Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 6 नील गगन का नीलू Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 6 नील गगन का नीलू (2nd Language)
Hindi Guide for Class 8 PSEB नील गगन का नीलू Textbook Questions and Answers
नील गगन का नीलू अभ्यास
1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं लिखें एवं पढ़ें।
2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :
उत्तर :
छात्र स्वयं लिखें एवं पढ़ें।।
3. शब्दार्थ
- लालायित = इच्छुक
- दखल-अंदाजी = रोड़ा अटकाना, हस्तक्षेप करना
- मूल्यवान – कीमती
- मेधावी – तीव्र बुद्धि वाला, ज्ञानी
- मूल्याँकन – मूल्य आँकना अल्प थोड़ा
- सीमा-भेदन – सीमा तोड़ना
- ध्येय = लक्ष्य
- दुर्भाग्यवश = बदकिस्मती से
- बाल हठ = बच्चे की जिद्द
- परामर्श = सलाह
- अनुमानित = अनुमान लगाया हुआ
- एकमात्र – अकेला
- सक्षम – समर्थ
उत्तर :
छात्र स्वयं लिखें – पढ़ें एवं याद करें।
4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :
(क) नीलू का पूरा नाम क्या था?
उत्तर :
नीलू का पूरा नाम अनिल शर्मा था।
(ख) बचपन से ही उसकी रुचि फ्लाईंग में क्यों हो गई ?
उत्तर :
उसके पिता वायुसेना में सार्जेण्ट थे। वह घण्टों आकाश में उड़ते जहाज़ों को देखता रहता था इसलिए बचपन से ही उसकी रुचि फ्लाईंग में हो गई।
(ग) उड़ते हुए वायुयान को देखकर वह मन ही मन क्या सोचता?
उत्तर :
वह मन ही मन सोचता है कि मैं भी बड़ा होकर विमान उड़ाऊँगा और देश का नाम ऊँचा करुंगा।
(घ) उसने पायलट का प्रशिक्षण कहाँ से लिया?
उत्तर :
उसने पायलट का प्रशिक्षण बिदर से लिया।
(ङ) उसने किन-किन क्षेत्रों में देश की सेवा की?
उत्तर :
बाढ़, सीमा सुरक्षा, वायुयान प्रशिक्षण एवं पायलट के क्षेत्रों में देश की सेवा की।
(च) उसे किस प्रकार के कार्यों में रुचि थी?
उत्तर :
उसे चनौतीपर्ण कार्यों को करने में रुचि थी।
(छ) 12 नवम्बर, 2000 को भारतीय तट रक्षा बल ने पश्चिमी सीमा पर क्या देखा?
उत्तर :
12 नवम्बर, सन् 2000 को भारतीय तट रक्षा बल ने पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तानी मछुआरों की किश्तियां देखीं।
(ज) पाकिस्तानी मछुआरों ने किसे अपना निशाना बनाया?
उत्तर :
पाकिस्तानी मछुआरों ने दखलअंदाजी को जांचने आए हैलीकाप्टर को अपना निशाना बनाया।
(झ) 26 नवम्बर, 2009 को ऐसी ही घुसपैठ किस स्थान पर हुई?
उत्तर :
26 नवम्बर, सन् 2009 को ऐसी ही घुसपैठ मुम्बई में हुई।
5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :
(क) किन-किन घटनाओं से पता चलता है कि अनिल शर्मा असाधारण प्रतिभा के स्वामी थे?
उत्तर :
- बाल हठ से चार वर्ष की आयु में ही पहली कक्षा में दाखिला करवा लिया।
- केवल चौदह वर्ष की आयु में ही विशेष अनुमति द्वारा मैट्रिक की परीक्षा पास की।
- जहाजों को उड़ते देख बचपन में ही जहाज़ उड़ाने का संकल्प कर लिया।
- बी० एससी० नॉन मैडिकल की परीक्षा में गणित में 100 में से 91 अंक प्राप्त किए।
- सन् 1987 में सी० डी० एस० की परीक्षा में चंडीगढ़ से अकेले सफल हुए।
(ख) किस घटना से पता चलता है कि उनमें पूरा आत्मविश्वास था?
