Punjab State Board PSEB 7th Class Science Book Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 7 Science Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी
PSEB 7th Class Science Guide अपशिष्ट जल की कहानी Textbook Questions and Answers
1. खाली स्थान भरें :-
(i) मल प्रवाह में घुली हुई तथा ठोस अशुद्धियों को ……………………. कहते हैं।
उत्तर-
प्रदूषक
(ii) चार्जित गार में लगभग …………………… जल होता है।
उत्तर-
97%
(iii) जल शुद्धिकरण टैंक के तल पर बैठे ठोस पदार्थ को ……………………… कहते हैं।
उत्तर-
गार/आपंक
(iv) ……………… ऐसा स्थान होता है, जहाँ अपशिष्ट जल में से दूषकों को अलग किया जाता है।
उत्तर-
जल शुद्धिकरण टैंक
(v) सफाई संबंधी ……………………… आदतें अपनाएं।
उत्तर-
अच्छी।
2. निम्नलिखित में से सही या गलत चुनें :-
(i) खुली नालियों (Drain) की गंध तथा दिखावट बहुत मनमोहक होती है।
उत्तर-
ग़लत
(ii) पॉलिथीन के लिफ़ाफे नालियों में फेंकें।
उत्तर-
ग़लत
(iii) खुली नालियाँ, मक्खियों तथा मच्छरों के प्रजनन स्थान होते हैं।
उत्तर-
सही
(iv) खुले में शौच न करें।
उत्तर-
सही
(v) भोजन के बचे हुए ठोस टुकड़े नालियों (Drain) को बंद कर सकते हैं।
उत्तर-
सही
3. कॉलम ‘क’ और कॉलम ‘ख’ का सही मिलान करें :-
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख’ |
(i) कार्बनिक अशुद्धियाँ | (क) मल–प्रवाह उपचार |
(ii) अकार्बनिक अशुद्धियाँ | (ख) टायफाइड |
(iii) अपशिष्ट जल-शोधन | (ग) रूड़ी खाद |
(iv) जल के साथ होने वाली बीमारी | (घ) नाइट्रेट्स तथा फास्फेट |
(v) सूखा गार | (ङ) मानवीय मल। |
उत्तर-
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख’ |
(i) कार्बनिक अशुद्धियाँ | (ङ) मानवीय मल। |
(ii) अकार्बनिक अशुद्धियाँ | (घ) नाइट्रेट्स तथा फास्फेट |
(iii) अपशिष्ट जल-शोधन | (क) मल-प्रवाह उपचार |
(iv) जल के साथ होने वाली बीमारी | (ख) टायफाइड |
(v) सूखा गार | (ग) रूड़ी खाद। |
4. बहु-वैकल्पिक उत्तरों में सही उत्तर चुनें :-
प्रश्न (i)
अपशिष्ट जल शोधक यंत्र में होते हैं-
(क) छड़ों वाली जाली
(ख) जल शुद्धिकरण
(ग) गारा तथा रेत अलग करने वाली टंकी
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-(घ) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न (ii)
अपशिष्ट जल शोधक प्लांट के सह उत्पाद होते हैं-
(क) बायोगैस
(ख) गारा
(ग) ‘क’ तथा ‘ख’ दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) ‘क’ तथा ‘ख’ दोनों।
प्रश्न (iii)
इनमें से कौन-सा रासायनिक जल को कीटाणु रहित करने के लिए प्रयोग किया जाता है ?
(क) क्लोरीन
(ख) ओजोन
(ग) ‘क’ तथा ‘ख’ दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) ‘क’ तथा ‘ख’ दोनों।
प्रश्न (iv)
विश्व टॉयलेट दिवस मनाया जाता है-
(क) 29 नवंबर
(ख) 19 अक्तूबर
(ग) 19 नवंबर
(घ) 29 अक्तूबर।
उत्तर-
(ग) 19 नवम्बर।
प्रश्न (v)
इनमें से कौन-सी कम खर्चीली मल-प्रवाह निपटान की प्रणाली नहीं है ?
(क) सेप्टिक टंकी
(ख) कंपोस्टिंग टंकी
(ग) रासायनिक टॉयलेट
(घ) छड़ों वाली जाली।
उत्तर-
(घ) छड़ों वाली जाली।
5. अति लघूत्तर प्रश्न :-
प्रश्न (i)
मल-प्रवाह क्या होता है ?
