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PSEB 10th Class Computer Notes Chapter 5 डैस्कटॉप पब्लिशिंग
जान पहचान
डाक्यूमैंट प्रिंट करने की प्रक्रिया को पब्लिश करना कहते हैं। यह कार्य एक प्रिंटर तथा प्रेस की मदद से किया जा सकता है। आजकल यह सारा कार्य कम्प्यूटर की मदद से किया जाता है।
डैस्कटॉप पब्लिशिंग
डैस्कटॉप पब्लिशिंग प्रोग्राम का इस्तेमाल किताबें, मैगज़ीन, समाचार-पत्र, फलाइर, फलिट और अन्य किस्म के प्रिंटिड डाक्यूमैंट तैयार करने के लिए किया जा सकता है। वर्ड प्रोसैसिंग प्रोग्राम जैसे कि माइक्रोसाफ्ट वर्ड का इस्तेमाल बेसिक डैस्कटॉप पब्लिशिंग के काम करने के लिए किया जाता है। संपूर्ण डैस्कटॉप पब्लिशिंग में, टाइप सैटिंग (फौंट और टैक्सट ले-आउट को चुनना) ग्राफिक डिज़ाइन, पेज ले-ऑउट (जिसका मतलब है यह सब पेज पर कैसे फिट होगा) और डाक्यूमैंट को प्रिंट करना शामिल होता है। डैस्कटॉप पब्लिशिंग के लिए हमें एक कंप्यूटर, मोनीटर, प्रिंटर और ऐसे साफ्टवेयर की ज़रूरत होती है जो कि प्रिंट होने योग्य डाक्यूमैंट तैयार कर सकता हो।
डी0 टी० पी० की परिभाषा
डैस्कटॉप पब्लिशिंग वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हम कंप्यूटर और कुछ खास तरह के साफ्टवेयर का प्रयोग करते हुए टैक्सट, तस्वीरों के आर्टवर्क को इकट्ठा करके पूरी तरह से प्रिंट करने या विजुअली (देखने योग्य) इस्तेमाल करने के लिए फारमैटिड डाक्यूमैंट तैयार कर सकते हैं।
डी० टी० पी० विजूअल संचार
डी० टी० पी० द्वारा हम अपने घर, व्यापार, दुकान-शिक्षा आदि से संबंधित कार्यों का संचार ढंग से कर सकते हैं। डी० टी० पी० द्वारा अपने कार्य को विजूअल माध्यम से बढ़िया ढंग से पेश किया जा सकता है।
डैस्कटॉप पब्लिशिंग का आधुनिकीकरण डैस्कटॉप पब्लिशिंग प्रिंट ओनली ऐपलीकेशनों से बहुत आगे निकल चुका है। डैस्कटॉप पब्लिशिंग हार्डवेयर और साफ्टवेयर का प्रयोग वैब पेज़ डिजाइनिंग करने और बनाने में किया जा रहा है। इस काम में, कंटैंट सिर्फ दिखाई देते हैं न कि प्रिंटिंग के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं। इनको हम कंप्यूटर या मोबाइल उपकरण जैसे कि टैबलेट या स्मार्टफोन से भी एकसैस (देख) कर सकते हैं। अन्य नॉन-प्रिंटिंग डैस्कटॉप पब्लिशिंग के उदाहरण हैं-स्लाइड शोअज़, ई-मेल न्यूज़लेटर, ई-पब बुक्स और पी०डी०एफ० आदि।
डैस्कटॉप पब्लिशिंग साफ्टवेयर
पेज ले-आउट साफ्टवेयर और वैब डिज़ाइनिंग साफ्टवेयर, डैस्कटाप पब्लिशिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले प्राइमरी साफ्टवेयर हैं। उपलब्ध साफ्टवेयर की सूची बहुत बड़ी है जिनमें से कुछ अग्रलिखित हैं-
1. प्रिंटिंग के लिए पेज ले-आउट साफ्टवेयर
- अडोब इन डिज़ाइन
- Serif at Page Plus Series
- कुयार्क एक्सप्रैस Quark Xpress
2. ऑफिस के लिए पेज ले-आऊट साफ्टवेयर
- माइक्रोसाफ्ट ऑफिस सूट
- ऐपल आइवर्क सूट
3. ग्राफिक साफ्टवेयर
- अडोब इलसरेटर (Adobe Illustrator)
- कोरल ड्रा (Coral Draw)
- इंकस्केप (Inkscape)
4. फोटो ऐडीटिंग साफ्टवेयर
- अडोब फोटोशॉप (Adobe Photoshop)
- कोरल पेंट शॉप प्रो (Corel Paint Shop Pro)
5. वैब डिज़ाइन साफ्टवेयर
- अडोब ड्रीम वीवर सी सी (Adobe Dreamweaver CC)
- अडोब मूज़ (Adobe Muse)
