PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 20 श्री गुरु अर्जुन देव जी

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 20 श्री गुरु अर्जुन देव जी Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 20 श्री गुरु अर्जुन देव जी

Hindi Guide for Class 7 PSEB श्री गुरु अर्जुन देव जी Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

1. शब्दार्थ:

परलोकवास = स्वर्गवास
विख्यात = प्रसिद्ध
दीन = गरी
हीन = नीचा
पावन-स्थल = पवित्र स्थान
निर्माण = बनाना
निवारण = दूर करना, समाधान करना
शंकाओं = संदेहों
अनमोल = कीमती
मालिया = लगान
महसूस = अनुभव
तृप्त = संतुष्ट
शीतल = ठण्डा
वृद्ध = बूढ़े
ख्याति = प्रसिद्धि
लांछन = आरोप, दोष
यातनाएँ = कष्ट
अंततः = अन्त में
दृढ़ता = मज़बूती
अत्यंत = अधिक

2. वाक्यों में प्रयोग करें:

दसवंध _________________ _________________
षड्यंत्र ______________ _________________
निवारण ___________ _____________________
उत्तर:
अपनी नेक कमाई का दसवंध दान करना चाहिए।
दुश्मनों ने भारत के विरुद्ध षड्यन्त्र रचे हुए हैं।
हे प्रभु! हमारे कष्टों का निवारण कीजिए।

3. विपरीत शब्द लिखें:

मान = ……………..
अपराध = ……………….
एक = ………………..
ईमानदारी = ……………….
इच्छा = ……………….
तृप्त = ……………….
विरोध = ………………
उत्तर:
शब्द विपरीत शब्द
मान = अपमान
अपराध = निरपराध
एक = अनेक
ईमानदारी = बेईमानी
इच्छा = अनिच्छा
तृप्त = अतृप्त
विरोध = समर्थन

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 20 श्री गुरु अर्जुन देव जी

4. नए शब्द बनायें:

सु + पुत्री = सुपुत्री
दशम + अंश = ……………….
श्रद्धा = आलु = ……………….
गुरु + द्वारा = ……………..
महान + ता = …………………
उप + लक्ष्य = ………………
उत्तर:
सु + पुत्री = सुपुत्री
दशम + अंश = दशमांश
श्रद्धा = आलु = श्रद्धालु
गुरु + द्वारा = गुरुद्वारा
महान + ता = महानता
उप + लक्ष्य = उपलक्ष्य

5. इन मुहावरों को इस तरह वाक्यों में प्रयोग करें कि अर्थ स्पष्ट हो जाएं

जान का दुश्मन ____________ _______________________
फूटी आँख न भाना __________________ _______________________
कान भरना ________________ ______________________
ज्योति जोत समाना ______________ ___________________
परलोक सिधारना _____________ ____________________
दो टूक कहना __________________ _________________
मामले को उछालना _________________ _____________________
उत्तर:
जान का दुश्मन (पक्का दुश्मन) – रमेश ने पुलिस से झगड़ा करके उसे अपनी जान का दुश्मन बना लिया है।
फूटी आँखों न भाना (बिलकुल अच्छा न लगना) – कक्षा में समय पर नहीं आने वाले विद्यार्थी मुझे फूटी आँख नहीं भाते।
कान भरना (चुगली करना) – ऐसे लोगों से बच कर रहो, जो दूसरों के खिलाफ़ तुम्हारे कान भरते हैं।
ज्योति जोत समाना (परलोक सिधारना) – श्री गुरु अर्जुन देव जी लाहौर में रावी नदी के तट पर ज्योति जोत समा गए।
परलोक सिधारना (मृत्यु को प्राप्त होना) – हरिसिंह के पिता जी कल परलोक सिधार गए।
दो टूक कहना (स्पष्ट वक्ता, सही और सत्य बोलना) – सुमन ने सुषमा से एक हजार रुपए उधार माँगे पर उसने दो टूक मना कर दिया।
मामले को उछालना (झगड़ा बढ़ाना, बात फैलाना) – कुछ न होते हुए भी नेताजी ने विरोधी पक्ष के मामले को उछालना शुरू कर दिया।

प्रयोगात्मक व्याकरण

6. निम्नलिखित शब्दों में से उपसर्ग अलग करके लिखें:

प्रदान = ______________
आमंत्रित = _____________
निवारण = ______________
अनमोल = _______________
प्रभावित = _______________
प्रबन्ध = ______________
आनन्द = ___________
विभोर = ____________
संकलित = ____________
संग्रह = ______________
सुशोभित = _____________
उत्तर:
प्र, आ, नि, अन, प्र, प्र, आ, वि, सम्, सम्, सु।

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7. निम्नलिखित समास शब्दों का विग्रह करें

समस्त पद विग्रह
गुरुद्वारा = ………………..
परलोकवास = ……………….
गुरु-गद्दी = ………………..
गुरु-परम्परा = …………………
ग्रंथी-परम्परा = ………………
उत्तर:
समस्त पद विग्रह
गुरुद्वारा = गुरु का द्वारा
परलोकवास = परलोक में वास
गुरु-गद्दी = गुरु की गद्दी
गुरु-परम्परा = गुरु की परम्परा
ग्रंथी-परम्परा = ग्रंथी की परम्परा

8. (क)
1. ने + अन = नयन
ए + अ = अय

2. गै + अक = गायक
ऐ + अ = आय
अतएव अब ए ऐ के बाद यदि कोई दूसरा स्वर आ जाए तब इनके स्थान पर क्रमशः अय आय हो जाता है। यह स्वर संधि की अयादि संधि है। अन्य उदाहरण :- नै + अक ‘= नायक, नै + इका = नायिका।

(ख)
1. पो + अन = पवन
ओ + अ = अव

2. पौ + अन = पावन
औ + अ = आव
अतएव जब ओ औ के बाद दूसरा स्वर आ जाए तो इनके स्थान पर क्रमश: अव आव हो जाता है। यह स्वर संधि की अयादि संधि है। अन्य उदाहरण
भो + अन = भवन
नौ + इक – नाविक
भौ + उक = भावुक

9. रेखांकित पदों के कारक बतायें:

  1. गुरु जी ने सिक्ख धर्म के प्रचार और दीन हीन की सहायता के लिए ‘दसवंध मर्यादा’ का आरम्भ किया।
  2. यह अमृतसर नगर में विद्यमान है।
  3. गुरु जी अपने माता-पिता की तीसरी संतान थे।
  4. चंदू शाह अपने अपमान का बदला चुकाना चाहता था।
  5. हर साल गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी दिवस संसार भर में मनाया जाता है।

उत्तर:

  1. संप्रदान तत्पुरुष
  2. द्वंद्व समास
  3. अधिकरण तत्पुरुष
  4. कर्ता तत्पुरुष
  5. संबंध तत्पुरुष

(ख) विचार-बोध

1. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
दसवंध मर्यादा से क्या भाव है ?
उत्तर:
दसवंध मर्यादा का अर्थ सिक्ख धर्म के अनुयायियों का अपनी आमदनी का दसवाँ भाग दान में से है।

प्रश्न 2.
गुरु अर्जुन देव जी ने सम्राट अकबर से क्या मांगा ?
उत्तर:
गुरु अर्जुन देव जी ने सम्राट अकबर से कहा कि हरमन्दिर साहिब के आस-पास के गाँवों का लगान माफ़ कर दिया जाए।

प्रश्न 3.
श्री गुरु ग्रन्थ साहिब’ में किन-किन की वाणी संकलित है ?
उत्तर:
श्री गुरु ग्रंथ साहिब में गुरु नानक देव जी, भक्त कबीर जी, गुरु अर्जुन देव जी तथा अन्य गुरुओं और अनेक सन्तों की वाणी संकलित है।

प्रश्न 4.
चन्दू शाह गुरु अर्जुन देव जी का दुश्मन क्यों बना ?
उत्तर:
चन्दू शाह अपनी पुत्री का विवाह गुरु अर्जुन देव जी के बड़े बेटे श्री हर गोबिन्द जी से करना चाहता था। गुरु जी इसके लिए तैयार नहीं थे। इसलिए चन्दू शाह गुरु जी का दुश्मन बन गया।