उत्तर-
मल-प्रवाह – यह वह गंदा जल होता है जिसमें घुली हुई तथा लटकती हुई ठोस अशुद्धियाँ होती हैं। यह घरों, उद्योगों, खेतों तथा अस्पतालों द्वारा पैदा किया जाता है।
प्रश्न (ii)
गार किसे कहते हैं ?
उत्तर-
गार – जो ठोस पदार्थ जल शुद्धिकरण टैंक के तल पर बैठ जाता है, उसे गार अथवा आपंक कहते हैं।
प्रश्न (iii)
निर्मल जल /शुद्ध जल (Clarified Water) क्या होता है ?
उत्तर-
निर्मल जल या शुद्ध जल – शुद्ध जल रंगहीन, गंधहीन तथा स्वादरहित होता है। शुद्ध जल का pH लेवल 7 होता है। वर्षा जल शुद्ध जल होता है। शुद्ध जल का उबाल दर्जा 100°C होता है। शुद्ध जल में कोई घुलनशील अथवा लटकती हुई कोई अशुद्धि नहीं होती तथा यह कीटाणु रहित होता है।
प्रश्न (iv)
सेप्टिक टंकी किसे कहते हैं ?
उत्तर-
सेप्टिक टैंकी – यह एक कम खर्चे वाली मल प्रवाह शोध की ऐसी प्रणाली है जिसमें ऑक्सीजन रहित जीवाणु होते हैं जो अपशिष्ट पदार्थों का अपघटन करते हैं। इसका मुख्य मल-विसर्जन पाइपों से कोई संबंध नहीं होता है। मानवीय मल प्रवाह की यह तकनीक वहाँ प्रयोग होती है जहाँ मल को शौचालय के बंद पाइपों के रास्ते सीधा ही बायोगैस प्लांट में भेजा जाता है।
प्रश्न (v)
अपशिष्ट जल शोधन-प्रणाली क्या होती है ?
उत्तर-
अपशिष्ट जल – शोधन प्रणाली-अशुद्धियों को अलग करने के लिए मल प्रवाह को बंद पाइपों द्वारा व्यर्थ जल शोधक प्रणाली तक लेकर जाते हैं तथा शोध के बाद इस जल को नदियों या समद्रों में बहा दिया जाता है। अपशिष्ट जल शोधक प्रणाली वहीं होती है जहाँ इसमें से अशुद्धियाँ अलग की जाती हैं। अपशिष्ट जल में से अशुद्धियाँ अलग करने को जल स्वच्छ करना या जल शोधन या उपचार कहते हैं। जल शोधन में पानी में से अशुद्धियाँ दूर करने के लिए भौतिक, रासायनिक तथा जैविक क्रियाएँ की जाती हैं। अपशिष्ट जल शोधन को साधारणतः से मल-प्रवाह शोधन कहते हैं।
6. लघूत्तर प्रश्न :-
प्रश्न (i)
तेल, घी आदि को नाली में क्यों नहीं फेंकना चाहिए ? टिप्पणी दें।
उत्तर-
खाना/भोजन पकाते समय बचे हुए तेल/घी को ड्रेन में फेंकने के स्थान पर कूड़ेदान में फेंकना चाहिए क्योंकि यह सख्त होकर निकासी वाली पाइपों को बंद कर सकते हैं। खुले स्थान पर यह मिट्टी के मुसामों/छिद्रों को भी बंद कर सकते हैं जिससे मिट्टी की पानी को फिल्टर करने की क्षमता कम हो जाती है।
प्रश्न (ii)
अपशिष्ट जल शोधक प्रणाली में छड़ों वाली जाली का क्या काम है ?
उत्तर-
अपशिष्ट जल शोधक प्रणाली में सबसे पहले इस जल में से ठोस अशुद्धियों जैसे डिब्बे, कपड़े के टुकड़े नैपकिन, प्लास्टिक की वस्तुएँ आदि को अलग करने के लिए जल को लोहे वाले जाल में से गुजारा जाता है जहाँ यह वस्तुएँ रुककर अलग हो जाती हैं।
प्रश्न (iii)
कूड़े को केवल कूड़ेदान में फेंके। टिप्पणी करें।
उत्तर-
कूड़े के बिखेरने से न केवल हमारा इर्द-गिर्द ही गंदा होगा बल्कि वातावरण भी दूषित होगा तथा गंदी बदबू भी आएगी जो कीड़े-मकौड़ों तथा तिलचट्टे पैदा होने में सहायक होगी। इससे कई बिमारियाँ भी होंगी। इसलिए कूडे को कूड़ेदान में फेंकना चाहिए।
Science Guide for Class 7 PSEB अपशिष्ट जल की कहानी Intext Questions and Answers
सोचें तथा उत्तर दें:- (पेज 216)
प्रश्न 1.
