Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Samocharit Bhinnarthak Shabd समोच्चरित-भिन्नार्थक शब्द Exercise Questions and Answers, Notes.
PSEB 8th Class Hindi Grammar समोच्चरित-भिन्नार्थक शब्द
1. अभ्यास-आभास
अभ्यास = आदत-प्रातः शीघ्र उठने का अभ्यास डालें।
आभास = झलक-परिस्थितियों से ऐसा आभास मिलता है कि चुनाव होंगे।
2. अनल-अनिल
अनल = आग-अनल में हाथ क्यों डालते हो ?
अनिल = हवा-धीमी-धीमी अनिल बह रही है।
3. अभिराम-अविराम
अभिराम = सुन्दर-यह दृश्य कितना अभिराम है।
अविराम = लगातार-सफलता के लिए अविराम परिश्रम करो।
अचर-अचिर
अचर = जड़-संसार में चर भी है और अचर भी।
अचिर = शीघ्र-यहाँ से अचिर चले जाओ।
5. अचल-अचला
अचल = पर्वत-हिमालय अचल है।
अचला = पृथ्वी-पृथ्वी को अचला भी कहते हैं।
6. अवलम्ब-अविलम्ब
अवलम्ब = सहारा-अहिंसा ही महात्मा गाँधी का अवलम्ब था।
अविलम्ब = बिना देर किए-आप इस काम को अविलम्ब निपटा कर घर जाइए।
7. अम्बर-अम्बार
अम्बर = आकाश-अम्बर में काले बादल छाए हुए हैं।
अम्बार = ढेर-बाग में जगह-जगह पत्तों के अम्बार लगे हुए हैं।
8. अपर-अपार
अपर = दूसरा-अपर व्यक्ति को बुलाओ।
अपार = असीम-ईश्वर की महिमा अपार है।
9. आसन्न-आसन
आसन्न = निकट-आसन्न ही मेरी कुटिया है।
आसन = बैठने की चटाई आदि-मेरे आसन से उठ जाओ।
10. अपमान-उपमान
अपमान = निरादर-किसी का अपमान न करो।
उपमान = जिससे तुलना की जाए-तुम्हारी अंगूठी का कोई उपमान नहीं है।
11. आदि-आदी
आदि = आरम्भ-आदिकाल से ही भारत विश्व में जगत्गुरु माना जाता है।
आदी = अभ्यस्त-मैं झूठ बोलने का आदी महीं हूँ।
12. अपेक्षा-उपेक्षा
अपेक्षा = तुलना, आवश्यकता-मोहन की अपेक्षा सोहन चालाक है।
उपेक्षा = लापरवाही-पढ़ाई में कभी उपेक्षा न दिखाओ।
13. आकर-आकार
आकर = भण्डार, खजाना-समुद्र रत्नों का आकर है।
आकार = रूप, फैलाव-यह शीशा बड़े आकार का है।
14. उत्तर-उतर
उत्तर = दिशा-हिमालय भारत के उत्तर में स्थित है।
उतर = उतरने की क्रिया-चलती गाड़ी से मत उतर।
15. उदार-उधार
उदार = विशाल दिल-हमारे सभी अध्यापक बड़े उदार हैं।
उधार = कर्ज़-कभी उधार न लो।
16. उदर-उधर
उदर = पेट-कई लोग खा-पीकर उदर पर हाथ फेरते हैं।
उधर = तरफ-उधर मत जाओ, वहाँ दंगा हो रहा है।
17. ओर-और
ओर = तरफ-उस ओर मत जाइए।
और = तथा-मैं और मोहन कल दिल्ली जाएँगे।
18. कृपण-कृपाण
कृपण = कंजूस-कृपण व्यक्ति से दान की आशा करना व्यर्थ है।
कृपाण = तलवार-अब अपनी कृपाण निकालो।
19. कलि-कली
कलि = एक युग का नाम-महाभारत के युद्ध के बाद कलियुग प्रारम्भ हो गया था।
कली = फूल की डोडी-कली को मत तोड़ो।
20. कुल-कूल
कुल = वंश-मोहन अच्छे कुल का बालक है।
कूल = किनारा-नदी का कूल बड़ा सुहावना है।
21. कपट-कपाट
कपट = छल-अपने दिल में कपट न रखो।
कपाट = किवाड़-कपाट खोल दो।
22. कर्ण-करुण
कर्ण = कान-अपने कर्ण पकड़ो।
करुण = दयालु-ईश्वर बड़ा करुण है।
23. कर्म-क्रम
कर्म = काम-हमेशा श्रेष्ठ कर्म करो।
क्रम = सिलसिला, तरतीब-पुस्तकों को क्रम से रखो।
24. ग्रह-गृह
ग्रह = नक्षत्र-नव ग्रह की पूजा करो।
गृह = घर–मेरा गृह निकट ही है।
25. चर्म-चरम
चर्म = चमड़ा-चर्म उद्योग विकसित हो रहा है।
चरम = अन्तिम-आपके जीवन का चरम लक्ष्य क्या है ?
