Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 6 दहन और ज्वाला
PSEB 8th Class Science Guide दहन और ज्वाला Textbook Questions and Answers
अभ्यास
प्रश्न 1.
दहन की परिस्थितियों की सूची बनाइए।
उत्तर-
दहन के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ – दहन उत्पन्न करने के लिए तीन आवश्यकताएँ हैं-
(i) ऑक्सीजन की उपस्थिति।
(ii) दाहन पदार्थ की उपस्थिति।
(iii) पदार्थ का निम्न ज्वलन ताप।
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) लकड़ी और कोयला जलने से वायु का …………………… होता है।
(ख) घरों में काम आने वाला एक द्रव ईंधन ……………………. है।
(ग) जलना प्रारंभ होने से पहले ईंधन को उसके ……………………. तक गर्म करना आवश्यक है।
(घ) तेल द्वारा उत्पन्न आग को ………………………. द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता।
उत्तर-
(क) प्रदूषण
(ख) मिट्टी का तेल
(ग) ज्वलन-ताप
(घ) पानी।
प्रश्न 3.
समझाइए कि मोटर वाहनों में सी० एन० जी० के उपयोग से हमारे शहरों का प्रदूषण किस प्रकार कम हुआ है ?
उत्तर-
सी० एन० जी० एक साफ गैसीय ईंधन है। इसका वायु में पूर्ण दहन होता है जिससे यह कोई हानिकारक गैसें उत्पन्न नहीं करता। इसलिए सी०एन०जी० के उपयोग से शहरों में प्रदूषण कम हुआ है।
प्रश्न 4.
ईंधन के रूप में एल० पी० जी० और लकड़ी की तुलना कीजिए।
उत्तर-
एल० पी० जी० एक द्रवित पेट्रोलियम गैस है। इसका ऊष्मीय मान 50 kJ/g है। यह साफ और स्वच्छ ईंधन है। यह धुआं रहित ज्वाला से जलता है और कोई हानिकारक गैस उत्पन्न नहीं करता जबकि लकड़ी का ऊष्मीय मान 17k//g है। यह जलने पर धुआँ और हानिकारक गैसें उत्पन्न करती है। इसलिए एल० पी० जी० एक बेहतर ईंधन है।
प्रश्न 5.
कारण बताइए-
(क) विद्युत् उपकरण से संबद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु जल का उपयोग नहीं किया जाता।
(ख) एल० पी० जी० लकड़ी से अच्छा घरेलू ईंधन है।
(ग) कागज़ स्वयं सरलता से आग पकड़ लेता है जबकि एल्यूमीनियम पाइप के चारों ओर लपेटा गया कागज़ का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता।
उत्तर-
(क) विद्युत् उपकरण से संबद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु उस पदार्थ का उपयोग नहीं कर सकते, जो विद्युत् का सुचालक हो। इससे जान जाने का खतरा हो सकता है। जल विद्युत् का सुचालक है, इसलिए यह आग बुझाने हेतु उपयोग में नहीं लाया जा सकता। इस उद्देश्य के लिए कार्बन टेट्राक्लोराइड उपयोग में लाया जाता है।
(ख) एल० पी० जी० एक द्रवित पेट्रोलियम गैस है। इसका ऊष्मीय मान 50 kJ/g है। यह साफ और स्वच्छ ईंधन है। यह धुआं रहित ज्वाला से जलता है और कोई हानिकारक गैस उत्पन्न नहीं करता जबकि लकड़ी का ऊष्मीय मान 17k//g है। यह जलने पर धुआँ और हानिकारक गैसें उत्पन्न करती है। इसलिए एल० पी० जी० एक बेहतर ईंधन है।
(ग) ऐलुमिनियम पाइप के चारों ओर लपेटा गया कागज़ का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता, क्योंकि ऊष्मा ऐलुमिनियम में स्थानांतरण हो जाती है और कागज़ का ज्वलन ताप नहीं पहुँच पाता है।
प्रश्न 6.
मोमबत्ती की ज्वाला का चिह्नित चित्र बनाइए।
उत्तर-
प्रश्न 7.