प्रश्न 5.
गुरु अर्जुन देव जी को गुरु गद्दी कब प्रदान की गई ?
उत्तर:
गुरु अर्जुन देव जी को गुरु गद्दी सन् 1581 ई० में प्रदान की गई।

प्रश्न 6.
दस गुरुओं के क्रमशः नाम लिखें। उत्तर-सिक्ख धर्म के दस गुरुओं के नाम इस प्रकार हैं

  1. गुरु नानक देव जी
  2. गुरु अंगद देव जी
  3. गुरु अमरदास जी
  4. गुरु रामदास जी
  5. गुरु अर्जुन देव जी
  6. गुरु हरगोबिन्द जी
  7. गुरु हरिराय जी
  8. गुरु हरिकृष्ण जी
  9. गुरु तेग़ बहादुर जी
  10. गुरु गोबिन्द सिंह जी

3. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
गुरु अर्जुन देव जी के चरित्र की दो विशेषताओं को स्पष्ट करें। संकेत-उदारता, दया, सेवाभाव, भक्ति, दृढ़ता, कष्ट सहिष्णुता, निर्भयता।
उत्तर:

  1. उदारता-गुरु अर्जुन देव जी बड़े उदार विचारों के थे। उन्होंने अपने समय के प्रसिद्ध मुस्लिम फकीर साईं मियां मीर को आमन्त्रित करके श्री हरमन्दिर साहिब की नींव रखवाई थी। दरबार साहिब के नाम से भी विख्यात यह गुरुद्वारा साहिब सिक्ख धर्म का महान् तीर्थ स्थान माना जाता है।
  2. दया-गुरु जी ने अकबर से गरीब किसानों का लगान माफ करवाया।
  3. सेवाभाव-गुरुद्वारे में आने वाले श्रद्धालुओं को वे स्वयं भोजन परोसा करते थे। गुरु जी की सिक्ख धर्म को सबसे बड़ी देन है-गुरु ग्रन्थ साहिब का प्रकाश।
  4. निर्भयता-गुरु जी बड़े-से बड़े संकट से घबराते नहीं थे। दीन-हीन और निःसहायों को आश्रय देना वे अपना धर्म मानते थे।

प्रश्न 2.
जहाँगीर ने गुरु अर्जुन देव जी को क्यों दण्डित किया ?
उत्तर:
गुरु अर्जुन देव जी के विरोधियों तथा चन्दू शाह ने उनके विरुद्ध अनेक तरह के लांछन लगाकर मुग़ल बादशाह जहाँगीर के कान भरे। गुरु साहिब बड़े दयालु थे। उन्होंने जहाँगीर के बेटे शहज़ादा खुसरो की मुसीबत के समय सहायता की थी। पिता से बिगड़े पुत्र खुसरो की मदद के इस मामले को भी गुरु साहिब के विरोधियों ने खूब उछाला। ऐसे षड्यंत्रों में फंसा कर बादशाह जहाँगीर ने गुरु अर्जुन देव जी को लाहौर बुलवा कर नौ लाख रुपए दण्ड भरने का आदेश दे दिया और दण्ड न देने पर उन्हें कैद करवाया।

प्रश्न 3.
गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी दिवस कब और कैसे मनाया जाता है ?
उत्तर:
गुरु अर्जुन देव जी 30 मई, सन् 1606 ई० को शहीद हुए। इसी की स्मृति में हर साल गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी दिवस संसार भर में मनाया जाता है। शहीदी गुरु पर्व के सिलसिले में प्रभात फेरियाँ और नगर कीर्तन निकलते हैं। गर्मी का मौसम होने के कारण मीठे शीतल जल की छबीलें लगाकर शान्ति प्रिय गुरुदेव का स्मरण किया जाता है। इसी उपलक्ष्य में गुरुद्वारे में दीवान भी सजते हैं।

(ग) रचना-बोध

अपनी सहेली को पत्र में अमृतसर के दर्शनीय स्थलों का विवरण दें

92 – मॉडल कॉलोनी,
अमृतसर।
दिनांक 22 दिसम्बर, 20….
प्रिय सखी प्रीतम,
स्नेह भरी नमस्ते।
तुम्हारा पत्र मिला। घर के काम-काज में व्यस्त रहने के कारण तुरन्त उत्तर नहीं दे सकी, क्षमा चाहती हूँ। तुमने अमृतसर के दर्शनीय स्थलों का विवरण पूछा है, संक्षेप में दे रही हूँ।

