Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई Important Questions and Answers.
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
पादप कोशिको की इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी संरचना का सचित्र वर्णन कीजिए-
उत्तर-
पादप कोशिको की इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी संरचना-
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा पादप कोशिका की संरचना निम्नलिखित अनुसार है। इस सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखे जाने पर कोशिका के तीन भाग प्रत्यक्ष दिखाई देते हैं तथा वे हैं
- कोशिका भित्ति
- कोशिका द्रव्य तथा
- केंद्रक।
I. कोशिका भित्ति (Cell wall) – यह कोशिका का बाह्य आवरण है। यह अजीवित पदार्थ सेल्यूलोज़ का बना होता है। यह कोशिका को आकार प्रदान करती है तथा जल के लिए पारगम्य (Permeable) होती है। यह कोशिका की सुरक्षा करती है तथा ऊतकों को दृढ़ और मज़बूत बनाती है।
II. कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) – यह एक अर्ध तरल, जैलीनुमा जीवित पदार्थ है। यह स्वभाव में कोलायडी होता है। यह कोशिका में जैविक कार्य करता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, लिपिड, जल, न्यूक्लिक अम्ल तथा खनिज लवण पाए जाते हैं। इसमें निम्नलिखित पिंड या कोशिकांग (Cell organelles) पाए जाते हैं-
(i) लवक (Plastids) – पौधों की कोशिकाओं में तीन प्रकार के लवक पाए जाते हैं-
(क) हरित लवक (Chloroplast) – इनमें एक हरे रंग का पदार्थ क्लोरोफिल होता है जो प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोजन निर्माण में सहायता करता है।
(ख) वर्णी लवक (Chromoplast) – ये नीले, काले अथवा पीले रंग के होते हैं, परंतु इनका रंग हरा नहीं होता।
(ग) अवर्णी लवक (Leucoplast) – ये रंगहीन होते हैं तथा पौधे के प्रकाश से दूर वाले भागों में पाए जाते हैं। ये तने, शाखाओं तथा पत्तियों में हरे रंग के ही होते हैं।
(ii) रिक्तिकाएं (Vacuoles) – पौधों की कोशिकाओं में कोशिका द्रव्य में बड़ी रिक्तिकाएं पाई जाती हैं। इनमें कोशिका रस भरा होता है। ये कोशिका का लगभग 90% भाग घेरती है। यह कोशिका को दृढ़ता प्रदान करने में भी सहायक होती हैं।
(iii) माइटोकाँड्रिया (Mitochondria) – यह कोशिका के जीव द्रव्य में पाए जाने वाले दानेदार पदार्थों के छोटे समूह हैं। ये ऊर्जा का भंडारण करते हैं।
(iv) अंतर्द्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum) – यह एक तरल से भरी हुई अवकोशिका को घेरे हुए झिल्लीदार जाली है। यह दो प्रकार की है-खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका (अपनी सतह पर राइबोसोम जुड़े हुए) प्रोटीन संश्लेषण के लिए और चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका (बिना राइबोसोम के) लिपिड स्राव के लिए। राइबोसोम कोशिका द्रव्य में अलग से भी होते हैं। जालिका में संश्लेषित कुछ प्रोटीन व लिपिड नए कोशिकीय अंश (विशेषतया कोशिका झिल्ली) बनाने में प्रयुक्त होते हैं। कुछ अन्य, कोशिका के अंदर या जब कोशिका से बाहर स्रावित किए जाते हैं, एंजाइम व हार्मोन के रूप में कार्य करते हैं।
(v) राइबोसोम (Ribosomes) – लाल रक्ताणुओं तथा विकसित शुक्राणुओं के अतिरिक्त ये असीमकेंद्रक तथा ससीमकेंद्रक कोशिकाओं में पाए जाते हैं। प्रत्येक राइबोसोम के दो भाग होते हैं। एक छोटा सब-यूनिट तथा एक बड़ा सब-यूनिट होता है। राइबोसोम आर० एन० ए० (R.N.A.) तथा प्रोटीन के बने होते हैं। ये कोशिका के भीतर प्रोटीन का निर्माण करते हैं।
(vi) गॉल्जी उपकरण (Golgi Apparatus) – यह एक चिकने, चपटे, नलिकाकार उपक्रम समूह से बना है। ये प्रायः समानांतर पंक्तियों में एक ढेर में होते हैं। गॉल्जी उपकरण कोशिका का स्त्रावी अंगक है। यह कोशिका में संश्लेषित पदार्थों के पैकेज बनाकर कोशिका के अंदर (प्लाज्मा झिल्ली व लाइसोसोम) व बाहर के लक्ष्यों को भेजता है। गॉल्जी सम्मिश्रण लाइसोसोम और परॉक्सिम को बनाने में भी शामिल हैं। गॉल्जी उपकरण पौधों में जब छोटी इकाइयों में होते हैं, तो जालीकाय (डिक्टियोसो’:) कहलाते हैं।
III. केंद्रक (Nucleus) – यह एक प्रमुख गोलाकार या अंडाकार संरचना है जो प्रायः कोशिका के केंद्र के निकट स्थित होता है। यह सभी कोशिकीय गतिविधियों का नियंत्रण केंद्र है। यह एक द्विपरती झिल्ली, केंद्रीय झिल्ली से घिरा होता है जो इसे कोशिका द्रव्य से अलग करती है। केंद्रकीय झिल्ली में कुछ छिद्र होते हैं। केंद्रक के मुख्य अवयव हैं (क) क्रोमेटिन पदार्थ जो एक धागेनुमा संरचना के रूप में है, और (ख) केंद्रक जिसमें अधिकतर आर० एन० ए० होता है। आर० एन० ए० कोशिका द्रव्य में प्रोटीन बनाने में सहायता करता है। क्रोमेटिन पदार्थ, मुख्यतया डी० एन० ए० से बना होता है। यह आनुवंशिक सूचनाओं को संचित करने व एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में प्रेषित करने के लिए उत्तरदायी है। कोशिका विभाजन के साथ यह सघन छड़नुमा पिंडों-गुणसूत्रों (Chromosomes) में संघनित हो जाते हैं। गुणसूत्रों में जीन होते हैं जो डी० एन० ए० के खंड हैं। एक जीन गुणसूत्र की कार्यात्मक इकाई है। केंद्रक कोशिका की सभी क्रियाओं को नियंत्रित करता है।
प्रश्न 2.
