्राणी
(1) कशेरुका स्तंभ कशेरुकाओं के रूप में विद्यमान। नहीं
(2) मस्तिष्क मस्तिष्क होता है। नहीं
(3) हृदय हृदय भीतर होता है। नहीं या डॉरसल की तरफ
(4) हीमोग्लोबिन लाल रक्त कणिकाओं (RBC) में होता है नहीं या प्लाज्मा में उपस्थित
(5) कंकाल अस्थि या उपास्थि से निर्मित नहीं
(6) त्वचा अनेक पर्तीय एक पर्तीय
(7) वातनाड़ी रज्जु डॉरसल और खोखली यदि उपस्थित तो ठोस और भीतर

प्रश्न 24.
पौधों के वर्गीकरण को दर्शाते एक चार्ट बनाएं।
उत्तर-
पौधों के वर्गीकरण सम्बन्धी चार्ट-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता 25

प्रश्न 25.
जंतुओं के वर्गीकरण को दर्शाते एक चार्ट बनाएं।
उत्तर-
जंतुओं के वर्गीकरण संबंधी चार्ट
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PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
वर्गीकरण की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
वर्गीकरण (Classification) – जीवों को उनके संबंधों के आधार पर विकास के क्रम में विभिन्न समूहों में विन्यासित करने की विधि को वर्गीकरण कहते हैं।

प्रश्न 2.
किस वैज्ञानिक को जीव वर्गिकी का जनक कहा जाता है ?
उत्तर-
केरोलस लिनियस।

प्रश्न 3.
स्पीशीज किसे कहते हैं ?
उत्तर-
निकट संबंध तथा संरचना वाले जीवों के समूह जो परस्पर लैंगिक जनन करके जनन में सक्षम संतानों को जन्म दें, उन्हें स्पीशीज कहते हैं।

प्रश्न 4.
पुराने तंत्र के अनुसार विश्व को कितने जगतों में बांटा गया है ?
उत्तर-
दो जगतों में-

  1. जगत् पादप तथा
  2. जगत् जंतु।

प्रश्न 5.
द्विपद नाम पद्धति किसने प्रस्तावित की ?
उत्तर-
स्वीडिश वैज्ञानिक केरोलस लिनियस ने नामकरण की द्विपद नाम पद्धति प्रस्तावित की।

प्रश्न 6.
वनस्पति जगत् के दो उप-जगतों के नाम बताइए।
उत्तर-
वनस्पति जगत् के दो उप-जगत् हैं-

  1. उप-जगत् क्रिप्टोगैमी (Cryptogamae) तथा
  2. उप-जगत् फैनेरोगैमी (Phanerogamae)।

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प्रश्न 7.
शैवाल (Algae) का हरा रंग किस कारण होता है ?
उत्तर-
पर्ण हरित की उपस्थिति के कारण।

प्रश्न 8.
कवक (fungi) अपना भोगन क्यों नहीं बना सकते ?
उत्तर-
क्योंकि इनमें पर्णहरित नहीं होता।

प्रश्न 9.
आवृतबीजी पौधे कितने प्रकार के होते हैं ? उनके नाम लिखो।
उत्तर-
दो प्रकार के-दविबीजपत्री तथा एक बीजपत्री।

प्रश्न 10.
मछलियां किस अंग के द्वारा श्वसन करती हैं ?
उत्तर-
गिल्ज (गलफड़ों द्वारा )।

प्रश्न 11.
मछलियों के हृदय में कितने कोश पाए जाते हैं ?
उत्तर-
दो-

  1. एक आलिंद तथा
  2. एक निलय।

प्रश्न 12.
ओस्टीकथीज वर्ग के दो जंतुओं के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. रोहू
  2. उड़ने वाली मछलियां (Exocopetus)
  3. लंग फिश।

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प्रश्न 13.
फाइलम एकाइनोडर्मेटा के दो अन्य जीवों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. समुद्री आर्चिन (Sea urchin)
  2. कुकुमेरिया (Holothuria)
  3. एंटीडॉन (Feather Star) ।

प्रश्न 14.
यूरोकोर्डेटा के दो जंतुओं के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. हर्डमानिया (Herdmania)
  2. ओइकोप्ल्यू रा।

प्रश्न 15.
एक कारटिलेजिनस मछली का नाम बताओ।
उत्तर-
भारतीय शार्क (Scolidlon) ।

प्रश्न 16.
एक बोनी मछली का नाम बताओ।
उत्तर-
लोबियो (रोहू मछली), एक्सोसीटस (Exocoectus)।

प्रश्न 17.
दो सरीसृप जंतुओं के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. छिपकली
  2. साँप ।

प्रश्न 18.
पक्षियों के हृदय में कितने कोश होते हैं ?
उत्तर-
चार। दो आलिंद तथा दो निलय

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प्रश्न 19.
किन्हीं दो स्तनधारी जीवों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. बंदर
  2. हाथी।

प्रश्न 20.
जैव विविधता का अध्ययन के अंतर्गत समह बनाने के क्रम में क्या सुनिश्चित किया जाता है ?
उत्तर-
वे विशिष्ट लक्षण जो जीवधारियों में मौलिक अंतर उत्पन्न करते हैं।

प्रश्न 21.
यूनानी विचारक एरिस्टोटल ने जीवों का वर्गीकरण किस आधार पर किया था ?
उत्तर-
उनके स्थल, जल और वायु में रहने के आधार पर।

प्रश्न 22.
समुद्र में रहने वाले पाँच जीवों के नाम लिखिए।
उत्तर-
रवाल, व्हेल, ऑक्टोपस, स्टारफिश, शार्क।

प्रश्न 23.
जो जीव प्रकाश संश्लेषण करते हैं उन्हें क्या कहते हैं ?
उत्तर-
हरे पौधे।

प्रश्न 24.
पौधों का शरीर किस आधार पर विकसित होता है ?
उत्तर-
भोजन बनाने की क्षमता के आधार पर।

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प्रश्न 25.
जंतुओं का शरीर किस आधार पर विकसित होता है ?
उत्तर-
भोजन ग्रहण करने के आधार पर।

प्रश्न 26.
जीवों का वर्गीकरण किस वाद से संबंधित है ?
उत्तर-
जैव विकासवाद से।

प्रश्न 27.
जैव विकासवाद की अवधारणा किस ने दी थी ?
उत्तर-
चार्ल्स डार्विन ने।

प्रश्न 28.
डार्विन की जैव विकास की अवधारणा कब प्रकाश में आई थी ?
उत्तर-
सन् 1859 में डार्विन की पुस्तक ‘द ओरिजिन ऑफ स्पीशिज’ नामक पुस्तक से।

प्रश्न 29.
पहले प्रकार के जीवों को क्या कहते हैं ?
उत्तर-आदिम अथवा निम्न जीव।

प्रश्न 30.
दूसरे प्रकार के जीवों को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
उन्नत अथवा उच्च जीव।

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प्रश्न 31.
किन और कब तीन वैज्ञानिकों ने सारे सजीवों को किंगडम नामक वर्गों में विभाजित किया था ?
उत्तर-
अन्सर्ट हेकेल (1894), राबर्ट व्हिटेकर (1959) तथा कार्ल बोस (1977) ने।

प्रश्न 32.
व्हिटेकर के वर्गीकरण के पांच किंगडम कौन-से हैं ?
उत्तर-
मोनेरा, प्रोटिस्टा, फंजाई, प्लांटी और एनीमेलिया।

प्रश्न 33.
व्हिटेकर ने वर्गीकरण का आधार किसे बनाया था ?
उत्तर-
कोशिकीय संरचना, पोषण के स्रोत और तरीके तथा शारीरिक संगठन।

प्रश्न 34.
बोस ने मोनेरा किंगडम को किन दो भागों में बाँटा था ?
उत्तर-
आर्की बैक्टेरिया, यूबैक्टेरिया।

प्रश्न 35.
जीवों को किन उपसमूहों में बांटा गया है ?
उत्तर-
जगत् (किंगडम), जंतु संघ, वर्ग (क्लास), गण (ऑर्डर), कुल (फैमिली), वंश (जीनस), जाति (स्पीशीज)।

प्रश्न 36.
पादप जगत् की जगह किस शब्द का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
डिवीज़न।

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प्रश्न 37.
वर्गीकरण की आधारभूत इकाई तक किस प्रकार पहुँचते हैं ?
उत्तर-
वर्गीकरण के पदानुक्रम क्रम में जीवों को विभिन्न लक्षणों के आधार पर छोटे-से-छोटे समूहों में बांटते हुए आधारभूत इकाई तक पहुंचते हैं।

प्रश्न 38.
मोनेरा वर्ग में कौन-से जीव आते हैं ?
उत्तर-
एक कोशिकीय जीव, जिन में कोशिका भित्ति पाई जाती है।

प्रश्न 39.
मोनेरा वर्ग के जीव पोषण के आधार पर कैसे हो सकते हैं ?
उत्तर-
स्वपोषी और विषमपोषी।

प्रश्न 40.
मोनेरा वर्ग के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
जीवाणु, नीली-हरी शैवाल, माइकोप्लाज्मा।

प्रश्न 41.
प्रोटिस्टा वर्ग में गमन के लिए कौन-सी संरचनाएं पाई जाती हैं ?
उत्तर-
सीलिया, फ्लैजेला।

प्रश्न 42.
प्रोटिस्टा वर्ग के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
एक कोशिकीय शैवाल, प्रोटोजोआ, डाइएटमस।

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प्रश्न 43.
फंजाई पोषण के लिए किस पर निर्भर करती है ?
उत्तर-
सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों पर।

प्रश्न 44.
फंजाई को मृत जीवी क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
फंजाई गले-सड़े कार्बनिक पदार्थों पर निर्भर करती है इसलिए इसे मृत जीवी कहते हैं।

प्रश्न 45.
फंजाई के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
यीस्ट, मशरूम।

प्रश्न 46.
सहजीविता किसे कहते हैं ?
उत्तर-
कवकों की कुछ जातियां नीले हरे शैवाल के साथ स्थार्य अंतर्संबंध बनाती है जिसे सहजीविता कहते हैं।

प्रश्न 47.
ऐनिमेलिया वर्ग में कौन-से जीव आते हैं ?
उत्तर-
इस वर्ग में सभी बहुकोशिकीय यूकेरियोटिक जीव आते हैं जिनमें कोशिका भित्ति नहीं पाई जाती है।

प्रश्न 48.
थैलोफाइटा वर्ग में प्रमुख रूप से कैसे पौधे पाए जाते हैं ?
उत्तर-
जल में पाए जाने वाले शैवाल।

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प्रश्न 49.
थैलोफाइटा वर्ग के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
यूलोथ्रिक्स, स्पाइरोगाइरा, कारा।

प्रश्न 50.
ब्रायोफाइटा के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
मॉस (प्यूनेरिया), मार्केशिया।

प्रश्न 51.
जिन में बीज उत्पन्न करने की क्षमता नहीं होती उन्हें क्या कहते हैं ?
उत्तर-
क्रिप्टोगैम्स।

प्रश्न 52.
फेरोगेम्स किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वे पौधे जिनमें जनन ऊतक पूरी तरह विकसित और विभेदित होते हैं तथा जनन प्रक्रिया के बाद बीज उत्पन्न करते हैं, उन्हें फेरोगेम्स कहते हैं।

प्रश्न 53.
एंजियोस्पर्म पौधे क्या हैं ?
उत्तर-
जिन पौधों के बीज फलों के अंदर ढके होते हैं उन्हें एंजियोस्पर्म कहते हैं। इन के बीज बाद में फल बन जाते हैं।

प्रश्न 54.
एंजियोस्पर्म वर्ग को किन दो भागों में बांटा गया है ?
उत्तर-

  1. एक बीज पत्री,
  2. द्वि बीज पत्री।

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प्रश्न 55.
जिम्नोस्पर्म पौधे क्या है ?
उत्तर-नग्न बीज उत्पन्न करने वाले पौधे ।

प्रश्न 56.
एक बीज पत्री के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
गेहूँ, मक्का ।

प्रश्न 57.
दवि बीज पत्री के दो उदाहरण दीजिए। उत्तर-चना, मटर।

प्रश्न 58.
पोरीफेरा शब्द किस से बना है ?
उत्तर-
पोरीफेरा लेटिन शब्द ‘पोरस’ तथा ‘फेरी’ से बना है। ‘पोरस’ का अर्थ है-छिद्र तथा ‘फेरी’ का अर्थ है ‘रखना’।

प्रश्न 59.
प्रायः पोरीफेरा को किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर-
स्पाँज।

प्रश्न 60.
पोरीफेरा के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
साइकान, यूप्लेक्टोलिया, स्पांजिला।

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प्रश्न 61.
सीलेंटरेटा कैसे जंतु हैं ?
उत्तर-
जलीय जंतु।

प्रश्न 62.
सीलेंटरेटा जंतुओं के समूह और एकाकी रहने वाले जीवों के उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
समूह में रहने वाले = कोरल
एकाकी रहने वाले = हाइड्रा।

प्रश्न 63.
सीलेंटरेटा जंतुओं के तीन उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
हाइड्रा, समुद्री एनीमोन, जेलीफिश।

प्रश्न 64.
प्लेटीहेल्मिथीज को चपटे कृमि क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
इनका शरीर पृष्ठधारीय और चपटा होता है।

प्रश्न 65.
चपटे कृमि वर्ग के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
लीवरफ्लूयक, प्लेनेरिया, फीताकृमि।

प्रश्न 66.
परजीवियों के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
गोल कृमि, फाइलेरिया कृमि, पिन कृमि।

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प्रश्न 67.
एनीलिडा वर्ग के तीन उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
केंचुआ, नीरीस, जोंक।

प्रश्न 68.
जंतु जगत् का सबसे बड़ा भाग कौन-सा है ?
उत्तर-
आर्थोपोडा।

प्रश्न 69.
आर्थोपोडा के पांच उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
प्रॉन, तितली, मक्खी, मकड़ी, बिच्छू, केकड़ा।

प्रश्न 70.
मोलस्का वर्ग के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
यूनियो, घंघा, ऑक्टोपस।

प्रश्न 71.
इकाइनोडर्मेटा वर्ग के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
स्टारफिश, समुद्री आर्चिन।

प्रश्न 72.
प्रोटोकाटा वर्ग के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
बैलेनोग्लासस, हार्डमेनिया, एंपीयाक्सस।

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प्रश्न 73.
वर्टीब्रेटा किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जिन जंतुओं में वास्तविक मेरुदंड और अंत: कंकाल होता है तथा पेशियां कंकाल से जुड़ी होती हैं जो इन्हें चलने में सहायता करती हैं उन्हें वर्टीब्रेटा कहते हैं।

प्रश्न 74.
सभी कशेरुकाओं के प्रमुख लक्षण लिखिए।
उत्तर-
नोटोकार्ड, कशेरुक दंड और मेरुरज्जु, त्रिकोरिक, शरीर, जोड़ीदार गलफड़, देह गुहा।

प्रश्न 75.
मत्स्य श्वसन के लिए किस अंग का प्रयोग करते हैं ?
उत्तर-
गलफड़ों का।

प्रश्न 76.
मत्स्य वर्ग के चार उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
टूना, रोहू, स्कालियेडान, टारपीडो।

प्रश्न 77.
जल, स्थलचर साँस किस से लेते हैं ?
उत्तर-
गलफडों या फेफडों से।

प्रश्न 78.
जल, स्थलचर के वर्ग के तीन जीवों के उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
मेंढक, सेलमेंडर, टोड।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 79.
उस सरीसृप वर्ग के जीव का नाम लिखिए जिस के हृदय में चार कक्ष होते हैं ?
उत्तर-
मगरमच्छ।

प्रश्न 80.
सरीसृप वर्ग के चार जंतुओं के नाम लिखिए।
उत्तर-
कछुआ, सांप, गिरगिट, मगरमच्छ।

प्रश्न 81.
पक्षी कैसे प्राणी हैं ?
उत्तर-
समतापी प्राणी।

प्रश्न 82.
पक्षियों में आगे वाले पैर किस में परिवर्तित हो चुके हैं ?
उत्तर-
पंखों में।

प्रश्न 83.
पक्षियों के हृदय में कितने कक्ष होते हैं ?
उत्तर-
चार कक्ष।

प्रश्न 84.
किस वैज्ञानिक ने नाम पद्धति का सबसे पहले प्रयोग किया था ?
उत्तर-
केरोलिस लीनियस ने अठारहवीं शताब्दी में।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 85.
प्रजाति का नाम किस प्रकार से शुरू किया जाता है ?
उत्तर-
अंग्रेजी छोटे अक्षर से।

प्रश्न 86.
जीनस के नाम किस अक्षर से शुरू किए जाते हैं ?
उत्तर-
अंग्रेजी के बड़े अक्षर से।

प्रश्न 87.
केरोलस लीनियस ने विभिन्न वर्गीकरण प्रणालियों के आधार रूप में किस पुस्तक की रचना की थी ?
उत्तर-
‘सिस्टेमा नेचुरी’।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
ऊतक किसे कहते हैं ? पौधों में ऊतक कितनी प्रकार के होते हैं ? विभाज्योतकी ऊतक के विभिन्न प्रकारों का वर्णन करो।
उत्तर-
ऊतक (Tissue) – एक समान उत्पत्ति संरचना तथा कार्य करने वाली कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं।

पौधों में ऊतक दो प्रकार के होते हैं-

  1. विभाज्योतक ऊतक (Meristematic tissue)
  2. स्थायी ऊतक (Permanent tissue)

1. विभाज्योतक (Meristematic tissue) – इस ऊतक की कोशिकाओं में विभाजन करने की क्षमता होती है और इनकी कोशिकाएं लगातार विभाजित होती रहती हैं जिसके फलस्वरूप नई कोशिकाएं बनती हैं। विभाज्योतक के निम्नलिखित लक्षण होते हैं-

  • इस ऊतक की कोशिकाएं विभाजन योग्य होती हैं।
  • कोशिकाओं में स्पष्ट केंद्रिका (Nucleolus) युक्त बड़ा केंद्रक (Nucleus) होता है।
  • इनकी कोशिका भित्ति पतली, लचकदार तथा सेलूलोज़ की बनी होती है।
  • इनमें सघन अथवा पर्याप्त कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) होता है।
  • इनमें रिक्तिकाएं तथा रसधानियां (Vacuoles) नहीं होतीं।

विभाज्योतक का वर्गीकरण (Classification of Meristematic tissue) – विभाज्योतक का वर्गीकरण निम्नलिखित भिन्न-भिन्न ढंगों से किया जाता है-
(क) उत्पत्ति के आधार पर वर्गीकरण – उत्पत्ति के आधार पर विभाज्योतक की दो किस्में हैं-

  • प्राथमिक विभाज्योतक (Primary meristem) – इस प्रकार के ऊतक जड़, तनों के शीर्ष, द्विबीज तनों के संवहन बंडलों तथा पौधों के अंतर्वेशी भागों में पाए जाते हैं। इनकी कोशिकाओं में सदा विभाजन होता रहता है।
  • द्वितीयक विभाज्योतक (Secondary meristem) – इस प्रकार के ऊतक, आवश्यकतानुसार पौधे के लिए स्थायी ऊतकों का निर्माण करते हैं।

(ख) स्थिति या स्थान के आधार पर वर्गीकरण – स्थिति या स्थान के आधार पर विभाज्योतक की तीन किस्में हैं

  • शीर्षस्थ विभाज्योतक ऊतक (Apical meristem) – ये जड़, तना तथा शाखाओं के शीर्ष पर स्थित होते हैं। जड़ तथा तने के शीर्ष भाग इनकी आंतरिक रचना के समान होते हैं।
  • अंतर्वेशी विभाज्योतक ऊतक (Intercalary meristem) – यह एक बीज पत्री तनों में पाया जाता है। इसकी सक्रियता के कारण तना लंबाई में वृद्धि करता है।
  • पार्श्व विभाज्योतक ऊतक (Lateral meristem) – यह ऊतक द्विबीज पत्री तनों तथा जड़ के पार्श्व भागों में पाए जाते हैं। ये जड़ तथा तने की चौड़ाई में वृद्धि करने में सहायता करते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 1

(ग) कार्य के आधार पर वर्गीकरण-कार्य के आधार पर विभाज्योतक की तीन किस्में हैं-

  • प्रोटोडर्म (Protoderm) – यह बाह्य परत या ऐपीडरमिस (Epidermis) बनाता है। इसे डरमैटोजन (Dermatogen) भी कहते हैं।
  • प्रोकैम्बियम (Procambium) – यह मुख्य संवहन ऊतक बनाता है।
  • ग्राऊंड मैरीस्टैम (Ground meristem)-यह पिथ या भरण ऊतक बनाता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 2.
स्थायी ऊतक किन्हें कहते हैं ? यह कितनी प्रकार के होते हैं ? साधारण ऊतकों के विभिन्न प्रकारों का सचित्र वर्णन करो।
उत्तर-
स्थायी ऊतक (Permanent tissue) – ये ऊतक उन कोशिकाओं से बने होते हैं जिनमें विभाजन करने की क्षमता नष्ट हो जाती है।
स्थायी ऊतकों के प्रका र- स्थायी ऊतक निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं-

  1. साधारण ऊतक
  2. जटिल ऊतक

साधारण ऊतक (Simple tissue) – यह ऊतक एक ही प्रकार की कोशिकाओं से बनते हैं। इनकी संरचना तथा कार्य समान होता है। कोशिका भित्ति की संरचना के आधार पर ये निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं

(i) पैरेंकाइमा (Parenchyma) यह पौधे के हरे भागों में अधिक संख्या में मिलते हैं। इनकी कोशिकायें समव्यासी होती हैं। कोशिकायें जीवित होती हैं। इनकी कोशिका भित्तियां महीन तथा सेल्युलोज की बनी होती हैं। ये गोलाकार, अंडाकार, वृत्ताकार अथवा बहुभुजी होती हैं तथा इनके बीच अंतरकोशिकीय स्थान पाये जाते हैं। इनका जीवद्रव्य सघन होता है।

विभिन्न प्रकार के पेरेंकाइमा निम्नलिखित अनुसार हैं-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 2

(क) सरल पैरेंकाइमा – यह संयोजी ऊतक के रूप में कार्य करता है।
(ख) कलोरेंकाइमा – इनमें क्लोरोप्लास्ट होते हैं तथा यह प्रकाश-संश्लेषित ऊतक के रूप में कार्य करता है। पत्तों के कलोरेंकाइमा को मीज़ोफिल (Mesophyll) ऊतक कहते हैं।
(ग) ऐरेंकाइमा – यह बड़ी वायुयुक्त रिक्तिकाओं से भरा होता है इसलिए यह यांत्रिक तैरने की शक्ति देता है।
(घ) स्टोरेज पैरेंकाइमा – यह जमा करने वाले ऊतक के रूप में कार्य करता है।
(ङ) प्रोसेंकाइमा – इसकी कोशिकाओं पर सेलूलोज़ तथा लिग्निन एकत्रित होती है इसलिए यह यांत्रिक ऊतक के रूप में कार्य करता है।

(i) कॉलेंकाइमा (Collenchyma) – इसकी कोशिकायें बहुभुजी, अंडाकार, गोल तथा जोवित होती हैं। ये संरचना में पेरेंकाइमा के समान होती हैं। इनकी कोशिकायें लंबी होती हैं तथा इनके किनारे या अंतर्कोशिकीय स्थान पेक्टिन तथा सेल्यूलोज पदार्थ जमा होने से अधिक स्थूल हो जाते हैं। अनुप्रस्थ काट में ये गोलाकार अथवा अंडाकार दिखायी देती हैं। इनकी कोशिका भित्तियों में गर्त होते हैं। जीवित कोशिकाओं में कुछ क्लोरोप्लास्ट भी पाया जाता है। यह तने को यांत्रिक शक्ति प्रदान करता है। यह शर्करा तथा मांड का संश्लेषण करता है।
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(iii) स्कलेरेंकाइमा (Sclerenchyma) – यह मृत कोशिकाओं का बना होता है। इसकी भित्तियां स्थूलित तथा लिग्निन युक्त होती हैं। यह उन अंगों को यांत्रिक शक्ति देता है जिनमें यह पाया जाता है। इसकी भित्तियां लंबी, संकरी तथा दोनों सिरों से नुकीली होती हैं। इनमें दृढ़ोतक तंतु तथा दृढ़ कोशिकाएं होती हैं। ये लंबी, मृत तथा लोचदार होती हैं और इनके सिरे नुकीले होते हैं। इनमें से कुछ कोशिकाएं स्कलेरीडस कहलाती हैं। ये आकृति में अनियमित तथा बेलनाकार होती हैं। इनकी भित्तियां स्थूलित होती हैं।
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प्रश्न 3.
जटिल ऊतक किसे कहते हैं ? ये कितनी प्रकार के होते हैं ? का चित्र बनाकर वर्णन करो।
उत्तर-
जटिल ऊतक (Complex tissue) – यह विभिन्न आकार तथा माप की कोशिकाओं का ऐसा समूह है जो एक इकाई का कार्य करता है। यह जल तथा उसमें घुले हुए लवणों का परिवहन करता है तथा भोजन का संवहन पौधे के एक भाग से दूसरे भाग तक करता है।

यह ऊतक निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं-
1. जाइलम (Xylem)
2. फ्लोएम (Phloem)

1. जाइलम (Xylem) – यह संवहन ऊतक है। यह जल तथा उसमें घुले हुए लवणों का परिवहन करता है। इस ऊतक की प्रायः सभी कोशिकाएं मृत, मोटी भित्ति वाली तथा लिग्निन युक्त होती हैं। इनके निम्नलिखित चार विभिन्न अवयव होते हैं-

(i) ट्रेकीड्स (Tracheids) – ये मृत तथा लंबी नली के समान रचनाएं होती हैं। इनके सिरों पर छिद्र नहीं होते। इनकी भित्तियां मोटी, सख्त तथा लिग्निन युक्त होती हैं। ये कई आकारों की होती हैं। ये जल तथा खनिज लवणों की जड़ से पत्तियों तक पहुंचाती हैं। ये पौधे के कोमल अंगों को सहारा देने का कार्य भी करती हैं।
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(ii) वाहिकाएं (Vessels) – इन्हें ट्रेकी भी कहते हैं। ये मृत संकरी नली के समान होती हैं। इनमें बड़ी कोशिकाएं गुहाएं जड़ से पत्तियों तक जल तथा खनिज लवणों के संवहन के लिए पाई जाती हैं। ये यांत्रिक कार्य करती हैं तथा पौधों के शरीर को दृढ़ता भी प्रदान करती हैं।

(iii) दारू या काष्ठ मृदुतक (Xylem or Wood Parenchyma) – ये जीवित तथा महीन कोशिकाएं होती हैं। ये अधिक संख्या में पाई जाती हैं। ये जल संवहन में सहायता करती हैं तथा खाद्य का भण्डारण भी करती हैं।

(iv) काष्ठ तंतु (Xylem fibres) – ये लम्बी, नुकीली, निर्जीव तथा दृढ़ कोशिकाएं हैं। इनमें छोटे-छोटे गर्त होते हैं तथा इनकी भित्तियां स्थूलित होती हैं। ये पौधों को दृढ़ता प्रदान करती हैं तथा सहारा देती हैं।

2. फ्लोएम (Phloem) – यह भी संवहन ऊतक है। यह पत्तियों में बने खाद्य पदार्थों को पौधों के विभिन्न भागों तक पहुंचाता है। इसके निम्नलिखित चार विभिन्न अवयव होते हैं-

  • चालनी नलिकाएं (Sieve tubes) – ये नलिकाएं केंद्रविहीन, महीन भित्ति वाली जीवित कोशिकाएं हैं। ये एक के ऊपर एक रखी होती हैं तथा इनके सिरे की भित्ति में अनेक छिद्र होते हैं। ये पत्तियों में बने भोजन को पौधे के भंडारण भागों तक पहुंचाती हैं।
  • सखी कोशिकाएं (Companion cells) – यह महीन भित्ति वाली कोशिकाएं चालनी नलिकाओं से जुड़ी हुई होती हैं। इनमें सभी अवस्थाओं में केंद्रक पाया जाता है।
  • फ्लोएम मृदुतक (Phloem parenchyma) – इनमें सजीव महीन भित्ति वाली बेलनाकार कोशिकाएं होती हैं। ये प्रायः एक बीज पत्रीय पौधों में नहीं होतीं। ये खाद्य पदार्थों का भंडारण करने में सहायक होती हैं।
  • फ्लोएम तंतु (Phloem fibres) – ये द्वितीयक फ्लोएम में पाई जाती हैं परंतु प्राथमिक फ्लोएम में नहीं होतीं। ये लंबी, नुकीली तथा लिग्निन युक्त होती हैं तथा पौधों को यांत्रिक सहारा देने का कार्य करती हैं।

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PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 4.
संयोजी ऊतकों के विभिन्न रूपों को लिखिए और उनके कार्य दो।
उत्तर-
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संयोजी ऊतक (Connective tissue) – संयोजी ऊतक हमारे शरीर में उपस्थित होते हैं। ये ऊतक अन्य ऊतकों तथा अंगों को घेरते हैं। अस्थि, उपास्थि, रुधिर, टैंडन तथा लिगामैंट संयोजी ऊतक की मुख्य किस्में हैं।

(i) अस्थि (Bone) – यह जंतुओं के पिंजर पदार्थ में सबसे अधिक होता है। अस्थियां बहुत मज़बूत होती हैं तथा इनमें लचीलापन बिल्कुल नहीं होता। अस्थि के मैट्रिक्स में भरपूर मात्रा में कैल्शियम के लवण होते हैं जो इसे दृढ़ता प्रदान करते हैं। यह ऊतक सहारा देने तथा सुरक्षा प्रदान करने में सहायता करता है।

(ii) उपास्थि (Cartilage) – उपास्थि में लचीलापन होता है। यह कोंड्रोसाइटस कोशिकाओं का बना होता है। इस किस्म का ऊतक हमारे शरीर के अंगों में बहुत कम होता है। हमारे नाक की चोटी तथा बाह्य काम उपास्थि का बना होता है।

(iii) रुधिर (Blood) – रुधिर भी एक संयोजी ऊतक है। यह हमारे शरीर में पाया जाने वाला एक तरल ऊतक है। इस ऊतक की कोशिकाएं तरल मैट्रिक्स में तैरती रहती हैं। इन कोशिकाओं को रुधिर कणिकाएं तथा मैट्रिक्स को रक्त प्लाज्मा कहते हैं। रुधिर कणिकाएं भिन्न प्रकार की होती हैं, जैसे-लाल रुधिर कणिका, श्वेत रुधिर कणिका तथा प्लेटलैट्स । रुधिर शरीर के सभी भागों में दौड़ता है इसलिए कह सकते हैं कि यह शरीर के सभी भागों को आपस में जोड़ता है।
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(iv) टैंडन (Tendon) – यह एक अत्यन्त सघन तथा दृढ़ संयोजी ऊतक है जो मुख्यतया श्वेत कोलाजन तंतुओं (Collegen fibres) से बनता है। टैंडन पेशियों को अस्थियों के साथ जोड़ने में सहायता करता है।

(v) लिगामैंट (Ligament)-कुछ लंबी समतल कोशिकाएं तंतुओं के मध्य उपस्थित होती हैं। ये जोड़ों पर एक अस्थि को दूसरी अस्थि के साथ जोड़ने में सहायता करते हैं तथा उनकी उस अवस्था में पकड़ रखते हैं।

प्रश्न 5.
जंतु ऊतक कितनी प्रकार के होते हैं ? एपीथीलियल ऊतकों के विभिन्न प्रकारों का सचित्र वर्णन करो।
उत्तर-
जंतु ऊतक (Animal Tissue) – मनुष्य सहित सभी जंतुओं में चार विभिन्न प्रकार के कतक पाए जाते हैं। ये हैं-एपीथीलियल, संयोजी, पेशीय और तंत्रिका ऊतक।

एपीथीलियल ऊतक (Epithelial Tissue) – एपीथीलियल ऊतक एक अस्तर ऊतक है। यह एक रक्षी अस्तर है। यह शरीर के ऊपर तथा शरीर के अंदर स्थिति विभिन्न भागों की गुहिका का आवरण बनाता है। त्वचा. मुंह, आहारनाल तथा फेफड़ों की सतह एपीलियमी ऊतक से बनी होती है। विभिन्न स्थानों पर पाए जाने वाले एपीथीलियमल ऊतक की कोशिकाओं के आकार और रचना में भिन्नता होती है। इन कोशिकाओं की रचना और कार्य में भिन्नता के आधार पर इन्हें विभिन्न वर्गों में विभाजित किया गया है।

  1. शल्की-चपटी कोशिकाएं।
  2. घनाकार-लंबाई, चौड़ाई व ऊंचाई लगभग बराबर
  3. स्तंभाकार-ऊंचाई विशेष रूप से अधिक
  4. सीलियामय-सीलिया उपस्थित
  5. ग्रंथिल-स्त्रावण कार्य

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 9

  • शल्की एपीथीलियम (Squamous epithelium) – यह चौड़ी तथा चपटी कोशिकाओं का बना होता है। यह वाहिनियों तथा देहगुहा आदि की सतहों पर पाया जाता है। यह अंगों की सुरक्षा करता है तथा उन्हें ढकने का कार्य करता
  • घनाकार एपीथीलियम (Cuboidal epithelium) – यह घनाकार कोशिकाओं का बना होता है। यह लार ग्रंथियों तथा वृक्क नलिकाओं में पाया जाता है।
  • स्तंभाकार एपीथीलियम (Columnar epithelium) – यह स्तंभ जैसी चौड़ाई से अधिक लम्बी कोशिकाओं का बना होता है। यह आमाशय तथा आंत्र की आंतरिक पर्त बनाता है। यह ग्रन्थियां भी बनाता है, जो स्रावण का कार्य करती हैं।
  • सिलियामय एपीथीलियम (Ciliary epithelium) – यह स्तंभाकार अथवा घनाकार कोशिकाओं का बना होता है जिनमें स्वतंत्र सिरों पर सिलिया पाए जाते हैं। यह श्वास नली, अंडवाहिनी तथा उत्सर्जी नलिकाओं की आन्तरिक पर्तों पर पाया जाता है।
  • ग्रंथिल ऊतक (Glandular epithelium) – यह रूपांतरित स्तम्भी उपकला ऊतक है, जिसकी कोशिकाएं स्रावी स्वभाव की होती हैं। ये एककोशिकीय अथवा बहुकोशिकीय हो सकती हैं। ये ग्रंथियां थैले की तरह होती हैं तथा बाहर की ओर एक छिद्र द्वारा खुलती हैं। लार ग्रंथियां संयुक्त कूपिका प्रकार की होती हैं।

एपीथीलियल ऊतक के कार्य-

  1. ये कोशिकाएं त्वचा की बाह्य परत बनाती हैं। ये अंदर की कोशिकाओं की रक्षा करती हैं। एपीथीलियल कोशिकाएं आंतरिक कोशिकाओं को सूखने से, चोट से, जीवाणुओं के अतिक्रमण से और रासायनिक पदार्थों के प्रभाव से बचाती हैं।
  2. हमारे शरीर के अंगतंत्रों जैसे मुख गुहा, भोजन नली की बाह्य और आंतरिक परत बनाकर ये उन अंगों की रक्षा करती हैं।
  3. जल तथा अन्य पोषक पदार्थों के अवशोषण में सहायता करती हैं।
  4. व्यर्थ पदार्थों के निष्कासन में सहायता करती हैं।
  5. कुछ कोशिकाएं स्रावण का कार्य करने के लिए विशिष्ट हो जाती हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 6.
जंतु ऊतक की विभिन्न किस्मों का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर-
जंत ऊतक (Animal tissues) – मनुष्य सहित सभी जंतुओं में चार भिन्न प्रकार के ऊतक पाए जाते हैं। ये हैं-~-एपीथोलियमी, संयोजी, पेशीय और तंत्रिका ऊतक।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 10

1. एपीथीलियल ऊतक (Epithelial tissue) – यह एक अस्तर ऊतक है। यह शरीर के ऊपर तथा शरीर के अंदर स्थित विभिन्न भागों की गुहिका का आवरण बनाता है। एक सीमेंट जेसा पदार्थ इन ऊतकों को जोड़कर रखता है। इनकी कोशिका की रचना और कार्य में भिन्नता के आधार पर इन्हें पांच वर्गों में बांटा गया है-

  • शल्की एपोथीलियम
  • घनाकार एपीथीलियम
  • स्तंभाकार एपीथीलियम
  • सिलियामय एपीथीलियम
  • ग्रंथिल एपीथीलियम।

2. पेशीय ऊतक (Muscular Tissue) – हमारे शरीर के अंगों में होने वाली गति पेशीय ऊतकों के कारण ही होती है। यह पेशी लंबी होती है इसीलिए पेशीय रेशा भी कहलाती है। पेशी-कोशिकाओं में उपस्थित संकुचनशील प्रोटीन में संकुचन एवं प्रसार होने से अंगों में गति होती है। हृदय की धड़कन तथा भोजन नली में संकुचन और प्रसार पेशीय कोशिकाओं के कारण ही होती है। हमारे शरीर में तीन प्रकार के पेशी ऊतक पाए जाते हैं।

  • रेखित पेशी (कंकाल पेशी या ऐच्छिक पेशी)
  • अरेखित पेशी (चिकनी पेशी या अनैच्छिक पेशी)
  • हृदय पेशी।

3. संयोजी ऊतक (Connective tissue) – इस ऊतक का कार्य शरीर के विभिन्न अंगों का एक-दूसरे से जोड़ना, सहारा देना तथा बांधना है। इस ऊतक की कोशिकाएं मैट्रिक्स (माध्यम) के अंदर उपस्थित होती हैं। कोशिकाओं के बीच के स्थान में भी मैट्रिक्स होता है। यह मैट्रिक्स ठोस हो सकता है जैसे अस्थि एवं उपास्थि तथा द्रव भी हो सकता है जैसे रुधिर। हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के संयोजी ऊतक पाए जाते हैं। संयोजी ऊतक को निम्नलिखित पांच किस्मों में वर्गीकृत किया गया है-

  • अस्थि
  • उपास्थि
  • रुधिर
  • टैंडन तथा
  • लिगामैंट।

4. तंत्रिका ऊतक (Nervous tissue) – मस्तिष्क, मेरुरज्जु तथा तंत्रिकाएं सभी तंत्रिका ऊतक की बनी होती हैं। यह विशेष प्रकार का ऊतक होता है जो विभिन्न संदेशों को लेने, भेजने तथा संचालन के लिए जिम्मेवार होता है। यह तंत्रिका कोशिका तथा तंत्रिका तंतुओं से बना होता है।

(i) तंत्रिका कोशिका (Nerve cells) – तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन में एक कोशिका काय (Cell body), केंद्रक तथा लावेनुमा कोशिका द्रव्य होता है। इस कोशिका काय से बाहर की ओर एक या अधिक तंतुओं जैसी रचनाएं होती हैं जिन्हें डेंड्राइट (Dendrites) कहते हैं, ये कोशिकाकाय में संदेश लेकर जाते हैं।

(ii) तंत्रिका तंतु (Nerve fibres) – यह एक तंत्रिका रेशा है जिसके मध्य में एक्सॉन (Axon) एक झिल्ली से घिरी होती है, जिसे न्यूरीलैमा कहते हैं। न्यूरीलैमा में विशेष प्रकार की कोशिकाएं होती हैं जिन्हें श्वान कोशिकाएं (Schavann cells) कहते हैं। महत्त्वपूर्ण अंग जैसे मस्तिष्क, मेरुरज्जु, तंत्रिकाएं इस ऊतक की बनी होती हैं। ये अंग शरीर के भिन्न-भिन्न भागों के कार्यों का तालमेल और नियंत्रण बनाते हैं। यह कार्य न्यूरॉन के भीतर इलेक्ट्रोकैमिकल प्रणाली द्वारा होता है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
ऊतक किसे कहते हैं ? पौधों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के ऊतक कौन-से हैं ?
उत्तर-
ऊतक (Tissue) – यह समान उत्पत्ति, संरचना तथा कार्य करने वाली कोशिकाओं का एक समूह होता है। पौधों में पाए जाने वाले ऊतकों को निम्नलिखित अनुसार बांटा गया है-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 11

प्रश्न 2.
किस प्रकार सिद्ध करोगे कि पौधों में वृद्धि केवल निश्चित भागों में ही होती है?
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 12
शीशे के बने दो जारों में पानी भरो। दोनों जारों पर एक-एक प्याज़ रखो तथा दोनों के मूल में कुछ दिन वृद्धि देखो। चार-पाँच दिन बाद एक जार में रखे प्याज़ की मूल से 10 cm भाग काट दो तथा कुछ दिन उस की वृद्धि की जांच करते रहो। मूल में वृद्धि होगी। अब मूल के ऊपर हिस्से को काट दो। वह वृद्धि करना बंद कर देगी। जिससे सिद्ध होता है कि पौधों में वृद्धि निश्चित भागों में होती है।

प्रश्न 3.
जंतुओं में पाए जाने वाले विभिन्न ऊतकों की सूची बनाइए।
उत्तर-
जंतुओं में पाए जाने वाले विभिन्न ऊतक निम्नलिखित चार प्रकार के होते हैं-

  1. एपीथीलियमी ऊतक
  2. संयोजी ऊतक
  3. पेशीय ऊतक
  4. तंत्रिका ऊतक

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 13

प्रश्न 4.
विभाज्योतकी ऊतक की विशेषताएं बताओ।
उत्तर-
विभाज्योतकी ऊतक की विशेषताएं-

  1. इस ऊतक की कोशिकाएं समान होती हैं। इनकी कोशिका भित्ति महीन तथा सेल्यूलोज की बनी हुई होती
  2. ये जीवित तथा समव्यासी होती हैं।
  3. इनमें जीव द्रव्य सघन, केंद्रक बड़ा, रिक्तिकाएं छोटी अथवा अनुपस्थित होती हैं।
  4. इनके बीच कोई अंतर कोशिकीय स्थान नहीं होते।
  5. ये सदा विभाजन करती रहती हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 5.
स्थायी ऊतक किन्हें कहते हैं ? यह कितनी प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
स्थायी ऊतक (Permanent tissues) – ये ऊतक उन कोशिकाओं के बने होते हैं जिनमें विभाजन की क्षमता नष्ट हो जाती है। ये अपने निश्चित परिमाप तथा आकार में पहुंच चुके होते हैं।

स्थायी ऊतक के प्रकार – स्थायी ऊतक निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं-

  1. साधारण ऊतक (Simple tissues)
  2. जटिल ऊतक (Complex tissues)।

प्रश्न 6.
स्थायी ऊतक की विशेषताएं बताओ।
उत्तर-
स्थायी ऊतक की विशेषताएं-

  1. इनकी कोशिकाओं में विभाजन की क्षमता नहीं होती।
  2. ये विभाज्योतकी ऊतकों के विभाजन के पश्चात् बनती हैं।
  3. इनकी कोशिकाओं की आकृति, माप तथा संरचना निश्चित होती है।
  4. इनकी भित्ति न तो बहुत महीन होती है और न ही बहुत मोटी होती है।
  5. इनकी कोशिकाएं बड़ी होती हैं तथा रिक्तिकामय कोशिका द्रव्य होता है।

प्रश्न 7.
विभाज्योतकी ऊतक तथा स्थायी ऊतक में अंतर बताओ।
उत्तर-
विभाज्योतकी ऊतक तथा स्थायी ऊतक में अंतर-

विभाज्योतकी ऊतक (Meristematic tissues) स्थायी ऊतक (Permanent tissues)
(1) ये महीन भित्ति वाले तथा समव्यासी होते हैं। (1) ये महीन अथवा मोटी भित्ति वाले परंतु समव्यासी नहीं होते।
(2) इसमें सघन कोशिका द्रव्य, छोटी रिक्तिकाएं तथा बड़ा केंद्रक होता है। (2) इनमें कोशिका भित्ति के साथ महीन पर्त होती है। इनमें रिक्तिकाएं बड़ी परंतु केंद्रक छोटा होता है।
(3) इनमें अंतर कोशिकीय स्थान नहीं होते। (3) इनमें अंतर कोशिकीय स्थान उपस्थित अथवा अनुपस्थित हो सकते हैं।
(4) इनमें विभाजन की क्षमता होती है तथा ये वृद्धि और मोटाई के लिए उत्तरदायी हैं। (4) इनमें विभाजन की क्षमता नष्ट हो जाती है तथा वृद्धि में इनका कोई महत्त्व नहीं होता।

प्रश्न 8.
साधारण ऊतक किन्हें कहते हैं ? यह कितनी प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
साधारण ऊतक (Simple tissues) – ये ऊतक एक ही प्रकार की कोशिकाओं के समूह के रूप में पाए जाते हैं। इनकी संरचना तथा कार्य समान होते हैं। कोशिका भित्ति की संरचना के आधार पर ये निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं-

  1. मृदुतक (Parenchyma)
  2. स्थूल कोण ऊतक (Collenchyma)
  3. दृढ़ ऊतक (Sclerenchyma)।

प्रश्न 9.
सरल स्थायी ऊतक के विभिन्न प्रकार बताइए और प्रत्येक का कार्य लिखिए।
उत्तर-
सरल स्थायी ऊतक केवल एक प्रकार की कोशिकाओं का समूह है जो विभिन्न भागों में पाए जाते हैं। इसके विभिन्न प्रकार तथा उनके कार्य निम्नलिखित हैं-
1. पैरेंकाइमा (Parenchyma) के कार्य-

