This PSEB 9th Class Social Science Notes Economics Chapter 2 Human Resources will help you in revision during exams.
Human Resources PSEB 9th Class SST Notes
→ Resources: Efforts made by a nation, an organization, or an individual to raise their incomes are known as resources.
→ Natural Resources: Air, minerals, soil, water which are used to satisfy human needs are called natural resources.
→ Human Resources: The size of the population of a country along with its efficiency, educational qualities, productivity, etc. is known as human resources.
→ Cause of Japan & Germany’s Economic Development: They have made investments in human resources, especially in the fields of education and health.
→ Causes of underdevelopment of countries like India, Bangla Desh, Pakistan, etc: It is due to their vast uneducated, unhealthy and unskilled population.
→ Economic Activities: All those activities which are performed to earn money are called economic activities.
→ Non-Economic Activities: All those activities which do not give income in return are called non¬economic activities.
→ Primary Sector: Primary sector is that sector that produces goods by using natural resources.
→ Examples of Primary Sector Activities: Agriculture, animal husbandry, dairy, poultry farming, fishing, mining, forestry, grazing, hunting, etc.
→ Secondary Sector: Secondary sector is that sector that produces finished goods by using the products of the primary sector as raw materials.
→ Tertiary Sector: This sector consists of all services and occupations which are needed to support the activities of primary and secondary sectors.
→ Population as an Asset or Liability for the economy: Illiterate and unhealthy populations are liable for the economy whereas literate and healthy populations are an asset.
→ Unemployment: It refers to a situation in which people are willing to work at the current wages but cannot find work.
→ Seasonal Unemployment: It means when people find jobs during some months and during the remaining months they are unemployed.
→ Disguised, Unemployment: It means more people are engaged in a particular work than required.
मानव-संसाधन PSEB 9th Class SST Notes
→ संसाधन – अपनी क्षमता को बढ़ाने के लिए व्यक्ति, संगठन या राष्ट्र द्वारा किए गए प्रयास संसाधन हैं।
→ प्राकृतिक संसाधन – वायु, खनिज, भूमि, जल आदि का प्रयोग मनुष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए किया जाता है इन्हें ही प्राकृतिक संसाधन कहते हैं।
→ मानवीय संसाधन – किसी राष्ट्र की जनसंख्या का वह भाग जो कार्यकुशलता, शिक्षा प्रशिक्षण व स्वास्थ्य से संपन्न है।
→ जापान व जर्मनी के आर्थिक विकास के कारण – इनका मानव पूंजी निर्माण में निवेश खासकर स्वास्थ्य व शिक्षा में।
→ भारत, बांग्लादेश व पाकिस्तान में अल्पविकास के कारण – उनकी अशिक्षित, अस्वस्थ व अकार्यकुशल बड़ी जनसंख्या।
→ आर्थिक क्रियाएं – वे सभी कार्य जो धन कमाने के उद्देश्य से किए जाते हैं।
→ गैर आर्थिक क्रियाएं – वे सभी कार्य जो धन कमाने के उद्देश्य से नहीं किए जाते हैं।
→ प्राथमिक क्षेत्र – प्राथमिक क्षेत्र वह क्षेत्र है जो प्राकृतिक संसाधनों के प्रयोग द्वारा वस्तुएं निर्मित करता है।
→ प्राथमिक क्षेत्र की किस्मों के उदाहरण – कृषि, पशु-पालन, डेयरी, मुर्गीपालन, मत्सय पालन, खनन, वानिकी आदि।
→ द्वितीयक क्षेत्र – द्वितीयक क्षेत्र वे क्षेत्र हैं जो प्राथमिक क्षेत्र के उत्पाद का कच्चे माल के रूप में प्रयोग करके अंतिम उत्पाद तैयार करता है।
→ तृतीयक क्षेत्र – वह क्षेत्र जो सेवाओं का निर्माण करता है।
→ जनसंख्या, संपत्ति या दायित्व के रूप में – अशिक्षित व अस्वस्थ जनसंख्या किसी देश के लिए दायित्व है जबकि शिक्षित व स्वस्थ जनसंख्या किसी देश के लिए संपत्ति है।
→ बेरोजगारी – जब कोई व्यक्ति मज़दूरी की प्रचलित दर पर काम करने को तैयार हो पर उसे काम न मिले।
→ मौसमी बेरोजगारी – इसका अर्थ है जब लोग पूरे वर्ष में कुछ महीने काम न करें व रोजगार के लिए भटकते रहें।
→ अदृश्य बेरोज़गारी। – यह बेरोज़गारी का वह रूप है जिसमें श्रमिक कार्य करते हुए प्रतीत होते हैं पर वे वास्तव में होते नहीं हैं।