Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Muhavare मुहावरे Exercise Questions and Answers, Notes.
PSEB 7th Class Hindi Grammar मुहावरे
मुहावरे
अंग-अंग ढीला होना (थक जाना) – आज सुबह से मैंने इतना काम किया है कि मेरा अंग-अंग ढीला हो गया है।
अंगूठा दिखाना (विश्वास दिलाकर मौके पर इन्कार कर देना) – नेता लोग चुनाव के दिनों में बीसियों वायदे करते हैं, परन्तु बाद में अंगूठा दिखा देते हैं।
अगर-मगर करना (टाल-मटोल करना) – जब मैंने मोहन से दस रुपये उधार माँगे तो वह अगर-मगर करने लगा।
अंगुली उठाना (दोष लगाना, निन्दा करना) – कर्त्तव्यपरायण व्यक्ति पर कोई अंगुली नहीं उठा सकता।
अन्धे की लकड़ी (एक मात्र सहारा) – श्रवण अपने माता-पिता की अन्धे की लकड़ी था।
अन्धेरे घर का उजाला (इकलौता बेटा) – रमन अन्धेरे घर का उजाला है, इसका ध्यान रखो।
अपनी खिचड़ी अलग पकाना (सबसे अलग रहना) – सब के साथ मिलकर रहना चाहिए, अपनी खिचड़ी अलग पकाने से कोई लाभ नहीं होता।
अपना उल्लू सीधा करना (स्वार्थ निकालना) – आजकल हर कोई अपना उल्लू सीधा करना चाहता है।
आँख उठाना (बुरी नज़र से देखना) – मेरे जीते जी तुम्हारी तरफ़ कोई आँख उठाकर नहीं देख सकता।
आँखें दिखाना (क्रोध से घूरना) – मैं इनसे नहीं डरता, ये आँखें किसी अन्य को दिखाओ।
आँख का तारा (बहुत प्यारा) – श्री राम चन्द्र जी राजा दशरथ की आँखों के तारे थे।
आँखों में धूल झोंकना (धोखा देना) – चोर सिपाहियों की आँखों में धूल झोंककर भाग गया।
आँख फेर लेना (बदल जाना) – अक्सर लोग काम निकल जाने पर आँखें फेर लेते हैं।
आँख मारना (इशारा करना) – सुरेश ने जब राजेश से पुस्तक माँगी तो सुरेश ने राजेश को पुस्तक न देने के लिए आँख मार दी।
आकाश से बातें करना (बहुत ऊँचे होना) – कुतुबमीनार आकाश से बातें करती है।
आकाश-पाताल एक करना (बहुत प्रयत्न करना) – उसने परीक्षा में सफल होने के लिए आकाश-पाताल एक कर दिया परन्तु सफ़ल न हो सका।
आसमान सिर पर उठाना (बहुत शोर करना) – अध्यापक के कक्षा छोड़ने पर लड़कों ने आसमान सिर पर उठा लिया।
उधर-उधर की हाँकना (व्यर्थ गप्पें मारना) – राम सदैव इधर-उधर की हाँकता रहता है।
ईंट से ईंट बजाना (बिल्कुल नष्ट कर देना) – घर की फूट ने लंका की ईंट से ईंट बजा दी।
ईद का चाँद होना (बहुत दिनों के बाद दिखाई पड़ना) – अरे सुरेश, आजकल कहाँ रहते हो, तुम तो ईद का चाँद हो गए हो।
अंगली उठाना (निन्दा करना) – विरोधी भी गांधी जी पर अंगली उठाने की हिम्मत नहीं करते थे।
उल्लू बनाना (मूर्ख सिद्ध करना) – सोहन के दोस्तों ने उसे ऐसा उल्लू बनाया कि उसका सारा धन उससे छीन कर ले गए।
उल्टी गंगा बहाना (उल्टी बातें करना) – बाप ने बेटे से क्षमा माँग कर उल्टी गंगा बहा दी।
एक आँख से देखना (बराबर कर बर्ताव) – माता-पिता अपने सभी बच्चों को एक आँख से देखते हैं।
एड़ी चोटी का जोर लगाना (पूरा जोर लगाना) – सुदेश ने परीक्षा में पास होने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया, फिर भी वह असफल रही।
