Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 23 बहू की विदा Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 23 बहू की विदा
Hindi Guide for Class 7 PSEB बहू की विदा Textbook Questions and Answers
(क) भाषा-बोध
1. शब्दार्थ:
एकांकी = एक अंक का नाटक
समाधान = हल
सराहनीय = तारीफ के लायक, प्रशंसनीय
अवथा = आयु
द्वार = दरवाज़ा
समृद्धि = खुशहाली, धन वैभव की अधिकता, सम्पन्नता
चिह्न = निशान
विनम्र = विनीत, झुका हुआ
निराशाजन्य = निराशा से पैदा हुआ
करुण = दूसरों के दुःख से दुखी होने का भाव
बदतमीजी = बेअदबी
अपमान = निरादार
तिलमिलाना = अचानक मिले कष्ट से पीड़ित होना
दर्द-मिश्रित = दर्द से मिला
आवेश – जोश, उत्साह
जिद्द = हठ
विनती = प्रार्थना, निवेदन
प्रस्थान = जाना
निर्णय = फैसला
सामर्थ्य = शक्ति, हिम्मत
नाता = रिश्ता
ख़ातिर = स्वागत, सेवा
शान = इज्जत, सम्मान
ठेस = दुःख
चेष्टा = कोशिश
सरासर = बिलकुल
अन्याय = अनुचित, गलत
सुख-सुहाग – पति से मिलने वाला सुख
सौगन्ध = कसम
कामना = इच्छा
पूर्ति = पूरा करना
कीमत = मूल्य
चिन्ता = फिक्र
अखरेगी = बुरा लगेगा
उपक्रम = कोशिश, प्रयत्न
कुशल-क्षेम = खैरियत, हालचाल
मूर्तिवत = मूर्ति के समान
राह देखना = प्रतीक्षा करना
मन्दगति = धीमी चाल
नाक वाले = प्रतिष्ठित, इज्ज़तदार
नेपथ्य = पर्दे के पीछे से
हतप्रभ-सी = निराश होकर, उत्साहहीन होकर, शोभा से रहित होकर
कम्पन = काँपना
शराफ़त = भले मानसी, भद्रता
इन्सानियत = मानवता
अनसुनी = सुने को न सुनना
निःश्वास = साँस
ओट = आड़
यवनिका = पर्दा
2. निम्नलिखित मुहावरों/लोकोक्ति को अपने वाक्यों में प्रयोग करें :
सपना देखना ____________ _________________________
हृदय टूटना _________________ __________________________
झोंपड़ी में रहकर महल से नाता जोड़ना __________________ ____________________
ठेस पहुँचाना ______________ _______________________
धूप में बाल सफ़ेद होना __________________ _________________________
दाँतों तले अंगुली दबाना _________________ _________________________
पानी से पत्थर नहीं पिघलता ___________________ ______________________
नाक भौंह सिकोड़ना ___________ ___________________________
कलेजे में घाव होना ___________________ __________________________
मुँह ताकना __________________ _______________________
धब्बा लगना _________________ __________________________
हँसी होना ________________ ________________________
सपनों का खून होना _______________ _______________________
तराजू में तौलना _____________ __________________________
नाक होना ____________________ ________________________
मुँह से सीधी बात न निकालना _______________ ______________________
हाथ मलना _____________ ___________________________
उत्तर:
सपना देखना (कल्पना करना) – सफलता केवल सपना देखने से नहीं मिलती, मेहनत करनी पड़ती है।
हृदय टूटना (दुःख होना) – पुत्र की अचानक मौत से माँ का हृदय टूट गया।
