Punjab State Board PSEB 7th Class Social Science Book Solutions History Chapter 17 18वीं शताब्दी में भारत में नए राज्यनीतिक शक्तियों की स्थापना Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 17 18वीं शताब्दी में भारत में नए राज्यनीतिक शक्तियों की स्थापना
SST Guide for Class 7 PSEB 18वीं शताब्दी में भारत में नए राज्यनीतिक शक्तियों की स्थापना Textbook Questions and Answers
(क) निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
18वीं शताब्दी में स्थापित हुई किन्हीं चार प्रादेशिक शक्तियों के नाम लिखें।
उत्तर-
दक्षिण भारत की शक्तियाँ-मराठे, हैदराबाद के निज़ाम तथा मैसूर में हैदरअली और टीपू सुल्तान। उत्तरी भारत की शक्तियाँ-बंगाल, अवध, बुंदेलखंड, मथुरा तथा पंजाब।
प्रश्न 2.
पाठ में उत्तरकालीन मुग़लों की सूची बनाएं।
उत्तर-
बहादुर शाह, जहांदार शाह, फरुख्सीयर, मुहम्मद शाह तथा बहादुरशाह जफ़र।
प्रश्न 3.
18वीं शताब्दी में अवध के उत्थान का संक्षेप में वर्णन करो।
उत्तर-
सआदत खां-अवध के स्वतन्त्र राज्य का संस्थापक सआदत खां था। वह 1722 ई० में मुग़ल बादशाह मुहम्मद शाह के अधीन अवध का सूबेदार बना था। उसने राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार किए। उसने खेती-बाड़ी की ओर विशेष ध्यान दिया। 1739 ई० में उसकी मृत्यु हो गई।
सफदर जंग-सआदत खां की मृत्यु के पश्चात् सफदर जंग अवध का नया शासक बना। उसने 1754 ई० में रूहेलखण्ड के प्रदेश जीत लिये। 1775 ई० में उसकी मृत्यु हो गई।
शुजाउद्दौला तथा आसफुद्दौला-सफदर जंग के पश्चात् क्रमशः शुजाउद्दौला तथा आसफुद्दौला अवध के शासक बने। अंग्रेज़ गवर्नर-जनरल वॉरेन हेस्टिंग्ज़ ने आसफुद्दौला को फैजाबाद की संधि करने के लिए विवश कर दिया। उसने आसफुद्दौला को अवध में रखी गई अंग्रेजी सेना के बदले मिलने वाली धनराशि बढ़ाने के लिए भी मज़बूर किया। 1797 ई० में आसफुद्दौला की मृत्यु हो गई।
प्रश्न 4.
18वीं शताब्दी में सिक्ख किस प्रकार शक्तिशाली बने ?
उत्तर-
18वीं शताब्दी में मुग़लों तथा सिक्खों के बीच एक लंबा संघर्ष हुआ। इसी संघर्ष ने सिक्खों को शक्तिशाली बना दिया था।
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के अधीन सिक्ख-मुग़लों ने सिक्खों पर बहुत अत्याचार किए थे। मुग़ल अत्याचारों का सामना करने के लिए गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिक्खों को वीर योद्धा बनाने का निर्णय किया। इस उद्देश्य से उन्होंने 1699 ई० में खालसा पंथ की स्थापना की। इसके बाद मुग़लों तथा सिक्खों के बीच कई लड़ाइयां हुईं। इनमें आनंदपुर साहिब की पहली तथा दूसरी,लड़ाई, चमकौर साहिब की लड़ाई तथा खिदराना की लड़ाई प्रमुख थी। चमकौर साहिब की लड़ाई में गुरु साहिब के दो बड़े साहिबज़ादे अजीत सिंह तथा जुझार सिंह शहीद हो गए। 1706 ई० में गुरु साहिब ने खिदराना अथवा मुक्तसर की लड़ाई में मुग़लों को बुरी तरह हराया। 1708 ई० में गुरु साहिब ज्योति जोत समा गए। इससे पूर्व उन्होंने बंदा बहादुर को सिक्खों का नेतृत्व सौंप दिया था।
बंदा बहादुर के अधीन सिक्ख-बंदा बहादुर ने 1709 ई० में कैथल से अपनी विजयों की शुरुआत की। इसके पश्चात् उसने समाना, कपूरी तथा सढौरा पर विजय प्राप्त की। बंदा बहादुर ने श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी के पुत्रों की शहीदी का बदला लेने के लिए जलालाबाद, करनाल, पानीपत, अमृतसर, गुरुदासपुर, कलानौर तथा पठानकोट पर विजय प्राप्त की। इस प्रकार उसने पंजाब में सिक्ख राज्य की स्थापना की। उसने लौहगढ़ को अपनी राजधानी बनाया। 1715 ई० में मुग़लों ने बंदा बहादुर तथा उसके साथियों को बंदी बना लिया। उन्हें दिल्ली भेज दिया गया, जहां 9 जून, 1716 ई० को उन्हें शहीद कर दिया गया।
