Punjab State Board PSEB 8th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 8 आपदा प्रबन्ध Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 8 Social Science Geography Chapter 8 आपदा प्रबन्ध
SST Guide for Class 8 PSEB आपदा प्रबन्ध Textbook Questions and Answers
I. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 20-25 शब्दों में दो :
प्रश्न 1.
आपदा किसे कहा जाता है ?
उत्तर-
मनुष्य को अपने जीवन में प्रकृति तथा अपने आप द्वारा पैदा किए गए कई खतरों का सामना करना पड़ा है। जब यह खतरे मनुष्य के लिए घातक बन जाते हैं, तो इन्हें आपदा कहते हैं।
प्रश्न 2.
‘प्राकृतिक आपदा’ मुख्य रूप से कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
मुख्य प्राकृतिक आपदा हैं- भूकम्प (भूचाल), ज्वालामुखी, सुनामी, बाढ़, चक्रवात, सूखा, भूस्खलन (१ का सरकना) तथा हिमस्खलन (बर्फ के तोदों का सरकना)।
प्रश्न 3.
‘आपदा प्रबन्धन’ विषय में क्या-क्या शामिल हैं ?
उत्तर-
‘आपदा प्रबन्धन’ का सम्बन्ध प्रकोपों से होने वाली हानि को कम करने से है। इस विषय में अग्रलि बातें शामिल हैं
- आपदा आने से पहले की तैयारी
- आपदा के समय बचाव तथा
- आपदा के बाद समाज को फिर से जीवन देना।
प्रश्न 4.
भूचाल ( भूकम्प) से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
भूमि के हिलने की क्रिया को भूचाल या भूकम्प कहते हैं। यह हल्का भी हो सकता है और बहुत तीव्र भी।
प्रश्न 5.
ज्वालामुखी किसे कहते हैं ? इसकी किस्मों के नाम लिखो।
उत्तर-
धरती के भीतर बहुत अधिक गर्मी के कारण चट्टानें पिघली हुई अवस्था में हैं। ये धरती के किसी कमज़ोर भाग से लावे के रूप में बाहर आ जाती हैं। इस क्रिया को ज्वालामुखी कहा जाता है।
ज्वालामुखी की किस्में-ज्वालामुखी मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-(1) क्रियाशील ज्वालामुखी (2) सुप्त ज्वालामुखी तथा (3) बुझे हुए ज्वालामुखी।
प्रश्न 6.
सुनामी कैसे पैदा होती है ?
उत्तर-
सुनामी ऊँची-ऊँची समुद्री लहरें होती हैं। ये भूकम्प, ज्वालामुखी विस्फोट तथा धरती के खिसकने से पैदा होती हैं। ये बहुत-ही विनाश करती हैं।
प्रश्न 7.
बाढ़ आने के मुख्य क्या कारण हैं ?
उत्तर-
बाढ़ आने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं
(1) अधिक वर्षा (2) तेज़ चक्रवात (3) बादलों का फटना (4) पानी के निकास का ठीक प्रबन्ध न होना (5) बांधों का टूटना (6) नदियों तथा दरियाओं के तल पर मिट्टी का जमाव (7) नदियों तथा दरियाओं के प्रभाव में आने वाले प्रदेशों में आवासों का निर्माण करना।
प्रश्न 8.
चक्रवात क्या होते हैं ? इन्हें किस-किस नाम से पुकारा जाता है ?
उत्तर-
वात तूफ़ान या तेज़ हवाएं होती हैं जिनकी गति 63 किमी० प्रति घंटा या इससे अधिक होती है। ये हवा के कम दबाव से पैदा होते हैं।
अन्य नाम- चक्रवातों को उत्तरी अमेरिका में ‘हरीकेन’, दक्षिण-पूर्वी एशिया में ‘टाईफून’ तथा भारत में आंधी या तूफ़ान कहा जाता है।
प्रश्न 9.
‘भूमि खिसकने’ के कौन-कौन से कारण हो सकते हैं ?
उत्तर-
भूमि खिसकने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं(1) धरती की अन्दरूनी (आन्तरिक) हलचल (2) तेज़ वर्षा का होना (3) ज्वालामुखी क्रिया (4) खानें खोदना।
प्रश्न 10.
मानवीय प्रकोप किसे कहते हैं ?
