PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 2 इंटरनैट फंडामैंटल्स

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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 2 इंटरनैट फंडामैंटल्स

जान-पहचान
अलग-अलग नैटवर्कस को जोड़कर इंटरनैट बनता है। यह पूरी दुनिया में फैला हुआ है। आज के समय में इसकी ज़रूरत बहुत ज्यादा बढ़ गई है। दफ्तरों में, शिक्षक क्षेत्रों में, निजी संस्थाओं में लाखों ही लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

इंटरनेट क्या है?
अलग-अलग नैटवर्कस के आपसी सम्बन्ध से इंटरनैट बनता है। इससे पूरी दुनिया में फैले नैटवर्क जुड़े होते हैं। इससे सूचना का आदान-प्रदान करवाया जा सकता है। इंटरनैट पूरी तरह किसी के अधीन नहीं जिसके कारण हर कोई इसका इस्तेमाल कर सकता है। इंटरनेट का इस्तेमाल लोग कई कामों के लिए करते हैं। इससे लोग अपना मनोरंजन कर सकते हैं और उत्सुकता के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इंटरनेट सारे संसार में फैला हुआ है। यह दुनिया के लाखों कम्प्यूटरों की एक विशाल संस्था है। इसके द्वारा सूचना का आदान-प्रदान करवाया जाता है। अलग-अलग देशों के लाखों लोग इंटरनैट के द्वारा पत्र-व्यवहार करते हैं, नई बातें सीखते हैं और खोजें करते हैं।

इंटरनेट का इतिहास-
आज के समय में इंटरनेट का इस्तेमाल बहुत बढ़ गया है। साल 1986 में नैशनल साईंस फाऊंडेशन ने अपना NSF नैट नाम का नैटवर्क तैयार किया था। इस नैटवर्क के द्वारा विज्ञानी एक सुपर कम्प्यूटर का प्रयोग सांझे तौर पर करते थे। सुपर कम्प्यूटर एक बड़ा और शक्तिशाली कम्प्यूटर होता है जिसका इस्तेमाल वैज्ञानिक कामों के लिए किया जाता है। साल 1990 में बुनियादी डिफेंस विभाग बन्द हो. गया और इसको NSF नैट ने अपना लिया। फिर इसको अन्य बहुत सारे नैटवर्कस से जोड़ा गया। इसी से आज का इंटरनैट अस्तित्व में आया।

इंटरनेट की ज़रूरतें
इंटरनैट की मूल ज़रूरतें नीचे लिखी हैं –
1. हार्डवेयर ज़रूरतें

  1. अधिक रफ़्तार वाला पर्सनल कम्प्यूटर (PC)
  2. अधिक मैमरी वाली रैम
  3. टैलीफोन लाइन
  4. मोडम (Modem)

2. साफ्टवेयर ज़रूरतें

  • आपरेटिंग सिस्टम
  • वैब ब्राओज़र।

इंटरनेट द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाएं-
इंटरनेट द्वारा हम ख़बरें तथा जानकारी, कला तथा मनोरंजन, ऑनलाइन, खरीदारी, पत्र भेजना, सेहत तथा तंदुरुस्ती, सैर-सपाटा, चैटिंग, बैंकिंग तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आदि कर सकते हैं। इंटरनेट की सहायता से निम्नलिखित कार्य किए जा सकते हैं –
1. ख़बर तथा जानकारी प्राप्त करना-इंटरनेट से हम ऑनलाइन अख़बार से ख़बरें पढ़ सकते हैं। इससे हम देश विदेश की किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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2. कला तथा मनोरंजन-इंटरनेट पर हम गेम खेल सकते हैं, गाने सुन सकते हैं, फिल्में देख सकते हैं तथा चुटकुले कहानियां आदि पढ़ सकते हैं। इंटरनेट की सहायता से इन सभी के द्वारा हम अपना मनोरंजन कर सकते हैं।