जिस के कारण अमृतसर दुनिया भर में प्रसिद्ध है, वह है सिक्खों का पावन-तीर्थ श्री दरबार साहिब। यह महान् गुरुद्वारा दुनिया भर के सिक्खों का सबसे बड़ा श्रद्धा का केन्द्र है। इसका पावन सरोवर निर्मल एवं शुद्ध जल से पूर्ण है। इस में लोग श्रद्धा से स्नान करते हैं । दरबार साहिब में रात-दिन भीड़ लगी रहती है। श्रद्धालुओं के लिए गुरु का अटूट लंगर दिन-रात चलता रहता है। गुरुद्वारे में शबद कीर्तन निरन्तर होता रहता है।

श्री दरबार साहिब के निकट ही जलियाँवाला बाग है। यह देश-भक्तों का अमर स्मारक है। दुर्याना मन्दिर भी अमृतसर का एक परम पावन तीर्थ स्थल है। इसके अतिरिक्त शहर के बाग भी अद्भुत छटा बिखेरते हैं। वस्तुतः ये स्थान स्वयं आँखों से देखकर अपनी विशेषताएँ साकार करते हैं। इसलिए आगामी छुट्टियों में तुम अमृतसर आकर अपनी आँखों से सब कुछ देखो।
पूज्य माता और पिता जी को सादर नमस्कार कहना और हैप्पी को प्यार देना।
तुम्हारी प्रिय सखी,
नन्दिनी शर्मा।

(घ) सिक्ख धर्म के पावन ग्रंथ गुरु ‘ग्रंथ साहिब’ में से किसी श्लोक को याद करें और उसके अर्थ जानें।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

PSEB 7th Class Hindi Guide श्री गुरु अर्जुन देव जी Important Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
‘पंचम पातशाह’ किसे कहते हैं ?
(क) गुरु नानक देव
(ख) गुरु अर्जुन देव
(ग) गुरु गोबिंद सिंह
(घ) क और ग
उत्तर:
(ख) गुरु अर्जुन देव

प्रश्न 2.
गुरु अर्जुन देव जी का जन्म कहां हुआ था ?
(क) कराची
(ख) लाहौर
(ग) दिल्ली
(घ) गोइंदवाल
उत्तर:
(घ) गोइंदवाल

प्रश्न 3.
चौथे सिक्ख गुरु कौन थे ?
(क) गुरु रामदास जी
(ख) गुरु गोबिंद सिंह जी
(ग) गुरु अर्जुन देव जी
(घ) कोई नहीं
उत्तर:
(क) गुरु रामदास जी

प्रश्न 4.
गुरु अर्जुन देव जी ने कौन-सी मर्यादा का आरम्भ किया था ?
(क) पंचवंध
(ख) दसवंध
(ग) सप्तवंध
(घ) बीसवंध
उत्तर:
(ख) दसवंध

प्रश्न 5.
गुरु जी की सबसे बड़ी देन क्या है ?
(क) उपदेश
(ख) लंगरसेवा
(ग) दसवंध
(घ) गुरु ग्रंथ साहिब
उत्तर:
(घ) गुरु ग्रंथ साहिब

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 20 श्री गुरु अर्जुन देव जी

2. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित विकल्पों से कीजिए

प्रश्न 1.
हरमन्दिर साहिब को सिक्ख धर्म का …………… माना जाता है।
(क) तीर्थ
(ख) गुरुद्वारा
(ग) मंदिर
(घ) कोई नहीं
उत्तर:
(क) तीर्थ

प्रश्न 2.
दीवान ………….. ने गुरु जी को कैद में डाल दिया था ।
(क) मन्दूशाह
(ख) चन्दूशाह
(ग) राम सेवक
(घ) श्यामचंद्र
उत्तर:
(ख) चन्दूशाह

प्रश्न 3.
जहाँगीर के पुत्र का नाम ………….. था।
(क) मीर जाफ़र
(ख) रामशेर
(ग) अल्लाफ़
(घ) खुसरो
उत्तर:
(घ) खुसरो