पंजाब के गवर्नरों द्वारा सिक्खों पर अत्याचार-
1. मुग़ल सम्राट् फरुख्सीयर ने 1716 ई० में अबदुसमन्द खां को पंजाब का सूबेदार नियुक्त किया। उसने अपने शासन- काल में अनगिनत सिक्खों का कत्ल किया। इस कारण मुग़ल बादशाह फरुख्सीयर ने उसे ‘राज्य की तलवार’ की उपाधि दी।
2. 1726 ई० में अबदुसमन्द खां के पुत्र जकरिया खां को पंजाब का सूबेदार नियुक्त किया गया। उसने सिक्खों का दमन करने के लिए कठोर नीति अपनाई। उसने बड़ी संख्या में सिक्खों को मरवा डाला। उसके शासनकाल में भाई मनी सिंह भाई, भाई मेहताब सिंह, भाई तारू सिंह तथा भाई हकीकत राय जैसे व्यक्तियों ने शहीदी दी। परंतु वह सिक्खों का पूरी तरह से दमन करने में असफल रहा।
3. 1745 ई० में जकरिया खां का पुत्र याहिया खां पंजाब का सूबेदार बना। उसने भी सिक्खों के प्रति दमनकारी . नीति जारी रखी। उसने काहनूवाल (गुरदासपुर) में सिक्खों पर अचानक हमला कर दिया। इस हमले के दौरान 700 सिक्ख मारे गए तथा 3000 सिक्खों को बंदी बना लिया गया। इस घटना को छोटा घल्लूघारा कहा जाता है।
4. 1748 ई० में मीर मन्नू पंजाब का नया सूबेदार बना। उसने भी बड़ी संख्या में सिक्खों का कत्ल करवाया। परंतु वह सिक्खों की ओर पूरा ध्यान न दे सका। परिणामस्वरूप सिक्खों ने अपनी शक्ति को और अधिक संगठित कर लिया।
अहमदशाह अब्दाली के आक्रमण तथा पंजाब में स्वतंत्र सिक्ख राज्य की स्थापना-अहमदशाह अब्दाली अफगानिस्तान का शासक था। उसने पंजाब पर आठ बार आक्रमण किया। 1765 ई० में सिक्खों ने लाहौर पर अधिकार करके अपनी स्वतन्त्रता की घोषणा कर दी। परंतु उनका कोई नेता न होने के कारण उन्होंने अपने आप को जत्थों (समूहों) में संगठित कर लिया। इन जत्थों को मिसलें कहा जाता था। ये संख्या में 12 थीं। प्रत्येक मिसल का एक सरदार होता था जो अपनी मिसल का शासन चलाता था। 18वीं सदी के अंत में शुकरचकिया मिसल के सरदार रणजीत सिंह ने सभी मिसलों को एकत्रित करके पंजाब में स्वतंत्र राज्य की स्थापना की।
प्रश्न 5.
हैदरअली तथा टीपू सुल्तान ने मैसूर को किस प्रकार एक शक्तिशाली राज्य बनाया ?
उत्तर-
हैदरअली तथा टीपू सुल्तान मैसूर के दो प्रसिद्ध शासक थे। उन्होंने अंग्रेजों से ज़बरदस्त टक्कर ली।
हैदरअली-हैदरअली 1761 में मैसूर का शासक बना। उसने अपने शासनकाल में मैसूर के शासन प्रबन्ध को कुशल बनाया। वह सभी धर्मों का सत्कार करता था। उसने बहुत-से हिंदुओं को ऊंचे पदों पर नियुक्त किया। उसने बहुत-से क्षेत्रों को जीत कर मैसूर को एक शक्तिशाली राज्य बनाया। उसने मराठों, हैदराबाद के निज़ाम, कर्नाटक के शासकों तथा अंग्रेजों के साथ अनेक लड़ाइयां लड़ी। हैदरअली तथा अंग्रेज़ों के बीच दो लड़ाइयां हुईं जिन्हें ऐंग्लो-मैसूर युद्ध कहा जाता है। प्रथम ऐंग्लो-मैसूर युद्ध में हैदरअली ने अंग्रेजों को बुरी तरह पराजित किया। 1780 ई० में उनके बीच दूसरा युद्ध हुआ। यह युद्ध अभी चल ही रहा था कि हैदरअली की मृत्यु हो गई।
टीपू सुल्तान-हैदरअली की मृत्यु के पश्चात् उसका पुत्र टीपू सुल्तान मैसूर का शासक बना। अपने पिता की भांति वह भी एक योग्य शासक था। उसने शासन प्रबन्ध में अनेक सुधार किए। उसे मैसूर का टाइगर कहा जाता है। वह एक महान् देशभक्त था। वह भारत में अंग्रेजों के अत्याचारी शासन का अन्त करना चाहता था। इसलिए उसने अपनी सेना का आधुनिकीकरण किया और उसे आधुनिक शस्त्रों से लैस किया। उसने राज्य के उद्योग तथा व्यापार को उन्नत किया। वह 1799 ई० में अंग्रेजों के साथ मैसूर के चौथे युद्ध में लड़ते हुए मारा गया।
प्रश्न 6.
