PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 1 कृषि सहयोगी संस्थाएं

Punjab State Board PSEB 10th Class Agriculture Book Solutions Chapter 1 कृषि सहयोगी संस्थाएं Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Agriculture Chapter 1 कृषि सहयोगी संस्थाएं

PSEB 10th Class Agriculture Guide कृषि सहयोगी संस्थाएं Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के एक – दो शब्दों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
पंजाब राज्य स्तर पर कृषि उत्पादों की खरीद कौन-सी केन्द्रीय संस्था करती है ?
उत्तर-
पंजाब कृषि उद्योग निगम, भारतीय खाद्य निगम।

प्रश्न 2.
कृषि उत्पादों का निर्यात किस निगम की ओर से किया जाता है ?
उत्तर-
पंजाब एग्री एक्सपोर्ट कार्पोरेशन लिमिटेड (PAGREXCO)।

प्रश्न 3.
पंजाब कृषि उद्योग निगम तथा पंजाब मंडी बोर्ड की बराबर की भागीदारी से स्थापित की गई संस्था का नाम बताइए।
उत्तर-
पंजाब एग्री एक्सपोर्ट कार्पोरेशन लिमिटेड (PAGREXCO)।

प्रश्न 4.
पंजाब बागवानी विभाग कब अस्तित्व में आया ?
उत्तर-
यह विभाग 1979-80 में स्थापित किया गया।

प्रश्न 5.
राज्य में पशु पालन, मछली पालन आदि खोज, शिक्षा तथा प्रसार का काम कौन करता है ?
उत्तर-
गुरु अंगद देव वेटरनरी तथा एनीमल साईंसज़ यूनिवर्सिटी।

प्रश्न 6.
सहकारिता क्षेत्र में खादों में सबसे बड़ी तथा अग्रणी संस्था कौन-सी
उत्तर-
इंडियन फार्मरज़ फर्टीलाइज़र कोआपरेटिव लिमिटेड (IFFCO)।

प्रश्न 7.
राष्ट्रीय बागवानी मिशन की स्कीमें किस संस्था की ओर से लागू की जाती हैं ?
उत्तर-
बागवानी विभाग।

प्रश्न 8.
बीज की गुणवत्ता की परख करने के लिए एन०एस०सी० की कितनी बीज परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं ?
उत्तर-
पांच प्रयोगशालाएं।

प्रश्न 9.
किसानों को बीज उत्पादन में भागीदार बनाने वाले निगम का नाम लिखिए।
उत्तर-
पंजाब राज्य बीज निगम लिमिटेड (PUNSEED)।

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प्रश्न 10.
दूध की खरीद तथा मंडीकरण के लिए सहकारी संस्था का नाम बताइए।
उत्तर-
मिल्कफैड।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के एक – दो वाक्यों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
पंजाब एग्री एक्सपोर्ट कार्पोरेशन लिमिटेड कौन-से कृषि उत्पादों का मुख्य तौर पर निर्यात करती है ?
उत्तर-
पंजाब एग्री एक्सपोर्ट कार्पोरेशन लिमिटेड मुख्य रूप से निम्नलिखित कृषि उत्पादों का निर्यात करती है

  • ताज़ा तथा डिब्बाबंद फल।
  • सब्जियों तथा फूलों का निर्यात।

प्रश्न 2.
इफको की ओर से किसानों को कौन-कौन सी सुविधाएं दी जाती हैं ?
उत्तर-
यह संस्था कृषकों का आर्थिक स्तर ऊंचा उठाने का कार्य करती है। यह उर्वरकों के मण्डीकरण के साथ-साथ कई तरह की प्रसार विधियों द्वारा कृषकों तक नई कृषि तकनीकों को पहुंचाता है।

प्रश्न 3.
पंजाब कृषि उद्योग निगम के मुख्य कार्य बताइए।
उत्तर-
पंजाब कृषि उद्योग निगम के मुख्य कार्य हैं-कृषि संबंधी वस्तुओं का मण्डीकरण, कृषि उत्पादों की खरीद तथा इकरारनामे की कृषि द्वारा कृषि विभिन्नता लाने में सहायता करना। यह संस्था भारतीय खाद्य निगम के लिए गेहूं-चावल की खरीद के लिए भी कार्य करती है।

प्रश्न 4.
सहकारिता विभाग, पंजाब की ओर से चलाई जा रहीं कोई दो गतिविधियां लिखिए।
उत्तर-
सहकारिता विभाग, पंजाब द्वारा चलाई जा रही गतिविधियां हैं –

  • माई भागो स्त्री सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र की औरतों के लिए स्व-रोज़गार के अवसर प्रदान करना।
  • ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सहकारिता सभाओं द्वारा आवश्यक घरेलू वस्तुओं की पूर्ति करना।

प्रश्न 5.
मार्कफैड किसानों की किस तरह सेवा कर रहा है ?
उत्तर-
मार्कफैड द्वारा पंजाब के कृषकों को सस्ते दामों पर कृषि बीज, खाद, कीटनाशक दवाएं आदि उपलब्ध करवाई जाती हैं तथा कृषि उपज के मंडीकरण तथा प्रोसेसिंग का कार्य किया जाता है।

प्रश्न 6.
पंजाब कृषि विद्यालय कौन-कौन से मुख्य तीन कार्य करती है ?
उत्तर-
पंजाब कृषि विद्यालय द्वारा निम्नलिखित कार्य किए जाते हैं-कृषि तथा कृषि संबंधी विषयों पर खोज, कृषि से संबंधित विषयों की पढ़ाई तथा प्रसार।

प्रश्न 7.
फूड एण्ड एग्रीकल्चर आर्गेनाइजेशन (FAO) के बारे में संक्षेप में बताइए।
उत्तर-
इस संस्था की संस्थापना 1943 में की गई। इसे संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा विश्व में से भूखमरी को समाप्त करने के लिए बनाया गया। इसका मुख्य कार्यालय रोम (ईटली) में है। विश्व में प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनाज सुरक्षा को विश्वसनीय बनाना इसका मुख्य उद्देश्य है। प्राकृतिक स्रोतों की संभाल भी इसी का कार्य है।

प्रश्न 8.
विश्व व्यापार संस्था (WTO) को बनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
उत्तर-
WTO को बनाने का मुख्य उद्देश्य इस तरह है –

  • कृषि नियमों की बिक्री पर लगी पाबंदी को समाप्त करना।
  • कृषि उत्पादों के निर्यात पर मिलने वाली सुविधाओं को कम करना।
  • किसानों को कृषि आवश्यकताओं के लिए दिए अनुदान अथवा रियायतों को कम करना या बिल्कुल बंद करना।
  • निर्यात कोटा प्रणाली समाप्त करके निर्यात संबंधी सुचारु नीति अपनाना।

प्रश्न 9.
एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एजेंसी (ATMA) का गठन क्यों किया गया ?
उत्तर-
जिले में कृषि तथा कृषि से संबंधित भिन्न-भिन्न विभागों की कृषि विकास तथा प्रसार से संबंधित गतिविधियों के तालमेल के लिए कृषि विभाग के अन्तर्गत कृषि टैकनोलॉजी मैनेजमेंट एजेंसी (ATMA) का गठन किया गया है।

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प्रश्न 10.
पंजाब खादी तथा ग्राम उद्योग बोर्ड बनाने का मुख्य उद्देश्य क्या था ?
उत्तर-
इस संस्था का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण उद्योगों तथा अन्य रोज़गार शुरू करने के लिए सहायता प्रदान करना है।

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के पांच-छः वाक्यों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
डेयरी विकास के बारे में संक्षेप में जानकारी दीजिए।
उत्तर-
पंजाब में डेयरी विकास के सर्वपक्षीय विकास के लिए डेयरी विकास विभाग की स्थापना की गई है। इस विभाग के प्रमुख को डायरैक्टर डेयरी विकास कहा जाता है तथा जिला स्तर पर डिप्टी डायरैक्टर डेयरी विकास कहा जाता है। इस विभाग द्वारा डेयरी प्रशिक्षण, डेयरी फार्मिंग का विस्तार तथा विकास आदि के कार्य किए जाते हैं। इस विभाग द्वारा पंजाब में आठ डेयरी प्रशिक्षण तथा विस्तार केन्द्र चलाए जाते हैं। भिन्न-भिन्न डेयरी संबंधी कार्यों के लिए दो सप्ताह, छ: सप्ताह की मुफ्त ट्रेनिंग दी जाती है। गांव में कैम्प लगाकर डेयरी फार्मिंग के लाभ बताए जाते हैं तथा किसानों को डेयरी फार्मिंग का व्यवसाय अपनाने की प्रेरणा दी जाती है। शहरों में कैम्प लगाकर दूध उपभोक्ताओं को दूध की गुणवत्ता तथा इसमें मिलावटों संबंधी जानकारी दी जाती है। प्रशिक्षण प्राप्त लाभार्थी को बैंक से ऋण दिलवाया जाता है तथा तकनीकी जानकारी तथा अनुदान भी उपलब्ध करवाया जाता है।

प्रश्न 2.
पंजाब कृषक आयोग के अस्तित्व में आने के मुख्य उद्देश्य बताइए।
उत्तर-
पंजाब कृषक आयोग के अस्तित्व में आने का मुख्य उद्देश्य इस प्रकार है-

  • राज्य में कृषि तथा कृषि संबंधित क्षेत्रों की जांच तथा उनकी वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन करना है।
  • राज्य की कृषि को पक्के रूप से टिकाऊ तथा आर्थिक पक्ष से मज़बूत करने के लिए सुझाव देना भी है।
  • कृषि उत्पादन में वृद्धि करना, कटाई के बाद उत्पाद की संभाल तथा प्रोसेसिंग के लिए कम लागत वाली नई तकनीकों को विकसित करके लागू करने के लिए मार्गदर्शन करना।
  • ग्रामीण क्षेत्र के सामाजिक तथा आर्थिक मुद्दों-जैसे कि बढ़ते हुए ऋण, आत्महत्या की घटनाएं, गांव में बढ़ती बेरोज़गारी आदि की खोज के लिए आर्थिक सहायता देना है तथा इस आधार पर सरकार को उचित नीतियां बनाकर सिफारिश करना है।
  • किसानों की भिन्न-भिन्न सभाओं तथा संगठनों के प्रतिनिधियों को मिलकर उनकी समस्याओं, कठिनाइयों तथा मांगों को समझ कर, हल करने के लिए योग्य नीतियों की सिफ़ारिश करना।

प्रश्न 3.
पंजाब एग्रो औद्योगिक कार्पोरेशन के मुख्य उद्देश्य बताइए।
उत्तर-
पंजाब एग्रो औद्योगिक कार्पोरेशन (पंजाब कृषि उद्योग निगम-PAIC) को पंजाब सरकार द्वारा वर्ष 2002 में स्थापित किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य इस प्रकार है-

  • कृषि लागत वस्तुओं का मंडीकरण।
  • कृषि उत्पादों की खरीद तथा इकरारनामे की कृषि द्वारा कृषि विभिन्नता लाने में सहायता करना।
  • भारतीय खाद्य निगम के लिए गेहूँ चावल की खरीद के लिए कार्य करना।

प्रश्न 4.
गुरु अंगद देव वेटरिनरी विश्वविद्यालय पर एक संक्षिप्त नोट लिखिए।
उत्तर-
गुरु अंगद देव वेटरिनरी तथा एनीमल साईंसज़ विश्वविद्यालय (GADVASU) की स्थापना 2005 में की गई। इसका कार्य पशु, सुअर, खरगोश, मुर्गी, भेड़ बकरी, घोड़े तथा मछली पालन के लिए खोज, शिक्षा तथा प्रसार करना है। यहां बड़े-छो जानवरों के लिए उच्च स्तरीय अस्पताल हैं जहां 24 घंटे पशुओं का इलाज किया जाता है। यहां पशुओं के डॉक्टरों की शिक्षा/पढ़ाई करवाई जाती है।

वैटरिनरी विश्वविद्यालय में वेटरनरी कॉलेज, डेयरी साईंस तथा तकनालाजी कॉलेज, मछली पालन कॉलेज, वैटरिनरी पालीटेकनिक नाम के 4 कालेज खोले गए हैं। वैटरिनरी कालेज में आई०सी०ए०आर० द्वारा सर्जरी तथा गायनाकालजी के दो विभाग भी कार्य कर रहे हैं। पंजाब में कालझरानी (बठिंडा), बुह (तरनतारण) तथा तलवाड़ा (होशियारपुर) में तीन क्षेत्रीय खोज तथा प्रशिक्षण केन्द्र भी स्थापित किए गए हैं। यह विश्वविद्यालय पंजाब में वैटरिनरी तथा पशु-पालन के लिए प्रत्येक प्रकार की सुझाव देने के लिए एक सर्वोत्तम संस्था है।

प्रश्न 5.
डेयरी विकास विभाग की ओर से डेयरी के विकास के लिए कौन-कौन सी सुविधाएं दी जाती हैं ?
उत्तर-
डेयरी विकास विभाग द्वारा डेयरी से संबंधित कार्यों तथा गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जाता है तथा लाभार्थियों को बैंकों से ऋण दिलाया जाता है तथा भिन्न-भिन्न कार्यों के लिए अनुदान भी दिया जाता है जो निम्नलिखित अनुसार है-

  • शैड बनाने के लिए तकनीकी जानकारी के साथ-साथ 25% अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जाती है।
  • दूध देने वाले पशु खरीदने के लिए सहायता तथा तीन वर्ष के बीमे की लागत का 75% लाभार्थी को वापिस जाता है।
  • बड़े दूध कूलर की खरीद पर 50% अनुदान राशि।
  • मिल्किंग मशीन तथा चारा काटने तथा कुतरने वाली मशीनों की खरीद पर 50% अनुदान राशि।
  • आटोमैटिक डिसपैंसिंग मशीन, टोटल मिक्स राशन वैगन (TMR wagon) तथा किराए पर मशीन देने के लिए डेयरी सर्विस सैंटर स्थापित करने के लिए 50% अनुदान राशि दी जाती है।

Agriculture Guide for Class 10 PSEB कृषि सहयोगी संस्थाएं Important Questions and Answers

I. बहु-विकल्पीय प्रश्न-

प्रश्न 1.
एगमार्क प्रयोगशाला में ……… की गुणवत्ता की जांच होती है।
(क) हल्दी
(ख) शहद
(ग) मिर्च
(घ) सभी ठीक।
उत्तर-
(घ) सभी ठीक।

प्रश्न 2.
भारत कैसा देश है?
(क) कृषि प्रधान
(ख) खेल प्रधान
(ग) उद्योग आधारित
(घ) सभी गलत।
उत्तर-
(क) कृषि प्रधान

प्रश्न 3.
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना कब हुई ?
(क) 1962 में
(ख) 1971 में
(ग) 1950 में
(घ) 1990 में।
उत्तर-
(क) 1962 में

प्रश्न 4.
WTO द्वारा मान्य अनुदान राशि की दर कितनी है?
(क) 5%
(ख) 25%
(ग) 10%
(घ) 19%.
उत्तर-
(ग) 10%

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प्रश्न 5.
गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (GADVASU) कौन-से शहर में स्थित है ?
(क) लुधियाना
(ख) बठिंडा
(ग) पटियाला
(घ) जालंधर।
उत्तर-
(क) लुधियाना

प्रश्न 6.
पंजाब में दूध की खरीद व विपणन के लिए स्थापित की गई सहकारी संस्था का नाम बताओ।
(क) मार्कफेड
(ख) हाऊसफेड
(ग) मिल्कफेड
(घ) शुगरफेड।
उत्तर-
(ग) मिल्कफेड

प्रश्न 7.
पंजांब डेयरी विकास बोर्ड की वेबसाइट का नाम क्या है ?
(क) www.gadvasu.in
(ख) www.pddb.in
(ग) www.ndri.res.in
(घ) www.pau.edu.
उत्तर-
(ख) www.pddb.in

प्रश्न 8.
गुरु अंगद देव वेटनरी एवं एनीमल साईंसेज़ यूनिवर्सिटी की वेबसाइट का नाम क्या है ?
(क) www.gadvasu.in
(ख) www.pddb.in
(ग) www.ndri.res.in
(घ) www.pau.edu.
उत्तर-
(क) www.gadvasu.in

प्रश्न 9.
मिल्कफेड के द्वारा गाँवों में से किस पदार्थ की खरीद की जाती है-
(क) गेहूँ
(ख) नरमा
(ग) दूध
(घ) फल।
उत्तर-
(ग) दूध

प्रश्न 10.
हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय कौन से शहर में स्थित है?
(क) लुधियाना
(ख) पालमपुर
(ग) हिसार
(घ) करनाल।
उत्तर-
(ग) हिसार

प्रश्न 11.
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय कौन से शहर में स्थित है ?
(क) लुधियाना
(ख) पालमपुर
(ग) हिसार
(घ) करनाल।
उत्तर-
(क) लुधियाना

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प्रश्न 12.
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय कौन से शहर में स्थित है?
(क) लुधियाना
(ख) चंडीगढ़
(ग) हिसार
(घ) पटियाला।
उत्तर-
(ग) हिसार

II. ठीक/गलत बताएं-

1. कृषि विभाग के अधीन आतमा (ATMA) का भी गठन किया गया।
2. गडवासु में 24 घण्टे पशुओं का इलाज होता है।
3. गडवासु की वैवसाइट www.gadvasu.in है।
4. पंजाब में भिन्न-भिन्न स्थानों पर आठ डेयरी शिक्षण तथा विस्तार केन्द्र हैं।
5. पंजाब राज्य बीज निगम लिमिटेड की स्थापना 1990 में की गई।
उत्तर-

  1. ठीक
  2. ठीक
  3. ठीक
  4. ठीक
  5. गलत।

III. रिक्त स्थान भरें-

1. डॉ० जी० एस० कालकट की प्रधानता में ………………. आयोग का गठन किया गया।
2. कृभको संस्था की स्थापना वर्ष ………………. में की गई।
3. FAO का मुख्य कार्यालय …………………. में है।
4. राष्ट्रीय बीज निगम की स्थापना वर्ष ……………… में की गई।
5. भूमि तथा जल संरक्षण विभाग की स्थापना ………….. में की गई।
6. W.T.O. द्वारा तय की गई सब्सिडी की दर ………….. है।
उत्तर-

  1. पंजाब राज्य कृषक
  2. 1980
  3. रोम (इटली)
  4. 1963
  5. 1969.
  6. 6.10%.

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत कैसा देश है ?
उत्तर-
भारत कृषि प्रधान देश है।

प्रश्न 2.
कृषि विभाग का प्रमुख कौन होता है ?
उत्तर-
डायरैक्टर कृषि विभाग।

प्रश्न 3.
कृषि विभाग द्वारा शहद, हल्दी, मिर्च आदि की गुणवत्ता की जांच करने के लिए प्रयोगशाला बताओ।
उत्तर-
एगमार्क प्रयोगशाला।

प्रश्न 4.
कृषि विभाग का प्रमुख तथा जिले का प्रमुख कौन है ?
उत्तर-
विभाग का प्रमुख डायरैक्टर कृषि तथा जिले में प्रमुख कृषि अधिकारी होता है।

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प्रश्न 5.
जिले में कृषि तथा कृषि से संबंधित भिन्न-भिन्न विभागों की कृषि विकास तथा प्रसार से संबंधित गतिविधियों के तालमेल के लिए कृषि विभाग द्वारा किसका गठन किया गया है ?
उत्तर-
आतमा (ATMA-Agriculture Technology Management Agency) का गठन किया गया है।

प्रश्न 6.
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना कब हुई ?
उत्तर-
वर्ष 1962 में।

प्रश्न 7.
पी०ए०यू० की स्थापना कौन-से कालेज के आधार पर की गई ?
उत्तर-
अमेरिका के लैंड ग्रांट्स कॉलेजों के आधार पर।

प्रश्न 8.
वैटरनरी विश्वविद्यालय में पशुओं का इलाज कितने घंटे तक उपलब्ध है ?
उत्तर-
24 घंटे के लिए।

प्रश्न 9.
वैटरनरी विश्वविद्यालय के कितने कॉलेज हैं ?
उत्तर-
चार।

प्रश्न 10.
वैटरनरी कॉलेज में 15 वर्षों से आई०सी०ए०आर० द्वारा कौन से दो विभाग अत्याधुनिक ट्रेनिंग केन्द्र घोषित किए गए हैं ?
उत्तर-
सर्जरी तथा गायनाकालाजी विभाग।

प्रश्न 11.
बागवानी विभाग कब अस्तित्व में आया ?
उत्तर-
वर्ष 1979-80 में।

प्रश्न 12.
बागवानी विभाग का एक उद्देश्य बताओ।
उत्तर-
बागवानी फसलों के तहत क्षेत्रफल बढ़ाना।।

प्रश्न 13.
बागवानी विभाग द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन कब से चलाया जा रहा
उत्तर-
वर्ष 2005-06 से।

प्रश्न 14.
डेयरी विकास विभाग द्वारा पंजाब में कितने डेयरी प्रशिक्षण तथा विस्तार केन्द्र चलाए जाते हैं ?
उत्तर-
आठ केन्द्र।

प्रश्न 15.
डेयरी विकास विभाग द्वारा स्व:रोज़गार के लिए कितने सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जाता है ?
उत्तर-
दो सप्ताह की।

प्रश्न 16.
खरीदे हुए दूध वाले पशुओं के तीन वर्ष के बीमे की लागत का कितना प्रतिशत लाभार्थी को वापिस किया जाता है ?
उत्तर-
75%.

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प्रश्न 17.
मिल्किंग मशीन तथा चारा काटने तथा कुतरने वाली मशीन की खरीद पर कितने प्रतिशत अनुदान राशि दी जाती है ?
उत्तर-
50%.

प्रश्न 18.
मछली पालन को उत्साहित करने के लिए मछली पालक विकास एजेंसीज़ फिश फार्मर्ज़ डिवैलपमैंट एजेंसीज़ कब बनाई गई ?
उत्तर-वर्ष 1975 में।

प्रश्न 19.
मछली पालन विभाग द्वारा प्रत्येक माह जिला स्तर पर मुफ्त मछली पालन ट्रेनिंग कितने दिनों की दी जाती है ?
उत्तर-पांच दिनों की।

प्रश्न: 20:
भूमि तथा जल संभाल विभाग कब स्थापित किया गया ?
उत्तर-
वर्ष 1969 में।

प्रश्न 21.
भूमि तथा जल संभाल विभाग के प्रमुख को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
भूमि पाल, पंजाब तथा ब्लॉक स्तर पर भूमि रक्षक अफसर।

प्रश्न 22.
सहकारिता विभाग की स्थापना कब तथा कौन-सा एक्ट बनने से हुई ?
उत्तर-
सहकारिता विभाग की स्थापना 1904 में सहकारिता एक्ट बनने से हुई।

प्रश्न 23.
भाई घनैया स्वास्थ्य योजना के अन्तर्गत मुफ्त इलाज की सुविधा कौन से विभाग द्वारा चलाई गई है ?
उत्तर-
सहकारिता विभाग द्वारा।

प्रश्न 24.
ग्रामीण क्षेत्र में दूध की पैदावार की खरीद, प्रोसैसिंग तथा शहरी क्षेत्र में इसके मंडीकरण का प्रबंध किस द्वारा किया जाता है ?
उत्तर-
मिल्कफैड द्वारा।

प्रश्न 25.
IFFCO का पूरा नाम लिखें।
उत्तर-
इंडियन फारमर्ज फर्टीलाइज़र कोआपरेटिव लिमिटेड।

प्रश्न 26.
KRIBCO का पूर्ण नाम लिखें।
उत्तर-
कृषक भारतीय कोआपरेटिव लिमिटेड।

प्रश्न 27.
NFL का पूरा नाम लिखें।
उत्तर-
नैशनल फर्टीलाइज़र लिमिटेड।

प्रश्न 28.
पंजाब राज्य किसान कमीशन का गठन किसकी अध्यक्षता में हुआ ?
उत्तर-
डॉ० जी० एस० कालकट।

प्रश्न 29.
पंजाब राज्य बीज निगम लिमिटेड कब स्थापित हुआ ?
उत्तर-
1976 में।

प्रश्न 30.
राष्ट्रीय बीज निगम की स्थापना कब की गई ?
उत्तर-
1963 में।

प्रश्न 31.
राष्ट्रीय बीज निगम लगभग कितनी फसलों के कितनी प्रकार के प्रमाणित बीजों का उत्पादन कर रही है ?
उत्तर-
60 फसलों के 600 किस्मों के प्रमाणित बीजों का।

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प्रश्न 32.
NSC ने बीज की गुणवत्ता की जांच के लिए कितनी प्रयोगशालाएं स्थापित की हैं ?
उत्तर-
पांच जांच प्रयोगशालाएं।

प्रश्न 33.
पौधों के टिशु कल्चर का काम कौन-सी संस्था द्वारा किया जाता है ?
उत्तर-
राष्ट्रीय बीज निगम द्वारा।

प्रश्न 34.
कौन-सी संस्था भारतीय खाद्य निगम (FCI) के लिए गेहूँ चावल की खरीद का कार्य करती है ?
उत्तर-
पंजाब कृषि उद्योग निगम।

प्रश्न 35.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (ICAR) का मुख्य कार्यालय कहां
उत्तर-
दिल्ली में।

प्रश्न 36.
भारतीय खोज संस्था की लगभग कितनी संस्थाएं हैं तथा कितने कृषि विश्वविद्यालय हैं ?
उत्तर-
भारतीय खोज संस्था की 101 संस्थाएं हैं तथा 71 कृषि विश्वविद्यालय हैं।

प्रश्न 37.
नैशनल बैंक आफ एग्रीकल्चरल एंड रूरल डिवैलपमैंट (NABARD) की स्थापना कब की गई ?
उत्तर-
1982 में।

प्रश्न 38.
नावार्ड का मुख्य कार्यालय कहां है ?
उत्तर-
मुम्बई में।

प्रश्न 39.
GATT कब बनाई गई ?
उत्तर-
वर्ष 1948 में।

प्रश्न 40.
GATT के कितने सदस्य थे तथा अब कितने हैं ?
उत्तर-
आरंभ में 23 सदस्य थे तथा अब 164 हैं।

प्रश्न 41.
GATT का पूरा नाम बताएं।
उत्तर-
जनरल एग्रीमैंटस आन टैरिफ एंड ट्रेड (General Agreements on Tarrift and Trade)|

प्रश्न 42.
GATT का नाम बदल कर क्या रखा गया ?
उत्तर-
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार संस्था (World Trade Organisation).

प्रश्न 43.
WTO द्वारा अनुदान राशि की दर कितनी है ?
उत्तर-
10%.

प्रश्न 44.
FAO का पूरा नाम बताएं।
उत्तर-
फूड एंड एग्रीकल्चर आर्गेनाइजेशन।

प्रश्न 45.
FAO की स्थापना कब की गई ?
उत्तर-
वर्ष 1943 में।

प्रश्न 46.
FAO का मुख्य कार्यालय कहां है ?
उत्तर-
रोम (इटली) में।

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प्रश्न 47.
I.C.A.R. का पूरा नाम लिखो।
उत्तर-
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्।

प्रश्न 48.
W.T.O. का पूरा नाम लिखें।
उत्तर-
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संस्था।

प्रश्न 49.
डेयरी विकास विभाग की ओर से दूध निकालने वाली (मिल्किग) मशीन की खरीद पर कितने प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है ?
उत्तर-
50%.

लघ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कृषि विभाग के बारे में संक्षेप में जानकारी दें।
उत्तर-
कृषि विभाग की स्थापना 1881 में की गई तथा इस विभाग की पंजाब के कृषि विकास में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। यह विभाग कृषि वैज्ञानिकों तथा कृषकों के बीच कड़ी का कार्य करता है। कृषि से संबंधित सभी सरकारी योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए यह संस्था उत्तरदायी है। इस विभाग द्वारा मिट्टी, बीज, खादों, खाने वाले पदार्थों की जांच के लिए प्रयोगशालाएं भी स्थापित की गई हैं। कृषि विकास तथा प्रसार के लिए संबंधित गतिविधियों में तालमेल के लिए विभाग के अन्तर्गत ATMA का गठन किया गया है।

प्रश्न 2.
बागवानी विभाग के मुख्य उद्देश्य बताओ।
अथवा
बागवानी विभाग, पंजाब की ओर से किए जाने वाले कोई चार कार्य लिखें।
उत्तर-
बागवानी विभाग के मुख्य उद्देश्य अथवा कार्य इस प्रकार हैं –

  • बागवानी फसलों का क्षेत्रफल बढ़ाना।
  • उच्च स्तरीय बढ़िया गुणवत्ता वाली सब्जियों के बीज तथा फलों की पनीरी आदि उपलब्ध करवाना।
  • बागवानी फसलों का तकनीकी ज्ञान किसानों तक पहुंचाना।
  • सब्जियों के प्रदर्शनी प्लांटों के लिए आर्थिक सहायता देना।

प्रश्न 3.
गडवासु के चार कॉलेज कौन-से हैं ?
उत्तर-
गडवासु के चार कॉलेज हैं-वैटरनरी कॉलेज, डेयरी साईंसज़ तथा टैक्नालॉजी साईंस, मछली पालन कालेज, वैटरनरी पॉलिटेकनीक।

प्रश्न 4.
बागवानी विभाग द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय बागवानी मिशन के बारे में क्या जानते हो ?
उत्तर-
बागवानी विभाग द्वारा वर्ष 2005-06 से एक राष्ट्रीय बागवानी मिशन शुरू किया गया है। इस मिशन द्वारा किसानों को पैक हाऊस, नैट हाऊस, पोली हाऊस बनाने, कोल्ड स्टोरेज़ बनाने, सब्जियों तथा फलों को पकाने के लिए चैंबर स्थापित करना, विक्रय मूल्य में वृद्धि करने के लिए प्रोसैसिंग इकाइयों की स्थापना करना, किसानों को प्रशिक्षित करना आदि कई कार्य किए जाते हैं।

प्रश्न 5.
पशु पालन विभाग के कुछ उद्देश्य बताओ।
उत्तर-

  • पशु पालन प्रबन्ध तथा खाद्य में सुधार।
  • पशुओं की पैदावार समर्था बढ़ाने तथा नस्ल सुधार का कार्य करना।
  • प्रसार सेवाएं प्रदान करना।

प्रश्न 6.
मार्कफैड की ओर से किसानों को क्या-क्या सुविधाएं दी जाती हैं?
उत्तर-
मार्कफैड द्वारा पंजाब के किसानों को सस्ते दामों पर कृषि बीज, उर्वरक, कीट नाशक दवाइयां आदि उपलब्ध की जाती हैं तथा कृषि उत्पाद के मण्डीकरण तथा प्रोसैसिंग का कार्य किया जाता है।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 1 कृषि सहयोगी संस्थाएं

प्रश्न 7.
पंजाब राज्य बीज निगम लिमिटेड का मुख्य उद्देश्य क्या है ? इसकी स्थापना कब हुई ?
उत्तर-
इस संस्था की स्थापना 1976 में हुई तथा इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को गुणवत्ता वाले बीज सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाना तथा बीज पैदावार तथा देख-रेख का ढांचा तैयार करना है ताकि बीज़ों की बढ़ रही मांग को पूरा किया जा सके।

प्रश्न 8.
सहकारिता विभाग पंजाब की ओर से किसानों को क्या-क्या सुविधाएं दी जाती हैं ?
उत्तर-
सहकारिता विभाग द्वारा स्थापित संस्थाओं द्वारा बीजों, खादों तथा ऋण के वितरण में सहायता की जाती है। कृषि उपज का मण्डीकरण, दूध की पैदावार की खरीद, प्रोसैसिंग तथा शहरी क्षेत्र में मण्डीकरण आदि में योगदान दिया जाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मछली पालन विभाग के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
मछली पालन विभाग पंजाब में सबसे पुराने विभागों में से एक है। इस विभाग का मुख्य उद्देश्य नदियों, झीलों, नहरों तथा नोटीफाइड वाटर वॉडीज में मछलियों की संभाल करना है। इस विभाग का उत्तरदायित्व सहायक डायरैक्टर फिशरी के पास होता है। आमदन पैदा करने के लिए विभाग इन स्रोतों को ठेके पर देता है। मछली पालने को उत्साहित करने के लिए 1975 में मछली पालन एजेंसी की स्थापना की गई तथा नए मछली उत्पत्ति फार्म बनाए गए। इस प्रकार राज्य में मछली पालन में क्रान्ति आई। मछली पालन विभाग द्वारा हर माह जिला स्तर पर पांच दिनों की मुफ्त मछली पालन ट्रेनिंग दी जाती है। यह विभाग मछली पालकों को ऋण सबसिडी तथा प्रसार सेवाएं भी देता है।

प्रश्न 2.
कृषि से संबंधित दस सहयोगी संस्थाओं के नाम लिखो।
उत्तर-

  • कृषि विभाग
  • पशुपालन विभाग
  • डेयरी विकास विभाग
  • बागवानी विभाग
  • मछली पालन विभाग
  • सहकारिता विभाग
  • पंजाब कृषि उद्योग निगम
  • पंजाब राज्य बीज निगम लिमिटेड
  • भारतीय कृषि अनुसंधान संस्था
  • राष्ट्रीय बीज निगम।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 5 रचनात्मक सोच

Punjab State Board PSEB 10th Class Welcome Life Book Solutions Chapter 5 रचनात्मक सोच Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Welcome Life Chapter 5 रचनात्मक सोच

PSEB 10th Class Welcome Life Guide रचनात्मक सोच Textbook Questions and Answers

नोट-इस अध्याय के पाठ संबंधी प्रश्न नहीं हैं।

पाठ पर आधारित प्रश्न

प्रश्न 1.
स्कूल के पेड़ के हिस्से कौन हैं?
उत्तर-
प्रिंसीपल, शिक्षक, चपरासी, क्लर्क, छात्र, प्रबंधन सभी स्कूल के पेड़ के हिस्से हैं।

प्रश्न 2.
इस परिवार रूपी वृक्ष के फूल कौन होते हैं?
उत्तर-
इस परिवार रूपी वृक्ष के फूल विद्यार्थी होते हैं, जिनसे स्कूल रूपी वृक्ष सुंदर लगता है।

प्रश्न 3.
स्कूल के पेड़ के फूल दुनिया में अपनी खुशबू कैसे फैलाते हैं?
उत्तर-
यह फूल अच्छी शिक्षा प्राप्त करके, व्यक्तिगत प्रगति कर, अच्छे अंक प्राप्त कर इत्यादि से पूरी दुनिया में अपनी खुशबू फैला सकते हैं।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 5 रचनात्मक सोच

प्रश्न 4.
क्या आप अपने परिवार के पेड़ को प्यार, सम्मान, समय और सहयोग से खींचते हैं? यदि हाँ तो कैसे सहयोग देते हो?
हाँ PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 5 रचनात्मक सोच 1 नहीं PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 5 रचनात्मक सोच 1 यदि हाँ, तो कैसे ………….

