Punjab State Board PSEB 11th Class Geography Book Solutions Chapter 2 चट्टानें Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 11 Geography Chapter 2 चट्टानें
PSEB 11th Class Geography Guide चट्टानें Textbook Questions and Answers
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-चार शब्दों में दें-
प्रश्न (क )
चट्टानों से औज़ार कौन-से युग में बनाए जाते थे ?
उत्तर-
पाषाण युग (Stone Age) में।
प्रश्न (ख)
मुसामों के आधार पर चट्टानों की किस्मों के नाम लिखें।
उत्तर-
- मुसामदार चट्टानें (Porous Rocks)
- गैर मुसामदार चट्टानें (Impervious Rocks)
प्रश्न (ग)
पृथ्वी की सबसे ऊपरीय पेपड़ी को और क्या नाम दिया जाता है ?
उत्तर-
थलमण्डल (Lithosphere) ।
प्रश्न (घ)
पैट्रोलोजी को किसका विज्ञान कहा जाता है ?
उत्तर-
चट्टानों का विज्ञान।
प्रश्न (ङ)
रवे किस प्रकार की चट्टानों का अंश हो सकते हैं ?
उत्तर-
अग्नि चट्टानों (Igneous Rocks)।
प्रश्न (च)
माफिक (Mafic) कौन-से दो तत्त्वों का सुमेल है ?
उत्तर-
मैग्नीशियम और लोहे के सुमेल से।
प्रश्न (छ)
अवशेष (पथराट) (Fossils) सर्वाधिक किस किस्म की चट्टानों में मिलते हैं ?
उत्तर-
तहदार तलछटी चट्टानों में।
प्रश्न (ज)
रूपांतरित चट्टानों में कौन-से खनिज पदार्थ अधिक मात्रा में मिलते हैं ?
उत्तर-
नेइस और क्वार्टज़ाइट।
प्रश्न (झ)
चूना पत्थर परिवर्तित होकर कौन-सी चट्टान बनता है ?
उत्तर-
संगमरमर।
प्रश्न (ञ)
शेल, भारत में सर्वाधिक कहाँ-से प्राप्त होता है ?
उत्तर-
स्पीति (हिमाचल प्रदेश) से।
2. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दें-
प्रश्न (क)
पंजाब में शिवालिक हिमालय को कौन-से हिस्सों में बाँटा जाता है ?
उत्तर-
- निम्न शिवालिक
- मध्य शिवालिक
- उच्च शिवालिक।
प्रश्न (ख)
चट्टानों की कौन-सी मुख्य किस्में (प्रकार) हैं ?
उत्तर-
- अग्नि चट्टानें
- तलछटी चट्टानें
- परिवर्तित चट्टानें।
प्रश्न (ग)
पृथ्वी के चापड़ निर्माण में कौन-से मुख्य तत्त्व हैं ?
उत्तर-
ऑक्सीजन और सिलीकॉन।
प्रश्न (घ)
खनिज पदार्थ क्या होते हैं ?
उत्तर-
खनिज एक प्राकृतिक रूप में मिलने वाला अजैव तत्त्व अथवा यौगिक है, जिसकी निश्चित रासायनिक रचना होती है।
प्रश्न (ङ)
पृथ्वी की सतह का सबसे अधिक हिस्सा कौन-सी चट्टानों का है ?
उत्तर-
धरती की सतह का 75% हिस्सा तलछटी चट्टानों से बना हुआ है।
प्रश्न (च)
थल मण्डल का सबसे अधिक भाग कौन-सी चट्टानों का है ?
उत्तर-
तलछटी चट्टानों का।
प्रश्न (छ)
परिवर्तित चट्टानों की निर्माण-क्रिया कहाँ होती है ?
उत्तर-
धरातल से 12-16 कि०मी० नीचे।
प्रश्न (ज)
कोयला रूपांतरित होकर क्या-क्या रूप धारण करता है ?
उत्तर-
पीट, लिग्नाइट, बिटुमिनस और ग्रेफाइट।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 60 से 80 शब्दों में दें-
प्रश्न (क)
अग्नि चट्टानों की कोई तीन विशेषताएं लिखें।
उत्तर-
- 1. ये चट्टानें रवेदार और दानेदार होती हैं।
- ये लावे के जमने के बाद ठोस होने से बनती हैं।
- ये ठोस और स्थूल अवस्था में मिलती हैं।
प्रश्न (ख)
चट्टान की परिभाषा क्या है ?
उत्तर-
पृथ्वी की पेपड़ी का निर्माण करने वाले सभी प्राकृतिक और ठोस पदार्थों को चट्टान कहते हैं, जो ग्रेनाइट के समान कठोर और चिकनी मिट्टी के समान कोमल हो सकती है।
प्रश्न (ग)
खुम्भ जैसी चट्टानें कौन-सी हैं ? एक संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर-
कई बार लावा धरती की निचली सतह और स्थायी अवस्था में जमकर ठोस हो जाता है, तब इसका आधार चौड़ा और शिखर खुम्भ जैसा बन जाता है, जिसे लैकोलिथ कहते हैं। उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी भाग में ये चट्टानें मिलती हैं।
प्रश्न (घ)
संगमरमर और ग्रेफाइट अधिकतर राजस्थान में क्यों मिलते हैं ?
उत्तर-
संगमरमर और ग्रेफाइट ताप परिवर्तित चट्टानें हैं। चूने का पत्थर संगमरमर में बदल जाता है और कोयला ग्रेफाइट में बदल जाता है। ये चट्टानें राजस्थान में बड़े पैमाने पर मौजूद हैं।
प्रश्न (ङ)
कोई तीन चट्टानें बताएँ, जो परिवर्तित होकर कुछ और बनती हैं ?
उत्तर-
मूल चट्टान — परिवर्तित चट्टानें
शेल (Shale) — स्लेट (Slate)
ग्रेनाइट (Granite) — नेइस (Gneiss)
चूने का पत्थर (Limestone) — संगमरमर (Marble)
प्रश्न (च)
ऊर्जा के साधन खनिज कौन-सी चट्टानों से मिलते हैं और क्यों ?
