Punjab State Board PSEB 7th Class Home Science Book Solutions Chapter 1 व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 7 Home Science Chapter 1 व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान
PSEB 7th Class Home Science Guide व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान Textbook Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
स्वस्थ त्वचा की क्या पहचान है?
उत्तर-
चिकनी, ठोस और जगह पर होती है।
प्रश्न 2.
स्वस्थ बाल कैसे होते हैं?
उत्तर-
चमकीले और साफ़।
प्रश्न 3.
आँखों को नीरोग रखने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर-
आँखों को धुआँ, धूल, धूप तथा तेज़ रोशनी से बचाना चाहिए।
लघूत्तर प्रश्न
प्रश्न 1.
खुश्क त्वचा और चिकनी चमड़ी वालों को अपनी चमड़ी ठीक रखने के लिए कौन-से ढंग प्रयोग में लाने चाहिएँ?
उत्तर-
खुश्क त्वचा और चिकनी चमड़ी वालों को विशेष तौर से सर्दियों में रात को सोने से पहले मुँह धोकर ग्लिसरीन में नींबू का रस मिलाकर लगाना चाहिए और साबुन
की जगह बेसन से मुँह धोना चाहिए।
प्रश्न 2.
अगर किसी की आँखें दर्द करती हों या जुकाम लगा हो तो उसका रूमाल क्यों प्रयोग नहीं करना चाहिए?
उत्तर-
आँखों का दर्द या जुकाम एक छूत की बीमारी है। अगर आँखें दर्द करती हों या जुकाम लगा हो तो रोगी को अपना रूमाल अलग रखना चाहिए, नहीं तो यह रोग दूसरों में भी फैल जाएगा।
प्रश्न 3.
कान में कोई तीखी वस्तु क्यों नहीं घुमानी चाहिए?
उत्तर-
कान में कोई नुकीली वस्तु चलाने से बाह्य कान में घाव हो जाते हैं और पर्दा भी फट जाने का डर रहता है इसलिए कानों में कोई नुकीली वस्तु नहीं चलाना चाहिए।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
व्यक्तिगत सफ़ाई से क्या अभिप्राय है ? नाक, गले और चेहरे को कैसे साफ़ रखा जा सकता है? स्पष्ट करें।
उत्तर-
व्यक्तिगत सफ़ाई का अभिप्राय है अपने शरीर की सफ़ाई तथा अन्य बातों जैसे खुराक, व्यायाम, सोना या आराम करना आदि पर भी ध्यान देना, जिससे शरीर स्वस्थ और ठीक हालत में रह सके।
नाक की सफ़ाई-नाक श्वास लेने व निकालने का मार्ग है। नाक के अन्दर भी चिपचिपा या लेसदार स्राव निकलता है। नाक को रोज़ाना अन्दर से बाहर की ओर को साफ़ करना चाहिए। नाक की सफ़ाई बहुत आवश्यक है। यदि नाक में गन्दगी होगी तो शरीर के अन्दर नाक से श्वास नहीं जा पाएगी और श्वास-नली में संक्रमण हो सकता है। मुँह से साँस लेना रोगों का घर है। नाक को बहुत ज़ोर से सिनकना नहीं चाहिए अन्यथा नाक और गले के कृमि श्रवण नली द्वारा कान के बीच वाले भाग में पहुँचकर श्रवण शक्ति को प्रभावित कर सकते हैं। गले की सफ़ाई-गले को साफ़ करने के लिए बच्चे को गरारे करना सिखाना चाहिए। रात को सोने से पहले बच्चे का मुँह और गला साफ़ करना चाहिए। अगर बच्चे का गला खराब हो तो पानी उबालकर गुनगुना करके उसमें नमक डालकर गरारे करवाने चाहिएँ। अगर गले में टोन्सिल होने का शक हो तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। लापरवाही करने से बच्चा बीमार रहता है और उसका शारीरिक विकास ठीक नहीं हो पाता है।
चेहरे की सफ़ाई-प्रतिदिन चेहरे को अच्छी तरह बढ़िया साबुन तथा गुनगुने पानी के साथ दो-तीन बार धोना चाहिए। साबुन हमेशा हाथों पर मलकर मुँह पर लगाना चाहिए। इसके बाद मुँह को कई बार गुनगुने पानी से धोना चाहिए ताकि साबुन साफ़ हो जाए। इसके बाद साफ़ तौलिये से मुंह को अच्छी तरह पोंछना चाहिए ताकि रोम छिद्र खुल जाएँ।
प्रश्न 2.