उत्तर-
मानवीय प्रकोप वे प्रकोप होता है जो मनुष्य प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से स्वयं पैदा करता है। यह काम नुष्य जान-बूझ कर अथवा अनजाने में करता है। बम धमाके तथा आतंकवादी हमले इसके उदाहरण हैं।
प्रश्न 11.
महामारी से आपका क्या भाव है ?
उत्तर-
जब कोई बीमारी बहुत अधिक फैल जाती है तथा लोगों को प्रभावित करती है, तो उसे महामारी कहते हैं। I, डेंगू, बुखार, पीला बुखार या दस्त जैसी बीमारियां कभी-कभी महामारी का रूप ले लेती हैं।
नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 70-75 शब्दों में लिखो :
प्रश्न 1.
आपदाएं मानव को किस प्रकार प्रभावित करती हैं ?
उत्तर-
आपदाएं मानव जीवन को बहुत अधिक प्रभावित करती हैं –
- इनके कारण जान-माल की भारी हानि होती है।
- नागरिक सुविधाएं ठप्प पड़ जाती हैं जिससे जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।
- कई लोग अपनों से बिछुड़ जाते हैं।
- खड़ी फ़सलें तथा पशु बह जाते हैं।
- लाशों के गलने-सड़ने से महामारियां फैलती हैं। (6) वर्षों की उन्नति मिनटों में समाप्त हो जाती है।
प्रश्न 2.
भूचाल आने के कारण और संसार के प्रसिद्ध भूचाल क्षेत्र बताओ।
उत्तर-
कारण-भूचाल धरती की आन्तरिक हलचलों के कारण आते हैं। इन हलचलों से धरती की टैक टोनिक प्लेटें खिसक जाती हैं और भूकम्प तरंगें पैदा होती हैं। परिणामस्वरूप धरती हिलने लगती है जिसे भूचाल अथवा भूकम्प कहते हैं।
भूचाल क्षेत्र-
- संसार के 2/3 भूचाल प्रशान्त महासागर के ‘ज्वाला चक्र’ (Ring of Fire) में आते हैं।
- संसार के मुख्य पर्वतीय क्षेत्र, जैसे कि हिमालय तथा आल्पस भी भूकम्पग्रस्त क्षेत्र माने जाते हैं।
- भारत के भूचालग्रस्त प्रदेशों में कश्मीर तथा पश्चिमी हिमालय, मध्य हिमाचल, उत्तर-पूर्वी भारत, सिन्धु-गंगा के मैदान, राजस्थान एवं गुजरात के प्रदेश तथा पूर्वी तथा पश्चिमी द्वीप-समूह शामिल हैं।
प्रश्न 3.
भूचाल आपदा प्रबन्धन में हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
भूचाल आपदा प्रबन्धन में हमें नीचे दी गई बातों का ध्यान रखना चाहिए-
- भूचाल ग्रस्त प्रदेशों में भवनों के नक्शे तथा बनावट इस प्रकार की होनी चाहिए कि भूचाल आने पर उन्हें कोई हानि न पहुँचे। घरों तथा अन्य इमारतों का बीमा भी अवश्य होना चाहिए।
- भूचाल आने पर भय या घबराहट का वातावरण पैदा नहीं होने देना चाहिए; बल्कि शान्ति रखकर दिमाग़ से क लेना चाहिए।
- भूचाल आने पर यदि आप घर के अन्दर हों, तो बाहर नहीं भागना चाहिए, बल्कि बेड्, मेज, दरवाज़े जैसी कि कठोर वस्तु के बीच चले जाना चाहिए।
- यदि भूचाल के समय बाहर हो तो किसी खुले स्थान पर चले जाना चाहिए। इमारतों, वृक्षों, बिजली के ता. तथा खम्बों से दूर रहना चाहिए।
- हमें आपस में मिलकर भूचाल प्रभावित लोगों की सहायता करनी चाहिए। उन्हें मेडीकल तथा रहने की सुवि देने का प्रयास करना चाहिए।
- मलबे में दबे लोगों को तेज़ी से निकालना चाहिए और घायलों को जल्दी से जल्दी अस्पताल पहुंच चाहिए।
- भूकम्प से प्रभावित यातायात तथा संचार के साधनों को जितनी जल्दी हो सके फिर से चालू कर लेना चा
- सरकार को चाहिए कि वह बेघर हुए लोगों को फिर से बसाने के लिए आवश्यक सुविधाएं दे।
प्रश्न 4.
ज्वालामुखी और सुनामी से बचाव के लिए क्या-क्या प्रबन्ध करना चाहिए ?