उत्तर-
कोयला, पैट्रोलियम ऊर्जा खनिज हैं। ये तहदार चट्टानों में मिलते हैं। चट्टानों की परतों में जीव-जन्तुओं के अवशेष, दबाव के कारण कोयला और पैट्रोलियम में बदल जाते हैं।
प्रश्न (छ)
तहदार चट्टानों की परिभाषा लिखें।
उत्तर-
तहदार चट्टानें अलग-अलग प्रकार के मलबे के नीचे बैठ जाने (settle down) के कारण बनती हैं। अपरदन से प्राप्त तलछट के जमाव से बनी चट्टानों को तलछटी चट्टानें कहते हैं।
प्रश्न (ज)
चट्टानों का विज्ञान क्या है ? एक नोट लिखें।
उत्तर-
पैट्रोलोजी (Petrology) को चट्टानों का विज्ञान कहते हैं। चट्टानों की तहों में जीव-जन्तु और वनस्पति के अवशेष चट्टानों की उत्पत्ति और समय के बारे में बताते हैं। (Rocks are the pages of the earth, history and fossils are the writing on it.)
4. प्रश्नों के उत्तर 150 से 250 शब्दों में दें-
प्रश्न (क)
चट्टानों से क्या अभिप्राय है ? इनका वर्गीकरण करें और किसी एक प्रकार की व्याख्या करें।
उत्तर-
चट्टानें (Rocks)—पृथ्वी की पेपड़ी का निर्माण करने वाले सभी प्राकृतिक और ठोस पदार्थों को चट्टान कहते हैं। (‘Any material out of which the crust is made is called a Rock.’) चट्टान ग्रेनाइट के समान कठोर अथवा चिकनी मिट्टी के समान कोमल हो सकती है। यह स्लेट की तरह गैरमुसामदार (Imporous) और चूने की पत्थर की तरह मुसामदार (Porous) भी हो सकती है।
एक अन्य परिभाषा के अनुसार, “Any non-metallic natural substance found in the crust of the earth is called a Rock, whether it is hard as granite or soft as clay.”
पृथ्वी का थलमण्डल चट्टानों का बना हुआ है। इन चट्टानों की रचना कई खनिज पदार्थों के मिलने से होती है। (Rocks are aggregate of Minerals.) इनमें क्वार्टज़ खनिज सबसे अधिक मात्रा में मिलता है। एक ही खनिज से बनी हुई चट्टानें भी मिलती हैं, जैसे चूने का पत्थर और रेत का पत्थर। इन खनिज पदार्थों की अलग-अलग मात्रा के कारण चट्टान की कोमलता या कठोरता, रंग, रूप, गुण और शक्ति अलग-अलग होती है। इस प्रकार रंग (Colour), रचना (Structure), कणों (Texture) के आधार पर अलग-अलग प्रकार की चट्टानें मिलती हैं परन्तु सबसे अच्छा वर्गीकरण चट्टानों की रचना के आधार पर ही किया जा सकता है।
चट्टानों का वर्गीकरण (Types of Rocks)-चट्टानें कई प्रकार की होती हैं। रचना के आधार पर चट्टानें निम्नलिखित तीन प्रकार की होती हैं-
- अग्नि चट्टानें (Igneous Rocks)
- तलछटी चट्टानें (Sedimentary Rocks)
- परिवर्तित चट्टानें (Metamorphic Rocks)।
अग्नि चट्टानें (Igneous Rocks)—अग्नि चट्टानें वे चट्टानें हैं, जो पृथ्वी के तरल लावे के ठंडा और ठोस होने के कारण बनती हैं। (Igneous Rocks have been formed by cooling of molten matter of the earth.) ये चट्टानें पृथ्वी पर सबसे पहले बनीं, इसीलिए इन्हें प्रारम्भिक चट्टानें (Primary Rocks) भी कहते हैं। इग्नियस शब्द लातीनी शब्द इग्निस (Ignis) से बना है, जिसका अर्थ अग्नि (Fire) है। पृथ्वी के भीतरी भाग में पिघला हुआ पदार्थ मैग्मा (Magma) है, जिसका औसत तापमान 595° C है। यह गर्म लावा वायुमण्डल के सम्पर्क में आकर ठंडा होकर जम जाता है। इस तरह मैग्मा और लावे के ठंडे होकर कठोर होने से अग्नि चट्टानें बनती हैं।
अग्नि चट्टानों के प्रकार (Types of Igneous Rocks)—मुख्य रूप से ये चट्टानें दो प्रकार की होती हैं-
(i) बाहरी चट्टानें (Extrusive Rocks)-जब लावा पृथ्वी के धरातल से बाहर आकर ठंडा हो जाता है, तब बाहरी चट्टानें (Extrusive Rocks) अथवा धरातलीय चट्टानें बनती हैं।
(ii) भीतरी चट्टानें (Intrusive Rocks)—जब लावा पृथ्वी के तल के नीचे ही जम जाता है, तब भीतरी चट्टानें बनती हैं।
इस प्रकार लावे के ठोस होने की क्रिया और स्थान के आधार पर ये चट्टानें तीन प्रकार की हैं-
(i) ज्वालामुखी चट्टानें (Volcanic Rocks)—ये चट्टानें ज्वालामुखी के “ज्वाला प्रवाह” (Lava Flow) के कारण बनती हैं, इसलिए इन्हें ज्वालामुखी चट्टानें भी कहते हैं। ये पिघला हुआ पदार्थ वायुमंडल के संपर्क से ठंडा हो जाता है। धरती की सतह पर लावा जल्दी ठंडा हो जाता है और पूर्ण रूप से रवे (Crystals) नहीं बनते। ये चट्टानें शीशे (Glass) की तरह होती हैं।
उदाहरण-(i) बसालट, गैब्बरो (Gabbro) इसके अच्छे उदाहरण हैं। (ii) भारत में पश्चिमी-दक्षिणी पठार (दक्षिपी ट्रैप) और संयुक्त राज्य अमेरिका (U.S.A.) में कोलंबिया का
पठार।
(ii) मध्यवर्ती चट्टानें (Intermediate Rocks)—ये भीतरी चट्टानें धरातल से नीचे कुछ गहराई पर छिद्रों और दरारों में लावा जम जाने के कारण बनती हैं। बाहरी तथा भीतरी चट्टानों के बीच में स्थित होने के कारण इन्हें मध्यवर्ती चट्टानें भी कहते हैं। धरती के समानांतर (Horizontal) बनने वाली चट्टानों को सिल और धरती के ऊपर लंब (Vertical) आकार में बनने वाली चट्टानों को डायक (Dyke) कहते हैं। ये भीतरी चट्टानें हैं। इनमें छोटे-छोटे रवे बनते हैं।
