Punjab State Board PSEB 7th Class Home Science Book Solutions Chapter 6 मकान सम्बन्धी सामाजिक और आर्थिक तत्त्व Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 7 Home Science Chapter 6 मकान सम्बन्धी सामाजिक और आर्थिक तत्त्व
PSEB 7th Class Home Science Guide मकान सम्बन्धी सामाजिक और आर्थिक तत्त्व Textbook Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
मकान बनाने के लिए सबसे पहले किस चीज़ का अनुमान लगाना चाहिए?
उत्तर-
आर्थिक स्थिति का।
प्रश्न 2.
मकान बनाने के लिए धन के अतिरिक्त और किस चीज़ की ज़रूरत है?
उत्तर-
बुद्धि की।
प्रश्न 3.
घर कैसी जगहों के पास और कैसी जगहों से दूर होना चाहिए?
उत्तर-
स्टेशन, शमशान घाट, गंदी बस्तियां, कूड़ा-कर्कट के ढेर आदि से दूर होना चाहिए।
काम का स्थान, बैंक डाक्टर, स्कूल, बाज़ार आदि घर के पास होना चाहिए।
लघूत्तर प्रश्न
प्रश्न 1.
सरकार, बैंक या बीमा कम्पनियाँ मकान बनाने में कैसे मदद करती है?
उत्तर-
सरकार, बैंक या बीमा कम्पनियाँ मकान बनाने में सस्ते ब्याज पर कर्ज देकर मदद करती हैं।
प्रश्न 2.
गन्दी बस्तियों का बच्चों के विकास पर क्या असर पड़ता है?
उत्तर-
गन्दी बस्तियों में रहने वाले बच्चों की न केवल सेहत ही खराब होती है, बल्कि उनके आचरण पर भी खराब असर पड़ता है। उसमें अपराध की प्रवृत्ति भी बढ़ जाती है।
प्रश्न 3.
बहुत अमीर पड़ोस में रहने से बच्चों की मानसिक स्थिति पर क्या असर पड़ता है?
उत्तर-
जिस गली या मुहल्ले में बच्चों को रहना हो, वहाँ के निवासियों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति बच्चों के आर्थिक और सामाजिक स्थिति के अनुसार होनी चाहिए। अगर बाकी लोग अमीर हों तो बच्चों के मन में ईर्ष्या की भावना जाग जाती है और अपने को छोटा महसूस करने की भावना आ जाती है जिससे बच्चों की मानसिक स्थिति पर खराब असर पड़ता है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
हरित क्रान्ति और जमींदारों का ज़मीनों की कीमतों और मकानों के किराये पर क्या असर पड़ा है?
उत्तर-
हरित क्रान्ति के बाद कुछ ज़मींदार परिवारों के पास बहुत पैसा आ गया है। इन्होंने घरों पर बहुत पैसे खर्च किए हैं। आलीशान बंगले बनाए हैं। इससे दूसरे लोगों में ईर्ष्या और रोष की भावना जागी है। नकल करके कुछ लोगों ने जिनके पास बहुत धन नहीं है उन्होंने भी मकानों पर बहुत धन खर्च करके अपने आर्थिक सन्तुलन को खराब किया है। अब शहरों में मकान बनाने के लिए जमीन बहुत महंगी हो गई है। बड़े शहरों में मकान बनाना केवल अमीर लोगों के बस की बात है। किराये भी बहुत बढ़ गए हैं जिससे आम आदमी पर खराब असर पड़ा है।
प्रश्न 2.
मकान बनाते समय अपनी अर्थिक स्थिति का जायज़ा लेना क्यों ज़रूरी है?
उत्तर-
मकान बनाने के लिए सबसे पहले अपनी आर्थिक स्थिति का जायजा लेना चाहिए। बहुत बार ऐसा होता है कि मकान बनाने की धुन में कई परिवार अपनी दूसरी ज़िम्मेदारियों को भूल जाते हैं, और वे सरकार, बैंक या बीमा कम्पनियों से कर्ज़ लेकर मकान बनाना शुरू कर देते हैं, लेकिन पैसे की कमी के कारण घर की खुराक, बच्चों की पढ़ाई और परिवार के सारे विकास पर बुरा असर पड़ता है।
प्रश्न 3.
