PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 7 फ़सली विभिन्नता

Punjab State Board PSEB 8th Class Agriculture Book Solutions Chapter 7 फ़सली विभिन्नता Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Agriculture Chapter 7 फ़सली विभिन्नता

PSEB 8th Class Agriculture Guide फ़सली विभिन्नता Textbook Questions and Answers

(अ) एक-दो शब्दों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
अर्द्ध पहाड़ी क्षेत्रों में कौन-सा फ़सली चक्र अपनाया जाता है ?
उत्तर-
धान-गेहूँ।

प्रश्न 2.
दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में प्रमुख फ़सली चक्र कौन-सा है ?
उत्तर-
नरमा-कपास-गेहूँ।

प्रश्न 3.
दो-तीन फ़सली चक्रों की एक उदाहरण दें।
उत्तर-
मक्की-आलू-मूंगी, मूंगफली-आलू-बाजरा।

प्रश्न 4.
धान बोने से केन्द्रीय पंजाब में पानी का स्तर कितना गहरा हो रहा है ?
उत्तर-
लगभग 74 सैं० मी० प्रति वर्ष

प्रश्न 5.
वायु में विद्यमान नाइट्रोजन को पौधे की जड़ों में एकत्र करने के लिए कौन-सा बैक्टीरिया कार्य करता है ?
उत्तर-
राईजोबियम।

प्रश्न 6.
जंत्र-बासमती गेहूँ फ़सली चक्र में किस खाद की बचत होती है ?
उत्तर-
नाइट्रोजन खाद की।

प्रश्न 7.
भारत को कौन-सी फ़सलें आयात करनी पड़ रही हैं?
उत्तर-
दालें, तेल बीज की।

प्रश्न 8.
बासमती में कितने दिन पूर्व हरी खाद दबानी चाहिए ?
उत्तर-
पनीरी लगाने से एक दिन पूर्व।

प्रश्न 9.
पंजाब में कितने प्रतिशत क्षेत्रफल सिंचाई के अन्तर्गत है ?
उत्तर-
98 प्रतिशत।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 7 फ़सली विभिन्नता

प्रश्न 10.
पंजाब में ट्यूबवैल की संख्या कितनी है ?
उत्तर-
14 लाख के लगभग।

(आ) एक-दो वाक्यों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
फ़सली विभिन्नता से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
बहु-भांति कृषि से भाव है कि मौजूदा फ़सलों के नीचे क्षेत्रफल कम करके अन्य फ़सलों ; जैसे-मक्का, दालें, बासमती, कमाद, आलू, तेल बीज फ़सलें आदि के नीचे ले कर आना।

प्रश्न 2.
पानी के अभाव वाली भूमि पर कौन-सी फ़सलें बोनी चाहिए ?
उत्तर–
पानी की कमी वाली भूमि में तेल बीज फ़सलें बोई जानी चाहिए।

प्रश्न 3.
मक्की आधारित फ़सली चक्रों के नाम लिखो।
उत्तर-
मक्की आधारित फ़सल चक्र हैं-मक्की-आलू-मूंग या सूरजमुखी, मक्कीआलू या तोरिया-सूरजमुखी, मक्की-आलू-प्याज या मेंथा तथा मक्की-गोभी सरसों-गर्म ऋतु की मूंग।

प्रश्न 4.
चारे आधारित फ़सली चक्रों के नाम लिखो।
उत्तर-
मक्की-बरसीम-बाजरा, मक्की-बरसीम-मक्की या रवांह।

प्रश्न 5.
बहु-फ़सली प्रणाली की विशेषताएं लिखो।
उत्तर-

  1. कम भूमि से अधिक पैदावार मिल जाती है।
  2. मौसमी बदलाव का सामना किया जा सकता है।
  3. रसायनिक खादों का प्रयोग कम होता है।
  4. संतुलित भोजन की मांग पूरी होती है तथा रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।
  5. वातावरण की सुरक्षा होती है तथा प्राकृतिक स्रोतों की बचत होती है।

प्रश्न 6.
संयुक्त कृषि प्रणाली में कौन-कौन से सहायक व्यवसाय अपनाए जा सकते हैं ?
उत्तर-
संयुक्त कृषि प्रणाली में निम्नलिखित में से कोई एक या दो सहायक व्यवसाय अपनाए जा सकते हैं—

