PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 8 परिवार

Punjab State Board PSEB 10th Class Home Science Book Solutions Chapter 8 परिवार Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Home Science Chapter 8 परिवार

PSEB 10th Class Home Science Guide परिवार Textbook Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
परिवार से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
परिवार समाज की मूल इकाई है और सामाजिक बनावट का आधार है। परिवार उन लोगों का एक समूह है जिनका आपसी खून या कानून का सम्बन्ध हो, एक घर में रहते हों और सांझी सम्पत्ति का प्रयोग करते हों, एक-दूसरे से भावनात्मक साँझ हो, साँझे दुःख-सुख हों तथा आवश्यकता पड़ने पर एक दूसरे की सहायता करें।

प्रश्न 2.
समाज की रचना का आधार क्या है?
उत्तर-
समाज की बनावट का आधार परिवार है। परिवार एक समाज की प्रारम्भिक इकाई है। परिवारों से मिल कर ही एक समाज जन्म लेता है। व्यक्ति परिवारों द्वारा समाज
से जुड़ते हैं और समाज में रहना सीखते हैं। परिवार की संस्था अस्तित्व में आने के पश्चात् ही समाज ने जन्म लिया है।

प्रश्न 3.
परिवार के मुख्य प्रकार कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
मुख्यतः परिवार की दो किस्में हैं
1. संयुक्त परिवार – संयुक्त परिवार एक बड़ा परिवार होता है। संक्षेप में जिस घर में तीन पीढ़ियों के सदस्य एक स्थान, एक घर में रहते हों तथा परिवार के साधनों को साँझे रूप में प्रयोग करते हों को संयुक्त परिवार कहा जाता है।
2. इकाई परिवार – यह परिवार छोटा परिवार होता है जिसमें माता-पिता और उनके बच्चे रहते हों उसको इकाई परिवार कहा जाता है।

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छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 4.
संयुक्त परिवार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
संयुक्त परिवार एक बड़ा परिवार होता है जिसमें माँ-बाप, उनके बच्चे और पोते-पोतियां इकट्ठे रहते हैं। इस परिवार में सब की साँझी कमाई होती है और घर के सभी सदस्य उसी कमाई से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। यह परिवार एक छत के नीचे रहता है और एक ही चूल्हे पर रोटी खाता है। दुःख-सुख में सारे परिवार के सदस्य इकट्ठे रहते हैं। परन्तु आजकल इस तरह के परिवार घटते जा रहे हैं।

प्रश्न 5.
इकाई परिवार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
इकाई परिवार एक छोटा परिवार होता है। इकाई परिवार में मां-बाप और उनकी सन्तान रहती है। यह एक स्वतन्त्र इकाई है। पश्चिमी देशों की तरह हमारे देश में भी इकाई परिवारों की संख्या बढ़ती जा रही है। मां-बाप की आय इस घर में कमाई का स्रोत होती है जिसको बच्चे और मां-बाप मिलकर खर्च करते हैं। इस तरह के परिवारों के सदस्यों में जहां स्वतन्त्रता और स्व: विश्वास की भावना बढ़ती है वहां स्वार्थ की भावना भी इस तरह के परिवार को अपने निकट सम्बन्धियों को इनसे दूर करती है।

प्रश्न 6.
संयुक्त परिवार की विशेषताएं क्या हैं?
अथवा
संयुक्त परिवार के क्या लाभ हैं?
उत्तर-

  1. संयुक्त परिवार में साँझी कमाई होती है जो आवश्यकता के समय काम आती है।
  2. इस परिवार में सभी कार्य विभाजित किए जाते हैं, एक सदस्य पर बोझ नहीं पड़ता।
  3. संयुक्त परिवार में बुजुर्ग, विधवा, अंगहीन या बच्चों को बहुत सहारा मिलता है।
  4. आजकल मां-बाप के पास बच्चों के लिए समय कम होता है और संयुक्त परिवार में बच्चे दादा-दादी से बहुत कुछ सीखते हैं।
  5. संयुक्त परिवार के सदस्यों में सहयोग और कुर्बानी की भावना अधिक होती है।
  6. संयुक्त परिवार में इकट्ठे रहने से परिवार का खर्च कम हो जाता है और बचत बढ़ जाती है।

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प्रश्न 7.
संयुक्त परिवार होने की क्या हानियां हैं?
उत्तर-
आजकल संयुक्त परिवारों की संख्या काफ़ी कम होती जा रही है। संयुक्त परिवारों के कई फायदे और कई नुकसान हैं। संयुक्त परिवार की हानियां निम्नलिखित हैं
नुकसान-

