Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 3 रक्त की आत्मकथा Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 3 रक्त की आत्मकथा
Hindi Guide for Class 8 PSEB रक्त की आत्मकथाTextbook Questions and Answers
(क) भाषा – बोध
I. शब्दार्थ
नाड़ी = शरीर की रक्त वहन करने वाली शिरा। संपूर्ण = सारा। विश्व = संसार। अपेक्षा = बजाए की तुलना में। कार्य स्थल = काम करने का स्थान। जटिल = कठिन। संरचना = बनावट। वयस्क = अठारह वर्ष से अधिक आयु वाला। सूक्ष्मदर्शी = एक यंत्र, जिसमें छोटी चीज़ का बड़ा आकार दिखाई देता है। अनीमिया = रक्ताल्पता (रक्त की कमी)। विकसित = बनना, बढ़ना। उत्पादन = निर्माण, बनना। परिवर्तन = बदलाव। निरंतर = लगातार। जमावड़ा = इकट्ठा होना। बेझिझक = बिना संकोच। घुसपैठ = पहुँच। द्रव्य = तरल पदार्थ। नामुराद = जिस की कोई कामना न हो। स्वेच्छा = अपनी इच्छा से। अत्यन्त = बहुत। संकल्प = इरादा, निश्चय। पर्याप्त = काफ़ी। व्यर्थ = बेकार।
II. इन मुहावरों और लोकोक्ति के अर्थ समझते हुए वाक्यों में प्रयोग करें
चैन की साँस लेना, प्राण देना, शहीद होना, साँस में साँस आना, हाथ कंगन को आरसी क्या।
उत्तर:
1. चैन की साँस लेना-भूकंप के झटकों के बाद पुत्र को सुरक्षित घर वापस आया देख माँ ने चैन की सांस ली।
2. प्राण देना-देश की आजादी के लिए लाखों देश भक्तों ने अपने प्राण दे दिए थे।
3. शहीद होना-वीर सैनिक दुश्मन के टेंक को बम से उड़ाने के बाद शहीद हो गया था।
4. साँस में साँस आना-मेरे पीछे लगे कुत्ते को जब तुमने मार भगाया तब मेरी साँस में साँस आई।
5. हाथ कंगन को आरसी क्या-तुम्हारे बस्ते में से मैंने अपनी कॉपी तुम्हारे सामने ही निकाली है और तुम स्वयं को अभी भी चोर नहीं मान रहे। अब तुम्हीं बताओ कि हाथ कंगन को आरसी क्या?
(ख) विषय – बोध
I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें
प्रश्न (क)
रक्त के कितने अंग होते हैं ? उनके नाम लिखें।
उत्तर:
रक्त में चार अंग होते हैं-प्लाज्मा, लाल रक्त कोशिकाएं, सफेद रक्त कणिकाएं और प्लेटलेट्स।
प्रश्न (ख)
लाल कोशिकाओं का रंग किस पदार्थ के कारण लाल होता है ?
उत्तर:
लाल कोशिकाएं हीमोग्लोबिन के कारण लाल होती हैं।
प्रश्न (ग)
हीमोग्लोबिन किस-किस तत्व का बना होता है ?
उत्तर:
हीमोग्लोबिन लोहे और प्रोटीन से बना होता है।
प्रश्न (घ)
लाल कोशिकाओं का मुख्य कार्य क्या है ?
उत्तर:
लाल कोशिकाएँ फेफड़ों से ऑक्सीजन को शरीर के अंगों तक और कार्बन डाइऑक्साइड को शरीर से बाहर फिंकवाती हैं।
प्रश्न (ङ)
लाल कोशिकाओं का विकास कहाँ होता है ?
उत्तर:
लाल कोशिकाओं का विकास बोन मैरो में होता है।
प्रश्न (च)
श्वेत कोशिकाएँ क्या कार्य करती हैं ?
उत्तर:
श्वेत कणिकाएँ बाहरी रोगाणुओं से लड़ कर शरीर को स्वस्थ रखती हैं।
प्रश्न (छ)
प्लेटलेट्स कोशिकाएँ रक्त जमाव में कैसे सहायता करती हैं ?
उत्तर:
पारदर्शी प्लेटलेट्स प्लाज्मा में उपस्थित विशेष प्रोटीन के साथ मिल कर मकड़ी के जाल की तरह एक बढ़िया-सा जाल लाल कोशिकाओं को रोक देता है। पपड़ी के रूप में जम कर यह रक्त जमाव कर देता है।
प्रश्न (ज)
प्लाज्मा का विकास शरीर के किस अंग में होता है ?
