Punjab State Board PSEB 8th Class Physical Education Book Solutions Chapter 8 नशों के प्रति जागरूकता Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 8 Physical Education Chapter 8 नशों के प्रति जागरूकता
PSEB 8th Class Physical Education Guide नशों के प्रति जागरूकता Textbook Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
प्रश्न 1.
नशीले पदार्थों के सेवन से क्या होता है?
उत्तर-
आजकल निम्नलिखित नशीले पदार्थों के कुप्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ते हैं:
- शरीर पर कुप्रभाव-नशे के पदार्थों के सेवन से मनुष्य की पाचन प्रणाली, मांसपेशी प्रणाली, रक्त प्रणाली, स्वास्थ्य प्रणाली में कई प्रकार के रोग लग जाते हैं। लगातार नशीले पदार्थों के सेवन से हाथ, पांव कांपने लग जाते हैं और रक्त प्रभाव बढ़ जाता है।
- सामाजिक जीवन पर कुप्रभाव-नशीले पदार्थों के सेवन से व्यक्ति के सामाजिक जीवन पर कुप्रभाव पड़ता है। समाज में उसकी कोई इज्जत नहीं रहती। उसके साथ कोई व्यक्ति मेल-मिलाप नहीं रखना चाहता है और उसके चरित्र पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
- व्यवहार पर कुप्रभाव-नशों के सेवन से व्यक्ति का अपने आप पर नियंत्रण नहीं रहता। वह नशे में बिना किसी कारण के झगड़ा कर लेता है और उसके व्यवहार में चिड़चिड़ापन आ जाता है। अपने मित्रों और परिवार से अलग रहने लग जाता है।
प्रश्न 2.
नशे के बढ़ रहे रुझान के कौन-कौन से कारण हैं ?
उत्तर-
नशे के प्रति बढ़ रहे रुझान के भिन्न-भिन्न कारण हैं :
- सामाजिक कारण-चल-चित्र में दिखाए जाने वाले नशों के दृश्य बच्चों को नशीले पदार्थों का सेवन करने के लिए प्रेरित करते हैं। बच्चे हीरो और हिरोइन की नकल उतारने में अपनी शान समझते हैं।
- तकनीक का प्रभाव-आजकल इंटरनेट में बच्चे नशे करने के नए-नए ढंग सीखते हैं। इस तरह नई तकनीक के प्रभाव के कारण बच्चे नशे के जाल में फंस जाते हैं।
- पारिवारिक कारण-परिवार में झगड़ा, अनबन और तलाक की स्थिति का माहौल हो तो बच्चे बिगड़ जाते हैं। माता-पिता का अधिक प्यार भी बच्चों को बिगाड़ देता है। इन परिस्थितियों में बच्चों पर मानसिक दबाव रहता है और वह नशे की तरफ आकर्षित हो जाते हैं।
- मित्र मंडली का प्रभाव-बच्चा अपना अधिक-से-अधिक समय अपने मित्रों के साथ बिताता है, जिसका प्रभाव बच्चे पर पड़ता है। यदि मित्र मंडली में कोई भी उसका साथी नशे का सेवन करता है तो उसे भी नशीले पदार्थों की आदत पड़ जाएगी।
- अपने साथियों में दिखावा-बच्चा जब अपने मित्रों के साथ रहता है, तो दूसरे बच्चों के आर्थिक स्तर से तुलना करने की कोशिश करता है। इस प्रकार वह नशीले पदार्थों का सेवन करके अपने सिर को दूसरे बच्चों से ऊंचा दिखाना चाहता है।
प्रश्न 3.