उत्तर-
हाँ, हम अपने परिवार के पेड़ को प्यार, सम्मान, समय और सहयोग के साथ खींचते हैं। हम परिवार के सदस्यों को प्यार देते हैं और लेते हैं। हम बड़ों का सम्मान करते हैं और छोटों को भी सम्मान देते हैं। हमने एक-दूसरे के साथ समय बिताया, उनकी समस्याओं को सुना, ऐसी समस्याओं से छुटकारा पाया। हम हमेशा अपना काम करने के लिए माता-पिता का सहयोग करते हैं। जिसमें सभी कार्य जल्दी पूर्ण हो जाते हैं। एकल परिवार, संयुक्त परिवार को दिए गए और लिए गए सहयोग का विस्तार।
PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 5 रचनात्मक सोच 2
नोट- यह विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 5.
क्या आप ‘स्कूल परिवार’ के साथ सहयोग देते हो?
हाँ PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 5 रचनात्मक सोच 1 नहीं PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 5 रचनात्मक सोच 1 यदि हाँ, तो विस्तार से बताएं ……..
PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 5 रचनात्मक सोच 3
उत्तर-
यह विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 6.
जब ज़रूरत पड़ने पर आपकी कोई मदद करता है तो आप कैसा महसूस करते हो?
उत्तर-
बहुत अच्छा लगता है जब कोई हमारी संकट में मदद करता है क्योंकि उस समय हमारी हालत अच्छी नहीं होती। उस समय तिनके का सहारा बहुत होता है। उस व्यक्ति ने तो हमारी बहुत मदद की होती है क्योंकि उसकी मदद से हम मुसीबत से बाहर निकल आते हैं इसलिए हमें बहुत अच्छा लगता है और हम इस बात को भूलते नहीं।

इनके लिए आप कैसे सहयोग करेंगे इनके लिए आप कैसे काम करेंगे
परिवार कक्षा
बुजुर्गों स्कूल
युवाओं सहपाठियों से
समाज ज़रूरतमंद

उत्तर-विद्यार्थी स्वयं करें।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 5 रचनात्मक सोच

आइए ! आनन्द मान

  1. सहयोगी बनें सबके, सहयोगी बनें सबके,
    ज़रूरतमंद की ताकत बनो, यदि बंदे हो रब्ब के।
  2. ताकत किसी की यदि है अपूर्ण, ताकत किसी की यदि है अपूर्ण,
    साथ खड़े हो जाओ आप, फिर हो जाएगी संपूर्ण ।
  3. रीत वैर की पाओ न, रीत वैर की पाओ ना,
    मिल-जुल कर रहो सदा, बुरा किसी का चाहो ना।
  4. अलग से चूल्हा यदि जलाएंगा, अलग से चूल्हा यदि जलाएंगा,
    हाथ में कुछ नहीं आना, अपनी जिंदगी गलाएंगा।
  5. यदि अलग से बीन बजाएंगा, यदि अलग से बीन बजाएंगा,
    वैरी हल्ला बोलेगा, फिर पीछे पछताएंगा।
  6. काम आओ! वारो वारी जी, काम आओ! वारो वारी जी,
    आपसी सहयोग हो तो, कभी बाज़ी नहीं हारी जी।
  7. गाड़ी चले जैसे तारों से, गाड़ी चले जैसे तारों से,
    वैसे ही समाज चले, सहयोगी परिवारों से।
  8. मुट्ठी की ताकत सदैव जीतती, मुट्ठी की ताकत सदैव जीतती,
    कर लीजिए एकता सारे, सारी दुनिया यही बताती।

आओ! देखें हमने क्या पड़ा? इससे क्या सीखा?

प्रश्न 1.
यह काव्य पंक्तियाँ हमें क्या बताती हैं?
उत्तर-
यह काव्य पंक्तियाँ हमें सहयोग के महत्त्व को बताती हैं कि सहयोग के बिना समाज में कुछ भी संभव नहीं है। यदि सभी एक-दूसरे का सहयोग नहीं करेंगे तो परिवार और समाज आसानी से नहीं चल सकते। एक व्यक्ति . अकेले कुछ नहीं कर सकता उसे हर प्रकार के कार्य करने के लिए दूसरों के सहयोग की आवश्यकता होती है।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 5 रचनात्मक सोच

प्रश्न 2.
हम उनके अभाव को दो गुना कैसे करते हैं?
उत्तर-
यदि हम एक अकेले व्यक्ति के साथ खड़े होते हैं, तो उसकी ताकत दोगुनी हो जाती है। इसका अर्थ है कि यदि हम किसी भी तरह से किसी की मदद या सहयोग करते हैं तो किसी व्यक्ति की ताकत दोगुनी हो जाती है।

प्रश्न 3.
यदि हम मिल-जुल कर नहीं रहेंगे तो हमारे क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं?
उत्तर-

  1. यदि हम एक साथ नहीं रहते हैं, तो किसी के हाथ में कुछ भी नहीं आएगा।
  2. हर कोई अपना काम करेगा, दूसरों का सहयोग नहीं करेगा और अंत में समाज प्रगति नहीं करेगा।
  3. हो सकता है कि दुश्मन उस अकेले पर हमला करेगा और उसे बाद में पछताना पड़ेगा।

प्रश्न 4.
समाज को कौन चलाता है?
उत्तर-
समाज सहयोग और सहयोगी परिवारों के साथ चलता है। यदि सहयोगी परिवार नहीं होंगे, तो समाज सुचारु रूप से नहीं चलेगा।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 5 रचनात्मक सोच

प्रश्न 5.
किसने शर्त कभी नहीं हारी?
उत्तर-
दूसरों का सहयोग करने वालों की कभी हार नहीं होती।

Welcome Life Guide for Class 10 PSEB रचनात्मक सोच Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(क) बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
दुनिया की सुंदरता देखने के लिए
(a) दुनिया पर निर्भर करता है
(b) व्यक्ति के परिप्रेक्ष्य पर निर्भर करता है
(c) समाज पर निर्भर करता है
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) व्यक्ति के परिप्रेक्ष्य पर निर्भर करता है।

प्रश्न 2.
हम दूसरों से क्या उम्मीद करते हैं?
(a) उन्हें हमारा सम्मान करना चाहिए।
(b) उन्हें हमारी दोस्ती को स्वीकार करना चाहिए
(c) उन्हें मुझसे बात करने को तैयार होना चाहिए
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 5 रचनात्मक सोच

प्रश्न 3.
हम परिवार के पेड़ को कैसे बढ़ा सकते हैं?
(a) सहयोग द्वारा
(b) सम्मान देकर
(c) समय देकर
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 4.
स्कूल का प्रमुख कौन होता है?
(a) प्रबंधन
(b) प्रिंसीपल
(c) एच० ओ० डी०
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) प्रिंसीपल।

प्रश्न 5.
……. के बिना जीवन अधूरा है।
(a) समझदारी
(b) लालच
(c) ईर्ष्या
(d) द्वेष।
उत्तर-
(a) समझदारी।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 5 रचनात्मक सोच

प्रश्न 6.
रचनात्मक प्रकृति का अर्थ है
(a) कुछ नया करने के लिए
(b) कुछ विशेष बनाने के लिए
(c) कुछ बुनियादी करने के लिए
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

(ख) खाली स्थान भरें

  1. एक रचनात्मक दिमाग वाला व्यक्ति …………. करता है।
  2. जीवन …………. के बिना अधूरा है।
  3. …………. के बिना समाज आगे नहीं बढ़ सकता।
  4. हमें अपने बुजुर्गों को ………. और …………. देना चाहिए।
  5. हम दूसरों से कुछ …………….. रखते हैं।

उत्तर-

  1. आत्म विकास,
  2. समझ,
  3. सहयोग,
  4. सम्मान, समय
  5. अपेक्षाएँ।

(ग) सही/ग़लत चुनें

  1. हमें दूसरों से अपेक्षाएं नहीं रखनी चाहिए।
  2. मैं चाहता हूँ कि सभी मेरा सम्मान करें।
  3. शिक्षक छात्रों को प्रेरित करते हैं।
  4. हमें अपने आप को झगड़े से दूर रखना चाहिए।
  5. हमें पसंद नहीं है जब कोई हमारी मदद करता है।

उत्तर-

  1. ग़लत,
  2. सही,
  3. सही,
  4. सही,
  5. ग़लत।

(घ) कॉलम से मेल करें

कॉलम-I — कॉलम-II
(a) एक जुट रहना — (i) नए बनाने की गुणवत्ता
(b) गुस्सा — (ii) मूड
(c) कल्पना — (iii) इकट्ठे रहना
(d) रचनात्मक सोच — (iv) डांटना
(e) फीलिंग उत्तर — (v) किसी के बारे में सोचना।
उत्तर-
कॉलम-I — कॉलम-II
(a) एक जुट रहना — (iii) इकट्ठे रहना
(b) गुस्सा — (iv) डांटना
(c) कल्पना — (v) किसी के बारे में सोचना
(d) रचनात्मक सोच — (i) नए बनाने की गुणवत्ता
(e) फीलिंग उत्तर — (ii) मूड।

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
दुनिया की सुंदरता देखना किस पर निर्भर करता है?
उत्तर-
यह किसी के दृष्टिकोण पर निर्भर करता है।

प्रश्न 2.
हम दुनिया में सब कुछ अच्छा कब पा सकते हैं?
उत्तर-
जब हम अच्छाई की तलाश शुरू करते हैं तो हम दुनिया में सब कुछ अच्छा पाते हैं।

प्रश्न 3.
आदमी को किस तरह की सोच रखनी चाहिए?
उत्तर-
उनकी सोच रचनात्मक प्रकृति की होनी चाहिए।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 5 रचनात्मक सोच

प्रश्न 4.
हमें क्या करना चाहिए ताकि हम पूरी दुनिया को पसंद करें?
उत्तर-
हमें हर चीज़ में खुशी और सुंदरता खोजने की कोशिश करनी चाहिए।

प्रश्न 5.
एक अपेक्षा बताइए जो मैं दूसरों से रखता हूँ।
उत्तर-
हम चाहते हैं कि वे हमारी बात मानें और हमें इंकार न करें।

प्रश्न 6.
क्या आप दूसरों की अपेक्षाओं पर खरा उतरते हैं?
उत्तर-
हाँ, जब भी उन्हें आवश्यकता होती है, हम उनकी मदद करते हैं।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 5 रचनात्मक सोच

प्रश्न 7.
हम दुनिया में कैसे बेहतर हो सकते हैं?
उत्तर-
यदि हम दूसरों की अपेक्षाओं को पूरा करते हैं, तो हम निश्चित रूप से दुनिया में बेहतर होंगे।

प्रश्न 8.
हमें दूसरों में क्या देखना चाहिए?
उत्तर-
हमें दूसरों में अच्छे गुणों की तलाश करनी चाहिए।

प्रश्न 9.
एक परिवार कैसे प्रगति कर सकता है?
उत्तर-
परिवार के सदस्यों को समय, सहयोग और प्यार देकर परिवार उन्नति कर सकता है।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 5 रचनात्मक सोच

प्रश्न 10.
हम बड़ों को कैसे खुश रख सकते हैं?
उत्तर-
उनके साथ समय बिताकर और सम्मान देकर हम अपने बड़ों को खुश रख सकते हैं।

प्रश्न 11.
कौन-सी वस्तु के बिना जीवन अधूरा है?
उत्तर-
समझ के बिना जीवन अधूरा है।

प्रश्न 12.
मंगत को कैसे चोट लगी?
उत्तर-
मंगत को एक सड़क दुर्घटना में चोट लगी।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 5 रचनात्मक सोच

प्रश्न 13.
रचनात्मक सोच से क्या मतलब है?
उत्तर-
रचनात्मक सोच का अर्थ कुछ नया या विशेष बनाने की जिज्ञासा होना है।

प्रश्न 14.
एक रचनात्मक दिमाग को सामाजिक सम्मान कब मिल सकता है?
उत्तर-
जब वह कुछ नया बनाता है और आत्म प्रगति करता है तो उसे सामाजिक सम्मान मिलता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
दुनिया कैसे अच्छी लगती है?
उत्तर-
यह दुनिया काफी खूबसूरत है और यह किसी के दृष्टिकोण पर निर्भर करता है कि वह इस सुंदरता को कैसे देखता है। यदि हम दुनिया में अच्छी चीज़ों की तलाश करते हैं, तो हम उन्हें ज़रूर खोज लेंगे, लेकिन यदि हम बुरे की तलाश करेंगे तो हमें बुरा ही नज़र आएगा। इसीलिए यदि हमें अच्छा करना है, वो हमें हर चीज़ में सुंदरता और खुशी खोजने की ज़रूरत है। इससे सब कुछ अच्छा लगता है।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 5 रचनात्मक सोच

प्रश्न 2.
एक छात्र दूसरों से क्या उम्मीद करता है?
उत्तर-

  1. वह अपेक्षा करता है कि दूसरों को उसका सम्मान करना चाहिए।
  2. वह चाहता है कि सभी में उससे बात करने की इच्छा हो।
  3. वह चाहता है कि उसके दोस्त उसकी बात माने।
  4. वह अच्छे अंक प्राप्त करना चाहता है।
  5. वह अपने दोस्तों के साथ घूमना चाहता है।

प्रश्न 3.
हमारे जीवन में अपेक्षाओं की क्या भूमिका है?
उत्तर-
हमारे जीवन में अपेक्षाओं की बड़ी भूमिका है। हम दूसरों से बहुत-सी अपेक्षाएं रखते हैं और उन अपेक्षाओं को पूरा करने की अपेक्षा भी करते हैं। यदि वे इन अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर रहे हैं, तो हमारा रिश्ता खतरे में है। इसलिए, हमें यह समझना चाहिए कि यदि हम अपनी अपेक्षाओं को पूरा करना चाहते हैं, तो यह हमारे लिए भी ज़रूरी है कि हम औरों की अपेक्षाओं को भी पूरा करें। इस तरह एक-दूसरे की अपेक्षाओं को पूरा करके, हम दुनिया में खुशी पा सकते हैं और इसे रहने के लिए एक खुशहाल जगह बना सकते हैं।

प्रश्न 4.
हमारे जीवन में सहयोग का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
इस तथ्य से कोई इंकार नहीं है कि जीवन दूसरों के सहयोग के बिना एक दिन भी नहीं चला सकता। जीवन में हम दूसरों का सहयोग करते हैं और वे हमारा भी सहयोग करते हैं। माता-पिता अपने बच्चों को पालने के लिए परिवार में सहयोग करते हैं। सभी शिक्षक और छात्र बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए स्कूल में सहयोग करते हैं। इस तरह हमारे जीवन के हर हिस्से में सहयोग मौजूद है। इसके अभाव में जीवन एक दिन भी नहीं चल सकता। इस तरह दूसरों के साथ सहयोग एक अच्छे जीवन के लिए होना चाहिए।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 5 रचनात्मक सोच

प्रश्न 5.
समझ की कला क्या है?
उत्तर-
समझ के बिना जीवन पूरा नहीं हो सकता। किसी भी काम को पूरा करने के लिए बेहतर समझ की कला होनी चाहिए। जीवन जीने के लिए अपने आप को समझना, खेल खेलने के नियमों को समझना, माता-पिता के क्रोध से पहले उनके प्यार को समझना, दोस्तों के व्यवहार को समझना आदि कुछ ऐसे पहलू हैं, जिनका हम जीवन में पालन कर सकते हैं। यदि हमारे जीवन में समझ का कोई पहलू नहीं होगा तो हम जीवन में कुछ भी नहीं कर पाएंगे। जिन्हें हम समझने की क्षमता नहीं रखते, वे जीवन में कुछ नहीं कर सकते। दूसरी ओर समझ क्षमता वाले लोग जीवन में बहुत प्रगति करते हैं। इस को सभी के जीवन में समझने की कला कहते हैं।

प्रश्न 6.
रचनात्मकता के विकास की व्याख्या करो।
उत्तर-
रचनात्मकता का अर्थ कुछ नया, अनोखा और मौलिक बनाना या करना है। रचनात्मकता दिमाग वाले लोग, हमेशा नए विचारों के बारे में सोचते हैं और वे हमेशा ऐसे विचारों को अनोखे तरीके से व्यक्त करने की कोशिश करते हैं। विभिन्न व्यक्तियों के अलग-अलग गुण और लक्षण होते हैं। रचनात्मक दिमाग वाला व्यक्ति इस गुण का इस्तेमाल खुद को विकसित करने के लिए करता है और इसीलिए उसे सामाजिक सम्मान प्राप्त होता है। इस प्रकार की सोच किसी भी क्षेत्र यानि कला, साहित्य, विज्ञान इत्यादि से जुड़ी हो सकती है। यदि छात्रों में इस तरह की सक्रियता विकसित की जाएगी, तो हम नए विचारों को बनाने के लिए उनकी ऊर्जा का सही उपयोग कर सकते हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अध्याय में दी गई कहानी का संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर-
एक बार मंगत नाम का एक व्यक्ति एक दुर्घटना में बुरी तरह से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। वह न तो दाएं-बाएं देख सकता था और न ही हिल-जुल सकता था। अस्पताल में अगले बिस्तर पर विशाल नाम का एक और मरीज था। मंगत रोज़ विशाल की बातें सुनने लगा। वह मंगत को इसके अलावा खिड़की के माध्यम से देखा जाने वाला प्रकृति का सौंदर्य बताता था। मंगत ने उसकी बात सुनी और खिड़की से परे प्रकृति की सुंदरता की कल्पना करना शुरू कर दिया। जल्द ही, वह एक महीने में दुर्घटना से उबरने लगा। अंत में उसे थोड़ा हिलने दिया गया और उसे दूसरे बिस्तर पर ले जाया गया, जिस पर विशाल लेटा हुआ था। अब वह खिड़की से देखने की स्थिति में था। अस्पताल के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि विशाल का कल रात निधन हो गया। जब उसने खिडकी से देखने की कोशिश की, तो उस दीवार पर कोई खिडकी नहीं थी। अधिकारियों ने उन्हें यह भी बताया कि विशाल अंधा था। उन्होंने हमेशा मंगत को उम्मीद दी कि वह जल्द ही ठीक हो जाएगा। इसके बाद मंगत ने महसूस किया कि मददगार व्यक्ति उनकी मदद करने और उन्हें बेहतर बनाने के लिए दूसरों का समर्थन करते हैं। अपने स्वयं के दुखों के बावजूद वे खुशी फैलाने की कोशिश करते हैं।

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रचनात्मक सोच PSEB 10th Class Welcome Life Notes

  • यह दुनिया बहुत सुंदर है, लेकिन यह देखने वाले पर निर्भर करता है कि वह किसी विशेष चीज़ को कैसे देखता है। यदि हम अच्छाई खोजना चाहते हैं, तो सब कुछ अच्छा है या यदि हम बुरा खोजना चाहते हैं, तो सब कुछ बुरा है।
  • हम दूसरों से बहुत उम्मीदें रखते हैं और सोचते हैं कि हमारी उम्मीदों को पूरा करेंगे। यदि उम्मीद अच्छी है, तो यह निश्चित रूप से पूरी होगी। इस तरह हम एक-दूसरे की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे और खुश रहेंगे।
  • हमें एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। हमें दूसरों के साथ अच्छा समय बिताना चाहिए और हर संभव तरीके से सहयोग करना चाहिए। इससे प्यार और सहयोग बढ़ेगा और हम खुशी से काम कर सकते हैं।
  • परिवार, स्कूल और समाज सदैव सदस्यों के आपसी सहयोग से आगे बढ़ते हैं। यदि उनके सदस्य एक दूसरे की मदद नहीं करेंगे तो वे प्रगति नहीं करेंगे और विनाश के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे।
  • हमें अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए और उन्हें समय देना चाहिए। इससे वह अकेलापन महसूस नहीं करेंगे। हमें उनके पिछले अनुभवों को सुनना चाहिए ताकि हम उन गलतियों को न दोहराएं जो उन्होंने शायद की थीं।
  • हर किसी में चीज़ों को समझने की क्षमता होती है। समझ के बिना जीवन पूरा नहीं हो सकता। खेल खेलने के लिए दूसरों के साथ संवाद करने के लिए समाज में रहने के लिए, हमें समझ की आवश्यकता है।
  • रचनात्मक मानसिकता होना भी ज़रूरी है। इसका अर्थ है कि एक व्यक्ति के भीतर कुछ नया करने की इच्छा। जिनके पास ऐसी क्षमता है, वे सामाजिक प्रगति में योगदान करते हैं। यह स्वयं के विकास में मदद करता है और व्यक्ति के लिए सामाजिक प्रतिष्ठा भी लाता है।

हॉकी (Hockey) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

Punjab State Board PSEB 10th Class Physical Education Book Solutions हॉकी (Hockey) Game Rules.

हॉकी (Hockey) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

याद रखने योग्य बातें

  1. हॉकी टीम के खिलाड़ियों की संख्या = 11 बदलवें, 5
  2. हॉकी के मैदान की लम्बाई = 100 गज़, 91.40 मी०
  3. हॉकी के मैदान की चौड़ाई = 60 गज़, 54.86 मीटर
  4. हॉकी खेल का समय = 15-3-15, 15-10-15 की चार अवधियां लेकिन ओलम्पिक में 35-10-35 होता है।
  5. मध्यान्तर का समय = 5 मिनट से 10 मिनट
  6. गेंद का वज़न = 156 ग्राम से 163 ग्राम
  7. गेंद का व्यास = 8 ईंच से 9 ईंच
  8. हॉकी का वज़न = 12 औंस कम-से-कम 28 औंस अधिक-से-अधिक
  9. हॉकी रिंग से गुजर सके = 2.1″
  10. हॉकी स्टिक की लम्बाई = 37” से 38
  11. अधिकारी = एक टैकनीकल आफिसर, दो अम्पायर, दो जज, एक रीजरव अम्पायर।
  12. महिलाओं की हॉकी स्टिक का वज़न = 23 औंस
  13. गोल के खम्भों की लम्बाई = 4 औंस
  14. गोल बोर्ड की ऊँचाई = 18 इंच
  15. अन्तिम रेखा से “डी” की दूरी डा का दूरा = 16 इंच
  16. पैनल्टी स्ट्रोक की दूरी = 7 गज़
  17. डाटड शूटिंग सर्कल का दायरा = 21 गज़
  18. बैक बोर्ड की गहराई = 4 फीट

हॉकी खेल की संक्षेप रूप-रेखा
(Brief outline of the Hockey Game)

  1. मैच दो टीमों में खेला जाता है। प्रत्येक टीम में ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। खेल के दौरान किसी भी टीम में एक से अधिक गोलकीपर नहीं हो सकता।
  2. खेल का समय मध्यान्तर (Interval) से पहले और बाद में 35-5-35 मिनट का होगा। आराम पांच मिनट का होगा।
  3. मध्यान्तर के बाद दोनों टीमें अपना-अपना क्षेत्र बदल लेंगी।
  4. मैच के समय कोई टीम अधिक-से-अधिक खिलाड़ी बदल सकती है। जिस खिलाड़ी के स्थान पर प्रतिस्थापित खिलाड़ी (Substitute) लिया जाता है, उसे मैदान में पुनः आने की आज्ञा दी जा सकती है। पैनल्टी कार्नर लगाते समय खिलाड़ी बदला नहीं जा सकता।
  5. हॉकी के मैच में एक टैक्नीकल आफिसर, दो अम्पायर, दो जज और एक रिजर्व अम्पायर होता है।
  6. निलम्बित किए गए खिलाड़ी की जगह कोई अन्य खिलाड़ी नहीं खेलेगा।
  7. अतिरिक्त समय में बदला हुआ खिलाड़ी फिर खेल में नहीं आ सकता।
  8. कप्तान आवश्यकतानुसार गोल कीपर बदल सकते हैं।
  9. कप्तान साइडों के चुनाव के लिए टॉस करते हैं।
  10. कोई भी खिलाड़ी कड़ा या अंगूठी आदि वस्तुएं नहीं पहन सकता।
  11. हॉकी के खेल में 16 खिलाड़ी होते हैं। 11 खेलते हैं तथा 5 बदलवे (Substitutes) होते हैं।
  12. हिट लगाते समय हॉकी कन्धे से ऊपर भी उठ सकती है।
  13. यदि D के अन्दर या D के 25 गज़ अन्दर रक्षक टीम खतरनाक फाऊल करती है तो रैफ़री पैनल्टी कार्नर दे देगा।
  14. गोल कीपर या कोई अन्य खिलाड़ी D में से बाल को पकड़ ले या पांव नीचे दबा दे, तो रैफरी पैनल्टी स्ट्रोक दे देगा।
  15. हॉकी की कोई टीम अधिक-से-अधिक खिलाड़ी बदल सकती है बदलवें खिलाड़ी के स्थान पर फिर उसे बदला जा सकता है। केवल टाईब्रेकर के समय खिलाड़ी नहीं बदल सकते।
  16. गोल कीपर को पैनल्टी कार्नर अथपा पैनल्टी स्ट्रोक के समय नहीं बदला जा सकता, उसे चोट लगने पर ही बदला जा सकता है।
  17. 16 गज़ के सर्कल से बाहर 21 गज़ की डाटड रेखा सर्कल में अंकित की जाती है।

हॉकी (Hockey) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
हॉकी खेल में कितने खिलाड़ी खेलते हैं ? और खेल का समय बताओ।
उत्तर—
टीमें और खेल का समय
(Teams and duration of play)

  1. हॉकी का खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है। प्रत्येक टीम में ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। खेल के दौरान किसी भी टीम में एक से अधिक गोल रक्षक न होगा।
  2. मैच के दौरान प्रत्येक टीम अधिक-से-अधिक खिलाड़ी बदल सकती है।
  3. एक बार बदला हुआ खिलाड़ी पुनः खेल में भाग ले सकता है। निलम्बित किए खिलाड़ी के स्थान पर कोई दूसरा खिलाड़ी नहीं खेल सकता।
    HOCKEY GROUND
    हॉकी (Hockey) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 1
  4. कार्नर, कार्नर दण्ड या पैनल्टी दण्ड दिए जाने के अतिरिक्त जब खेल रुका हो तो स्थानापन्न (Substitute) खिलाड़ी रैफरी की आज्ञा से मैदान में उतर सकता है। इस काम में जितना समय लगा हो वह खेल के समय में जोड़ा जाएगा।
  5. यदि कोई परिणाम निकालने के लिए अतिरिक्त समय (Extra time) दिया जाए तो दूसरा खिलाड़ी (Substitute) भी किया जा सकता है।
  6. खेल की 35-35 मिनट की दो अवधियां होती हैं। इनके मध्य मध्यान्तर होता है।
    मध्यान्तर में टीमें अपनी साइड बदल लेती हैं। मध्यान्तर कम-से-कम पांच मिनट और अधिक-से-अधिक दस मिनट का हो सकता है।

कप्तान (कैप्टन)-

  1. साइडों (दिशाओं) के चुनाव के लिए दोनों टीमों के कप्तान खेल के आरम्भ में टॉस करेंगे। टॉस द्वारा दिशा या पास करने का फैसला करेंगेटॉस जीतने वाला पास या दिशा में से एक चुन सकता है।
  2. कोच न होने की अवस्था में कोच अम्पायर का काम करेगा।
  3. आवश्यकता पड़ने पर कप्तान गोल कीपरों की तबदीली करेगा। इस तबदीली के बारे अम्पायरों को सूचित करेगा।

हॉकी (Hockey) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
हॉकी खेल के मैदान, गोल पोस्ट, शूटिंग सर्कल, गेंद, हॉकी, खिलाड़ी की पोशाक और बैक पास के बारे में लिखें।
उत्तर-
खेल का मैदान-हॉकी के खेल का मैदान आयताकार होगा। इसकी लम्बाई 91.40 m तथा चौड़ाई 55 m होगी। छोटी सीमा रेखा गोल रेखा कहलाती है। गोल रेखा की मोटाई 3 इंच होगी। पुश इन के नियन्त्रण और उसकी सहायता के लिए केन्द्र रेखा के परे तथा प्रत्येक 22.90 m की रेखा साइड लाइन के 5 गज़ के समतल प्रत्येक साइड लाइन पर तथा इसके भीतरी किनारे किनारे अन्दर गोल रेखा का समतल प्रत्येक साइड लाइन पर तथा इसके भीतरी किनारे से 16 गज़ पर 12″ लम्बा एक निशान लगाया जाएगा। कार्नर हिट के लिए मैदान के अन्दर समीप के गोल स्तम्भ से 5 गज़ तथा 10 गज़ पर गोल के दोनों ओर गोल रेखा पर निशान लगाया जाएगा। कार्नर हिट के लिए मैदान के भीतरी कार्नर फ्लैग के 5 गज़ पर रेखाओं तथा पार्श्व (साइड) रेखाओं पर निशान लगाया जाएगा। प्रत्येक गोल केन्द्र से 6.40 m दूर सामने की ओर एक सफेद बिन्दु लगाया जाएगा जिसका व्यास 6″ से अधिक न होगा। झण्डियां केन्द्र रेखा से एक गज़ बाहर को रखी जाएंगी।
हॉकी (Hockey) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 2
गोल पोस्ट-

  1. प्रत्येक गोल रेखा के केन्द्र में 1.20 m की दूरी पर पड़े हुए दो खम्बों के बीच भूमि से 6.40 m ऊंची (अन्दर की माप) तथा पड़ी क्रास बार से जुड़ा एक गोल होगा। गोल पोस्टों का अगला भाग गोल रेखा के बाहरी किनारे को छुएगा। गोल पोस्ट क्रास छड़ों से ऊपर नहीं निकलेंगे और न ही क्रास बार गोल स्तम्भों से बाहर को होगी। गोल स्तम्भ और क्रास बार सामने से 5 cm चौड़ी और 71/2 cm गहरी होगी। गोल पोस्टों के पीछे अच्छी तरह मज़बूती से जाल लगा होगा।
  2. गोल पोस्टों के अन्दर 4 गज़ लम्बे तथा अधिक-से-अधिक 8” ऊंचे मैदान को छूते हुए गोल बोर्ड लगाए जाएंगे। ये बोर्ड गोल लाइन के साथ 90° का कोण बनाएंगे। ये बोर्ड लकड़ी के बने होंगे।
  3. बोर्ड को दूरी पर सहारा देने के लिए गोल के भीतर लकड़ी के तख्ते रखे होंगे।