सुन्दर दिखने के लिए चेहरे की सफ़ाई क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
सुन्दर दिखने के लिए प्रतिदिन दो-तीन बार एक बढ़िया साबुन से चेहरे को धोकर साफ़ तौलिये से पोंछना चाहिए। चेहरे को साफ़ करते समय आँखें, नाक, कान, गला, मुँह और दाँतों का ध्यान रखना चाहिए। इन अंगों को साफ़ करते समय जो रूमाल, तौलिया या और कोई अन्य वस्तु इस्तेमाल की जाए वह अच्छी तरह साफ़ और स्वच्छ होना
चाहिए।
प्रश्न 3.
त्वचा गन्दी क्यों हो जाती है ? उसको कैसे साफ़ रखा जा सकता है ?
उत्तर-
भारतवर्ष जैसे गर्म देश में रहने वाले लोगों की त्वचा अधिक गन्दी होती है, क्योंकि यहाँ अधिक पसीना आता है। पसीना एक दूषित पदार्थ है और इसमें अनेक पदार्थ जैसे उपचर्म की टूटी-फूटी कोशिकाएँ, धूल के कण आदि के अलावा अनेक जीवाणु भी फँस जाते हैं तथा इन पदार्थों को सड़ाते हैं। इससे दुर्गन्ध आने लगती है। अनेक प्रकार के चर्म रोग उत्पन्न हो जाते हैं।
त्वचा की सफाई के लिए प्रतिदिन ताजे या हल्के गुनगुने पानी से स्नान करना आवश्यक है। इससे (वचा के छिद्र खुल जाते हैं और पसीना निकलता रहता है। त्वचा से गन्दगी हट जाने से बीमारियों की आशंका नहीं रहती है। स्नान करते समय शरीर को साबुन आदि से साफ़ करना अच्छा रहता है। शरीर को रगड़ना भी आवश्यक है ताकि इसकी मॉलिश हो सके।
प्रश्न 4.
आप अपने बालों की रक्षा कैसे करोगे?
उत्तर-
बालों की रक्षा
(i) सप्त एक बार बाल में तेल लगाकर अच्छी तरह मॉलिश करना चाहिए।
(ii) बालों को धोने के बाद अच्छी तरह तौलिये से पोंछकर, फिर खुला छोड़कर सुखाना चाहिए।)
(iii) जब तक बाल अच्छी तरह सूख न जाएँ जूड़ा या चोटी नहीं बनानी चाहिए।
(iv) प्रतिदिन दो बार बालों में कंघी करना चाहिए।
(v) कंघी या ब्रुश को प्रत्येक सप्ताह धोकर अच्छी तरह धूप में सुखाना चाहिए।
Home Science Guide for Class 7 PSEB व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान Important Questions and Answers
अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
WHO के विचार से स्वास्थ्य क्या है?
उत्तर-
WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के विचार से स्वास्थ्य में मनुष्य का सम्पूर्ण शारीरिक, मानसिक व संवेगात्मक कल्याण निहित है।
प्रश्न 2.
जीवन में सुखी रहने के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर-
शरीर का स्वस्थ और शक्तिशाली होना।
प्रश्न 3.
त्वचा को नियमित रूप से साफ़ करना आवश्यक क्यों है?
उत्तर-
त्वचा से पसीना और अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकलते हैं। यदि त्वचा को साफ़ नहीं किया जाए तो मैल जम जाता है जिसके कारण त्वचा के छिद्र बंद हो जाते हैं, इसलिए त्वचा को नियमित रूप से साफ़ करना आवश्यक है।
प्रश्न 4.
दाँतों को साफ़ करना आवश्यक क्यों है?
उत्तर–
दाँतों को खोखले होने से, गिरने से, दर्द होने से बचने के लिए दाँतों को साफ़ करना आवश्यक है।
प्रश्न 5.
कानों में सलाई या तिनका क्यों नहीं फेरना चाहिए?