नशों के कुप्रभाव लिखिए।
उत्तर-
- शरीर पर कुप्रभाव-नशे मनुष्य के शरीर को खोखला कर देते हैं। नशीले पदार्थ व्यक्ति की सभी प्रणालियों पर बुरा प्रभाव डालते हैं और व्यक्ति नशों के कारण रोगी रहने लग जाता है। उसकी मांसपेशियां कमज़ोर होने लग जाती हैं। उसकी याददाश्त भी कमजोर हो जाती है। व्यक्ति को कैंसर जैसे रोग होने का डर लगा रहता है। नशे करने वाले व्यक्ति के हाथ-पांव कांपने लग जाते हैं और वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है।
- सामाजिक जीवन पर कुप्रभाव-यहां नशीले पदार्थों का सेवन व्यक्ति के व्यवहार और शरीर पर कुप्रभाव डालता है वहां पर सामाजिक जीवन पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।
- व्यवहार पर कुप्रभाव-नशीले पदार्थों का सेवन करने वाले व्यक्ति का अपने आप पर नियंत्रण नहीं रहता। बिना किसी कारण नशे की हालत में लोगों से लड़ाई-झगड़ा करने लग जाता है। इस प्रकार वह अपने दोस्तों और परिवार से अलग हो जाता है।
प्रश्न 4.
नशे की रोकथाम के लिए कौन-कौन से ढंग होते हैं ?
उत्तर-
- खेलें तथा मनोरंजन क्रियाएं-खेल बच्चों के शरीर को स्वस्थ करते हैं – और उनके खाली समय का सदुपयोग होता है जिससे उनका ध्यान नशीले पदार्थों की तरफ नहीं जाता है।
- सेमीनार लगाना-बच्चों को नशों के कुप्रभाव के बारे में जानकारी देने के लिए कॉलेज, स्कूलों में सेमीनार का आयोजन करना चाहिए। इस प्रकार सेमीनार में विशेषज्ञों को आमंत्रित करके बच्चों को नशे के कुप्रभाव के बारे में जानकारी देनी चाहिए। जानकारी मिलने पर बच्चे नशीले पदार्थों से दूर रहेंगे।
- मनोवैज्ञानिक तैयारी-नशे करने वाला व्यक्ति यह मानता है कि वह नशा करता है। इसलिए नशे करने वाले व्यक्ति के साथ मित्रता और प्यार भरा व्यवहार करना चाहिए। प्यार से यदि नशा करने वाला व्यक्ति नशीले पदार्थों को छोड़ने के लिए तैयार हो जाए तो उसकी सहायता करनी चाहिए।
- परिवार की भूमिका-नशीले पदार्थों का सेवन छुड़ाने के लिए परिवार को बहुत सहायता करनी चाहिए। क्योंकि यदि नशेड़ी से प्यार न किया जाए तो वह अपने आपको अकेला महसूस करता है। इसलिए नशेड़ी व्यक्ति को परिवार की तरफ से पूर्ण सहयोग मिलना चाहिए।
- योग अभ्यास-योग भारत की प्राचीन संस्कृति है और विश्व भर में इसकी बहुत देन है। योग द्वारा मानसिक तथा शारीरिक तनाव दूर हो जाते हैं और व्यक्ति उसके लगातार अभ्यास से शारीरिक और मानसिक रोगों से बच जाता है और नशे की आदत से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
- प्रेरणा-बच्चों को नशीले पदार्थों का सेवन करने से दूर रखने के लिए अध्यापक और माता-पिता प्रेरणा देकर महत्त्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं। उनको चाहिए कि वे समयसमय पर नशों के कुप्रभाव के बारे में बच्चों को बताते रहें, जिससे वे प्रेरणा लेकर नशों की तरफ न जाएं।
Physical Education Guide for Class 8 PSEB नशों के प्रति जागरूकता Important Questions and Answers
बहुविकल्पाय प्रश्न
प्रश्न 1.
नशे के कुप्रभाव लिखें –
(क) नशे से मनुष्य खोखला हो जाता है
(ख) कई प्रकार के रोग लग जाते हैं
(ग) पाचन और मांस पेशी प्रणाली खराब हो जाती है
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।
प्रश्न 2.
नशे के बढ़ रहे रुझान के कारण हैं –
(क) सामाजिक कारण
(ख) तकनोलजी का प्रभाव
(ग) पारिवारिक कारण ।
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।
प्रश्न 3.
नशे को रोकने के उपाय हैं –
(क) प्रेरणा
(ख) सैमीनार लगाना
(ग) मनोवैज्ञानिक तौर पर प्यार करना
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।
प्रश्न 4.