वर्ड प्रोसैसिंग और डैस्कटॉप पब्लिशिंग की तुलना डेस्कटॉप पब्लिशिंग एवं वर्ड प्रोसैसर में निम्नलिखित अन्तर हैं-
डेस्कटॉप पब्लिशिंग | वर्ड प्रोसेसर |
1. डी.टी.पी. का मुख्य उद्देश्य दस्तावेज़ के डिजाइन को ठीक रखना होता है। | 1. वर्ड प्रोसेसर का मुख्य उद्देश्य उसमें टैकस्ट की शुद्धता होता है। |
2. यह एक ऑब्जैक्ट आधारित साफ्टवेयर है। | 2. यह टैकस्ट आधारित ऐडिटर सॉफ्टवेयर है। |
3. इसमें पेज ले आऊट पर अधिक ध्यान दिया जाता है। | 3. इसमें शब्दों की शुद्धता मुख्य है। |
4. हर एक ऑब्जैक्ट अकेले तौर पर संभाला नहीं जाता है। | 4. सभी टैक्सट को एक साथ प्रयुक्त किया जाता है। |
5. इसमें आब्जैक्ट लचीला होता है। | 5. इसमें आब्जैक्ट्स में लचीलापन कम होता है। |
WYSIWYG की सुविधा
WYSIWYG WHAT YOU SEE IS WHAT YOU GET का छोटा रूप है। WYSIWYG वो ऐपलीकेशन है जो डिस्पले स्क्रीन पर डाक्यूमैंट को बिल्कुल उसी तरह दर्शाती है, जिस तरह डाक्यूमैंट प्रिंट हो कर लगता है। WYSIWYG वो प्रणाली है जिसमें कंटैंट (टैक्स्ट और ग्राफिक्स) उसी रूप में ऐडिट किए जाते हैं जिस रूप में वे अंत में बन कर दिखते हैं जैसे कि एक प्रिंटिड डाक्यूमैंट, एक ही वैब पेज या स्लाइड प्रेजनटेशन। WYSIWYG खास रूप से डैस्कटॉप पब्लिशिंग के लिए प्रसिद्ध है।
ग्राफिक्स
साधारण रूप में कंप्यूटर ग्राफिक्स कंप्यूटर स्क्रीन पर प्रदर्शित होने वाली इमेज है। ग्राफिक्स टैक्सट से अलग होता है। इसमें इमेज के साथ नंबर और लेटरज़ (अक्षर) शामिल होते हैं।
कंप्यूटर ग्राफिक्स दो या तीन आयामी (2 या 3 Dimensional) हो सकते हैं। शुरुआती कंप्यूटरों में सिर्फ 2D (2 Dimensional) मोनोक्रोम ग्राफिक्स होते हैं, धीरे-धीरे कंप्यूटरों ने रंगीन इमेज़िज को स्पोर्ट करना शुरू कर दिया। अब ज्यादातर कंप्यूटर लाखों रंगों में ग्राफिक्स प्रदर्शित कर सकते हैं।
- 2 D (दो आयामी) ग्राफिक्स प्रदर्शित कर सकते हैं।
- बिटमैप या रास्टर ग्राफिक्स
- वैक्टर ग्राफिक्स
1. बिटमैप या रास्टर ग्राफिक्स-जो भी हम ड्रा करते हैं उसकी मात्रा की डिटेल प्रति वर्ग इंच (PSI) पिक्सल की गिनती पर निर्भर करती है। कंप्यूटर को चित्र के बीच में हर एक पिक्सल के बारे में जानकारी स्टोर करनी पड़ती है। इसके लिए बिटमैप ग्राफिक की फाइल का आकार बहुत बड़ा होता है। जब हम एक बिटमैप ग्राफिक का आकार बदलते हैं, तो इसकी गुणवत्ता (Quality) कम हो जाती है।
2. वैक्टर ग्राफिक्स-वैक्टर ग्राफिक्स कंट्रोल प्वाइंटों पर आधारित होते हैं जो लाइनों या कर्वस के द्वारा जुड़े होते हैं, जिनको वैक्टर पाथ या सिर्फ वैक्टर्स कहा जाता है। वैक्टर पाथ को शेप आब्जैक्ट बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। हर एक शेप आब्जैक्ट को अलग ढंग से ऐडिट करना संभव है।
वैक्टर ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर में अडोब इलसटरेटर (Adobe Illustrator) और कोरल ड्रा शामिल हैं।
जब एक वैक्टर ग्राफिक्स को फिर से आकार दिया जाता है तो इसकी गुणवत्ता समाप्त नहीं होती। वैक्टर ग्राफिक्स हर एक पिक्सल के बारे में जानकारी स्टोर नहीं करते हैं, इसके लिए फाइल का आकार, इमेज के आकार पर निर्भर नहीं करता है, इसके अलावा यह इस पर निर्भर करता है कि इमेज में किस चीज़ की डिटेल है ?