शिवाजी ने मराठा साम्राज्य की स्थापना करने में क्या योगदान दिया?
उत्तर-
शिवाजी एक महान् देशभक्त थे। वह भारत में मुसलमानों के अत्याचारी शासन को समाप्त करके एक स्वतंत्र हिन्दू राज्य की स्थापना करना चाहते थे। उन्होंने निम्नलिखित विजयों द्वारा स्वतन्त्र मराठा साम्राज्य की स्थापना की –
आरम्भिक विजयें –
(1) शिवाजी की पहली विजय तोरण दुर्ग (1646 ई०) पर थी। 1648 ई० में उन्होंने सिंहगड, पुरन्धर तथा कोंकण के दुर्ग पर अपना अधिकार जमा लिया।
(2) उन्होंने जावली के सरदार चन्दराव को मरवा कर जावली को भी अपने अधिकार में ले लिया।
(3) शिवाजी की बढ़ती हुई शक्ति को देख कर बीजापुर का सुल्तान चिन्ता में पड़ गया। उसने शिवाजी के विरुद्ध अपने सेनापति अफ़जल खां को भेजा। अफ़जल खां ने धोखे से शिवाजी को मारने का प्रयत्न किया। परन्तु इस प्रयास में वह स्वयं मारा गया। अन्त में शिवाजी तथा बीजापुर के सुल्तान के बीच सन्धि हो गई।
मुगलों से टक्कर-शिवाजी ने अब मुग़लों के प्रदेशों पर आक्रमण करने आरम्भ कर दिए। औरंगज़ेब ने उनके विरुद्ध अपने मामा शाइस्ता खां को भेजा, परन्तु शिवाजी ने उसे पूना से मार भगाया।
अब औरंगजेब ने राजा जयसिंह और राजकुमार मुअज्जम को भेजा। जयसिंह ने शिवाजी से कई किले छीन लिए और उन्हें सन्धि करने के लिए मजबूर कर दिया। शिवाजी आगरा पहुंचे जहां उन्हें कैद कर लिया गया। परन्तु मौका पाकर शिवाजी आगरा से भाग निकले और अपने प्रदेश महाराष्ट्र पहुंचने में सफल हो गए।
1674 ई० में उन्होंने छत्रपति की उपाधि धारण की। उन्होंने मुग़लों से युद्ध जारी रखे। दक्षिण में उन्होंने जिंजी, बैलौर तथा कनारा के प्रदेश जीत लिए। 1680 ई० में उनका देहान्त हो गया।
(ख) रिक्त स्थान की पूर्ति करो
- मुहम्मद शाह ने …………. तक राज्य किया।
- मुर्शिद कुली खां ……….. था।
- हैदरअली …………. का शासक था।
- सआदत खां ………….. ई० में अवध का सूबेदार बना।
- शिवाजी …………. साम्राज्य का संस्थापक था।
- गोकुल …………… का नेता था।
- बन्दा बहादुर का वास्तविक नाम ……
उत्तर-
- 1719 से 1748 ई०
- बंगाल तथा उड़ीसा का सूबेदार
- मैसूर
- 1722
- मराठा
- जाटों
- लक्ष्मण दास।
(ग) निम्नलिखित प्रत्येक कथन के आगे ठीक (✓) अथवा गलत (✗) का चिन्ह लगाएं
- फरुखसियर दिल्ली का शासक बना।
- मुर्शिद कुली खां अवध का सूबेदार था।
- निज़ाम-अल-मुल्क हैदराबाद रियासत का संस्थापक था।
- राजा राम शिवाजी का उत्तराधिकारी बना।
- 1740 ई० में बालाजी राव तीसरा पेशवा बना।
- बदन सिंह गोकुल का उत्तराधिकारी था।
- बंदा बहादुर ने पंजाब में सिक्ख राज्य की स्थापना की।
उत्तर-
- (✓)
- (✗)
- (✓)
- (✗)
- (✓)
- (✗)
- (✓)
निम्नलिखित के ठीक जोड़े बनाओ
कॉलम ‘क’ – कॉलम ‘ख’
- बहादुर शाह की – 1739 ई० में मृत्यु हो गई।
- शुज्जाउद्दीन की – 20 अप्रैल, 1627 ई० को हुआ।
- हैदरअली की – 1712 ई० में मृत्यु हो गई।
- टीपू सुल्तान को – मैसूर का टाइगर कहा जाता था।
- शिवाजी का जन्म – 1782 ई० में मृत्यु हो गई।
- श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी ने– 27 अक्तूबर, 1670 ई० को हुआ।
- बंदा बहादुर का जन्म – खालसा पन्थ की स्थापना 1699 ई० में की।
उत्तर-
- बहादुर शाह की 1712 ई० में मृत्यु हो गई।
- शुज्जाउद्दीन की 1739 ई० में मृत्यु हो गई।
- हैदरअली की 1782 ई० में मृत्यु हो गई।
- टीपू सुल्तान को मैसूर का टाइगर कहा जाता था।
- शिवाजी का जन्म 20 अप्रैल, 1627 ई० को हुआ।
- श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी ने खालसा पन्थ की स्थापना 1699 ई० में की।
- बंदा बहादुर का जन्म 27 अक्तूबर, 1670 ई० को हुआ।
PSEB 7th Class Social Science Guide 18वीं शताब्दी में भारत में नए राज्यनीतिक शक्तियों की स्थापना Important Questions and Answers
प्रश्न 1.