नशीले पदार्थों के कोई चार नाम लिखें –
(क) शराब
(ख) तम्बाकू
(ग) अफीम और गांजा
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।
बहुत छोटे उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
नारकोटिक्स क्या है ?
उत्तर-
यह वह पदार्थ है जिनका सेवन करने से व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक तौर पर संतुलन बिगड़ जाता है।
प्रश्न 2.
नशीले पदार्थ खाने वाले मनुष्य में क्या-क्या तबदीलियां आती हैं ?
उत्तर-
यह पदार्थ खाने वाले मनुष्य में अनोखा बदलाव आता है। उसको आस-पास की सुधबुध नहीं रहती।
प्रश्न 3.
नशीले पदार्थ खाने वाले पर क्या प्रभाव पड़ते हैं ?
उत्तर-
यह नशीले पदार्थ मनुष्य के सामाजिक और आर्थिक तौर पर परिवार को बर्बाद कर देते हैं। वह अपने परिवार में अपना विश्वास खो देता है।
प्रश्न 4.
नशीले पदार्थ खाने वाले के कोई दो बुरे प्रभाव लिखो।
उत्तर-
- सामाजिक तौर पर व्यक्ति दुःखी हो जाता है।
- पारिवारिक सम्बन्ध टूट जाते हैं।
प्रश्न 5.
नशीले पदार्थ खाने से शरीर पर क्या बुरा प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
1. शरीर और मन काबू नहीं रहता।
व्यवहार बदल जाता है।
प्रश्न 6.
नशीले पदार्थ से छुटकारा पाने के लिए कोई दो तरीके लिखो।
उत्तर-
- प्रेरणा-बच्चे को नशीले पदार्थ छुड़वाने में माता-पिता, स्कूल अध्यापक और बड़े बुजुर्ग प्रेरणा देकर बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं।
- मनोवैज्ञानिक तरीका-नशीले पदार्थों से छुटकारा पाना बहुत कठिन है और व्यक्ति को मानसिक तौर पर नशीले पदार्थ छोड़ने की कोशिश करनी चाहिए।
प्रश्न 1.
नारकोटिक्स से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
नारकोटिक्स वह पदार्थ हैं, जिनके सेवन से व्यक्ति का जीवन समाप्त हो जाता है। उससे कोई मित्रता नहीं करना चाहता और उसके रिश्तेदार उससे दूर रहना चाहते हैं।
प्रश्न 2.
नशे के प्रति बढ़ रहे रुझान के कारण लिखें।
उत्तर-
- कई दफा बच्चे अपने आपका दूसरे परिवारों से मुकाबला करने लगते हैं। अपने आप के लिए ऊंची-ऊंची बातें करते हैं और नशीले पदार्थ लेने लग जाते हैं।
- तकनीक का प्रभाव-आजकल इंटरनैट ने बच्चों को बहुत प्रभावित किया है और बच्चे नए-नए तरीकों से इंटरनैट से नशे करने के लिए आकर्षित हो जाते हैं।
प्रश्न 3.
नशे से शरीर पर बुरे प्रभाव लिखें।
उत्तर-
नशीले पदार्थों का सेवन व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक तौर पर खोखला कर देता है। उसके साथ कोई भी दोस्ती नहीं करना चाहता और उसका सामाजिक जीवन भी बर्बाद हो जाता है।
प्रश्न 4.
नशे के कुप्रभाव लिखो।
उत्तर-
नशे से शरीर खोखला हो जाता है। नशीले पदार्थ के सेवन से पाचन प्रणाली में रोग लग जाते हैं। कई दफ़ा व्यक्ति को कैंसर जैसे रोग का सामना करना पड़ता है। व्यक्ति का रक्त संचार बढ़ जाता है और मांसपेशियां कमज़ोर होने लगती हैं । हृदयघात की संभावना बढ़ जाती है। अधिक नशीले पदार्थ का सेवन करने से व्यक्ति के हाथ-पांव कांपने लगते हैं।