  1. संयुक्त परिवार में आर्थिक सुरक्षा के कारण परिवार के कई सदस्य निकम्मे और आलसी बन जाते हैं।
  2. कई बार लायक बच्चों के व्यक्तित्व का विकास नहीं होता क्योंकि परिवार में सभी को बराबर समझा जाता है।
  3. संयुक्त परिवार में औरतों को बहुत कम स्वतन्त्रता होती है।
  4. परिवार के कई सदस्यों को अपने पैरों पर स्वयं खड़े होने का अवसर नहीं मिलता।
  5. संयुक्त परिवार में आर्थिक स्वतन्त्रता कम होती है।

प्रश्न 8.
इकाई परिवार की विशेषताएं कौन-सी हैं?
उत्तर-
औद्योगीकरण और शहरीकरण से इकाई परिवारों की संख्या बढ़ रही है। इस प्रकार के परिवारों की विशेष बातें इस प्रकार हैं

  1. इस परिवार के सदस्य एक-दूसरे के अधिक निकट होते हैं।
  2. इस परिवार में आर्थिक स्वतन्त्रता होती है। पति-पत्नी अपनी इच्छा से खर्च कर सकते हैं।
  3. इस परिवार को एक या दो व्यक्तियों की कमाई पर ही गुज़ारा करना पड़ता है।
  4. इस तरह के परिवारों में घर के काम का सारा बोझ गृहिणी पर ही पड़ता है।
  5. इस परिवार के सदस्य बड़े-बूढ़ों के तुजुर्बो से लाभ नहीं उठा सकते।

प्रश्न 9.
छोटे परिवार का महत्त्व क्या है?
उत्तर-
बच्चे के सही पालन-पोषण के लिए परिवार का छोटा होना आवश्यक है। बड़े परिवार में बच्चे प्रायः अभावों का शिकार रहते हैं। किसी की सभी आवश्यकताएं पूर्ण नहीं होती। इसलिए परिवार की खुशी के लिए निम्नलिखित कारणों से परिवार छोटा होना चाहिए

  1. आपसी प्यार-छोटे परिवारों में आपसी प्यार की भावना अधिक देखने को मिलती है।
  2. आर्थिक विकास-छोटे परिवार में खर्च कम होने के कारण सब की आवश्यकताएं पूर्ण होने पर भी बचत हो सकती है जिससे परिवार आर्थिक विकास करता है।
  3. सर्वपक्षीय विकास-छोटे परिवार में मां-बाप बच्चों की ओर व्यक्तिगत ध्यान दकर उनकी शारीरिक, मानसिक और आर्थिक आवश्यकताएँ पूर्ण करके उनका सर्वपक्षीय विकास कर सकते हैं।
  4. बच्चों में आत्म-विश्वास-बच्चों की आवश्यकताएं पूर्ण होने के कारण उनका सर्वपक्षीय विकास होता है और उनमें आत्म-विश्वास की भावना बढ़ती है।
  5. जनसंख्या में कम वृद्धि-छोटे परिवार होने से देश की जनसंख्या में कम वृद्धि होती है। इस से देश का आर्थिक विकास तेजी से होता है।

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प्रश्न 10.
छोटे परिवार के क्या लाभ हैं?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 11.
बच्चों में दूरी रखने का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
छोटे परिवार के होने के साथ-साथ बच्चों में अधिक दूरी होना भी आवश्यक है। क्योंकि गर्भ के समय मां को पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है। यदि भोजन में कैल्शियम, लोहा, प्रोटीन, विटामिन आदि की भोजन में उचित मात्रा न हो तो माँ का स्वास्थ्य कमज़ोर पड़ जाता है। यदि दूसरा बच्चा भी जल्दी ही आ जाए तो उससे माँबच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर और भी बुरा प्रभाव पड़ेगा। इसके अतिरिक्त फासला कम होने की स्थिति में माँ के लिए दोनों बच्चों की संभाल और भी मुश्किल होती है। इसलिए मां-बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान, बच्चों की सही देखभाल और आर्थिक तत्त्वों को ध्यान रखते हुए यह कहना बिल्कुल ठीक है कि बच्चों के बीच कम-से-कम तीन वर्ष का फासला होना आवश्यक है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 12.
संयुक्त तथा इकाई परिवार की तुलना करो तथा दोनों के लाभ तथा हानियां बताओ।
उत्तर-

