This PSEB 9th Class Social Science Notes Economics Chapter 1 Story of a Village will help you in revision during exams.
Story of a Village PSEB 9th Class SST Notes
→ Economics: Economics is the study of unlimited human wants and the activities carried out to satisfy these wants through limited means.
→ Goods: Goods are those visible things that satisfy human wants e.g., books, chairs, mobile phones, etc.
→ Services: Services do not have a physical existence but they satisfy human wants e.g., teaching by a teacher.
→ Utility: Want satisfying power of a good or service is called utility.
→Price: The value of goods and services which can be expressed in terms of money is called price.
→ Wealth: All those goods and services for which we have to pay a price for their consumption are called wealth.
→ Money: Money can be defined as anything that is recognized by the government and is widely accepted as a medium of exchange in the transfer of goods.
→ Demand: Other things being equal, demand refers to the quantities of a commodity that the consumers are able and willing to buy at each possible price during a given period of time.
→ Supply: The quantities of a commodity that a seller is prepared to sell at given prices in a given period of time is called supply.
→ Market: Market means an arrangement where buyers and sellers of a commodity are in close contact with each other to buy and sell goods.
→ Cost: Cost is the amount spent in terms of money right from the production of goods to their sale.
→ Revenue: Revenue is the money earned by a person by selling goods or services.
→ Economic Activities: Economic activities are those activities that are concerned with consumption, production, exchange, and distribution of wealth.
→ Non-Economic Activities: Non-Economic activities are those activities that are not economically profitable.
→ Production: The creation of utility is called production.
→ Factors of Production: Land, labour, capital, and entrepreneur are called factors of production.
→ Land: Land is the free gift of nature-and its supply is fixed.
→ Labour: All human efforts made for the sake of monetary gain are called labour.
→ Multiple Cropping: To grow more than one crop on a piece of land during a year is known as multiple cropping.
→ Capital: Capital means all those man-made goods which are used in the further production of goods.
→ Entrepreneur: A human factor of production that takes economic decisions and bears risks is called an entrepreneur.
एक गांव की कहानी PSEB 9th Class SST Notes
→ अर्थशास्त्र – अर्थशास्त्र मनुष्य के उन कार्यों का अध्ययन है जो हमें यह बताता है कि किस प्रकार दुर्लभ साधनों का प्रयोग करके अधिकतम संतुष्टि प्राप्त की जा सकती है।
→ वस्तुएं – वस्तुएं वे दृश्य मदें हैं जो मनुष्य की आवश्यकताएं पूरी करती हैं जैसे किताब, कुर्सी, मोबाइल आदि।
→ सेवाएं – सेवाएं अदृश्य मदें हैं परंतु मनुष्य की आवश्यकताएं संतुष्ट करती हैं जैसे अध्यापन।
→ उपयोगिता – आवश्यकताओं को संतुष्ट करने की शक्ति उपयोगिता है।
→ कीमत – वस्तुओं और सेवाओं का वह मूल्य जो मुद्रा में व्यक्त किया जाता है।
→ धन – वे सभी वस्तुएं तथा सेवाएं जो हम उपभोग करने के लिए कीमत देकर खरीदते हैं।
→ मुद्रा – मुद्रा वह पदार्थ है जो सरकार द्वारा जारी किया जाता है तथा जिसे विनिमय के माध्यम के रूप में स्वीकार किया जाता है।
→ मांग – अन्य बातें समान रहने पर, मांग किसी वस्तु की वह मात्रा है जिसे एक उपभोक्ता निश्चित कीमत तथा निश्चित समय पर खरीदने के लिए तैयार होता है।
→ पूर्ति – पूर्ति किसी पदार्थ की वह मात्रा है जिसे एक उत्पादक निश्चित कीमत तथा निश्चित समय पर बेचने के लिए तैयार होता है।
→ बाज़ार – बाज़ार एक स्थान है जहां क्रेता व विक्रेता एक साथ पाए जाते हैं।
→ लागत – लागत मुद्रा के रूप में व्यय की गई वह मात्रा है जो वस्तु को बनाने से लेकर विक्री तक के बीच लगाई जाती है।
→ आगम – आगम मुद्रा की वह मात्रा है जो किसी वस्तु की विक्री से प्राप्त होता है।
→ आर्थिक क्रियाएं – आर्थिक क्रियाएं वे क्रियाएं हैं जो धन कमाने के उद्देश्य से की जाती हैं।
→ गैर आर्थिक क्रियाएं – वे क्रियाएं जो धन कमाने के उद्देश्य से नहीं की जाती हैं।।
→ उत्पादन – उपयोगिता का सृजन उत्पादन है।
→ उत्पादन के साधन – भूमि, पूंजी, श्रम, उद्यमी उत्पादन के साधन हैं।
→ भूमि – भूमि प्रकृति का निःशुल्क उपहार है जिसकी पूर्ति स्थिर है।
→ श्रम – धन कमाने के उद्देश्य से किए गए सभी मानवीय प्रयास श्रम है।
→ बहुविविध कृषि – भूमि के एक टुकड़े पर एक वर्ष में एक साथ एक से अधिक फसलें एक साथ उगाना बहु विविध कृषि कहलाती हैं।
→ पूंजी – पूंजी का अर्थ उन सभी मानव निर्मित पदार्थों से है जो आगे उत्पादन करने के उद्देश्य से बनाए जाते हैं।
→ उद्यमी – वह मानवीय तत्व जो उत्पादन संबंधी निर्णय तथा जोखिम उठाता है।