उत्तर-
ज्वालामुखी से बचाव-
- ज्वालामुखी विस्फोट वाले स्थान के निकट घर या कोई और इमारत नहीं बनानी चाहिए।
- ज्वालामुखी विस्फोट के लक्षण दिखाई देने पर वहां से बहुत दूर चले जाना चाहिए। इसके लिए यातायात के तीव्र साधनों को प्रयोग करना चाहिए।
- हानि पहुँचने की स्थिति में सरकार को हर प्रकार की सहायता के लिए तैयार रहना चाहिए।
सुनामी से बचाव-
- सुनामी की सूचना मिलने पर समुद्र की ओर नहीं जाना चाहिए।
- समुद्र में चल रहे जहाज़ों तथा नावों को वापिस बन्दरगाह पर आ जाना चाहिए।
- मछुआरों को लहरें शान्त होने के बाद ही समुद्र में जाना चाहिए।
- यदि लहरें बहुत तेज़ी से समुद्र तट की ओर आ रही हों, तो वहाँ बसे लोगों को वह स्थान छोड़कर दूर चले जाना चाहिए।
- सभी को मिलकर मुसीबत में फंसे लोगों की सहायता करनी चाहिए।
- सरकार को सुनामी की आपदा से निपटने के लिए हर समय तैयार रहना चाहिए।
प्रश्न 5.
सूखे से बचने के लिए कौन-कौन-से कदम उठाने चाहिएँ।
उत्तर-
सूखे से बचाव के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं-
- पानी का प्रयोग सूझबूझ से करें। इसे व्यर्थ न बहने दें।
- सूखाग्रस्त क्षेत्रों में अधिक-से-अधिक वृक्ष लगाएं। वृक्ष वर्षा लाने में सहायता करते हैं।
- सूखाग्रस्त प्रदेश में ऐसी फ़सलें उगायें जिन्हें कम पानी की ज़रूरत होती हैं। मक्का, बाजरा, दालें आदि फसलें इसी प्रकार की फ़सलें हैं।
- सरकार को चाहिए कि वह सूखाग्रस्त प्रदेशों में आसपास के अधिक पानी वाले क्षेत्रों से पानी पहुँचाये।
- सूखाग्रस्त क्षेत्रों में वर्षा के पानी को तालाबों अथवा बांधों में इकट्ठा कर लेना चाहिए। इस पानी का प्रयोग ज़रूरत के समय किया जा सकता है।
- सूखाग्रस्त क्षेत्रों में कृषि के स्थान पर दूसरे आर्थिक धन्धों को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि अधिक पानी की समस्या न रहे।
प्रश्न 6.
कौन-कौन से उपाय हमें महामारी जैसी आपदा से बचा सकते हैं ?
उत्तर-
- महामारी से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि बीमारियों से ही बचा जाए। शुद्ध, साफ पानी तथा साफ़-सुथरा वातावरण हमें बीमारियों से बचा सकता है।
- बीमारी फैलने पर डॉक्टरी सुविधाओं का उचित प्रबन्ध होना चाहिए। इसके लिए अस्पतालों में चिकित्सा की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए।
- शहरों के आसपास गन्दी बस्तियों को विकसित न होने दिया जाये।
- शहरों, गांवों तथा स्कूलों में नियमित रूप से बीमारी की जांच होनी चाहिए ताकि महामारी के खतरे से बचा जाए।
III. नीचे लिखे प्रश्नों का उत्तर लगभग 250 शब्दों में लिखो :
प्रश्न 1.
बाढ़ और चक्रवात जैसी आपदाओं से बचने के लिए हमें क्या-क्या उपाय करने चाहिएँ ? विस्तार सहित लिखिए।
उत्तर-
बाढ़ तथा चक्रवात जैसी आपदाओं से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किये जाने चाहिएँ- ‘.