कमर कसना (तैयार होना) – गरीबी को दूर करने के लिए सबको कमर कसनी चाहिए।
कमर टूटना (निराश हो जाना) – नौजवान बेटे की मृत्यु ने बूढ़े बाप की कमर तोड़ दी।
काम आना (युद्ध में मारे जाना) – भारत – पाक युद्ध में अनेक भारतीय सैनिक काम आए।
कफ़न सिर पर बाँधना (मरने के लिए तैयार रहना) – भारत की रक्षा के लिए वीर सैनिक सदैव सिर पर कफ़न बाँधे फिरते हैं।
काला अक्षर भैंस बराबर (अनपढ़ व्यक्ति) – अनपढ़ व्यक्ति के लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर है।
कुत्ते की मौत मरना (बुरी हालत में मरना) – शराबी व्यक्ति सदैव कुत्ते की मौत मरते
कलेजे पर साँप लोटना (ईर्ष्या से जलना) – मोहन की सफलता पर उसके पड़ोसी के कलेजे पर साँप लोटने लगा।
कोल्हू का बैल (दिन-रात कार्य करने वाला) – आजकल कोल्हू का बैल बनने पर भी बड़ी कठिनता से निर्वाह होता है।
कोरा जवाब देना (साफ़ इन्कार करना) – जब उसने सुरेन्द्र से पुस्तक मांगी तो उसने कोरा जवाब दे दिया।
खाला जी का घर (आसान काम) – मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करना खाला जी का घर नहीं है।
खून का प्यासा (कट्टर शत्रु) – आजकल तो भाई, भाई के खून का प्यासा बन गया है।
खून का बूंट पीना (क्रोध को दिल में दबाए रखना) – हरगोपाल की पुत्र वधु उसकी गालियाँ सुनकर खून का चूंट पीये रहती है।
खरी-खरी सुनाना (सच्ची बात कहना) – अंगद ने जब रावण को खरी-खरी सुनाई तो वह अंगारे उगलने लगा।
गुदड़ी का लाल (छुपा रुस्तम) – हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री गुदड़ी के लाल थे।
गप्पें हाँकना (व्यर्थ की बातें करना) – मुकेश सदैव गप्पें हाँकता रहता है। पढ़ाई की ओर बिल्कुल ध्यान नहीं देता।
गुड़ गोबर करना (बनी बनाई बात बिगाड़ देना) – काम तो बन गया था, परन्तु तुमने बीच में बोलकर गुड़ गोबर कर दिया।
घर में गंगा (सहज प्राप्ति) – अरे सुरेश! तुम्हें पढ़ाई की क्या चिन्ता ? तुम्हारा भाई अध्यापक है, तुम्हारे घर में गंगा बहती है।
घर सिर पर उठाना (बहुत शोर करना) – छुट्टी के दिन बच्चे घर सिर पर उठा लेते
घाव पर नमक छिड़कना (दु:खी को और दुखाना) – बेचारी उमा विवाह होते ही विधवा हो गई, अब उसकी सास हरदम बुरा-भला कहकर उसके घाव पर नमक छिड़कती. है।
घी के दिये जलाना (प्रसन्न होना) – जब श्री रामचन्द्र जी अयोध्या वापस लौट तो लोगों ने घी के दीये जलाये।
चकमा देना (धोखा देना) – चोर पुलिस को चकमा देकर भाग गया।
चल बसना (मर जाना) – श्याम के पिता दो वर्ष की लम्बी बीमारी के बाद कल चल बसे।
चलती गाड़ी में रोड़ा अटकाना (बनते काम में रुकावट डालना) – तुम तो व्यर्थ ही चलती गाड़ी में रोड़ा अटकाते हो।
चाल में आना (धोखे में फँसना) – तुम्हें राम की चाल में नहीं आना चाहिए, वह ठग
चम्पत होना (खिसक जाना) – सिपाही का ध्यान जैसे ही दूसरी तरफ हुआ कि चोर चम्पत हो गया।
चादर से बाहर पैर पसारना (आमदनी से बढ़कर खर्च करना) – चादर से बाहर पैर पसारने वाले लोग बाद में पछताते हैं।