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3. खरीदारी-इंटरनेट की सहायता से हम दुनिया में कहीं से भी कपड़े, किताबे, गिफ्ट या अन्य . ज़रूरी सामान आदि खरीद सकते हैं। इस प्रक्रिया को ऑनलाइन शॉपिंग कहा जाता है।

4. पत्र भेजना-इंटरनेट पर पत्र भेजने की सर्विस को ईमेल कहते हैं। इंटरनेट की सहायता से हम दुनिया में किसी भी व्यक्ति को ईमेल भेज सकते हैं तथा किसी से भी ई-मेल प्राप्त कर सकते हैं। ईमेल के जरिए हम तस्वीरें, फिल्में, आवाज़ आदि दूसरों को भेज सकते हैं।

5. सेहत तथा तंदुरुस्ती-इंटरनेट के द्वारा हम अपने स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके द्वारा हम किसी भी डॉक्टर से ज़रूरी सलाह भी कर सकते

6. सैर-सपाटा-इंटरनेट पर दुनिया भर के टैक्स पार्टी से संबंधित जानकारी, रेल टिकट, हवाई टिकट तथा विभिन्न होटलों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

7. चैटिंग-इंटरनेट के द्वारा हम दुनिया में किसी भी व्यक्ति के साथ टैक्सट, ऑडियो या वीडियो चैट कर सकते हैं।

8. बैंकिंग-इंटरनेट की सहायता से हम अपने बैंक के कार्य भी कर सकते हैं। ऑनलाइन बैंकिंग के द्वारा बैंक से संबंधित लगभग सभी कार्य किए जा सकते हैं।

9. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग-वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दो या दो से ज़्यादा व्यक्ति एक-दूसरे को देख कर बात करते हैं। इसके लिए वेब कैमरे का प्रयोग किया जाता है।

इंटरनैट कुनैक्शन
इंटरनैट कुनैक्शन-यह निम्न प्रकार के होते हैं-
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  • ब्राड बैंड-यह कुनैक्शन तेज़ रफ़्तार वाले होते हैं। बड़े व्यापारिक अदारे इसका इस्तेमाल करते हैं।
  • डॉयल अप-यह कुनैक्शन कभी-कभी इंटरनैट का उपयोग करने वाले इस्तेमाल करते हैं। यह ब्राड बैंड से धीमे और सस्ते होते हैं।

मोडम
डिजीटल से एनालॉग सिग्नल और एनालोग से डिजीटल सिग्नल में बदलने वाले उपकरण को मोडम कहा जाता है। मोडम की किस्में-मोडम दो प्रकार के होते हैं –

  1. अन्दरूनी मोडम
  2. बाहरी मोडम

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बाहरी मोडम एक डिब्बे के रूप में कम्प्यूटर से बाहरी तरफ से केबल से जोड़े जाते हैं। अन्दरूनी मोडम कम्प्यूटर के बीच ही लगे होते हैं।

मोडम की रफ्तार –
मोडम की रफ़्तार भी अलग-अलग होती है। धीमे मोडम सन्देश को भेजते समय अधिक समय लगाते हैं। केबल या टेलीफोन की तार दीवार से लगे फ्लग के द्वारा मोडम में जाती है। आजकल तो बेतार मोडम भी आ गए हैं जो मोबाइल फोन की तरह हवा में ही काम करते हैं। मोडम की रफ़्तार अलग-अलग होती है। धीमे मोडम सन्देश भेजते या प्राप्त करते समय अधिक समय लगाते हैं। यह इंटरनेट से फाइलों की नकल करने पर भी अधिक समय लगाते हैं। अगर संचार वाले दोनों कम्प्यूटरों में अलगअलग रफ़्तार वाले मोडम हों तो संचार कम रफ़्तार वाले मोडम की रफ़्तार के साथ होता है। तेज़ संचार करवाने के लिए अधिक रफ़्तार वाले मोडम ही प्रयोग करने चाहिए। आमतौर पर 28.8 Kbps रफ़्तार वाला मोडम प्रयोग किया जाता है। सर्किंग के लिए कम-से-कम 56 Kbps वाले मोडम की सिफ़ारिश की जाती है।

इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्ज
इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्ज़ यूज़र को इंटरनेट की सुविधा प्रदान करवाता है। वह यूजर से फीस प्राप्त करता है। यह फीस इंटरनेट का उपयोग करने के हिसाब से होती है।

इंटरनेट के लाभ/सेवाएं
इंटरनैट के लाभ नीचे दिए अनुसार हैं –
वर्ड वाइड वैब-
वर्ड वाइड वैब इंटरनैट पर वैब पेज का एक जाल है। ये पेज आपस में लिंकड होते हैं। इस को किसी खास एडरैस द्वारा पाया जाता है। इसको कम्प्यूटर, लैपटाप, मोबाइल, आदि पर असैस किया जा सकता है। वर्ल्ड वाइड वैब WWW इंटरनैट की बहुत बड़ी सेवा है। इसके द्वारा पूरी दुनिया की सूचना प्राप्त की जा सकती है। इसमें व्यापार, शिक्षा स्रोत, सेहत और सरकारी अदारों आदि से सम्बन्धित सूचना शामिल होती है। यह हर एक स्थान पर यूज़र की सोच, विचारों और पसंद के मुताबिक सेवाएं देती हैं।

ई-मेल
ई-मेल एक इलैक्ट्रॉनिक मेल है जिसके द्वारा कम्प्यूटर से पत्र भेजे जाते हैं। इसके द्वारा दुनिया भर में कहीं भी एक ही समय सन्देश पहुँचाया जा सकता है। इंटरनैट इस्तेमाल करने के समय आपके पास विलक्षण ई-मेल
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पता होना चाहिए। ई-मेल के पते को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है, यूज़र नेम और होस्ट नेम। ई-मेल में @ संकेत होता है जिसको ‘ऐट दा रेट ऑफ’ कहा जाता है। [email protected] ई-मेल के पते की एक उदाहरण है।

ई-मेल के लाभ-ई-मेल के बहुत सारे लाभ हैं जो कि नीचे लिखे अनुसार हैं-
1. खर्च (Cost)-इंटरनैट के प्रयोग के लिए दी जाने वाली रकम के बिना अन्य कुछ नहीं लगता। यूज़र को डाक टिकटों के पैसे नहीं पड़ते। यह फैक्स से भी सस्ती पड़ती है। फैक्स पर कागज़ और टैलीफोन के खर्चे पड़ते हैं। ई-मेल करते समय ऐसा कोई खर्चा नहीं पड़ता। लम्बे सन्देश का खर्च छोटे सन्देश जितना होता है। उदाहरण के लिए स्विट्जरलैंड और अपने शहर में सन्देश का खर्च बराबर होता है।

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2. रफ़्तार (Speed)-ई-मेल की रफ्तार हमारे दूसरे चिट्ठी-पत्र से अधिक होती है। ई-मेल सन्देश अपनी मंजिल पर कुछ मिनटों-सैकिण्डों में पहुंच जाते हैं। एक दिन में कई बार पत्र-व्यवहार किया जा सकता है।

3. आराम (Convenience)-कम्प्यूटर का इस्तेमाल करने वाले सन्देश को अपने कम्प्यूटर पर टाइप करते हैं और फिर ई-मेल कर देते हैं। इसके साथ न कागज़ का प्रयोग होता है, न कोई डाक खर्चा आता है और न ही कोई अन्य समस्या आती है।

ई-कामर्स
ई-कामर्स इंटरनैट पर व्यापार को करते हैं। इससे हम अपनी ज़रूरत की वस्तुएं 24 घंटे खरीद, बेच सकते हैं।