ईंधन से ऊष्मीय मान को किस मात्रक दवारा प्रदर्शित किया जाता है ?
उत्तर-
किलोजूल प्रति किलोग्राम (kJ/kg) ।
प्रश्न 8.
समझाइए कि CO2 किस प्रकार आग को नियंत्रित करती है ?
उत्तर-
CO2 गैस वायु से भारी होती है इसलिए यह जलती हुई आग के इर्द-गिर्द एक आवरण बना लेती है। इस आवरण के बनने से ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाती, कट जाती है और आग जलना बंद कर देती है और नियंत्रित हो जाती है।
प्रश्न 9.
हरी पत्तियों के ढेर को जलाना कठिन होता है, परंतु सूखी पत्तियों में आग आसानी से लग जाती है, समझाइए।
उत्तर-
हरी पत्तियों में नमी की मात्रा बहुत अधिक होती है और हरी पत्तियों के ढेर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है। परंतु सूखी पत्तियों में नमी की मात्रा कम होती है और सूखी पत्तियों के ढेर में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है। इसलिए सूखी पत्तियों के ढेर को आग आसानी से लग जाती है।
प्रश्न 10.
सोने और चाँदी को पिघलाने के लिए स्वर्णकार ज्वाला के किस क्षेत्र का उपयोग करते हैं और क्यों?
उत्तर-
स्वर्णकार ज्वाला के सबसे ऊपरी, अदीप्त, नीले क्षेत्र का उपयोग सोने और चांदी को पिघलाने के लिए करते हैं क्योंकि यह ज्वाला का सबसे अधिक गर्म क्षेत्र होता है।
प्रश्न 11.
एक प्रयोग में 4.5 kg ईंधन का पूर्णतया दहन किया गया। उत्पन्न ऊष्मा का माप 1,80,000 kJ था। ईंधन का ऊष्मीय मान परिकलित कीजिए।
हल-
ईंधन का द्रव्यमान = 4.5 kg
उत्पन्न ऊष्मा का माप = 1,80,000 kJ
= \(\frac{1.80 .000}{4.5}\) kJ/kg
= \(\frac{1.80,000}{4.5}\)
= 40,000
= 4 × 104 kJ/kg उत्तर
प्रश्न 12.
क्या जंग लगने के प्रक्रम को दहन कहा जा सकता है ? विवेचना कीजिए।
उत्तर-
जंग लगने का प्रक्रम – जब लोहे को नमी युक्त वायु में रखा जाता है, तो यह जलीय आयरन ऑक्साइड की परत से ढक जाता है। यह प्रक्रम जंग लगना कहलाता है और परत को जंग कहते हैं। रासायनिक जंग, आयरन ऑक्साइड का जलीय रूप है अर्थात् Fe2O3, xH2O. यह भूरे लाल रंग का होता है।
पूर्ण समीकरण :
4Fe + 3O2 + 3H2O → Fe2O3 + 2Fe (OH)3
Fe2O3 + xH2O → Fe2O3.xH2O
जंग लगना एक ऑक्सीकरण अभिक्रिया है, परन्तु धीमी गति से होने वाली अभिक्रिया है।
प्रश्न 13.
आबिदा और रमेश ने एक प्रयोग किया जिसमें बीकर में रखे जल को गर्म किया गया। आबिदा ने बीकर को मोमबत्ती ज्वाला के पीले भाग के पास रखा। रमेश ने बीकर को ज्वाला के सबसे बाहरी भाग के पास रखा। किसका पानी कम समय में गर्म हो जाएगा ?
उत्तर-
रमेश का पानी कम समय में गर्म हो जाएगा, क्योंकि ज्वाला का सबसे बाहरी भाग सबसे अधिक गर्म होता है।
PSEB Solutions for Class 8 Science दहन और ज्वाला Important Questions and Answers
TYPE -I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कौन-से ईंधन उपयोग में लाए जाते हैं ?
उत्तर-
लकड़ी, कृषि अवशेष और उपले।
प्रश्न 2.
निम्न ठोस ईंधनों में से किस का ऊष्मण-ताप अधिक होता है-उपले, कोयला, लकड़ी।
उत्तर-
कोयला।
प्रश्न 3.
