Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Muhavare मुहावरे Exercise Questions and Answers, Notes.
PSEB 8th Class Hindi Grammar मुहावरे (2nd Language)
मुहावरे जब कोई वाक्य या वाक्यांश अपने साधारण अर्थ को छोड़कर एक विशेष अर्थ को प्रकट करे, उसे मुहावरा या वाक्यांश कहा जाता है।
वाक्य प्रयोग सहित आवश्यक मुहावरे :
अन्धे की लकड़ी = एकमात्र सहारा,
प्रयोग – राकेश ही बुढ़ापे में मुझ अन्धे की लकड़ी है।
अंग – अंग ढीला होना = थक जाना,
प्रयोग – दिन भर के परिश्रम से मजदूरों का अंग अंग ढीला हो जाता है।
अपनी पीपनी बजाना = अपनी बातें करते रहना,
प्रयोग – तुम अपनी पीपनी बजाते रहोगे या कुछ मेरी भी सुनोगे।
अंगूठा दिखाना = इन्कार कर देना,
प्रयोग – नेता लोग चुनाव के दिनों में बीसियों वायदे करते हैं, परन्तु बाद में अंगूठा दिखा देते हैं।
अंगुलियों पर नचाना = वश में रखना,
प्रयोग – सुधा के क्या कहने, वह तो घर वालों को अंगुलियों पर नचाती है।
अंगुली उठाना = दोष लगाना, निन्दा करना,
प्रयोग कर्त्तव्यपरायण व्यक्ति पर कोई अंगुली नहीं उठा सकता।
अन्धेरे घर का उजाला = इकलौता पुत्र,
प्रयोग – मनोहर सिंह राम सिंह के अंधेरे घर का उजाला है।
अपना उल्लू सीधा करना = स्वार्थ निकालना,
प्रयोग – आज हर कोई अपना उल्लू सीधा करना चाहता है।
अगर – मगर करना = टाल मटोल करना,.
प्रयोग – कभी भी अगर – मगर नहीं करना चाहिए, सदैव हाँ या नहीं में उत्तर देना ही उचित है।
आँख से आँख न मिलाना = लज्जा से सामने न देखना,
प्रयोग – अध्यापक महोदय ने जब प्रदीप को नकल करते रंगे हाथों पकड़ लिया तो वह आँख से आँख न मिला सका।
आँख उठाना = बुरी नजर से देखना,
प्रयोग – अब चीन और पाकिस्तान की क्या हिम्मत जो भारत की ओर आँख उठा सके।
आँखें भर आना = आँसू निकलना,
प्रयोग – अपने प्यारे नेता के देहांत का समाचार सुनकर देशवासियों की आँखें भर आईं।
आँखें खुलना = होश आना,
प्रयोग – हानि उठा कर ही अक्सर इन्सान की आँखें खुलती हैं।
आँखें दिखाना = क्रोध से घूरना,
प्रयोग – बेटा बड़ा हो गया है, अब इसे आँखें दिखाना छोड़ दें।
आँखें चुराना = नज़र बचाना,
प्रयोग – स्वार्थी मित्र संकट में आँखें चुराने लगते हैं।
आँखें बिछाना = स्वागत करना,
प्रयोग – प्रधानमन्त्री के आने पर नगरवासियों ने उनके स्वागत में अपनी आँखें बिछा दीं।
आड़े हाथों लेना = खरी – खरी सुनाना,
प्रयोग – सोहन के लगातार बोलने पर मैंने उसे आड़े हाथों लिया।
आग बबूला होना = बहुत क्रुद्ध होना,
प्रयोग – अंगद की खरी – खोटी सुन कर रावण आग बबूला हो गया।
आँखों का तारा = बहुत प्यारा,
प्रयोग – सुनील तो माता – पिता की आँखों का तारा है।
आकाश – पाताल एक करना = बहुत प्रयत्न करना,
प्रयोग – चोर ने बचने के लिए आकाश – पाताल एक कर दिया लेकिन उसकी एक न चली।
आग में घी डालना = झगड़े को बढ़ाना,
प्रयोग – बलदेव ने आकर तो आग में घी डाल दिया।
आँखों में खटकना = बुरा लगना,
प्रयोग – शरारती लड़के सदा दूसरों की आँखों में खटकते हैं।
आँखों में धूल झोंकना = धोखा देना,
प्रयोग – ठग राम की आँखों में धूल झोंक कर पाँच सौ रुपये ले गया। आसमान सिर पर उठाना = बहुत शोर करना, निकलते ही लड़कों ने आसमान सिर पर उठा लिया।
आँखें मल – मल कर देखना = हैरान होना,
प्रयोग – भारत की विजय होते देख शत्रु देश आँखें मल – मल कर देखने लगे।
ईद का चाँद होना = बहुत दिनों बाद दिखाई देना,
प्रयोग-अरे सुरेश! तुम तो ईद के चाँद हो गए हो, कहाँ रहते हो ?