हॉकी (Hockey) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 3

शूटिंग सर्कल (Shooting Circle)—प्रत्येक गोल के सामने गोल रेखा से 16 गज़ की दूरी 3.66 m लम्बी और तीन इंच चौड़ी एक समानान्तर सफेद रेखा लगाई जाएगी। यह रेखा हर ओर चौथाई वृत्त बनाती हुई गोल रेखा से मिलेगी जिसका केन्द्र बिन्दु गोल स्तम्भ होंगे। इन रेखाओं द्वारा घिरा हुआ स्थान शूटिंग सर्कल कहलाएगा।
गेंद-गेंद सफेद रंग के चमड़े या किसी दूसरे सफेद पेंट किए हुए चमड़े की बनी होगी। इसका आकार क्रिकेट की गेंद से मिलता-जुलता है। इसकी परिधि (घेरा) 814” से 97″ तक होती है। इसका वज़न 51/5 औंस से 53/4 औंस तक होता है।
हॉकी (Hockey) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 4

हॉकी (स्टिक)-स्टिक का केवल बायां भाग चपटा होना चाहिए। इसका सिरा धातु से जुड़ा नहीं होना चाहिए। स्टिक का भार 28 औंस और 12 औंस से कम नहीं होना चाहिए। स्टिक का आकार ऐसा होना चाहिए कि वह 2” के आन्तरिक व्यास वाले छल्ले से निकल जाए।

खिलाड़ियों की पोशाक तथा सामान–प्रत्येक टीम का खिलाडी वही पोशाक धारण करेगा जो संस्था या क्लब द्वारा निश्चित की गई है। प्रत्येक खिलाड़ी ऐसे जूते पहनेगा जिससे दूसरों को हानि न पहुंचे। गोल कीपर इन चीज़ों को धारण कर सकता है-पैड, निक्कर, दस्ताने, बूट और मास्क।
SHOOTING CIRCLE
BACK LINE 60 YARDS
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बैक पास-खेल शुरू करने के लिए, गोल हो जाने पर, खेल दुबारा शुरू करने और मध्यान्तर के बाद खेल शुरू करने के लिए, मैदान के मध्य में टॉस जीतने वाले खिलाड़ी पर गोल हो तो वह खिलाड़ी और आधे समय के बाद विरोधी टीम का खिलाड़ी बैक पास करेगा। बैक पास करने वाला खिलाड़ी सैंटर लाइन पर या दूसरी तरफ पैर रख सकता है।

प्रश्न
हॉकी खेल के साधारण नियम लिखें।
उत्तर-
खेल के लिए साधारण व्याख्या
हॉकी (Hockey) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 6

  1. गेंद खेलने के लिए स्टिक का उल्टा भाग प्रयोग नहीं करना चाहिए, केवल चपटा भाग ही । प्रयोग में लाना चाहिए। बिना अपनी स्टिक के कोई खिलाड़ी खेल में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
  2. गेंद पर प्रहार करते समय प्रहार के शुरू या अन्त में स्टिक कन्धों से ऊपर जा सकती है, लेकिन गेंद खतरनाक न हो।
  3. गेंद पर इस प्रकार प्रहार नहीं करना चाहिए जिससे दूसरे खिलाड़ी के लिए खतरा पैदा हो जाए।
  4. अपनी टीम के लाभ के लिए खिलाड़ी गेंद को भूमि या हवा में अपने शरीर के किसी भाग से नहीं रोक सकता।
  5. विरोधी खिलाड़ी के रोकने के लिए स्टिक को टांग या पैर का सहारा नहीं देना चाहिए।
  6. स्टिक के अतिरिक्त किसी भी रूप या दिशा में गेंद को उड़ाया, लुढ़काया या फेंका नहीं जा सकता।
  7. विरोधी खिलाड़ी की स्टिक के साथ हुकिंग, हिटिंग या स्ट्राइकिंग आदि की आज्ञा नहीं है।
  8. कोई भी खिलाड़ी गेंद और विरोधी खिलाड़ी के बीच भाग कर उस खेल में बाधा नहीं पहुंचाएगा और न ही वह स्वयं स्टिक द्वारा विरोधी के खेल में बाधा डाल सकता है।
  9. जब गेंद गोल कीपर के चक्र में हो तो वह इसे किक मार सकता है या अपने शरीर के किसी भी अंग से इसे रोक सकता है।
  10. यदि गेंद गोल कीपर के पैडों में या किसी खिलाड़ी या रैफरी के कपड़ों में अटक जाए तो खेल रोक दिया जाएगा और उसी स्थान से पास द्वारा फिर से शुरू करवाया जाएगा जहां पर घटना घटी हो।
  11. यदि गेंद अम्पायर से टकरा जाए तो वह खेल में रहती है अर्थात् खेल चालू रहेगा।
  12. रफ या खतरनाक खेल, किसी तरह का दुर्व्यवहार या व्यर्थ समय को नष्ट करने की आज्ञा नहीं है।

दण्ड-इस नियम के उल्लंघन होने की दशा में—
गोल्डन गोल रूल (Golden Goal Rule) हॉकी के खेल में समय समाप्त होने पर यदि दोनों टीमें बराबर रह जाती हैं तो बराबर रहने की स्थिति में 772, 712 मिनट का खेल होगा। इस समय में जब भी गोल हो जाए तो वहीं पर खेल समाप्त हो जाता है और गोल करने वाली टीम विजयी घोषित की जाती है। उसके बाद यदि फिर गोल न हो तो दोनों टीमों को 5-5 पैनल्टी स्ट्रोक उस समय तक दिए जाते रहेंगे जब तक फैसला नहीं हो जाता।

हॉकी (Hockey) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
हॉकी खेल में हो रहे साधारण नियमों की उल्लंघना के बारे में लिखें।
उत्तर-

  1. यदि उल्लंघन शूटिंग वृत्त (चक्र) से बाहर हुआ हो तो विरोधी टीम को फ्री हिट दी जाती है, परन्तु अम्पायर के विचार में यदि रक्षक टीम के खिलाड़ी ने अपनी 25 गज़ की रेखा में यह अपराध जानबूझ कर किया है तो इसे पैनल्टी कार्नर अवश्य देना चाहिए।
  2. यदि आक्रमक खिलाड़ी द्वारा उल्लंघन वृत्त (चक्र) के भीतर हुआ है तो विरोधी टीम को फ्री हिट दी जाती है। इसके विपरीत यदि रक्षक खिलाड़ी द्वारा वृत्त के अन्दर उल्लंघन हुआ हो तो आक्रामक टीम को पैनल्टी कार्नर या पैनल्टी स्ट्रोक दिया जाता है।
  3. यदि वृत्त से बाहर दोनों विरोधी खिलाड़ियों द्वारा एक साथ नियम का उल्लंघन हुआ हो तो अम्पायर उल्लंघन वाले स्थान पर बुल्ली करने की आज्ञा देगा, परन्तु गोल रेखा के 5 गज़ से बाहर (पास) होनी चाहिए।
  4. रफ़ या खतरनाक खेल या दुर्व्यवहार की स्थिति में अम्पायर दोषी खिलाड़ी को
    • चेतावनी दे सकता है।
    • उसे अस्थाई तौर पर मैदान से बाहर निकाल सकता है।
    • उसे शेष खेल में रोक सकता है।

नोट-अस्थायी तौर पर निकाला गया खिलाड़ी अपने गोल नेट के पीछे उस समय तक खड़ा रहेगा जब तक कि अम्पायर उसे वापिस नहीं बुलाता।
गोल-जब गेंद नियमानुसार गोल पोस्टों में से गुज़र कर गोल लाइन पार कर जाए तब गोल हो जाता है। उस समय गेंद वृत्त में होनी चाहिए और आक्रामक खिलाड़ी की स्टिक से लग कर आई हो। अधिक गोल करने वाली टीम की मैच में विजय होती है। पैनल्टी स्ट्रोक के समय यदि गोलकीपर फ़ाऊल करता है तो बाल का गोल लाइन को पार करना ज़रूरी नहीं है।

प्रश्न
निम्नलिखित से आपका क्या भाव है ? फ्री हिट, कार्नर, पैलन्टी कार्नर।
उत्तर-
फ्री हिट—

  1. फ्री हिट प्राय: उल्लंघन (अवज्ञा) वाले स्थान से ली जाती है। यदि आक्रामक खिलाड़ी द्वारा उल्लंघन वृत्त के अन्दर होता है तो वृत्त के किसी भी बिन्दु से फ्री हिट ली जा सकती है।
  2. फ्री हिट लेते समय गेंद भूमि पर स्थिर रहेगी। इसमें गेंद पर किसी भी प्रकार का प्रहार प्रयोग में लाया जा सकता है, परन्तु गेंद घुटने से ऊपर नहीं उछलनी चाहिए। इसमें स्कूप स्ट्रोक की आज्ञा नहीं।
  3. यदि फ्री हिट 16 गज़ के अन्दर मिली हो तो रक्षक टीम के खिलाड़ी द्वारा घटना वाले स्थल के समानान्तर किसी भी स्थान से लगाई जा सकती है।
  4. फ्री हिट लेते समय टीम का खिलाड़ी गेंद से 5 गज़ के घेरे में न होगा। अपनी टीम का खिलाड़ी पांच गज़ दूर होना जरूरी नहीं।
  5. यदि फ्री हिट लेते समय प्रहारक से गेंद चूक जाए तो वह इसे दोबारा हिट लगा सकता है।
  6. फ्री हिट लेने के पश्चात् प्रहारक उस समय तक गेंद को छू नहीं सकता जब तक कि किसी दूसरे खिलाड़ी ने गेंद छू न लिया हो या खेल न लिया हो।

दण्ड-इस नियम के उल्लंघन की दशा में—

  1. शूटिंग चक्र के बाहर-विरोधी टीम को एक फ्री हिट दी जाएगी।
  2. शूटिंग चक्र के अन्दर—
    • आक्रामक टीम के विरुद्ध विरोधी टीम को 16 गज़ की एक फ्री हिट दी जाएगी।
    • आक्रामक टीम को रक्षक टीम के विरुद्ध पैनल्टी कार्नर या पैनल्टी स्ट्रोक दिया जाएगा।

पुश-इन—

  1. जब गेंद साइड लाइन से पूरी तरह बाहर निकल जाए तो उसी स्थान से पुश या हिट करके गेंद को खेल में लाया जाता है। गेंद के साइड लाइन से बाहर निकलने से पहले जिस टीम के खिलाड़ी ने इसे अन्त में छुआ हो उसकी विरोधी टीम का कोई भी खिलाड़ी पुश-इन करता है।
  2. जब पुश-इन लिया जा रहा हो तो किसी भी टीम का कोई भी खिलाड़ी 5 गज़ के घेरे में नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा हुआ तो अम्पायर दुबारा पुश-इन के लिए कहेगा।
  3. पुश-इन करने वाला खिलाड़ी स्वयं गेंद को उस समय तक नहीं छू सकता जब तक कि अन्य खिलाड़ी इसे छू न ले या खेल न ले।

दण्ड—

  1. पुश-इन लेने वाले खिलाड़ी द्वारा नियम के उल्लंघन की दशा में विरोधी टीम को पुश-इन दिया जाएगा।
  2. किसी अन्य खिलाड़ी द्वारा नियम का उल्लंघन होने पर पुश-इन दुबारा ली जाएगी परन्तु बार-बार उल्लंघन होने पर विरोधी टीम को फ्री हिट दी जाएगी।

गेंद का पीछे जाना—

  1. यदि आक्रमक टीम के खिलाड़ी द्वारा गेंद गोल रेखा के पार चली जाए और गोल न हो या अम्पायर के विचार में गोल रेखा से 25 गज़ या अधिक दूर से रक्षक टीम के किसी खिलाड़ी द्वारा अनजाने में गोल रेखा के पार चली जाए तो रक्षक टीम का खिलाड़ी उस स्थान से 16 गज़ की फ्री हिट लगाएगा जहां से गेंद ने गोल लाइन को पार किया हो।
  2. यदि गेंद रक्षक टीम के खिलाड़ी द्वारा अनजाने में ही गोल रेखा से 25 गज़ की दूरी से बाहर निकाल दी जाती है तो विरोधी टीम को पैनल्टी कार्नर दिया जाता है।
  3. यदि रक्षक टीम का खिलाड़ी जान-बूझ कर गेंद को मैदान के किसी भाग से गोल रेखा से बाहर निकाल लेता है तो यदि गोल न हुआ हो तो विरोधी टीम को पैनल्टी कार्नर दिया जाता है।
  4. यदि अम्पायर के मतानुसार रक्षक टीम के खिलाड़ी ने अपने 25 गज़ की रेखा के अन्दर जान-बूझ कर नियम की अवज्ञा की है तो विरोधी टीम को पैनल्टी कार्नर दिया जाता है।

कार्नर—

  1. आक्रामक टीम को गोल रेखा या साइड रेखा के किनारे वाले फ्लैग पोस्ट से 5 गज़ के वृत्त में से फ्री हिट दी जाएगी।
  2. पैनल्टी कार्नर लगाते समय यदि बाल पुश करने से पहले ही रक्षक टीम के रिगाड़ी दौड़ पड़ें तो रैफ़री दोबारा पुश करने के लिए कहेगा।

पैनल्टी कार्नर-जब अम्पायर का मत हो कि रक्षात्मक खिलाड़ी ने जान-बूझ कर गेंद गोल पोस्ट के अतिरिक्त गोल रेखा में डाल दी है, और यदि गोल न हुआ हो तो विरोधी टीम को पैनल्टी कार्नर दिया जाता है।

पैनल्टी कार्नर लगाते समय एक खिलाड़ी बॉल को गोल रेखा पर लगे शूटिंग सर्कल के अन्दर के निशान से बॉल पुश करेगा, तो इधर डी के किनारे पर खड़ा खिलाड़ी हॉकी से ही खेलेगा और तीसरा बॉल को हिट करेगा। पैनल्टी कार्नर का गोल तब माना जाएगा जब बॉल गोल के फट्टे (Goal Post) से ऊंचा न जाए या under cut न हो। गोल रेखा पार कर चुका हो।
पैनल्टी कार्नर मिलने के पश्चात् यदि खेल का समय समाप्त हो जाता है तो भी पैनल्टी कार्नर अवश्य मिलेगा।
पैनल्टी स्ट्रोक-आक्रामक टीम को उस समय पैनल्टी स्ट्रोक दिया जाता है। जब रक्षक टीम का खिलाड़ी वृत्त के अन्दर से जान-बूझ कर ग़लती न करे तो कार्नर हिट के समय दोनों टीमों के खिलाड़ी जिस स्थान पर चाहें, खड़े हो सकते हैं। यदि नए नियमों के अनुसार शूटिंग चक्र में आक्रमण रोकने वाली टीम कोई फाऊल करती है, चाहे वह जान-बूझ कर करे, चाहे अनजाने में उसके विरुद्ध पैनल्टी स्ट्रोक दिया जाता है।

  1. पैनल्टी स्ट्रोक आक्रामक टीम के किसी खिलाड़ी द्वारा गोल-रेखा के सामने 7 गज़ की दूरी से मारा जाता है और रक्षक टीम के गोल कीपर द्वारा रोका जाता है, परन्तु गोल कीपर के नियम उस पर पूरी तरह लागू होंगे।
  2. पैनल्टी स्ट्रोक लगाते समय दोनों टीमों में सभी खिलाड़ी नज़दीक की 25 गज़ वाली रेखा के बाहर रहेंगे।
  3. स्ट्रोक लेते समय अम्पायर की सीटी बजने पर आक्रामक खिलाड़ी गेंद के निकट खड़ा हो जाता है। सीटी बजने के बाद और स्ट्रोक लेते समय वह एक कदम आगे कर सकता है।
  4. वह गेंद को केवल एक बार ही छू सकता है। इसके पश्चात् वह न तो गेंद की ओर जाएगा और न ही गोल रक्षक की ओर। अम्पायर की सीटी का संकेत मिलने पर पैनल्टी स्ट्रोक मारा जाएगा।
  5. गोल रक्षक गोल-रेखा पर खड़ा रहेगा। वह उस समय तक अपने स्थान से नहीं हिलेगा जब तक गेंद को हिट नहीं किया जाता।
  6. कन्धों से ऊंची गेंद को गोल रक्षक स्टिक के किसी भाग से स्पर्श नहीं कर सकता। गोल रक्षक को मिलने वाली सुविधाएं उसकी जगह लेने वाले खिलाड़ी को मिलेंगी, परन्तु उसे पैनल्टी स्ट्रोक के दौरान कपड़े और सामान नहीं मिल सकता। अभिप्राय पैड, दस्ताने या अन्य सामान पहन सकता है/सकती है, जो गोल कीपर पहन सकता है।
  7. पैनल्टी स्ट्रोक लगाने पर गेंद किसी भी ऊंचाई तक जा सकती है।
  8. यदि पैनल्टी स्ट्रोक लेने वाला खिलाड़ी या प्रहारक की कोई क्रिया गोल रक्षक को अपने पांव हिलाने के लिए विवश करे या प्रहारक बेहोश हो जाए तो स्ट्रोक फिर से लिया जाएगा।
  9. यदि पैनल्टी स्ट्रोक के फलस्वरूप—
    • गेंद स्तम्भों के बीच और क्रासबार के नीचे गोल रेखा को पूरी तरह पार कर जाए तो गोल हो जाता है।
    • गोल रक्षक द्वारा किसी नियम का उल्लंघन करने से गोल होने पर से रुक जाए तो भी गोल हुआ माना जाएगा।
    • यदि गेंद को गोल रक्षक पकड़ ले या गेंद उसके पैडों में अटक जाए तो गेंद रुक गई मानी जाती है।
    • यदि गेंद वृत्त के अन्दर स्थिर हो जाए या बाहर चली जाए तो पैनल्टी स्ट्रोक समाप्त हो जाता है।
    • गोल हो जाने अथवा दिए जाने के बिना खेल पुनः फ्री हिट से आरम्भ होती है। गोल रेखा से 16 गज़ की दूरी से रक्षक टीम फ्री हिट लगाती है।
    • पैनल्टी स्ट्रोक तथा खेल के दोबारा शुरू होने तक की अवधि का खेल उसी मध्य या Half में जोड़ा जाएगा।

दण्ड—

  1. यदि आक्रामक खिलाड़ी किसी नियम का उल्लंघन करता है तो रक्षक टीम द्वारा गोल रेखा से 16 गज़ की दूरी से फ्री हिट लगाने से खेल पुनः शुरू होगा।
  2. यदि गोल रक्षक द्वारा नियम का उल्लंघन होता है तो अम्पायर स्ट्रोक दोबारा लगाने के लिए कहेगा।

दुर्घटनाएं—

  1. किसी खिलाड़ी या अम्पायर के अस्वस्थ हो जाने की दशा में दूसरे अम्पायर द्वारा खेल को कुछ समय के लिए रोक दिया जाता है। इस प्रकार नष्ट हुए समय को लिख दिया जाता है। खेल रोकने से पहले यदि गोल हो जाता है या अम्पायर के विचार से दुर्घटना न होने की दिशा में गोल हो जाता है तो इस प्रकार का हुआ गोल मान लिया जाएगा।
  2. जितनी जल्दी सम्भव हो सके अम्पायर खेल पुनः शुरू कराएगा। अम्पायर द्वारा चुने हुए स्थान से बुली द्वारा पुनः खेल शुरू किया जाएगा।
    हॉकी (Hockey) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 7
    मैदान में खिलाड़ियों का स्थान ग्रहण करना

हॉकी टीम में ग्यारह खिलाड़ी होते हैं और पांच बदलवें खिलाड़ी होते हैं। इनमें से 4 फ़ारवर्ड, 4 हॉफ बैक, 2 फूल बैक तथा एक गोल कीपर होता है।

हॉकी (Hockey) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
हॉकी खेल के कुछ महत्त्वपूर्ण तकनीक के बारे में बताइए।
उत्तर-
हॉकी खेल के कुछ महत्त्वपूर्ण तकनीक जल्दी से जल्दी पूरे स्तर के मैचों में खेलने के इच्छुक खिलाड़ी, जब तक हॉकी के प्रमुख स्ट्रोकों की जानकारी प्राप्त न कर लें, तब तक खेल का सच्चा आनन्द प्राप्त करना असम्भव है। मैं समझता हूं कि यदि नौसिखिए खिलाड़ी मैच में खेलने से पहले गेंद को मैदान में आसानी से लुढ़काने लायक हॉकी का प्रयोग करना सीख लें तो वह अच्छी शुरुआत रहेगी।

विभिन्न स्ट्रोकों को खेलते समय सिर, पैर और हाथों की क्या स्थिति हो इस विषय में कोई सुनिश्चित नियम नहीं है। यद्यपि सरलता से स्ट्रोक लगाने में खिलाड़ी के फुट वर्क (Foot work) का बहुत महत्त्व होता है। सबसे पहले तो खिलाड़ी को स्टिक पकड़ने का सही तरीका मालूम होना चाहिए। स्ट्रोक लगाने के दूसरे सिद्धान्त व्यक्तिगत अथवा छोटेछोटे ग्रुपों में अभ्यास करने से अपने आप आ जाते हैं। पूर्ण सफलता के लिए यह आवश्यक है कि सभी अभ्यास तब तक धीमी गति से किए जाएं जब तक खिलाड़ी उनकी सही कला न सीख ले। फिर धीरे-धीरे उसे अपनी गति बढ़ानी चाहिए।

प्रमुख स्ट्रोक निम्नलिखित हैं—
पुश स्ट्रोक कलाई की सहायता से लगाया जाता है, जिसमें बायां हाथ तो हैंडल के ऊपरी सिरे पर और दायां हाथ स्टिक के बीचों-बीच रहता है तथा बाजू और कन्धे इसके ठीक पीछे रहने चाहिएं। गेंद को ज़मीन के साथ-साथ धेकल देना चाहिए। यह स्ट्रोक छोटे और सुनिश्चित ‘पास’ के लिए लगाया जाता है और यह बहुत ही रचनात्मक महत्त्व का होता है।

फ्लिक (Flik)
फ्लिक स्ट्रोक में दोनों हाथ स्टिक पर साथ-साथ रहते हैं और यह स्ट्रोक ढीली कलाइयों से लगाया जाता है। फ्लिक करते समय स्टिक गेंद के एकदम साथ रहनी चाहिए। यह स्ट्रोक स्टिक को पीछे की ओर उठाए बिना ही लगाया जाता है। साधारणतया यह स्ट्रोक लुढ़कती हुई गेंद पर और गेंद को जल्दी निकासी के लिए हिट की अपेक्षा लगाया जाता है। रिवर्स फ्लिक में गेंद को दायीं ओर लाने के लिए रिवर्स स्टिक का प्रयोग किया जाता है। प्रतिपक्षी को चकमा देने का यह बहुत ही सूझ-बूझ वाला तरीका है और जब खिलाड़ी इस कला में फर्राट हो जाता है, तो यह स्ट्रोक बहुत ही दर्शनीय होता है। एक जमाना था जब भारतीय खिलाड़ी यूरोपीय टीमों के साथ खेलते हुए ‘स्कूप’ का बहुत प्रयोग करते हुए उन्हें लाजवाब कर देते थे। लेकिन हाल ही में नई दिल्ली में खेले गए टेस्ट-मैच में यह देखा गया है कि सधे हुए ‘फ्लिक स्ट्रोक’ का प्रयोग करके प्रतिपक्षी जर्मन खिलाड़ी भारतीय खिलाड़ियों के सिर पर से गेंद उछाल कर अक्सर भारतीय क्षेत्र या यों कहिए कि भारतीय रक्षा-पंक्ति में घुसपैठ करने में सफल हो जाते थे। आश्चर्य की बात है कि इस प्रकार गेंद 30 गज़ और इससे भी ज्यादा अन्दर तक फेंकी गई। परिणाम यह होता था कि हमारी रक्षा पंक्ति को वहां तुरन्त पहुंचने और बचाव करने का अवसर ही नहीं मिलता था।

अधिक शक्तिशाली फ्लिक स्ट्रोक लगाने के लिए आवश्यक है कि स्टिक की पकड़ बंटी हुई हो यानी दाएं हाथ की पकड़, बाएं हाथ की पकड़ से अलग स्टिक पर थोड़ी नीचे की ओर रहनी चाहिए। छोटी दूरी के लिए फ्लिक स्ट्रोक लगाने के लिए सिद्धान्त में यह कुछ भिन्न है। हमारे खिलाड़ियों को इस कला में पारंगत होना चाहिए, क्योंकि ‘खिलाड़ी से खिलाड़ी को’ वाली आधुनिक नीति का एक यही सर्वोत्तम जवाब है।

यह एक आकर्षक तथा सबसे लाभकारी स्ट्रोक है, परन्तु इसके लिए आवश्यकता है अभ्यास और पुष्ट कलाइयों की। कलाइयों को पुष्ट बनाने के लिए अग्रलिखित अभ्यास किए जाने चाहिएं—

  1. स्टिक के ऊपरी हिस्से को बाएं हाथ से पकड़ें और इसके पास ही दाएं हाथ से, स्टिक को थोड़ा पलट कर गेंद दायीं ओर धकेल दें। स्ट्रोक के प्रारम्भ में शरीर के वज़न का दबाव बाएं पैर पर पड़ता है, दायां कन्धा घूम जाता है और इसके साथ ही कलाई के झटके के साथ स्ट्रोक लगता है। इस स्ट्रोक को अभ्यास में लाने के लिए गेंद को घेरे के आकार में रिवर्स स्ट्रोक से लुढ़काएं।
  2. गेंद उसी प्रकार आगे बढ़ाएं, परन्तु उसी स्थिति में रहते हुए और स्टिक को सिर्फ बाएं हाथ से पकड़ कर।
    ये दो अभ्यास बहुत आवश्यक हैं, विशेषकर उन भारतीय खिलाड़ियों के लिए जो ‘लेफ्ट फ्लिक’ या ‘पुश’ में बिल्कुल ही अनाड़ी हैं। इससे उनके बाएं हाथ को वह शक्ति भी प्राप्त होगी, जो फ्लिक स्ट्रोक के लिए आवश्यक है। यह स्ट्रोक गेंद को तेज़ गति प्रदान करने की दृष्टि से भी, और गेंद की शीघ्र निकासी के लिए भी उपयोगी है। इस स्ट्रोक के द्वारा खिलाड़ी अपने पास की दिशा तो छिपाता ही है, साथ ही बाएं हाथ की भिड़न्त के लिए आवश्यक शक्ति भी प्राप्त करता है।

स्कूप (Scoop)
यह स्ट्रोक जानबूझ कर गेंद उछालने के लिए लगाया जाता है। स्टिक तिरछी झुकी हुई, ज़मीन से कुछ ऊपर गेंद के पीछे रहती है और स्टिक पर खिलाड़ी की पकड़ में दोनों हाथ एक-दूसरे से काफ़ी दूर रहते हैं। गेंद के ज़मीन पर गिरते समय यदि तथा यह स्ट्रोक लगाते समय खेल में किसी प्रकार का जोखिम पैदा हो जाए तो इसे नियम भंग की कार्यवाही मानना चाहिए। हालांकि एक लैफ्ट विंगर के लिए प्रतिपक्षी खिलाड़ी को उसकी स्टिक पर से गेंद उछालकर उसे चकमा देने की दृष्टि से यह स्ट्रोक बहुत ही लाभकारी है, परन्तु इसका प्रयोग कभी-कभी ही करना चाहिए। भारी तथा कीचड़ वाले मैदान पर यह स्ट्रोक बहुत उपयोगी रहती है।

ड्राइव (Drive)
यह एक ग़लत धारणा है कि गेंद को ज़ोर से हिट करने के लिए स्टिक को किसी भी तरफ कन्धे से ऊपर से ले जाना आवश्यक है। सच तो यह है कि हॉकी को पीछे की तरफ थोड़ा-सा उठाकर हिट करने से गेंद अपने लक्ष्य तक अपेक्षाकृत अधिक शीघ्रता से पहुंच सकती है। हिट की गति और शक्ति खिलाड़ी के फुट वर्क (Foot work) समयानुपात तथा गेंद को हिट करते समय कलाइयों से मिली ताकत पर निर्भर करती है। खिलाड़ी को काटदार या नीचे से प्रहार करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये स्ट्रोक नियम विरुद्ध होते हैं।

लंज (Lunge)
यह स्ट्रोक लगाते समय खिलाड़ी के एक हाथ में स्टिक, बाजू पूरी खिंची हुई तथा एक पैर पर शरीर टिका हुआ और घुटने मुड़े हुए होते हैं। जब प्रतिपक्षी खिलाड़ी भिड़न्त की सीमा से दूर हो तो गेंद को उसकी स्टिक से बचाने के लिए इस स्ट्रोक का प्रयोग किया जाता है। फारवर्ड खिलाड़ी गेंद को साइड लाइन तथा गोल लाइन से बाहर जाने वाली गेंद को स्ट्रोक द्वारा अतिरिक्त पहुंच की सहायता से रोक सकते हैं।

जैब (Jab)
यह एक और एक हत्था स्ट्रोक है। इसे दाएं हाथ से भी लगाया जा सकता है और बाएं से भी। इस स्ट्रोक का उपयोग गेंद को धकियाने के लिए किया जाता है। गेंद धकियाने की यह ऐसी गतिशील फारवर्ड कार्यवाही है, जिसमें खिलाड़ी ने एक हाथ से स्टिक पकड़ी हुई होती है और उसकी बाजू पूरी तरह आगे तक बढ़ी हुई रहती है। जब दो विपक्षी खिलाड़ी गेंद हथियाने के उद्देश्य से आगे बढ़ रहे हों, तो इससे पहले कि उनमें से कोई गेंद हथियाए, गेंद को उनकी पहुंच से बाहर धकेलने के लिए यह स्ट्रोक प्रयोग में लाया जाता है।

जैब तथा लंज के अभ्यास के लिए
(क) स्टिक को एक हाथ से पकड़ और बाजू पूरी तरह आगे बढ़ा कर खिलाड़ी को ‘शार्प जैब’ का अभ्यास करना चाहिए।
(ख)

  1. स्टिक बाएं हाथ से पकड़ कर, बाजू पूरी तरह आगे तक बढ़ाकर खिलाड़ी को रिवर्स स्ट्रोक खेलने का अभ्यास करना चाहिए, इससे बाईं कलाई में मजबूती आएगी।
  2. गेंद को अपने बीच में रख कर दो खिलाड़ी खड़े हो जाएं। फिर गेंद को खेलने के लिए तेज़ी से दौड़ पड़ें। दोनों ही खिलाड़ियों को एक-दूसरे से पहले गेंद को दाएं हाथ से जैब करने, और इसके बाद बाएं हाथ से लंज करने का प्रयत्न करना चाहिए।

इन दोनों एक हत्थे स्ट्रोकों का नियमित अभ्यास आवश्यक है। जब दोनों हाथों से खेलना या स्ट्रोक लगाना असम्भव हो, तभी इन स्ट्रोकों का प्रयोग करना चाहिए। दूसरे शब्दों में, कहना चाहूंगा जब खिलाड़ी को गेंद खेलने के लिए अपेक्षाकृत अधिक पहुंच की ज़रूरत हो, तब ये स्ट्रोक बहुत ही उपयोगी होते हैं।

ड्रिबल (Dribble)
ड्रिब्लिंग की कला हॉकी में बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। एक खिलाड़ी तब तक पूरा खिलाड़ी नहीं हो सकता, जब तक कि वह इसमें प्रवीणता न प्राप्त कर ले। अगर वह अपने सहयोगी खिलाड़ी की तरफ गेंद हिट या पुश कर देने से काम चल सकता हो, तो जहां तक हो सके ड्रिब्लिग नहीं करनी चाहिए। कीचड़दार, उछाल या उबड़-खाबड़ मैदानों पर खिलाड़ियों को ड्रिब्लिग नहीं करनी चाहिए। ड्रिब्लिंग का मुख्य उद्देश्य कब्जे में आई गेंद को पहले बाएं, फिर दाएं-इसी सिलसिले से लेकर खिलाड़ी को अधिक से अधिक तेज़ी से भागना होता है। ड्रिब्लिग करते समय खिलाड़ी को स्टिक इस तरह पकड़नी चाहिए कि उसके बाएं हाथ की पकड़ तो सामान्यतः स्टिक के हैंडल के ऊपर की तरफ रहे और उसके दाएं हाथ की पकड़ बाएं से तीन-चार इंच नीचे रहे। गेंद खिलाड़ी से लगभग एक गज़ की दूरी पर रहनी चाहिए। ड्रिब्लिग करते समय स्टिक गेंद से काफ़ी निकट होनी चाहिए।

