Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Chapter 6 घरेलू कीड़ों और जीव-जन्तुओं की रोकथाम Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 8 Home Science Chapter 6 घरेलू कीड़ों और जीव-जन्तुओं की रोकथाम
PSEB 8th Class Home Science Guide घरेलू कीड़ों और जीव-जन्तुओं की रोकथाम Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
मक्खी से कौन-से रोग फैलते हैं ?
उत्तर-
मक्खी से हैजा रोग फैलता है।
प्रश्न 2.
चूहे के पिस्सू से कौन-सी बीमारी फैलती है?
उत्तर-
चूहे के पिस्सू से प्लेग की बीमारी फैलती है।
प्रश्न 3.
मलेरिया किस मच्छर के काटने से होता है?
उत्तर-
मादा एनोफिलीज़ मच्छर के काटने से।
प्रश्न 4.
मच्छरों को कैसे नष्ट किया सकता है?
उत्तर-
मच्छरों को डी० डी० टी० से नष्ट किया जाता है।
लघूत्तर प्रश्न
प्रश्न 1.
कीड़े-मकौड़े कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
कीड़े-मकौड़े तीन प्रकार के होते हैंउत्तर-
- खून चूसने वाले-मच्छर, खटमल।
- भोजन को जहरीला बनाने वाले-मक्खी , चींटी।
- घर के सामान को हानि पहुंचाने वाले–काक्रोच, दीमक।
प्रश्न 2.
मक्खी, मच्छर से बचने के लिए क्या करोगे ? इनसे क्या नुकसान हैं ?
अथवा
मक्खियों से कौन-से रोग फैलते हैं ? इनकी रोकथाम के ढंग लिखें।
उत्तर-
मक्खियों से बचने के उपाय
- घर के आस-पास मक्खियों के अण्डे देने और मक्खी पैदा होने के स्थान नष्ट कर देने चाहिए।
- गन्दगी वाले स्थान पर डी० डी० टी० के घोल का छिडकाव करना चाहिए। (3) कड़ेदान ढके होने चाहिए और उसके कूड़े का नियमित विसर्जन होना चाहिए।
- खाने की वस्तुओं को खुला नहीं छोड़ना चाहिए। उन्हें तार की जाली या मलमल के कपड़े से ढककर रखना चाहिए।
- दरवाज़े एवं खिड़कियों पर जाली लगवानी चाहिए।
- जब मक्खियाँ बहुतायत में हों तो मक्खीमार कागज़ तथा मक्खीमार दवा का इस्तेमाल करना चाहिए।
- मक्खियों के अण्डे, लारवा तथा प्यूपा को नष्ट करने के लिए क्रिसोल, तूतिया या सुहागे के घोल का छिड़काव कूड़ा-करकट वाले तथा अन्य ग़न्दे स्थानों पर करना चाहिए।
- नालियों में फिनायल का छिड़काव करना चाहिए।
- घर में स्वच्छता की ओर ध्यान देना चाहिए।
मक्खियों से नुकसान-मक्खी मनुष्य की सबसे बड़ी शत्रु है । यह अनेक रोगों, जैसे– हैंजा, पेचिस, तपेदिक, अतिसार आदि रोगों को फैलाने का कार्य करती है।
मक्खी उन गन्दे पदार्थों की ओर आकर्षित होती हैं जिनमें रोगों के रोगाणु या जीवाणु उपस्थित रहते हैं। जब यह गन्दगी पर बैठती है तो इसके रोंयेदार शरीर तथा चिपचिपे पैरों में गन्दगी व रोगों के जीवाणु लग जाते हैं। भोजन तथा कटे फलों आदि पर बैठकर यह रोगों के जीवाणुओं को वहाँ छोड़ देती है। इन रोगाणुयुक्त पदार्थों का सेवन करने से स्वस्थ व्यक्ति भी रोगों का शिकार हो जाता है।
चित्र 6.1
मक्खी मच्छरों से बचने के उपाय
- घर के आँगन में या आस-पास पानी रुकने नहीं देना चाहिए।
- मच्छर शाम को काफी चुस्त होता है अतः शाम होते ही दरवाज़े व खिड़कियाँ बन्द कर देनी चाहिए।
- रात को सोने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए।
- मच्छर मारने के लिए फ्लिट का छिड़काव खासतौर पर मोटे पर्दो व अलमारियों के पीछे तथा अन्धेरे कोनों में करना चाहिए।
- कमरे में रात को तम्बाकू, धूप, नीम की पत्ती, अगरबत्ती व गन्धक की धूनी देनी चाहिए।
चित्र 6.2 मच्छर - सोने से पूर्व शरीर पर सरसों का तेल या ओडोमास क्रीम लगानी चाहिए।
- घर के आस-पास कूड़ा-करकट इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। घर और आसपास की जगह साफ़ रखनी चाहिए।
मच्छरों से नुकसान
- मलेरिया-मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से।
- डेंगू बुखार-एडिस एजेप्टी मच्छर के काटने से।
- फाइलेरिया-मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से।
- मस्तिष्क ज्वर-क्यूलेक्स की जाति के कारण।
- पीत ज्वर-एडिस मच्छर के काटने से।
प्रश्न 3.