कोशिका के केंद्रक की संरचना और कार्य का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
कोशिका के मध्य में विद्यमान गोलाकार या अंडाकार संरचना को केंद्रक कहते हैं। इसकी सर्वप्रथम खोज रॉबर्ट ब्राउन ने की थी। प्रायः एक कोशिका में एक केंद्रक होता है। केंद्रक में निम्नलिखित प्रमुख भाग होते हैं-
1. केंद्रक झिल्ली – केंद्रक के चारों ओर दोहरे परत का एक आवरण होता है जिसे केंद्रक झिल्ली कहते हैं। इसमें छोटे-छोटे अनेक छिद्र होते हैं जिनके द्वारा केंद्रक के भीतर का केंद्रक द्रव्य बाहर जा सकता है। असीम केंद्र की कोशिकाओं में केंद्रक झिल्ली नहीं होती।
2. केंद्रक द्रव्य – केंद्रक झिल्ली से घिरे पदार्थ को केंद्रक द्रव्य कहते हैं। यह पारदर्शी, कोलॉइजी तरल होता है जो न्यूक्लियो प्रोटीन से बना होता है। इस में राइबोसोम्ज, खनिज लवण, एंजाइम, आर० एन० ए०, क्रोमेटिन धागे तथा केंद्रिक पाए जाते हैं।
3. क्रोमैटिन पदार्थ – क्रोमैटिन पदार्थ धागे के समान बारीक रचनाओं का जाल होता है। जब कभी कोशिका का विभाजन होने वाला होता है तो वह क्रोमोसोम में संगठित हो जाता है। क्रोमोसोम (गुणसूत्र) में आनुवंशिक गुण होते हैं जो माता-पिता से DNA (डिऑक्सी राइबो-न्यूक्लिक अम्ल) अणु रूप में अगली पीढ़ी में जाते हैं। डी० एन० ए० तथा प्रोटीन से गुणसूत्र बनते हैं और इनमें कोशिका के निर्माण और संगठन की सभी विशेषताएँ उपलब्ध होती हैं। डी० एन० ए० के क्रियात्मक खंड को जीन कहते हैं। जिस कोशिका का विभाजन नहीं हो रहा होता उसमें डी० एन० ए० क्रोमैटिन के रूप में रहता है। विभिन्न जीवधारियों में क्रोमोसोम की संख्या अलग-अलग होती है पर एक ही जाति के सभी प्राणियों में इनकी संख्या एक समान होती है। क्रोमोसोम की संरचना में बदलाव होने से जीव-जंतुओं में विभिन्नताएं उत्पन्न हो जाती हैं। केंद्रक में आर० एन० ए० रिबोन्यूक्लिक अम्ल है जो केंद्रिका में प्रोटीन संश्लेषण में सहायक होता है।
4. केंद्रिक – कोशिका के केंद्रक में एक या दो केंद्रिका होती हैं। इस में प्रोटीन, आर० एन० ए० तथा डी० एन० ए० होते हैं। असीम केंद्रकी कोशिकाओं में केंद्रिक नहीं होता। बैक्टीरिया जैसे कुछ जीवों में कोशिका का केंद्रकीय क्षेत्र बहुत कम स्पष्ट होता है क्योंकि इसमें केंद्रक झिल्ली की अनुपस्थिति रहती है।
केंद्रिक के कार्य
- यह आनुवंशिक लक्षणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक स्थानांतरण का आधार है।
- यह कोशिका विभाजन के लिए जिम्मेदार होता है।
- यह कोशिका की सभी उपापचय क्रियाओं पर नियंत्रण रखता है।
- यह शरीर की वृद्धि के लिए उत्तरदायी होता है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त नोट लिखो
(i) क्लोरोप्लास्ट
(ii) अंतःद्रव्यी जालिका
(iii) गॉल्जीकाय।
उत्तर-
(i) क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast) – ये कोशिका द्रव्य में हरे पौधों की समस्त कोशिकाओं में पाये जाते हैं। इनकी संख्या एक से सौ तक हो | राइबोसोम
ग्रैनम सकती है। ये प्रायः तश्तरीनुमा अथवा कुछ पौधों की कोशिकाओं में गोलाकार हो सकते हैं। स्पाइरोगायरा के क्लोरोप्लास्ट फीते या रिबन के समान होते हैं, परंतु क्लेमाइडोमोनास के हरितकवक प्यालेनुमा होते हैं। हरित लवक के चारों ओर दोहरी पर्त वाली इकाई की बनी दो झिल्लियां होती हैं। ग्रेनम लैमिली द्वारा जुड़े होते हैं। थैलेनुमा थाइलेकोइडस स्ट्रोमा में एक के ऊपर एक चट्टे के समान स्थित होते हैं। इसमें आनुवंशिक पदार्थ भी होता है।
क्लोरोप्लास्ट के कार्य-
- ये प्रकाश-संश्लेषण का कार्य करते हैं और CO2, H2O से सूर्य की विकिरण ऊर्जा की उपस्थिति में भोजन तैयार करते हैं।
- प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में ऑक्सीजन मुक्त होती है।
- ये कार्बन डाइऑक्साइड का स्थिरीकरण करते हैं। अतः ये कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके वायु में कार्बन डाइऑक्साइड की सामान्य सांद्रता का स्थिरीकरण करते हैं।
- हरित लवक, वर्णी लवकों में परिवर्तित हो जाते हैं-उदाहरण फलों के छिलके।
(ii) अंतःद्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum) – यह कोशिका के कोशिका द्रव्य में झिल्लियों का जाल होता है। यह दो प्रकार का होता है। चिकनी अंत: द्रव्यी जालिका तथा रूक्ष अंतः द्रव्यी जालिका। राइबोसोम्स रूक्ष अंतः द्रव्यी जालिका से जुड़े होते हैं। चिकनी अंत: प्रद्रव्यी जालिका पर कोई राइबोसोम नहीं होता, ये कलाविहीन कोशिकांग होते हैं। यह कोशिका के अंदर विभिन्न पदार्थों का भंडारण करते हैं।
(iii) गॉल्जीकाय (Golgi Body) – इन्हें गॉल्जी काम्पलैक्स या गॉल्जी उपकरण कहते हैं। ये पोलीसेकेहेराइडस, लिपिड्स तथा अन्य पदार्थों के श्रावण तथा उन्हें कोशिका से बाहर निकालने में लगी होती हैं। पौधों में ड्रिक्टियोसोम्स कोशिका भित्ति संश्लेषण में शामिल होती हैं। गॉल्जी काय पुटिकाओं, थैलियों तथा नलिकाओं की बनी होती हैं। ये थैली या थैले के समान होती हैं तथा एक के ऊपर एक चट्टेनुमा रखी होती हैं।
प्रश्न 4.
माइटोकाँड्रिया का सचित्र वर्णन करो। इन्हें कोशिका का ऊर्जा घर क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
माइटोकॉड्रिया (Mitochondria) – ये बहुत ही सूक्ष्म कोशिकांग हैं जो कोशिका में अधिक संख्या में पाए जाते हैं। इनका आकार 0.5 से 2 माइक्रॉन तक होता है। अमीबा की कुछ जातियों में इनकी संख्या 5,00,000 तक होती है। ये केवल इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा ही देखे जा सकते हैं। ये छड़ आकार, धागानुमा अथवा गोलाकार रचनाएं होती हैं। प्रत्येक माइटोकाँड्रिया के चारों ओर लाइपो प्रोटीन की एक दोहरी झिल्ली होती है। इसकी भीतरी परत अंदर की ओर धंसकर कई प्रकार के उभार बनाती है जिन्हें क्रिस्टी कहते हैं। माइटोकाँड्रिया के भीतरी द्रव को मैट्रिक्स (Matrix) कहते हैं। माइटोकॉड्रिया द्रव से भारी होते हैं। माइटोकॉड्रिया में डी० एन० ए० (DNA) भी पाया जाता है।
माइटोकॉड़िया ऊर्जा घर के रूप में – इनमें काफ़ी मात्रा में एंजाइम होते हैं। माइटोकांड्रिया को कोशिका में भोजन पदार्थों के ऑक्सीकरण का स्थान माना गया है। इसके श्वसन के द्वारा काफ़ी मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है। इसी कारण से माइटोकॉड्रिया को कोशिको का ऊर्जा घर कहा जाता है।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
कोशिका क्या है ? कोशिका के मुख्य कार्य बताओ।
उत्तर-
कोशिका – कोशिका जीव की संरचना तथा कार्य की एक इकाई है। इसमें जीवन देने वाला पदार्थ जीव द्रव्य पाया जाता है। यह पदार्थ प्लाज्मा झिल्ली अथवा कोशिका झिल्ली से घिरा होता है।
कोशिका के मुख्य कार्य-
- यह पाचन में सहायता करती है।
- यह ऊर्जा उत्पन्न करने में सहायक है।
- यह पदार्थों के स्त्रावण में सहायता करती है।
- यह आवश्यक पदार्थों के संश्लेषण में सहायता करती है।
प्रश्न 2.
