Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Chapter 7 गर्म कपड़ों की धुलाई और कपड़ों की सम्भाल Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 8 Home Science Chapter 7 गर्म कपड़ों की धुलाई और कपड़ों की सम्भाल
PSEB 8th Class Home Science Guide गर्म कपड़ों की धुलाई और कपड़ों की सम्भाल Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
कपड़ों को धोने से पहले उनकी मुरम्मत करना क्यों ज़रूरी है ?
उत्तर-
वरन् उसके और अधिक फटने या उधड़ने का भय रहता है।
प्रश्न 2.
धुलाई के उपरांत ऊन कई बार जुड़ जाती है क्यों ?
उत्तर-
ऊनी वस्त्र को धोते समय जब उसे पानी या साबुन के घोल में हिलाया-डुलाया जाता है तो ऊन के तन्तुओं को रेशे आपस में एक-दूसरे के ऊपर चढ़ जाते हैं जिसके फलस्वरूप ऊन जुड़ जाती है।
प्रश्न 3.
धुलाई के लिए गर्म पानी का प्रयोग किन कपड़ों के लिए किया जाता
उत्तर-
सूती कपड़ों के लिए।
प्रश्न 4.
सम्भालने से पहले कपड़ों की माया/मांड उतारनी क्यों ज़रूरी है ?
उत्तर-
कई कीड़े कपड़ों से माया खाने के लिए कपड़ों में छेद कर देते हैं।
लघूत्तर प्रश्न
प्रश्न 1.
कपड़ों को सम्भालकर रखना क्यों जरूरी है ?
उत्तर-
कपड़ों को सम्भालकर रखना बहुत ज़रूरी है ताकि उनको टिड्डियों आदि से बचाया जा सके। गर्मियों के मौसम में गर्म कपड़ों को अच्छी तरह सम्भाल कर रखना चाहिए ताकि गर्म कपड़ों वाला कीड़ा न खाए।
प्रश्न 2.
आप रेशमी कपड़ों को कैसे सम्भालोगे ?
उत्तर-
रेशमी कपड़ों को सम्भालना
- रोज़ पहनने वाले कपड़ों को हैंगर में लटकाकर अलमारी में रखना चाहिए।
- सूरज की तेज़ रोशनी से रंग फीके पड़ जाते हैं, इसलिए इन्हें तेज़ रोशनी में नहीं रखना चाहिए।
- कपड़ों को मैली स्थिति में कई दिनों तक नहीं रखना चाहिए। हमेशा कपड़ों को साफ़ करके सम्भालना चाहिए।
- गर्मियों में जब रेशमी कपड़े न पहनने हों तो उन्हें किसी पुरानी चादर, सूती धोती, तौलियों या गुड्डी कागज़ में लपेट कर रखना चाहिए।
- सम्भालकर रखे जाने वाले कपड़ों में माया (माँड़) लगाकर नहीं रखना चाहिए।
प्रश्न 3.
ऊनी कपड़ों को लटकाना क्यों नहीं चाहिए ?
अथवा
ऊनी कपड़ों को लटका कर क्यों नहीं सुखाना चाहिए ?
उत्तर-
ऊन बहुत पानी चूसती है और भारी हो जाती है, इसलिए अगर कपड़े को लटकाकर सुखाया जाए तो वह नीचे लटक जाता है और आकार खराब हो जाता है।
प्रश्न 4.
ऊनी कपड़ों को ज्यादा समय के लिए भिगोना क्यों नहीं चाहिए ?
उत्तर-
ऊन का तन्तु बहुत नर्म और मुलायम होता है। इसके ऊपर छोटी-छोटी तहें होती हैं जो कि पानी, गर्मी और क्षार से नर्म हो जाती हैं और एक दूसरे से उलझ जाती हैं इसलिए ज्यादा देर तक नहीं भिगोना चाहिए।
प्रश्न 5.
गर्म कपड़ों को धोते समय गर्म और ठण्डे पानी में क्यों नहीं डालना चाहिए ?
उत्तर-
क्योंकि इसके तन्तु आपस में जुड़ जाते हैं।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
गर्म कपड़े धोने के समय कौन-कौन सी सावधानियां अपेक्षित हैं ?
उत्तर-
गर्म कपड़े धोने के समय निम्न सावधानियां अपेक्षित हैं-
- ऊनी वस्त्रों को धोते समय रगड़ना तथा कूटना नहीं चाहिए। .
