PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 10 चौराहे का दीया

Punjab State Board PSEB 3rd Class Hindi Book Solutions Chapter 10 चौराहे का दीया Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 3 Hindi Chapter 10 चौराहे का दीया

Hindi Guide for Class 3 PSEB चौराहे का दीया Textbook Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर

I. बताओ

1. दीवाली के दिन बच्चों को किन वस्तुओं का चाव अधिक रहता है ?
उत्तर-
दीवाली के दिन बच्चों को फल और मिठाइयाँ खाने का चाव अधिक रहता है।

2. दादी माँ मिठाई और फल खाने को क्यों मना करती थी ?
उत्तर-
दादी माँ मिठाई और फल पूजा के लिए मंगवाती थी इसीलिए पूजा से पहले वह मिठाई और फल खाने को मना करती थी।

3. दादी माँ ने कहाँ-कहाँ दीए जलाने का आदेश दिया ?
उत्तर-
दादी माँ ने बच्चों को आदेश देते हुए कहा कि एक दीया मन्दिर में, एक गुरुद्वारा में और एक दीया चौराहे पर जला कर रख आना।

4. चौराहे पर दीया जलाना लेखक को बेकार क्यों लगता ?
उत्तर-
चौराहे पर रखा जलता दीया जरा-सी हवा के झोंकों से बुझ जाएगा, किसी वाहन या राहगीर की ठोकर से यह टूट जाएगा। इसीलिए लेखक को चौराहे पर दीया जलाना बेकार लगता।

5. दादी माँ के अनुसार चौराहे पर दीया जलाना क्यों जरूरी है ?
उत्तर-
दादी माँ के अनुसार चौराहे पर दीया जलाना सबसे ज़रूरी है। इससे भटकने वाले मुसाफिरों को मंजिल मिल सकती है।

II. इन विशेष शब्दों के अर्थ समझते हुए वाक्य बनाओ –

(i) मुँह से लार टपकना = किसी वस्तु को देखकर मन में खाने की इच्छा होना।
(ii) उत्साह काफूर होना = हौंसला ढह जाना।
(iii) जीभ पर ताला लगना = मन को काबू में रखना।
(iv) ऊब जाना = काम में मन न लगना।
(v) सिरदर्द लगना = झंझट लगना।
उत्तर-
(i) मुँह से लार टपकना = किसी वस्तु को देखकर मन में खाने की इच्छा होना – पके हुए अंगूरों के गुच्छे देखकर लोमड़ी के मुँह से लार | टपकने लगी।
(ii) उत्साह काफूर होना = हौंसला ढह जानावर्षा से मैदान गीला होने के कारण हमारे खिलाड़ियों का मैच जीतने का सारा उत्साह काफूर हो गया।
(iii) जीभ पर ताला लगना = मन को काबू में रखना – फल खाने के इच्छुक बच्चे शाम तक जीभ पर ताला लगाए रखते।
(iv) ऊब जाना = काम में मन न लगना – मोहन जल्दी ही अपने काम से ऊब गया।
(v) सिरदर्द लगना = झंझट लगना -चौराहे पर दीया जलाकर रखना बच्चों को सिरदर्द लगता।

III. पढ़ो, समझो और लिखो –

मिठाई = मिठाइयाँ = मिठाइयों
दादी = दादियाँ = दादियों।
दीया = दीये = दीयों।
बच्चा = बच्चे = बच्चों।
टोकरा = टोकरे = टोकरों।
चौराहा = चौराहे = चौराहों।
डिब्बा = डिब्बे = डिब्बों।
उत्तर-
विद्यार्थी एकवचन से बने बहुवचन के रूपों को समझें और लिखने का अभ्यास करें।

IV. वाक्य बनाओ

मन्दिर, गुरुद्वारा, महक, नालायक, विचलित, ज्योति।
उत्तर-
(i) मन्दिर = हम शाम को मन्दिर जाते हैं।

(ii) गुरुद्वारा = हमारे घर के पास ही गुरुद्वारा
.
(iii) महक = फूलों की महक अच्छी लगती है।