छक्के छुड़ाना (बुरी तरह हराना) – भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना के छक्के छुड़ा दिए।
छोटा मुँह बड़ी बात (बढ़ा – चढ़ा कर कहना) – कई लोगों को छोटा मुँह बड़ी बात कहने की आदत होती है।
जूतियाँ चाटना (खुशामद करना) – स्वार्थी आदमी अपने काम के लिए अफसरों की जूतियाँ चाटते फिरते हैं।
जान पर खेलना (प्राणों की परवाह न करना) – लाला लाजपतराय जैसे देश भक्त भारत की स्वतन्त्रता के लिए जान पर खेल गए।
जान हथेली पर रखना (मरने की बिल्कुल परवाह न करना) – रण क्षेत्र में भारत के वीर सदैव जान हथेली पर रखकर लड़ते हैं।
जहर का चूंट पीना (क्रोध को दबाना) – अपनी सास की जली-कटी बातें सुनकर भी शीला जहर का चूंट पीये रही।
जी चुराना (परिश्रम से भागना) – पढ़ाई में जी चुराने वाले विद्यार्थी कभी परीक्षा में सफ़ल नहीं होते।
ज़मीन आसमान एक करना (बहुत प्रयत्न करना) – रमेश ने नौकरी पाने के लिए ज़मीन आसमान एक कर दिया, लेकिन असफल रहा।
टका-सा जवाब देना (कोरा जवाब देना) – जब मैंने सुरेश से पुस्तक माँगी तो उसने मुझे टका-सा जवाब दे दिया।
टाँग अड़ाना (व्यर्थ दखल देना, रुकावट डालना) – मोहन, तुम क्यों दूसरों के कार्य में टाँग अड़ाते हो।
टेडी खीर (कठिन कार्य) – बोर्ड की परीक्षा में प्रथम आना टेढ़ी खीर है।
ठोकरें खाना (धक्के खाना) – आजकल तो एम० ए० पास भी नौकरी के लिए ठोकरें खाते फिरते हैं।
डींग मारना (शेखी मारना) – राकेश डींगें तो मारता है, लेकिन वैसे पाई-पाई के लिए मरता
डंका बजना (प्रभाव होना, अधिकार होना, विजय पाना) – आज विश्व भर में भारत की शक्ति का डंका बज रहा है।
डूबते को तिनके का सहारा (संकट में थोड़ी-सी सहायता मिलना) – इस विपत्ति में तुम्हारे पाँच रुपये भी मेरे लिए डूबते को तिनके का सहारा सिद्ध होंगे।
तूती बोलना (प्रभाव होना, बात का माना जाना) – आजकल हर जगह धनिकों की ही तूती बोलती है।
तलवे चाटना (चापलूसी करना) – मुनीश दूसरों के तलवे चाटकर काम निकालने में बहुत निपुण है।
ताक में रहना (अवसर देखते रहना) – चोर सदैव चोरी करने की ताक में रहते हैं।
दम घुटना (श्वास लेने में कठिनाई होना) – आजकल यातायात के समय इतनी भीड़ का सामना करना पड़ता है कि कई बार दम घुटने लगता है।
दंग रह जाना (हैरान रह जाना) – अनिल के द्वारा चोरी किए जाने का समाचार सुनकर उसके पिता जी दंग रह गए।
दिन फिरना (अच्छे दिन आना) – निराश मत हो, सभी के दिन फिरते हैं।
दाँतों तले अंगली दबाना (आश्चर्य प्रकट करना) – महान् तपस्वी भी रावण की कठिन तपस्या देखकर दाँतों तले अंगली दबाते थे।
दाहिना हाथ (बहुत सहायक) – जवान पुत्र अपने पिता के लिए दाहिना हाथ सिद्ध होता
दिन में तारे नज़र आना (कोई अनहोनी घटना होने से घबरा जाना) – जंगल में शेर को अपनी ओर लपकते देखकर प्रमोद को दिन में तारे नज़र आ गए।
दाँत खट्टे करना (हारना) – महाराणा प्रताप ने युद्ध में कई बार मुग़लों के दाँत खट्टे किए।
दिन दुगुनी रात चौगुनी (अत्यधिक) – भारत आजकल दिन दुगुनी रात चौगुनी उन्नति कर रहा है।