  1. मछली पालन
  2. फलों की कृषि
  3. सब्जी की कृषि
  4. डेयरी फार्मिंग
  5. खरगोश पालना
  6. सूअर पालना
  7. बकरी पालना
  8. मधु मक्खी पालना
  9. पोल्ट्री फार्मिंग
  10. वन कृषि फसलें जैसे पापलर।

प्रश्न 7.
पंजाब के जल स्रोतों के विषय में लिखो।
उत्तर-
पंजाब में 98% क्षेत्रफल सिंचाई के अधीन है तथा लगभग 14 लाख ट्यूबवैल लगे हुए है। पंजाब में सिंचाई के लिए नहरी पानी का भी जाल फैला हुआ है।

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प्रश्न 8.
केन्द्रीय पंजाब में धान व गेहूँ के अतिरिक्त कौन-कौन सी फ़सलें बोई जाती हैं ?
उत्तर-
मक्की, धान, गेहूँ, आलू, मटर, गन्ना, वासमती, सूरजमुखी, खरबूजा, मिर्च तथा अन्य सब्जियां।

प्रश्न 9.
अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्रों की प्रमुख फ़सलों के नाम बताएँ।
उत्तर-
अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्रों की प्रमुख फ़सलें हैं-गेहूँ, मक्की, धान, वासमती, आलू, तेल बीज फ़सलें तथा मटर।

प्रश्न 10.
हल्की ज़मीनों में कौन-कौन से फ़सली चक्र अपनाने चाहिए ?
उत्तर-
हल्की भूमियों में मूंगफली आधारित फ़सल चक्र अपनाए जा सकते हैं जैसेगर्मी ऋतु की मूंगफली-आलू या तोरिया या मटर या गेहूँ, मूंगफली-आलू-बाजरा, मूंगफलीतोरिया या गोभी सरसो।

(इ) पाँच-छः वाक्यों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
फ़सली विभिन्नता से क्या अभिप्राय है ? फ़सली विभिन्नता का क्या उद्देश्य है एवम् इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी ?
उत्तर-
फ़सली विभिन्नता-बहु-भांति कृषि से भाव है मौजूदा फ़सलों के अन्तर्गत क्षेत्रफल कम करके कुछ अन्य फ़सलों ; जैसे-मक्की, दालें, बासमती, कमाद, आलू, तेल बीज फ़सलें आदि के नीचे लेकर आना।
उद्देश्य-फ़सली विभिन्नता के मुख्य उद्देश्य इस तरह हैं—

  1. गेहूँ प्राकृतिक स्रोतों का संयमित प्रयोग करना तथा इन्हें लम्बे समय तक बचाना।
  2. फसलों से कम लागत से अधिक आय प्राप्त करना।
  3. बार-बार एक ही फसली चक्कर से बाहर निकलना ताकि मिट्टी-पानी की बचत की जा सके।

फ़सली विभिन्नता की आवश्यकता-धान-गेहूँ फसल चक्र को वर्ष में लगभग 215 सैं०मी० पानी की आवश्यकता पड़ती है जिसमें से 80% पानी केवल धान की फसल में ही खपत हो जाता है। धान की कृषि से भूमि की भौतिक तथा रसायनिक बनावट में खराबी आ रही है। पिछले 50 वर्षों के दौरान मूंगफली, तेल बीज फसलों, कमाद तथा दाल वाली फ़सलों के अन्तर्गत क्षेत्रफल कम होकर धान के अधीन आ गया है। इसलिए फ़सली विभिन्नता से भूमि के नीचे पानी की बचत हो जाएगी तथा भूमि का स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा।

प्रश्न 2.
बहु-फ़सली प्रणाली अपनाने की आवश्यकता क्यों है ? विस्तारपूर्वक उदाहरण सहित लिखें।
उत्तर-
बहु-फ़सली कृषि प्रणाली से भाव है कि एक वर्ष में खेत में दो से अधिक फसलें उगाना। इसका उद्देश्य मुख्य फ़सलों के बीच जो खाली समय बचता है इसमें एक या दो से अधिक फ़सलें उगाना है।
बहु-फ़सली प्रणाली की आवश्यकता—