संयुक्त परिवार इकाई परिवार
1. यह परिवार बड़ा होता है। 1. यह परिवार छोटा होता है।
2. इस परिवार में आय सांझी होती है। 2. इस परिवार में आय केवल मां या बाप की होती है।
3. इस परिवार में इकट्ठे रहने से खर्च कम होता है। 3. इस परिवार के प्रारम्भिक खर्चे अधिक होते हैं।
4. इसमें काम बंटा होने के कारण गृहिणियों को कुछ आराम मिल जाता है। 4. इस परिवार के घर का सारा काम गृहिणी को करना पड़ता है।
5. इस परिवार के बच्चे दादा-दादी से बहुत कुछ सीखते हैं। 5. इस परिवार के बच्चे दादा-दादी के प्यार से वंचित रह जाते हैं।
6. इस परिवार में आर्थिक स्वतन्त्रता कम होती है। सभी सदस्य घर के मुखिया से पैसे लेकर खर्च करते हैं। 6. इस परिवार में पति-पत्नी आर्थिक रूप से स्वतन्त्र रहते हैं।

संयुक्त तथा इकाई परिवार के लाभ-इसके उत्तर के लिए प्रश्न 6 और 8 का उत्तर लिखो।

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प्रश्न 13.
(i) बच्चों में दूरी रखने से परिवार में आर्थिक समृद्धि होती है। इस तथ्य की पुष्टि करें।
अथवा
बच्चों में दूरी रखने का क्या महत्त्व है? विस्तारपूर्वक लिखें।
(ii) आर्थिक समृद्धि के लिए छोटा परिवार तथा बच्चों में दूरी होना क्यों आवश्यक है?
(iii) छोटे परिवार में आपसी प्यार कैसे बढ़ता है तथा इसका समूचे परिवार की सेहत पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
(i) बच्चों के जन्म के बीच आवश्यक दूरी होना बहुत जरूरी है। विशेषज्ञों के अनुसार एक बच्चे और दूसरे बच्चे के जन्म के बीच कम-से-कम तीन वर्ष की दूरी होना मां और बच्चे के स्वास्थ्य और घर की खुशहाली के लिए और भी आवश्यक है।

बच्चों के जन्म में दूरी रखने का महत्त्व छोटा परिवार होने के साथ-साथ बच्चों में अधिक दूरी होना भी आवश्यक है क्योंकि गर्भ के समय मां को पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है। यदि भोजन में प्रोटीन, कैल्शियम और लोहे की उचित मात्रा न हो तो बच्चे को सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि बच्चा मां के शरीर से इन तत्त्वों को प्राप्त करता है। इसी कारण मां में भी इन तत्त्वों की कमी हो जाती है। यदि बच्चों में फासला कम हो तो मां में इन तत्त्वों की कमी पूरी नहीं हो सकती और वह बहुत कमजोर हो जाती है। जल्दी-जल्दी बच्चे होने के कारण जन्म के पश्चात् भी मां-बच्चे की ओर पूरा समय और ध्यान नहीं दे सकती। जिस कारण बच्चों की ठीक देखभाल नहीं होती। इसलिए बच्चों में दूरी रखने का महत्त्व निम्नलिखित अनुसार है

  1. लिंग सम्बन्धी संतुष्टि-परिवार में मां-बाप की मानसिक शान्ति बहुत आवश्यक है जिसका काफ़ी सम्बन्ध लिंग भावना की संतुष्टि के साथ जुड़ा हुआ है। अधिक बच्चों का भार मां-बाप को बच्चों के साथ उलझाए रखता है जिससे उनकी अपनी लिंग भावना की पूर्ति ठीक ढंग से नहीं हो सकती। वह चिड़चिड़े से बन जाते हैं।
  2. बच्चों की सही देखभाल-यदि बच्चों में फासला होगा तो उनका पालन पोषण भी सही ढंग से हो सकता है और वह प्रत्येक पक्ष से विकसित होंगे और उनका स्वास्थ्य भी अच्छा होगा।
  3. आर्थिक रूप में खुशहाल-फासले से बच्चा होने के समय आर्थिक मुश्किल कम आती है क्योंकि फासले के दौरान बचाया पैसा अगले बच्चे के लिए प्रयोग किया जा सकता है और कुछ पैसा घर की खुशहाली के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है।
  4. मनोरंजन की पूर्ति-खेल बच्चों के लिए बहुत आवश्यक है। यदि बच्चों में फासला होगा तो मां-बाप उनके साथ मनोरंजन कर सकेंगे। उनके साथ थोड़ा बहुत खेल सकेंगे, टी० वी० देख सकेंगे या पार्क आदि में भी जा सकते हैं। इस तरह दोनों का ही मनोरंजन होगा।
  5. मां-बाप के लिए अधिक समय-कम फासले के बच्चे होने से मां-बाप बच्चों के साथ ही उलझे रहते हैं परन्तु यदि बच्चों में फासला होगा तो मां-बाप के पास भी अन्य रुचियों के लिए समय मिल सकता है।
  6. मृत्यु-दर में कमी-बच्चों में फासला रखने से उनकी देखभाल अच्छी होगी और जिसके कारण स्वास्थ्य अच्छा होगा और इस तरह बच्चों की मृत्यु-दर में कमी आएगी। आजकल प्रत्येक स्त्री, पुरुष अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और विकास के अवसर देना चाहता है। इसलिए परिवार नियोजित करना आवश्यक हो जाता है।