उत्तर:
प्लाज्मा का विकास जिगर (लिवर) में होता है।
प्रश्न (झ)
एक वयस्क स्त्री और पुरुष में प्रति किलोग्राम रक्त की कितनी मात्रा होती है ?
उत्तर:
एक वयस्क स्त्री में प्रति किलोग्राम में 67 सी०सी० और पुरुष में 75 सी०सी० रक्त की मात्रा होती है।
प्रश्न (ज)
किस आयु वर्ग के व्यक्ति रक्तदान कहाँ-कहाँ पर जाकर कर सकते हैं ?
उत्तर:
अठारह वर्ष से लेकर पैंसठ वर्ष आयु वर्ग के स्वस्थ व्यक्ति किसी मान्यता प्राप्त ब्लड बैंक, रक्त शिविर या आवश्यकता पड़ने पर किसी भी मरीज को रक्तदान कर सकते हैं।
II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :
प्रश्न (क)
रक्त के मुख्य अंग कौन-कौन से हैं ? प्रत्येक अंग के बारे में लिखें।
उत्तर:
रक्त के मुख्य अंग प्लाज्मा, लाल कोशिकाएँ, श्वेत कोशिकाएँ और प्लेटलेट्स होते हैं। प्लाज्मा हल्के पीले रंग का द्रव्य है जिसमें उसके अन्य सभी अंग तैरते रहते हैं और इसी की सहायता से अपना-अपना काम करते हैं। इसका विकास जिगर (लिवर) में होता है। लाल रक्त कोशिकाएँ हीमोग्लोबिन की उपस्थिति के कारण लाल होती हैं। इनका आकार बालूशाही की तरह होता है। ये फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर शरीर के अंगों तक भेजती हैं तथा कार्बन डाइऑक्साइड को फेफड़ों के द्वारा शरीर से बाहर निकालती हैं। श्वेत कोशिकाएँ बोन मैरो में बनती हैं। इनकी संख्या लाल कोशिकाओं से बहुत कम होती है पर ये आकार में उनसे दुगुनी बड़ी होती हैं। ये शरीर में प्रवेश करने वाले रोगाणुओं से लड़ती हैं और शरीर को रोगों से बचाती हैं। प्लेटलेट्स पारदर्शी छोटी सपाट प्लेटों जैसे होते हैं। ये रक्त को बहने से रोकने के लिए जमाव क्रिया में सहायता करते हैं।
प्रश्न (ख)
लाल कोशिकाओं के बारे में आपने क्या सीखा ?
उत्तर:
लाल कोशिकाओं का रंग सदा लाल होता है और इसका कारण इनमें उपस्थित हीमोग्लोबिन होता है जो लोहे और प्रोटीन से बनता है। लाल कोशिकाओं की बनावट दोनों ओर से दबी बालूशाही जैसी होती है। किसी वयस्क पुरुष में रक्त की एक बूंद में इनकी संख्या लगभग पचास लाख तक होती है लेकिन स्त्रियों और बच्चों में इनकी संख्या इससे भिन्न होती है। लाल कोशिकाएँ दिन-रात काम करती हैं और फेफड़ों से ऑक्सीजन ले कर शरीर के सभी अंगों तक पहुँचाती हैं। ये ही कार्बन डाइऑक्साइड को फेफड़ों के माध्यम से शरीर से बाहर निकलती हैं। लाल कोशिकाएं बोन-मैरो में बनती हैं और इनकी आयु . चार महीने ही होती है।
प्रश्न (ग)
श्वेत कोशिकाओं के बारे में आपने क्या सीखा ?
उत्तर:
श्वेत रक्त कोशिकाएं बोन मैरो में बनती हैं। ये प्लाज्मा में तैरती रहती हैं। ये लाल कोशिकाओं से आकार में दो गुणा बड़ी होती हैं लेकिन संख्या में बहुत कम होती हैं। रक्त की एक बूंद में इनकी संख्या लगभग दस हज़ार होती है। ये शरीर में प्रवेश करने वाले रोगाणुओं से लड़ती हैं और उन्हें मार कर बीमारियों से हमारी रक्षा करती हैं। किसी चोट से निकली मवाद या पस भरी हुई श्वेत रक्त कोशिकाएं ही होती हैं। इनकी आयु कुल छ: सात घण्टे ही होती है। ये आवश्यकतानुसार बढ़ कर शरीर की रक्षा करती हैं और इन्हें किसी विशेष प्रकार के भोजन की आवश्यकता नहीं होती।
प्रश्न (घ)
प्लेटलेट्स की क्या भूमिका है ?