ईंट से ईंट बजाना = नाश करना, तबाही मचाना,
प्रयोग – शिवाजी ने मुग़ल सल्तनत की ईंट से ईंट बजा दी थी।
ईंट का जवाब पत्थर से देना = करारा जवाब,
प्रयोग – भारत ने हर आक्रमणकारी को ईंट का जवाब पत्थर से दिया है।
उधेड़ – बुन में होना = चिन्ता या फ़िक्र में पड़ना,
प्रयोग – अरे राकेश! उधेड़ – बुन में क्यों पड़े हो ? कुछ काम – धाम करो।
अथवा
परीक्षा सिर पर है, अब उधेड़ – बुन में पड़ना व्यर्थ है।
उल्टी गंगा बहाना = उल्टा कार्य करना,
प्रयोग – हर बात में बेटे की सलाह मानकर अपने घर में उल्टी गंगा बहा रखी है।
उन्नीस – बीस का अन्तर = बहुत कम फर्क,
प्रयोग – मोहन तथा सोहन में कद का उन्नीस – बीस का अन्तर है।
एक आँख से देखना = बराबर का बर्ताव,
प्रयोग – माता – पिता अपने सभी बच्चों को एक आँख से देखते हैं।
एड़ी चोटी का जोर लगाना = पूरा जोर लगाना,
प्रयोग – औरंगजेब ने शिवाजी को पकड़ने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया लेकिन सफल. न हो सका।
कदम चूमना = स्वागत करना,
प्रयोग – सफलता परिश्रमी आदमी के कदम चूमती है।
कमर कसना = तैयार होना,
प्रयोग – आज से मैंने पढ़ाई के लिए कमर कस ली है।
कमर टूटना = निराशा होना, उत्साह भंग होना,
प्रयोग – जवान बेटे की मौत पर वृद्ध की कमर टूट गई।
काम आना = युद्ध में मारे जाना,
प्रयोग – भारत – पाक युद्ध में अनेक भारतीय वीर काम आए।
कलम तोड़ना = बहुत बढ़िया लिखना,
प्रयोग – सुंदर ने चाहे थोड़ा लिखा है पर कलम तोड़ कर रख दी।
कसौटी पर कसना = बहुत परखना,
प्रयोग – मैं पहले व्यक्ति को कसौटी पर कस लेने के पश्चात् ही मित्र बनाता हूँ।
काला अक्षर भैंस बराबर = अनपढ़ व्यक्ति,
प्रयोग – ग्रामों में बहुत – से व्यक्ति ऐसे हैं जिनके लिए काला अक्षर भैंस बराबर है।
कान भरना = चुगली करना,
प्रयोग – कान भरने की आदत अच्छी नहीं होती।
कान पर जूं न रेंगना = कोई असर न होना,
प्रयोग – मेरे लाख कहने पर भी उसके कान पर जूं तक न रेंगी।
कलेजा मुँह को आना = बहुत बेचैनी या घबराहट होना,
प्रयोग – बस दुर्घटना में घायल यात्रियों की दशा देखकर कलेजा मुँह को आता था।
कलेजे पर साँप लोटना = ईर्ष्या से जलना,
प्रयोग – हरि सिंह की लाटरी का समाचार पाकर कश्मीरा सिंह के कलेजे पर साँप लोटने लगा।
कोल्हू का बैल = रात – दिन काम करने वाला,
प्रयोग – कोल्हू का बैल बनने पर भी आजकल निर्वाह कठिनता से होता है।
कोरा जवाब देना = साफ़ इन्कार करना,
प्रयोग – जब मैंने सोहन से साइकिल माँगी तो उसने मुझे कोरा जवाब दे दिया।
क्रोध पी जाना = गुस्से को प्रकट न करना,
प्रयोग – सास की जली कटी बातें सुनकर भी बहू क्रोध पी जाती है।
खन के प्यासे होना = कट्टर शत्रु, जानी दुश्मन होना,
प्रयोग – आजकल तो भाई – भाई खून के प्यासे हो जाते हैं।
खून का चूंट पीना = क्रोध को दिल में दबाए रखना,
प्रयोग – लाभ सिंह की पत्नी अपनी सास की गालियाँ सुनकर खून का चूंट पीये रहती है।
खाला जी का घर = आसान काम,
प्रयोग – बोर्ड की दसवीं श्रेणी में प्रथम आना खाला जी का घर नहीं है।
खदेड़ देना = पछाड़ देना।
प्रयोग – कारगिल के युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह खदेड़ दिया।
