Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 4 राखी की चुनौती Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 4 राखी की चुनौती (2nd Language)
Hindi Guide for Class 8 PSEB राखी की चुनौती Textbook Questions and Answers
राखी की चुनौती अभ्यास
1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :
उत्तर :
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं अभ्यास करें।
2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :
उत्तर :
छात्र स्वयं अभ्यास करें।
3. शब्दार्थ :
- घटा = जल भरे बादलों का समूह
- कलाई = हाथ में हथेली के जोड़ के ऊपर गट्टा
- भादों = भादों का महीना, भाद्रपद, सावन के बाद पड़ने वाला देसी महीना
- जालिम = जुल्म करने वाला
- धूनी = ठंड से बचने के लिए जलायी जाने वाली आग
- विषमता = असमता, भीषणता, जटिलता।
- चुनौती = युद्ध, शास्त्रार्थ आदि के लिए आह्वान, ललकार
उत्तर :
सप्रसंग व्याख्या में दे दिए गए हैं।
4. उपयुक्त शब्द भरकर काव्य-पंक्तियाँ पूरी करें :
(क) …………………………….. है न फूली समाती गगन में,
…………………………….. वन में।।
(ख) ये आई है राखी सुहाई है ……………………………..
…………………………….. उन्हें जिनको …………………………….. मिले हैं।।
(ग) मेरा बंधु …………………………….. की पुकारों को सुनकर
के तैयार हो …………………………….. गया है।
(घ) …………………………….. हुई माँ की …………………………….. को,
वह …………………………….. के घर में से लाने गया है।।
उत्तर :
(क) घटा है न फूली समाती गगन में,
लता आज फूली समाती न वन में।
(ख) ये आई है राखी सुहाई है पूनी,
बधाई उन्हें जिनको भाई मिले हैं।
(ग) मेरा बन्धु माँ की पुकारों को सुनकर,
के तैयार हो जेलखाने गया है।
(घ) छीनी हुई माँ की स्वाधीनता को,
वह ज़ालिम के घर में से लाने गया है।
5. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :
(क) लता कहाँ पर फूली नहीं समाती?
उत्तर :
लता वन में फूली नहीं समाती।
(ख) राखी का त्योहार किस दिन होता है?
उत्तर :
राखी का त्योहार श्रावण (सावन) मास की पूर्णिमा के दिन होता है।
(ग) इस कविता में आई बहन का भाई कहाँ है?
उत्तर :
इस बहन का भाई आजादी के लिए जेल में कैद है।
(घ) बहन किसको बधाई देती है ?
उत्तर :
बहन उनको बधाई देती है, जिनके भाई राखी के दिन उनके पास हैं।
(ङ) ‘मुझे गर्व है किंतु राखी है सूनी’ का भाव बतायें।
उत्तर :
बहन को इस बात का गर्व है कि उसका भाई देश की रक्षा के लिए जेल गया है, परन्तु उसकी राखी सूनी पड़ी है।
(च) यह कविता भारत की स्वतंत्रता से पहले लिखी गई है या बाद में ?
उत्तर :
राखी की चुनौती’ कविता देश की स्वतन्त्रता से पहले लिखी गई है।
6. इन प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखें :
(क) ‘राखी की चुनौती’ कविता का सार लिखें।
उत्तर :
‘राखी की चुनौती’ का सार पाठ के आरंभ में दिया जा चुका है।
(ख) इस कविता में बहन ने पराधीन देश के भाइयों को क्या संदेश दिया है?
