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PSEB 10th Class Computer Notes Chapter 4 वैब डिवैल्पमैंट
जान पहचान
एक वैबसाइट को डिज़ाइन करने के लिए चार भागों में बांटा जा सकता है। जो हैं –
- वैबसाइट का उद्देश्य
- दर्शकों के लिए डिज़ाइन
- कार्य रणनीति
- विषय-वस्तु का विकास।
इस प्रकार वैबसाइट लांच करने के लिए विभिन्न पग होते हैं जैसे कि
- डोमेन नेम का चुनाव
- डोमेन नेम रजिस्ट्रेशन
- सर्वर का चुनाव
- वैबसाइट की जांच।
साईट की योजनाबन्दी
योजनाबद्ध तरीके से बनाई गई वैबसाईट प्रभावशाली होती है। कोई भी वैबसाईट बनाने से पहले उसकी योजना बना लेनी चाहिए। अगर योजना से काम करोगे तो उद्देश्य की पूर्ति होगी। वैबसाईटों के द्वारा हम संचार करवाते हैं। योजना बनाते समय फैसला होता है कि हम क्या कुछ संचार करवाना चाहते हैं और किस तरीके द्वारा। वैबसाईट के डिज़ाइन समय सब से पहली बात है। वैबसाईट का टीचा या उद्देश्य (Goal)। वैबसाईट का निर्माण हमेशा उस के टीचे को मुख्य रखकर ही करना चाहिए।
साईट का उद्देश्य (The Goal of The Site)-
साईट का कोई विशेष उद्देश्य या मनोरथ होना चाहिए। साईट का उद्देश्य हमें बताता है कि हमें इस में क्या कुछ डालना है। आप विस्तारपूर्वक और सजावट वाली साईट तैयार कर सकते हो पर शर्त यह है कि वो उदाहरण की पूर्ति ज़रूर करती हो।
कोई भी साइट बनाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान ज़रूर रखें –
- संस्था का उद्देश्य।
- आपकी साइट के 2-3 महत्त्वपूर्ण उद्देश्य।
- उद्देश्य की पूर्ति के लिए साइट तैयार करने का तरीका।
- उद्देश्य की प्राप्ति के लिए कार्यनीति।
- साइट की तैयारी का समय।
- साइट को अपडेट करने का समय।
दर्शकों के लिए डिज़ाइनिंग (Designing for the Audience)-
साईट का मनोरथ स्पष्ट करने के बाद अगला काम है यह जानना कि आपकी साईट के दर्शक कौनसे होंगे ? किस किस्म के लोग आपकी साईट की यात्रा करेंगे ?
कार्य नीति (Strategy)
जब आप फैसला कर लेते हो तो आपको कार्यनीति के बारे में सोचना पड़ेगा। उद्देश्य की प्राप्ति के लिए किये जाने वाले कार्यों के तरीके को कार्य नीति कहा जाता है।
विषय वस्तु (Contents)
उपरोक्त सभी कामों के बाद ………….. आती है साईट का विषय वस्तु बनाने की। साईट का विषय वस्तु दर्शकों को महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान करवाता है। विषय वस्तु सही स्थान पर हो और अच्छे तरीके से व्यवस्थित किया हो। अगर साईट में लिंकस क्रमवार नज़र आयें तो ढूंढ़ने आसान हो जाते हैं।
वैब को अमल में लाने के लिए निर्देश (Web Implementation Guidelines)
साईट की सम्पूर्ण योजना बनाने और सूचनाओं या लिंकस के सम्बन्ध में फैसला करने के बाद इस को इंप्लीमैंट अर्थात् अमल में लाने के बारे में सोचा जाता है। इस में डोमेन नेम का चुनाव, डोमेन रजिस्टर करवाना, सरवर का चुनाव और साईट का प्रबन्ध आदि गतिविधियां शामिल होती हैं।
डोमेन नेम का चुनाव (Choosing Domain Name)
डोमेन नेम आपकी साईट का एडरैस होता है। जो कि सरवर के एडरैस की सूची में शामिल होता है।
डोमेन नेम रजिस्टर करना (Registering Domain Name)
डोमेन नेम के बारे में फैसला करने के बाद डोमेन नेम रजिस्टर करवाया जाता है। आप अपनी साईट को सरविस प्रोवाईडर के द्वारा रजिस्टर करवा सकते हो।
सरवर का चुनाव (Choosing a Server)
साईट को अमल में लाने का एक ज़रूरी कार्य है सरवर का चुनाव। यहां सरवर का चुनाव बहुत महत्ता रखता है। सरवर जहां आपकी साईट ने स्थायी रूप में रहना है। आप अपना सरवर खरीद सकते हो या फिर किराए पर भी ले सकते हो।