मार्जन
हाशिया एक पेज की मुख्य सामग्री और पेज के किनारे के बीच का क्षेत्र है। मार्जन यह परिभाषित करने में सहायता करता है कि टैक्सट की एक लाइन कहां से आरंभ होती है और कहां पर समाप्त होती है। एक पन्ने में टॉप (Top), नीचे (Bottom), बायां (Left) और (Right) दायां मार्जन होता है। डिफाल्ट मार्जन साधारण रूप से हर तरफ एक इंच होता है। जबकि ज़रूरत के आधार पर, मार्जन भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। यह मार्जन पन्ने की सामग्री के इर्द-गिर्द एक फ्रेम बनाते हैं ताकि टैक्सट किनारों से बाहर न जाये। डाक्यूमैंट के किनारों पर सफेद स्थान (White Space) पेज को साफ दिखावट देती है और टैक्सट को पढ़ना आसान होता है।
गटर पोजीशन
एक गटर मार्जन सैटिंग उस डाक्यूमैंट के साइड या टॉप (ऊपर के) मार्जन में अतिरिक्त स्थान को जोड़ती है जिसको हम बाइंड (जिल्द) करने की योजना बनाते हैं। एक गटर मार्जन यह यकीनी बनाने में मदद करता है कि टैक्सट बाइंडिंग करने के समय छुप न जाये।
फौंट
एक फौंट एक खास शैली और आकार में छपने योग्य या दिखने योग्य (डिसप्ले ऐबल) टैक्सट करैक्टर का सैट है या हम कह सकते हैं कि एक फौंट एक खास साइज और शैली का एक टाइप फेस है। एक टाइप फेस एक जैसे डिज़ाइन के अक्षरों का समूह है। इन अक्षरों में अक्षर, नंबर, विराम चिह्न और सिंबल शामिल हैं। कुछ प्रसिद्ध टाइप फेसों में ऐरीयल, हैलेटिका, टाइमज़ और वरदेना शामिल हैं। ‘टाइप फेस’ शब्द को अक्सर फौंट समझ लिया जाता है जो कि टाइप फेस की एक खास आकार और शैली है।
फ्रेमज़
फ्रेम आयताकार क्षेत्र हैं जो कि ग्राफिक्स और टैक्सट इनसर्ट करने के लिए बने होते हैं। यह यूज़र को आब्जैक्टस को पेज के उस स्थान पर रखने की आज्ञा देता है जिस पर वो उसको रखना चाहता है। इन फ्रेमों का आकार और स्थिति, बाऊंडिंग बाक्स का प्रयोग करके बदला जा सकता है। फ्रेमज़ एक पेज के डिज़ाइन के पूरे नियंत्रण की आज्ञा देते हैं। फ्रेम आयताकार, ओवल (Oval) या (Polygon) पोलीगॉन हो सकते हैं। पोलीगॉन फ्रेम को किसी भी आकार में बदला जा सकता है। फ्रेम में टैक्सट या ग्राफिक हो सकता है या फिर यह खाली हो सकते हैं।
प्रिंटर-
एक प्रिंटर एक बाहरी (External) आउटपुट यंत्र है जो कंप्यूटर से डाटा लेता है और पेपर पर ग्राफिक्स या टैक्सट के रूप में आउटपुट तैयार करता है। प्रिंटर की दो किस्में हैं –
1. इम्पैक्ट प्रिंटर (Impact Printers)
2. नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर (Non-Impact Printers)
इम्पैक्ट प्रिंटर
एक इम्पैक्ट प्रिंटर में एक हैड होता है, जिसमें पिन लगी होती है जिसके प्रयोग से यह पेपर के साथ संपर्क बनाता है। इसमें साधारण रूप में पिनज़ को रिबन और स्ट्राइक करके कागज़ पर तस्वीरें या टैक्सट को प्रिंट किया जाता है। इमपैक्ट प्रिंटर की कुछ उदाहरणे निम्नलिखित हैं –
1. डॉट मैटरिक्स प्रिंटर-डॉट मैटरिक्स प्रिंटर 9 से 24 पिन वाला प्रिंटर होता है। एक 24 पिन वाला प्रिंटर एक 9 पिन वाले डॉट मैटरिक्स के मुकाबले ज्यादा डॉटस छापता है, जिसके परिणामस्वरूप बहुत बढ़िया क्वालिटी और स्पष्ट अक्षर छपते हैं। पिन अलग रूप से रिबन पर स्ट्राइक करते हैं। यूजर डॉट-मैटरिक्स प्रिंटर से रंगीन आउटपुट भी ले सकते हैं। डॉट-मैटरिक्स प्रिंटर सस्ते होते हैं और साधारण रूप में प्रति सैकिंड 100-600 अक्षरों की स्पीड पर प्रिंट करते हैं।
