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PSEB 7th Class Science Notes Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी
→ मल प्रवाह (वाहित मल) अपशिष्ट जल है जिसमें घुली हुई तथा लटकती ठोस अशुद्धियाँ मौजूद होती हैं, जिन्हें प्रदूषक कहते हैं।
→ धरती के नीचे बिछी हुई पाइपों का जाल जो घर से व्यर्थ पानी के निपटारे वाली स्थान तक पहुँचती है, को विसर्जन प्रणाली कहते हैं।
→ मल प्रवाह/वाहित मल को बन्द पाइपों के द्वारा अपशिष्ट जल-शोधक प्रणाली तक लाया जाता है जहाँ इसमें से दूषकों को अलग करके शोध लिया जाता है तथा फिर नदियों, समुद्रों में बहा दिया जाता है।
→ अपशिष्ट जल शोध दौरान उपस्थित दूषकों को भौतिक, रासायनिक तथा जैविक विधियों के द्वारा अलग किया जाता है।
→ गार वह ठोस पदार्थ है जो जल शुद्धिकरण के दौरान नीचे बैठ जाता है।
→ अपशिष्ट जल शोध के सह-उत्पाद, आपंक (गार) और बायोगैस हैं।
→ मैनहोल ढक्कन से ढका हुआ वह स्थान होता है जिस रास्ते से व्यक्ति अन्दर जाकर वाहित मल/मल प्रवाह प्रणाली चैक कर सकता है।
→ खुला मल प्रवाह मक्खियों, मच्छरों तथा अन्य कीटों का प्रजनन-स्थल होता है। जो कई बीमारियां पैदा करते है।
→ तेल, घी, ग्रीस आदि को ड्रेन या खुले में न फेंके। ऐसा करने से ड्रेन बन्द (चोक) हो जाएगा।
→ कूड़े को केवल कूड़ेदान में ही फेंकें।
→ प्रदूषक : गन्दे जल में घुली हुईं तथा लटकती हुई अशुद्धियों (निलंबित अपद्रव्य) को प्रदूषक कहते हैं।
→ सीवर : छोटे तथा बड़े पाइपों के जाल जो अपशिष्ट जल को निकासी के स्थान तक लेकर जाता है।
→ मेनहोल : विसर्जन प्रणाली के हर 50-60 मीटर की दूरी पर जहाँ दिशा बदलती है वहाँ खले मुँह वाले बड़े सुराख बनाए जाते हैं। जिनके अन्दर दाखिल होकर व्यक्ति जल मल निकासी समस्या की जाँच कर सके।
→ जल शोधक प्रणाली : ऐसी जगह अथवा स्थान जहाँ अपशिष्ट जल में से अशुद्धियों को अलग किया जाता है।
→ जल शोधन : अपशिष्ट जल में से अशुद्धियों को अलग करने की प्रक्रिया को जल साफ़ करना या जल शोधन या उपचार कहते हैं।
→ आपंक अथवा गार : जल शुद्धिकरण टैंक में बैठ गया ठोस पदार्थ ही आपंक अथवा गार है।
→ सैप्टिक टैंक : यह मल-प्रवाह शोध की ऐसी छोटी-सी प्रणाली होती है जिसमें ऑक्सीजन रहित जीवाणु होते हैं जो अपशिष्ट पदार्थों को अपघटित करते हैं। इसका मुख्य मल विसर्जन पाइपों से कोई सम्बन्ध नहीं होता।