छोटा परिवार और आर्थिक खुशहाली आजकल महंगाई के ज़माने में परिवार की आर्थिक खुशहाली का परिवार के आकार से सीधा सम्बन्ध है। घर की बहुत-सी समस्याएं परिवार के छोटा होने से ही हल हो सकती हैं। . बच्चों की सही देखरेख के लिए आवश्यक हो जाता है कि परिवार छोटा हो। किसी के पास समय और पैसा नहीं कि बहुत-से बच्चों की देख-रेख कर सके। वैसे भी संसार में प्रत्येक वस्तु की कमी होती जा रही है और भारत जैसे देश में तो बड़े परिवारों की आवश्यकता नहीं जहां हज़ारों समस्याएं केवल जनसंख्या की वृद्धि से जुड़ी हुई हैं। इसलिए बच्चों के सर्वपक्षीय विकास के लिए परिवार छोटे-से-छोटा हो ताकि बच्चे सही ढंग से पल कर बड़े हों और ठीक जीवन व्यतीत कर सकें। बड़े परिवार में अधिक बच्चे सदैव भूख का शिकार ही रहते हैं। इसलिए हमारी सरकार और समाज छोटे परिवार का नारा लगा रहे हैं। हम कह सकते हैं निम्नलिखित कारणों से परिवार छोटा चाहिए —

  1. आपसी प्यार — छोटे परिवार में आपसी प्रेम भावना अधिक होती है क्योंकि कम बच्चे मिल कर माता-पिता के पास बैठ सकते हैं। इस तरह एक-दूसरे का प्यार और सम्मान ले सकते हैं।
  2. आर्थिक विकास — बच्चे कम होने से उनकी लगभग सभी आवश्यकताएं आसानी से पूरी हो जाती हैं। इस तरह हर तरह का खर्चा किया जा सकता है और कुछ पैसे बचाए भी जा सकते हैं।
  3. सर्वपक्षीय विकास — छोटे परिवार में मां-बाप बच्चे की ओर व्यक्तिगत ध्यान देकर उनकी शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और आध्यात्मिक आवश्यकताएं पूर्ण करके उनका सर्वपक्षीय विकास कर सकते हैं। बच्चों को अच्छी और उच्च शिक्षा दी जा सकती है। आजकल स्कूल में दाखला लेने से लेकर बच्चों की नौकरी लगाने पर बहुत मुश्किल मुकाबला होता है जिसके लिए अधिक ध्यान की आवश्यकता होती है, जोकि बड़े परिवार वाले घर में मां नहीं दे सकती।
  4. पारिवारिक स्तर की ऊँचाई-छोटे परिवार में बच्चों की आवश्यकताएं पूर्ण करने के उपरान्त कुछ पैसे बचाए जा सकते हैं जिससे बाजार में जो कई तरह की वस्तुएं मिलती हैं उनको प्राप्त किया जा सकता है। बड़े परिवार की प्रारम्भिक आवश्यकताओं पर ही इतना खर्च हो जाता है कि दूसरे खर्च फिजूल लगते हैं। टी० वी०, कम्प्यूटर आदि केवल मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि बच्चों का मानसिक स्तर भी ऊँचा करते हैं।
  5. ज़िम्मेदारियों की कमी-पुराने समय में जब परिवार में बच्चों की संख्या अधिक होती थी तो माताओं को सारा दिन रसोई में रोटी आदि पकाने से ही फुर्सत नहीं मिलती थी। छोटे परिवार से मां-बाप की ज़िम्मेदारियों की सिरदर्दी काफ़ी कम होती है।
  6. समूचे परिवार का स्वास्थ्य-कम बच्चों से जहां बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जा सकता है, वहाँ मां-बाप का स्वास्थ्य भी विशेष रूप में ठीक रहता है। जिस कारण वह बच्चों की ओर आसानी से अधिक समय ध्यान रख सकते हैं और उनकी आवश्यकताएँ पूर्ण कर सकते हैं।
  7. बच्चों में आत्म-विश्वास-जो बच्चे कमियों में रहते हैं, स्कूल में फटे-पुराने फैशन के कपड़े पहनते हैं उनमें कई बार हीनता की भावना आ जाती है जिसका उनके व्यक्तित्व पर बुरा प्रभाव पड़ता है। बच्चों में आत्म-विश्वास पैदा करने के लिए आवश्यक है कि उनको पूर्ण सुविधाएं मिलें जो कि छोटे परिवार में ही सम्भव हैं।
  8. देश की जनसंख्या को ठीक रखना-भारत की जनसंख्या 100 करोड़ से भी बढ़ गई है। इसका अधिक लोगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। नौकरियां कम और नौकरियां लेने वालों की संख्या अधिक होने के कारण सभी को नौकरी नहीं मिलती या उनकी योग्यता के अनुसार छोटी नौकरी मिलती है जिस कारण अराजकता पैदा होती है और कई बच्चे नशा करने लग जाते हैं या आत्महत्या करने की भी सोचते हैं। इसलिए छोटे परिवार में प्रत्येक बच्चे पर व्यक्तिगत रूप में ध्यान दिया जा सकता है। परिवार को छोटा रखने के लिए अच्छा होगा कि परिवार को देर से शुरू किया जाए। इसका यह फायदा है कि पति पत्नी को एक-दूसरे को समझने के लिए अधिक समय मिल जाता है और उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधर जाती है।
    (ii) देखें भाग (i)
    (iii) देखें भाग (i)