बाढ़-
- बाढ़ग्रस्त प्रदेशों में लोगों को समय-समय पर मौसम विभाग से जानकारी लेते रहना चाहिए। यदि खतर अधिक हो तो लोगों को अपना स्थान अस्थायी रूप से छोड़ देना चाहिए तथा किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाना चाहिए
- बाढ़ आने से पहले लोगों को अपना सामान किसी ऊँचे स्थान पर अथवा छत पर ढक कर रख देना चाहिए
- बाढ़ के समय पानी को उबाल कर ही पीना चाहिए।
- बाढ़ में फंसे लोगों को सेना की सहायता से हेलीकाप्टरों द्वारा बाहर निकालने का प्रयास करना चाहिए।
- सरकार को चाहिए कि वह बाढ़ प्रभावित लोगों तक खाने-पीने का सामान तथा आवश्यक दवाइयाँ पहुँचाये
- बाढ़ से बेघर हुए लोगों को रहने का स्थान दिया जाये।
- बाढ़ के बाद फैलने वाली बीमारियों तथा महामारियों से बचाव के लिए चिकित्सा सुविधाओं का उचित प्रब होना चाहिए।
- सभी लोगों का यह कर्त्तव्य है कि वे बाढ़ प्रभावित लोगों की हर सम्भव सहायता करें।
- बाढ़ों के वेग को कम करने के लिए अधिक-से-अधिक वृक्ष लगाने चाहिएँ।
चक्रवात-मनुष्य के लिए चक्रवातों को रोक पाना सम्भव नहीं है। फिर भी निम्नलिखित उपायों द्वारा चक्रवातों से होने वाली हानि को कम किया जा सकता है
- समुद्र तट के निकट कच्चे घर अथवा झोंपड़ियां नहीं बनानी चाहिएँ।
- चक्रवातों से प्रभावित लोगों को बड़े-बड़े भवनों, स्कूलों तथा अन्य सार्वजनिक इमारतों में शरण देनी चाहिए।
- चक्रवातों का खतरा होने पर जहाजों, नावों तथा मछुआरों को समुद्र में नहीं जाना चाहिए।
- चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में ऐसे मकान बनाये जाने चाहिएँ जो चक्रवातों की तेज़ गति का सामना कर सकें।
- चक्रवातों के कारण आने वाली बाढ़ों से बचाव के लिए बाढ़-विरोधी पग उठाने चाहिएं।
- समुद्र तट के साथ चक्रवातों की उलटी दिशा में वृक्षों की पंक्तियां लगा देनी चाहिए। इस प्रकार चक्रवात के वेग को कम किया जा सकता है।
- चक्रवातों के आने की सूचना लगातार प्राप्त करते रहना चाहिए तथा उनसे बचाव के लिए दिए गए सुझावों का पालन करते रहना चाहिए।
- सरकार की ओर से चक्रवातों की आपदा से निपटने तथा लोगों की सहायता के लिए उचित प्रबन्ध होना चाहिए।
प्रश्न 2.
मानवीय आपदा क्या हैं ? किन्हीं दो मानवीय आपदाओं के ‘आपदा प्रबन्धन’ का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
उत्तर-
कुछ आपदा मनुष्य प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से स्वयं उत्पन्न करता है। यह काम मनुष्य जानबूझ कर या अनजाने में करता है। इन आपदाओं को मानवीय आपदा कहते हैं। बम धमाके तथा आतंकी हमले और बांधों का टूटना मानवीय आपदाओं के उदाहरण हैं। दो मानवीय आपदाओं के ‘आपदा प्रबन्धन’ का वर्णन इस प्रकार हैं-
1. बम धमाके आतंकी हमले-बम देश की बाहरी शत्रु से रक्षा के लिए बनाये गये थे। परन्तु कुछ लोग इनका प्रयोग देश में तबाही मचाने के लिए करते हैं। कई आतंकवादी गुट देश में अशान्ति फैलाने का काम करते हैं। फलस्वरूप कई निर्दोष लोग मारे जाते हैं। अन्य प्रभावित लोगों को भी बम धमाकों तथा आतंकी हमलों के कारण तरह-तरह के कष्ट झेलने पड़ते हैं। ये हमले देश के विकास में भी बाधा डालते हैं। 11 सितम्बर, 2001 को अमेरिका के शहरों पर हुए आतंकी हमलों में हज़ारों लोग मारे गए थे और भारी आर्थिक क्षति हुई थी।
बचाव-
- सरकारों को राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बातचीत द्वारा इन हमलों से निपटने की योजना बनानी चहिए।
- लावारिस पड़ी किसी भी वस्तु को हाथ नहीं लगाना चाहिए। हो सकता है कि इनमें बम हो। इनकी सूचना तुरन्त पुलिस को देनी चाहिए।