कॉकरोच को कैसे ख़त्म करोगे? यह क्या खराब करता है?
उत्तर-
कॉकरोच एक हानिकारक घरेलू कीट है। यह नमी वाले स्थानों पर होता है। इसलिए यह प्रायः शौचालय, रसोईघर व भण्डारगृह में अधिक मिलता है। यह भोजन और घरेलू कीड़ों और जीव-जन्तुओं की रोकथाम अन्य सामान को खराब करता है। यह लगभग हर चीज़ को खा जाता है, जैसे-कूड़ा, पुराने कागज़, किताबें, चमड़ा, सब्जियों और फलों के छिलके और खाने की अन्य वस्तुएँ।
चित्र 6.3 कॉकरोच
सेकथाम व नष्ट करने के उपाय
- सीलन वाले स्थानों की सफ़ाई जल्दीजल्दी करनी चाहिए।
- रसोई का फर्श बिल्कुल साफ़ रहना चाहिए।
- रसोईघर की तथा मकान की अन्य नालियों में सप्ताह में कम-से-कम एक बार मिट्टी का तेल या अन्य कीटनाशक दवा डालनी चाहिए। इसके बाद उबलता हुआ पानी नालियों में डालना चाहिए। इससे अण्डे देने के स्थान भी साफ़ हो जाते हैं।
- तिलचट्टों को मारने के विशेष अभियान में 10% डी०डी०टी० और 40% गैमेक्सीन या पाइरेथ्रम का छिड़काव करना चाहिए।
- पाइरेथ्रम पाउडर जलाने से ये बेहोश हो जाते हैं और फिर इन्हें झाड़ के साथ मारकर फेंक देना चाहिए।
प्रश्न 4.
किताबों के और कपड़ों के कीड़े से क्या नुकसान हैं ?
उत्तर–
किताबों के और कपड़ों के कीड़े से निम्नलिखित नुकसान हैं-
- ये पुस्तकों, तस्वीरों और गलीचे जो काफी दिनों तक बॉक्स में बंद रहते हैं उनको नुकसान पहुंचाते हैं।
- ये कीड़े रेशम के कपड़े और ऊनी कपड़ों को खाते हैं।
- ये कीड़े जो ऊनी कपड़ों में अण्डे होते हैं उनसे लारवा निकलते हैं। ये कपड़ों को खाते हैं जिनमें छेद हो जाते हैं।
प्रश्न 5.
कुछ ऐसे प्रतिकारक बताओ जिनको सब कीड़ों-मकौड़ों से बचाव के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
उत्तर-
कुछ मिले-जुले प्रतिकारक निम्नलिखित हैं-
- नींबू, तम्बाकू व तुलसी के पौधे।
- नीम, तम्बाकू आदि के पत्ते।
- चील काफूर की लकड़ी।
- यूक्लिप्टस की लकड़ी, पत्तियाँ व तेल।
- नैष्थलीन की गोलियाँ।।
- गन्धक, पाइरेथ्रम, बोरिक एसिड।
- साबुन का चूरा, फिटकरी या काली मिर्च का पाउडर।
प्रश्न 6.
खून चूसने वाले चार कीड़ों के नाम बताओ।
उत्तर-
मच्छर, खटमल, पिस्स, सैंड-फ्लाई।
प्रश्न 7.
पुस्तकों को नुकसान पहुँचाने वाले कीड़ों का नाम बताओ।
उत्तर-
पुस्तकों को हानि पहुँचाने वाले कीड़े कॉकरोच, दीमक और झींगुर हैं।
प्रश्न 8.
भोजन वाली डोली के पाए पानी में क्यों रखने चाहिए?
उत्तर-
चींटियों से बचने के लिए भोजन वाली डोली के पाए पानी में रखने चाहिए।
प्रश्न 9.
सैंडफ्लाई कैसा कीड़ा है और यह क्या नुकसान पहुँचाता है ?
