This PSEB 8th Class Science Notes Chapter 8 कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य will help you in revision during exams.
PSEB 8th Class Science Notes Chapter 8 कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य
→ सभी सजीव कुछ मूलभूत कार्य संपादित करते हैं।
→ जड़ें, तने, पत्ते और फूल पौधे के अंग हैं।
→ जानवरों के भी अंग जैसे हाथ, पाँव, टाँगें आदि होती हैं।
→ शरीर के छिद्र बिना आवर्धक लेंस (Magnifying Lens) नहीं देखे जा सकते।
→ सभी सजीव भोजन खाते और पचाते हैं, साँस लेते हैं और उत्सर्जन करते हैं।
→ प्रत्येक जीव अपने जैसे जीवों का प्रतिनिधित्व करता है।
→ सजीवों में कोशिकाओं की संरचना भवन में ईंटों की तुलना में अधिक जटिल है।
→ सजीवों में पाई जाने वाली कोशिकाओं के विभिन्न आकार, रंग और संख्या होती है।
→ एक कोशिका जीव जैसे अमीबा, पैरामिशियम और जीवाणु एक कोशिय जीव कहलाते हैं।
→ बहकोशिय सजीवों (पादप और जन्तु ) में कोशिकाएँ विभिन्न आकार की होती हैं। अधिकतर कोशिकाएँ गोल आकार की होती हैं।
→ अंडे का पीला भाग योक (Yolk) कहलाता है। इसके इर्द सफेद एल्ब्यूमिन का आवरण होता है। पीला भाग एकल कोशिका को दर्शाता है।
→ सभी कोशिकाएँ एक आवरण से आबद्ध होती हैं जिसे कोशिका झिल्ली कहते हैं।
→ कोशिका झिल्ली के अंदर कोशिका द्रव्य होता है। पौधे कोशिका में कोशिका भित्ति होती है, जो सैलूलोज़ की बनी होती है। दोनों कोशिका झिल्ली और कोशिका भित्ति कोशिका को आकार देती है।
→ शुतुरमुर्ग का अंडा सबसे बड़ी कोशिका का रूप है जिसे नंगी आँख से देखा जा सकता है।
→ प्रत्येक कोशिका के छोटे अवयव कोशिकांग हैं।
→ कोशिकाएँ विभाजन करके बहुकोशिक जीव बनाती हैं जो आकार में वृद्धि करते हैं।
→ विभिन्न कोशिकाओं के समूह विभिन्न कार्य करते हैं।
→ कोशिकाओं की कम संख्या, छोटे जीवों के कार्यों को प्रभावित नहीं करती।
→ मानव रक्त में श्वेत रक्तकोशिका (W.B.C.) भी एक कोशिका है।
→ एक समान कोशिकाओं के समूह को ऊतक (Tissue) कहते हैं।
→ प्रत्येक अंग (Organs) कई ऊतकों को मिल कर बनता है।
→ अंग (Organ)-सजीवों के छोटे भाग हैं। प्रत्येक अंग कई ऊतकों के मिलने से बनता है।
→ ऊतक (Tissue)-कोशिकाओं का समूह, जो एक ही प्रकार के कार्य करता है।
→ कोशिका-सजीव की संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई।
→ एक कोशीय (Uni-Cellular)-कुछ जीव एक ही कोशिका से बने होते हैं जिसमें जीवन की सभी क्रियाएँ होती हैं। इन्हें एक कोशीय जीव कहते हैं।
→ बहुकोशीय (Multicellular)- सभी सजीव कई कोशिकाओं के मिलने से बनते हैं। इन जीवों में विभिन्न कोशिकाएँ विभिन्न कार्य करती हैं। इन्हें बहुकोशीय कहते हैं।
→ आभासी पाँव (Psendopodia)- यह अमीबा की अंगुलियों जैसे असमान आभासी संरचनाएँ हैं।
→ श्वेत रक्त कोशिकाएँ (WBC)-यह एक कोशिक है और रक्त के घटकों में से एक हैं। यह हानिकारक पदार्थों का पोषण करती हैं।
→ कोशिका झिल्ली (Cell Membrane)-यह कोशिका की बाहरी पतली आवरण है, जो इसे आकार देती है।
→ जीव द्रव्य (Protoplasm)-कोशिका झिल्ली और केंद्रक के बीच पाया जाने वाला द्रव्य, जीव द्रव्य कहलाता है।
→ अंगक (Organelles)- यह सूक्ष्म संरचनाएँ जीव द्रव्य में पाई जाती हैं।
→ कोशिका भित्ति (Cell Wall)- यह पादप कोशिका में कोशिका झिल्ली के बाहर अतिरिक्त आवरण है, जो कोशिका को मज़बूत और दृढ़ बनाती है।
→ केंद्रक (Nucleus)- यह केंद्रक का भाग है, जो गाढ़ा और गोल आकार का है।
→ केंद्रक झिल्ली (Nuclear Membrane)-केंद्रक जीव द्रव्य से एक झिल्ली द्वारा पृथक् होता है, जिसे केंद्रक झिल्ली कहते हैं।
→ असीम केंद्री कोशिकाएँ (Prokaryotic)-जिन कोशिकाओं में केंद्रक स्पष्ट नहीं होता अर्थात् केंद्रक झिल्ली नहीं होती।
→ समीम केंद्री कोशिकाएँ (Eukaryotic)-जिन कोशिकाओं में केंद्रक स्पष्ट और केंद्रक झिल्ली द्वारा घिरा होता है।
→ घानी (Vacuole)-द्रव्य से भरे अंगक।
→ वर्णक (Plastids)-छोटी रंगदार संरचनाएँ जो केवल पौधों में पाई जाती हैं।
→ हरित वर्णक (Chloroplast) जो हरे वर्णक पौधों में पाए जाते हैं।
→ जीन (Gene)- क्रोमोसोम पर उपस्थित बिंदु जैसी इकाइयाँ जो गुणों की आनुवंशिकता की उत्तरदायी हैं।
→ गुणसूत्र (Chromosomes)-कोशिका के केंद्रक में धागे जैसी संरचनाएँ, गुणसूत्र हैं।