- ऊनी वस्त्रों को धोने से पूर्व अधिक देर तक भिगोकर नहीं रखना चाहिए।
- ऊनी कपड़ों को कभी उबालना नहीं चाहिए।
- ऊनी वस्त्र धोने के लिए पानी बिल्कुल गुनगुना होना चाहिए। पानी का ताप सदैव एक-सा होना चाहिए।
- ऊनी वस्त्र धोने के लिए मृदु जल का ही प्रयोग करना चाहिए। अधिक क्षारयुक्त पानी से ऊन सख्त हो जाती है व सूखने पर पीली पड़ जाती है।
- ऊनी वस्त्र धोने के लिए साबुन क्षारत होना चाहिए। तीव्र क्षार का ऊन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है।
- रंगीन ऊन के कपड़ों के लिए रीठों के घोल या डिटरजेन्ट्स का प्रयोग करना चाहिए।
- सफेद ऊनी कपड़ों को धोने के लिए घरेलू ब्लीचिंग घोलों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। यदि किसी ब्लीचिंग की आवश्यकता अनुभा की जाए तो हल्के हाइड्रोजन पर ऑक्साइड का प्रयोग करना चाहिए।
- वस्त्र को तब तक पानी में खंगालना चाहिए जब तक कि उसका साबुन या झाग पूर्ण रूप से निकल न जाए।
- वस्त्र को पानी में आखिरी बार खंगालने से पहले पानी में थोड़ा सा नील डाल देना चाहिए।
- ऊनी कपड़े को निचोड़ने के लिए उसे मोटे रोंएदार तौलिये में रखकर दोनों हाथों से चारों तरफ़ से दबाना चाहिए।
- काफी मात्रा में अपने अन्दर पानी सोख लेने के कारण गीले ऊनी कपड़े भारी हो जाते हैं। उन्हें धोने के बाद तार पर टाँग कर नहीं सुखाना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से कपड़ा लम्बा तथा बेडौल हो जाता है।
- ऊनी कपड़े को उल्टा करके सेज या चारपाई पर छायादार स्थान पर सुखाना चाहिए।
- सुखाने पर कपड़े को उल्टा करके गीला कपड़ा रखकर इस्तरी करनी चाहिए।
- ऊनी कपड़ों को अधिक मैला होने से पहले ही धो लेना चाहिए।
प्रश्न 2.
गर्म कपड़े धोने से पहले क्या तैयारी करोगे ?
उत्तर-
1. गर्म कपड़ा कहीं फटा या उधड़ा हुआ हो तो ठीक कर लेना चाहिए ताकि धोने के समय छेद बड़ा न हो जाए।
2. गर्म कपड़े की बुनाई बड़ी खुली होती है जिससे उसमें मिट्टी फँस जाती है। इसलिए धोने से पहले कपड़ों को अच्छी तरह झाड़ना चाहिए।
3. धुलाई क्रिया को सफल बनाने के लिए गर्म वस्त्रों पर शोधक पदार्थों की क्या प्रतिक्रिया होती है, इसके विषय में जानकारी होनी चाहिए।
4. गर्म वस्त्र में प्रयोग किए रेशों के अनुरूप, अनुकूल शोधक पदार्थों को ही चुनना और प्रयोग करना चाहिए।
5. गर्म वस्त्रों पर दाग-धब्बे छुड़ाने वाले विभिन्न रसायनों तथा प्रतिकर्मकों आदि की क्या प्रतिक्रिया होती है, इसकी जानकारी रखनी चाहिए।
6. गर्म वस्त्रों की सफलतापूर्वक धुलाई के लिए उन्हें किस विधि से धोया जाए इसकी जानकारी आवश्यक है। वस्त्र की रचना के अनुसार ही विधि का प्रयोग करना चाहिए।
चित्र 7.1 गर्म कपड़ा धोने की तैयारी
7. सभी प्रकाकर के वस्त्रों को एक साथ मिलाकर नहीं धोना चाहिए। वस्त्रों को किस्म, रचना, रंग आदि के अनुसार छाँटकर अलग-अलग धोना चाहिए।
8. कम गन्दे वस्त्रों को अधिक गन्दे वस्त्रों के साथ नहीं धोना चाहिए।
9. वस्त्रों को धोने से पूर्व उनका निरीक्षण कर लेना चाहिए। यदि कहीं से सिलाई खुल गई हो या छेद आदि हो गया हो तो पहले उनकी मुरम्मत करनी चाहिए।
10. वस्त्र पर यदि कोई दाग या धब्बा लग गया है तो पहले उसे दूर करना चाहिए।
11. धोने से पूर्व वस्त्रों की जेबें देख लेनी चाहिएँ और यदि उनमें कुछ भी है तो उसे निकाल देना चाहिए।
12. धुलाई से पूर्व धुलाई में आवश्यक सहायक उपकरणों का पूर्व प्रबन्ध कर लेना चाहिए। इसमें समय की बचत होती है।
13. धुलाई में प्रयोग आने वाली रासायनिक प्रतिकर्मकों को बच्चों से दूर रखना चाहिए। __ (14) धुले वस्त्रों को सुखाने की उचित विधि का प्रयोग तथा उचित प्रबन्ध करना चाहिए।
14. धुलाई के लिए मृदु जल का प्रयोग करना चाहिए। (16) धोकर सुखाए वस्त्रों को तुरन्त प्रेस (इस्तरी) कर देना चाहिए।
प्रश्न 3.