उत्तरकालीन मुगल कौन थे ?
उत्तर-
औरंगज़ेब की मृत्यु के पश्चात् जिन मुग़ल शासकों ने राज्य किया उन्हें उत्तरकालीन मुग़ल कहा जाता है। वे इतने शक्तिहीन तथा अयोग्य थे कि साम्राज्य के दूर के प्रान्तों को इकट्ठा न रख सके।
प्रश्न 2.
अठारहवीं शताब्दी में भारत में स्वतन्त्र राज्यों के उदय का एक कारण लिखो।
उत्तर-
1707 ई० में मुग़ल शासक औरंगजेब की मृत्यु हो गई तो उस के कमज़ोर उत्तराधिकारियों के शासनकाल में अनेक शक्तियों ने स्वतन्त्र राज्य स्थापित कर लिए।
प्रश्न 3.
बंगाल में मुर्शिद कुली खां ने अपनी शक्ति को कैसे बढ़ाया ?
उत्तर-
मुर्शिद कुली खां ने बिहार तथा उड़ीसा को अपने राज्य में मिला लिया। इससे उसकी शक्ति का विस्तार हुआ।
प्रश्न 4.
बंगाल के शासक मुर्शिद कुली खां के दो उत्तराधिकारियों के नाम लिखो।
उत्तर-
मुर्शिद कुली खां के दो सफल उत्तराधिकारी शुजाउद्दीन तथा अलीवर्दी खां थे।
प्रश्न 5.
अलीवर्दी खां कहां का शासक था ? उसने कितने समय तक शासन किया ?
उत्तर-
अलीवर्दी खां बंगाल का शासक था। उसने 1740 से 1756 ई० तक शासन किया।
प्रश्न 6.
हैदराबाद में स्वतन्त्र राज्य की स्थापना किसने और कब की ?
उत्तर-
हैदराबाद में स्वतन्त्र राज्य की स्थापना निज़ामुलमुल्क आसफजाह ने की। उसने इस राज्य की स्थापना 1724 ई० में की।
प्रश्न 7.
हैदराबाद राज्य के संस्थापक निज़ामुल्मुल्क आसफजाह के कोई दो कार्य लिखो।
उत्तर-
- उसने राज्य में शान्ति व्यवस्था स्थापित की और शासन में महत्त्वपूर्ण सुधार किए।
- उसने हिन्दुओं तथा मुसलमानों से समान व्यवहार किया।
प्रश्न 8.
हैदराबाद राज्य के पतन का कोई एक कारण लिखो। .
उत्तर-
1748 ई० में हैदराबाद के शक्तिशाली शासक आसफजाह की मृत्यु हो गई। उसके उत्तराधिकारी अयोग्य निकले। परिणामस्वरूप हैदराबाद राज्य का पतन आरम्भ हो गया।
प्रश्न 9.
अवध के स्वतन्त्र राज्य का संस्थापक कौन था ? उसे कौन-सी पदवी मिली हुई थी ?
उत्तर-
अवध के स्वतन्त्र राज्य का संस्थापक सआदत्त खां था। उसे बुरहानुउल मुल्क की पदवी मिली हुई थी।
प्रश्न 10.
अवध के स्वतन्त्र शासक सआदत्त खां का कोई एक महत्त्वपूर्ण कार्य लिखिए।
उत्तर-
अवध के शासक सआदत्त खां ने नई भू-नीति लागू की। इससे किसानों की दशा में बहुत सुधार हुआ।
प्रश्न 11.
सआदत्त खां (अवध का शासक)का उत्तराधिकारी कौन था ? उसकी किसी एक सफलता का वर्णन करो।
उत्तर-
सआदत्त खां का उत्तराधिकारी उसका भतीजा और दामाद सफदरजंग था। उसने इलाहाबाद क्षेत्र को अपने राज्य में मिलाया।
प्रश्न 12.
अठारहवीं शताब्दी के दो प्रसिद्ध विदेशी आक्रमणकारियों के नाम बताओ। उन्होंने भारत पर कबकब आक्रमण किए ?
उत्तर-
18वीं शताब्दी के दो प्रसिद्ध आक्रमणकारी थे-नादिरशाह और अहमदशाह अब्दाली। नादिरशाह ने 1739 ई० में भारत पर आक्रमण किया। अहमदशाह अब्दाली ने 1748 से 1758 तक पांच बार भारत पर आक्रमण किया।
प्रश्न 13.