ससीमकेंद्री (Eukaryotic cell) कोशिका किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ससीमकेंद्री कोशिका – ऐसी कोशिका जिसमें केंद्रक स्पष्ट रूप से पाया जाता है जो केंद्रक कला द्वारा घिरा होता है उसे ससीमकेंद्री कोशिका कहते हैं। इसमें कोशिका द्रव्य तथा केंद्रक स्पष्ट होते हैं।
उदाहरण – जंतु तथा पादप कोशिका।
प्रश्न 3.
असीमकेंद्री कोशिका क्या है ?
उत्तर-
असीमकेंद्री कोशिका – इस कोशिका में केंद्रक स्पष्ट रूप में नहीं होता। इसे न्यूक्लीओइड (Nucleoid) कहते हैं। इसमें केंद्रक कला अनुपस्थित होती है।
उदाहरण – जीवाणु (Bacteria) कोशिका तथा नील-हरित शैवाल की कोशिकाएं (Cells of blue-green algae)
प्रश्न 4.
एककोशिकीय जीव तथा बहुकोशिकीय जीव का उदाहरण देकर व्याख्या करो।
उत्तर-
एककोशिकीय जीव तथा बहुकोशिकीय जीव की उदाहरण सहित व्याख्या-
जीव का प्रकार | व्याख्या एवं उदाहरण |
I. एककोशिकीय जीव | (i) इनका शरीर एक कोशिका का बना होता है।
(ii) इसकी सभी जैविक क्रियाएं (भौतिक और रासायनिक) जैसे श्वसन तथा पोषण आदि एक कोशिका द्वारा होती हैं। (iii) इसमें अमीबा (प्रोटोजोआ) बैक्टीरिया तथा क्लेमाइडोमोनास आदि आते हैं। |
II. बहुकोशिकीय जीव | (i) इनका शरीर लाखों कोशिकाओं का बना होता है।
(ii) इन जीवों के शरीर के विभिन्न भाग वही क्रियाएं करते हैं, जिनके वह अनुकूलित होते हैं। (iii) इसमें कवक, पौधे, जंतु, हवेल, बरगद का वृक्ष, हाथी, मनुष्य तथा मेंढक आदि आते हैं। |
प्रश्न 5.
कोशिका में पाए जाने वाले अजीवित पदार्थ कौन-से हैं ?
उत्तर-
कोशिका में पाए जाने वाले अजीवित पदार्थ – कुछ रासायनिक तथा उत्सर्जी पदार्थ कोशिका में पाए जाते हैं। ये पदार्थ स्टॉर्च के कण, शर्करा, वसा, प्रोटीन, खनिज तथा एलकेलाइडस होते हैं।
प्रश्न 6.
कोशिका झिल्ली और कोशिकी भित्ति में क्या अंतर है ? प्रत्येक के कार्य बताइए।
उत्तर-
कोशिका झिल्ली तथा कोशिका भित्ति में अंतर-
कोशिका झिल्ली (Plasma membrane) | कोशिका भित्ति (Cell wall) |
(1) यह सभी कोशिकाओं के जीव द्रव्य के चारों ओर पाई जाती है। | (1) यह पौधों, जीवाणुओं, हरी नीली काई की कोशिकाओं की कोशिका कला के चारों ओर पाई जाती है। |
(2) यह प्रोटीन की बनी हुई होती है। | (2) यह सैल्यूलोज़ की बनी हुई होती है। |
(3) यह स्वभाव में महीन व लचीली होती है। | (3) यह मोटी तथा सख्त होती है। |
प्रश्न 7.
कोशिका में विद्यमान दोनों न्यूक्लिक एसिड के नाम बताइए। वे क्या कार्य करते हैं ?
उत्तर-
कोशिकाओं में पाए जाने वाले दो न्यूक्लिक एसिड हैं-
(1) डी० एन० ए० (डीऑक्सी राइबोन्यूक्लिक एसिड) (DNA)
(2) आर० एन० ए० (राइबोन्यूक्लिक एसिड) (RNA)।
1. डीऑक्सी राइबोन्यूक्लिक एसिड के कार्य – इसमें जीन्स होती है। यह आनुवंशिक सूचनाओं को एकत्रित करता है तथा इन्हें अगली पीढ़ी में वंशागत करता है। यह एक प्रकार का आनुवंशिक पदार्थ है। यह यूकैरियोटिक कोशिकाओं के केंद्रक में पाया जाता है।
2. राइबोन्यूक्लिक एसिड के कार्य – यह कई प्रकार के विषाणुओं (viruses) में आनुवंशिक पदार्थ होता है। यह कोशिका द्रव्य में प्रोटीन संश्लेषण का कार्य करने में सहायक होता है।
प्रश्न 8.
जीन क्या है ? इसके कार्य के बारे में लिखिए।
उत्तर-
जीन तथा उसके कार्य – यह डी० एन० ए० का खंड होता है। यह क्रोमोसोम पर एक के ऊपर एक क्रम में स्थित होती है। जीन आनुवंशिक गुणों के निर्धारण की इकाई है। आमतौर पर एक लक्षण जीन के एक जोड़े से नियंत्रित होता है, जो होमोलोगस क्रोमोसोम पर एक विशिष्ट स्थान पर होते हैं। ऐसे जीनों को एलील कहते हैं।
जीन के कार्य-
- जीन सजीवों के लक्षणों के लिए उत्तरदायी है।
- जीन सजीवों की लंबाई एवं शक्ल निर्धारित करते हैं।
- जीनज वर्णकों की उत्पत्ति में ही सहायक हैं।
प्रश्न 9.
कौन-सा कोशिकांग ‘पाचक थैली’ कहलाता है और क्यों ?