गेंद रोकना (Fielding the ball)
अनुभव बताता है कि गेंद को स्टिक से रोकना सबसे आसान और फुर्तीला कार्य है। इसलिए गेंद रोकने के लिए हाथों का प्रयोग कभी-कभार ही होता है। पैनल्टी कार्नर के लिए पुश लेते समय या जब गेंद हवा में खिलाड़ी की कमर से ऊपर हो, तब सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए गेंद को हाथ से रोकना आवश्यक है। अगर गेंद हाथ से पकड़ ली जाए तो उसे तुरन्त छोड़ देना चाहिए।

गेंद रोकते समय खिलाड़ी स्टिक को इस तरह ढीला पकड़े कि उसका बायां हाथ हैंडल पर ऊपर रहे और स्टिक के ठीक बीचों-बीच उसका दायां हाथ गेंद को इधर-उधर लुढ़कने से बचाने के लिए, उसके गेंद से टकराने से पहले ही हाथों को थोड़ा ढीला छोड़ देना चाहिए। आड़ी स्टिक से गेंद अच्छी तरह रोकी जाती है।

जब कोई विपक्षी फारवर्ड खिलाड़ी गेंद के पीछे भाग रहा हो, तब गेंद रोकने का सबसे आसान और सुरक्षित तरीका यह है कि खिलाड़ी अपने शरीर और स्टिक को गेंद के समानान्तर ले आए। अगर उसके पास समय और गुंजाइश हो तो अपनी दाईं ओर गेंद रोकने का प्रयत्न करना चाहिए। इस प्रकार वह गेंद को आसानी से हिट कर सकेगा।

गेंद रोकने और हिट करने का अभ्यास

मान लीजिए कि दो खिलाड़ी ‘क’ और ‘ख’ एक-दूसरे से 20 गज़ के अन्तर पर खड़े हैं। मध्य रेखा उन दोनों के बीच का केन्द्र है। ‘क’ खिलाड़ी ‘ख’ खिलाड़ी की तरफ गेंद हिट करता है। ‘ख’ उसे रोक कर वापस ‘क’ को लौटा देता है-दोनों का उद्देश्य एकदूसरे पर गोल ठोकना है। अगर गेंद विपक्षी खिलाड़ी की गोल रेखा को पार कर जाती है, तो गोल माना जाता है। अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए खिलाड़ी को ठीक से गेंद रोकने और तुरन्त वापस हिट कर देनी होती है। अगर खिलाड़ी के पास कमज़ोर हिट आती है, तो वह विपक्षी खिलाड़ी के क्षेत्र में घुस कर बच रहे दस गज़ के दौरान में एक फुर्तीली हिट लगा कर उसे ग़लत स्थिति में पकड़ने का प्रयत्न करेगा।
नियम—

  1. अगर खिलाड़ी गेंद को साइड लाइन या उसके समानान्तर खिंची दस गज़ की रेखा के पार हिट कर देता है, तो प्रतिपक्षी खिलाड़ी गेंद के रेखा पार करने की जगह पर कहीं से भी हिट ले सकता है।
  2. अगर कोई खिलाड़ी गेंद रोकने के प्रयत्न में गेंद को रेखा के पार लुढ़का देता है, तो प्रतिपक्षी खिलाड़ी उस स्थान से हिट ले सकता है, जहां से गेंद लुढ़की थी।

इस अभ्यास का उद्देश्य खिलाड़ी की गेंद रोकने और हिट करने की कला को सुधारना है। अतः इस अभ्यास से सर्वोत्तम लाभ उठाने के लिए खिलाड़ियों को विपक्षी खिलाड़ियों के क्षेत्र में फुर्ती से घुसपैठ करने और तुरन्त वापसी के अवसरों की तलाश में रहना चाहिए।

दौड़ते हुए गेंद रोकने का अभ्यास

यह अभ्यास गोल लाइन की अपेक्षा साइड लाइन की दिशा में 25 गज़ के क्षेत्र के अन्दर रह कर ही करना चाहिए। दोनों ही खिलाड़ियों को एक-दूसरे को ग़लत स्थिति में पकड़ने के लिए गेंद को प्रतिपक्षी खिलाड़ी के दाएं या बाएं कुछ दूरी से गुजरती हुई हिट मारनी चाहिए। पहुंच से बाहर जा रही गेंद को बाएं और दाएं हाथ के लंज से कैसे रोका जाएखिलाड़ी के सीखने की यह मुख्य बात है।
हॉकी (Hockey) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 8
हॉकी (Hockey) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 9

PSEB 10th Class Physical Education Practical हॉकी (Hockey)

प्रश्न 1.
हॉकी का खेल किस प्रकार शरू होता है ?
उत्तर-
हॉकी का खेल सैंटर लाइन के निश्चित नियम से जब एक खिलाड़ी दूसरे अपने खिलाड़ी को पास दे दे तो खेल शुरू हो जाता है।

हॉकी (Hockey) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न 2.
हॉकी की खेल में कुल कितने खिलाड़ी होते हैं ?
उत्तर-
हॉकी की खेल में 16 खिलाड़ी होते हैं जिनमें से 11 खिलाड़ी खेलते हैं और पांच अतिरिक्त होते हैं।

प्रश्न 3.
हॉकी की खेल में कितने खिलाड़ी बदले जा सकते हैं ?
उत्तर-
इसमें जितने चाहो खिलाड़ी बदले जा सकते हैं।

प्रश्न 4.
हॉकी की खेल में कुल कितना समय होता है और बराबर की परिस्थिति में और कितना समय दिया जाता है?
उत्तर-
हॉकी की खेल में 35-5-35 मिनट का समय होता है।
गोल्डन गोल रूल (Golden Goal Rule)-हॉकी के खेल में समय समाप्त होने पर यदि दोनों टीमें बराबर रह जाती हैं तो बराबर रहने की स्थिति में 7V2, 7V2 मिनट का खेल होगा। इस समय में जब भी गोल हो जाए तो वहीं पर खेल समाप्त हो जाता है और गोल करने वाली टीम विजयी घोषित की जाती है। इसके बाद यदि फिर गोल न हो तो दोनों टीमों को 5-5 पैनल्टी स्ट्रोक उस समय तक दिए जाते रहेंगे जब तक फैसला न हो जाए।

हॉकी (Hockey) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न 5.
हॉकी के खेल के मैदान की लम्बाई-चौड़ाई बताओ।
उत्तर-
हॉकी के खेल के मैदान की लम्बाई 100 गज़ और चौड़ाई 60 गज़ होती है।

प्रश्न 6.
हॉकी की गेंद का वज़न और घेरा बताओ।
उत्तर-
हॉकी की गेंद का वज़न 512 औंस और घेरा 912 इंच होता है।

प्रश्न 7.
हॉकी की खेल में खिलाने वालों की गिनती का वर्णन करो।
उत्तर-
हॉकी की खेल में निम्नलिखित अधिकारी होते हैं—

  1. टेकनीकल आफिशल — 1
  2. अम्पायर — 2
  3. जज़ — 2
  4. रिजर्व अम्पायर — 1

हॉकी (Hockey) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न 8.
हॉकी की खेल में खिलाड़ियों की स्थिति बताओ।
उत्तर-
हॉकी की खेल में 11 खिलाड़ी होते हैं—

  1. गोलकीपर
  2. राइट फुल बैक
  3. लैफ्ट फुल बैक
  4. राइट हाफ़ बैक
  5. सैंटर हाफ़ बैक
  6. लैफ्ट हाफ़ बैक
  7. राइट आऊट फारवर्ड
  8. राइट इन फ़ारवर्ड
  9. सैंटर फारवर्ड
  10. लैफ्ट इन फ़ारवर्ड
  11. लैफ्ट आऊट फारवर्ड।

प्रश्न 9.
गोल पोस्ट की लम्बाई और ऊंचाई बताओ।
उत्तर-
गोल पोस्ट 4 गज़ लम्बे और 7 फुट ऊंचे होते हैं।

प्रश्न 10.
गोल बोर्ड की लम्बाई और ऊंचाई कितनी होती है ?
उत्तर-
गोल बोर्ड 4 गज़ लम्बा और 18 इंच से अधिक ऊंचा नहीं होना चाहिए।

हॉकी (Hockey) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न 11.
हॉकी का भार कितना होता है ?
उत्तर-
पुरुषों के लिए हॉकी का भार 28 औंस और स्त्रियों के लिए 23 औंस होता है।

प्रश्न 12.
हॉकी के खिलाडियों के लिए किस प्रकार की वर्दी होनी चाहिए ?
उत्तर-
हॉकी के खिलाडियों के लिए एक कमीज़, निक्कर, जुराबें और बूट होने चाहिएं। गोल कीपर के सामान में पैड, हाथ के दस्ताने आदि होने चाहिएं।

प्रश्न 13.
हॉकी में स्ट्राइकिंग घेरा क्या होता है ? ।
उत्तर-
प्रत्येक गोल के सामने एक सफ़ेद रेखा 4 गज़ लम्बी और तीन इंच चौड़ी होती है, जो गोल रेखा के समानान्तर और उससे 16 गज़ की दूरी पर होगी। यह तीन इंच रेखा की चौड़ाई के घेरे तक जाएगी जिसका केन्द्र गोल पोस्ट होगा। 16 गज़ की दूरी घेरे के बाहरी किनारों और गोल लाइनों के मध्य वाला स्थान जिसमें रेखाएं भी शामिल हैं, स्ट्राइकिंग घेरा कहा जाता है।

हॉकी (Hockey) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न 14.
पैनल्टी की दूरी बताओ।
उत्तर-
पैनल्टी गोल पोस्ट की 8 गज की दूरी से लगाई जाती है।

प्रश्न 15.
हॉकी के खेल में क्या स्टिक होती है ?
उत्तर-
अब हॉकी के खेल में स्टिक नहीं होती। चाहे हॉकी कन्धे के ऊपर तक उठाई जाए तो भी फाऊल नहीं होता। शर्त यह है कि भयावह ढंग से स्टिक न ली गई हो।

प्रश्न 16.
क्या डी से बाहर भी पैनल्टी कार्नर दिया जा सकता है ?
उत्तर-
डी से बाहर पैनल्टी कार्नर दिया जा सकता है यदि आक्रामक को भयावह ढंग से रोका गया हो।

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प्रश्न 17.
पैनल्टी स्ट्रोक कब दिया जाता है ?
उत्तर-
जब रक्षक टीम के खिलाड़ी जानबूझ कर गेंद को पकड़ लें या पांव के नीचे दबा लें तो पैनल्टी स्ट्रोक दिया जाता है।

ऐथलैटिक्स (Athletics) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

Punjab State Board PSEB 10th Class Physical Education Book Solutions ऐथलैटिक्स (Athletics) Game Rules.

ऐथलैटिक्स (Athletics) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

खेल सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण जानकारी

  1. ऐथलैटिक्स प्रतियोगिताओं में कोई भी खिलाड़ी नशीली चीज़ों या दवाइयों का प्रयोग करके भाग नहीं ले सकता।
  2. जो खिलाड़ी अन्य खिलाड़ियों के लिए किसी प्रकार की बाधा प्रस्तुत करे, उसे अयोग्य घोषित किया जाता है। जो खिलाड़ी दौड़ते हुए अपनी इच्छा से ट्रैक को छोड़ता है, वह पुनः दौड़ जारी नहीं कर सकता।
  3. फील्ड इवेंट्स में दो तरह के इवेंट्स आते हैं-जम्पिंग इवेंट्स और थ्रो इवेंटस। ट्रैक इवेंट्स में वह दौड़ आती हैं जो ट्रैक में दौड़ी जाती हैं।
  4. 200 मीटर ट्रैक की लम्बाई 40 मीटर तथा चौड़ाई 38.18 मीटर होती है, 400 मीटर ट्रैक की लम्बाई 77 मीटर तथा चौड़ाई 67 मीटर होती है।
  5. जैवलिन थ्रो का भार 805 से 825 ग्राम होता है और लड़कियों के लिए चौड़ाई 605 से 620 ग्राम तक होता है। डिसक्स का भार लड़कों के लिए 2 कि० ग्राम होता है। गोला, हैमर या डिसक्स थ्रो के समय यह आवश्यक है कि 40° के सैक्टर में लैंड करे। गोला फेंकने का भार 7 किलोग्राम निश्चित किया गया है।

प्रश्न 1.
ऐथलैटिक्स प्रतियोगिता करवाने के लिए कौन-कौन से अधिकारियों की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
ऐथलैटिक्स प्रतियोगिता करवाने के लिए आगे लिखे अधिकारियों की आवश्यकता होती है—

ऐथलैटिक्स के लिए अधिकारी
(Officials for the meet)

  1. रैफ़री ट्रैक के लिए (Referee for Track Events)
  2. रैफ़री फील्ड इवेंट्स के लिए (Referee for Field Events)
  3. रैफ़री वाकिंग इवेंट्स (Referee for Walking Events)
  4. जज ट्रैक इवेंट्स (Judge for Track Events)
  5. जज फील्ड इवेंट्स (Judge for Field Events)
  6. जज वाकिंग इवेंट्स (Judge for Walking Events)
  7. अम्पायर (Umpire)
  8. टाइम कीपर (Time Keeper)
  9. स्टार्टर (Starter)
  10. सहायक स्टाटर (Asst. Starter)
  11. मार्क मैन (Markman)
  12. लैप स्कोरर (Lap Scorer)
  13. रिकॉर्डर (Recorder)
  14. मार्शल (Marshall)

दूसरे अधिकारी
(Additional Officials)

  1. अनाउंसर (Announcer)
  2. आफिशल सर्वेयर (Official Surveyer)
  3. डॉक्टर (Doctor)
  4. सटुअरडज (Stewards)

ट्रैक इवेंट्स पुरुषों के लिए

100 — मीटर रेस
200 — मीटर रेस
400 — मीटर रेस
800 — मीटर रेस
1500 — मीटर रेस
3,000 — मीटर दौड़
5,000 — मीटर दौड़
10,000 — मीटर दौड़
42,195 — मीटर या 26 मील दौड़
3,000 — मीटर स्टीपल चेज़
20,000 — मीटर वाकिंग
30,000 — मीटर वाकिंग
50,000 — मीटर वाकिंग

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महिलाओं के लिए ट्रैक इवेंट्स

100 — मीटर रेस
200 — मीटर रेस
400 — मीटर रेस
800 — मीटर रेस
1500 — मीटर रेस

हरडल दौड़ें पुरुषों के लिए

110 — मीटर हर्डल दौड
200 — मीटर हर्डल दौड़
400 — मीटर हर्डल दौड़

महिलाओं के लिए हरडल दौड़

100 — मीटर हर्डल दौड़
200 — मीटर हर्डल दौड़

रीले दौड़ें पुरुषों के लिए

4 × 100 — मीटर
4 × 200 — मीटर
4 × 400 — मीटर
4 × 800 — मीटर
4 × 1500 — मीटर

महिलाओं के लिए रिले दौड़

4 × 100 — मीटर
4 × 200 — मीटर
4 × 400 — मीटर

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मैडल रिले रेस

800 × 200 × 200 × 400
6. 110 मीटर हर्डल्ज़ लड़कों के लिए हर्डलों की ऊंचाई 1.06 मीटर होती है। जूनियर लड़कियों के लिए 1.00 मीटर हर्डल्ज़ की ऊंचाई, 0.76, मीटर और सीनियर लड़कियों के लिए 0.89 मीटर होती है।

प्रश्न 2.
ट्रैक इवेंट्स के लिए एथलीटों के लिए निर्धारित नियमों के बारे लिखें।
ऐथलैटिक्स
(Athletics)
ऐथलैटिक्स ऐसी खेलें हैं जिनमें दौड़ना (Running), कूदना (Jumping) और फेंकना (Throwing) आदि इवेंट्स (Events) सम्मिलित होते हैं। एथलीट ऐसा धावक है जो दौडने वाले, कदने वाले और फेंकने वाले इवेंट्स में भाग ले। (An athlete is one who takes part in running events, jumping events and throwing etc. or one who takes part in tracks and field events.)

प्रश्न 3.
ट्रैक इवेंट्स में कितने इवेंट्स होते हैं ?
उत्तर-
ऐथलैटिक्स दो प्रकार की होती है-Track Events और Field Events | भाव कुछ एथलीट Track Events में भाग लेते हैं और कुछ Field Events में। . ट्रैक इवेंट्स में छोटी दौड़ें (Sprint or Short Distance Races), मध्य दूरी वाली दौड़ें (Middle Distance Races) और लम्बी दौड़ें (Long Distance Races) आती हैं। फील्ड इवेंट्स में कूदने वाली इवेंट्स जैसे लम्बी छलांग (Long Jump), ऊंची छलांग (High Jump), पोल वाल्ट जम्प (Pole Vault Jump) और ट्रिपल्ल जम्प (Triple Jump) और फेंकने वाले इवेंट्स जैसे गोला फेंकना (Short put or Putting the Shot), पाथी फेंकना (Discuss Throw), भाला फेंकना (Javelin Throw) और हैमर फैंकना (Hammer Throw) आदि सम्मिलित हैं।

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ट्रैक
(TRACK)

ट्रैक दो प्रकार के होते हैं- एक 400 मीटर वाला ट्रैक और दूसरा 200 मीटर का ट्रैक। Standard ट्रैक का नाम 400 मीटर वाले ट्रैक को ही दिया जा सकता है। इस ट्रैक में कमसे-कम 6 लेन (Lanes) और अधिक-से-अधिक 8 लेन (Lanes) होती हैं।
Track Events Races : Short Middle and Long
SPRINTING
ऐथलैटिक्स (Athletics) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 1
स्प्रिंटिंग (Sprinting)–स्प्रिंट वह रेस होती है जो प्रायः पूरी शक्ति और पूरी गति से दौड़ी जाती है। इसमें 100 मीटर और 200 मीटर की दौड़ें आती हैं। आजकल तो 400 मीटर रेस को भी इसमें गिना जाने लगा है। इस प्रकार की दौड़ों में प्रतिक्रिया (Reaction), टाइम और गति (Speed) का बहुत महत्त्व है।

  1. स्टार्ट्स (Starts) कम दूरी की दौड़ों में प्रायः निम्नलिखित प्रकार के तीन स्टार्ट लिये जाते हैं
  2. बंच स्टार्ट (Bunch Start)
  3. मीडियम स्टार्ट (Medium Start)
  4. इलोंगेटेड स्टार्ट (Elongated Start)

बंच स्टार्ट (Bunch Start)-इस प्रकार के स्टार्ट के लिए ब्लाकों के बीच दूरी 8 इंच से 10 इंच के बीच होनी चाहिए और आगे वाला स्टार्ट स्टार्टिंग लाइन से लगभग 19 इंच के करीब होना चाहिए। एथलीट इस प्रकार ब्लाक में आगे को झुकता है कि पिछले पांव की टो और अगले पांव की एड़ी एक-दूसरे के समान स्थित हों। हाथ स्टार्टिंग लाइन पर ब्रिज बनाए हुए हों और स्टार्टिंग लाइन से पीछे हों। इस प्रकार के स्टार्ट में जब Set Position का आदेश होता है, Hips को ऊंचा ले जाया जाता है। यह स्टार्ट सबसे अधिक अस्थिर होता है।

मीडियम स्टार्ट (Medium Start)-इस प्रकार के स्टार्ट में ब्लाकों के बीच की दूरी 10 से 13 इंच के बीच होती है और स्टार्टिंग लाइन से पहले ब्लाक की दूरी लगभग 15 इंच के बीच होती है। प्रायः एथलीट इस प्रकार के स्टार्ट का प्रयोग करते हैं। इसमें पिछले पांव का घुटना और अगले पांव का बीच वाला भाग एक सीध में होते हैं और Set Position पर Hips तथा कंधे लगभग एक-सी ऊंचाई पर ही होते हैं।

इलोंगेटेड स्टार्ट (Elongated Start)-इस प्रकार का स्टार्ट बहुत कम लोग लेते हैं। इसमें ब्लाकों (Starting Block) के बीच की दूरी 25 से 28 इंच के बीच होती है। पिछले पांव का घुटना लगभग अगले पांव की एड़ी के सामने होता है।
स्टार्ट लेना (Start)-जब किसी भी रेस के लिए स्टार्ट लिया जाता है तो तीन प्रकार के आदेशों पर कार्य करना पड़ता है।

  1. आन यूअर मार्क (On Your Mark)
  2. सैट पोजीशन (Set Position)
  3. पिस्तौल की आवाज़ पर जाना (Go)

दौड़ का अन्त (Finish of the Race)-दौड़ का अन्त बहुत ही महत्त्वपूर्ण होता है। आमतौर पर खिलाड़ी तीन प्रकार से दौड़ को समाप्त करते हैं। ये इस प्रकार हैं—

  1. दौड़ कर सीधा आगे निकल जाना (Run Through)
  2. आगे को झुकना (Lunge)
  3. कन्धा आगे करना (The shoulders String)

मध्यम दरी की दौड़ें (Middle Distance Races)-ट्रैक इवेंटों में कुछ दौड़ें मध्यम दूरी की होती हैं। आमतौर पर उन दौड़ों को, जो 400 गज़ के ऊपर और 1000 गज़ से नीचे की होती हैं, इस श्रेणी में गिना जाता है। ये दौड़ें 400 मीटर और 800 मीटर की होती हैं। इन दौड़ों में गति और सहनशीलता दोनों की आवश्यकता होती है, और वही एथलीट इसमें सफल होता है जिसके पास ये दोनों चीजें हों। इस प्रकार की दौड़ों में आमतौर पर एक-जैसी गति बनाए रखी जाती है और अन्त में पूरा जोर लगा कर दौड़ को जीता जाता है। 400 मीटर का स्टार्ट तो स्प्रिंग की तरह ही लिया जाता है जबकि 800 मीटर का स्टार्ट केवल खड़े होकर ही लिया जा सकता है। जहां तक हो सके इस दौड़ में कदम (Strides) बड़े होने चाहिएं।

लम्बी दूरी की दौड़ें (Long Distance Races)-लम्बी दूरी की दौड़ों जैसे कि नाम से ही मालूम होता है, दूरी बहुत अधिक होती है और प्रायः ये दौड़ें एक मील से ऊपर की होती हैं। 1500 मीटर, 3000 मीटर और 5000 मीटर दूरी वाली दौड़ें लम्बी दूरी वाली रेसें हैं। इनमें एथलीट की सहनशीलता (Endurance) का अधिक योगदान है। लम्बी दूरी की दौड़ों में एथलीट को अपनी शक्ति और सामर्थ्य का प्रयोग एक योजनाबद्ध ढंग से करना होता है और जो एथलीट इस कला को प्राप्त कर जाते हैं वे लम्बी दूरी की दौड़ों में सफल हो जाते हैं।

इस प्रकार की दौड़ों में दौड़ के आरम्भ को छोड़ कर सारी दौड़ में एथलीट का शरीर सीधा और आगे की और कुछ झुका रहता है तथा सिर सीधा रखते हुए ध्यान ट्रैक की ओर रखा जाता है। बाजू ढीली सी आगे की ओर लटकी होती है जबकि कोहनियों के पास से बाजू मुड़े होते हैं और हाथ बिना किसी तनाव के थोड़े से बन्द होते हैं। बाजू और टांगों के एक्शन जहां तक हो सके बिना किसी अधिक शक्ति व प्रयत्न के होने चाहिएं। दौड़ते समय पांव का आगे वाला भाग धरती पर आना चाहिए और एड़ी भी मैदान को छूती है, परन्तु अधिक पुश (Push) टो से ही ली जाती है। इस प्रकार की दौड़ों में कदम (Strides) छोटे और अपने आप बिना अधिक बढ़ाए होने चाहिएं। सारी दौड़ में शरीर बहुत Relaxed होना चाहिए।

इस प्रकार की दौड़ को समाप्त करते समय शरीर में इतना बल (Stamina) और गति होनी चाहिए कि एथलीट अपनी रेस को लगभग फिनिश लाइन से पांच-सात गज़ आगे तक समाप्त करने का इरादा रखे तो ही अच्छे परिणामों की आशा की जा सकती है।
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ट्रैक इवेंट्स
(TRACK EVENTS)
ट्रैक इवेंट्स में 100, 200, 400 तथा 800 मीटर तक की दौड़ आती है।

प्रश्न 4.
200 मीटर और 400 मीटर के ट्रैक की चित्र के साथ बनावट लिखें।
उत्तर-
200 मीटर के ट्रैक की बनावट
(Track for 200 Metre)
200 मीटर के ट्रैक की लम्बाई 94 मीटर तथा चौड़ाई 53 मीटर होती है। इसकी बनावट का विवरण नीचे दिया गया है—
ट्रैक की कुल दूरी = 200 मीटर
दिशाओं की लम्बाई = 40 मीटर
दिशाओं द्वारा रोकी गई दूरी = 40 × 2 = 80 मीटर
कोनों में रोकी जाने वाली दूरी = 120 मीटर
व्यास 120 मीटर ÷ 2r = 19.09 मीटर
दौड़ने वाली दूरी का व्यास = 19.09 मीटर
प्रतिफल मार्किंग व्यास. = 18.79 मीटर
1.22 मीटर (4 फुट) चौड़ी लाइनों के लिए स्टैगर्ज
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लेन मीटर
पहली 0.00
दूसरी 3.52
तीसरी 7.35
चौथी 11.19
पांचवीं 15.02
छठी 18.86
सातवीं 26.52
आठवीं 26.52

 

400 मीटर ट्रैक की बनावट
कम-से-कम माप = 170.40 × 90.40 मीटर
ट्रैक की कुल दूरी = 600 मीटर
सीधी लम्बाई = 80 मीटर
दोनों दिशाओं की दूरी = 80 × 2 = 160 मीटर
वक्रों (Curves) की दूरी = 240 मीटर
व्यास 240 मीटर ÷ 2r = 38.18 मीटर
छोड़ने वाली दूरी का अर्द्धव्यास = 38.18 मीटर
मार्किंग अर्द्धव्यास = 37.88 मीटर
(i) 400 मीटर लेन [चौड़ाई 1.22 (4 फुट)] के लिए स्टैगर्ज

लेन मीटर
पहली 0.00
दूसरी 7.04
तीसरी 14.71
चौथी 22.38
पांचवीं 30.05
छठी 37.72
सातवीं 45.39
आठवीं 53.06

ऐथलैटिक्स (Athletics) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 4

ऐथलैटिक्स (Athletics) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न 5.
हर्डल दौड़ों के विषय में आप संक्षेप में लिखें।
उत्तर-
100 मीटर बाधा महिला दौड़
(100 Metre Women Hurdle)
100 मी० बाधा दौड़ 1968 से प्रारम्भ की गई है। सामान्यत: महिला धाविका 13 मीटर दूर स्थित प्रथम बाधा तक की दूरी 8 डगों में पूरी कर लेती है। उछाल 1.95 मीटर से लेकर बाधा को पार कर 11 मीटर की दूरी पर उनके ये डग पूरे होते हैं। बाधा के बीच तीन डग पूरे करने पर पुन: उछाल 200 मी० की दूरी से लिया जाता है। इस प्रकार वे 8.50 मी० की दूरी तय करती है।
बाधा पार करते समय महिला धाविकाओं को अपने शरीर के ऊपरी भाग को आगे की ओर अधिक नहीं झुकाना चाहिए और न ही उछाल के समय अपने घुटने को अधिक ऊंचा उठाना चाहिए। बाधा को पार करने की विधि वही अपनानी चाहिए जो 400 मी० हर्डल में अपनायी जाती है।

भिन्न-भिन्न प्रतियोगिता के लिए हर्डल की गिनती, ऊंचाई और दूरी निम्नलिखित हैं—
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110 मीटर बाधा दौड़
(110 Metre Hurdle Race)
सामान्यत: बाधा दौड़ के धावक (Runner) पहली बाधा तक पहुंचने में 8 कदम लेते हैं। प्रारम्भ स्थल (Starting Block) पर बैठते समय अधिक शक्ति वाले पैर (Take off Foot) को आगे रखा जाता है। धावक यदि लम्बा है और अधिक तेज़ दौड़ सकने की क्षमता रखता है तो उस स्थिति में यह दूरी उसके लिए कम पड़ सकती है। उस दशा में थोड़ा अन्तर होने पर प्रारम्भ स्थल की दूरी के बीच की दूरी कम करके तालमेल बैठाने का प्रयास होना चाहिए, किन्तु ऐसा करने पर यदि धावक असुविधा अनुभव करता है तो बाधा को मात्र कदमों में ही पार कर लेना चाहिए। ऐसी स्थिति में शक्तिशाली पैर पीछे के प्रशल (Block) पर रख कर धावक दौड़ेगा। अतः शक्तिशाली पैर बाधा से लगभग 2 मीटर पाछे आयेगा। आरम्भ में धावक को उसे 5 कदम तक अपनी दृष्टि नीचे रखनी चाहिए और बाद में हर्डिल पर ही दृष्टि केन्द्रित होनी चाहिए। आरम्भ से अन्त तक कदमों के बीच का अन्तर निरन्तर बढ़ता ही जायेगा। किन्तु अन्तिम कदम उछाल कदम से लगभग 6 इंच (10 सैं० मी०) छोटा ही रहेगा।
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सामान्य दौड़ों की तुलना में बाधा दौड़ में दौड़ते समय धावक के घुटने अपेक्षाकृत अधिक ऊपर आयेंगे और ज़मीन पर पूरा पैर न रख कर केवल पैर के
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बाधा को पार करते समय उछाल पैर को सीधा रखना चाहिए तथा आगे के पैर को घुटने से ऊपर उठाना चाहिए। पैर का पंजा ज़मीन की ओर नीचे की ओर झुका हुआ रखना चाहिए, आगे के पैर को एक साथ सीधा करते हुए बाधा के ऊपर से लाना चाहिए, और शरीर का ऊपर का भाग आगे की ओर झुका हुआ रखना चाहिए। हर्डिल को पार करते ही अगले पैर की जांघ को नीचे दबाते रहना चाहिए कि जिस से बाधा पार हो जाने के बाद पंजा बाधा से अधिक दूरी पर न पड़ कर उसके पास ही ज़मीन पर पड़े। इसके साथ ही पीछे के पैर को घुटने से झुका कर बाधा के ऊपर से ज़मीन के समानान्तर रख कर घुटने को सीने के पास से आगे लाना चाहिए। इस प्रकार पैर आगे आते ही धावक तेज़ दौड़ने के लिए तत्पर रहेगा।

बाधा पार करने के उपरान्त पहला डग (कदम) 1.55 से 1.60 मीटर की दूरी पर, दूसरा 2.10 मीटर का तथा तीसरा लगभग 2.20 मीटर के अन्तर पर पड़ना चाहिए। (13.72 मी०, 9.14 मी०, 14.20 मी०)
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400 मीटर बाधा (पुरुष तथा महिला)
(400 Metres Hurdles Men and Women)
सामान्यतः धावक को इस दौड़ में सर्वाधिक असुविधा अपने डगों के बीच तालमेल बैठाने में होती है। प्रारम्भ में प्रथम बाधा के बीच की दूरी को लोग सामान्यत: 21 से 23 डगों में पूरा कर लेते हैं और बाधा के बीच में 13-15 अथवा 17 डग रखते हैं। कुछ धावक प्रारम्भ में 14 और बाद में 16 कदमों में इस दूरी को पूरा कर लेते हैं। दाहिने पैर से उछाल लेने से लाभ होने की अधिक सम्भावना होती है। सामान्यतः उछाल 2.00 मीटर से लिया जाता है और पहला डग बाधा को पार कर जो ज़मीन पर पड़ता है, वह 1.20 मीटर का होता है। इसकी तकनीक 110 व 100 मीटर बाधाओं की ही भान्ति होती है। 400 मीटर दौड़ के समय से (सैकण्ड) 2-5 से 3-5 से 400 मीटर बाधा का समय अधिक आता है। 200 मीटर तथा प्रथम (220-2-5 से) = 25-5 से हर्डिल का समय।
200 मीटर दूसरा भाग (24-5-3-0 से) = 27-5 से = 52-00 में 400 मीटर हिर्डिल का समय।
अभ्यास के समय प्रत्येक हर्डिल पर समय लेकर पूरी दौड़ का समय निकालने की विधि।

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प्रश्न 6.
फील्ड इवेंट्स में कौन-कौन से इवेंट्स होते हैं ? संक्षेप में लिखें।
उत्तर-
लम्बी कूद
(Long Jump)

