Punjab State Board PSEB 7th Class Science Book Solutions Chapter 5 अम्ल, क्षारक और लवण Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 7 Science Chapter 5 अम्ल, क्षारक और लवण
PSEB 7th Class Science Guide अम्ल, क्षारक और लवण Textbook Questions and Answers
1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :-
(i) अम्ल स्वाद में ……………….. होते हैं।
उत्तर-
खट्टे
(ii) लिटमस तथा हल्दी का रस …………………… सूचक हैं।
उत्तर-
प्राकृतिक
(iii) फ़िनॉल्फथेलीन अम्ल घोल (विलयन) में ………………………. है।
उत्तर-
गुलाबी हो जाता
(iv) एक अम्ल और एक ………………………. में प्रतिक्रिया को उदासीन प्रतिक्रिया कहा जाता है।
उत्तर-
क्षार
(v) चींटी के डंक में ……………………… अम्ल होता है।
उत्तर-
फार्मिक
(vi) पेट में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के अतिरिक्त निष्कासन को ……………………. कहते हैं।
उत्तर-
ऐसीडिटी (बदहज़मी)
(vii) दूधिया मैग्नीशियम ……………………. स्थिति में प्रयुक्त होता है।
उत्तर-
अपाचन ।
2. कॉलम ‘क’ के शब्दों का कॉलम ‘ख’ के शब्दों से मिलान कीजिए :-
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख’ |
(i) लाल लिटमस को नीले रंग में बदल देता है | (क) उदासीनीकरण |
(ii) नीले लिटमस को लाल रंग में बदल देता है | (ख) जिंक कार्बोनेट |
(iii) एक अम्ल तथा एक क्षारक के बीच प्रतिक्रिया | (ग) क्षारीय घोल |
(iv) फ़िनॉल्फथेलिन फार्मिक अम्ल होता | (घ) अम्लीय घोल |
(v) कैलामाइन | (ङ) चींटी का डंक। |
उत्तर-
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख’ |
(i) लाल लिटमस को नीले रंग में बदल देता है | (ग) क्षारीय घोल |
(ii) नीले लिटमस को लाल रंग में बदल देता है | (घ) अम्लीय घोल |
(iii) एक अम्ल तथा एक क्षारक के बीच प्रतिक्रिया | (क) उदासीनीकरण |
(iv) फ़िनॉल्फथेलिन फार्मिक अम्ल होता | (ङ) चींटी का डंक |
(v) कैलामाइन | (ख) जिंक कार्बोनेट। |
3. सही विकल्प चुनें :-
प्रश्न (i)
सिरके में होता है-
(क) ऐसिटिक अम्ल
(ख) लैक्टिक अम्ल
(ग) साइट्रिक अम्ल
(घ) टार्टरिक अम्ल ।
उत्तर-
(क) ऐसिटिक अम्ल।
प्रश्न (ii)
इमली में होता है-
(क) ऐसीटिक अम्ल
(ख) लैक्टिक अम्ल
(ग) साइट्रिक अम्ल
(घ) टार्टरिक अम्ल ।
उत्तर-
(घ) टार्टरिक अम्ल।
प्रश्न (ii)
प्राकृतिक सूचक की उदाहरण है-
(क) लिटमस
(ख) हल्दी का रस
(ग) चाइना गुलाब की पंखड़ियाँ
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(ख) हल्दी का रस।
प्रश्न (iv)
एसिटिक घोल में लिटमस का रंग
(क) जामुनी
(ख) नीला
(ग) लाल
(घ) गुलाबी।
उत्तर-
(ग) लाल।
प्रश्न (v)
आंवले में होता है-
(क) एसकॉर्बिक अम्ल
(ख) अनबूझा चूना
(ग) कैलेमाइन
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(क) एसकॉर्बिक अम्ल।
4. सही या गलत :-
(i) इमली में साइट्रिक अम्ल होता है।
उत्तर-
ग़लत
(ii) चींटी के डंक में ऑक्जैलिक अम्ल होता है।
उत्तर-
ग़लत
(iii) हल्दी का रस क्षारीय घोल में भूरा लाल रंग देता है।
उत्तर-
सही
(iv) सोडियम हाइड्रोक्साइड नीले लिटमस को लाल कर देता है।
उत्तर-
ग़लत
(v) अम्लीय मिट्टी के उपचार के लिए जैविक पदार्थ प्रयुक्त होता है।
उत्तर-
ग़लत
5. अति लघूत्तर प्रश्न :-
प्रश्न (i)
हमारे अमाशय में कौन-सा अम्ल निकलता है ?
