Punjab State Board PSEB 9th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar ling लिंग Exercise Questions and Answers, Notes.
PSEB 9th Class Hindi Grammar लिंग
लिंग परिवर्तन कीजिए
उत्तर:
एक वाक्य में उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
लिंग किसे कहते हैं?
उत्तर:
संज्ञा के जिस रूप से पुरुष या स्त्री जाति का बोध हो उसे लिंग कहते हैं।
प्रश्न 2.
हिंदी में लिंग कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
लिंग दो प्रकार के होते हैं-पुल्लिग, स्त्रीलिंग।
प्रश्न 3.
पर्वतों के नाम किस लिंग से संबंधित होते हैं?
उत्तर:
पर्वतों के नाम पुल्लिंग से संबंधित होते हैं।
प्रश्न 4.
किस धातु का नाम स्त्रीलिंग होता है?
उत्तर:
चाँदी का नाम स्त्रीलिंग होता है।
प्रश्न 5.
देशों के नाम किस लिंग से संबंधित होते हैं?
उत्तर:
देशों के नाम पुल्लिंग से संबंधित होते हैं।
प्रश्न 6.
ग्रहों में किस ग्रह का नाम स्त्रीलिंग होता है?
उत्तर:
पृथ्वी का।
प्रश्न 7.
प्रायः वृक्ष पुल्लिंग होते हैं। आप ऐसे दो नाम लिखिए जो वृक्ष स्त्रीलिंग होते हैं।
उत्तर:
इमली, नीम।
प्रश्न 8.
सागरों के नाम किस लिंग से संबंधित होते हैं?
उत्तर:
पुल्लिंग।
प्रश्न 9.
दो अनाजों के नाम लिखिए जो स्त्रीलिंग होते हैं।
उत्तर:
अरहर, ज्वार, मक्की।
प्रश्न 10.
रत्नों में किस रत्न का नाम स्त्रीलिंग होता है?
उत्तर:
मणि।
प्रश्न 11.
स्त्रीलिंग की पहचान प्रायः किससे होती है?
उत्तर:
स्त्रीलिंग की पहचान प्रायः इकारान्त तत्सम शब्द से होती है।
प्रश्न 12.
नदियों के नाम प्रायः किस लिंग से संबंधित होते हैं?
उत्तर:
नदियों के नाम प्रायः स्त्रीलिंग से संबंधित होते हैं।
एक शब्द में उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
किस नदी का नाम पुल्लिंग होता है?
उत्तर:
ब्रह्मपुत्र।
प्रश्न 2.
हिंदी की ईकारान्त संज्ञाएं प्रायः स्त्रीलिंग होती हैं लेकिन आप किसी एक का अपवाद रूप में नाम लिखिए।
उत्तर:
हाथी।
प्रश्न 3.
‘उ’ अंत वाली तत्सम संज्ञाएं प्रायः किस लिंग से संबंधित होती हैं?
उत्तर:
स्त्रीलिंग।
प्रश्न 4.
तिथियों और नक्षत्रों के नाम प्राय: लिंग से संबंधित होते हैं?
उत्तर:
स्त्रीलिंग से।
प्रश्न 5.
जिस संज्ञा शब्द के अंत में ‘ख’ वर्ण आता है वह लिंग की दृष्टि से प्रायः कैसा होता है?
उत्तर:
स्त्रीलिंग।
प्रश्न 6.
नित्य स्त्रीलिंग का पुल्लिंग किस प्रकार लिखा जाता है?
उत्तर:
‘नर’ लगा कर, जैसे नर कोयला, नर मक्खी।
प्रश्न 7.
नित्य पुल्लिंग का स्त्रीलिंग किस प्रकार लिखा जाता है?
उत्तर:
नित्य पुल्लिंग का स्त्रीलिंग ‘मादा’ लगाकर लिखा जाता है। जैसे-मादा बाज, मादा चीता।
हाँ/नहीं में उत्तर दीजिएप्रश्न
प्रश्न 1.