उत्तर :
बी० एससी० की परीक्षा में उनके गणित में 100 में से 71 अंक आए किन्तु उन्होंने मां को बताया कि उसके अनुमान से तो 100 में से 91 अंक आने चाहिए थे। इससे मां ने उसका दोबारा मूल्यांकन करवाया जिससे उसके 91 अंक ही आए। इस कथन से पता चलता है कि उनका पूरा आत्मविश्वास था।
6. इन मुहावरों/लोकोक्तियों के अर्थ समझते हुए वाक्यों में प्रयोग करें :
- मौत की नींद सुलाना ____________________
- सीना छलनी करना ____________________
- होनहार बिरवान के ____________________
- होत चीकने पात ____________________
- सुध लेना ____________________
- ताकते रह जाना ____________________
- मंत्र-मुग्ध होना ____________________
उत्तर :
- मौत की नींद सुलाना – मार देना – नीलू ने शत्रुओं को मौत की नींद सुला दिया था।
- सीना छलनी करना – मार देना – वीर सैनिक ने शत्रुओं का अपनी गोलियों से सीना छलनी कर दिया था।
- गौरवान्वित करना – गौरव महसूस करना – देशभर में प्रथम आकर प्रज्ञा ने राज्य को गौरवान्वित किया।
- होनहार बिरवान के होत चीकने पात – मेधावी तो बचपन से ही दिख जाता है नीलू स्वभाव से ही साहसी, दृढ़ निश्चयी एवं मेधावी था उसे देखकर लगता है कि होनहार बिरवान के होत चीकने पात।
- सुध लेना – ध्यान देना – अतिव्यस्त होने पर भी माँ ने बच्चे की सुध ली।
- ताकते रह जाना – देखते ही/हैरान रह जाना – चिडियाघर में रवि शेर को ताकता ही रहा।
- मंत्र – मुग्ध होना – लीन होना – प्रताप वायुयान को देखकर मंत्र मुग्ध हो गया था।
7. अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द लिखें :
- देश की रक्षा के लिए कुर्बान होना ____________________
- कभी न थकने वाला ____________________
- जिसे किसी का भी डर न हो ____________________
- अपने आप पर भरोसा होना ____________________
- वायुयान चलाने वाला ____________________
- समय से पूर्व ____________________
- बचपन की जिद ____________________
- घुसपैठ करने वाला ____________________
उत्तर :
- देश की रक्षा के लिए कुर्बान होना = शहादत
- कभी न थकने वाला = अथक
- जिसे किसी का भी डर न हो = निडर
- अपने आप पर भरोसा होना = आत्मविश्वास
- वायुयान चलाने वाला = पायलट/वायुयान चालक
- समय से पूर्व = असमय
- बचपन की जिद्द = बालहठ
- घुसपैठ करने वाला = घुसपैठिया
8. विपरीत शब्द बनायें :
- अ + साधारण = असाधारण
- अ + टूट =
- अ + समय =
- अ + थक =
- अ + सफल =
- अ + न्याय =
उत्तर :
- अ + साधारण = असाधारण
- अ + टूट = अटूट
- अ + समय = असमय
- अ + थक = अथक
- अ + सफल = असफल
- अ + न्याय = अन्याय
9. इन वाक्यों में सर्वनाम शब्दों को रेखांकित करें एवं विशेषण शब्दों पर गोला लगायें।
(क) वे(निपुण) परीक्षक के रूप में (प्रसिद्ध) हो गये।
(ख) वे अटूट साहस वाले व्यक्ति थे।
(ग) उनका ध्येय राष्ट्रीय पुरस्कार या सम्मान पाना ही नहीं था।
(घ) पिता को उनका दाखिला चार वर्ष की आयु में ही प्रथम कक्षा में करवाना पड़ा।
(ङ) उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने का कार्य स्काड्रन लीडर अनिल शर्मा ने कर दिखाया।
उत्तर :
(क) वे (निपुण) परीक्षक के रूप में (प्रसिद्ध) हो गये।
(ख) वे (अटूट) साहस वाले व्यक्ति थे।
(ग) उनका ध्येय (राष्ट्रीय) पुरस्कार या सम्मान पाना ही नहीं था।
(घ) पिता को उनका दाखिला (चार) वर्ष की आयु में ही प्रथम)कक्षा में करवाना पड़ा।
(ङ) उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने का कार्य (स्काड्रन लीडर) अनिल शर्मा ने कर दिखाया।
रचनात्मक अभिव्यक्ति
(क) मौखिक अभिव्यक्ति :
युद्ध एवं इसके अलावा देश पर कुर्बान होने वाले भारत माता के वीर सपूतों की जीवनियाँ पढ़ें एवं कक्षा में सुनायें।
उत्तर :
अध्यापकों की सहायता से पढ़ें एवं सुनें।
(ख) लिखित अभिव्यक्ति :
(i) 26 नवम्बर, 2009 को मुंबई स्थित ताज होटल में हुई हृदयविदारक दुर्घटना के बारे जानकारी प्राप्त करें और अपने सुझाव दें कि ऐसी विकट परिस्थिति में हमें क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
उत्तर :
ऐसी विकट परिस्थिति में हमें निम्नलिखित सावधानी बरतनी चाहिए –
- दुश्मनों का साहस से डटकर मुकाबला करना चाहिए।
- शत्रुओं की शक्ति को पहचान लेना चाहिए।
- धैर्य एवं विश्वास रखना चाहिए।
(ii) हमारे देश में कितनी प्रकार की सेनाएँ हैं ? तीन पंक्तियों में लिखें।
उत्तर :
हमारे देश में तीन प्रकार की सेनाएं हैं –
- थल सेना
- जल सेना
- वायुसेना।
परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
भारत के वीर देश की आजादी के लिए क्या देने को तत्पर रहते हैं?
