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PSEB 8th Class Science Notes Chapter 12 घर्षण
→ घर्षण बल, गति का विरोध करता है।
→ घर्षण बल, दो संपर्क कर रही सतहों के बीच लगता है।
→ घर्षण बल, सतह की प्रकृति और चिकनेपन पर निर्भर करता है।
→ घर्षण बल, सतह की अनियमितताओं के कारण होता है।
→ दाब से घर्षण बढ़ता है।
→ सी घर्षण, स्थैतिक घर्षण से कम होता है।
→ घर्षण, मित्र भी है और शत्रु भी।
→ घर्षण, हानिकारक है परंतु अनिवार्य भी है।
→ घर्षण को आवश्यकता के अनुसार कम या अधिक किया जा सकता है।
→ पहिया अथवा बेलन घर्षण को कम करते हैं।
→ स्नेहक, ऐसे पदार्थ हैं जो घर्षण को कम करते हैं।
→ द्रवों (तरलों) द्वारा उत्पन्न घर्षण, कर्षण कहलाता है।
→ द्रवों (तरलों) में उत्पन्न घर्षण वस्तु की प्रकृति, आकृति और गति पर निर्भर करती है।
→ मछली, की विशिष्ट आकृति द्रवों में कम घर्षण उत्पन्न करती है।
→ घर्षण (Friction)-संपर्क में रखे दो पृष्ठों के बीच सापेक्ष गति का विरोध करने वाला बल, घर्षण बल कहलाता है।
→ स्थैतिक घर्षण (Static Friction)-किसी रुकी हुई वस्तु की विराम अवस्था में लगा बल, स्थैतिक घर्षण कहलाता है।
→ सी घर्षण (Sliding Friction)-एक वस्तु का दूसरे वस्तु पर सरकने से उत्पन्न प्रतिरोध बल को सी घर्षण कहते हैं।
→ लोटनिक घर्षण (Rolling Friction)-दो वस्तुओं के परस्पर पृष्ठों पर लोटने से गति के प्रतिरोध बल को लोटनिक घर्षण कहते हैं।
→ तरल घर्षण (Fluid Friction)-तरल में डूबी वस्तुओं पर तरल द्वारा लगाया गया बल।
→ धारा रेखीय (Streamline)-एक विशिष्ट आकृति जिससे वायु और जल में घर्षण कम होता है।
→ तरल (Fluids)-द्रवों और गैसों का एक नाम।