एक गर्म स्वेटर को कैसे धोओगे और प्रैस करोगे?
अथवा
आप घर में ऊनी वस्त्र कैसे धोएँगे तथा प्रैस करेंगे ?
उत्तर-
गर्म स्वेटर पर प्रायः बटन लगे रहते हैं। यदि कुछ ऐसे फैन्सी बटन हों जिनको धोने से खराब होने की सम्भावना हो तो उतार लेते हैं। यदि स्वेटर कहीं से फटा हो तो सी लेते हैं। अब स्वेटर का खाका तैयार करते हैं। इसके उपरान्त गुनगुने पानी में आवश्यकतानुसार लक्स का चूरा अथवा रीठे का घोल मिलाकर हल्की दबाव विधि से धो लेते हैं। तत्पश्चात् गुनगुने साफ़ पानी में तब तक धोते हैं जब तक सारा साबुन न निकल जाए। ऊनी वस्त्रों के लिए पानी का तापमान एक-सा रखते हैं तथा ऊनी वस्त्रों को पानी में बहुत देर तक नहीं भिमोमा चाहिए वरना इनके सिकुड़ने का भय रहता है। इसके बाद एक रोएंदार (टर्किश) तौलिए में रखकर उसको हल्के हाथों से दबाकर पानी निकाल लेते हैं। फिर खाके पर रखकर किसी समतल स्थान पर छाया में सुखा लेते हैं।
चित्र 7.2 गर्म वस्त्र का खाका बनाना
प्रैस करना-सूखने के बाद वस्त्र को उल्टा करके उसके ऊपर गीला कपड़ा रखकर इस्तरी करनी चाहिए।
प्रश्न 4.
सूती और ऊनी कपड़ों को सम्भालते समय कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है ?
उत्तर-
सूती कपड़ों की सम्भाल करते समय ध्यान रखने योग्य बातें निम्नलिखित हैं-
- कपड़ों को हमेशा धोकर और अच्छी तरह सुखाकर रखना चाहिए।
- कपड़ों पर माया (कलफ) लगाकर अधिक दिन के लिए नहीं रखना चाहिए।
- प्रेस करने के बाद कपड़े की नमी को पूरी तरह समाप्त करके ही कपड़ों को सम्भालना चाहिए।
- नमीयुक्त कपड़ों में फफूंदी लग जाती है जिससे कपड़े कमजोर हो जाते हैं तथा उन पर दाग लग जाते हैं। अत: बरसात में कपड़ों को अलमारी या सन्दूक में अच्छी तरह बन्द करके रखना चाहिए। धूप निकलने पर उन्हें धूप लगवाते रहना चाहिए।
- कपड़ों को नमी वाले स्थान में भूलकर भी नहीं रखना चाहिए।
ऊनी कपड़ों की संभाल-
- ऊनी कपड़ों की सम्भाल करने से पूर्व उन्हें ब्रुश से अच्छी तरह झाड़ लेना चाहिए।
- जो कपड़े गन्दे हों उन्हें धोकर या सूखी धुलाई (ड्राइक्लीनिंग) कराकर रखना चाहिए।
- ऊनी कपड़ों को बक्से, अलमारी आदि में धूप व हवा लगवाते रहना चाहिए।
- कपड़ों को नमी की हालत में या नमी के स्थान पर नहीं रखना चाहिए।
- जब बक्से में कपड़े बन्द किए जाएँ तो उनमें नैफ्थलीन की गोलियाँ, कपूर या नीम के सूखे पत्ते रखकर अच्छी प्रकार बन्द करना चाहिए।
- प्रत्येक कपड़े को अखबार के कागज़ में लपेटकर रखा जा सकता है, छपाई की स्याही के कारण कपड़ों को कीड़ा नहीं लगता।
Home Science Guide for Class 8 PSEB गर्म कपड़ों की धुलाई और कपड़ों की सम्भाल Important Questions and Answers
I. बहुविकल्पी प्रश्न
प्रश्न 1.
ऊन के तंतु के गुण हैं
(क) कोमल
(ग) प्राणीजन
(ख) मुलायम
(घ) सभी ठीक।
उत्तर-
(घ) सभी ठीक।
प्रश्न 2.