सोशल नेटवर्किंग साइट-
यह इंटरनैट पर सोशल ग्रुप की साइट होती है। इसमें यूज़र अपना प्रोफाइल बना कर दूसरों से वार्तालाप तथा अपने अनुसार शेयर कर सकता है।
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विडीयो कानफ्रैंसिंग-
यह कैमरे का उपयोग करती है। इसमें हम तस्वीरों तथा आवाज़ द्वारा अपने विचार दूसरों से साझा कर सकते हैं। हम दूसरों को देख भी सकते हैं। इसमें समय की बहुत बचत होती है।

चैटिंग-
यह फोन पर की जाने वाली बातचीत की तरह ही होती है। फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें बातचीत के लिए शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप इंटरनैट से जुड़े हो तो आप टैलीफोन में बोलने के स्थान पर कम्प्यूटर में टाइप करोगे। आजकल व्यास चैट (जुबान के द्वारा चर्चा) करनी भी सम्भव हो गई है। व्याँस चैट में आप बोल और सुन सकते हो।
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वैबसाइट को सर्च करना
वैबसाइट पर पन्नों की गिनती निश्चित नहीं होती। यह अनगिनत होते हैं। यह बढ़ते ही रहते हैं। बड़ी कम्पनियां अपने वैब पन्नों को डाटाबेस में सम्भाल के रखती हैं।
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जानकारी ढूँढ़ने के लिए सर्च इंजन का प्रयोग किया जाता है। यह बहुत ही शक्तिशाली प्रोग्राम होता है। ढूँढ़ी जाने वाली जानकारी को टाइप करके सर्च (खोज) की जाती है। यह उस शब्द से सम्बन्धित अनेकों वैबसाइटों की सूची जारी करता है।

सर्च करने के तरीके
सर्च अर्थात् खोज करने के बुनियादी सिद्धान्त नीचे लिखे अनुसार हैं-
सबसे पहले आप सर्च इंजन के टैक्सट बॉक्स में कुछ शब्द टाइप करें। एडवांस सर्च में आपको शब्द मैच, पूरा वाक्यांश मैच या दाखिल किए की-वर्ड का मैच सैट करना पड़ता है। सही तरीके से सर्च करने के लिए नीचे लिए कुछ चिन्हों का ध्यान रखना चाहिएजमा का निशान (+) शब्द दर्शाने के लिए करें जो खोज नतीजे में नज़र आना ज़रूरी है। घटाने का निशान (-) शब्द दर्शाने के लिए करें जो खोज नतीजे में नज़र आना ज़रूरी न हो। वाक्यांश दर्शाने के लिए कोट-मारक (“) का इस्तेमाल करें।

साफ्टवेयर टूलज़
इंटरनैट का प्रयोग करने के लिए कुछ साफ्टवेयर चाहिए। ये साफ्टवेयर विभिन्न प्रकार के कार्य करते हैं। ये टूलज़ हैं।

  1. ई-मेल प्रोग्राम
  2. ब्राओज़र
  3. न्यूज रीडर
  4. एफ०टी०पी० साफ्टवेयर

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इंटरनैट स्किलज़ –
इंटरनेट प्रयोग करने के लिए हमें स्किलफुल होना चाहिए तभी हम इसका भरपूर फायदा उठा सकते हैं।
हमें :

  1. प्रोग्राम चलाने तथा बंद करने
  2. फाइल कापी करना
  3. मीनू के साथ कार्य करना
  4. प्रिंट, टाइप करना आदि आना चाहिए।

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ब्राओज़र/ब्राओजिंग-
यह एक तरह का साफ़्टवेयर है, जिस पर इंटरनैट की फाइलें खोली जाती हैं। यह कई प्रकार के होते हैं। इंटरनैट एकसप्लोरर का इस्तेमाल ज़्यादा किया जाता है। इंटरनेट का इस्तेमाल करके वैब साइटस देखने की प्रक्रिया को वैब ब्राओजिंग कहा जाता है।

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