उत्तर-
लाइसोसोम को प्रायः ‘पाचक थैली’ कहते हैं। ये सभी कोशिकाओं में पाए जाते हैं। ये थैलीनुमा रचनाएं एक हरी झिल्ली द्वारा घिरी होती हैं। इन थैलीनुमा रचनाओं में अनेक पाचक विकर होते हैं। इन्हें पाचक थैलियां (Digestive bags) भी कहते हैं। ये विकर लाइसोसोमस से युक्त होकर अनेक कोशिका द्रव्यी रचनाओं को नष्ट कर देते हैं। लाइसोसोम भोजन के कणों, अन्य बाह्य कार्यों, कोशिका के पुराने कटे-फटे कोशिकांगों के पाचन में सहायता करते हैं। इसमें प्रायः पुरानी कोशिकाओं की मृत्यु हो जाती है। अतः इन्हें कोशिका की ‘पाचक थैलियां’ कहा जाता है अथवा आत्मघाती थैलियां भी कहते हैं।
प्रश्न 10.
कौन-से कोशिकांग कोशिका के ऊर्जा संयंत्र हैं ? संक्षेप में इनके कार्य बताइए।
उत्तर-
माइटोकांड्रिया को कोशिका के ऊर्जा संयंत्र कहते हैं।
माइटोकांडिया के कार्य – इसमें कोशिका के भोज्य पदार्थों का ऑक्सीकरण होता है। इसके श्वसन के फलस्वरूप ऊर्जा मुक्त होती है। ये ऊर्जा को एडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट के रूप में संचित करते हैं।
प्रश्न 11.
पौधों में रिक्तिकाओं के कार्य बताओ।
उत्तर-
पौधों में रिक्तिकाओं के कार्य – पौधों की कोशिकाओं में रिक्तिकाएं कोशिका द्रव्य में पाई जाती हैं। इनमें कोशिका रस भरा होता है। पौधों की कोशिकाओं का लगभग 90% भाग रिक्तिकाओं द्वारा घिरा होता है। जंतु कोशिकाओं में रिक्तिकाएं छोटी होती हैं। यह पौधों की स्फीति (turgidity) तथा दृढ़ता प्रदान करती हैं।
प्रश्न 12.
राइबोसोम तथा तारककाय में अंतर बताइए।
उत्तर-
राइबोसोम (Ribosome) तथा तारककाय (Centrosome) में अंतर-
राइबोसोम (Ribosome) | तारककाय (Centrosome) |
(1) ये सूक्ष्म दानेदार, गोल संरचनाएं हैं। | (1) यह एक सूक्ष्म पारदर्शक काय है। |
(2) ये जीव-द्रव्य में स्वतंत्र अवस्था में तथा अंत:द्रव्यी जालिका से जुड़े रहते हैं। | (2) यह केवल जंतु कोशिकाओं में केंद्रक की केंद्रक झिल्ली के समीप स्थित होता है। |
(3) राइबोसोम में RNA तथा प्रोटीन होते हैं। | (3) इसकी रचना में बिंदु के समान दो सूक्ष्म रचनाएं होती हैं जिनसे एस्टर किरणें निकलती हैं। |
(4) राइबोसोम प्रोटीन निर्माण के स्थल होते हैं। | (4) यह जंतु कोशिका के विभाजन में सहायक होता है। |
प्रश्न 13.
राइबोसोम किस पदार्थ के बने होते हैं ? कोशिका में इनका क्या कार्य है और प्रोकैरियोटिक कोशिका में यह कहाँ होते हैं ?
उत्तर-
राइबोसोम RNA प्रोटीन का बना होता है। यह कोशिका में उपस्थित अंतर्द्रव्यी जालिका के धागों पर स्थित होता है। यह प्रोकैरियोटिक कोशिका के कोशिका द्रव्य में स्वतंत्र रूप से उपस्थित होता है। इनका मुख्य कार्य प्रोटीन संश्लेषित करना है।
प्रश्न 14.
गॉल्जीकाय द्वारा स्रावित पदार्थ कहाँ एकत्रित होता है ? पौधों में गॉल्जीकाय को क्या नाम दिया गया है ?
उत्तर-
गॉल्जीकाय द्वारा रिसा पदार्थ रसधानियों में एकत्रित होता है। पौधों में गॉल्जीकाय का नाम डिक्टियोसोम (Dictyosome) है। यह कोशिका भित्ति बनाने में काम आते हैं।
प्रश्न 15.
हम माइटोकॉड्रिया को कोशिका का ऊर्जागृह क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
माइटोकाँडिया में ऑक्सीकारक एंजाइम होते हैं जो भोजन के कार्बोहाइड्रेट्स ऑक्सीकरण द्वारा ऊर्जा उत्पादन के लिए उत्तरदायी हैं । यह उत्पादित ऊर्जा कोशिका द्वारा प्रयोग की जाती है। इसलिए इसे कोशिका का ऊर्जागृह कहते हैं।
प्रश्न 16.
निम्नलिखित शब्दों की परिभाषा दीजिएजीव द्रव्य, कोशिका द्रव्य, केंद्रक द्रव्य।
उत्तर-
जीव द्रव्य (Protoplasm) – यह जीवन का आधार है तथा कोशिका कला के अंदर पाया जाता है। इसमें कोशिका द्रव्य तथा केंद्रक द्रव्य दोनों आते हैं।
कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) – यह कोशिका कला तथा केंद्रक के मध्य पाया जाता है। यह एक गाढ़ा, पारदर्शक, जैली के समान पदार्थ है। इसमें विभिन्न प्रकार के कोशिकांग होते हैं।
केंद्रक द्रव्य (Nucleosplasm) – यह कोशिका के केंद्रक में पाया जाता है।
प्रश्न 17.
पक्ष्माभ तथा कशाभ में अंतर बताइए।
उत्तर-
पक्ष्माभ तथा कशाभ में अंतर-
पक्ष्माभ (Cilia) | कशाभ (Flagella) |
(1) एक कोशिका में पक्ष्माभ की संख्या 1400 तक होती है। | (1) प्रत्येक कोशिका में कशाभ की संख्या एक अथवा दो होती है। |
(2) इनकी लंबाई 5-10μ होती है। | (2) इनकी लंबाई 100-150μ तक होती है। |
(3) पक्ष्माभ कोशिका की सारी सतह पर होते हैं। | (3) यह कोशिका के एक सिरे पर होते हैं। |
(4) इसमें घुमावदार गति (Sweeping movement) प्रदर्शित होती है। | (4) इसमें लहरदार गति (Undulating movement) प्रदर्शित होती है। |
(5) ये सूक्ष्म कोशिकीय विस्तार हैं। | (5) ये लंबे कोशिकीय विस्तार हैं। |
प्रश्न 18.
ग्रेना तथा स्ट्रोमा में अंतर बताइए।
उत्तर-
ग्रेना (Grana) तथा स्ट्रोमा (Stroma) में अंतर-
ग्रेना (Grana) | स्ट्रोमा (Stroma) |
(1) यह चपटी थैलियों जैसी संरचना होती है जो एक-दूसरे के ऊपर सिक्कों के रूप में पड़ी होती हैं। ये एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं। | (1) यह क्लोरोप्लास्ट का आधात्री पदार्थ है जिसमें ग्रेना तथा पटलिकाओं जैसी रचनाएं होती हैं। |
(2) इसमें प्रकाश संश्लेषणीय वर्णक होते हैं। ये क्लोरोप्लास्ट की इकाई होते हैं। | (2) इनमें वर्णक द्रव्य नहीं होते। |
(3) ये लाइपो-प्रोटीन पदार्थ के बने होते हैं। | (3) ये जलीय प्रोटीन पदार्थ के बने होते हैं। |
प्रश्न 19.