झोंपड़ी में रहकर महल से नाता जोड़ना (गरीब का अमीर से रिश्ता होना)मज़दूर सुशान्त अपनी बहन की शादी ज़मींदार के बेटे से करने की सोच रहा है जो अगर सच हो गया तो झोपड़ी में रहकर महल से नाता जोड़ने जैसा काम होगा।
ठेस पहुँचाना (दुःख देना) – महमूद ने शराब पीकर अपने माता-पिता को बहुत ठेस पहुँचाई।
धूप में बाल सफ़ेद होना (बूढ़े होने पर भी अनुभव नहीं होना) – बाबा भारती ने खड्ग सिंह की चापलूसी भरी बातें सुन कर उसे कहा कि उन्होंने कोई धूप में बाल सफेद नहीं किए जो वह उन्हें ठग लेगा।
दाँतों तले अंगुली दबाना (हैरान होना) – जादूगर के खेलों को देखकर बच्चों ने दाँतों तले अंगुली दबा ली।
पानी से पत्थर नहीं पिघलता (कठोर व्यक्ति आँसुओं से नहीं बहलते) – ठेकेदार की ज्यादतियों के खिलाफ अपने साथी मज़दूर को ठेकेदार के सामने गिड़गिड़ाते तथा रोते देख कर उसके साथी ने उसे समझाते हुए कहा कि शान्त हो जाओ क्यों कि पानी से पत्थर नहीं पिघलता।
नाक भौंह सिकोड़ना (नखरे करना) – सुशीला के घर की गन्दगी देखकर हरभजन कौर नाक भौंह सिकोड़ने लगी।
कलेजे में घाव होना (बहुत दुःख होना) – अध्यापक जी की कठोर बातें सुनकर सुरेश के कलेजे में घाव हो गया।
मुँह ताकना (लाचारी से देखना) – मेरा मुँह ताकना बन्द करो और अपना काम पूरा करो।
धब्बा लगना (बदनाम होना) – पुत्र के जेल जाने पर उस के खानदान पर उसके अपराधी होने का धब्बा लग गया।
हँसी होना (मज़ाक उड़ना, बदनामी करना) – बारातियों के ठीक से स्वागत-सत्कार नहीं होने पर सब में सेठी खानदान की हँसी हो गई।
सपनों का खून होना (कल्पना पूरी नहीं होना)-जवान पुत्र की मृत्यु ने माँ-बाप के सपनों का खून कर दिया।
तराजू में तौलना (बराबर समझना, सच्ची बात करना) – मुझे तुमसे उलझना नहीं है इसीलिए मैं तो जो कहता हूँ तराजू में तौल कर कहता हूँ।
नाक होना (इज्जत होना) – लाला फकीर चन्द की अपनी बिरादरी में बड़ी नाक
मुँह से सीधी बात न निकलना (इधर-उधर की बातें करना) – श्याम गुरु जी से मेरी शिकायत करने गया था परन्तु उसके मुँह से सीधी बात न निकल सकी।
हाथ मलना (दु:ख होना) – हाथ आया अवसर निकल जाने पर हाथ मलते रह जाना पड़ता है।
3. लिंग बदलो :
माँ = ……………….
पति = ……………..
पुत्र = ………………..
भाई = ……………..
सास = ………………
देवर = ……………….
जेठ = …………….
ननद = …………….
बहन = ……………..
समधि = ……………
बाबू = …………………
मालिक = ………………
उत्तर:
माँ = बाप
जेठ = जेठानी
पति = पत्नी
ननद = ननदोई
पुत्र = पुत्री
बहन = बहनोई
भाई = भावज
समधि = समधन
सास = ससुर
बाबू = बबुआईन
देवर = देवरानी
मालिक = मालकिन
4. भाववाचक संज्ञा बनाओ:
अपना = ………………….
बच्चा = ……………….
पराया = ……………..
भारी = ………………….
मुस्कराना = …………………
घबराना = ………………….
सजाना = …………………
लिखना = ………………
उत्तर:
अपना = अपनापन
मुस्कराना = मुस्कराहट
बच्चा = बचपन
घबराना = घबराहट
पराया = परायापन
सजाना = सजावट
भारी = भारीपन
लिखना = लिखावट
5. विराम चिह्न लगाएं:
प्रश्न 1.
तो वह क्या कर लेता
उत्तर:
तो वह क्या कर लेता ?