साफ जल तथा दूषित जल के रंग में क्या अंतर होता है ?
उत्तर-
साफ जल – साफ जल रंगहीन होता है, परंतु इसमें घुली अशुद्धियाँ तथा सूक्ष्मजीव उपस्थित हो सकते हैं। यह जल शुद्ध नहीं होता तथा पीने योग्य नहीं है।
दूषित जल – जल जिसमें सूक्ष्मजीव उपस्थित हो वह भी रंगहीन हो सकता है। इसके अतिरिक्त यदि जल में कोई रंगदार घुली हुई मिट्टी या अशुद्धि है तो यह काले या भूरे रंग का भी हो सकता है।
प्रश्न 2.
गंदे जल में विद्यमान कोई दो कार्बनिक संदूषकों के नाम बताएं।
उत्तर-
गंदे पानी में उपस्थित कार्बनिक संदूषक-
- कीटनाशक
- नदीन नाशक
- फल सब्जियाँ
- मानवीय तथा पशु मल।
सोचें तथा उत्तर दें:- (पेज 217)
प्रश्न 1.
मल-प्रवाह मार्ग में मैनहोल क्यों बनाए जाते हैं ?
उत्तर-
मल-प्रवाह मार्ग के प्रत्येक 50-60 मीटर की दूरी पर या दो मल विसर्जनों के जोड़ पर जहाँ दिशा बदलनी हो, वहाँ मैनहोल बनाए जाते हैं ताकि इसमें दाखिल होकर व्यक्ति जल-मल निकास की समस्या का पता तथा निवारण कर सके।
प्रश्न 2.
किसी खुले जल-निकास में या समीप पाए जाने वाले दो जीवों के नाम बताएं।
उत्तर-
- काकरोच (तिलचट्टा) तथा
- बिच्छू।
सारी परखनलियों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करें तथा निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें:-(पेज 220)
प्रश्न 1.
हवा प्रवाहित करने के बाद तरल दिखावट (Appearance) में क्या परिवर्तन आया ?
उत्तर-
द्रव का रंग थोड़ा साफ तथा हल्के रंग का दिखाई देता है।
प्रश्न 2.
रेत फिल्टर होने से क्या अलग हुआ ?
उत्तर-
रेत फिल्टररेशन द्वारा अघुलनशील ठोस कण अलग हो गए।
PSEB Solutions for Class 7 Science अपशिष्ट जल की कहानी Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(i) जल को स्वच्छ करना ………………… को दूर करने का प्रक्रम है।
उत्तर-
संदूषक
(ii) घरों द्वारा मुक्त किए जाने वाला अपशिष्ट जल …………………… कहलाता है।
उत्तर-
वाहित मल
(iii) शुष्क ……………………….. का उपयोग खाद के रूप में किया जाता है।
उत्तर-
आपंक
(iv) नालियाँ …………………. और ……………………. के द्वारा अवरूद्ध हो जाती हैं।
उत्तर-
तेल, वसा
(v) ढक्कन से ढका हुआ वह खुला स्थान जिस रास्ते व्यक्ति अंदर जाकर मल-प्रवाह प्रणाली को चैक कर सकता है, को ……………….. कहते हैं।
उत्तर-
मैनहोल।
प्रश्न 2.
कॉलम ‘क’ में दिए गए शब्दों का कालम ‘ख’ के साथ मिलान कीजिए-
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख |
(i) व्यर्थ जल शोध के सह-उत्पाद | (क) 19 दिसम्बर |
(ii) विश्व जल दिवस | (ख) मक्खियां तथा मच्छरों का प्रजनन स्थल |
(iii) खुले मल-प्रवाह | (ग) गार, बायोगैस |
(iv) विश्व टायलेट दिवस | (घ) 22 मार्च। |
उत्तर-
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख’ |
(i) व्यर्थ जल शोध के सह-उत्पाद | (ग) गार, बायोगैस |
(ii) विश्व जल दिवस | (घ) 22 मार्च |
(iii) खुले मल-प्रवाह | (ख) मक्खियां तथा मच्छरों का प्रजनन स्थल |
(iv) विश्व टायलेट दिवस | (क) 19 दिसम्बर। |
प्रश्न 3.