कोशिका भित्ति के मुख्य कार्य बताओ।
उत्तर-
कोशिका भित्ति के कार्य-
- यह कोशिका की सुरक्षा करती है।
- यह कोशिका को निश्चित आकृति प्रदान करती है।
- यह पारगम्य होती है। इस द्वारा खनिज घोल कोशिका में प्रवेश पाते हैं।
- ये समीपवर्ती कोशिकाओं को बाँधे रखती है।
- यह पादप कोशिका के भीतर स्फीति (turgidity) बनाये रखती है।
प्रश्न 20.
प्लाज्मा झिल्ली के मुख्य कार्य बताओ।
उत्तर-
प्लाज्मा झिल्ली के कार्य-
- यह कोशिकाओं को आकृति प्रदान करती है।
- यह अंदर की कोशिकांगों की सुरक्षा करती है।
- यह कोशिकाओं के भीतर के सभी पदार्थों को घेरे रखती है।
- यह विभिन्न पदार्थों को एक अंश का कोशिका के अंदर तथा बाहर जाने देती है क्योंकि यह अर्ध-पारगम्य है।
प्रश्न 21.
आप प्याज़ की झिल्ली की कोशिकाएँ किस प्रकार दर्शाएं ?
उत्तर-
प्याज़ के छोटे-से टुकड़े की अवतल सतह से चिमटी की सहायता से झिल्ली उतारो और पानी वाले वांच ग्लास में रखो ताकि झिल्ली मुड़ने और सूखने से बची रहे। काँच की एक स्लाइड लो और उस पर पानी की एक बूंद डालो। इस पर झिल्ली के एक टुकड़े को बिल्कुल सीधी रखो। इस पर एक बूंद आयोडीन डालो और इसे कवर स्लिप से ढक दो। कवर स्लिप में वायु के बुलबुले नहीं होने चाहिए। इसे संयुक्त सूक्ष्मदर्शी से देखो।
प्रश्न 22.
मानव शरीर की विभिन्न कोशिकाओं के चित्र बनाओ।
उत्तर-
प्रश्न 23.
कोशिका भित्ति की उपयोगिता लिखिए।
उत्तर-
पौधों, कवक तथा बैक्टीरिया की कोशिकाओं को कोशिका भित्ति अपेक्षाकृत कम तनु विलयन में बिना फटे बचा कर सुरक्षित रखती है। ऐसे माध्यम से कोशिका परासरण विधि से पानी ग्रहण कर लेती है और कोशिका फूल जाती है तथा कोशिका भित्ति पर दबाव डालती है। कोशिका भित्ति भी फूली हुई कोशिका के प्रति समान रूप से दबाव डालती है। कोशिका भित्ति के कारण पादप कोशिकाएँ परिवर्तनीय माध्यम को जंतु कोशिका की अपेक्षा अधिक सरलता से सहन कर सकती हैं ।
प्रश्न 24.
केंद्रक की संरचना का चित्र बनाओ जैसा कि इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में दिखाई देता है।
उत्तर-
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदशी में केंद्रक की संरचना-
प्रश्न 25.
केंद्रक के प्रमुख कार्य लिखिए।
उत्तर-
- केंद्रक कोशिका की क्रियाशीलता को बनाए रखने का कार्य करता है।
- कोशिका के सभी प्रमुख क्रियाकलापों पर यही नियंत्रण बनाए रखता है।
- केंद्रक कोशिका विभाजन में सहायक होता है।
- केंद्रक जनन क्रिया में सहयोग देता है।
प्रश्न 26.
बहुकोशिकीयता के क्या लाभ होते हैं ?
उत्तर-
बहुकोशिकीयता (Multicellularity) के कारण निम्नलिखित लाभ होते हैं-
- इसके कारण उच्च वर्ग के जीवों में श्रम विभाजन का कार्य संपन्न होता है।
- कोशिकाएं विभेदन के कारण विशिष्ट रूप धारण कर विशेष कार्यों को कराती हैं।
- कोशिकाएं एक-दूसरे के सहयोग से कार्य कराती हैं।
- प्राणियों में विकास और वृद्धि इसी कारण होती है।
प्रश्न 27.
कोशिका में रसधानियां क्या होती हैं ? इनके कार्य लिखिए।
उत्तर-
रसधानियां वे संग्राहक थैलियां होती हैं जिनमें ठोस और तरल पदार्थों का संग्रह होता है।
इनके निम्नलिखित कार्य होते हैं-
- पदार्थों के लिए आवश्यक प्रोटीन, कार्बनिक अम्ल, शर्करा, अमीनो अम्ल आदि इनमें विद्यमान होते हैं।
- रसधानियों में भरा कोशिका द्रव्य कोशिकाओं को स्फीति और कठोरता प्रदान करता है।
- ये जल और अपशिष्ट पदार्थों के एक कोशी जीवों के शरीर से बाहर निकालती है।
- अमीबा रसधानी से ही अपने प्रयोग के लिए खाद्य प्राप्त करता है। पादप कोशिकाओं में रसधानियों का आधार बड़ा होता है जबकि जंतु कोशिकाओं में इनका आधार छोटा होता है।
प्रश्न 28.
एक कोशिका के संगठन का वर्णन करो।
उत्तर-
कोशिका का संगठन-
क्रम संख्या | कोशिका के भाग | व्याख्या |
(1) | कोशिका झिल्ली | यह कोशिकाओं की बाहरी दीवार बनाती है। |
(2) | जीव द्रव्य | यह कोशिकाओं में जीवन देने वाला पदार्थ है। |
प्रश्न 29.
माइटोकांड्रिया और लाइसोसोम में रचना और कार्य का अंतर चित्र सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
माइटोकांड्रिया और लाइसोसोम में अंतर-
माइटोकांड्रिया (Mitochondria) | लाइसोसोम (Lysosomes) |
(1) माइटोकांड्रिया छड़ आकार के अंगक हैं कोशिका द्रव्य में होते हैं। | (1) लाइसोसोम कोशिका-द्रव्य में सूक्ष्म गोलाकार अंगक है। कोशिका द्रव्य में होते हैं। |
(2) यह दोहरी झिल्ली से घिरा होता है। | (2) यह इकहरी झिल्ली से घिरा होता है। |
(3) माइटोकांड्रिया की भीतरी भित्ति उंगली जैसी रचनाओं में फैली होती है जिन्हें क्रिस्टी (Cristae) कहते हैं। | (3) इसमें क्रिस्टी नहीं होते। |
(4) इनमें श्वसन एंजाइम होते हैं। | (4) इनमें हाइड्रोलिटिक एंजाइम होते हैं जो पाचन का कार्य करते हैं। |
(5) इन्हें कोशिका के ऊर्जा गृह भी कहते हैं। | (5) इन्हें कोशिका की आत्महत्या की थैलियाँ भी कहते हैं। |
प्रश्न 30.