भारतीय घरों में उपयोग आने वाले तरल ईंधन का नाम लिखिए।
उत्तर-
मिट्टी का तेल।
प्रश्न 4.
तीन तरल ईंधनों के नाम लिखें। उत्तर-मिट्टी का तेल (केरोसीन तेल), पेट्रोल, डीज़ल।
प्रश्न 5.
जब ईंधन जलते हैं, तो क्या उत्पन्न होता है ?
उत्तर-
प्रकाश और ऊष्मा।
प्रश्न 6.
ज्वलन ताप क्या है ?
उत्तर-
ज्वलन ताप – वह न्यूनतम तापमान जिस पर कोई पदार्थ ऑक्सीजन की उपस्थिति में आग पकड़ लेता है, ज्वलन ताप कहलाता है।
प्रश्न 7.
दो द्रव पदार्थों के नाम लिखो, जिनका ज्वलन ताप बहुत कम होता है ?
उत्तर-
- एल्कोहल और
- ईथर।
प्रश्न 8.
विद्युत् द्वारा लगी आग बुझाने के लिए किस प्रकार के अग्निशामक का उपयोग होता है ?
उत्तर-
कार्बन ट्रेटाक्लोराइड अग्निशामक।
प्रश्न 9.
दहन क्या है ?
उत्तर-
दहन – यह एक ऐसा प्रक्रम जिसमें पदार्थ को ऑक्सीजन में जलाने से ऊष्मा और प्रकाश पैदा होता है।
प्रश्न 10.
ईंधन के ऊष्मीयमान की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
ऊष्मीय मान – 1 किलोग्राम पदार्थ के पूर्ण दहन से प्राप्त ऊर्जा की मात्रा, ऊष्मीय-मान कहलाता है।
प्रश्न 11.
तेलीय आग बुझाने के लिए कौन-सा अग्निशामक उपयोग में आता है ?
उत्तर-
झाग वाला (Foam type) अग्निशामक।
प्रश्न 12.
काष्ठ कोयला लकड़ी की अपेक्षा एक ईंधन क्यों है ?
उत्तर-
काष्ठ कोयले का ऊष्मीयमान लकड़ी के ऊष्मीयमान से अधिक है। इसलिए काष्ठ कोयला एक बढ़िया ईंधन है।
प्रश्न 13.
मोमबत्ती की ज्वाला के क्षेत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर-
ठंडा आंतरिक क्षेत्र, मध्य क्षेत्र, बाह्य अदीप्त क्षेत्र।
प्रश्न 14.
दो पदार्थों के नाम लिखिए जो अग्नि बुझाने के काम आते हैं।
उत्तर-
- पानी,
- झाग (Foam) ।
प्रश्न 15.
किन्हीं तीन ज्वलनशील पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर-
- कागज़
- लकड़ी और
- रसोई गैस।
TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
ईंधन क्या है ? कौन-सी विभिन्न अवस्थाओं में ईंधन पाए जाते हैं ?
उत्तर-
ईंधन – वे पदार्थ, जो जलने पर ताप और प्रकाश उत्पन्न करते हैं, ईंधन कहलाते हैं। ईंधनों की तीन अवस्थाएँ हैं-
- ठोस (लकड़ी, कोयला, काष्ठ-कोयला आदि)
- तरल (पेट्रोल, मिट्टी का तेल, डीज़ल)
- गैस (प्राकृतिक गैस), कोयला-गैस, बायोगैस आदि।
प्रश्न 2.
कैसे सिद्ध करोगे कि दहन के लिए वायु आवश्यक है ?
उत्तर-
दहन के लिए वायु की आवश्यकता – एक जलता हुआ कोयला अथवा लकड़ी का टुकड़ा कुछ देर बाद जलना बंद कर देता है, जब इसे एक काँच के ज़ार से ढक देते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि ढकने से ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। अब यदि इस पर फूंक मारी जाए, तो यह फिर ज्वाला के साथ जलना शुरू कर देता है। अत: यह निष्कर्ष निकलता है कि दहन के लिए ऑक्सीजन आवश्यक है।
प्रश्न 3.