उत्तर-
यह बहुत छोटा कीट है जो मच्छरदानी में भी पहुँच जाता है। विशेषकर रात को टखने और गुट पर काटता है। इससे बुखार भी हो जाता है।
प्रश्न 10.
खटमल कहाँ रहते हैं ? इनकी रोकथाम के ढंग लिखो।
उत्तर-
खटमल गन्दे फर्श, दरी या टूटे फर्श की दरार और खाट के सिरों में रहते हैं।
रोकथाम के ढंग-
- खटमल को नष्ट करने के लिए मिट्टी और तारपीन का तेल छिड़कना चाहिए।
- फर्श पर उबलता पानी डालना चाहिए इससे खटमल मर जाता है।
- खिड़की की चुगाठ को मिट्टी के तेल से साफ करना चाहिए।
- जहाँ खटमल हों वहाँ गंधक की धूनी करनी चाहिए।
प्रश्न 11.
मक्खीमार कागज़ कैसे तैयार किया जा सकता है?
उत्तर-
मक्खीमार कागज़ तैयार करने के लिए पाँच भाग अरंडी का तेल और आठ भाग रेजिन पाउडर लेकर गर्म करते हैं और उसे सूखने से पहले गर्म ही किसी कागज़ पर लगाते हैं। इस प्रकार मक्खी मार कागज़ तैयार हो जाता है।
प्रश्न 12.
दीमक और झींगुर किस वस्तु की हानि करते हैं ?
उत्तर-
दीमक और झींगुर कागज़, लकड़ी और कपड़ों को नुकसान करते हैं।
प्रश्न 13.
घरेलू जीव-जन्तु कौन-कौन से हैं ? यह क्या नुकसान पहुंचाते हैं और इनसे कैसे बचा जा सकता है ?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कुछ ऐसे प्रतिकारक बताओ जिनको सब कीड़ों-मकौड़ों से बचाव के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
उत्तर-
कुछ मिले-जुले प्रतिकारक अग्रलिखित हैं-
- नींबू, तम्बाकू व तुलसी के पौधे।
- नीम, तम्बाकू आदि के पत्ते।
- चील काफूर की लकड़ी।
- यूक्लिप्टस की लकड़ी, पत्तियाँ व तेल।
- नैथलीन की गोलियाँ।
- गन्धक, पाइरेथ्रम, बोरिक एसिड।
- साबुन का चूरा, फिटकरी या काली मिर्च का पाउडर।
प्रश्न 2.
सैंडफ्लाई, पिस्सू, खटमल को मारने के लिए क्या प्रयोग करोगे?
उत्तर-
1. सैंडफ्लाई-
यह बहुत छोटा कीड़ा है। यह मच्छरदानी में भी दाखिल हो जाता है। यह विशेषकर रात को टखने और मुँह पर काटता है। इससे बचने के लिए निम्न उपाय करने चाहिए
चित्र 6.4 सैंड फ्लाई
- कुर्सियों, मेज़ और चारपाई के नीचे मच्छरमार तेल छिड़कना चाहिए।
- रात को मच्छरमार धूप जलानी चाहिए।
- बहुत बारीक मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए।
- घर के आस-पास की गीली जगहों पर फिनाइल छिड़कना चाहिए।
2. पिस्सूप्लेग बीमारी का कारण चूहे के पिस्सू होते हैं। पिस्सू छोटे और भूरे रंग के होते हैं। इनको मारने के निम्न उपाय करने चाहिए
चित्र 6.5 पिस्सू
- घर में पाले कुत्ते को कार्बोलिक साबुन से नहलाना चाहिए और नहलाने के पानी में कार्बोलिक अम्ल डालना चाहिए।
- जहाँ भी पिस्सू की सम्भावना हो, मिट्टी का तेल या तारपीन का तेल छिड़कना चाहिए।
- चूहों के द्वारा भी पिस्सू फैलते हैं अतः पिस्सू को नष्ट करने से पहले चूहों को नष्ट करना चाहिए।
- दीवार तथा फर्श की दरारों को सीमेंट से भर देना चाहिए।
- भूमि पर नमक अथवा चूना छिड़क देना चाहिए।
- सूर्य की तेज़ किरणों के प्रभाव से पिस्सुओं के लारवा मर जाते हैं।
- जीवाणुनाशक पाऊडर का प्रयोग करना चाहिए जिससे पिस्सुओं द्वारा प्लेग न फैले।
3. खटमल-खटमल गन्दे फर्श, दरी या टूटे फर्श की दरार और खाट के सिरों में रहते हैं। खटमल लाल भूरे रंग का कीड़ा होता है। यह 1/6 इंच से 1/7 इंच तक लम्बा होता है।
खटमल मारने के उपाय
चित्र 6.6 खटमल
- खटमल को नष्ट करने के लिए मिट्टी और तारपीन का तेल मिलाकर छिड़कना चाहिए।
- फर्श पर उबलता पानी डालना चाहिए इससे भी खटमल मर जाता है।
- जहाँ खटमल हो वहाँ गंधक की धूनी करनी चाहिए। इससे खटमल मर जाता है।
प्रश्न 3.