26. चपल-चपला
चपल = चंचल-रमाकान्त बड़ा चपल बालक है।
चपला = बिजली-आकाश में चपला चमक रही है।
27. चरित-चरित्र
चरित = जीवन कथा-महापुरुषों के जीवन-चरित से हमें शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए।
चरित्र = आचरण-मनुष्य का चरित्र ही उसके व्यक्तित्व का दर्पण है।
28. चिर-चीर
चिर = पुराना-चिरकाल से आपका कोई पत्र नहीं मिला।
चीर = वस्त्र-दुर्योधन ने द्रौपदी का चीर-हरण करवाया।
29. चिता-चिन्ता
चिता = बेटे ने अपने पिता की चिता को आग दी।
चिन्ता = चिन्ता करने से कुछ नहीं होता।
30. छत्र-छात्र
छत्र = छाता-छत्र वर्षा से बचाता है।
छात्र = विद्यार्थी-कुसंगति छात्र चरित्र को नष्ट कर देती है।
31. जगत्-जगत
जगत् = संसार-इस जगत् में अद्भुत जीव-जन्तु निवास करते हैं।
जगत = कुएँ का चबूतरा-कुएँ की जगत् पक्की ईंटों की बनी हुई थी।
32. जलज-जलद
जलज = कमल-सरोवर में चारों ओर जलज खिले हुए हैं।
जलद = बादल-जलद के उमड़ आने पर मोर नाचने लगते हैं।
33. दस-दंश
दस = दस-संस्कृत में दस तक गिनो।
दंश = डंक-साँप ने दंश मारा।
34. दिन-दीन
दिन = दिवस-आज कौन-सा दिन है।
दीन = निर्धन-उस दीन पर दया करो।
35. दुर-दूर
दुर = दुर वचन मत बोलो।
दूर = उसकी पहुँच बहुत दूर तक है।
36. है-हैं
है = वह रोज़ सैर को जाता है।
हैं = यहाँ बड़े-बड़े लोग बैठे हैं।
37. धुन-धन
धुन = दृढ़ विचार-कर्मठ व्यक्ति धुन का पक्का होता है।
धन = द्रव्य-आज के युग में धन की बड़ी महत्ता है।
38. धेनु-धनु
धेन = गाय-विदेशी नस्ल की धेनु बहुत दूध देती है।
धनु = धनुष-अर्जुन धनु-विद्या में बहुत प्रवीण था।
39. निधन-निर्धन
निधन = देहान्त-लम्बी बीमारी के पश्चात् उसका निधन हो गया।
निर्धन = ग़रीब-मोहन निर्धन माँ-बाप का बेटा है।
40. नीर-नीड़
नीर = जल-सदैव स्वच्छ नीर पीना चाहिए।
नीड़ = घोंसला-कुछ पक्षी सुन्दर नीड़ बनाते हैं।
41. पक्ष-पक्षी
पक्ष = पंख-पक्ष के बिना पक्षी उड़ नहीं सकते।
पक्षी = खग-आकाश में पक्षी उड़ते हैं।
42. परिणाम-परिमाण-प्रमाण
परिणाम = नतीजा-परीक्षा परिणाम कब निकलेगा ? परिमाण = मात्रा–भौतिक पदार्थों का परिमाण बताना मुश्किल है।
प्रमाण = सबूत-पुलिस को चोरी का कोई प्रमाण नहीं मिला।
43. बात-वात
बात = बातचीत-मुझे झूठी बात कभी अच्छी नहीं लगती।
वात = हवा-कई लोग वात रोग से पीड़ित रहते हैं।
44. मूल-मूल्य
मूल = जड़-इस पेड़ का मूल बड़ा मज़बूत है।
मूल्य = कीमत-इस पुस्तक का कितना मूल्य है ?
45. में-मैं
में = अन्दर-घड़े में पानी कम था।
मैं = निजवाचक-मैं आपको नहीं जानता।
46. रक्त-रिक्त
रक्त = खून-उसके घुटनों से रक्त बह रहा है।
रिक्त = खाली-अभी यह स्थान रिक्त है।
47. लक्ष-लक्ष्य
लक्ष = लाख-मेरे पास एक लक्ष रुपए हैं।
लक्ष्य = उद्देश्य-आपके जीवन का लक्ष्य क्या है ?
48. वक्ष-वृक्ष
वक्ष = छाती-दण्ड बैठक से वक्ष सुडौल बनता है।
वृक्ष = पेड़-नीम का वृक्ष जलवायु को शुद्ध करता है।
49. वसन-व्यसन
वसन = कपड़ा-सदा स्वच्छ वसन पहनने चाहिएँ।
व्यसन = बुरी आदत-आलोक को सिगरेट का व्यसन है।
50. शुल्क-शुक्ल
शुल्क = फीस-शुल्क क्षमा करवाने के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो।
शुक्ल = वह शुक्ल पक्ष की नवमी को पैदा हुआ था।
51. सम्मान-समान-सामान
सम्मान = आदर-सबका सम्मान करो।
समान = बराबर-उसके समान कोई नहीं है।
सामान = चीजें-यह किसका सामान है ?
52. सुत-सूत
सुत = पुत्र-अपना सुत सबको प्यारा होता है।
सूत = धागा-बुढ़िया सूत कात रही है।
53. सर-शर
सर = तालाब-सर में कमल खिले हैं।
शर = तीर-यह शर बड़ा तेज़ है।
54. समिति-सम्मति
समिति = सभा-जगदेव लोक सेवा समिति का सदस्य है।
सम्मति = सलाह-राम और कृष्ण आपस में एक-दूसरे की सम्मति से काम करते हैं।
55. मास-मांस
मास = महीना-बसन्त मास आरम्भ हो गया है।
मांस = मीट-मांस खाने से हमें परहेज करना चाहिए।