खाक छानना = मारे – मारे फिरना,
प्रयोग – बचपन में राम पढ़ा नहीं और अब खाक छानता फिरता है।
गला भारी होना = दुःख से आवाज़ न निकलना,
प्रयोग – भिखारी की दुःखभरी कहानी सुनकर मेरा गला भारी हो गया।
गले लगाना = बहुत प्यार करना,
प्रयोग – बुढ़िया ने देर से बिछुड़े हुए पुत्र के मिलने पर उसे गले लगा लिया।
गड़े मुर्दे उखाड़ना = बीती यादें याद करना,
प्रयोग – छोड़ो इस बात को, गड़े मुर्दे उखाड़ने से लड़ाई बढ़ सकती है।
गले का हार = बहुत प्रिय,
प्रयोग – दर्शन कौर इकलौती बेटी होने के कारण अपने माता – पिता के गले का हार है।
गाँठ का पूरा होना = मालदार होना,
प्रयोग – आप उसे साधारण आदमी समझते हैं श्रीमान् जी ! वह तो गाँठ का पूरा है। गागर में सागर भरना = संक्षेप में बहुत कुछ कह देना,
प्रयोग – कबीर ने अपने दोहों में गागर में सागर भर दिया है।
गुदड़ी का लाल = छुपा रुस्तम,
प्रयोग – सचमुच मनमोहन सिंह गुदड़ी का लाल है। निर्धनता की अवस्था में भी परीक्षा में जिले भर में प्रथम आया है।
घर में गंगा = सहज प्राप्ति,
प्रयोग – अरे गुरचरण! तुम्हें पढ़ाई की क्या चिन्ता ? तुम्हारा भाई अध्यापक है, तुम्हारे तो घर में गंगा बहती है।
घुटने टेकना = आत्म – समर्पण करना,
प्रयोग – सन् 1971 के भारत – पाक युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने शीघ्र ही भारतीय सेना के आगे घुटने टेक दिए थे।
घाव पर नमक छिड़कना = दुखी को और दुखाना,
प्रयोग – उसने मुझसे ऐसी बातें कह – कह कर मेरे दुःख को कम नहीं किया बल्कि मेरे घावों पर नमक छिड़क दिया है।
घोड़े बेचकर सोना = बेफ़िक्र होकर सोना,
प्रयोग – परीक्षा के बाद सब विद्यार्थी घोडे बेचकर सोते हैं।
घी के दिये जलाना = प्रसन्न होना,
प्रयोग – जब अयोध्या में श्री रामचन्द्र वापस पहुँचे तो लोगों ने घी के दिये जलाये।
घाट – घाट का पानी पीना = अनुभवी होना,
प्रयोग – गुरदर्शन को कोई धोखा नहीं दे सकता, क्योंकि उसने तो घाट – घाट का पानी पीया है।
घात लगाकर बैठना = आक्रमण या शिकार आदि की ताक में रहना,
प्रयोग-शिकारी हाथ में बंदूक लेकर बाघ की प्रतीक्षा में पेड़ की डाल पर घात लगाकर बैठ गया।
चकमा देना = धोखा देना,
प्रयोग – डाकू पुलिस को चकमा देकर चम्पत हो गए।
चाल में आना = धोखे में फंसना,
प्रयोग – तुम्हें राम सिंह की चाल में नहीं आना चाहिए, वह ठग है।
चम्पत होना = खिसक जाना,
प्रयोग – सिपाही का जैसे ही ध्यान दूसरी तरफ़ हुआ कि चोर चम्पत हो गया।
चार चाँद लगाना = मान बढ़ाना,
प्रयोग – आपने हमारे स्कूल में पधार कर उत्सव को चार चाँद लगा दिए हैं।
चादर से बाहर पैर पसारना = आमदनी से बढ़कर खर्च करना,
प्रयोग – चादर से बाहर पैर पसारने वाले लोग अन्त में पछताते हैं।
चेहरा खिलना = मुँह पर खुशी दिखाई देना,
प्रयोग – बेटे के परीक्षा में प्रथम आने का समाचार सुनकर पिता का चेहरा खिल गया।
चल बसना = मर जाना।
प्रयोग – श्याम के पिता दो वर्ष की लम्बी बीमारी के बाद कल चल बसे।
छक्के छुड़ाना – परेशान कर देना,
प्रयोग – महात्मा गाँधी जी के आन्दोलनों ने अंग्रेज़ सरकार के छक्के छुड़ा छाती पर पत्थर