उत्तर :
भारत के वीर देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने को तत्पर रहते हैं।
प्रश्न 2.
भारत के वीर किसमें गौरव महसूस करते हैं?
उत्तर :
भारत के वीर अपने देश तथा देशवासियों की सुरक्षा के लिए शहीद होने में गौरव महसूस करते हैं।
प्रश्न 3.
नीलू के स्वभाव की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर :
नीलू के स्वभाव की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं
- वह बचपन से ही दृढ़ निश्चयी था।
- वह बहुत ज़िद्दी था।
- वह मेधावी था।
- वह साहसी एवं निडर था।
प्रश्न 4.
नीलू की बहन का क्या नाम था?
उत्तर :
नीलू की बड़ी बहन का नाम शुभला था।
प्रश्न 5.
सन् 2000 में हिमाचल में बादल फटने से आई बाढ़ में नीलू द्वारा किए गए बचाव कार्य से खुश होकर वहाँ के लोगों ने क्या किया?
उत्तर :
वहाँ के लोग अपने आप को नीलू का ऋणी मानते हैं। वहाँ की लड़कियों एवं महिलाओं ने नीलू को राखियाँ बांधकर नम आँखों से विदा किया था।
प्रश्न 6.
नीलू ने दसवीं की परीक्षा किस आयु में उत्तीर्ण की?
उत्तर :
नीलू ने केवल चौदह वर्ष की आयु में विशेष अनुमति से दसवीं की परीक्षा पास की।
प्रश्न 7.
नीलू ने कौतुक का प्रथम परिचय कब और कहां दिया?
उत्तर :
नील ने अपने कौतक का परिचय 26 जनवरी, सन 2000 को राजधानी दिल्ली में गणतन्त्र दिवस की परेड में हैलीकॉप्टर द्वारा दिया था। उन्होंने बताया था कि किस प्रकार एक पायलट लोगों की जान बचाने में सक्षम होता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :
प्रश्न 1.
नीलू का पूरा नाम क्या था?
(क) सुनील शर्मा
(ख) अनिल शर्मा
(ग) नील शर्मा
(घ) नीलम शर्मा।
उत्तर :
(ख) अनिल शर्मा
प्रश्न 2.
नीलू सेना में किस पद पर थे?
(क) कैप्टन
(ख) ग्रुपलीडर
(ग) स्काड्रन लीडर
(घ) कमांडर।
उत्तर :
(ग) स्काड्रन लीडर
प्रश्न 3.
नीलू ने किस आयु में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी?
(क) 13 वर्ष
(ख) 14 वर्ष
(ग) 15 वर्ष
(घ) 16 वर्ष।
उत्तर :
(ख) 14 वर्ष
प्रश्न 4.
नीलू ने सी० डी० एस० की परीक्षा कब उत्तीर्ण की थी?
(क) 1986
(ख) 1987
(ग) 1988
(घ) 1989
उत्तर :
(ख) 1987
प्रश्न 5.
नीलू ने पायलट का प्रशिक्षण कहाँ से लिया था?
(क) बिठूर
(ख) बिदर
(ग) बैंगलुरु
(घ) बैरकपुर।
उत्तर :
(ख) बिदर
प्रश्न 6.
नीलू का जन्म कब हुआ था?