चूहे के घर में होने से क्या हानि होती है ? बचाव के उपाय बताओ।
उत्तर-
चूहे घर की खाद्य सामग्री तथा कपड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। ये भण्डार घर में अधिक पलते हैं।
चूहों पर प्लेग के कीट पिस्सू रहते हैं और चूहों के द्वारा ही वे मनुष्य तक पहुँचते हैं। ऐसे चूहे जिन व्यक्तियों को काटते हैं वे प्लेग के रोगी हो जाते हैं। इस प्रकार चूहे पिस्सुओं को आश्रय देकर बीमारियाँ फैलाते हैं। ‘
चूहों से बचाव के उपाय-
- चूहों के बिलों को काँच से या सीमेंट से भरकर अच्छी तरह बन्द कर देना चाहिए।
- चूहे मारने की दवा आटे में मिलाकर उनके बिल के पास डाल देने से चूहे उसे खाकर मर जाते हैं।
- भण्डारघर व रसोईघर में सभी खाद्य सामग्री को बन्द पीपों या डिब्बों में रखना चाहिए।
- भण्डारघर में से कुछ भी खाद्य सामग्री निकालते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि कुछ भी ज़मीन पर न बिखरे।
- सब्जियाँ तथा फलों को तारों वाली टोकरी में ऊँची जगह पर टाँगना चाहिए।
- घर साफ-सुथरा रखना चाहिए। कोई भी खाने की चीज़ इधर-उधर नहीं बिखरनी चाहिए।
- इनको पकड़ने के लिए पिंजड़े (चूहेदानी) का प्रयोग करना चाहिए।
- चूहों को पकड़ने पर उन्हें अपने स्थान से बहुत दूर छोड़कर आना चाहिए।
प्रश्न 4.
छिपकली और मकड़ी से छुटकारा पाने के ढंग बताओ।
उत्तर-
छिपकली से छुटकारा पाने के ढंग
- घर की दीवारों एवं छिद्रों में तथा फर्नीचरों में फ्लिट या डी० डी० टी० छिड़कते रहना चाहिए क्योंकि ऐसी जगहों पर ये अपना बिल बना लेती हैं।
- घर के भोज्य पदार्थों को ढककर रखना चाहिए।
- घर को साफ़ एवं कीटरहित रखना चाहिए क्योंकि कीट ही छिपकली का भोजन है। घरेलू कीड़ों और जीव-जन्तुओं की रोकथाम
मकड़ी से छुटकारा पाने के ढंग-
- घर को सदा साफ़ रखना चाहिए।
- फ्लिट तथा डी० डी० टी० पाउडर घर की दीवारों पर छिड़कना चाहिए।
- मकड़ी के जालों को साफ करते रहना चाहिए।
प्रश्न 5.
कीड़े और जीव-जन्तु मारने के लिए कौन-कौन सी कीटाणुनाशक दवाइयों का प्रयोग किया जा सकता है?
उत्तर-
कीड़े और जीव-जन्तु मारने के लिए निम्नलिखित कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग किया जा सकता है
- चूना-कच्चा तथा बुझा हुआ।
- पोटेशियम परमैंगनेट (लाल दवाई)।
- साबुन।
- डी० डी० टी०
- नीला तूतिया (कॉपर सल्फेट)
- कार्बोलिक अम्ल-कार्बोलिक साबुन तथा घोल के रूप में।
- डेटोल।
- फ़ार्मेलिन।
- लाईसोल।
- फिनाइल।
- क्रिसोल।
- क्लोरीन गैस।
- गन्धक का धुआँ।
- फार्मेल्डिहाइड गैस के रूप में।
प्रश्न 6.