प्रश्न 2.
बहू और बेटी बेटी और बहू अजीब उलझनें हैं कुछ समझ में नहीं आता
उत्तर:
बहू और बेटी ! बेटी और बहू ! अजीब उलझनें हैं। कुछ समझ में नहीं आता।
प्रश्न 3.
बहुत अच्छा स्वभाव है उसका हर समय हँसती हँसाती रहती है
उत्तर:
बहुत अच्छा स्वभाव है उसका, हर समय हँसती-हँसाती रहती है।
प्रश्न 4.
सच विदा न होने का मुझे ज़रा भी दुःख न होगा
उत्तर:
सच, विदा न होने का मुझे ज़रा भी दुःख न होगा।
प्रश्न 5.
हाँ विदा के लिए क्या कहा उन्होंने
उत्तर:
हाँ, विदा के लिए क्या कहा उन्होंने ?
6. इन वाक्यों को शुद्ध करें:
प्रश्न 1.
मैं आपको केवल पाँच सौ रुपये मात्र ही दे सकता हूँ।
उत्तर:
मैं आप को केवल पाँच सौ रुपये ही दे सकता हूँ।
प्रश्न 2.
उसने अपनी बात सप्रमाण सहित कही।
उत्तर:
उसने अपनी बात सप्रमाण कही।
प्रश्न 3.
हम सब यहाँ सकुशलतापूर्वक हैं।
उत्तर:
हम सब यहाँ सकुशल हैं।
प्रश्न 4.
मकान लगभग कोई सात-आठ हज़ार में बिक जायेगा।
उत्तर:
मकान लगभग सात-आठ हज़ार में बिक जायेगा।
7. प्रयोगात्मक व्याकरण
- जीवन लाल खिड़की के समीप खड़े हुए दिखाई दिया।
- कमरे के बीच में सोफा सेट है।
- हर लड़की पहला सावन अपनी सखी-सहेलियों के साथ हँस-खेलकर बिताने का सपना देखती है।
- मेरे सामने मुँह खोलने की हिम्मत किसी में नहीं है।
- हम अपनी बेटी के लिए आए हैं।
- हमने अपने सामर्थ्य के अनुसार तो दे दिया।
- क्या गालियों के अलावा कभी सीधी बात नहीं निकलती मुँह से।
- वह प्रमोद के पास जाकर खड़ी हो जाती है।
उपर्युक्त वाक्यों में के समीप, के बीच, के साथ, सामने, के लिए, के अनुसार, के अलावा, के पास शब्द संज्ञा तथा सर्वनाम शब्दों के साथ आकर उनका सम्बन्ध वाक्य में दूसरे शब्दों के साथ बता रहे हैं। अतः सम्बन्ध बोधक हैं। अतएव जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के साथ जुड़कर उनका सम्बन्ध वाक्य के दूसरे शब्दों से बताते हैं, उन्हें सम्बन्ध बोधक कहते हैं। यदि इन सम्बन्ध बोधक अविकारी शब्दों को वाक्य में से निकाल दिया जाए तो वाक्य का कोई अर्थ नहीं रह जाता।
अन्य सम्बन्ध बोधक शब्द-पहले, बाद, आगे, पीछे, बाहर, भीतर, ऊपर, नीचे, अनुसार, तरह, बिना, समान, निकट, बगैर, रहित, सिवाय, अतिरिक्त, तक, भर, संग। सम्बन्धबोधक का प्रयोग दो प्रकार से होता है :
1. विभक्तियों के साथ
2. विभक्तियों के बिना
(1) विभक्तियों के साथ सम्बन्धबोधक का प्रयोग
* वह माँ के साथ बाजार गया है।
** वह प्रमोद के पास जाकर खड़ी हो गयी।
(2) विभक्तियों के बिना सम्बन्धबोधक का प्रयोग
* मैं बिना विदा कराए ही जा रहा हूँ।
* * ज्ञान बिना जीवन बेकार है।
*** हमने जीवन भर की कमाई दे दी।
8. उपयुक्त योजक भर कर वाक्य पूरे करें:
1. जीवन लाल सोफे पर बैठकर जम्हाई लेते हैं ………….. प्रमोद की बातों से ऊब रहे हों (मानो, अतः)
2. …………. माँ-बहन का इतना ही ख्याल था ………. दहेज पूरा क्यों नहीं दिया (चाहे.. फिर भी, अगर ..तो) .
