Punjab State Board PSEB 3rd Class Hindi Book Solutions Chapter 5 कोयल Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 3 Hindi Chapter 5 कोयल
Hindi Guide for Class 3 PSEB कोयल Textbook Questions and Answers
अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर
I. बताओ
1. कोयल का रंग कैसा होता है ?
उत्तर-
कोयल का रंग काला होता है।
2. कोयल की आवाज़ कैसी होती है ?
उत्तर-
कोयल की आवाज़ मीठी होती है।
3. कोयल ने अपनी माँ से क्या सीखा ? .
उत्तर-
कोयल ने अपनी माँ से मीठा बोलना सीखा।
4. कोयल को चिड़ियों की रानी क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
कोयल की बोली मीठी होती है इसीलिए उसे चिड़ियों की रानी कहते हैं।
5. कोयल कहाँ आकर बैठी है ?
उत्तर –
कोयल आम की डाली पर आकर बैठी है।
II. समान तुक वाले शब्द लिखो |
रानी – पानी
आई – …………………………….
घोली – …………………………….
काली – …………………………….
उत्तर –
(i) रानी – पानी।
(ii) आई – लाई।
(iii) घोली – बोली।
(iv) काली डाली।
III. रेखा खींचकर सही जोड़े बनाओ-
कोयल – घोली
मिसरी – बोली
मीठी – धरती
प्यासी – काली
उत्तर-
IV. इन पंक्तियों को पूरा करो
1. इसने ही तो ……………………… कर आमों में मिसरी घोली।
उत्तर-
इसने ही तो कूक-कूक कर आमों में मिसरी घोली।
2. ……………………….. पर उड़ना, गाना, जिसने तुम्हें सिखाया है।
उत्तर-
डाल-डाल पर उड़ना, गाना, जिसने तुम्हें सिखाया है।
3. सबसे ……………………… बोलो यह भी तुम्हें बताया है।
उत्तर-
सबसे मीठे-मीठे बोलो यह भी तुम्हें बताया है।
V. दायीं ओर लिखे शब्दों में से बायीं ओर लिखे शब्द का सही अर्थ ढूँढ़कर उस पर गोला लगाओ।
(i) बोली = बात, आवाज़।
(ii) डाली = टहनी, पेड।
(iii) सच = झूठ, सत्य।
(iv) सदा = हमेशा, कभी-कभी।
(v) खुश = उदास, प्रसन्न
(vi) मेघ = बादल, बिजली।
(vii) भली = अच्छी, बुरी।
(viii) चिड़िया = कोयल, पक्षी।’
उत्तर-
सही मिलान
VI. चित्रों के अनुसार बोलियों का मिलान कीजि
उत्तर
VII. मीठी बोली पर चार सरल वाक्य लिखो
1. ………………………
2. ……………………..
3. ……………………..
4. …………………….
उत्तर-
1. मीठी बोली सुनने में सबको अच्छी लगती है।
2. मीठी बोली बोलने से दूसरों का क्रोध शांत होता है।
3. मीठी बोली बोलने से प्रेम बढ़ता है।
4. कोयल मीठी बोली बोलती है। |
VIII. बिन्दुओं को मिलाओ और देखिए कि कौन-सा पक्षी बनता है? उस पक्षी में रंग भरें।
उत्तर-विद्यार्थी स्वयं इन्हें मिलाएं और रंग भरें।
IX. अन्तर समझो
डाली : कोयल पेड़ की डाली पर बैठी है। क्या आपने दूध में चीनी नहीं डाली ?