जुएँ कहाँ तथा क्यों पड़ जाती हैं ? इसकी रोकथाम के उपाय बताओ।
उत्तर-
जुएँ मनुष्य के सिर में तथा शरीर पर हो जाती हैं। सिर की जुएँ सिर के बालों में रहती हैं। यहाँ वे अण्डे देती हैं जिन्हें लीख कहते हैं। दूसरे प्रकार की जुएँ गन्दे कपड़ों व शरीर की त्वचा पर रहती हैं जुएँ बड़ी आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुँच जाती हैं।
जुएँ गन्दी होती हैं। इनसे टाइफस बुखार तथा त्वचा के रोग हो जाते
जुओं की रोकथाम के ढंग-
चित्र 6.7 जूं
- जूं के मिलते ही उसे मार देना चाहिए।
- सिर में जुएँ होने पर बाज़ार में उपलब्ध जूं मार रसायन को। लगाकर कुछ घण्टों के बाद सिर धो लेना चाहिए।
- सिर में यदि जुएँ अधिक संख्या में हों तो बाल कटवा देने चाहिए।
- नारियल के तेल में मुश्क-कपूर डालकर सिर में मलने से भी जुएँ मर जाती हैं।
- शरीर में जुएँ होने पर बुने हुए कपड़ों को फर्श पर रखकर ऊपर खूब गर्म पानी डालना चाहिए। व्यक्ति को गर्म पानी व साबुन से मल-मलकर नहाना चाहिए।
- मैले कपड़ों को उबलते पानी में डालकर धोना चाहिए।
- बिस्तर की चादरों आदि की सफ़ाई रखनी भी आवश्यक है।
Home Science Guide for Class 8 PSEB घरेलू कीड़ों और जीव-जन्तुओं की रोकथाम Important Questions and Answers
I. बहुविकल्पी प्रश्न
प्रश्न 1.
रक्त चूसने वाला कीट है
(क) मच्छर
(ख) मक्खी
(ग) काकरोच
(घ) दीमक।
उत्तर-
(क) मच्छर
प्रश्न 2.
प्लेग की बिमारी किस से फैलती है ?
(क) मच्छर
(ख) चूहा
(ग) चींटी
(घ) सभी।
उत्तर-
(ख) चूहा
प्रश्न 3.
घर के सामान को हानि पहुँचाने वाला कीट है
(क) चींटी
(ख) खटमल
(ग) दीमक
(घ) मच्छर
उत्तर-
(ग) दीमक
प्रश्न 4.
………… कपड़ों तथा पुस्तकों को नष्ट करता है।
(क) झींगुर
(ख) मच्छर
(ग) खटमल
(घ) काकरोच।
उत्तर-
(क) झींगुर
प्रश्न 5.
मक्खी से रोग फैलते हैं
(क) हैजा
(ख) पेचिश
(ग) तपैदिक
(घ) सभी ठीक
उत्तर-
(घ) सभी ठीक
प्रश्न 6.
मलेरिया के इलाज के लिए कौन-सी दवाई का प्रयोग होता है ?
(क) दाल चीनी
(ख) कुनीन
(ग) सौंफ
(घ) अजवाइन।
उत्तर-
(ख) कुनीन
प्रश्न 7.
ठीक तथ्य है
(क) मलेरिया एनाफलीज़ मच्छर के कारण होता है।
(ख) फाइलेरिया, मादा क्यूलैक्स की जाती के कारण होता है।
(ग) चूहे के पिस्सू से प्लेग की बिमारी फैलती है।
(घ) सभी ठीक।
उत्तर-
(घ) सभी ठीक
II. ठीक/गलत बताएं
- मच्छर भोजन को ज़हरीला बना देता है।
- सैंड फलाई छोटा कीट है जो मच्छरदानी में भी दाखिल हो जाता है।
- नेवला तथा बिल्ली पालने से सांप से बचाव होता है।
- दीमक लाभदायक कीट है।
- मादा एनाफलीज़ मच्छर के काटने से मलेरिया होता है।
- डेंगू बुखार ऐडीज एजेपटी मच्छर के कारण होता है।
उत्तर-
- ✗
- ✓
- ✓
- ✗
- ✓
- ✓
III. रिक्त स्थान भरें
- एनाफलीज मच्छर से ………… हो जाता है। (From Board M.O.P.)
- कीड़े-मकौड़ों को ………….. श्रेणियों में बांटा गया है।
- ……………… कपड़ों तथा पुस्तकों को नष्ट करती हैं।
- चूहे ……………….. के पिस्सू पैदा करते हैं।
- खटमल से ……………. ज्वर हो जाता है।
उत्तर-
- मलेरिया,
- तीन
- झींगुर,
- प्लेग,
- काला।
IV. एक शब्द में उत्तर दें
प्रश्न 1.
बाल-पक्षाघात रोग किस अवस्था में होता है ?
उत्तर-
बच्चों में 5-7 वर्ष की अवस्था में।
प्रश्न 2.