‘मिसल’ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
18वीं शताब्दी में पंजाब में सिक्ख सरदारों ने अपने छोटे-छोटे स्वतन्त्र जत्थे बना लिए थे। इन्हें मिसल कहा जाता था। इनकी कुल संख्या 12 थी।
प्रश्न 14.
पंजाब में किस शासक ने मिसलों का अन्त किया ? उसका सम्बन्ध किस मिसल से था ?
उत्तर-
पंजाब में रणजीत सिंह ने मिसलों का अन्त करके एक शक्तिशाली राज्य की स्थापना की। वह सुकरचकिया मिसल से सम्बन्ध रखता था।
प्रश्न 15.
मैसूर राज्य के दो स्वतन्त्र शासकों के नाम बताओ।
उत्तर-
मैसूर राज्य के दो स्वतन्त्र शासक हैदरअली और टीपू सुल्तान थे।
प्रश्न 16.
पेशवा कौन थे ? सबसे पहला पेशवा कौन था ? .
उत्तर-
मराठा राज्य में प्रधानमन्त्री को पेशवा कहते थे। साहूजी के अधीन पेशवा मराठा राज्य के वास्तविक शासक बन गए। सबसे पहला पेशवा बालाजी विश्वनाथ था।
प्रश्न 17.
बालाजी विश्वनाथ कब पेशवा बना ? उसका कोई एक काम लिखो।
उत्तर-
बालाजी विश्वनाथ 1713 ई० में पेशवा बना। उसने साहूजी की माता को मुग़ल कैद से रिहा करवाया।
प्रश्न 18.
बालाजी विश्वनाथ के दो उत्तराधिकारियों के नाम बताओ।
उत्तर-
बालाजी विश्वनाथ के दो उत्तराधिकारी थे :–
बाजीराव प्रथम तथा बालाजी बाजीराव।
प्रश्न 19.
पेशवा बाजीराव प्रथम का कोई एक कार्य लिखो।
उत्तर-
पेशवा बाजीराव प्रथम ने अनेक प्रदेश विजय किए। उसने मराठा राज्य का विस्तार दिल्ली तक कर दिया।
प्रश्न 20.
मराठों की किसी एक कमज़ोरी का वर्णन करो।
उत्तर-
मराठा सरदार आपस में ईर्ष्या और द्वेष रखते थे। यह कमज़ोरी बाद में उनके पतन का कारण बनी।
प्रश्न 21.
जाटों के नेताओं के नाम लिखो जिन्होंने मुगलों से संघर्ष किया।
उत्तर-
मुग़लों के साथ संघर्ष करने वाले मुख्य जाट नेता गोकुल, राजाराम तथा चूड़ामणि (चूड़ामन) थे।
प्रश्न 22.
शिवाजी का जन्म कब हुआ ?
उत्तर-
शिवाजी का जन्म 1627 ई० में हुआ।
प्रश्न 23.
शाइस्ता खां कौन था ?
उत्तर-
शाइस्ता खां औरंगज़ेब का मामा था। वह एक योग्य सेनानायक था। औरंगज़ेब ने उसे दक्षिण का गवर्नर नियुक्त किया था।
प्रश्न 24.
पुरन्धर की सन्धि के बारे में लिखो।
उत्तर-
पुरन्धर की सन्धि मुग़ल सेनानायक मिर्जा राजा जयसिंह तथा शिवाजी के बीच हुई। इस सन्धि के अनुसार शिवाजी ने मुगलों की अधीनता स्वीकार कर ली। उन्हें अपने 23 किले मुग़लों को देने पड़े।
प्रश्न 25.
शिवाजी के विरुद्ध भेजे गए बीजापुर के अधिकारी का क्या नाम था और उसे किसने भेजा था ?
उत्तर-
शिवाजी के विरुद्ध भेजे गए बीजापुर के अधिकारी का नाम अफ़जल खां था। उसे बीजापुर के सुल्तान ने भेजा था।
प्रश्न 26.
शिवाजी राजगद्दी पर कब बैठे और उन्होंने कौन-सी उपाधि धारण की ?
उत्तर-
शिवाजी 1674 ई० में राजगद्दी पर बैठे और उन्होंने छत्रपति की उपाधि धारण की।
प्रश्न 27.
बन्दा बहादुर के समय में सरहिन्द का फौजदार कौन था और उसे बन्दा बहादुर ने किस लड़ाई में मारा ?
उत्तर-
बन्दा बहादुर के समय में सरहिन्द का फौजदार वज़ीर खां था। उसे बन्दा बहादुर ने चप्परचिड़ी के युद्ध में मारा।
प्रश्न 28.
शिवाजी ने अफ़ज़ल खां का वध कैसे किया ?