प्रश्न 14.
बच्चों में दूरी रखने के महत्त्व को समझने से बच्चों की मृत्य-दर में कमी आई है। इस तथ्य की पुष्टि करें।
उत्तर-
एक बच्चे और दूसरे बच्चे के जन्म के बीच आवश्यक फासला होना बहुत ज़रूरी है। विशेषज्ञ अनुसार एक बच्चे के जन्म और दूसरे बच्चे के जन्म में कम-से कम तीन साल का फासला होना चाहिए जो माँ और बच्चे के स्वास्थ्य और घर की खुशहाली के लिए आवश्यक है। आज से 25-30 वर्ष पहले लोगों को छोटे परिवार और बच्चों के बीच फासले का महत्त्व नहीं मालूम नहीं था। पर विद्या का प्रसार होने से लोग छोटे परिवार और बच्चों के जन्म में फासले को समझने लगे हैं। बच्चों के जन्म के ठीक फासले का स्वास्थ्य पक्ष से मां और बच्चे दोनों को लाभ है। गर्भ अवस्था में मां को सन्तुलित भोजन की आवश्यकता होती है। यदि उस समय बच्चा मां का दूध पी रहा हो तो एक समय में दोनों बच्चों को मां के शरीर से पौष्टिक खुराक नहीं मिल सकती। इससे मां के शरीर में खनिज और विटामिन कम हो जाते हैं। परिणामस्वरूप मां का शरीर कमजोर हो जाता है। इससे गर्भ वाले बच्चे को और दूध पी रहे बच्चे को सन्तुलित भोजन नहीं मिलता और दोनों बच्चे और मां कमज़ोर हो जाते हैं। परिणामस्वरूप किसी गम्भीर बीमारी का शिकार हो सकते हैं। पुराने समय में जब बच्चे अधिक संख्या में होते थे और उनके बीच फासला कम होता था तो बच्चा जच्चा दोनों की मृत्यु-दर अधिक थी। परन्तु लोगों को छोटे परिवार और बच्चों के जन्म में फासले के महत्त्व का मालूम हो चुका है। शिक्षा के कारण गर्भवती मां की खुराक की ओर अधिक ध्यान दिया जाता है और ठीक फासला होने के कारण जच्चा बच्चा दोनों का स्वास्थ्य ठीक रहता है। इसलिए बच्चों की मृत्यु-दर में काफ़ी कमी आई है।

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प्रश्न 15.
(क) आर्थिक समृद्धि के लिए छोटा परिवार और बच्चों में दूरी रखना क्यों आवश्यक है?
(ख) छोटे परिवार का पूरे परिवार की सेहत पर क्या असर पड़ता है और यह देश की आबादी को कैसे ठीक रखता है?
उत्तर-
इसके लिए देखें प्रश्न 13 का उत्तर।

Home Science Guide for Class 10 PSEB परिवार Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
समाज की प्रारम्भिक इकाई क्या है?
उत्तर-
परिवार।

प्रश्न 2.
परिवार कितने प्रकार के हैं?
उत्तर-
दो, संयुक्त परिवार तथा इकाई परिवार।

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प्रश्न 3.
कौन-सा परिवार छोटा होता है?
उत्तर-
इकाई परिवार।

प्रश्न 4.
कौन-से परिवार में प्रारम्भिक खर्च अधिक होते हैं?
उत्तर-
इकाई परिवार में।