मलेरिया के उपचार के लिए किस औषधि का प्रयोग करना चाहिए?
उत्तर-
कुनीन।
प्रश्न 3.
मच्छरों से कौन-सा बुखार फैलता है?
उत्तर-
मलेरिया।
प्रश्न 4.
प्लेग की बीमारी किससे फैलती है ?
उत्तर-
चूहे के पिस्सू से ।
प्रश्न 5.
मक्खी से कौन-से रोग फैलते हैं ?
उत्तर-
हैजा रोग।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
चूहे हानिकारक हैं, कैसे?
उत्तर-
क्योंकि इससे रोग के कीटाणु फैलते हैं।
प्रश्न 2.
खटमल से कौन-से रोग फैलते हैं ?
उत्तर-
खटमल से काला ज्वर और चर्म रोग फैलते हैं।
प्रश्न 3.
कीड़ों द्वारा फैलने वाले रोगों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
मलेरिया, डेंगू, ज्वर, प्लेग, रिलेप्सिंग ज्वर
प्रश्न 4.
मलेरिया के प्रमुख लक्षण क्या हैं ?
उत्तर-
जी घबराना, सिर दर्द, ठण्ड व कंपकपी के साथ ज्वर चढ़ना।
प्रश्न 5.
प्लेग रोग किन कीटों के काटने से होता है?
उत्तर-
पिस्सुओं के काटने से।
प्रश्न 6.
प्लेग के प्रमुख लक्षण क्या हैं?
उत्तर-
105°-107°F तक ज्वर, कभी-कभी उल्टियाँ तथा दस्त लगना, बगल तथा जाँघ में गिल्टियाँ निकलना।
प्रश्न 7.
डेंगू ज्वर किस मच्छर के काटने से होता है ?
उत्तर-
एडिस ऐजेप्टी।
प्रश्न 8.
डेंगू ज्वर के क्या लक्षण हैं ?
उत्तर-
ज्वर, पीठ तथा अन्य अंगों में पीड़ा, भूख व नींद मर जाना तथा कमज़ोरी।
प्रश्न 9.
पुनराक्रमण ज्वर (रिलेप्सिंग ज्वर) किन कीटों द्वारा होता है ?
उत्तर-
नँ और खटमल के द्वारा रक्त चूसने से।
प्रश्न 10.
पुनराक्रमण ज्वर के मुख्य लक्षण क्या हैं ?
उत्तर-
ज्वर 104° फा० तक, शरीर पर गुलाबी रंग के दाने, कभी-कभी उल्टी व चक्कर।
प्रश्न 11.
तपेदिक या क्षय रोग के क्या कारण हैं ?
उत्तर-
बाल-विवाह, अपूर्ण खुराक, कमज़ोरी।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
चींटियों से क्या नुकसान होता है ? इनसे बचाव के उपाय लिखो।
उत्तर-
चींटियाँ मृत जीव-जन्तु और गन्दगी की सफ़ाई करती हैं परन्तु ये काटकर नुकसान भी पहुंचाती हैं। चींटियाँ अगर खाने में पड़ जाती हैं तो खाना दूषित तथा थोड़ा विषैला हो जाता है।
चित्र 6.8 चींटी
चींटियों से बचाव के उपाय-
- ये मीठे पदार्थों पर शीघ्र चढ़ती हैं अत: शहद व मुरब्बे आदि की शीशियों को पानी में रखना चाहिए।
- भोजन वाली डोली (अलमारी) के पाए पानी में रखने चाहिए।
- चींटियों की खुड्डों में बोरेक्स या हल्दी डाल देनी चाहिए।
प्रश्न 2.
मकड़ी से क्या हानि है ?
उत्तर-
मकड़ी गन्दे स्थानों पर पाई जाती है। यह घरेलू कीड़ेमकोड़े खाती है। यदि इसके मुँह से निकलने वाला लसलसा पदार्थ शरीर के किसी भी स्थान पर पड़ जाए तो वहाँ फफोले पड़ जाते हैं।
चित्र 6.9 मकड़ी
प्रश्न 3.
झींगुरों से बचाव के उपाय लिखो।
उत्तर-
झींगुर कागज़ व सूती कपड़े खाते हैं। आमतौर पर ये दिन में अन्धेरे कोनों में छिपे रहकर रात में बाहर आते हैं। झींगुरों से बचाव के उपाय निम्न हैं-
चित्र 6.10 झींगुर
- वस्त्रों में नैप्थलीन की गोलियाँ रखनी चाहिए।
- इनके स्थानों पर सुहागे, पाइरेथ्रम या गन्धक का प्रयोग मददगार होता है।
- समय-समय पर कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव इस कीट को नाश करने में सहायक होता है।
- इनकी संख्या बढ़ जाने पर बन्द कमरे में पाइरेथ्रम पाउडर को जलाकर उसके धुएँ से इन्हें मारा जाता है।
- इनकी रोकथाम का सर्वोत्तम उपाय घरों की सफ़ाई करते रहना है।
प्रश्न 4.