उत्तर-
अफ़जल खां शिवाजी को धोखे से मारना चाहता था। इसलिए उसने शिवाजी को अकेले मिलने के लिए कहा और साथ ही यह भी कहा कि वह उनसे सन्धि करना चाहता है, परन्तु शिवाजी उसकी चाल भांप गए। वे अपने कपड़ों के नीचे कवच पहन कर तथा बिछुआ छिपा कर अफ़जल खां से मिलने जा पहुँचे। दोनों आपस में गले मिले।
अफ़जल खां ने धोखे से शिवाजी के पेट में छुरा घोंपने की कोशिश की, परन्तु शिवाजी ने शीघ्र ही अपना बिछुआ उसके पेट में घोंप कर उसे मार डाला।
प्रश्न 29.
शिवाजी का शाइस्ता खां के साथ टकराव का वर्णन करें।
उत्तर-
मुग़ल सम्राट औरंगज़ेब शिवाज़ी की बढ़ती हुई शक्ति का दमन करना चाहता था। उसने अपने मामा शाइस्ता खां को दक्षिण का सूबेदार नियुक्त किया। शाइस्ता खां ने दो-तीन वर्षों में ही मराठों के कई दुर्ग विजय कर लिए और पूना पर अधिकार कर लिया। शाइस्ता खां को वर्षा के कारण कुछ समय पूना में व्यतीत करना पड़ा। शिवाजी ने अवसर का लाभ उठाते हुए 400 सैनिकों सहित एक बारात के रूप में पूना में प्रवेश किया। आधी रात के समय उन्होंने शाइस्ता खां के निवास स्थान पर आक्रमण कर दिया। इस आक्रमण में शाइस्ता खां का बेटा और उसके 40 सैनिक मारे गए। इस विजय से शिवाजी के सम्मान में बड़ी वृद्धि हुई।
प्रश्न 30.
पानीपत का तीसरा युद्ध कब और किस-किस के बीच हुआ ? इस युद्ध में किस की विजय हुई ?
उत्तर-
पानीपत का तीसरा युद्ध 1761 ई० में अहमदशाह अब्दाली तथा मराठों के बीच हुआ। इस युद्ध में अहमदशाह अब्दाली की विजय हुई।
प्रश्न 31.
पानीपत के तीसरे युद्ध का मुख्य कारण क्या था ?
उत्तर-
मराठों ने उत्तरी भारत में पंजाब तक अपना विस्तार कर लिया था। अफ़गानिस्तान का शासक अहमदशाह अब्दाली पंजाब के अधिकांश क्षेत्र को अपने साम्राज्य का अंग मानता था। अतः उसने मराठों को दण्ड देने के लिए उनके साथ पानीपत के मैदान में युद्ध किया।
प्रश्न 32.
पानीपत के तीसरे युद्ध में मराठों की पराजय का कोई एक कारण लिखो।
उत्तर-
युद्ध में मराठों की सैनिक व्यवस्था ठीक नहीं थी। अब्दाली की चतुराई से मराठों को दक्षिण दिशा से कोई सहायता न मिल पाई। अतः वे पराजित हुए।
प्रश्न 33.
पानीपत के तीसरे युद्ध का एक परिणाम लिखिए।
उत्तर-
इस युद्ध से मराठा शक्ति का अन्त हो गया। उनके अनेक वीर सैनिक तथा सेनापति मारे गए।
प्रश्न 34.
पेशवा बालाजी बाजीराव की मृत्यु कब हुई ? उसकी मृत्यु का क्या कारण था ?
उत्तर-
पेशवा बालाजी बाजीराव की मृत्यु 1761 ई० में हुई। पानीपत के तीसरे युद्ध में मसठों की पराजय उसकी मृत्यु का मुख्य कारण था।
प्रश्न 35.
उत्तरकालीन मुग़लों की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर-
औरंगजेब के अयोग्य उत्तराधिकारी उत्तरकालीन मुग़ल कहलाते हैं। इनका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –
बहादुर शाह प्रथम (1707-1712)-मुग़ल बादशाह बहादुर शाह ने छ: वर्ष तक राज्य किया। परन्तु वह मराठों तथा सिक्खों पर काबू न पा सका। 1712 ई० में उसकी मृत्यु हो गई।
जहांदार शाह-बहादुर शाह प्रथम की मृत्यु के बाद उसका पुत्र जहांदार शाह राजगद्दी पर बैठा। उसने कुछ ही महीनों तक शासन किया। उसके राज्यकाल में दो सैयद भाई हुसैन अली तथा अब्दुल बहुत ही शक्तिशाली हो गए थे। वे जहांदार शाह को अपने हाथों की कठपुतली बनाना चाहते थे। परन्तु वे अपने उद्देश्य में सफल न हो सके। अत: उन्होंने जहांदार शाह का वध कर दिया।
फरुख्सीयर (1713-1719 ई०)-जहांदार की मृत्यु के पश्चात् उसका भतीजा फरुख्सीयर शासक बना। वह केवल नाम मात्र का ही राजा था। राज्य का वास्तविक शासन हुसैन अली तथा अब्दुल के हाथ में ही था, जिन्हें सैयद भाई कहा जाता था। 1719 ई० में सैयद भाइयों ने उसका भी वध कर दिया।
मुहम्मदशाह-मुहम्मदशाह अगला प्रसिद्ध मुग़ल शासक था। उसने 1719 से 1748 ई० तक शासन किया। उसके शासनकाल में सैयद भाइयों का प्रभाव समाप्त हो गया। परन्तु उसने साम्राज्य को संगठित करने का प्रयास नहीं किया। अतः शक्तिशाली गवर्नरों ने देश के भिन्न-भिन्न भागों में अपने स्वतन्त्र राज्य स्थापित कर लिए।
बहादुरशाह ज़फ़र-बहादुरशाह ज़फ़र अन्तिम मुग़ल बादशाह था। उसे 1858 ई० में अंग्रेज़ों ने गद्दी से उतार कर मुग़ल साम्राज्य का अन्त कर दिया।
प्रश्न 36.
