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PSEB 8th Class Science Notes Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण
→ आजकल वनों को काटकर उस भूमि का उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है।
→ दावानल एवं भीषण सूखा भी वनोन्मूलन (deforestation) के प्राकृतिक कारक हैं।
→ वनोन्मूलन से पृथ्वी पर ताप एवं प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है।
→ वनोन्मूलन से विश्व ऊष्मण, मृदा के गुणों में परिवर्तन, मृदा अपरदन का कारण, मृदा की जलधारण क्षमता में कमी आती है।
→ सरकार द्वारा वनों की सुरक्षा और संरक्षण हेतु नियम, विधियाँ और नीतियाँ बनाई गई हैं।
→ जैवमंडल पृथ्वी का वह भाग है जिसमें सजीव पाए जाते हैं अथवा जो जीवनयापन के योग्य हैं।
→ जैव विविधता से अभिप्राय है, पृथ्वी पर पाए जाने वाले विभिन्न जीवों की प्रजातियाँ, उनके पारस्परिक संबंध एवं पारस्परिक पर्यावरण से संबंध ।
→ जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र विविधताओं के संरक्षण के लिए बनाए गए क्षेत्र हैं।
→ किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधे उस क्षेत्र के ‘वनस्पतिजात’ एवं जीव-जंतु ‘प्राणिजात’ कहलाते हैं।
→ स्पीशीज़ सजीवों की समष्टि का वह समूह है, जो एक-दूसरे से अंतर्जनन करने में सक्षम होते हैं।
→ वे क्षेत्र जहाँ वन्य प्राणी (जंतु) सुरक्षित एवं संरक्षित रहते हैं, वन्यप्राणी अभ्यारण्य (Wild Life Sanctuaries) कहलाते हैं। यहाँ वन्य प्राणियों को सुरक्षा और रहने की उचित परिस्थितियाँ उपलब्ध करवाई जाती हैं।
→ कई सुरक्षित वन भी सुरक्षित नहीं रहे क्योंकि आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोग वनों का अतिक्रमण कर उन्हें नष्ट कर देते हैं।
→ राष्ट्रीय उद्यान (National Parks) उस क्षेत्र के वनस्पतिजाति, प्राणिजात, दृश्यभूमि तथा ऐतिहासिक वस्तुओं का संरक्षण करते हैं।
→ सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान में सर्वोत्तम किस्म की टीक (सागौन) मिलती है।
→ 1 अप्रैल, 1973 में भारत सरकार द्वारा ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ कानून बाघों के संरक्षण हेतु लागू हुआ।
→ संकटापन्न जंतु (Endangered Animals) वे जंतु हैं, जिनकी संख्या विलुप्त हो रही है।
→ पारितंत्र में सभी पौधे, जीव एवं सूक्ष्मजीव और अजैव घटक आते हैं।
→ ‘रेड डाटा पुस्तक’ एक ऐसी किताब है, जिसमें सभी संकटापन्न स्पीशीज़ का रिकार्ड रखा जाता है।
→ जलवायु में परिवर्तन के कारण प्रवासी पक्षी प्रत्येक वर्ष सुदूर क्षेत्रों से एक निश्चित समय पर उड़कर आते हैं।
→ कागज़ एक महत्त्वपूर्ण उत्पाद है, जो वनों से प्राप्त होता है अतः हमें कागज़ की बचत करनी चाहिए।
→ पुनर्वनरोपण (Reforestation) में काटे गए वृक्षों की कमी पूरी करने के उद्देश्य से नए वृक्षों का रोपण करना है।
→ जैव विविधता (Biodiversity)-पृथ्वी पर पाए जाने वाले विभिन्न जीवों की प्रजातियाँ, उनके पारस्परिक संबंध एवं पर्यावरण से संबंध से है।
→ वनोन्मूलन (Deforestration)-वनों का काटना।
→ मरुस्थलीकरण (Desertification)-उर्वर- भूमि का मृदा अपरदन के कारण अनउपजाऊ होना।
→ पारितंत्र (Ecosystem)-इसमें सभी पौधे, जीव एवं सूक्ष्मजीव और अजैव घटक आते हैं।
→ पुनर्वनरोपण (Reforestation)-पौधों का रोपण करना।
→ संकटापन्न स्पीशीज़ (Endangered Species)-वे जंतु हैं, जिनकी संख्या विलुप्त हो रही है।
→ प्राणिजात (Fauna)-किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव-जंतु प्राणिजात कहलाते हैं।
→ रेड डाटा पुस्तक (Red Data Book)-ऐसी किताब जिसमें सभी संकटापन्न स्पीशीज का रिकार्ड रखा जाता है।
→ विशेष क्षेत्री प्रजाति (Endemic Species)-जीवों की वह स्पीशीज जो किसी विशेष क्षेत्र में पाई जाती है।
→ वनस्पतिजात (Flora)-किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पौधे।
→ विलुप्त (Extinct)-वे जीव जो पृथ्वी से विलुप्त हो चुके हैं या जिनका अस्तित्व समाप्त हो चुका है।
→ प्रवास (Migration)-जीवनयापन हेतु कुछ स्पीशीज़ द्वारा अपने आवास से किसी निश्चित समय में बहुत दूर जाना।
→ अभ्यारण्य (Sanctuary)-वे क्षेत्र जहाँ वन्य प्राणी (जंतु) सुरक्षित एवं संरक्षित रहते हैं।
→ राष्ट्रीय उद्यान (National Park)-उस क्षेत्र के वनस्पतिजात, प्राणिजात, दृश्यभूमि तथा ऐतिहासिक वस्तुओं का संरक्षण करते हैं।
→ जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र (Biosphere Reserve Area)-ये विविधताओं के संरक्षण के लिए बनाए क्षेत्र हैं।