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PSEB 12th Class History Notes Chapter 8 गुरु हर राय जी और गुरु हर कृष्ण जी
→ गुरु हर राय जी (Guru Har Rai Ji)-गुरु हर राय जी का जन्म 30 जनवरी, 1630 ई० को कीरतपुर साहिब में हुआ-
→ आप गुरु हरगोबिंद जी के पौत्र थे-आपका विवाह अनूप शहर के दया राम जी की सुपुत्री सुलक्खनी जी से हुआ-
→ आप 8 मार्च, 1645 ई० को गुरुगद्दी पर विराजमान हुए-आपने सिख धर्म के प्रचार के लिए तीन केंद्र स्थापित किए जिन्हें ‘बख्शीशें’ कहा जाता था-
→ मुग़ल सम्राट शाहजहाँ का पुत्र दारा प्रायः उनके दर्शनों के लिए आता था गुरु जी ने दारा की औरंगजेब के विरुद्ध सहायता की औरंगजेब द्वारा दिल्ली बुलाए जाने पर आपने अपने पुत्र रामराय को दिल्ली भेजा-
→ रामराय द्वारा दिल्ली दरबार में गुरुवाणी का गलत अर्थ बताने पर, उसे गुरुगद्दी से वंचित कर दिया गया-आपने अपने छोटे पुत्र हर कृष्ण जी को अपना उत्तराधिकारी चुना-
→ आप 6 अक्तूबर, 1661 ई० को कीरतपुर साहिब में ज्योति जोत समा गए।
→ गुरु हर कृष्ण जी (Guru Har Krishan Ji)-गुरु हर कृष्ण जी का जन्म 7 जुलाई, 1656 ई० को कीरतपुर साहिब में हुआ-
→ आपके पिता जी का नाम गुरु हर राय साहिब तथा माता जी का नाम सुलक्खनी था-
→ आप मात्र 5 वर्ष की आयु में 1661 ई० को गुरुगद्दी पर विराजमान हुए-आपको बाल गुरु के नाम से स्मरण किया जाता है-
→ आपको औरंगजेब द्वारा दिल्ली बुलाया गया-आप 1664 ई० में दिल्ली गए यहाँ आपने चेचक और हैज़ा से पीड़ित बीमारों की अथक सेवा की आप स्वयं इस भयंकर बीमारी का शिकार हो गए-
→ आप 30 मार्च, 1664 ई० को दिल्ली में ज्योति जोत समा गए- ज्योति जोत समाने से पूर्व आपने “बाबा बकाला” शब्द का उच्चारण किया-
→ जिससे अभिप्राय था कि सिखों का अगला गुरु बाबा बकाला में है।