बंगाल राज्य के उत्थान और पतन का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
बंगाल मुग़ल साम्राज्य का एक समृद्ध प्रान्त था। यहां का सूबेदार मुर्शिद कुली खां था। औरंगज़ेब की मृत्यु के पश्चात् बंगाल पर मुगलों का नियन्त्रण कमज़ोर पड़ गया। अवसर का लाभ उठा कर मुर्शिद कुली खां ने बंगाल में एक स्वतन्त्र राज्य स्थापित कर लिया। विभिन्न शासकों के अधीन बंगाल राज्य के विकास का वर्णन इस प्रकार है –
1. मुर्शिद कुली खां-मुर्शिद कुली खां बंगाल राज्य का संस्थापक था। उसने 1714 से 1718 ई० के बीच बिहार तथा उड़ीसा को अपने राज्य में मिला कर अपनी शक्ति और भी बढ़ा ली।
2. अन्य शासक-बंगाल के अन्य प्रसिद्ध शासक शुजाउद्दीन (1727-39), सरफराज (1739) तथा अलीवर्दी खां (1740-56 ई०) थे। इन सभी शासकों ने राज्य में शान्ति व्यवस्था स्थापित की। उन्होंने कृषि, व्यापार और उद्योगों की उन्नति के लिए भी कार्य किया। इस प्रकार बंगाल राज्य काफ़ी समृद्ध हो गया।
3. राज्य का पतन-बंगाल के शासकों ने राज्य की समृद्धि के लिए कार्य अवश्य किए, परन्तु राज्य की सुरक्षा की ओर कोई ध्यान न दिया। परिणामस्वरूप बंगाल राज्य का पतन हो गया।
प्रश्न 37.
हैदराबाद का स्वतन्त्र राज्य के रूप में उदय एवं विकास का वर्णन कीजिए। इस राज्य का पतन कैसे हुआ?
अथवा
हैदराबाद के शासक निजामुलमुल्क आसफजाह की प्रमुख सफलताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
हैदराबाद मुग़ल साम्राज्य के अधीन दक्षिणी भारत का एक प्रान्त था। 1724 ई० में वहां निज़ामुलमुल्क आसफजाह ने स्वतन्त्र राज्य की स्थापना की। उसने तत्कालीन मुग़ल शासक मुहम्मद शाह के प्रति अपनी स्वामी भक्ति अवश्य दिखाई परन्तु यह सब कुछ दिखावा मात्र ही था।
आसफजाह की सफलताएं-आसफजाह एक सफल शासक था। उसने राज्य में शान्ति-व्यवस्था स्थापित की और शासन-प्रबन्ध में अनेक सुधार किए। उसने अपनी हिन्दू प्रजा के साथ अच्छा व्यवहार किया। उसने अपनी सेना को भी शक्तिशाली बनाया और शक्तिशाली मराठों से अपने राज्य की रक्षा की। 1748 ई० में उसकी मृत्यु हो गई।
राज्य का पतन-आसफजाह के उत्तराधिकारी बड़े कमज़ोर और अयोग्य थे। अत: वे अधिक समय तक अपनी स्वतन्त्रता की रक्षा न कर सके।
प्रश्न 38.
बन्दा बहादुर पर नोट लिखो।
उत्तर-
बन्दा बहादुर का जन्म 27 अक्तूबर, 1670 ई० को पुंछ (जम्मू) में हुआ था। उसका वास्तविक नाम लक्ष्मणदास था। वह दक्षिण में गुरु गोबिन्द सिंह जी के सम्पर्क में आया। गुरु जी से प्रभावित होकर वह स्वयं को गुरु जी का बन्दा कहने लगा। गुरु साहिब ने उसे ‘बहादुर’ की उपाधि दी। इस प्रकार वह बन्दा बहादुर कहलाने लगा। गुरु जी का आदेश पा कर वह पंजाब आया और उसने सिक्खों का नेतृत्व किया। उसने मुग़लों के विरुद्ध कड़ा संघर्ष किया। उसने सरहिन्द के फौजदार वज़ीर खां से गुरु पुत्रों की हत्या का बदला लिया और उसे मौत के घाट उतार दिया। वास्तव में उसने हर उस स्थान को जीतने का प्रयास किया जहां के शासकों ने गुरु जी को कष्ट देने का प्रयास किया था। परन्तु अन्त में वह पकड़ा गया। 9 जून, 1716 ई० में उसे तथा उसके 25 प्रमुख साथियों को दिल्ली में शहीद कर दिया गया। उसकी शहीदी पंजाब के इतिहास में हमेशा स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी।
प्रश्न 39.