उत्तर :
राखी की चुनौती’ कविता में पराधीन देश के भाइयों को आजादी की लड़ाई में कूदने का सन्देश दिया है। भाइयों को अपने देश की गुलामी को दूर करने के लिए संघर्ष करना चाहिए। आजादी को पूरी तरह प्राप्त कर लेना चाहिए।
7. इन काव्य-पंक्तियों का सरलार्थ करें :
(क) मैं हूँ बहन, किंतु भाई नहीं है,
राखी सजी, पर कलाई नहीं है।
हैं भादों, घटा किंतु छाई नहीं है।
नहीं है खुशी, पर रुलाई नहीं है।।
(ख) मेरा बंधु माँ की पुकारों को सुनकर,
के तैयार हो जेलखाने गया है।
छीनी हुई माँ की स्वाधीनता को,
वह जालिम के घर में से लाने गया है।।
उत्तर :
सप्रसंग व्याख्या भाग देखिए।
8. दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें :
- तड़ित = ………………………
- घन = ………………………
- गगन = ………………………
- खुशी = ………………………
- पुष्प = ………………………
- भाई = ………………………
उत्तर :
- तड़ित = बिजली, विद्युत्।
- गगन = आकाश, नभ।
- खुशी = प्रसन्नता, हर्ष।
- घन = बादल, मेघ।
- पुष्प = फूल, सुमन।
- भाई = भ्राता, सहोदर।
9. शुद्ध करके लिखें :
- राखीयां = ………………………
- हिरदय = ………………………
- विशमता = ………………………
- पुश्प = ………………………
- स्वाधिनता = ………………………
- खूशी = ………………………
- प्रन = ………………………
- चुनोती = ………………………
- रूलाई = ………………………
- जालिम = ………………………
उत्तर :
- राखीयां = राखियाँ
- स्वाधिनता = स्वाधीनता
- हिरदय = हृदय
- खूशी = खुशी
- विशमता = विषमता
- चुनोती = चुनौती
- प्रन = प्रण
- रूलाई = रुलाई
- पुश्य = पुश्प
- जालिम = ज़ालिम।
10. इन मुहावरों के अर्थ बताकर वाक्यों में प्रयोग करें :
फूले न समाना ________________________________
धूनी तपना ________________________________
उत्तर :
फूले न समाना = बहुत खुश होना – परीक्षा में प्रथम आने पर मोहन फूला नहीं समा रहा था।
धूनी तपना = कष्ट सहना – देश की रक्षा के लिए सारे देशवासियों को धूनी तपनी पड़ती है।
खुशी दोगुनी होना = प्रसन्नता बढ़ना – अपने मित्र के पास होने पर मेरी खुशी दोगुनी हो गई।
11. विपरीतार्थक शब्द लिखें :
- धरती = ………………………
- अमावस = ………………………
- पराधीनता = ………………………
- अमंगल = ………………………
- कठोर = ………………………
- मुक्ति = ………………………
उत्तर :
- धरती – आसमान।
- अमावस – पूर्णिमा।
- पराधीनता – स्वाधीनता।
- अमंगल मंगल।
- कठोर – कोमल।
- मुक्ति – बन्धन।
12. रचनात्मक अभिव्यक्ति –
(क) मौखिक अभिव्यक्ति
राखी से संबंधित कोई गीत याद करें और कक्षा में सुनायें।
उत्तर :
छात्र कक्षा में अध्यापक की सहायता से करें।
(ख) लिखित अभिव्यक्ति
क्या आप रक्षा बंधन पर अपनी बहन से राखी बंधवाते हो? क्यों ? लिखें।
उत्तर :
छात्र स्वयं करें।
13. रचनात्मक कार्य
अपने हाथ से राखी बनायें।
उत्तर :
छात्र अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं अभ्यास करें।
परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोतर
प्रश्न 1.
कवयित्री ने युवाओं को क्या प्रेरणा दी है?
उत्तर :
कवयित्री ने युवाओं को प्रेरणा दी है कि भाई के जेल में होने पर हमें खुशी नहीं मनानी चाहिए। देश की गुलामी को तोड़कर देश को आजाद करवाने में अपना योगदान दें।
प्रश्न 2.
बहनों को किन पर गर्व है?
उत्तर :
बहनों को अपने उन भाइयों पर गर्व है जो देश को आजाद करवाने के लिए जेल में बंद हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :
प्रश्न 1.
‘तड़ित’ कहाँ फूली नहीं समाती?
(क) घन में
(ख) गगन में
(ग) वन में
(घ) मन में।
उत्तर :
(क) घन में
प्रश्न 2.
‘घटा’ कहाँ फूली नहीं समाती?
(क) घन में
(ख) वन में
(ग) मन में
(घ) गगन में।
उत्तर :
(घ) गगन में।
प्रश्न 3.
‘लता’ कहाँ फूली नहीं समाती?
(क) घन में
(ख) वन में
(ग) गगन में
(घ) मन में।
उत्तर :
(ख) वन में
प्रश्न 4.
बधाई किन्हें है, जिन्हें कौन मिले हैं?
(क) भाई
(ख) बहन
(ग) पिता
(घ) पुत्र।
उत्तर :
(क) भाई
प्रश्न 5.