उत्तर-
हमारे अमाशय में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल निकलता है।
प्रश्न (ii)
कोई दो ऐंटास्डिस के नाम लिखो।
उत्तर-
- मैग्नीशियम हाइड्रोआक्साइड,
- बेकिंग सोडा।
प्रश्न (iii)
चींटी के डंक के तौर पर किन पदार्थों का प्रयोग होता है ?
उत्तर-
चींटी के डंक के उपचार के लिए कैलमाइन का घोल या बेकिंग सोडा प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न (iv)
कोई दो साइट्रिक फलों के नाम लिखो।
उत्तर-
- संतरा,
- नींबू,
- अंगूर।
प्रश्न (v)
अम्लीय उत्पादों के उपचार की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर-
अम्लीय तथा फैक्टरियों के व्यर्थ स्वाभाविक रूप से अम्लीय होते हैं। यदि इसे बिना उपचार के सीधे ही फेंक दिया जाए तो यह जल जीवन को हानि पहुँचा सकती है। उन्हें बेअसर करने के लिए ऐसे कूड़े में कुछ क्षारीय पदार्थ मिलाया जाता है।
6. लघूत्तर प्रश्न :-
प्रश्न (i)
लिटमस का घोल किस स्रोत से प्राप्त किया जाता है ? इस घोल का क्या प्रयोग होता है?
उत्तर-
लिटमस का घोल प्रकृति में मिलने वाले लाइकेन्ज पौधे से प्राप्त होता है। लिटमस के घोल में डुबोई गई कागज़ की पट्टी को लिटमस पेपर तथा घोल को लिटमस घोल कहा जाता है। यह आम तौर पर नीले या लाल रंग में मिलता है।
नीला लिटमस अम्लीय घोल. में घुलने पर लाल रंग में बदल जाता है तथा लाल लिटमस का घोल क्षारीय घोल में घुलने पर नीला हो जाता है।
प्रश्न (ii)
क्या आसुत जल अम्लीय, क्षारीय या उदासीन होता है ? उदाहरण सहित समझाएं।
उत्तर-
कशीदत पानी उदासीन होता है, इसकी पुष्टि लिटमस डालकर की जाती है जिस से यह माव रंग देता है। नीले तथा लाल लिटमस घोल में कशीदत पानी क्रिया करके रंग में कोई परिवर्तन नहीं करता है।
प्रश्न (iii)
उदासीनीकरण प्रक्रिया को उदाहरण सहित समझाएं।
उत्तर-
किसी अम्ल तथा क्षारक के बीच में होने वाली प्रतिक्रिया उदासीनीकरण प्रक्रिया कहलाती है। ऊर्जा निर्मुक्त होने के साथ-साथ लवण तथा जल उत्पाद के रूप में उत्पन्न होते हैं।
अम्ल + क्षारक → लवण + जल + ऊष्मा (ऊर्जा)
उदाहरण – हाइड्रोक्लोरिक ऐसिड + सोडियम हाइड्रोक्साइड → सोडियम क्लोराइड + पानो + ऊर्जा
प्रयोग – एक परखनली के चौथे भाग को हल्के हाइड्रोक्लोरिक ऐसिड से भरो । अब इसमें फ़िनॉल्फथेलीन घोल की 2-3 बूंदें मिलाओ तथा परखनली के घोल का रंग को नोट करो । अब ड्रापर की सहायता से सोडियम हाइड्रोआक्साइड की कुछ बूंदें परखनली में डाल कर धीरे-धीरे परखनली को हिलाओ। घोल को लगातार हिलाते हुए इसमें सोडियम हाइड्रो-आक्साइड (क्षार) का घोल बूँद-बूंद करके उस समय तक डालो जब तक हल्का गुलाबी रंग न आ जाए । अब इस में लवण हल्के हाइड्रोक्लोरिक ऐसिड की एक द ड्रापर से मिलाओ। आप