औरंगजेब के शासनकाल में जाटों तथा राजपूतों के विद्रोह के बारे में लिखो।
उत्तर-
औरंगजेब का शासनकाल अत्यन्त अशान्तिपूर्ण रहा। इसका कारण था औरंगजेब की अनुचित नीतियों के कारण होने वाले विद्रोह। इन विद्रोहों का संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –
1. जाट-जाटों ने 1669 ई० में विद्रोह किया। उन्होंने मुग़ल फौजदार को मार डाला। सम्राट ने जाटों के विद्रोह को बड़ी कठोरता से दबाया। परन्तु जाट औरंगज़ेब के शासनकाल में उत्पात मचाते रहे और सम्राट् उन्हें न रोक सका।
2. राजपूत-अकबर के समय में राजपूतों और मुग़लों में मित्रतापूर्ण सम्बन्ध थे। परन्तु औरंगजेब ने अपनी कट्टर धार्मिक नीति के कारण उन्हें भी अपना विरोधी बना लिया। फलस्वरूप औरंगज़ेब को मेवाड़ और मारवाड़ के राजपूतों से एक लम्बे युद्ध में उलझना पड़ा। मारवाड़ के वीर दुर्गादास ने छापामार लड़ाई द्वारा मुग़लों को बड़ी क्षति पहुँचाई।
प्रश्न 40.
मराठों (शिवाजी) की शासन व्यवस्था की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
शिवाजी ने एक स्वतन्त्रं मराठा राज्य स्थापित किया था। उन्होंने अपने राज्य में एक कुशल शासन-व्यवस्था की नींव रखी। इसकी मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित थीं –
1. राजा-सारे शासन का मुखिया राजा था। उसे ‘छत्रपति’ कहते थे। राजा के अनेक अधिकार थे। वह अपनी इच्छा से कोई भी शासन-सम्बन्धी कार्य कर सकता था। उसने अपनी सहायता के लिए अष्ट-प्रधान नामक परिषद् नियुक्त की हुई थी।
2. अष्ट-प्रधान-शिवाजी ने अपनी सहायता के लिए आठ मन्त्री नियुक्त किए हुए थे। इन मन्त्रियों के समूह को अष्ट-प्रधान कहा जाता था। सबसे बड़े मन्त्री को पेशवा कहते थे।
3. भूमि का प्रबन्ध-सैनिकों के वेतन तथा अन्य खर्चों के लिए शिवाजी ने नए सिरे से भूमि का प्रबन्ध किया। उन्होंने सारी भूमि को फिर से नपवाया और उपज के अनुसार भूमिकर निश्चित किया। मराठों की कर व्यवस्था में चौथ तथा सरदेशमुखी दो प्रमुख कर थे। चौथ नामक कर मुग़ल क्षेत्रों से लोगों की सुरक्षा के बदले वसूल किया जाता था।
4. न्याय प्रबन्ध-शिवाजी बड़े न्यायप्रिय थे। उन्होंने न्याय के लिए पंचायतों की व्यवस्था की।
सही उत्तर चुनिए :
प्रश्न 1.
मैसूर के शासक हैदरअली के उत्तराधिकारी को मैसूर का टाइगर’ कहा जाता है। उसका नाम बताइए।
(i) टीपू सुल्तान
(ii) शुजाउद्दौला
(iii) सफदरजंग।
उत्तर-
(i) टीपू सुल्तान।
प्रश्न 2.
चित्र में दिखाए गए मराठा शासक की बढ़ती हुई शक्ति को नष्ट करने का प्रयास किसने किया?
(i) अंग्रेजों ने
(ii) हैदर अली ने
(iii) औरंगजेब ने।
उत्तर-
(iii) औरंगजेब ने।
प्रश्न 3.
सवाई राजा जयसिंह ने निम्न में से क्या बनवाया?
(i) जंतर-मंतर
(ii) विशाल मन्दिर
(iii) सुन्दर राजदरबार।
उत्तर-
(i) जंतर-मंतर।
प्रश्न 4.
नीचे अन्तिम मुगल बादशाह का चित्र दिया गया है। इसका क्या नाम था ?
(i) जहांदार शाह
(ii) बहादुर शाह ज़फ़र
(iii) मुहम्मद शाह।
उत्तर-
(i) बहादुर शाह जफ़र।