भादों है पर क्या नहीं छाई है?
(क) छटा
(ख) घटा
(ग) खुशी
(घ) रूलाई।
उत्तर :
(ख) घटा
प्रश्न 6.
कवयित्री का भाई कहाँ गया है?
(क) विदेश
(ख) जेल
(ग) अस्पताल
(घ) प्रभु के पास।
उत्तर :
(ख) जेल
प्रश्न 7.
राखी का त्यौहार किस महीने में आता है?
(क) श्रावण
(ख) भादों
(ग) बैशाख
(घ) चैत्र।
उत्तर :
(क) श्रावण
प्रश्न 8.
राखी का त्यौहार किस तिथि को मनाया जाता है?
(क) एकादशी
(ख) द्वादशी
(ग) त्रयोदशी
(घ) पूर्णिमा।
उत्तर :
(घ) पूर्णिमा।
प्रश्न 9.
कवयित्री का भाई जेल में क्यों है?
(क) चोरी करने के कारण
(ख) हत्या करने के कारण
(ग) स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने से
(घ) मारपीट करने से।
उत्तर :
(ग) स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने से
प्रश्न 10.
जल से भरे बादलों के समूह को क्या कहते हैं?
(क) घटा
(ख) घन
(ग) गगन
(घ) जलद।
उत्तर :
(क) घटा
राखी की चुनौती Summary in Hindi
राखी की चुनौती कविता का सार
‘राखी की चुनौती’ सुभद्रा कुमारी चौहान की एक देश – भक्तिपूर्ण रचना है। यह कविता हमारे देश की स्वतन्त्रता से पहले लिखी गई थी। एक बहन का भाई स्वतन्त्रता – आन्दोलन में जेल गया हुआ था। राखी का त्योहार आ गया। प्रायः बहनें इस अवसर पर फूली नहीं समातीं। जिनके भाई हैं, उन्हें बधाई है।
सजी हुई राखियाँ तो थीं, परन्तु लेखिका के भाई के जेल में बंद होने के कारण लेखिका के मन में खुशी नहीं थी। उसे दुःख भी नहीं था क्योंकि उसका भाई भारत माता की पुकार पर जेल गया था। वह भारत माँ की छिनी हुई आजादी को लेने गया था। बहन को इस बात का गर्व था। राखी सूनी पड़ी थी। यदि भाई होता तो कितनी खुशी होती।
कवयित्री देश के युवकों को सम्बोधित करते हुए कहती है – हम खुशियाँ मनाएँ और जेल गया हुआ भाई दुःख उठाए – यह सोचकर उसका हृदय दुःखी है। अब राखी बंधवाने के लिए कोई हाथ आगे आए। यह रेशम की डोरी नहीं है। यह तो लोहे की हथकड़ी है। यही प्रण लेकर बहन खड़ी है।
बहन पूछती है – क्या तुम आने को तैयार हो? क्या तुम्हें विषमता (असमानता) के बन्धन की लाज है? यदि है तो बन्दी बनो और देखो बन्धन कैसा होता है? यही आज इस राखी की तुम्हें चुनौती है।
राखी की चुनौती सप्रसंग व्याख्या
1. बहन आज फूली समाती न मन में,
तड़ित आज फूली समाती न घन में।
घटा है न फूली समाती गगन में,
लता आज फूली समाती न वन में।
शब्दार्थ :
- फूली = खुशी में, प्रसन्न।
- तड़ित = बिजली।
- घन = बादल।
- घटा = बादलों की टुकड़ी।
- गगन = आसमान।
- लता = बेल।।
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित ‘राखी की चुनौती’ नामक कविता में से ली गई हैं। इनमें कवयित्री ने राखी के त्योहार के अवसर पर देश के युवाओं को स्वतन्त्रता संग्राम में भाग लेने के लिए जेल जाने का आह्वान किया है।
व्याख्या – आज राखी के अवसर पर बहन अपने में फूली नहीं समा रही। वह बहुत खुश है। बादलों में बिजली चमक कर अपनी प्रसन्नता व्यक्त कर रही है। आकाश में घटा घिर – घिर कर आ रही है। आज जंगल में बेल फूली नहीं समा रही है।
भावार्थ – राखी के दिन चारों ओ खुशी के वातावरण का वर्णन किया गया है।
2. कहीं राखियां हैं, चमक है कहीं पर,
कहीं बूंद है, पुष्प प्यारे खिले हैं।