‘मादा उल्लू’ नित्य पुल्लिंग होता है।
उत्तर:
हाँ।
प्रश्न 2.
‘नर मकड़ी’ नित्य स्त्रीलिंग होता है।
उत्तर:
हाँ।
प्रश्न 3.
‘बुद्धिमान’ का स्त्रीलिंग है-बुद्धिमती।
उत्तर:
हाँ।
प्रश्न 4.
‘वधू’ का पुल्लिंग है-वर।
उत्तर:
हाँ।
प्रश्न 5.
‘धात्री’ का पुल्लिंग धात्रा’ होता है?
उत्तर:
नहीं।
निम्नलिखित के लिंग बदल कर लिखिए-
ज्ञानवान, स्वाभिमानिनी, अभिनेता, भर्ता, तेली, चिड़ा, मुन्ना, बेटा, तेजस्वी, सुत, गोप, कुमार, जेठ, भील, ठाकुर, दूबे, चौबे, देवर, हंस, कर्ता।
उत्तर:
ज्ञानवती, स्वाभिमानी, अभिनेत्री, भी, तेलिन, चिड़िया, मुनिया, बिटिया, तेजस्विनी, सुता, गोपी, कुमारी, जेठानी, भीलनी, ठकुराइन, दुबाइन, चौबाइन, देवरानी, हंसिनी, कीं।
प्रश्न 1.
लिंग किसे कहते हैं?
उत्तर:
संज्ञा के जिस रूप से पुरुष अथवा स्त्री जाति का बोध हो, उसे लिंग कहते हैं, जैसे-‘रवि पढ़ता है। रजनी पढ़ती है।’ इन वाक्यों में ‘रवि पढ़ता है’ में ‘रवि’ शब्द पुरुष जाति का बोध कराने से पुल्लिंग है तथा ‘रजनी पढ़ती है’ में ‘रजनी’ शब्द स्त्री जाति का बोध कराने से स्त्रीलिंग है।
प्रश्न 2.
हिंदी में कितने लिंग होते हैं?
उत्तर:
हिंदी में दो लिंग-पुल्लिंग और स्त्रीलिंग होते हैं।
(i) पुरुष जाति का बोध कराने वाले शब्द पुल्लिंग होते हैं जैसे हार्दिक दौड़ रहा है। कुत्ता भौंक रहा है। इन दोनों वाक्यों में ‘हार्दिक’ तथा ‘कुत्ता’ शब्द पुल्लिंग हैं क्योंकि दोनों शब्द पुरुष जाति का बोध कराते हैं।
(ii) स्त्री जाति का बोध कराने वाले शब्द ‘स्त्रीलिंग’ कहलाते हैं; जैसे-बकरी चर रही है। गायिका गा रही है। इन दोनों वाक्यों में ‘बकरी’ तथा ‘गायिका’ शब्द स्त्रीलिंग हैं क्योंकि दोनों शब्द स्त्री जाति का बोध करा रहे हैं।
प्रश्न 3.
हिंदी में लिंग की पहचान कैसे करते हैं?