देखोगे कि घोल का रंग दोबारा अलोप (रंगहीन) हो गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि जब तक घोल क्षारीय होता है तब तक फ़िनॉल्फथेलीन का रंग गुलाबी होता है तथा जब यह घोल अम्लीय हो जाता है। उस समय यह घोल रंगहीन हो जाता है। तेज़ाब/अम्ल में क्षार को घोल मिलाने से यह एक-दूसरे से प्रतिक्रिया करके घोल को उदासीन कर देते हैं। अर्थात् अम्ल तथा क्षार दोनों का स्वभाव खत्म हो जाता है तथा नमक पानी बनते हैं। इस प्रतिक्रिया को उदासीनीकरण कहते हैं।
प्रश्न (iv)
किन्हीं दो सामान्य अम्लों तथा दो सामान्य क्षारों के नाम लिखें।
उत्तर-
सामान्य अम्ल-
- हाइड्रोक्लोरिक ऐसिड,
- सल्फ्यूरिक ऐसिड।
सामान्य क्षार-
- सोडियम हाइड्रोआक्साइड
- कैल्शियम हाइड्रोआक्साइड।
प्रश्न (v)
सूचक किसे कहते हैं ? इसकी किस्मों के नाम लिखो तथा प्रत्येक के उदाहरण लिखें।
उत्तर-
सूचक – पदार्थों के वह घोल जो अम्ल, क्षारक तथा उदासीन पदार्थों से क्रिया करके, भिन्न-भिन्न रंग बदलते हैं, उन्हें सूचक कहा जाता है।
सूचक की किस्में – सूचक की दो किस्में हैं-
- प्राकृतिक सूचक – यह वे सूचक हैं जिन्हें पौधों में प्राप्त किया जाता है। जैसे-लिटमस, हल्दी, चाहना रोज़ की पत्तियाँ।
- संश्लिष्ट सूचक – यह वे सूचक हैं, जिन्हें प्रयोगशाला में तैयार किया जाता है। जैसे-फ़िनॉल्फथेलीन तथा मिथाइल ओरेंज आदि।
7. निबंधात्मक प्रश्न :-
प्रश्न (i)
अम्ल और क्षारों में अंतर लिखें।
उत्तर-
अम्ल तथा क्षारों में अंतर-
अम्ल | क्षार |
(i) यह स्वाद में खट्टे होते हैं। | (i) यह स्वाद में कड़वे होते हैं। |
(ii) यह नीले लिटमस के विलयन को लाल रंग में बदल देते हैं। | (ii) यह लाल लिटमस विलयन को नीले रंग में बदल देते हैं। |
(iii) यह स्पर्श करने पर साबुन जैसे चिकने नहीं होते। | (iii) यह स्पर्श करने पर साबुन जैसे चिकने होते हैं। |
(iv) यह फ़िनॉल्फथेलीन के घोल से क्रिया करके रंग नहीं देते। | (iv) यह फ़िनॉल्फथेलीन के विलयन (घोल) को कोई उसका रंग गुलाबी बना देते हैं। |
(v) यह अम्लों से क्रिया करके लवण, जल तथा उष्मा (ऊर्जा) उत्पन्न करते हैं। | (v) यह क्षारकों को उदासीन करके लवण, जल तथा उष्मा पैदा करते हैं। |
प्रश्न (ii)
सिरका, इमली, साइट्रिक फल तथा दही में मिलने वाले अम्लों के नाम लिखें।
उत्तर-
पदार्थ | अम्लों के नाम |
1. सिरका | 1. ऐसीटिक अम्ल |
2. इमली | 2. टार्टरिक अम्ल |
3. सिट्रिक फल | 3. सिट्रिक अम्ल |
4. दही | 4. लैक्टिक अम्ल। |
प्रश्न (iii)
आपको तीन भिन्न-भिन्न बोतलों में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, सोडियम हाइड्रोऑक्साइड तथा जल दिया गया है। आप कैसे निरीक्षण करेंगे कि किस बोतल में कौन-सा मिश्रण है ?