पादप कोशिका के विशिष्ट भाग/अंगक के कार्य बताइए।
उत्तर-
कोशिका भित्ति (Cell Wall) के कार्य-
- यह यांत्रिक शक्ति और सुरक्षा प्रदान करती है।
- यह कोशिका की स्फीत स्थिति बनाए रखती है।
- यह परासरण नियंत्रण के द्वारा कोशिका को फटने से बचाती है।
- यह पानी और खनिज पदार्थ के गति का मार्ग है।
क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast) – यह अंगक प्रकाश-संश्लेषण का स्थल है। इसमें कार्बन डाइऑक्साइड, पानी तथा प्रकाश की ऊर्जा की सहायता से कार्बोहाइड्रेट का निर्माण होता है।
बड़ी केंद्रीय रसधानी (Large Central Vacuole)-
- यह विभिन्न पदार्थों (अपशिष्ट पदार्थ भी) को संग्रहित करती है।
- यह कोशिका की परासरण क्रियाओं में भाग लेती है।
- कभी-कभी यह लाइसोसोम के समान भी कार्य करती है।
प्रश्न 31.
क्रोमोसोम किसे कहते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
कोशिका विभाजन के समय केंद्रक में धागे की तरह दिखाई देने वाली रचनाओं को क्रोमोसोम कहते हैं। प्रत्येक जीव में इनकी अलग-अलग संख्या होती है। आलू में 48, कुत्ते में 64 और मनुष्य में इनकी 46 (23 जोड़े) संख्या होती है। हर एक क्रोमोसोम में दो क्रोमेटिड होते हैं जिन पर जीन होते हैं और उन्हें ही आनुवंशिकता के लिए उत्तरदायी माना जाता है।
प्रश्न 32.
जीवन की कार्यात्मक इकाई क्या है ? परिभाषित करिए।
उत्तर-
जीवन की कार्यात्मक इकाई कोशिका है।
कोशिका – यह जीव द्रव्य का एक छोटा-सा पिंड होता है जिसके द्वारा जीव की सभी क्रियाएं जैसे कि उपापचय, चेतनता, जनन, प्रचलन आदि संपन्न होती हैं।
प्रश्न 33.
कौन-सा कोशिकांग ‘आत्मधाती थैली’ कहलाता है ? और क्यों ?
उत्तर-
लाइसोसोम को प्रायः ‘आत्मधाती थैली’ कहते हैं। ये सभी कोशिकाओं में पाए जाते हैं । ये थैलीनुमा रचनाएं एक हरी झिल्ली द्वारा घिरी होती हैं। इन थैलीनुमा रचनाओं में अनेक पाचक विकर होते हैं। इन्हें आत्मधाती थैलियां भी कहते हैं । ये विकर लाइसोसोमस से युक्त होकर अनेक कोशिका द्रव्यी रचनाओं को नष्ट कर देते हैं। लाइसोसोम भोजन के कणों, अन्य बाह्य कार्यों, कोशिका के पुराने कटे-फटे कोशिकांगों के पाचन में सहायता करते हैं। इसमें प्राय: पुरानी कोशिकाओं की मृत्यु हो जाती है। अतः इन्हें कोशिका की ‘आत्मधाती थैलियां’ कहा जाता है।
प्रश्न 34.
कौन-से कोशिकांग कोशिका के ऊर्जा संयंत्र हैं ? संक्षेप में इनके कार्य बताइए।
उत्तर-
माइटोकांड्रिया को कोशिका के ऊर्जा संयंत्र कहते हैं।
माइटोकांड्रिया के कार्य – इसमें कोशिका के भोज्य पदार्थों का ऑक्सीकरण होता है। इसके श्वसन के फलस्वरूप ऊर्जा मुक्त होती है। ये ऊर्जा को एडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट के रूप में संचित करते हैं।
प्रश्न 35.
निम्नलिखित प्रत्येक कोशिका अवयव का मुख्य कार्य क्या है ?
(क) प्लैज्मा झिल्ली
(ख) सूत्र कणिका (माइटोकांडिया)
(ग) गुण-सूत्र
(घ) न्यूक्लिओलस (केंद्रिका)
(ङ) लाइसोसोम
(च) कोशिका भित्ति
(छ) राइबोसोम
(ज) क्लोरोप्लास्ट
(झ) गॉल्जी उपकरण
(अ) परॉक्सिसोम।
उत्त-
कोशिका अवयव (Organelle) | कार्य (Role) |
(क) प्लैज्मा झिल्ली | पदार्थों के कोशिका के भीतर आने या बाहर जाने पर नियंत्रण रखना। |
(ख) माइटोकांड्रिया | कोशिका का ऊर्जा गृह कार्बोहाइड्रेट के विखंडन द्वारा ऊर्जा पैदा करना। |
(ग) गुण-सूत्र (Chromosome) | (i) ये डी० एन० ए० पर उपस्थित होते हैं जो आनुवंशिक लक्षणों के वाहक होते हैं।
(ii) यह कोशिका की क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। |
(घ) (केंद्रिका) (Nucleolus) | राइबोसोम के निर्माण तथा आनुवंशिक सूचनाएं ले जाने में मध्यस्थ का कार्य। |
(ङ) लाइसोसोम | अंतर कोशिकीय पाचन तंत्र का कार्य। |
(च) कोशिका भित्ति | कोशिका को यांत्रिक शक्ति तथा सुरक्षा प्रदान करना। |
(घ) राइबोसोम | प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करना। |
(ज) क्लोरोप्लास्ट | प्रकाश संश्लेषण द्वारा खाद्य निर्माण करना |
(झ) गॉल्जी उपकरण | लाइसोसोमस तथा परऑक्सीसोमस का निर्माण। |
(अ) परॉक्सिसोम | ऑक्सीकरण अभिक्रियाएं करना। |
प्रश्न 36.
हेप्लोइड तथा डिप्लोइड कोशिकाओं में अंतर बताओ।
चित्र-हेप्लोइड तथा डिप्लोइड कोशिकाओं में अंतर-
हेप्लोइड कोशिकाएं (Haploid Cells) | डिप्लोइड कोशिकाएँ (Diploid Cells) |
(1) कोशिकाएँ जिनमें क्रोमोसोम के जोड़े नहीं होते। | (1) कोशिकाएं जिनमें क्रोमोसोम होमोलोगोस जोड़ों में होते हैं। |
(2) बहुत-से जंतुओं और पौधों की जनन कोशिकाएं और युग्मक हेप्लोइड होती हैं। | (2) बहुत-से उच्च श्रेणी के जंतुओं और पौधों की कायिक कोशिकाएं डिप्लोइड होती हैं। |
(3) हेप्लोइड (N) डिप्लोइड (2N) संख्या का आधा होता है। | (3) डिप्लोइड (2N) हेप्लाइड (N) संख्या का दुगुना होता है। |
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
जीवन की कार्यात्मक इकाई क्या है ?
उत्तर-
कोशिका (Cell) जीवन की कार्यात्मक इकाई है।
प्रश्न 2.
