This PSEB 9th Class Social Science Notes Economics Chapter 3 Poverty: Challenge Facing India will help you in revision during exams.
Poverty: Challenge Facing India PSEB 9th Class SST Notes
→ Poverty: Poverty has been defined as a situation in which a person fails to earn sufficient income to buy bare means of subsistence.
→ Social Exclusion: The poor have to live only in poor surroundings with other poor people.
→ Vulnerability: Poverty is a measure that describes the greater probability of certain communities becoming or remaining poor in the coming years.
→ Measurement of Poverty:
- Relative Poverty
- Absolute Poverty
→ Relative Poverty: It refers to the distribution of national income across different individuals and households in the country.
→ Absolute Poverty: It refers to the measure of poverty, keeping in view the per capita intake of calories and minimum level of consumption.
→ Poverty line: It is the method to measure the minimum income required to satisfy the basic needs of life.
→ Calorie: It is the energy given to a person by a full day’s food.
→ Causes of poverty:
- Low economic growth
- Heavy population pressure
- Rural Economy.
→ Anti-poverty measures:
- Promotion of economic growth
- Poverty alleviation programmes
→ Worldwide estimates of poverty: More than one-fifth of the world’s poor people live in India.
→ Calories measure: The accepted average calorie requirement in India is 2400 calories per person per day in rural areas and 2100 calories per person per day in urban areas.
→ Daily wages labourers: A worker who is paid for work on a daily basis.
→ Consumption: Destruction of utility is called consumption.
→ Income: Money is received, especially on a regular basis, for work or through investment.
→ Investment: Expenditure for further production is called investment.
→ Inequalities: An instance of being unequal.
→ Gender Discrimination: Discrimination in terms of gender, caste, or any other respect.
→ Poorest: States of India Odisha and Bihar.
निर्धनता : भारत के सम्मुख एक चुनौती PSEB 9th Class SST Notes
→ निर्धनता – निर्धनता एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी मानव को अपने जीवनयापन के लिए भोजन वस्त्र और मकान जैसी न्यूनतम आवश्यकताएं पूरी करने में भी कठिनाई होती है।
→ सामाजिक अपवर्जन – सामाजिक अपवर्जन निर्धनता का एक कारण और परिणाम दोनों हो सकता है। यह वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से व्यक्ति या समूह उन सुविधाओं लाभों और अवसरों से अपवर्तित करते हैं, जिनका उपभोग दूसरे करते हैं।
→ असुरक्षा – निर्धनता के प्रति असुरक्षा एक माप है जो कछ विशेष समुदाओं या व्यक्तियों के भावी वर्गों से निर्धनता या निर्धन वने रहने की अधिक समानता जताना है।
→ निर्धनता के माप –
- निरपेक्ष निर्धनता
- सापेक्ष निर्धनता।
→ सापेक्ष निर्धनता – इससे अभिप्राय विभिन्न देशों की प्रति व्यक्ति आय की तुलना के आधार पर निर्धनता से है।
→ निरपेक्ष निर्धनता – इससे अभिप्राय किसी देश की आर्थिक अवस्था को ध्यान में रखते हुए निर्धनता के माप से है।
→ निर्धनता रेखा – निर्धनता रेखा वह रेखा है जो उस क्रय शक्ति को प्रकट करती है जिसके द्वारा लोग अपनी न्यूनतम आवश्यकताओं को संतुष्ट कर सकते हैं।
→ कैलोरी – यह एक व्यक्ति को एक दिन के खाने से मिलने वाली ऊर्जा है।
→ निर्धनता के कारण –
- निम्न आर्थिक समृद्धि
- भारी जनसंख्या दबाव
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था
→ निर्धनता उन्मूलन माप –
- आर्थिक समृद्धि का विकास
- निर्धनता उन्मूलन कार्यक्रम
→ निर्धनता के वैश्विक माप – विश्व के लगभग 1/5 भाग के निर्धन भारत में रहते हैं।
→ कैलोरी मापदंड – इस विचारधारा के अनुसार भारत में ग्रामीण क्षेत्र के प्रति व्यक्ति 2400 कैलोरी प्रतिदिन तथा शहरी क्षेत्र में 2100 कैलोरी प्रतिदिन प्राप्त होनी चाहिए।
→ दैनिक भोगीश्रम – वह श्रमिक जो दैनिक आधार पर मज़दूरी प्राप्त करता है।
→ उपभोग – उपयोगिता का भक्षण उपभोग है।
→ आय – निवेश या कार्य के नियमित तौर पर किए जाने पर प्राप्त होने वाली मुद्रा आय है।
→ निवेश – आगे उत्पादन करने के लिए किया जाने वाला व्यय निवेश है।
→ असमानता – असमानता से अभिप्राय धन व आय के असमान वितरण से है।
→ लिंग विभेद – लिंग, जाति या अन्य आधारों पर होने वाला विभेद लिंग विभेद है।
→ भारत के निर्धन राज्य – ओडिशा व बिहार।