सही विकल्प चुनें-
(i) धरती के नीचे छोटे तथा बढ़े पाइपों के जाल को कहते हैं।
(क) गार
(ख) मल-प्रवाह
(ग) मल विसर्जन प्रणाली
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) मल विसर्जन प्रणाली।
(ii) विश्व जल दिवस मनाया जाता है-
(क) 22 मार्च
(ख) 22 फरवरी
(ग) 22 अप्रैल
(घ) 22 जून।
उत्तर-
(क) 22 मार्च।
(iii) पराबैंगनी विकिरणों को कौन-सी गैस अवशोषित करती है ?
(क) नाइट्रोजन
(ख) ऑक्सीजन
(ग) ओज़ोन
(घ) हाइड्रोजन।
उत्तर-
(ग) ओज़ोन।
(iv) प्रदूषित पानी से रोग होते हैं ?
(क) पीलिया
(ख) पेचिश
(ग) हैजा
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।
(v) मलेरिया फैल सकता है-
(क) खुली नालियों से-
(ख) बंद नालियों से
(ग) नल से
(घ) पानी की पाइपों से।
उत्तर-(क) खुली नालियों से।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से ठीक या गलत बताओ-
(i) अवशोषित मल प्रवाह को जल भंडारों में फेंक देना चाहिए।
उत्तर-
ग़लत
(ii) बचे हुए तेल तथा घी को ड्रेन में बहा देना चाहिए।
उत्तर-
ग़लत
(iii) पॉलीथीन के लिफ़ाफे या टुकड़े नालियों में फेंकने से नालियों को बंद कर सकते हैं।
उत्तर-
ठीक
(iv) कचरे को केवल कूड़ेदान में ही फेंकना चाहिए।
उत्तर-
ठीक
(v) जल शुद्धिकरण टैंक के तल में बैठे ठोस पदार्थ को गार कहते हैं।
उत्तर-
ठीक।
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कौन-सा दिन विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाता है ?
उत्तर-
22 मार्च।
प्रश्न 2.
जल की सफ़ाई से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
जल की सफ़ाई : अपशिष्ट जल से संदूषकों को पृथक् करने के प्रक्रम को जल की सफ़ाई कहते हैं।
प्रश्न 3.
अपशिष्ट जल को साफ़ करने के प्रक्रम को किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर-
वाहित मल उपचार।
प्रश्न 4.
‘वाहित मल’ कैसे बनता है ?
उत्तर-
वाहित मल घरों, उद्योगों, अस्पतालों, कार्यालयों और अन्य उपयोगों के बाद प्रवाहित किया जाने वाला जल अपशिष्ट या वाहित मल होता है।
प्रश्न 5.
पेचिश फैलाने वाले जीव कौन-से हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्म रोगाणु।
प्रश्न 6.
सीवर किसे कहते हैं ?
उत्तर-
सीवर (Sewerage) – भूमि के अंदर छोटे और बड़े पाइपों का जाल, सीवर कहलाता है।
प्रश्न 7.
पानी के सूक्ष्म जीव कौन-से रसायनों से नष्ट होते हैं ?
उत्तर-
पेंट, तेल, दवाइयां आदि। ।
प्रश्न 8.
ठोस व्यर्थ नालियों में क्यों नहीं फेंकने चाहिए ?
उत्तर-
क्योंकि यह नालियों को प्रदूषित करते हैं तथा ऑक्सीजन के मुक्त प्रवाह को रोकते हैं।
प्रश्न 9.
ऑक्सीजन व्यर्थ जल को किस प्रकार शुद्ध करती है ?
उत्तर-
ऑक्सीजन व्यर्थ जल का निम्नीकरण करती है।
प्रश्न 10.
रोगों के फैलने के दो कारणों के नाम लिखो।
उत्तर-
- सफाई ना करना
- प्रदूषित जल।
प्रश्न 11.
जिन स्थानों पर मल वाहन की व्यवस्था नहीं है वहां किस प्लांट का उपयोग उपयुक्त है ?