दुर्घटना में लगी आग को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है ?
उत्तर-
दुर्घटना में लगी आग को नियंत्रित करना दुर्घटनाओं में लगी आग निम्नलिखित शर्तों में से किसी एक आवश्यक शर्त को हटा देने से नियंत्रित हो जाती है-
(क) ऑक्सीजन की आपूर्ति को रोकने से दाह्य पदार्थ जलना बंद कर देता है।
(ख) दाह्य पदार्थ को ठंडा करके अथवा उसका ज्वलन ताप कम करके।
(ग) आग को फैलने से रोकने के लिए ज्वलनशील पदार्थ को ही हटा देने से।
प्रश्न 4.
सुनार फूंकनी का उपयोग क्यों करते हैं ?
उत्तर-
सुनार, फॅकनी से ज्वाला के सबसे ऊपरी भाग को फूंक कर सोने पर मारते हैं। इससे आग की प्रबलता बढ़ जाती है जिससे सोना अथवा चाँदी पिघल जाते हैं। फूंक मारने से अनजले कार्बन के कण ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में जल उठते हैं और ज्वाला और अधिक गर्म हो जाती है।
प्रश्न 5.
दहनशील पदार्थ अपने आप आग क्यों नहीं पकड़ते ?
उत्तर-
दहनशील पदार्थों का ज्वलन ताप कक्ष ताप से अधिक होता है। इसलिए यह स्वतः आग नहीं पकड़ते। जब ताप ज्वलन-ताप से कम होता है, तभी आग लगती है।
प्रश्न 6.
ज्वलन ताप, ज्वलनशील पदार्थ, दहन के सहायक की दहन में ज़रूरी आवश्यकताओं के संदर्भ में व्याख्या करें।
उत्तर-
ज्वलन ताप – यह वह निम्न ताप है, जिस पर ईंधन आग पकड़ लेता है। प्रत्येक पदार्थ का ज्वलन ताप निश्चित होता है, जिसमें कम पर वह जल नहीं सकता।
ज्वलनशील पदार्थ – वह पदार्थ जो आसानी से आग पकड़ लेता है। कागज़, एल० पी० जी०, कपड़े आदि ज्वलनशील पदार्थ हैं।
दहन के सहायक – वे पदार्थ जो ईंधन अथवा ज्वलनशील पदार्थ की जलने में सहायता करते हैं। पेट्रोल, एल० पी० जी० जैसे ज्वलनशील पदार्थ तब तक नहीं जलते जब तक दहन के सहायक अर्थात् ऑक्सीजन की अधिक मात्रा मौजूद न हो।
प्रश्न 7.
दिए गया समीकरण : ..
C + O2 → CO2 + 385 kJ
इसमें कार्बन का ऊष्मीयमान ज्ञात करें (C का द्रव्यमान = 12g)
हल – समीकरण के अनुसार, 1 मोल C अथवा 12g कार्बन के जलने पर 385 kJ ऊष्मा पैदा करता है।
अतः 12g कार्बन ऊष्मा उत्पन्न करता है = 385 kJ
1 g कार्बन ऊष्मा उत्पन्न करता है = \(\frac{385}{12}\)
∴ कार्बन का ऊष्मीयमान
= 32.1 kJ/g
प्रश्न 8.
माचिस की तीली, माचिस की डिबिया के बगल में रगड़ने पर क्यों जल जाती है ?
उत्तर-
जब माचिस की तीली को खुरदरी सतह से रगड़ा जाता है तो घर्षण की ऊष्मा के कारण माचिस की तीली के सिरे के रसायन का ज्वलन ताप बढ़ा देता है और रसायन प्रज्वलित हो उठता है और माचिस की तीली जलना आरंभ कर देती है।
प्रश्न 9.