रखना = चुपचाप दुःख सहना,
प्रयोग – शीला जिस दिन अपने ससुराल आई थी उसी दिन से उसने अपनी छाती पर।
पत्थर रख लिया था। जली कटी सुनाना = बुरा भला कहना,
प्रयोग – सास ने जली कटी सुनाई तो बहू रोने लगी।
जलती आग में घी डालना = क्रोध को अथवा लड़ाई को बढ़ाना,
प्रयोग – चानन सिंह पहले से ही सोहन से नाराज़ था, ऊपर से हरीश ने सोहन के विरुद्ध भड़का कर जलती आग में घी डाल दिया।
जान हथेली पर रखना = मरने की बिल्कुल परवाह न करना,
प्रयोग – रणक्षेत्र में भारत के वीर सदा जान हथेली पर रखकर लड़ते हैं।
जान पर खेलना = खुशी से प्राण देना, प्राणों की परवाह न करना,
प्रयोग – भगत सिंह जैसे देशभक्त भारत की स्वतन्त्रता के लिए अपनी जान पर खेल गए।
जान की बाजी लगाना = प्राण न्योछावर करने को तैयार रहना,
प्रयोग – आज़ादी की रक्षा के लिए जान की बाज़ी लगा देनी चाहिए।
जान के लाले पड़ना = मुश्किल में फँसना,
प्रयोग – आज की कमरतोड़ महँगाई से जान के लाले पड़ गए हैं।
जान में जान आना = ढाढ़स बंधना, तसल्ली होना,
प्रयोग – जंगल के रास्ते होते हुए जब हम गाँव पहुँचे तो हमारी जान में जान आई।
जी चुराना = परिश्रम से भागना,
प्रयोग – अच्छे विद्यार्थी कभी पढाई से जी नहीं चराते।
टांग अड़ाना = व्यर्थ दखल देना, रुकावट डालना,
प्रयोग – अरे चंचल ! अगर तुम सुरेन्द्र सिंह की सहायता नहीं कर सकते तो उसके काम में टाँग क्यों अड़ाते हो ?।
टकटकी बाँधना = एकटक या लगातार देखना,
प्रयोग – सभी दर्शक जादूगर के खेल टकटकी बाँध कर देख रहे थे।
टका – सा जवाब देना = साफ़ इन्कार कर देना,
प्रयोग – जब मैंने बलदेव से बीस रुपये उधार मांगे तो उसने मुझे टका – सा जवाब दे दिया।
टूट पड़ना = हमला करना,
प्रयोग – देखते – ही – देखते भारतीय सेना शत्रु पर टूट पड़ी।
टेढ़ी खीर = कठिन कार्य,
प्रयोग – सरकारी नौकरी प्राप्त करना आजकल टेढ़ी खीर है।
टक्कर लेना = मुकाबला करना,
प्रयोग – महाराणा प्रताप ने मुग़लों से डटकर टक्कर ली।
टस से मस न होना = ज़रा भी प्रभाव न होना, बात पर डटे रहना,
प्रयोग – बहुत समझाने पर भी जब वह टस से मस न हुआ, तो मैंने उससे बोलना बन्द कर दिया।
ठाठे मारना = लहरें उठना,
प्रयोग – वर्षा ऋत में सतलज नदी का जल ठाठे मारने लगता है।
ठोकरें खाना = धक्के खाना,
प्रयोग गेंदासिंह पहले बचपन में पढ़ा नहीं और अब ठोकरें खाता फिरता है।
ठिकाने लगाना = मार देना, नाश कर देना,
प्रयोग – गुरु गोबिन्द सिंह जी ने कितने मुग़लों को ठिकाने लगा दिया।
ठनठन गोपाल = जेब खाली होना,
प्रयोग – तुझे पैसे कहाँ से दूँ, आज तो मेरी भी ठन – ठन गोपाल है।
डींग मारना = शेखी मारना,
प्रयोग – राकेश डींग तो मारता है, लेकिन वैसे पाई – पाई के लिए मरता है।
डंका बजाना = प्रभाव होना, अधिकार होना, विजय पाना,
प्रयोग – आज विश्व भर में रूस की शक्ति का डंका बज रहा है।
डूबते को तिनके का सहारा = संकट में थोड़ी – सी सहायता मिलना,
प्रयोग – इस मुसीबत में तुम्हारे पाँच रुपये ही मेरे लिए डूबते को तिनके का सहारा सिद्ध होंगे।
तलवे चाटना = चापलूसी करना,
प्रयोग – सुन्दर दूसरों के तलवे चाटकर काम निकालने में बड़ा निपुण है।