ऊन के रेशों के दुश्मन हैं
(क) नमी
(ग) क्षार
(ख) ताप
(घ) सभी ठीक।
उत्तर-
(घ) सभी ठीक।
प्रश्न 3.
रेशमी कपड़ों को किस कागज़ में लपेट कर रखा जाता है ?
(क) गुड्डी कागज़
(ख) पुस्तकों के कागज़
(ग) दोनों ठीक
(घ) दोनों ग़लत।
उत्तर-
(क) गुड्डी कागज़
प्रश्न 4.
ठीक तथ्य है
(क) रेशम के कपड़े कमज़ोर तथा मुलायम होते हैं।
(ख) रेयॉन के कपड़े को धूप में नहीं सुखाना चाहिए।
(ग) सूती कपड़ों के लिए गर्म पानी का प्रयोग किया जा सकता है।
(घ) सभी ठीक।
उत्तर-
(घ) सभी ठीक।
II. ठीक/गलत बताएं
- ऊनी कपड़ों को लटका कर नहीं सुखाना चाहिए।
- रेशम के संभाल कर रखे जाने वाले कपड़ों को माया लगा कर नहीं रखना चाहिए।
- रेयॉन के कपड़ों के लिए ड्राइक्लीन धुलाई अच्छी रहती है।
- ऊनी कपड़ों को अच्छी प्रकार प्रेस करना चाहिए।
- रेशमी कपड़ों को धूप में सुखाना चाहिए।
- ऊनी वस्त्र अधिक गर्म पानी, क्षार, रगड़ने तथा मरोड़ने से खराब हो जाते हैं।
उत्तर-
- ✓
- ✓
- ✓
- ✗
- ✗
- ✓
III. रिक्त स्थान भरें
- ऊनी कपड़े को ……………… में नहीं सुखाना चाहिए।
- ऊनी कपड़ों को बन्द करके रखते समय ……………….. की गोलियां डाल दें।
- ऊनी कपड़ा भिगोने से ………………. हो जाता है।
- नमीयुक्त कपड़ों को संभालने से ……………….. लग जाती है।
उत्तर-
- धूप,
- नैथलीन,
- कमज़ोर,
- फफूंदी।
IV. एक शब्द में उत्तर दें
प्रश्न 1.
ऊनी वस्त्र को धोने के लिए कैसा जल चाहिए ?
उत्तर-
मृदु जल।
प्रश्न 2.
ऊनी वस्त्र को संभालने के लिए नीम के पत्ते तथा अन्य कौन-से पत्ते भी रखे जाते हैं ?
उत्तर-
युक्लिप्टस।
प्रश्न 3. रेशमी कपड़ों को कैसे कागज़ में लपेट कर रखा जाता है ?
उत्तर-
गुड्डी कागज़।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सूती कपड़े धोने के लिए कुछ देर तक साबुन के पानी में भिगो कर रखने से क्या लाभ होता है ?
उत्तर-
वस्त्रों पर लगा हुआ घुलनशील मैल पानी में घुल जाता है तथा अन्य गन्दगी, धब्बे आदि छूट जाते हैं।
प्रश्न 2.
रेयॉन के वस्त्रों की धुलाई कठिन क्यों होती है ?
उत्तर-
क्योंकि रेयॉन के वस्त्र पानी के सम्पर्क से निर्बल पड़ जाते हैं।
प्रश्न 3.
रेयॉन के वस्त्रों के लिए किस प्रकार की धुलाई अच्छी रहती है ?
उत्तर-
शुष्क धुलाई (ड्राइक्लीनिंग)
प्रश्न 4.
रेयॉन के वस्त्रों पर अम्ल तथा क्षार का क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
शक्तिशाली अम्ल तथा क्षार दोनों से ही रेयॉन के वस्त्रों को हानि होती है।
प्रश्न 5.
रेयॉन के वस्त्रों को धोते समय क्या बातें वर्जित हैं ?
उत्तर-
वस्त्रों को पानी में फुलाना, ताप, शक्तिशाली रसायनों तथा एल्कोहल का प्रयोग करना वर्जित है।
प्रश्न 6.
रेयॉन के वस्त्रों की धुलाई के लिए कौन-सी विधि उपयुक्त होती है ?
उत्तर-
गूंधने और नपीड़न की विधि।
प्रश्न 7.
रेयॉन के वस्त्रों पर इस्तरी किस प्रकार करनी चाहिए ?
उत्तर-
कम गर्म इस्तरी वस्त्र के उल्टी तरफ से करनी चाहिए। इस्तरी करते समय वस्त्र में हल्की सी नमी होनी चाहिए।
प्रश्न 8.