वैब पेज की व्यवस्था (Organizing Web page)
वैबसाईट का पेज़ अच्छे ढंग से व्यवस्थित होना चाहिए। वैब पेज़ की विवस्था ऐसी हो कि यह साईट को बराबर दिख प्रदान करे। पेज़ की व्यवस्था समय पेज़ की लंबाई एक महत्त्वपूर्ण नुकता है।
- वैब पेज़ दो सक्रीन्ज से लंबा नहीं होना चाहिए।
- अगर लंबा पेज़ इस्तेमाल करना चाहते हो तो बुकमार्क के द्वारा अंदरूनी लिंक स्थापित करें।
- अगर आपका डाक्यूमैंट एक स्क्रीन से बड़ा है तो पहले दर्शकों को सिर्फ कुछ भाग ही दिखायें। दर्शकों द्वारा मांग करने के बाद ही बाकी हिस्सा दिखाया जाये।
दिख (Look)
वैब पेज़ अच्छी दिख वाला हो तो किसी का पढ़ने को मन करेगा। अच्छी दिख के लिए वैब पेज़ में आवश्यकतानुसार लिंक, ग्राफिक, एनीमेशन, साऊंड और वीडियो कलिप शामिल होने चाहिए।
कोड वैलीडेट करना
इसमें अपनी बैवसाइट के कोड को परखा जाता है कि वह सही है तथा दर्शकों की जरूरत के अनुसार है।
दिख ऑफ लाईन टैस्टिंग (Offline Testing)
वैबसाइट के सभी पेजिज़ डिज़ाइन करने के बाद इसको ब्राओज़र पर टैस्ट किया जाता है। इस टैस्ट के लिए इंटरनैट की ज़रूरत नहीं पड़ती। इसी कारण इसको ऑफ लाइन टैस्ट कहा जाता है।
साइट को अपलोड करना (Uploading the Site)
साइट को इंटरनैट पर सभी के लिए प्रदान करवाने के लिए अपलोड किया जाता है। आपके वैब पन्नों को होस्ट तक भेजने के लिए फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल (FTP) कलाइंट की ज़रूरत पड़ती है।
ऑन-लाइन टैरिंटग (Online Testing)
जब आपकी साइट अपलोड हो जाती है तो अगला सटैप इसको ऑनलाइन टैस्ट करना है।
सर्च इंजन ऑपटीमाइजेशन
मैटा और ALT टैगज़ का इस्तेमाल यह यकीनी बनाने के लिए किया जाता है वैबसाइट यूजर की तरफ से सर्च किए जाने वाले कीवर्ड को सही दर्शाती है और वैबसाइट पर सर्च करने से संबंधित कन्टेंट को भी दिखाती है। इस तरह करने से यूजर्स की दिलचस्पी बढ़ेगी और आपकी वैबसाइट पर और विजिट्स होंगी। ALT टैगस केवल आपकी वैबसाइट पर तस्वीरों पर जाने के लिए एक लिखित ब्यौरा है और इसके लिए उन्हें सर्च इंजन और यूज़र्स को बताना ज़रूरी है कि आपकी वैबसाइटों पर कैसी तस्वीरें हैं।
वैबसाइट ऐनालिटिकिस इनस्टाल करना
अपनी वैबसाइट की सफलता और मौजूदा स्थिति का पता लगाने के लिए वैबसाइट विश्लेषण स्थापित करें। इसके साथ आप निरीक्षण करने के योग्य होंगे वो आपकी वैबसाइट पर मिलने वाली मुलाकातों की गिनती विज़िटरों के रहने वाले समय की गिनती हर एक विज़टर के पेज़ व्यूज़ की औसत गिनती और कई अन्य उपयोगी आंकड़े शामिल हैं। ऐसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के लिए हम अपनी वैबसाइट पर प्रभाव बढ़ाने और व्यवस्था करने के योग्य होंगे।
वैबसाइट को पब्लिश करने के लिए कुछ अहम पहलू-
सर्च इंजन ऑपटीमाइजेशन (SEO)
सर्च इंजन ऑपटीमाइजेशन एक सर्च इंजन के खोज के नतीजों के वैब पेज़ में उच्च दर्जाबंदी प्लेसमैंट प्राप्त करके वैब साइट को आने वाले लोगों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रयोग में लाने वाली रणनीति, तकनीकों आदि की एक कार्य-प्रणाली है जिसमें शामिल सर्च इंजन हैं-Google, Bing, Yahoo. एस०ई०ओ० यह यकीनी बनाने में सहायता करता है कि किसी को खोज इंजन के लिए पहुँच योग्य बनाया जाये और संभावनाओं को सुधारा जाये कि साइट सर्च इंजन द्वारा ढूंढ़ ली जायेगी।
सोशल मीडिया मार्केटिंग