(iv) नालायक = नालायक बच्चों का मन | शरारतों में खूब लगता है।
अथवा
दिनेश की गिनती नालायक बच्चों में होती है।

(v) विचलित = कितनी भी मुश्किलें आएं, वीर कभी विचलित नहीं होते।

(vi) ज्योति = मन्दिर में पवित्र ज्योति जलती

V. ‘ना’ और ‘अ’ अक्षर लगाकर विपरीत शब्द बनाओ

ना + लायक = …………………………..
ना + लायक = …………………………..
ना + समझ = …………………………..
अ + ज्ञान = ………………………….
अ + धर्म = …………………………..
उत्तर-
(i) ना + लायक = नालायक
(ii) ना + समझ = नासमझ
(ii) अ + ज्ञान = अज्ञान
(iv) अ + धर्म = अधर्म।

VI. बायीं ओर के चित्र में से दिए गए शब्दों के विपरीत शब्द ढूँढ़ कर लिखो

दिन = …………………………..
सुबह = …………………………..
बेकार = …………………………..
रोना = …………………………..
अंधकार = …………………………..
एक = …………………………..
हार = …………………………..
सवाल = …………………………..
PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 10 चौराहे का दीया 1
उत्तर
शब्द विपरीतार्थक
(i) दिन = रात।
(ii) अंधकार = प्रकाश।
(iii) सुबह = शाम।
(iv) एक = अनेक।
(v) बेकार = ज़रूरी।
(vi) हार = जीत।
(vii) रोना = हँसना।
(viii) सवाल = जवाब।

VII. दिये गए शब्द जोड़ों के अर्थ दिए गए हैं। शब्द के अर्थ को समझते हुए वाक्य बनाओ

दीया = दीपक = हमने चौराहे पर दीया जलाया।
दिया = देना = दादी माँ ने गरीबों को दान दिया।
दिन = दिवस = …………………………..
दीन = असहाय = …………………………..
हंस = एक पक्षी = …………………………..
हँस = हँसना = ……………………………
जान = प्राण = …………………………..
जान = पता लगना = …………………………..
मान = इज्ज़त = …………………………
मान = मान जाना = …………………………..
खोया = दूध से बनी वस्तु/मिठाई = …………………………..
खोया = गुम हो जाना = …………………………..
मिल = कारखाना = …………………………..
मिल = मिलना = …………………………..
मील = सड़क पर दूरी मापने का एक पैमाना = …………………………..
उत्तर-
(i) दीया = दीपक = हमने चौराहे पर दीया जलाया।
दिया = देना = दादी माँ ने गरीबों को दान दिया।

(ii) दिन = दिवस = मेरा आज का दिन अच्छा रहा।
दीन = असहाय = दीन-दुखियों की सेवा करो।

(iii) हंस = एक पक्षी = तालाब में हंस तैर रहे हैं।
हँस = हँसना = वे भिखारी पर हँस रहे थे।

(iv) जान = प्राण = मोहन और सोहन तो जान बचा कर भागे।
जान = पता लगना = मैं आपके सारे भेद जान गया हूँ।

(v) मान = इज्ज़त = वह मेरा बहुत मान करता है।
मान = मान जाना = वह मेरी बात मान गया।

(vi) खोया = दूध से बनी वस्तु/मिठाई = मुझे खोया बहुत भाता है।
खोया = गुम हो जाना = मेरा खोया पेन कल मुझे मिल गया।

(vii) मिल = कारखाना = मेरे पिता जी एक मिल में काम करते हैं।
मिल = मिलना = मुझे मेरी पुस्तक मिल नहीं रही।
मील = सड़क पर दूरी मापने का एक पैमाना = मुझे पाँच मील पैदल चलना पड़ा।

VIII. दिए गए शब्दों का मिलान करो

PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 10 चौराहे का दीया 2
उत्तर-
(i) बच्चा = बचपन।
(ii) बूढ़ा = बुढ़ापा।
(iii) मुस्कराना = मुस्कराहट।
(iv) भोला = भोलापन।
(v) महकना = महक।