ऊन का तन्तु कैसा होता है ?
उत्तर-
काफ़ी कोमल, मुलायम और प्राणिजन्य।
प्रश्न 9.
ऊन का तन्तु आपस में किन कारणों से जुड़ जाता है ?
उत्तर-
नमी, क्षार, दबाव तथा गर्मी के कारण।
प्रश्न 10.
ऊन के तन्तुओं की सतह कैसी होती है ?
उत्तर-
खुरदरी।
प्रश्न 11.
ऊन के रेशों की सतह खुरदरी क्यों होती है ?
उत्तर-
क्योंकि ऊन की सतह पर परस्पर व्यापी शल्क होते हैं।
प्रश्न 12.
ऊन के रेशों की सतह के शल्कों की प्रकृति कैसी होती है ?
उत्तर-
लसलसी, जिससे शल्क जब पानी के सम्पर्क में आते हैं तो फूलकर नरम हो जाते हैं।
प्रश्न 13.
ऊन के रेशों के शत्रु क्या हैं ?
उत्तर-
नमी, ताप और क्षार।
प्रश्न 14.
ताप के अनिश्चित परिवर्तन से रेशों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
रेशों में जमाव व सिकुड़न हो जाती है।
प्रश्न 15.
ऊन के वस्त्रों को किस प्रकार के साबुन से धोना चाहिए ?
उत्तर-
कोमल प्रकृति के शुद्ध क्षार रहित साबुन से।
प्रश्न 16.
अधिक क्षार मिले पानी का ऊन पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
ऊन सख्त हो जाती है तथा सूखने पर पीली पड़ जाती है।
प्रश्न 17.
ऊनी वस्त्रों की धुलाई के लिए किस प्रकार के जल का प्रयोग करना चाहिए ?
उत्तर-
मृदु जल का।
प्रश्न 18.
ऊनी वस्त्रों की धुलाई में कौन-से घोल अधिक प्रचलित है ?
उत्तर-
पोटेशियम परमैंगनेट, सोडियम पर ऑक्साइड तथा हाइड्रोजन परऑक्साइड के हल्के घोल।
प्रश्न 19.
ऊनी कपड़ों को फलाने की आवश्यकता क्यों नहीं होती ?
उत्तर-
क्योंकि पानी में डुबोने से रेशे निर्बल हो जाते हैं।
प्रश्न 20.
ऊनी वस्त्रों को धोते समय रगड़ना-कटना क्यों नहीं चाहिए ?
उत्तर-
रगड़ने से रेशे नाश हो जाते हैं तथा आपस में फँसते हुए जम जाते हैं।
प्रश्न 21.
वस्त्रों को पानी में आखिरी बार खंगालने से पहले पानी में थोड़ी-सी नील क्यों डाल देनी चाहिए ?
उत्तर-
जिससे कि ऊनी वस्त्रों में सफेदी व चमक बनी रहे।
प्रश्न 22.
ऊनी कपड़ों को धूप में क्यों नहीं सुखाना चाहिए ?
उत्तर-
क्योंकि तेज़ धूप के प्रकाश के ताप से ऊन की रचना बिगड़ जाती है।
प्रश्न 23.
ऊनी कपड़ों की धुलाई के लिए तापमान की दृष्टि से किस प्रकार के पानी का प्रयोग किया जाना चाहिए ?
उत्तर-
ऊनी कपड़ों की धुलाई के लिए गुनगुने पानी का प्रयोग करना चाहिए। धोते समय पानी का तापमान कपड़े को भिगोने से लेकर आखिरी बार खंगालने तक एक-सा होना चाहिए।
प्रश्न 24.
धोने के बाद ऊनी कपड़ों को किस प्रकार सुखाना चाहिए ?
उत्तर-
धोने से पूर्व बनाए गए खाके पर कपड़ों को रखकर उसका आकार ठीक करके तथा छाया में उल्टा करके, समतल स्थान पर सुखाना चाहिए जहाँ चारों ओर से कपड़े पर हवा लग सके।
प्रश्न 25.
ऊनी कपड़ों पर कीड़ों का असर न हो इसलिए कपड़ों के साथ बक्से या अलमारी में क्या रखा जा सकता है ?
उत्तर-
नैष्थलीन की गोलियां,पैराडाइक्लोरो बेंजीन का चूरा, तम्बाकू की पत्ती, कपूर, पिसी हुई लौंग, चन्दन का बुरादा, फिटकरी का चूरा या नीम की पत्तियाँ आदि।
प्रश्न 26.
