PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 7 योग

Punjab State Board PSEB 8th Class Physical Education Book Solutions Chapter 7 योग Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Physical Education Chapter 7 योग

PSEB 8th Class Physical Education Guide योग Textbook Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1.
योग दर्शन क्या है ?
उत्तर-
योग दर्शन में मनुष्य की आत्मा परमात्मा का अंश है। मनुष्य अपने जीवन की भाग-दौड़ में भगवान को भूल गया है, जिस कारण प्राणी परमात्मा द्वारा प्रदान की गई वास्तविक शक्ति को खो बैठा है। इस कारण मनुष्य अपने कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ हो जाता है, जिस कारण उसे निराशा मिलती है और उसका मन भटकता रहता है। वह किसी भी समस्या का हल ढूँढने में असमर्थ हो जाता है। मनुष्य स्वयं को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक एवं आध्यात्मिक तौर पर कमज़ोर कर लेता है। मनुष्य अपने जीवन को अशांत और दुःखों में घिरा हुआ महसूस करता है।
‘योग दर्शन’ भटके हुए मनुष्यों को सन्मार्ग पर ले जाने का साधन है। योग मनुष्य को सदा अहिंसा की राह पर चलने की प्रेरणा देता है। अतः योगदर्शन ‘अहिंसा’ को परम धर्म मानता है।

प्रश्न 2.
योग के लक्ष्य से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
योग का मुख्य लक्ष्य शरीर का मानसिक, आध्यात्मिक तथा भावनात्मक विकास करना है और आत्मा को परमात्मा से मिलाना है। हम कह सकते हैं कि योग के द्वारा संसार की कठिनाइयों से पार पाया जा सकता है। योग मनुष्य को जीवन की सभी जटिल समस्याओं का दृढ़ता के साथ सामना करने के लिए तैयार करता है ताकि वह कभी भी अपने मार्ग से न भटक सके।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 7 योग

प्रश्न 3.
योग के कौन-कौन से उद्देश्य हैं ?
उत्तर-

  • उच्च स्तर की चेतना की प्राप्ति-मन की एकाग्रता, साधना व अन्य आध्यात्मिक अभ्यासों से अंतरात्मा को दैवी शक्ति से जोड़ा जा सकता है। इस तरह उच्च अवस्था तक पहुँची हुई अंतरात्मा के कारण सहज ज्ञान अर्थात् उच्च स्तरीय चेतनता की प्राप्ति हो जाती है।
  • आध्यात्मिक जीवन-योग आसन व्यक्ति को उसके मन को एकाग्र करने में सहायक होते हैं, जिसके फलस्वरूप वह आत्मिक शांति अनुभव करता है। इस कारण उसमें धार्मिक विश्वास, मानवीय मूल जीवन के सिद्धांत तथा नैतिकता उत्पन्न होती है।
  • स्वस्थ बनाना–योग आसन शारीरिक व्यायाम है। यदि सही ढंग से नियमित रूप से योग का अभ्यास किया जाये तो व्यक्ति का शरीर सदैव बलशाली, स्वस्थ तथा चुस्त रहता है। योग के भिन्न-भिन्न आसन हमारे शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों की प्रणालियों को स्वस्थ रखते हैं तथा रोगों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाते हैं। अत: प्रत्येक व्यक्ति के लिए योगासन बहुत लाभदायक हैं।
  • भावनाओं पर नियंत्रण करना–योग आसन मनुष्य को अपनी भावनाओं पर काबू पाने के योग्य बनाते हैं। इस तरह उसके मन का संतुलन बना रहता है। इसलिए चिंता तथा परेशानियों से घिरे लोगों के लिए योग एक वरदान सिद्ध हुआ है।
  • मानसिक तौर पर सुदृढ़ बनाना-योग न केवल मनुष्य को शारीरिक दृष्टि से बलशाली बनाता है अपितु उसके मन को एकाग्र करके स्थिर भी रखता है, जिससे वह मानसिक तौर पर मज़बूत हो जाता है तथा उसमें आत्मविश्वास जागृत हो जाता है।

प्रश्न 4.
अष्टांग योग के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
अष्टांग योग (Ashtang Yoga) अष्टांग योग के आठ अंग हैं, इसलिए इसका नाम अष्टांग योग है। योगाभ्यास की पतंजलि ऋषि द्वारः आठ अवस्थाएं मानी गई हैं : इन्हें पतंजलि ऋषि का अष्टांग योग भी कहते हैं

  • यम (Yama, Forbearance)
  • नियम (Niyama, Observance)
  • 372447 (Asana, Posture)
  • प्राणायाम (Pranayama, Regulation of Breathing)
  • प्रत्याहार (Pratyahara, Abstraction)
  • धारना (Dharna, Concentration)
  • ध्यान (Dhyana, Meditation)
  • समाधि (Samadhi, Trance)।