उत्तर-
(1) तीन परखनलियां लो। प्रत्येक बोतल में घोल की बूंदें इन तीन परखनलियों में अलग-अलग लो। अब इन परखनलियों में फ़िनॉल्फथेलीन घोल की तीन-तीन बूंदें डालो। जिस परखनली में गुलाबी रंग बन जाता है। वह उससे डाले गए क्षारक (सोडियम हाइड्राआक्साइड) के कारण है। बाकी दोनों परखनलियों में रंग नहीं बदलेगा।
(2) परखनलियों धोकर इनमें पहले जैसा प्रत्येक घोल की 5-5 बूंदें अलग-अलग परखनली में डालें। अब इन परखनलियों से नीले लिटमस में की दो-दो बूंदें डालो। जिस परखनली ने नीला लिटमस लाल रंग में बदल जाता है उसमें अम्ल (हाइड्रोक्लोरिक एसिड) के कारण हैं।
(3) अब हमें पता चल गया कि तीसरी परखनली में पानी है जिसमें लाल तथा नीला लिटमस सूचक के रूप में कोई प्रभाव नहीं दिखाता।
इस प्रकार हम यह पता लगा सकते हैं कि किस बोतल में कौन-सा घोल (पदार्थ) है।
Science Guide for Class 7 PSEB अम्ल, क्षारक और लवण Intext Questions and Answers
सोचें तथा उत्तर दें :-(पेज 52 )
प्रश्न (i)
क्षारीय घोल में फ़िनॉल्फथेलीन डालने से इसका रंग कैसा हो जाएगा ?
उत्तर-
क्षारीय घोल में फ़िनॉल्फथेलीन डालने से इसका रंग गुलाबी हो जाता है।
प्रश्न (ii)
उदासीनीकरण के उत्पादों के नाम बताएँ।
उत्तर-
उदासीनीकरण प्रक्रिया में लवण तथा जल उत्पाद के रूप में उत्पन्न होते हैं।
PSEB Solutions for Class 7 Science अम्ल, क्षारक और लवण Important Questions and Answers
प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) आंवले में भरपूर मात्रा में ………………………. होता है।
उत्तर-
ऐसकॉर्बिक ऐसिड
(ख) अपचन दूर करने के लिए ………………….. का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर-
ऐंटऐसिड
(ग) मिट्टी की अम्लीयता का उपचार …………………….. डालने से किया जाता है।
उत्तर-
बुझा हुआ चूना
(घ) …………………….. फ़िनॉल्फथेलीन के घोल से क्रिया करके उसका रंग गुलाबी बना देता है।
उत्तर-
क्षारक
(ङ) उदासीनीकरण की प्रक्रिया में ……………………… तथा ……………………. उत्पाद के रूप में उत्पन्न होते हैं।
उत्तर-
लवण, जल।
प्रश्न 2.
कॉलम A में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम B के शब्दों से कीजिए-
कॉलम ‘A’ | कालम ‘B’ |
(i) आँवले | (क) ऐसीटिक ऐसिड |
(ii) अपचन | (ख) बुझा हुआ चूना |
(iii) सिरका | (ग) मिल्क ऑफ मैग्नीशियम |
(iv) मिट्टी की अम्लीयता का उपचार | (घ) ऐसकॉर्बिक एसिड |
उत्तर-
कॉलम ‘A’ | कालम ‘B’ |
(i) आँवले | (घ) ऐसकॉर्बिक ऐसिड |
(ii) अपचन | (ग) मिल्क ऑफ मैग्नीशीयम |
(iii) सिरका | (क) ऐसीटिक ऐसिड |
(iv) मिट्टी की अम्लीयता का उपचार | (ख) बुझा हुआ चूना |
प्रश्न 3.