कोक कोयला से बेहतर ईंधन क्यों है ? कोई चार कारण बताओ।
उत्तर-
कोक कोयले से निम्न कारणों से बेहतर ईंधन है-
- कोक का ऊष्मीयमान कोयले के ऊष्मीयमान से अधिक है।
- कोक का ज्वलन ताप कोयले के ज्वलनताप से कम है।
- कोक कोयले से कम धुआँ उत्पन्न करता है।
- कोयले जलने से गैसीय प्रदूषक CO2, SO2 और CO उत्पन्न होते हैं, जबकि कोक ऐसा कोई प्रदूषक पैदा नहीं करता।
प्रश्न 10.
आग से लड़ना अथवा आग बुझाना (fire fighting) क्या होती है ?
उत्तर-
आग से लड़ना अथवा आग बुझाना – आग से लड़ने से अभिप्राय, आग को बुझाना अथवा उस पर नियंत्रण करना है। आग दुर्घटना के कारण लघु सरकट अथवा मानव लापरवाही से लग सकती है। किसी पदार्थ के दहन के लिए ज्वलनशील पदार्थ, ऑक्सीजन (वायु) और ऊष्मा की आवश्यकता होती है। अतः आग बुझाने के लिए वायु अथवा ऑक्सीजन का प्रवाह काट देना चाहिए।
प्रश्न 11.
आप आग बझाने हेतु क्या करते हैं ?
उत्तर-
आग दुर्घटनावश, मानव लापरवाही आदि से लग सकती है। दहन के लिए ज्वलनशील पदार्थ, ऑक्सीजन और उष्मा की आवश्यकता होती है। आग को रोकने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड, पानी, रेत आदि उपयोग में लाए जा सकते हैं ताकि वायु की आपूर्ति को रोका जा सके।
प्रश्न 12.
(i) मिट्टी के तेल अथवा पेट्रोल
(ii) लघु पथन से लगी आग जल से क्यों नहीं नियंत्रित की जानी चाहिए ?
उत्तर-
(i) मिट्टी का तेल अथवा पेट्रोल के वाष्प जल से हल्के होने के कारण ऊपर तैरने लगते हैं और आग को फैलाने में सहायक होते हैं।
(ii) जल विद्युत् का सुचालक है, इसलिए इसके प्रयोग से लघु पथन द्वारा लगी आग को नियंत्रण करने में घातक हो सकता है।
प्रश्न 13.
जिस व्यक्ति के कपड़ों को आग ने पकड़ लिया हो उसे कंबल से क्यों लपेटा जाता है ?
उत्तर-
जब कोई व्यक्ति आग की चपेट में आ जाता है तो उसे कंबल में लपेटा जाता है ताकि आग को दहन के लिए वायु की पर्याप्त सप्लाई न मिल सके और फलस्वरूप आग बुझ जाए।
प्रश्न 14.
हमें सुलगती हुई कोयले की अँगीठी रखे हुए बंद कमरे में सोने की सलाह क्यों नहीं दी जाती ?
उत्तर-
बंद कमरे में वायु की सीमित सप्लाई होती है जिससे कोयला के अपूर्ण दहन से कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) उत्पन्न होती है। यह एक विषैली गैस है जोकि घातक सिद्ध हो सकती है। इसलिए अँगीठी युक्त बंद कमरे में सोने के लिए सलाह नहीं दी जाती है।
प्रश्न 15.
विश्व उष्णन (ग्लोबल वार्मिंग) समझाइए।
उत्तर-
विश्व उष्णन – अधिकांश ईंधनों के दहन से पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड मिलती है। वायु में कार्बनडाइऑक्साइड की अधिक मात्रा विश्व उष्णन का कारण बनता है। विश्व उष्णन के परिणामस्वरूप हिमनदी पिघलने लगते हैं जिससे समुद्र में जलस्तर बढ़ जाता है और तटीय क्षेत्र बाढ़ ग्रस्त हो जाते हैं। निचले स्तर वाले तटीय क्षेत्र स्थायी रूप से जलमग्न हो जाते हैं।
प्रश्न 16.
अम्लीय वर्षा किसे कहते हैं ?