  • यह खादय पदार्थ का भण्डारण करता है।
  • क्लोरोप्लास्ट युक्त मृदुतक को क्लोरोनकाइमा कहते हैं। यह मंड तथा शर्करा का निर्माण प्रकाश-संश्लेषण क्रिया करता है।

2. कालेंकाइमा (Cellenchyma) के कार्य-

  • यह तने को यांत्रिक शक्ति प्रदान करता है।
  • यह कार्टेकस और एपीडर्मिस को अलग करते हैं।

3. स्कलेरेंकाइमा (Sclerenchyma) के कार्य-

  • यह उन अंगों को यांत्रिक शक्ति देता है जिनमें यह पाया जाता है, क्योंकि इसकी भित्ति मोटी होती है।
  • जाइलम कोशिका जिनकी भित्ति मोटी होती है पानी के स्थानांतरण का कार्य करते हैं।

प्रश्न 10.
पैरेंकाइमा तथा कॉलेंकाइमा में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
पैरेंकाइमा तथा कॉलेंकाइमा में अंतर-

पैरेंकाइमा (Parenchyma) कॉलेंकाइमा (Collenchyma)
(1) यह गोल महीन कोशिका भित्ति वाली कोशिकाओं का बना होता है। (1) यह बहुभुजी कोशिकाओं का बना होता है।
(2) इसमें केंद्रक विद्यमान होता है तथा उनके बीच अंतरा कोशिकीय स्थान पाए जाते हैं। (2) इनके बीच अंतर कोशिकीय स्थान नहीं होते।
(3) इनकी कोशिका भित्ति पेक्टिन तथा सेल्यूलोज की बनी होती है। (3) इनकी कोशिका भित्ति भी पेक्टिन तथा सेल्यूलोज की बनी होती है।
(4) यह खाद्य भंडारण तथा यांत्रिक सहारा देने का कार्य करता है। (4) यह यांत्रिक सहारा देने का कार्य करता है।
(5) ये जड, तना तथा पत्ती में पाए जाते हैं। (5) ये तने तथा पत्ती की मध्य शिरा में पाए जाते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 11.
फ्लोएम तथा जाइलम के मुख्य कार्य लिखिए।
उत्तर-
फ्लोएम के मुख्य कार्य – यह संवहन ऊतक है। यह पत्तियों द्वारा निर्मित भोजन को पौधे के विभिन्न भागों तक पहुंचाने का कार्य करता है।

जाइलम के मुख्य कार्य – यह संवहन ऊतक है। यह जल तथा उसमें घुले हुए खनिज लवणों को जड़ से लेकर पौधे के शीर्ष भागों तक पहुंचाता है। यह पौधे को यांत्रिक शक्ति भी प्रदान करता है।

प्रश्न 12.
रेखित तथा अरेखित पेशी में दो अंतर लिखिए।
उत्तर-
रेखित तथा अरेखित पेशियों में अंतर-

रेखित पेशियां (Striped Muscles) अरेखित पेशियां (Unstriped Muscles)
(1) ये दीर्घ, बेलनाकार तथा आशाखित होती हैं। (1) ये छोटी, तुर्काकार तथा नुकीले सिरे वाली होती हैं।
(2) इनमें गहरे तथा हल्के रंग की पट्टिकाएं होती हैं। (2) इनमें पट्टिकाएं नहीं होती।
(3) ये बहुकेंद्रकीय होती हैं। केंद्रक कोशिका का परिधि की ओर होता है। (3) ये एक केंद्रकीय होती हैं तथा केंद्रक बीच में होता है।
(4) ये अस्थियों से जुड़ी हुई होती हैं तथा गति में सहायक होती हैं। (4) ये अस्थियों से जुड़ी नहीं होती।

प्रश्न 13.
रेखित पेशी तथा हृदय पेशी में अंतर बताओ।
उत्तर-
रेखित पेशी तथा हृदय पेशी में अंतर-

हृदय पेशी (Cardiac Muscle) रेखित पेशी (Striated Muscle)
(1) यह हृदय में पाई जाती हैं। (1) ये प्रायः अस्थियों से जुड़ी होती हैं।
(2) ये अनैच्छिक होती हैं। (2) ये ऐच्छिक होती हैं।
(3) इनमें गहरे तथा हल्के रंग की पट्टियां नहीं होतीं। (3) इनमें गहरे तथा हल्के रंग की पट्टियां होती हैं।
(4) ये ऊत्तक सदैव कार्य करते रहते हैं। (4) यह ऊतक मनुष्य की इच्छा अनुसार कार्य करते हैं।
(5) इनमें सारकोलैमा नहीं होता। (5) इनमें सारकोलैमा उपस्थित होता है।

प्रश्न 14.
एपीथीलियमी ऊतक तथा संयोजी ऊतक में अंतर बताओ।
उत्तर-
एपीथीलियमी ऊतक तथा संयोजी ऊतक में अंतर-

एपीथीलियमी ऊतक (Epithelial Tissue) संयोजी ऊतक (Connective Tissue)
(1) यह ढकने, सुरक्षा प्रदान करने, स्रावण तथा का संवेदन का कार्य करते हैं। (1) यह विभिन्न प्रकार के ऊतकों के परस्पर जोड़ने कार्य करते हैं।
(2) इसकी कोशिकाओं के बीच अंतर कोशिकीय नहीं होते। (2) इसकी कोशिकाओं के बीच अंतर कोशिकीय स्थान स्थान नहीं होते।
(3) ये विशेष प्रकार की समान कोशिकाओं के बने हैं। (3) ये विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं के बने होते होते हैं।

प्रश्न 15.
अस्थि पिंजर के मुख्य कार्य बताओ।
उत्तर-
अस्थि पिंजर के मुख्य कार्य-

  1. यह शरीर का ढांचा बनाता है।
  2. यह शरीर के भीतरी कोमल अंगों की सुरक्षा करता है।
  3. ये पेशियों को जोड़ने में सहायता प्रदान करता है।
  4. यह गति तथा प्रचलन में सहायता करता है।
  5. इसकी अस्थियों के केंद्रीय भाग में अस्थिमज्जा होती है जिसमें रुधिर कणिकाओं का निर्माण होता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 16.
रुधिर क्या है ?
उत्तर-
रुधिर (Blood) – यह एक संवहन या तरल संयोजी ऊतक है। यह ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड तथा पोषक पदार्थों को शरीर के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने का कार्य करता है। इसमें एक तरल पदार्थ होता है जिसे प्लाज्मा कहते हैं, जिसमें लाल रक्ताणु, सफेद रक्ताणु तथा प्लेटलैटस होते हैं। इसमें विभिन्न प्रकार की कोशिकाएं भ्रमण करती रहती हैं। यह तंतु शरीर के सभी भागों में बहता है तथा शरीर के प्रत्येक भाग को जोड़ता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 14

प्रश्न 17.
चालनी तत्व से क्या तात्पर्य है ? ये किन-किन प्रकार के होते हैं?
उत्तर-
चालनी तत्व पादप जटिल ऊतक के वे प्रकार होते हैं जो भोजन का संवहन तथा उसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने का कार्य करते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं।
(a) चालनी कोशिकाएँ
(b) चालनी नलिकाएँ।

प्रश्न 18.
जड़ शीर्ष और तना शीर्ष में मुख्य अंतर लिखिए।
उत्तर-

जड़ शीर्ष तना शीर्ष
(1) यह सब टर्मिनल होता है। (1) यह शीर्ष टर्मिनल होता है।
(2) इसके शीर्ष में पार्श्व उपांग अनुपस्थित होता है। (2) इसमें पार्श्व उपांग तरुण पत्तियों के रूप में उपस्थित होता है।

प्रश्न 19.
फ्लोएम के विभिन्न अवयवों को सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर-
फ्लोएम में निम्नलिखित चार प्रकार के अवयव पाए जाते हैं-

  1. चालनी नलिकाएं (Sieve tubes) – ये नलिकाएं सदृश केंद्रविहीन, महीन झिल्ली वाली जीवित कोशिकाएं हैं जो एक के ऊपर एक रखी होती हैं।
  2. सखी कोशिकाएं (Companion cells) – यह महीन भित्ति वाली कोशिकाएं चालनी कोशिकाओं से जुड़ी होती हैं। इनमें सभी अवस्थाओं में केंद्रक पाया जाता है।
  3. फ्लोएम पेरेंकाइमा (Phioem parenchyma) – इनमें कुछ सजीव महीन भित्ति वाली बेलनाकार कोशिकाएं मिलती हैं। ये खाद्य पदार्थों का भंडारण करती हैं।
  4. फ्लोएम रेशे (Phloem fibres) – ये दृढ़ोतक कोशिकाएं द्वितीयक फ्लोएम में पाई जाती हैं। ये प्राथमिक फ्लोएम में नहीं मिलती। इन्हें वास्ट रेशे भी कहते हैं।

प्रश्न 20.
जाइलम में पाए जाने वाले विभिन्न अवयवों के नाम लिखिए।
उत्तर-
जाइलम में निम्नलिखित चार प्रकार के अवयव पाए जाते हैं-

  1. ट्रैकीड्स (Tracheids) – ये मृत तथा लंबी नली के समान रचनाएं होती हैं। इनके सिरों पर छिद्र नहीं होते।
  2. वाहिकाएं (Vessels) – ये मृत संकरी नली के समान रचनाएं होती हैं।
  3. दारू या काष्ठ मृदुतक (Xylem or wood parenchyma) – ये महीन भित्ति वाली जीवित कोशिकाएं होती हैं तथा प्रायः अधिक संख्या में पाई जाती हैं।
  4. काष्ठ तंतु (Wood or Xylem fibres) – ये लंबी, नुकीली, निर्जीव तथा दृढ़ोतक कोशिकाएं होती हैं। इनमें छोटे गर्त होते हैं तथा इनकी भित्तियां मोटी होती हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 21.
फ्लोएम की पौधे के लिए उपयोगिता बताइए।
उत्तर-
फ्लोएम की पौधे के लिए उपयोगिता- यह संवहन ऊतक है। यह पत्तियों द्वारा निर्मित भोजन को पौधे के विभिन्न भागों तक पहुँचाने का कार्य करता है।

प्रश्न 22.
आइलम का कार्य लिखिए।
उत्तर-
जाइलम का कार्य-यह संवहन ऊतक है। यह जल तथा उसमें घुले हुए खनिज लवणों को जड़ से लेकर पौधे के शीर्ष भागों तक पहुँचाता है। यह पौधे को यांत्रिक शक्ति भी प्रदान करता है।

प्रश्न 23.
जंतुओं में पाए जाने वाले विभिन्न ऊतकों के नाम लिखिए।
उत्तर-
जंतुओं में निम्नलिखित चार प्रकार के ऊतक पाए जाते हैं-

  1. एपीथीलियमी ऊतक (Epithelial tissues) – ये ऊतक जंतुओं की बाहरी सतह तथा आंतरिक सतह का आवरण बनाते हैं।
  2. संयोजी ऊतक (Connective tissues) – ये ऊतक शरीर के विभिन्न अंगों को जोड़ने, बांधने तथा सुरक्षा प्रदान करने का कार्य करते हैं।
  3. पेशीय ऊतक (Muscular tissues) – इसकी कोशिकाएं लंबी तथा बड़ी होती हैं। ये हमारे शरीर के विभिन्न भागों के गति करने में सहायता देते हैं।
  4. तंत्रिका ऊतक (Nervous tissues) – यह ऊतक विशेष प्रकार की कोशिकाओं का बना होता है जिन्हें न्यूरान्ज कहते हैं। यह हमें उद्दीपनों की जानकारी देता है।

प्रश्न 24.
सुरक्षात्मक ऊतक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 15
सुरक्षात्मक ऊतक-

  1. यह पादप शरीर का बाहरी आवरण होता है।
  2. यह एक कोशिकीय तथा मोटा होता रपचर्ड बाह्य त्वचा कार्क कोशिकाएँ
  3. यह क्यूटिन द्वारा ढका होता है।
  4. यह पादप शरीर के आंतरिक ऊतक को सुरक्षा प्रदान करता है।

कार्क की कोशिकाएँ मृत होती हैं तथा इनमें कोई अंतर कोशिकीय स्थान नहीं होता। इनकी भित्तियां सुबेरिन के कारण मोटी हो जाती हैं। कार्क एक हल्का तथा सुरक्षात्मक ऊतक है। यह अधिक दाब वाला होता है और जल्दी आग नहीं पकड़ता।

प्रश्न 25.
पेशीय ऊतक क्या हैं ? ये कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
पेशीय ऊतक – इसकी कोशिकाएँ लंबी तथा बड़ी होती हैं जिन्हें पेशीय तंतु कहते हैं । वे विभिन्न मापों के होते हैं । यह हमारे शरीर के विभिन्न भागों की गति हेतु उत्तरदायी होते हैं। हमारे शरीर में तीन प्रकार के पेशीय ऊतक पाये जाते हैं। ये :-अरेखित पेशी ऊतक, अनैच्छिक ऊतक तंतु, रेखित पेशी तंतु ऊतक, ऐच्छिक तथा हृदय पेशी ऊतक जो केवल हृदय में पायी जाती है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 16

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 26.
संयोजी ऊतक के मुख्य कार्य बताओ।
उत्तर-
संयोजी ऊतक के कार्य-संयोजी ऊतक के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं-

  1. ये ऊतकों को आपस में बांधने तथा विभिन्न अंगों के एक-दूसरे के साथ जोड़ने का कार्य करते हैं।
  2. ये अस्थि तथा उपास्थि कंकाल बनाते हैं तथा शरीर के कोमल अंगों की सुरक्षा करते हैं।
  3. वसा ऊतक वसा का भंडारण करने में सहायता करते हैं।
  4. इनमें एक जैल जैसा पदार्थ होता है जो आघात अवशोषक का कार्य करता है।
  5. तरल संयोजी ऊतक रुधिर तथा लसिका पदार्थों के परिवहन में सहायता करते हैं।

प्रश्न 27.
वर्णक ऊतक क्या हैं ?
उत्तर-
वर्णक ऊतक (Pigment tissue) – इसकी कोशिकाएं लंबी तथा शाखित होती हैं। इनमें रंजक कण पाए जाते हैं। ये ऊतक त्वचा की डर्मिस, नेत्रों के रक्तक पटल तथा आइरिस में पाए जाते हैं। ये त्वचा के रंग प्रदान करने का कार्य करते हैं।

प्रश्न 28.
तंतुमय संयोजी ऊतक क्या हैं ? ये कितने प्रकार के होते हैं ? वर्णन करो।
उत्तर-
तंतुमय संयोजी ऊतक (Fibrous connective tissues) – ये ऐसे ऊतक हैं जिनमें आधात्री की मात्रा कम तथा रेशेदार तंतु अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।

ये निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं-

  • श्वेत रेशेदार संयोजी ऊतक (White fibrous connective tissues) – इसके तंतु आपस में जुड़े हुए होते हैं। ये मज़बूत तथा लोच रहित होते हैं। इनकी कोशिकाएं दृढ़ता प्रदान करती हैं। ये पेशियों की अस्थियों को जोड़ने का कार्य करते हैं।
  • पीत तंतुमय संयोजी ऊतक (Yellow fibrous tissues) – ये ऊतक उन स्थानों पर अधिक पाए जाते हैं जहां पर लोच की अधिक आवश्यकता होती है। ये तंतु पीले, लोचदार तथा शाखित होते हैं।

प्रश्न 29.
कंडरा तथा स्नायु में अंतर बताओ।
उत्तर-
कंडरा तथा स्नायु में अंतर-

कंडरा (Cartilage) स्नायु (Ligament)
(1) यह कठोर तथा लोचदार ऊतक है। (1) यह सघन तथा रेशेदार ऊतक है।
(2) यह पेरिकोंड्रियम द्वारा ढका होता है। (2) यह इलास्टिक तथा कोलेजन तंतुओं का बना होता है।
(3) इसमें कोंट्रियोसाइटस इलास्टिक तंतुओं के जाल के रूप में बिखरे होते हैं। (3) यह अस्थियों को आपस में बांध कर रखता है।

प्रश्न 30.
रुधिर ऊतक के मुख्य अवयव क्या हैं ? उनके प्रमुख लक्षण दीजिए।
उत्तर-
रुधिर के मुख्य अवयव तथा उनके लक्षण-

अवयव का नाम मुख्य लक्षण
(1) रुधिर प्लाज्मा (1) यह तरल आधात्री है। यह भूरे रंग का होता है । इसमें 90% जल तथा प्रोटीन होती हैं।
(2) रुधिर प्लेटलेटस (2) ये अस्थि मज्जा में पाये जाने वाले बड़ी कोशिकाओं के कण हैं । य रुधिर का थक्का जमने में सहायता करते हैं।
(3) रुधिर कण :
(i) एरिथ्रोसाइट अथवा लाल रुधिर कण(ii) ल्युकोसाइट अथवा श्वेत रुधिर कण
(3) (i) इन्हें लाल रक्त कण कहते हैं। ये विअवतल तथा तश्तरीनुमा होते हैं। इनमें हीमोग्लोबिन होता है। यह ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड के परिवहन का काम करता है।

(ii) इन्हें श्वेत रक्त कण कहते हैं। ये रंगहीन होते हैं। ये रोगाणुओं से हमारी रक्षा करते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 31.
संहत अस्थि क्या है ?
उत्तर-
संहत अस्थि (Compact bone) – यह सख्त तथा ठोस होती है। यह लंबी अस्थियों की शाफ्ट जैसे फीमर, में पायी जाती है। यह गोल तथा अनियमित अस्थियों की सधन परतों को बनाती है। इसमें अनेक समानांतर तथा लंबवत् स्तंभ जैसी रचनाएं होती हैं जिन्हें हैवरसियन तंत्र कहते हैं। वे एक-दूसरे से जुड़े होते हैं।

प्रश्न 32.
तंत्रिका ऊतक का वर्णन करो।
उत्तर-
तंत्रिका ऊतक न्यूरोन्स अथवा तंत्रिका कोशिकाओं न्यूरोग्लीआ कोशिकाओं तथा तंत्रिकास्त्रावी कोशिकाओं का बना होता है। तंत्रिका कोशिका में एक कोशिका काय तथा एक या अधिक एक्सोन होते हैं। उदाहरणार्थ : कोशिका काय में केंद्रक, कोशिका द्रव्य तथा निस्सल के कण होते हैं। एक्सान एक लंबा प्रवर्ध है जिसमें न्यूरोप्लाज्म तथा न्यूरोफाइब्रिल्स होते हैं। इसमें निस्सल कण नहीं होते। एक्सान माइलिन वसा की आच्छद द्वारा ढका हो सकता है (आच्छादित न्यूरोन)। यह आच्छद अंतराल पर अनुपस्थित होती है। इन अंतरालों को रेनवियर का नोड कहते हैं । नोड न्यूरीलेमा द्वारा घिरी होती हैं । कुछ तंत्रिका तंतुओं में माइलिन आच्छद नहीं होती।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 17

प्रश्न 33.
तंत्रिका में अंतग्रर्थन द्वारा प्रेरणा का संचालन कैसे होता है ? वर्णन करो।
उत्तर-
तंत्रिका प्रेरणा का संचालन – तंत्रिका कोशिका के दोनों न्यूरॉनों के डेंड्राइटों के बीच एक युग्म होता है जिसे साइनेपसिस कहते हैं। एक न्यूरॉन के साइटोन के डेंड्राइटस् दूसरे न्यूरॉन के एक्सोन टर्मिनल के संपर्क में रहते हैं। इसके अंतिम सिरे से कई शाखाएं निकलती हैं जिन्हें बटनस टर्मिनलस कहते हैं। इसी स्थान से न्यूरोट्रांसमीटर मुक्त होता है जो आवेग को अगले न्यूरॉन देता है। इस प्रकार तंत्रिका द्वारा प्रेरणा का संचालन होता रहता है।

प्रश्न 34.
अस्थि और उपास्थि में दो अंतर लिखिए।
उत्तर-
अस्थि तथा उपास्थि में अंतर-

अस्थि (Bone) उपास्थि (Cartilage)
(1) इसका आधात्री (Matrix) कठोर तथा लचीला होता है। (1) इसका आधात्री कठोर तथा मज़बूत होता है। इसकी मजबूती अकार्बनिक लवणों के जमा होने के कारण होती है।
(2) इसका आधात्री कोंड्रिन का बना होता है। (2) इसका आधात्री ओसीन का बना होता है।
(3) यह पेरीकोंड्रियम के द्वारा ढका होता है। (3) यह पेराआस्टीयम के द्वारा ढका होता है।
(4) इसमें हैवरसियन तंत्र अनुपस्थित होता है। (4) इसमें हैवरसियन तंत्र उपस्थित होता है।

प्रश्न 35.
शीत क्षेत्रों में रहने वाले प्राणियों और अति ठंडे जल में रहने वाली मछलियों पर वसा की अतिरिक्त मोटी परत होती है। क्यों ?
उत्तर-
शीत क्षेत्रों में रहने वाले प्राणियों और अति ठंडे जल में रहने वाली मछलियों पर वसा की मोटी परत होती है क्योंकि इससे उन्हें अपने शरीर के लिए तापीय नियंत्रण हेतु अतिरिक्त सुरक्षा की प्राप्ति हो जाती है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 36.
यदि एक गमले में लगे पौधे को काँच के जार से ढाँप दिया जाए तो उसमें जलवाष्प दिखाई देने लगते हैं। क्यों ?
उत्तर-
पौधे की पत्तियों में छोटे-छोटे रंध्र होते हैं जिन्हें स्टोमेटा कहते हैं। इनसे वाष्पोत्सर्जन की क्रिया होती रहती है। इसी क्रिया के कारण काँच के जार में जलवाष्प दिखाई देने लगते हैं।

प्रश्न 37.
रेगिस्तानों में उगने वाले पौधों में प्रायः एपीडर्मिस (छाल) मोटी और मोम जैसी होती है। क्यों ?
उत्तर-
रेगिस्तानों में उगने वाले पौधों को भीषण गर्मी की मार झेलनी पड़ती है। उनकी मोटी छाल जल की हानि को कम कर उनके सभी भागों की रक्षा करती है। इनकी सतह पर मोम जैसी जल प्रतिरोधी परत एपीडर्मल कोशिका के द्वारा बनाई जाती है, जो जल हानि के विरुद्ध यांत्रिक आघात तथा परजीवी कवक के प्रवेश से पौधों का बचाव करती है।

प्रश्न 38.
पेड़-पौधों की जड़ों में प्रायः बाल जैसे प्रवर्ध क्यों होते हैं ?
उत्तर-
पेड़-पौधों की जड़ों में एपीडर्मिल कोशिकाएँ पानी को सोखने का कार्य करती हैं। उनमें बाल जैसे प्रवर्ध जड़ों की अवशोषक सतह में वृद्धि कर देते हैं जिससे उनकी पानी सोखने की क्षमता में वृद्धि हो जाती है।

प्रश्न 39.
(a) शल्की,
(b) घनाकार,
(c) स्तंभाकार एपीथीलियम दर्शाते हुए चित्र बनाइए।
उत्तर-
(a) शल्की एपीथीलियम (Squamous epithelium)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 18

(b) घनाकार एपीथीलियम (Cuboidel epithelium)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 19

(c) स्तंभाकार एपीथीलियम (Columnar epithelium)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 20

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
ऊतक क्या है ?
उत्तर-
ऊतक (Tissue) – यह समान उत्पत्ति, संरचना तथा कार्यों वाली कोशिकाओं का एक समूह होता है। इससे शरीर के अंग बनते हैं।

प्रश्न 2.
पौधों के ऊतकों के दो समूहों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. विभाज्योतकी ऊतक
  2. स्थायी ऊतक।

प्रश्न 3.
ऐसी कोशिकाओं के समूह के नाम बताओ जिनमें लगातार विभाजन होता रहता है।
उत्तर-
विभाज्योतकी ऊतक।

प्रश्न 4.
विभाज्योतकी ऊतक के तीन प्रकारों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. शीर्षस्थ विभाज्योतकी ऊतक
  2. अंतर्वेशी विभाज्योतकी ऊतक
  3. पार्श्व विभाज्योतकी ऊतक।

प्रश्न 5.
शीर्षस्थ विभाज्योतकी ऊतक कहां पर पाए जाते हैं ?
उत्तर-
जड़, तना तथा शाखाओं के शीर्षों पर।

प्रश्न 6.
स्थायी ऊतक किन्हें कहते हैं ?
उत्तर-
ऐसे ऊतक जिनमें विभाजन की क्षमता नष्ट हो जाती है, उन्हें स्थायी ऊतक कहते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 7.
स्थायी ऊतक के दो प्रकारों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. साधारण ऊतक
  2. जटिल ऊतक।

प्रश्न 8.
साधारण ऊतक किन्हें कहते हैं ?
उत्तर-
यह ऊतक एक ही प्रकार की कोशिकाओं से बनते हैं। इनकी संरचना तथा कार्य समान होते हैं।

प्रश्न 9.
साधारण ऊतकों के तीन प्रकारों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. मृदुतक
  2. स्थूल कोण ऊतक
  3. दृढ़ ऊतक।

प्रश्न 10.
पैरेंकाइमा ऊतकों की कोशिकाएं किस आकार की होती हैं ?
उत्तर-
बहुभुजी, अंडाकार तथा गोल।

प्रश्न 11.
कॉलेकाइमा पौधे प्रायः किस भाग में पाए जाते हैं ?
उत्तर-
पौधे के हरे भागों में।

प्रश्न 12.
दृढ़ोतक किस प्रकार की कोशिकाओं का बना होता है ?
उत्तर-
मृत कोशिकाओं का।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 13.
जटिल ऊतक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
यह विभिन्न आकार तथा माप की कोशिकाओं से मिलकर बना ऐसा समूह है जो एक इकाई का कार्य करता है। यह जल में घुलित लवणों का परिवहन करता है तथा भोजन को पौधे के एक भाग से दूसरे भाग तक ले जाता है।

प्रश्न 14.
जटिल ऊतक के दो प्रकारों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. जाइलम
  2. फ्लोएम।

प्रश्न 15.
जाइलम के चार विभिन्न अवयवों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. वाहिनीकाएं
  2. वाहिकाएं
  3. दारु मृदुतक
  4. काष्ठ तंतु।

प्रश्न 16.
फ्लोएम के चार अवयवों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. चालनी नलिकाएं
  2. सखी कोशिकाएं
  3. फ्लोएम मृदुतक
  4. फ्लोएम तंतु।

प्रश्न 17.
जंतु ऊतकों के चार प्रकारों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. एपीथीलियमी ऊतक
  2. संयोजी ऊतक
  3. पेशीय ऊतक
  4. तंत्रिका ऊतक।

प्रश्न 18.
एपीथीलियमी ऊतक कहां पर पाए जाते हैं ?
उत्तर-
जंतुओं की बाहरी तथा आंतरिक सतहों पर।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 19.
तीन प्रकार के पेशीय ऊतकों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. रेखित पेशीय ऊतक
  2. अरेखित पेशीय ऊतक
  3. हृदय पेशीय ऊतक।

प्रश्न 20.
हृदय की पेशियां किस प्रकार की पेशियां होती हैं ?
उत्तर-
अनैच्छिक पेशियां।

प्रश्न 21.
संयोजी ऊतकों के दो मुख्य कार्य बताओ।
उत्तर-
विभिन्न अंगों को जोड़ना, बांधना तथा सुरक्षा प्रदान करना।

प्रश्न 22.
संयोजी ऊतक की किस्मों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. अस्थि
  2. उपास्थि
  3. रुधिर
  4. टैंडन तथा
  5. लिगामैंट।

प्रश्न 23.
सभी सजीव किससे बने होते हैं ?
उत्तर-
कोशिकाओं से।

प्रश्न 24.
अमीबा अपनी एक ही कोशिका से क्या-क्या कार्य करता है ?
उत्तर-
गति, भोजन लेने की क्रिया, श्वसन क्रिया और उत्सर्जन क्रिया।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 25.
क्या पौधों और जंतुओं में एक ही तरह के ऊतक होते हैं ?
उत्तर-
नहीं, दोनों में ऊतक अलग-अलग प्रकार के होते हैं!

प्रश्न 26.
पौधों को कम रख-रखाव की आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर-
पौधों के अधिकांश ऊतक मृत होते हैं पर वे जीवित ऊतक की तरह ही यांत्रिक मज़बूती प्रदान करते हैं। इसलिए उन्हें कम रख-रखाव की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 27.
जंतु ऊतक ऊर्जा की अधिक खपत क्यों करते हैं ?
उत्तर-
जंतु ऊतक अधिकतर जीवित होते हैं और भोजन, साथी और आश्रय की खोज में इधर-उधर घूमते रहते हैं जिस कारण वे ऊर्जा की अधिक खपत करते हैं।

प्रश्न 28.
पौधों और जंतुओं के बीच वृद्धि के प्रतिरूप क्या अंतर है ?
उत्तर-
पौधों की वृद्धि कुछ भागों में सीमित रहती हैं जबकि जंतुओं में ऐसा नहीं होता।

प्रश्न 29.
विभाज्योतक किस प्रकार के जीव से संबंधित है ?
उत्तर-
पादपों से।

प्रश्न 30.
प्ररोह के शीर्षस्थ विभाज्योजतक कहां मौजूद होते हैं ?
उत्तर-
जड़ों और तनों की वृद्धि वाले भाग में।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 31.
किसी पेड़-पौधे के तने की परिधि या मूल में वृद्धि किस ऊतक के कारण होती है ?
उत्तर-
पार्श्व विभाज्योतक कैंबियम के कारण ।

प्रश्न 32.
पत्तियों के आधार या टहनी के पर्वसंधि के दोषों और कौन-सा ऊतक होता है ?
उत्तर-
अंतर्विष्ट विभाज्योतक।

प्रश्न 33.
विभाज्योतक की क्रियाशीलता का क्या कारण है ?
उत्तर-
बहुत अधिक कोशिका द्रव, पतली कोशिका, भित्ति और स्पष्ट केंद्रक।

प्रश्न 34.
किस पादप ऊतक के पास रसधानी नहीं होती ?
उत्तर-
विभाज्योतक के पास।

प्रश्न 35.
विभेदीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
एक विशिष्ट कार्य करने के लिए विभाज्योतक के स्थायी रूप और आकार लेने की क्रिया को विभेदीकरण कहते हैं।

प्रश्न 36.
जलीय पौधे तैरने का गुण किस से प्राप्त करते हैं ?
उत्तर-
पेरेंकाइमा की कोशिकाओं के मध्य भरी हवा से।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 37.
पौधों में लचीलेपन का गुण किस ऊतक के कारण होता है ?
उत्तर-
कालेंकाइमा के कारण।

प्रश्न 38.
कालेंकाइमा ऊतक की कोशिकाएं कैसी होती हैं ?
उत्तर-
जीवित, लंबी और अनिमत ढंग से कोनों पर मोटी।

प्रश्न 39.
पौधों को कठोरता और मज़बूती कौन-सा ऊतक देता है ?
उत्तर-
स्कलेरेंकाइमा ऊतक।

प्रश्न 40.
नारियल का रेशेदार छिलका किस ऊतक से बनता है ?
उत्तर-
स्कलेरेंकाइमा ऊतक।

प्रश्न 41.
स्कलेरेंकाइमा ऊतक की भित्ति किस कारण मोटी होती है ?
उत्तर-
लिग्निन नामक रासायनिक पदार्थ के कारण।

प्रश्न 42.
पत्तों की शिराओं, बीजों और फलों के छिलकों को कठोरता कौन प्रदान करता है ?
उत्तर-
स्कलेरेंकाइमा ऊतक।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 43.
एपीडर्मल कोशिकाएं क्या करती हैं ?
उत्तर-
मोम जैसी जल प्रतिरोधी परत बनाकर पौधों की रक्षा करती है।

प्रश्न 44.
रक्षी कोशिका क्या है ?
उत्तर-
स्टोमेटा को घेरने वाले वृक्क के आधार की दो कोशिकाएं ।

प्रश्न 45.
पत्तों से वाष्पोत्सर्जन और गैसों का वायुमंडल से आदान-प्रदान कौन करता है ?
उत्तर-
स्टोमेटा।

प्रश्न 46.
फ्लोएम कोशिकाओं में कौन-सी मृत होती हैं ?
उत्तर-
फ्लोएम रेशे।

प्रश्न 47.
जंतु अंगों को गति कौन प्रदान करता है ?
उत्तर-
पेशी ऊतक।

प्रश्न 48.
रक्त किन पदार्थों को इकट्ठा कर कहाँ पहुँचाता है ?
उत्तर-
रक्त शरीर के व्यर्थ उपापचयी पदार्थों को इकट्ठा कर यकृत और वृक्क तक उत्सर्जन के लिए पहुँचाता है।

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प्रश्न 49.
पदार्थों का संवहन किस झिल्ली से होता है ?
उत्तर-
वरणात्मक पारगम्य झिल्ली।

प्रश्न 50.
आहारनली और मुँह का अस्तर किससे ढका होता है ?
उत्तर-
शल्की एपीथीलियम से।

प्रश्न 51.
त्वचा किससे बनती है ?
उत्तर-
एपीथीलियम ऊतक से।

प्रश्न 52.
पक्षमाभी स्तंभाकार एपीथीलियम कहां होते हैं ?
उत्तर-
श्वास नली में।

प्रश्न 53.
वृक्कीय नली और लार ग्रंथि की नली के अस्तर का निर्माण कौन करता है ?
उत्तर-
घनाकार एपीथीलियम।

प्रश्न 54.
एपीथीलियम ऊतक कहां पर पाए जाते हैं ?
उत्तर-
जंतुओं की बाहरी तथा आंतरिक सतहों पर।

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प्रश्न 55.
मानव शरीर में कठोर ऊतक कौन-सा है ?
उत्तर-
हड्डी ।

प्रश्न 56.
किस ऊतक को जीवन धारा कहते हैं ?
उत्तर-
रुधिर।

प्रश्न 57.
रुधिर प्लाज्मा में कितने प्रतिशत जल होता है ?
उत्तर-
90% (लगभग)।

प्रश्न 58.
रक्त किस प्रकार का ऊतक है ?
उत्तर-
संयोजी ऊतक।

प्रश्न 59.
रक्त के तरल आधात्री भाग को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
प्लाज्मा।

प्रश्न 60.
प्लाज्मा में क्या-क्या होता है ?
उत्तर-
लाल रक्त कोशिकाएं, श्वेतरक्त कोशिकाएं, प्लेटलेट्स।

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प्रश्न 61.
रक्त किन-किन पदार्थों का संवहन शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में करता है ?
उत्तर-
गैसों, पचे हुए भोजन, हार्मोन तथा उत्सर्जी पदार्थों का।

प्रश्न 62.
अस्थि कोशिकाओं में कौन-से तत्त्व होते हैं ?
उत्तर-
कैल्शियम तथा फॉस्फोरस।

प्रश्न 63.
अस्थियों को मांसपेशियों से कौन जोड़ता है ?
उत्तर-
संयोजी ऊतक कंडरा।

प्रश्न 64.
कंडरा ऊतक कैसे होते हैं ?
उत्तर-
कंडरा रेशेदार ऊतक है जो बहुत मज़बूत और कम लचीले होते हैं।

प्रश्न 65.
उपस्थि क्या है ?
उत्तर-
उपस्थि संयोजी ऊतक है जो अस्थियों के जोड़ों को चिकनी बनाती है ?

प्रश्न 66.
शरीर के अंगों में उपास्थि कहाँ-कहाँ होती है ?
उत्तर-
नाक, कान, कंठ और श्वास नली में।

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प्रश्न 67.
एरीओलर संयोजी ऊतक कहाँ-कहाँ पाया जाता है ?
उत्तर-
त्वचा और मांसपेशियों के बीच, रक्त नलिका के चारों ओर तथा नसों और अस्थि मज्जा में।

प्रश्न 68.
वसा का संचय कहा होता है ?
उत्तर-
त्वचा के नीचे भीतरी अंगों के बीच वसामय ऊतक में।

प्रश्न 69.
पेशियों में गति किस कारण होती है ?
उत्तर-
पेशियों में विद्यमान सिकुड़ने वाले प्रोटीन के कारण।

प्रश्न 70.
ऐच्छिक पेशियां क्या होती हैं ?
उत्तर-
जिन पेशियों को हम अपनी इच्छा से गति करा सकते हैं उन्हें ऐच्छिक पेशियां कहते हैं।

प्रश्न 71.
रेखित पेशियों के ऊतक की कोशिकाएं कैसी होती है ?
उत्तर-
लंबी, बेलनाकार, शाखारहित और बहु नाभिकीय।

प्रश्न 72.
अनैच्छिक पेशियां किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जो पेशियां हम स्वयं संचालित नहीं कर सकते।

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प्रश्न 73.
कौन-सी पेशियां अनैच्छिक पेशियों को नियंत्रित करती हैं ?
उत्तर-
चिकनी पेशियां या अनैच्छिक पेशियां।

प्रश्न 74.
अनैच्छिक पेशियां शरीर में कहाँ-कहाँ पाई जाती हैं ?
उत्तर-
आँख की पलक, मूत्रवाहिनी और फेफड़ों की श्वसनी में।

प्रश्न 75.
हृदय की पेशियों को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
हृदय की अनैच्छिक पेशियों को कार्डिक (हृदयक) पेशी कहते हैं।

प्रश्न 76.
अति शीघ्रता उत्तेजित होने वाली कोशिकाओं का नाम लिखिए।
उत्तर-
तंत्रिका ऊतक की कोशिकाएं।

प्रश्न 77.
तंत्रिका ऊतक से हमारे शरीर में क्या-क्या निर्मित होता है ?
उत्तर-
मस्तिष्क, मेरुरज्जु और तंत्रिकाएं।

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प्रश्न 78.
न्यूरॉन क्या है ?
उत्तर-
तंत्रिका कोशिकाएं।

प्रश्न 79.
तंत्रिका कोशिका कितनी लंबी हो सकती है ?
उत्तर-
एक मीटर तक लंबी।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पादप कोशिको की इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी संरचना का सचित्र वर्णन कीजिए-
उत्तर-
पादप कोशिको की इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी संरचना-
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा पादप कोशिका की संरचना निम्नलिखित अनुसार है। इस सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखे जाने पर कोशिका के तीन भाग प्रत्यक्ष दिखाई देते हैं तथा वे हैं

  1. कोशिका भित्ति
  2. कोशिका द्रव्य तथा
  3. केंद्रक।

I. कोशिका भित्ति (Cell wall) – यह कोशिका का बाह्य आवरण है। यह अजीवित पदार्थ सेल्यूलोज़ का बना होता है। यह कोशिका को आकार प्रदान करती है तथा जल के लिए पारगम्य (Permeable) होती है। यह कोशिका की सुरक्षा करती है तथा ऊतकों को दृढ़ और मज़बूत बनाती है।
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II. कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) – यह एक अर्ध तरल, जैलीनुमा जीवित पदार्थ है। यह स्वभाव में कोलायडी होता है। यह कोशिका में जैविक कार्य करता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, लिपिड, जल, न्यूक्लिक अम्ल तथा खनिज लवण पाए जाते हैं। इसमें निम्नलिखित पिंड या कोशिकांग (Cell organelles) पाए जाते हैं-

(i) लवक (Plastids) – पौधों की कोशिकाओं में तीन प्रकार के लवक पाए जाते हैं-
(क) हरित लवक (Chloroplast) – इनमें एक हरे रंग का पदार्थ क्लोरोफिल होता है जो प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोजन निर्माण में सहायता करता है।
(ख) वर्णी लवक (Chromoplast) – ये नीले, काले अथवा पीले रंग के होते हैं, परंतु इनका रंग हरा नहीं होता।
(ग) अवर्णी लवक (Leucoplast) – ये रंगहीन होते हैं तथा पौधे के प्रकाश से दूर वाले भागों में पाए जाते हैं। ये तने, शाखाओं तथा पत्तियों में हरे रंग के ही होते हैं।

(ii) रिक्तिकाएं (Vacuoles) – पौधों की कोशिकाओं में कोशिका द्रव्य में बड़ी रिक्तिकाएं पाई जाती हैं। इनमें कोशिका रस भरा होता है। ये कोशिका का लगभग 90% भाग घेरती है। यह कोशिका को दृढ़ता प्रदान करने में भी सहायक होती हैं।

(iii) माइटोकाँड्रिया (Mitochondria) – यह कोशिका के जीव द्रव्य में पाए जाने वाले दानेदार पदार्थों के छोटे समूह हैं। ये ऊर्जा का भंडारण करते हैं।

(iv) अंतर्द्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum) – यह एक तरल से भरी हुई अवकोशिका को घेरे हुए झिल्लीदार जाली है। यह दो प्रकार की है-खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका (अपनी सतह पर राइबोसोम जुड़े हुए) प्रोटीन संश्लेषण के लिए और चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका (बिना राइबोसोम के) लिपिड स्राव के लिए। राइबोसोम कोशिका द्रव्य में अलग से भी होते हैं। जालिका में संश्लेषित कुछ प्रोटीन व लिपिड नए कोशिकीय अंश (विशेषतया कोशिका झिल्ली) बनाने में प्रयुक्त होते हैं। कुछ अन्य, कोशिका के अंदर या जब कोशिका से बाहर स्रावित किए जाते हैं, एंजाइम व हार्मोन के रूप में कार्य करते हैं।

(v) राइबोसोम (Ribosomes) – लाल रक्ताणुओं तथा विकसित शुक्राणुओं के अतिरिक्त ये असीमकेंद्रक तथा ससीमकेंद्रक कोशिकाओं में पाए जाते हैं। प्रत्येक राइबोसोम के दो भाग होते हैं। एक छोटा सब-यूनिट तथा एक बड़ा सब-यूनिट होता है। राइबोसोम आर० एन० ए० (R.N.A.) तथा प्रोटीन के बने होते हैं। ये कोशिका के भीतर प्रोटीन का निर्माण करते हैं।

(vi) गॉल्जी उपकरण (Golgi Apparatus) – यह एक चिकने, चपटे, नलिकाकार उपक्रम समूह से बना है। ये प्रायः समानांतर पंक्तियों में एक ढेर में होते हैं। गॉल्जी उपकरण कोशिका का स्त्रावी अंगक है। यह कोशिका में संश्लेषित पदार्थों के पैकेज बनाकर कोशिका के अंदर (प्लाज्मा झिल्ली व लाइसोसोम) व बाहर के लक्ष्यों को भेजता है। गॉल्जी सम्मिश्रण लाइसोसोम और परॉक्सिम को बनाने में भी शामिल हैं। गॉल्जी उपकरण पौधों में जब छोटी इकाइयों में होते हैं, तो जालीकाय (डिक्टियोसो’:) कहलाते हैं।

III. केंद्रक (Nucleus) – यह एक प्रमुख गोलाकार या अंडाकार संरचना है जो प्रायः कोशिका के केंद्र के निकट स्थित होता है। यह सभी कोशिकीय गतिविधियों का नियंत्रण केंद्र है। यह एक द्विपरती झिल्ली, केंद्रीय झिल्ली से घिरा होता है जो इसे कोशिका द्रव्य से अलग करती है। केंद्रकीय झिल्ली में कुछ छिद्र होते हैं। केंद्रक के मुख्य अवयव हैं (क) क्रोमेटिन पदार्थ जो एक धागेनुमा संरचना के रूप में है, और (ख) केंद्रक जिसमें अधिकतर आर० एन० ए० होता है। आर० एन० ए० कोशिका द्रव्य में प्रोटीन बनाने में सहायता करता है। क्रोमेटिन पदार्थ, मुख्यतया डी० एन० ए० से बना होता है। यह आनुवंशिक सूचनाओं को संचित करने व एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में प्रेषित करने के लिए उत्तरदायी है। कोशिका विभाजन के साथ यह सघन छड़नुमा पिंडों-गुणसूत्रों (Chromosomes) में संघनित हो जाते हैं। गुणसूत्रों में जीन होते हैं जो डी० एन० ए० के खंड हैं। एक जीन गुणसूत्र की कार्यात्मक इकाई है। केंद्रक कोशिका की सभी क्रियाओं को नियंत्रित करता है।

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प्रश्न 2.
कोशिका के केंद्रक की संरचना और कार्य का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
कोशिका के मध्य में विद्यमान गोलाकार या अंडाकार संरचना को केंद्रक कहते हैं। इसकी सर्वप्रथम खोज रॉबर्ट ब्राउन ने की थी। प्रायः एक कोशिका में एक केंद्रक होता है। केंद्रक में निम्नलिखित प्रमुख भाग होते हैं-
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1. केंद्रक झिल्ली – केंद्रक के चारों ओर दोहरे परत का एक आवरण होता है जिसे केंद्रक झिल्ली कहते हैं। इसमें छोटे-छोटे अनेक छिद्र होते हैं जिनके द्वारा केंद्रक के भीतर का केंद्रक द्रव्य बाहर जा सकता है। असीम केंद्र की कोशिकाओं में केंद्रक झिल्ली नहीं होती।

2. केंद्रक द्रव्य – केंद्रक झिल्ली से घिरे पदार्थ को केंद्रक द्रव्य कहते हैं। यह पारदर्शी, कोलॉइजी तरल होता है जो न्यूक्लियो प्रोटीन से बना होता है। इस में राइबोसोम्ज, खनिज लवण, एंजाइम, आर० एन० ए०, क्रोमेटिन धागे तथा केंद्रिक पाए जाते हैं।

