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PSEB 7th Class Science Notes Chapter 13 गति तथा समय
→ यदि कोई वस्तु अपने इर्द-गिर्द की वस्तुओं तथा समयानुसार अपनी स्थिति में परिवर्तन नहीं करती तो उस वस्तु को विराम अवस्था में कहा जाता है।
→ यदि कोई वस्तु अपनी स्थिति अपने इर्द-गिर्द की वस्तुओं तथा समयानुसार अपनी स्थिति बदलती है तो वह गति अवस्था में होती है।
→ वस्तु की सीधी रेखा में गति को सरल रेखा गति कहते हैं।
→ किसी वस्तु की चक्कराकार पथ पर हो रही गति को चक्कराकार गति कहते हैं।
→ यदि कोई वस्तु अपनी मध्य स्थिति के इधर-उधर गति करती है, तो उस वस्तु की गति को दोलन गति कहते हैं।
→ यदि कोई वस्तु थोड़ी दूरी को तय करने में बहुत कम समय लगाती है, तो उस वस्तु को गति तेज़ होती है तथा यदि वस्तु उसी दूरी को तय करने में अधिक समय लगाती है तो उसकी गति मंद गति/धीमी गति कहलाती है।
→ इकाई/एकांक समय में तय की गई दूरी को चाल कहते हैं। इसकी S.I. इकाई मीटर/प्रति सैकण्ड (m/s) है।
→ चाल की गणना निम्नलिखित सूत्र द्वारा की जा सकती है :
→ एक सीधी रेखा के ऊपर एक गति से चल रही वस्तु की गति को एक समान गति कहते हैं, जबकि एक सीधी रेखा के ऊपर भिन्न-भिन्न गति से चल रही वस्तु की गति को असमान गति/चाल कहते हैं।
→ घड़ी, घंटों वाली सूई की गति, धरती की सूरज के इर्द-गिर्द गति तथा साधारण पेंडुलम की गति एक समान गति है।
→ समय की S.I. इकाई सैकण्ड है। एक धागे से बांधकर किसी स्थिर जगह या स्टैंड से लटकाए गए भारी पुंज (धातु गोले) को साधारण पेंडुलम कहते हैं।
→ साधारण पेंडुलम की इधर-उधर की गति को आवर्ती या दोलन गति कहते हैं।
→ पेंडुलम के एक दोलन गति को पूरा करने के लिए लगे समय को आवर्त काल कहते हैं।
→ एक सैंकण्ड में पूरी की दोलन संख्या को आवर्ती कहते हैं। आवर्ती की S.I. इकाई हरटज़ है।
→ वाहनों की चाल मापने वाले यंत्र को स्पीडोमीटर कहते हैं।
→ स्पीडोमीटर वाहनों की चाल को किलोमीटर/घण्टा में मापता है।
→ वाहनों द्वारा तय की गयी दूरी मापने के लिए प्रयोग किये जाने वाले यंत्र को ओडोमीटर कहते हैं।
→ ग्राफ एक मात्रा की दूसरी मात्रा से तुलना को चित्र रूप में दर्शाता है।
→ सामान्य रूप से तीन प्रकार के ग्राफ प्रचलित हैं :
- रेखीय ग्राफ,
- छड़ ग्राफ,
- पाई चार्ट ग्राफ।
→ दूरी समय ग्राफ एक रेखा ग्राफ है। यह वस्तु द्वारा तय की गयी दूरी तथा समय के बीच ग्राफ को दर्शाता है। जो मात्रा स्वतन्त्र होती है उसको क्षितिज अक्ष (x-axis) तथा दूसरी मात्रा जो निर्भर होती है को उर्ध्वाकार अक्ष (y-axis) पर लिया जाता है।
→ समान समय अंतराल में समान दूरी तय करने वाली वस्तु की गति कहलाती है।
→ जब कोई वस्तु समान समय अंतरालों में असमान दूरी तय करे या असमान समय अंतरालों में समान दूरी तय करे, तो उसकी गति को असमान गति कहते हैं।
→ जब कोई वस्तु विराम अवस्था में है, तो उसकी दूरी-समय ग्राफ X-अक्ष के समानांतर एक सीधी रेखा है।
→ ग्राफ : वह दो राशियाँ जो आपस में एक-दूसरे पर निर्भर करती हैं तथा इनका चित्र द्वारा निरूपण ग्राफ कहलाता है।
→ चाल : इकाई समय अंतराल में वस्तु द्वारा तय की गई दूरी चाल कहलाती है।
→ समान चाल : जब कोई वस्तु समान समय अंतराल में समान दूरी तय करती है तो उस वस्तु की चाल होती है।
→ असमान चाल : समान समय अंतराल में एक समान दूरी न तय करने पर वस्तु की चाल असमान चाल कहलाती है।
→ सरल पेंडुलम : धातु या पत्थर के छोटे से टुकड़े को किसी दृढ़ (मज़बूत) बिंदू पर धागे की सहायता से लटकाने पर सरल पेंडुलम प्राप्त होता है।
→ दोलन : एक स्वतन्त्रतापूर्वक लटक रही वस्तु जब अपनी मध्य स्थिति से एक तरफ चर्म सीमा तक जाए और फिर दूसरे तरफ की चर्म सीमा तक जाए और आखिर में अपनी पूर्व स्थिति अर्थात् मध्य स्थिति पर पहुँच जाए जो वह वस्तु एक दोलन पूरा कर लेती है।
→ आवर्तन काल : सरल पेंडुलम द्वारा एक दोलन पूरा करने में लगा समय आवर्तनकाल कहलाता है।
→ एक समान गति : जब कोई वस्तु समान समय अंतराल में समान दूरी तय करती है भले ही समय अंतराल कितना ही छोटा क्यों न हो तो उस समय वस्तु की गति एक समान गति कहलाती है।
→ असमान गति : जब कोई वस्तु समान समय अंतराल में समान दूरी न तय करे भले ही समय अंतराल कितना भी छोटा क्यों न हो तो उस वस्तु की गति असमान गति कहलाती है। अध्याय के अन्तर्गत आने वाले प्रश्न-उत्तर