कोशिका के तीन भागों के नाम लिखो।
उत्तर-
कोशिका भित्ति, कोशिका द्रव्य, केंद्रक।
प्रश्न 3. कोशिकांगों के नाम लिखें।
उत्तर-
अंतः प्रद्रव्यी जालिका, माइटोकाँड्रिया, राइबोसोम, गॉल्जीकॉय, क्लोरोप्लास्ट तथा लाइसोसोम, प्लास्टिड्ज आदि मुख्य कोशिकांग हैं।
प्रश्न 4.
कोशिका के उस अंग का नाम बताओ जो केवल पादप कोशिकाओं में होता है।
उत्तर-
लवक (Plastids)।
प्रश्न 5.
पौधों का हरा रंग किस पदार्थ के कारण होता है ?
उत्तर-
हरित लवक (Chlorophyll)।
प्रश्न 6.
केंद्रक की मुख्य रचना का नाम बताओ।
उत्तर-
गुण-सूत्र (Chromosome)।
प्रश्न 7.
उन दो कोशिकांगों के नाम बताओ जो केवल पौधों में ही पाए जाते हैं।
उत्तर-
- कोशिका भित्ति तथा
- लवक।
प्रश्न 8.
एक ऐसे अंगक का नाम बताओ जो कोशिका में प्रोटीन संश्लेषण का कार्य करता है।
उत्तर-
राइबोसोम (Ribosome)।
प्रश्न 9.
हमारे शरीर की सबसे छोटी कोशिका का नाम बताओ।
उत्तर-
लिंफोसाइट (Lymphocyte)।
प्रश्न 10.
पौधे की सबसे लंबी कोशिका का नाम बताओ।
उत्तर-
दृढ़ कोशिका (Sclerenchyma)।
प्रश्न 11.
कोशिका के उस अंग का नाम बताओ जो श्वसन के लिए उत्तरदायी है।
उत्तर-
माइटोकाँड्रिया (Mitochondria)।
प्रश्न 12.
माइटोकॉड्रिया के अंदर मिलने वाले एंजाइम का नाम बताओ।
उत्तर-
श्वसन एंजाइम।
प्रश्न 13.
कोशिका का माप कैसे प्रभावित होता है ?
उत्तर-
कोशिका का माप कोशिका के कार्य जो यह करता है से प्रभावित होता है। उदाहरण के तौर पर कुछ नाड़ी कोशिकाएं एक मीटर से भी लंबी हैं।
प्रश्न 14.
ससीम कोशिका का कौन-सा भाग द्रव्य का निर्माण करता है ?
उत्तर-
ससीम कोशिका का केंद्रक और कोशिका द्रव्य, जीव द्रव्य बनाते हैं।
प्रश्न 15.
कोशिका के किस अंग को आत्महत्या के थैले कहते हैं ?
उत्तर-
लाइसोसोमस को (Lysosomes)।
प्रश्न 16.
कोशिका का कौन-सा अंग प्रोटीन संश्लेषण के लिए उत्तरदायी है ?
उत्तर-
राइबोसोम (Ribosomes)।
प्रश्न 17.
डी० एन० ए० का पूरा नाम बताओ।
उत्तर-
डीऑक्सी राइबोज न्यूक्लिक एसिड।
प्रश्न 18.
आर० एन० ए० का पूरा नाम बताओ।
उत्तर-
राइबो न्यूक्लिक एसिड।
प्रश्न 19.
राबर्ट हुक ने कार्क की पतली काट की संरचना कैसी पाई थी ?
उत्तर-
मधुमक्खी के छत्ते जैसी।
प्रश्न 20.
कार्क क्या है ?
उत्तर-
कार्क एक पदार्थ है जो वृक्ष की छाल से प्राप्त होता है।
प्रश्न 21.
राबर्ट हुक ने कार्क में प्रकोष्ठकों को कब और किसकी सहायता से देखा था ?
उत्तर-
राबर्ट हुक ने कार्क में प्रकोष्ठकों को सन् 1665 में स्वनिर्मित सूक्ष्मदर्शी से देखा था।
प्रश्न 22.
राबर्ट हुक ने प्रकोष्ठकों को कोशिका क्यों कहा था ?
उत्तर-
लेटिन भाषा में (Cellulae) (कोशिका) का अर्थ है-छोटा कमरा । इसीलिए राबर्ट हुक ने प्रकोष्ठकों को कोशिका कहा था।
प्रश्न 23.
एक कोशी जीव किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जिन जीवों में केवल एक कोशिका होती है उन्हें एक कोशी जीव कहते हैं।
प्रश्न 24.
एक कोशी जीवों के छः उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
अमीबा, पैरामीशियम, युग्लीना, एंटअमीबा, क्लैमिडोमोनास, बैक्टीरिया।
प्रश्न 25.
बहकोशी जीव किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जिन जीवों में अनेक कोशिकाएं समाहित हो कर विभिन्न कार्यों को संपन्न करने हेतु विभिन्न अंगों का निर्माण करती हैं उन्हें बहुकोशी जीव कहते हैं।
प्रश्न 26.
बहुकोशी जीवों के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
कवक (Fungi), पादप, जंतु।
प्रश्न 27.
कोशिका का सबसे पहले पता किसने और कब लगाया था ?
उत्तर-
राबर्ट हुक ने 1665 में।
प्रश्न 28.
तालाब के जल में स्वतंत्र रूप से जीवित कोशिकाओं का पता किसने और कब लगाया था ?
उत्तर-
ल्यूवेनहक ने सन् 1674 में।
प्रश्न 29.
कोशिका में केंद्रक किसने और कब खोजा था ?
उत्तर-
राबर्ट ब्राउन ने 1831 में।
प्रश्न 30.
जैविक पदार्थ को जीवद्रव्य नाम किसने और कब दिया था ?
उत्तर-
जे० ई० पुराकंज ने 1839 में।
प्रश्न 31.
कोशिका सिद्धांत की खोज किसने की थी ?
उत्तर-
एम० स्लीडन (1838) तथा टी० स्वान (1839) ने।
प्रश्न 32.
कोशिका सिद्धांत क्या है ?
उत्तर-
सभी पौधे तथा जंतु कोशिकाओं से बने हैं और वे जीवन की मूलभूत इकाई हैं।
प्रश्न 33.
कोशिका सिद्धांत को किसने आगे बढ़ाया था ?
उत्तर-
विरचो ने 1855 में।
प्रश्न 34.
विरचो की कोशिका सिद्धांत को क्या देन है ?
उत्तर-
विरचो ने बताया कि सभी कोशिकाएं पूर्ववर्ती कोशिकाओं से बनती हैं।
प्रश्न 35.
इलैक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की खोज कब हुई थी ?
उत्तर-
सन् 1940 में।
प्रश्न 36.
इलैक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी से क्या लाभ हुआ ? ।
उत्तर-
कोशिका की जटिल संरचना और अनेक अंगकों को समझना संभव हो सका।
प्रश्न 37.
कोशिका के किन तीन गुणों पर सभी क्रियाएं संभव हो पाती हैं ?
उत्तर-
प्लैज्मा झिल्ली, केंद्रक, कोशिका द्रव्य।
प्रश्न 38.
प्लैज्मा झिल्ली क्या है ?