मकान बनाते समय या किराये पर लेते समय किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
उत्तर-
मकान बनाते समय या किराये पर लेते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान रखना चाहिए
- मकान परिवार की जरूरतों के अनुसार ही बनाना चाहिए।
- मकान ऐसी जगह बनाना चाहिए जहाँ दैनिक प्रयोग में आने वाली वस्तुएँ शीघ्र तथा सुगमता से प्राप्त हो सकती हों।।
- नौकरी वाले लोगों के लिए नौकरी का स्थान तथा दकान समीप होनी चाहिए।
- अस्पताल तथा बाजार भी घर से बहत दूर नहीं होने चाहिएं।
- बच्चों के लिए स्कूल और कॉलेज नज़दीक होना चाहिए।
- डाकघर तथा बैंक भी नज़दीक होना चाहिए।
Home Science Guide for Class 7 PSEB मकान सम्बन्धी सामाजिक और आर्थिक तत्त्व Important Questions and Answers
अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
मकान की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर-
वर्षा, धूप, ठण्ड, आँधी-तूफान, जीव-जन्तु व आकस्मिक घटनाओं आदि से बचने के लिए।
प्रश्न 2.
आदि काल में मनुष्य कहाँ रहते थे?
उत्तर-
गुफ़ाओं में।
प्रश्न 3.
प्राणी में जन्मजात चेतना क्या होती है?
उत्तर-
प्राणी अपने विकास के लिए ऐसे ठौर का निर्माण करना चाहता है जहाँ उसे सुख-शान्ति प्राप्त हो सके। यही जन्मजात चेतना होती है।
प्रश्न 4.
समय, श्रम व धन की बचत के लिए मकान कहाँ होना चाहिए?
उत्तर-
समय, श्रम व धन की बचत के लिए मकान, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, दफ्तर, बाजार आदि के निकट होना चाहिए।
छोटे उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
मकान में व्यक्ति को कौन-कौन सी सुविधाएँ मिलती हैं?
उत्तर-
मकान में व्यक्ति को निम्न सुविधाएँ मिलती हैं
- सुरक्षात्मक सुविधाएँ
- कार्य करने की सुविधा
- शारीरिक सुख
- मानसिक शान्ति
- विकास एवं वृद्धि की सुविधा।
प्रश्न 2.
हमारा मकान कैसा होना चाहिए?
उत्तर-
हमारा मकान ऐसा होना चाहिए जहाँ
- परिवार के सभी सदस्यों के पूर्ण विकास व वृद्धि का ध्यान रखा जाए।
- सदा प्रत्येक सदस्य की कार्य क्षमता को प्रोत्साहन दिया जाए।
- एक-दूसरे के प्रति सद्भावना व प्रेम से व्यवहार किया जाए।
- परिवार की आर्थिक स्थिति में पूर्ण योगदान दिया जाए।
प्रश्न 3.
मकान की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर-
- वर्षा, धूप, ठण्ड, आँधी, तूफ़ान आदि से बचने के लिए।
- जीव-जन्तुओं, चोरों तथा आकस्मिक घटनाओं से अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए।
- शान्तिपूर्वक, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्यप्रद जीवन व्यतीत करने के लिए।
- अपना तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए।
प्रश्न 4.
घर की दिशा के सम्बन्ध में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
घर का मुख पूर्व की तरफ होना चाहिए। इस प्रकार सूर्य का प्रकाश तथा ताज़ा हवा सरलता से आ जा सकती है।
बड़े उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
सुन्दर, सुरक्षाजनक व सुदृढ़ मकान बनाने के लिए कौन-कौन सी बातें ध्यान में रखनी चाहिएं?