उत्तर-
सेप्टिक टैंक (Septic Tank)।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वाहित मल निपटान की प्रणाली पर नोट लिखिए।
उत्तर-
सेप्टिक टैंक, रासायनिक शौचालय, कपोस्टिंग पिट आदि वाहित मल निपटान की वैकल्पिक व्यवस्थाएँ हैं। यह सारी व्यवस्था साधन की कम लागत से तैयार होती है और उन सभी जगहों के लिए उपयुक्त है जहाँ सीवर साधन उपलब्ध नहीं हैं जैसे अस्पताल, अलग-थलग बने भवन अथवा 4 से 5 घरों का समूह।
प्रश्न 2.
घरों में अपशिष्ट जल की मात्रा को कम करने के कुछ उपाय समझाइए।
उत्तर-घरों में अपशिष्ट जल की मात्रा को नियंत्रण करने के उपाय-
- नालियों में तेलीय वस्तुएँ, वसा आदि को नहीं बहने देना चाहिए क्योंकि ये वस्तुएँ नालियों को अवरूद्ध कर देती हैं।
- पेंट, रसायन, कीटनाशी आदि जल में प्रवाहित नहीं करने चाहिए क्योंकि ये जल शोधन के सूक्ष्मजीव को नष्ट कर देते हैं।
- प्रयुक्त चाय पत्ती, बचे हुए ठोस खाद्य पदार्थ, खिलौने, सैनिटरी टावल आदि कूड़ेदान में डालने चाहिए क्योंकि यह ठोस नालियों को अवरूद्ध कर देते हैं।
प्रश्न 3.
वाहित मल क्या है ? अनुपचारित वाहित मल को नदियों अथवा समुद्र में विसर्जित करना हानिकारक क्यों है ? समझाइए। . .
उत्तर-
वाहित मल – यह द्रव रूपी अपशिष्ट है जिसमें अधिकांश घुले हुए और निलंबित अपद्रव्य (संदूषक) होते हैं। यह प्रकृति में जटिल होता है। वाहित मल घरों, उद्योगों, कृषि क्षेत्रों तथा मानव क्रियाकलापों द्वारा उत्पन्न होता है। यह जल तथा भूमि के प्रदूषण का मुख्य कारण है।
अनुपचारित प्रदूषित जल के हानिकारक प्रभाव-
- इससे स्वास्थ्य संबंधी खतरे होते हैं।
- भूमिगत जल तथा भूमि जल प्रदूषित हो जाते हैं।
- जलवाहक रोगों के लिए वाहक का कार्य करता है।
प्रश्न 4.
तेल और वसाओं को नाली में क्यों नहीं बहाना चाहिए ? समझाइए।
उत्तर-
तेल तथा वसा जम कर ठोस बन जाने से पाइप तथा नालियों को बंद कर देते हैं। खुली नालियों में तेल मिट्टी के कणों को जकड़ लेते हैं जिससे उनकी फिल्टर करने की शक्ति कम हो जाती है।
प्रश्न 5.
अपशिष्ट जल से स्वच्छ जल प्राप्त करने के प्रक्रम में सम्मिलित चरणों का वर्णन करें।
उत्तर-
अपशिष्ट जल से स्वच्छ जल प्राप्त करने में चरण-
- अपशिष्ट जल में उपस्थित कपड़ों के टुकड़े, डंडियाँ, डिब्बे तथा प्लास्टिक आदि को पृथक् करने के लिए
अपशिष्ट जल को उर्ध्वाकार लगी छड़ों से बने शलाका छन्ने (बार स्क्रीन) में से गुज़ारा जाता है। - अपशिष्ट जल को ग्रिट तथा रेत अलग करने वाली टैंकी में से गुज़ारा जाता है जहाँ अपशिष्ट जल को कम प्रवाह से छोड़ा जाता है। यहाँ जल में उपस्थित रेत, ग्रिट और कंकड़-पत्थर नीचे बैठ जाते हैं।
- अब जल को बड़ी टैंकी में ले जाया जाता है, जिसका पैंदा मध्य भाग में ढलान वाला होता है। इस टैंकी के मध्य भाग में मल तथा तैरने वाले तेल जैसे ठोस टैंकी की तपैंदी के मध्य भाग में बैठ जाते हैं।
- अब निर्मलीकृत जल में से पंप द्वारा वायु को गुज़ारा जाता है जिससे उसमें वायकीय जीवाणुओं की वृद्धि होती है। इस प्रकार साफ़ किया गया जल निर्मलीकृत जल कहलाता है।
प्रश्न 6.