योग की ऊपरी बताई गई आठ अवस्थाओं में से पहली पांच अवस्थाओं का सम्बन्ध आन्तरिक यौगिक क्रियाओं से है। इन सभी अवस्थाओं को आगे फिर इस प्रकार वर्गीकृत किया गया है –

1. यम (Yama, Forbearance) -यम के निम्नलिखित पांच अंग हैं –

  • 316H (Ahimsa, Non-violence)
  • सत्य (Satya, Truth)
  • असतेय (Astey, Conquest of the sense of mind)
  • अपरिग्रह (Aprigraha, Non-receiving)
  • ब्रह्मचर्य (Brahmacharya, Celibacy)।

2. नियम (Niyama, Observance)—नियम के निम्नलिखित पांच अंग हैं –

  1. शौच (Shauch, Obeying the call of nature)
  2. सन्तोष (Santosh, Contentment)
  3. तप (Tapas, Penance)
  4. स्वाध्याय (Savadhyay, Self-study)
  5. ईश्वर परिधान (Ishwar Pridhan, God Consciousness)

3. आसन (Asana or Posture) आसनों की संख्या उतनी है जितनी कि इस संसार में पशु-पक्षियों की। आसन-शारीरिक क्षमता, शक्ति के अनुसार, प्रतिदिन सांस द्वारा हवा को बाहर निकालने, सांस रोकने और फिर सांस लेने से करने चाहिएं।

4. प्राणायाम (Pranayama, Regulation of Breathing)-प्राणायाम उपासना की मांग है। इसको तीन भागों में बांटा जा सकता है- (From Board M.Q.P.) –

  • पूरक (Purak, Inhalation)
  • रेचक (Rechak, Exhalation) और
  • कुम्भक (Kumbhak, Holding of Breath)।
  • कई प्रकार से सांस लेने तथा इसे रोककर बाहर निकालने को प्राणायाम कहते हैं।
  • प्रत्याहार (Pratyahara, Abstraction)-प्रत्याहार से अभिप्राय है वापिस लाना तथा सांसारिक प्रसन्नताओं से मन को मोड़ना।
  • धारना (Dharna, Concentration)-अपनी इन्द्रियों पर नियन्त्रण रखने को धारना कहते हैं, जो बहुत कठिन है।
  • ध्यान (Dhyana, Meditation)-जब मन पर नियन्त्रण हो जाता है तो ध्यान लगना आरम्भ हो जाता है। इस अवस्था में मन और शरीर नदी के प्रवाह की भान्ति हो जाते हैं जिसमें पानी की धाराओं का कोई प्रभाव नहीं होता।
  • समाधि (Samadhi, Trance)-मन की वह अवस्था जो धारना से आरम्भ होती है, समाधि में समाप्त हो जाती है। इन सभी अवस्थाओं का आपस में गहरा सम्बन्ध है।

योग विज्ञान संसार के लिए भारत की अमूल्य देन है। आजकल भारत में नहीं बल्कि विदेशों में भी सब सर्वप्रिय होता जा रहा है। इसकी उपयोगिता की धाक् को सभी डॉक्टरों और शारीरिक शिक्षा के शिक्षकों ने स्वीकार किया है। योग-आसन व्यायाम विधिपूर्वक, पूर्णतया वैज्ञानिक एवं शारीरिक संगठन के अनुकूल हैं।

Physical Education Guide for Class 8 PSEB योग Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
योग क्या है ?
(क) जोड़
(ख) आत्मा को परमात्मा से जोड़ना
(ग) अहिंसा का पालन करना
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

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प्रश्न 2.
योग के उद्देश्य हैं
(क) भावनाओं पर काबू रखना
(ख) स्वस्थ रहना
(ग) शारीरिक तौर पर मजबूत होना
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 3.
अष्टांग योग के कितने अंग हैं ?
(क) चार
(ख) छः
(ग) सात
(घ) आठ।
उत्तर-
(घ) आठ।

बहुत छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
आसन करने के पश्चात् कब नहाना चाहिए?
उत्तर-
आसन करने के आधे घण्टे के पश्चात् नहाना चाहिए।

प्रश्न 2.
आसन करने की जगह कैसी होनी चाहिए?
उत्तर-
जगह समतल होनी चाहिए।

प्रश्न 3.
आसन करते समय कैसे कपड़े पहनने चाहिए ?
उत्तर-
हमें ढीले-ढीले और कम-से-कम कपड़े पहनने चाहिए।

प्रश्न 4.
कब्ज-दूर करने के लिए कौन-सा आसन करना चाहिए ?
उत्तर-
कब्ज-दूर करने के लिए ताड़ आसन और सर्वांग आसन करना चाहिए।

प्रश्न 5.
मोटापा दूर करने के लिए कौन-सा आसन करना चाहिए ?
उत्तर-
मोटापा दूर करने के लिए हल आसन और धनुर आसन करना चाहिए।