बोली : मेरी बोली हिन्दी है। मैंने अध्यापक से यह बात बोली।
उत्तर-
उपरोक्त वाक्यों में से पहले वाक्य में डाली शब्द के अलग-अलग अर्थ बताने वाले वाक्य दिखाए गए हैं और दूसरे वाक्य में बोली के अलगअलग अर्थ बताए गए हैं। ऐसे शब्दों को भिन्नार्थक समरूपी शब्द कहते हैं। इनमें डाली शब्द से पहली डाली का अर्थ शाखा, टहनी है। दूसरे वाक्य में आए डाली शब्द का अर्थ डालना है। बोली शब्द से पहले वाक्य में अर्थ भाषा से है। दूसरे वाक्य में बोली शब्द का अर्थ बताना है।
X. जानो
भारत में गाने वाले और पक्षी भी हैं। पपीहा, श्यामा, दोयल आदि किन्तु स्वर साम्राज्ञी कोयल के आगे सभी की आवाज़ फीकी पड़ जाती है। इसे कोकिल भी कहते हैं । बसन्त ऋतु के आते ही कोयल | का कूकना शुरू हो जाता है। आम के कुंजों में जब | कोयल पूरी उमंग से गाती है तो सारा वातावरण | संगीतमय बन जाता है। ऐसा लगता है कि कानों में | अमृत वर्षा हो रही हो। मीठी बोली कोयल की और कड़वी बोली कौए की सुन सभी एकदम जान जाते हैं………………………दोनों के गुण।
कोयल Summary & Translation in Hindi
पद्यांशों के सरलार्थ
1. देखो, कोयल काली है पर
मीठी है इसकी बोली।
इसने ही तो कूक-कूक कर
आमों में मिसरी घोली।
सरलार्थ-
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘कोयल’ नामक कविता से ली गई हैं। इसकी रचयिता ‘श्रीमती सुभद्रा कुमारी चौहान’ है। देखो कोयल देखने में कितनी काली है, परन्तु इसकी आवाज़ मीठी है। इसकी कूक ने ही आमों में मीठा रस घोला है।
2. कोयल! कोयल! सच बतलाओ,
क्या संदेशा लाई हो।
बहुत दिनों के बाद आज फिर,
इस डाली पर आई हो।
सरलार्थ-
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘कोयल’ नामक कविता से ली गई हैं। इसमें कवयित्री श्रीमती सुभद्रा कुमारी चौहान कोयल की प्रशंसा करती हुई कहती है कि कोयल! कोयल! तुम सच बतलाओ कि तुम कौन-सा संदेश लेकर आई हो ? तुम आज बहुत दिनों के बाद फिर इसी डाली पर आकर बैठी हो।
3. क्या गाती हो ? किसे बुलाती,
बतला दो कोयल रानी!
प्यासी धरती देख माँगती,
हो क्या मेघों से पानी ?
सरलार्थ-
उपरोक्त पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘कोयल’ नामक कविता से ली गई हैं। इसमें कोयल की मीठी बोली की प्रशंसा करते हुए कवयित्री कहती है कि-कोयल रानी! तुम हमें यह बता दो कि तुम क्या गाती हो और तुम गा-गाकर किसे बुलाती हो ? क्या तुम धरती को प्यासी देखकर बादलों से पानी माँग रही हो ?
4. कोयल ! यह मिठास क्या तमने
अपनी माँ से पाई है ?
माँ ने ही क्या तुमको मीठी
बोली यह सिखलाई है ?
सरलार्थ-
उपरोक्त पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘कोयल’ नामक कविता से ली गई हैं। इसमें कोयल की मीठी बोली की प्रशंसा करते हुए कवयित्री कहती है कि-कोयल! तुमने अपनी बोली में यह मिठास (मीठी आवाज़) क्या अपनी माँ से प्राप्त की है ? क्या तुम्हें माँ ने ही मीठा बोलना सिखलाया है ?
5. डाल-डाल पर उड़ना, गाना,
जिसने तुम्हें सिखाया है।
सबसे मीठे-मीठे बोलो
यह भी तम्हें बताया है।
सरलार्थ-
ये पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘कोयल’ नामक कविता से ली गई हैं। इसमें कवयित्री कोयल की मीठी बोली से प्रसन्न होकर उसके बारे में पूछती है कि-डाली-डाली पर उड़ना और गाना माँ ने ही तुम्हें सिखलाया है और तुम्हें यह भी बताया है कि सबसे मीठा बोलो अर्थात् मधुर वचन बोलो।
6. बहुत भली हो, तुमने माँ की,
बात सदा ही है मानी।
इसीलिए तो तुम कहलाती,
हो सब चिड़ियों की रानी।
सरलार्थ-
हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित कविता ‘कोयल’ की इन पंक्तियों में कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान कोयल से कहती है कि तुम बहुत अच्छी हो। तुमने अपनी माँ की ही बात को सदा माना है। इसलिए तुम्हें सब चिड़ियों की रानी कहते हैं।
कठिन शब्दों के अर्थ
कोयल = एक पक्षी, जो अपनी मीठी बोली के कारण प्रिय है।
मिसरी = एक मीठा पदार्थ।
बोली = आवाज़।
संदेशा = खबर।
धरती = ज़मीन।
डाली = शाखा।
भली = अच्छी।
मेघ = बादल।
मिठास = मीठापन।
कूक = मीठी बोली में बोलना।