आपंक क्या है ? समझाइए कि इसे कैसे उपचारित किया जाता है ?
उत्तर-
आपंक (Sludge) – यह अपशिष्ट जल को बार स्क्रीन लगी टैंकी जिससे ग्रिट तथा रेत पृथक् की जाती है, में से गुज़ार कर एकत्रित किया गया ठोस मल है।
आपंक का उपचार – आपंक को एक टैंकी में एकत्रित किया जाता है, जहाँ यह अवायवीय जीवाणुओं द्वारा अपघटित हो जाता है। इस प्रक्रम में उत्पन्न होने वाली बायोगैस (जैव गैस) का उपयोग ईंधन के रूप में या बिजली उत्पादन में किया जाता है। शुष्क आपंक को खाद के रूप में उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 7.
अनुपचारित मानव मल एक स्वास्थ्य संकट है। समझाइए।
उत्तर-
- अनुपचारित मानव मल मच्छर, मक्खी तथा अन्य कीटों का जनन केंद्र बन जाता है।
- यह दुर्गंध से भरपूर होता है।
- यह भूमि तथा जल को प्रदूषित करता है।
- यह अनेक प्रकार के रोगों का वाहक है।
प्रश्न 8.
जल को रोगाणुनाशित (रोगाणु मुक्त) करने के लिए उपयोग किए जाने वाले दो रसायनों के नाम बताइए।
उत्तर-
- क्लोरीन और
- ओज़ोन।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वाहित मल उपचार संयंत्र का विवरण दीजिए।
उत्तर-
वाहित मल उपचार संयंत्र – वाहित मल के उपचार में भौतिक, रासायनिक और जैविक प्रक्रम सम्मिलित हैं जो जल को संदूषित करने वाले भौतिक, रासायनिक और जैविक द्रव्यों को पृथक करने में सहायता करते हैं।
(i) शलाका छन्नों में से गुज़ारना – अपशिष्ट जल उर्ध्वाकार लगी छड़ों से बने शलाका छन्नों में से गुज़ारा जाता है ताकि बड़े आकार की अशुद्धियां जैसे कपड़ों के टुकड़े, डिब्बे, प्लास्टिक के थैले आदि पृथक् हो सकें।
(ii) ग्रिट और बालू उपचार टैंक – अपशिष्ट जल को इन टैंकों में से बड़ी से धीमी गति से प्रवाहित किया जाता है ताकि धूल, कंकड़, पत्थर आदि नीचे तल में बैठ जाएँ।
(iii) आपंक को पृथक् करना – अपशिष्ट जल को एक ऐसी टैंकी में डाला जाता है जिसका मध्य भाग ढलान वाला होता है ताकि अपशिष्ट जल में ठोस इस ढलान वाली तली में बैठ जाए। यह तली पर जमा ठोस आपंक कहलाता
इसे खुरच कर बाहर निकाला जाता है। अपशिष्ट जल में तैरने वाली अशुद्धियों (तेल, वसा) को अपमथित्र (स्किमर) द्वारा पृथक् किया जाता है। यह जल निर्मलीकृत जल होता है।
अब दो विभिन्न प्रक्रम अपनाए जाते हैं-
(क) आपंक को एक ऐसी टंकी में स्थानांतरित किया जाता है जहाँ अवायवीय अपघटन हो सके। इस अपघटन में बायोगैस उत्पन्न होती है।
(ख) निर्मलीकृत जल में वायवीय सूक्ष्मजीव बचे हुए मानव अपशिष्ट पदार्थों, खाद्य पदार्थों, साबुन आदि का उपयोग करते हैं। इन जीवों की वद्धि के लिए निर्मलीकृत जल में वायु का प्रवाह किया जाता है। यह सूक्ष्मजीव उपभोग किए हुए पदार्थों के साथ टंकी की तली में बैठ जाते हैं। ऊपर से जल को निकाल दिया जाता है। जमे हुए आपंक को सुखा कर खाद के रूप में उपयोग किया जाता है।
(iv) उपरोक्त जल को या तो किसी जल स्रोतों में डाल दिया जाता है अथवा क्लोरीन या ओज़ोन से उपचारित किया जाता है।