- बम धमाकों या आतंकी हमले के समय अफरा-तफ़री तथा भय का वातावरण नहीं बनने देना चाहिए, बल्कि र्य से काम लेना चाहिए।
- पुलिस तथा गुप्तचर विभाग को आतंकी गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखनी चाहिए। भीड़ भरे स्थानों पर पर्याप्त कसी की ज़रूरत होती है।
- पकड़े गए अपराधियों को कानून के अनुसार कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
- आतंकी हमलों में घायल लोगों को जितनी जल्दी हो सके अस्पताल पहुँचाना चाहिए।
- कानून तथा सुरक्षा की व्यवस्था बनाये रखनी चाहिए।
2. बांधों का टूटना-बांधों में बहुत अधिक पानी इकट्ठा रहता है। इसलिए किसी बांध के टूट जाने पर बाढ़ से भी खतरनाक स्थिति पैदा हो जाती है। यदि बांध बहुत बड़ा हो तो संकट और अधिक बढ़ जाता है। मानव जीवन अस्तव्यस्त हो जाता है। पशु तथा खड़ी फ़सलें बह जाती हैं। इस आपदा से बचाव के लिए बाढ़ों से बचाव वाले उपाय करने चाहिएँ। सरकार को लोगों के जान-माल की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबन्ध करने चाहिएं।
PSEB 8th Class Social Science Guide आपदा प्रबन्ध Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions)
(क) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
1. भूकम्प (भूचाल). ज्वालामुखी, सुनामी, बाढ़ आदि …….. आपदाएं हैं।
2. बम धमाके, आतंकवाद, प्रदूषण आदि ………. आपदाएं हैं।
3. भूमि के हिलने की क्रिया को ………… कहते हैं।
4. हैजा, डेंग, पीला बुखार या दस्त जैसी बीमारियां जब अधिक लोगों को प्रभावित करती हैं तो वे ………..कहलाती हैं।
5. भूकम्प की तरंगे पृथ्वी के भीतर जिस विशेष स्थान पर उत्पन्न होती है, उस स्थान को भूकम्प का ……………. कहते हैं।
6. लावा के पृथ्वी पर आने की क्रिया को ………. कहा जाता है।
उत्तर-
- प्राकृतिक
- मानवीय
- भूचाल या भूकम्प
- महामारी
- उद्गम-केंद्र
- ज्वालामुखी उद्गार।
(ख) सही कथनों पर (✓) तथा गलत कथनों पर (✗) का निशान लगाएं :
1. जब खतरे मनुष्य के लिए घातक बन जाते हैं तो इन्हें आपदा कहते हैं।
2. भूमि के हिलने की क्रिया को ज्वालामुखी कहते हैं।
3. रिक्टर स्केल पर 8 से अधिक तीव्रता वाले भूचाल खतरनाक माने जाते हैं।
4. मानवीय प्रकोप वह प्रकोप होता हैं जो मनुष्य प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्वयं पैदा करता है।
5. यदि वर्षा प्राप्ति की आशा रखने वाले किसी स्थान पर लम्बी अवधि तक अंधिक वर्षा का मौसम बना रहे तो उसे सूखा कहते हैं।
6. सुनामी ऊँची-ऊँची समुद्री लहरें होती हैं।
उत्तर-
- ✓
- ✗
- ✓
- ✓
- ✗
- ✓
(ग) सही विकल्प चुनिए:
प्रश्न 1.
उत्तरी अमरीका में चक्रवात को किस नाम से पुकारा जाता है ?
(i) आंधी
(ii) तूफ़ान
(iii) हरीकेन
(iv) टाईफून।
उत्तर-
हरीकेन
प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन-सी मानवीय आपदा है ?
(i) भूचाल
(ii) बम धमाके
(iii) ज्वालामुखी
(iv) सुनामी।
उत्तर-
बम धमाके
प्रश्न 3.
जल संसाधन की कमी से जुड़ी आपदा है
(i) ज्वालामुखी
(ii) सूखा
(iii) भूमि का खिसकना
(iv) महामारी।
उत्तर-
सूखा।
(घ) सही जोड़े बनाइए :
1. भूचाल – अधिक वर्षा
2. ज्वालामुखी – तूफ़ान
3. चक्रवात – रिक्टर पैमाना
4. बाढ़ – लावा।
उत्तर-
- रिक्टर पैमाना
- लावा,
- तूफ़ान,
- अधिक वर्षा ।
अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
किस तीव्रता वाले भूचाल खतरनाक माने जाते हैं ?
उत्तर-
रिक्टर स्केल पर 8 से अधिक तीव्रता वाले भूचाल खतरनाक माने जाते हैं।
प्रश्न 2.