  1. रनवे की लम्बाई = 40 मीटर से 45 मीटर
  2. रनवे की चौड़ाई = 1.22 मीटर
  3. पिट की लम्बाई = 10 मीटर
  4. पिट की चौड़ाई = 2.75 से 3 मीटर
  5. टेक ऑफ बोर्ड की लम्बाई = 1.22 मीटर
  6. टेक ऑफ बोर्ड की चौड़ाई = 20 सैंटी मीटर
  7. टेक ऑफ बोर्ड की गहराई = 10 सैंटी मीटर।

लम्बी कूद की विधि
(Method of Long Jump)

  1. कूदने वाले पैर को मालूम करने के लिए लम्बी कूद में उसी प्रकार से करेंगे जैसे ऊंची कूद में किया गया था।
    सर्वप्रथम कूदने वाले पैर को आगे सीधा रखेंगे और स्वतन्त्र पैर को इसके पीछे। यदि आप का कूदने वाला पैर बायां है तो बाएं पैर को आगे और दायें पैर को पीछे रख कर दायें घुटने से झुका कर ऊपर की ओर ले जायेंगे। और इसके साथ ही दायें हाथ को कुहनी से झुका कर रखेंगे। विधि उसी प्रकार से होगी जैसे कि तेज़ दौड़ने वाले करते हैं।
    इस क्रिया को पहले खड़े होकर और बाद में चार-पांच कदम चल कर करेंगे। जब यह क्रिया ठीक प्रकार से होने लगे तब थोड़ा दौड़ते हुए यही क्रिया करनी चाहिए। इस समय ऊपर जाते समय ज़मीन को छोड़ देना चाहिए।
    Long Jump
    ऐथलैटिक्स (Athletics) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 9
  2. छ: या सात कदम दौड़ कर आगे आयेंगे और ऊपर जा कर कूदने वाले पैर पर ही नीचे जमीन पर आयेंगे। इसमें शरीर का भाग सीधा रहेगा जैसे कि ऊंची कूद में रहता है। अगले स्वतन्त्र पैर ज़मीन पर आयेंगे। इस क्रिया को कई बार दुहराने के बाद ज़मीन पर आते समय कूदने वाले पैर को भी स्वतन्त्र पैर के साथ ही ज़मीन पर ले आएंगे।
  3. ऊपर की क्रिया को कई बार करने के पश्चात् एक रूमाल लकड़ी में बांध कर कूदने वाले स्थान से थोड़ी ऊंचाई पर लगाएंगे और कूदने वाले बालकों को रूमाल को छूने को कहेंगे। ऐसा करने से एथलीट (Athlete) ऊपर जाना तथा शरीर के ऊपरी भाग को सीधा रखना सीख जाएगा।

अखाड़े में गिरने की विधि (लैंडिंग)
(Method of Landing)

  1. दोनों पैरों को एक साथ करके एथलीट पिट (Pit) के किनारे पर खड़े हो जाएंगे। भुजाओं को आगे-पीछे की ओर हिलाएंगे और (Swing) करेंगे। साथ में घुटने भी झुकाएंगे
    और भुजाओं को एक साथ पीछे ले जाएंगे। इसके पश्चात् घुटने को थोड़ा अधिक झुका कर भुजाओं को तेजी के साथ आगे और ऊपर की ओर ले जाएंगे और दोनों पैरों के साथ अखाड़े (Pit) में जम्प करेंगे। इस समय इस बात का ध्यान रहे कि पैर गिरते समय जहां तक सम्भव हो, सीधे रखने चाहिएं और इसके साथ ही पुट्ठों को आगे धकेलना चाहिए जिससे कि शरीर में पीछे झुकाव (Arc) बन सके जो कि हैंग स्टाइल (Hang Style) के लिए बहुत ही आवश्यक है।
  2. एथलीट्स (Athietes) को सात कदम कूदने को कहेंगे। कूदते समय स्वतन्त्र पैर के घुटने को हिप (Hip) के बराबर लाएंगे। जैसे ही एथलीट (Athlete) हवा में थोड़ी ऊंचाई लेगा, स्वतन्त्र पैर को पीछे की ओर तथा नीचे की ओर लाएंगे जिससे वह कूदने वाले पैर के साथ मिल सके। कूदने वाला पैर घुटने से जुड़ा होगा और शरीर का ऊपरी भाग सीधा होगा। दोनों भुजाओं को पीछे की और तथा ऊपर की ओर गोलाई में ले जाएंगे। जब खिलाड़ी हवा में ऊंचाई लेता है, उस समय उसके दोनों घुटनों से झुके हुए पैर जांघ की सीध में होंगे। दोनों भुजाएं सिर की बगल में ओर ऊपर की ओर होंगी। शरीर पीछे की ओर गिरती हुई दशा में होगा तथा जैसे ही एथलीट्स (Athletes) अखाड़े (Pit) में गिरने को होंगे, वे स्वतन्त्र पैर घुटने से झुका कर आगे को तथा ऊपर को ले जाएंगे, पेट के नीचे की ओर लाएंगे तथा पैरों को सीधा करके ऊपर की दशा में हवा में रोकने का प्रयास करेंगे।
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हिच किक की विधि
(Method of Hitch Kick)

  1. जम्प करने के पश्चात् Split हवा में, पैरों को आगे-पीछे करके, स्वतन्त्र पैर पर लैंडिंग (Landing) करना, परन्तु ऊपरी भाग तथा सिर सीधा रहेगा, पीछे की ओर नहीं आएगा।
  2. इस बार हवा में स्वतन्त्र पैर को रखेंगे और कूदने वाले पैर को आगे ले जाकर लैंडिंग (Landing) करेंगे।
  3. अन्य सभी विधियां उसी प्रकार से होंगी जैसे कि ऊपर बताया गया है। केवल स्वतन्त्र पैर को लैंडिंग (Landing) करते समय टेक ऑफ पैर के साथ ले जाएंगे और दोनों पैरों पर एक साथ ज़मीन पर आएंगे। अन्य सभी शेष विधियां उसी प्रकार से होंगी जैसे कि हैंग (Hang) में दर्शाया गया है। एथलीट्स (Athletes) को दौड़ने का पथ (Approach . run) धीरे-धीरे बढ़ाते रहना चाहिए।
  4. ऊपर की क्रिया को कई बार करने के पश्चात् इस क्रिया को स्प्रिंग बोर्ड (Spring Board) की सहायता से करना चाहिए जैसा कि जिमनास्टिक (Gymnastic) वाले करते हैं। स्प्रिंग बोर्ड (Spring-Board) के अभाव में इस क्रिया को किसी अन्य ऊंचे स्थान से भी किया जा सकता है जिससे एथलीट्स को हवा में सही क्रिया विधि करने का अभ्यास हो जाए।

ट्रिपल जम्प
(Triple Jump)
अप्रोच रन (Approach Run)-लम्बी कूद की भान्ति इसमें भी अप्रोच रन लिया जाएगा, परन्तु स्पीड (Speed) न अधिक तेज़ और न अधिक धीमी होगी।
अप्रोच रन की लम्बाई (Length of Approach Run)-ट्रिपल जम्प में 18 से 22 कदम या 40 से 45 मीटर के लगभग अप्रोच रन लिया जाता है। यह कूदने वाले पर निर्भर करता है कि उसके दौड़ने की गति कैसी है। धीमी गति वाला लम्बा अप्रोच लेगा जबकि अधिक गति वाला छोटा अप्रोच लेगा। दोनों पैरों को एक साथ रखकर दौड़ना प्रारम्भ करेंगे तथा दौड़ने की गति को सामान्य रखेंगे। शरीर का ऊपरी भाग सीधा रहेगा।

  1. रनवे की लम्बाई । = 40 मी० से 45 मीटर
  2. रनवे की चौड़ाई = 1.22 मीटर
  3. पिट की लम्बाई = टेक आफ बोर्ड से पिट समेत 21 मीटर
  4. पिट की चौड़ाई = 2.75 मीटर से 3 मीटर
  5. टेक ऑफ बोर्ड से पिट तक लम्बाई = 11 मीटर से 13 मीटर
  6. टेक ऑफ बोर्ड की लम्बाई = 1.22 मीटर
  7. टेक ऑफ बोर्ड की चौड़ाई = 20 सैंटी मीटर
  8. टेक ऑफ बोर्ड की गहराई = 10 सैंटी मीटर।

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TRIPLE JUMP
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टेक ऑफ (Take off) लेते समय घुटना लम्बी कूद की अपेक्षा इसमें कम झुका होगा। शरीर का भार टेक ऑफ एवं होप स्टेप (Hop, Step) लेते समय पीछे रहेगा तथा दोनों बाजू भी पीछे रहेंगे। दूसरी टांग तेज़ी से हवा में आकर सप्लिट पोजीशन (Split Position) बनाएगी। ट्रिपल जम्प में मुख्यतया तीन प्रकार की तकनीक (Technique) प्रचलित है—

  1. फ्लैट तकनीक
  2. स्टीप तकनीक
  3. मिक्सड तकनीक।

ऊंची कूद
(High Jump)

  1. रनवे की लम्बाई = 15 मी० से 25 मी०
  2. तिकोनी क्रॉस बार की प्रत्येक भुजा = 130 मि०मी०
  3. क्रॉस बार की लम्बाई = 3.98 मी० से 4.02 मी०
  4. क्रॉस बार का वज़न = 2 कि० ग्राम०
  5. पिट की लम्बाई = 5 मी०
  6. पिट की चौड़ाई = 4 मी०
  7.  पिट की ऊंचाई = 60 सैं०मी०

(1) समस्त प्रतियोगियों को पहले दोनों पैरों पर एक साथ अपने स्थान पर ही कूदने को कहेंगे। कुछ समय उपरान्त एक पैर पर कूदने के आदेश देंगे। ऊपर उछलते समय यह ध्यान रहे कि शरीर का ऊपरी भाग सीधा रहे एवं दस बार ही कूदा जाए। इस तरह जिस पैर पर कूदने पर आसानी प्रतीत हो उसी को उछाल (उठना) पैर (Take off foot) मान । कर प्रशिक्षक को निम्नलिखित दो भागों में बांट देना चाहिए—

  1. बायें पैर पर कूदने वाले तथा
  2. दायें पैर पर कूदने वाले।

(2) दो रेखाओं में प्रतियोगी अपने उछाल पैर (Take off Foot) को आगे रख कर दूसरे पैर को पीछे रखेंगे। दोनों भुजाओं को एक साथ पीछे से आगे, कुहनियों से मोड़ करके आगे, ऊपर की ओर तेज़ी से जाएंगे। इसके साथ ही पीछे रखे पैर को भी ऊपर किक (Kick) करेंगे, और ज़मीन से उछाल कर पुन: अपने स्थान पर वापस उसी पैर पर आएंगे।
इस समय उछाल पैर (Take off Foot) वाले पैर का घुटना भी ऊपर उठते समय थोड़ा मुड़ा होगा। परन्तु शरीर का ऊपरी भाग सीधा रहेगा, एवं आगे न जा कर ऊपर उठेगा तथा उसी स्थान पर वापस आयेगा। ऊपर जाते समय कमर तथा आगे का पैर सीधा रखने का प्रयास किया जाए।

(3) प्रतियोगियों को 45° पर बायें पैर वाले बाएं और दायें पैर से कूदने वाले दायीं ओर खड़े होकर क्रॉस छड़ (Cross bar) को लगभग दो फुट (60 सम) की ऊंचाई पर रख कर आगे चलते हुए ऊपर की भान्ति ही उछाल कर क्रॉस छड़ (Cross bar) को पार करेंगे और ऊपर जाकर नीचे आते समय उसी उछाल पैर (Take off Foot) पर वापिस आएंगे। केवल भिन्नता इतनी होगी कि अपने स्थान पर वापस न आकर आगे क्रॉस छड़ को पार करके गिरेंगे तथा दूसरा पैर पहले पैर के आने के उपरान्त आगे 10 या 12 इंच (25 सम) पर आएगा तथा आगे चलते जाएंगे, परन्तु यह ध्यान रखा जाए कि किक करते समय घुटना झुका हो। शरीर का ऊपरी भाग सीधा रखने का प्रयास किया जाए तथा दोनों भुजाओं को तेज़ी से ऊपर ले जाएंगे, परन्तु जब दोनों हाथ कंधों की सीध में पहुंचेंगे तो उसी स्थान पर वापिस गिरना होगा।
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HIGH JUMP
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MEASURE TO THE UPPER OF THE BAR

(4) क्रॉस बार (Cross Bar) की ऊंचाई को बढ़ाएंगे तथा प्रशिक्षकों को टेक ऑफ़ (take off) पर आते समय टेक ऑफ़ फुट (Take off Foot) को लम्बा करने को कहेंगे, परन्तु यह ध्यान में रखेंगे कि इस समय एड़ी पहले ज़मीन पर आये। दोनों भुजाएं कुहनियों से मुड़ी हुई हों।
कूदते समय ध्यान क्रॉस बार (Cross Bar) पर होगा। सिर शरीर से कुछ पीछे की ओर झुका होगा तथा पीछे के पैर को ऊपर करते समय पैर का पंजा ऊपर की ओर कर सीधा होगा।
इस समय क्रॉस बार (Cross Bar) को प्रशिक्षक के सिर से दो फुट (60 से०मी०) ऊंचा रखेंगे तथा प्रत्येक को ऊपर बताई गई क्रिया के अनुसार क्रॉस बार को अपनी फ्री लैग (Free Leg) से किक (Kick) करने को कहेंगे।
इसमें निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखेंगे—

  1. दोनों भुजाओं को एक साथ तेज़ी से ऊपर ले जाएगा।
  2. टेक ऑफ़ फुट (Take off Foot) उस समय ज़मीन छोड़ेगा जबकि फ्री लैग अपनी पूर्ण ऊंचाई तक पहुंच जाएगी।
  3. ऊपर बताई गई प्रक्रिया को जोगिंग (Jogging) के साथ भी किया जाएगा।

(5) क्रॉस बार (Cross bar) को दो फुट (60 सेमी०) के ऊपर रख कर खिलाड़ी को नं० 3 की भान्ति क्रॉस छड़ (Cross bar) पार करने को कहेंगे। केवल इतना अन्तर होगा कि क्रॉस बार पार करने के उपरान्त अखाड़े में आते समय हवा में 90 डिग्री पर घूमेंगे। बायें पैर से टेक ऑफ़ (Take off) लेने वाले बायीं तरफ घूमेंगे तथा दायें पैर पर टेक ऑफ़ (Take off) लेने वाले दायीं तरफ घूमेंगे।
इसमें निम्नलिखित दो बातों का विशेष ध्यान रखा जाएगा—

  1. खिलाड़ी उछाल (Take Off) लेते समय ही न घूमें तथा
  2. पूर्ण ऊंचाई प्राप्त करने से पहले घूमें।

स्ट्रैडल रोल
(Straddle Roll)
(6) टेक ऑफ़ फुट (Take off Foot) को आगे रख कर खड़े होंगे, पर यह ध्यान रहे कि शरीर का भार एड़ी पर होना चाहिए तथा फ्री लैग को पीछे रखेंगे। दोनों हाथों को एक साथ तेज़ी से आगे लायेंगे और फ्री लैग (Free Leg) को ऊपर की ओर किक (Kick) करेंगे जिससे शरीर का समस्त भाग ज़मीन से ऊपर उठ जाये।

(7) ज़मीन पर चूने की समानान्तर रेखा डालेंगे। एथलीट इस चूने की रेखा के दाहिनी ओर खड़े होकर उपर्युक्त प्रक्रिया को करेंगे। ऊपर हवा में पहुंचते ही बायीं ओर टेक ऑफ़ (Take off) को घुमायेंगे, चेहरा नीचे करेंगे तथा पिछले पैर को किक (Kick) पर उठायेंगे।
इसमें मुख्यतः यह ध्यान रखा जाए कि फ्री लैग (Free Leg) को सीधी किक (kick) किया जाए। टेक ऑफ़ लैग (Take off Leg) को सीधा किक करके घुटना मोड़ (Bend) पर ऊपर ले जायेंगे। खिलाड़ी क्रॉस बार (Cross bar) पार करने के उपरान्त अखाड़े में रोज़ अभ्यास कर सकते हैं क्योंकि टेक ऑफ़ किक (Take off Kick) तेज़ होने के कारण सन्तुलन भी बिगड़ सकता है।

(8) तीन कदम आगे आ कर जम्प करना (Jumping from Three Steps) क्रॉस बार के समानान्तर डेढ़ फुट से 2 फुट (45 सम से 60 सम) की दूरी पर रेखा खींचेंगे।
इस रेखा से 30° पर दोनों पैर रख कर खड़े होंगे तथा टेक ऑफ़ फुट (Take off Foot) को आगे निकालते हुए मध्यम गति से आगे को भागेंगे। जहां पर तीसरा पैर आये वहां निशान लगा दें और अब उस स्थान पर दोनों पैर रख कर क्रॉस बार (Cross bar) की ओर चलेंगे और ऊपर बताई गई प्रक्रिया को दोहरायेंगे। क्रॉस बार की ऊंचाई एथलीट की सुविधा के अनुसार बढ़ाते जायेंगे।

बांस कूद
(Pole Vault)

  1. रनवे की लम्बाई = 40 से 45 मीटर
  2. रनवे की चौड़ाई = 1.22 मीटर
  3. लैडिंग ऐरिया = 5 × 5 मी०
  4. तिकोनी क्रास बार की लम्बाई = 4.48 मीटर से 4.52 मीटर
  5. तिकोनी क्रास बार प्रत्येक भुजा = 3.14 मीटर
  6. क्रास बार का वजन = 2.25 किलो ग्राम
  7. लैडिंग एरिया की ऊचाई = 6 सैं०मी० से १ सैं०मी०
  8. बाक्स की लम्बाई = 1.08 मी०
  9. बाक्स की चौडाई रनवे की तरफ से = 60 सैं०मी०

ऐथलैटिक्स में बांस कूद (Pole Vault) बहुत ही उलझा हुआ इवेंट है। किसी भी इवेंट में टेक ऑफ़ (Take off) से अखाड़े में आते समय तक इतनी क्रियाओं की आवश्यकता नहीं होती, जितनी कि पोल वाल्ट में। इसलिए इस इवेंट को पढ़ाने तथा सिखाने दोनों में ही परेशानी होती है।

बांस कूद के लिए एथलीट का चयन
(Selection of Athlete for Pole Vault)
अच्छा बांस कूदक एक सर्वांग (आल राऊण्डर) खिलाड़ी ही हो सकता है। क्योंकि यह . ऐसी स्पर्धा (Event) है जोकि सभी प्रकार से शरीर की क्षमता को बनाये रखती है, जैसे कि गति (Speed), शक्ति (Strength), सहनशीलता (Endurance) तथा तालमेल (Coordination) । अच्छे बांस कूदक का एक अच्छा जिमनास्ट भी होना आवश्यक है। जिससे वह सभी क्रियाओं को एक साथ कर सके।

पोल की पकड़ तथा लेकर चलना
(Holding and Carrying the Pole)
बहुधा बायें हाथ से शरीर के सामने हथेली को जमीन की ओर रखते हुए पोल को पकड़ते हैं । दायां हाथ शरीर के पीछे पुढे (Hip) के पास दायीं ओर बांस (pole) के अन्तिम सिरे की ओर होता है।
बांस को पकड़ते समय बायां बाजू कुहनी से 100 अंश का कोण बनाता है तथा शरीर से दूर कलाई को सीधा रखते हुए बांस को पकड़ते हैं। दायां हाथ, जो कि बांस के अन्तिम सिरे की ओर होता है, बांस को अंगूठे के अन्दरूनी भाग और तर्जनी अंगुली के बीच में ऊपर से नीचे को दबाते हुए पकड़ते हैं। दोनों कुहनियां 100 अंश के कोण बनाए हुई होती हैं। हाथों के बीच की दूरी 24 इंच (60 सैं० मी०) से 36 इंच (80 सें. मी०) तक होती है। यह बांस कूदक के शरीर की बनावट पर और पोल को लेकर दौड़ते समय जिसमें उसको आराम अनुभव हो, उस पर निर्भर करता है।

पोल के साथ दौड़ने की विधियां
(Running with the Pole)

  1. बांस को सिर के ऊपर रख कर चलना (Walking with Pole keeping over head)—इसमें बांस को बाक्स के पास लाते समय अधिक समय लगता है। इसलिए यह विधि अधिक उपयुक्त नहीं है।
  2. बांस को सिर के बराबर रख कर चलना (Walking with pole keeping at the level of head) विश्व के अधिकतर बांस कूदक इसी विधि को अपनाते हैं। इसमें चलते समय बांस का सिरा सिर के बराबर और बायें कंधे की सीध में होता है।
    दायें से बायें-इसमें कंधे तथा बाजू साधारण अवस्था में रहते हैं।
  3. बांस को सिर से नीचे लेकर चलना (Walking with pole keeping below the head)-इस अवस्था में बाजुओं पर अधिक ताकत पड़ती है, जिसके कारण बाक्स तक आते समय शरीर थक जाता है। बहुत ही कम संख्या में लोग इसको काम में लाते हैं। अप्रोच रन (Approach run) एथलीट को अपने ऊपर विश्वास तब होता है जबकि उस का अप्रोच रन सही आना शुरू होता है। आगे की क्रिया पर इसके बाद ही विचार किया जा सकता है। इसके लिए सबसे अच्छी विधि (The best method) यह है कि एक चूने की लाइन लगा कर एथलीट को पोल के साथ लगभग 150 फुट (50 मी०) तक भागने को कहना। इस क्रिया को कई दिन तक करने से एथलीट का पैर एक स्थान पर ठीक आने लगेगा। उस समय आप उस दूरी को फीते से नाप लें, फिर बांस कूद के रन-वे (Runway) पर काम करें। पैरों को तेज़ी के साथ अप्रोच रन को भी घटाना बढ़ाना पड़ता है।
    बांस कूद के अप्रोच रन में केवल एक ही चिह्न होना चाहिए। अधिक चिह्न होने से कूदने वाला अपने स्टाइल (Style) को न सोच कर चेक मार्क (Check Mark) को सोचता रहता है। अप्रोच रन (Approach Run) की लम्बाई 40 से 45 मी० के लगभग होनी चाहिए और अन्तिम 4 या 6 कदम में अधिक तेज़ी होनी चाहिए।

पोल प्लाण्ट
(Pole Plant)
यह सम्भव नहीं कि आप पूरी तेजी के साथ पोल (Pole) को प्लांट (Plant) कर सकें उसके लिए गति को सीमित करना पड़ता है। स्टील पोल (Steel Pole) में प्लांट जल्दी होना चाहिए तथा फाइबर ग्लास (Fibre Glass) में देरी से। स्टील पोल में प्लांट करते समय एथलीट को “एक और दो” गिनना चाहिए। एक के कहने पर बायां पैर आगे टेक ऑफ़ के लिए आयेगा और दायें पैर का घुटना ऊपर की ओर जायेगा। दो कहने पर शरीर की स्विग (Swing) शुरू हो जाती है। इस समय वाल्टर (Vaulter) को अपनी दायीं टांग को स्वतन्त्र छोड़ देना चाहिए जिससे कि वह बायीं टांग के साथ मिल सके। इस विधि से अच्छी स्विग लेने में सुविधा होती है।

टेक ऑफ़
(Take Off)
टेक ऑफ़ के समय दायां घुटना आगे आना चाहिए। इससे शरीर को ऊपर पोल की ओर ले जाते हैं तथा सीने को पोल की ओर खींचते हैं। पोल को सीने के सामने रखते हैं। स्विग (Swing) के समय दायीं टांग शरीर के आगे ऊपर की ओर उठेगी।
नोट-पोल करते समय एथलीट अपने हिप को ऊंचा ले जाते हैं, जबकि टांगों को ऊपर आना चाहिए व हिप को नीचे रखना चाहिए। पोल वाल्टरों को यह ध्यान रखना चाहिए कि जब तक पोल सीधा नहीं होता, उनको पोल के साथ ही रहना चाहिए। पोल छोड़ते समय नीचे का हाथ पहले छोड़ना चाहिए। यह देखा गया है कि बहुत ही नये पोल वाल्टर अपनी पीठ को क्रास बार के ऊपर से ले जाते हैं। यह केवल ऊपर के हाथ को पहले छोड़ने से होता है।
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POLE VAULT
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प्रश्न-थ्रो इवेंट्स कौन-कौन से होते हैं ? इनकी तकनीक और नियमों के बारे में लिखें।
उत्तर—

  1. गोले का भार = 7.260 कि०ग्राम ± 5 ग्राम पुरुषों के लिए 4 कि० ± 5 ग्राम स्त्रियों के लिए
  2. थरोईंग सैक्टर का कोना = 34.92°
  3. सर्कल का व्यास = 2.135 मी० ± 5 मि०मी०
  4. स्टॉप बोर्ड की लम्बाई = 1.21 मी० से 1.23 मी०
  5. स्टॉप बोर्ड की चौड़ाई = 112 मि०मी० से 200 मि०मी०
  6. स्टॉप बोर्ड की ऊँचाई = 98 मि०मी० से 102 मि०मी०
  7. गोले का व्यास = 110 मि०मी० से 130 मि०मी०
  8. गोले का व्यास स्त्रियों के लिए = 95 मि०मी० से 110 मि०मी०

शाट पुट-पैरी ओवरेइन विधि
(Shot Put-Peri Oberrain Method)
1. प्रारम्भिक स्थिति (Initial Position)-थ्रोअर गोला फेंकने की दशा में अपनी पीठ करके खड़ा होगा। शरीर का भार दायें पैर पर होगा। शरीर के ऊपरी भाग को नीचे
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लाते समय दायें पैर की एडी ऊपर उठेगी तथा बाएं पैर को घुटने से मुडी दशा में पीछे ऊपर जाकर तुरन्त पैर के पास पुन: लायेंगे। दोनों पैर मुड़े होंगे तथा ऊपरी भाग आगे को झुका होगा।

2. ग्लाइड (Glide)-दायां पैर सीधा करेंगे तथा दायें पैर के पंजे बाईं एड़ी से पीछे आयेंगे। बायां पैर स्टॉप बोर्ड (Stop Board) की ओर तेजी से किक करेंगे। बैठी हुई अवस्था में पुट्ठों को पीछे व नीचे की ओर गिरायेंगे। दायां पैर ज़मीन से ऊपर उठेगा तथा शरीर के नीचे ला कर बायीं ओर को पंजा मोड़ कर रखेंगे। बायां पैर इसी के लगभग साथ ही स्टॉप बोर्ड (Stop Board) पर थोड़ा दायीं ओर ज़मीन पर लगेगा। दोनों पैरों के पंजों को ज़मीन पर गोली दोनों कन्धे पीछे की ओर झुके होंगे। शरीर का समस्त भार दायें पैर पर होगा।

3. अन्तिम चरण (Final Phase)-दायें पैर के पंजे एवं घुटने को एक साथ बायीं ओर घुमायेंगे तथा दोनों पैरों को सीधा करेंगे। पुट्ठों को भी आगे बढ़ायेंगे। शरीर का भार दोनों पैरों पर होगा। बायां कन्धा सामने को खुलेगा। दायां कन्धा दायीं तरफ को ऊपर उठेगा तथा घूमेगा। पेट की स्थिति धनुष के आकार की तरह पीछे को झुकी हुई होगी।
SHOT PUT
ऐथलैटिक्स (Athletics) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 19

4. गोला फेंकना/थ्रो करना (Putting throwing the Shot)-दायां कन्धा एवं दायीं भुजा को गोले के आगे की ओर ले जायेंगे। बायां कन्धा आगे को बढ़ता रहेगा। शरीर का समस्त भार बायें पैर पर होगा जोकि पूर्ण रूप से सीधा होगा। जैसे ही दाहिने हाथ द्वारा गोले को आगे फेंका जायेगा, दोनों पैरों की स्थिति भी बदलेगी। बायां पैर पीछे आयेगा तथा दायां पैर आगे आयेगा। शरीर का भार दायें पैर पर होगा। ऊपरी भाग एवं दायां पैर दोनों आगे को झुके होंगे।
ऐथलैटिक्स (Athletics) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 20

घूम कर गोला फेंकना या चक्के की भान्ति फेंकना
(Throwing the Shot by rotating or like a Discus)

1. प्रारम्भिक स्थिति (Initial Position)—प्रारम्भ करने के लिए गोले के दूसरे भाग पर गोला फेंकने की दशा में पीठ करके खड़े होंगे। बायां पैर मध्य रेखा पर तथा दायां भाग दायीं ओर होगा। दायां पैर लोहे की रिम (Rim) से 5 से 8 से०मी० पीछे रखेंगे जिससे कि वे घूमते समय फाउल (Foul) न हो। गोला गर्दन के नीचे भाग में होगा, कोहनी ऊपर उठी होगी। प्रारम्भ करने से पहले कन्धा, पेट, बायां बाजू, गोला सभी पहले बायीं तरफ को घूमेंगे तथा बाद में दायीं तरफ जायेगा। ऐसा करते समय दोनों घुटने झुके होंगे।
2. घूमना (Rotation)-दोनों पैरों पर शरीर का भार होगा तथा ऊपर की स्थिति से केवल एक स्विंग लेने के उपरान्त घूमना प्रारम्भ हो जायेगा। कन्धा एवं धड़ दायें को पूर्ण रूप से घूमते शरीर का भाग भी दायें पैर पर चला जायेगा। इस स्थिति में बायीं तरफ भुजा को ज़मीन के समानान्तर रखते हुए बायें पैर के पंजे पर शरीर का भार लाते हुए दोनों घुटने घूमेंगे। दायें पैर के पंजे पर भी 90 अंश तक घूमेंगे। दायें पैर को घुटने से झुकी हुई अवस्था में बायें पैर के टखने के ऊपर से गोले के बीच में पहुंचने पर लायेंगे।
बायें पैर पर घूमते समय चक्र समाप्त होने पर हवा में दोनों पैर होंगे तथा कमर को घुमाएंगे। दायां पैर केन्द्र में दाएं पैर के पंजे पर आएगा। दाएं पैर के पंजे की स्थिति उसी प्रकार से होगी जैसी कि घड़ी में 2 बजे की दशा में सुई होती है। बहादुर सिंह का पैर 10 बजे की स्थिति में आता है। वह हवा में ही कमर को मोड़ लेता है। 2 बजे की स्थिति में बायां पैर टो बोर्ड पर कुछ विलम्ब से आयेगा। परन्तु ऊपरी भाग को केन्द्र में रखा जा सकता है। 10 बजे की स्थिति में बायां पैर ज़मीन पर तेजी से आयेगा तथा अधिकतर यह सम्भावना रहती है कि शरीर का ऊपरी भाग शीघ्र ऊपर आ जाता है।
निम्नलिखित बातों का ध्यान रखेंगे—

  1. प्रारम्भ में सन्तुलन ठीक बनाकर चलेंगे, बायां पैर नीचे रखेंगे।
  2. दाएं पैर से पूरी ग्लाइड (Glide) लेंगे, जम्प नहीं करेंगे। शरीर के ऊपरी भाग को ऊपर नहीं उठायेंगे।
  3. दायां पैर केन्द्र में आते समय अन्दर को घूम जाएगा।
  4. बायें कन्धे एवं पुढे को जल्दी ऊपर नहीं लाना है।
  5. बायीं भुजा को शरीर के पास रखेंगे।
  6. बायां पैर ज़मीन पर न शीघ्र लगेगा और न अधिक विलम्ब से।

सामान्य नियम
(General Rules)

  1. पुरुष वर्ग में 7.26 कि०ग्रा०, महिला में 4.00 कि०ग्रा० । गोले के व्यास पुरुष वर्ग में 110 से 130 व महिलाओं में 95 से 110 पैंटीमीटर।
  2. गोला व तारगोला को 2.135 मीटर के चक्र से फेंका जाता है। अन्दर का भाग पक्का होगा, बाहरी मैदान से 25 मिलीमीटर नीचा होगा। स्टॉप बोर्ड (Stop Board) 1.22 मीटर लम्बा, 114 मिलीमीटर चौड़ा और 100 मिलीमीटर ऊंचा होगा।
    ऐथलैटिक्स (Athletics) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 21
  3. सैक्टर 40 अंश का गोला, तार गोला एवं चक्का होगा। केन्द्र से एक रेखा सीधी 20 मीटर की खींचेंगे। इस रेखा के 18.84 पर एक बिन्दु लगाएंगे, इस बिन्दु से दोनों ओर 6.84 की दूरी पर दो बिन्दु डाल देंगे तथा इन्हीं दो बिन्दुओं से सीधी रेखायें खींचने पर 40 अंश का कोण बनेगा।
    गोला फेंकते समय शरीर का सन्तुलन होना चाहिए, गोला फेंक कर गोला जमीन पर गिरने के उपरान्त 75 सेंटीमीटर की दोनों रेखायें जो कि गोला फेंकने के क्षेत्र को दो भागों में विभाजित करती हैं, उसके पीछे के भाग से बाहर आयेंगे। गोला एक हाथ से फेंक दिया जाएगा। गोला कन्धे के पीछे नहीं आयेगा, केवल गर्दन के पास रहेगा। सही पुट उसी को मानेंगे जो कि सैक्टर के अन्दर हो। सैक्टर की रेखाओं को काटने पर फाऊल (Foul) माना जायेगा। यदि आठ प्रतियोगी (Competitors) हैं, तब सभी को 6 अवसर देंगे अन्यथा टाइ पड़ने पर 9 भी हो सकते हैं।