सही विकल्प चुनें-
(i) दही का स्वाद खट्टा है इसलिए यह है-
(क) क्षारकीय
(ख) अम्लीय
(ग) लवणीय
(घ) इनमें से कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ख) अम्लीय।
(ii) क्षारक स्वाद में होते हैं-
(क) खट्टे
(ख) नमकीन
(ग) कड़वे
(घ) न खट्टे न मीठे।
उत्तर-
(ग) कड़वे।
(iii) सिरके में पाया जाने वाला अम्ल है-
(क) फार्मिक अम्ल
(ख) सिट्रिक अम्ल
(ग) ऐसीटिक अम्ल
(घ) लैक्टिक अम्ल।
उत्तर-
(ग) ऐसीटिक अम्ल ।
(iv) दही में उपस्थित अम्ल का नाम है-
(क) ऐसीटिक अम्ल
(ख) फार्मिक अम्ल
(ग) सिट्रिक अम्ल
(घ) लैक्टिक अम्ल।
उत्तर-
(घ) लैक्टिक अम्ल।
(v) चूने के पानी में कौन-सा क्षारक पाया जाता है ?
(क) कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड
(ख) सोडियम हाइड्रॉक्साइड
(ग) मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड
(घ) इनमें से कोई भी नहीं।
उत्तर-
(क) कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड।
(vi) अम्लीय विलयन-
(क) लाल लिटमस पत्र को नीला कर देता है।
(ख) नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है।
(ग) न नीले लिटमस पत्र को लाल तथा न लाल लिटमस पत्र को नीला करता है।
(घ) इनमें से कोई भी।
उत्तर-
(ख) नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित कथन यदि ठीक अथवा गलत बताएं।
(क) नाइट्रिक अम्ल लाल लिटमस को नीला कर देता है।
उत्तर-
ग़लत
(ख) सोडियम हाइड्रॉक्साइड नीले लिटमस को लाल कर देता है।
उत्तर-
ग़लत
(ग) सोडियम हाइड्रॉक्साइड और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एक-दूसरे को उदासीन करके लवण और जल बनाते हैं।
उत्तर-
ठीक
(घ) सूचक वह पदार्थ है, जो अम्लीय और क्षारकीय विलयनों में भिन्न रंग दिखाता है।
उत्तर-
ठीक
(च) दंत क्षय, क्षार की उपस्थिति के कारण होता है।
उत्तर-
ग़लत
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
रासायनिक प्रकृति के आधार पर विभिन्न पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर-
अम्ल, क्षारक, उदासीन।
प्रश्न 2.
कुछ पदार्थों के नाम लिखें, जिनमें प्राकृतिक अम्ल होते हैं।
उत्तर-
दही, नींबू रस, संगतरा रस, सिरका।
प्रश्न 3.
क्षारकीय प्रकृति के कुछ पदार्थों के नाम लिखें।
उत्तर-
धावन सोडा, बेकिंग सोडा।
प्रश्न 4.
उस पदार्थ का नाम लिखो, जो रासायनिक यौगिकों की प्रकृति का परीक्षण करता है ?
उत्तर-
सूचक।
प्रश्न 5.
किन्हीं तीन प्राकृतिक सूचकों के नाम लिखिए।
उत्तर-
हल्दी, लिटमस, गुड़हल की पंखुड़ियां।
प्रश्न 6.
दही में पाया जाने वाला अम्ल कौन-सा है ?
उत्तर-
लैक्टिक अम्ल।
प्रश्न 7.
एसिटिक अम्ल का साधारण नाम क्या है ?
उत्तर-
सिरका
प्रश्न 8.
आँवला किस अम्ल से भरपूर है ?
उत्तर-
एसकॉर्बिक अम्ल।
प्रश्न 9.
चूने का पानी क्या है ?
उत्तर-
कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड (क्षारक)।
प्रश्न 10.
साबुन बनाने के लिए कौन-सी क्षारक का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर-
सोडियम हाइड्रॉक्साइड।
प्रश्न 11.