उत्तर:
हिंदी भाषा में लिंग की पहचान शब्द के अर्थ तथा शब्द के रूप के आधार पर की जाती है। प्राणिवाचक संज्ञा शब्दों का लिंग अर्थ के अनुसार तथा निर्जीव पदार्थों के लिंग की पहचान रूप अथवा लोक-व्यवहार के आधार पर की जाती है। लिंग पहचान के प्रमुख नियम निम्नलिखित हैं-
(i) कुछ प्राणिवाचक संज्ञा शब्द युगल रूप में होते हैं, जिससे उनका लिंग-निर्धारण सहज रूप से हो जाता है ; जैसे-बिल्ला-बिल्ली, माता-पिता, पति-पत्नी, लड़का-लड़की, शेर-शेरनी, नर-नारी, दादा-दादी, चाचा-चाची।
(ii) कुछ संज्ञा शब्द नित्य पुल्लिंग अथवा स्त्रीलिंग होते हैं;
जैसेनित्य पुल्लिंग-खटमल, मच्छर, तोता, गैंडा, पक्षी, खरगोश, चीता, भेड़िया, कौआ।
नित्य स्त्रीलिंग-नँ, मक्खी, मछली, मैना, तितली, कोयल, चील, गिलहरी, चींटी।
इन संज्ञा शब्दों में जाति भेद स्पष्ट करने के लिए उनके आगे ‘नर’ अथवा ‘मादा’ शब्दों का प्रयोग लगाकर करते हैं; जैसे-मादा भेड़िया, नर मछली, मादा चीता, नर चील।
(iii) प्राणियों के समूह अथवा समुदाय का बोध कराने वाले संज्ञा शब्द भी व्यवहार के अनुसार पुल्लिंग और स्त्रीलिंग होते हैं; जैसे-
पुल्लिंग-परिवार, समाज, दल, झुंड, मंडल। स्त्रीलिंग-जनता, भीड़, सेना, सभा, मंडली।
(iv) कुछ प्राणिवाचक संज्ञा शब्द केवल स्त्रीलिंग में प्रयुक्त होते हैं; जैसे-संतान, सती, धाय, सवारी, नर्स, सुहागिन, सौतन। इन संज्ञा शब्दों के पुल्लिंग रूप नहीं बनते हैं।
(v) कुछ शब्द उभयलिंगी हैं, जिनका प्रयोग पुल्लिंग तथा स्त्रीलिंग दोनों रूपों में होता है; जैसे-
दही खट्टी है।
दही खट्टा है।
(vi) शरीर के कुछ अंग पुल्लिंग तथा कुछ स्त्रीलिंग होते हैं; जैसेपुल्लिंग-मुँह, कान, हाथ, पाँव, ओठ, नाखून, गाल। स्त्रीलिंग-जीभ, नाक, आँख, बाँह, टाँग, नस, हड्डी।
(vii) वृक्षों के नाम भी पुल्लिंग और स्त्रीलिंग होते हैं; जैसेपुल्लिंग-आम, पीपल, शीशम, नींबू, अशोक, केला, संतरा, कीकर, वट, चीड़, अनार। स्त्रीलिंग-नीम, इमली, लीची, नाशपाती।।
(viii) सामान्य रूप से पुल्लिंग शब्द हैं-
सागर-हिंदमहासागर, प्रशांतमहासागर, अंधमहासागर।
रत्न-हीरा, मोती, पुखराज, नीलम, मूंगा।
अपवाद–मणि। द्रव्य-घी, पानी, तेल, शरबत, दूध।
अपवाद-चाय, लस्सी, कॉफी।
अनाज-जौ, गेहूँ, बाजरा, तिल, चना।
अपवाद-ज्वार, मक्की।
धातुएँ-सोना, लोहा, पीतल, ताँबा, सीसा।
अपवाद-चाँदी।
महीने-चैत्र, वैशाख, सावन, भादों।
दिन-सोम, मंगल, बृहस्पति, शनि, शुक्र।
देश-भारत, जापान, चीन, रूस, अमेरिका।
नक्षत्र-सूर्य, चंद्र, मंगल, शनि, शुक्र।
अपवाद-पृथ्वी।
फल-आम, केला, अमरूद, संतरा, नीबू।
समय सूचक शब्द-दिन, घंटा, सप्ताह, मास, वर्ष।
प्रत्यय जुड़े शब्द-आ-मोटा, आपा-मोटापा, आव-चुनाव, पन-बचपन, ना-खाना, त्व-मनुष्यत्व, दार-पहरेदार, खान-डाकखाना।