ये आई है राखी, सुहाई है पूनी,
बधाई उन्हें, जिनको भाई मिले हैं।
कठिन शब्दों के अर्थ :
- चमक = झिलमिलाना।
- पुष्प = फूल।
- सुहाई = सुन्दर लग रही है।
- पूनी = पूर्णिमा, पूर्णमासी (राखी का त्योहार श्रावण मास की पूर्णमासी के दिन मनाया जाता है।
प्रसंग – यह पद्यांश सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित ‘राखी की चुनौती’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवयित्री ने देश की स्वतन्त्रता के लिए जेल गए भाई के देश प्रेम पर गर्व किया है।
व्याख्या – कवयित्री राखी का त्योहार आने पर कहती है कि कहीं अनेक प्रकार की राखियाँ पड़ी हैं। कहीं पर चमकती हुई राखियों की झिलमिलाहट प्रतीत हो रही है। कहीं पानी की बूंदें झिलमिला रही हैं और कहीं सुंदर – सुंदर प्यारे फूल खिले हुए हैं। यह राखी का त्योहार आया है। राखी के कारण ही पूर्णमासी बहुत ही सुन्दर प्रतीत हो रही है। इस अवसर पर जिन बहनों को भाई मिले हैं, उन्हें बहुत – बहुत बधाई है। भाइयों वाली बहनें बधाई की पात्र हैं।
भावार्थ – चारों ओर फैली हुई राखियों का वर्णन किया गया है तथा भाइयों वाली बहनों को बधाई दी गई है।
3. मैं हूँ बहिन किन्तु भाई नहीं है,
है राखी सजी पर कलाई नहीं है।
है भादों, घटा किन्तु छाई नहीं है,
नहीं है खुशी पर रुलाई नहीं है,
कठिन शब्दों में अर्थ –
- कलाई = हाथ की कलाई।
- भादों = भादों का महीना।
- घटा = बदली।
- रुलाई = रोना।
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा लिखित कविता ‘राखी की चुनौती’ से ली गई हैं। प्रस्तुत पंक्तियों में कवयित्री ने देश की स्वतन्त्रता के लिए जेल गए भाई के देश प्रेम पर गर्व किया है।
व्याख्या – कवयित्री कहती है कि मैं बहन तो राखी बाँधने को तैयार हूँ परन्तु मेरा भाई यहाँ नहीं है। सजी – सँवरी राखी तो अवश्य है पर बादलों की भाई की वह कलाई नहीं है, जिस पर इसे बाँधना है। यह तो ऐसा ही है जैसे भादों का महीना तो हो परन्तु आकाश में बादल दिखाई न पड़ें। मेरे जीवन में भी राखी का त्योहार तो आया है परन्तु राखी को सार्थक करने वाला भाई का हाथ दिखाई नहीं पड़ रहा। भादों महीना तो अवश्य है पर बादलों की घटा आसमान में नहीं छायी है। भाई न होने के कारण खुशी नहीं है, परन्तु रोना – धोना भी नहीं है। क्योंकि भाई स्वाधीनता संग्राम में भाग लेने के कारण जेल में बन्द है। मेरे लिए यह गौरव की बात है।
भावार्थ – देश को स्वतन्त्र कराने के लिए जेल में बन्द भाइयों पर बहनों को गर्व है।
4. मेरा बन्धु माँ की पुकारों को सुनकर
के तैयार हो जेलखाने गया है।
छीनी हुई मां की स्वाधीनता को,
वह जालिम के घर में से लाने गया है।
कठिन शब्दों के अर्थ –
- बन्धु = भाई।
- माँ = भारतमाता।
- स्वाधीनता = आज़ादी।
- जालिम = अत्याचारी।
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमार चौहान द्वारा लिखित कविता ‘राखी की चुनौती’ से ली गई हैं। प्रस्तुत पंक्तियों में देश को स्वतन्त्र कराने के लिए एक बहन अपने भाई के देश – प्रेम पर गर्व कर रही है।
व्याख्या – कवयित्री राखी के त्योहार पर कह रही है कि मेरा भाई बेड़ियों में जकड़ी भारत माता की पुकार को सुनकर ही तैयार होकर जेल गया है। वह अंग्रेजों द्वारा छीनी गई देश की आजादी को अत्याचारी शासक के घर से वापस लाने को गया है।