उत्तर-
कानों में सलाई या तिनका फेरने से बाह्य कान में घाव हो जाते हैं और पर्दा भी फट सकता है इसलिए कानों में सलाई नहीं फेरनी चाहिए।
प्रश्न 6.
कान का संक्रमण होने पर इसका इलाज तुरन्त क्यों करवाना चाहिए?
उत्तर-
कान का संक्रमण होने पर यदि इसका इलाज न करवाया जाए तो यह दिमाग़ तक नुकसान पहुँचा सकता है इसलिए इसका इलाज तुरन्त करवा लेना चाहिए।
प्रश्न 7.
नियमित व्यायाम व उत्तम आसन शरीर के लिए क्यों आवश्यक हैं?
उत्तर-
शरीर को सुन्दर, सुगठित व स्वस्थ रखने के लिए।
प्रश्न 8.
दाँतों को केरीज रोग से बचाने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए?
उत्तर-
- भोजन के बाद कुल्ला करना चाहिए,
- दाँतों को अंगुली से साफ़ करना चाहिए।
प्रश्न 9.
दाँतों का केरीज रोग क्या होता है?
उत्तर-
दाँतों में कार्बोहाइड्रेट युक्त तथा मीठे पदार्थों के सड़ने से जीवाणुओं की क्रिया से एसिड बनता है जो दाँतों के एनेमल को क्षीण कर देता है।
प्रश्न 10.
पायरिया रोग के लक्षण क्या हैं?
उत्तर-
- मसूड़े सूजने लगते हैं,
- मसूड़ों में पीड़ा होती है,
- मसूड़ों से दाँत अलग होने लगते हैं,
- मुँह से दुर्गन्ध आती है।
प्रश्न 11.
स्वस्थ आँखें कैसी होती हैं?
उत्तर-
चौकन्नी, साफ़ और मलविहीन।
प्रश्न 12.
स्वस्थ नाक की क्या पहचान है?
उत्तर-
साफ़ और साँस लेती हुई होती है।
प्रश्न 13.
स्वस्थ मुख और होंठ कैसे होते हैं?
उत्तर-
स्वस्थ मुख प्रसन्न और आनन्दित तथा स्वस्थ होंठ लाल और गीले होते हैं।
प्रश्न 14.
स्वस्थ गला किसे कहते हैं?
उत्तर-
साफ़, गीला तथा बाधा विहीन होता है।
प्रश्न 15.
स्वस्थ दाँत कैसे होते हैं?
उत्तर-
साफ़, सही और कष्टविहीन होते हैं।
प्रश्न 16.
स्वस्थ मसूड़े कैसे होने चाहिएँ?
उत्तर-
ठोस तथा लाल।
प्रश्न 17.
स्वस्थ तथा अस्वस्थ हाथ में क्या अन्तर होता है?
उत्तर-
हाथ की हथेलियाँ लाल होने पर स्वस्थ तथा पीली होने पर अस्वस्थ मानी जाती।
छोटे उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
व्यायाम शरीर के लिए क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
व्यायाम हमारे स्वास्थ्य के लिए तथा शरीर को निरोग रखने के लिए अत्यन्त आवश्यक है। इसके विभिन्न कारण हैं
- व्यायाम करने से भोजन शीघ्र पच जाता है तथा भूख खुलकर लगती है।
- व्यायाम करने से शरीर की गन्दगी शीघ्र बाहर निकल जाती है।
- व्यायाम करने से शरीर की मांसपेशियाँ मज़बूत हो जाती हैं जिससे शरीर मजबूत होता है।
प्रश्न 2.
नियमित स्नान के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
नियमित स्नान से शरीर को निम्न लाभ होते हैं-
- त्वचा की स्वच्छता होती है।
- रोमकूपों के मुँह खुल जाते हैं।
- स्नान के बाद तौलिए से शरीर रगडने से रक्त संचरण उत्तम होता है।
- स्नान से हानिकारक पदार्थों तथा रोगाणुओं से मुक्ति मिलती है।
- धुलकर बह जाने से पसीने की दुर्गन्ध जाती रहती है।
प्रश्न 3.
नाखूनों की सफ़ाई क्यों आवश्यक है ? नाखूनों को किस प्रकार साफ़ करना चाहिए?