यू० एस० ए० में सबसे बड़ा आतंकवादी हमला कब तथा किन दो स्थानों पर हुआ ?
उत्तर-
11 सितम्बर, 2001 को न्यूयॉर्क शहर तथा पेंटागन पर।।
प्रश्न 3.
भूचाल के उदगम-केन्द्र तथा अभिकेन्द्र की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
उदगम केन्द्र-भूकम्प की तरंगें पृथ्वी के भीतर किसी विशेष स्थान पर उत्पन्न होती हैं। इस स्थान को उद्गम-केन्द्र कहते हैं।
2. अधिकेन्द्र-भूकम्प की तरंगें भूमि के भीतर उत्पन्न होती हैं। इस भूकम्पीय उद्गम केन्द्र के ठीक ऊपर भू-पृष्ठ पर स्थित बिन्दु को अभिकेन्द्र कहते हैं।
प्रश्न 4.
‘भूचाल’ से क्या हानि होती है ?
उत्तर-
- भूचाल से पृथ्वी में दरारें पड़ जाती हैं। मकान, सड़कें, पुल, रेलमार्ग आदि टूट जाते हैं। कई लोग मारे जाते हैं।
- पानी, बिजली तथा गैस की आपूर्ति ठप्प पड़ जाती है।
प्रश्न 5.
26 दिसंबर, 2004 की सुनामी ने कितने देशों को प्रभावित किया और इससे लगभग कितने लोग मारे गये ?
उत्तर-
26 दिसंबर, 2004 की सुनामी ने दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी एशिया तथा अफ्रीका के 11 देशों को प्रभावित केया। इससे 105 लाख से भी अधिक लोग मारे गए।
प्रश्न 6.
‘बाढ़’ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जब नदियों तथा नहरों का जल इनके किनारे तोड़कर आस-पास के क्षेत्र में फैल जाता है, तो उसे बाढ कहते हैं।
प्रश्न 7.
चक्रवात अथवा उष्ण चक्रवात क्या होते हैं और ये कैसे बनते हैं ?
उत्तर-
चक्रवात या तूफान, एक प्रकार की तेज़ हवाएं होती हैं जिनकी गति 63 किलोमीटर प्रति घण्टा या इससे अधिक होती है। चक्रवात वायु के कम दबाव के कारण बनते हैं। अधिकतर चक्रवात भूमध्य रेखा से 5° से 20° उत्तर था दक्षिण में पैदा होते हैं।
प्रश्न 8.
सूखा किसे कहते हैं ?
उत्सर-
यदि वर्षा प्राप्ति की आशा रखने वाले किसी स्थान पर लम्बी अवधि तक शुष्क मौसम की स्थिति बनी रहे, उसे सूखा कहते हैं। सूखा कभी-कभी वर्षों तक जारी रहता है। सूखे से जल स्रोत तथा वनस्पति सूख जाती है और टी में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ जाती हैं।
छोटे उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
रिक्टर स्केल तथा मरकाली स्केल में क्या अन्तर हैं ?
उत्तर-
रिक्टर स्केल-यह भूचाल की तीव्रता को मापने का खुला पैमाना है। इससे पता चलता है कि भूचाल का एक झटका कितना तीव्र है। रिक्टर पैमाने में 8 की तीव्रता वाला भूचाल 4 की तीव्रता वाले पैमाने से बहुत अधिक तीव्र होता है।
इसके विपरीत मरकाली स्केल भूचाल से हुई हानि को बताता है। इसे ‘कोई हानि नहीं’ से लेकर ‘सब कुछ नष्ट हो गया’ तक 12 वर्गों में बाँटा गया है।
प्रश्न 2.
ज्वालामुखी की किस्मों की संक्षिप्त जानकारी दो।
उत्तर-ज्वालामुखी की तीन किस्में हैं-क्रियाशील ज्वालामुखी, सुप्त ज्वालामुखी तथा बुझा हुआ ज्वालामुखी।
- क्रियाशील ज्वालामुखी-ऐसे ज्वालामुखी में से कभी-कभी लावा निकलता रहता है।
- सुप्त ज्वालामुखी-ऐसा ज्वालामुखी काफी समय से शान्त होता है। इसमें से पिछले इतिहास में इनमें से कभी लावा निकला होता है।
- बुझा हुआ ज्वालामुखी-बुझा हुआ ज्वालामुखी वह होता है जिसके चिन्ह तो दिखाई देते हैं, परन्तु पिछले इतिहास में उनके फटने का कोई रिकार्ड नहीं मिलता।
प्रश्न 3.