उदाहरण-
- भारत के मध्य प्रदेश में कोरबा (Corba) और बंगाल तथा बिहार के रानीगंज और झरिया के कोयला क्षेत्रों में सिल और डायक मिलते हैं।
- डोलेराइट (Dolerite) चट्टान इसका उदाहरण है।
(iii) गहरी अग्नि चट्टानें (Plutonic Rocks)-ये चट्टानें अधिक गहराई पर बनती हैं। जब लावा बाहर आने में असमर्थ होता है और लावा शुरू में ही जम जाता है। अधिक गहराई पर लावा धीरे-धीरे ठंडा और कठोर होता है और बड़े-बड़े मोटे रवे बनते हैं। इन चट्टानों का नाम ‘प्लूटो’ (Pluto) के नाम पर रखा गया है, जिसका अर्थ है-पाताल देवता। धरती के कटाव के बाद ये चट्टानें ऊपर नज़र आती हैं। कई प्रकार के गुंबद (Domes) और बैथोलिथ (Batholith) बनते हैं।
उदाहरण-
- (i) ग्रेनाइट (Granite) नाम की कठोर चट्टान इसका विशेष उदाहरण है।
(ii) भारत में कांची का पठार और सिंहभूम (बिहार) में ग्रेनाइट चट्टानें मिलती हैं।
तेज़ाबी और खारदार चट्टानें (Acid and Basic Rocks)-संरचना की दृष्टि से जिन चट्टानों में सिलिका की मात्रा 66% से अधिक होती है, उन्हें तेज़ाबी चट्टानें (Acid Rocks) और जिनमें सिलिका की मात्रा कम होती है, उन्हें खारदार चट्टानें (Basic Rocks) कहते हैं।
अग्नि चट्टानों की विशेषताएँ (Characteristics of Igneous Rocks)
- ये चट्टानें ढेरों में मिलती हैं।
- इन चट्टानों में कण और परतें नहीं होतीं, बल्कि रवे (Crystals) होते हैं। ये रवे चपटे तल वाले होते हैं।
- ये चट्टानें रवेदार और दानेदार (Crystalline and granular) होती हैं।
- ये ठोस और स्थूल (Compact and Massive) अवस्था में मिलती हैं।
- ये ज्वालामुखी क्षेत्रों में मिलती हैं और लावे के जमकर ठोस होने पर बनती हैं।
- इनमें जीव-जंतुओं के पिंजर (Fossils) नहीं होते।
- इन चट्टानों में बहुत-से जोड़ (Joints) और दरारें (Faults) पड़ जाती हैं।
- इनका अपरदन (Erosion) आसानी से नहीं होता। ये कठोर होती हैं।
अग्नि चट्टानों का आर्थिक महत्त्व (Economic Importance of Igneous Rocks)-
- इन चट्टानों से अनेक प्रकार के खनिज प्राप्त होते हैं।
- ग्रेनाइट से मूर्तियाँ, मकानों के लिए पत्थर आदि बनाए जाते हैं।
- बसालट, डोलेसाइट पत्थर सड़क बनाने के काम आते हैं।
- पीयूमिस पत्थर धार चढ़ाने के काम आता है।
प्रश्न (ख)
अंतर बताएँ-
1. भीतरी और बाहरीय चट्टानें
2. चट्टान व खनिज
3. ताप व प्रादेशिक परिवर्तन।
उत्तर-
(i) अंदरूनी चट्टानें- | (ii) बाहरीय चट्टानें |
1. जब मैग्मा धरती के भीतरी भाग में ही जमकर ठोस रूप धारण कर लेता है तो उसे भीतरी अग्नि चट्टानें अग्नि चट्टानें कहते हैं। | 1. जब लावा धरातल पर ठंडा होकर ठोस रूप धारण कर लेता है, तो उसे बाहरी कहते हैं। |
2. धीरे-धीरे ठंडा होने के कारण बड़े-बड़े रवे (Crystals) बनते हैं। | 2. लावा के जल्दी ठंडे हो जाने के कारण रवे अच्छी तरह से नहीं बनते। |
3. इनकी बनावट मोटी दानेदार होती है। | 3. इनकी बनावट शीशे के समान होती है। |
4. इन्हें ज्वालामुखी चट्टानें भी कहते हैं। | 4. इन्हें पाताली या गहरी चट्टानें भी कहते हैं। |
5. बसालट इसका प्रमुख उदाहरण है। | 5. ग्रेनाइट इसका प्रमुख उदाहरण है। |
चट्टान- | खनिज- |
1. चट्टानों की रासायनिक बनावट निश्चित नहीं होती है। | 1. इनकी रासायनिक बनावट निश्चित होती है। |
2. चट्टानों की रचना कई खनिज पदार्थों के योग से होती है। | 2. खनिज एक प्राकृतिक रूप से मिलने वाला अजैव तत्त्व है। |
3. चट्टानों के भौतिक गुण अलग-अलग होते हैं। | 3. हर एक खनिज के भौतिक गुण निश्चित होते हैं। |
ताप परिवर्तन | प्रादेशिक परिवर्तन |
1. इस क्रिया में लावे के स्पर्श से चट्टानों में परिवर्तन होता है। | 1. इस क्रिया में ऊपरी तहों के दबाव से चट्टानों में परिवर्तन होता है। |
2. यह क्रिया स्थानीय रूप में होती है। | 2. यह क्रिया बड़े पैमाने पर होती है। |
3. इस क्रिया से चूने का पत्थर संगमरमर बन जाता है। | 3. इस क्रिया से ग्रेनाइट, नेइस चट्टान में परिवर्तित हो जाता है। |
प्रश्न (ग)
चट्टान चक्र क्या है ? उदाहरणों व चित्रों से स्पष्ट करें।
उत्तर-
एक प्रकार की चट्टानों का दूसरी प्रकार की चट्टानों में परिवर्तित होने की प्रक्रिया को चट्टानी चक्र कहते हैं। यह पृथ्वी के भीतरी ताप और बाहरी शक्तियों के अपरदन के कारण होता है। अग्नि चट्टानों के अपरदन के कारण तलछट प्राप्त होते हैं, जिनसे तहदार चट्टानें बनती हैं। ये चट्टानें ताप, दबाव और रासायनिक प्रक्रिया के कारण रूपांतरित चट्टानें बन जाती हैं। ये पिघल कर फिर से अग्नि चट्टानें बन जाती हैं। अपरदन के कारण ये फिर तलछटी चट्टानें बन जाती हैं। इसे चट्टानी चक्र (Rock Cycle) कहते हैं। यह चक्र लगातार चलता रहता है।
प्रश्न (घ)
तहदार और परिवर्तित चट्टानों के गुणों के आधार पर ब्यान कीजिए कि मनुष्य के लिए कौन-सी प्रकार अधिक लाभदायक है ?