चक्का फेंकने का प्रारम्भ
(Initial Stance of Discus Throw)

  1. चक्के का वजन = 2 कि० ग्राम पुरुषों के लिए 1 कि० ग्राम स्त्रियों के लिए
  2. सर्कल का व्यास = 2.5 मी० + 5 मि०मी०
  3. थ्रोईंग सैक्टर का कोण = 34.92°
    चक्के का ऊपर का व्यास = 219 मि०मी० से 2.21 मि० मी० पुरुषों के लिए

180 से 182 स्त्रियों के लिए चक्का फेंकने की दिशा के विरुद्ध पीठ करके छल्ले (Ring) के पास चक्र में खड़े होंगे। दायीं भुजा को घुमाते हुए एक या दो स्विग (Swing) भुजा तथा धड़ को भी साथ में घुमाते हुए लेंगे। ऐसा करते समय शरीर का भार भी एक पैर से दूसरे पैर पर जायेगा जिस से पैरों की एड़ियां मैदान के ऊपर उठेगी। जब चक्का दाईं ओर होगा तथा शरीर का ऊपरी भाग भी दाईं ओर मुड़ा होगा यहां से चक्र का प्रारम्भ होगा। चक्र का प्रारम्भ शरीर के नीचे के भाग से होगा, बायें पैर को बायीं ओर झुकाएंगे। शरीर का भार इसी के ऊपर आयेगा। दायां घुटना भी साथ ही घूमेगा, दायां पैर भी घूमेगा, साथ ही कमर, पेट भी घूमेगा जाकि दायीं बाजू एवं चक्के को भी साथ में लायेगा।

इस स्थिति में गोले को पार करने की क्रिया प्रारम्भ होगी। सबसे पहले बायां पैर जमीन को छोड़ेगा। इसके उपरान्त बायां पैर चक्का फेंकने की दशा में आगे बढ़ेगा। दायां पैर घुटने से मुड़ा हुआ अर्ध चक्र की दशा में बायीं से दायीं ओर आगे को चलेगा। घूमते समय दोनों पुढे कन्धों से आगे होंगे जिससे शरीर के ऊपरी भाग तथा नीचे के भाग में मोड़ उत्पन्न होगा। दायीं भुजा जिसमें चक्का होगा, सिर कोहनी से सीधा होगा, बायीं भुजा कोहनी से मुड़ी हुई सीने के सम्मुख होगी। सिर सीधा रहेगा। दायें पैर के पंजे पर ज़मीन से थोड़ा ऊपर रख कर गोले को पार करेंगे तथा दायें पैर के पंजे ज़मीन पर आयेंगे। यह पैर लगभग केन्द्र में आयेगा। पंजा बाईं ओर को मुड़ा होगा।

विधियां
(Methods)
DISCUS THROW
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इसमें मुख्यत: निम्नलिखित तीन प्रकार की विधियां हैं—

  1. प्रारम्भ करते समय भी जो नये फेंकने वाले होते हैं वे अपना दायां पैर केन्द्र की रेखा पर एवं बायां पैर 10 से०मी० छल्ले (Ring) के पीछे रखते हैं।
  2. दूसरी विधि जिसमें सामान्य फेंकने वाले केन्द्रीय रेखा को दोनों पैरों के मध्य रखते हैं।
  3. तीसरे वे फेंकने वाले हैं जो बायें पैर को केन्द्रीय रेखा पर रखते हैं।

इसी प्रकार गोले के मध्य में आते समय तीन प्रकार से पैर को रखते हैं। पहले 3 बजे की स्थिति में, दूसरे 10 बजे की स्थिति में, तीसरे 12 बजे की स्थिति में, जिसमें 12 बजे की स्थिति सर्वोत्तम मानी गयी है क्योंकि इसमें दायें पैर पर कम घूमना पड़ता है तथा बायें कन्धे को खुलने से रोका जा सकता है।
दायां पैर ज़मीन पर आने के उपरान्त भी निरन्तर घूमता रहेगा और बायां पैर गोले के केन्द्र की रेखा से थोड़ा बायीं ओर पंजे एवं अन्दर के भाग को ज़मीन पर लगा देगा।
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अन्तिम चरण (Last Step)
इस समय पैर जमीन पर होंगे, कमर घूमती हई दिशा में पीछे को झकी होगी, बायां पैर सीधा होगा, दायां पैर घुटने से मुड़ा हुआ, दायां घुटना एवं पुढे बायीं ओर घूमते हुए होंगे। बायीं भुजा ऊपर की ओर खुलेगी, दायीं भुजा को शरीर से दूर रखते हुए आगे एवं ऊपर की दशा में लायेंगे।

फेंकना (Throwing)
दोनों पैर जो कि घूम कर आगे आ रहे थे, इस समय घुटने से सीधे होंगे। पुढे आगे को बढ़ेंगे, कन्धे तथा धड़ अपना घूमना आगे की दशा में समाप्त कर चुके होंगे। बायीं भुजा तथा कन्धा आगे घूमना बन्द करके एक स्थान पर रुक जायेंगे। दायीं भुजा एवं कन्धा आगे तथा ऊपर बढ़ेगा। दोनों पैरों के पंजों पर शरीर का भार होगा तथा दोनों पैर सीधे होंगे। अन्त में बायां पैर पीछे आयेगा तथा दायां पैर आगे जा कर घुटने से मुड़ेगा। शरीर का ऊपरी भाग भी आगे को झुका होगा। ऐसा शरीर का सन्तुलन बनाये रखने के लिए किया जाता है।

साधारण नियम (General Rules)
चक्के (Discus) का भार पुरुष वर्ग हेतु 2 कि०ग्रा०, महिला वर्ग हेतु 1 कि०ग्रा० होता है। वृत्त का व्यास 2.50 होता है। वर्तमान समय के चक्के के गोले के बाहर लोहे की केज
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LAY OUT OF DISCUS CIRCLE
(Cage) बनाई जाती है ताकि चक्के से किसी को चोट न पहुंचे। सम्मुख 6 मीटर, अन्य 7 मीटर अंग्रेजी के ‘E’ के आकार की होती है। इसकी ऊंचाई 3.35 मीटर होती है।
सैक्टर-40° का इसी प्रकार बनायेंगे जैसे गोले के लिए, अन्य समस्त नियम गोले की भान्ति ही इसमें काम आयेंगे।

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प्रश्न-जैवलिन थ्रो के नियम लिखें।
उत्तर—

  1. जैवलिन का भार = 800 ग्राम पुरुषों के लिए 600 ग्राम स्त्रियों के लिए
  2. रनवे की लम्बाई = 30 मी० 36.5 मी०
  3. रनवे की चौड़ाई जैवलिन की लम्बाई = 4 मीटर – 250 सें०मी० से 270 सें०मी० पुरुषों के लिए 220 सें०मी० के 230 सें०मी० स्त्रियों के लिए
  4. जैवलिन के थ्रोईंग सैक्टर का कोण = 28.950

भाला फेंकना (Javelin Throw)
भाले की सिर के बराबर ऊंचाई पर कान के पास, भुजा को कोहनी से झुकी हुई,
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कोहनी एवं जैवलिन दोनों का मुख सामने की ओर होगा। हाथ की हथेली का रुख ऊपर की ओर होगा–ज़मीन के समानान्तर । सम्पूर्ण लम्बाई 30 से 35 मी० होगी। 3/4 दौड़ पथ में सीधे दौड़ेंगे। 1/3 अन्तिम के पांच कदम के लगभग क्रॉस स्टैप (Cross Step) लेंगे। अन्तिम चरण में जब बायां पैर जांच चिह्न (Check Mark) पर आएगा दायां कन्धा धीमी
JAVELIN THROW
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गति से दायीं ओर मुड़ना प्रारम्भ करेगा तथा दायीं भुजा भी पीछे आना प्रारम्भ करेगी। कदमों के बीच की दूरी बढ़ने लगेगी। दायां हाथ एवं कन्धा बराबर पीछे को आयेंगे एवं दाईं तरफ खुलते जायेंगे। कमर एवं शरीर का ऊपरी भाग पीछे को झुकता जायेगा। ऊपरी एवं नीचे के भाग में मोड़ उत्पन्न होगा, क्योंकि ऊपरी भाग दायीं ओर खुलेगा तथा नीचे का भाग सीधा आगे को चलेगा। आंखें आगे की ओर देखती हुई होंगी।

अन्त में दायां पैर घुटने से झुकी दशा में ज़मीन पर क्रॉस स्टैप (Cross Step) के अन्त में आयेगा। जैसे ही घुटना आगे बढ़ेगा, दायें पैर की एड़ी ज़मीन से ऊपर उठना प्रारम्भ हो जायेगी। इस प्रकार यह बायें पैर को अधिक दूरी पर जाने में सहायता करती है, जिससे कि दोनों पैरों के बीच अधिक-से-अधिक दूरी हो सके। बायां पैर थोड़ा बायीं ओर ज़मीन पर आएगा। कन्धे दायीं ओर को होंगे। भाला कन्धे की सीध में होगा। मुट्ठी बन्द तथा हथेली ऊपर की ओर, कलाई सीधी, कलाई नीचे की ओर होने से भाले का अन्तिम सिरा ज़मीन पर लगेगा। इस स्थिति के समय बाईं भुजा मुड़ी हुई सीने के ऊपर होगी।

अन्तिम फेस (Last Phase)-थ्रो करने की स्थिति में जब बायां पैर ज़मीन पर आयेगा, कूल्हा (Hip) आगे बढ़ना प्रारम्भ कर देगा। दायां पैर एवं घुटना अन्दर को घूमेगा तथा सीधा होकर टांग को सीधा करेगा। बायां कन्धा भी साथ में खुलेगा, दायीं कुहनी बाहर की ओर घूमेगी एवं ऊपर को भाला कन्धा एवं भुजा के ऊपर सीध में होगा। बायें पैर का रुकना, दायें पैर को अन्दर घुमाना तथा सीधा करना इन सबसे शरीर का ऊपरी भाग धनुष की भान्ति पीछे को झुकेगा तथा सीना एवं पेट की मांसपेशियों में तनाव उत्पन्न होगा।

फेंकने के बाद फाऊल (Foul) बचाने के लिए तथा शरीर के भार को नियन्त्रण में रखने के लिए कदमों में परिवर्तन लायेंगे। दायां पैर आगे आकर घुटने से मुड़ेगा तथा पंजा बायीं ओर को झुकेगा। शरीर का ऊपरी भाग दायें पैर पर आगे को झुक कर सन्तुलन बनाएगा। दायां पैर अपने स्थान से उठ कर कुछ आगे भी जा सकता है।

साधारण नियम (General Rules)

  1. पुरुष भाले की लम्बाई 2.60 मी० से 2.70 मी०, महिला 2.20 मी० से 2.30 मी०।
  2. भाला फेंकने के लिए कम-से-कम 30 मी०, अधिकतम 36.50 मी० लम्बा एवं 4 मी० चौड़ा मार्ग चाहिए। सामने 70 मि०मी० की चाप वक्राकार सफेद लोहे की पट्टी होगी जो कि दोनों ओर 75 सें.मी० निकली होगी। इसको सफेद लेन से भी बनाया जा सकता है। यह रेखा 8 मी० सेण्टर से खींची जा सकती है।
  3. भाले का सैक्टर 29° का होता है जहां वक्राकार रेखा मिलती है वहीं निशान लगा देते हैं। पूर्ण रूप से सही कोण के लिए 40 मी० की दूरी पर दोनों भुजाओं के बीच की दूरी 20 मीटर होगी, 60 मी० की दूरी पर 30 मी० होगी।
    JAVELIN RUNWAY THROWING
    ऐथलैटिक्स (Athletics) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 27
  4. भाला केवल बीच में पकड़ने के स्थान (Grip) से ही पकड़ कर फेंकेंगे। भाले का अगला भाग ज़मीन पर पहले लगना चाहिए। शरीर के किसी भी भाग से 50 सें०मी० चौड़ी दोनों ओर की रेखाओं को या आगे 70 सें०मी० चौड़ी रेखा को स्पर्श करने को फाऊल थ्रो (Foul Throw) मानेंगे।
  5. प्रारम्भ करने से अन्त तक भाला फेंकने की दशा में रहेगा। भाले को चक्र काट कर नहीं फेंकेंगे, केवल कन्धे के ऊपर से फेंक सकते हैं।
  6. 3 + 3 गोला एवं चक्के की भान्ति अवसर मिलेंगे।

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प्रश्न-रिले दौड़ों के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर—
रिले दौड़ें
(Relay Races)
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पेडले रिले दौड़ (Medley Relay Race)—
800 × 200 × 200 × 400 मीटर
बैटन (Baton)—सभी वृत्ताकार रिले दौड़ों में बैटन को ले जाना होता है। बैटन एक खोखली नली का होना चाहिए और इसकी लम्बाई 30 सें०मी० से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसकी परिधि 12 सेंटीमीटर होनी चाहिए और भार 40 ग्राम होना चाहिए।
ऐथलैटिक्स (Athletics) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 29
रिले धावन पथ (Relay. Race Track)-रिले धावन पथ पूरे चक्र के लिए, गलियारों में विभाजित या अंकित होना चाहिए। यदि ऐसा सम्भव नहीं है, तो कम-से-कम बैटन विनिमय क्षेत्र गलियारों में होना चाहिए।
रिले दौड़ का प्रारम्भ (Start of Relay-Race)-दौड़ के प्रारम्भ में बैटन का कोई भी भाग रेखा से आगे निकल सकता है, किन्तु बैटन रेखा या आगे की ज़मीन को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
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बैटन लेना (Taking the Baton)-बैटन लेने के लिए भी क्षेत्र निर्धारित होता है। यह क्षेत्र दौड़ की निर्धारित दूरी रेखा के दोनों ओर 10 मीटर लम्बी प्रतिबन्ध रेखा खींच कर चिह्नित किया जाता है। 4 × 200 मीटर तक की रिले दौड़ों में पहले धावक के अतिरिक्त टीम के अन्य सदस्य बैटन लेने के लिए निर्धारित क्षेत्र के बाहर, किन्तु 10 मीटर से कम दूरी से दौड़ना आरम्भ करते हैं।

वैटन विनिमय (Exchange of Baters)—बैटन विनिमय निर्धारित क्षेत्र के अन्दर ही होना चाहिए। धकेलने या किसी प्रकार से सहायता करने की अनुमति नहीं है। धावक एक-दूसरे को बैटन नहीं फेंक सकते यदि बैटन गिर जाता है, तो गिराने वाला धावक ही उठाएगा।
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PSEB 10th Class Physical Education Practical ऐथलैटिक्स (Athletics)

प्रश्न 1.
एथलैटिक्स संयोगों को मुख्य रूप से कितने भागों में बांट सकते हैं ?
उत्तर-
एथलैटिक्स संयोगों को हम अग्रलिखित दो भागों में बांट सकते हैं—

  1. ट्रैक संयोग-इनमें सभी दौड़ें आ जाती हैं।
  2. क्षेत्रीय संयोग (फील्ड इवेंट्स)-इसमें सब प्रकार की छलांगें और थ्रोज़ आ जाती

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प्रश्न 2.
सीनियर लड़के और जूनियर लड़कों के कौन-कौन से इवेंट्स होते
उत्तर-
सीनियर लड़के—

  1. 100 मीटर
  2. 200 मीटर
  3. 400 मीटर
  4. 800 मीटर
  5. 1500 मीटर
  6. 5000 मीटर
  7. 110 मीटर हर्डल
  8. लम्बी छलांग
  9. तेहरी छलांग
  10. पोल वाल्ट
  11. शॉटपुट
  12. जैवलिन थ्रो
  13. डिस्कस थ्रो
  14. हैमर थ्रो
  15. ऊंची छलांग
  16. 4 × 100 मीटर रिले दौड़
  17. 4 × 400 मीटर रिले दौड़

जूनियर लड़के—

  1. 100 मीटर
  2. 400 मीटर
  3. 800 मीटर
  4. 3000 मीटर
  5. 100 मीटर
  6. ऊंची छलांग
  7. लम्बी छलांग
  8. शॉट पुट
  9. डिस्कस थ्रो
  10. जैवलिन थ्रो
  11. 4 × 100 मीटर रिले दौड़।

प्रश्न 3.
सीनियर लड़कियों और जूनियर लड़कियों के इवेंट्स के बारे में विस्तारपूर्वक लिखो।
उत्तर-
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प्रश्न 4.
एथलैटिक्स इवेंट्स को हम कितने भागों में बांट सकते हैं ?
उत्तर-
दौड़ें-100, 200, 400, 800, 1500, 5000, 10,000 मीटर दौड़। 4 × 100, 4 × 400 मीटर रिले दौड़। थो-डिस्कस थ्रो, हैमर थ्रो, शॉट पुट, गोला फेंकना। उछलना-हाई जम्प, लम्बी छलांग, ट्रिपल जम्प, पोल वाल्ट।

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प्रश्न 5.
स्परिट्स या तेज़ दौड़ें किसे कहते हैं ?
उत्तर-
स्परिट्स या तेज़ दौड़ें उन्हें कहते हैं जो दौड़ने वाला थोड़ी दूरी को बिजली की तेज़ी से पूरा कर ले। तेज़ दौड़ें इस प्रकार हैं-100, 200, 400, 4 x 100, 4 x 400 मीटर रिले दौड़ें इत्यादि।

प्रश्न 6.
मध्यम दर्जे की दौड़ें कौन-कौन सी होती हैं ?
उत्तर-
मध्यम दर्जे की दौड़ें (Middle Distance Races) उन्हें कहते हैं जिन में धावक तेज़ दौड़ सकता हो और पूरी दूरी के लिए स्पीड या गति को कायम रख सकता हो। जैसे 800, 1500 मीटर की दौड़ आदि।

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प्रश्न 7.
रिले दौड़ें (Relay Races) किसे कहते हैं ?
उत्तर-
रिले दौड़ें (Relay Races)-रिले दौड़ें एक टीम का संयोग है जिनमें टीम का हर मैम्बर एक जैसी दूरी दौड़ता है। छोटी दूरी की रिले दौड़ों में धावकों को स्परिट की तरह दौड़ना पड़ता है। रिले दौड़ों में 4 मैम्बर होते हैं और बैटन (Baton) एक मैम्बर से दूसरे मैम्बर को पकड़ाया जाता है।

प्रश्न 8.
दौड़ों के मुख्य नियम कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
दौड़ों के लिए आम नियम-

  1. तेज़ दौड़ें (स्परिट्स) 4′ की चौड़ी लेनों में दौड़ी जाती हैं ताकि धावकों को दौड़ने में रुकावट न पड़े।
  2. लेन्ज़ का चुनाव पर्चियों द्वारा किया जाता है।
  3. स्टार्टर के स्थान लो की आज्ञा मिलने पर धावक अपनी-अपनी लेन की आरम्भिक रेखा के पीछे पोजीशन ले लेते हैं। तैयारी की आज्ञा मिलने पर वे तैयार हो जाते हैं। बन्दूक या पिस्तौल चलने के उपरान्त दौड़ पड़ते हैं। यदि कोई धावक बन्दूक की आवाज़ या पिस्तौल चलने से पहले दौड़ पड़ता है तो वह स्टार्ट रद्द कर दिया जाता है। पहले दौड़ने वाले धावक को ताड़ना कर दी जाती है। यदि वह ऐसी ग़लती फिर करता है तो उस धावक को उस दौड़ मुकाबले में भाग लेने के अयोग्य करार दिया जाता है।
  4. जो धावक अपनी लेन को छोड़ कर दूसरी लेन में चला जाता है, वह भी अयोग्य करार दिया जाता है।
  5. लम्बी दौड़ें 1500, 5000 मीटर दौड़ अलग-अलग लेनों में दौड़ी जाती हैं। यदि किसी एथलीट ने अपने से आगे दौड़ रहे धावक को काट कर आगे बढ़ना हो तो वह दाईं ओर से आगे बढ़ेगा।

प्रश्न 9.
थ्रो के लिए क्या-क्या नियम हैं ?
उत्तर-
थ्रो के लिए नियम-

  1. गोला, डिस्कस और हैमर थ्रो चक्करों में खड़े होकर फेंके जाते हैं।
  2. थ्री से पहले या बाद शरीर का कोई भाग चक्कर से बाहर नहीं स्पर्श करना चाहिए।
  3. थ्रो के बाद चक्कर के पिछले आधे भाग में से बाहर जाना आवश्यक है। अगले भाग में से बाहर जाना फाऊल माना जाता है।
  4. निश्चित किए गए सैक्टर में गिरे हुए थ्री ही ठीक माने जाते हैं।
  5. यदि मुकाबलों में भाग लेने वालों की संख्या मे 8 से अधिक है तो इनको तीनतीन चांस दिए जाते हैं। फिर उनमें से अधिक फेंकने वाले 8 एथलीट चुन लिए जाते हैं
    और फिर दोबारा तीन चांस और दिए जाते हैं। जो एथलीट अधिक थ्रो फेंकेगा उसको पहला स्थान दिया जाएगा।
  6. थ्री इवेंट्स में जब हम इम्पलीमैंट (Implement) को चक्कर के अन्दर ले जाते हैं तो उसको दोबारा बैक साइड पर नहीं फेंक सकते।
  7. गोला, हैमर या डिस्कस थ्रो के समय यह ज़रूरी है कि वह 40° के सैंटर में गिरे।
  8. हरेक थ्रो का माप गिरी हुई वस्तु की समीपता दूरी से चक्कर के अन्दर से सीधी रेखा द्वारा लिया जाता है।
  9. माप के समय अंगुलियों का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
  10. जब तक गोले, डिस्कस या किसी और वस्तु ने भूमि को स्पर्श न कर लिया हो, खिलाड़ी चक्कर में से बाहर नहीं आ सकता।

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प्रश्न 10.
दौड़ों में चैम्पियनशिप निकालने के लिए अंक कैसे लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
दौड़ों के लिए निम्नलिखित ढंग से अंक लगाए जाते हैं—

पोजीशन अंक
(1) पहली पोजीशन 5
(2) दूसरी पोजीशन 3
(3) तीसरी पोजीशन 1
यदि रिले दौड़ें हों तो इस प्रकार हैं
(1) पहली पोजीशन 10
(2) दूसरी पोजीशन 6
(3) तीसरी पोजीशन 2

 

प्रश्न 11.
गोला, डिस्कस, हैमर थ्रो चक्कर के कोण कितने डिग्री के होते हैं ?
उत्तर-
गोला, डिस्कस, हैमर थ्रो चक्कर के कोण 40° के होते हैं।

प्रश्न 12.
100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर दौड़ की लाइनों की चौड़ाई कितनी होती है ?
उत्तर-
लाइनों की दूरी 1.25 मीटर या 4’—1′ चौड़ाई होती है।

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प्रश्न 13.
स्टैंडर्ड ट्रैक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
स्टैंडर्ड ट्रैक उसे कहते हैं जिसमें 8 लाइनें होती हैं, परन्तु आम तौर पर 6 लाइनों वाला ट्रैक ही प्रयोग में लाया जाता है।

प्रश्न 14.
स्टार्ट कैसे लिया जाता है ?
उत्तर-
स्टार्ट निम्नलिखित ढंग से लिया जाता है—
On Your marks.
Set
Whistle

प्रश्न 15.
ट्रैक इवेंट्स में कौन-कौन सी दौड़ें आती हैं ?
उत्तर-
ट्रैक इवेंट्स में 100, 200, 400, 800, 1500, 5000, 10000 मीटर की दौड़ें आ जाती हैं। (इसका चित्र सहित पूरा वर्णन खेलों वाले भाग में देखो)

ऐथलैटिक्स (Athletics) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न 16.
100, 200, 400 मीटर की दौड़ दौड़ने वाले एथलीटों को कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
कुछ ज़रूरी बातें (Some Important Tips)—
100, 200, 400 मीटर दौड़ दौड़ने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए’

  1. सांस प्राकृतिक ढंग से लेनी चाहिए।
  2. तैयार की आज्ञा मिलने पर अपने सांस को रोक लो और पिस्तौल की गोली चलने पर भागना शुरू करो।
  3. दौड़ समाप्त हो जाने के बाद बैठना या रुकना नहीं चाहिए।
  4. दौड़ आरम्भ होने की स्थिति में खिलाड़ी को अपनी स्पर्श स्थिति को ध्यान में रखना चाहिए ताकि वह पहले चार, पांच या छः कदम बिल्कुल सीधी रेखा में दौड सके।
  5. अभ्यास के लिए पहले दो-चार स्टार्ट धीरे-धीरे लेने चाहिएं।
  6. हर पारी आरम्भ होने से पहले 35 मीटर या 40 मीटर तक दौड़ने का अभ्यास करना चाहिए।
  7. स्टार्ट लेने के लिए प्रतिदिन 10-15 स्टार्ट लेने चाहिएं।

प्रश्न 17.
कितने फाऊल स्टार्ट के पश्चात् एथलीट को दौड़ से बाहर निकाला जा सकता है ?
उत्तर-
यदि कोई एथलीट दो फाऊल स्टार्ट ले ले तो उसको दौड़ से बाहर निकाल दिया जाता है। पटैथलोन और डिकैथलिन में तीन फाऊल स्टार्ट ले ले तो उसे बाहर निकाल दिया जाता

प्रश्न 18.
ट्रैक इवेंट्स के लिए खिलाड़ियों के लिए क्या-क्या नियम होने चाहिएं ?
उत्तर-
ट्रैक इवेंट्स के खिलाड़ियों के लिए निम्नलिखित नियम हैं—

  1. खिलाड़ी ऐसे वस्त्र पहने जो किसी प्रकार की आपत्ति योग्य न हों तथा वे साफ़ भी हों।
  2. एथलीट नंगे पांव या जूते पहन कर भाग ले सकता है।
  3. जो खिलाड़ी अन्य खिलाड़ियों के लिए किसी तरह की रुकावट पैदा करता है या प्रगति के मार्ग में रुकावट बनता है, उसको अयोग्य ठहराया जाता है।
  4. हरेक एथलीट अपने आगे और पीछे बड़े स्पष्ट रूप से अंक धारण करेगा।
  5. लेन्ज (Lanes) में दौड़ी जाने वाली दौड़ों में खिलाड़ी को शुरू से अन्त तक अपनी लेन में ही रहना होगा।
  6. यदि कोई खिलाड़ी जानबूझ कर अपनी लेन से बाहर दौड़ता है तो उसे अयोग्य ठहराया जाता है।
  7. यदि कोई एथलीट जानबूझ कर ट्रैक को छोड़ता है तो उसको दोबारा दौड़ जारी रखने का अधिकार नहीं होता।
  8. यदि ट्रैक और फील्ड के इवेंट्स एक बार शुरू हो चुके हों तो जज उसको अलगअलग ढंग से हिस्सा लेने की आज्ञा दे सकता है।
  9. खिलाड़ियों को दवाइयों और नशीली वस्तुओं के सेवन की आज्ञा नहीं है। न ही खेल के समय वह अपने पास रख सकता है। यदि कोई ऐसी वस्तुओं का प्रयोग करता है तो उसे अयोग्य करार दिया जाता है।
  10. 800 मीटर दौड़ (800 Meter Race) का स्टार्टर अपनी ही भाषा में कहेगा “On Your Marks” इस के बाद व्हिसल दे कर स्टार्ट दे दिया जाता है। .
  11. खिलाड़ी को “On Your Marks” की स्थिति में अपने सामने वाली ग्राऊंड को या आरम्भ रेखा (Start Line) को हाथ या पैर द्वारा स्पर्श नहीं करना चाहिए।
  12. दो बार फाऊल स्टार्ट होने पर एथलीट को दौड़ में भाग लेने की आज्ञा नहीं होती।
  13. एथलीट का फैसला पोजीशन की अन्तिम रेखा पर होता है। जिस खिलाड़ी के शरीर का हिस्सा अन्तिम रेखा को पहले स्पर्श कर जाए तो उसको पहले पहुंचा माना जाता है।
  14. हर्डल दौड़ में यदि कोई एथलीट जानबूझ कर हाथों या टांगों को फैलाकर हर्डल फेंकता है या रैफ़री के मतानुसार हर्डल को जानबूझ कर हाथों या पाँवों पर गिराता है तो उसे भी अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
  15. यदि Throw Events में भाग लेने वालों की संख्या अधिक हो जाए तो रैफ़री निर्धारित स्थान (Qualifying Marks) रख देता है और अन्त में चान्स दिए जाते हैं।

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प्रश्न 19.
हर्डल दौड़ें कितने प्रकार की होती हैं ? संक्षेप में वर्णन करो।
उत्तर-
हर्डल दौड़ें निम्नलिखित प्रकार की होती हैं जो इस प्रकार हैं—
(1) 110 मीटर हर्डल (110 Metres Hurdle)
(2) 200 मीटर हर्डल (200 Metres Hurdle)
(3) 400 मीटर हर्डल (400 Metres Hurdle)

  1. 110 मीटर हर्डल (110 Metres Hurdle)-इसमें 10 हर्डलें होती हैं। पहली. हर्डल 10.72 मीटर दूरी पर होती हैं। बाकी हर्डलों की दूरी 9.14 और अन्तिम हर्डल 14.02 मीटर दूरी पर होती है। हर्डलों की ऊंचाई लड़कियों के लिए 1.06 सैं० मीटर होती है और सीनियर लड़कियों के लिए 100 मीटर हर्डलज़ की ऊंचाई 89 सैं० मीटर और जूनियर लड़कियों के लिए 76 सैं० मीटर होती है।
  2. 200 मीटर हर्डल (200 Metres Hurdle)-इसमें भी 10 हर्डलें होती हैं। स्टार्ट रेखा से पहली हर्डल 18.29 मीटर और अन्तिम हर्डल 17.10 मीटर होती है।
  3. 400 मीटर हर्डल (400 Metres Hurdle)—इसमें भी 10 हर्डल होती हैं। पहली हर्डल स्टार्ट रेखा से 45 मीटर और बाकी 35 मीटर और अन्तिम 40 मीटर होती है।

प्रश्न 20.
गोला फेंकना, हैमर थ्रो, डिस्कस थ्रो के चक्करों का माप बताओ।
उत्तर-

  1. गोले का चक्कर 2.135 M.
  2. हैमर थ्रो 2.135 M.
  3. डिस्कस थ्रो 2.50 M.M.

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प्रश्न 21.
पटैथलोन और डिकेथलिन इवेंट्स का वर्णन करो।
उत्तर-

  1. पटैथलोन के इवेंट्स-
    • लम्बी छलांग (Long Jump)
    • जैवलिन थ्रो (Javelin Throw)
    • 200 मीटर दौड़ (200 Metres Race)
    • डिस्कस थ्रो (Discus Throw)
    • 100 मीटर हर्डल (100 Metres Hurdle)
  2. डिकेथलिन इवेंट्स—
    • 100 मीटर दौड़ (100 Metres Race)
    • लम्बी छलांग (Long Jump)
    • पुटिंग शाट (Putting Shot)
    • ऊंची छलांग (High Jump)
    • 400 मीटर दौड़ (400 Metres Race)
    • 110 मीटर हर्डल (110 Metres Hurdle)
    • डिस्कस थ्रो (Discus Throw)
    • पोल वाल्ट (Pole Vault)
    • जैवलिन थ्रो (Javelin Throw)
    • 1500 मीटर दौड़ (1500 Metres Race)

प्रश्न 22.
लड़के और लड़कियों के लिए जैवलिन का भार और लम्बाई बताओ।
उत्तर-

  1. जैवलिन लड़कों के लिए 800 ग्राम। लड़कियों के लिए 605 से 625 ग्राम।
  2. लड़कों के लिए लम्बाई अधिक-से-अधिक 2.30 मीटर और कम-से-कम 2.60 मीटर।
  3. लड़कियों के लिए लम्बाई अधिक-से-अधिक 2.30 मीटर और कम-से-कम 2.20 मीटर होगी।

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प्रश्न 23.
गोले का भार लड़कों और लड़कियों के लिए वर्णन करो।
उत्तर-

  1. गोले का भार लड़कों के लिए 6 किलोग्राम होगा।
  2. गोले का भार लड़कियों के लिए 4 किलोग्राम होगा।

कुश्तियां : फ्री स्टाइल एवं ग्रीको रोमन (Wrestling : Free Style and Greeco Roman) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

Punjab State Board PSEB 10th Class Physical Education Book Solutions कुश्तियां : फ्री स्टाइल एवं ग्रीको रोमन (Wrestling : Free Style and Greeco Roman) Game Rules.