चक्रवात किस प्रकार आपदा का रूप धारण कर लेते हैं ? इनसे होने वाली हानियों का वर्णन करो
उत्तर-
जब चक्रवातों की गति 100 किलोमीटर प्रति घण्टा से बढ़ जाती है तो ये आपदा का रूप धारण कर लेते हैं तथा आस-पास के क्षेत्रों में भारी विनाश करते हैं
- बिजली तथा टेलीफोन की तारों के खम्बे भी गिर जाते हैं।
- वृक्ष जड़ों से उखड़कर सड़कों पर गिर जाते हैं और यातायात ठप्प हो जाता है।
- घास-फूस के कच्चे घरों तथा कमज़ोर मकानों को काफी क्षति पहुंचती है।
- नावों और समुद्री जहाजों को भी काफी हानि होती है।
- बहुत-से मनुष्य तथा पशु चक्रवातों की लपेट में आकर मारे जाते हैं।
- खेतों में खड़ी फसलें ढह जाती है। जिससे कृषकों को हानि होती है।
प्रश्न 4.
पानी के बांधों या डैमों का टूट जाने की आपदा तथा बचाव पर नोट लिखो।।
उत्तर-
बांधों अथवा डैमों में पानी की मात्रा बहुत अधिक होती है। इनके टूटने से पानी तेजी से बहने लगता है और बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है। यदि डैम बहुत बड़े हों तो आपदा और भी विनाशकारी हो जाती है जिससे मानव जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। इसलिए बाढ़ों से निपटने के लिए सभी प्रबन्ध करने चाहिये। लोगों की जान और मा की सुरक्षा करना सरकार का मुख्य कार्य बनता है।
प्रश्न 5.
औद्योगिक दुर्घटनाओं सम्बन्धी आपदा क्या होती है ?
उत्तर-
उद्योगों में बड़ी-बड़ी मशीनें, रासायनिक पदार्थ, कई प्रकार के ज्वलनशील पदार्थ तथा ज़हरीली गैसों का प्रयोग होता है। इनका प्रयोग करते समय कभी-कभी दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। कई बार तो ये दुर्घटनाएं इतनी विशाल तथा भयंकर होती हैं कि इन्हें भुला पाना भी कठिन हो जाता है। भोपाल गैस लीक की विनाशकारी घटना अभी भी हमारे मन में ताज़ा है। इस दुर्घटना में हज़ारों लोगों की मृत्यु हो गई थी और बहुत-से बच्चे अभी भी अपंग पैदा हो रहे हैं। कई बार उद्योगों में गैस सिलैण्डर फटने से आग भी लग जाती है या कोई बड़ी दुर्घटना घटित हो जाती है।
प्रश्न 6.
औद्योगिक दुर्घटनाओं से बच-बचाव कैसे किया जा सकता है ?
उत्तर-
औद्योगिक दुर्घटनाओं से बच-बचाव के लिए उद्योगों में आवश्यक प्रबन्ध होने चाहिएँ-
- आग बुझाने वाले यन्त्र हर समय तैयार रहने चाहिये।
- दुर्घटना के समय उद्योगों में श्रमिकों तथा अन्य कर्मचारियों को बाहर निकालने के तीव्र तथा उचित प्रबन्ध होने चाहियें।
- आतंक का वातावरण नहीं बनने देना चाहिये, बल्कि शान्त रहकर बचाव कार्य को पूरा करना चाहिए।
- प्रभावित लोगों को शीघ्र ही डॉक्टरी सहायता देनी चाहिये।
- उद्योगों में काम करने वाले कर्मियों को बीमा की सुविधा भी उपलब्ध होनी चाहिये।
- सरकार को चाहिए कि वह प्रभावित लोगों को हर सम्भव सहयोग तथा सहायता दे।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न-
भूमि तथा बर्फ के तोदों के सरकने की आपदाओं का वर्णन करते हुए, उनसे बच-बचाव के उपाय लिखें।
उत्तर-
अन्य प्राकृतिक आपदाओं की तरह भूमि सरकने (खिसकने) तथा बर्फ के तोदों के सरकने की आपदाएं भी कभी-कभी काफ़ी विनाशकारी होती हैं। इनका वर्णन इस प्रकार है