वर्णमाला के अक्षर-क, ख, ट, श, ओ।
(ix) सामान्य रूप से स्त्रीलिंग शब्द हैं-
नदियाँ-गंगा, यमुना, कृष्णा, कावेरी, नर्मदा।
अपवाद-ब्रह्मपुत्र।
तिथियाँ-दूज, तीज, पंचमी. नौमी. एकादशी।
भाषाएँ-हिंदी, पंजाबी, गुजराती, मराठी, संस्कृत।
प्रत्यय जुड़े शब्द-आ-लता, इ-शक्ति, ई-मिठाई, इया-चिड़िया, आवट-सजावट, आहट-मुसकराहट, ता-सुंदरता।
(x) विदेशी भाषाओं के शब्दों के लिंग का निर्धारण रूप, अर्थ तथा व्यवहार की दृष्टि से होता है; जैसे-जवाब, मेहमान, अखबार, मज़ा, वक्त, खत (पुल्लिंग); किताब, दीवार, हवा, तलाश, अदालत (स्त्रीलिंग) ; कोट, फ़ोटो, पेन, बूट, बटन (पुल्लिंग), पेंसिल, पैंट, फ़ीस, ट्रेन, बस (स्त्रीलिंग) हैं।
(xi) अकारांत तत्सम शब्द प्रायः पुल्लिंग होते हैं; जैसे-धन, कर्म, नगर, जल, नर।
(xii) आकारांत शब्द प्रायः पुल्लिंग होते हैं; जैसे-कपड़ा, लोटा, आटा, लोहा, दादा, पिता, राजा।
4. कुछ अकारांत पुल्लिग शब्दों में आनी’ या ‘आणी’ प्रत्यय जोड़कर स्त्रीलिंग शब्दों की रचना की जाती है। जैसे-
5. जाति, उपनाम और पदवी बाची शब्दों के अंतिम स्वर के स्थान पर ‘आइन’ प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग शब्दों की रचना की जाती है। जैसे-
6. कुछ अकारांत या आकारांत पुल्लिग शब्दों के अंतिम ‘आ’ के स्थान पर स्त्रीलिंग में ‘इया’ प्रत्यय लगा दिया जाता है। जैसे-
7. व्यवसाय सूचक (कार्यसूचक) व कुछ अन्य पुल्लिग शब्दों के अंतिम स्वर के स्थान पर ‘इन’ लगाकर स्त्रीलिंग शब्द बन जाता है। जैसे-
8. संस्कृत की कुछ संज्ञाओं में प्रयुक्त अंतिम ‘अक’ के स्थान पर ‘इका’ लगाने से स्त्रीलिंग शब्दों की रचना होती है। जैसे-
9. कुछ संज्ञा शब्दों में अंतिम ‘ता’ के स्थान पर ‘त्री’ लगा देने से स्त्रीलिंग शब्द की रचना होती है। जैसे-
10. कुछ ईकारान्त (पुल्लिग) संज्ञा शब्दों के अंतिम स्वर ‘ई’ के स्थान पर ‘इनी’ या ‘इणी’ प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग शब्दों की रचना होती है। जैसे-
11. ‘आन’ अंत वाले कुछ पुल्लिग संज्ञा शब्दों के अंत में ‘अती’ अथवा ‘मती’ लगाकर स्त्रीलिंग शब्द बनाया जाता है। जैसे-
12. सर्वथा भिन्न रूप में बनने वाले स्त्रीलिंग शब्द कुछ पुल्लिग शब्दों के स्त्रीलिंग में विशिष्ट रूप बनते हैं। जैसे-
13. नित्य पुल्लिग हिंदी में जिन शब्दों का प्रयोग हमेशा पुल्लिग रूप में ही होता है, वे नित्य पुल्लिंग कहलाते हैं। जैसे- खटमल, पक्षी, खरगोश।
नित्य पुल्लिग की तरह नित्य स्त्रीलिंग शब्दों के आगे ‘नर’ शब्द जोड़कर लिंग दर्शाया जाता है-
14. नित्य स्त्रीलिंग: हिंदी में जिन शब्दों का प्रयोग हमेशा स्त्रीलिंग में ही होता है, वे नित्य स्त्रीलिंग कहलाते हैं। जैसे-कोयल, मछली, मक्खी।