कपड़ों के कीड़े ( पतंगों) की रोकथाम के उपाय बताओ।
उत्तर-
कपड़ों के पतंगों के लारवा गर्म कपड़ों और बुनी पोषाकों को नष्ट करते हैं। अण्डे जो ऊनी कपड़ों में दिए जाते हैं, उनसे लारवा निकलते हैं। ये कपड़ों को खाते हैं जिनसे उनमें छेद हो जाते हैं। इनकी रोकथाम के उपाय निम्न हैं—
- कपड़ों को जल्दी-जल्दी धूप दिखाते रहने से इनके लारवा मर जाते हैं।
- ऊनी कपड़ों को अख़बार में लपेटकर टिन के हवाबन्द बक्स में रखना चाहिए। अख़बारों की मुद्रण स्याही से ये पतंगें दूर भागते हैं।
- कपूर और नैष्थलीन की गोलियाँ भी कपड़ों में रखने से बचाव होता है।
प्रश्न 5.
दीमक की रोकथाम और नष्ट करने के उपाय बताओ।
उत्तर-
दीमक मनुष्य के शरीर को हानि नहीं पहुँचाती, परन्तु घर में फर्नीचरों, छतों, दरवाज़ों, अन्य लकड़ी के सामान, पुस्तकों, वस्त्रों आदि को नष्ट कर देती है। लकड़ी इनका मुख्य भोजन है। इनसे बचाव के निम्नलिखित उपाय करने चाहिए
चित्र 6.11 दीमक
- लकड़ी के समान, पुस्तकें आदि को सीलन से बचाना चाहिए।।
- लकड़ी की वस्तुओं में जो दरारें हों, उन्हें या तो भर देना | चाहिए या उनमें मिट्टी के तेल का छिड़काव करना चाहिए।
- जिन वस्तुओं में दीमक जल्दी लग जाती है उन्हें सप्ताह में एक बार धूप में रखना चाहिए।
- दीमक की सम्भावना वाले सामान पर डी० डी० टी० छिड़कते रहना चाहिए।
प्रश्न 6.
सिल्वर फिश किन चीज़ों को नुकसान पहुँचाती है ? इसकी रोकथाम के उपाय बताओ।
उत्तर-
यह घरों में तस्वीरों के फ्रेम के पीछे के गत्ते, किताबों और कपड़ों को खाती है। यह कृत्रिम रेशम, माँडी लगे कपड़े, कागज़ और लुगदी पर निर्भर होती है। इसकी रोकथाम के उपाय निम्नलिखित हैं
- अलमारियों, दराज़ों और बक्सों को अच्छी तरह साफ़ रखना चाहिए।
- कागज़ के टुकड़ों जैसे अनावश्यक पदार्थों को घर में इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए।
- किताबों की समय-समय पर देखभाल की जानी चाहिए।
- पाइरेथ्रम का पाउडर छिड़कना चाहिए।
- पाइरेथ्रम तथा गन्धक का धुआँ भी सिल्वर फिश का नाश करता है।
प्रश्न 7.
मच्छर से बचने के उपाय बताओ।
उत्तर-
मक्खी मच्छरों से बचने के उपाय
- घर के आँगन में या आस-पास पानी रुकने नहीं देना चाहिए।
- मच्छर शाम को काफी चुस्त होता है अतः शाम होते ही दरवाज़े व खिड़कियाँ बन्द कर देनी चाहिए।
- रात को सोने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए।
- मच्छर मारने के लिए फ्लिट का छिड़काव खासतौर पर मोटे पर्दो व अलमारियों के पीछे तथा अन्धेरे कोनों में करना चाहिए।
- कमरे में रात को तम्बाकू, धूप, नीम की पत्ती, अगरबत्ती व गन्धक की धूनी देनी चाहिए।
चित्र 6.2 मच्छर - सोने से पूर्व शरीर पर सरसों का तेल या ओडोमास क्रीम लगानी चाहिए।
- घर के आस-पास कूड़ा-करकट इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। घर और आसपास की जगह साफ़ रखनी चाहिए।
प्रश्न 8.