3. उन्होंने इतना दहेज दिया ………….. देखने वालों के दाँतों तले उँगली दबा ली (कि, और)
4. ………….. बेटी वाले अपना घर-द्वार बेचकर दे दें ………….. बेटे वालों की नाक-भौंह सिकुड़ी ही रहती है (यद्यपि.. तथापि, चाहे… फिर भी)
5. मुझे तो ऐसा लगता है ………….. सब एक ही धातु के बने हैं (या, कि)
6. मेरे लिए ………….. रमेश ………….. ही तुम (जैसा, वैसे, यदि… तो)
7. ………….. मैं उतावली होकर गौरी की राह देख रही हूँ ………….. तुम्हारी माँ भी कमला की राह देख रही होगी (जिस तरह…. उसी तरह, यदि …. नहीं तो)
उत्तर:
1.जीवन लाल सोफे पर बैठकर जम्हाई लेते हैं मानो प्रमोद की बातों से ऊब रहे हों।
2. अगर माँ-बहन का इतना ही ख्याल था तो दहेज पूरा क्यों नहीं दिया।
3. उन्होंने इतना दहेज दिया कि देखने वालों ने दाँतों तले उँगली दबा ली।
4. चाहे बेटी वाले अपना घर-द्वार बेचकर दे दें फिर भी बेटे वालों की नाकभौंह सिकुड़ी ही रहती है।
5. मुझे तो ऐसा लगता है कि सब एक ही धातु के बने हैं।
6. मेरे लिए जैसा रमेश वैसे ही तुम।
7. जिस तरह मैं उतावली होकर गौरी की राह देख रही हूँ उसी तरह तुम्हारी माँ भी कमला की राह देख रही होगी।
(ख) विचार-बोध
(क) इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:
प्रश्न 1.
जीवन लाल अपनी बहू कमला की विदाई क्यों नहीं कर रहे थे ?
उत्तर:
जीवन लाल अपनी बहू कमला की विदाई इसलिए नहीं कर रहे थे क्योंकि उन्हें दहेज कम मिला था।
प्रश्न 2.
प्रमोद को जीवन लाल ने किस बात पर बदतमीज और आवारा छोकरा कहा ?
उत्तर:
जब प्रमोद ने जीवन लाल को यह कहा कि वे बिना पैसे लिए कमला को विदा न करके अन्याय कर रहे हैं तथा उसे विदा न करके कोई बदला ले रहे हैं तथा यदि रमेश बाबू होते’ इस पर जीवन लाल ने उसे बदतमीज़ और आवारा छोकरा कहा था।
प्रश्न 3.
प्रमोद अपनी बहन कमला को लेने क्यों आया ?
उत्तर:
प्रमोद अपनी बहन कमला को उस के विवाह के बाद के पहले सावन पर ससुराल से विदा करा के मायके ले जाने आया है।
प्रश्न 4.
जीवन लाल कितने रुपये लेकर बहू को विदा करने को तैयार थे ?
उत्तर:
जीवन लाल पाँच हजार रुपए लेकर विदा करने को तैयार हैं।
प्रश्न 5.
जीवन लाल की बेटी क्यों नहीं आई ?
उत्तर:
जीवन लाल की बेटी इसलिए नहीं आई क्योंकि उसने अपनी बेटी के विवाह पर दहेज पूरा नहीं दिया था।
प्रश्न 6.
इस एकांकी में किस प्रमुख सामाजिक समस्या को उठाया गया है?