3. क्रोमैटिन पदार्थ – क्रोमैटिन पदार्थ धागे के समान बारीक रचनाओं का जाल होता है। जब कभी कोशिका का विभाजन होने वाला होता है तो वह क्रोमोसोम में संगठित हो जाता है। क्रोमोसोम (गुणसूत्र) में आनुवंशिक गुण होते हैं जो माता-पिता से DNA (डिऑक्सी राइबो-न्यूक्लिक अम्ल) अणु रूप में अगली पीढ़ी में जाते हैं। डी० एन० ए० तथा प्रोटीन से गुणसूत्र बनते हैं और इनमें कोशिका के निर्माण और संगठन की सभी विशेषताएँ उपलब्ध होती हैं। डी० एन० ए० के क्रियात्मक खंड को जीन कहते हैं। जिस कोशिका का विभाजन नहीं हो रहा होता उसमें डी० एन० ए० क्रोमैटिन के रूप में रहता है। विभिन्न जीवधारियों में क्रोमोसोम की संख्या अलग-अलग होती है पर एक ही जाति के सभी प्राणियों में इनकी संख्या एक समान होती है। क्रोमोसोम की संरचना में बदलाव होने से जीव-जंतुओं में विभिन्नताएं उत्पन्न हो जाती हैं। केंद्रक में आर० एन० ए० रिबोन्यूक्लिक अम्ल है जो केंद्रिका में प्रोटीन संश्लेषण में सहायक होता है।

4. केंद्रिक – कोशिका के केंद्रक में एक या दो केंद्रिका होती हैं। इस में प्रोटीन, आर० एन० ए० तथा डी० एन० ए० होते हैं। असीम केंद्रकी कोशिकाओं में केंद्रिक नहीं होता। बैक्टीरिया जैसे कुछ जीवों में कोशिका का केंद्रकीय क्षेत्र बहुत कम स्पष्ट होता है क्योंकि इसमें केंद्रक झिल्ली की अनुपस्थिति रहती है।

केंद्रिक के कार्य

  1. यह आनुवंशिक लक्षणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक स्थानांतरण का आधार है।
  2. यह कोशिका विभाजन के लिए जिम्मेदार होता है।
  3. यह कोशिका की सभी उपापचय क्रियाओं पर नियंत्रण रखता है।
  4. यह शरीर की वृद्धि के लिए उत्तरदायी होता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त नोट लिखो
(i) क्लोरोप्लास्ट
(ii) अंतःद्रव्यी जालिका
(iii) गॉल्जीकाय।
उत्तर-
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(i) क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast) – ये कोशिका द्रव्य में हरे पौधों की समस्त कोशिकाओं में पाये जाते हैं। इनकी संख्या एक से सौ तक हो | राइबोसोम
ग्रैनम सकती है। ये प्रायः तश्तरीनुमा अथवा कुछ पौधों की कोशिकाओं में गोलाकार हो सकते हैं। स्पाइरोगायरा के क्लोरोप्लास्ट फीते या रिबन के समान होते हैं, परंतु क्लेमाइडोमोनास के हरितकवक प्यालेनुमा होते हैं। हरित लवक के चारों ओर दोहरी पर्त वाली इकाई की बनी दो झिल्लियां होती हैं। ग्रेनम लैमिली द्वारा जुड़े होते हैं। थैलेनुमा थाइलेकोइडस स्ट्रोमा में एक के ऊपर एक चट्टे के समान स्थित होते हैं। इसमें आनुवंशिक पदार्थ भी होता है।

क्लोरोप्लास्ट के कार्य-

  1. ये प्रकाश-संश्लेषण का कार्य करते हैं और CO2, H2O से सूर्य की विकिरण ऊर्जा की उपस्थिति में भोजन तैयार करते हैं।
  2. प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में ऑक्सीजन मुक्त होती है।
  3. ये कार्बन डाइऑक्साइड का स्थिरीकरण करते हैं। अतः ये कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके वायु में कार्बन डाइऑक्साइड की सामान्य सांद्रता का स्थिरीकरण करते हैं।
  4. हरित लवक, वर्णी लवकों में परिवर्तित हो जाते हैं-उदाहरण फलों के छिलके।

(ii) अंतःद्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum) – यह कोशिका के कोशिका द्रव्य में झिल्लियों का जाल होता है। यह दो प्रकार का होता है। चिकनी अंत: द्रव्यी जालिका तथा रूक्ष अंतः द्रव्यी जालिका। राइबोसोम्स रूक्ष अंतः द्रव्यी जालिका से जुड़े होते हैं। चिकनी अंत: प्रद्रव्यी जालिका पर कोई राइबोसोम नहीं होता, ये कलाविहीन कोशिकांग होते हैं। यह कोशिका के अंदर विभिन्न पदार्थों का भंडारण करते हैं।
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(iii) गॉल्जीकाय (Golgi Body) – इन्हें गॉल्जी काम्पलैक्स या गॉल्जी उपकरण कहते हैं। ये पोलीसेकेहेराइडस, लिपिड्स तथा अन्य पदार्थों के श्रावण तथा उन्हें कोशिका से बाहर निकालने में लगी होती हैं। पौधों में ड्रिक्टियोसोम्स कोशिका भित्ति संश्लेषण में शामिल होती हैं। गॉल्जी काय पुटिकाओं, थैलियों तथा नलिकाओं की बनी होती हैं। ये थैली या थैले के समान होती हैं तथा एक के ऊपर एक चट्टेनुमा रखी होती हैं।
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PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

प्रश्न 4.
माइटोकाँड्रिया का सचित्र वर्णन करो। इन्हें कोशिका का ऊर्जा घर क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
माइटोकॉड्रिया (Mitochondria) – ये बहुत ही सूक्ष्म कोशिकांग हैं जो कोशिका में अधिक संख्या में पाए जाते हैं। इनका आकार 0.5 से 2 माइक्रॉन तक होता है। अमीबा की कुछ जातियों में इनकी संख्या 5,00,000 तक होती है। ये केवल इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा ही देखे जा सकते हैं। ये छड़ आकार, धागानुमा अथवा गोलाकार रचनाएं होती हैं। प्रत्येक माइटोकाँड्रिया के चारों ओर लाइपो प्रोटीन की एक दोहरी झिल्ली होती है। इसकी भीतरी परत अंदर की ओर धंसकर कई प्रकार के उभार बनाती है जिन्हें क्रिस्टी कहते हैं। माइटोकाँड्रिया के भीतरी द्रव को मैट्रिक्स (Matrix) कहते हैं। माइटोकॉड्रिया द्रव से भारी होते हैं। माइटोकॉड्रिया में डी० एन० ए० (DNA) भी पाया जाता है।
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माइटोकॉड़िया ऊर्जा घर के रूप में – इनमें काफ़ी मात्रा में एंजाइम होते हैं। माइटोकांड्रिया को कोशिका में भोजन पदार्थों के ऑक्सीकरण का स्थान माना गया है। इसके श्वसन के द्वारा काफ़ी मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है। इसी कारण से माइटोकॉड्रिया को कोशिको का ऊर्जा घर कहा जाता है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
कोशिका क्या है ? कोशिका के मुख्य कार्य बताओ।
उत्तर-
कोशिका – कोशिका जीव की संरचना तथा कार्य की एक इकाई है। इसमें जीवन देने वाला पदार्थ जीव द्रव्य पाया जाता है। यह पदार्थ प्लाज्मा झिल्ली अथवा कोशिका झिल्ली से घिरा होता है।

कोशिका के मुख्य कार्य-

  1. यह पाचन में सहायता करती है।
  2. यह ऊर्जा उत्पन्न करने में सहायक है।
  3. यह पदार्थों के स्त्रावण में सहायता करती है।
  4. यह आवश्यक पदार्थों के संश्लेषण में सहायता करती है।

प्रश्न 2.
ससीमकेंद्री (Eukaryotic cell) कोशिका किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ससीमकेंद्री कोशिका – ऐसी कोशिका जिसमें केंद्रक स्पष्ट रूप से पाया जाता है जो केंद्रक कला द्वारा घिरा होता है उसे ससीमकेंद्री कोशिका कहते हैं। इसमें कोशिका द्रव्य तथा केंद्रक स्पष्ट होते हैं।
उदाहरण – जंतु तथा पादप कोशिका।

प्रश्न 3.
असीमकेंद्री कोशिका क्या है ?
उत्तर-
असीमकेंद्री कोशिका – इस कोशिका में केंद्रक स्पष्ट रूप में नहीं होता। इसे न्यूक्लीओइड (Nucleoid) कहते हैं। इसमें केंद्रक कला अनुपस्थित होती है।

उदाहरण – जीवाणु (Bacteria) कोशिका तथा नील-हरित शैवाल की कोशिकाएं (Cells of blue-green algae)

प्रश्न 4.
एककोशिकीय जीव तथा बहुकोशिकीय जीव का उदाहरण देकर व्याख्या करो।
उत्तर-
एककोशिकीय जीव तथा बहुकोशिकीय जीव की उदाहरण सहित व्याख्या-

जीव का प्रकार व्याख्या एवं उदाहरण
I. एककोशिकीय जीव (i) इनका शरीर एक कोशिका का बना होता है।

(ii) इसकी सभी जैविक क्रियाएं (भौतिक और रासायनिक) जैसे श्वसन तथा पोषण आदि एक कोशिका द्वारा होती हैं।

(iii) इसमें अमीबा (प्रोटोजोआ) बैक्टीरिया तथा क्लेमाइडोमोनास आदि आते हैं।

II. बहुकोशिकीय जीव (i) इनका शरीर लाखों कोशिकाओं का बना होता है।

(ii) इन जीवों के शरीर के विभिन्न भाग वही क्रियाएं करते हैं, जिनके वह अनुकूलित होते हैं।

(iii) इसमें कवक, पौधे, जंतु, हवेल, बरगद का वृक्ष, हाथी, मनुष्य तथा मेंढक आदि आते हैं।

प्रश्न 5.
कोशिका में पाए जाने वाले अजीवित पदार्थ कौन-से हैं ?
उत्तर-
कोशिका में पाए जाने वाले अजीवित पदार्थ – कुछ रासायनिक तथा उत्सर्जी पदार्थ कोशिका में पाए जाते हैं। ये पदार्थ स्टॉर्च के कण, शर्करा, वसा, प्रोटीन, खनिज तथा एलकेलाइडस होते हैं।

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प्रश्न 6.
कोशिका झिल्ली और कोशिकी भित्ति में क्या अंतर है ? प्रत्येक के कार्य बताइए।
उत्तर-
कोशिका झिल्ली तथा कोशिका भित्ति में अंतर-

कोशिका झिल्ली (Plasma membrane) कोशिका भित्ति (Cell wall)
(1) यह सभी कोशिकाओं के जीव द्रव्य के चारों ओर पाई जाती है। (1) यह पौधों, जीवाणुओं, हरी नीली काई की कोशिकाओं की कोशिका कला के चारों ओर पाई जाती है।
(2) यह प्रोटीन की बनी हुई होती है। (2) यह सैल्यूलोज़ की बनी हुई होती है।
(3) यह स्वभाव में महीन व लचीली होती है। (3) यह मोटी तथा सख्त होती है।

प्रश्न 7.
कोशिका में विद्यमान दोनों न्यूक्लिक एसिड के नाम बताइए। वे क्या कार्य करते हैं ?
उत्तर-
कोशिकाओं में पाए जाने वाले दो न्यूक्लिक एसिड हैं-
(1) डी० एन० ए० (डीऑक्सी राइबोन्यूक्लिक एसिड) (DNA)
(2) आर० एन० ए० (राइबोन्यूक्लिक एसिड) (RNA)।

1. डीऑक्सी राइबोन्यूक्लिक एसिड के कार्य – इसमें जीन्स होती है। यह आनुवंशिक सूचनाओं को एकत्रित करता है तथा इन्हें अगली पीढ़ी में वंशागत करता है। यह एक प्रकार का आनुवंशिक पदार्थ है। यह यूकैरियोटिक कोशिकाओं के केंद्रक में पाया जाता है।

2. राइबोन्यूक्लिक एसिड के कार्य – यह कई प्रकार के विषाणुओं (viruses) में आनुवंशिक पदार्थ होता है। यह कोशिका द्रव्य में प्रोटीन संश्लेषण का कार्य करने में सहायक होता है।

प्रश्न 8.
जीन क्या है ? इसके कार्य के बारे में लिखिए।
उत्तर-
जीन तथा उसके कार्य – यह डी० एन० ए० का खंड होता है। यह क्रोमोसोम पर एक के ऊपर एक क्रम में स्थित होती है। जीन आनुवंशिक गुणों के निर्धारण की इकाई है। आमतौर पर एक लक्षण जीन के एक जोड़े से नियंत्रित होता है, जो होमोलोगस क्रोमोसोम पर एक विशिष्ट स्थान पर होते हैं। ऐसे जीनों को एलील कहते हैं।

जीन के कार्य-

  1. जीन सजीवों के लक्षणों के लिए उत्तरदायी है।
  2. जीन सजीवों की लंबाई एवं शक्ल निर्धारित करते हैं।
  3. जीनज वर्णकों की उत्पत्ति में ही सहायक हैं।

प्रश्न 9.
कौन-सा कोशिकांग ‘पाचक थैली’ कहलाता है और क्यों ?
उत्तर-
लाइसोसोम को प्रायः ‘पाचक थैली’ कहते हैं। ये सभी कोशिकाओं में पाए जाते हैं। ये थैलीनुमा रचनाएं एक हरी झिल्ली द्वारा घिरी होती हैं। इन थैलीनुमा रचनाओं में अनेक पाचक विकर होते हैं। इन्हें पाचक थैलियां (Digestive bags) भी कहते हैं। ये विकर लाइसोसोमस से युक्त होकर अनेक कोशिका द्रव्यी रचनाओं को नष्ट कर देते हैं। लाइसोसोम भोजन के कणों, अन्य बाह्य कार्यों, कोशिका के पुराने कटे-फटे कोशिकांगों के पाचन में सहायता करते हैं। इसमें प्रायः पुरानी कोशिकाओं की मृत्यु हो जाती है। अतः इन्हें कोशिका की ‘पाचक थैलियां’ कहा जाता है अथवा आत्मघाती थैलियां भी कहते हैं।

प्रश्न 10.
कौन-से कोशिकांग कोशिका के ऊर्जा संयंत्र हैं ? संक्षेप में इनके कार्य बताइए।
उत्तर-
माइटोकांड्रिया को कोशिका के ऊर्जा संयंत्र कहते हैं।
माइटोकांडिया के कार्य – इसमें कोशिका के भोज्य पदार्थों का ऑक्सीकरण होता है। इसके श्वसन के फलस्वरूप ऊर्जा मुक्त होती है। ये ऊर्जा को एडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट के रूप में संचित करते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

प्रश्न 11.
पौधों में रिक्तिकाओं के कार्य बताओ।
उत्तर-
पौधों में रिक्तिकाओं के कार्य – पौधों की कोशिकाओं में रिक्तिकाएं कोशिका द्रव्य में पाई जाती हैं। इनमें कोशिका रस भरा होता है। पौधों की कोशिकाओं का लगभग 90% भाग रिक्तिकाओं द्वारा घिरा होता है। जंतु कोशिकाओं में रिक्तिकाएं छोटी होती हैं। यह पौधों की स्फीति (turgidity) तथा दृढ़ता प्रदान करती हैं।

प्रश्न 12.
राइबोसोम तथा तारककाय में अंतर बताइए।
उत्तर-
राइबोसोम (Ribosome) तथा तारककाय (Centrosome) में अंतर-

राइबोसोम (Ribosome) तारककाय (Centrosome)
(1) ये सूक्ष्म दानेदार, गोल संरचनाएं हैं। (1) यह एक सूक्ष्म पारदर्शक काय है।
(2) ये जीव-द्रव्य में स्वतंत्र अवस्था में तथा अंत:द्रव्यी जालिका से जुड़े रहते हैं। (2) यह केवल जंतु कोशिकाओं में केंद्रक की केंद्रक झिल्ली के समीप स्थित होता है।
(3) राइबोसोम में RNA तथा प्रोटीन होते हैं। (3) इसकी रचना में बिंदु के समान दो सूक्ष्म रचनाएं होती हैं जिनसे एस्टर किरणें निकलती हैं।
(4) राइबोसोम प्रोटीन निर्माण के स्थल होते हैं। (4) यह जंतु कोशिका के विभाजन में सहायक होता है।

प्रश्न 13.
राइबोसोम किस पदार्थ के बने होते हैं ? कोशिका में इनका क्या कार्य है और प्रोकैरियोटिक कोशिका में यह कहाँ होते हैं ?
उत्तर-
राइबोसोम RNA प्रोटीन का बना होता है। यह कोशिका में उपस्थित अंतर्द्रव्यी जालिका के धागों पर स्थित होता है। यह प्रोकैरियोटिक कोशिका के कोशिका द्रव्य में स्वतंत्र रूप से उपस्थित होता है। इनका मुख्य कार्य प्रोटीन संश्लेषित करना है।

प्रश्न 14.
गॉल्जीकाय द्वारा स्रावित पदार्थ कहाँ एकत्रित होता है ? पौधों में गॉल्जीकाय को क्या नाम दिया गया है ?
उत्तर-
गॉल्जीकाय द्वारा रिसा पदार्थ रसधानियों में एकत्रित होता है। पौधों में गॉल्जीकाय का नाम डिक्टियोसोम (Dictyosome) है। यह कोशिका भित्ति बनाने में काम आते हैं।

प्रश्न 15.
हम माइटोकॉड्रिया को कोशिका का ऊर्जागृह क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
माइटोकाँडिया में ऑक्सीकारक एंजाइम होते हैं जो भोजन के कार्बोहाइड्रेट्स ऑक्सीकरण द्वारा ऊर्जा उत्पादन के लिए उत्तरदायी हैं । यह उत्पादित ऊर्जा कोशिका द्वारा प्रयोग की जाती है। इसलिए इसे कोशिका का ऊर्जागृह कहते हैं।

प्रश्न 16.
निम्नलिखित शब्दों की परिभाषा दीजिएजीव द्रव्य, कोशिका द्रव्य, केंद्रक द्रव्य।
उत्तर-
जीव द्रव्य (Protoplasm) – यह जीवन का आधार है तथा कोशिका कला के अंदर पाया जाता है। इसमें कोशिका द्रव्य तथा केंद्रक द्रव्य दोनों आते हैं।

कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) – यह कोशिका कला तथा केंद्रक के मध्य पाया जाता है। यह एक गाढ़ा, पारदर्शक, जैली के समान पदार्थ है। इसमें विभिन्न प्रकार के कोशिकांग होते हैं।

केंद्रक द्रव्य (Nucleosplasm) – यह कोशिका के केंद्रक में पाया जाता है।

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प्रश्न 17.
पक्ष्माभ तथा कशाभ में अंतर बताइए।
उत्तर-
पक्ष्माभ तथा कशाभ में अंतर-

पक्ष्माभ (Cilia) कशाभ (Flagella)
(1) एक कोशिका में पक्ष्माभ की संख्या 1400 तक होती है। (1) प्रत्येक कोशिका में कशाभ की संख्या एक अथवा दो होती है।
(2) इनकी लंबाई 5-10μ होती है। (2) इनकी लंबाई 100-150μ तक होती है।
(3) पक्ष्माभ कोशिका की सारी सतह पर होते हैं। (3) यह कोशिका के एक सिरे पर होते हैं।
(4) इसमें घुमावदार गति (Sweeping movement) प्रदर्शित होती है। (4) इसमें लहरदार गति (Undulating movement) प्रदर्शित होती है।
(5) ये सूक्ष्म कोशिकीय विस्तार हैं। (5) ये लंबे कोशिकीय विस्तार हैं।

प्रश्न 18.
ग्रेना तथा स्ट्रोमा में अंतर बताइए।
उत्तर-
ग्रेना (Grana) तथा स्ट्रोमा (Stroma) में अंतर-

ग्रेना (Grana) स्ट्रोमा (Stroma)
(1) यह चपटी थैलियों जैसी संरचना होती है जो एक-दूसरे के ऊपर सिक्कों के रूप में पड़ी होती हैं। ये एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं। (1) यह क्लोरोप्लास्ट का आधात्री पदार्थ है जिसमें ग्रेना तथा पटलिकाओं जैसी रचनाएं होती हैं।
(2) इसमें प्रकाश संश्लेषणीय वर्णक होते हैं। ये क्लोरोप्लास्ट की इकाई होते हैं। (2) इनमें वर्णक द्रव्य नहीं होते।
(3) ये लाइपो-प्रोटीन पदार्थ के बने होते हैं। (3) ये जलीय प्रोटीन पदार्थ के बने होते हैं।

प्रश्न 19.
कोशिका भित्ति के मुख्य कार्य बताओ।
उत्तर-
कोशिका भित्ति के कार्य-

  1. यह कोशिका की सुरक्षा करती है।
  2. यह कोशिका को निश्चित आकृति प्रदान करती है।
  3. यह पारगम्य होती है। इस द्वारा खनिज घोल कोशिका में प्रवेश पाते हैं।
  4. ये समीपवर्ती कोशिकाओं को बाँधे रखती है।
  5. यह पादप कोशिका के भीतर स्फीति (turgidity) बनाये रखती है।

प्रश्न 20.
प्लाज्मा झिल्ली के मुख्य कार्य बताओ।
उत्तर-
प्लाज्मा झिल्ली के कार्य-

  1. यह कोशिकाओं को आकृति प्रदान करती है।
  2. यह अंदर की कोशिकांगों की सुरक्षा करती है।
  3. यह कोशिकाओं के भीतर के सभी पदार्थों को घेरे रखती है।
  4. यह विभिन्न पदार्थों को एक अंश का कोशिका के अंदर तथा बाहर जाने देती है क्योंकि यह अर्ध-पारगम्य है।

प्रश्न 21.
आप प्याज़ की झिल्ली की कोशिकाएँ किस प्रकार दर्शाएं ?
उत्तर-
प्याज़ के छोटे-से टुकड़े की अवतल सतह से चिमटी की सहायता से झिल्ली उतारो और पानी वाले वांच ग्लास में रखो ताकि झिल्ली मुड़ने और सूखने से बची रहे। काँच की एक स्लाइड लो और उस पर पानी की एक बूंद डालो। इस पर झिल्ली के एक टुकड़े को बिल्कुल सीधी रखो। इस पर एक बूंद आयोडीन डालो और इसे कवर स्लिप से ढक दो। कवर स्लिप में वायु के बुलबुले नहीं होने चाहिए। इसे संयुक्त सूक्ष्मदर्शी से देखो।
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प्रश्न 22.
मानव शरीर की विभिन्न कोशिकाओं के चित्र बनाओ।
उत्तर-
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प्रश्न 23.
कोशिका भित्ति की उपयोगिता लिखिए।
उत्तर-
पौधों, कवक तथा बैक्टीरिया की कोशिकाओं को कोशिका भित्ति अपेक्षाकृत कम तनु विलयन में बिना फटे बचा कर सुरक्षित रखती है। ऐसे माध्यम से कोशिका परासरण विधि से पानी ग्रहण कर लेती है और कोशिका फूल जाती है तथा कोशिका भित्ति पर दबाव डालती है। कोशिका भित्ति भी फूली हुई कोशिका के प्रति समान रूप से दबाव डालती है। कोशिका भित्ति के कारण पादप कोशिकाएँ परिवर्तनीय माध्यम को जंतु कोशिका की अपेक्षा अधिक सरलता से सहन कर सकती हैं ।

प्रश्न 24.
केंद्रक की संरचना का चित्र बनाओ जैसा कि इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में दिखाई देता है।
उत्तर-
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदशी में केंद्रक की संरचना-
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प्रश्न 25.
केंद्रक के प्रमुख कार्य लिखिए।
उत्तर-

  1. केंद्रक कोशिका की क्रियाशीलता को बनाए रखने का कार्य करता है।
  2. कोशिका के सभी प्रमुख क्रियाकलापों पर यही नियंत्रण बनाए रखता है।
  3. केंद्रक कोशिका विभाजन में सहायक होता है।
  4. केंद्रक जनन क्रिया में सहयोग देता है।

प्रश्न 26.
बहुकोशिकीयता के क्या लाभ होते हैं ?
उत्तर-
बहुकोशिकीयता (Multicellularity) के कारण निम्नलिखित लाभ होते हैं-

  1. इसके कारण उच्च वर्ग के जीवों में श्रम विभाजन का कार्य संपन्न होता है।
  2. कोशिकाएं विभेदन के कारण विशिष्ट रूप धारण कर विशेष कार्यों को कराती हैं।
  3. कोशिकाएं एक-दूसरे के सहयोग से कार्य कराती हैं।
  4. प्राणियों में विकास और वृद्धि इसी कारण होती है।

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प्रश्न 27.
कोशिका में रसधानियां क्या होती हैं ? इनके कार्य लिखिए।
उत्तर-
रसधानियां वे संग्राहक थैलियां होती हैं जिनमें ठोस और तरल पदार्थों का संग्रह होता है।

इनके निम्नलिखित कार्य होते हैं-

  1. पदार्थों के लिए आवश्यक प्रोटीन, कार्बनिक अम्ल, शर्करा, अमीनो अम्ल आदि इनमें विद्यमान होते हैं।
  2. रसधानियों में भरा कोशिका द्रव्य कोशिकाओं को स्फीति और कठोरता प्रदान करता है।
  3. ये जल और अपशिष्ट पदार्थों के एक कोशी जीवों के शरीर से बाहर निकालती है।
  4. अमीबा रसधानी से ही अपने प्रयोग के लिए खाद्य प्राप्त करता है। पादप कोशिकाओं में रसधानियों का आधार बड़ा होता है जबकि जंतु कोशिकाओं में इनका आधार छोटा होता है।

प्रश्न 28.
एक कोशिका के संगठन का वर्णन करो।
उत्तर-
कोशिका का संगठन-

क्रम संख्या कोशिका के भाग व्याख्या
(1) कोशिका झिल्ली यह कोशिकाओं की बाहरी दीवार बनाती है।
(2) जीव द्रव्य यह कोशिकाओं में जीवन देने वाला पदार्थ है।

प्रश्न 29.
माइटोकांड्रिया और लाइसोसोम में रचना और कार्य का अंतर चित्र सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
माइटोकांड्रिया और लाइसोसोम में अंतर-

माइटोकांड्रिया (Mitochondria) लाइसोसोम (Lysosomes)
(1) माइटोकांड्रिया छड़ आकार के अंगक हैं कोशिका द्रव्य में होते हैं। (1) लाइसोसोम कोशिका-द्रव्य में सूक्ष्म गोलाकार अंगक है। कोशिका द्रव्य में होते हैं।
(2) यह दोहरी झिल्ली से घिरा होता है। (2) यह इकहरी झिल्ली से घिरा होता है।
(3) माइटोकांड्रिया की भीतरी भित्ति उंगली जैसी रचनाओं में फैली होती है जिन्हें क्रिस्टी (Cristae) कहते हैं। (3) इसमें क्रिस्टी नहीं होते।
(4) इनमें श्वसन एंजाइम होते हैं। (4) इनमें हाइड्रोलिटिक एंजाइम होते हैं जो पाचन का कार्य करते हैं।
(5) इन्हें कोशिका के ऊर्जा गृह भी कहते हैं।

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(5) इन्हें कोशिका की आत्महत्या की थैलियाँ भी कहते हैं।

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प्रश्न 30.
पादप कोशिका के विशिष्ट भाग/अंगक के कार्य बताइए।
उत्तर-
कोशिका भित्ति (Cell Wall) के कार्य-

  1. यह यांत्रिक शक्ति और सुरक्षा प्रदान करती है।
  2. यह कोशिका की स्फीत स्थिति बनाए रखती है।
  3. यह परासरण नियंत्रण के द्वारा कोशिका को फटने से बचाती है।
  4. यह पानी और खनिज पदार्थ के गति का मार्ग है।

क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast) – यह अंगक प्रकाश-संश्लेषण का स्थल है। इसमें कार्बन डाइऑक्साइड, पानी तथा प्रकाश की ऊर्जा की सहायता से कार्बोहाइड्रेट का निर्माण होता है।

बड़ी केंद्रीय रसधानी (Large Central Vacuole)-

  1. यह विभिन्न पदार्थों (अपशिष्ट पदार्थ भी) को संग्रहित करती है।
  2. यह कोशिका की परासरण क्रियाओं में भाग लेती है।
  3. कभी-कभी यह लाइसोसोम के समान भी कार्य करती है।

प्रश्न 31.
क्रोमोसोम किसे कहते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
कोशिका विभाजन के समय केंद्रक में धागे की तरह दिखाई देने वाली रचनाओं को क्रोमोसोम कहते हैं। प्रत्येक जीव में इनकी अलग-अलग संख्या होती है। आलू में 48, कुत्ते में 64 और मनुष्य में इनकी 46 (23 जोड़े) संख्या होती है। हर एक क्रोमोसोम में दो क्रोमेटिड होते हैं जिन पर जीन होते हैं और उन्हें ही आनुवंशिकता के लिए उत्तरदायी माना जाता है।

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प्रश्न 32.
जीवन की कार्यात्मक इकाई क्या है ? परिभाषित करिए।
उत्तर-
जीवन की कार्यात्मक इकाई कोशिका है।
कोशिका – यह जीव द्रव्य का एक छोटा-सा पिंड होता है जिसके द्वारा जीव की सभी क्रियाएं जैसे कि उपापचय, चेतनता, जनन, प्रचलन आदि संपन्न होती हैं।

प्रश्न 33.
कौन-सा कोशिकांग ‘आत्मधाती थैली’ कहलाता है ? और क्यों ?
उत्तर-
लाइसोसोम को प्रायः ‘आत्मधाती थैली’ कहते हैं। ये सभी कोशिकाओं में पाए जाते हैं । ये थैलीनुमा रचनाएं एक हरी झिल्ली द्वारा घिरी होती हैं। इन थैलीनुमा रचनाओं में अनेक पाचक विकर होते हैं। इन्हें आत्मधाती थैलियां भी कहते हैं । ये विकर लाइसोसोमस से युक्त होकर अनेक कोशिका द्रव्यी रचनाओं को नष्ट कर देते हैं। लाइसोसोम भोजन के कणों, अन्य बाह्य कार्यों, कोशिका के पुराने कटे-फटे कोशिकांगों के पाचन में सहायता करते हैं। इसमें प्राय: पुरानी कोशिकाओं की मृत्यु हो जाती है। अतः इन्हें कोशिका की ‘आत्मधाती थैलियां’ कहा जाता है।

प्रश्न 34.
कौन-से कोशिकांग कोशिका के ऊर्जा संयंत्र हैं ? संक्षेप में इनके कार्य बताइए।
उत्तर-
माइटोकांड्रिया को कोशिका के ऊर्जा संयंत्र कहते हैं।

माइटोकांड्रिया के कार्य – इसमें कोशिका के भोज्य पदार्थों का ऑक्सीकरण होता है। इसके श्वसन के फलस्वरूप ऊर्जा मुक्त होती है। ये ऊर्जा को एडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट के रूप में संचित करते हैं।

प्रश्न 35.
निम्नलिखित प्रत्येक कोशिका अवयव का मुख्य कार्य क्या है ?
(क) प्लैज्मा झिल्ली
(ख) सूत्र कणिका (माइटोकांडिया)
(ग) गुण-सूत्र
(घ) न्यूक्लिओलस (केंद्रिका)
(ङ) लाइसोसोम
(च) कोशिका भित्ति
(छ) राइबोसोम
(ज) क्लोरोप्लास्ट
(झ) गॉल्जी उपकरण
(अ) परॉक्सिसोम।
उत्त-

कोशिका अवयव (Organelle) कार्य (Role)
(क) प्लैज्मा झिल्ली पदार्थों के कोशिका के भीतर आने या बाहर जाने पर नियंत्रण रखना।
(ख) माइटोकांड्रिया कोशिका का ऊर्जा गृह कार्बोहाइड्रेट के विखंडन द्वारा ऊर्जा पैदा करना।
(ग) गुण-सूत्र (Chromosome) (i) ये डी० एन० ए० पर उपस्थित होते हैं जो आनुवंशिक लक्षणों के वाहक होते हैं।

(ii) यह कोशिका की क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।

(घ) (केंद्रिका) (Nucleolus) राइबोसोम के निर्माण तथा आनुवंशिक सूचनाएं ले जाने में मध्यस्थ का कार्य।
(ङ) लाइसोसोम अंतर कोशिकीय पाचन तंत्र का कार्य।
(च) कोशिका भित्ति कोशिका को यांत्रिक शक्ति तथा सुरक्षा प्रदान करना।
(घ) राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करना।
(ज) क्लोरोप्लास्ट प्रकाश संश्लेषण द्वारा खाद्य निर्माण करना
(झ) गॉल्जी उपकरण लाइसोसोमस तथा परऑक्सीसोमस का निर्माण।
(अ) परॉक्सिसोम ऑक्सीकरण अभिक्रियाएं करना।

प्रश्न 36.
हेप्लोइड तथा डिप्लोइड कोशिकाओं में अंतर बताओ।
चित्र-हेप्लोइड तथा डिप्लोइड कोशिकाओं में अंतर-

हेप्लोइड कोशिकाएं (Haploid Cells) डिप्लोइड कोशिकाएँ (Diploid Cells)
(1) कोशिकाएँ जिनमें क्रोमोसोम के जोड़े नहीं होते। (1) कोशिकाएं जिनमें क्रोमोसोम होमोलोगोस जोड़ों में होते हैं।
(2) बहुत-से जंतुओं और पौधों की जनन कोशिकाएं और युग्मक हेप्लोइड होती हैं। (2) बहुत-से उच्च श्रेणी के जंतुओं और पौधों की कायिक कोशिकाएं डिप्लोइड होती हैं।
(3) हेप्लोइड (N) डिप्लोइड (2N) संख्या का आधा होता है। (3) डिप्लोइड (2N) हेप्लाइड (N) संख्या का दुगुना होता है।

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अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
जीवन की कार्यात्मक इकाई क्या है ?
उत्तर-
कोशिका (Cell) जीवन की कार्यात्मक इकाई है।

प्रश्न 2.
कोशिका के तीन भागों के नाम लिखो।
उत्तर-
कोशिका भित्ति, कोशिका द्रव्य, केंद्रक।

प्रश्न 3. कोशिकांगों के नाम लिखें।
उत्तर-
अंतः प्रद्रव्यी जालिका, माइटोकाँड्रिया, राइबोसोम, गॉल्जीकॉय, क्लोरोप्लास्ट तथा लाइसोसोम, प्लास्टिड्ज आदि मुख्य कोशिकांग हैं।

प्रश्न 4.
कोशिका के उस अंग का नाम बताओ जो केवल पादप कोशिकाओं में होता है।
उत्तर-
लवक (Plastids)।

प्रश्न 5.
पौधों का हरा रंग किस पदार्थ के कारण होता है ?
उत्तर-
हरित लवक (Chlorophyll)।

प्रश्न 6.
केंद्रक की मुख्य रचना का नाम बताओ।
उत्तर-
गुण-सूत्र (Chromosome)।

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प्रश्न 7.
उन दो कोशिकांगों के नाम बताओ जो केवल पौधों में ही पाए जाते हैं।
उत्तर-

  1. कोशिका भित्ति तथा
  2. लवक।

प्रश्न 8.
एक ऐसे अंगक का नाम बताओ जो कोशिका में प्रोटीन संश्लेषण का कार्य करता है।
उत्तर-
राइबोसोम (Ribosome)।

प्रश्न 9.
हमारे शरीर की सबसे छोटी कोशिका का नाम बताओ।
उत्तर-
लिंफोसाइट (Lymphocyte)।

प्रश्न 10.
पौधे की सबसे लंबी कोशिका का नाम बताओ।
उत्तर-
दृढ़ कोशिका (Sclerenchyma)।

प्रश्न 11.
कोशिका के उस अंग का नाम बताओ जो श्वसन के लिए उत्तरदायी है।
उत्तर-
माइटोकाँड्रिया (Mitochondria)।

प्रश्न 12.
माइटोकॉड्रिया के अंदर मिलने वाले एंजाइम का नाम बताओ।
उत्तर-
श्वसन एंजाइम।

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प्रश्न 13.
कोशिका का माप कैसे प्रभावित होता है ?
उत्तर-
कोशिका का माप कोशिका के कार्य जो यह करता है से प्रभावित होता है। उदाहरण के तौर पर कुछ नाड़ी कोशिकाएं एक मीटर से भी लंबी हैं।

प्रश्न 14.
ससीम कोशिका का कौन-सा भाग द्रव्य का निर्माण करता है ?
उत्तर-
ससीम कोशिका का केंद्रक और कोशिका द्रव्य, जीव द्रव्य बनाते हैं।

प्रश्न 15.
कोशिका के किस अंग को आत्महत्या के थैले कहते हैं ?
उत्तर-
लाइसोसोमस को (Lysosomes)।

प्रश्न 16.
कोशिका का कौन-सा अंग प्रोटीन संश्लेषण के लिए उत्तरदायी है ?
उत्तर-
राइबोसोम (Ribosomes)।

प्रश्न 17.
डी० एन० ए० का पूरा नाम बताओ।
उत्तर-
डीऑक्सी राइबोज न्यूक्लिक एसिड।

प्रश्न 18.
आर० एन० ए० का पूरा नाम बताओ।
उत्तर-
राइबो न्यूक्लिक एसिड।

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प्रश्न 19.
राबर्ट हुक ने कार्क की पतली काट की संरचना कैसी पाई थी ?
उत्तर-
मधुमक्खी के छत्ते जैसी।

प्रश्न 20.
कार्क क्या है ?
उत्तर-
कार्क एक पदार्थ है जो वृक्ष की छाल से प्राप्त होता है।

प्रश्न 21.
राबर्ट हुक ने कार्क में प्रकोष्ठकों को कब और किसकी सहायता से देखा था ?
उत्तर-
राबर्ट हुक ने कार्क में प्रकोष्ठकों को सन् 1665 में स्वनिर्मित सूक्ष्मदर्शी से देखा था।

प्रश्न 22.
राबर्ट हुक ने प्रकोष्ठकों को कोशिका क्यों कहा था ?
उत्तर-
लेटिन भाषा में (Cellulae) (कोशिका) का अर्थ है-छोटा कमरा । इसीलिए राबर्ट हुक ने प्रकोष्ठकों को कोशिका कहा था।

प्रश्न 23.
एक कोशी जीव किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जिन जीवों में केवल एक कोशिका होती है उन्हें एक कोशी जीव कहते हैं।

प्रश्न 24.
एक कोशी जीवों के छः उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
अमीबा, पैरामीशियम, युग्लीना, एंटअमीबा, क्लैमिडोमोनास, बैक्टीरिया।

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प्रश्न 25.
बहकोशी जीव किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जिन जीवों में अनेक कोशिकाएं समाहित हो कर विभिन्न कार्यों को संपन्न करने हेतु विभिन्न अंगों का निर्माण करती हैं उन्हें बहुकोशी जीव कहते हैं।

प्रश्न 26.
बहुकोशी जीवों के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
कवक (Fungi), पादप, जंतु।

प्रश्न 27.
कोशिका का सबसे पहले पता किसने और कब लगाया था ?
उत्तर-
राबर्ट हुक ने 1665 में।

प्रश्न 28.
तालाब के जल में स्वतंत्र रूप से जीवित कोशिकाओं का पता किसने और कब लगाया था ?
उत्तर-
ल्यूवेनहक ने सन् 1674 में।

प्रश्न 29.
कोशिका में केंद्रक किसने और कब खोजा था ?
उत्तर-
राबर्ट ब्राउन ने 1831 में।

प्रश्न 30.
जैविक पदार्थ को जीवद्रव्य नाम किसने और कब दिया था ?
उत्तर-
जे० ई० पुराकंज ने 1839 में।

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प्रश्न 31.
कोशिका सिद्धांत की खोज किसने की थी ?
उत्तर-
एम० स्लीडन (1838) तथा टी० स्वान (1839) ने।

प्रश्न 32.
कोशिका सिद्धांत क्या है ?
उत्तर-
सभी पौधे तथा जंतु कोशिकाओं से बने हैं और वे जीवन की मूलभूत इकाई हैं।

प्रश्न 33.
कोशिका सिद्धांत को किसने आगे बढ़ाया था ?
उत्तर-
विरचो ने 1855 में।

प्रश्न 34.
विरचो की कोशिका सिद्धांत को क्या देन है ?
उत्तर-
विरचो ने बताया कि सभी कोशिकाएं पूर्ववर्ती कोशिकाओं से बनती हैं।

प्रश्न 35.
इलैक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की खोज कब हुई थी ?
उत्तर-
सन् 1940 में।

प्रश्न 36.
इलैक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी से क्या लाभ हुआ ? ।
उत्तर-
कोशिका की जटिल संरचना और अनेक अंगकों को समझना संभव हो सका।

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प्रश्न 37.
कोशिका के किन तीन गुणों पर सभी क्रियाएं संभव हो पाती हैं ?
उत्तर-
प्लैज्मा झिल्ली, केंद्रक, कोशिका द्रव्य।

प्रश्न 38.
प्लैज्मा झिल्ली क्या है ?
उत्तर-
कोशिका की सबसे बाहरी परत प्लैज्मा झिल्ली है जो कोशिका के घटकों को बाहरी पर्यावरण से अलग करती है। यही पदार्थों को अंदर या बाहर आने-जाने से रोकती है।

प्रश्न 39.
प्लैज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
यह अन्य पदार्थों की गति को रोकती है पर कुछ पदार्थों को अंदर या बाहर आने-जाने देती है इसलिए इसे वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली कहते हैं।

प्रश्न 40.
CO2 तथा ऑक्सीजन झिल्ली के आर-पार किस विधि से आ-जा सकते हैं ?
उत्तर-
विसरण प्रक्रिया से।

प्रश्न 41.
कोशिका तथा बाह्य पर्यावरण में विसरण की क्या भूमिका है ?
उत्तर-
गैसों के आदान-प्रदान को नियंत्रित रखना।

प्रश्न 42.
परासरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जल के अणुओं की गति जब वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा हो तो उसे परासरण कहते हैं।

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प्रश्न 43.
परासरण में जल के अणु किस आधार पर गति करते हैं ?
उत्तर-
परासरण में जल के अणु वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा उच्च जल की सांद्रता से निम्न जल की सांद्रता की ओर जाते हैं।

प्रश्न 44.
अल्प परासरण दाबी विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
यदि कोशिका को तनु विलयन वाले माध्यक में रखा जाए तो जल परासरण विधि से कोशिका के भीतर चला जाएगा। ऐसे विलयन को अल्प परासरण दाबी विलयन कहते हैं।

प्रश्न 45.
एक कोशीय अलवणीय जीव तथा पादप कोशिकाएं जल किस विधि के द्वारा ग्रहण करती हैं ?
उत्तर-
परासरण द्वारा।

प्रश्न 46.
पौधों की जड़ों के द्वारा जल अवशोषण कैसी क्रिया है ?
उत्तर-
परासरण क्रिया।

प्रश्न 47.
कोशिकाओं से परिवहन में ऊर्जा की किस रूप में आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
ATP के रूप में।

प्रश्न 48.
प्लैज्मा झिल्ली किस से बनी होती है ?
उत्तर-
लिपिड और प्रोटीन से।

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प्रश्न 49.
प्लैज्मा झिल्ली की रचना किस सूक्ष्मदर्शी से देख सकते हैं ?
उत्तर-
इलैक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी से।

प्रश्न 50.
एक कोशी जीवों में कोशिका झिल्ली का लचीलापन किस कार्य में सहायक बनता है ?
उत्तर-
बाह्य वातावरण से भोजन तथा अन्य पदार्थ ग्रहण करने में।

प्रश्न 51.
पादप कोशिका भित्ति मुख्य रूप से किससे बनी होती है ?
उत्तर-
सेल्यूलोज से।

प्रश्न 52.
सेल्यूलोज की कोशिका भित्ति के निर्माण में क्या उपयोगिता है ?
उत्तर-
यह जटिल पदार्थ है और पौधों को संरचनात्मक दृढ़ता प्रदान करता है।

प्रश्न 53.
जीवद्रव्य कुंचन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जब पादप कोशिका में परासरण से पानी की हानि होती है तो कोशिका झिल्ली सहित आंतरिक पदार्थ संकुचित हो जाते हैं जिसे जीव द्रव्य कुंचन कहते हैं।

प्रश्न 54.
जंतु कोशिका को अपेक्षा पादप कोशिका परिवर्तनीय माध्यम को आसानी से किस कारण सहन कर सकती है ?
उत्तर-
कोशिका भित्ति के कारण।

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प्रश्न 55.
प्याज़ की झिल्ली की अस्थाई स्लाइड बनाने के लिए किस घोल का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
आयोडीन का।

प्रश्न 56.
कोशिका को रंगने के लिए किस-किस विलयन का प्रयोग करते हैं ?
उत्तर-
आयोडीन विलयन, सैफ्रानिन अथवा मैथलीन ब्लू विलयन।

प्रश्न 57.
कोशिका द्रव्य क्या है ?
उत्तर-
प्लैज्मा झिल्ली के अंदर कोशिका द्रव्य एक तरल पदार्थ है जिस में अनेक विशिष्ट कोशिका के घटक होते हैं। कोशिका द्रव्य तथा केंद्रक को मिला कर जीव द्रव्य बनता है।