(क) 7 – 6 – 1966
(ख) 7 – 10 – 1966
(ग) 7 – 11 – 1966
(घ) 7 – 12 – 1966
उत्तर :
(क) 7 – 6 – 1966
प्रश्न 7.
नीलू का जन्म कहाँ हुआ था?
(क) चंडीगढ़
(ख) होशियारपुर
(ग) करतारपुर
(घ) फिरोजपुर।
उत्तर :
(ग) करतारपुर
प्रश्न 8.
नीलू के पिता किस सेना में थे?
(क) थल सेना
(ख) वायु सेना
(ग) जल सेना
(घ) बी० एस० एफ०।
उत्तर :
(ख) वायु सेना
प्रश्न 9.
नीलू देश पर कब कुर्बान हो गए?
(क) 12 – 11 – 2000
(ख) 12 – 9 – 2000
(ग) 12 – 10 – 2000
(घ) 12 – 12 – 2000
उत्तर :
(क) 12 – 11 – 2000
प्रश्न 10.
पाकिस्तान ने भारत की ओर बिना चालक का कौन – सा विमान छोड़ा था?
(क) एलफैंटा
(ख) एटलान्टिक
(ग) पैरामाउंट
(घ) पैरागन।
उत्तर :
(ख) एटलान्टिक
नील गगन का नीलू Summary in Hindi
नील गगन का नीलू पाठ का सार
‘नील गगन का नीलू’ नामक पाठ सुधा जैन ‘सुदीप’ द्वारा रचित है। इसमें लेखिका ने शहीद नीलू के साहस, समर्पण एवं त्याग भावना का वर्णन किया है। नीलू अटूट साहसी, निडर, स्वाभिमानी, सच्चे देशभक्त स्काड्रन लीडर थे। वे बचपन से ही दृढ़ निश्चयी थे। उनकी बाल – हठ के कारण उनके पिता को चार वर्ष की आयु में ही उनका प्रथम कक्षा में दाखिला करवाना पड़ा। उसके खिलौने में केवल वायुयान ही होते थे।
उसके पिता हरी प्रकाश शर्मा वायसेना में सार्जेण्ट थे। इसी से नील की रुचि फ्लाइंग में होना स्वाभाविक था। वह घण्टों तक उड़ते जहाजों को देखता और मन ही मन सोचता रहता था। उसने विशेष अनुमति द्वारा केवल चौदह वर्ष की आयु में ही मैट्रिक की परीक्षा पास कर ली थी। बी०एस सी० (नॉन मैडीकल) की परीक्षा में उनके 100 में से 91 अंक आए थे। सन् 1987 ई० में सी०डी०एस० की परीक्षा में चण्डीगढ़ से सफल होने वाले वे अकेले युवक थे।
उनकी रेकिंग के हिसाब से उनके सामने जल, थल और वायु सेना में से किसी को भी चुनने का विकल्प था किन्तु इन्होंने अपनी रुचि के अनुसार वायु सेना को ही चुना और बिदर में पायलट प्रशिक्षण लिया। सन् 1993 में दीपिका शर्मा से इनका विवाह हुआ जिनसे रुशिल और वैभव पुत्री – पुत्र प्राप्त हुए। उनकी असाधारण प्रतिभा एवं समर्पण के कारण उन्हें जल्दी ही वायुयान – चालक परीक्षक नियुक्त कर दिया गया।
वे स्वभाव से ही अपना काम जल्दी निपटा लिया करते थे। वे 7 नवम्बर, सन् 1966 ई० को करतारपुर में समय से पूर्व अर्थात् असमय पैदा हुए, असमय बोलने लगे, असमय पढ़ने लगे, असमय नौकरी करने लगे तथा असमय ही मातृ भूमि के लिए न्योछावर हो गए। उन्होंने अल्पकाल में अनेक क्षेत्रों में अपने देश की सेवा की। सन् 1999 में पाकिस्तान ने यू०एम०बी०, बिना चालक चलने वाला विमान एटलान्टिक भारत की तरफ छोड़ा जिसे अनिल ने अपनी टीम के साथ मिलकर शत्रु के नापाक इरादों को असफल कर दिया।
26 जनवरी, सन् 2000 को उन्होंने राजधानी में गणतन्त्र दिवस की परेड में हैलीकाप्टर द्वारा अपने कौतुक का परिचय दिया। उन्होंने सैनिकों से भरी जीप को हैलीकाप्टर द्वारा ऊपर उठाकर सबको चकित कर दिया था। जुलाई 2000 में रामपुर बुशैर (हिमाचल) में बादल फटने से आई भीषण बाढ़ में फंसे लोगों की जान बचाई तथा उनकी सहायता की। नीलू सदा चुनौतीपूर्ण कार्य करने को तैयार रहते थे। वे कभी भी अपने कर्त्तव्य से विमुख नहीं होते थे।