उत्तर-
कोशिका की सबसे बाहरी परत प्लैज्मा झिल्ली है जो कोशिका के घटकों को बाहरी पर्यावरण से अलग करती है। यही पदार्थों को अंदर या बाहर आने-जाने से रोकती है।
प्रश्न 39.
प्लैज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
यह अन्य पदार्थों की गति को रोकती है पर कुछ पदार्थों को अंदर या बाहर आने-जाने देती है इसलिए इसे वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली कहते हैं।
प्रश्न 40.
CO2 तथा ऑक्सीजन झिल्ली के आर-पार किस विधि से आ-जा सकते हैं ?
उत्तर-
विसरण प्रक्रिया से।
प्रश्न 41.
कोशिका तथा बाह्य पर्यावरण में विसरण की क्या भूमिका है ?
उत्तर-
गैसों के आदान-प्रदान को नियंत्रित रखना।
प्रश्न 42.
परासरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जल के अणुओं की गति जब वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा हो तो उसे परासरण कहते हैं।
प्रश्न 43.
परासरण में जल के अणु किस आधार पर गति करते हैं ?
उत्तर-
परासरण में जल के अणु वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा उच्च जल की सांद्रता से निम्न जल की सांद्रता की ओर जाते हैं।
प्रश्न 44.
अल्प परासरण दाबी विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
यदि कोशिका को तनु विलयन वाले माध्यक में रखा जाए तो जल परासरण विधि से कोशिका के भीतर चला जाएगा। ऐसे विलयन को अल्प परासरण दाबी विलयन कहते हैं।
प्रश्न 45.
एक कोशीय अलवणीय जीव तथा पादप कोशिकाएं जल किस विधि के द्वारा ग्रहण करती हैं ?
उत्तर-
परासरण द्वारा।
प्रश्न 46.
पौधों की जड़ों के द्वारा जल अवशोषण कैसी क्रिया है ?
उत्तर-
परासरण क्रिया।
प्रश्न 47.
कोशिकाओं से परिवहन में ऊर्जा की किस रूप में आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
ATP के रूप में।
प्रश्न 48.
प्लैज्मा झिल्ली किस से बनी होती है ?
उत्तर-
लिपिड और प्रोटीन से।
प्रश्न 49.
प्लैज्मा झिल्ली की रचना किस सूक्ष्मदर्शी से देख सकते हैं ?
उत्तर-
इलैक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी से।
प्रश्न 50.
एक कोशी जीवों में कोशिका झिल्ली का लचीलापन किस कार्य में सहायक बनता है ?
उत्तर-
बाह्य वातावरण से भोजन तथा अन्य पदार्थ ग्रहण करने में।
प्रश्न 51.
पादप कोशिका भित्ति मुख्य रूप से किससे बनी होती है ?
उत्तर-
सेल्यूलोज से।
प्रश्न 52.
सेल्यूलोज की कोशिका भित्ति के निर्माण में क्या उपयोगिता है ?
उत्तर-
यह जटिल पदार्थ है और पौधों को संरचनात्मक दृढ़ता प्रदान करता है।
प्रश्न 53.
जीवद्रव्य कुंचन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जब पादप कोशिका में परासरण से पानी की हानि होती है तो कोशिका झिल्ली सहित आंतरिक पदार्थ संकुचित हो जाते हैं जिसे जीव द्रव्य कुंचन कहते हैं।
प्रश्न 54.
जंतु कोशिका को अपेक्षा पादप कोशिका परिवर्तनीय माध्यम को आसानी से किस कारण सहन कर सकती है ?
उत्तर-
कोशिका भित्ति के कारण।
प्रश्न 55.
प्याज़ की झिल्ली की अस्थाई स्लाइड बनाने के लिए किस घोल का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
आयोडीन का।
प्रश्न 56.
कोशिका को रंगने के लिए किस-किस विलयन का प्रयोग करते हैं ?
उत्तर-
आयोडीन विलयन, सैफ्रानिन अथवा मैथलीन ब्लू विलयन।
प्रश्न 57.
कोशिका द्रव्य क्या है ?
उत्तर-
प्लैज्मा झिल्ली के अंदर कोशिका द्रव्य एक तरल पदार्थ है जिस में अनेक विशिष्ट कोशिका के घटक होते हैं। कोशिका द्रव्य तथा केंद्रक को मिला कर जीव द्रव्य बनता है।
प्रश्न 58.
अंतर्द्रव्यी जालिका क्या है ?
उत्तर-
यह झिल्ली युक्त नलिकाओं का एक बहुत बड़ा तंत्र है। यह लंबी नलिका या गोल या आयताकार थैलों की तरह दिखाई देती है। इसकी रचना प्लैज्मा झिल्ली जैसी ही होती है।
प्रश्न 59.
अंतर्द्रव्यी जालिका किस-किस प्रकार की होती है ?
उत्तर-
- खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका (RER),
- चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका (SER) ।
प्रश्न 60.
गॉल्जी उपकरण का विवरण सबसे पहले किसने किया था ?
उत्तर-
कैमिलो गॉल्जी।
प्रश्न 61.
गॉल्जी उपकरण में सामान्य शक्कर से क्या बनता है ?
उत्तर-
जटिल शक्कर।
प्रश्न 62.
लाइसोसोम किससे बनाया जाता है ?
उत्तर-
गॉल्जी उपकरण से।
प्रश्न 63.
लाइसोम का कोशिका में क्या कार्य है ?
उत्तर-
कोशिका अंगकों के टूटे-फूटे भागों को पाचित कर कोशिका को साफ करना।
प्रश्न 64.
कार्बनिक पदार्थों को तोड़ने में कौन सक्षम है ?
उत्तर-
लाइसोसोम।
प्रश्न 65.
लाइसोसोम क्यों फटता है ?
उत्तर-
कोशिकीय चयापचय में व्यवधान के कारण जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाती है।
प्रश्न 66.
माइटोकांड्रिया किस रूप में ऊर्जा प्रदान करता है ?
उत्तर-
ATP (ऐडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट) के रूप में।
प्रश्न 67.
माइटोकांड्रिया की बाहरी और भीतरी झिल्ली कैसी होती है ?
उत्तर-
बाहरी झिल्ली छिद्रित तथा भीतरी झिल्ली बहुत अधिक वलित होती है।
प्रश्न 68.
प्लैस्टिड किन में होते हैं ?
उत्तर-
केवल पादप कोशिकाओं में।
प्रश्न 69.
प्लैस्टिड के दो प्रकार कौन-से हैं ?
उत्तर-
केरोमोप्लास्ट (रंगीन प्लैस्टिड) तथा ल्यूकोप्लास्ट (श्वेत अथवा रंगहीन प्लैस्टिड)।
प्रश्न 70.
जिस प्लैस्टिड में क्लोरोफिल होता है उसे क्या कहते हैं ?
उत्तर-
क्लोरोप्लास्ट।
प्रश्न 71.
जंतु और पादप कोशिकाओं में रसधानियाँ कैसी होती हैं ?
उत्तर-
जंतु कोशिकाओं में छोटी तथा पादप कोशिकाओं में बहुत बड़ी।
प्रश्न 72.
पादप कोशिका की रसधानी में क्या भरा होता है ?
उत्तर-
कोशिका द्रव्य।