प्रश्न 58.
अंतर्द्रव्यी जालिका क्या है ?
उत्तर-
यह झिल्ली युक्त नलिकाओं का एक बहुत बड़ा तंत्र है। यह लंबी नलिका या गोल या आयताकार थैलों की तरह दिखाई देती है। इसकी रचना प्लैज्मा झिल्ली जैसी ही होती है।

प्रश्न 59.
अंतर्द्रव्यी जालिका किस-किस प्रकार की होती है ?
उत्तर-

  1. खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका (RER),
  2. चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका (SER) ।

प्रश्न 60.
गॉल्जी उपकरण का विवरण सबसे पहले किसने किया था ?
उत्तर-
कैमिलो गॉल्जी।

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प्रश्न 61.
गॉल्जी उपकरण में सामान्य शक्कर से क्या बनता है ?
उत्तर-
जटिल शक्कर।

प्रश्न 62.
लाइसोसोम किससे बनाया जाता है ?
उत्तर-
गॉल्जी उपकरण से।

प्रश्न 63.
लाइसोम का कोशिका में क्या कार्य है ?
उत्तर-
कोशिका अंगकों के टूटे-फूटे भागों को पाचित कर कोशिका को साफ करना।

प्रश्न 64.
कार्बनिक पदार्थों को तोड़ने में कौन सक्षम है ?
उत्तर-
लाइसोसोम।

प्रश्न 65.
लाइसोसोम क्यों फटता है ?
उत्तर-
कोशिकीय चयापचय में व्यवधान के कारण जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाती है।

प्रश्न 66.
माइटोकांड्रिया किस रूप में ऊर्जा प्रदान करता है ?
उत्तर-
ATP (ऐडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट) के रूप में।

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प्रश्न 67.
माइटोकांड्रिया की बाहरी और भीतरी झिल्ली कैसी होती है ?
उत्तर-
बाहरी झिल्ली छिद्रित तथा भीतरी झिल्ली बहुत अधिक वलित होती है।

प्रश्न 68.
प्लैस्टिड किन में होते हैं ?
उत्तर-
केवल पादप कोशिकाओं में।

प्रश्न 69.
प्लैस्टिड के दो प्रकार कौन-से हैं ?
उत्तर-
केरोमोप्लास्ट (रंगीन प्लैस्टिड) तथा ल्यूकोप्लास्ट (श्वेत अथवा रंगहीन प्लैस्टिड)।

प्रश्न 70.
जिस प्लैस्टिड में क्लोरोफिल होता है उसे क्या कहते हैं ?
उत्तर-
क्लोरोप्लास्ट।

प्रश्न 71.
जंतु और पादप कोशिकाओं में रसधानियाँ कैसी होती हैं ?
उत्तर-
जंतु कोशिकाओं में छोटी तथा पादप कोशिकाओं में बहुत बड़ी।

प्रश्न 72.
पादप कोशिका की रसधानी में क्या भरा होता है ?
उत्तर-
कोशिका द्रव्य।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
परमाणु के नाभिक से क्या अभिप्राय है ? नाभिक की खोज करने के लिए रदरफोर्ड द्वारा किए गए अल्फा-किरण प्रकीर्णन प्रयोग की संक्षिप्त में विवेचना कीजिए। इस प्रयोग के परिणामों तथा त्रुटियों को भी लिखिए।
उत्तर-
नाभिक (Nucleus)- रदरफोर्ड तथा सहयोगियों द्वारा किए गए अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग (Alpha particle scattering experiment) से गहन द्रव्यमान वाले नाभिक के अस्तित्व के बारे संकेत मिला। परमाणु के सघन तथा धन आवेशित भाग को नाभिक कहा जाता है। इस पर उपस्थित धन आवेश, इलेक्ट्रॉनों के ऋण आवेश के बराबर होने के कारण परमाणु उदासीन होता है।

परमाणु के आयतन की तुलना में नाभिक का आयतन बहुत ही कम होता है। नाभिक में प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन होते हैं। परमाणु का द्रव्यमान प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन के कारण होता है क्योंकि इलैक्ट्रॉन का द्रव्यमान नाममात्र होता है। __रदरफोर्ड का अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग- रदरफोर्ड ने सन् 1911 में अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग द्वारा नाभिक की खोज की थी। इस प्रयोग में उसने एक सोने की बारीक 1000 परमाणुओं के बराबर मोटी पन्नी पर तीव्र गति वाले अल्फा कणों की बमबारी की।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 1

सोने की पतली पन्नी से टकराने के उपरान्त एल्फा कणों का प्रकीर्णन हो जाता है अर्थात् वे बिखर जाते हैं। अधिकांश कण सोने के पत्र को पार कर जाते हैं परंतु कुछ कण परमाणु नाभिक के टकराने के बाद उसी दिशा में वापिस लौट आते हैं।

प्रयोग के प्रेक्षण-प्रयोग के परिणामस्वरूप रदरफोर्ड ने निम्नलिखित प्रेक्षण प्रस्तुत किए-

  1. बहुत से α-कण (लगभग 99%) सोने की पन्नी में से बिना किसी परावर्तन के गुज़र जाते हैं।
  2. कुछ कण विभिन्न कोणों पर विक्षेपित होते हैं।
  3. बहुत ही अल्प संख्या में कण (10,000 में से एक) केंद्रीय भाग से टकराकर अपने पथ पर फिर लौट आते है।

प्रयोग से परिणाम – ऐसे प्रयोगों की श्रृंखला से रदरफोर्ड ने निम्नलिखित परिणाम प्रस्तुत किए-

  1. क्योंकि शीट में से बहुत-से कण बिना परावर्तित हुए गुज़र जाते हैं, इससे सिद्ध होता है कि परमाणु में अधिकतर स्थान खाली है।
  2. धन आवेशित कुछ α-कण (He2+) अपने पथ से परावर्तित होते हैं, अर्थात् मुड़ जाते हैं। इससे यह निर्णय लिया जा सकता है कि परमाणु का कुछ भाग धन आवेशित तथा द्रव्यमान युक्त है।
  3. कुछ α-कण वापिस लौट आए। इसी से नाभिक की स्थिति का पता लगता है।

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त्रुटियां – यह परमाणु की स्थिरता के विषय में कुछ व्यक्त नहीं करता। नाभिक के चारों ओर इलैक्ट्रॉन वृत्तीय चक्कर लगाते हैं जिसका परिणाम उनकी तेज़ गति होती है। इस कारण आवेशित कणों से विकिरित ऊर्जा परमाणु को अस्थिर कर देगी। पर यह सत्य नहीं है जबकि परमाणु तो वास्तव में निश्चित संरचना के साथ स्थिर होता है।

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लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के आधार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के निम्नलिखित मुख्य बिंदु थे-

  1. परमाणु का केंद्र धनावेशित होता है जिसे नाभिक कहते हैं। परमाणु का लगभग संपूर्ण द्रव्यमान नाभिक में होता है।
  2. नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रॉन निश्चित कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं जैसे सूर्य के चारों ओर विभिन्न नक्षत्र चक्कर लगाते हैं।
  3. नाभिक का आकार परमाणु के आकार की तुलना में बहुत कम होता है।

प्रश्न 2.
रदरफोर्ड को कैसे विश्वास हुआ कि परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन होते हैं ?
उत्तर-
ऐसा α-किरणों के प्रकीर्णन प्रयोग द्वारा पता चला कि बहुत कम α-कण (लगभग 10,000 में से एक) उसी दिशा में वापिस हो जाते हैं। क्योंकि α-कण नाभिक द्वारा अपकर्षित किए जाते हैं, इसलिए ऐसे कणों पर अवश्य ही धन आवेश होगा। उस समय तक ज्ञात अवपरमाणुक कणों-इलैक्ट्रॉनों और प्रोटॉनों में से केवल प्रोटॉन पर धन आवेश था। इसलिए ही तत्व के परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन विद्यमान हैं, जोकि α-कणों को अपकर्षित करते हैं।

प्रश्न 3.
रदरफोर्ड ने इस तथ्य के लिए क्या कारण बताया था कि परमाणु के इलैक्ट्रॉन नाभिक के अंदर की ओर अपकर्षित नहीं होते ?
उत्तर-
रदरफोर्ड के अनुसार परमाणु के बाह्य नाभिकीय भाग में इलेक्ट्रॉन स्थिर नहीं है। ये शैल (Shell) नामक वृत्ताकार परिपथों में चक्कर लगाते हैं। बाह्य नाभिकीय भाग में स्थित इलेक्ट्रॉन नाभिक की ओर आकर्षित होते हैं। इस आकर्षण बल को इससे विपरीत दिशा में क्रियाशील केंद्रीय बल संतुलित कर देता है। इसलिए इलेक्ट्रॉन निश्चित परिपथों में निरंतर घूमते रहते हैं तथा नाभिक के अंदर की ओर आकर्षित नहीं होते।

प्रश्न 4.
नाभिकीय आकार की तुलना में परमाणु के आकार का परिमाण बताइए।
उत्तर-
परमाणु की त्रिज्या नाभिक की त्रिज्या से 1015 गुणा बड़ी है।
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प्रश्न 5.
रदरफोर्ड परमाणु मॉडल के बारे में मुख्य आपत्ति क्या थी ?
उत्तर-
इलैक्ट्रॉन आवेशित कण हैं। कोई भी आवेशित कण जब त्वरित किया जाता है तो ऊर्जा विकरित करता है। नाभिक के गिर्द चक्राकार गति में रहने के लिए इलेक्ट्रॉन को त्वरित होना पड़ेगा जिसके फलस्वरूप वह ऊर्जा का विकिरण करेगा। ऊर्जा की हानि के कारण कक्षा का आकार सिकुड़ेगा और अंत में नाभिक को टकराएगा। इसलिए ऐसा मॉडल स्थिरता प्रदान नहीं करेगा।

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प्रश्न 6.
जब एक इलैक्ट्रॉन ऊर्जा स्तर K से ऊर्जा स्तर L में छलांग लगाता है तो परमाणु की ऊर्जा क्यों बढ़ जाती है ?
उत्तर-
एक इलेक्ट्रॉन जो ऊर्जा स्तर K में चक्कर लगा रहा है उसके पास ऊर्जा की एक निश्चित मात्रा है। जब वह इलैक्ट्रॉन K ऊर्जा स्तर से L ऊर्जा स्तर में कूद जाता है तो वह L ऊर्जा स्तर की ऊजां ग्रहण कर लेता है जोकि पहले से अधिक होती है। इस प्रकार इलेक्ट्रॉन पहली ऊर्जा से अधिक ऊर्जा प्राप्त कर लेता है। इससे कुल मिला कर परमाणु की ऊर्जा में वृद्धि हो जाती है।

प्रश्न 7.
वे शैल जिनमें इलेक्ट्रॉन परमाणु के नाभिक के गिर्द चक्कर लगाते हैं ऊर्जा स्तर क्यों कहलाते हैं ?
उत्तर-
एक इलेक्ट्रॉन किसी शैल में चक्कर लगाते समय कुछ ऊर्जा की मात्रा से जुड़ा रहता है। जब यह एक शैल से दूसरे शैल में छलाँग लगाता है तो इसकी ऊर्जा में परिवर्तन आ जाता है। इस प्रकार शैल इलेक्ट्रॉन को ऊर्जा प्रदान करने के साथ-साथ स्थान भी बदलता है जिससे उन्हें ऊर्जा शैल या ऊर्जा स्तर कहा जाता है।

प्रश्न 8.
परमाणु की संरचना को समझने के लिए रदरफोर्ड का मूल योगदान क्या थे ?
अथवा
रदरफोर्ड द्वारा प्रस्तुत किए गए नाभिकीय मॉडल के लक्षण क्या थे ?
उत्तर-
परमाणु की नाभिकीय संरचना को समझने के लिए रदरफोर्ड का मूल योगदान निम्न प्रकार थे-

  1. परमाणु का केंद्र धन आवेशित होता है जिसे नाभिक कहा जाता है।
  2. एक परमाणु का संपूर्ण द्रव्यमान नाभिक में होता है।
  3. नाभिक का आकार परमाणु के आकार की तुलना में बहुत छोटा होता है।
  4. इलैक्ट्रॉन नाभिक के इर्द-गिर्द निश्चित कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं।

प्रश्न 9.
फ्लोरीन परमाणु में 9 इलेक्ट्रॉन तथा 9 प्रोटॉन हैं। इसके परमाणु में कितने ऊर्जा शैल होंगे ?
उत्तर-
क्योंकि पहले कोश K में 2 इलेक्ट्रॉन समा सकते हैं। इसलिए शेष 7 इलैक्ट्रॉन दूसरे कोश L में समा जायेंगे जिसकी अधिकतम सामर्थ्य 8 इलेक्ट्रॉनों की है। इसलिए फ्लोरीन के दो ऊर्जा कोश होंगे।

प्रश्न 10.
मैग्नीशियम परमाणु में 12 इलेक्ट्रॉन है। इसका कौन-सा ऊर्जा कोश पूर्ण रूप से भरा हुआ नहीं
उत्तर-
मैग्नीशियम परमाणु में 12 इलेक्ट्रॉन हैं। K कोश में 2 इलेक्ट्रॉन तथा दूसरे L कोश में 8 इलेक्ट्रॉन भरे जायेंगे।
इस प्रकार K तथा L शैल पूर्ण रूप से भरे गए हैं। शेष 2 इलेक्ट्रॉन [12 – (2 + 8) = 2)] तीसरे कोश M में समाहित होंगे जबकि इस कोश में अधिकतम 18 इलेक्ट्रॉन भरे जा सकते हैं। अत: तीसरा कोश M अपूर्ण है।

प्रश्न 11.
निम्न परमाणु युग्ल की इलेक्ट्रॉनिक संरचना में क्या समानताएं हैं ? प्रत्येक परमाणु की इलैक्ट्रॉन संख्या कोष्ठक में दिये गए हैं ।
लीथियम (3), सोडियम (11) तथा पोटैशियम (19), हीलियम (2), नियॉन (10) तथा आर्गान (18), बैरीलियम (4), मैग्नीशियम (12) तथा कैल्सियम (20)।
उत्तर-

  1. लीथियम, सोडियम तथा पौटैशियम सभी के बाह्यतम कोश में एक इलेक्ट्रॉन है।
  2. हीलियम, नियॉन तथा आर्गान सभी के बाहयतम कोश में 8 इलेक्ट्रॉन हैं।
  3. बैरीलियम, मैग्नीशियम तथा कैल्सियम सभी के बाह्यतम कोश में 2 इलेक्ट्रॉन हैं।

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प्रश्न 12.
एक तत्त्व का परमाणु रासायनिक संयोजन में भाग नहीं लेता है। क्या आप बता सकते हैं कि इस परमाणु के बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या कितनी है ? वर्णन करें।
उत्तर-
यह कथन दर्शाता है कि तत्व अक्रियाशील गैस है और इसके परमाणु के बाह्यतम कोश में ? या 8 इलेक्ट्रॉन हैं।
ऐसा इसलिए है कि हीलियम के बाह्यतम कोश में 2 इलेक्ट्रॉन को छोड़ कर ऐसे परमाणु जिनके बाह्यतम कोश में 8 इलेक्ट्रॉन हैं अक्रियाशील हैं और वे रासायनिक संयोजन में भाग नहीं लेते हैं।

प्रश्न 13.
एक तत्व में 16 प्रोटॉन हैं। परमाणु के K, L तथा M कोशों में कितने इलेक्ट्रॉन उपस्थित होंगे ? इसकी इलैक्ट्रॉन संयोजकता क्या होगी ?
उत्तर-
इलेक्ट्रॉनों की संख्या = प्रोटॉनों की संख्या = 16
इलेक्ट्रॉनिक संरचना = K = 2 ; L = 8 ; M = 6
तत्व में वैलेंस इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 6
∴ इलैक्ट्रॉन संयोजकता = 8 – 6 = 2

प्रश्न 14.
यदि हम किसी परमाणु का क्रमांक जानते हैं तो उसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखना संभव है। ऐसा क्यों है ?
उत्तर-
हां. किसी तत्व के परमाणु क्रमांक की सहायता से उसकी इलेक्ट्रॉन संरचना लिखना संभव है। वास्तव में किसी तत्व का परमाणु क्रमांक उसके परमाणु में विद्यमान प्रोटॉनों या न्यूट्रॉनों की संख्या के बराबर होता है। यदि हमें इलेक्ट्रॉनों की संख्या पता हो तो हम इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिख सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक विन्यास का अर्थ है कि विभिन्न शैलों में इलेक्ट्रॉनों का वितरण किस प्रकार है।

उदाहरण – ऑक्सीजन की परमाणु संख्या (Z) 8 है। इसका अर्थ यह है कि ऑक्सीजन में 8 इलेक्ट्रॉन हैं। इनमें से 2 पहले शैल में होते हैं जिससे वह पूरी तरह भर जाता है। शेष 6 इलेक्ट्रॉन दूसरे शैल में विद्यमान होते हैं।
ऑक्सीजन में इलेक्ट्रॉन वितरण इस प्रकार है-
पहले K-शैल में 2 इलेक्ट्रॉन
दूसरे L-शैल में 6 इलेक्ट्रॉन
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प्रश्न 15.
क्या किसी परमाणु में 12 प्रोटॉन और 13 इलेक्ट्रॉन होना संभव है ? व्याख्या करें।
उत्तर-
नहीं, ऐसा संभव नहीं है। एक परमाणु विद्युतीय दृष्टि से उदासीन होना चाहिए। इसका अर्थ है कि इस पर कोई आवेश शेष नहीं रहता है। अब प्रत्येक प्रोटॉन पर इकाई धन आवेश होता है तथा प्रत्येक इलेक्ट्रॉन पर इकाई ऋण आवेश होता है। अतः एक उदासीन परमाणु में इलेक्ट्रॉनों और प्रोटॉनों की संख्या बराबर होनी चाहिए।

प्रश्न 16.
संकेत \({ }_{20}^{40} \mathrm{Ca}\) से लिखें-
(i) Ca की द्रव्यमान संख्या
(ii) Ca की परमाणु संख्या
(iii) Ca नाभिक की संरचना।
उत्तर-
(i) Cu की द्रव्यमान संख्या = 40

(ii) Ca की परमाणु संख्या = 20

(iii) Ca नाभिक की संरचना-
प्रोटॉनों की संख्या P = 20. इलेक्ट्रॉनों की संख्या = P = 20
न्यूट्रॉनों की संख्या = द्रव्यमान संख्या – प्रोटॉनों की संख्या
= 40 – 20 = 20

प्रश्न 17.
इस कथन से क्या सूचना मिलती है कि मैग्नीशियम की द्रव्यमान संख्या 24 तथा परमाणु संख्या 12 है ?
उत्तर-
मैग्नीशियम की परमाणु संख्या 12 इस ओर संकेत करती है कि इसके परमाणु के नाभिक में 12 प्रोटॉन हैं तथा इतने ही इलेक्ट्रॉन इसके बाह्य नाभिकीय भाग में हैं। द्रव्यमान संख्या 24 यह दर्शाती है कि प्रोटॉनों के साथ नाभिक में 12 न्यूट्रॉन (24-12) भी विद्यमान हैं।

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प्रश्न 18.
द्रव्यमान संख्या को परिभाषित कीजिए। द्रव्यमान संख्या नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों से कैसे संबंधित है ?
उत्तर-
द्रव्यमान संख्या – किसी तत्व की द्रव्यमान संख्या उसमें उपस्थित प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों की संख्या के योग के बराबर होती है।
द्रव्यमान संख्या (A) = प्रोटॉनों की संख्या (P) + न्यूट्रॉनों की संख्या (N)
न्यूट्रॉनों की संख्या = द्रव्यमान संख्या – प्रोटॉनों की संख्या
= द्रव्यमान संख्या – परमाणु संख्या
= A – Z

प्रश्न 19.
जे० जे० टॉमसन के प्रसिद्ध प्रयोगों से पहले विद्युत् और चुंबकीय क्षेत्रों में कैथोड किरणों का विक्षेपण ज्ञात था, तो जे० जे० टॉमसन का मुख्य योगदान क्या था ?
उत्तर-
जे० जे० टॉमसन का योगदान यह था कि (i) उन्होंने कणों पर आवेश और उनके द्रव्यमान अनुपात का पता लगाया था।
उनके अनुसार \(\frac{e}{m}\) = 1.76 × 1011 c /kg
यहाँ e = कणों पर आवेश तथा m = द्रव्यमान है।

(ii) उन्होंने इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान का पता लगाया जो m = \(\frac{1.602 \times 10^{-19 \mathrm{c}}}{1.76 \times 10^{11 \mathrm{c} / \mathrm{kg}}}\)
= 9.1 × 10-31 kg = 9.1
× 10 g-28 ग्राम था। यह द्रव्यमान हाइड्रोजन के द्रव्यमान का \(\frac{1}{1837}\) भाग के समान था।

प्रश्न 20.
निम्नलिखित तत्वों के परमाणुओं में वेलैंस कोश इलेक्ट्रॉनों की संख्या कितनी है ?
(i) ऐलुमिनियम
(ii) सल्फ र
(ii) क्लोरीन
(iv) कार्बन
(v) नाइट्रोजन
(vi) पोटैशियम
(vii) ऑक्सीजन
(viii) फ्लोरीन।
उत्तर-

क्रमांक तत्व का नाम वेलैंस कोश (संयोजकता) इलेक्ट्रॉन की संख्या
(i) ऐलुमिनियम (A1) 3
(ii) सल्फर (S) 2
(iii) क्लोरीन (Cl) 1
(iv) कार्बन (C) 4
(v) नाइट्रोजन (N) 3
(vi) पोटैशियम (K) 1
(vii) ऑक्सीजन (O) 2
(viii) फ्लू ओरीन (F) 1

प्रश्न 21.
न्यूट्रॉन के अस्तित्व को किसने प्रस्तावित किया ? इस पूर्वधारणा (Assumption) का क्या आधार था ?
उत्तर-
सबसे पहले न्यूट्रॉन के अस्तित्व का विचार रदरफोर्ड ने प्रकट किया था। सन् 1920 में उसने मत प्रस्तुत किया कि नाभिक में प्रोटॉन और उसके निकट इलेक्ट्रॉन विद्युतीय आकर्षण के कारण आपस में इतने निकट हों कि उन्हें एक कण के रूप में ही माना जा सकता हो जिसमें पूरा आवेश शून्य हो गया हो। इसलिए उसने एक नये कण की संकल्पना की और उसका नाम न्यूट्रॉन रखा। तत्पश्चात् इसी संकल्पना ने आधुनिक विज्ञान की अनेक महत्त्वपूर्ण समस्याओं को हल कर दिया।

प्रश्न 22.
प्रायोगिक रूप से न्यूट्रॉन की खोज किसने की ? इस प्रयोग की आवश्यक बातें क्या थीं ?
उत्तर-
जेम्स चैडविक ने सन् 1932 में सबसे पहले न्यूट्रॉन की खोज की थी। उन्होंने पाया कि जब बैरीलियम नामक तत्व से a-किरणें टकरायी जाती हैं तो उससे एक नया कण विसर्जित होता है। यह नया कण उदासीन प्रकृति का था। जब इस कण को जिंक सल्फाइड की प्लेट से टकराया गया तो प्रकाश उत्पन्न हुआ। इसका द्रव्यमान हाइड्रोजन के द्रव्यमान के समान था।
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उपस्थिति संबंधी प्रयोग उन्होंने पाया कि हाइड्रोजन परमाणु के अतिरिक्त अन्य सभी तत्वों में न्यूट्रॉन थे। न्यूट्रॉन का द्रव्यमान लगभग प्रोटॉन के द्रव्यमान के समान था। प्रोटॉन का द्रव्यमान 1 a.m.u. माना जाता था। इसलिए न्यूट्रॉन का द्रव्यमान भी 1 a.m.u. है। न्यूट्रॉन आवेशित कण नहीं हैं इसलिए इनका परीक्षण आसान नहीं है परंतु 1932 ई० में चैडविक इनको प्रदर्शित करने में सफल हो गया।

‘प्रश्न 23.
हीलियम के संयोजकता कक्ष में 2 इलेक्ट्रॉन होते हैं पर उसकी संयोजकता 2 नहीं होती। क्यों ?
उत्तर-
हीलियम के संयोजकता कक्ष में 2 इलेक्ट्रॉन होते हैं पर उसकी संयोजकता 2 नहीं होती क्योंकि उसका कक्ष पूर्ण होता है। इसलिए उसकी संयोजकता शून्य है।

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प्रश्न 24.
संयोजकता इलेक्ट्रॉन को परिभाषित कीजिए। यह परमाणु संरचना से कैसे सम्बन्धित है ?
उत्तर-
संयोजकता इलेक्ट्रॉन-किसी परमाणु के सबसे बाह्यतम कक्ष में उपस्थित इलेक्ट्रॉन ही संयोजकता इलेक्ट्रॉन कहलाते हैं। ये ही रासायनिक क्रियाओं में भाग लेते हैं।

संयोजकता किसी परमाणु की संरचना को प्रकट करती है। जैसे सोडियम (Na) की परमाणु संख्या 11 है। उसके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (K = 2, L = 8, M = 1) में सबसे बाहरी कक्ष M में एक इलेक्ट्रॉन है। इसलिए उसकी संयोजकता एक है। किसी भी तत्व के रासायनिक गुण सबसे बाहरी कक्ष में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या पर ही निर्भर करते हैं। परमाणु संरचना से ही संयोजकता इलेक्ट्रॉनों का पता लगता है। यह परमाणु के नाभिक के द्रव्यमान से लगभग संबंधित नहीं होते। यदि किसी परमाणु का बाह्यतम कक्ष पूर्ण रूप से भरा हुआ (8, 18, 32 इलेक्ट्रॉन) हो तो उस तत्व की संयोजकता शून्य होती है और वह निष्क्रिय होता है। विभिन्न तत्वों के परमाणुओं में बराबर इलेक्ट्रॉन होने की अवस्था में उनके रासायनिक गुण एक समान होते हैं।

प्रश्न 25.
परमाणु नाभिक के आवश्यक गुणधर्म की व्याख्या कीजिए। इन गुणधर्मों की इलैक्ट्रॉन के गुणधर्मों से तुलना कीजिए।
उत्तर-
परमाणु नाभिक ( केंद्रक) के गुणधर्म-

  1. परमाणु का नाभिक (केंद्रक) धन आवेश युक्त होता है।
  2. परमाणु का पूरा द्रव्यमान उसके नाभिक में ही स्थित होता है।
  3. परमाणु नाभिक का आकार परमाणु के आकार से बहुत छोटा होता है। यह परमाणु के आकार से 105 गुना छोटा होता है।

परमाणु नाभिक की त्रिज्या 10-13 10-19 होती है जबकि परमाणु की अपनी त्रिज्या 10-8 सें०मी० होती है। इसलिए परमाणु का अधिकांश भाग खाली होता है।

परमाणु नाभिक के गुणधर्मों की इलैक्ट्रॉनों के गुणधर्मों से तुलना-

  1. इलेक्ट्रॉनों पर ऋण आवेश होता है, जबकि नाभिक पर प्रोटॉनों के कारण धन आवेश होता है।
  2. इलेक्ट्रॉन केंद्रक के चारों ओर घूमते रहते हैं जबकि नाभिक परमाणु के केंद्रीय भाग में स्थित होता है।
  3. नाभिक का द्रव्यमान हीलियम परमाणु के बराबर होता है जबकि इलेक्ट्रॉन हाइड्रोजन परमाणु के \(\frac{1}{1840}\) भाग
    के बराबर होता है।

प्रश्न 26.
इलेक्ट्रानों को नक्षत्रीय इलेक्ट्रॉन क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल को सौर मॉडल भी कहते हैं क्योंकि इस मॉडल में यह कल्पना की गई थी कि जिस प्रकार सूर्य के चारों ओर सभी नक्षत्र चक्कर लगाते हैं, उसी प्रकार नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रॉन चक्कर लगाते हैं। इसलिए परमाणु के इलेक्ट्रॉनों को नक्षत्रीय इलेक्ट्रॉन भी कहा जाता है।

प्रश्न 27.
क्या ऐसा संभव हो सकता है कि तत्व के अणु में एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन हो परंतु उसका कोई भी न्यूट्रॉन न हो ? यदि ऐसा है तो उस तत्व का नाम लिखिए।
उत्तर-
हाँ, ऐसा संभव है। हाइड्रोजन तत्व के अणु की स्थिति में ऐसा ही होता है जिसे \({ }_{1}^{1} \mathrm{H}\) से प्रदर्शित किया जाता है।

प्रश्न 28.
क्या 35Cl और 37Cl की संयोजकता अलग-अलग होगी ? अपने उत्तर को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
नहीं, 35Cl और 37Cl की संयोजकता अलग-अलग नहीं होगी क्योंकि ये दोनों एक ही तत्व के समस्थानिक हैं।

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प्रश्न 29.
चित्र द्वारा सोडियम परमाणु और सोडियम आयन में इलैक्ट्रॉन वितरण दर्शाइए और इनकी परमाणु संख्या दीजिए।
उत्तर-
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सोडियम परमाणु की परमाणु संख्या 11 है और इसमें इलेक्ट्रॉनों की संख्या भी 11 है। धनात्मक सोडियम आयन (Na+) में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 11 – 1 = 10 होती है। इसलिए उसके इलेक्ट्रॉनिक कक्ष में इलेक्ट्रॉन वितरण 2, 8 होगा। किसी तत्व की परमाणु संख्या इसके प्रोटॉनों के बराबर होगी। इसलिए सोडियम परमाणु और सोडियम आयन में परमाणु संख्या समान ही होगी। अत: दोनों की परमाणु संख्या 11 है।

प्रश्न 30.
हीलियम, नियॉन तथा आर्गान तत्वों की संयोजकता शून्य क्यों है ?
उत्तर-
हीलियम के एकमात्र शैल K में 2 इलेक्ट्रॉन हैं। क्योंकि यह अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या है जो K शैल में समाहित हो सकती है। इसलिए यह न तो इलेक्ट्रॉन का लाभ कर सकता है और न ही हानि । इसलिए इसकी संयोजकता शून्य है। इसी भांति नियॉन (2, 8) और आर्गान (2, 8, 8) में बाह्यतम शैल में आठ-आठ इलेक्ट्रॉन हैं जोकि अधिकतम संख्या है। इसलिए दोनों नियॉन और आर्गान की संयोजकता शून्य है।

प्रश्न 31.
एक तत्व की परमाणु संख्या 15 है। इसका क्या अभिप्राय है ? क्या यह संभव है कि एक ही परमाणु के कोश (शैल) अधिक हो सकते हैं ?
उत्तर-
जब एक परमाणु के तीन कोश हैं, इसका तात्पर्य यह है कि परमाणु में इलेक्ट्रॉन का वितरण तीन ऊर्जा स्तरों में है। इस प्रकार उत्तेजित अवस्था में उसी परमाणु के इलेक्ट्रॉन तीन से अधिक ऊर्जा स्तरों में वितरित हैं। जिससे उसी परमाणु के अधिक शैल (कोश) होंगे।

प्रश्न 32.
तत्वों की परमाणु संख्या तथा परमाणु द्रव्यमान संख्या नीचे दी गई हैं। निम्न सूचना को रिक्त स्थानों में लिखिए।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 7
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 8

प्रश्न 33.
एक तत्व की परमाणु संख्या क्या होगी जिसके M-शैल में 7 इलेक्ट्रॉन हैं ?
उत्तर-
इसका तात्पर्य यह है कि तत्व के परमाणु के K-शैल तथा L-शैल पूर्ण रूप से भरे हुए हैं। K-शैल में अधिकतम इलेक्ट्रॉन की संख्या 2 तथा L-शैल में 8 हो सकती है जबकि M-शैल में 7 इलेक्ट्रॉन हैं।
इसलिए परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या = 2 + 8 + 7 = 17

क्योंकि परमाणु विद्युतीय रूप से उदासीन होता है, इसलिए परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या = इलेक्ट्रॉनों को संख्या होगी।
∴ परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या = 17
∴ परमाणु की परमाणु संख्या = 17

प्रश्न 34.
समस्थानिकों के समान गुण लिखिए।
उत्तर-
समस्थानिकों के गुण-

  1. किसी तत्व के समस्थानिकों की परमाणु संख्या समान होती है।
  2. तत्व के सभी समस्थानिकों के रासायनिक गुण एक जैसे होते हैं।
  3. तत्व के सभी समस्थानिकों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है।
  4. तत्व के सभी समस्थानिकों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास एक जैसा होता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 35.
निम्न सारणी में किन्हीं तत्वों की द्रव्यमान संख्या तथा परमाणु संख्या दी गई है :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 9
(i) ऊपर दी गई सारणी से आइसोबार (समभारिक) का युग्म चुनिए।
(ii) सारणी में लिखे तत्व B की संयोजकता क्या होगी ?
उत्तर-
(i) D तथा E
(ii) B तत्व की संयोजकता = 1

संख्यात्मक प्रश्न (Numerical Problems)

प्रश्न 1.
परमाणु द्रव्यमान 35 और 37 वाले क्लोरीन के दो समस्थानिक (आइसोटोप) 3 : 1 के अनुपात में विद्यमान हैं। इनका औसत परमाणु द्रव्यमान क्या होगा ?
हल :
क्लोरीन का औसत परमाणु द्रव्यमान = \(\frac{35 \times 3+37 \times 1}{3+1}\)
= \(\frac{105+37}{4}\) = 35.5 a. m. u.

प्रश्न 2.
परमाणु क्रमांक 18 वाले तत्व X तथा परमाणु क्रमांक 16 वाले तत्व Z में से कौन-सा रासायनिक रूप से अधिक अभिक्रियाशील होगा ?
हल :
X तत्व का परमाणु क्रमांक = इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 18
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 10
अब Z तत्व का परमाणु क्रमांक – Z में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 16
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 11

किसी निष्क्रिय गैस के एक परमाणु के सबसे बाहरी कक्ष में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं जिससे X न तो कभी इलेक्ट्रॉन खोएगा और न ही अर्जित करेगा। अतएव X रासायनिक रूप से अभिक्रियाशील नहीं है।

किसी निष्क्रिय गैस के विन्यास को प्राप्त करने के लिए Z तत्व 2 इलेक्ट्रॉन अर्जित कर सकता है। अतएव Z रासायनिक रूप से X से अधिक अभिक्रियाशील है।

प्रश्न 3.
उस तत्व की परमाणु संख्या ज्ञात करें जिसके नाभिक में 12 न्यूट्रॉन हैं और जिसकी द्रव्यमान संख्या 23 है। इस तत्व का संकेत क्या है ?
हल :
परमाणु के नाभिक में न्यूट्रॉन की संख्या = 12
परमाणु द्रव्यमान (A) = 23
परमाणु संख्या (Z) = ?
हम जानते हैं कि द्रव्यमान संख्या (A) = प्रोटॉन की संख्या + न्यूट्रॉन की संख्या
23 = P + 12
∴ प्रोटॉन की संख्या (P) = 23 – 12 = 11
अर्थात् परमाणु संख्या (Z) = प्रोटॉन की संख्या = 11 उत्तर
सोडियम तत्व की परमाणु संख्या 11 तथा द्रव्यमान संख्या 23 है। इस तत्व को दर्शाने के लिए संकेत है \({ }_{11}^{23} \mathrm{Na}\) उत्तर

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में प्रोटॉनों, न्यूट्रॉनों और इलेक्ट्रॉनों की संख्या पता करें : \({ }_{92}^{235} \mathbf{U}\) तथा \({ }_{92}^{238} \mathrm{U}\) दोनों परमाणुओं का आपस में क्या संबंध है ?
हल :
U-235 परमाणु की द्रव्यमान संख्या (A) = 235
परमाणु संख्या (Z) = 92
हम जानते हैं कि n = A – Z
n = 235 – 92
n = 143
∴ U-235 में प्रोटॉन की संख्या = परमाणु संख्या = 92
इलेक्ट्रॉन की संख्या = प्रोटॉन की संख्या = 92
न्यूट्रॉन की संख्या = 143
U-238 परमाणु की द्रव्यमान संख्या (A) = 238
परमाणु संख्या (Z) = 92
n = 238 – 92
n = 146

\({ }_{92}^{235} \mathrm{U}\) तथा \({ }_{92}^{238} \mathrm{U}\) दोनों यूरेनियम तत्व के समस्थानिक हैं। इन दोनों के नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या एक समान 92 है, परंतु न्यूट्रॉनों की संख्या विभिन्न है अर्थात् दोनों परमाणुओं की परमाणु संख्या समान है, परंतु द्रव्यमान संख्या भिन्न है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 5.
तत्व \(x_{9}^{19}\) में कितने इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन हैं ? इस तत्व की संयोजकता कितनी होगी ?
हल :
परमाणु संख्या = 9
द्रव्यमान संख्या = 19
∴ इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 9
प्रोटॉनों की संख्या = परमाणु संख्या = 9
न्यूट्रॉनों की संख्या – 19 – 9 = 10
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 12
तत्व की संयोजकता = 8 – 7 = 1

प्रश्न 6.
परमाणु के अवपरमाणुक कणों के नाम बताओ। हीलियम का परमाणु द्रव्यमान 4u तथा इसके नाभिक में 2 प्रोटॉन हैं। इसमें कितने न्यूट्रॉन हैं ? सोडियम तथा कार्बन की इलेक्ट्रॉनिक संरचना लिखिए (दिया है सोडियम की परमाणु संख्या = 11, कार्बन की परमाणु संख्या = 6)।
हल :
(i) परमाणु के अवपरमाणुक कण : इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन

(ii) हीलियम में न्यूट्रॉनों की संख्या = 4 – 2 = 2
(iii) सोडियम की इलेक्ट्रॉनिक संरचना : PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 13
(iv) कार्बन की इलेक्ट्रॉनिक संरचना : PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 14

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
‘कैनाल रे’ की खोज किसने और कब की थी ?
उत्तर-
‘कैनाल रे’ को खोज ई० गोल्डस्टीन ने सन 1886 में की थी।

प्रश्न 2.
कैनाल किरणों पर कौन-सा आवेश होता है ? उत्तर-धन आवेश।

प्रश्न 3.
प्रोटॉन पर कौन-सा आवेश होता है ?
उत्तर-
धन आवेश।

प्रश्न 4.
प्रोटॉन परमाणु के किस भाग में होते हैं ?
उत्तर-
सबसे भीतरी भाग नाभिक में।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 5.
डाल्टन के अनुसार परमाणु के मूल गुण क्या थे ?
उत्तर-
डाल्टन के अनुसार परमाणु अविभाज्य और अविनाशी है।

प्रश्न 6.
डॉल्टन के सिद्धांत को किस खोज ने गलत सिद्ध कर दिया था ?
उत्तर-
इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन की खोज ने।

प्रश्न 7.
परमाणु संरचना से संबंधित पहला मॉडल किसने प्रस्तुत किया था ?
उत्तर-
जे० जे० टॉमसन।

प्रश्न 8.
रदरफोर्ड ने एल्फा कणों के प्रकीर्णन प्रयोग में सोने की पन्नी क्यों चुनी थी ?
उत्तर-
रदरफोर्ड बहुत पतली परत चाहते थे जो 1000 परमाणुओं के बराबर मोटी हो।

प्रश्न 9.
एल्फा कण क्या होते हैं ?
उत्तर-
दविआवेशित हीलियम (He2+) कण होते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 10.
एल्फा कणों पर कौन-सा आवेश होता है ?
उत्तर-
धन आवेश ।

प्रश्न 11.
एल्फा कणों का द्रव्यमान कितना होता है ?
उत्तर-
4u.

प्रश्न 12.
नील्स बोर ने रदरफोर्ड के मॉडल पर उठी आपत्तियों को किस प्रकार दूर किया ?
उत्तर-
नील्स बोर ने स्पष्ट किया कि इलेक्ट्रॉन कुछ निश्चित कक्षाओं में ही चक्कर लगा सकते हैं जिनसे ऊर्जा का विकिरण नहीं होता।

प्रश्न 13.
ऊर्जा स्तर किसे कहते हैं ?
उत्तर-
इलेक्ट्रॉन जिन निश्चित कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं उन्हें ऊजां स्तर कहते हैं। इन्हें K. L, M. N… या 1, 2, 3, 4 … के द्वारा निरूपित किया जाता है।

प्रश्न 14.
परमाणु द्रव्यमान किसे कहते हैं ?
उत्तर-
परमाणु द्रव्यमान – परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के द्रव्यमान के योग को परमाणु द्रव्यमान कहते हैं।

प्रश्न 15.
विभिन्न कक्षाओं में इलेक्ट्रॉनों के वितरण का नियम किसने प्रस्तुत किया था ?
उत्तर-
बोर और बरी ने।

प्रश्न 16,
परमाणु के विभिन्न कक्षाओं में इलेक्ट्रॉनों की कक्षा में वितरण करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर-
2n2जहां ‘n’ कक्षा की संख्या या ऊर्जा स्तर होता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 17.
पहली चार कक्षाओं में क्रम से इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या लिखिए।
उत्तर-
2, 8. 18. 32.

प्रश्न 18.
सबसे बाह्यतम कोश में अधिकतम कितने इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं ?
उत्तर-
8.

प्रश्न 19.
रासायनिक रूप से कौन-से तत्व सक्रिय नहीं होते ?
उत्तर-
जिन तत्वों के परमाणुओं के बाह्यतम कक्ष पूर्ण रूप से भरे होते हैं, वे रासायनिक दृष्टि से सक्रिय नहीं होते।

प्रश्न 20.
अष्टक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
अष्टक -आट इलेक्ट्रॉन वालं सबसे बाहरी कक्ष को अप्टक कहते हैं।

प्रश्न 21.
तत्व की संयोजकता क्या होती है ?
उत्तर-
संयोजकता – परमाणा के बाहयतम कक्ष में इलेक्ट्रॉनों के अष्टक बनाने के लिए जितनी संख्या में इलेवटॉनों का सामेदारी या स्थानांतरण होता है. वह उस तत्व की संयोजकता होती है।

प्रश्न 22.
परमाणु संख्या किसे कहते हैं ?
उत्तर-
परमाणु संख्या – किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों की कुल संख्या को परमाणु संख्या कहते है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 23.
न्यूक्लिऑन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
न्यूक्लिऑन – कियो परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन और न्यूट्रॉन को न्यूक्लिऑन कहते हैं।

प्रश्न 24.
परमाण का लगभग संपूर्ण द्रव्यमान कहां स्थित होता है ?
उत्तर-
परमाणु के नाभिक में।

प्रश्न 25.
द्रव्यमान संख्या किसे कहते हैं ?
उत्तर-
द्रव्यमान संख्या – किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों और न्यूटॉनों की कुल संख्या के योग को द्रव्यमान संख्या कहते हैं।

प्रश्न 26.
समस्थानिक किस कहते हैं ?
उत्तर-
समस्थानिक ( आइसोटोप)- एक ही तत्व के परमाणु जिनकी परमाणु संख्या समान लेकिन द्रव्यमान संख्या भिन्न होती है, उसे समस्थानिक कहते हैं।

प्रश्न 27.
क्लोरीन के दो समस्थानिक लिखिए।
उत्तर-
\({ }_{17}^{35} \mathrm{U}\) तथा \({ }_{17}^{37} \mathrm{U}\)

प्रश्न 28.
कार्बन के दो समस्थानिक लिखिए।
उत्तर-
\({ }_{16}^{12} \mathrm{U}\) तथा \({ }_{16}^{14} \mathrm{U}\)।

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प्रश्न 29.
क्लोरीन के परमाणु का द्रव्यमान क्या है ?
उत्तर-
35.5.