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प्रश्न 6.
पेट की बीमारियों को और मोटापा दूर करने के लिए कौन-सा आसन करना चाहिए ?
उत्तर-
पश्चिमोत्तान और भुजंग आसन।

प्रश्न 7.
भारतीय व्यायाम की प्राचीन विधि कौन-सी है ?
उत्तर-
योगासन।

प्रश्न 8.
शीर्षासन प्रतिदिन कम-से-कम कितने समय के लिए करना चाहिए ?
उत्तर-
2 मिनट के लिए।

प्रश्न 9.
शीर्षासन के कोई दो लाभ बताओ।
उत्तर-

  1. शीर्षासन से स्मरण शक्ति तेज़ होती है।
  2. मोटापा दूर होता है।

प्रश्न 10.
वज्रासन के कोई दो लाभ बताओ।
उत्तर-

  1. इससे स्वप्नदोष दूर हो जाता है।
  2. इससे शूगर का रोग दूर हो जाता है।

प्रश्न 11.
हर्निया तथा नल रोगों को ठीक करने में कौन-सा आसन सहायक हो सकता है ?
उत्तर-
चक्र आसन।

प्रश्न 12.
आत्मा को परमात्मा से मिलाने का महत्त्वपूर्ण ढंग कौन-सा है ?
उत्तर-
योग।

प्रश्न 13.
मानसिक एकाग्रता के लिए कौन-सा योगासन सर्वोत्तम है ?
उत्तर-
पद्मासन।

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छोटे उत्तर चाले प्रश्न

प्रश्न 1.
योग किसे कहते हैं ?
उत्तर-
योग भारतीय व्यायाम की प्राचीन विधि है। यह विधि शरीर की रचना के अनुसार है एवं पूर्णतया वैज्ञानिक है। योग साधना हमें योग्यतापूर्ण, स्वस्थ, सुन्दर, शक्तिशाली तथा गुणवान् बनाती है। यह हमें चिन्ताओं, घबराहट, परेशानी से छुटकारा दिलाती है।

प्रश्न 2.
योग आत्मा और परमात्मा से मिलाप करने का महत्त्वपूर्ण साधन है। कैसे ?
उत्तर-
प्राचीन काल के साधु-महात्माओं की बातें तथा विचार हम आज तक सुनते आ रहे हैं। उनके विचारों के अनुसार यदि किसी व्यक्ति ने आत्मा का परमात्मा से मिलाप कराना है तो उसका साधन हमारा शरीर है। वही मनुष्य आत्मा को परमात्मा से मिला सकता है या दर्शन करा सकता है जो शारीरिक रूप से स्वस्थ हो। अभिप्राय यह है कि उसका मन पूर्णतः स्वच्छ और स्वस्थ हो।।
हम योग साधनों के द्वारा शरीर को ठीक रख सकते हैं। इससे बहुत-सी बीमारियां अपने आप दूर हो जाती हैं। इससे सिद्ध होता है कि योग आत्मा तथा परमात्मा में मिलाप कराने का महत्त्वपूर्ण साधन है।

प्रश्न 3.
योगासन आज देश-विदेश में लोकप्रिय हो रहे हैं, क्यों ?
उत्तर-
योगासन भारत के व्यायाम की प्राचीन विधि है। आजकल यह व्यायाम-विधि देश-विदेश में लोकप्रिय हो रही है। इसका कारण इसकी उपयोगिता है। सभी डॉक्टरों तथा शारीरिक शिक्षा के अध्यापकों ने इसकी प्रशंसा की है। इसके अतिरिक्त योगासन व्यायाम-विधि पूर्ण रूप से वैज्ञानिक और शारीरिक बनावट के अनुकूल है।

प्रश्न 4.
योग आसन के लिए पाँच आवश्यक बातें लिखो।
उत्तर-

  1. आसन सदैव खाली पेट करो।
  2. आसन खुले और एकांत स्थान पर करो।
  3. आसन आवश्यकता के अनुसार करो।
  4. आसन प्रतिदिन कम-से-कम 15 मिनट करो।
  5. आसन नहाने से पूर्व करो।

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प्रश्न 5.
योग के लाभ क्या हैं ?
उत्तर-
योग के लाभ (Advantages of Yoga Asana)—योग के हमें निम्नलिखित लाभ हैं –

  1. योगासनों से मनुष्य का शरीर स्वस्थ रहता है।
  2. इससे बहुत-सी बीमारियां दूर हो जाती हैं।
  3. मानसिक कमज़ोरी दूर हो जाती है।
  4. शरीर शक्तिशाली बन जाता है।
  5. मनुष्य पर शीघ्र घबराहट का प्रभाव नहीं पड़ता।
  6. चिन्ता तथा परेशानियां दूर हो जाती हैं।
  7. मनुष्य का शरीर आकर्षक तथा सुगठित बन जाता है।

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