  1. कम भूमि में से अधिक पैदावार मिल जाती है।
  2. मौसमी बदलाव का सामना किया जा सकता है।
  3. रसायनिक खादों का प्रयोग कम होता है।
  4. संतुलित भोजन की मांग पूरी होती है तथा रोज़गार के अधिक अवसर मिलते हैं।
  5. वातावरण की सुरक्षा होती है तथा प्राकृतिक स्रोतों की बचत होती है।
  6. बहु-फ़सली कृषि में फलीदार फ़सलें उगाने से भूमि में राईज़ोवियम वैक्टीरिया की सहायता से नाइट्रोजन जमा की जाती है। इससे नाइट्रोजन वाली खाद की बचत होती है।

इसलिए बहु-फ़सली चक्र अपनाया जाता है; जैसे—

  1. हरी खाद आधारित; जैसे-जंतर-मक्की आदि।
  2. मक्का आधारित; जैसे-मक्का-आलू-मूंग या सूरजमुखी।
  3. सोयाबीन आधारित; जैसे-सोयाबीन-गेहूँ-रवांह।।
  4. मूंगफली आधारित; जैसे–मूंगफली-आलू, तोरिया, मटर आदि।
  5. हरे चारे आधारित; जैसे-मक्का, बरसीम, बाजरा इस प्रकार मिली-जुली फसलों पर आधारित तथा सब्जी आधारित फसली चक्र भी अपनाया जा सकता है।

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प्रश्न 3.
पंजाब में कृषि से सम्बन्धित समस्याओं के विषय में लिखो।
उत्तर-
पंजाब में कृषि से सम्बन्धित समस्याएं निम्नलिखित अनुसार हैं—

  1. हरित क्रान्ति के बाद पंजाब गेहूँ-चावल के फ़सली चक्र में फंस कर रह गया। केवल दो ही फ़सलों पर ज़ोर देने से पंजाब में भूमि के नीचे पानी के स्तर की गहराई बढ़ती जा रही है तथा रसायनिक दवाइयों; जैसे-नदीननाशक, कीटनाशक तथा खादों के प्रयोग से भूमि की भौतिक तथा रसायनिक बनावट तथा स्वास्थ्य में खराबी आ रही है।
  2. तेल बीज फ़सलों तथा दालों की कृषि कम हो रही है।
  3. पंजाब में दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में अधिक वर्षा के कारण मिट्टी क्षरण की समस्या अधिक है।
  4. पानी का स्तर प्रत्येक वर्ष 74 सैं०मी० नीचे जा रहा है जिस कारण किसानों को सबमर्सीवल मोटर लगाकर पानी निकालना पड़ रहा है जिससे खर्चा बढ़ गया है।
  5. कीड़े-मकौड़े तथा नदीनों की नई किस्में पैदा हो रही हैं।
  6. जैविक विभिन्नता कम होती जा रही है।
  7. कई तरह के मौसम परिवर्तन हो रहे हैं।

प्रश्न 4.
संयक्त कृषि प्रणाली (Integrated Farming System) क्या है ? उदाहरण सहित विस्तारपूर्वक लिखो।
उत्तर-
संयुक्त फ़सल प्रणाली-संयुक्त फ़सल प्रणाली में किसान कृषि के अलावा एक-दो कृषि सहायक धन्धे अपनाकर अपनी आय में वृद्धि करते हैं। इस तरह किसान अपनी कमाई में वृद्धि तो करता ही है उसके घर के सदस्य भी इन कार्यों में सहायता कर सकते हैं। परिवार के सदस्यों को पौष्टिक आहार भी प्राप्त हो जाता है। किसान अपने फार्म के साधनों के अनुसार अपनी शुद्ध आमदन बढ़ा सकता है। आगे कुछ सहायक धन्धे हैं जिनमें से कोई एक या दो सहायक धन्धे अपनाए जा सकते हैं—

  1. मछली पालन
  2. फलों की कृषि
  3. सब्जी की कृषि
  4. डेयरी फार्मिंग
  5. खरगोश पालना
  6. सूअर पालना
  7. बकरी पालना
  8. मधु मक्खी पालना
  9. पोल्ट्री फार्मिंग
  10. वन कृषि फ़सलें जैसे पापलर।