उत्तर-
अम्लीय वर्षा – कोयले तथा डीज़ल के दहन से सल्फर डाइऑक्साइड गैस निलकती है जोकि अत्यंत
दमघोंटू और संक्षारक गैस है। इसके अतिरिक्त पैट्रोल इंजन नाइट्रोजन के गैसीय ऑक्साइड छोड़ते हैं। सल्फर तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड वर्षा के जल में घुलकर अम्ल बनाते हैं इस अम्ल युक्त वर्षा को अम्लीय वर्षा कहते हैं।
TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मोमबत्ती की ज्वाला के विभिन्न क्षेत्रों का चित्र सहित वर्णन करें।
उत्तर-
मोमबत्ती ज्वाला के क्षेत्र – ज्वाला के तीन मुख्य क्षेत्र होते हैं-
(i) गहरा आंतरिक क्षेत्र
(ii) दीप्त क्षेत्र
(iii) अदीप्त क्षेत्र।
(i) गहरा आंतरिक क्षेत्र – यह ज्वाला का सबसे भीतरी ठंडा क्षेत्र है। इसमें मोम के गर्म वाष्प होते हैं।
एक शीशे की नली का एक सिरा इस क्षेत्र में रखो, दूसरे सिरे से सफेद वाष्प निकलते नज़र आएँगे, जिन्हें माचिस की तीली से जलाने पर ज्वाला निकलती है।
(ii) दीप्त क्षेत्र – मध्य भाग चमकीला दीप्त क्षेत्र है। इस क्षेत्र में कार्बन के आधे जले कण होते हैं। इन कणों के चमकने से यह क्षेत्र चमकीला है। यह कण ज्वाला से धुएँ और काजल के रूप में उत्पन्न होते हैं।
(iii) अदीप्त क्षेत्र – यह ज्वाला का सबसे बाहरी भाग है, जिसका रंग फीका नीला होता है। इस भाग में ऑक्सीजन, ईंधन से मिलकर पूर्ण दहन करती है। यह सबसे बाहरी अदीप्त भाग है, जिसका तापमान 1800° C के लगभग है।
प्रश्न 2.
वर्णन करें-
(i) तीव्र दहन
(ii) स्वतः दहन
(iii) धीमा दहन,
(iv) विस्फोट ।
उत्तर-
(i) तीव्र दहन (Rapid combustion) – वह ऑक्सीकरण अभिक्रिया, जिसमें प्रकाश और ऊष्मा बहुत थोड़े ही समय में उत्पन्न हो जाते हैं, तीव्र दहन कहलाती है।
उदाहरणार्थ जब जलती हुई तीली को गैस बर्नर के पास लाया जाता है, तो गैस तीव्र गति से जलना आरंभ कर देती है। इसी तरह मोमबत्ती की बत्ती जल उठती है जब माचिस की जलती हुई तीली, इसके संपर्क में लाई जाती है यह ज्वाला प्रकाश और ऊष्मा उत्पन्न करती है।
(ii) स्वतः दहन (Spontaneous Combustion) – वह दहन, जो बाहरी ऊष्मा की सहायता बिना होना संभव हो, स्वतः दहन कहलाता है।
सफेद फास्फोरस स्वतः दहन का बढ़िया उदाहरण है।
(iii) धीमा दहन (Slow Combustion) – यह एक धीमी ऑक्सीकरण अभिक्रिया है जिसमें प्रकाश पैदा नहीं होता। इस अभिक्रिया से निकलने वाली ऊष्मा की मात्रा इतनी कम होती है कि उसका अनुभव नहीं होता।
लोहे का जंग लगना और श्वसन क्रिया धीमे दहन के उदाहरण हैं।
(iv) विस्फोट – जिस दहन अभिक्रिया में जलने पर कई गैसों के मिश्रण के साथ बड़ी मात्रा में प्रकाश और ऊष्मा पैदा होती है, विस्फोट कहलाती है। दीवाली के दिनों में कई पटाखे केवल दबाव डालने से चलते हैं। इस अभिक्रिया में रसायनों का ऑक्सीकरण बड़ी तीव्र गति से होता है। जिसके फलस्वरूप कई गैसों के मिश्रण के साथ प्रकाश और ऊष्मा की बहुत बड़ी मात्रा उत्पन्न होती है।
बंदूक से दागी गई गोली भी एक विस्फोट है।