उत्तर:
प्लेटलेट्स प्लाज़मा में तैरने वाले पारदर्शी छोटी-छोटी सपाट-प्लेटों की तरह होते हैं। ये शरीर से बहने वाले रक्त की जमाव-क्रिया में सहायता देती हैं। रक्त के प्रति घन मिलीमीटर में इनकी संख्या लगभग डेढ़ लाख से चार लाख तक होती है। चोट लग जाने की स्थिति में ये एक विशेष प्रोटीन के साथ मिलकर मकड़ी के जाल की तरह जालासा बना देती है जिससे लाल रक्त कणिकाएं बाहर बहनी बन्द हो जाती हैं। समय के साथ ये त्वचा के साथ विकसित होकर घाव को भर देती हैं। इन्हें किसी विशेष भोजन की आवश्यकता नहीं होती। ये अपनी तरह की अन्य कोशिकाओं को स्वयं विकसित कर लेती
प्रश्न (ङ)
प्लाज़मा के बारे में आपने क्या जाना ?
उत्तर:
प्लाज़मा रक्त का प्रमुख अंग है जिसमें रक्त की अन्य कोशिकाएं अपने-अपने कार्य करने के लिए तैरती रहती हैं। हल्के-पीले रंग के इस द्रव्य की उपस्थिति में ही रक्त के अंग अपने काम को पूरा कर पाते हैं। यह जिगर (लिवर) में बनता है और इसकी रचना अनेक प्रकार के प्रोटीन्ज़ से होती है। आवश्यकता पड़ने पर जिगर (लिवर) इसका विकास सामान्य की अपेक्षा आठ गुणा तेज़ी से कर सकता है।
प्रश्न (च)
रक्त दान करना क्यों जरूरी है ?
उत्तर:
प्रत्येक मनुष्य के जीवन के लिए रक्त बहुत आवश्यक होता है। यह जीवन का प्रमुख आधार है। यह कृत्रिम रूप से नहीं बनाया जा सकता। यह बोन मैरो में ही बनता है। दुर्घटनाओं, भयंकर बीमारियों, बड़े आप्रेशनों आदि के कारण अनेक बार शरीर में रक्त कम हो जाता है जिसे तत्काल पूरा करने के लिए स्वस्थ लोगों के रक्तदान से सहायता लेनी ही पड़ती है। ऐसा करने से रक्तदाता को कोई क्षति नहीं होती लेकिन ज़रूरतमन्द व्यक्ति की जान बच जाती है। रक्तदान को इसीलिए महादान भी कहा जाता है।
(ग) व्यावहारिक व्याकरण
I. इन शब्दों के विपरीत अर्थ वाले शब्द बनायें
उपस्थित = …………………
उचित = …………..
इच्छा = …………..
आवश्यकता = …………..
नियमित = …………..
स्वस्थ = …………..
हिंसा = …………..
पूर्ति = …………..
जन्म = …………..
एक = …………..
ग्रहण = …………..
सामान्य = …………..
उत्तर:
उपस्थित = अनुपस्थित
उचित = अनुचित
इच्छा = अनिच्छा
आवश्यकता = अनावश्यकता
नियमित = अनियमित
स्वस्थ = अस्वस्थ
हिंसा = अहिंसा
पूर्ति = अपूर्ति
जन्म = मरण
एक = अनेक
ग्रहण = त्याग
सामान्य = असामान्य।
II. इन शब्दों में से मूल शब्द पहचान कर लिखें
सम्पूर्ण = …………..
संरचना = …………..
संकल्प = …………..
सुरक्षित = …………..
नियमित = …………..
विकसित = …………..
प्रदर्शित = …………..
सुरक्षा = …………..
उत्तर:
सम्पूर्ण = पूर्ण
संरचना = रचना
संकल्प = कल्प
सुरक्षित = रक्षा
नियमित = नियम
विकसित = विकास
प्रदर्शित = दर्श
सुरक्षा = रक्षा
III. इन शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखें-
रक्त = …………..
स्वस्थ = …………..
नाड़ी = …………..
भूमिका = …………..
घुसपैठ = …………..