प्रश्न 5.
मिश्रित फ़सल प्रणाली (Mixed Cropping) क्या है ? उदाहरण सहित लिखें।
उत्तर-
मिश्रित फ़सल प्रणाली-कम भूमि से अधिक-से-अधिक पैदावार लेने, अधिक आय लेने तथा आवश्यकताएं पूरी करने के लिए मिश्रत फ़सलों की कृषि की जाती है। इसको मिश्रत फ़सल प्रणाली कहा जाता है।
पंजाब में जुताई योग्य क्षेत्रफल कम होता जा रहा है। इसके कई कारण हैं; जैसेकारखाने, नई कलोनियों का अस्तित्व में आना। इसलिए मौजूदा उपलब्ध भूमि से अधिक पैदावार लेने के लिए, अपनी आय बढ़ाने के लिए लोगों की आवश्यकताएं पूरी करने के लिए मिश्रत फ़सलों की कृषि करनी चाहिए; जैसे-मक्की या मूंगी, अरहर या मूंगी, सोयाबीन या मूंग, मक्की या सोयाबीन, मक्की या हरे चारे के लिए मक्की या मूंगफली, नर्मा या मक्की आदि। मिश्रत फ़सलों की कृषि के कारण मुख्य फ़सल की पैदावार पर कोई असर नहीं पड़ता। इस प्रकार अधिक पैदावार तो प्राप्त होती ही है भूमि की उपजाऊ शक्ति भी बनी रहती है। इससे नदीनों की समस्या को काफी हद तक कम करने में सहायता मिलती है।

Agriculture Guide for Class 8 PSEB फ़सली विभिन्नता Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाब में धान की कृषि के अधीन कितना क्षेत्रफल है ?
उत्तर-
लगभग 28.3 लाख हैक्टेयर।

प्रश्न 2.
पंजाब में गेहूँ की कृषि के अधीन कितना क्षेत्रफल है ?
उत्तर-
लगभग 35.1 लाख हैक्टेयर।

प्रश्न 3.
पिछले 50 वर्ष में कौन-सी फ़सलों का क्षेत्रफल धान के अधीन आ गया है ?
उत्तर-
मूंगफली, तेल बीज फसलें, कमाद तथा दालें।

प्रश्न 4.
धान-गेहूँ फ़सली चक्र को वर्ष में लगभग कितना पानी चाहिए ?
उत्तर-
215 सैं०मी०।

प्रश्न 5.
सारे वर्ष में कुल पानी की लागत में धान कितना पानी पी जाता है ?
उत्तर-
80%.

प्रश्न 6.
पंजाब में कृषि के अधीन कितना क्षेत्रफल है ?
उत्तर-
41.58 लाख हैक्टेयर।

प्रश्न 7.
कृषि तथा जलवायु के आधार पर पंजाब को कितने भागों में बांटा गया
उत्तर-
तीन-अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्र, केन्द्रीय भाग, दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र।

प्रश्न 8.
अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्र कौन-सी पहाड़ियों के पैरों में है ?
उत्तर-
शिवालिक पहाड़ियों के।

प्रश्न 9.
सीमावर्ती (कंडी) क्षेत्र, अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्र का कितने प्रतिशत है ?
उत्तर-
लगभग 9%।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 7 फ़सली विभिन्नता

प्रश्न 10.
पंजाब में प्रमुख फ़सली चक्र क्या है ?
उत्तर-
धान-गेहूँ।

प्रश्न 11.
दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में कौन-सा फ़सली चक्र अपनाया जाता है ?
उत्तर-
नर्मा-कपास-गेहूँ।

प्रश्न 12.
दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में नीचे का पानी कैसा है ?
उत्तर-
खारा।

प्रश्न 13.
हरी खाद वाली फ़सल कौन-सी है ?
उत्तर-
जंतर, रवाह या सन्न।

प्रश्न 14.
यदि मक्की बोई जानी हो तो हरी खाद को कितने दिन पहले खेत में जोत देना चाहिए ?
उत्तर-
8-10 दिन पहले।

प्रश्न 15.
कौन-सी फ़सल के टांगरों को हरी खाद के रूप में प्रयोग किया जा सकता है ?
उत्तर-
सट्ठी मूंग।

प्रश्न 16.
सोयाबीन में कितने प्रतिशत प्रोटीन होता है ?
उत्तर-
35-40%.