IX. इन शब्दों के स्थान पर एक शब्द लिखो

जहाँ चार राह मिलते हों = चौराहा।
सिक्खों का पूजा का स्थान = …………………………..
हिन्दुओं का पूजा का स्थान = …………………………..
मुसलमानों का पूजा का स्थान = …………………………..
ईसाइयों का पूजा का स्थान = …………………………..
उत्तर-
वाक्यांश के लिए एक शब्द –
(i) जहाँ चार राह मिलते हों = चौराहा।
(ii) सिक्खों का पूजा का स्थान = गुरुद्वारा।
(iii) हिन्दुओं का पूजा का स्थान = मन्दिर।
(iv) मुसलमानों का पूजा का स्थान = मस्जिद।
(v) ईसाइयों का पूजा का स्थान = गिरजाघर ।

X. दिए गए चित्र को ध्यान से देखो। दीवाली पर पाँच वाक्य लिखो।
PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 10 चौराहे का दीया 3

  1. दीपावली रोशनी का त्योहार है।
  2. बच्चे इस दिन खूब पटाखे चलाते हैं।
  3. बच्चे नए-नए कपड़े पहनते हैं।
  4. बच्चे मिठाइयाँ और फल खाते हैं।
  5. इस दिन लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

चौराहे का दीया Summary & Translation in Hindi

पाठ का सार

‘चौराहे का दीया’ पाठ के लेखक कमलेश भारतीय अपने बचपन की दीपावली को याद करते कहते हैं कि दीपावली से कुछ दिन पहले ही मिठाइयों और फूलों की दुकानें सज जाती थीं। कब मिठाइयाँ खरीदने जाएंगे ? यह पूछते-पूछते दीवाली का दिन भी आ जाता। दीवाली में मिठाइयों को देखकर हमारे मुँह में पानी आ जाता लेकिन दादी माँ का हुक्म रहता कि पूजा से पहले कुछ नहीं मिलेगा।

हम जीभ पर ताला लगाए शाम तक का इन्तज़ार करते कि कब शाम हो और पूजा हो। लेकिन दादी माँ पूजा करने से पहले कई दीयों में तेल डालकर हमें समझाने लगती कि यह दीया मन्दिर में जलाना, यह दीया गुरुद्वारे में और यह एक दीया किसी चौराहे पर जलाना। हमें कुछ समझ में नहीं आता कि इन दीयों को जलाने से क्या होगा? हमें रहता कि जल्दी से जल्दी दीए जलाने का काम पूरा हो और हम फल और मिठाइयाँ खाएँ।

दादी से इन दीयों को जलाने के बारे में पूछने पर वह हमें बताती कि ये दीये इसलिए जलाए जाते हैं ताकि मन्दिर और गुरुद्वारों से तुम एक-सी रोशनी, एक-सा ज्ञान प्राप्त करो। “और चौराहे का दीया किसलिए दादी माँ ?” हम पूछते। दादी माँ हमें समझाती, “मेरे भोले बच्चो! चौराहे का दीया सबसे ज्यादा ज़रूरी है। इससे भटकने वाले मुसाफिरों को मंज़िल मिल सकती है और मन्दिरगुरुद्वारे को जोड़ने वाली एक ही ज्योति की पहचान भी।”

कठिन शब्दों के अर्थ

खोया हुआ = मग्न हुआ।
आदेश = हुक्म, आज्ञा।
महक = खुशबू।
उत्साह = जोश।
दीया = दीपक।
चौराहा = जहाँ चार रास्ते आपस में मिलते हों।
लुभाना = ललचाना।
काफूर होना = उड़ जाना।
सनकी = धुन, दीवानगी।
नालायक = ना समझदार।
आग्रह = अनुनय, विनती।
हासिल = प्राप्त।
खीझकर = चिढ़कर।
बेकार = व्यर्थ ।
राहगीर = यात्री, पैदल चलने वाला।
विचलित = डगमगाना।
मंज़िल = लक्ष्य।
मुसाफिरों = यात्रियों।
वाहन = गाड़ियाँ।

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