कुश्तियां : फ्री स्टाइल एवं ग्रीको रोमन (Wrestling : Free Style and Greeco Roman) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

याद रखने योग्य बातें

  1. कुश्ती के मैट का आकार = गोल
  2. मैट का साइज = 4.50 अर्ध व्यास
  3. घेरे का रंग = लाल
  4. प्लेटफार्म से मैट की ऊंचाई = 1.10 मीटर
  5. कार्नर के रंग = लाल और नीला
  6. कुश्ती का समय = 6 मिनट (2, 2, 2 मिनट के तीन हाफ)
  7. पुरुषों के कुल भार = 9, तीन आफ
  8. स्त्रियों के कुल भार = 7
  9. जुनियर के भार = 10
  10. अधिकारी = मैट लेयर मैच, 2 रैफरी, 3 जज
  11. मैट के आस-पास का खाली स्थान = 1.50 मीटर
  12. राऊण्ड के पश्चात् आराम का समय = 30 सैकेण्ड

फ्री स्टाइल एवं ग्रीको रोमन कुश्तियों की संक्षेप रूपरेखा
(Brief outline of Free Style and Greeco Roman Wrestling

  1. कुश्ती प्रतियोगिता में भाग लेने वाला प्रतियोगी पूर्ण रूप से स्वस्थ होना चाहिए। वह किसी छूत की बीमारी का शिकार नहीं होना चाहिए।
  2. कुश्तियों में भाग लेने वालों के नाखून अच्छी तरह से कटे होने चाहिएं। वे अपने शरीर पर तेल आदि चिकने पदार्थ नहीं मल सकते।
  3. अन्तर्राष्ट्रीय मैचों के लिए 4.50 मीटर अर्द्ध-व्यास मैट का घेरा होता है।
  4. ओलम्पिक खेलों तथा विश्व चैम्पियनशिप मैचों के लिए मैट का आकार 4.50 मीटर अर्द्ध-व्यास मैट का घेरा होता है।
  5. कुश्ती का समय 6 मिनट होता है।
  6. कुश्ती करते समय विरोधी खिलाड़ी के बाल, मांस, कान या गुप्त अंगों को खींचना फाऊल है।
  7. मैट का मुखिया ‘विनर कलर’ को ऊंचा उठाकर विजेता की घोषणा करता है।
  8. यदि रैफरी किसी खिलाड़ी को तीन बार चेतावनी दे दे तो उसे हारा हुआ माना जाता है।
  9. कुश्ती लड़ने वाले खिलाड़ी की दाढ़ी कटी हुई या शेव ताज़ी होनी चाहिए।
  10. कुश्ती लड़ने वाला कड़ा या अंगूठी नहीं पहन सकता।
  11. कुश्तियों के मध्य किसी भी अधिकारी को बदला नहीं जा सकता है।

कुश्तियां : फ्री स्टाइल एवं ग्रीको रोमन (Wrestling : Free Style and Greeco Roman) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
स्कूल स्तर पर विभिन्न भारों के कुश्ती मुकाबलों का वर्णन करें।
उत्तर-
स्कूल स्तर पर प्रतियोगिताएं (Competitions at School Level)—
स्कूल स्तर पर निम्नलिखित भारों के आधार पर प्रतियोगिताएं करवाई जाती हैं—
प्रत्येक प्रतियोगी प्रतियोगिता में अपने शरीर के भार अनुरूप वाले वर्ग में भाग ले सकता है।
आयुवर्ग
(Age Group)

  1. स्कूली लड़के = 14-15 वर्ष
  2. कैडेट = 16-17 वर्ष
  3. जूनियर = 18-20 वर्ष
  4. सीनियर = 19-20 वर्ष

20 वर्ष से अधिक आयु के लिए
कुश्तियां फ्री स्टाइल एवं ग्रीको रोमन Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 1
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17 वर्ष से 20 की आयु के लिए
कुश्तियां फ्री स्टाइल एवं ग्रीको रोमन Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 3

15 वर्ष से 16 वर्ष की आयु के लिए
कुश्तियां फ्री स्टाइल एवं ग्रीको रोमन Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 4

13 वर्ष से 14 वर्ष की आयु के लिए सब-जूनियर लड़के
कुश्तियां फ्री स्टाइल एवं ग्रीको रोमन Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 5

प्रत्येक प्रतियोगी प्रतियोगिता में अपने शरीर के भार अनुसार वाले वर्ग में भाग ले सकता है।
फ्री स्टाइल कुश्तियां (Free Style Wrestling) —फ्री स्टाइल कुश्तियों में शरीर के किसी भी भाग से पकड़ा जा सकता है और कोई भी तकनीक लगाई जा सकती है परन्तु बाल, कान और लंगोटा पकड़ना मना है।

ग्रीको रोमन कुश्तियां (Greeco Roman Wrestling) ग्रीको रोमन कुश्तियों में टांगों का प्रयोग वर्जित है। शरीर के ऊपरी भाग (Waist Line) से ऊपर किसी भी प्रकार की तकनीक लगाई जा सकती है परन्तु इन कुश्तियों में भी बाल, कान और लंगोटा आदि पकड़ना मना है। शेष सभी नियम फ्री स्टाइल वाले ही होते हैं।

कुश्तियां : फ्री स्टाइल एवं ग्रीको रोमन (Wrestling : Free Style and Greeco Roman) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
कुश्ती प्रतियोगिता में भाग लेने वालों के लिए भार तोलने सम्बन्धित नियमों और उनके युगल बनाने की विधि का वर्णन करो।
उत्तर-
भार तोलना (Weighing)—

  1. प्रतियोगी निर्वस्त्र होकर भार देंगे। तोल से पूर्व उनका डॉक्टरी परीक्षण किया जाएगा, किसी छूत के रोग से ग्रस्त प्रतियोगी को डॉक्टर कुश्ती में भाग लेने से रोक देगा।
  2. खिलाड़ियों की शारीरिक दशा सन्तोषजनक होनी चाहिए। उनके नाखून खूब अच्छी तरह कटे होने चाहिएं।
  3. भार तोलने का काम पहले दिन कुश्तियां आरम्भ होने से कम-से-कम एक दिन पहले आरम्भ होगा।
  4. आगामी दिनों में भार तोलने का काम कम-से-कम दो घण्टे पहले आरम्भ होगा और पहली कुश्ती से एक घण्टा पहले समाप्त हो जाएगा।
  5. यदि जोड़े बनाते समय एक स्थान के दो-दो खिलाड़ी जोड़े में आ जाएं तो वे पहले राऊण्ड में एक-दूसरे के विरुद्ध लड़ेंगे।

पोशाक (Costume)—प्रतियोगी अखाड़े में एक टुकड़े वाली बनियान, जांघिया या जर्सी (लाल या नीली) में उतरेंगे और उसके नीचे वे एक लंगोटी या पेटी पहनेंगे। खिलाड़ी स्पोर्ट जूते पहनेंगे जो टखनों से अच्छी तरह बंधे होंगे। वे ऐड़ी वाले या कीलों से जड़े तले वाले जूते नहीं पहन सकते। प्रतियोगियों की दाढ़ी ताज़ी मुंडी हो या कई महीनों की बढ़ी हुई हो। निम्नलिखित बातें वर्जित हैं—

  1. बिना किसी चोट के कलाई, भुजाओं या टखनों पर पट्टियां लपेटना।
  2. कलाई घड़ी बांधना
  3. शरीर पर किसी चिकनी चीज़ का मलना।
  4. पसीने से तर होकर अखाड़े में उतरना।
  5. अंगूठी, हार, कड़ा आदि पहनना।

मैट (Mat)-मैट का आकार 4.50 मीटर अर्द्ध व्यास के गोल घेरा का होगा जिसके बाहर 50 सें०मी० का गोल घेरा लाल रंग की रेखा से अंकित होगा। दुर्घटना से बचने के लिए मैट के इर्द-गिर्द 2-2 मीटर जगह छोड़नी चाहिए। मैट को 1.10 मीटर ऊंचे प्लेटफार्म पर बिछाया जाएगा। मैट के कोने लाल या नीले रंग से चिन्हित होंगे तथा मैट के मध्य में वृत्त अंकित किया जाएगा।
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कुश्ती का आरम्भ और अवधि
(Start and Duration of Wrestling Bout)

  1. प्रत्येक कुश्ती का कुल समय 5 मिनट होता है।
  2. कुश्ती उस समय तक जारी रहेगी जब तक कोई एक खिलाड़ी गिर नहीं जाता या फिर यह 5 मिनट तक जारी रहेगी।

यदि कोई खिलाड़ी अपना नाम पुकारे जाने के पश्चात् 5 मिनटों के अन्दर-अन्दर मैट पर नहीं पहुंचता तो उसे गिरा हुआ माना जाएगा और मुकाबले से बाहर निकाला हुआ माना जाएगा।

कुश्ती की समाप्ति
(End of Bout)
घंटी बजने पर कुश्ती समाप्त हो जाएगी। रैफरी की सीटी पर भी कुश्ती रुक जाती है, घंटी बजने और रैफरी की सीटी के बीच कोई भी कार्य उचित नहीं माना जाता है। मैट का मुखिया विनिंग कलर दिखा कर विजेता की सूचना देता है। रैफरी विजेता का बाजू खड़ा करके फैसला बताता है। यदि कुश्ती बराबर हो तो तीन मिनट का समय और दिया जाता है: कुश्ती कभी भी बरबर नहीं रहती। यदि आठ मिनट में अंक बराबर रहे तो मैट चेयरमैन और जज ठीक लड़ने वाले पहलवान को विजेता करार दे देते हैं अथवा जिस पहलवान को कम चेतावनी दी गई हो उसे विजयी घोषित किया जाता है।

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प्रश्न
कुश्ती में फाऊल पकड़े कौन-कौन सी होती हैं ?
उत्तर-
फाऊल पकड़ें
(Foul Holds)
निम्नलिखित फाऊल पकड़े हैं—

  1. बालों या मांस, कान, पोशाक इत्यादि को खींचना।
  2. अंगुलियों को मरोड़ना, लड़ाई-झगड़ा करना, धक्का देना।
  3. इस तरह पकड़ करनी कि वह विरोधी खिलाड़ी के लिए जान का भय बन जाए या यह भय हो कि विरोधी खिलाड़ी के अंगों पर चोट लग जाएगी अथवा उसे कष्ट दे, पीड़ा करें ताकि दूसरा खिलाड़ी विवश होकर खेल छोड़ जाए।
  4. विरोधी खिलाड़ी के पांवों पर अपने पांव रखना।
  5. विरोधी खिलाड़ी के चेहरे (आंखों की भवों से लेकर ठोड़ी तक) को स्पर्श करना।
  6. गले से पकड़ना।
  7. खड़ी स्थिति में पकड़ करनी।
  8. विरोधी को उठाना जबकि वह ‘ब्रिज़-पोजीशन’ में हो और फिर उसे मैट पर गिराना।
  9. सिर की ओर से धक्का देकर ब्रिज को तोड़ना।
  10. विरोधी खिलाड़ी के बाजू को 90° के कोण से अधिक मोड़ देना।
  11. दोनों हाथों से सिर को पकड़ना।
  12. कोहनी या घुटने को विरोधी खिलाड़ी के पेट में धकेलना।
  13. विरोधी के बाजू को पीछे की ओर मोड़ना और दबाना।
  14. किसी तरह से सिर को काबू करना।
  15. शरीर को या सिर को टांगों द्वारा कैंची मारना।
  16. मैट को पकड़े रखना।
  17. एक-दूसरे से बातें करनी और हानिकारक आक्रमण करना या गिराना।

चेतावनियां (Precautions) निम्नलिखित स्थिति में चेतावनी दी जा सकती है—
(क) स्थायी रुकावटें
(ख) फाऊल पकड़ें
(ग) कुश्ती समय अनुशासनहीनता
(घ) नियमों का उल्लंघन।

  1. ये चेतावनियां खेल के समय किए गए दूसरे फाऊलों के साथ गिनी जाएंगी।
  2. तीन सावधानियों अथवा चेतावनियों के बाद बिना कारण बताए खिलाड़ी को . पराजित घोषित किया जा सकता है।
  3. किसी बड़े उल्लंघन करने के दोष में किसी खिलाड़ी को खेल से निकाला जा सकता है।

स्थायी रुकावटें(Permanent Obstacles)—

  1. पेट के बल लेटे रहना।
  2. जान-बूझ कर मैट से बाहर जाना।
  3. विरोधी के दोनों हाथ पकड़े रखना ताकि वह खेल न सके।
  4. मैट के बाहर जाने की दशा में खिलाड़ी को चेतावनी दी जा सकती है।

कुश्तियों में रुकावट (Obstacles in Bout)
नाक में खून बहने, सिर के बाल गिरने या किसी अन्य कारण से अधिक-से-अधिक पांच मिनटों के लिए खेल को रोका जा सकता है। खेल की यह रुकावट एक या दो अवधियों में अधिक-से-अधिक पांच मिनट के लिए प्रत्येक खिलाड़ी के लिए हो सकती है।

प्रश्न
कुश्ती में स्कोर की गणना किस प्रकार होती है और निर्णय किस प्रकार दिया जाता है ?
उत्तर-
स्कोर (Score)

  1. एक अंक (प्वाइंट)-
    • उस खिलाड़ी को जो विरोधी खिलाड़ी को मैट पर गिराता है और उस पर नियन्त्रण स्थापित कर लेता है।
    • उस खिलाड़ी को जोकि नीचे से निकल कर ऊपर आ जाता है और विरोधी खिलाड़ी पर नियन्त्रण स्थापित करता है।
    • जो खिलाड़ी ठीक पकड़ लगाता है और विरोधी खिलाड़ी के सिर और कन्धों को मैट पर नहीं लगने देता।
    • एक चेतावनी का विरोधी के लिए एक प्वाऊंट होगा।
  2. दो अंक (प्वाइंट)-
    • उस खिलाड़ी को, जो ठीक पकड़ करता है और विरोधी खिलाड़ी को कुछ समय के लिए अपने अधीन रखता है (5 सैकिण्ड से कम समय के लिए)।
    • उस खिलाड़ी को, जिसका विरोधी शीघ्र ही गिर जाता है या लुढ़कता हुआ गिर जाता है।
      कुश्तियां फ्री स्टाइल एवं ग्रीको रोमन Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 7
  3. तीन अंक (प्वाइंट)-
    • जो खिलाड़ी अपने विरोधी को खतरे में रखता है (कंधे मैट से पांच सैकिण्ड तक 90° से कम कोण बनाते हों।)
    • कई बार लुढ़कते हुए गिर जाने की स्थिति या 5 सैकिण्ड निरन्तर तीन की संख्या तक ब्रिज की स्थिति।

निर्णय (Decision)-जब विरोधी खिलाड़ियों का अन्तर एक अंक (प्वाइंट) से कम हो तो मैच बराबर रहता है, यदि कोई भी अंक न बना हुआ हो या अंक बराबर हों तो भी कुश्ती बराबर हो जाएगी। यदि एक से अधिक नम्बरों का अन्तर हो तो अधिक नम्बरों वाला खिलाड़ी विजयी होगा।
गिरना (Fall)

  1. पूरी तरह गिर जाने के लिए खिलाड़ी के कंधे और मैट का सम्पर्क ही पर्याप्त है।
  2. मैट के किनारे पर ठीक गिर जाने के लिए इतना ही काफ़ी है कि गिरने पर सिर और कंधे मैट को छू जाएं।
  3. यदि जज कोई आपत्ति न करे तो गिर जाना ठीक माना जाता है।

अंकों (प्वाइंटों) पर जीतना—
यदि 5 मिनटों में फाऊल न हो तो फैसला अंकों (प्लाइंटों) पर किया जाता हो, अधिक अंक प्राप्त करने वाला खिलाड़ी विजयी होगा।

फाइनल के लिए नियम
(Rules of Final)

  1. फाइनल दो खिलाड़ियों में होगा।
  2. जब तीन खिलाड़ी 6 पैनेल्टी अंक से फाइनल में पहुंच जाएं तो प्राप्त किए अंक समाप्त हो जाते हैं।
  3. यदि पहलवान पहले मुकाबला कर चुके हो तो फिर कुश्ती नहीं होती।
  4. फाइनल में खेलने वाले तीन खिलाड़ियों के पैनल्टी अंकों की गणना अवश्य ध्यान में रखी जाएगी।
  5. यदि तीन में से प्रत्येक खिलाड़ी ने पहले ही 6 पैनल्टी अंक प्राप्त कर लिए हों तो वे पहले लिखे अनुसार अंक खो देंगे।
  6. यदि फाइनल में पहुंचे तीनों खिलाड़ियों ने पहले ही 6 अंक लिए हों तो उसे तीसरा स्थान प्राप्त होगा, शेष दो प्रथम स्थिति के लिए कुश्ती करेंगे और पहले पैनल्टी प्वाइंट खो देते हैं।
  7. विजयी वह होगा जो अन्तिम तीनों कुश्तियों के समय कम-से-कम पैनल्टी अंक प्राप्त करें।
  8. यदि फाइनल के खिलाड़ियों के पैनल्टी अंक बराबर हों तो उनकी स्थिति इस तरह होगी। कुश्ती लड़ने पर इन्कार करने वाले पहलवान को काशन दिया जाता है और विरोधी पहलवान को एक अंक।

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PSEB 10th Class Physical Education Practical कुश्तियां : फ्री स्टाइल एवं ग्रीको रोमन (Wrestling : Free Style and Greeco Roman)

प्रश्न 1.
कुश्तियों के भारों का वर्णन करो।
उत्तर-
कुश्तियों के भार निम्नलिखित हैं—
WRESTLING WEIGHT CATEGORIES WOMEN

MEN WOMEN JUNIOR
50 kg 44 kg 42 kg
54 kg 48 kg 46 kg
58 kg 52 kg 50 kg
63 kg 56 kg 54 kg
69 kg 61 kg 58 kg
76 kg 66 kg 63 kg
85 kg +66 kg 69 kg
97 kg 76 kg
130 kg 85 kg
100 kg

Men = Total of Nine Categories
Women = Total of Seven Categories
Junior = Total of Ten Categories

प्रश्न 2.
कुश्तियों का समय बताइए।
उत्तर-
कुश्तियों का समय 6 मिनट होता है।

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प्रश्न 3.
कुश्तियों के मैट की लम्बाई-चौड़ाई बताओ।
उत्तर-
कुश्तियों के मैट 4.50 अर्द्धव्यास मीटर के होने चाहिएं। ओलिम्पिक खेलों में विश्व चैम्पियनशिप मैचों में मैट का आकार 4.50 अर्द्धव्यास मीटर होता है।

प्रश्न 4.
रैफ़री एक खिलाड़ी को किनती बार चेतावनी दे सकता है ?
उत्तर-
यदि रैफ़री किसी खिलाड़ी को तीन बारी चेतावनी दे दे तो उसको हारा हुआ माना जाता है।

प्रश्न 5.
कुश्ती लड़ने वाले खिलाड़ी के लिए किस तरह का पहरावा होना चाहिए ?
उत्तर-
कुश्ती लड़ने वाले खिलाड़ी के लिए एक पीस का लाल या पीले रंग का पटका होना चाहिए। पोशाक शरीर के साथ चिपकी हुई होनी चाहिए। खिलाड़ी एड़ी और कीलों वाले बूट नहीं पहन सकता।

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प्रश्न 6.
कुश्ती में हार-जीत का निर्णय किस प्रकार होता है ?
उत्तर-
कुश्तियों में गिर जाने पर या अधिक अंक ले जाने वाले को विजयी करार दिया जाता है।

प्रश्न 7.
कश्तियों में स्कोर कैसे गिने जाते हैं ?
उत्तर-

  1. प्वाईंट स्कोर (Point Score)—यह उस खिलाड़ी को दिया जाता है – अपने विरोधी खिलाड़ी को मैट पर गिराकर उस पर अपना पूरा अधिकार कर लेता है। उस खिलाड़ी को भी जो दूसरे खिलाड़ी के नीचे से निकल कर ऊपर आकर उस पर अधिक प्राप्त कर लेता है।
    उस खिलाड़ी को भी जो कि ठीक पकड़ करता है, सावधानी (Caution) का एक प्वाईंट विरोधी को दिया जाता है।
  2. Points-उस खिलाड़ी को जो अपने विरोधी को ठीक पकड़ द्वारा कुछ समय (पांच सैकिंड) के लिए विकट स्थिति में रखता है।
  3. Points-उस खिलाड़ी को जो अपने विरोधी को (मैट के साथ) कंधों से 90° से कम कोण बनाते हुए, विकट स्थिति (In danger) में पांच सैंकिंड तक रखता है।

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प्रश्न 8.
कुश्तियों का निर्णय किस प्रकार होता है ?
उत्तर-
निर्णय (Decision) जब दो विरोधी खिलाड़ियों के स्कोर का अन्तर एक प्वाईंट से कम हो तो कुश्ती को बराबर घोषित (Declare a draw) किया जाता है।
जब एक बार या एक से अधिक प्वाईंट (Points) का अन्तर हो तो अधिक प्वाईंट प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को विजयी घोषित किया जाएगा।
यदि स्कोर शीट पर कोई भी प्वाईंट दर्ज न हो या दोनों खिलाड़ियों के प्वाईंट बराबर हों तो कुश्ती को बराबर घोषित किया जाएगा।

प्रश्न 9.
कुश्तियों के अधिकारियों के बारे में बताओ।
उत्तर-
कुश्तियों में जितनी भी प्रतियोगिताएं होती हैं, उनमें तीन अधिकारी होते हैं।

  1. मैट चेयरमैन (Mat Chairman)
  2. रैफरी (Referee)
  3. जज (Judge)

कुश्ती के मध्य किसी भी अधिकारी को बदला नहीं जा सकता है।

प्रश्न 10.
कुश्तियों के भार तोलने सम्बन्धी कुछ नियम बताओ।
उत्तर-

  1. भार तोलने का काम कुश्तियों के मुकाबले के आरम्भ होने के चार घण्टे पहले शुरू किया जाएगा।
  2. प्रत्येक प्रतियोगी (Competitor) अपने बराबर भार वाले के साथ कुश्ती लड़ सकता है।
  3. प्रतियोगी (Competitor) किसी छूत की बीमारी का रोगी नहीं होना चाहिए। वह पूरी तरह स्वस्थ होना चाहिए।
  4. प्रतियोगी (Competitors) नंगे तोले जाएंगे।
  5. उनके नाखून (Nails) छोटे काटे हुए होने चाहिएं। यह भार तोलते समय चैक किए जाएंगे।

कुश्तियां : फ्री स्टाइल एवं ग्रीको रोमन (Wrestling : Free Style and Greeco Roman) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न 11.
कुश्तियों में फाऊल पकड़ें कौन-कौन सी होती हैं ?
उत्तर-
फाऊल पकड़ें (Foul Holds)—

  1. बाल, मांस, कान और गुप्त अंगों को खींचना।
  2. अंगुलियां मरोड़ना, गल दबाना और जीवन के लिए घातक दूसरी तरह की पकड़ें।
  3. अपने विरोधी के बाजू को 90° के कोण से अधिक मोड़ना।
  4. कैंची (Scissors grip) मार कर सिर या शरीर को पकड़ना।
  5. विरोधी के जांघिए (कपड़े) को पकड़ना।
  6. कुश्ती करने वालों का आपस में बातचीत करना।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 2 घर

Punjab State Board PSEB 10th Class Home Science Book Solutions Chapter 2 घर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Home Science Chapter 2 घर

PSEB 10th Class Home Science Guide घर Textbook Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
घर की आवश्यकता के दो मुख्य कारण बताएं।
अथवा
घर की आवश्यकता किन कारणों से होती है?
उत्तर-

  1. घर सुरक्षा प्रदान करता है-घर की चार दीवारी में रहकर हम धूप, वर्षा, सर्दी, चोरों और जंगली जानवरों से सुरक्षित महसूस करते हैं।
  2. शिक्षा-मानव की शिक्षा घर से आरम्भ होती है। घर में ही हम भाषा और अच्छे सामाजिक गुण हासिल करते हैं।

प्रश्न 2.
आय के हिसाब से भारत में घरों को कितने भागों में बांटा जा सकता है?
उत्तर-
आय के हिसाब से भारत में घरों को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है

  1. कम आय वाले घर जिनमें सिर्फ एक या दो कमरे ही होते हैं।
  2. मध्य वर्गीय घर जिनमें कम-से-कम तीन या चार कमरे होते हैं।
  3. अमीर घर, ये घर उच्च वर्ग के लोगों के होते हैं जिनके कमरों की संख्या कई दर्जनों तक हो सकती है। यह घर सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस होते हैं।

प्रश्न 3.
घर बनाने के लिए कैसी भूमि अच्छी होती है?
अथवा
मकान बनाने के लिए हमें किस प्रकार की मिट्टी वाली भूमि चाहिए?
उत्तर-
घर बनाने के लिए मैदानी और सख्त भूमि अच्छी होती है। रेतीले, गड्ढों और निचली जगह वाली भूमि पर घर नहीं बनाना चाहिए।

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प्रश्न 4.
घर के लिए क्षेत्र का चुनाव क्यों महत्त्वपूर्ण है?
अथवा
घर का चुनाव करते समय क्षेत्र के चुनाव का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
घर के लिए जगह का चुनाव सबसे महत्त्वपूर्ण है क्योंकि मकान को बारबार बनाना मुश्किल काम है। इसलिए मकान बनाने के लिए जगह का चुनाव करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. जगह सरकार द्वारा प्रमाणित हो।
  2. साफ़-सुथरी हो और ऊँचाई पर हो।
  3. फैक्टरियों के नज़दीक न हो।
  4. आवश्यक सुविधाएं नज़दीक हों।

प्रश्न 5.
घर में वायु के आवागमन से आप क्या समझते हो?
अथवा
घर में हवा की आवाजाही से आप क्या समझते हो?
उत्तर-
वायु के बिना जीवन सम्भव नहीं है और साफ़-सुथरी हवा स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। घर में वायु के आवागमन का अर्थ है कि ताजी वायु घर के अन्दर आ सके और गन्दी वायु घर से बाहर जा सके। घर में खिड़कियां और रोशनदान इस काम के लिए रखे जाते हैं।

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प्रश्न 6.
घर में प्रकाश का उचित प्रबन्ध कैसे किया जा सकता है?
उत्तर-
घर में उचित रोशनी का प्रबन्ध अति आवश्यक है इसलिए घर की दिशा और खिड़कियों, दरवाज़ों का सही दिशा में होना आवश्यक है। यदि हो सके तो घर की दिशा ऐसी होनी चाहिए कि सुबह के समय सूर्य की किरणें घर के अन्दर दाखिल हों और सारा दिन घर में रोशनी रहे।

प्रश्न 7.
घर बनाने के लिए कौन-सी एजेन्सियों से धन/कर्जा लिया जा सकता है? किन्हीं चार के नाम लिखो।
उत्तर-
घर बनाने या खरीदने के लिए कर्जा/पैसा निम्नलिखित एजेन्सियों से लिया जा सकता है

  1. जीवन बीमा कम्पनियां
  2. बैंक
  3. ट्रस्ट
  4. मकान विकास निगम
  5. सहकारी मकान निर्माण- सभाएं
  6. सरकारी और गैर-सरकारी मोर्टगेज कम्पनियां।

प्रश्न 8.
सरकारी कर्मचारी आमतौर पर कहां से कर्जा लेते हैं और क्यों?
उत्तर-
सरकारी कर्मचारी प्राय: सरकार से कर्जा लेते हैं जिस पर उनको बहुत कम ब्याज देना पड़ता है। यह राशि प्रत्येक महीने उनके वेतन में से आसान किश्तों पर काटी जाती है। इसके अतिरिक्त कर्मचारी प्रोविडेण्ट फण्ड में से कर्जा ले लेते हैं जिसको वापिस करने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

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प्रश्न 9.
घर बनाते समय प्रभाव डालने वाले दो कारकों के बारे में बताएं।
उत्तर-
घर बनाते समय निम्नलिखित कारक प्रभाव डालते हैं

  1. आर्थिक स्थिति-पैसा मकान बनाने के मामले में सबसे महत्त्वपूर्ण कारक है। मकान का साइज़, जगह और स्तर पैसे पर ही निर्भर करता है।
  2. पेशा – घर का साइज़ या उसको योजना पर घर के मुखिए के पेशे का भी प्रभाव पड़ता है। यदि घर किसी वकील या डॉक्टर ने बनाना हो तो उसके घर का नक्शा इस तरह का होगा, जिसमें उसका दफ्तर या क्लीनिक भी बन सकें।

प्रश्न 10.
कार्य के आधार पर घर को मुख्य कितने क्षेत्रों में बांटा जा सकता है?
उत्तर-
काम के आधार पर घर को तीन भागों में बांटा जा सकता है-

  1. एकान्त क्षेत्र (Private Area)-जैसे सोने का कमरा, बाथरूम और पूजा का कमरा।
  2. काम करने वाला क्षेत्र (Work Area)-जैसे रसोई, बरामदा, आंगन आदि।
  3. मन बहलावे वाला क्षेत्र वह भाग है जहां परिवार के सदस्य मिल-जुल कर बैठते हैं। गप-शप मारते, टी० वी० देखते हैं। मेहमानों का स्वागत किया जाता है। जैसे लॉबी या ड्राईंग रूम।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 11.
घर के लिए जगह (स्थान) का चुनाव करते समय किन-किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
अथवा
आप घर के स्थान का चुनाव कैसे करेंगे?
उत्तर-
घर की जगह का चुनाव सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है क्योंकि मकान बारबार नहीं बनाए जाते। इसलिए घर की जगह का चुनाव करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. जगह सरकार की इजाजत वाली हो।
  2. घर का इर्द-गिर्द साफ़-सुथरा हो।
  3. मकान की जगह कुछ ऊँची हो।
  4. घर रोशनी और हवा वाली जगह पर हो।
  5. घर रेलवे लाइन और बड़ी सड़क के नज़दीक नहीं होना चाहिए।
  6. रोजाना सुविधाएं नज़दीक होनी चाहिएं।

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प्रश्न 12.
घर के लिए जगह का चुनाव करते समय भूमि की किस्म के बारे में जानना क्यों ज़रूरी है?
उत्तर-
घर की जगह का चुनाव करते समय भूमि की किस्म के बारे में जानकारी होनी इसलिए आवश्यक है क्योंकि मकान की सुरक्षा भूमि की किस्म पर निर्भर करती है। यदि भूमि रेतीली या नरम मिट्टी की होगी तो मकान किसी समय भी जमीन में धस सकता है और भूकम्प का थोड़ा-सा झटका नहीं सहार सकता। यदि मकान सख्त, मिट्टी वाली जगह पर बना हो तो वह सुरक्षित रहेगा।

प्रश्न 13.
घर बनाते समय अच्छा क्षेत्र तथा ज़रूरतों का पास होना क्यों ज़रूरी है? घर के लिये क्षेत्र का चुनाव क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
घर की जगह का चुनाव इलाका देखकर करना चाहिए। उस इलाके का चुनाव करना चाहिए जहां अपने सामाजिक स्तर के लोग रहते हों। इससे सामाजिक मेलजोल की कोई मुश्किल नहीं होगी ! इसके अतिरिका हमें रोजाना आवश्यकताओं को पूर्ति नज़दीकी इलाके से होनी चाहिए जैसे बाज़ार, स्कूल, मन्दिर, हस्पताल आदि। इससे समय और शक्ति की बचत होती है।