प्रश्न 17.
पंजाब में ‘सफेद क्रान्ति’ का सेहरा कौन-सी फ़सल के सिर है ?
उत्तर-
हरे चारे की फ़सल।

प्रश्न 18.
अधिक दूध प्राप्त करने के लिए गाय तथा भैंस को कितना चारा खिलाया जाना चाहिए?
उत्तर-
40 किलो हरा चारा।

प्रश्न 19.
नगर से दूर फार्मों के लिए सब्जी आधारित फ़सली चक्र लिखें।
उत्तर-
आलू-भिण्डी-अग्रिम फूलगोभी।

प्रश्न 20.
नगर के निकटतम गांवों के फार्मों के लिए एक सब्जी आधारित फ़सली चक्र लिखें।
उत्तर-
फूलगोभी-टमाटर-भिण्डी।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
सीमावर्ती क्षेत्र बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
सीमावर्ती क्षेत्र अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्र का 9% भाग है।

प्रश्न 2.
केन्द्रीय पंजाब में मुख्य समस्या क्या है ?
उत्तर-
गेहूँ-धान फ़सली चक़ होने के कारण इस क्षेत्र में धरती के नीचे पानी का स्तर प्रत्येक वर्ष लगभग 74 मैं०मी० की दर से नीचे जा रहा है।

प्रश्न 3.
धान के स्थान पर सोयाबीन की कृषि का क्या कारण है ?
उत्तर-
धान को कीड़े-मकौड़े तथा बीमारियां अधिक लगती हैं, इसलिए इसकी पैदावार कम हो जाती है। इसलिए धान के स्थान सोयाबीन की कृषि की जा सकती है।

प्रश्न 4.
मिश्रत फ़सलों की कृषि का लाभ बताओ।
उत्तर-
मिश्रत फ़सलों की कृषि के कारण भूमि की उपजाऊ शक्ति बनी रहती है। इससे नदीन की समस्या को बहुत हद तक कम करने में सहायता मिलती है।

प्रश्न 5.
नगर के निकटतम फार्मों के लिए सब्जी आधारित फ़सली चक्र बताओ।
उत्तर-

  1. बैंगन (लम्बे)- पिछेती फूलगोभी-घीया।
  2. आलू-खरबूजा।
  3. पालक-गांठ गोभी, प्याज, हरी मिर्च, मूली।
  4. फूलगोभी-टमाटर-भिण्डी।

बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-मक्की आधारित फ़सली चक्र तथा सोयाबीन आधारित फ़सली चक्र के बारे में बताओ।
उत्तर-

  1. मक्की आधारति फ़सली चक्र-मक्की आधारित फ़सली चक्र निम्नलिखित अनुसार है—
    • मक्की-आलू-मूंग या सूरजमुखी।
    • मक्की -आलू या तोरिया-सूरजमुखी।
    • मक्की-आलू-प्याज या मैंथा आदि। इन फ़सली चक्रों को अपनाकर प्राकृतिक स्रोतों की बचत की जा सकती है।
  2. सोयाबीन आधारित फ़सली चक्र-सोयाबीन आधारित फ़सली चक्र हैसोयाबीन-गेहूँ-रवाह (हरा चारा)।

इस फ़सली चक्र का प्रयोग धान के स्थान पर किया जा सकता है क्योंकि धान को कीड़े तथा बीमारियां लग जाती हैं तथा इसका उत्पाद कम हो जाता है। सोयाबीन फलीदार फ़सल है। इसलिए इसकी कृषि से भूमि की उपजाऊ शक्ति बनी रहती है। सोयाबीन प्रोटीन का एक बहुत बढ़िया स्रोत है। इसमें 35-40% प्रोटीन तत्त्व होता है। सोयाबीन का प्रयोग लघु उद्योगों में करके लाभ भी लिया जा सकता है।

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वस्तुनिष्ठ प्रश्न

ठीक/गलत

  1. पंजाब में प्रमुख फ़सली चक्र है-धान गेहूँ।
  2. पंजाब में 5 लाख ट्यूबवैल हैं।
  3. कृषि विभिन्नता से प्राकृतिक स्रोतों पर कम भार पड़ता है।