उत्तर:
रक्त = लहू, शोणित
स्वस्थ = निरोग, हृष्टपुष्ट
नाड़ी = नली, रक्तवाहिनी
भूमिका = पृष्ठभूमि, प्रस्तावना
घुसपैठ = बलपूर्वक प्रवेश, बँसना।
IV. इन रेखांकित विशेषण शब्दों के भेद का नाम लिखिए
प्रश्न (क)
मेरा रंग लाल होता है। (गुणवाचक विशेषण)
उत्तर:
गुणवाचक विशेषण।
प्रश्न (ख)
वयस्क पुरुष में मेरी एक बूंद में इनकी संख्या लगभग पचास लाख होती है।
उत्तर:
वयस्क = गुणवाचक विशेषण, एक = निश्चित संख्यावाचक विशेषण। लगभग पचास लाख-अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण।
प्रश्न (ग)
इनके स्थान पर नई कोशिकाएं जन्म ले लेती हैं।
उत्तर:
नई = गुणवाचक विशेषण।
प्रश्न (घ)
हमें सदैव सन्तुलित भोजन लेना चाहिए।
उत्तर:
सन्तुलित-गुण वाचक विशेषण।
प्रश्न (ङ)
मेरी श्वेत कोशिकाएं आपके शरीर में किसी रोगाणु की घुसपैठ के समय किसी बहादुर सिपाही की तरह बचाव के लिए आती हैं।
उत्तर:
श्वेत = गुणवाचक विशेषण, बहादुर = गुणवाचक विशेषण।
अतिरिक्त ज्ञान:
(क) अपने रक्त समूह (ब्लड ग्रुप) की जाँच करवायें। अपना रक्त समूह नोट करके रखें।
(ख) रक्त समूह आठ प्रकार के होते हैं ए-पाजिटिव, ए-नेगेटिव, बी-पाजिटिव, बी-नेगेटिव, ए-बी पाजिटिव, ए-बी नेगेटिव, ओ-पाज़िटिव, ओ-नेगेटिव।
(ग) मान्यता प्राप्त संस्था को ही रक्त दान करें।
(घ) रक्त बेचना दण्डनीय अपराध है।
PSEB 8th Class Hindi Guide रक्त की आत्मकथा Important Questions and Answers
बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें
प्रश्न 1.
किसके कारण इन्सानों का जीवन चलता है ?
(क) माँस
(ख) खाल
(ग) बाल
(घ) रक्त।
उत्तर:
रक्त।
प्रश्न 2.
रक्त का रंग क्या होता है ?
(क) लाल
(ख) नीला
(ग) पीला
(घ) बैंगनी।
उत्तर:
लाल।
प्रश्न 3.
कोशिकाएँ सदा किसमें तैरती हैं ?
(क) प्लेटों में
(ख) प्लाज्मा में
(ग) प्लैटिनिम में
(घ) प्लाटों में।
उत्तर:
प्लाज्मा में।
प्रश्न 4.
हीमोग्लोबिन की कमी से कौन-सा रोग होता है ?
(क) अफारा
(ख) आसियाना
(ग) अनीमिया
(घ) शूगर।
उत्तर:
अनीमिया।
प्रश्न 5.
रक्त में लाल कोशिकाओं की आयु कितने मास की होती है ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर:
चार
प्रश्न 6.
कितने वर्ष की आयु का स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है ?
(क) 15-20
(ख) 18-50
(ग) 18-60
(घ) 18-65.
उत्तर:
18-65.
प्रश्न 7.
लाल कोशिकाओं का विकास कहाँ होता है ?
(क) बौनमैरी में
(ख) प्लाज्मा में
(ग) प्रोटीन में
(घ) प्लेटलेस में।
उत्तर:
बोनमैरी में।
प्रश्न 8.