प्रश्न 30.
कैंसर के उपचार में किस तत्व के समस्थानिक का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
कोबाल्ट के समस्थानिक का।

प्रश्न 31.
घेघा रोग के इलाज में किस तत्व के समस्थानिक का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
आयोडीन के समस्थानिक का।

प्रश्न 32.
परमाणु भट्टी में ईंधन के रूप में किस तत्व के समस्थानिक का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर-
यूरेनियम का।

प्रश्न 33.
समभारिक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
समभारिक-भिन्न-भिन्न परमाणु संख्या पर समान द्रव्यमान संख्या वाले तत्वों को समभारिक कहते हैं।

प्रश्न 34.
दो समभारिक तत्वों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. कैल्सियम
  2. आर्गान।

प्रश्न 35.
हाइड्रोजन के तीन समस्थानिकों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. प्रोटियम (\({ }_{1}^{1} \mathrm{H}\))
  2. ड्यूटीरियम (\({ }_{1}^{2} \mathrm{H}\))
  3. ट्राइटियम (\({ }_{1}^{3} \mathrm{H}\))

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 36.
यदि किसी तत्व के K तथा L शैल संपूर्ण रूप से इलैक्ट्रॉनों से भरे हों तो इसमें इलेक्ट्रॉनों की कुल कितनी संख्या होगी ? ।
उत्तर-
इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 10 (K = 2, L = 8)

प्रश्न 37.
परमाणु के कौन-से इलेक्ट्रॉन तत्व के गुणों को निर्धारित करते हैं ?
उत्तर-
वेलैंस इलेक्ट्रॉन।

प्रश्न 38.
क्लोरीन परमाणु की द्रव्यमान संख्या 35 और परमाणु संख्या 17 है। आप क्लोरीन परमाणु को कैसे प्रदर्शित करोगे ?
उत्तर-
\({ }_{17}^{35} \mathrm{Cl}\)

प्रश्न 39.
उस अवपरमाणुक कण का नारा बताओ जो परमाणु का आकार निर्धारित करता है।
उत्तर-
इलेक्ट्रॉन।

प्रश्न 40.
उन पदार्थों ( परमाणुओं) को क्या कहते हैं जिनके रासायनिक गुण समान हों परंतु भौतिक गुण अलग हों ?
उत्तर-
समस्थानिक (आइसोटोप)।

प्रश्न 41.
Mg2+ आयन में 10 इलैक्ट्रॉन हैं। Mg2+ में प्रोटॉनों की संख्या क्या होगी ?
उत्तर-
12

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 42.
वह कौन-सा तत्व है जिसके परमाणु के नाभिक में न्यूट्रॉन उपस्थित नहीं है ?
उत्तर-
हाइड्रोजन।

प्रश्न 43.
किसी तत्व के समस्थानिकों में निम्न कणों में से कौन-कौन से समान संख्या में होते हैं : इलेक्ट्रॉन, प्रोट्रॉन, न्यूट्रॉन ?
उत्तर-
इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन।

प्रश्न 44.
हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक हैं : \({ }_{1}^{1} \mathrm{H}\), \({ }_{1}^{2} \mathrm{H}\), \({ }_{1}^{3} \mathrm{H}\) ये सभी विद्युतीय उदासीन क्यों हैं ?
उत्तर-
इन तीनों में एक प्रोटॉन तथा एक इलेक्ट्रॉन उपस्थित है।

प्रश्न 45.
एक तत्व के परमाणु की परमाणु संख्या 16 है। उसके संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा संयोजकता विन्यास लिखें।
उत्तर-
संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 6
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 4 परमाणु की संरचना 15

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
रासायनिक संयोजन के नियमों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
वैज्ञानिक आंतवाँ एल० लवाइजिए तथा जोसफ एल० पाउस्ट ने रासायनिक संयोजन के दो नियम प्रतिपादित किए थे।

I. द्रव्यमान संरक्षण या द्रव्य की अविनाशिता का नियम
रूस के वैज्ञानिक एम०वी० लोमोनोसोव (M.V. Lomonosov) ने 1756 ई० में ‘द्रव्यमान संरक्षण के नियम’ का प्रतिपादन किया। द्रव्यमान संरक्षण के नियम के अनुसार जब रासायनिक परिवर्तन पूरा होता है तो रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो सृजन होता है और न ही विनाश होता है। अतः किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में परिवर्तन के उपरान्त भी पदार्थ का कुल द्रव्यमान उतना ही रहता है जितना अभिक्रिया से पूर्व था।
∴ अभिक्रिया से पूर्व अभिकारकों का कुल द्रव्यमान = अभिक्रिया के उपरांत उत्पादों का कुल द्रव्यमान इस नियम को निम्न प्रयोग द्वारा सिद्ध किया जा सकता है।
प्रयोग – एक फ्लास्क लो। इसमें अग्रलिखित X और Y रसायनों का युगल लो।

X – Y
(i) कॉपर सल्फेट – सोडियम कार्बोनेट
(ii) बेरियम क्लोराइड – सोडियम सल्फेट
(iii) लेड नाइट्रेट – सोडियम क्लोराइड

इनमें से ‘Y’ विलयन को एक शंक्वाकार फ्लास्क में तथा ‘X’ विलयन को एक क्वथन नली में लो। क्वथन नली को विलयन युक्त फ्लास्क में इस प्रकार लटकाओ कि दोनों विलयन आपस में न मिलें। फ्लास्क का मुंह कार्क से बंद कर दें। फ्लास्क में सभी वस्तुओं को ध्यानपूर्वक तोलो तथा फ्लास्क को इस प्रकार हिलाओ कि ‘X’ और ‘Y’ विलयन आपस में मिल जाए। रासायनिक क्रिया के बाद फ्लास्क को तोलो। द्रव्यमान अपरिवर्तित रहेगा जबकि अंतर्वस्तुओं में रासायनिक क्रिया से परिवर्तन होगा। इससे द्रव्यमान संरक्षण का नियम सिद्ध हो जाता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 1

II. स्थिर अनुपात का नियम
रखी हुई x विलयन युक्त क्वथन नली। इस नियम को फ्रेंच वैज्ञानिक जे० एल० प्राउस्ट (J. L. Proust) ने 1799 ई० में प्रतिपादित किया। इस नियम के अनुसार,
प्रत्येक रासायनिक यौगिक में भले वह किसी भी विधि से बनाया या प्राप्त किया गया हो, तत्वों के द्रव्यमान एक निश्चित अनुपात में संयुक्त रहते हैं।
इस नियम से यह स्पष्ट है कि प्रत्येक यौगिक का रासायनिक संघटन निश्चित होता है, जो उसके बनाने की विधि या स्रोत (Source) पर निर्भर नहीं करता है।

उदाहरण 1.-जल (H2O) हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन का यौगिक है। जल को विभिन्न विधियों द्वारा बनाया जा सकता है और प्राकृतिक साधनों द्वारा भी प्राप्त किया जा सकता है। किसी भी प्रकार से प्राप्त जल का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि जल में हाइड्रोजन व ऑक्सीजन, भार की दृष्टि से 1 : 8 के अनुपात में संयुक्त है।

उदाहरण 2.-कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) कार्बन तथा ऑक्सीजन का यौगिक है। इसे
(i) कार्बन को वायु में जलाकर,
(ii) कैल्सियम कार्बोनेट को गर्म करके अथवा
(iii) सोडियम कार्बोनेट पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया करके प्राप्त किया जा सकता है। तीनों विधियों से प्राप्त CO2 का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि इनमें कार्बन व ऑक्सीजन, द्रव्यमान की दृष्टि से 12 : 32 अर्थात् 3 : 8 के अनुपात में संयुक्त रहते हैं।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 2

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 2.
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत की विवेचन कीजिए।
उत्तर-
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के अनुसार, सभी तत्व, यौगिक या मिश्रण सूक्ष्म कणों से बने होते हैं। इन सूक्ष्म कणों को परमाणु कहते हैं। डाल्टन के सिद्धांत की विवेचना इस प्रकार की जा सकती है-

  1. सभी द्रव्य परमाणुओं से निर्मित होते हैं।
  2. परमाणु अविभाज्य सूक्ष्मतम कण होते हैं जो रासायनिक अभिक्रिया में न तो बनाए जा सकते हैं न ही उनका विनाश होता है।
  3. दिए गए तत्व के सभी परमाणुओं का द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म समान होते हैं।
  4. भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणुओं के द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म भिन्न-भिन्न होते हैं।
  5. भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु परस्पर छोटी पूर्ण संख्या के अनुपात में संयोग कर यौगिक बनाते हैं।
  6. किसी भी यौगिक में परमाणुओं की सापेक्ष संख्या और किस्म निश्चित होते हैं।

प्रश्न 3.
परमाणु द्रव्यमान को परिभाषित कीजिए। ग्राम-परमाणु भार किसे कहते हैं ?
अथवा
परमाणु द्रव्यमान व्यक्त करने का आधुनिक पैमाना क्या है ? इस पैमाने पर आप किसी तत्व का औसत सापेक्ष परमाणु द्रव्यमान किस प्रकार व्यक्त कर सकते हैं ?
उत्तर-
परमाणु द्रव्यमान – किसी तत्व का छोटे-से-छोटा कण परमाणु कहलाता है और वह रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग लेता है। परमाणु अत्यंत ही सूक्ष्म होता है और इसका वास्तविक द्रव्यमान ज्ञात करना कठिन है। तत्वों के परमाणु द्रव्यमान से उनका सापेक्ष द्रव्यमान ज्ञात होता है।

हाइड्रोजन का परमाणु सबसे हल्का होता है, इसलिए इसके परमाणु द्रव्यमान को इकाई मानकर अन्य तत्वों के सापेक्ष द्रव्यमान ज्ञात किए जाते हैं और इनको परमाणु द्रव्यमान कहा जाता है।

अतः किसी तत्व का परमाणु द्रव्यमान वह संख्या है जो यह प्रदर्शित करती है कि उस तत्व का एक परमाणु हाइड्रोजन के एक परमाणु से कितने गुना भारी है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 3

कुछ वैज्ञानिकों ने अपने प्रयोगों के आधार पर परमाणु द्रव्यमान की इकाई हाइड्रोजन के एक परमाणु के द्रव्यमान के स्थान पर ऑक्सीजन के परमाणु द्रव्यमान के सोलहवें भाग (1/16) को अधिक सही माना है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 4

अब परमाणु द्रव्यमान का ऑक्सीजन मानक भी मान्य नहीं रहा है; क्योंकि ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान इसके तीन समस्थानिकों (isotopes) का औसत द्रव्यमान होता है; इसलिए ऑक्सीजन को विश्वस्त न पाकर वैज्ञानिकों ने C12 को मानक निर्धारित किया है।

किसी भी तत्व का परमाणु द्रव्यमान इसके परमाणु का औसत सापेक्ष द्रव्यमान (Average relative mass) होता है, जबकि उसकी तुलना कार्बन परमाणु (C12) समस्थानिक) का भार 12 मानकर की जाती है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 5

ग्राम परमाणु द्रव्यमान – जब परमाणु द्रव्यमान को ग्राम में प्रकट करते हैं, तो वह ग्राम परमाणु द्रव्यमान कहलाता है।
उदाहरण-कैल्सियम का परमाणु द्रव्यमान 40 है तथा इसका परमाणु द्रव्यमान 40 ग्राम है।

प्रश्न 4.
सरल यौगिकों के सत्र किस प्रकार लिखे जाते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
दो अलग-अलग तत्वों से बने सरलतम यौगिकों को द्विअंगी यौगिक कहते हैं।
आण्विक यौगिकों को रासायनिक सूत्र लिखते समय पहले संघटक तत्वों के प्रतीक लिखकर उनकी संयोजकताएं लिखी जाती हैं। जैसा कि इसके नीचे दिए उदाहरणों में प्रकट किया गया है। इसके बाद संयोजित परमाणुओं की संयोजकताओं को क्रॉस (Cross) करके अणु सूत्र लिखते हैं।

1. हाइड्रोजन क्लोराइड का सूत्र
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 6
अतः हाइड्रोजन क्लोराइड का रासायनिक सूत्र HCl है।

2. सोडियम सल्फाइट के सूत्र
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 7
अतः सोडियम सल्फाइट का सूत्र Na2SO3 है।

3. कार्बन टेट्राक्लोराइड का सूत्र
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 8
अत: कार्बन टेट्राक्लोराइड का सूत्र CCl4 है।

4. मैग्नीशियम क्लोराइड का सूत्र
मैग्नीशियम क्लोराइड का सूत्र ज्ञात करने के लिए पहले हम धनायन का संकेत (Mg2+) लिखते हैं। इसके बाद ऋणायन क्लोराइड (Cl) लिखते हैं तथा आवेशों को क्रॉस-गुणा (criss-cross) करके हम सूत्र प्राप्त करते हैं।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 9
अतः मैग्नीशियम क्लोराइड का सूत्र MgCl2 है।

5. ऐलुमिनियम ऑक्साइड का सूत्र :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 10
अतः ऐलुमिनियम ऑक्साइड का सूत्र Al2O3 है।

6. कैल्सियम ऑक्साइड का सूत्र :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 11
इनमें दोनों तत्वों की संयोजकताएं समान हैं। अतः इसका सूत्र Ca2O2 प्राप्त होगा, किंतु हम इस सूत्र को CaO के रूप में सरलीकृत करते हैं।

बहुपरमाणुक आयनों वाले यौगिक
1. सोडियम नाइट्रेट का सूत्र :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 12
अतः सोडियम नाइट्रेट का सूत्र : NaNO3

2. कैल्सियम हाइड्रोक्साइड का सूत्र :
जब सूत्र में एक ही आयन के दो या दो से अधिक आयन होते हैं तो उनके लिए कोष्ठक का उपयोग किया जाता है। यहां पर OH के कोष्ठक में रखकर पादांक 2 लगाते हैं जो यह दर्शाता है कि एक कैल्सियम परमाणु के साथ दो हाइड्रोक्सिल समूह जुड़े हैं।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 13
अतः कैल्सियम हाइड्रोक्साइड सूत्र : Ca (OH)2

3. सोडियम कार्बोनेट का सूत्र :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 14
अतः सोडियम कार्बोनेट सूत्र : Na2CO3
इसमें कोष्ठक के उपयोग की आवश्यकता नहीं है क्योंकि बहुपरमाणुक आयन कार्बोनेट का एक ही आयन विद्यमान है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 5.
मोल संकल्पना क्या है ? इसकी आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए मोलर-द्रव्यमान को पारिभाषित कीजिए।
उत्तर-
मोल संकल्पना – रसायन शास्त्र में अतिसूक्ष्म स्तर पर कणों (जैसे-परमाणुओं, अणुओं, कणों, इलेक्ट्रॉनों आदि) की संख्या ज्ञात करने के लिए रसायनज्ञों को एक मानक मात्रक की आवश्यकता अनुभव हुई। इसलिए मोल संकल्पना का प्रतिपादन हुआ। मोल संकल्पना के अनुसार, “किसी पदार्थ का एक मोल उसकी वह मात्रा है जिसमें उतने ही कण उपस्थित होते हैं, जितने कार्बन-12 समस्थानिक के ठीक 12 ग्राम में परमाणुओं की संख्या होती है।

किसी पदार्थ के एक मोल में कणों की संख्या सदैव समान होगी, भले ही वह कोई भी पदार्थ हो। इस संख्या के सही निर्धारण के लिए कार्बन-12 परमाणु का द्रव्यमान, द्रव्यमान स्पेक्ट्रममापी द्वारा ज्ञात किया गया जिसका मान 1.992648 × 10-23 ग्राम प्राप्त हुआ। कार्बन के 1 मोल का द्रव्यमान 12 ग्राम होता है; अतः कार्बन के 1 मोल में परमाणुओं की संख्या इस प्रकार होगी-
= PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 15
= 6.0221367 × 1023 ≈ 6.022 × 1023 परमाणु/मोल
इसे ‘आवोगादो संख्या’ कहते हैं तथा ‘N’ या ‘NA‘ से व्यक्त करते हैं।
मोल संकल्पना की आवश्यकता – परमाणु और अणु आकार में अत्यंत छोटे होते हैं तथा किसी पदार्थ को बहत कम मात्रा में भी इनकी संख्या बहुत अधिक होती है, इतनी बड़ी संख्याओं के साथ कार्य करने के लिए इतने ही परिमाण के एक मात्रक को आवश्यकता होती है। मोल संकल्पना के अनुसार 12 ग्राम कार्बन में 6.022 × 1023 (आवोगाद्रो संख्या) कार्बन-परमाणु होते हैं क्योंकि इन कणों को गिनना संभव नहीं है, इसलिए इनकी संख्या को मोल में व्यक्त करके कार्य करना सुगम हो जाता है।
उदाहरणस्वरूप-
1 मोल में ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या = 6.022 × 1023
∴ 3 मोल में ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या = 3 × 6.022 × 1023
= 1.8066
= 1.81 × 1024 परमाणु मोलर द्रव्यमान-किसी पदार्थ के एक मोल को ग्राम में व्यक्त द्रव्यमान को उसका ‘मोलर द्रव्यमान’ कहते हैं। ग्राम में व्यक्त मोलर द्रव्यमान संख्यात्मक रूप से परमाणु द्रव्यमान या आण्विक द्रव्यमान या सूत्र दव्यमान के बराबर होता है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
“उच्च ताप पर वायु में चूने के पत्थर (CaCO3) को गर्म करने से द्रव्यमान कम हो जाता है, परंतु लोहे का द्रव्यमान बढ़ जाता है।” ये तथ्य द्रव्यमान-संरक्षण की पुष्टि किस प्रकार करते हैं ?
उत्तर-
चूने के पत्थर को गर्म करने पर कैल्सियम ऑक्साइड तथा कार्बन डाइऑक्साइड प्राप्त होती है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 16

चूँकि CO2 बाहर निकल जाती है, इसलिए CaCO3 के भार में कमी आ जाती है। अभिकारक पदार्थों (CaCO3) व उत्पादों (CaO + CO2) का द्रव्यमान बराबर होता है; अतः इसी से द्रव्यमान-संरक्षण नियम की पुष्टि होती है। अब लोहे को गर्म करने से लोहे का ऑक्साइड (Fe2 O3) बनता है।
4Fe + 3O2 → 2Fe2 O3
रासायनिक क्रिया के अनुसार लोहे का ऑक्सीकरण होने से द्रव्यमान बढ़ जाता है, परंतु अभिकारक पदार्थों व उत्पाद का द्रव्यमान समान रहता है।

इन तथ्यों से प्रकट होता है कि द्रव्य को न तो नष्ट किया जा सकता है और न ही उत्पन्न किया जा सकता है, केवल उसका रूप बदलता है। अतः इससे द्रव्यमान-संरक्षण नियम की पुष्टि होती है।

प्रश्न 2.
परमाणु द्रव्यमान इकाई (a.m.u.) से आप का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
परमाणु द्रव्यमान इकाई (a.m.u.) – आजकल परमाणु द्रव्यमान को कार्बन-12 परमाणु (6C12) के द्रव्यमान के सापेक्ष व्यक्त किया जाता है। परमाणु द्रव्यमान मात्रक को a.m.u. द्वारा प्रदर्शित करते हैं। कार्बन-12 के एक परमाणु का द्रव्यमान स्वेच्छा से 12 a.m.u. मान लिया गया है। अत: कार्बन-12 के एक परमाणु के द्रव्यमान के बारहवें (1/12) भाग को परमाणु द्रव्यमान इकाई कहते हैं।

परमाणु द्रव्यमान इकाई (1 a.m.u.) = \(\frac {1}{12}\) × कार्बन-12 परमाणु का द्रव्यमान

कार्बन-12 समस्थानिक के एक परमाणु का वास्तविक द्रव्यमान 1.9926 × 10-23 ग्राम होता है जो 12 a.m.u. के बराबर होता है।

∴ 1 a.m.u. = \(\frac{1.9926 \times 10^{-23}}{12}\)
= 1.66 × 10-24 ग्राम 1.66 × 10-24 ग्राम को a.m.u. का ग्राम तुल्यांक (gram equivalent) कहते हैं।
तत्वों के विभिन्न समस्थानिकों के परमाणुओं के द्रव्यमान तथा सब परमाण्विक कणों के द्रव्यमान प्रायः a.m.u. में व्यक्त किए जाते हैं। उदाहरणार्थ-7N14 के एक परमाणु का द्रव्यमान = 14.0032 a.m.u. इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान = 0. 0005486 a.m.u.

प्रश्न 3.
कुछ तत्वों के परमाणु द्रव्यमान पूर्णांक नहीं होते। क्यों ?
उत्तर-
किसी तत्व का परमाणु द्रव्यमान उसके समस्थानिकों के परमाणु द्रव्यमान के सापेक्ष औसत द्रव्यमान होता है। यह सदा पूर्णांक में नहीं होता और इसी कारण कुछ तत्वों के परमाणु द्रव्यमान पूर्णांक नहीं होते। उदाहरण के लिए क्लोरीन के दो समस्थानिक हैं। क्लोरीन का 75% ऐसा है जिसका परमाणु द्रव्यमान 35 है और 25% परमाणु का द्रव्यमान 37 है। इसलिए इसका परमाणु द्रव्यमान 35.5 है।
∴ क्लोरीन का परमाणु द्रव्यमान = \(\frac{3 \times 35+1 \times 37}{4}\)
= \(\frac{105+37}{4}\)
= \(\frac{142}{4}\) = 35.5

प्रश्न 4.
तत्वों के अणुओं की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
तत्वों के अणुओं की विशेषताएं-

  1. तत्वों के अणु एक ही प्रकार के परमाणुओं द्वारा रचित होते हैं।
  2. अधातुओं में अणु एक से अधिक परमाणुओं से बनते हैं, जैसे ऑक्सीजन अणु दो ऑक्सीजन परमाणुओं से बनता है, इसलिए इसे द्वि-परमाणु अणु O2 कहते हैं। यदि सामान्यतः 2 के स्थान पर 3 ऑक्सीजन परमाणु परस्पर संयोग करते हैं तो हमें ओज़ोन प्राप्त होता है।
  3. किसी अणु की संरचना में प्रयुक्त होने वाले परमाणुओं की संख्या को उस अणु की परमाणुकता कहते हैं।
  4. धातु अणुओं एवं कार्बन जैसे अन्य तत्वों के अणुओं की सरल संरचना नहीं होती है किंतु उनके अणुओं में असीमित परमाणु परस्पर बंधे होते हैं।

प्रश्न 5.
प्रतीक किस आधार पर तैयार किए गए हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
आजकल इंटरनैश्नल यूनियन ऑफ प्योर एंड एप्लाइड केमिस्ट्री (IUPAC) तत्वों के नामों को स्वीकृति देता है।
(i) अधिकतर तत्वों के प्रतीक उन तत्वों के अंग्रेजी नामों के एक या दो अक्षरों से बने होते हैं। किसी प्रतीक का पहला अक्षर सदैव बड़े अक्षर में तथा दूसरा अक्षर छोटे अक्षर में लिखा जाता है जैसे
(क) ऑक्सीजन, O
(ख) ऐलुमिनियम, Al
(ग) कोबाल्ट CO

(ii) कुछ तत्वों के प्रतीक उनके अंग्रेजी नामों के प्रथम अक्षर तथा बाद में आने वाले किसी एक अक्षर को संयुक्त करके बनाते हैं जैसे-मैग्नीज़ (Mn), क्लोरीन (Cl), जिंक (Zn) आदि।

(iii) अन्य तत्वों के प्रतीकों को लैटिन, जर्मन और ग्रीक भाषाओं में उनके नामों से बनाया गया है। जैसे-लोहा (Iron) का प्रतीक Fe है, जो उसके लैटिन नाम फेरम से व्युत्पन्न किया गया है। इसी प्रकार सोडियम का प्रतीक Na तथा पोटाशियम का प्रतीक K क्रमश: नैट्रियम एवं केलियम से व्युत्पन्न हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 6.
अणु और परमाणु में अंतर लिखिए।
उत्तर-
अणु और परमाणु में अंतर-

अणु परमाणु
1. अणु दो या दो से अधिक परमाणुओं के मिलने से बनता है। 1. परमाणु रासायनिक क्रियाओं में भाग लेने वाला पदार्थ का सूक्ष्मतम कण है।
2. यह मुक्त अवस्था में रह सकता है। 2. यह मुक्त अवस्था में रह सकता है और नहीं भी।

प्रश्न 7.
आयन किसे कहते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
आयन-धातु और अधातु युक्त यौगिक आवेशित कणों से बने होते हैं। इन आवेशित कणों को आयन कहते हैं। आयन पर ऋण या धन आवेश होता है। ऋण आवेशित कण को ऋणायन (anion) तथा धन आवेशित कण को धनायन (cation) कहते हैं। सोडियम क्लोराइड (NaCl) में धनात्मक सोडियम आयन (Na+) तथा ऋणात्मक क्लोराइड आयन (Cl) संघटक कण के रूप में विद्यमान होते हैं। अत: आयन एक आवेशित परमाणु अथवा परमाणुओं का एक ऐसा समूह होता है जिस पर नेट आवशेष विद्यमान होता है।

प्रश्न 8.
जल, अमोनिया, कार्बन डाइऑक्साइड, कैल्शियम ऑक्साइड तथा सोडियम क्लोराइड के संघटक तत्वों के द्रव्यमान अनुपात लिखिए।
उत्तर-

यौगिक संयुक्त तत्व संघटक तत्वों के द्रव्यमान का अनुपात
जल हाइड्रोजन, ऑक्सीजन 1 : 8
अमोनिया नाइट्रोजन, हाइड्रोजन 14 : 3
कार्बन डाइऑक्साइड कार्बन, ऑक्सीजन 3 : 8
कैल्सियम ऑक्साइड कैल्सियम, ऑक्सीजन 40 : 16 अर्थात् 5 : 2
सोडियम क्लोराइड सोडियम, क्लोरीन 23 : 35.5

प्रश्न 9.
किसी तत्व के परमाणु तथा उसके आयन में अंतर लिखिए।
उत्तर-
तत्व के परमाण तथा आयन में अंतर-

परमाणु आयन
(1) परमाणु विद्युत् आवेश की दृष्टि से उदासीन होते हैं। (1) आयन आवेशित कण होते हैं। वे धनात्मक तथा ऋणात्मक आवेशित हो सकते हैं।
(2) परमाणु अभिक्रियाशील होता है क्योंकि इनका बाह्यतम कोश पूर्ण नहीं होता। (2) आयन की इलैक्ट्रॉनिक संरचना किसी एक उत्कृष्ट गैस की इलैक्ट्रॉनिक संरचना के बराबर होती है तथा स्थाई होती है।
(3) परमाणु में प्रोटॉनों तथा इलैक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है। (3) धनायन में इलैक्ट्रॉन की संख्या प्रोटॉनों से कम तथा ऋण आयन में प्रोटॉनों से अधिक होती है।

प्रश्न 10.
Na परमाणु की अपेक्षा Na+ आयन क्यों स्थायी है ?
उत्तर-
Na+ आयन Na (2, 8, 1) परमाणु से एक इलैक्ट्रॉन खोने पर बनता है। इनका विन्यास 2, 8 है। यह विन्यास निष्क्रिय गैस विन्यास के समान है। अत: Na+ आयन Na परमाणु की अपेक्षा अधिक स्थायी है।

प्रश्न 11.
रासायनिक सूत्र किसे कहते हैं ? पानी का उदाहरण बताओ कि रासायनिक सूत्र से हमें क्याक्या जानकारी मिलती है ?
उत्तर-
रासायनिक सूत्र – किसी भी यौगिक के अणु में विभिन्न तत्वों के परमाणु विद्यमान होते हैं। उदाहरण के लिए हाइड्रोजन का अणु म परमाणुओं के मेल से बनता है। उसी प्रकार अमोनिया का अणु H और N परमाणुओं के मेल से बनता है। इसलिए किसी भी पदार्थ के अणु को उसमें विद्यमान तत्वों के संकेतों द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है। विभिन्न तत्वों के संकेतों की सहायता से किसी पदार्थ का प्रदर्शन ही सूत्र कहलाता है। अतः सूत्र को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है, “किसी पदार्थ के अणु का उसके अवयवी तत्वों के प्रतिरूप संक्षिप्त प्रतीक ही सूत्र है।”

रासायनिक सूत्र का महत्त्व – पानी का उदाहरण लेते हुए इसके महत्त्व पर विचार करते हैं। पानी का रासायनिक सूत्र H2O है।

  1. सूत्र से ज्ञात होता है कि हाइड्रोजन का एक अणु तथा ऑक्सीजन के दो अणु एक-दूसरे के साथ संयोजित होते हैं।
  2. ऑक्सीजन की संयोजकता 2 है जबकि हाइड्रोजन की एक।
  3. H2O का द्रव्यमान 18 है। ऑक्सीजन का परमाणु भार 16 और हाइड्रोजन का 2 है।
  4. यौगिक वैद्युत् रूप से उदासीन है। इस पर कोई चार्ज (आवेश) नहीं है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 12.
जल के अणु में उपस्थित परमाणुओं की संख्या का सरलतम अनुपात ज्ञात करें।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 17

प्रश्न 13.
निम्नलिखित के सूत्र लिखिए-
(i) ऐलुमिनियम क्लोराइड
(iii) अमोनियम कार्बोनेट
(ii) फॉस्फोरस पेंटाक्लोराइड
(iv) डाइनाइट्रोजन ट्रेटाऑक्साइड
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 18

प्रश्न 14.
निम्नलिखित सूत्र लिखिए-
उत्तर-
(i) जिंक सल्फेट
(it) मैग्नीशियम कार्बोनेट
(iii) फैरस क्लोराइड
(iv) ऐल्युमिनियम एसीटेट
(v) सिल्वर नाइट्रेट
(vi) प्लम्बस नाइट्रेट
(vii) अमोनियम सल्फाइड
(viii) पोटाशियम बाइकार्बोनेट।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 19

प्रश्न 15.
निम्नलिखित के द्वारा बने यौगिकों के सूत्र तथा नाम लिखिए-
(1) Fe3+ तथा SO42-
(ii) Cr3+ तथा PO43-
(iii) Hg22+ तथा Cl
(iv) NH4+ तथा CO32-
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 20

प्रश्न 16.
निम्नलिखित के द्वारा बने यौगिकों के सूत्र तथा नाम लिखिए-
(i) प्लम्बस आयन तथा नाइट्रेट आयन
(it) निकिल आयन तथा कार्बोनेट आयन
(iii) कैल्सियम आयन तथा ऑक्सेलेट आयन
(iv) अमोनियम आयन तथा ऐसीटेट आयन
(v) मैग्नीशियम आयन तथा कार्बोनेट आयन।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 21

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 17.
निम्नलिखित यौगिकों के नाम लिखिए-
(i) HgCl
(ii) (NH4)2CO3
(iii) NaHCO3
(iv) CrPO4
(v) Sr(HCO3)2
(vi) PtBr4
(vii) ZnS
(viii) BaC2O4
(ix) Pb(NO3)2
(x) Fe2(SO4)3
(xi) CuSO3
(xii) PCI5
(xiii) (NH4)2Cr2O7
(xiv) Ni(NO3)2
उत्तर-
(i) मयूरस क्लोराइड
(ii) अमोनियम कार्बोनेट
(iii) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट
(iv) क्रोमियम फॉस्फेट
(v) स्ट्रॉन्शियम बाइकार्बोनेट
(vi) प्लेटिनम ब्रोमाइड
(vii) जिंक सल्फाइड
(viii) बेरियम आक्सेलेट
(ix) लैड नाइट्रेट
(x) फैरिक सल्फेट
(xi) कॉपर सल्फाइट
(xii) फास्फोरस पेंटाक्लोराइड
(xiii) अमोनियम डाइक्रोमेट
(xiv) निकल नाइट्रेट।

संख्यात्मक प्रश्न (Numerical Problems)

प्रश्न 1.
4 ग्राम हाइड्रोजन तथा 32 ग्राम ऑक्सीजन के रासायनिक संयोग से 36 ग्राम जल बना । ये रासायनिक संयोग के किस नियम की पुष्टि करता है ? कारण सहित बताइए।
हल :
रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारकों का कुल द्रव्यमान = 32 ग्राम + 4 ग्राम
= 36 ग्राम
उत्पाद का द्रव्यमान = 36 ग्राम
चूंकि अभिकारकों का कुल द्रव्यमान उत्पाद के द्रव्यमान के बराबर है अतः यह उदाहरण द्रव्य की अविनाशिता के नियम की पुष्टि करता है।

प्रश्न 2.
कार्बन तथा ऑक्सीजन संयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनाते हैं। वे 3 : 8 के अनुपात में संयोग करते हैं। 6.0g कार्बन के साथ पूर्ण अभिक्रिया करने के लिए कितनी ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ेगी। उत्पन्न हुई कार्बन डाइऑक्साइड गैस के द्रव्यमान का भी परिकलन कीजिए। इस प्रकार आपके उत्तर के लिए रासायनिक संयोजन का कौन-सा नियम लागू होता है ?
उत्तर-
कार्बन तथा ऑक्सीजन स्थिर अनुपात नियम के अनुसार परस्पर संयोग करते हैं।
कार्बन : ऑक्सीजन = 3 : 8
∴ 3g कार्बन जितनी ऑक्सीजन के साथ संयोग करता है = 8g
6g कार्बन जितनी ऑक्सीजन से संयोग करता है = \(\frac{8}{3}\) × 6 = 16g
कार्बन तथा ऑक्सीजन की कुल मात्रा 6 + 16 = 22g
∵ अभिकारकों की कुल मात्रा = उत्पादों की कुल मात्रा
∴ कार्बन डाइऑक्साइड की कुल मात्रा = 22g

प्रश्न 3.
170 ग्राम सिल्वर नाइट्रेट, सोडियम क्लोराइड से अभिक्रिया करके 143.5 ग्राम सिल्वर क्लोराइड तथा 85 ग्राम सोडियम नाइट्रेट देता है। सोडियम क्लोराइड का द्रव्यमान कितना होगा ?
हल :
प्रश्नानुसार,
सिल्वर नाइट्रेट का द्रव्यमान = 170
ग्राम सिल्वर क्लोराइड का द्रव्यमान = 143.5 ग्राम
सोडियम नाइट्रेट का द्रव्यमान = 85 ग्राम
मान लो, सोडियम क्लोराइड का द्रव्यमान = x ग्राम
द्रव्यमान संरक्षण के नियम के अनुसार,
अभिकारकों का कुल द्रव्यमान = उत्पादों का कुल द्रव्यमान
रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण :
NaCl + AgNO3 = AgCl + NaNO3
x + 170 = 143.5 + 85
x = (143.5 + 85 – 170)
= (228.5 – 170) ग्राम
= 58.5 ग्राम
इसलिए सोडियम क्लोराइड (NaCl) का द्रव्यमान = 58.5 ग्राम उत्तर

प्रश्न 4.
सिद्ध कीजिए कि निम्नलिखित आंकड़े स्थिर अनुपात के नियम की पुष्टि करते हैं। कॉपर मोनोऑक्साइड के दो नमूनों में कॉपर के द्रव्यमान निम्नलिखित हैं-
(i) 1.26 ग्राम कॉपर, 1.42 ग्राम कॉपर मोनो-ऑक्साइड में।
(ii) 1.008 ग्राम कॉपर, 1.136 ग्राम कॉपर मोनो-ऑक्साइड में।
(कॉपर का परमाणु द्रव्यमान = 63, ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान = 16)
हल : पहले नमूने में,
कॉपर मोनोऑक्साइड का द्रव्यमान = 1.42 ग्राम
कॉपर का द्रव्यमान = 1.26 ग्राम
∴ ऑक्सीजन का द्रव्यमान = (1.42 – 1.26) ग्राम = 0.16 ग्राम
अतः कॉपर तथा ऑक्सीजन के द्रव्यमान का अनुपात = 1.26 : 0.16
= 7.875 : 1
दूसरे नमूने में,
कॉपर मोनोऑक्साइड का द्रव्यमान = 1.136 ग्राम
कॉपर का द्रव्यमान = 1.008 ग्राम
ऑक्सीजन का द्रव्यमान = (1.136 – 1.008) ग्राम
= 0.128 ग्राम
अतः कॉपर तथा ऑक्सीजन का अनुपात = 0.008 ग्राम : 0.128 ग्राम
= 7.875 : 1
चूंकि इन दोनों नमूनों में कॉपर तथा ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात 7.875:1 है, इसलिए आँकड़ों से स्थिर अनुपात के नियम की पुष्टि होती है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 5.
एक प्रयोग में 2.4 ग्राम आयरन ऑक्साइड को हाइड्रोजन द्वारा पूर्णतया अपचयित करने पर 1.68 ग्राम आयरन प्राप्त होता है। दूसरे प्रयोग में 2.90 ग्राम आयरन ऑक्साइड अपचयित होने पर 2.03 ग्राम आयरन देता है। इन प्रयोगों के परिणामों से स्थिर अनुपात का नियम सिद्ध कीजिए।
हल :
पहले प्रयोग में,
आयरन ऑक्साइड का द्रव्यमान = 2.40 ग्राम ………………. (i)
आयरन का द्रव्यमान = 1.68 ग्राम ……………… (ii)
अतः संयुक्त ऑक्सीजन का द्रव्यमान = (i) … (ii)
= (2.40 – 1.68) ग्राम
= 0.72 ग्राम
अब आयरन एवं ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात = 1.68 : 0.72
= 7 : 3

दूसरे प्रयोग में,
आयरन ऑक्साइड का द्रव्यमान = 2.90 ग्राम ……………….. (iii)
आयरन का द्रव्यमान = 2.03 ग्राम …………….. (iv)
अतः संयुक्त ऑक्सीजन का द्रव्यमान = (iii) … (iv)
= (2.90 – 2.03) ग्राम
= 0.87 ग्राम आयरन एवं ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात = 2.03 : 0.87
= 7 : 3
चूँकि दोनों प्रयोगों में आयरन तथा ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात 7 : 3 है, इसलिए इससे स्थिर अनुपात के नियम की पुष्टि होती है।

प्रश्न 6.
कितने अणु विद्यमान होंगे ?
(a) 9g जल
(b) 17 g अमोनिया।
हल :
(a) जल (H2O) का आण्विक द्रव्यमान = 2 × H + 1 × O
= 2 × 1 + 16 × 1
= 18 a.m.u.
जल का 1 मोल = 18 g
= 6.022 × 1023 अणु
अर्थात् जल के 18 g में अणुओं की संख्या = 6.022 × 1023 अणु
जल के 9 g में अणुओं की संख्या = \(\frac{6.022 \times 10^{23} \times 9}{18}\)
= 3.011 × 1023 अणु

(b) NH3 का मोलर द्रव्यमान = 14 + 3 × 1 = 17 g /mol
NH3 की मोल संख्या = \(\frac{17 \mathrm{~g}}{17 \mathrm{~g} \mathrm{~mol}^{-1}}\) = 1 mol

प्रश्न 7.
17 ग्राम H2O2 में मोलों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल :
H2O2 का आण्विक द्रव्यमान = 1 × 2 + 16 × 2
= 34 a.m.u.
17 g H2O2 में मोलों की संख्या = \(\frac{1 \times 17}{34}\)
= \(\frac{1}{2}\) = 10.5 मोल

प्रश्न 8.
निम्नलिखित के आण्विक द्रव्यमान का परिकलन कीजिए।
(i) PCl5
(ii) NH3
(iii) CH2 Cl2
(iv) H2O2
(v) S8.
हल :
(i) PCl5 का आण्विक द्रव्यमान = 31 + 5 × 35.5
= 31 + 177.5
= 208.5 u

(ii) NH3 का आण्विक द्रव्यमान = 14 + 1 × 3
= 14 +3
= 17 u

(iii) CH2 Cl2 का आण्विक द्रव्यमान = 12 + 1 × 2 + 2 × 35.5
= 12 + 2 + 71
= 85u

(iv) H2O2 का आण्विक द्रव्यमान = 1 × 2 + 16 × 2
= 2 + 32
= 34u

(v) S8 का आण्विक द्रव्यमान = 32 × 8
= 256 u

प्रश्न 9.
निम्न यौगिकों के सूत्र इकाई द्रव्यमान का परिकलन कीजिए-
(i) MgO
(ii) CaCl2
(iii) CaCO3
(iv) AlCl3
हल :
(i) Mgo का सूत्र इकाई द्रव्यमान = 24 + 16
= 40g
= 40 u

(ii) CaCl2 का सूत्र इकाई द्रव्यमान = 40 + 2 × 35.5
= 40 + 71.0
= 111.0g
= 111 u

(iii) CaCO3 का सूत्र इकाई द्रव्यमान = 40 + 12 + 16 × 3
= 40+ 12 + 48
= 100g
= 100 u

(iv) AlCl3 का सूत्र इकाई द्रव्यमान = 27 + 3 × 35.5
= 27 + 106.5
= 133.5 g
= 133.5 u

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 10.
सोडियम कार्बोनेट (Na2 CO3.10H2O) एक औद्योगिक रासायनिक पदार्थ है। इसका सूत्र द्रव्यपान (Formula Mass) ज्ञात करो।
हल :
Na2 CO3.10H2O का सूत्र द्रव्यमान (Formula Mass)
= 23 × 2 + 12 + 3 × 16 + 10 (1 × 2 + 16)
= 46 + 12 + 48 + 10 (18)
= (46 + 12 + 48 + 180) g
= 286 g

प्रश्न 11.
निम्नलिखित पदार्थों के मोलर द्रव्यमान (Molar Mass) का परिकलन करो-
(a) इथाइन, C2H2
(b) सल्फर अणु, S8
(c) फॉस्फोरस अणु, P4
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, HCl
(e) नाइटिक अम्ल, HNO3
हल :
(a) C2H2 का मोलर द्रव्यमान (Molar Mass) = 12 × 2 + 1 × 2
= 26 a.m.u.
= 26g

(b) S8 का मोलर द्रव्यमान (Molar Mass) = 32 × 8
= 256 a.m.u.
= 256 g

(c) P4 का मोलर द्रव्यमान (Molar Mass) = 31× 4
= 124 a.m.u.
= 124g

(d) HCl का मोलर द्रव्यमान (Molar Mass) = 1 + 35.5
= 36.5 a.m.u.
= 36.5g

(e) HNO3 का मोलर द्रव्यमान (Molar Mass) = 1 + 14 + 16 × 3
= 1 + 14 + 48
= 63 a.m.u.
= 63g

प्रश्न 12.
ग्लूकोस (C6H12O8) अणु का आण्विक द्रव्यमान परिकलित कीजिए।
हल :
ग्लूकोस (C6H12O8) का आण्विक द्रव्यमान = 6 (12) + 12 (1) + 6 (16)
= (72) + (12) + (96)
= 180u

प्रश्न 13.
प्राप्त कार्बनडाइऑक्साइड की मात्रा का परिकलन कीजिए। जब-
(i) 1 मोल कार्बन को हवा में जलाया जाता है, और ।
(ii) 1 मोल कार्बन को 16 ग्राम ऑक्सीजन में जलाया जाता है।
हल :
हवा में कार्बन को जलाने का रासायनिक समीकरण निम्नलिखित है-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 22

(i) जब 1 मोल कार्बन को वायु में जलाया जाता है-
1 मोल कार्बन जलकर CO2 उत्पन्न करेगा = 1 मोल = 44 ग्राम

(ii) जब 1 मोल कार्बन को 16 ग्राम ऑक्सीजन में जलाया जाता है-
1 मोल कार्बन के लिए, आवश्यक ऑक्सीजन = 32 ग्राम = 1 मोल
परन्तु ऑक्सीजन का उपलब्ध द्रव्यमान = 16 ग्राम = \(\frac{1}{2}\) मोल
अतः ऑक्सीजन सीमित मात्रा में है
∴ उत्पन्न हुई CO2 का द्रव्यमान = \(\frac{1}{2}\) मोल = 22 ग्राम

प्रश्न 14.
निम्नलिखित अणुओं के द्रव्यमान ज्ञात करो
(i) क्लोरीन (Cl2),
(ii) क्लोरोफॉर्म (CHCl3),
(iii) मीथेन (CH4),
(iv) जल (H2O),
(v) कार्बनडाइऑक्साइड (CO2)
जबकि C = 12, H = 1, Cl = 35.5, S = 32, O = 16.
हल :
(i) क्लोरीन (Cl2) का अणु द्रव्यमान = 2 × 35.5 = 71 g

(ii) क्लोरोफॉर्म (CHCl3) का अणु द्रव्यमान = 12 + 1 + 3 × 35.5 = 119.5 g

(iii) मीथेन (CH4) का अणु द्रव्यमान 12 + 4 × 1 = 16g

(iv) जल (H2O) का अणु द्रव्यमान = 2 × 1 + 16 = 18 g

(v) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का अणु द्रव्यमान = 12 + 2 × 16 = 44 g

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 15.
चाय में विद्यमान कैफ़ीन (C8H10N4O2) का अणु द्रव्यमान ज्ञात करो।
हल :
कैफ़ीन का अणु द्रव्यमान = 8 × 12 + 10 × 1 + 4 × 14 + 2 × 16
= 96 + 10 + 56 + 32
= 194 g

प्रश्न 16.
C-12 के एक अणु का द्रव्यमान 1.993 × 1023g है। एक a.m.u. का द्रव्यमान ज्ञात करो।
हल:
1a.m.u. = \(\frac{1}{12}\) कार्बन अणु का द्रव्यमान
कार्बन (C-12) अणु का द्रव्यमान = 1.993 × 10-23 g
1 a.m.u = \(\frac{1.993 \times 10^{-23} \mathrm{~g}}{12}\)
= 1.66 × 10-24
∴ 1 a.m.u. = 1.66 × 10-24g

प्रश्न 17.
0.0239 g क्लोरोफॉर्म (CHCl3) में मोल की संख्या ज्ञात करो, जबकि C = 12, Cl = 35.5, H = 1.
हल:
CHCl3 का मोलर द्रव्यमान = 12 + 1 + 3 × 35.5
= 119.5
अर्थात् 119.5g में विद्यमान अणु = 6.023 × 1023
1g में विद्यमान अणु = \(\frac{6.023 \times 10^{-23}}{119.5}\)
∴ 0.0239g में विद्यमान अण \(\frac{6.023 \times 10^{-23}}{119.5}\) × 0.0239
= 1.2046 × 1020

प्रश्न 18.
चांदी के एक अणु का द्रव्यमान 1.794 × 10-22g है। चांदी का आण्विक द्रव्यमान ज्ञात करो।
हल :
हम जानते हैं कि, किसी तत्व के 6.022 × 1023 अणुओं का द्रव्यमान
= ग्राम अणु द्रव्यमान
चांदी के 1 अणु का द्रव्यमान = 1.794 × 10-22 g (दिया है)
6.022 × 1023 चांदी के अणुओं का द्रव्यमान = 1.794 × 10-22 × 6.022 × 1023 g
= 108.05 g
अर्थात् चांदी का ग्राम अणु का द्रव्यमान = 108.05 g
चांदी का आण्विक द्रव्यमान = 108.05

प्रश्न 19.
नमक के एक कि० ग्रा० पैकेट का मूल्य 4 रुपये है। नमक का मोलर द्रव्यमान 58.5 है। इसका प्रति मोल (mol) मूल्य ज्ञात करो।
हल:
नमक का मोलर द्रव्यमान = 58.5
1 मोल नमक का द्रव्यमान = 58.5 g
1000 g नमक का मूल्य = 4 रुपये
1 ग्राम नमक का मूल्य = \(\frac{4}{1000}\)
∴ 58.5 ग्राम नमक का मूल्य = \(\frac{4}{1000}\) × 58.5
= 0.23 रुपये

प्रश्न 20.
नाइट्रोजन (N) का द्रव्यमान ज्ञात करो जिसमें अणुओं की उतनी ही संख्या विद्यमान है जितनी 4.4g CO, में है।
हल:
CO2 को मोलर द्रव्यमान = 1 × C + 2 × O
= 1 × 12 + 2 × 16
= 12 + 32
= 44g
44 g कार्बन डाइऑक्साइड में अणु = 6.022 × 1023
1 g कार्बन डाइऑक्साइड में अणुओं की संख्या = \(\frac{6.022 \times 10^{23}}{44}\)
4.4 g कार्बन डाइऑक्साइड में अणु = \(\frac{6.022 \times 10^{23}}{44}\) × 4.4
= 6.022 × 1022
नाइट्रोजन (N2) के अणु = 6.022 × 1022
N2 का मोलर द्रव्यमान = 28
6.022 × 1022 N2 का अणुओं का द्रव्यमान = 28 g
N2 के 6.022 × 1022 अणुओं का द्रव्यमान = \(\frac{28}{6.022 \times 10^{22}}\) × 6.022 × 1022
= 28 g

प्रश्न 21.
निम्नलिखित प्रत्येक में कणों की संख्या का परिकलन कीजिए :
(i) 4g सोडियम परमाणु
(ii) 8 g ऑक्सीजन अणु
(iii) 0.1 मोल कार्बन परमाणु
हल :
(i) PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 23
N = \(\frac{\mathrm{m}}{\mathrm{M}}\) × N0
N = \(\frac{46}{23}\) × 6.022 × 1023
N = 12.044 × 1023

(ii) PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 24
N = \(\frac{\mathrm{m}}{\mathrm{M}}\) × N0
∴ ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान = 16 u
ऑक्सीजन अणुओं का मोलर द्रव्यमान = 16 × 2 = 32 g
N = 32
= \(\frac{8}{32}\) × 6.022 × 1023
N = 1.5055 × 1023
= 1.51 × 1023

(iii) कणों (परमाणु) की संख्या = कण के मोलों की संख्या × आवोगाद्रो संख्या
N = n × N0
= 0.1 × 6.022 × 1023
= 6.022 × 1023

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 22.
ग्लूकोज (C6H12O6) की प्रतिशत संरचना ज्ञात कीजिए।
(C = 12, H = 1, 0 = 16)
हल :
ग्लकोज़ का आण्विक द्रव्यमान = 6 × 12 + 12 × 1 + 6 × 16
= 72 + 12 + 96
= 180g
% कार्बन = \(\frac{72}{180}\) × 100 = 40
% हाइड्रोजन = \(\frac{12}{180}\) × 100 = 6.66
% ऑक्सीजन = \(\frac{96}{180}\) × 100 = 53.33

प्रश्न 23.
निम्नलिखित का ग्रामों में द्रव्यमान ज्ञात करो।
(i) 1 मोल सल्फ्यूरिक एसिड (H2SO4)
(2) 0.5 मोल ऐलूमिनियम सल्फेट [Al2(SO4)3]
(1) 0.03 मोल अमोनिया (NH3)
(iv) 0.7 मोल हाइड्रोजन क्लोराइड (HCl)
(v) 10 मोल सोडियम सल्फाइट (Na2SO3)
(vi) 0.5 मोल नाइट्रोजन गैस (N2)
हल :
(i) 1 मोल H2SO4 का द्रव्यमान = 2 + 32 + 64
= 98 g = आण्विक पुंज

(ii) 1 मोल Al2(SO4)3 का द्रव्यमान = 2 × 27 + 3 × (32 + 64)
= 342 g = आण्विक पुंज
∴ 0.5 मोल Al2(SO4)3 का द्रव्यमान = \(\frac{34 \times 5}{10}\)
= 171 g

(iii) 1 मोल NH3 का द्रव्यमान = 14 + 3 = 17g
∴ 0.05 मोल NH3 का द्रव्यमान
= 17 × 0.05
= 0.85g

(iv) 1 मोल HCl का द्रव्यमान = 1 + 35.5
= 36.5g
∴ 0.7 मोल HCl का द्रव्यमान
= 36.5 × 0.7
= 25.55 g

(v) 1 मोल Na2SO3 का द्रव्यमान = 2 × 23 + 1 × 32 + 16 × 3
= 126 u = 126 g
∴ 10 मोल Na2SO3 का द्रव्यमान = 126 × 10
= 1260g

(vi) 1 मोल नाइट्रोजन गैस (N2) का द्रव्यमान = 2 × 14
= 28g
∴ 0.5 मोल नाइट्रोजन गैस (N2) का द्रव्यमान = 28 × 0.5
= 14g

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
भारतीय दार्शनिकों ने पदार्थ की विभाज्यता के विषय में पहली बार कब विचार किया ?
उत्तर-
लगभग 500 ई० पूर्व।

प्रश्न 2.
महर्षि कणाद ने पदार्थ के विभाजन के बारे में क्या प्रतिपादित किया था ?
उत्तर-
पदार्थ का सूक्ष्मतम कण अविभाज्य रहेगा।

प्रश्न 3.
महर्षि कणाद ने अविभाज्य सूक्ष्मतम कण को क्या नाम दिया था ?
उत्तर-
परमाणु।

प्रश्न 4.
किन दो ग्रीक दार्शनिकों ने सूक्ष्मतम कण को अविभाज्य कण माना था ?
उत्तर-
डेमोक्रिटस और लियुसपिस ने।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 5.
यौगिक जल में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात सदैव क्या होता है ?
उत्तर-
1 : 8.