अमोनियम हाइड्रॉक्साइड का क्या उपयोग है ?
उत्तर-
खिड़कियाँ साफ़ करने के लिए मार्जक के रूप में।
प्रश्न 12.
लिटमस कहाँ से प्राप्त होता है ?
उत्तर-
लाइकेन से।
प्रश्न 13.
उदासीन पदार्थ कौन-से हैं ?
उत्तर-
उदासीन पदार्थ- वे पदार्थ, जो नीले या लाल लिटमस का रंग नहीं बदलते, उदासीन पदार्थ कहलाते हैं।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
क्षारकों के गुण लिखें।
उत्तर-
क्षारक के गुण-
- क्षारक स्वाद में कड़वे होते हैं।
- सभी क्षारक स्पर्श करने पर साबुन जैसे चिकने लगते हैं।
- क्षारक लाल लिटमस को नीला कर देते हैं।
- क्षारक फ़िनॉल्फथेलीन विलयन के साथ गुलाबी रंग देते हैं।
प्रश्न 2.
अम्लों के गुण लिखिए।
उत्तर-
अम्ल के गुण
- अम्ल स्वाद में खट्टे होते हैं।
- ये नीले लिटमस को लाल कर देते हैं।
- अम्लों में हाइड्रोजन परमाणु होता है।
- अम्ल क्षारक के साथ क्रिया करके लवण और जल उत्पन्न करते हैं।
प्रश्न 3.
सूचक क्या है ? एक सूचक का नाम लिखें।
उत्तर-
सूचक – वे रसायन अथवा पदार्थ, जो अम्ल और क्षारक में भिन्न-भिन्न रंग दें, अम्ल क्षारक सूचक अथवा सूचनक कहलाते हैं।
प्रश्न 4.
उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है ?
उत्तर-
उदासीनीकरण अभिक्रिया-किसी अम्ल के साथ किसी क्षारक की क्रिया करवाने से लवण और जल .. उत्पन्न करने की अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
प्रश्न 5.
लवण कैसे बनते हैं ?
उत्तर-
लवण- यह अम्ल और क्षारक के परस्पर क्रिया करने के पश्चात् बनने वाला उत्पाद है ।
उदाहरण-
प्रश्न 6.
आपको तीन द्रव दिए गए हैं, जिनमें से एक हाइड्रोक्लोरिक अम्ल है, दूसरा सोडियम हाइड्रॉक्साइड और तीसरा शक्कर का विलयन है। आप हल्दी को सूचक के रूप में उपयोग करके उनकी पहचान कैसे करेंगे ?
उत्तर-
हल्दी एक प्राकृतिक सूचक है। हल्दी पाऊडर से हल्दी पट्टियाँ बनाई जाती हैं। यह क्षारक के साथ लाल रंग देती है और अम्ल और उदासीन विलयन पर इसका कोई प्रभाव नहीं होता। सबसे पहले क्षारक को अलग करेंगे। हल्दी लो अम्ल, क्षारक और लवण उसमें क्षार डालो हल्दी का रंग लाल हो जाएगा। अब इसमें बाकी दो विलयनों में से एक की कुछ बूंदें डालो यदि पीला रंग वापस आ जाए तो विलयन अम्ल है नहीं तो चीनी का घोल।
प्रश्न 7.
नीले लिटमस पत्र को एक विलयन में डुबोया गया। यह नीला ही रहता है। विलयन की प्रकृति क्या है ? समझाइए।
उत्तर-
अम्ल नीले लिटमस को लाल कर देते हैं। अब लिटमस का रंग नहीं बदला है तो दिया हुआ विलयन अम्ल नहीं है। विलयन क्षारक या उदासीन हो सकता है।
प्रश्न 8.