रक्त में मुख्य रूप से कितने अंग होते हैं ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर:
दो।
रक्त की आत्मकथा Summary
रक्त की आत्मकथा पाठ का सार
रक्त अपनी कहानी सुनाते हुए कहता है कि उसके कारण ही हम इन्सानों का जीवन चलता है। वह निरन्तर हमारी नाड़ियों में बहता रहता है। लाल रंग का रक्त शरीर से किसी भी कारण बाहर निकलने पर पानी की तरह बहता है। रक्त के मुख्य रूप से दो हिस्से होते हैं-प्लाज्मा और कोशिकाएँ। कोशिकाएँ सदा प्लाज्मा में तैरती रहती हैं। रक्त का 55 प्रतिशत भाग प्लाज्मा होती है और शेष 45 प्रतिशत भाग लाल कोशिकाएँ, श्वेत कोशिकाएँ और पारदर्शी प्लेटलेट्स कोशिकाएँ बनाती हैं। लाल कोशिकाओं के कारण रक्त लाल रंग का दिखाई देता है। किसी भी वयस्क पुरुष के खून की एक बूंद में लाल कोशिकाओं की लगभग संख्या पचास लाख होती है। बच्चों और स्त्रियों में इनकी संख्या बदल जाती हैं। इनका लाल रंग हीमोग्लोबिन नामक एक पदार्थ के कारण होता है। लाल कोशिकाओं की बनावट ऐसी होती है जैसे बालूशाही को दोनों ओर से दबाया गया हो। ये लाल कोशिकाएँ दिन-रात चौबीसों घंटे ऑक्सीजन को फेफड़ों से शरीर के अंगों तक पहुँचाती हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को फेफड़ों के माध्यम से बाहर फेंकती हैं। हीमोग्लोबिन लोहे और प्रोटीन से बनता है। यदि रक्त में हीमोग्लोबिन कम हो जाए तो अनीमिया नामक बीमारी हो जाती है। लाल कोशिकाओं का विकास ‘बोन मैरो’ नामक पदार्थ में होता है जो हड्डियों के खोखले भाग में भरा होता है। बोन मैरो का तीन-चौथाई भाग श्वेत कोशिकाओं और प्लेटलेट्स बनाने का कार्य करता है।
रक्त में लाल कोशिकाओं की आयु चार महीने ही होती है। रक्त के निर्माण के लिए हम सब को प्रोटीन, लोह तत्व और विटामिन खाने चाहिएं। यदि रक्त अधिक मात्रा में बह जाए तो बोन मैरो इसके उत्पादन को आठ गुणा तक बढ़ा सकती है। रक्त का प्रत्येक हिस्सा हमारे लिए उपयोगी होता है। श्वेत कोशिकाएँ शरीर का सुरक्षा कवच बनती हैं और आकार में लाल कोशिकाओं से दो गुणा बड़ी होती हैं, पर संख्या में कम होती हैं। ये रोगाणुओं से लड़ती हैं। जब ये मर जाती हैं तो पस या मवाद के रूप में दिखाई देती हैं। इनकी आयु छ:-सात घंटे ही होती है। प्लाज्मा में तैरती प्लेटलेट्स कोशिकाएँ छोटी-छोटी पारदर्शी प्लेटों की तरह होती हैं। ये रक्त की जमाव क्रिया में सहायक होती हैं। इनकी संख्या प्रति घन मिलीमीटर में डेढ़ लाख से चार लाख तक होती है। जब कभी चोट लगती है तो ये प्लाज्मा में उपस्थित एक विशेष प्रोटीन के साथ मिल कर एक जाल-सा बना देती है जिससे खून बहना बंद हो जाता है। जरूरत पड़ने पर प्लेटलेट्स अपने जैसी कोशिकाओं को स्वयं बना लेते हैं। इन्हीं के कारण हम मच्छरों से फैलने वाले ‘डेंगू’ से बच पाते हैं। हल्के-पीले रंग का प्लाज्मा अन्य सभी अंगों को साथ लेकर कार्य करता है। कोशिका के तीनों अंग इसी में तैरते रहते हैं। प्लाज्मा तरह-तरह के प्रोटीन्ज़ से बनता है और इसका विकास जिगर (लिवर) में होता है। जब कभी कोई व्यक्ति रक्त दान करता है तो जिगर सामान्य की अपेक्षा आठ गुना तेज़ी से इसका निर्माण कर देता है। किसी वयस्क पुरुष के शरीर में रक्त की मात्रा 75 सी०सी० प्रति किलोग्राम और वयस्क स्त्री में यह 67 सी०सी० प्रति किलोग्राम होती है। जरूरत पड़ने पर अपना रक्त दूसरों को दान दिया जा सकता है। रक्त फैक्ट्रियों में नहीं बनाया जा सकता। इसलिए इसे जरूरतमंद लोगों को देना चाहिए। अठारह से पैंसठ वर्ष का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति प्रत्येक तीन महीने बाद रक्त दान कर सकता है। अब ऐसी अनेक मशीनें हैं जो रक्त के हिस्सों को अलग-अलग कर सकती हैं और अलग-अलग रोगियों को उन्हें दिया जा सकता है। रक्त बहुत उपयोगी है और इसे हिंसा के द्वारा कभी नहीं बहाना चाहिए।