ताक में रहना = अवसर देखते रहना,
प्रयोग – डाकू सदैव डाका मारने की ताक में रहते हैं।
तिल का ताड़ बनाना = बात को बढ़ाना,
प्रयोग – क्यों तिल का ताड़ बनाते हो ? इतनी छोटी – सी लड़ाई पर मुख्याध्यापक के पास जाकर शिकायत करना ठीक नहीं है।
तिल धरने की जगह न होना = बहुत अधिक भीड़ होना,
प्रयोग – वार्षिक परीक्षा के नतीजे के दिन पाठशाला में इतनी भीड़ थी कि तिल धरने की जगह न थी।
तूती बोलना = प्रभाव होना, बात का माना जाना,
प्रयोग – धनी व्यक्ति को प्रत्येक स्थान पर तृती बोलती है।
दम घुटना : – प्रवास लेने में कठिनाई होना,
प्रयोग घर में इतनी मोड़ थी कि दम घुटने लगा।
दंग रह जाना = हैरान रह जाना,
प्रयोग – महासिंह के द्वारा चोरी किए जाने का समाचार सुनकर सभी दंग रह गए।
दिल दहला देना (डरा देना),
प्रयोग – सड़क दुर्घटना में चकनाचूर कार में मृतकों को देख मेरा दिल दहल गया।
दिन दुगुनी रात चौगुनी = अत्यधिक,
प्रयोग – आजादी मिलने के बाद भारत ने दिन दुगुनी रात चौगुनी उन्नति की है।
दिन में तारे नज़र आना = कोई अनहोनी घटना होने से घबरा जाना,
प्रयोग – जंगल में शेर को अपनी ओर लपकते देखकर प्रमोद को दिन में तारे नज़र आ गये।
दिन फिरना = अच्छे दिन आना,
प्रयोग – मित्रवर ! निर्धनता के कारण इतना घबराओ नहीं, दिन – फिरते देर नहीं लगती।
दाँत खट्टे करना = बुरी तरह हराना,
प्रयोग – महाराणा प्रताप ने युद्ध में कई बार मुग़लों के दाँत खट्टे किए।
दाल न गलना = वश न चलना,
प्रयोग – बहादुर सिंह ने अनिल तथा सुनील को लड़ाने का बहुत प्रयास किया लेकिन उसकी दाल न गली।
दिल बैठ जाना = घबरा जाना,
प्रयोग – कारखाने को आग लगी देखकर सेठ का दिल बैठ गया।
दाँतों तले उंगली दबाना = आश्चर्य प्रकट करना,
प्रयोग – महान् तपस्वी भी रावण की कठिन तपस्या देखकर दाँतों तले उंगली दबाते थे।
धाक जमना = रौब या प्रभाव पैदा होना,
प्रयोग – सिकन्दर की वीरता की धाक शीघ्र ही सारे संसार में जम गई।
धूप में बाल सफ़ेद न करना = अनुभवहीन न होना,
प्रयोग – इस विषय में मेरी भी राय ले लेनी चाहिए थी, मैंने भी दुनिया देखी है, धूप में बाल सफ़ेद नहीं किये।
धूनी तपना = तप करना।
वाक्य – महर्षि दधीचि ने सैंकड़ों वर्ष धूनी तपने के बाद अपनी हड्डियाँ देवताओं को दान कर दी थीं।
नाक में दम करना = बहुत तंग करना,
प्रयोग – वर्षा ने नाक में दम कर दिया है, कहीं जाना भी कठिन हो गया है।
नाक कटवाना = बदनाम होना,
प्रयोग – सोहन ने चोरी करके अपने कुल की नाक कटवा दी है।
नाक रगड़ना = गिड़गिड़ाना।
प्रयोग – परीक्षा में नकल करते पकड़े जाने पर श्याम नाक रगड़ने लगा।
नमक मिर्च लगाना = छोटी – सी बात को बढ़ा – चढ़ा कर कहना,
प्रयोग – बलदेव की बात पर ध्यान न दो, क्योंकि उसे नमक मिर्च लगाने की आदत है।
नानी याद आना = संकट में पड़ना, घबराना,
प्रयोग – जब दुर्योधन को भीम की गदा की चोटें सहनी पड़ी तो उसे नानी याद आ गई।
नाकों चने चबाना = खूब तंग करना, भारी कष्ट पहुँचाना,
प्रयोग – सुभाष चन्द्र बोस जैसे वीरों ने अंग्रेजी सेना से टक्कर लेकर उसको नाकों चने चबा दिए थे।
नौ दो ग्यारह होना = भाग जाना,