प्रश्न 6.
अमोनिया (NHT) में नाइट्रोजन और हाइड्रोजन के द्रव्यमानों का अनुपात क्या होता है ?
उत्तर-
14 : 3.

प्रश्न 7.
प्राउस्ट ने निश्चित अनुपात के नियम के अंतर्गत क्या कहा था ?
उत्तर-
दो या दो से अधिक तत्वों द्वारा निर्मित यौगिक में इन दो तत्वों का अनुपात सदैव निश्चित रहता है।

प्रश्न 8.
जॉन डाल्टन ने परमाणु सिद्धांत कब प्रस्तुत किया था ?
उत्तर-
सन् 1808 में।

प्रश्न 9.
द्रव्यों की प्रकृति के बारे में आधारभूत सिद्धांत किसने प्रस्तुत किया था ?
उत्तर-
जॉन डाल्टन ने।

प्रश्न 10.
परमाणु के अर्धव्यास को किस इकाई में मापा जाता है ?
उत्तर-
नेनोमीटर (nm) में।

प्रश्न 11.
नेनोमीटर और मीटर में परस्पर क्या संबंध है ?
उत्तर-
1 nm = 10-9m.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 12.
हमारे इर्द-गिर्द की वस्तुएं किस से मिलकर बनी हैं ?
उत्तर-
परमाणुओं से।

प्रश्न 13.
सबसे पहले तत्वों के लिए प्रतीकों का प्रयोग किस वैज्ञानिक ने किया था ?
उत्तर-
जॉन डाल्टन ने।

प्रश्न 14.
बर्जीलियस के प्रतीकों में क्या विशेषता थी ?
उत्तर-
उनमें तत्वों के नाम को एक या दो अक्षरों से प्रदर्शित किया जाता था।

प्रश्न 15.
विभिन्न परमाणु द्रव्यमानों की इकाइयाँ पहले किस आधार पर ली जाती थीं ?
उत्तर-
ऑक्सीजन परमाणु के परमाणु द्रव्यमानों का \(\frac {1}{16}\) वां भाग के आधार पर।

प्रश्न 16.
परमाणु द्रव्यमानों को ज्ञात करने के लिए परमाणु द्रव्यमान इकाई कार्बन-12 समस्थानिक मानक के रूप में सार्वभौमिक रूप से कब स्वीकार की गई ?
उत्तर-
1961 में।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 17.
आजकल परमाणु द्रव्यमान ज्ञात करने के लिए कौन-सी इकाई उपयोग में लायी जाती है ?
उत्तर-
C-12 समस्थानिक के परमाणु द्रव्यमान के \(\frac {1}{12}\) वें भाग को मानक परमाणु द्रव्यमान इकाई के रूप में उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 18.
किसी तत्व या यौगिक का सूक्ष्मतम कण क्या है जो स्वतंत्र रूप से विचर सकता है ?
उत्तर-
अणु।

प्रश्न 19.
किसी तत्व के एक समान परमाणुओं से क्या बनता है ?
उत्तर-
अणु।

प्रश्न 20.
ऑक्सीजन के अणु में कितने परमाणु उपस्थित होते हैं ?
उत्तर-
दो परमाणु । इसलिए इसे द्विपरमाणुक कहते हैं।

प्रश्न 21.
द्विपरमाणुक अणु के चार उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. हाइड्रोजन
  2. ऑक्सीजन
  3. नाइट्रोजन
  4. क्लोरीन।

प्रश्न 22.
चतुर्परमाणुक अणु का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
फास्फोरस (P4)।

प्रश्न 23.
अष्टपरमाणुक या (बहुपरमाणुक) अणु की एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
सल्फर (S8)।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 24.
जब ऑक्सीजन के तीन परमाणु परस्पर संयोग करते हैं तो क्या प्राप्त होता है ?
उत्तर-
ओज़ोन (O3)।

प्रश्न 25.
किस तत्व के अणुओं की सरल संरचना नहीं होती ?
उत्तर-
कार्बन।

प्रश्न 26.
कार्बन डाइऑक्साइड में कार्बन और ऑक्सीजन के अणुओं का द्रव्यमान अनुपात लिखो।
उत्तर-
3 : 8.

प्रश्न 27.
जल अणु में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के परमाणुओं की संख्या का क्या अनुपात है ?
उत्तर-
H : 0 = 2 : 1

प्रश्न 28.
आयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
आयन – आवेशित कणों को आयन कहते हैं।

प्रश्न 29.
धनायन (Cation) किसे कहते हैं ?
उत्तर-
धन-आवेशित कणों को धन-आयन कहते हैं।

प्रश्न 30.
ऋणायन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ऋण आवेशित कणों को ऋणायन कहते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 31.
कैल्सियम ऑक्साइड के संघटक तत्वों का द्रव्यमान अनुपात लिखिए।
उत्तर-
कैल्सियम ऑक्साइड में कैल्सियम और ऑक्सीजन का अनुपात 5 : 2 है।

प्रश्न 32.
मैग्नीशियम सल्फाइड में मैग्नीशियम और सल्फर का द्रव्यमान अनुपात क्या है ?
उत्तर.-
3 : 4.

प्रश्न 33.
सोडियम क्लोराइड में सोडियम और कलोरीन का द्रव्यमान अनुपात लिखिए।
उत्तर-
सोडियम (Na) : क्लोरीन (Cl) = 23 : 35.5

प्रशन 34.
रालामनिक सूत्र किसे कहते हैं ?
उत्तर-
रावानिक नकिसी दौरिका उसके संघटक तत्वों के प्रतीकों तथा उनकी संखोजकता की सहायता से निरूपण, रासायनिक सूत्र कहलाता है।

प्रश्न 35.
संयोजकता किसे कहते हैं ?
उत्तर-
संयोजकता- किसी तत्व की संयोजन सामर्थ्य को उस तत्व की संयोजकता कहते हैं।

प्रश्न 36.
दवि-अंगी यौगिक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
दो भिन्न-भिन्न तत्वों से बने यौगिको को द्वि-अंगी यौगिक कहते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 37.
किसी पदार्थ का आण्विक द्रव्यमान क्या होता है ?
उत्तर-
आण्विक द्रव्यमान – किसी पदार्थ का आण्विक द्रव्यमान वह संख्या है जो यह प्रदर्शित करती है कि इस पदार्थ का एक अणु, कार्बन-12 समस्थानिक के एक परमाणु के बारहवें अंश से कितने गुना भारी है।

प्रश्न 38.
आण्विक द्रव्यमान किस इकाई से व्यक्त किया जाता है ?
उत्तर-
आण्विक द्रव्यमान को इकाई u (यूनीफाइड) द्वारा व्यक्त किया जाता है।

प्रश्न 39.
a.m.u. के नाम के लिए IUPAC का नया प्रस्ताव क्या है ?
उत्तर-
u (यूनीफाइड) है।

प्रश्न 40.
जल किन तत्वों के संयोग से बना हुआ है ?
उत्तर-
हाइड्रोडन तथा ऑक्सीजन तत्वों के संयोग से जल बना हुआ है।

प्रश्न 41.
मोल किसे कहते हैं ?
उत्तर-
मोल – किसी स्पीशीज़ (अणु, परमाणु अथवा कण) की वह संख्या है जो ग्रामों में उसके परमाणु या आण्विक द्रव्यमान के बराबर होती है।

प्रश्न 42.
आवोगाद्रो संख्या किसे कहते हैं ?
उत्तर-
आवोगाद्रो संख्या – किसी पदार्थ के 1 मोल में कणों की निश्चित संख्या होती है जिसका मान 6.022 × 1023 होता है को आवोगाद्रो संख्या कहते हैं। इसे N0 से व्यक्त किया जाता है।

प्रश्न 43.
आवोगाद्रो संख्या को किससे प्रदर्शित किया जाता है ?
उत्तर-
N0 से।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 44.
तत्व द्रव्यमान के किस अनुपात में संयोजन करके यौगिक बनाते हैं ?
उत्तर-
तत्व द्रव्यमान के स्थिर अनुपात में संयोग करके यौगिक बनाते हैं।

प्रश्न 45.
द्रव्यमान संरक्षण नियम को किस वैज्ञानिक ने प्रस्तुत किया था ?
उत्तर-
रूस के वैज्ञानिक लोमोनोसोव ने सन् 1756 में द्रव्यमान संरक्षण नियम प्रस्तुत किया था।

प्रश्न 46.
“स्थिर अनुपात नियम’ का प्रतिपादन किस वैज्ञानिक ने किया था ?
उत्तर-
फ्रांस के वैज्ञानिक प्राउस्ट ने सन् 1799 में।

प्रश्न 47.
a.m.u. क्या प्रदर्शित करता है ?
उत्तर-
परमाणु द्रव्यमान इकाई को।

प्रश्न 48.
कार्बन का कौन-सा समस्थानिक तत्व के सापेक्ष परमाणु द्रव्यमान को दर्शाने के लिए प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
कार्बन-12 समस्थानिक (आइसोटोप)।

प्रश्न 49.
अधिकांश तत्वों के परमाणु द्रव्यमान पूर्णांक नहीं होते हैं। यह किस तथ्य को दर्शाता है ?
उत्तर-
तत्वों के परमाणु द्रव्यमानों का पूर्णांक में न होना उस तत्व के समस्थानिकों का होना दर्शाता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 50.
मोलर द्रव्यमान क्या होता है ?
उत्तर-
मोलर द्रव्यमान-किसी पदार्थ के 1 मोल का ग्राम में व्यक्त किया गया द्रव्यमान उसका मोलर द्रव्यमान होता है।

प्रश्न 51.
मोल संकल्प के अनुरूप तत्व का ग्राम परमाणु द्रव्यमान परिभाषित करें।
उत्तर-
ग्राम परमाणु द्रव्यमान या एक ग्राम परमाणु किसी तत्व के 1 मोल (6.022 × 1023 परमाणुओं) का द्रव्यमान होता है जिसे ग्राम में प्रदर्शित किया जाता है।

प्रश्न 52.
किसी तत्व के एक ग्राम परमाणुओं में कितने परमाणु उपस्थित होते हैं ?
उत्तर-
6.022 × 1023 (आवोगाद्रो संख्या के बराबर)।

प्रश्न 53.
क्या सोडियम और कैल्शियम के एक ग्राम मोल में परमाणुओं की संख्या भिन्न-भिन्न होती है ?
उत्तर-
नहीं। इनमें परमाणुओं की संख्या एक समान होगी।

प्रश्न 54.
एक बड़े बर्तन में दो बीकर रखे गए हैं। एक बीकर में लैड नाइट्रेट तथा दूसरे बीकर में सोडियम सल्फेट का विलयन है। बर्तन को तोला गया तथा बाद में बर्तन में रखे दोनों विलयनों को परस्पर भली-भांति मिलाया जाता है। बर्तन को पुनः तोला गया। क्या द्रव्यमान परिवर्तित होता है अथवा नहीं तथा ऐसा किस नियम के अंतर्गत होता है ?
उत्तर-
द्रव्यमान परिवर्तित नहीं होता है। द्रव्यमान संरक्षण नियमानुसार रासायनिक अभिक्रिया से पूर्व तथा पश्चात् द्रव्यमान समान रहता है।

प्रश्न 55.
12 ग्राम मैग्नीशियम तथा 16 ग्राम ऑक्सीजन के संयोग से 28 ग्राम मैग्नीशियम ऑक्साइड प्राप्त होता है। इन आँकड़ों से रासायनिक संयोजन के किस नियम की पुष्टि होती है ?
उत्तर-
इन आँकड़ों से द्रव्यमान संरक्षण नियम की पुष्टि होती है।

प्रश्न 56.
क्या 1 मोल सोडियम तथा 1 मोल ऑक्सीजन का द्रव्यमान बराबर होगा ?
उत्तर-
नहीं, 1 मोल सोडियम (6.022 × 1023 परमाणु) का द्रव्यमान 23 ग्राम (परमाणु द्रव्यमान) तथा 1 मोल ऑक्सीजन (6.022 × 1023 अणु) का द्रव्यमान 32 ग्राम (अणु द्रव्यमान) होता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 57.
1 मोल किस संख्या को प्रदर्शित करता है ?
उत्तर-
6.022 × 1023.

प्रश्न 58.
34 ग्राम अमोनिया (NH3) में कितने मोल उपस्थित होते हैं ?
उत्तर-
2 मोल अमोनिया।

प्रश्न 59.
एक तत्व ‘2’ की संयोजकता 3 है। इस तत्व ‘Z’ के ऑक्साइड का सूत्र क्या होगा ?
उत्तर-
Z2O3.

प्रश्न 60.
कार्बन-12 के 0.012 kg में कितने परमाणु विद्यमान होते हैं ? इस स्थिराँक को क्या नाम दिया गया है ?
उत्तर-
6.022 × 1023 परमाणु। इस संख्या को आवोगाद्रो स्थिराँक कहते हैं।

प्रश्न 61.
Al3+ तथा SO42- आयनों से बनने वाले यौगिक का सूत्र क्या होगा ?
उत्तर-
Al2 (SO4)3 .

प्रश्न 62.
जल के 9g में कितने अणु उपस्थित होते हैं ?
उत्तर-
9g जल में कितने अणुओं की संख्या = \(\frac{1}{9}\) × 6.022 × 1023 = 3.011 × 1023अणु ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 63.
HNO3 का मोलर द्रव्यमान ज्ञात करो। परमाणु द्रव्यमान दिए गए हैं H = 1u, N = 14u, 0 = 16u.
उत्तर-
HNO3 का मोलर द्रव्यमान = 1u + 14u + 3 × 16u = 63u

प्रश्न 64.
क्लोरीन परमाणु में कितने संयोजकता इलैक्ट्रान उपस्थित होते हैं ?
उत्तर-
7.

प्रश्न 65.
बहुपरमाण्विक आयन क्या होते हैं ?
उत्तर-
बहुपरमाण्विक आयन-परमाणुओं का समूह-जिस पर नेट आवेश हो जैसे-NH31+

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
मिश्रण तथा यौगिक में भेद लिखें। उत्तर-मिश्रण तथा यौगिक में भेद (Differences between mixture and compound)-

मिश्रण (Mechanical Mixture) यौगिक (Chemical Compound)
(i) मिश्रण के अवयव किसी भी अनुपात में हो सकते हैं। (i) यौगिक के अवयव एक निश्चित अनुपात में होते हैं।
(ii) मिश्रण के गुण उसके अवयवों के गुणों के मध्यवर्ती होते हैं। (ii) यौगिक के गुण उसके अवयवों के गुणों से भिन्न होते हैं।
(iii) मिश्रण भौतिक परिवर्तन का परिणाम है। (iii) यौगिक रासायनिक परिवर्तन का परिणाम है।
(iv) मिश्रण के अवयव पास-पास पड़े हुए दिखाई देते हैं। (iv) यौगिक के अवयव पास-पास पड़े हुए दिखाई नहीं देते हैं।
(v) मिश्रण बनाते समय आयतन में परिवर्तन नहीं है। (v) यौगिक बनाते समय आयतन में परिवर्तन होता होता है।
(vi) मिश्रण बनाते समय ऊर्जा में परिवर्तन नहीं होता है। (vi) जब यौगिक बनाया जाता है, तो ऊर्जा में परिवर्तन होता है।
(vii) यह दो या दो से अधिक पदार्थों के मिलने से बनता है जो रासायनिक रूप से संयोग नहीं करते। (vii) यह दो या दो से अधिक तत्वों के रासायनिक संयोग से बनता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

प्रश्न 2.
तत्व और यौगिक में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
तत्व और यौगिक में अंतर-

तत्व (Element) यौगिक (Compound)
(i) तत्व को असमान गुण वाले दो या दो से अधिक सरल भागों में नहीं बांटा जा सकता है।

उदाहरण-ऑक्सीजन को भिन्न गुणों वाले सरल भागों में नहीं बांटा जा सकता है।

(i) यौगिक को असमान गुण वाले दो या दो से अधिक सरल भागों में अपघटित किया जा सकता है।

उदाहरण-पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में अपघटित किया जा सकता है।

(ii) तत्व के अणु में केवल एक तरह के परमाणु होते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 1

(ii) यौगिक के अणु में सदा दो या दो से अधिक तरह के परमाणु होते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 2

(iii) तत्व सभी शुद्ध और अशुद्ध पदार्थों के अवयव हो सकते हैं। (iii) यौगिक केवल अशुद्ध पदार्थों के अवयव हो सकते हैं।

प्रश्न 3.
क्रिस्टलीकरण किसे कहते हैं ? आप फिटकरी के रवे (क्रिस्टल) किस प्रकार प्राप्त करोगे ?
उत्तर-
क्रिस्टलीकरण – यह पृथक्करण की वह विधि है जिसके द्वारा किसी द्रव में विलेय अशुद्ध ठोस पदार्थ के विलयन से शुद्ध पदार्थ प्राप्त किया जाता है। शुद्ध पदार्थ प्राप्त करने के लिए गर्म द्रव में जितना भी अशुद्ध पदार्थ घुल सके, घोल लिया जाता है। इसके पश्चात् घोल में से अघुलनशील अशुद्ध पदार्थों को फिल्टर द्वारा छान लिया जाता है। अब संतृप्त गर्म घोल को ठंडा करने पर शुद्ध ठोस पदार्थ के क्रिस्टल प्राप्त हो जाते हैं।

फिटकरी के क्रिस्टल (रवे) बनाने की विधि – एक बीकर को लगभग आधा पानी से भरो। इसमें थोड़ासा फिटकरी का पाऊडर डाल कर घोल को गर्म करो। फिटकरी का पाऊडर तब तक डालते जाओ जब तक कि वह घोल घुल सके। गर्म घोल को गिलास में छान लो जैसे कि चित्र में दिखाया गया है। अब गिलास को ठंडा होने दीजिए।
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प्रश्न 4.
एक मिश्रण में से पानी तथा गंधक को कैसे अलग करोगे ?
उत्तर-
पानी तथा गंधक के मिश्रण को बीकर में लो। कीप स्टैंड में कीप को रखो। कीप के नीचे एक साफ़ बीकर रखो। फिल्टर पेपर की इस तरह तहें बनाओ ताकि एक तरफ तीन तथा एक तरफ एक तह हो।
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इसको कीप में रखो। मिश्रण को शीशे की छड़ से धीरे-धीरे कीप में डालो। द्रव या पानी नीचे धीरे-धीरे बीकर में आ जाएगा, जो गंधक से बिल्कुल स्वतंत्र होता है। इस द्रव को फिल्ट्रेट कहते हैं। ठोस गंधक फिल्टर पर शेष रह जाएगा।
फिल्टर पेपर को कीप से आराम से अलग करके गंधक को सुखा लिया जाता है।

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित का पृथक्करण कैसे करोगे ?
(i) सरसों के तेल से जल
(i) दूध से क्रीम।
उत्तर-
(i) जल तथा सरसों के तेल के मिश्रण में से अवयवों को पृथक करना – जल तथा सरसों का तेल भारी होने के कारण एकदूसरे में अघुलनशील हैं। इसलिए ये मिश्रण में अलग-अलग पर्ते बना लेते हैं। इन दोनों द्रवों का घनत्व अलग है। सरसों का तेल हल्का होने के कारण ऊपरी पर्त बनाता है परंतु जल निचली पर्त बनाता है। इस अमिश्रणीय द्रवों के मिश्रण को पृथक्कारी कीप में डाल लिया जाता है। कुछ समय के बाद कीप का स्टॉप कॉक खोल दिया जाता है जिससे जल निकल जाता है और शेष कीप में सरसों का तेल बच जाता है।
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(ii) दूध से क्रीम पृथक् करना – इसके लिए अपकेंद्रण विधि का प्रयोग किया जाता है। दूध को एक बंद मुंह वाले बर्तन में डालकर वृत्ताकार पथ पर क्षितिज तल में बड़ी तेज़ गति से घुमाया जाता है जिससे क्रीम हल्की होने के कारण दूध के ऊपर केंद्रीय अक्ष के आस-पास इकट्ठी होकर तैरती रहती है। इसे अलग कर लिया जाता है।

प्रश्न 6.
यौगिक किसे कहते हैं ? यौगिक की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-
यौगिक-जब दो या अधिक तत्व परस्पर एक निश्चित अनुपात में रासायनिक संयोग करते हैं, तब वे यौगिक बनाते हैं । किसी यौगिक को उन तत्वों से तोड़ा जा सकता है, जिनसे मिलकर वह बनता है। उदाहरण के लिए, जल का प्रत्येक अणु हाइड्रोजन के दो परमाणुओं तथा ऑक्सीजन के एक परमाणु से मिलकर बनता है। जल में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का अनुपात 2 : 1 होता है। जल एक यौगिक है। यह जल के अणुओं से बनता है। इसी प्रकार सोडियम और क्लोरीन के संयोग से सोडियम क्लोराइड बनता है, जिसे साधारण नमक के नाम से जाना जाता है। यौगिक के गुण, उसमें पाए जाने वाले तत्वों के गुणों से अलग होते हैं, जिनसे मिलकर यह बना है। एक अन्य यौगिक का उदाहरण चीनी है। चीनी का एक अणु कार्बन के 12 परमाणुओं; हाइड्रोजन के 22 परमाणुओं तथा ऑक्सीजन के 11 परमाणुओं से मिलकर बनता है। कार्बन डाइ-ऑक्साइड भी यौगिक है। कार्बन डाइऑक्साइड के प्रत्येक अणु में, कार्बन का एक परमाणु तथा ऑक्सीजन के दो परमाणु होते हैं । यौगिक के गुण उसके अवयव तत्वों से भिन्न होते हैं जैसे हाइड्रोजन जलती है, ऑक्सीजन जलने में सहायता करती है और ये दोनों गैसें हैं, परंतु इन दोनों के संयोग से बना यौगिक, पानी, एक द्रव है तथा यह आग को बुझा देता है।

यौगिक की विशेषताएँ-

  1. यौगिकों का सामांगी संगठन होता है।
  2. यौगिकों के निर्माण में भाग लेने वाले सभी तत्व एक-दूसरे से निश्चित अनुपात में संयुक्त रहते हैं।
  3. यौगिकों के गुण उनके अवयवी तत्वों के गुणों से भिन्न होते हैं।
  4. यौगिकों के अवयवी तत्वों को साधारण विधियों द्वारा अलग-अलग नहीं किया जा सकता है।
  5. यौगिकों के निर्माण या वियोजन में ऊष्मा के रूप में ऊर्जा निकलती है अथवा अवशोषित होती है।

प्रश्न 7.
उत्पत्ति के आधार पर यौगिक कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
उत्पत्ति के आधार पर यौगिकों को दो भागों में बाँटा गया है-

  • अकार्बनिक यौगिक (Inorganic Compound) – वे यौगिक जो पृथ्वी की पर्पटी से प्राप्त किए जाते हैं, उन्हें अकार्बनिक यौगिक कहते हैं; जैसे-कैल्शियम कार्बोनेट (मारबल), नमक, सोडियम नाइट्रेट और सोडियम कार्बोनेट आदि।
  • कार्बनिक यौगिक (Organic Compound) – वे यौगिक जिनको पौधे और जंतुओं से प्राप्त करते हैं, उन्हें कार्बनिक यौगिक कहते हैं; जैसे-शक्कर, एसीटिक एसिड, स्टार्च, तेल, वसा तथा प्रोटीन आदि इन सभी तत्वों में कार्बन आवश्यक अवयव है।

प्रश्न 8.
मिश्रण किसे कहते हैं? इनकी विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
मिश्रण – मिश्रण दो या अधिक तत्वों अथवा यौगिकों को किसी भी अनुपात में मिलाने से बनते हैं। मिश्रण में अवयव किसी भी अनुपात में उपस्थित होते हैं तथा मिश्रण में अवयव अपने गुणों को बनाए रखते हैं; जैसे-वायु मिश्रण है। इसमें नाइट्रोजन और ऑक्सीजन जैसे तत्व, कार्बन डाइऑक्साइड और जल-वाष्प जैसे यौगिक होते हैं। इसके अतिरिक्त वायु में अन्य गैसें तथा धूल के कण भी उपस्थित होते हैं।

मिश्रण की विशेषताएं-

  1. मिश्रण में विभिन्न अवयव किसी भी अनुपात में उपस्थित हो सकते हैं।
  2. मिश्रण के गुण उसके विभिन्न अवयवों के गुणों का अनुपात होता है।
  3. मिश्रण के विभिन्न अवयवों को आसानी से अलग किया जा सकता है।
  4. मिश्रण के निर्माण में ऊष्मा नहीं निकलती है।

प्रश्न 9.
मिश्रण कितने प्रकार के होते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
मिश्रण दो प्रकार के होते हैं-
(1) विषमांगी मिश्रण (Heterogeneous Mixtures)
(2) समांगी मिश्रण (Homogeneous Mixtures)

1. विषमांगी मिश्रण – वह मिश्रण जिसमें इसके अवयव एक समान रूप से बँटे नहीं होते हैं, असमांग मिश्रण कहलाता है। प्रकृति में पाए जाने वाले मिश्रण अधिकतर असमांग होते हैं । उदाहरण-सल्फर और पोटैशियम नाइट्रेट, मृदा सैंकड़ों यौगिक तथा तत्वों का मिश्रण है। इसकी संरचना एक स्थान से दूसरे स्थान पर परिवर्तित होती है। असमांग मिश्रण के विभिन्न अवयवों को हम अपनी आँखों से देख सकते हैं।

2. समांगी मिश्रण – वह मिश्रण जिसमें इसके अवयव एक समान बँटे होते हैं, समांग मिश्रण कहलाते हैं। जल में शक्कर का विलयन एक समांग मिश्रण है। वायु, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल-वाष्प का समांग मिश्रण है। समुद्री जल, लवण विलयन, शरबत, दूध, फलों का रस, आइसक्रीम, विलयन के रूप में दवाइयाँ, कैरोसीन आदि समांग मिश्रण के अन्य उदाहरण हैं।

मिश्रण का प्रकार उदाहरण
1. गैस में गैस वायु
2. द्रव में गैस सोडा वाटर, जल जिसमें ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड हैं।
3. द्रव में द्रव नींबू का रस तथा जल, जल तथा एल्कोहल।
4. द्रव में ठोस समुद्री जल, चीनी का जलीय विलयन।
5. ठोस में ठोस मसालों का मिश्रण, मिट्टी, मिश्र धातु।

आयरन तथा सल्फर तत्व हैं । चूर्ण के रूप में इन दोनों तत्वों को किसी भी अनुपात में मिलाने पर इनका मिश्रण बनता है, परंतु जब इन दोनों तत्वों के एक निश्चित अनुपात से बने मिश्रण को बहुत अधिक गर्म करते हैं, तब एक नया पदार्थ आयरन सल्फाइड बन जाता है। गर्म करने पर दो तत्व आयरन तथा सल्फर रासायनिक अभिक्रिया करके आयरन सल्फाइड यौगिक बनाते हैं। आयरन सल्फाइड यौगिक में आयरन तथा सल्फर का कोई गुण नहीं पाया जाता है, जबकि आयरन और सल्फर के मिश्रण में अपने अवयव आयरन और सल्फर दोनों के ही सभी गुण पाए जाते हैं।

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प्रश्न 10.
सिद्ध कीजिए कि वायु मिश्रण है, यौगिक नहीं।
उत्तर-
निम्नलिखित तथ्यों से यह सिद्ध होता है कि वायु एक मिश्रण है-

  • वायु बहुत-सी गैसों का मिश्रण है। इनमें से मुख्य नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल-वाष्य हैं, जो कि अपने व्यक्तिगत गुण रखती हैं।
  • वायु की संरचना स्थान-स्थान पर परिवर्तित होती है। औद्योगिक क्षेत्रों में कार्बन मोनो-ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, धुएँ के कण आदि अपेक्षाकृत अधिक होते हैं। इसी प्रकार अधिक ऊँचाइयों पर जैसे पर्वतों पर वायु में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। इस प्रकार वायु की संरचना विषमांग होती है।
  • जलने के दौरान केवल ऑक्सीजन प्रयुक्त होती है, अन्य गैसें नहीं।
  • वायु को बहुत कम ताप पर ठंडा करके ऑक्सीजन या नाइट्रोजन को पृथक् किया जा सकता है।

प्रश्न 11.
विलयन किसे कहते हैं ? इसके गुण धर्म लिखिए।
उत्तर-
विलयन-दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण विलयन कहलाता है। नींबू जल, सोडा जल आदि इस के उदाहरण हैं। प्रायः विलयन को ऐसे तरल पदार्थ के रूप में माना जाता है जिसमें ठोस, द्रव या गैस मिला हो पर ठोस विलयन मिश्र धातु और गैसीय विलयन वायु भी होती है। एक विलयन के कणों में समांगीकता होती है।

विलयन के गुण धर्म-

  1. यह एक समांगी मिश्रण है।
  2. इसके कण 1 nm (10-10 m) से भी छोटे होते हैं।
  3. इसके कणों को नंगी आँख से देखा नहीं जा सकता।
  4. ये टिंडल प्रभाव नहीं दिखाते।
  5. इसके कण नीचे नहीं बैठते।

प्रश्न 12.
वायु से विभिन्न गैसों को किस प्रकार प्राप्त किया जाता है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
वायु समांगी मिश्रण है जिसके विभिन्न घटकों को प्रभाजी आसवन से प्राप्त किया जा सकता है। पहले वायु पर दबाव बढ़ा कर उसे संपीडित किया जाता है और तापमान कम करके ठंडा किया जाता है। द्रवित वायु को प्रभाजी आसवन स्तंभ में धीरे-धीरे गर्म कर गैसों को भिन्न-भिन्न ऊँचाई पर प्राप्त कर लिया जाता है।
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प्रश्न 13.
धातुओं और अधातुओं के गुणों में अंतर लिखिए।
उत्तर-

धातुएं (Metals) अधातुएं (Non-Metals)
(1) धातुएँ सामान्य ताप पर ठोस होती हैं परंतु केवल पारा सामान्य ताप पर तरल अवस्था में होता है। (1) अधातुएँ सामान्य ताप पर तीनों अवस्थाओं में पाई जाती हैं। फॉस्फोरस और सल्फर ठोस रूप में, H2, O2, N2 गैसीय रूप में तथा ब्रोमीन तरल रूप में होती हैं।
(2) धातुएँ तन्य तथा आघातवर्ध्य होती हैं। (2) वे प्रायः भंगुर होती हैं।
(3) धातुएँ प्राय: चमकदार होती हैं अर्थात् उनमें धात्विक चमक होती है। (3) अधातुओं में धात्विक चमक नहीं होती। अपवाद-ग्रेफाइट, आयोडीन तथा हीरा।
(4) धातुएँ ऊष्मा तथा विद्युत् की सुचालक होती हैं। अपवाद-बिस्मथ। (4) सभी अधातुएं कुचालक हैं। अपवाद-ग्रेफाइट और गैस कार्बन।
(5) धातुओं के गलनांक तथा क्वथनांक बहुत अधिक होते हैं। (5) अधातुओं के गलनांक तथा क्वथनांक कम होते हैं।
(6) धातुएँ अधिकांशतः कठोर होती हैं अपवाद-सोडियम तथा पोटाशियम चाकू से काटी जा सकती है। (6) इनकी कठोरता भिन्न-भिन्न होती है। हीरा सब पदार्थों से कठोरतम है।
(7) धातुओं का आपेक्षित घनत्व अधिक होता है परंतु Na, K इसके अपवाद हैं। (7) अधातुओं का आपेक्षित ताप प्रायः कम होता है।
(8) धातुएँ अपारदर्शक होती हैं। (8) गैसीय अधातुएं पारदर्शक हैं।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
मिश्र धातुओं को मिश्रण क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
मिश्र धातुएं समांगी मिश्रण होती हैं। इन्हें भौतिक क्रिया से अवयवों में अलग-अलग नहीं किया जा सकता है। ये अपने घटकों के गुणों को प्रकट करते रहते हैं। पीतल, कांसा, स्टील आदि मिश्र धातु हैं।

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प्रश्न 2.
रंग वाले घटक (डाई) को नीले या काले रंग की स्याही से पृथक् करना।
उत्तर-
कार्य विधि – एक बीकर को जल से आधा भरो। बीकर के मुंह पर वाच-ग्लास रखकर उस पर कुछ बूंदें स्याही डालो। बीकर को गर्म करना आरंभ करो। वाच ग्लास से वाष्पीकरण होने लगेगा और वाच ग्लास पर डाई का अवशेष बच जाएगा। इससे सिद्ध होगा कि स्याही डाई का पानी में मिश्रण है।
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प्रश्न 3.
परख करना कि काली स्याही में डाई एक ही रंग की नहीं होती है।
उत्तर-
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कार्य विधि-फिल्टर पेपर की एक पतली परत लो। इसके निचले किनारे से 3 cm ऊपर पैंसिल से एक रेखा खींच लें। उस रेखा के बीच में पानी में घुलनशील
काली स्याही की एक बूंद रखें। इसे सूखने दें। फिल्टर पेपर को चित्रानुसार रखें और बिना हिलाए छोड़ दो। पानी फिल्टर पेपर पर ऊपर चढ़ने लगेगा। उस पर अलग-अलग रंग आ जाएंगे। इससे सिद्ध होता है कि काली स्याही अनेक रंगों की बनी होती है।

प्रश्न 4.
अपकेंद्रण यंत्र का प्रयोग कहाँ किया जाता है ? इस प्रक्रिया का सिद्धांत लिखिए।
उत्तर-
अपकेंद्रण यंत्र का प्रयोग प्रयोगशालाओं में रक्त और मूत्र की जाँच में किया जाता है। डेयरी और घर में क्रीम से मक्खन निकालने तथा वाशिंग मशीनों में इस का प्रयोग किया जाता है। जब कभी किसी द्रव में मौजूद ठोस कण इतने छोटे होते हैं कि ये छानक पत्र से बाहर चले आते हैं । इन कणों को पृथक् करने के लिये छानन विधि का प्रयोग नहीं किया जाता है। ऐसे मिश्रणों को अपकेंद्रण के द्वारा पृथक् किया जाता है। इस सिद्धांत के आधार पर जब मिश्रण को तेजी से घुमाया जाता है, तब भारी कण नीचे बैठ जाते हैं और हल्के कण ऊपर ही रुक जाते हैं।

प्रश्न 5.
क्रोमैटोग्राफ़ी क्या है ? इसका उपयोग किन क्षेत्रों में किया जाता है ?
उत्तर-
क्रोमैटोग्राफ़ी किसी मिश्रण से घटकों को पृथक करने की विधि है। इस विधि से रंगों को पृथक किया जाता है। इसका प्रयोग उन विलेय पदार्थों को पृथक् करने में होता है जो एक ही तरह के विलायक में घुले होते हैं। इस का उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाता है-

  1. डाई के रंगों को अलग करने में।
  2. रक्त से दवा को पृथक् करने में।
  3. प्राकृतिक रंगों से रंग को पृथक करने में।
  4. मूत्र से चीनी को पृथक् करने में।

प्रश्न 6.
किसी अशुद्ध नमूने में से शुद्ध CuSO4 प्राप्त करना।
उत्तर-
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कार्य-विधि – चीनी मिट्टी की एक प्याली । में थोड़ा अशुद्ध CuSO4 लो। इसे न्यूनतम मात्रा में लिए गए पानी में घोल लो। अशुद्धियों को छानकर प्याली को गर्म करो। प्याली में नीले रंग के क्रिस्टल दिखाई देंगे। ये सभी क्रिस्टल एक समान दिखाई देंगे। इन्हें छानकर अलग कर लो।
इस प्रकार CuSO4 के संतृप्त विलयन से शुद्ध CuSO4 को प्राप्त किया जा सकता है।

प्रश्न 7.
भौतिक और रासायनिक परिवर्तन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
भौतिक परिवर्तन – ये अस्थाई होते हैं जिनमें केवल भौतिक अवस्था में परिवर्तन होता है। इन परिवर्तनों में रासायनिक परिवर्तन नहीं होते और इन्हें मूल अवस्था में बदला जा सकता है। उदाहरण-पानी को भाप या बर्फ में बदलना, चीनी को पानी में घोलना।

रासायनिक परिवर्तन – ये स्थाई होते हैं जिनमें भौतिक परिवर्तन के साथ रासायनिक परिवर्तन भी होते हैं। इन्हें मूल अवस्था में नहीं लाया जा सकता। उदाहरण-लोहे को जंग लगना, मैग्नीशियम तार को ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलाना, मोमबत्ती का जलना।

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प्रश्न 8.
भौतिक और रासायनिक परिवर्तन में अंतर लिखिए।
उत्तर-
भौतिक और रासायनिक परिवर्तन में अंतर-

भौतिक परिवर्तन रासायनिक परिवर्तन
(1) यह अस्थायी परिवर्तन होता है। (1) यह स्थायी परिवर्तन होता है।
(2) इनमें केवल भौतिक अवस्था, रंग, घनत्व आदि गुणों में अंतर होता है। (2) इनमें नया रासायनिक पदार्थ बन जाता है।
(3) मूल पदार्थ की प्राप्ति सरलता से हो जाती है। (3) मूल पदार्थ की प्राप्ति सरलता से नहीं होती।
(4) रासायनिक गुणों में परिवर्तन नहीं होता। (4) रासायनिक गुणों में परिवर्तन होता है।
(5) पदार्थों के संघटन में परिवर्तन नहीं होता। (5) पदार्थों के संघटन में परिवर्तन होता है।
(6) उदाहरण-बर्फ पिघलना, जल में नमक का घुलना। (6) उदाहरण-जंग लगना, कागज़ का जलना।

प्रश्न 9.
मोमबत्ती के जलने पर भौतिक और रासायनिक परिवर्तन दोनों होते हैं। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
जब मोमबत्ती जलती है तो मोम पिघलती है। मोम का पिघलना भौतिक परिवर्तन है। जब मोमबत्ती वायु की उपस्थिति में जलती है तो जल वाष्प और CO2 गैस बनती है। जल वाष्पों और CO2 के गुण मोमबत्ती से भिन्न होते हैं, इसलिए यह रासायनिक परिवर्तन है।

प्रश्न 10.
तत्व किसे कहते हैं ? तत्वों की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
फ्रांस के रसायनज्ञ लैवाइज़र ने पहली बार प्रमाणित किया था कि द्रव्य का सरलतम रूप तत्व है। इसे दो या दो से अधिक भागों में भौतिक या रासायनिक विधि से नहीं बांटा जा सकता। यह एक ही प्रकार के परमाणुओं से मिल कर बना होता है। हर तत्व के परमाणु दूसरे तत्व से भिन्न होते हैं। तत्वों को धातु, अधातु और उपधातु में बांटा जाता है। सोना, चांदी, लोहा, तांबा आदि धातु हैं; हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, ब्रोमीन आदि अधातु हैं तथा आर्सेनिक, एंटीमनी, बिस्मथ आदि उपधातु हैं। तत्वों को इस विश्व की रचना का आधार माना जाता है। अब तक कुल 112 तत्वों की प्राप्ति हो चुकी है जिन में से 92 प्रकृति द्वारा प्रदत्त हैं तथा शेष 20 मानव-निर्मित हैं। तत्वों में धातुएं तथा अधातुएं सम्मिलित हैं-

धातुएं प्रायः दिए हुए निम्न गुणधर्मों में से सभी को या कुछ को प्रदर्शित करती हैं।