कीड़े-मकौड़ों को हम कितनी श्रेणियों में बांट सकते हैं ? प्रत्येक का उदाहरण दें।
उत्तर-
कीड़े-मकौड़ों को हम तीन श्रेणियों में बांट सकते हैं-
- खून-चूसने वाले-मच्छर,
- भोजन को ज़हरीला बनाने वाले-कीड़े,
- घर के सामान के नुक्सान पहुंचाने वाले-दीमक।
प्रश्न 9.
पिस्सू और खटमल को मारने के लिए क्या करेंगे ?
उत्तर-
देखें प्रश्न 7 (अभ्यास का) का उत्तर।।
प्रश्न 10.
मच्छरों से क्या हानि है ? इसकी रोक-थाम कैसे करोगे ?
उत्तर-
मच्छरों से नुकसान
- मलेरिया-मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से।
- डेंगू बुखार-एडिस एजेप्टी मच्छर के काटने से।
- फाइलेरिया-मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से।
- मस्तिष्क ज्वर-क्यूलेक्स की जाति के कारण।
- पीत ज्वर-एडिस मच्छर के काटने से।
प्रश्न 11.
मक्खियों के बचाव के लिए आप क्या करेंगे तथा इनका क्या नुक्सान है ?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।
प्रश्न 12.
(क) नीम, तम्बाकू या तुलसी का पौधा घर में क्यों लगाना चाहिए?
(ख) साँप बिच्छ्र से बचने के लिए क्या करोगे?
उत्तर-
नीम, तम्बाकू व तुलसी के पौधे घरों में दुर्गन्धनाशक, कीटनाशक व कीट प्रतिकारक होते हैं।
नीम की पत्तियों को अनाजों के बीच रखकर अनाजों को कीटों से सुरक्षित रखा जाता है। नीम की पत्तियाँ ऊनी कपड़ों को सुरक्षित रखती हैं।
तम्बाकू की पत्तियों का धुआँ कीटनाशक होता है। तम्बाकू की धूल से खमीरा बनाया जाता है जिसके धुएँ से कीट मर जाते हैं। इससे एक कीटनाशक औषधि निकोटीन सल्फेट भी बनाई जाती है।
तुलसी का पौधा साँप के काटे में विषमारक के रूप में काम आता है। साँप से बचने के उपाय
- घर के निकट की झाड़ियाँ काट देनी चाहिए।
- घर के आस-पास की ज़मीन, घर की दरारों और छेदों में फिनाइल डालनी चाहिए।
- तम्बाकू के पत्ते उबालकर छिड़कना चाहिए।
- नेवला व बिल्ली पालने से भी साँप से बचाव होता है।
बिच्छू से बचने के उपाय-
- कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल कर सभी कीटों को मार देना चाहिए।
- घर के सभी, खासकर अन्धेरे स्थानों को नियमित रूप से साफ़ करना चाहिए।
घरेलू कीड़ों और जीव-जन्तुओं की रोकथाम PSEB 8th Class Home Science Notes
- कीड़े-मकौड़ों को हम तीन श्रेणियों में बाँट सकते हैं
- खून चूसने वाले,
- भोजन को ज़हरीला बनाने वाले,
- घर के सामान को नुकसान पहुँचाने वाले।
- एनोफेलीज़ जाति के मच्छर की मादाओं के काटने से मलेरिया रोग फैलता है।
- क्यूलेक्स जाति के मच्छरों के काटने से भी यह रोग होता है।
- मच्छर मारने के लिए फ्लिट छिड़कना चाहिए ।
- अगर मच्छर काट ले और दर्द हो तो थोड़ा अमोनिया लगा लेना चाहिए।
- खटमल गन्दे फर्श, दरी या टूटे फर्श की दरार और खाट के सिरों में रहते हैं।
- खटमल लाल भूरे रंग का कीड़ा होता है।
- चूहे के पिस्सू प्लेग की बीमारी फैलाते हैं।
- कॉकरोच और तिलचट्टा भोजन और सामान दोनों चीज़ों को खराब करता है।
- दीमक कागज़, लकड़ी आदि को नष्ट करती है। यह लकड़ी को अन्दर खाकर खोखला कर देती है।
- झींगुर कपड़ों और पुस्तकों को नष्ट करती है।
- कपड़े के कीड़े रेशम के कपड़े और ऊनी कपड़ों को खाते हैं।
- चूहे प्लेग के पिस्सू पैदा करते हैं।
- छिपकली छोटे-छोटे कीड़े-मकौड़े खाकर नुकसान की बजाए हमारी मदद करती है।