उत्तर-
मकान बनाने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए
1. स्थिति (वातावरण)-स्वास्थ्यकर मकान के चुनाव में वातावरण का विशेष महत्त्व है। वातावरण पर ही घर का स्वास्थ्य निर्भर करता है। गन्दे और दूषित वातावरण में बने अच्छे से अच्छे मकान भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। वातावरण की दृष्टि से निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए
2. रेलवे स्टेशन, कारखाने, भीड़ वाले बाज़ार, शमशान घाट, कसाईखाना, तालाब, नदी, गन्दे नाले, सार्वजनिक शौचालय आदि के पास मकान नहीं बनवाना चाहिए।
- मकान सीलन भरी अंधेरी और तंग गलियों में नहीं बनवाना या लेना चाहिए।
- मकान अन्य घरों से बिल्कुल लगा हुआ नहीं होना चाहिए। मकानों में आपस में उचित दूरी होनी चाहिए।
- मकान ऊँचे स्थान पर होना चाहिए। पास के मकान बहुत ऊंचे नहीं होने चाहिएं।
- मकान खुली जगह पर होना चाहिए जिससे शुद्ध वायु एवं सूर्य का प्रकाश उचित मात्रा में मिल सकें।
- मकान जहाँ बनाया जाए वहाँ शुद्ध पेयजल सुगमता से प्राप्त हो सकें।
- घर से थोड़ी दूर पर कुछ वृक्ष हों तो वे लाभप्रद होते हैं। वे भूमि को सुखी रखते हैं तथा उनसे शुद्ध व ताजी वायु भी प्राप्त होती है।
- भूमि-भूमि इस प्रकार की होनी चाहिए कि वह पानी सोख सके। चिकनी मिट्टी मकान के लिए उपयुक्त नहीं होती क्योंकि उसमें पानी सोखने की क्षमता नहीं होती और उस पर बनाए गए मकान में सदैव सीलन बनी रहती है। ऐसी भूमि में कई प्रकार के रोग होने का भय रहता है। इसके अतिरिक्त मकान के चारों ओर पानी एकत्र हो जाने से उसकी नींव कमजोर पड़ जाती है। रेतीली भूमि गर्मियों में गर्म तथा सर्दियों में ठण्डी होती है। इसके साथ ही ऐसी भूमि पर बना हुआ मकान मज़बूत नहीं होता। कंकरीली भूमि मकान के लिए सबसे उत्तम रहती है क्योंकि ऐसी भूमि में नीव अधिक दृढ़ रहती है।
3. घर की दिशा-घर का मुख पूरब की ओर होना चाहिए। इससे सूर्य का प्रकाश व ताज़ी हवा आसानी से आ जा सकती है।
4. नींव-मकान को बनवाते समय यह भी अवश्य ध्यान में रखना चाहिए कि मकान की नींव गहरी हो। इसकी गहराई मकान की ऊँचाई पर निर्भर करती है। जितना मंजली व ऊँचा मकान होगा उतना ही अधिक भार नींव के ऊपर पड़ेगा, अत: उसी के अनुसार उसकी गहराई रखी जानी चाहिए। नींव के लिए जमीन को प्रायः तीन फुट गहरा खोदना चाहिए। इस नींव को दृढ़ बनाने के लिए इसको काफ़ी ऊँचाई तक कंकरीट और सीमेंट से भरा जाना चाहिए। मज़बूत नींव पर ही एक अच्छे मकान का निर्माण सम्भव है।
5. बनावट-मकान बनाने के लिए नक्शे व योग्य कारीगर का चयन करना चाहिए, जिससे मकान सुन्दर, सुविधाजनक व सुदृढ़ बने। मकान बनाते समय नींव के अलावा दीवारों, खिड़कियों, रोशनदानों, अलमारियों व छत आदि पर विशेष ध्यान देना चाहिए जिससे उचित व टिकाऊ मकान बने। मकान के फर्श पर भी अत्यधिक ध्यान देना चाहिए ताकि समय-समय पर उसे साफ़ करने व धोने में कोई कठिनाई न हो।
6. वायु आवागमन का प्रबन्ध-दूषित वायु की हानियों से बचने तथा शुद्ध वायु प्राप्त करने के लिए कमरों में वायु के आवागमन का उचित प्रबन्ध होना अत्यन्त आवश्यक है। कमरों में वायु के आवागमन के लिए यह उचित है कि दरवाज़े और खिड़कियों की संख्या अधिक हो और वे आमने-सामने हों जिससे कमरों में दूषित वायु रुकने न पाये। छत के समीप दीवार में रोशनदान का होना ज़रूरी है।