उत्तर-
1. इन चट्टानों से कई प्रकार के प्राकृतिक साधन मिलते हैं, जैसे-कोयला, तेल, गैस आदि सभी पदार्थ वनस्पति और जीव-जंतुओं के अवशेषों से प्राप्त होते हैं। बारीक रेत, गाद, रेत पत्थर, शैल आदि भवन-निर्माण के काम आते हैं। बाढ़ के मैदान खेती के लिए लाभदायक होते हैं। झीलों से जिप्सम पत्थर मिलता है। कांगलोमरेट शिवालिक की पहाड़ियों और तलचर में मिलते हैं। चूने का पत्थर, चॉक, डोलोमाइट सीमेंट उद्योग में काम आते हैं। सटैलरानाईट, सटैलकटालीट चट्टानों से नमक प्राप्त होता है।
2. परिवर्तित चट्टानें- परिवर्तित चट्टानों से सोना, चांदी, कीमती पत्थर, जवाहरात आदि मिलते हैं। कठोर प्रकार के पत्थर ग्रेनाइट, नेइस, सिस्ट उपयोगी होते हैं। संगमरमर, स्लेट, ग्रेफाइट कीमती चट्टानें हैं। क्वार्टज़ाइट चट्टान राजस्थान, बिहार, मध्यप्रदेश में मिलती है। नेइस को भवनों के निर्माण के लिए तथा क्वार्टज़ाइट को शीशा बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। ग्रेफाइट से पेंसिल का सिक्का बनता है। कई प्रसिद्ध इमारतें जैसे-ताजमहल, आगरे का किला, लाल किला आदि संगमरमर से बनी हैं।
प्रश्न (ङ)
निक्षेप विधि से बनी तहदार चट्टानों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
तलछटी चट्टानें (Sedimentary Rocks)-अपरदन द्वारा प्राप्त तलछट (Sediments) के जमाव से बनी चट्टानों को तलछटी चट्टानें कहते हैं। (Sedimentary Rocks are those rocks which have been formed by deposition of Sediments.)
तलछट में छोटे और बड़े आकार के कण होते हैं। इन कणों के इकट्ठा होकर बैठ जाने से (settle down) तलछटी चट्टानों का निर्माण होता है।
तलछट के साधन (Sources of Sediments)-पृथ्वी के धरातल पर अपरदन से प्राप्त पदार्थों को जल, हवा और हिम नदी जमा करते रहते हैं।
तलछट जमा होने के स्थान (Places of Deposition)–यह तलछट समुद्रों, झीलों, नदियों, डेल्टाओं आदि क्षेत्रों में जमा होती रहती है।
रचना (Formation)इन चट्टानों की रचना कई स्तरों पर पूरी होती है।
1. तलछट का निक्षेप (Deposition) – ये पदार्थ एक निश्चित क्रम के अनुसार जमा होते रहते हैं। पहले बड़े कण और उसके बाद छोटे कण (During the deposition, the material is sorted out according to the size.)
2. परतों का निर्माण (Layers)-लगातार जमाव के कारण परतों का निर्माण होता है। पदार्थ एक परत के ऊपर दूसरी परत के रूप में जमा होते रहते हैं।
3. ठोस होना (Solidification)–ऊपरी परतों के भार के कारण नीचे की परतें संगठित होने लगती हैं।
सिलिका, कैलसाइट, चिकनी मिट्टी आदि संयोजक (Cementing agent) चट्टानों को ठोस रूप दे देते हैं। तलछटी चटटानों की किस्में (Types of Sedimentary Rocks)-तलछटी चट्टानें तीन प्रकार से बनती हैं –
1. यांत्रिक क्रिया द्वारा (Machanically Formed Rocks)
2. जैविक पदार्थों द्वारा (Organically Formed Rocks)
3. रासायनिक तत्त्वों द्वारा (Chemically Formed Rocks)
तलछटी चट्टानों के निर्माण के साधनों और जमाव के स्थान के अनुसार नीचे लिखी किस्में हैं-
1. यांत्रिक क्रिया द्वारा बनी चट्टानें (Mechanically Formed Rocks)-इन चट्टानों का निर्माण कटाव की शक्तियों के द्वारा एक स्थान पर एकत्र होने से होता है : जैसे नदी और हिम नदी आदि। इन चट्टानों के पदार्थ यांत्रिक रूप में प्राप्त होते हैं। ये चट्टानी टुकड़े आपस में जुड़कर कठोर चट्टान का रूप धारण कर लेते हैं।
(क) दरियाई चट्टानें (Riverine Rocks)–जब तलछट का जमाव नदी बेसिन (Basin); बाढ़ क्षेत्र और डेल्टा में होता है तब ये चट्टानें बनती हैं; जैसे शेल (Shale), चिकनी मिट्टी (Clay), रेत का पत्थर (Sand Stone)। इन चट्टानों में रेत के कणों और चिकनी मिट्टी के कणों की बहुतायत होती है। ये चट्टानें दो प्रकार की होती हैं-
- रेत निर्मित चट्टानें (Arenaceous Rocks)–जिनमें रेत, बजरी और क्वार्टज़ अधिक मात्रा में हों। बजरी तथा गोल पत्थरों के आपसी जमाव से कांगलोमरेट चट्टान बनती है।
- मिट्टी निर्मित चट्टानें (Argillaceous Rocks)-जिनमें चिकनी मिट्टी (clay) के कण अधिक मात्रा में हों। शेल (Shale) और सिल्ट (Silt) से मिट्टी के बर्तन और ईंटें बनती हैं।
(ख) झील परतदार चट्टानें (Laccustrine Rocks)-जब तलछट का जमाव झीलों में होता रहता है, तब झीलों में परतदार चट्टानें बनती हैं। झील के भर जाने या सूख जाने पर तल के ऊपर उठ जाने से ये चट्टानें उभर आती हैं; जैसे नमक और जिप्सम (Gypsum) आदि।
(ग) वायु निक्षेप चट्टानें (Aeolian Rocks)-हवा के द्वारा जमा की गई रेत और मिट्टी जम कर कठोर चट्टानों का रूप धारण कर लेती है। इन चट्टानों में कमज़ोर परतें होती हैं। जिस प्रकार मध्य एशिया के गोबी (Gobi) मरुस्थल से हवा द्वारा लाए गए बारीक कणों से चीन का लोइस (Loess) पठार बन गया है।
(घ) हिम निक्षेप चट्टानें (Glacial Rocks)-जब हिमनदी (Glaciar) पिघलती है तो अपने साथ लाए हुए मलबे को अपने किनारों और सिरों पर जमा कर देती है। मलबे के इन ढेरों को हिम-चट्टानें कहते हैं।
2. जैविक चट्टानें (Organically Formed Rocks)-इन चट्टानों का निर्माण जीव-जंतुओं और वनस्पति के मलबे के इकट्ठे होने से होता है। ये चट्टानें मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं –
(i) कार्बन प्रधान चटटाने
(ii) चूना प्रधान चट्टानें