12 नवम्बर, सन् 2000 को भारतीय तट रक्षा हेतु नीलू अपनी टीम के साथ भारतीय सीमा में घुसे पाकिस्तानी सैनिकों को जांचने गए। पाकिस्तानी सैनिकों ने मछुआरों के भेष में हैलीकाप्टर पर मिसाइल फैंकी। नीलू का हैलीकाप्टर कच्छ की दलदल में जा गिरा जिस कारण सात अधिकारी शहीद हो गए थे। नीलू भी इसमें शहीद हो गए थे। उन्होंने भारत की सुरक्षा के लिए स्वयं को कुर्बान कर दिया।
नील गगन का नीलू सप्रसंग व्याख्या
1. भारत के वीर देश की आजादी की रक्षा की खातिर सदैव कुर्बान होने को लालायित रहते हैं। उनका ध्येय मात्र राष्ट्रीय पुरस्कार या सम्मान पाना ही नहीं होता बल्कि वे देश व देशवासियों की सुरक्षा के लिए शहीद होने में गौरवान्वित महसूस करते हैं। ऐसे ही बुलन्द हौसले वाले, अटूट साहसी, जिन्हें मौत का डर न था। वे थे स्काड्रन लीडर अनिल शर्मा उर्फ ‘नीलू’।
बाल्यकाल से ही दृढ़ निश्चयी नीलू अपनी बड़ी बहन ‘शुभला’ का दाखिला करवाने गए पिता से जिद्द पर उतर आए कि उन्हें भी स्कूल में भर्ती करवाया जाये। भला बाल – हठ व दृढ़ निश्चय के सामने कौन नहीं झुकता? पिता को उनका दाखिला चार वर्ष की आयु में ही प्रथम कक्षा में करवाना पड़ा।
प्रसंग – यह गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘नील गगन का नीलू’ शीर्षक से लिया गया है। यह लेखिका सुधा जैन ‘सुदीप’ द्वारा लिखित है। इसमें लेखिका ने भारतीय वीर नीलू की देश भक्ति के बारे में बताया है।
व्याख्या – लेखिका कहती है कि भारत के वीर जवान अपने देश की आजादी की रक्षा के लिए सदा कुर्बान होने को इच्छुक रहते हैं। उनका लक्ष्य केवल राष्ट्रीय पुरस्कार अथवा सम्मान को प्राप्त करना नहीं होता बल्कि वे तो अपने और देशवासियों की सुरक्षा के लिए शहीद होने में गौरव का अनुभव महसूस करते हैं। ऐसे ही बुलंद हौंसले वाले अटूट साहसी जिन्हें अपनी मृत्यु का भी डर नहीं था स्काड्रन लीडर अनिल शर्मा उर्फ ‘नीलू’ थे। वे बचपन से ही दृढ निश्चयी थे। जब उसके पिता बड़ी बहन शुभला का स्कूल में दाखिला करवाने गए तो वह अपने पिता से अपना भी दाखिला करवाने के लिए जिद्द करने लगे । उनके पिता को उसकी बाल – हठ तथा दृढ़ निश्चय के सामने झुकना पड़ा और उनका दाखिला चार वर्ष की आयु में ही पहली कक्षा में करवाना पड़ा।
भावार्थ – देशभक्त नीलू के साहस, दृढ़ निश्चय, जिद्द एवं पढ़ाई के प्रति इच्छा को दर्शाया गया है।
2. नीलू के खिलौनों में केवल वायुयान ही होते थे। पिता हरी प्रकाश शर्मा वायुसेना में सार्जेण्ट थे। इसलिए नीलू की रुचि फ्लाईंग में होना स्वाभाविक ही था। वे घण्टों आकाश में उड़ते जहाजों को देखते और मन ही मन बुदबुदाते :
“दिख विमानों को उड़ते, मन ही मन हर्षाऊँ,
बड़ा होकर देश का, मैं परचम फहराऊँ।”
प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश सुधा जैन ‘सुदीप’ द्वारा लिखित ‘नील गगन का नीलू’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखिका ने देशभक्त नीलू के बचपन तथा उसकी रुचि का वर्णन किया है।