उत्तर-
नाखूनों के अन्दर किसी प्रकार की गन्दगी नहीं रहनी चाहिए क्योंकि भोजन के साथ इनमें उपस्थित रोगों के कीटाणु, जीवाणु आदि आहार-नाल में पहुँचकर विकार उत्पन्न करेंगे। नाखूनों को काटते रहना चाहिए अथवा ब्रुश इत्यादि से भली-भाँति साफ़ करना चाहिए।
बड़े उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
व्यक्तिगत सफ़ाई का स्वास्थ्य में क्या महत्त्व है?
उत्तर-
यह सर्वविदित मान्यता है कि स्वस्थ शरीर जीवन धारण के योग्य होता है। जिसका शरीर स्वस्थ नहीं वह जीवन धारण करने के बाद भी सांसारिक सुखों का उपभोग नहीं कर सकता। अस्वस्थ मनुष्य का जीवन दूसरों के लिए भार हो जाता है। अतः मनुष्य का स्वस्थ रहने के लिए प्रकृति के नियमों का पालन करना, उसके अनुकूल चलना और बच्चों को भी उसी के अनुसार चलाना चाहिए। व्यक्तिगत स्वास्थ्य के अन्तर्गत स्वास्थ्य के नियमों के अतिरिक्त शारीरिक या शरीर के प्रत्येक अंग की सफ़ाई का बहुत अधिक महत्त्व है।
व्यक्तिगत सफ़ाई के अन्तर्गत निम्नलिखित की सफ़ाई आती है
- मुँह व दाँतों की सफ़ाई-इससे दाँत खोखले होने, गिरने तथा किसी प्रकार का रोग होने से बचे रहते हैं।
- आँखों की सफ़ाई-इससे आँखें चौकन्नी, साफ़ और मलविहीन रहती हैं। आँखों की सफ़ाई रहने से आँखों के रोग नहीं होते।
- नाक की सफ़ाई-इससे श्वास-नली में संक्रमण नहीं होता।
- कानों की सफ़ाई-इससे कानों में दर्द व खुजली नहीं होती और जीवाणुओं का आक्रमण भी नहीं होता।
- त्वचा की सफ़ाई-त्वचा की सफ़ाई से त्वचा के रोग नहीं होते तथा शरीर में फुर्ती बनी रहती है।
- हाथों तथा नाखूनों की सफ़ाई-नाखूनों में गन्दगी जमा होने से कई रोगों के कीटाणु पनपने लगते हैं और हाथों से मुँह में चले जाते हैं।
- वस्त्रों में सफ़ाई-स्वच्छ व साफ़-सुथरे कपड़े पहनने से शरीर स्वस्थ व मन प्रसन्न रहता है। गन्दे वस्त्रों में रोग के कीटाणु पनपते हैं जो शरीर को रोगी बनाने में सहायक होते है।
प्रश्न 2.
आँख और नाक को कैसे साफ़ रखा जा सकता है?
उत्तर-
आँखों की सफाई व सुरक्षा-आँखें हमारे शरीर में अत्यन्त ही महत्त्वपूर्ण अंग है। इनसे ही हम विभिन्न वस्तुओं को देख सकते हैं। इसलिए यह कहावत है कि ‘आँखें हैं तो जहान है’ कही जाती है। इनकी स्वच्छता तथा सुरक्षा के लिए निम्नलिखित उपाय किए जाने चाहिएं
- आँखों को बाहर की गन्दगी जैसे धूल-मिट्टी, कूड़ा-करकट, कीट-पतंगे आदि से बचाना चाहिए। कुछ धूल तथा जीवाणु तो आँख के द्वारा बाहर निकल जाते हैं यदि किसी कारण से आँखों में कुछ गिर जाए तो उसको नार्मल सेलाइन या साफ़ जल से धो डालना चाहिए।
- मुँह तथा आँखों को कई बार धोने तथा पोंछने से सफ़ाई होती है।
- गन्दे हाथों से अथवा गन्दे रूमाल से आँखों को नहीं पोंछना चाहिए, न ही इन्हें रगड़ना या मलना चाहिए।
- तौलिया, साबन, बाल्टी, मग तथा मँह पोंछने का कपडा जिनका उपयोग दसरे व्यक्ति करते हों, प्रयोग नहीं करना चाहिए, विशेषकर दुखती आँखों वाले व्यक्ति का।