(i) कार्बन प्रधान चट्टानें (Carbonaceous Rocks)-भूमि की उथल-पुथल के कारण जीव-जंतु और वनस्पति पृथ्वी के नीचे दब जाते हैं। ऊपरी तलछट के दबाव और गर्मी के कारण वनस्पति कोयले के रूप में बदल जाती है, जिसमें कार्बन की प्रधानता होती है। पीट (Peat), लिग्नाइट (Lignite), एंथरेसाइट (Anthracite) कोयले का निर्माण इसी प्रकार होता है।
(ii) चूना प्रधान चट्टानें (Calcareous Rocks)–समुद्र के जीव-जंतु समुद्र के पानी से चूना प्राप्त करके अपने पिंजर (Skeleton) का निर्माण करते हैं। जब ये जीव मर जाते हैं तो ये पिंजर परतों के रूप में इकट्ठे होकर चट्टान बन जाते हैं। इन चट्टानों में चूने की मात्रा अधिक होने के कारण ये चट्टानें चूने का पत्थर (Lime Stone), चॉक (Chalk), डोलोमाइट (Dolomite) आदि में बदल जाती हैं।
3. रासायनिक चट्टानें (Chemically Formed Rocks)—पानी में कई रासायनिक तत्त्व मिले होते हैं। जब पानी भाप बनकर उड़ जाता है, तो रासायनिक पदार्थ परतों के रूप में जमते रहते हैं और कठोर चट्टानें बन जाती हैं, जैसे-पहाड़ी नमक (Rock Salt), जिप्सम (Gypsum), शोरा (Potash) । इन चट्टानों के निर्माण में काफी समय लग जाता है।
तलछटी चट्टानों की विशेषताएं (Characteristics of Sedimentary Rocks)-
- इन चट्टानों में अलगअलग परतें होती हैं, इसलिए इन्हें परतदार चट्टानें (Stratified Rocks) भी कहते हैं। ये परतें एक-दूसरे के समानांतर मिलती हैं।
- इनका निर्माण छोटे-छोटे कणों (Particles) से होता है।
- इनमें जीव-जंतुओं और वनस्पति के अवशेष (Fossils) मिलते हैं।
- पानी में निर्माण होने के कारण इनमें लहरों, धाराओं और कीचड़ के चिह्न मिलते हैं।
- ये चट्टानें मुलायम होती हैं और इनका अपरदन जल्दी होता है।
- ये पृथ्वी के धरातल के 75% भाग पर फैली होती हैं, परन्तु पृथ्वी की गहराई में इनका विस्तार केवल 5% है। (The Sedimentary rocks are important for extent, not for depth.)
- इनका घनत्व कम होता है।
प्रश्न (च)
स्थान और आकृति के आधार पर मध्यवर्ती अग्नि चट्टानों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
मध्यवर्ती अग्नि चट्टानों की आकृति और स्थान के आधार पर इन्हें अनेक उपभागों में बाँटा जा सकता है-
1. लैकोलिथ (Laccoliths) जो लावा धरती की निचली सतह और स्थायी अवस्था में जमकर ठंडा हो जाता है, जैसे—दो परतदार चट्टानों के बीच जमा लावा-इन्हें लैकोलिथ कहा जाता है। इनका आधार चौड़ा, एक डबलरोटी के एक टुकड़े (Loaf) अथवा खंभ (Mushroom) की तरह शिखर गुंबद जैसा होता है। ये चट्टानें उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी हिस्से में बहुत आम मिलती हैं।
2. बैथोलिथ (Batholiths)-बैथोलिथ बहुत ही विशाल भीतरी अग्नि चट्टानें हैं। इनकी लम्बाई 100 किलोमीटर से भी अधिक हो सकती है। इनकी मोटाई (Thickness) अधिक होने के कारण आधार को देखना संभव नहीं। जब लावा धरती की तहों के नीचे टेढ़ा और अव्यवस्थित ढंग से जमता है तो ऐसी चट्टानों की उत्पत्ति होती है। इसका आकार बेढंगा और गुंबदनुमा हो सकता है। इस प्रकार से बनी चट्टानों को बैथोलिथ कहा जाता है। इन चट्टानों को हम तभी देख सकते हैं, अगर इस प्रकार की अग्नि चट्टानों पर खुरचने की क्रिया हुई हो। इनकी चौड़ाई 50 से 80 किलोमीटर तक हो सकती है। पर्वतों के आधार इन चट्टानों के ही होते हैं। ग्रेनाइट की विशाल चट्टानें बैथोलिथ चट्टानों का ही रूप हैं। चेन्नई में छोटी-छोटी पहाड़ियाँ बैथोलिथ का ही हिस्सा हैं, जो कि खुरचन क्रिया से ही बनी हैं और अधिकतर गुंबद जैसी (Dome shaped) हैं।
3. लैपोलिथ (Lapolith)-जब लावा तश्तरीनुमा आकार में धरती की सतह के नीचे जम जाता है, तब इसे लैपोलिथ कहते हैं। वास्तव में लैपोलिथ बैथोलिथ का ही एक अलग रूप है। अमेरिका में इसके उदाहरण देखने को मिलते हैं। कनाडा में ड्रलथ गैब्बरो (Duluth Gabbro) जो कि 2 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।
4. फैकोलिथ (Phacoliths)-धरती की सतह के नीचे लावा कई लहरों के रूप में जम जाता है। इस प्रकार की आकृति की चट्टान को फैकोलिथ कहा जाता है।
5. स्टॉक (Stock)-जब बैथोलिधं चट्टान छोटे आकार का गुंबदनुमा या गोल आकृति की होती है तो उसे स्टॉक कहते हैं। एक स्टॉक का क्षेत्रफल (area) 100 वर्ग किलोमीटर से कम होता है।
6. सिल (Sills)-जब गर्म लावा चट्टानों की तहों में ठंडा होकर जम जाता है, तो इसे सिल कहा जाता है। इनकी लम्बाई कई सौ मीटर तक हो सकती है। पर अगर मोटाई कुछ मीटर तक ही हो या कम हो, तो इसको शीट (Sheet) कहा जाता है।
7. डायक (Dyke/Dike)-डायक. लम्बाकार रूप में (Vertical) जमा हुआ लावा होता है। इनकी लम्बाई कुछ मीटरों से किलोमीटरों तक और चौड़ाई कुछ सैंटीमीटरों से कई मीटरों तक हो सकती है। भारत में तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश राज्यों में इसके उदाहरण देखने को मिलते हैं।
8. ज्वालामुखीय ग्रीवा (Volcanic Neck)-धरती का गर्म लावा एक नली से बाहर आता है। जब ज्वालामुखी __ फटता है, तो विस्फोट के बाद जो लावा रास्ते में ही जम जाता है, उसे ज्वालामुखी Neck कहा जाता है।
Geography Guide for Class 11 PSEB चट्टानें Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)
नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 2-4 शब्दों में दें-
प्रश्न 1.