उत्तर:
इस एकांकी में दहेज की समस्या को प्रमुख रूप से उठाया गया है।
प्रश्न 7.
दहेज की समस्या का समाधान लेखक ने राजेश्वरी के शब्दों में प्रस्तुत किया है। उस वाक्य को ढूंढकर लिखें।
उत्तर:
जो व्यवहार अपनी बेटी के लिए तुम दूसरों से चाहते हो, वही दूसरों की बेटी को भी दो। जब तक बहू और बेटी को एक-सा नहीं समझोगे न तुम्हें सुख मिलेगा और न शान्ति।
प्रश्न 8.
इन मोतियों का मूल्य समझने वाला यहाँ कोई नहीं है। इस वाक्य को स्पष्ट करें।
उत्तर:
इस वाक्य से तात्पर्य यह है कि कमला की ससुराल में उस के आँसुओं अथवा रोने से किसी को कोई अन्तर नहीं पड़ता। उस के दुःख कोई नहीं समझ सकता।
(ख) इन प्रश्नों के उत्तर चार या पांच वाक्यों में लिखें:
प्रश्न 1.
‘आज के युग में पैसा ही नाक और मूंछ है।’ इस वाक्य से जीवन लाल के चरित्र पर प्रकाश डालें।
उत्तर:
इस कथन से यह ज्ञात होता है कि जीवन लाल पैसे को बहुत महत्त्व देता है। उसके लिए पैसे से ही मनुष्य का सम्मान होता है और वह समाज में आदर-मान पाता है। दहेज में पाँच हजार रुपए कम मिलने के कारण ही वह अपनी बहू को विदा नहीं कराने दे रहा तथा बहू के भाई को बुरा-भला भी कहता है। उसे अपने अमीर होने का बहुत घमण्ड भी है। उसके लिए पैसा ही सब कुछ है।
प्रश्न 2.
प्रमोद और कमला में हुई बातचीत को अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर:
कमला जब प्रमोद से मिलती है तो सिसकने लगती है। प्रमोद उसे शान्त करता है और पाँच हजार रुपए उसके ससुर को देकर उसे विदा करा ले जाने की बात कहता है। इन रुपयों का प्रबन्ध वह अपना मकान बेच कर करेगा। कमला उसे घर नहीं बेचने की कसम देती है। वह अपने स्वार्थ के लिए घर नहीं बिकवाना चाहती। वह अपनी ननद के साथ सावन मना लेगी तथा उसे सहेलियों की कमी भी महसूस नहीं होगी। वह धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो जाने के लिए भी प्रमोद को कहती है।
प्रश्न 3.
‘जो व्यवहार अपनी बेटी के लिए तुम दूसरों से चाहते हो वहीं दूसरे की बेटी को भी दो।’ राजेश्वरी के इस कथन से माँ की ममता किस प्रकार झलकती है ?
उत्तर:
इस कथन से स्पष्ट है कि राजेश्वरी बहू और बेटी को एक समान समझती है। उसके मन में दोनों के प्रति बहुत ममता है। इसलिए बहू की विदाई न होने पर उसके भाई प्रमोद को अपने पास से पाँच हज़ार रुपए देकर अपने पति को देने के लिए कहती है जिससे वह अपनी बहन को विदा करा के ले जा सके।
प्रश्न 4.
‘मेरी चोट का इलाज बेटी के ससुराल वालों ने दूसरी चोट से कर दिया है। इस कथन का क्या आशय है ?
उत्तर:
इस कथन का यह आशय है कि जब गौरी को उसके ससुराल वालों ने उचित दहेज नहीं देने के कारण उसके भाई रमेश के साथ विदा नहीं किया तो जीवन लाल को लगा कि उसने जैसा व्यवहार अपनी बहू के भाई प्रमोद से किया था वैसा ही उसकी बेटी-बेटे के साथ हुआ तो उसे लगा कि उसने जो बुरा व्यवहार प्रमोद से किया उसका उसे तुरन्त बदला मिल गया है।
रचना-बोध :
प्रश्न 1.