  1. ये चमकीली होती हैं।
  2. ये चाँदी जैसी सफ़ेद या सोने की तरह पीले रंग की होती हैं।
  3. ये ताप तथा विद्युत् की सुचालक होती हैं।
  4. ये तन्य होती हैं (और इनको तार के रूप में खींचा जा सकता है)।
  5. ये आघातवर्ध्य होती हैं। इनको पीटकर महीन चादरों में ढाला जा सकता है।
  6. ये प्रतिध्वनिपूर्ण होती हैं।

सोना, चाँदी, ताँबा, लोहा, सोडियम, पोटैशियम इत्यादि धातु के उदाहरण हैं। पारा धातु होते हुए भी कमरे के तापमान पर द्रव है।
अधातुएँ दिए गए निम्न गुणों में से प्रायः कुछ को या सभी को प्रदर्शित करती हैं :

  1. ये विभिन्न रंगों की होती हैं।
  2. ये ताप और विद्युत् की कुचालक होती हैं।
  3. ये चमकीली, प्रतिध्वनिपूर्ण और आघातवर्ध्य नहीं होती हैं।

प्रश्न 11.
द्रव की विभिन्न अवस्थाओं के आधार पर समांगी और विषमांगी मिश्रणों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

मिश्रण समांगी (Homogeneous) विषमांगी (Heterogeneous)
1. ठोस में ठोस पीतल, कांसा, गनमैटल आदि विभिन्न मिश्रधातु रेत कण + लोह चूर्ण, रेत + अमोनियम क्लोराइड
2. ठोस में द्रव पारे में सोना ×
3. ठोस में गैस पैलेडियम में हाइड्रोजन ×
4. द्रव में ठोस पानी में चीनी पानी में मिट्टी, पानी में चॉक
5. द्रव में द्रव इथाइल एल्कोहल में पानी पानी में तेल
6. द्रव में गैस पानी में कार्बन डाइऑक्साइड ×
7. गैस में गैस वायु ×

प्रश्न 12.
वायुमंडल में कुछ धात्विक कण जैसे कैडमियम, जिंक, पारा आदि कैसे निर्मक्त होते हैं ?
उत्तर-
वायुमंडल में कुछ धात्विक कण जैसे कैडमियम, जिंक, पारा आदि जिंक, तांबे, सीसे तथा स्टील के शोधन के दौरान निर्मुक्त होते हैं। ये कण पीड़कनाशियों, फॉस्फेट उर्वरकों, फंगसनाशियों तथा श्रृंगार प्रसाधनों के उत्पादन या उपयोग के दौरान भी निर्मुक्त होते रहते हैं।

प्रश्न 13.
विलेय, विलायक तथा विलयन की परिभाषाएं बताओ।
उत्तर-
कुछ पदार्थ द्रव में घुल जाते हैं जैसे चीनी पानी में घुल जाती है। अमोनियम क्लोराइड तथा कॉपर सल्फेट भी पानी में घुल जाते हैं। ठोस पदार्थों को, जो द्रव में घुल जाते हैं, विलेय कहलाते हैं। वे द्रव जिसमें ठोस पदार्थ घुल जाते हैं, विलायक कहलाते हैं। विलेय तथा विलायक के बने समांगी मिश्रण को विलयन कहते हैं। नमक तथा पानी के मिश्रण को विलयन कहते हैं, नमक विलेय तथा पानी विलायक कहलाता है।

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प्रश्न 14.
जलीय और अजलीय विलयन में अंतर दीजिए।
उत्तर-
जलीय विलयन – विभिन्न पदार्थों के जल में घोल कर बनाए गए विलयनों को जलीय विलयन कहते हैं। जलीय विलयन में विलायक जल होता है।

उदाहरण – नमक का जल में विलयन, कॉपर सल्फेट का जल में विलयन।

अजलीय विलयन – कुछ पदार्थ जल में नहीं घुलते परंतु कार्बनिक द्रवों में घुलकर विलयन बनाते हैं। ऐसे विलयन को अजलीय विलयन कहते हैं। इसमें विलायक प्रायः एल्कोहल, एसीटोन, टेट्राक्लोराइड कार्बन सल्फाइड तथा बेंजीन आदि होते हैं।

उदाहरण-एल्कोहल में आयोडीन का घोल, नैफ्थलीन का बेंजीन में घोल।

प्रश्न 15.
संतृप्त विलयन तथा असंतृप्त विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
संतृप्त विलयन – किसी विशेष ताप पर किसी विलयन में जब और अधिक विलेय न घुल सकें तो वह विलयन संतृप्त विलयन कहलाता है।

असंतृप्त विलयन – ऐसा घोल जिसमें किसी निश्चित ताप पर विलेय की मात्रा उस अधिकतम मात्रा से कम होती है तो उस ताप पर उसके द्वारा घोली जा सकती है, असंतृप्त विलयन कहलाता है। यदि कोई विलयन किसी निश्चित ताप पर संतृप्त हैं, ताप को बढ़ाने पर असंतृप्त हो जाता है।

प्रश्न 16.
वास्तविक विलयन (True solution) क्या होता है ? इसकी विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
वह विलयन जिसमें विलेय के कणों का आकार 10-8 सेमी० तक होता है। इसमें विलेय के कण विलायक के अणुओं के मध्य स्थानों में लुप्त हो जाते हैं। ऐसा विलयन समांगी मिश्रण होता है। इसमें विलेय कणों को परिक्षेपण कण तथा विलायक कणों को परिक्षेपण माध्यम कहते हैं। उदाहरण-नमक तथा चीनी के जलीय विलयन।

विशेषताएं-
(I) वास्तविक विलयन साफ़ और पारदर्शी होता है।
(II) यह समांगी मिश्रण होता है।
(III) इसके कणों का आकार 10-8 सेमी० तक होता है।
(IV) इसे स्थिर करने पर भी कण नीचे नहीं बैठते।
(V) यह प्रकाश का प्रकीर्णन (Scattering of light) नहीं करते।
(VI) इन्हें छान कर अलग नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 17.
निलंबन (Suspension) किसे कहते हैं ? इसकी विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
निलंबन- यह किसी विलेय और विलायक का विषमांगी मिश्रण होता है जिसमें विलेय के कणों का आकार 10-5 सेमी० से बड़ा होता है।
विशेषताएं-
(I) निलंबन विषमांगी मिश्रण होता है।
(II) इसमें मिले कणों को सरलता से सूक्ष्मदर्शी के द्वारा देखा जा सकता है।
(III) इसे फिल्टर पेण की सहायता से सरलतापूर्वक छाना जा सकता है।
(IV) निलंबन को कुछ देर स्थिर रखने पर कण द्रव से अलग हो कर नीचे बैठ जाते हैं।

प्रश्न 18.
कोलाइडी विलयन (Colloidal Solution) किसे कहते हैं ? इसकी विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
कोलाइड – यह एक विलयन है जिसमें विलेय के पदार्थ के कणों का आकार 10-7 सेमी० और 10-5 सेमी० के बीच होता है अर्थात् पदार्थ विलयन और निलंबन के बीच होता है । कोलाइडी विलयन को सॉल (Sols) भी कहते हैं। रक्त, टूथपेस्ट, साबुन का घोल, जेम, कोहरा आदि कोलाइडी विलयन के उदाहरण हैं।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 10
विशेषताएं-
(I) कोलाइडी विलयन समांगी प्रतीत होते हैं पर वास्तव में वे विषमांगी होते हैं।
(II) कोलाइडी कणों को फिल्टर पेपर से छान कर अलग नहीं किया जा सकता।
(III) कोलाइडी कण स्थिर अवस्था में रखे जाने पर भी तल पर नीचे नहीं बैठते।
(IV) कोलाइडी कण ब्राऊनी गति प्रकट करते हैं।
(V) कोलाइडी विलयन टिंडल प्रभाव दिखाते हैं।
चित्र-कोलाइडी कणों की ब्राऊनी गति
(VI) कोलाइडी कणों पर ऋण या घन आवेश होता है जिस कारण वैद्युत्-कण-संचालन का गुण प्रकट करते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

प्रश्न 19.
बताओ क्या होता है जब प्रकाश किरण पुंज कोलाइडी विलयन में से गुजरता है ?
उत्तर-
कोलाइडी विलयन में से जब तेज प्रकाश किरण पुंज को (साबुन के विलयन) अंधेरे कमरे में पड़ी बीकर में रख कर गुज़ारा जाता है तो इसका पथ प्रकाशित दिखाई देता है। प्रकाश का पथ इसलिए दिखाई देता है कि इसके कणों द्वारा प्रकाश प्रकीर्णन सब दिशाओं में होता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 11

यह प्रकीर्णन प्रकाश हमारी आंखों में प्रवेश करता है जिससे प्रकाश का पथ दिखाई देता है। इसे ‘टिंडल प्रभाव’ कहते हैं।

प्रश्न 20.
कुछ कोलाइडों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 12

प्रश्न 21.
कोलाइड तथा निलंबन में अंतर लिखो।
उत्तर-
कोलाइड और निलंबन में अंतर-

कोलाइड (Colloidal) निलंबन (Suspension)
(i) कोलाइड के कणों को सरलता से नहीं देखा जा सकता। (i) निलंबन के कणों को सरलता से देखा जा सकता है।
(ii) कोलाइड के कणों को छान करके अलग किया नहीं किया जा सकता है। (ii) निलंबन के कणों को छान करके अलग किया जा सकता है।
(iii) कोलाइड के कणों का माप 10-7 सें० मी० से 10-5 सें० मी० होता है। (iii) निलंबन के कणों का माप 10-5 से० मी० या इससे अधिक होता है।
(iv) कोलाइड को काफ़ी स्थान तक स्थिर रखने पर भी इनके कण नीचे नहीं बैठते। (iv) निलंबन को काफ़ी समय तक स्थिर रखने पर इसके कण नीचे बैठ जाते हैं।

प्रश्न 22.
एक विलयन के 320 g विलायक जल में 40 g साधारण नमक विलेय है। विलयन की सांद्रता का परिकलन करें।
हल :
विलेय पदार्थ (नमक) का द्रव्यमान = 40g
विलायक (जल) का द्रव्यमान = 320g
हम जानते हैं,
विलयन का द्रव्यमान = विलेय पदार्थ का द्रव्यमान + विलायक का द्रव्यमान
= 40 g + 320 g
= 360g
विलयन का द्रव्यमान प्रतिशत
= PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 13 × 100
= \(\frac{40}{360}\) × 100 = 11.1%

प्रश्न 23.
विलयन की सांद्रता को किस प्रकार प्रदर्शित किया जा सकता है ?
उत्तर-
विलायक की सांद्रता किसी विलायक में विलेय की आपेक्षिक मात्रा होती है। यदि विलेय की मात्रा विलायक की अपेक्षा कम हो तो इसे तनु विलयन कहते हैं और विलेय की मात्रा अधिक होने की अवस्था में उसे सांद्र विलयन कहते हैं। विलयन की सांद्रता को निम्नलिखित ढंग से प्रदर्शित किया जा सकता है-

(i) विलयन की शक्ति – इसके अंतर्गत एक लिटर विलयन में उपस्थित विलेय की ग्राम संख्या को जाना जाता है, इसीलिए इसे ग्राम/लिटर इकाई से प्रदर्शित किया जाता है।
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(ii) प्रतिशतता
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PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

प्रश्न 24.
निम्नलिखित शब्दों की परिभाषा बताओ-
1. आसवन
2. ऊर्ध्वपातन
3. अपकेंद्रण।
उत्तर-
1. आसवन – वह विधि जिसमें एक द्रव को उबाल कर वाष्पों में परिवर्तित किया जाता है और उन वाष्पों को ठंडा करके शुद्ध द्रव में संघनित किया जाता है, आसवन कहलाती है।

2. ऊर्ध्वपातन – वह विधि जिसमें कोई ठोस गर्म करने पर सीधे गैसीय अवस्था में बिना द्रवीय अवस्था में बदले परिवर्तित हो जाता है, ऊर्ध्वपातन कहलाती है।

3. अपकेंद्रण – इस विधि द्वारा किसी द्रव में निलंबित ठोस पदार्थ के कणों को पृथक किया जाता है। इसमें मिश्रण को वृत्ताकार पथ में क्षैतिज तल में तेज़ी से घुमाया जाता है।

प्रश्न 25.
चार ऐसी उदाहरण दीजिए जिसमें पानी में मिले अवयवों को अपकेंद्रण विधि से अलग किया जाता है।
उत्तर-
पानी से मिले अवयवों को अपकेंद्रण विधि द्वारा अलग करने के उदाहरण-

  1. रुधिर से रुधिर कोशिकाओं को अलग करना।
  2. पेशाब में मिले ठोस पदार्थों को अलग करना।
  3. चीनी की फैक्टरियों में गन्ने के रस से चीनी रवों को अलग करना।
  4. दूध से मक्खन को अलग करना।

प्रश्न 26.
जब हवा में कपूर की गोलियां रखी जाती हैं, तो वे कुछ देर बाद गायब क्यों हो जाती हैं ?
उत्तर-
कपूर ऊर्ध्वपातीय पदार्थ है। जब इनकी गोलियों को हवा में रखा जाता है, तो वे सीधे वाष्प में बदल जाती हैं। अत: कुछ समय बाद वे गायब हो जाती हैं।

प्रश्न 27.
दही से मक्खन को अलग करने के लिए, दही का मंथन क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
जब दही मथा जाता है तो मक्खन के कण अपकेंद्रीय बल द्वारा अलग हो जाते हैं। अब क्योंकि मक्खन के कण शेष कणों से हल्के होते हैं अतः वे लस्सी पर तैरते रहते हैं और आसानी से अलग किये जा सकते हैं। इसलिए दही का मक्खन दही से अलग करने के लिए मंथन किया जाता है।

प्रश्न 28.
तुम पानी से मूंगफली का तेल किस प्रकार पृथक् करोगे ?
उत्तर-
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मूंगफली के तेल तथा पानी को उनके मिश्रण से पृथक करना – मूंगफली का तेल तथा पानी अमिश्रणीय द्रव हैं। ये द्रव मिश्रण में अलग-अलग पर्ते बना लेते हैं, क्योंकि मूंगफली का तेल, पानी की अपेक्षा हल्का है। इस मिश्रण के अवयवों को पृथक्कारी कीप की सहायता से अलग किया जा सकता है। इस मिश्रण को पृथक्कारी कीप में डाला जाता है।

कुछ समय के पश्चात् मूंगफली का तेल ऊपरी पर्त तथा पानी निचली पर्त बना लेता है। अब पृथक्कारी कीप का स्टॉप कॉक खोल कर पानी अलग कर लिया जाता है जबकि मूंगफली का तेल कीप में रह जाता है।

प्रश्न 29.
दो घुलनशील पदार्थों के मिश्रण को कैसे पृथक् किया जा सकता है ? नमक के घोल में से शुद्ध पानी को कैसे अलग किया जाता है ?
उत्तर-
जिन पदार्थों के मिश्रण को विघटन हुए बिना उबाला जा सकता है और जिनके क्वथनांकों के मध्य अंतर अधिक होता है, उन्हें आसवन विधि से अलग-अलग किया जा सकता है। ऐसीटोन और जल के मिश्रण को आसवन विधि से अलग-अलग किया जा सकता है । एल्कोहल और जल के मिश्रण को भी इसी विधि से पृथक किया जा सकता है। नमक के घोल से शुद्ध पानी को प्राप्त करने के लिए हम आसवन विधि का प्रयोग करते हैं।

आसवन विधि – रिटार्ट में नमक का घोल लिया जाता है। रिटार्ट का मुंह ढक्कन से बंद कर दिया जाता है तथा इसकी गर्दन ठंडे पानी में रखी फ्लास्क में फिट की जाती है। एक गीला कपड़ा फ्लास्क के ऊपर रखा जाता है और इसका ध्यान रखा जाता है कि कपड़ा गीला रहे।
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रिटार्ट में पड़े घोल को अब गर्म किया जाता है। कुछ देर बाद पानी उबलना शुरू कर देता है तथा इस तरह बनी भाप फ्लास्क में से गुजरती है। फ्लास्क में भाप ठंडी होकर पानी के बुलबुलों में परिवर्तित हो जाती है जो फ्लास्क में एकत्रित हो जाती है। इस तरह एकत्रित पानी शुद्ध होता है।

प्रश्न 30.
नमक से कपूर को अलग करने की विधि का नाम बताओ।
उत्तर-
नमक तथा कपूर में से कपूर ऊर्ध्वपातीय पदार्थ है। इसलिए दिए गए मिश्रण में से दोनों अवयवों को ऊर्ध्वपातन विधि द्वारा अलग कर सकते हैं।

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प्रश्न 31.
आयोडीन तथा रेत को उनके मिश्रण से आप किस प्रकार पृथक करेंगे ?
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 18
आयोडीन एक ऐसा पदार्थ है जो गर्म करने पर ठोस अवस्था से गैसीय अवस्था में आ जाता है जबकि रेत यह गुण नहीं दर्शाता। अत: रेत तथा आयोडीन के मिश्रण में से उनको अलग करने के लिए ऊर्ध्वपातन की विधि उपयोग में लाई जाती है।

विधि – दिए गए मिश्रण को पार्सिलेन डिश में डालकर तिकोने स्टैंड पर रखो । अब कांच की कीप को चित्र की भांति पार्सिलेन डिश पर उल्टा करके रखो। कीप का मुंह रूई से बंद कर दीजिए। डिश को तब तक गर्म करिए जब तक कि मिश्रण में से धुआं निकलना न बंद हो जाए। अब गर्म करना बंद कर दें और उसे ठंडा होने दें। आप कीप की सतह पर पीले रंग का ठोस आयोडीन जमा हुआ देखेंगे जबकि पार्सिलेन डिश में केवल रेत बच जाएगा।

प्रश्न 32.
तुम्हें रेत, पानी तथा सरसों के तेल का मिश्रण दिया गया है। तुम मिश्रण के अवयवों को किस प्रकार अलग करोगे ?
उत्तर-
दिए गए मिश्रण को किसी बर्तन में डालकर कुछ समय के लिए छोड़ दें। आप देखेंगे कि रेत अघुलनशील तथा भारी होने के कारण बर्तन की तली में बैठ जाएगी। अब पानी तथा सरसों के तेल के अमिश्रणीय घोल को सावधानीपूर्वक किसी दूसरे बर्तन में उंडेल (अर्थात् निथार) लें। अब पानी तथा सरसों के तेल के अमिश्रणीय घोल को पृथक्कारी कीप में डाल लें। सरसों का तेल तथा पानी अलग-अलग परतें बना लेंगे। अब स्टॉप कॉक को खोल कर पानी तथा सरसों के तेल को पृथक् कर लें।

प्रश्न 33.
प्रभाजी आसवन विधि का प्रयोग किस अवस्था में किया जा सकता है ? चित्र बनाकर इस विधि को समझाइए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 19
जब दो या दो से अधिक घुलनशील द्रवों के क्वथनांक का अंतर 25 K से कम होता है, तो मिश्रण को प्रभाजी आसवन विधि से अलग किया जा सकता है। वायु की विभिन्न गैसों का पृथक्करण इसी विधि से किया जाता है। पेट्रोलियम उत्पादों से उनके विभिन्न उत्पादों को प्रभाजी आसवन विधि से प्राप्त किया जाता है।

प्रभाजी आसवन विधि का उपकरण साधारण आसवन विधि की तरह ही होता है। केवल आसवन फ़्लास्क और संघनक के बीच एक प्रभाजी स्तंभ का प्रयोग किया जाता है। साधारण प्रभाजी आसवन में एक नली का प्रयोग किया जाता है, जो शीशे के गुटकों से भरी होती है, जो वाष्प को ठंडा और संघनित होने के लिए सतह प्रदान करती है।

प्रश्न 34.
आसवन और प्रभाजी आसवन में अंतर लिखिए।
उत्तर-

आसवन प्रभाजी आसवन
1. मिश्रण को भिन्न-भिन्न ताप पर गर्म करने से अवयव प्राप्त होते हैं। 1. प्रभावी स्तंभ की अलग-अलग ऊँचाइयों से भिन्न-भिन्न प्रभाजी प्राप्त होते हैं।
2. मिश्रण को सबसे कम तापमान पर उबलने वाले अवयव के क्वथनांक पर गर्म किया जाता है। 2. मिश्रण को सबसे अधिक क्वथनांक वाले द्रव के क्वथनांक तक गर्म किया जाता है।
3. इस क्रिया से एक ही बार में शुद्ध अवयव प्राप्त नहीं होता है। 3. इस क्रिया से एक ही बार में शुद्ध अवयव प्राप्त हो जाता है।
4. मिश्रण को बार-बार भिन्न उबाल बिंदुओं तक गर्म करना पड़ता है। 4. मिश्रण को एक ही बार गर्म कर वाष्पित अवस्था में लाना पड़ता है।
5. मिश्रण में एक बार में केवल एक ही अवयव का वाष्पन होता है। 5. वाष्पित किए जाने वाले मिश्रण से एक साथ सभी अवयव वाष्पित होते हैं।
6. मिश्रण के वाष्पों को निकास नली से गुजार कर संघनित किया जाता है। 6. मिश्रण को गर्म करने के बाद वाष्पों को प्रभाजी स्तंभ तक भेजा जाता है।
7. जिन द्रवों के क्वथनांक में 25K से अधिक अंतर हो। उन्हीं के लिए आसवन विधि का प्रयोग किया जाता है। 7. 25 K से कम क्वथनांक के घुलनशील पदार्थों के मिश्रण के लिए ही इस विधि का उपयोग होता है।

प्रश्न 35.
संघटन के आधार पर पदार्थ का वर्गीकरण आरेख द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर-
संघटन के आधार पर पदार्थ का वर्गीकरण-
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प्रश्न 36.
पीने योग्य पानी को जल स्रोतों से प्राप्त करने के क्रमों का चित्र बनाइए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 21

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
शुद्ध पदार्थ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वह पदार्थ जिसमें विद्यमान सभी कण समान रासायनिक प्रकृति के हों, उसे शुद्ध पदार्थ कहते हैं ।

प्रश्न 2.
मिश्रण किस से बनता है ?
उत्तर-
मिश्रण एक या एक से अधिक शुद्ध तत्वों या यौगिकों के मिलने से बनता है।

प्रश्न 3.
जल में घुले नमक (NaCl) के मिश्रण को किस विधि से अवयवों में पृथक् कर सकते हैं ?
उत्तर-
आसवन विधि से।

प्रश्न 4.
समांगी मिश्रण के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
जल में नमक, जल में चीनी।

प्रश्न 5.
विषमांगी मिश्रण के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
नमक और लोहे की छीलन, नमक और गंधक।

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प्रश्न 6.
जल और तेल कैसा मिश्रण है-समांगी अथवा विषमांगी ?
उत्तर-
विषमांगी मिश्रण।

प्रश्न 7.
विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण है।

प्रश्न 8.
किसी ठोस विलयन का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
मिश्रधातु-पीतल, कांसा, बैल मेटल।

प्रश्न 9.
किसी गैसीय विलयन का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
वायु।

प्रश्न 10.
पीतल मिश्रधातु के कौन-कौन से अवयव हैं ?
उत्तर-
जिंक और कॉपर।

प्रश्न 11.
विलायक क्या है ?
उत्तर-
विलयन का वह घटक जिस की मात्रा दूसरे से अधिक होती है और जो दूसरे घटक को विलयन में मिलाता है उसे विलायक कहते हैं।

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प्रश्न 12.
विलयन क्या है ?
उत्तर-
विलयन का वह घटक जो कम मात्रा में होता है और विलायक में घुला होता है उसे विलय कहते हैं।

प्रश्न 13.
जल में चीनी के घोल में विलेय और विलायक के नाम लिखिए।
उत्तर-
चीनी विलेय और जल विलायक है।

प्रश्न 14.
टिंक्चर आयोडीन में विलेय और विलायक के नाम लिखिए।
उत्तर-
आयोडीन विलेय और एल्कोहल विलायक हैं।

प्रश्न 15.
वातयुक्त पेय (सोडा जल, कोक आदि) में विलेय और विलायक के नाम लिखिए।
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड गैस विलेय और जल विलायक हैं।

प्रश्न 16.
वायु किस प्रकार का विलयन है ?
उत्तर-
वायु गैस में गैस का विलयन है।

प्रश्न 17.
वायु में विलायक और विलेय का नाम लिखिए।
उत्तर-
नाइट्रोजन को वायु का विलायक और दूसरी गैसों को विलेय का नाम दिया जाता है।

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प्रश्न 18.
विलयन के क्षणों का आकार लिखिए।
उत्तर-
विलयन के कण व्यास में 1 nm (10-‘m) से भी छोटे होते हैं।

प्रश्न 19.
संतृप्त विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
किसी दिए हुए निश्चित तापमान पर यदि विलयन में विलेय पदार्थ नहीं घुलता है तो उसे संतृप्त विलयन कहते हैं।

प्रश्न 20.
असंतृप्त विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
यदि एक विलयन में विलेय पदार्थ की मात्रा संतृप्त से कम है तो इसे असंतृप्त कहते हैं।

प्रश्न 21.
विलयन की सांद्रता क्या है ?
उत्तर-
विलायक की मात्रा अथवा आयतन में घुले हुए विलेय की मात्रा को विलयन की सांद्रता कहते हैं।

प्रश्न 22.
निलंबन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
निलंबन वह विषमांगी घोल है जिसमें ठोस द्रव में परिक्षेपित हो जाता है। विलेय पदार्थ कण घुलते नहीं बल्कि माध्यम में समृष्टि में निलंबित रहता है।

प्रश्न 23.
निलंबन अस्थाई क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
निलंबन में छानन विधि से कणों को पृथक् किया जा सकता है इसलिए इसे अस्थाई माना जाता है।

प्रश्न 24.
निलंबित कण आँखों से क्यों देखे जा सकते हैं ?
उत्तर-
इस का आकार 100 nm (10-7m) से बड़ा होता है।

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प्रश्न 25.
टिंडल प्रभाव क्या है ?
उत्तर-
कोलाइडल कणों के छोटे आकार से प्रकाश की किरण का फैलना टिंडल प्रभाव कहलाता है।

प्रश्न 26.
दूध की कोलाइडल प्रकृति का कैसे पता चलता है ?
उत्तर-
दूध टिंडल प्रभाव दिखाता है।

प्रश्न 27.
कोलाइड के कणों का आकार लिखिए।
उत्तर-
1 nm से 100 nm के बीच।

प्रश्न 28.
कोलाइड किस विधि से मिश्रण से पृथक् किए जा सकते हैं ?
उत्तर-
अपकेंद्रीकरण तकनीक से।

प्रश्न 29.
छानन विधि का प्रयोग कहाँ नहीं किया जाता ?
उत्तर-
जब द्रव में विद्यमान ठोस कण इतने छोटे हों कि छानक पत्र से बाहर चले जाए।

प्रश्न 30.
मिश्रणों के अपकेंद्रण का सिद्धांत क्या है ?
उत्तर-
अपकेंद्रण विधि द्वारा भारी कण नीचे बैठ जाते हैं और हल्के कण ऊपर ही रह जाते हैं।

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प्रश्न 31.
अपकेंद्रण यंत्र प्रयोग कहाँ-कहाँ किया जाता है ?
उत्तर-
जाँच प्रयोगशाला में रक्त और मूत्र की जाँच, दूध से क्रीम और मक्खन प्राप्ति तथा वाशिंग मशीन में कपड़ों से जल निकालने के लिए।

प्रश्न 32.
दो अघुलनशील द्रवों के मिश्रण को किस सिद्धांत के आधार पर पृथक् करते हैं ?
उत्तर-
परस्पर न मिलने वाले द्रव अपने पनत्व के अनुसार पृथक्-पृथक् परतों में बंट जाते हैं।

प्रश्न 33.
नमक और अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण को किस विधि से पृथक् किया जा सकता है ?
उत्तर-
ऊर्ध्वपातन विधि से।

प्रश्न 34.
चार ऐसे ठोस पदार्थों के नाम लिखिए जिन का ऊर्ध्वपातन किया जा सकता है ?
उत्तर-
अमोनियम क्लोराइड, कपूर, नेपथालीन, एंथ्रासीन।

प्रश्न 35.
डाई कितने रंगों का मिश्रण होता है ?
उत्तर-
दो या दो से अधिक रंगों का मिश्रण।

प्रश्न 36.
क्रोमैटोग्राफ़ी किसे कहते हैं ?
उत्तर-
मिश्रण से रंगों के पृथक्कीकरण की विधि को क्रोमैटोग्राफ़ी कहते हैं।

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प्रश्न 37.
क्रोमैटोग्राफ़ी के क्या उपयोग हैं ?
उत्तर-
डाई में रंगों को पृथक् करने, प्राकृतिक रंगों से रंग को अलग करने, मूत्र से चीनी पृथक् करने तथा रक्त से दवा पृथक् करने के लिए।

प्रश्न 38.
आसवन विधि का प्रयोग मिश्रण के किन घटकों को पृथक् करने के लिए किया जाता है ?
उत्तर-
जिन घटकों के क्वथनांकों के बीच काफ़ी अंतर होता है।

प्रश्न 39.
प्रभाजी आसवन का प्रयोग कहाँ किया जाता है ?
उत्तर-
जब दो या दो से अधिक घुलनशील द्रवों के क्वथनांक का अंतर 25K से कम होता है।

प्रश्न 40.
दो उदाहरण लिखिए जहाँ प्रभाजी आसवन विधि का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
वायु से विभिन्न गैसों तथा पेट्रोलियम उत्पादों से उन के विभिन्न घटकों को पृथक करने के लिए।

प्रश्न 41.
साधारण प्रभाजी स्तंभ में शीशे के गुटके क्या कार्य करते हैं ?
उत्तर-
ये वाष्प को ठंडा और संघनित होने के लिए सतह प्रदान करते हैं।

प्रश्न 42.
वायु कैसा मिश्रण है ?
उत्तर-
समांगी मिश्रण।

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प्रश्न 43.
ऑक्सीजन का क्वथनांक कितना है ?
उत्तर-
183°C।

प्रश्न 44.
आर्गन का क्वथनांक क्या है ?
उत्तर-
186°C।

प्रश्न 45.
नाइट्रोजन का क्वथनांक क्या है ?
उत्तर-
196°C।

प्रश्न 46.
क्रिस्टलीकरण विधि का प्रयोग किस लिए किया जाता है ?
उत्तर-
ठोस पदार्थों को शुद्ध करने के लिए।

प्रश्न 47.
शुद्ध कॉपर सल्फेट को किस विधि से प्राप्त करेंगे ?
उत्तर-
क्रिस्टलीकरण विधि से।

प्रश्न 48.
समुद्र से प्राप्त नमक को शुद्ध रूप में किस विधि से प्राप्त करेंगे ?
उत्तर-
वाष्पीकरण तथा क्रिस्टलीकरण विधि से।

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प्रश्न 49.
क्रिस्टलीकरण विधि साधारण वाष्पीकरण से अच्छी क्यों है ?
उत्तर-
साधारण वाष्पीकरण में कुछ ठोस विघटित हो जाते या झुलस जाते हैं या कुछ अशुद्धियां रह जाती हैं।

प्रश्न 50.
फिटकरी को किस विधि से शुद्ध किया जाता है ?
उत्तर-
क्रिस्टलीकरण से।

प्रश्न 51.
रासायनिक परिवर्तन में क्या-क्या परिवर्तित होता है ?
उत्तर-
रासायनिक संघटन और रासायनिक गुणधर्मों में परिवर्तन होता है।

प्रश्न 52.
जलना किस प्रकार का परिवर्तन है ?
उत्तर-
रासायनिक परिवर्तन।

प्रश्न 53.
रासायनिक संघटन के आधार पर पदार्थ को किन भागों में बांटा जाता है ?
उत्तर-
तत्व और यौगिक।

प्रश्न 54.
फ्रांस के किस वैज्ञानिक ने तत्व के लिए माना था कि वह पदार्थ का मूल रूप है ?
उत्तर-
एंटोनी लॉरेंट लेवाज़िर ।

प्रश्न 55.
पदार्थ का मूल रूप क्या है ?
उत्तर-
तत्व।

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प्रश्न 56.
तत्व क्या है ?
उत्तर-
तत्व-यह पदार्थ का वह मूल रूप है जिसे रासायनिक प्रतिक्रिया से छोटे पदार्थों के टुकड़ों में नहीं बांटा जा सकता।

प्रश्न 57.
तत्वों को किन-किन भागों में बांटा जाता है ?
उत्तर-
धातु, अधातु और उपधातु ।

प्रश्न 58.
कौन-सी धातु कमरे के तापमान पर द्रव है ?
उत्तर-
पारा।

प्रश्न 59.
उपधातु किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जो धातु और अधातु के मध्यवर्ती गुणों को दर्शाते हैं उन्हें उपधातु कहते हैं।

प्रश्न 60.
उपधातु के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
बोरान, सिलिकन।

प्रश्न 61.
अधातुओं के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
हाइड्रोजन, आयोडीन, कॉर्बन, कोक, ब्रोमीन, क्लोरीन आदि।

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प्रश्न 62.
धातुओं के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
सोडियम, पोटाशियम, लोहा, तांबा, चांदी, सोना आदि।

प्रश्न 63.
ज्ञात तत्वों की संख्या कितनी हैं ?
उत्तर-
112 तत्व ।

प्रश्न 64.
प्राकृतिक तत्व कितने हैं ?
उत्तर-
92 तत्व ।

प्रश्न 65.
कितने तत्व कमरे के तापमान पर गैसें हैं ?
उत्तर-
ग्यारह (11) तत्व ।

प्रश्न 66.
मिश्रण को पृथक् करने की पांच विधियों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. फिल्टरन
  2. क्रिस्टलीकरण
  3. ऊर्ध्वपातन
  4. आसवन
  5. वाष्पन।

प्रश्न 67.
चीनी की फैक्टरी में चीनी के क्रिस्टलों को अलग करने के लिए कौन-सी विधि प्रयोग की जाती
उत्तर-
‘अपकेंद्रण’ विधि।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पदार्थ की विशेषताएं क्या हैं? पदार्थ की तीन अवस्थाओं के गुण संक्षेप में लिखिए।
उत्तर-

  1. पदार्थ स्थान घेरते हैं – वस्तु द्वारा घेरा हुआ स्थान आयतन कहलाता है। सभी वस्तुएं स्थान तो घेरती हैं, लेकिन समान रूप में नहीं घेरती हैं। कुछ वस्तुएं कम और कुछ वस्तुएं अधिक स्थान घेरती हैं; जैसे-एक पुस्तक, पैंसिल की अपेक्षा अधिक स्थान घेरती है।
  2. पदार्थ भार रखते हैं – सभी वस्तुओं में भार होता है, पर सभी में समान रूप से भार नहीं होता है। यह इस पर निर्भर करता है जो कि वस्तु में अणु कितनी दृढ़ता से व्यवस्थित हैं।

सभी पदार्थों को तीन अवस्थाओं में वर्गीकृत किया गया है-
ठोस (Solid) – ऐसे पदार्थ जिनकी आकृति और आयतन दोनों ही निश्चित होते हैं, ठोस कहलाते हैं; जैसे-पत्थर, लोहा आदि।
ठोस के गुण-

  1. ठोस का आयतन निश्चित होता है।
  2. ठोस की आकृति निश्चित होती है।
  3. से कटोर और दृढ़ होते हैं।
  4. ठोस बहते नहीं हैं। इनका ढेर लगाया जा सकता है।
  5. ठोसों को संपोड़ित नहीं किया जा सका है।
  6. ठोसों के अणुओं के मध्य अधिक आकर्षण बल पाया जाता है।
  7. ठोस में बहुत-से मुक्त पृष्ठ हो सकते हैं।

द्रव (Liquids ) – वह पदार्थ जिनका आयतन तो निश्चित होता है, परंतु आकृति निश्चित नहीं होती है तथा एक मुक्त पृष्ठ होता है, द्रव कहलाता है। उदाहरण-जल, दूध आदि।

  1. द्रव का आयतन निश्चित होता है।
  2. द्रव की आकृति निश्चित नहीं होती है। यह उसी बर्तन की आकृति ग्रहण कर लेता है जिसमें रखा जाता है।
  3. द्रव के रखने के लिए बर्तन की आवश्यकता होती है।
  4. द्रव इसका ऊपरी पृष्ठ खुला होता है।
  5. द्रव के अणुओं के मध्य लगने वाला आकर्षण बल, ठोसों की अपेक्षा कम होता है।

गैस (Gas) – वह पदार्थ जिसमें न तो आकृति और न ही आयतन निश्चित होता है, गैस कहलाता है। यह सरलता से संपीड़ित हो जाता है और इसका कोई मुक्त पृष्ठ नहीं होता है। उदाहरण-ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, भाप आदि।

गैसों के गुण-

  1. गैसों की आकृति निश्चित नहीं होती है। ये जिस बर्तन में रखी जाती हैं, उसी का आकार ग्रहण कर लेती हैं।
  2. गैसों का आयतन निश्चित नहीं होता है। ये उसी बर्तन का आयतन ग्रहण कर लेती हैं, जिसमें इनको रखा जाता
  3. गैस को संपीड़ित किया जा सकता है।
  4. गैस का मुक्त पृष्ठ नहीं होता है।
  5. गैस के अणुओं के बीच आकर्षण बल कम होता है।
  6. गैस सभी दिशाओं में बह सकती है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 2.
(क) प्रयोग द्वारा सिद्ध करें कि वाष्पन से ठंडक पैदा होती है।
(ख) वे उदाहरण दें जहाँ वाष्पन लाभदायक होता है।
उत्तर-
(क) प्रयोग – लकड़ी के टुकड़े पर थोड़ा-सा पानी छिड़क कर ईथर से भरे बीकर को ऊपर रख देते हैं। ईथर की वाष्पन दर बढ़ाने के लिए ईथर को फूंक मारते हैं जैसा कि चित्र में दिखाया गया है । पानी से वाष्पन की गुप्त ऊष्मा अवशोषित कर ली जाती है। यह ठंडा हो जाता है और अंत में जम जाता है तथा बर्फ बन जाता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ 1

(ख) वाष्पन द्वारा ठंडक पैदा करने के उदाहरण-

  1. गर्मियों में हम ज़मीन पर पानी छिड़कते हैं। सतह से पानी वाष्पित होता है और वाष्पन के लिए गुप्त ऊष्मा यह करने से अवशोषित करता है जिससे ज़मीन ठंडी हो जाती है।
  2. गर्मियों के मौसम में प्रयुक्त होने वाले वाटर कूलर (डैज़र्ट कूलर) इसी नियम पर आधारित हैं कि वाष्पन से ठंडक पैदा होती है। चटाइयों ( पंड) पर छिड़का जा रहा पानी वाष्पित होता है और ठंडक पैदा होती है।
  3. जब बाहर का ताप बहुत आंधक ने तो हमारे शरीर पर पसीना आता है। जैसे ही हमें पसीना आता है, वाष्पन क्रिया होती हैं और ठंडक महेंसूस होता है।
  4. नहाने के बाद हमारे शरीर पर स्थित पानी का वाष्पन होता है जिससे ठंडक महसूस होती है। यह ठंडक और अधिक महसूस होगी यदि हम पंखे के नीचे आ खड़े हों। पंखे की हवा वाष्पन की दर बढ़ाती है, अत: ठंडक बढ़ती है।
  5. चुसकी लेने से पहले चाय के गर्म कप में फूंक मारी जाती है जिससे वाष्पन में वृद्धि हो जाती है तथा ताप में कमी हो जाती है।
  6. गर्मियों में वृक्षों में नए पत्ते आ जाते हैं। इन पत्तों से पानी का वाष्पन काफ़ी तीव्रता से होता है। फलस्वरूप ये
  7. मिट्टी के बर्तनों या सुराहियों में पानी ठंडा रहता है। मिट्टी के बर्तनों की सतह पर बहुत बारीक लिद्र होते हैं। पानी इन छिद्रों में से बाहर रिसता रहता है और वाष्पित होता रहता है तथा सुराही के पानी से वाष्पन की गुप्त ऊष्णा अवशोषित कर लेता है।
  8. परिणामस्वरूप सुराही में पड़ा पानी ठंडा हो जाता है। (8) कई बार घड़े के गिर्द एक गोला कपड़ा रखा जाता है ताकि पानी की वाष्पन क्रिया तेज हो और यह शीघ्रता से ठंडा हो सके।
  9. गर्मियों में कुत्ते प्रायः अपनी जीभ बाहर निकाले रखते हैं ताकि उन्हें ठंडक महसूस हो। वे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उनकी चमड़ी से पसीना नहीं आता।
  10. जब नाखूनों की पॉलिश हटाने के लिए एसीटोन नामक द्रव को प्रयोग में लाते हैं तो नाखूनों के आस-पास त्वचा पर लगने से वह वहाँ से ऊष्मा को प्राप्त कर वाष्पीकृत हो जाती है जिससे ठंडक महसूस होती है।

प्रश्न 3.
क्वथन (Boiling) की परिभाषा दीजिए। यह वाष्यन से कैसे भिन्न है ?
उत्तर-
कवथन या उबाल क्रिया – जब द्रव का सतही दबाव वायुमंडलीय दबाव के बराबर हो जाता है तब द्रव अवस्था से वाष्प अवस्था में बदलने की क्रिया को उबाल क्रिया या क्वथन क्रिया कहते हैं।

पानी का क्वथनांक (Boiling point) – 100°C है। अशुद्धियाँ प्राय. क्वथनांक को कम कर देती हैं। द्रव की सतह पर दबाव में वृद्धि से उबाल दर्जे में वृद्धि होती है। यह दाब के कारण पानी (द्रव) के क्वथनांक में वृद्धि का सिद्धांत प्रेशर कुकर के निर्माण में प्रयुक्त होता है।

वाष्पन तथा क्वथन में अंतर-

क्वथन वाष्पन
(1) इस क्रिया के दौरान ताप बदलता है। (1) इस क्रिया के दौरान ताप पूर्णतया स्थिर रहता है।
(2) यह सभी तापों पर होता रहता है। (2) यह केवल क्वथनांक पर होता है।
(3) यह सतह पर होने वाली क्रिया है। (3) यह द्रव के सभी कणों पर होता है।
(4) यह एक शांत और धीमी क्रिया है। (4) यह तेज़ और एक ध्वनि उत्पन्न करने वाली क्रिया है।
(5) यह सतह के क्षेत्रफल, वायु, वेग आदि की वृद्धि से बढ़ जाती है। (5) यह इनके परिवर्तनों के होने पर स्थिर रहता है।
(6) इस क्रिया में बुलबुले नहीं बनते। (6) इस क्रिया में बुलबुले बनते हैं।
(7) इसमें ठंड उत्पन्न होती है। (7) इसमें ठंड उत्पन्न नहीं होती।

प्रश्न 4.
वाष्पीकरण को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पदार्थ के कण सदा गतिशील रहते हैं। निश्चित तापमान पर उसके कणों में गतिज ऊर्जा होती है। जिस कारण वाष्पीकरण होता रहता है पर निम्नलिखित कारकों से इसकी दर प्रभावित होती है-

  • सतह क्षेत्र बढ़ने से – वाष्पीकरण एक सतही प्रक्रिया है। जब सतह का क्षेत्र बढ़ा दिया जाता है तो वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है। इसलिए किसी गिलास में डाले गए गर्म दूध की अपेक्षा प्लेट में डाला गया गर्म दूध जल्दी ठंडा हो जाता है। गीले कपड़ों को सुखाने के लिए उन्हें धूप में फैलाया जाता है।
  • तापमान में वृद्धि – द्रव का तापमान जितना अधिक होगा उसका वाष्पीकरण भी उतना ही जल्दी होगा। इस से पदार्थ के कणों को पर्याप्त गतिज ऊर्जा प्राप्त होती है।
  • आर्द्रता में कमी – यदि वायु में नमी की मात्रा कम हो तो वाष्पीकरण शीघ्र होता है पर वायु में नमी होने के कारण वाष्पीकरण देर से होता है। वर्षा के दिनों में गीले कपड़ों को इसी कारण सूखने में देर लगती है।
  • हवा की गति में तीव्रता – तेज़ हवा में वाष्पीकरण शीघ्र होता है। हवा तेज़ होने के कारण जलवाष्प हवा के साथ उड़ जाते हैं जिस कारण आसपास के जल वाष्पों की मात्रा घट जाती है।
  • पदार्थ की प्रकृति – पेट्रोल, स्पिरिट आदि ऐसे द्रव हैं जिनकी प्रकृति अधिक तेजी से वाध्वीकृत होने की है।
  • दबाव में कमी – द्रवों पर दबाव कम होने से वाष्पीकरण की क्रिया अधिक तेजी से होती है।