2. डेज़ी वील प्रिंटर-इसको डेजी वील प्रिंटर इसलिए कहा जाता है क्योंकि प्रिंटिंग प्रणाली डेज़ी (एक लंबा फूलों वाला पौधा) की तरह लगती है। हर एक पैटल के आखिर में एक पूरी तरह तैयार अक्षर होता है, जो ठोस लाइन प्रिंट करता है। एक हैमर जब इस अक्षर वाले पैटल जो रिबन के सामने है पर टकराता है तो अक्षर पेपर पर छप जाता है। इसकी गति धीमी होती है और यह ज्यादातर 25-25 अक्षर प्रति सैकिंड ही प्रिंट कर सकता है।
3. लाइन प्रिंटर-ये प्रिंटर एक खास प्रणाली का प्रयोग करते हैं जो कि एक समय पर पूरी लाइन प्रिंट करते हैं। यह साधारण रूप में 1200 से 6000 लाइनें प्रति मिनट प्रिंट कर सकते हैं। ड्रम (Drum), चेन (Chain) और बैंड (Band) प्रिंटरज़ “Line-at-a-time” प्रिंटर हैं।
नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर
नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर कागज़ पर प्रिंट करने के लिए स्ट्राइकिंग डिवाइस का प्रयोग नहीं करते क्योंकि इन प्रिंटरों में हैमर पेपर पर नहीं बजता, इसलिए यह बहुत शांत काम करते हैं। नीचे कुछ नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर दिए गए हैं –
1. इंक जैट प्रिंटरर्ज-इंक जैट प्रिंटरज़ उसी तरह काम करते हैं जिस तरह डाट-मैटरिक्स छोटे डॉटस के साथ तस्वीरें और अक्षर बनाते हैं। पर यह डॉटस स्याही की छोटी बूंदों से बनते हैं। इंक-जैट प्रिंटर एक छोटी नोजल के साथ पेपर पर स्याही स्प्रे करता है और इलैक्ट्रिक फील्ड के माध्यम से 250 अक्षर प्रति सैकिंड के हिसाब से इन चार्ज हुई स्याही की बूंदों को अक्षरों की शक्ल में बदल देता है। स्याही पेपर द्वारा सोख ली जाती है और तुरंत सूख जाती है।
इसमें कई रंगों की स्याही का प्रयोग किया जा सकता प्रिंट हैड में लगी एक से ज्यादा नोज़लें स्याही की निरंतर धाराएं छोड़ती हैं। नोजल से छोड़ने के बाद स्याही को बिजली से चार्ज किया जाता है। फिर बूंदों को बिजली से चार्ज किए प्लेट का इस्तेमाल करके कागज़ की तरफ भेजा जाता है। टैक्सट को प्रिंट करने के लिए काली स्याही वाली नोजल सबसे ज़रूरी हो सकती है। पर फुल कलर्ड प्रिंटिंग वाला टैक्सट प्रिंट करने के लिए स्यान (Cyan) मेसेंटा (Magenta) और पीले (Yellow) प्राइमरी रंगों की नोजल जोड़ी जा सकती है।
2. लेज़र प्रिंटर-लेज़र प्रिंटर, एक लेज़र बीम को एक मिरर (दर्पण) पर निर्देशित करते हैं जो बीम को आगे ड्रम पर भेजता है, जिसकी मदद से पेपर पर इमेज बनाते हैं। ड्रम में एक विशेष परत होती है, जिसमें टोनर (एक स्याही पाउडर) चिपक जाता है। छोटे बिंदुओं के नमूने का इस्तेमाल करते हुए, एक लेज़र बीम कंप्यूटर से जानकारी लेकर पाजीटिव चार्ज वाले ड्रम तक पहुंचा कर उसको न्यूटरलाइजड (Neutralized) करता है। फिर ड्रम का वो स्थान न्यूटरलाइजड हो जाता है और टोनर अलग हो जाता है जैसे ही ड्रम के द्वारा पेपर घूमता है, टोनर को कागज पर अक्षर या अन्य ग्राफिक्स छापने के लिए भेज दिया जाता है। एक गर्म रोलर टोनर को पेपर पर चिपका देता है।