‘दहेज की समस्या स्त्रियों के लिए अभिशाप है और समाज के लिए कलंक’ विषय पर निबन्ध लिखने के लिए कहें।
उत्तर:
दहेज की शुरुआत विवाह के अवसर पर कन्या पक्ष की ओर से उसे तथा उसके ससुराल वालों को दिए जाने वाले स्नेह-उपहारों से हुई थी। आज इसने विकराल रूप धारण कर लिया है। वर-पक्ष वाले मुँह फाड़ कर दहेज माँगते हैं तथा माँग पूरी नहीं होने पर बहू को जलाने, मारने, पीटने आदि के घिनौने कार्य करते हैं। नारी ही नारी की शत्रु बन कर सास, ननद के रूप में अपनी बहू-भाभी को सताती है। पैसे की भूख मनुष्य को राक्षस बनाकर अपनी बेटी समान बहू को सताने-जलाने से भी शर्म नहीं करता। इससे स्त्रियां तो अभिशप्त हैं ही समाज भी दहेज के कलंक से मुक्त नहीं हो सकता। कन्या के शील, सौन्दर्य से अधिक उस के विवाह पर मिलने वाला दहेज प्रमुख हो गया है। इसके लिए युवा वर्ग को आगे आ कर इस कुप्रथा का विरोध करना चाहिए तथा स्त्रियों को स्वावलम्बी बन कर आर्थिक दृष्टि से अपने पैरों पर खड़े हो कर पुरुषों की बराबरी करनी चाहिए, तभी वे दहेज के अभिशाप से मुक्त हो कर समाज को भी इस बुराई से बचा सकती है।
प्रश्न 2.
इस एकांकी का स्कूल के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह पर अभिनय करें।
उत्तर:
विद्यार्थी अपने शिक्षक शिक्षिका के सहयोग से करें।
PSEB 7th Class Hindi Guide बहू की विदा Important Questions and Answers
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए
प्रश्न 1.
‘बहु की विदा’ किस प्रकार की विधा है ?
(क) कहानी
(ख) नाटक
(ग) एकांकी
(घ) रेखाचित्र
उत्तर:
(ग) एकांकी
प्रश्न 2.
‘बहू की विदा’ एकांकी के रचनाकार कौन हैं ?
(क) प्रमोद रस्तोगी
(ख) विनोद रस्तोगी
(ग) अनिल कुमार
(घ) प्रेमचंद
उत्तर:
(ख) विनोद रस्तोगी
प्रश्न 3.
जीवन लाल की आयु कितनी थी ?
(क) चालीस वर्ष
(ख) तीस वर्ष
(ग) पचास वर्ष
(घ) साठ वर्ष
उत्तर:
(ग) पचास वर्ष
प्रश्न 4.
जीवन लाल की बहू का क्या नाम था ?
(क) कमला
(ख) सावन
(ग) प्रमोद
(घ) राधिका
उत्तर:
(क) कमला
प्रश्न 5.
कमला के भाई का क्या नाम था ?
(क) विनोद
(ख) प्रमोद
(ग) सुभाष
(घ) वैभव
उत्तर:
(ख) प्रमोद
2. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित विकल्पों से कीजिए
प्रश्न 1.
कमला की ननद का नाम …………. था।
(क) गीता
(ख) सीता
(ग) रजनी
(घ) गौरी
उत्तर:
(घ) गौरी
प्रश्न 2.
कमला ने अपनी सास ………….. की प्रशंसा की।
(क) राजेश्वरी
(ख) महेश्वरी
(ग) भारती
(घ) आरती
उत्तर:
(क) राजेश्वरी
प्रश्न 3.
जीवनलाल ने कहा ……….. आ गई है।
(क) गीता
(ख) राजेश्वरी
(ग) गौरी
(घ) भारती
उत्तर:
(ग) गौरी
प्रश्न 4.
गौरी के भाई का नाम
(क) सोहन
(ख) मोहन
(ग) महेश
(घ) रमेश
उत्तर:
(घ) रमेश
प्रश्न 5.