प्रयोग – सिपाही को देखते ही चोर नौ दो ग्यारह हो गया।
नीचा दिखाना = अपमानित करना, हराना,
प्रयोग – पाकिस्तान हमेशा भारत को नीचा दिखाने की ताक में रहता है।
नज़रों से गिर जाना = आदर का भाव न रहना,
प्रयोग-नालायक विद्यार्थी अध्यापक की नजरों से गिर जाते हैं।
पसीना – पसीना होना = पसीने से तर – बतर होना,
प्रयोग – पहाड़ पर चढ़ते हुए सभी यात्री पसीना – पसीना हो गए।
पानी – पानी होना = बहुत लज्जित होना,
प्रयोग – रमेश ने सच्ची बात कह दी तो राकेश पानी – पानी हो गया।
पाँव उखड़ना = हार जाना,
प्रयोग – युद्ध में पाकिस्तानी सेना के पाँव उखड़ गये।
पीठ दिखाना = डरकर भाग जाना,
प्रयोग – युद्ध में पीठ दिखाना कायरों का काम है, वीरों का नहीं।
पीठ ठोंकना = उत्साह बढ़ाना,
प्रयोग – अध्यापक ने प्रथम आने वाले छात्र की पीठ ठोंकी।
पगड़ी उछालना = अपमान करना,
प्रयोग – बड़ों की पगड़ी उछालना सज्जन पुरुषों को शोभा नहीं देता।
प्राण सूख जाना = व्याकुल होना, घबरा जाना,
प्रयोग – साँप को देखते ही बड़ों – बड़ों के प्राण सूख जाते हैं।
प्राण पखेरू उड़ना = मर जाना,
प्रयोग – डॉक्टर के आने से पहले ही रोगी के प्राण पखेरू उड़ गए।
प्राण न्योछावर करना = बलिदान देना,
प्रयोग – अनेक वीरों ने देश की बलि – वेदी पर प्राण न्योछावर कर दिए।
पत्थर की लकीर = अटल बात,
प्रयोग – श्री जय प्रकाश नारायण का कथन पत्थर की लकीर सिद्ध हुआ।
पहाड़ टूट पड़ना = बहुत मुसीबत आना,
प्रयोग – पहाड़ टूट पड़ेगा तो भी मैं नहीं घबराऊँगा।
पापड़ बेलना = कई तरह के काम करना,
प्रयोग – राज सिंह ने कई पापड़ बेले हैं, लेकिन टिक कर कहीं भी काम नहीं किया।
पोल खोलना = भेद बताना,
प्रयोग – पकड़े जाने पर चोर ने अपने सारे साथियों की पोल खोल दी।
फूला न समाना = बहुत प्रसन्न होना,
प्रयोग – पुत्र के प्रथम आने का समाचार सुनकर माता – पिता फूले न समाये।
फूट – फूट कर रोना = बहुत विलाप करना,
प्रयोग – पिता जी की मृत्यु का समाचार सुनकर वह फूट – फूट कर रोने लगा।
बात का धनी = वचन का पक्का,
प्रयोग – तेज सिंह बात का धनी है, वह अवश्य आपकी सहायता करेगा।
बन्दर घुड़की = प्रभावहीन धमकी, कोरी धमकी,
प्रयोग – भगत सिंह जैसे वीर अंग्रेजों की बन्दर घुड़कियों से डरने वाले नहीं थे।
बाल की खाल निकालना = बहुत छानबीन करना,
प्रयोग – विद्यार्थी को अपनी पढ़ाई में दत्तचित्त होना चाहिए, उसे बाल की खाल नहीं निकालनी चाहिए।
बाल बांका न होना = हानि न पहुँचना,
प्रयोग – भगवान् अपने भक्तों की रक्षा स्वयं करते हैं, अतः उनका कोई बाल बांका नहीं कर सकता।
बाँह पकड़ना = सहारा देना, सहायता करना,
प्रयोग – उनकी बाँह पकड़ोगे तो सारा मुहल्ला शत्रु हो जायेगा।
बाएँ हाथ का खेल = आसान काम,
प्रयोग – दसवीं की परीक्षा पास करना बाएँ हाथ का खेल नहीं है।
बगुला भक्त = कपटी,
प्रयोग – मोहन पर विश्वास न करो, वह तो बगुला भक्त है।
बीड़ा उठाना = ज़िम्मेदारी लेना,
प्रयोग – श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने किसानों को ऊँचा उठाने का बीड़ा उठाया था।
बड़े घर चलना = जेल जाना,