पृथ्वी की बाहरी परत को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
थलमंडल।
प्रश्न 2.
Igneous शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
अग्नि।
प्रश्न 3.
किन चट्टानों को प्रारम्भिक चट्टानें कहते हैं ?
उत्तर-
अग्नि चट्टानों।
प्रश्न 4.
ज्वालामुखी चट्टानों का एक उदाहरण दें।
उत्तर-
बसालट।
प्रश्न 5.
गहरी अग्नि चट्टानों का एक उदाहरण दें।
उत्तर-
ग्रेनाइट।
प्रश्न 6.
झील परतदार चट्टानों का एक उदाहरण दें।
उत्तर-
जिप्सम।
प्रश्न 7.
कार्बन प्रधान चट्टान का एक उदाहरण दें।
उत्तर-
कोयला।
प्रश्न 8.
चूना प्रधान चट्टान का एक उदाहरण दें।
उत्तर-
डोलोमाइट।
प्रश्न 9.
परिवर्तन चट्टानों के दो कारण बताएँ।
उत्तर-
ताप और दबाव।
प्रश्न 10.
संगमरमर की मूल चट्टान का नाम बताएँ।
उत्तर-
चूने का पत्थर।
बहुविकल्पी प्रश्न
नोट-सही उत्तर चुनकर लिखें –
प्रश्न 1.
किन चट्टानों को प्रारम्भिक चट्टानें कहते हैं ?
(क) अग्नि
(ख) तलछटी
(ग) परिवर्तित
(घ) परतदार।
उत्तर-
अग्नि।
प्रश्न 2.
कार्बन प्रधान कौन-सी चट्टान है ?
(क) कोयला
(ख) चूना
(ग) संगमरमर
(घ) जिप्सम।
उत्तर-
कोयला।
प्रश्न 3.
संगमरमर किस वर्ग की चट्टान है ?
(क) अग्नि
(ख) तलछटी
(ग) परिवर्तित
(घ) अवसादी।
उत्तर-
परिवर्तित।
प्रश्न 4.
भू-पर्पटी का निर्माण करने वाले पदार्थ को कहते हैं-
(क) चट्टान
(ख) खनिज
(ग) धातु
(घ) लावा।
उत्तर-
चट्टान।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से कौन-सी परिवर्तित चट्टान है ?
(क) ग्रेनाइट
(ख) ग्रेफाइट
(ग) ग्रिट
(घ) गैब्बरो।
उत्तर-
ग्रेफाइट।
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions) –
नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 2-3 वाक्यों में दें-
प्रश्न 1.
थलमंडल से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
थलमंडल से तात्पर्य है-चट्टानी मंडल (Rock Sphere)। थलमंडल का निर्माण चट्टानों से होता है।
प्रश्न 2.
धरती के समूचे पुंज का निर्माण करने वाले चार तत्त्व बताएँ।
उत्तर-
लोहा, ऑक्सीजन, सिलीकॉन और मैग्नेशियम।
प्रश्न 3.
Igneous शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
Igneous शब्द लातीनी भाषा के Ignis शब्द से बना है, जिसका अर्थ ज्वाला या आग होता है।
प्रश्न 4.
अग्नि चट्टानों के दो प्रमुख प्रकार बताएँ।
उत्तर-
- बाहरी अग्नि चट्टानें
- भीतरी अग्नि चट्टानें।
प्रश्न 5.
मैग्मा से क्या भाव है ?
उत्तर-
भू-गर्भ में गर्म, चिपचिपा और तरल पदार्थ मैग्मा कहलाता है।
प्रश्न 6.
भारत में ग्रेनाइट कहाँ मिलता है ?
उत्तर-
दक्षिणी पठार, छत्तीसगढ़, छोटा नागपुर और राजस्थान में ग्रेनाइट चट्टानें मिलती हैं।
प्रश्न 7.
सिल और डायक में अन्तर बताएँ।
उत्तर-
जब गर्म लावा चट्टानों की तहों में ठंडा होकर जम जाता है, तो उसे सिल कहते हैं। जब लावा लंबाकार अथवा दीवार के रूप में जमता है, तो उसे डायक कहते हैं।
प्रश्न 8.
दक्षिणी ट्रैप से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
भारतीय प्रायद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग में विशाल क्षेत्र बसालट से बना है, इसे दक्षिणी ट्रैप कहते हैं।
प्रश्न 9.
तहदार चट्टानों का विस्तार बताएँ।
उत्तर-
धरती की 75% सतह पर तहदार चट्टानें मिलती हैं, जबकि ये चट्टानें समूची धरती के स्थलमंडल पर केवल 5% भाग ही हैं।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)
नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 60-80 शब्दों में दें-
प्रश्न 1.