धज्जियाँ उड़ाना (पूरी तरह खंडित करना) – महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के अत्याचारों की धज्जियाँ उड़ा दीं।
नाकों चने चबाना (खूब तंग करना) – भारतीय सैनिकों ने शत्रु को नाकों चने चबा दिये।
नाक में दम करना (बहुत तंग करना) – तुमने तो मेरा नाक में दम कर रखा है।
नाम कमाना (प्रसिद्ध होना) – घर बैठे-बैठे नाम नहीं कमाया जा सकता।
नमक-मिर्च लगाना (छोटी-सी बात को बढ़ा चढ़ा कर कहना) – हरीश के स्कूल से भागने पर सुरेश ने मुख्याध्यापक के सम्मुख खूब नमक-मिर्च लगाकर उसकी शिकायत की।
नीचा दिखाना (हराना, घमंड तोड़ना) – पाकिस्तान सदैव भारत को नीचा दिखाने की ताक में रहता है।
पानी-पानी होना (बहुत लज्जित होना) – चोरी पकड़े जाने पर सुरेश पानी-पानी हो गया।)
पीठ दिखाना (युद्ध से भाग जाना) – युद्ध में पीठ दिखाना कायरों का काम है, वीरों का नहीं।
पगड़ी उछालना (अपमान करना) – बड़ों की पगड़ी उछालना सज्जन पुरुषों को शोभा नहीं देता।
पत्थर की लकीर (अटल बात) – श्री जयप्रकाश नारायण का कथन पत्थर की लकीर सिद्ध हुआ।
पापड़ बेलना (कड़ी मेहनत करना) – महेश ने नौकरी प्राप्त करने के लिए कई पापड़ बेले, फिर भी असफल रहा।
पसीना-पसीना होना (घबरा जाना) – कठिन पर्चा देखकर गीता पसीना-पसीना हो गई।
फूला न समाना (बहुत प्रसन्न होना) – परीक्षा में प्रथम आने का समाचार सुनकर आशा फूली नहीं समाई।
फूट-फूट कर रोना (बहुत अधिक रोना) – पिता के मरने का समाचार सुनकर रमा फूट-फूट कर रोने लगी।
बगुला भक्त (कपटी) – मोहन को अपनी कोई बात न बताना, वह बगुला भक्त है। बायें हाथ का खेल (आसान काम) – दसवीं की परीक्षा पास करना बायें हाथ का खेल नहीं है।
बाल बाँका न करना (हानि न पहुँचा पाना) – मेरे होते हुए कोई तुम्हारा बाल बाँका नहीं कर सकता।
बाल-बाल बच जाना (साफ़-साफ़ बच जाना) – आज ट्रक और बस की दुर्घटना में यात्री बाल-बाल बच गए।
भंडा फोड़ना (भेद प्रकट करना) – प्रवीण के वास्तविक बात न बतलाने पर राजेश ने उसका भंडा फोड़ दिया।
भाड़े का टटू (किराये का आदमी) – आजकल सच्चा देशभक्त मिलना कठिन है। सभी भाड़े के टटू हैं।
भीगी बिल्ली बनना (भय के कारण दब जाना) – सौतेली माता होने के कारण बेचारी वीणा हर समय भीगी बिल्ली बनी रहती है।
मिट्टी का माधो (निरा मूर्ख) – सभी विद्यार्थी रमेश को मिट्टी का माधो समझते थे, लेकिन वह बहुत चालाक निकला।
मुँह की खाना (बुरी तरह हारना) – 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को मुँह की खानी पड़ी थी।
मैदान मारना (जीतना) – भारतीय फ़ौज ने देखते-ही-देखते छम्ब क्षेत्र में मैदान मार लिया।
रंगा सियार (धोखेबाज) – तुम्हें सतीश की बातों में नहीं आना चाहिए, वह तो निरा रंगा सियार है।
रफू-चक्कर होना (भाग जाना) – जेब काटकर जेबकतरा रफू-चक्कर हो गया।
रंग में भंग पड़ना (मजा किरकिरा होना) – जलसा शुरू ही हुआ था कि तेज वर्षा होने लगी और रंग में भंग पड़ गया।
लाल-पीला होना (क्रुद्ध होना) – पहले बातें तो सुन लो, व्यर्थ में क्यों लाल-पीले हो रहे हो ?