प्रश्न 5.
कौन-से परिवार में पति-पत्नी आर्थिक रूप से आज़ाद नहीं होते हैं?
उत्तर-
संयुक्त परिवार में।

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प्रश्न 6.
परिवार के एक महत्त्वपूर्ण कार्य का वर्णन करें।
उत्तर-
समाजीकरण तथा भाषा विकास।

प्रश्न 7.
बच्चों की आयु में अन्तर रखने का एक कारण बताएँ।
उत्तर-
बच्चों की अच्छी देखभाल हो जाती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
संयुक्त परिवार की दो विशेषताएं बताएं।
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्न में।

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प्रश्न 2.
इकाई परिवार की दो हानियां बताएं।
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

प्रश्न 3.
माता-पिता की अनुपस्थिति में दादा-दादी द्वारा तीन वर्षीय बच्चे की देखभाल के दो उपयोग बताइये।
उत्तर-
आजकल औरतें भी नौकरी करती हैं या घर के अन्य कार्यों के लिए घर से बाहर जाती हैं तथा बच्चे घर पर छोड़ने पड़ते हैं। ऐसी स्थिति में घर पर दादा-दादी हों तो बच्चों की देखभाल की चिन्ता नहीं रहती। दादी अनुभवी होती है तथा वह बच्चों की देखभाल अच्छी प्रकार कर सकती है तथा दादा-दादी का मन भी लगा रहता है। दादादादी को पोते-पोतियों से प्यार भी बहुत होता है।

प्रश्न 4.
संयुक्त परिवार से क्या हानियां हैं? पूर्ण जानकारी दीजिए।
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में ।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
संयुक्त परिवार और इकाई परिवार के बारे विस्तारपूर्वक लिखें।
उत्तर-
इकाई परिवार में मां-बाप और उनकी संतान इकट्ठे रहते हैं। यह एक स्वतन्त्र इकाई है। परन्तु जब परिवार में अन्य दूर निकट के रिश्तेदार भी रहने लग जाएं तो इस परिवार को संयुक्त परिवार कहा जाता है।
परिवार की किस्में-प्राय: परिवार दो प्रकार के होते हैं

  1. संयुक्त परिवार
  2. इकाई परिवार।

1. संयुक्त परिवार-संयुक्त परिवार में घर के कमाई करने वाले सदस्य अपनी कमाई को साझी कमाई में डाल देते हैं। उस साझी कमाई से परिवार का खर्च चलता है। कामकाज सभी सदस्य बांट कर करते हैं। छोटा-बड़ा अपना स्थान पहचानता है। सभी सदस्यं एक-दूसरे पर विश्वास रखते हैं। संयुक्त परिवार में शादी विवाह में वर का चुनाव भी साझी राय से होता है। विवाह होने से केवल लड़के लड़की का ही जोड़ नहीं होता बल्कि परिवारों का जोड़ होता है। संयुक्त परिवार में रिश्तेदारों को एक दूसरे से जोड़ने वाली वस्तु प्रेम भाव और एक-दूसरे के लिए अपने आपको कुर्बान करना है। संयुक्त परिवार वाला घर सब का साझा घर समझा जाता है। जहां कि कोई दूर या निकट सम्बन्धी आकर रह सकता है और साझे खाने में से खाना खा सकता है। साझा घर ग़रीब, यतीम को भी स्थान दे सकता है। दान पुण्य के काम-काज भी साझे फण्ड में से किए जा सकते हैं। आजकल आधुनिक विद्या और औद्योगीकरण के प्रभाव के अधीन संयुक्त परिवार धीरे-धीरे समाप्त होता जा रहा है। नए इकाई परिवार को प्राथमिकता दी जा रही है जिसमें भाईचारा समाप्त हो रहा है। मनुष्य अपने आप में मग्न रहने लग पड़ा है। संयुक्त परिवार की विशेष बातें