1. भूमि का खिसकना-भूमि के खिसकने का अर्थ है पृथ्वी को गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण चट्टानों तथा मिट्टी का ढलान से नीचे की ओर खिसकना। इसमें भूमि एकदम और तेज़ी से नीचे की ओर सरकती है। यदि पहाड़ की ढलान तेज़ हो तो भूमि का नीचे की ओर सरकना (खिसकना) और भी तेज़ हो जाता है।
कारण-भूमि सरकने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे-
- पृथ्वी की भीतरी हलचल
- तेज़ वर्षा
- ज्वालामुखी क्रिया
- भूचाल का आना
- खानों का खोदना
- वनों को काटने से भूमि का अपरदन होने तथा भूमि के नंगा हो जाने से भी खिसकने की क्रिया बढ़ जाती है।
हानियां-
- भूमि के सरकने से बहुत-सा क्षेत्र मिट्टी के नीचे दब जाता है।
- सड़कों और वनस्पति को बहुत हानि होती है।
- सरकती हुई भूमि की लपेट में आने वाली मोटर गाड़ियों, पशुओं तथा मनुष्यों को भारी क्षति का सामना करना पड़ता है।
भूमि सरकने (खिसकने) से बचाव-,
- जिन क्षेत्रों में भूमि खिसकने की क्रिया अधिक होती है, उनकी पहचान करके वहां घर और इमारतें न बनाई जायें।
- वनस्पति हीन पर्वतों की ढलानों अर्थात् नंगी चट्टानों पर भूमि का सरकना अधिक होता है। इसलिए वनों की कटाई पर पाबंदी लगाई जाये और वहां घास तथा पेड़-पौधे आदि लगवाये जायें।
- ढलानों से बहने वाला पानी भूमि सरकने में सहायक होता है। इसलिए इस जल के निकास की उचित व्यवस्था की जाये।
- ऐसे क्षेत्रों में बिजली तथा टेलीफोन की तारों और जल पाइपों को या तो पृथ्वी के भीतर डाला जाए या ऊपर लटकाया जाये, ताकि भूमि सरकने से ये टूट न जायें।
- पहाड़ी ढलानों पर वृक्षों को लाइनों में लगाया जाये, ताकि भूमि सरकने की गति को कम किया जा सके।
- पर्वतों के साथ-साथ सड़कों के दोनों ओर ऊंची-ऊंची दीवारें (Retaining Walls) बना देनी चाहिए ताकि सरकती हुई मिट्टी सड़क पर आने से पहले ही ढक जाए।
2. बर्फ के तोदों का खिसकना-पर्वतों की ढलानों से बर्फ का खिसकना मानव के लिए काफी कष्टदायक सिद्ध होता है। इससे सड़कें, इमारतें तथा मोटर गाड़ियों को बहुत क्षति पहुंचती है। यदि समस्या बढ़ जाये तो जान माल की भारी हानि होती है।
यह आपदा ऊंचे पहाड़ों पर बर्फ पड़ने से पैदा होती है। जब पहाड़ों पर बर्फ का जमाव बढ़ जाए, तो बर्फ के ऊपरी ढेर फिसल कर पर्वत की ढलान पर सरकने लगते हैं।
बर्फ के तोदों से बचाव-
- लोगों को बर्फ से खिसकने के सम्बन्ध में पूरा ज्ञान होना चाहिये। यदि ऐसा होगा तो ही वे अपने आप को बचा सकेंगे।
- ऐसे स्थानों में अधिक-से-अधिक वृक्ष लगाने चाहियें। वृक्ष बर्फ के खिसकने में रुकावट का काम करते हैं।
- बर्फ के खिसकने वाली पर्वतीय ढलानों पर बर्फ के तोदों के मार्ग में बाधा डालने के लिए इस प्रकार का निर्माण किया जाये जिससे तोदों की तीव्रता तथा दिशा बदल जाये। इस प्रकार इससे होने वाली हानि को कम किया जा सकता है।
- यदि बर्फ सड़कों पर गिर जाये तो यह आवागमन को रोक देती है। इस बर्फ को बर्फ काटने वाली मशीन या ‘हल्के धमाकों से सड़क से हटाया जा सकता है इन्हें बुलडोजर की सहायता से भी हटाया जा सकता है।
- बर्फ के खिसकने के प्रकोप से प्रभावित हुए लोगों के लिए आवश्यक सहायता तथा अन्य सुविधाएं प्रदान करवाना सरकार की जिम्मेवारी बन जाती है।