समझाइए, ऐसा क्यों होता है-
(क) जब आप अतिअम्लता से पीड़ित होते हैं, तो प्रतिअम्ल की गोली लेते हैं।
(ख) जब चींटी काटती है, तो त्वचा पर कैलेमाइन का विलयन लगाया जाता है।
(ग) कारखाने के अपशिष्ट को जलाशयों में बहाने से पहले उसे उदासीन किया जाता है।
उत्तर-
(क) अति अम्लता में प्रति अम्ल की गोली का प्रभाव-अम्ल का उदासीन करने के लिए प्रति-अम्ल (मिलक ऑफ़ मैग्नीशिया) की गोली ली जाती है क्योंकि इसमें मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड होता है, जो अम्ल को उदासीन कर देता है।
(ख) चींटी काट पर कैलेमाइन विलयन का उपयोग-चींटी के ढंक में फार्मिक अम्ल होता है, उसे उदासीन करने के लिए कैलेमाइन विलयन (जिंक कार्बोनेट) का उपयोग किया जाता है।
(ग) कारखाने के अपशिष्टों का उदासीनीकरण-कारखानों के अपशिष्ट आमतौर पर अम्लीय प्रकृति के होते हैं। उन्हें उदासीन करना बहुत आवश्यक है नहीं तो वे जलीय जीवन को नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए क्षारकीय पदार्थों से इन्हें उदासीन किया जाता है। .
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
हमारे दैनिक जीवन में उदासीनीकरण के क्या-क्या उपयोग हैं ? विस्तार सहित समझाओ ।
उत्तर-
(i) एंटासिड्स के रूप में – हम जानते हैं कि पेट के अंदर जिगर में अम्ल उत्पन्न होता है जिसमें हाईड्रोक्लोरिक ऐसिड होता है जो भोजन के पचने में सहायक होता है। परंतु इसकी अधिक मात्रा होने पर बदहज़मी, पेट दर्द तथा जलन होती है, जिसे ऐसिडिटी कहते हैं।
इसके अतिरिक्त ऐसिड को उदासीन करने के लिए कुछ हल्के क्षारक का प्रयोग किया जाता है ताकि दर्द से राहत मिल सके। ऐसे पदार्थों को ऐंटासिडस कहते हैं, जैसे कि मिल्क ऑफ मैग्नीशीयम ( मैग्नीशीयम हाइड्रोक्साइड), बेकिंग सोडा आदि।
(ii) कीटों के डंक के उपचार के रूप में – भिन्न जाति के कीट, शहद की मक्खियाँ, मकड़ियाँ तथा चीटियाँ जब हमारे शरीर पर डंक मारती हैं तो शरीर में फार्मिक ऐसिड छोड़ देती हैं। फार्मिक ऐसिड को कुछ हल्के क्षारक, जैसे बेकिंग सोडा या कैलामाइन विलयन से उदासीनीकरण द्वारा बेअसर करके ऐसिड के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
(iii) मिट्टी की अम्लीयता तथा क्षारकीयता के उपचार के रूप में – कुछ पदार्थों के कारण मिट्टी ज्यादा अम्लीय या अधिक क्षारकीय हो जाती है। रासायनिक खादों का अधिक प्रयोग, मिट्टी को अम्लीय बनाता है। पौधों के सही वृद्धि तथा विकास के लिए मिट्टी उदासीन होनी चाहिए। इसलिए मिट्टी की परख की जाती है ताकि इसका उपचार चूने (कैल्शियम ऑक्साइड), बुझे चूने (कैल्शियम हाइड्रोक्साइड) आदि से किया जा सके। यदि मिट्टी क्षारकीय है तो इसमें जैविक पदार्थ मिलाया जाता है जो अम्ल छोड़ता है तथा मिट्टी में मौजूद क्षारक को उदासीन कर देता है।
(iv) कारखानों से निकले अपशिष्ट के उपचार के रूप में – कारखानों तथा फैक्टरियों के अपशिष्ट स्वाभाविक रूप से तेज़ाबी (अम्लीय) होते हैं। यदि इन्हें सीधे ही फेंक दिया जाए तो यह जल-जीवन को प्रभावित करके हानि पहुँचा सकते हैं। इसलिए अम्लीय व्यर्थ को उदासीन करना आवश्यक है। इसलिए इसके उपचार के लिए कुछ क्षारक मिलाया जाता है।