प्रयोग – अगर तुमने चोरी करने की आदत न छोडी, तो किसी दिन बड़े घर जाना पड़ेगा।
बेल मेढ़ न चढ़ना = काम सम्पन्न न होना,
प्रयोग – अरे मनोज ! एम० ए० करने का विचार छोड़ दो, तुमसे यह बेल मेढ़ न चढ़ सकेगी।
भला – बुरा कहना = खरी – खोटी सुनाना,
प्रयोग – सास ने बहू को खूब भला – बुरा कहा, लेकिन वह चुपचाप सुनती रही।
भांडा फोड़ना = भेद प्रकट करना,
प्रयोग – राजेश ने भरी सभा में मोहन की करतूतों का भ्रांडा फोड़ दिया।
भाड़े का टट्ट = किराये का आदमी, कुछ लेकर काम करने वाला,
प्रयोग – आजकल सच्चा देशभक्त मिलना कठिन है, सभी भाड़े के टट्ट हैं।
भीगी बिल्ली बनना = डर से दबे रहना,
प्रयोग – जब तक मास्टर जी क्लास में रहते हैं, लड़के भीगी बिल्ली बन कर बैठे रहते हैं।
मन मारना = इच्छा रोकना, मन को काबू में करना,
प्रयोग – सच्चा देशभक्त बनने के लिए मन मारना पड़ता है।
मन भारी होना = बहुत दुखी होना,
प्रयोग – मित्र के अकस्मात् निधन का समाचार सुनकर हरजीत का मन भारी हो गया।
मन में समा जाना = बस जाना।
प्रयोग – श्री कृष्ण की मोहक छवि मेरे मन में समा गई है।
मस्तक ऊँचा होना = गौरव बढ़ना,
प्रयोग – पोखरन परमाणु परीक्षण से भारत का मस्तक ऊँचा हुआ है।
मिट्टी का माधो = निरा मूर्ख,
प्रयोग – सभी विद्यार्थी रमेश को मिट्टी का माधो समझते थे, लेकिन वह बहुत चालाक निकला।
मुँह देखना = दूसरे पर आश्रित रहना,
प्रयोग – हमें आत्म – निर्भर बनना चाहिए, छोटी – छोटी बातों पर दूसरे का मुँह नहीं देखना चाहिए।
मुँह की खाना = बुरी तरह हारना,
प्रयोग – सन् 1971 के भारत – पाक युद्ध में पाकिस्तान को मुँह की खानी पड़ी थी।
मुँह उतर जाना = उदास होना,
प्रयोग – परीक्षा में असफल होने का समाचार सुनकर रमेश का मुँह उतर गया।
मैदान मारना = जीतना,
प्रयोग – भारतीय फ़ौज ने देखते – ही – देखते छम्ब क्षेत्र में मैदान मार लिया था।
रंग उड़ना = डर जाना, हैरान होना,
प्रयोग – रीछ को देखते ही दोनों मित्रों का रंग उड़ गया।
रंग जमना = प्रभाव होना,
प्रयोग – सभी योद्धाओं पर अभिमन्यु की वीरता का रंग जम गया।
रंगा सियार = धोखेबाज़,
प्रयोग – तुम्हें पूर्ण सिंह की बातों में नहीं आना चाहिए, वह तो निरा रंगा सियार है।
राई का पर्वत बनाना = बात को बढ़ा – चढ़ा कर बताना,
प्रयोग – छोटी – सी बात को लेकर बुढ़िया ने राई का पर्वत बना दिया।
रंग में भंग पड़ना = मजा किरकिरा होना,
प्रयोग – साँप का नाम लेते ही जनसभा में रंग में भंग पड़ गई।
राम कहानी सुनाना = दुःख भरी कहानी,
प्रयोग – भिखारी की राम – कहानी सुनकर मेरी आँखों में आँसू आ गए।
रफू – चक्कर होना = भाग जाना,
प्रयोग – डाकू पुलिस को देखते ही रफू – चक्कर हो गए।
रोड़ा अटकाना = रुकावट डालना,
प्रयोग – अगर तुम रोड़ा न अटकाते, तो मेरा काम कभी का बन जाता।
लानत भेजना = धिक्कारना, कोसना,
प्रयोग – मैं देशद्रोहियों को लानत भेजता हूँ।
लाल पीला होना = क्रुद्ध होना,
प्रयोग-अरे सुरेश, क्यों लाल – पीले हो रहे हो ? कसूर तुम्हारा ही है।
लोहा लेना = युद्ध करना,
प्रयोग – अकबर राजपूतों से लोहा लेना नहीं चाहता था।
लेने के देने पड़ जाना = लाभ के बदले हानि होना,