रेयॉन के वस्त्रों को रगड़ना क्यों नहीं चाहिए ?
उत्तर-
रेयॉन के वस्त्र कमज़ोर और मुलायम होते हैं। इसलिए गीली अथवा सूखी अवस्था में रगड़ना या मरोड़ना नहीं चाहिए।
प्रश्न 27.
ऊनी वस्त्रों को अधिक देर तक नल में भिगोने से क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
ऊन के तन्तु कमजोर हो जाते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
रेयॉन के वस्त्रों की धुलाई करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
रेयॉन के वस्त्रों की धुलाई करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए
- रेयॉन के वस्त्रों को भिगोना, उबालना या ब्लीच नहीं करना चाहिए।
- साबुन मृदु प्रकृति का प्रयोग करना चाहिए।
- गुनगुना पानी ही प्रयोग में लाना चाहिए, अधिक गर्म नहीं।
- साबुन का अधिक से अधिक झाग बनाना चाहिए जिससे साबुन पूरी तरह घुल जाए।
- गीली अवस्था में रेयॉन के कपड़े अपनी शक्ति 50% तक खो देते हैं। अतः वस्त्रों में से साबुन की झाग निकालने के लिए उन्होंने सावधानीपूर्वक निचोड़ना चाहिए।
- साबुन की झाग निचोड़ने के बाद वस्त्र को दो बार गुनगुने पानी में से खंगालना चाहिए
- वस्त्रों में से पानी को भी कोमलता से निचोड़कर निकालना चाहिए। वस्त्रों को मरोड़कर नहीं निचोड़ना चाहिए।
- वस्त्र को किसी भारी तौलिए में रखकर, लपेट कर हल्के-हल्के दबाकर नमी को सुखाना चाहिए।
- वस्त्र को धूप में नहीं सुखाना चाहिए।
- वस्त्र को लटका कर नहीं सुखाना चाहिए।
- वस्त्र को हल्की नमी की अवस्था में वस्त्र की उल्टी तरफ़ इस्तरी करना चाहिए।
- वस्त्रों को अलमारी में रखने अर्थात् तह करके रखने से पूर्व यह देख लेना चाहिए कि उनमें से नमी पूरी तरह से दूर हो चुकी है या नहीं।
प्रश्न 2.
ऊनी कपड़ों की धुलाई में प्रारम्भ से अन्त तक की विभिन्न क्रियाओं की सूची बनाइए।
उत्तर-
- वस्त्रों का छांटना।
- वस्त्रों को झाड़ना या धूल-रहित करना।
- वस्त्रों में यदि कोई सुराख आदि हों तो उसकी मरम्मत करना।
- वस्त्र का खाका तैयार करना।
- दाग-धब्बे छुड़ाना।
- साबुन तथा पानी की तैयारी।
- धुलाई करना।
- वस्त्रों को सुखाना।
- वस्त्रों पर इस्तरी करना।
प्रश्न 3.
ऊनी कपड़ों में रंग व चमक बनाए रखने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
ऊनी कपड़ों में रंग व चमक बनाए रखने के लिए अग्रलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए
- ऊनी वस्त्रों को अधिक गर्म पानी से नहीं धोना चाहिए।
- ऊनी वस्त्रों को धूप में नहीं सुखाना चाहिए।
- अधिक क्षारीय घोलों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- यदि रंग कच्चा हो और धुलाई में निकलता दिखाई दे तो धुलाई के अन्तिम जल में थोड़ी-सी नींबू की खटाई या सिरका मिला देना चाहिए।
- कच्चे रंग के कपड़ों को रीठे के घोल से घोलना चाहिए।
प्रश्न 4.
ऊनी वस्त्रों की धुलाई के लिए किस प्रकार का साबुन प्रयोग करना चाहिए और क्यों ?
उत्तर-
ऊनी वस्त्रों की धुलाई के लिए मृदु साबुन का प्रयोग करना चाहिए जिसमें सोडा बहुत कम हो या बिल्कुल न हो। साबुन द्रव रूप में अथवा चिप्स के रूप में हो जो पानी में एक जैसा घोल बना ले। क्षारयुक्त साबुन से ऊन के तन्तु कड़े हो जाते हैं तथा सफेद ऊन में पीलापन आ जाता है। रंगीन वस्त्रों के लिए रीठे के घोल का प्रयोग किया जाना चाहिए क्योंकि इसके प्रयोग से कपड़े का रंग नहीं उतरता।
प्रश्न 5.
ऊन क्यों जुड़ जाती है ?