इंटरनेट मार्केटिंग का एक रूप है जो सोशल नेटवर्किंग वैबसाइट को एक मार्केटिंग टूल के रूप में उपयोग करती है। एस०एम०एम० का उद्देश्य वह सामग्री तैयार करना है जो उपभोक्ता अपने सोशल नैटवर्क्स से शेयर करेंगे ताकि कंपनी की ब्रांड ऐक्सपोज़र बढ़ाने और ग्राहकों की पहुँच को बढ़ाने में मदद की जा सके। SMM के मुख्य भागों में एक सोशल मीडिया ऑपटीमाइजेशन है। एस०एम०ओ० एक वैबसाइट में नये और विलक्षण विजिट्स को खींचने के लिए एक रणनीति है। एम०एम०ओ० को दो ढंगों से किया जा सकता है। एस०एम०एम० कंपनी को ग्राहकों (और संभावी ग्राहकों) को सीधी फीडबैक प्राप्त करने में मदद करती है, जो कि कंपनी को ज्यादा पर्सनेबल बनाती है। एस०एम०एम०, ट्विटर, फेसबुक, माई स्पेस, लिंकडइन और यू ट्यूब जैसी वैबसाइटों की बढ़ती प्रसिद्धि से ज्यादा आम हो गई।
वैबसाइट को पब्लिश करने के समय कुछ महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश या चैक लिस्ट पेज कन्टेंट
- स्पैलिंग और ग्रामर (व्याकरण), पैराग्राफ हैडर, सूची और अन्य फारमैटिंग सही होने चाहिए।
- कंपनी के संपर्क विवरण पूरे वैबसाइट पर सही होने चाहिए।
- इमेज़ (चित्र) और ऑडियो और वीडियो सही जगह पर फारमैट किए हों और सभी डिवाइसिस पर काम करते होने चाहिए।
डिजाइन
यह यकीनी बनाने के लिए ज़रूरी कदम उठायें कि साइट डिज़ाइन पिक्सल परफैक्ट हो। अगर आपके पास एक जवाब देह वैबसाइट है, तो आपको सभी डिवाइसिस में डिज़ाइन की जाँच करने की आवश्यकता है। आपकी साइट को दफ्तर के डैस्कटॉप पर ही नहीं बल्कि लैपटॉप, टैबलेट और मोबाइल फोन पर बढ़िया दिखनी चाहिए।
कार्यशीलता
वैबसाइट पर सभी भिन्न-भिन्न विशेषताओं की जांच करने और प्रमाणित करने के लिए कुछ समय लें। लीड जनरेशन फार्म के रूप में, सोशल शेयरिंग, अपनी वैबसाइट पर पूरी तरह करने चाहिए। जैसे कि
- फार्म को पेश करने के बाद आपका धन्यवाद संदेश या पेज डिस्पले।
- कंपनी का लोगो होमपेज़ से जुड़ा हुआ है।
- साइट पेज़ों के लिए लोड समय ऑप्टीमाइज़ड किया गया है।
एस0टी0ओ0
यह यकीनी बनाने के लिए कुछ समय लें कि आपकी वैबसाइट को एस०टी०ओ०, की सफलता के लिए एक ठोस आधार प्रदान किया गया है। साइट आरकीटैक्चर और कन्टैंट के वर्जनों से मैटा डैटा तक कोई भी कसर न छोड़ें जैसे कि –
- वैब पेजों के विलक्षण पेज़ टाइटल होते हैं। (70 करैक्टर से कम, की-वर्डज भी शामिल हैं)
- वैब पेज़ के पास की वर्डज़ हैं। (10 से कम, सभी शब्द पेज़ कापी में दिखाई देते हैं।
- स्पैलिंग और व्याकरण सभी जानकारी में सही हैं।
- ALT टैग को हर एक चित्र में जोड़ा गया है।
सुरक्षा (Security) और बैकअप
हम डाटा नष्ट होने से रोकते हैं और साइट की सुरक्षा और नियमित बैकअप स्थापित करके मालवेयर और अन्य नुकसानों से बचा सकते हैं। जैसे कि-
1. 24×7 निगरानी स्क्रिप्ट इंस्टाल किए जाने चाहिए।
2. बैकअप उद्देश्यों के लिए फाइनल वैबसाइट की एक कापी की गई है।
3. वैबसाइट की चल रही कापियाँ नियमित आधार पर बनाई और स्टोर की जा रही हैं।
4. पासवर्ड और अन्य वैबसाइट कैडेसीयल एक सुरक्षित डाटाबेस में स्टोर किए जाते हैं।
अनुकूलता-
अंत में, यकीनी बनाये कि आपकी वैबसाइट किसी भी लागू कानून और नियमों की पालना करती है। इंटरनैट कानून की पालना ज़रूरी है और हर एक इंडस्टर के अपने नियमों का सैट होता है। यहाँ कुछ नियम हैं, जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए।
- वैब पेज़ डिस्सेबलटी वाले उपभोक्ताओं के लिए विसिटर्ज जिटरज को दिखाई दे रही है।
- नियम तथा प्राईवेसी पॉलिसी दर्शकों को दिखाई दे रही है।