प्रयोग – भारत पर आक्रमण करके पाकिस्तान को लेने के देने पड़ गए।
लोहे के चने चबाना = अति कठिन काम, कष्ट अनुभव करना,
प्रयोग – भारत पर आक्रमण करके चीन को लोहे के चने चबाने पड़े थे।
वीरगति पाना = वीरों की मौत मरना, शहीद होना,
प्रयोग – युद्ध में कई भारतीय सैनिकों ने वीरगति प्राप्त की।
वार देना = कुर्बान करना,
प्रयोग – गुरु गोबिन्द सिंह जी ने अपने चारों पुत्र धर्म के लिए वार दिए थे।
श्री गणेश करना = काम आरम्भ करना,
प्रयोग – सोहन ने कल ही अपने नए व्यवसाय का श्री गणेश किया है।
सिक्का जमना = प्रभाव या अधिकार होना,
प्रयोग – प्रधानमन्त्री के भाषण से जनता में उनके दल का सिक्का जम गया।
सितारा चमकना = किस्मत खुलना,
प्रयोग – परिश्रम करने से मनुष्य का सितारा अवश्य चमकता है।
सिर खाना = फ़िजूल की बातें करके तंग करना,
प्रयोग – नालायक विद्यार्थी कक्षा में अध्यापक का सिर खाते रहते हैं।
सिर मारना (बार – बार प्रयास करना),
प्रयोग – गणित के इस प्रश्न को हल करने के लिए बहुत सिर मारा पर यह हल ही नहीं हो रहा है।
सिर पर भूत सवार होना = अत्यधिक क्रोध में आ जाना,
प्रयोग-अरे सुनील ! राम के तो सिर पर भूत सवार है, तुम्हारी वह एक न मानेगा। हवा से बातें करना = तेज़ भागना, प्रयोगशीघ्र ही हमारी गाड़ी हवा से बातें करने लगी।
हक्का – बक्का रह जाना = हैरान रह जाना,
प्रयोग – सुरेश की दोस्ती पर मुझे नाज़ था। जब वह मेरे विरुद्ध बोलने लगा तो मैं हक्का – बक्का रह गया।
हवा हो जाना = भाग जाना,
प्रयोग – पहरेदार को अपनी तरफ आता देख चोर हवा हो गया।
हँसी खेल = साधारण बात,
प्रयोग – एवरेस्ट पर चढ़ना कोई हँसी खेल नहीं।
हाथों के तोते उड़ जाना = बुरा समाचार सुन कर डर जाना,
प्रयोग – कारखाने में आग लगने की खबर सुनकर सेठ हरिदत्त के हाथों के तोते उड़ गए।
हाथ तंग होना = पैसे का अभाव होना,
प्रयोग – हमारा आजकल हाथ बहुत तंग है, कृपया नकद रुपया दें।
हाथ मलना = पछताना,
प्रयोग – अब फेल होने पर हाथ मलने से क्या लाभ ? पहले डटकर परिश्रम करते तो पास हो जाते।
हाथ धो बैठना = खो देना, छिन जाना,
प्रयोग – पाकिस्तान युद्ध में कई युद्धपोतों तथा पनडुब्बियों से हाथ धो बैठा।
हाथ पकड़ना = सहारा देना,
प्रयोग – आखिर छोटे पुत्र ने ही अपने माता – पिता का हाथ पकड़ा।
हाथ साफ़ कर देना = चुराना,
प्रयोग – चोरों ने सेठ के सारे माल पर हाथ साफ़ कर दिया।
हाथ पैर मारना = प्रयत्न करना,
प्रयोग – आजकल बहुत हाथ पैर मारने पर भी कठिनता से निर्वाह होता है।
हाथ पसारना = माँगना,
प्रयोग – स्वाभिमान – शून्य व्यक्ति हर किसी के सामने हाथ पसारने लगता है।
हथियार डालना = हार मान लेना,
प्रयोग – बांग्लादेश में पाकिस्तानी सेना ने साधारण युद्ध के बाद हथियार डाल दिए थे।
खोपड़ियाँ खुलना = अक्ल आ जानी,
प्रयोग – जीवन के अनुभवों ने राज की खोपड़ी खोल दी।
पैरों तले जमीन खिसक जाना = घबरा जाना,
प्रयोग – दुकान में आग लगने का समाचार सुन सेठ जी के पैरों तले जमीन खिसक गई।
पैरों में पर लगना = अत्यधिक प्रसन्न होना,
प्रयोग – परीक्षा में प्रथम आने की सूचना पाकर सुनीता के पैरों में तो जैसे पर ही लग गये।