उत्तर-
ऊन का तन्तु बहुत नर्म और मुलायम होता है। इसके ऊपर छोटी-छोटी तहें होती हैं जो कि पानी, गर्मी और क्षार से नर्म हो जाती हैं और एक-दूसरे से उलझ जाती हैं। इसका परिणाम यह होता है कि कपड़ा जुड़ जाता है। इसलिए ऊन की धुलाई में विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 6.
ऊनी कपड़ों को सिकुड़ने व जुड़ने से बचाने के लिए आवश्यक चार बातें लिखो।
उत्तर-
- कपड़ों को रगड़ना नहीं चाहिए।
- पानी बहुत गर्म नहीं होना चाहिए।
- कपड़ों की धुलाई से क्षारों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- कपड़ों को गीली अवस्था में लटकाकर नहीं सुखाना चाहिए।
प्रश्न 7.
अधिक मैले ऊनी वस्त्रों को कैसे साफ़ करोगी ?
उत्तर-
ऊनी वस्त्र को रीठे का घोल या इजी वाले पानी में थोड़ी देर के लिए भिगोएँ। उसे हाथों से धीरे-धीरे रगड़ें। अधिक मैले भाग को हाथ की हथेली पर रखकर थोड़ा और साबुन
चित्र 7.3 धीरे-धीरे मलने की विधि
लगाकर दूसरे हाथ से धीरे-धीरे रगड़ें यदि मैल साफ़ न हो तो उस भाग पर ब्रश का प्रयोग करें। जब वस्त्र साफ़ हो जाएँ तो फिर उसे समतल, छायादार स्थान पर सुखाएँ।
प्रश्न 8.
आप ऊनी वस्त्रों की देखभाल कैसे करोगे ?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सूती वस्त्रों की धुलाई किस प्रकार की जा सकती है ?
उत्तर-
1. वस्त्र धोने से पूर्व यह ध्यानपूर्वक देख लेना चाहिए कि कहीं वस्त्र फटा तो नहीं है। यदि फटा है तो उसकी सिलाई कर देनी चाहिए।
2. यदि वस्त्रों में किसी प्रकार का धब्बा लगा हो तो धोने से पहले छुड़ा लेना चाहिए। इसके पश्चात् समस्त वस्त्रों को उनके आकार व प्रकार के अनुसार उनके समूहों में विभाजित कर लेना चाहिए।
3. रंगीन और सफेद सूती वस्त्रों को अलग-अलग कर लेना चाहिए।
4. कपड़ों को पहले पानी में भिगो देना चाहिए। ऐसा करने से कपड़े का घुलनशील मैल पानी में घुल जाता है। वस्त्रों के अन्य गन्दगी-धब्बे आदि गल जाते हैं।
5. धोने के लिए गर्म पानी का प्रयोग अच्छा रहता है। कपड़े धोने का साबुन, रगड़ने का तख्ता या ब्रुश तथा कलफ आदि सभी चीजें तैयार रखनी चाहिएँ।
6. वस्त्र के प्रकार के अनुसार धुलाई करनी चाहिए। मज़बूत वस्त्र जैसे चादर, पतलून, सलवार आदि गर्म पानी में भिगोकर साबुन की टिक्की मिलानी चाहिए। रसोईघर के झाड़न
7. आदि गर्म पानी में साबुन डालकर भिगो देने चाहिएं, फिर हाथ से रगड़कर मलना चाहिए। कालर, कफ व कोर के नीचे के मैल को मुलायम ब्रुश से रगड़कर धोना चाहिए।
8. रंगीन कपड़ों को हमेशा ठण्डे पानी में भिगोना व धोना चाहिए। यदि कपड़े बहुत अधिक गन्दे हों तो उन्हें गुनगुने पानी में भिगोना चाहिए।
9. कोमल वस्त्रों को अधिक नहीं रगड़ना चाहिए, उन्हें थोड़ा-सा रगड़कर और निचोड़कर धोना चाहिए।
10. कपड़ों में से साबुन निकालने के लिए उसे स्वच्छ पानी में से बार-बार निकालना चाहिए। जब कपड़ों में से साबुन का पूरा झाग निकल जाए और कपड़ा साफ़ हो जाए तो निचोड़ लेना चाहिए।
11. सफेद कपड़ों पर कलफ लगाते समय कलफ के घोल में थोड़ी सी नील डाल देनी चाहिए ताकि कपड़ों में चमक आ जाए, फिर भली-भाँति निचोड़कर कपड़े सुखाने चाहिएं।
12 पानी निचोड़कर वस्त्रों को धूप में सुखाना चाहिए। यदि कोई रंगीन वस्त्र है तो उसे छाया में सुखाना चाहिए।
13. कपड़ों को हमेशा उल्टा करके सुखाना चाहिए।
14. सूखे वस्त्र को नम करके इस्तरी कर लेनी चाहिए।
प्रश्न 2.