लोहा मानना (शक्ति मानना) – सारा यूरोप नेपोलियन का लोहा मानता था।
लेने के देने पड़ जाना (लाभ के बदले हानि होना) – भारत पर आक्रमण करके पाकिस्तान को लेने के देने पड़ गए। क्योंकि युद्ध में वह पूर्वी पाकिस्तान गँवा बैठा।
लोहे के चने चबाना (अति कठिन काम) – भारत पर आक्रमण करके चीन को लोहे के चने चबाने पड़े।
लहू पसीना एक करना (बहुत परिश्रम करना) – आजकल लहू पसीना एक करने पर भी अच्छी तरह से जीवन निर्वाह नहीं हो पाता।
सिर पर आसमान उठाना (बहुत शोर मचाना) – अध्यापक महोदय के कक्षा से निकलते ही छात्रों ने सिर पर आसमान उठा लिया।
सिर पर भूत सवार होना (अत्यधिक क्रोध में आना) – अरे सुरेश, राम के सिर पर तो भूत सवार हो गया है, वह तुम्हारी एक न मानेगा।
सिर नीचा होना (इज्जत बिगड़ना) – नकल करते हुए पकड़े जाने पर प्रभा का सिर नीचा हो गया।
हवा से बातें करना (तेज़ भागना) – शीघ्र ही हमारी गाड़ी हवा से बातें करने लगी।
हक्का-बक्का रह जाना (हैरान रह जाना) – वरिष्ठ नेता जगजीवन राम के कांग्रेस छोड़ने पर श्रीमती इंदिरा गांधी हक्का-बक्का रह गई थीं।
हाथों के तोते उड़ जाना (बुरा समाचार सुनकर डर जाना) – कारखाने में आग लगने की खबर सुनकर सेठ हरिदत्त के हाथों के तोते उड़ गए।
हाथ तंग होना (पैसे का अभाव होना) – हमारा आजकल हाथ बहुत तंग है, कृपया नकद रुपया दें।
हाथ मलना (पछताना) – बिना सोचे-समझे काम करने वाले मनुष्य अन्त में हाथ मलते रह जाते हैं।
हाथ धो बैठना (खो देना, छिन जाना) – पाकिस्तान युद्ध में कई पोतों तथा पनडुब्बियों से हाथ धो बैठा।
हाथ-पैर मारना (प्रयत्न करना) – डूबते बच्चे को बचाने के लिए लोगों ने खूब हाथपैर मारे, परन्तु सफल न हो सके।
हथियार डाल देना (हार मान लेना) – कारगिल के युद्ध में पाकिस्तान ने अन्ततः हथियार डाल दिये।
अभ्यास के प्रश्न
काला अक्षर भैंस बराबर – अनपढ़ व्यक्ति-रोहन के लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर है।
छाती पर मूंग दलना – परेशान करना-रमेश ने चौधरी साहिब की दुकान के सामने अपनी दुकान खोल कर उसकी छाती पर मूंग दलने का काम किया है।
फाँसी का फंदा चूमना – हँसते-हुए फाँसी लेना-भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने हँसते-हँसते फाँसी का फंदा चूम लिया है।
कान पकड़ना – तौबा करना-पुलिस की मार खाकर सुदर्शन ने चोरी करने को कान पकड़ लिए।
मैदान में कूद पड़ना – जंग के लिए उतर आना-नौजवान भगत सिंह आज़ादी के लिए मैदान में कूद पड़े।