व्याख्या – लेखिका कहती है कि बचपन में नीलू के खिलौनों में केवल वायुयान ही होते थे। वे बचपन से ही वायु सेना में वायुयान उड़ान का सपना देखते थे। उनके पिता हरी प्रकाश शर्मा वायुसेना में सार्जेण्ट के पद पर थे। इसलिए नीलू की रुचि वायुयान उड़ाने में होना स्वाभाविक ही था। वे कई – कई घंटे तक आकाश में उड़ते हुए जहाजों को देखते रहते थे और अपने मन ही मन में यह बात दोहराते रहते थे कि आकाश में उड़ते इन विमानों को देखकर मैं मन ही मन खुश होता हूँ। मैं भी इनकी तरह बड़ा होकर अपने देश का नाम ऊँचा करूँगा। मैं भी एक दिन अवश्य ही वायुयान उड़ाऊँगा।।
भावार्थ – देशभक्त नीलू के दृढ़ निश्चय एवं इच्छा के बारे में बताया गया है।
3. जुलाई 2000 में राम पुर बुशैर (हिमाचल) में बादल फटने से आई बाढ़ जैसी भीषण परिस्थितियों में बचाव कार्य द्वारा अनेक लोगों की जानें बचाने का जोखिम भरा कार्य किया जिसके लिए आज भी वहाँ के लोग अपने – आप को ऋणी मानते हैं। जहाँ तक कि वहाँ की लड़कियाँ और महिलाओं ने तो अनिल को राखियाँ बाँधकर अश्रुओं से भरी आँखों से वहाँ से विदा किया था।
प्रसंग – यह गद्यांश लेखिका सुधा जैन ‘सुदीप’ द्वारा रचित ‘नील गगन का नीलू’ शीर्षक से लिया गया है। इसमें लेखिका ने जुलाई 2000 में हिमाचल में बादल फटने से आई भीषण बाढ़ में नीलू द्वारा की गई सेवा एवं सहयोग को प्रकट किया है।
व्याख्या – लेखिका कहती है कि जुलाई 2000 में रामपुर बुशैर हिमाचल प्रदेश में अचानक बादल फटने से भयंकर बाढ़ आ गई थी। उस समय वहाँ भयंकर परिस्थितियां थीं। इन भयकर परिस्थितियों में भी नीलू ने बचाव कार्य किए। उन्होंने अनेक लोगों की जान बचाने का जोखिमपूर्ण कार्य किया जिसके लिए आज भी वहाँ के लोग अपने आप को ऋणी मानते हैं। यहाँ तक कि वहाँ की लड़कियों एवं महिलाओं ने तो अनिल को राखियाँ बाँधकर आँसुओं से भरी आँखों से विदा किया था।
भावार्थ – नीलू के सहयोग, भाईचारे एवं देश प्रेम एवं मानव प्रेम को दर्शाया है।
4. “देश रक्षा की खातिर, मैं नील गगन उड़ जाऊँ
नीलाम्बर से नील नीर में, मैं नीलू मिल जाऊँ।”
ऐसी भावना से ओतप्रोत नीलू हमेशा चुनौती पूर्ण कार्यों को करने में तत्पर रहते थे। वे कभी भी अपने कर्त्तव्य से विमुख नहीं हुए।
प्रसंग – यह गद्यांश लेखिका सुधा जैन द्वारा लिखित पाठ ‘नील गगन का नीलू’ शीर्षक से उद्धृत है। इसमें नीलू की देशभक्ति एवं समर्पण को बारे में बताया गया है।
व्याख्या – नीलू कहता था कि मैं अपने देश के लिए नीले आकाश में उड़ें और नीले आकाश से नीले जल में मिल जाऊँ अर्थात् मैं अपने देश की सेवा करते हुए न्योछावर हो जाऊँ। ऐसी देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत नीलू सदा ही चुनौती से भरे कार्यों को करने के लिए तैयार रहते थे। वे कभी भी अपने कर्त्तव्य से मुँह नहीं मोड़ते थे। सदा अपना कर्त्तव्य साहस एवं निष्ठा से पूरा करते थे।
भावार्थ – नीलू की देशभक्ति, साहस एवं कर्त्तव्य भावना को दर्शाया गया है।