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PSEB 6th Class Science Notes Chapter 10 गति तथा दूरियों का मापन
→ मापन का अर्थ है कि किसी अज्ञात राशि की तुलना उसी प्रकार की ज्ञात राशि की निश्चित मात्रा से तुलना करना।
→ एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए परिवहन के विभिन्न साधनों का उपयोग किया जाता है।
→ प्राचीनकाल में लोग पैर की लंबाई, अंगुली की चौड़ाई, एक कदम की दूरी को लंबाई आदि का उपयोग मापन के मात्रक के रूप में करते थे।
→ मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली (S.I. मात्रक) उपयोग करते हैं जिसे समस्त संसार में मान्यता प्राप्त है।
→ S.I. मात्रकों में लंबाई का मानक मात्रक मीटर है।
→ जब कोई वस्तु अपने चारों ओर की वस्तुओं की तुलना में समय के साथ अपनी स्थिति बदलती है तो ऐसी अवस्था को गति कहते हैं।
→ यदि कोई वस्तु सीधी रेखा में गति करती है तो उस गति को सरल रेखीय गति कहते हैं।
→ यदि कोई वस्तु किसी वृत्ताकार पथ पर गति करती है ताकि उस वस्तु की किसी निश्चित बिंदु से दूरी प्रत्येक समय समान रहती है तो ऐसी गति को वर्तुल गति कहते हैं।
→ ऐसी गति जो एक निश्चित समय अंतराल के पश्चात् दोहराई जाती है तो उसे आवर्ती गति कहते हैं।
→ दूरी-दो बिंदुओं के बीच की लंबाई का माप दूरी कहलाता है।
→ मापन-मापन से अभिप्राय एक अज्ञात राशि की एक ज्ञात राशि के साथ तुलना करना है।
→ इकाई-एक ज्ञात निश्चित राशि जिसे मानक राशि के रूप में प्रयोग किया जाता है उसे इकाई कहते हैं।
→ ओडोमीटर-मोटरवाहनों में लगाया गया यंत्र जिसे वाहन द्वारा तय की गई दूरी को मापने के लिए प्रयोग किया जाता है।
→ गति-जब कोई वस्तु समय अंतराल के पश्चात अपने आस-पास की वस्तुओं की तुलना में निरंतर स्थिति परिवर्तन करती है तो उस वस्तु को गति में कहा जाता है।
→ सरल रेखीय गति- यदि कोई वस्तु सरल रेखा में गति करती है तो उस वस्तु की गति सरल रेखीय गति कहलाती है।
→ वर्तुल गति-जब कोई वस्तु वृत्ताकार पथ पर गति करती है और उसकी किसी निश्चित बिंदु से दूरी प्रत्येक क्षण एक समान रहती है तो उस वस्तु की गति वर्तुल गति कहलाती है।
→ आवर्ती गति-यदि कोई वस्तु अपनी गति को एक निश्चित समय अंतराल के पश्चात बार-बार दोहराती है तो उस वस्तु की गति आवर्ती गति कहलाती है।