भावार्थ – कवयित्री का भाई देश को आजाद कराने के लिए जेल में बंद है।
5. मुझे गर्व है किन्तु राखी है सूनी,
वह होता, खुशी तो क्या होती न दूनी।
हम मंगल मनावें, वह तपता है धूनी,
है घायल हृदय, दर्द उठता है खूनी।
कठिन शब्दों के अर्थ –
- गर्व = स्वाभिमान।
- दूनी = दुगुनी, दो गुनी।
- मंगल = खुशियाँ।
- तपता = कष्ट सहता।
- धूनी = दुःखों की आग।
प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित ‘राखी की चुनौती’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें देश को स्वतन्त्र कराने के लिए एक बहन अपने भाई के देश – प्रेम पर गर्व कर रही है।
व्याख्या – बहन राखी के अवसर पर कहती है कि मुझे अपने भाई पर गर्व है क्योंकि वह देश की आजादी के लिए जेल गया है। परन्तु मेरी राखी सूनी पड़ी है। यदि आज मेरा भाई होता तो क्या मेरे मन की खुशी दुगुनी न हो जाती। हम इस त्योहार पर खुशियाँ मनाएँ और वह जेल के कष्ट सहन करे; दुखों की आग में जले। यह सोचकर मेरा हृदय फटा जा रहा है और मुझे बहुत अधिक दुःख हो रहा है।
भावार्थ – भाई को जेल में बंद सोच कर राखी के अवसर पर बहन की खुशी नष्ट हो गई है।
6. अब तो बढ़े हाथ, राखी पड़ी है,
रेशम सी कोमल नहीं, यह कड़ी है।
अजी देखो लोहे की यह हथकड़ी है,
इसी प्रण को लेकर बहिन यह खड़ी है।।
कठिन शब्दों के अर्थ –
- कोमल = नर्म (मुलायम)।
- कड़ी = सख्त।
- प्रण = संकल्प।
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा लिखित कविता ‘राखी की चुनौती’ में से ली गई हैं। प्रस्तुत पंक्तियों में देश को स्वतन्त्र कराने के लिए एक बहन अपने भाई के देश – प्रेम पर गर्व कर रही है।
व्याख्या – एक बहन राखी के अवसर पर कहती है कि उसका भाई देश की आजादी के लिए जेल गया है। अब तो वह अपना हाथ आगे बढ़ाए, यह राखी पड़ी है। यह राखी रेशम की कोमल डोरी नहीं। यह तो लोहे की हथकड़ी है। आजादी के लिए जेल जाने का निमन्त्रण है। भाई का हाथ राखी बंधवाने के लिए आगे बढ़े, यह बहन ऐसा संकल्प लेकर खड़ी है।
भावार्थ – बहन राखी को चुनौती के रूप में भाई को बाँधना चाहती है, जिससे वह देश को आजाद कराने के लिए जेल जाने से भी नहीं घबराए।
7. आते हो भाई? पुनः पूछती हूँ
विषमता के बन्धन की है लाज तुमको?
तो बन्दी बनो देखो बन्धन है कैसा
चुनौती यह राखी की है आज तुमको।
शब्दार्थ –
- पुनः = फिर।
- विषमता = भेदभाव।
- लाज = लज्जा, शर्म।
- बन्दी = कैदी।
- चुनौती = चेतावनी।
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा लिखित कविता ‘राखी की चुनौती’ से ली गई हैं। प्रस्तुत पंक्तियों में देश को स्वतन्त्र कराने के लिए एक बहन अपने भाई को राखी की चुनौती देती है। उसके देश हित के लिए जेल जाने पर गर्व कर रही है।
व्याख्या – एक देशभक्त बहन अपने देशभक्त भाई की तलाश में है। बहन कहती है कि हे भाई, मैं फिर पूछती हूँ, क्या तुम आ रहे हो? क्या तुम्हें गुलामी के भेदभावपूर्ण बन्धन की लाज है? तो तुम देश के लिए बंदी बनो, गुलामी कैसी होती है – इसे देखो। आज तुम्हें राखी की यह चुनौती है।
भावार्थ – बहन भाई को राखी की लाज बचाने के लिए देश को आजाद कराने के लिए कहती है।