अग्नि चट्टानों की विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर-
अग्नि चट्टानों की विशेषताएँ (Characteristics)-
- ये चट्टानें ढेरों में मिलती हैं।
- इन चट्टानों में कण और परतें नहीं होतीं, बल्कि रवे (Crystals) होते हैं। ये रवे चपटे तल वाले होते हैं।
- ये चट्टानें रवेदार और दानेदार (Crystalline and Granular) होती हैं।
- ये ठोस और स्थूल (Compact and Massive) अवस्था में मिलती हैं।
- ये ज्वालामुखी क्षेत्रों में मिलती हैं और लावा के जम कर ठोस होने से बनती हैं।
- इनमें जीव-जन्तुओं के पिंजर (Fossils) नहीं होते।
- इन चट्टानों में बहुत-से जोड़ (Joints) और दरारें (Faults) पड़ जाती हैं।
- इनका अपरदन (Erosion) आसानी से नहीं होता क्योंकि ये कठोर होती हैं।
प्रश्न 2.
तलछटी चट्टानों की विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर-
तलछटी चट्टानों की विशेषताएँ (Characteristics)-
- इन चट्टानों में अलग-अलग परतें मिलती हैं, इसलिए इन्हें परतदार चट्टानें (Stratified Rocks) कहते हैं। ये परतें एक-दूसरे के समानांतर होती हैं।
- इनका निर्माण छोटे-छोटे कणों (Particles) से होता है।
- इनमें जीव-जन्तुओं और वनस्पति के अवशेष (Fossils) मिलते हैं।
- पानी में निर्माण होने के कारण इनमें लहरों, धाराओं और कीचड़ के चिह्न मिलते हैं।
- ये चट्टानें मुलायम होती हैं और इनका अपरदन जल्दी होता है।
- ये पृथ्वी के धरातल के 75% भाग में फैली हुई हैं, परन्तु ये चट्टानें पृथ्वी के स्थलमंडल का केवल 5% भाग ही हैं।
(The Sedimentary Rocks are important for extent, not for depth.) - इनका घनत्व कम होता है।
प्रश्न 3.
अग्नि चट्टानों और तलछटी चट्टानों का महत्त्व बताएँ।
उत्तर-
अग्नि चट्टानों का आर्थिक महत्त्व (Economic Importance)
- इन चट्टानों से अनेक प्रकार के खनिज प्राप्त होते हैं।
- ग्रेनाइट से मूर्तियाँ और मकानों के लिए पत्थर बनाए जाते हैं।
- बसालट, डोलेराइट पत्थर सड़क बनाने के काम आते हैं।
- पीयूमिस पत्थर धार चढ़ाने के काम आता है।
तलछटी चट्टानों का आर्थिक महत्त्व (Economic Importance)-परतदार चट्टानें मानव जीवन के लिए बहुत कीमती होती हैं-
- कोयला और पैट्रोलियम ऊर्जा के प्रमुख साधन हैं।
- इन चट्टानों से सोना, चाँदी और तांबा आदि खनिज पदार्थ मिलते हैं।
- चिकनी मिट्टी से ईंटें, चूने से सीमेंट और रेत से काँच बनता है।
- चूने का पत्थर इमारतें बनाने में प्रयोग होता है।
- कई प्रकार के रासायनिक पदार्थ बनाए जाते हैं।
- तलछटी चट्टानों से बने मैदान कृषि के लिए महत्त्वपूर्ण होते हैं।
प्रश्न 4.
बसालट और ग्रेनाइट की रचना किस प्रकार होती है ?
उत्तर-
1. बसालट (Basalt)-यह एक बाहरी अग्नि चट्टान है। सतह के ऊपर आने वाला लावा ठंडा होकर बसालट चट्टान को जन्म देता है। इस चट्टान का रंग काला अथवा गहरा भूरा होता है। लावे के जल्दी ठंडा होने के कारण रवे (Crystals) नहीं बनते। इनकी रचना शीशे (Glass) के समान होती है। इनका प्रयोग मकान बनाने के लिए होता है। भारत में काली मिट्टी के क्षेत्र का निर्माण बसालट के टूटने-फूटने के कारण हुआ है।
2. ग्रेनाइट (Granite)-यह एक अग्नि चट्टान है। यह धरती के भीतरी भाग में गहराई पर बनती है। यह एक गहरी अग्नि चट्टान (Plutonc Rock) है। इसमें लावा धीरे-धीरे ठंडा होता है, इसलिए बड़े-बड़े रवे (Crystals) बनते हैं। इसमें सिलिका (Silica) की मात्रा अधिक होती है। इसका रंग गहरा भूरा, लाल और स्लेटी भी होता है। यह कठोर पत्थर होता है और इसका प्रयोग मकान बनाने के लिए किया जाता है।
प्रश्न 5.
संगमरमर की रचना कैसे होती है ?
उत्तर-
संगमरमर (Marble)-संगमरमर एक परिवर्तित चट्टान (Metamorphic Rock) है। जब गर्म लावा चूने के पत्थर को स्पर्श करता है तो इसका रूप बदल जाता है और यह एक शुद्ध सफेद रंग का बन जाता है। अशुद्धियों के कारण इसका रंग लाल, हरा और काला भी होता है। यह मुलायम होता है और मकान बनाने के काम आता है। आगरा का ताजमहल संगमरमर का बना हुआ है।
प्रश्न 6.
कोयले की रचना किस प्रकार होती है ?
उत्तर-
कोयला (Coal)-भूमि की उथल-पुथल के कारण जीव-जन्तु और वनस्पति पृथ्वी के नीचे दब जाते हैं। ऊपरी तलछट के दबाव और गर्मी के कारण वनस्पति कोयले के रूप में बदल जाती है, जिसमें कार्बन की प्रधानता होती है। इन चट्टानों को कार्बन प्रधान चट्टानें (Carbonaceous Rocks) कहते हैं, जैसे-पीट (Peat), लिग्नाइट (Lignite), एंथ्रासाइट (Anthracite) कोयले का निर्माण भी इसी प्रकार होता है।
प्रश्न 7.
अग्नि चट्टानों को प्रारम्भिक चट्टानें क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
आरम्भ में पृथ्वी में मूल पदार्थ मैग्मा (Magma) पिघला हुआ और गर्म अवस्था में था। यह मैग्मा वायु मण्डल के सम्पर्क में आने के कारण ठंडा होकर जम कर ठोस हो गया। इस प्रकार से पहले धरती की पिघली दशा से ठोस रूप में आने पर अग्नि चट्टानों का निर्माण हुआ। सबसे पहले बनने के कारण इन्हें प्रारम्भिक चट्टानें (Primary Rocks) कहते हैं।
प्रश्न 8.