राग अलापना – अपनी ही बात करना-कक्षा में सब बच्चे अपना-अपना ही राग अलापने लगे।
नमक खाना – हजूर मैंने आपका नमक खाया है मैं आपसे गद्दारी नहीं कर सकता।
अपना सा मुँह लेकर रह जाना – शर्मिंदा होना-बार-बार उछलने पर भी लोमड़ी .अंगूर न पा सकी तो अपना सा मुँह लेकर रह गई।
जान के पीछे पड़ना – सेठ तो नौकर की जान के पीछे ही पड़ गए।
फूले न समाना – अपने जन्मदिन पर उपहार में मिली घड़ी देखकर सुनीता तो फूले नहीं समा रही।
मुँह की खाना – युद्ध में पाकिस्तान को हर बार भारत से मुँह की खानी पड़ी।
सीधे मुँह बात न करना – कक्षा में प्रथम क्या आ गया मोहन तो किसी से सीधे मुँह बात ही नहीं करता।
उंगलियों पर नचाना – महेश की पत्नी तो उसे अपनी उगलियों पर नचाती है।
चीं की भांति चककर लगाना – शराब पीने का आदी सुरेश जब देखो शराब के ठेके के आसपास चर्बी की भांति चक्कर लगाता रहा है।
पत्थर के देवता – अरे हरिया, क्या सेठ जी के पैर पकड़ते हो । ये पत्थर के देवता है ये नहीं पिघलेंगे।
न पसीजना – भिखारी का क्रन्दन सुनकर भी सेठ का दिल नहीं पसीजा। हाथ धोना-व्यापारी अपने सामान से हाथ थो बैठा। मैदान मार लेना-भारत में न्यूजीलैंड को हरा कर मैदान मार लिया।
डूबते को तिनके का सहारा – इस विपत्ति में तुम्हारे ये पचास रुपए उस दुखियारी के लिए डूबते को तिनका का सहारा है।
हड्डी पसली का पता न लगना – जहाज़ इतनी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ कि किसी भी हड्डी पसली का पता न चला।
फूला न समाना – अपने जन्मदिन पर घड़ी पाकर सोहन तो फूला नहीं समा रहा।
गुदड़ी का लाल – कथाकार मुंशी प्रेमचन्द तो गुदड़ी का लाल निकले।
बाग-बाग होना – कश्मीर का सौन्दर्य देखकर मेरा तो दिल बाग-बाग हो गया।
जहाँ चाह वहाँ-राह – अगर बढ़ने का इरादा तुम्हारा पक्का है तो कोई बाधा तुम्हें रोक नहीं सकती। तुम तो जानते हो, जहाँ चाह वहाँ राह।
अनहोनी को होनी – प्रभु सर्वशक्तिमान है वह अनहोनी को होनी कर सकते हैं।
गले लगाना – माँ ने बेटे को गले से लगा लिया।
कोरा जवाब देना – मैंने श्याम से कापी माँगी तो उसने कोरा जबाव दे दिया।
खून पसीने की कमाई – यह मेरी खून-पसीने की कमाई है।
इसे नष्ट न करना। राख हो जाना – सुनीता ईर्ष्या से जलभुन कर राख हो गई।
फूट-फूट कर रोना – बूढ़ा अपने बेटे की मृत्यु का समाचार पाकर फूट-फूट कर रोने लगा।
नश्वर देह त्यागना – कल रात महात्मा जी ने अपना नश्वर देह त्याग दिया।