  1. संयुक्त परिवार में मां-बाप और बच्चों के अतिरिक्त अन्य रिश्तेदार भी रहते हैं।
  2. इसमें साझी कमाई होती है जो ज़रूरत के समय प्रयोग की जा सकती है। इकट्ठे रहने से खर्च भी कम होता है।
  3. इसमें सभी कार्य विभाजित किए होते हैं और काम-काज का सारा बोझ एक व्यक्ति पर नहीं पड़ता।
  4. बुजुर्ग, विधवा, अंगहीन या इस तरह के अन्य सदस्यों को संयुक्त परिवार में सहारा मिलता है।
  5. काम का सही विभाजन करने से सभी व्यक्तियों को कुछ फुर्सत मिल जाती है।
  6. इस तरह के परिवार में बच्चे बड़ों के तजुर्षों से बहुत कुछ सीखते हैं।
  7. ज़मीन या अन्य जायदाद का विभाजन नहीं होता इसलिए उत्पत्ति भी अधिक होती है।
  8. संयुक्त परिवार में प्रेमभाव, वस्तुओं का साझा प्रयोग, एक-दूसरे के लिए अपना आप कुर्बान करना आदि की शिक्षा अपने आप ग्रहण हो जाती है और एक की खुशी सब की खुशी मानी जाती है।
  9. इस प्रकार के परिवार में आर्थिक सुरक्षा के कारण कई बार कई सदस्य काम नहीं करना चाहते।
  10. संयुक्त परिवार के सदस्य अपनी इच्छा के अनुसार कुछ नहीं कर सकते। उनको प्रत्येक काम के लिए पहले परिवार की सहमति लेनी पड़ती है।
  11. कई बार. बहुत लायक बच्चों को उनके व्यक्तित्व के विकास के लिए पूर्ण मौके नहीं मिलते क्योंकि संयुक्त परिवार में सब से एक जैसा व्यवहार होता है।
  12. छोटे बच्चों को उत्तरदायी बनने के मौके नहीं मिलते क्योंकि उनको हमेशा बड़ों की बात माननी पड़ती है। उपरोक्त से आप जान सकते हैं कि संयुक्त परिवार के जहां कुछ फायदे हैं वहां कुछ नुकसान भी हैं।

2. इकाई परिवार-आधुनिक विद्या और औद्योगीकरण के प्रभाव के कारण इकाई परिवार का महत्त्व बढ़ रहा है क्योंकि इकाई परिवार में माता-पिता और उनके बच्चे ही होते हैं। इस तरह बच्चों के अस्तित्व पर पूरा ध्यान दिया जा सकता है जोकि प्रत्येक मातापिता की इच्छा है। इकाई परिवार छोटा परिवार होता है जिसमें बच्चों के सभी गुणों का विकास अच्छी तरह हो सकता है। इकाई परिवार की विशेष बातें

  1. इकाई परिवार में पति, पत्नी और उनके बच्चे रहते हैं।
  2. इस परिवार में घर के सारे काम का भार स्त्री पर होता है और बाह्य काम का भार पुरुषों पर, काम बांटा नहीं जा सकता।
  3. इस परिवार में सदस्य एक-दूसरे के निकट होते हैं।
  4. आर्थिक रूप में स्वतन्त्रता होती है और पति-पत्नी अपनी इच्छा अनुसार खर्च कर सकते हैं।
  5. होनहार बच्चे के व्यक्तित्व को उभारा जा सकता है और आवश्यकता अनुसार पढ़ाई करवाई जा सकती है।
  6. इस तरह के परिवार में बच्चों के पास भावनात्मक सन्तुष्टि के लिए मां-बाप के अतिरिक्त और कोई अन्य साधन नहीं होता।
  7. इस तरह का परिवार संयुक्त परिवार की तरह सदस्यों की सभी आवश्यकताएं पूर्ण नहीं कर सकता। अपनी आवश्यकताओं के लिए सदस्यों को बाहरी स्रोत ढूंढने पड़ते हैं।
  8. इस में एक व्यक्ति की कमाई पर निर्भर रहना पड़ता है। खर्च भी अधिक होता है।
  9. ज़रूरत के समय मदद का कोई अन्य स्रोत नहीं होता। परिवार को अपने स्रोतों पर ही निर्भर करना पड़ता है।
  10. इस परिवार के सदस्य बड़ों के तजुर्बे से लाभ नहीं उठा सकते।
    संयुक्त परिवार की तरह इकाई परिवार के कुछ फायदे और कुछ नुकसान भी हैं। फिर भी आजकल इकाई परिवार बढ़ रहे हैं।

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प्रश्न 2.
संयुक्त तथा इकाई परिवार की विशेष बातों का वर्णन करें।
उत्तर-
देखें प्रश्न 1 का उत्तर।

प्रश्न 3.
परिवार के बारे में ज़रूरी बातें बताएं।
उत्तर-

  1. परिवार में स्त्री, पुरुष तथा बच्चे होते हैं। स्त्री पुरुष के बीच एक स्थिर सम्बन्ध शादी का होता है।
  2. शादी एक पवित्र सम्बन्ध है। पति-पत्नी के सम्बन्ध मधुर होने से परिवार में सुख-सुविधा रहती है। जब शादी का सम्बन्ध टूट जाता है तो परिवार भी बिखर जाता है।
  3. परिवार के सदस्यों में खून का रिश्ता होता है।
  4. परिवार के सदस्य यदि अलग-अलग रहते हों तो उन्हें परिवार नहीं कहा जाता। कुछ समय के लिए वे अलग रह सकते हैं, परन्तु आमतौर पर सभी एक ही घर में रहते हैं।
  5. प्रत्येक परिवार का अपना नाम होता है जिससे वह दूसरे परिवार से भिन्न होता है।