उत्तर-

बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
पंजाब में कितने प्रतिशत क्षेत्रफल सिंचाई के अधीन हैं ?
(क) 98%
(ख) 50%
(ग) 70%
(घ) 100%
उत्तर-
(क) 98%

प्रश्न 2.
चारा आधारित फ़सली चक्र है
(क) मक्की -बरसीम-बाजरा
(ख) गेहूँ-धान
(ग) मक्की -आलू-मुंगी
(घ) सभी ठीक।
उत्तर-
(क) मक्की -बरसीम-बाजरा

प्रश्न 3.
सोयाबीन में कितनी प्रतिशत प्रोटीन है ?
(क) 10-20%
(ख) 35-40%
(ग) 50-60%
(घ) 80%
उत्तर-
(ख) 35-40%

(ख) रिक्त स्थान भरें

  1. जंतर …………. खाद वाली फ़सल है।
  2. नीम पहाड़ी क्षेत्र में बहुत ………… होती है।
  3. ………. भूमि में मूंगफली आधारित फ़सली चक्र अपनाया जाता है।

उत्तर-

  1. हरी,
  2. वर्षा,
  3. हल्की

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 7 फ़सली विभिन्नता

फ़सली विभिन्नता PSEB 8th Class Agriculture Notes

  • फ़सली विभिन्नता को बहु-भांति कृषि भी कहा जाता है।
  • फ़सली विभिन्नता में कुछ वर्तमान फ़सलों के नीचे क्षेत्रफल कम करके कुछ अन्य फ़सलें ; जैसे-मक्की, दालें, तेल बीज, कमाद (गन्ना), आलू आदि के अन्तर्गत क्षेत्रफल बढ़ाना है।
  • फ़सली विभिन्नता के साथ प्राकृतिक स्रोतों पर भार कम पड़ता है।
  • पंजाब में प्रमुख फ़सल चक्र है-धान, गेहूँ।
  • पंजाब में धान, गेहूँ फ़सल चक्र को साल में लगभग 215 सैं० मी० पानी लगता है पर इसका 80% से ज़्यादा धान ही पी जाता है।
  • कृषि और जलवायु के आधार पर पंजाब को तीन भागों में बाँटा गया है। अर्द्ध पर्वतीय, केंद्रीय भाग, दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र। कंडी क्षेत्र भी अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्र में आता है।
  • अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्र में बहुत वर्षा होती है और इस क्षेत्र में भू-स्खलन की समस्या रहती है।
  • अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्र की प्रमुख फसलें हैं-गेहूँ, मक्की, धान, बासमती, आलू, तेल बीज और मटर।
  • केंद्रीय पंजाब में धान-गेहूँ प्रमुख फ़सली चक्र है।
  • दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में नरमा-कपास-गेहूँ फ़सल चक्र अपनाया जाता है।
  • साल में एक खेत में दो से ज्यादा फसलें उगाने को बहु-फ़सली प्रणाली कहा जाता है।
  • सावनी (खरीफ) की फ़सलें जैसे बासमती और मक्की से पहले हरी खाद का उपयोग ज़रूर करना चाहिए।
  • मक्की आधारित फ़सल चक्र है-मक्की-आलू-मूंगी या सूरजमुखी, मक्की-आलू या तोरिया-सूरजमुखी आदि।
  • सोयाबीन-गेहूँ-रवाह फ़सल चक्र का प्रयोग करके उपजाऊ शक्ति बरकरार रखी जा सकती है।
  • गर्मी की ऋतु में रेतीली भूमियों में मूंगफली आधारित फ़सल चक्र है मूंगफली आलू या तोरिया या मटर या गेहूँ, मूंगफली-आलू-बाजरा, मूंगफली-तोरिया या गोभी-सरसों।
  • चारे वाले फ़सली चक्र हैं-मक्की-बरसीम-बाजरा, मक्की-बरसीम, मक्की या रवांह।
  • नगर से दूर फार्मों के लिए सब्जी आधारित फ़सली चक्र है-आलू-प्याज-हरी खाद, आलू-भिंडी-अग्रिम फूलगोभी, आलू (बीज)-मूली गाजर (बीज)-भिंडी (बीज)।

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