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PSEB 8th Class Science Notes Chapter 11 बल तथा दाब
→ बल, एक धक्का या खिंचाव है, जो वस्तु की स्थिति बदलने में सहायक है।
→ बल का प्रभाव केवल बल के परिमाण पर निर्भर नहीं करता, अपितु क्षेत्रफल पर भी निर्भर करता है।
→ बल, वस्तु की गति, गति की दिशा और वस्तु की आकृति बदल सकता है।
→ बल कई प्रकार के होते हैं जैसे-पेशीय, चुंबकीय बल, घर्षणीय बल, गुरुत्वीय बल और स्थिर वैद्युतीय बल।
→ प्रति क्षेत्रफल पर लगाया गया बल, दाब कहलाता है।
→ द्रव बर्तन की दीवारों पर दाब लगाते हैं।
→ वातावरण भी दाब लगाता है, जिसे वायुमंडलीय दाब कहते हैं।
→ द्रव, बर्तन की दीवारों पर समान गहराई पर समान दाब डालते हैं।
→ किसी बर्तन में द्रव के स्तंभ की ऊँचाई पर दाब निर्भर करता है। जितनी ऊँचाई अधिक होगी, दाब उतना ही अधिक होगा।
→ गैसें सभी दिशाओं में दाब डालती हैं।
→ बल (Force)-कोई भी बाह्य कारण, जो वस्तु की विराम अवस्था और गतिशील अवस्था में परिवर्तन लाये, या लाने का प्रयत्न करे उसे बल कहते हैं। यह एक सदिश राशि है।
→ परिणामी ( नेट ) बल (Resultant Force)-जब दो या दो से अधिक बल किसी वस्तु पर एक ही समय लगते हैं, तो वस्तु पर लगा रहा कुल बल का प्रभाव परिणामी बल कहलाता है।
→ घर्षणीय बल (Force of Friction)-दो सतहों के बीच लगने वाला बल जो वस्तु गति के विपरीत लगता है, घर्षणीय बल कहलाता है।
→ गुरुत्वाकर्षण (Gravitation)-विश्व में प्रत्येक दो वस्तुओं के बीच लग रहे आकर्षण बल को गुरुत्वाकर्षण कहते हैं।
→ भार (Weight)-जिस बल द्वारा कोई वस्तु धरती की ओर आकर्षित होती है। दाब (Pressure)-प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगाया गया बल।
→वायुमंडलीय दाब (Atmospheric Pressure)-धरती पर स्थित सभी वस्तुओं पर वातावरण द्वारा लगाया गया बल।