प्रश्न 4.
संयुक्त परिवार की विशेष बातें बताएं।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

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प्रश्न 5.
छोटे परिवार का महत्त्व विस्तार में बताएं।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 6.
बच्चों में फ़ासला करने से बच्चों की सही देखभाल तथा आर्थिक खुशहाली कैसे होती है?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 7.
बच्चों में फासला करने से आर्थिक खशहाली तथा लिंग सम्बन्धी सन्तुष्टि कैसे होती है?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

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प्रश्न 8.
संयुक्त तथा इकाई परिवार की हानियां बताएं।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें। इकाई परिवार की हानियां

  1. सारे घर का बोझ स्त्री पर तथा बाहर के कार्यों का बोझ पुरुष पर पड़ता है तथा काम बांटा नहीं जा सकता।
  2. बच्चों के पास भावनात्मक सन्तुष्टि के लिए केवल माता-पिता ही होते हैं।
  3. सभी सदस्यों की आवश्यकताएं पूर्ण नहीं की जा सकती। बाहरी स्रोतों से सहायता लेनी पड़ती है।

प्रश्न 9.
इकाई परिवार की क्या हानियां हैं? विस्तारपूर्वक लिखिये।
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

प्रश्न 10.
संयुक्त तथा इकाई परिवार की तुलना करो।
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

प्रश्न 11.
संयुक्त परिवार का क्या महत्त्व है? विस्तार से बताएं।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

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प्रश्न 12.
इकाई परिवार की क्या हानियां हैं? पूर्ण जानकारी दें।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. रिक्त स्थान भरें

  1. परिवार समाज की …………….. इकाई है।
  2. परिवार की …………….. किस्में हैं।
  3. ………….. परिवार छोटा परिवार होता है।
  4. आजकल ……………….. परिवारों की संख्या कम होती जा रही है।
  5. ………. परिवार आजकल लुप्त होते जा रहे हैं।

उत्तर-

  1. प्राथमिक,
  2. दो,
  3. इकाई,
  4. संयुक्त,
  5. संयुक्त।

II. ठीक/ग़लत बताएं

  1. परिवार समाज की प्राथमिक इकाई है।
  2. इकाई परिवार छोटा परिवार है।
  3. संयुक्त परिवारों की संख्या कम होती जा रही है।
  4. संयुक्त परिवार में कई बार बच्चों के व्यक्तित्त्व का विकास नहीं होता।

उत्तर-

  1. ठीक,
  2. ठीक,
  3. ठीक,
  4. ठीक।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 8 परिवार

III. बहविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सामान्यतः परिवार की ………. किस्में हैं
(क) दो
(ख) चार
(ग) पांच
(घ) छः।
उत्तर-
(क) दो

प्रश्न 2.
निम्न में ठीक तथ्य है
(क) परिवार के सदस्यों में रक्त सम्बन्ध होता है।
(ख) संयुक्त परिवार में कमाई को सांझा कमाई में रखा जाता है।
(ग) बच्चे के पालन-पोषण के लिए छोटा परिवार होना चाहिए।
(घ) सभी ठीक।
उत्तर-
(घ) सभी ठीक।

प्रश्न 3.
निम्न में ग़लत तथ्य है
(क) परिवार की संस्था का समाज से कोई सम्बन्ध नहीं है।
(ख) छोटा परिवार खुशहाल नहीं होता है।
(ग) संयुक्त परिवार में आर्थिक आज़ादी होती है।
(घ) सभी गलत।
उत्तर-
(घ) सभी गलत।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 8 परिवार

परिवार PSEB 10th Class Home Science Notes

  • परिवार समाज की प्रारम्भिक इकाई है।
  • परिवार द्वारा ही मनुष्य समाज से जुड़ता है।
  • परिवार दो प्रकार के, संयुक्त और इकाई परिवार होते हैं।
  • इकाई परिवार में बच्चे अपने मां-बाप के पास रहते हैं।
  • इन दोनों किस्मों के फायदे और नुकसान भी हैं।
  • बच्चों की आयु में फासला कम-से-कम तीन वर्ष का आवश्यक होना चाहिए।
  • छोटे परिवार में खुशहाली होती है।
  • छोटे परिवारों में सदस्यों में आपसी प्यार अधिक होता है।
  • संयुक्त परिवारों में सुरक्षा की भावना अधिक होती है।
  • देश की जनसंख्या कम करने के लिए छोटे परिवारों का होना आवश्यक है।

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