7. प्रकाश का प्रबन्ध-हवा के साथ घर में प्रकाश का भी उचित प्रबन्ध होना चाहिए। दिन के समय सूर्य के प्रकाश का कमरों में आना अत्यन्त आवश्यक है। सूर्य का प्रकाश अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। धूप हानिकारक कीटाणुओं का नाश करके वायु को शुद्ध करती है। यदि अन्धेरे कमरों में बहुत से लोग इकट्ठे रहते हों तो छूत के रोग, जैसे-खाँसी, जुकाम, निमोनिया, तपेदिक आदि होने की सम्भावना बढ़ जाती है। अतः मकानों में वायु के आवागमन, प्रकाश और धूप का उचित प्रबन्ध होना चाहिए।
सूर्य के प्रकाश के साथ-साथ हमें रात्रि के लिए भी प्रकाश का प्रबन्ध करना चाहिए। इसके लिए उस इलाके में बिजली की उपलब्धि भी होनी चाहिए।
आवश्यकताओं के साधन केन्द्र-मकान ऐसे स्थान पर होना चाहिए कि जीवन की दैनिक आवश्यकताओं के साधन-केन्द्र उस स्थान से अधिक दूरी पर न हों। विद्यालय, भी बैंक, कॉलेज, बाजार, डाकघर, अस्पताल अथवा डॉक्टर आदि अधिक दूर होने से समय तथा धन दोनों को अधिक व्यय होता है। मकान ऐसे स्थान पर होना चाहिए जहाँ एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचने में सुविधा हो। मलमूत्र तथा गन्दे पानी का निकास-घरों में कमरों के धोने पर पानी के बाहर निकलने का उचित प्रबन्ध होना चाहिए, विशेषकर रसोई, स्नानागार तथा शौचालय में तो नालियों का प्रबन्ध होना अनिवार्य ही है। नालियाँ पक्की हों तथा ढलवी हो जिससे पानी आसानी से बह जाए। ये नालियाँ ढकी हुई होनी चाहिएं तथा उनमें फिनायल आदि डालते रहना चाहिए। नालियों में और दीवार पर कुछ ऊँचाई तक सीमेंट का प्रयोग अति आवश्यक है।
एक शब्द में उत्तर दें
प्रश्न 1.
सरकार अपने कर्मचारियों को उनके वेतन का कितने प्रतिशत किराए के लिए भत्ते के रूप में देती है?
उत्तर-
10-15%
प्रश्न 2.
मित्र ……………. करके नहीं बनाए जा सकते।
उत्तर-
फैसला।
प्रश्न 3.
अच्छा पड़ोस जीवन में ……………….. के लिए आवश्यक है।
उत्तर-
खुशी!
प्रश्न 4.
…………. के बाद कुछ ज़मींदार परिवारों के पास बहुत पैसा आ गया है।
उत्तर-
हरित क्रान्ति।
प्रश्न 5.
घर का मुख किस तरफ होना चाहिए?
उत्तर-
पूर्व की तरफ।
प्रश्न 6.
………….. भूमि मकान के लिए उत्तम रहती है।
उत्तर-
पथरीली।
मकान सम्बन्धी सामाजिक और आर्थिक तत्त्व PSEB 7th Class Home Science Notes
- मकान बनाने के लिए सबसे पहले अपनी आर्थिक स्थिति का जायजा लेना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी आमदनी से बचत करना ज़रूरी है।
- बड़े शहरों में आमदनी का बहुत बड़ा भाग किराये पर खर्च हो जाता है।
- मकान अपनी सामर्थ्य और सामाजिक स्तर के अनुसार बनाना चाहिए।
- जिस गली या मुहल्ले में रहना हो, वहाँ के निवासियों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति आपकी स्थिति के अनुसार होनी चाहिए।
- अच्छा पड़ोस न केवल आपके जीवन की खुशी के लिए ज़रूरी है बल्कि आजकल के जीवन में आपकी सुरक्षा के लिए भी ज़रूरी है।
- अच्छा मकान बनाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मकान परिवार की जरूरतों के अनुसार ही बने।
- अधिक भीड़ वाले इलाकों, गन्दी बस्तियों में रह रहे लोगों की न केवल सेहत . ही खराब होगी बल्कि उसके आचरण पर भी खराब असर पड़ेगा।
- उनमें अपराध की प्रवृत्ति भी बढ़ेगी।