प्रमोद कमला की विदाई के लिए अपना ………. तक बेचने को तैयार था।
(क) घर
(ख) कार
(ग) जीप
(घ) साइकिल
उत्तर:
(क) घर
3. दिए गए शब्द का सही अर्थ से मिलान कीजिए
प्रश्न 1.
प्रथा:
प्रेरणा
परम्परा
परिवार
उत्तर:
परम्परा
प्रश्न 2.
शेष:
बची हुई
आगे की
शेषनाग
उत्तर:
बची हुई
प्रश्न 3.
अखरेगी:
अकड़ अच्छा
लगना
बुरा लगना
उत्तर:
बुरा लगना
प्रश्न 4.
यवनिका:
यवन
यौवन
पर्दा
उत्तर:
पर्दा
बहू की विदा Summary
बहू की विदा पाठ का सार
‘बहू की विदा’ विनोद रस्तोगी द्वारा रचित एक एकांकी है जो दहेज-प्रथा पर आधारित है। जीवन लाल पचास वर्षीय धनी व्यापारी था। उनकी बहू कमला का भाई प्रमोद पहले सावन के अवसर पर अपनी बहन को विदा कराने आया था परन्तु जीवन लाल उसे तब तक विदा करने के लिए तैयार नहीं था जब तक उन्हें दहेज की शेष राशि पाँच हजार रुपए नकद न मिल जाते। प्रमोद ने उस समय बहन की विदाई के लिए प्रार्थना की तथा गौने में उनकी सभी माँगें पूरी करने की बात कही परन्तु वे नहीं माने और अपनी बेटी गौरी के धूमधाम से किए विवाह की बात कहते हुए उसे स्पष्ट कह दिया कि अभी विदा नहीं हो सकती। प्रमोद ने उनसे बहन से मिलने की आज्ञा मांगी तो उसने और पत्नी से प्रमोद की बहन को उस से मिलने के लिए भेजने के लिए कहा स्वयं वहाँ से चला गया।
कमला अपने भाई प्रमोद से मिलकर सिसकने लगी। प्रमोद ने उसे समझाया और कहा कि वह उसके ससुर को पाँच हज़ार रुपए देकर उसे विदा करा के ले जाएगा। इस कार्य के लिए वह अपना घर तक बेचने के लिए तैयार था। कमला ने उसे इस के लिए मना किया है और कहा है कि उस की ननद गौरी आ रही है, इसलिए उस का ससुराल में ही मन लग जाएगा और वह यहीं सावन मना लेगी। उसे अपनी सखियों की कमी भी नहीं खलेगी। कमला ने अपनी सास राजेश्वरी की प्रशंसा और कहा कि वह उसके ससुर के समान नहीं थी। वे बहुत अच्छी थी। तभी राजेश्वरी वहाँ आई और अपने पास से प्रमोद को रुपए देकर कमला के ससुर को देने के लिए कहा, जिससे वह अपनी बहन को विदा करा के ले जा सके।
प्रमोद इसके लिए तैयार हुआ। तभी जीवन लाल ने आ कर गौरी के आगमन पर उसके स्वागत की तैयारी करने के लिए कहा। बाहर से कार के हार्न की आवाज़ सुनकर जीवनलाल ने कहा कि गौरी आ गई है, उसके लिए मिठाई का थाल लाओ। गौरी का भाई रमेश आया और बताया कि गौरी को उसके ससुराल वालों ने विदा नहीं किया क्योंकि उन्होंने दहेज पूरा नहीं दिया था। इस पर राजेश्वरी ने उसे बुरा-भला कहा और कहा कि बहू-बेटी में अन्तर करने का यही नतीजा होता है। प्रमोद जाने लगा तो जीवनलाल ने उसे बहन को विदा कराने के ले जाने की आज्ञा दे दी तथा पत्नी को बहू को विदा करने की तैयारियाँ करने के लिए कहा।