तलछटी चट्टानों में जीव-जन्तुओं के अवशेष (Fossils) सुरक्षित रहते हैं, जबकि अग्नि चट्टानों में नहीं, क्यों ?
उत्तर-
जीव-जन्तुओं और वनस्पति के बचे-खुचे भागों से अवशेष प्राप्त होते हैं। तलछटी चट्टानें परतों के रूप में मिलती हैं। इन परतों के बीच ये अवशेष सुरक्षित रहते हैं। ये अवशेष उन चट्टानों की उत्पत्ति के समय के बारे में जानकारी देते हैं।
अग्नि चट्टानों में परतें नहीं मिलती हैं। ये गर्म पिघलते हुए मैग्मा से बनती हैं। इनके स्पर्श से अवशेष झुलस जाते हैं और नष्ट हो जाते हैं।
प्रश्न 9.
अग्नि चट्टानों और तलछटी चट्टानों में अन्तर बताएँ।
उत्तर-
अग्नि चट्टानें (Igneous Rocks)-
- रूप-ये चट्टानें ढेरों (Bulks) में मिलती हैं।
- कण-इन चट्टानों में चपटे तल वाले रवे (Crystals) मिलते हैं।
- रचना-ये चट्टानें लावा (Lava) के ठंडे और ठोस होने से बनती हैं।
- कठोरता-ये चट्टानें कठोर होती हैं।
- जीव-अवशेष- इनमें जीव-अवशेष नहीं मिलते हैं।
- निर्माण-काल-सबसे पहले बनने के कारण इन्हें प्रारम्भिक चट्टानें (Primary Rocks) भी कहते हैं।
- कटाव-इन चट्टानों पर टूट-फूट का प्रभाव कम होता है।
- जोड़ (Joints)-इनमें जोड़ मिलते हैं।
- मुसाम-ये चट्टानें अप्रवेशी हैं।
तलछटी चट्टानें (Sedimentary Rocks)-
- ये चट्टानें परतों (Layers) में मिलती हैं।
- इन चट्टानों में अलग-अलग आकार के गोल कण (Particles) मिलते हैं।
- ये चट्टानें तलछट (Sediments) की परतों के निरन्तर जमाव के कारण बनती हैं।
- ये चट्टानें नर्म होती हैं।
- इनमें जीव-अवशेष सुरक्षित रहते हैं।
- अग्नि चट्टानों के नष्ट होने के बाद बनने के कारण इन्हें गौण चट्टानें (Secondary Rocks) भी कहते हैं।
- इन चट्टानों पर टूट-फूट का प्रभाव जल्दी होता
- इनमें जोड़ नहीं मिलते हैं।
- ये अधिकतर प्रवेशी चट्टानें हैं।
प्रश्न 10.
धरती के चापड़ में कौन-से प्रमुख तत्त्व हैं ?
उत्तर-
धरती के चापड़ का निर्माण करने वाली चट्टानों में नीचे लिखे तत्त्व दी हुई औसत मात्रा में शामिल होते हैं –
प्रश्न 11.
भारत में अग्नि चट्टानों के विभाजन के बारे में बताएँ।
उत्तर-
(Essay Type Questions)
नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 150-250 शब्दों में दें-
प्रश्न-
परिवर्तित चट्टानों से क्या तात्पर्य है ? इनकी रचना किस प्रकार होती है ? उदाहरण दें।
उत्तर-
परिवर्तित चट्टानें (Metamorphic Rocks)-Metamorphic Rocks शब्द का अर्थ है- ‘रूप में परिवर्तन’ (Change in form) । ये वे चट्टानें हैं, जो गर्मी और दबाव के प्रभाव से अपना रंग, रूप, गुण, आकार और खनिज बदल लेती हैं। अग्नि तथा तलछटी चट्टानों का मूल रूप में इतना परिवर्तन हो जाता है कि कई चट्टानों को पहचानना मुश्किल हो जाता है। यह परिवर्तन दो प्रकार से होता है-
1. भौतिक परिवर्तन (Physical Change)
2. रासायनिक परिवर्तन (Chemical Change)
इतना परिवर्तन होते हुए भी चट्टानों में टूट-फूट नहीं होती। यह परिवर्तन दो कारणों से होता है।
परिवर्तन के कारक (Agents of Change)-
1. ताप (Heat)
2. दबाव (Pressure)
1. ताप से स्पर्शी रूपान्तरण (Heat Contact Metamorphism)-गर्म लावे के स्पर्श से निकट के प्रदेश की चट्टानें झुलस जाती हैं और उनके रवे पूरी तरह से बदल जाते हैं। जिस प्रकार गर्म लावे के स्पर्श से चूने का पत्थर (Lime Stone) संगमरमर (Marble) बन जाता है। दक्षिणी भारत में धारवाड़ (Dharwar) प्रदेश में ऐसी चट्टानें मिलती हैं।
2. दबाव (Pressure) से पृथ्वी की उथल-पुथल, भूचाल, पर्वतों के निर्माण आदि के कारण चट्टानों पर दबाव पड़ता है। ऊपरी परतों के दबाव से निचली चट्टानों के गुणों में परिवर्तन आ जाता है। यह परिवर्तन बड़े पैमाने पर विशाल प्रदेशों में होता है। इसके कुछ उदाहरण आगे लिखे हैं-
मुख्य चट्टानें — परिवर्तित चट्टानें
1. शेल (Shale) — 1. स्लेट (Slate)
2. अभ्रक (Mica) — 2. शिसट (Schist)
3. ग्रेनाइट (Granite) — 3. नेइस (Gneiss)
4. रेतीला पत्थर (Sand Stone). — 4. क्वार्टज़ाइट (Quartzite)
5. कोयला (Coal) — 5. ग्रेफाइट (Graphite)
इसे क्षेत्रीय रूपान्तरण (Regional Metamorphism) भी कहते हैं।
विशेषताएँ (Characteristics)-
- इन चट्टानों की कठोरता बढ़ जाती है।
- चट्टानों के खनिज पिघल कर इकट्ठे हो जाते हैं।
- ठोस होने के कारण अपरदन कम होता है।
- इनमें खनिजों से मिले हुए जल के स्रोत मिलते हैं, जिनसे चमड़ी के रोग दूर हो जाते हैं।
- मकान बनाने के लिए संगमरमर, स्लेट, क्वार्टज़ाइट मिलते हैं।