प्रश्न 5.
ऊष्मा और तापमान में अंतर लिखिए।
उत्तर-
ऊष्मा और तापमान में अंतर-

ऊष्या नापमान
1. यह ऊर्जा का एक रूप है। 1. यह एक अवाया है। इससे ऊष्मा के बहने की दिशा का पता लता है।
2. इसमें गर्मी या सर्दी की संवेदना का अनुभव होता है। 2. वस्तु का गुणधर्म होने के कारण यह उभा के प्रवाह को निश्चित करता है।
3. इसे कैलोरी या किलो-कैलोरी में मापते हैं। इसका यांत्रिक मात्रक जूल (J) है। 3. इसे अंशो में मा५ है।
4. यह वस्तु में ऊर्जा की मात्रा है। 4. यह वस्तु का भौतिक है।
5. इसे कैलोरीमीटर से मापते हैं। 5. इसे तापमापी से मापत हैं।
6. यह वस्तु की संहति, प्रकृति और तापक्रम पर निर्भर करती है। 6. यह वस्तु की संहति, प्रकृति और तापक्रम पर निर्भर नहीं करता।
7. यह एक कारण है। 7. यह ऊष्मा का प्रभाव है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पदार्थ किसे कहते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
पदार्थ – हमारे दैनिक जीवन में प्रयोग में लायी जाने वाली अनेक प्रकार की नस्तुएं हैं। इसका रूप, सा, गुण, आकार, उपयोग आदि अलग-अलग होते हैं पर फिर भी हमारे लिए उपयोगा हैं। नमक का पानी में घोल और चीनी का पानी में घोल देखने में एक से प्रतीत होते हैं पर दोनों एक-दूपरे से भिन्न हैं : मेला, कुम भ पानी, हवा, पेसिल, पत्थर, दूध, माँस, दालें, अनाज आदि सभी पदार्थ हैं। पदार्थ वे वस्तुएँ हैं जो स्थान घरती हैं और रखती हैं इसलिए हमारे आस-पास की सभी वस्तुएँ पदार्थ की श्रेणी में रखी जाती हैं।

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प्रश्न 2.
पदार्थ का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर-
पदार्थ को अनेक प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है। आधुनिक काल में इसका वो करण प्रायः दो आधारों पर किया जाता है-
(I) भौतिक अवस्था के आधार पर : ठोस द्रव और गैस
(II) रासायनिक संरचना के आधार पर : तत्त्व, यौगिक और मिश्रण।

प्रश्न 3.
प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि पदार्थ कणों से बने होते हैं और कणों के बीच खाली स्थान होता
उत्तर-
प्रयोग – एक 100 ml का बीकर लो। इसे जल से लगभग आधा भर दो और जल के स्तर पर निशान लगा दो। अब इसमें कुछ नमक या चीनी डालो और जल के स्तर को देखो। यह कुल बह गया है। नमक या चीनी को छड़ की सहायता से अच्छी तरह हिलाओ। इसके घुल जाने के पश्चात् जल का तल फिर से कम हो जाएगा।

निष्कर्ष – इससे प्रमाणित होता है कि जल के अणुओं के बाच खाली स्थान होता है। हिलाने पर नमक या चीनी के अणु उन खाली स्थानों में चले गए और जल का स्तर कम हो गया। पदार्थ कणों से बनने के कारण ही नमक या चीनी पूरी तरह जल में घुल गई।
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प्रश्न 4.
प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि पदार्थ के कण अति सूक्ष्म होते हैं ।
उत्तर-
प्रयोग – पोटाशियम परमैंगनेट के दो या तीन क्रिस्टलों को 100 मि.ली० जल में घोल दें। इस घोल से परखनली में लगभग 10 मि०ली. घोल निकाल कर 90 मि०ली० साफ जल में मिला दें। फिर इस घोल से 10 मि०ली० निकाल कर उसे भी 90 मि०ली० साफ जल में मिला दें। इसी प्रकार इस घोल को 5 से 8 बार दोहराओ और घोल को तनु करते रहो । आप देखेंगे कि जल अब भी रंगीन रहेगा।

निष्कर्ष- इससे सिद्ध होता है कि पोटाशियम परमैंगनेट के केवल एक क्रिस्टल में अनेक सूक्ष्म कण होते हैं ।
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प्रश्न 5.
प्रयोग द्वारा ठोस, द्रव और गैसों पर दबाव का प्रभाव प्रदर्शित करना ।
उत्तर-
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प्रयोग – 100 ml की तीन सिरिंज लेकर उनके सिरों को चित्र के अनुसार बंद कर दो। सभी सिरिंजों के पिस्टन को हटा लें। पहली सिरिंज में हवा, दूसरी में जल और तीसरी में चॉक के टुकड़े भर दें। सिरिंज के पिस्टन की गतिशीलता आसान बनाने के लिए उस पर थोड़ी वैसलीन लगा दें और उसे वापस सिरिंज में लगाएं। अब पिस्टन को संपीडित करने का प्रयत्न करें।

पिस्टन वायु से भरी सिरिंज में आसानी से गति करता है पर पानी से भरी सिरिंज में पिस्टन बहुत थोड़ी गति करता है। चॉक के टुकड़ों पर संपीडन बिल्कुल नहीं होता।

निष्कर्ष – गैसें सबसे अधिक संपीड्य होती हैं। द्रवों को अधिक नहीं दबाया जा सकता पर ठोस पर दबाव का प्रभाव नहीं पड़ता। गैसें सबसे अधिक संपीड्य होती हैं।

प्रश्न 6.
पदार्थ का भौतिक अवस्था के आधार पर वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर-
विश्व की विभिन्न वस्तुओं को भौतिक आधार पर ठोस, तरल और गैस नामक तीन अवस्थाओं में वर्गीकृत किया जा सकता है।
ठोस – ठोस का निश्चित रूप और आकार होता है तथा इसका निश्चित घनफल होता है। प्रायः ये कठोर होते हैं और इन पर दबाव नहीं डाला जा सकता। उदाहरण-लकड़ी, पत्थर, चीनी, नमक।
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द्रव – तरल का निश्चित आकार नहीं होता पर निश्चित घनफल अवश्य होता है। ये उसी बर्तन का आकार ले लेते हैं जिसमें इन्हें डाला जाता है। इनमें बहने की प्रवृत्ति होती है। इसलिए इन्हें द्रव भी कहते हैं । उदाहरण पानी, दूध, तेल, एल्कोहल।

गैस – गैस का न तो निश्चित आकार होता है और न ही निश्चित घनफल। इस पर दबाव डाला जा सकता है। यह उस बर्तन में पूर्ण रूप से फैल कर उसी का रूप ले लेती है जिसमें इसे डाला जाता है। उदाहरण-ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, वायु, कार्बन डाइऑक्साइड।

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प्रश्न 7.
ठोस, द्रव और गैस की स्थिति अंतरा आण्विक बल के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
प्रत्येक पदार्थ अति छोटे कणों से बनता है। ये कण स्थिर न हो कर लगातार गतिशील रहते हैं। ऊष्मा ऊर्जा से इनकी गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। ये एक-दूसरे पर आकर्षण बल लगाते हैं जिसे अंतरा आण्विक बल कहते हैं । इनके आधार पर ठोस, द्रव, गैस की स्थिति की व्याख्या की जा सकती है।

ठोस – इनमें कण एक-दूसरे के बहुत निकट होते हैं और कणों के बीच बहुत कम रिक्त स्थान होता है । इनके बीच आकर्षण बल बहुत अधिक होता है और वे केवल घूर्णन गति कर सकते हैं । इसलिए उनका निश्चित आकार और घनफल होता है।
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द्रव – इनमें कण एक-दूसरे से दूर-दूर होते हैं और कणों के बीच पर्याप्त रिक्त स्थान होता है जिसके परिणामस्वरूप इनमें आकर्षण बल अपेक्षाकृत कमजोर होता है पर यह इतना कमजोर नहीं होता कि कण एक-दूसरे से अलग हो जाएं। इसीलिए द्रव पदार्थों का निश्चित आकार नहीं होता पर उनका निश्चित घनफल होता है। वे उस बर्तन का आकार ग्रहण कर लेते हैं जिसमें डाले जाते हैं।

गैस – गैसों में कणों की स्थिति बहुत ढीली होती है और उन के बीच रिक्त स्थान बहुत अधिक होते हैं। उन के बीच आकर्षण बल न के बराबर ही होता है और तीव्र वेग से सभी दिशाओं में इधर-उधर गति कर सकते हैं। इसीलिए गैस का न तो निश्चित आकार होता है और न ही निश्चित घनफल। इनके कणों में बड़े रिक्त स्थानों के कारण उन्हें दबाया जा सकता है और वे बर्तन की दीवारों पर दबाव डाल सकती हैं।

प्रश्न 8.
अवस्था परिवर्तन से आप क्या समझते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
तापमान और दबाव पर निर्भर कर कोई पदार्थ ठोस, तरल और गैस अवस्थाओं को प्राप्त कर सकता है जिसे अवस्था परिवर्तन कहते हैं। यदि किसी वस्तु का द्रवणांक सामान्य तापमान से अधिक हो तो वह ठोस कहलाती है और यदि उसका क्वथनांक सामान्य तापमान से अधिक हो तो वह द्रव कहलाती है। सामान्य दबाव पर यदि क्वथनांक कम हो तो उसे गैस कहते हैं। तापमान और दबाव में परिवर्तन से किसी पदार्थ को ठोस, तरल और गैस अवस्थाएं दी जा सकती
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ 7
हैं। बर्फ को गर्म करने से वह द्रव में और द्रव को गर्म करने से वाष्प में बदला जा सकता है। वाष्प को ठंडा करने से द्रव और द्रव को ठंडा करने से उसे ठोस में बदला जा सकता है।
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प्रश्न 9.
एक प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि तापमान के परिवर्तन से पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन होता
उत्तर-
प्रयोग – एक बीकर में लगभग 150 ग्राम बर्फ का टुकड़ा लें और उसे स्टैंड पर इस प्रकार रखें कि थर्मामीटर का बल्ब उसको स्पर्श करे। चित्रानुसार उपकरण को लगाएं। बीकर को धीमी आंच पर गर्म करें।
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जब बर्फ पिघलने लगे तो तापमान नोट करो। जब पूरी बर्फ जल में परिवर्तित हो जाए तो फिर तापमान नोट करो। जब जल उबलने लगे और भाप बनने लगे तब तापमान को नोट करो।

निष्कर्ष – बर्फ 0°C पर पिघलती है। जब सारी बर्फ पिघल कर पानी में बदल जाती है तब भी उसका तापमान 0°C होता है। जल की द्रव अवस्था से गैसीय अवस्था में परिवर्तन 100°C पर होता है।

प्रश्न 10.
पदार्थ की अवस्था पर ताप और दाब का क्या प्रभाव पड़ता है ? स्पष्ट करो।
उत्तर-
ताप और दाब का पदार्थ की अवस्था पर प्रभाव पड़ता है। जब किसी ठोस को गर्म किया जाता है तो उस के कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। वे तेजी से कंपन करते हैं और अधिक स्थान ग्रहण करते हैं और वे फैलने लगते हैं। एक निश्चित तापमान पर वे आकर्षण के बंधन से मुक्त हो स्वतंत्रतापूर्वक घूमने लगते हैं। तब उसके अणुओं की गति नहीं बढ़ती और उनका व्यवस्था और क्रम में परिवर्तन होने लगता है तब वे तरल अवस्था में बदल जाते हैं । तल को गर्म करने से अणुओं का वेग बढ़ जाता है। उनकी गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। तेज़ गति वाले अणुओं का सवेग जब उन पर भीतर की तरफ लग रहे बल से अधिक बढ़ जाता है तो वे वाष्प अवस्था में बदल जाते हैं और तरल की सतह से बाहर निकल आते हैं।

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प्रश्न 11.
जल और एल्कोहल के निश्चित आयतन को परस्पर मिलाने पर मिश्रण का आयतन प्रारंभ में लिए गए जल और एल्कोहल के योग से कम हो जाता है। क्यों ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
काँच की एक नली के आधे भाग में जल भरो। इस के शेष आधे भाग को एथिल एल्कोहल से भर दो। इसे अच्छी तरह से हिलाओ। नली में कुछ रिक्त स्थान दिखाई देगा। कुछ समय बाद इसे फिर देखो। मिश्रण का आयतन प्रारंभ में लिए गए जल और एल्कोहल के आयतन के योग से कुछ कम दिखाई देगा क्योंकि एल्कोहल के कण जल के अंतरा-अणुक अवकाश के मध्य समायोजित हो जाते हैं।

प्रश्न 12.
ठोस, द्रव तथा गैस में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
ठोस, द्रव तथा गैस में अंतर-
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प्रश्न 13.
शीतलन के लिए 0°C के पानी की अपेक्षा 0°C की बर्फ़ अधिक प्रभावी क्यों होती है ?
उत्तर-
0°C ताप की बर्फ °C के पानी की अपेक्षा ठंडा करने में अधिक प्रभावपूर्ण होती है क्योंकि वह 0°C के पानी में बदलने के लिए अपनी गलन की गुप्त ऊष्मा के बराबर ऊष्मा लेती है और फिर ताप वृद्धि के लिए ऊष्मा प्राप्त करती है जबकि 0°C तापमान का पानी केवल ताप में वृद्धि के लिए ही ऊष्मा को प्राप्त करता है।

प्रश्न 14.
दाँतों को आइसक्रीम बर्फ के जल की अपेक्षा अधिक ठंडी क्यों प्रतीत होती है ?
उत्तर-
आइसक्रीम को पिघलने के लिए गलन की गुप्त ऊष्मा की आवश्यकता होती है जो दाँतों से अवशोषित की जाती है। इस गुप्त ऊष्मा का मान अधिक होता है जिसके परिणामस्वरूप दाँतों को आइसक्रीम बर्फ के जल की अपेक्षा अधिक ठंडी प्रतीत होती है।

प्रश्न 15.
बर्फ गलन की गुप्त ऊष्मा क्या है ? इसका क्या अर्थ है ?
उत्तर-
बर्फ गलन की गुप्त ऊष्मा 3.34 × 105 J/kg (या 80 cal/g) है। इसका अर्थ यह है कि 0°C पर 1 kg बर्फ 3.34 × 105 जूल ऊष्मा अवशोषित करके 0°C पर 1 kg पानी में बदलती है या 1 kg पानी 0°C पर 3.34 × 105 जूल ऊष्मा विसर्जित करके 0°C पर बर्फ में बदल जाता है।

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प्रश्न 16.
भाप के वाष्पन की गुप्त ऊष्मा क्या है ? इसका क्या अर्थ है ?
उत्तर-
भाप के वाष्पन की गुप्त ऊष्मा 22.5 × 105 J/kg (या 540 cal/g) है। इसका अर्थ यह है कि 100° पर 1kg पानी 22.5 × 105 जूल ऊष्मा अवशोषित करके 100°C ताप वाली भाप में बदल जाता है या 100°C पर 1 kg भाप 22.5 × 105 जूल ऊष्मा विसर्जित करके 100°C ताप वाले पानी में बदल जाती है।

प्रश्न 17.
उबलते पानी और उसी ताप की भाप में से, किससे जलन अधिक कष्टकर होती है ? कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
भाप सदा ही उबलते पानी से अधिक गंभीर जलन उत्पन्न करती है। जब पानी 100°C तापमान पर उबलता है तो 100°C वाष्प में परिवर्तित होता है। उसे 536 कैलोरी / ग्राम या 2260 जूल / ग्राम ऊष्मा की आवश्यकता होती है जिसे गुप्त ऊष्मा कहते हैं । इसीलिए उबलते पानी से भाप में ऊष्मा अधिक होती है क्योंकि उसमें गुप्त ऊष्मा भी सम्मिलित होती है। इसी कारण वह अधिक गंभीर जलन उत्पन्न करती है।

प्रश्न 18.
जब मोटे कांच से बने गिलास में उबलता हुआ पानी ( या बर्फ ) डाल दिया जाता है तो यह तिड़क क्यों जाता है ?
उत्तर-
जब मोटे कांच से बने गिलास में उबलता हुआ पानी डाला जाता है तो ताप वृद्धि के कारण गिलास का आंतरिक भाग फैल जाता है। क्योंकि कांच ऊष्मा का कम चालक है इसलिए बाहर बहुत कम ऊष्मा आती है। बाहरी सतह से कांच बहुत कम फैलता है। इसी कारण गिलास तिड़क जाता है।

प्रश्न 19.
ठोस प्रसार की कुछ हानियां बताओ।
उत्तर-
ठोस प्रसार की कुछ हानियां-

  1. जब कांच के गिलास में गर्म पानी डाला जाता है तो यह तिड़क जाता है ।
  2. इस प्रसार के कारण रेल की पटरियां टेढ़ी हो सकती हैं तथा गाड़ियां उलट सकती हैं।
  3. कंकरीट या अन्य सामान्य फ़र्श तिड़क सकते हैं।
  4. भाप या गर्म पानी से पानी की पाइपें मुड़ सकती हैं।
  5. गर्मियों में लंबी तारें बिछाई जाती हैं ताकि सर्दियों में सिकुड़ने की क्रिया को पूरा किया जा सके।
  6. इस्पात से बने पुल फैल कर सहारे की दीवारें तोड़ सकते हैं।
  7. घड़ियां गर्मियों में पीछे और सर्दियों में आगे जा सकती हैं।

प्रश्न 20.
जब बहुत गर्म चाय कांच के गिलास में डाली जाती है तो यह तिड़क क्यों जाता है ?
उत्तर-
गर्म पानी या चाय डालने पर मोटा कांच का गिलास तिड़क जाता है । गर्म द्रव गिलास के आंतरिक भाग को बाहरी तल से पहले प्रसारित कर देता है। इस तरह उत्पन्न तनाव कांच के लिए इतना अधिक होता है जो इसके लिए असहनीय हो जाता है और गिलास तिड़क जाता है।

प्रश्न 21.
रेल की दो पटरियों के बीच प्रसार के लिए खाली स्थान रखा जाता है, क्यों ? व्याख्या करो।
उत्तर-
गर्मियों में रेल पटरियां गर्म होकर फैलती हैं। यदि प्रसार के लिए खाली स्थान न रखा जाए तो यह मुड़ सकती हैं तथा रेल पटरी से उतर सकती है। इसलिए दो पटरियों के बीच खाली स्थान छोड़ा जाता है. ताकि इन्हें प्रसार के लिए स्थान मिल सके।

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प्रश्न 22.
जब तालाब जम जाते हैं, तो भी मछलियां कैसे जीवित रहती हैं ? ।
उत्तर-
पानी के असंगत प्रसार के कारण बहुत कड़ाके की सर्द में भी झीलों और तालाबों के पानी की ऊपरी सतह ही जमती है। ऊपर जमी बर्फ के नीचे का पानी नहीं जमता । परिणामस्वरूप मछलियां तथा अन्य जल जीव जीवित रहते हैं। यदि पानी का प्रसार एक जैसा होता है तो झीलों और तालाबों का सारे का सारा पानी जम जाता है तो जल जीवों तथा जल-वनस्पति का बचना असंभव होता।

प्रश्न 23.
किसी धात्वीय बर्तन की अपेक्षा सुराही में रखा पानी अधिक ठंडा क्यों होता है ?
उत्तर-
सुराही के छिद्रों में से पानी बाहर आ जाता है जो निरंतर इसकी सतह से वाष्पित होता रहता है। वाष्पन के लिए अभीष्ट ऊष्मा सुराही के अंदर पड़े पानी से ली जाती है। इस ऊष्मा हानि के कारण पानी ठंडा हो जाता है।

प्रश्न 24.
‘पदार्थ की गुप्त ऊष्मा’ की परिभाषा लिखो।
उत्तर-
गुप्त ऊष्मा की वह मात्रा है जो किसी पदार्थ द्वारा ठोस से द्रव या द्रव से गैस (वाष्प) अवस्था परिवर्तित करते समय बिना किसी ताप वृद्धि के अवशोषित की जाती है।

प्रश्न 25.
गलन की गुप्त ऊष्मा तथा वाष्यन की गुप्त ऊष्मा की परिभाषा दें।
उत्तर-
गलन की ऊष्मा – बिना ताप परिवर्तित किए किसी पदार्थ के इकाई पुंज द्वारा ठोस अवस्था से द्रव अवस्था में बदलते समय अवशोषित ऊष्मा की मात्रा को उस पदार्थ की गलन ऊष्मा कहते हैं।

वाष्पन की गुप्त ऊष्मा-बिना ताप परिवर्तित किए किसी पदार्थ के इकाई पुंज द्वारा द्रव अवस्था से गैस अवस्था में बदलते समय अवशोषित ऊष्मा की मात्रा को उस पदार्थ की वाष्पन की गुप्त ऊष्मा कहते हैं।

प्रश्न 26.
गर्मियों में कभी-कभी सोडा वाटर की बोतलें फट जाती हैं क्यों?
उत्तर-
गर्मियों में वायुमंडल का ताप बढ़ने से सोडा-वाटर में भरी गैस का दाब गर्म होने से बढ़ जाता है जिसके कारण कभी-कभी सोडा वाटर की बोतलें फट जाती हैं।

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प्रश्न 27.
नहाने के तुरंत बाद हमें ठंड क्यों महसूस होती है ?
उत्तर-
नहाने के तुरंत बाद शरीर पर पानी की कुछ बूंदें रह जाती हैं। इन बूंदों का वाष्पीकरण होता है। वाष्पीकरण के लिए आवश्यक ऊष्मा हमारे शरीर से ले ली जाती है जिसके कारण हमें ठंड महसूस होती है।

प्रश्न 28.
गर्मियों में सड़कों पर छिड़काव क्यों किया जाता है?
उत्तर-
वाष्पन से ठंडक उत्पन्न होती है। सड़कों पर किए गए छिड़काव के कारण वाष्पन क्रिया तीव्र होती है। वाष्पण के लिए जो ऊष्मा की आवश्यकता होती है वह सड़क से ली जाती है जिस कारण सड़कें ठंडी हो जाती हैं।

प्रश्न 29.
किस प्रकार सिद्ध करोगे कि पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं ?
उत्तर-
जलती हुई अगरबत्ती की सुगंध पदार्थ के कणों के गतिशील होने के कारण दूर से अनुभव की जा सकती है। गर्म खाने की महक दूर से अनुभव की जा सकती है। रबड़ को लगी आग को बहुत दूर से जाना जा सकता है। इत्र की गंध पदार्थ के कणों के गतिशील होने के कारण ही दूर तक फैल जाती है।

प्रश्न 30.
ठोस का ठोस में विसरण क्या है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
दो धातु के टुकड़ों को कसकर बाँधकर कुछ वर्षों तक रख देने से कभी-कभी एक धातु के कण दूसरे में विसरित हो जाते हैं। इसे ठोस में ठोस का विसरण कहते हैं। ठोस के कण अपने स्थान से ज़्यादा गति नहीं करते। वे अपने माध्य स्थान पर ही दोलन करते हैं। इसलिए ठोस पदार्थों में दूसरे ठोस पदार्थ में विसरित होने के गुण प्रायः नहीं होते।

प्रश्न 31.
गैसों में संपीड्यता के अधिक होने के तीन उपयोग लिखिए।
उत्तर-

  1. द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) को सिलिंडरों में भरा जाता है ताकि ईंधन के रूप में प्रयुक्त की जा सके।
  2. अस्पतालों में रोगियों को दी जाने वाली ऑक्सीजन गैस सिलिंडरों में संपीडित की जाती है।
  3. प्राकृतिक गैस (CNG) का वाहनों में प्रयोग इसी गुण के आधार पर किया जाता है।

प्रश्न 32.
गर्म करने पर ठोसों की अवस्था में परिवर्तन लिखिए।
उत्तर-
ठोस को गर्म करने पर उसके अणुओं की कंपन गति बढ़ती है। गतिज ऊर्जा बढ़ने के साथ अंतर आण्विक बल कम होने लगता है। एक निश्चित ताप पर अणुओं के कंपन का आयाम इतना बढ़ जाता है कि वे आकर्षण के बंधन से मुक्त होकर स्वतंत्रतापूर्वक घूमने लगते हैं। एक निश्चित ताप के पहुँचने पर ठोस के अणुओं की गतिज ऊर्जा नहीं बढ़ती है, बल्कि उनकी व्यवस्था तथा क्रम में परिवर्तन होने लगता है। अत: ठोस द्रव में परिवर्तित होने लगता है।

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प्रश्न 33.
गर्म करने पर द्रव की अवस्था में परिवर्तन लिखिए।
उत्तर-
द्रव को गर्म करने पर उसके अणुओं की गतिज ऊर्जा काफ़ी बढ़ जाती है, और अणु एक-दूसरे से काफ़ी दूर होते जाते हैं। ऐसे अणु जिनकी गतिज ऊर्जा बहुत अधिक होती है, द्रव की सतह पर आने पर सतह को छोड़कर वायुमंडल में चले जाते हैं। इस प्रकार अणुओं के बीच अंतरा अणुक आकर्षण बल नहीं के बराबर हो जाता है और द्रव वाष्प में निरंतर परिवर्तित होने लगता है।

प्रश्न 34.
द्रव के ठंडा होने की अवस्था में परिवर्तन लिखिए।
उत्तर-
जब किसी द्रव को ठंडा किया जाता है तो इसके अणु ऊष्मीय ऊर्जा खो देते हैं। इससे उनकी गति धीमी हो जाती है। गति धीमी होने से अंतराअणुक बल बढ़ जाते हैं। यह तब तक चलता रहता है, जब तक कि अंतराअणुक बल, कंपन करते हुए अणुओं की ऊर्जा से अधिक नहीं हो जाते। इस प्रकार अणु एक स्थिति में रहते हैं। इस समय द्रव, ठोस अवस्था में परिवर्तित होता है।
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प्रश्न 35.
गैस के ठंडा होने पर अवस्था परिवर्तन लिखिए।
उत्तर-
जब गैस को ठंडा किया जाता है, इसके अणु ऊष्मा ऊर्जा को खो देते हैं। इससे अणुओं की गति धीमी हो जाती है। यह तब तक चलता रहता है, जब तक कि गैस के अणुओं की ऊर्जा, अंतराअणुक बलों से कम नहीं हो जाती है। इस प्रकार, अणु एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं और निर्बल अंतराअणुक बलों द्वारा बँधे रहते हैं। इसीलिए गैस, द्रव अवस्था में परिवर्तित हो जाती है।

प्रश्न 36.
पदार्थ की तीन अवस्थाओं में परिवर्तन को रेखाचित्र की सहायता से प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर-
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प्रश्न 37.
ऊर्ध्वपातन विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
ऊर्ध्वपातन विधि में ठोस को गर्म कर सीधा वाष्प में या वाष्प को सीधा ठोस में बदला जाता है। इस प्रक्रिया में द्रव नहीं बनता।
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इस विधि से अमोनियम क्लोर इड, नैप्थालीन, आयोडीन, कपूर आदि को सरलता से प्राप्त कर लिया जाता है।

चीनी की प्याली में थोड़ा कपूर या अमोनियम क्लोराइड लें। इस पर फिल्टर पेपर रख कर उस पर उल्टा कीप रखें। कीप के सिरे पर रूई का एक टुकड़ा रख दें। गर्म करने पर वाष्प बना कपूर या अमोनियम क्लोराइड प्राप्त हो जाएगा।

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प्रश्न 38.
बर्फीले पानी से भरे गिलास की बाहरी सतह पर पानी की बूंदें क्यों दिखाई देती हैं?
उत्तर-
किसी बर्तन में हम बर्फीला पानी रखते हैं। जल्दी ही बर्तन की बाहरी सतह पर हमें पानी की बूंदें नज़र आने लगेंगी। वायु में उपस्थित जल वाष्प की ऊर्जा ठंडे पानी के संपर्क में आकर कम हो जाती है और यह द्रव अवस्था में बदल जाता है, जो हमें पानी की बूंदों के रूप में नज़र आता है।
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प्रश्न 39.
दाब बढ़ाने से किसी द्रव पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
पदार्थ की विभिन्न अवस्थाएं घटक कणों के बीच की दूरी में अंतर के कारण होती हैं। दाब बढ़ाने से पदार्थों के कणों को समीप लाया जा सकता है। ताप में कमी करके इससे गैस को द्रव अवस्था में बदला जा सकता है।
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प्रश्न 40.
प्लाज्मा क्या है ? ये कहाँ-कहाँ देखा जा सकता है ?
उत्तर-
प्लाज्मा पदार्थ की एक अवस्था है जिसमें कण आयनीकृत गैस के रूप में होते हैं। ये अत्यधिक ऊर्जावान और उत्तेजित होते हैं । इसे अग्रलिखित में देखा जा सकता है-

  1. लोटसेंट ट्यूब और नियॉन बल्ब में।
  2. सूर्य और तारों की चमक में।

प्रश्न 41.
प्लाज्मा भिन्न रंगों को प्रकट क्यों करता है ?
उत्तर-
विशेष प्रकार की गैसों में विद्युत् ऊर्जा प्रवाहित करने पर गैसें आयनीकृत हो जाती हैं। गैस के स्वभाव के अनुसार विशेष रंग की चमक उत्पन्न होती है।

प्रश्न 42.
बोस आइंस्टाइन कंडनसेट से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
एक भारतीय वैज्ञानिक सत्येंद्रनाथ बोस ने सन् 1920 में पदार्थ की पाँचवीं अवस्था के लिए कुछ गणनाएँ की थीं। उनके आधार पर अल्बर्ट आइंस्टीन ने पदार्थ की एक नई अवस्था की भविष्यवाणी की थी। इसी को बोस आइंस्टाइन कंडनसेट (BEC) कहा जाता है। बाद में अमेरिका के तीन वैज्ञानिकों एरिक ए कॉर्नेल, उल्फगैंग केटरले और कार्ल ई वेमैन ने BEC की अवस्था प्राप्त करने पर नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया था।

प्रश्न 43.
BEC किस प्रकार तैयार किया जाता है ?
उत्तर-
सामान्य वायु के घनत्व के एक लाखवें हिस्से से कम घनत्व वाली गैस को अत्यधिक कम तापमान पर ठंडा करने से BEC तैयार किया जाता है।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
हमारे चारों ओर की वस्तुएं किस कारण भिन्न दिखाई देती हैं ?
उत्तर-
आकार, आकृति और बनावट में भिन्नता के कारण वे भिन्न दिखाई देती हैं।

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प्रश्न 2.
पदार्थ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
विश्व की हर वस्तु जिस भी सामग्री से बनती है, जो स्थान घेरती है और जिसका द्रव्यमान होता है, उसे पदार्थ कहते हैं।

प्रश्न 3.
पदार्थ के पाँच उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
हवा, भोजन, पत्थर, जल, पौधे।

प्रश्न 4.
पंचतत्व किसे कहते हैं ?
उत्तर-
हमारे देश के प्राचीन दार्शनिकों ने सभी वस्तुओं को बनाने वाले पदार्थ को पाँच मूल तत्वों में वगीकृत किया था जिन्हें पंचतत्व कहते हैं।

प्रश्न 5.
पंचतत्व कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
वायु, पृथ्वी, अग्नि, जल और आकाश।

प्रश्न 6.
यूनानी दार्शनिक कितने तत्वों का मूल मानते थे ?
उत्तर-
चार।

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प्रश्न 7.
यूनानी दार्शनिकों के द्वारा स्वीकार किए जाने वाले चार मूल तत्वों के नाम लिखिए।
उत्तर-
पृथ्वी, अग्नि, वायु और जल।

प्रश्न 8.
आधुनिक वैज्ञानिक पदार्थ को किस आधार पर वर्गीकृत करते हैं ?
उत्तर-
भौतिक गुणधर्म और रासायनिक प्रकृति।

प्रश्न 9.
पदार्थ किससे बनते हैं ?
उत्तर-
पदार्थ कणों से मिलकर बनते हैं।

प्रश्न 10.
पोटेशियम परमैंगनेट के बहुत थोड़े क्रिस्टलों से भी जल रंगीन क्यों हो जाता है ?
उत्तर-
पोटेशियम परमैंगनेट के केवल एक क्रिस्टल में अनेक सूक्ष्म कण होते हैं।

प्रश्न 11.
पदार्थ के कण कितने छोटे हो सकते हैं ?
उत्तर-
पदार्थ के कण इतने छोटे हो सकते हैं कि उनकी कल्पना भी हम नहीं कर सकते।

प्रश्न 12.
पदार्थ के कणों के बीच में क्या होता है ?
उत्तर-
पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है।

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प्रश्न 13.
नमक, चीनी, डेटॉल आदि पानी में क्यों घुल जाते हैं ?
उत्तर-
पदार्थों के कणों के बीच पर्याप्त रिक्त स्थान होने के कारण।

प्रश्न 14.
अगरबत्ती की सुगंध दूर तक किस कारण से फैल जाती है ?
उत्तर-
पदार्थ के कणों के निरंतर गतिशील होने के कारण।

प्रश्न 15.
नमक पानी में क्यों घुल जाता है ?
उत्तर-
जब नमक को पानी में घोलते हैं तो नमक के कण पानी के कणों के बीच रिक्त स्थानों में समावेशित हो जाते हैं।

प्रश्न 16.
पानी में शहद की शुद्धता किस प्रकार परखी जा सकती है ?
उत्तर-
यदि पानी में शहद एक वर्ण रेखा के रूप में गिरता है तो वह शुद्ध माना जाता है।

प्रश्न 17.
तापमान बढ़ाने से कणों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
उनकी गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है।

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प्रश्न 18.
पदार्थ के कण निरंतर गतिशील किस कारण रहते हैं ?
उत्तर-
गतिज ऊर्जा के कारण।

प्रश्न 19.
विसरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
दो विभिन्न पदार्थों के कणों का स्वत: मिलना विसरण कहलाता है।

प्रश्न 20.
गर्म करने पर विसरण पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
गर्म करने पर विसरण तेज़ हो जाता है।

प्रश्न 21.
पदार्थ के कणों पर बल क्या प्रभाव डालता है ?
उत्तर-
यह बल कणों को एक साथ रखता है।

प्रश्न 22.
भौतिक अवस्था के आधार पर पदार्थ की अवस्थाएं कौन-कौन-सी हैं ?
उत्तर-
ठोस, द्रव और गैस।

प्रश्न 23.
ठोस पदार्थों के तीन गुण लिखिए।
उत्तर-
ठोस पदार्थों का निश्चित आकार, स्पष्ट सीमाएँ और स्थिर आयतन होता है।

प्रश्न 24.
बल लगाने से ठोस पदार्थों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
बल लगाने से भी ठोस पदार्थ अपना आकार बनाए रखते हैं। अधिक बल लगाने से वे टूट सकते हैं पर अपना आकार नहीं बदलते।

प्रश्न 25.
रबड़ को खींच कर इसका आकार बदला जा सकता है तो फिर यह ठोस क्यों है ?
उत्तर-
रबड़ पर बल लगाने से यह अपना आकार बदलता है पर बल हटा लेने से यह पुनः अपने मूल आकार को प्राप्त कर लेता है। अत्यधिक बल लगाने पर यह टूट जाता है। इसलिए यह ठोस है।

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प्रश्न 26.
चीनी, नमक, शक्कर आदि को जिन बर्तनों में रखते हैं, ये उन्हीं बर्तनों का आकार ले लेते हैं पर फिर भी ये ठोस क्यों कहलाते हैं ?
उत्तर-
चीनी, नमक, शक्कर आदि को जिन बर्तनों में रखते हैं, ये उन्हीं का आकार ले लेते हैं। पर फिर भी ये ठोस हैं क्योंकि इनके क्रिस्टलों के आकार नहीं बदलते।

प्रश्न 27.
स्पंज का संपीडन संभव क्यों होता है ?
उत्तर-
स्पंज का संपीडन इसमें विद्यमान छिद्रों से हवा बाहर निकलने के कारण संभव होता है।

प्रश्न 28.
द्रव किसे कहते हैं ?
उत्तर-
द्रव निश्चित आयतन वाले तरल हैं जिनमें बहाव का गुण होता है और ये आकार बदलते हैं।

प्रश्न 29.
जल के किस गुण के कारण जलीय जंतु जीवित रह पाते हैं ?
उत्तर-
वातावरण में विद्यमान ऑक्सीजन गैस विसरित होकर जल में मिल जाती है जो जलीय जंतुओं के जीवन के लिए अनिवार्य होती है।

प्रश्न 30.
जल में कौन-सी गैस विसरित होकर पौधों के लिए आवश्यकताओं की पूर्ति करती है ?
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड गैस।

प्रश्न 31.
द्रव में किन-किन का विसरण संभव है ?
उत्तर-
द्रव में ठोस, द्रव और गैस तीनों का विसरण संभव है।

प्रश्न 32.
ठोस की अपेक्षा द्रव में विसरण की दर अधिक क्यों होती है ?
उत्तर-
ठोस की अपेक्षा द्रव में पदार्थ के कण स्वतंत्र रूप से गति करते हैं और उन कणों में रिक्त स्थान भी अधिक होते हैं।

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प्रश्न 33.
ठोस, द्रवों और गैसों में अपेक्षाकृत संपीड्यता किसमें सबसे अधिक होती है ?
उत्तर-
गैसों में।

प्रश्न 34.
वाहनों में कौन-सी संपीडित गैस प्रयुक्त की जाती है ?
उत्तर-
संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG)।

प्रश्न 35.
घरों में ईंधन के रूप में कौन-सी गैस प्रयुक्त की जाती है ?
उत्तर-
द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG)।

प्रश्न 36.
इत्र और अगरबत्ती की सुगंध तेज़ी से क्यों फैल जाती है ?
उत्तर-
कणों की तेज़ गति और अत्यधिक रिक्त स्थानों के कारण गैसों का विसरण बहुत तीव्रता से हो जाता है।

प्रश्न 37.
पानी द्रव्य की किन-किन अवस्थाओं में पाया जाता है ?
उत्तर-
पानी ठोस (बर्फ), द्रव, गैस (वाष्प) अवस्थाओं में पाया जाता है।

प्रश्न 38.
ठोस की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
ठोस प्रायः कठोर होते हैं जिन पर दबाव नहीं डाला जा सकता। इनका निश्चित आकार और घनफल होता है।

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प्रश्न 39.
द्रव की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
द्रव का निश्चित घनफल होता है पर कोई निश्चित आकार नहीं होता। इस पर भी अधिक दबाव नहीं डाला जा सकता। यह प्रायः बहते हैं।

प्रश्न 40.
गैस की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
गैस दबाव को सहन करने वाला द्रव्य है जिसे किसी भी आकार के बर्तन में भरा जा सकता है। इसका निश्चित आकार और घनफल नहीं होता।

प्रश्न 41.
ठोस, तरल और गैस के चार-चार उदाहरण दो।
उत्तर-
ठोस = लकड़ी, पत्थर, चीनी, नमक।
तरल = पानी, दूध, तेल, एल्कोहल।
गैस = वायु, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड।

प्रश्न 42.
CNG का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर-
Compressed Natural Gas (दबाव सहित प्राकृतिक गैस)।

प्रश्न 43.
ठोस प्रायः निश्चित आकार के क्यों होते हैं ?
उत्तर-
ठोस वस्तुओं को बनाने वाले कण एक-दूसरे के बहुत निकट होते हैं और उनके बीच आकर्षण बल बहुत अधिक होता है इसलिए ठोस प्रायः निश्चित आकार के होते हैं।

प्रश्न 44.
किसी टायर में हवा अधिक क्यों भरी जा सकती है ?
उत्तर-
गैसों के द्वारा अधिक दबाव सहने के गुण के कारण किसी टायर में अधिक हवा भरी जा सकती है। गैसों के कण गति करने में स्वतंत्र होते हैं और वे टायर में शीघ्र फैल सकते हैं।

प्रश्न 45.
गैसों की आकृति और आयतन निश्चित क्यों नहीं होता ?
उत्तर-
गैसों के अणु एक-दूसरे से काफ़ी दूरी पर होते हैं। इन्हें गति करने और अपने स्थान से चारों ओर घूमने में पर्याप्त स्वतंत्रता होती है इसलिए इनकी आकृति और आयतन निश्चित नहीं होता।

प्रश्न 46.
जल पदार्थ की कितनी अवस्थाओं में रहता है ?
उत्तर-
तीन अवस्थाओं में।

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प्रश्न 47.
जल की तीनों अवस्थाओं के नाम लिखिए।
उत्तर-
ठोस = बर्फ, द्रव = जल, गैस = जलवाष्प।

प्रश्न 48.
तापमान में वृद्धि के कारण जब ठोस पिघल कर द्रव बन जाता है तो उसे क्या कहते हैं ?
उत्तर-
गलनांक।

प्रश्न 49.
तापमान की SI इकाई क्या है ?
उत्तर-
केल्विन।

प्रश्न 50.
0°C कितने केल्विन के बराबर होता है ?
उत्तर-
0°C सेल्सियस = 273.16K .

प्रश्न 51.
केल्विन से सेल्सियस में बदलने के लिए तापमान में कितना घटाना चाहिए ?
उत्तर-
273 घटाना चाहिए।

प्रश्न 52.
सेल्सियस से केल्विन में बदलने के लिए तापमान में कितना जोड़ना चाहिए ?
उत्तर-
273 जोड़ना चाहिए।

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प्रश्न 53.
संगलन क्या है ?
उत्तर-
गलने की प्रक्रिया यानि ठोस से द्रव अवस्था में परिवर्तन को संगलन कहते हैं।

प्रश्न 54.
जल का क्वथनांक क्या है ?
उत्तर-
जल का क्वथनांक 373 K (100°C) है।

प्रश्न 55.
ऊर्ध्वपातन क्या है ?
उत्तर-
द्रव अवस्था में परिवर्तित हुए बिना ठोस अवस्था से सीधे गैस और वापस ठोस में बदलने की प्रक्रिया को ऊर्ध्वपातन कहते हैं।

प्रश्न 56.
शुष्क बर्फ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ठोस कार्बन डाइऑक्साइड को शुष्क बर्फ कहते हैं।

प्रश्न 57.
दाब के मापन की इकाई क्या है ?
उत्तर-
ऐटमॉस्फीयर (atm)।

प्रश्न 58.
दाब की SI इकाई क्या है ?
उत्तर-
पास्कल (Pa)।

प्रश्न 59.
सामान्य दाब किसे कहते हैं ?
उत्तर-
समुद्र की सतह पर वायुमंडलीय दाब एक ऐटमॉसफीयर होता है और इसे सामान्य दाब कहते हैं।

प्रश्न 60.
कोई द्रव बिना क्वथनांक पर पहुँचे वाष्प अवस्था में किस प्रकार पहुँचता है ?
उत्तर-
वाष्पन क्रिया से।

प्रश्न 61.
वाष्पन क्रिया का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
धूप में गीले कपड़ों का सूखना।

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प्रश्न 62.
क्वथनांक से कम तापमान पर द्रव के वाष्पन में परिवर्तन की प्रक्रिया को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
वाष्पीकरण।

प्रश्न 63.
वाष्पीकरण की दर किन-किन कारणों से बढ़ती है ?
उत्तर-
सतह क्षेत्र बढ़ने से, तापमान में वृद्धि, आर्द्रता में कमी, हवा की गति में वृद्धि।

प्रश्न 64.
तापमान बढ़ने से वाष्पीकरण की क्रिया तेज़ क्यों हो जाती है ?
उत्तर-
कणों को पर्याप्त गतिज ऊर्जा मिलने के कारण।

प्रश्न 65.
हवा की गति बढ़ने से कपड़े जल्दी क्यों सूखते हैं ?
उत्तर-
जल वाष्पों के कण हवा के साथ उड़ जाते हैं जिस कारण आस-पास के जल वाष्प की मात्रा घट जाती है।

प्रश्न 66.
आर्द्रता किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वायु में विद्यमान जल वाष्प की मात्रा को आर्द्रता कहते हैं।

प्रश्न 67.
आर्द्रता का वाष्पन से क्या संबंध है ?
उत्तर-
वायु में जल कणों की मात्रा बढ़ने से वाष्पीकरण की दर घट जाती है।

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प्रश्न 68.
कपड़ों को सुखाने के लिए उन्हें फैलाया क्यों जाता है ?
उत्तर-
उनके सतही क्षेत्र को बढ़ाने के लिए ताकि वाष्पीकरण की दर बढ़ाई जा सके।

प्रश्न 69.
वाष्पीकरण का शीतलता से क्या संबंध है ?
उत्तर-
वाष्पीकरण से शीतलता बढ़ती है।

प्रश्न 70.
गर्मियों में सूती कपड़ों का प्रयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
सूती कपड़ों में जल का अवशोषण अधिक होता है जिसका वायुमंडल में सरलता से वाष्पीकरण हो जाता है जिस कारण तापमान कम हो जाता है।

प्रश्न 71.
प्लाज्मा अवस्था में कण किस रूप में होते हैं ?
उत्तर-
इस अवस्था में कणं अत्यधिक ऊर्जा वाले और अधिक उत्तेजित होते हैं। ये कण आयनीकृत गैस के रूप में होते हैं।

प्रश्न 72.
लोरसेंट ट्यूब और नियॉन बल्ब में क्या होता है ?
उत्तर-
प्लाज्मा होता है।

प्रश्न 73.
सूर्य और तारों में चमक किस कारण होती है ?
उत्तर-
प्लाज्मा के कारण।

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प्रश्न 74.
तारों में प्लाज्मा किस कारण बनता है ?
उत्तर-
उच्च तापमान के कारण।

प्रश्न 75.
BEC किस प्रकार तैयार किया जाता है ?
उत्तर-
सामान्य वायु के घनत्व के एक लाखवें भाग जितने कम घनत्व वाली गैस को बहुत ही कम तापमान पर ठंडा करने से BEC तैयार होता है।

प्रश्न 76.
‘बोस-आइंस्टीन कंडनसेशन’ की अवस्था प्राप्त करने के लिए भौतिकी में किसे नोबेल पुरस्कार दिया गया था ?
उत्तर-
सन् 2001 में अमेरिका के एरिक ए० कॉर्नेल, उलगैंग केटरले तथा कार्ल ई० वेमैन को।

प्रश्न 77.
किसे लॉग ऑन करके पदार्थ की चौथी और पाँचवीं अवस्था के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है ?
उत्तर-
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