- आँखों को तेज़ धूप, चकाचौंध अथवा तेज़ रोशनी से बचाना चाहिए। इसके लिए धूप के चश्मे आदि का प्रयोग किया जा सकता है।
- कम प्रकाश में लिखना-पढ़ना अथवा कोई महीन काम करना आँखों के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
- आँखों की विभिन्न बीमारियों जैसे-रोहे इत्यादि से आँखों को बचाना चाहिए और यदि इनमें से कोई रोग हो तो तुरन्त ही नेत्र-विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।
नाक की सफ़ाई-नाक श्वास लेने व निकालने का मार्ग है। नाक के अन्दर भी चिपचिपा या लेसदार स्राव निकलता है। नाक को रोजाना अन्दर से बाहर की ओर को साफ़ करना चाहिए। नाक की सफ़ाई बहुत आवश्यक है। यदि नाक में गन्दगी होगी तो शरीर के अन्दर नाक से श्वास नहीं जा पाएगी और श्वास-नली में संक्रमण हो सकता है। मुँह से साँस लेना रोगों का घर है। नाक को बहुत ज़ोर से सिनकना नहीं चाहिए अन्यथा नाक और गले के कृमि श्रवण नली द्वारा कान के बीच वाले भाग में पहुँचकर श्रवण शक्ति को प्रभावित कर सकते हैं।
एक शब्द में उत्तर दें
प्रश्न 1.
कान को ……….. वस्तु से साफ़ नहीं करना चाहिए।
उत्तर-
नुकीली।
प्रश्न 2.
त्वचा से पसीना तथा ………….. पदार्थ बाहर निकलते हैं।
उत्तर-
अपशिष्ट।
प्रश्न 3.
आँखों की एक बीमारी का नाम बताएं।
उत्तर-
रोहे।
प्रश्न 4.
नियमित स्नान से किसके मुँह खुल जाते हैं?
उत्तर-
रोमकूपों के।
प्रश्न 5.
…………. से आंखें नहीं पोछनी चाहिए।
उत्तर-
गंदे रूमाल से।
प्रश्न 6.
…………… बाल चमकीले तथा साफ़ होते हैं।
उत्तर-
स्वस्थ।
प्रश्न 7.
नियमित स्नान का एक लाभ बताएं।
उत्तर-
त्वचा की सफाई हो जाती है।
व्यक्तिगत स्वास्थ्य विज्ञान PSEB 7th Class Home Science Notes
- प्रतिदिन चेहरे को अच्छी तरह बढ़िया साबुन तथा गुनगुने पानी से दो-तीन बार धोना चाहिए।
- चेहरे की त्वचा को ठीक रखने के लिए रात को सोने से पहले मुँह को अच्छी तरह साबुन से धोने के बाद बेसन का उबटन मलना चाहिए और उसके बाद गुनगुने पानी से मुँह को धो लेना चाहिए।
- नाक को प्रतिदिन साफ़ करना चाहिए ताकि नाक का रास्ता साफ़ हो जाए और अच्छी तरह साँस लिया जा सके।
- गले को साफ़ करने के लिए बच्चे को गरारे करना सिखाना चाहिए।
- बच्चे का गला खराब हो तो पानी को उबालकर गुनगुना करके उसमें नमक डालकर गरारे करवाने चाहिए।
- बालों तथा सिर की सफ़ाई करने की उतनी ही आवश्यकता है जितनी चमड़ी की। सिर और बालों को सप्ताह में एक-दो बार अवश्य धोना चाहिए।
- सप्ताह में एक बार सिर में तेल लगाकर अच्छी तरह मॉलिश करना चाहिए, जिससे नाड़ियों को उत्तेजित किया जा सके।
- प्रतिदिन पानी और साबन के साथ स्नान करना चाहिए और बाद में साफ़ तौलिए से पूरे शरीर को अच्छी तरह पोंछना चाहिए।
- तेल के साथ मॉलिश करना और भाप के साथ स्नान करना स्वास्थ्य और ताज़गी के लिए अच्छे समझे जाते हैं।
- खुश्क चमड़ी वालों को विशेष तौर से सर्दियों में रात को सोते समय मुँह धोकर ग्लिसरीन में नींबू का रस मिलाकर लगाना चाहिए और साबुन की जगह बेसन से मुँह धोना चाहिए।