प्रश्न 4.
हरमन्दिर साहिब की यात्रा मुगल सम्राट ………….. ने की थी।
(क) अकबर
(ख) जहाँगीर
(ग) शाहजहाँ
(घ) बाबर
उत्तर:
(क) अकबर

प्रश्न 5.
गुरु ग्रंथ साहिब में गुरु जी के …………. श्लोक तथा शब्द हैं।
(क) 2 सौ
(ख) 21 सौ
(ग) 22 सौ
(घ) 23 सौ
उत्तर:
(ग) 22 सौ

3. दिए गए शब्द का सही अर्थ से मिलान कीजिए

प्रश्न 1.
विख्यात:
प्रसिद्ध
विज्ञान
विचार
उत्तर:
प्रसिद्ध

प्रश्न 2.
आमंत्रित करना :
मंत्र देना
बुलाना
भेजना
उत्तर:
बुलाना

प्रश्न 3.
स्मरण:
याद करना
भुला देना
घूमना
उत्तर:
याद करना

प्रश्न 4.
श्रद्धालु:
श्राद् का आलू
श्रद्धा करने वाले
श्रद्धा
उत्तर:
श्रद्धा करने वाले

श्री गुरु अर्जुन देव जी Summary

श्री गुरु अर्जुन देव जी पाठ का सार

‘श्री गुरु अर्जुन देव जी’ पाठ में ‘पंचम पातशाह जी’ के नाम से सिक्ख परंपरा में विख्यात श्री गुरु अर्जुन देव जी के जीवन चरित्र का वर्णन किया गया है। श्री गुरु अर्जुन देव जी का जन्म 15 अप्रैल, सन् 1563 को गोइंदवाल में हुआ था। आप के पिता श्री गुरु रामदास जी चौथे सिक्ख गुरु थे। आपकी माता जी का नाम बीबी भानी जी था। वे तीसरे सिख गुरु श्री गुरु अमरदास जी की सुपुत्री थी। इस प्रकार गुरु अमरदास जी श्री गुरु अर्जुन देव जी के नाना हुए। गुरु अर्जुन देव जी अपने माता-पिता की तीसरी सन्तान थे। सोलह वर्ष की आयु में गुरु अर्जुन देव जी का विवाह मउ गाँव के श्रीकृष्ण चन्द की बेटी गंगा जी के साथ हुआ था। आप सन् 1581 ई० में गुरुगद्दी पर बैठे और ‘पंचम पातशाह जी’ के नाम से विख्यात हुए।

श्री गुरु अर्जुन देव जी ने ‘दसवंध मर्यादा’ का आरम्भ किया। गुरु जी ने मुस्लिम फकीर साईं.मियां मीर जी को आमंत्रित करके श्री हरमन्दिर साहिब की नींव रखवाई थी। दरबार साहिब के नाम से प्रसिद्ध यह सिक्ख धर्म का महान् तीर्थ माना जाता है। मुग़ल सम्राट अकबर भी इसकी यात्रा करने आया था और उसने गुरु जी के दर्शन किये थे।

श्री गुरु अर्जुन देव जी गुरुद्वारे में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वयं भोजन परोसा करते थे। वे थके-मांदे की सेवा करते थे। गुरु जी की सबसे बड़ी देन ‘श्री गुरु ग्रन्थ साहिब’ है। उन्होंने बाबा बुड्डा जी को दरबार साहिब में ग्रन्थी बनाकर ग्रन्थी परम्परा शुरू की थी। श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में गुरु जी के 22 सौ ‘श्लोक’ तथा ‘शबद’ हैं। अकबर की मृत्यु के बाद गुरु जी के विरोधियों ने मुग़ल सम्राट् जहाँगीर के कान भरे क्योंकि उन्होंने जहाँगीर के पुत्र खुसरो की मुसीबत में सहायता की थी। दीवान चन्दू शाह ने गुरु जी को कैद में डाल दिया था। वह उन्हें अनेक यातनाएँ देता था। वे 30 मई, सन् 1606 ई० को शहीद हो गए। गुरु जी का शहीदी दिवस हर साल संसार भर में मनाया जाता है और ‘पंचम पातशाह जी’ के नाम से उनको स्मरण किया जाता है।

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