दाग-धब्बे छुड़ाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
दाग-धब्बे किस प्रकार छुड़ाये जाते हैं, यह जानते हुए भी दाग-धब्बे छुड़ाते समय कुछ महत्त्वपूर्ण बातें जान लेनी चाहिए जो निम्नलिखित हैं
- दाग-धब्बा तुरन्त छुड़ाया जाना चाहिए। इसके लिए धोबी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए क्योंकि तब तक ये दाग-धब्बे और अधिक पक्के हो जाते हैं।
- दाग-धब्बे छुड़ाने में रासायनिक पदार्थों का कम मात्रा में प्रयोग करना चाहिए।
- घोल को वस्त्र पर उतनी देर तक ही रखना चाहिए जितनी देर तक धब्बा फीका न पड़ जाए, अधिक देर तक रखने से वस्त्र कमज़ोर पड़ जाते हैं।
- चिकनाई को दूर करने से पूर्व उस स्थान के नीचे किसी सोखने वाले पदार्थ की मोटी तह रखनी चाहिए। धब्बे को दूर करते समय रगड़ने के लिए साफ़ और नरम पुराने रुमाल का प्रयोग किया जा सकता है।
- धब्बे उतारने का काम खुली हवा में करना चाहिए ताकि धब्बा उतारने के लिए प्रयोग किये जाने वाले रसायनों की वाष्प के दुष्प्रभाव से बचा जा सके।
- दाग किस प्रकार का है, जब तक इसका ज्ञान न हो तब तक गर्म जल का उपयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि गर्म जल में कई तरह के धब्बे और अधिक पक्के हो जाते हैं।
- रंगीन वस्त्रों पर ये धब्बे छुड़ाते समय कपड़े के कोने को जल में डुबोकर देखना चाहिए कि रंग कच्चा है अथवा पक्का।
- धब्बा छुड़ाने की विधियों का ज्ञान अवश्य होना चाहिए क्योंकि विभिन्न वस्तुओं का प्रयोग अलग-अलग धब्बों को छुड़ाने हेतु किया जाता है।
- ऊनी वस्त्रों पर से धब्बे छुड़ाते समय न तो गर्म जल का प्रयोग करना चाहिए और न ही क्लोरीन-युक्त रासायनिक पदार्थ का।
- एल्कोहल, स्प्रिट, बैन्जीन, पेट्रोल आदि से दाग छुड़ाते समय आग से बचाव रखना चाहिए।
प्रश्न 3.
रेशमी और सूती वस्त्रों की संभाल कैसे करेंगे ?
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्न।
प्रश्न 4.
रेशमी तथा ऊनी वस्त्रों को कैसे संभालोगे ?
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्न।
गर्म कपड़ों की धुलाई और कपड़ों की सम्भाल PSEB 8th Class Home Science Notes
- ऊन का धागा जानवरों के बालों और पशम से बनता है।
- ऊन के गीले कपड़ों को हैंगर में टाँगकर सुखाना नहीं चाहिए।
- ऊन का कपड़ा भिगोने से कमज़ोर हो जाता है। इसलिए इसको सीधा साबुन वाले पानी में धोना चाहिए।
- ऊनी कपड़े को साबुन वाले पानी में डालकर हाथों से दबाकर धोना चाहिए।
- प्रैस करने के बाद ऊनी वस्त्रों को हैंगर में डालकर थोड़ी देर हवा में लटकाना चाहिए ताकि कपड़ा अच्छी तरह से सूख जाए।
- ऊनी कपड़े में तह लगने के बाद प्रेस करने की ज़रूरत नहीं होती है।
- गर्मियों के मौसम में गर्म कपड़ों को अच्छी तरह सम्भाल कर रखना चाहिए ताकि उनको गर्म कपड़ों वाला कीड़ा न खाए।
- गन्दे कपड़ों को जो धोए जा सकते हों धोना चाहिए और दूसरे को ड्राइक्लीन करवा लेना चाहिए।
- जब ऊनी कपड़े बक्से में बन्द किए जाएँ तो उनमें सूखे नीम, युक्लिप्टस के पत्ते या नैफ्थलीन की गोलियाँ डालनी चाहिए।
- सूती कपड़ों को धोना और सम्भालकर रखना सबसे आसान है।
- फफूंदी कपड़े को कमजोर कर देती है और इसके दाग भी बड़ी मुश्किल से उतरते हैं।
- रेशमी कपड़ों का सूरज की रोशनी में रंग खराब हो जाते हैं, इसलिए कपड़े तेज़ रोशनी में नहीं रखने चाहिए।