प्रश्न 14.
स्वास्थ्य का सफ़ाई से तथा सफ़ाई का घर से सीधा सम्बन्ध है, कैसे?
उत्तर-
सफ़ाई का स्वास्थ्य से सीधा सम्बन्ध है इसलिए सफ़ाई का होना अति आवश्यक है और सफ़ाई घर से होनी चाहिए। यदि सभी लोग अपने घर साफ़-सुथरे रखें तो वातावरण साफ़ करने में सहायता मिल सकती है। घर की सफ़ाई का अर्थ घर के अन्दर की सफ़ाई नहीं बल्कि घर के इर्द-गिर्द की सफ़ाई भी है। इससे बहुत-सी बीमारियों जैसे मलेरिया, हैजा, टी० बी० आदि से छुटकारा पाया जा सकता है। इसलिए कहा जा सकता है कि स्वास्थ्य, सफ़ाई और घर एक दूसरे से सम्बन्धित हैं।

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प्रश्न 15.
घर बनाते समय वायु का आवागमन तथा पानी का उचित प्रबन्ध क्यों होना चाहिए?
उत्तर-
हवा और पानी मानव की दो महत्त्वपूर्ण प्रारम्भिक आवश्यकताएं हैं। इनके बिना जीवन सम्भव नहीं है। मानवीय स्वास्थ्य साफ़-सुथरी हवा और पानी पर निर्भर है इसलिए घर में साफ़ पानी और हवा का प्रबन्ध होना चाहिए। इसलिए घर वहां बनाना चाहिए जहां हवा स्वच्छ हो और साफ पानी का प्रबन्ध हो सके। केवल इस स्थिति में ही परिवार के सदस्य तन्दुरुस्त रह सकते हैं। इसलिए गंदे इलाकों में कभी भी घर नहीं बनाना चाहिए।

प्रश्न 16.
वित्तीय प्रबन्ध से आप क्या समझते हो? घर बनाते समय इसका क्या महत्त्व है?
उत्तर-
घर बनाने या खरीदने के लिए काफ़ी अधिक धन की आवश्यकता पड़ती है क्योंकि घर बनाने के लिए सामान की कीमत, जगह की कीमत, मजदूरी, आर्कीटैक्ट के लिए काफ़ी पैसा चाहिए। कई बार मकान बनाते समय बजट बढ़ जाता है। इसलिए घर के लिए आवश्यक वित्तीय प्रबन्ध आवश्यक है। यह प्रबन्ध अपनी बचत, प्रोविडेण्ट फण्ड और कर्जे द्वारा किया जा सकता है। आजकल बहुत-सी बैंकों और अन्य संस्थाओं ने मकान बनाने के लिए ब्याज दरें कम कर दी हैं और सरकार भी ऐसे कर्जे पर आय – कर की छूट देती है। इसलिए आजकल मकान बनाने के लिए वित्त का प्रबन्ध पहले से आसान है।

प्रश्न 17.
वित्तीय प्रबन्ध कौन-कौन सी एजेन्सियों से किया जा सकता है?
उत्तर-
घर बनाने या खरीदते समय बहुत अधिक धन की आवश्यकता होती है। क्योंकि घर बनाने के लिए जगह की कीमत, इमारत बनाने के लिए सामान की कीमत, मजदूरी और आर्कीटैक्ट आदि के लिए पैसा चाहिए। वैसे भी मकान बनाते समय कई बार कीमतें इतनी बढ़ जाती हैं कि खर्चा बजट से बाहर चला जाता है । यदि यह सारा धन इकट्ठा करके घर खरीदना हो तो हो सकता है आदमी की यह इच्छा कभी भी पूरी न हो, इसलिए धन का प्रबन्ध करने के लिए कर्जा लेना पड़ सकता है। यह कर्जा निम्नलिखित एजेन्सियों से लिया जा सकता है

  1. बैंक
  2. ट्रस्ट
  3. लाइफ इन्श्योरेन्स कम्पनियां
  4. सरकारी सोसायटियां
  5. गैर सरकारी सोसायटियां
  6. सरकारी और गैर सरकारी मोर्टगेज़ कम्पनियां आदि।

प्रश्न 18.
घर बनाते समय कौन-कौन से कारक प्रभाव डालते हैं?
उत्तर-
इसके लिए देखें प्रश्न नं० १ का उत्तर।

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प्रश्न 19.
अपना घर बनाने के क्या लाभ हैं?
उत्तर-
हर कोई अपना घर बनाना चाहता है क्योंकि इसके निम्नलिखित लाभ हैं

  1. अपना घर होना एक सामाजिक गर्व वाली बात है।
  2. हर महीने किराया नहीं देना पड़ता।
  3. घर एक पक्की जायदाद है, इसकी कीमत बढ़ती रहती है।
  4. अपने घर में हम अपनी इच्छा से परिवर्तन कर सकते हैं।
  5. घर आदमी को सुरक्षा की भावना प्रदान करता है।
  6. मालिक मकान से कभी झगड़ा नहीं होता।

प्रश्न 20.
अपना घर बनाने के क्या नुकसान हैं?
उत्तर-

  1. घर बनाते समय सारी बचत समाप्त हो जाती है और यदि कोई संकट आ जाए तो बहुत मुश्किल होती है।
  2. यदि पड़ोसी अच्छा न हो तो सारी जिंदगी का क्लेश रहता है।
  3. घर की मुरम्मत करवानी पड़ती है।
  4. घर बनाकर आदमी एक जगह से बन्ध जाता है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 21.
घर के लिए कमरों का आयोजन कैसे करेंगे तथा कौन-कौन से कमरे ज़रूरी हैं?
उत्तर-
घर इन्सान की प्रारम्भिक आवश्यकताओं में एक महत्त्वपूर्ण आवश्यकता है। घर को मानवीय सभ्यता का आधार भी कहा जा सकता है। घर में परिवार के सदस्य इकट्ठे होकर अपनी-अपनी समस्याओं का हल ढूंढकर जीवन को सुखदायी बनाते हैं और सुरक्षित महसूस करते हैं । घर में ही मानव के व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन का आरम्भ होता है। घर को अस्तित्व में लाने के लिए मकान का होना आवश्यक है। मकान में एक छत के नीचे एक घर अस्तित्व में आता है। मकान का ढांचा परिवार की आवश्यकताओं और आर्थिक स्रोतों के अनुसार ही होना चाहिए। एक मध्यवर्गीय परिवार के मकान के लिए कमरों की योजनाबन्दी निम्नलिखित अनुसार होनी चाहिए

1. बैठक (Living Room) — घर जैसे भी हो उसमें एक कमरा ऐसा होना चाहिए जिसमें सभी घर के व्यक्ति आराम से बैठ सकें और अपना-अपना काम जैसे स्वैटर बुनना, पेंटिंग करनी, समाचार-पत्र पढ़ना, टेलीविज़न देखना आदि कार्य कर सकें। बैठक में ही बाहर से आए नज़दीकी मेहमानों को बिठाकर उनकी खातिरदारी की जाती है। इसलिए कमरे में रोशनी और हवा के आने जाने का ठीक प्रबन्ध होना चाहिए। यह कमरा घर के बाहर की ओर होना चाहिए ताकि मेहमानों को इस कमरे तक ले जाने के लिए और कमरों से न गुज़रना पड़े। यह कमरा कम-से-कम 15×15 फुट का होना चाहिए और आवश्यकता अनुसार बढ़ाया घटाया भी जा सकता है।

2. खाना खाने का कमरा (Dining Room) — खाना खाने का कमरा बैठक और रसोई के निकट होना चाहिए ताकि पकाया हुआ खाना वहां आसानी से लाया जा सके
और जूठे बर्तनों को रसोई में ले जाया जा सके। इस कमरे में रसोई सीधी नज़र नहीं आनी चाहिए। रसोई और खाना खाने के कमरे में एक खिड़की (Service Window) भी रखी जा सकती है। इस कमरे के दरवाजे और खिड़कियां जाली वाले होने चाहिएं ताकि मक्खी-मच्छर अन्दर न आ सकें। इस कमरे के निकट यदि कोई बरामदा या रास्ता हो तो वहां हाथ धोने के लिए टूटी (Wash basin) लगानी चाहिए ताकि खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोए जा सकें। कमरे में हवा और धूप का ठीक प्रबन्ध होना चाहिए।

3. सोने का कमरा (Bed Room) — सोने वाले कमरे घर के पीछे होने चाहिएं। यदि इन कमरों का रुख उत्तर-पूर्व (North-East) की ओर हो तो ज्यादा बेहतर है ताकि चढ़ते सूर्य की धूप आ सके और दोपहर के समय कमरे अधिक गरम न हों और गर्मियों में वहां आराम से सोया जा सके । ये कमरे आरामदायक होने – चाहिएं। इनके निकट शोर नहीं होना चाहिए। इन कमरों में धूप, हवा का ठीक प्रबन्ध । होना चाहिए।

4. बच्चों का कमरा (Children’s Room) — यह कमरा माता-पिता के कमरे के । निकट होना चाहिए। इसमें बच्चों के खेलने के लिए खाली जगह होनी चाहिए। दीवारों पर लगे फट्टे (Shelves) नीचे होने चाहिए ताकि बच्चे अपने खिलौने और किताबें वहां से आसानी से उतार सकें। बिजली के प्लग ऊँचे होने चाहिएं। इस कमरे में रोशनी और हवा का योग्य प्रबन्ध होना चाहिए। इस कमरे की दीवारों के ऊपर पेंट करवा दिया जाए तो अच्छा रहता है ताकि बच्चों द्वारा खराब की दीवारों को पानी से धोकर साफ़ किया जा सके। इस कमरे में फ़र्नीचर नीचा होना चाहिए ताकि बच्चे उसको आसानी से प्रयोग कर सकें।

5. पढ़ने का कमरा (Reading Room) -जिस घर में बच्चे स्कूल या कॉलेज में पढ़ने वाले हों या घर की मालकिन और मालिक पढ़ने-पढ़ाने का व्यवसाय करते हों वहां पढ़ने वाला कमरा होना आवश्यक है। इसमें हवा और रोशनी का प्रबन्ध होना आवश्यक है। बच्चों की आयु के अनुसार मेज़ और कुर्सियों की ऊँचाई और आकार होना चाहिए। इस कमरे में किताबों की अलमारी का होना भी आवश्यक है। पढ़ने के मेज़ पर रोशनी बाईं ओर से आनी चाहिए।

6. स्टोर (Store) -इस कमरे का आकार 10 x 6 फुट होना चाहिए। इसमें 2 x 2 फुट की चौड़ी सलैब (Shelf) होनी चाहिए जिस पर टरंक आदि टिकाए जा सकें। इसका दरवाज़ा सोने वाले कमरे में खुलना चाहिए। इसमें घर का फालतू और ज़रूरी सामान इस ढंग से रखना चाहिए ताकि उसको निकालने में कोई मुश्किल न हो।

7. रसोई (Kitchen) — एक साधारण गृहिणी अपना अधिकतर समय रसोई में ही गुज़ारती है। इसलिए रसोई साफ़-सुथरी, खूबसूरत और आरामदायक होनी चाहिए। इसमें काम करने के क्षेत्र और हौदी इस प्रकार बनी होनी चाहिए कि गृहिणी को रसोई में कम-से-कम चलना पड़े। रसोई का डिजाइन कई तरह का हो सकता है यू-आकार (U-Shape), एल-आकार (L-Shape), वी-आकार (V-Shape) हो सकता है। आजकल रेडिमेड रसोई का रिवाज भी बढ़ता जा रहा है पर कीमत अधिक होने के कारण इस तरह की रेडिमेड रसोई सिर्फ उच्च आय वर्ग ही बना सकते हैं। साधारण रसोई में काम करने वाले काऊंटर और हौदी की ऊँचाई फ़र्श से 30 से 32 इंच होनी चाहिए ताकि बिना झुके काम आसानी से किया जा सके। इस काऊंटर के नीचे गैस का सिलिण्डर, आटे वाला ड्रम और बर्तन रखने के लिए शैल्फ होने चाहिएं। रसोई के दरवाज़े और खिड़कियों पर जाली लगी होनी चाहिए और रसोई में धूप और हवा का उचित प्रबन्ध होना चाहिए। इसका आकार कम-से-कम 80 वर्ग फुट होना चाहिए।

8. गुसलखाना (Bathroom) — आजकल बड़े शहरों में जहां फ्लश सिस्टम का प्रबन्ध है। गुसलखाना और पाखाना इकट्ठे ही बनाए जाते हैं। यदि हो सके तो गुसलखाना प्रत्येक सोने वाले कमरे के साथ जुड़ा हुआ होना चाहिए। इसमें नल और फव्वारे का प्रबन्ध होना चाहिए और एक और हौदी (Sink) भी होनी चाहिए। सर्दियों में पानी का प्रबन्ध भी ज़रूरी है। इसका फर्श पक्का और आसानी से साफ़ होने वाला चाहिए। इसकी ढलान नाली की ओर होनी चाहिए ताकि पानी जल्दी निकल सके। गुसलखाने की दीवारें कम-से-कम 3 फुट ऊँचाई तक ऐसी होनी चाहिएं जो आसानी से साफ़ हो सकें, यहां एक शैल्फ का होना आवश्यक है जहां साबुन, तेल और अन्य प्रयोग करने की वस्तु को रखा जा सके।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 2 घर

प्रश्न 22.
घर में बैठक का क्या महत्त्व है ? बड़े और छोटे घरों में बैठक कैसी होती है?
उत्तर-
घर में बैठक (Living Room) एक महत्त्वपूर्ण जगह होती है। इसको घर का दिल भी कहा जाता है। घर में यह एक ऐसी जगह होती है जिससे घर की धड़कन का पता लगता है। इस जगह में बैठ कर परिवार के सभी सदस्य अपने आप को घर के साथ जुड़ा हुआ महसूस करते हैं और सामूहिक रूप में मेहमानों का स्वागत करते हैं। घर में बैठक (Living Room) का निम्नलिखित महत्त्व होता है —

  1. परिवार की साझी जगह — बैठक सारे परिवार की साझी जगह होती है। इस जगह सभी सदस्य बैठकर अपने आपको परिवार से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। संयुक्त परिवारों में इस जगह का महत्त्व और भी अधिक होता है क्योंकि यह जगह बड़े परिवारों के सदस्यों की एक दूसरे से अपने दुःख साझे करने वाली जगह होती है।
  2. मेहमान का स्वागत करने वाली जगह — बैठक में बाहर से आए मेहमानों को बिठाया जाता है और उनका स्वागत किया जाता है। इस जगह पर परिवार के सभी सदस्य मेहमानों को मिलते हैं और बातचीत करते हैं।
  3. आराम करने वाली जगह — बैठक परिवार के सदस्यों के लिए आराम करने वाली जगह भी होती है। यहाँ बैठकर परिवार के सदस्य अखबार पढ़ते हैं, टी०वी० देखते हैं, स्वैटर बुनते हैं और आपस में छोटी-छोटी बातें करते हुए अपने आपको आराम देते हैं। इससे परिवार का वातावरण स्वस्थ रहता है।
  4. घर की समस्याओं को विचारने वाली जगह — बैठक में परिवार के सभी सदस्य बैठकर परिवार या परिवार के किसी भी सदस्य की समस्या के बारे विचार करते हैं। मिल बैठकर परिवार के सदस्यों में निकटता और हमदर्दी बढ़ती है संचार की भी कोई मुश्किल नहीं आती। इस जगह पर घर के प्रत्येक सदस्य अपनी राय दे सकता है और प्रत्येक सदस्य को सुना जाता है।

उपरोक्त कारणों के कारण बैठक की प्रत्येक घर में एक विशेष जगह और महत्ता होती है। बैठक की रौनक से ही परिवार के सदस्यों के आपसी सम्बन्धों के बारे जानकारी मिल जाती है। एक खुश परिवार की बैठकों में रौनकें ही रहती हैं।

प्रश्न 23.
(A) घर का चयन करते समय हमें कौन-कौन सी बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
अथवा
घर बनाते समय हमें किन-किन बातों के बारे में सोचना चाहिए? विस्तार से लिखें।
अथवा
घर बनाते समय असर डालने वाले तत्त्वों के बारे में बताएं।
(B) घर का निर्माण करते समय पानी प्रबंधन कैसा होना चाहिए?
उत्तर-
(A) घर बनाना परिवार के लक्ष्यों में से एक महत्त्वपूर्ण लक्ष्य होता है। प्रत्येक गृहिणी के मन में अपने घर का एक सपना होता है जिसकी पूर्ति करके उसको बेमिसास सन्तुष्टि और खुशी प्राप्त होती है। इसलिए घर बनाने के लिए परिवार के सभी सदस्यों को सलाह और सोच-विचार करनी चाहिए ताकि एक ऐसा घर बनाया जाए जहां परिवार के सभी सदस्यों का बहुपक्षीय विकास हो सके। इसलिए घर बनाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है — घर के लिए जगह का चुनाव (Selection of Site)—घर के लिए जगह का चुनाव सबसे महत्त्वपूर्ण काम है क्योंकि घर बार-बार नहीं बनाए जाते और जगह के चुनाव के समय लिया ग़लत फैसला जीवन भर दुःख का कारण बन सकता है। घर बनाते समय यह ध्यान रखना चाहिए

  1. जगह सरकार की ओर से प्रमाणित हो।
  2. घर का आस-पास साफ़-सुथरा हो और वातावरण को गन्दा करने वाली कोई वस्तु न हो जैसे छप्पड़, फैक्टरी आदि।
  3. मकान की जगह थोड़ी ऊंची हो ताकि वर्षा का पानी एक दम बाहर निकल जाए और घर के पानी के निकास की भी कोई समस्या न हो।
  4. भट्ठा, शैलर, बस स्टैंड, फैक्टरियां, रेलवे स्टेशन के निकट घर नहीं बनाना चाहिए।
  5. परिवार के लिए काम आने वाली सुविधाएं भी निकट हों जैसे कि स्कूल, अस्पताल, बाज़ार आदि।
  6. घनी जनसंख्या वाले इलाके में भी घर नहीं बनाना चाहिए।
  7. घर रेलवे लाइन या बड़ी सड़क के निकट भी नहीं होना चाहिए।
  8. जगह का चुनाव अपने आर्थिक और सामाजिक स्तर अनुसार ही करना चाहिए।

घर की जगह का चुनाव अग्रलिखित कारणों पर भी निर्भर करता है —

  1. मिट्टी की किस्म (Kind of Soil) — मकान बनाने के लिए समतल और सख्त भूमि की आवश्यकता होती है। इसलिए रेतीली और पथरीली जगह पर मकान नहीं बनाया जा सकता । गड्ढों को भरकर बराबर की हुई जगह पर भी मकान बनाना ठीक नहीं रहता।
  2. इलाका (Locality) — मकान बनाने के लिए ऐसे इलाके का चुनाव करना चाहिए जहां अपने सामाजिक स्तर के लोग रहते हों। इस तरह से बच्चों और बूढ़ों को ठीक संगति मिल सकेगी और सामाजिक मेल-जोल बढ़ेगा। इस तरह के इलाके में ही व्यक्ति अपना सामाजिक पद प्राप्त कर सकेगा। यदि कोई ग़रीब व्यक्ति किसी अमीर कालोनी पर घर बना ले तो उसका जीवन सुखदायक नहीं हो सकता।
  3. पानी का प्रबन्ध (Water Supply) — पानी हमारी प्रारम्भिक आवश्यकताओं में से एक महत्त्वपूर्ण आवश्यकता है। घर के काम सुचारू रूप से करने के लिए साफ़-स्वच्छ और खुला पानी बहुत आवश्यक है। घर की जगह का चुनाव करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि साफ़-स्वच्छ पानी की . सप्लाई ठीक हो। पानी न होने की सूरत में घर के सभी कार्य जैसे नहाना, कपड़े धोना, खाना बनाना आदि रुक जाते हैं और साफ़-स्वच्छ पानी की कमी हमारा स्वास्थ्य खराब कर सकती है।
  4. हवा और रोशनी का आना-जाना (Ventilation and Light) — घर की जगह का चुनाव करते समय हवा के आने-जाने और रोशनी का ध्यान रखना अति आवश्यक है। इसलिए घनी जनसंख्या वाले इलाके और बहुमंजिली इमारतों वाली कालोनी में घर नहीं बनाना चाहिए क्योंकि इन इलाकों में ताज़ी और साफ हवा और रोशनी आवश्यकता अनुसार नहीं मिल सकती।
  5. मूल्य (Value of Land) — मकान के लिए खरीदी जाने वाली जमीन का मूल्य अपनी क्षमता अनुसार होना चाहिए। व्यापारिक इलाकों में घर बनाने से गुरेज़ करना चाहिए क्योंकि वहां ज़मीन की कीमत बहुत अधिक होती है और यदि जगह खरीद ली जाए तो मकान बनाने के लिए पैसे नहीं बचते।
    उपरोक्त चर्चा के पश्चात् यह नतीजा निकाला जा सकता है कि मकान के लिए जगह का चुनाव सबसे महत्त्वपूर्ण फैसला है और यह फैसला ऊपरलिखित बातों को ध्यान में रखकर करना चाहिए।

(B) देखें भाग (A)

प्रश्न 24.
घर बनाने का आर्थिक स्थिति से सीधा सम्बन्ध कैसे है? आप कैसे क्षेत्र में रहना पसन्द करोगे और क्यों?
उत्तर-
घर बनाना परिवार के महत्त्वपूर्ण लक्ष्यों में से एक मुख्य लक्ष्य होता है। प्रत्येक गृहिणी के लिए उसकी मनपसन्द के घर का बनना एक सपना होता है। घर बनाने के लिए कई बातें महत्त्वपूर्ण हैं, जैसे जगह का चुनाव और पैसा। पैसा मकान बनाने की पहली आवश्यकता है क्योंकि पैसे के बिना घर का सपना साकार नहीं हो सकता। पैसे की उपलब्धि घर की आर्थिक स्थिति पर निर्भर करती है। जगह खरीदने और मकान बनाने के लिए काफ़ी पैसा आवश्यक होता है। बहुत कम लोग होते हैं जो अपनी आय या बचत में से मकान बना सकते हैं शेष लोगों को मकान बनाने के लिए पैसे का प्रबन्ध करना पड़ता है। आजकल के महंगाई के ज़माने में मकान बनाने वाले सामान पर बहुत खर्च होता है। आधुनिक मकान बनाने के लिए उसमें सभी सुविधाओं का होना आवश्यक समझा जाता है। प्रत्येक घर में बिजली, पानी, आधुनिक रसोई, बढ़िया बाथरूम, कूलर, एअर कंडीशनर, फर्नीचर आदि आवश्यक हो गया है। इसलिए मकान बनाने का अर्थ सिर्फ छत बनाना ही नहीं होता बल्कि उसमें सभी आधुनिक सुविधाओं को उपलब्ध करवाना होता है। इसलिए घर बनाने के लिए बहुत-सा पैसा चाहिए इसलिए, घर का स्तर, बनाने वाले की आर्थिक स्थिति से जुड़ा होता है। यद्यपि आज कल बहुतसे सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं से आसान और सस्ता ऋण मिलता है पर उस ऋण को उतारने के लिए घर की आर्थिक स्थिति अच्छी होनी चाहिए।

घर बनाने के लिए उपयुक्त इलाका जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि घर बनाने का फैसला व्यक्ति की ज़िन्दगी का एक महत्त्वपूर्ण फैसला होता है और फैसला बड़ा सोच-विचार कर करना चाहिए।

घर बनाने के लिए जगह या इलाके का चुनाव एक अति महत्त्वपूर्ण फैसला है। हर समझदार व्यक्ति अपने घर के लिए ऐसे इलाके का चुनाव करेगा जिसमें निम्नलिखित विशेषताएं हों

  1. मकान बनाने के लिए जगह सरकार के द्वारा मंजूरशुदा हो-मकान बनाने के लिए ऐसी जगह का चुनाव करना चाहिए जो सरकार द्वारा मंजूरशुदा हो, नहीं तो मकान का नक्शा पास कराने और बिजली कुनैक्शन लेने में मुश्किल आएगी। गैर-मंजूरशुदा इलाके में बना मकान कई बार सरकार तोड़ देती है।
  2. आस-पास साफ़-सुथरा हो-मकान हमेशा ऐसे इलाके में बनाना चाहिए जो साफ़-सुथरा हो क्योंकि इर्द-गिर्द की गन्दगी बीमारियां फैला सकती है। इसलिए कभी भी मकान गन्दगी, स्टोर करने वाली जगह, छप्पड़, कारखानों और हड्डा रेढ़ी के निकट नहीं बनाना चाहिए।
  3. मकान की जगह ऊँची होनी चाहिए-कभी भी मकान नीची जगह में नहीं बनाना चाहिए क्योंकि थोड़ी वर्षा से भी ऐसे इलाकों में पानी भर जाता है जिससे मकान का नुकसान होता है और वातावरण दूषित हो जाता है। इसलिए मकान बनाने के लिए ऊँची जगह का चुनाव करना चाहिए।
  4. रेलवे लाइन या मुख्य सड़क से घर दूर होना चाहिए-मकान बनाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि रेलवे लाइनों और मुख्य सड़क पास से गुज़रती न हो। क्योंकि इससे शोर प्रदूषण और हवा प्रदूषण बढ़ जाता है।
  5. रोज़ाना सुविधाएं निकट होनी चाहिएं-मकान ऐसी जगह बनाना चाहिए जहाँ बाज़ार, स्कूल, अस्पताल, बस अड्डा निकट पड़ते हों। इससे घर की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए समय और शक्ति दोनों ही बचते हैं। गृहिणी और परिवार के सदस्यों को सुख मिलता है।

उपरोक्त बातों को ध्यान में रखकर जो व्यक्ति मकान बनाएगा उसको ज़िन्दगी में सुख और सन्तुष्टि प्राप्त होगी।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 2 घर

Home Science Guide for Class 10 PSEB घर Important Questions and Answers

अति लघु उत्तराय प्रश्न

प्रश्न 1.
आय के अनुसार भारतीय घरों को कितने भागों में बांटा जा सकता है?
उत्तर-
तीन भागों में।

प्रश्न 2.
मध्यवर्गीय घरों में कितने कमरे होते हैं?
उत्तर-
ऐसे घरों में कम-से-कम तीन अथवा चार कमरे होते हैं।

प्रश्न 3.
घर में खिड़कियां तथा रोशनदान क्यों रखे जाते हैं?
उत्तर-
ताकि अच्छी वायु आ सके।

प्रश्न 4.
घर बनाने के लिए ऋण लेने के लिए कौन-सी एजेंसियां हैं?
उत्तर-
बैंक, जीवन बीमा कम्पनी, मकान विकास निगम आदि।

प्रश्न 5.
घर बनाते समय प्रभावित करने वाले दो कारकों के नाम बताओ।
उत्तर-
आर्थिक हालात, व्यवसाय।

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प्रश्न 6.
कार्य के आधार पर घर को कौन-कौन से क्षेत्रों में बांटा जा सकता है?
उत्तर-
एकान्त क्षेत्र, कार्य करने वाले क्षेत्र, मनोरंजन वाले क्षेत्र।

प्रश्न 7.
घर बनाने के लिए भूमि रेतीली या नर्म मिट्टी की क्यों नहीं होनी चाहिए?
उत्तर-
ऐसी भूमि पर घर नीचे धंस सकता है।

प्रश्न 8.
अपना घर बनाने का एक लाभ बताओ।
उत्तर-
घर एक पक्की जायदाद है इसकी कीमत बढ़ती रहती है।

प्रश्न 9.
बैठक का आकार कम-से-कम कितना होना चाहिए?
उत्तर-
15 फुट × 15 फुट, परन्तु आवश्यकता अनुसार कम-अधिक हो सकता है।

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प्रश्न 10.
घर बनाने की एक हानि बताओ।
उत्तर-
यदि पड़ोसी अच्छे न हों तो सदा के लिए क्लेश रहता है।

प्रश्न 11.
रसोई का डिजाईन कैसा हो सकता है?
उत्तर-
यू आकार, ऐल आकार आदि।

प्रश्न 12.
जिन इलाकों में घर बनाना है वहां लोगों का सामाजिक स्तर कैसा हो?
उत्तर-
अपने सामाजिक स्तर से मेल खाता हो।

प्रश्न 13.
रसोई का कम-से-कम आकार कितना हो?
उत्तर-
80 वर्ग फुट।

प्रश्न 14.
घर कैसे स्थान के पास नहीं होना चाहिए?
उत्तर-
बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, भट्ठा आदि के पास न हो।

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प्रश्न 15.
वायु का आवागमन और रोशनी के लिए घर में क्या होना चाहिए?
उत्तर-
खिड़कियां तथा रोशनदान।

प्रश्न 16.
आपके अनुसार हस्पताल घर के पास होना चाहिए या नहीं?
उत्तर-
होना चाहिए, इस प्रकार बीमारी की स्थिति में इलाज का प्रबन्ध शीघ्रता से हो जाता है।

लघु उत्तराय प्रश्न

प्रश्न 1.
शिक्षा सम्बन्धी घर की आवश्यकता के बारे में बताएं।
उत्तर-
मनुष्य घर से ही अच्छे गुण, अच्छा व्यवहार, अच्छे संस्कार प्राप्त करता है। शिक्षा घर से ही शुरू होती है। शिक्षा के महत्त्व को समझने वाले घरों में बच्चे अधिक तथा ऊँची शिक्षा प्राप्त कर लेते हैं।

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प्रश्न 2.
घर के लिए स्थान का चयन करते समय आस-पास क्या नहीं होना चाहिए?
उत्तर-
रेलवे लाइन या बड़ी सड़क नहीं होनी चाहिए, बहुत ऊँचे वृक्ष नहीं होने चाहिएं, भट्ठियां, बस स्टैंड, फैक्टरियां आदि भी नहीं होने चाहिएं। घर के आसपास छप्पड़, नाला या वातावरण को हानि पहुंचाने वाला कुछ नहीं होना चाहिए।

प्रश्न 3.
अमीर लोगों के घर के बारे में बताएं।
उत्तर-
अमीर आदमियों के घर बड़े होते हैं तथा इनमें बहुत से कमरे होते हैं। इन घरों के पीछे नौकरों के रहने के लिए कमरे भी होते हैं।

प्रश्न 4.
घर बनाते समय वहां के इलाके और सफ़ाई का ध्यान कैसे रखना चाहिए?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 5.
घर बनाते समय वहां के स्थान और पानी के प्रबन्ध का ध्यान कैसे रखना चाहिए?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

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प्रश्न 6.
रसोई और बच्चों के कमरे का आयोजन किस प्रकार करना चाहिए?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 7.
घर के लिए जगह का चुनाव सबसे महत्त्वपूर्ण कैसे है?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 8.
घर के लिए स्थान का चयन कैसे महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 9.
घर का चुनाव करते समय पानी का प्रबन्ध और जरूरतों का नज़दीक होना क्यों ज़रूरी है?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
दो या एक कमरे वाले घरों के बारे में आप क्या जानते हो?
उत्तर-
शहरों में जगह कम होती जा रही है तथा इसलिए कई परिवारों को एक या दो कमरों वाले घर में ही गुज़ारा करना पड़ रहा है। कई बार लोग किराये के घर में रहते हैं जो कि एक या दो कमरों वाले होते हैं।

दो कमरों वाले घर में बाहर वाले कमरे का प्रयोग बैठक, खाने तथा पढ़ने वाले कमरे के रूप में होता है। अन्दर वाला कमरा सोने तथा तैयार होने के लिए प्रयोग किया जाता है। यदि घर में अधिक सदस्य हों तो बाहर वाले कमरे को रात के समय सोने के लिए प्रयोग किया जाता है। जब घर एक कमरे वाला हो तो उस कमरे में लकड़ी आदि का प्रयोग करके कमरे के दो भाग कर लिए जाते हैं तथा बाहरी भाग में पढ़ने, बैठने, खाने वाले कार्य किए जाते हैं। अन्दर वाले भाग में खाना पकाया जा सकता है। बैठक की तरफ पुस्तकें तथा सजावट का सामान रखा जाता है तथा सोने वाले भाग की तरफ वस्त्र या अन्य छोटा सजावटी सामान रखा जाता है। स्थान की कमी हो तो पर्दा टांग कर भी भाग किए जाते हैं। यदि कमरा अधिक छोटा हो तो दोहरे मन्तव्य वाला फर्नीचर प्रयोग में लाना चाहिए। जैसे सोफा जो कि रात को खोल कर बैड बन जाता है, दीवान दिन के समय बैठने तथा रात में सोने के काम आ जाता है।

प्रश्न 2.
अपना घर बनाने के क्या लाभ तथा हानियां हैं?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 3.
बैठक तथा खाना खाने वाले कमरों का आयोजन कैसे करोगे?
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

प्रश्न 4.
व्यक्ति के पेशे के अनुसार घर किस प्रकार का बनाना चाहिए?
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

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प्रश्न 5.
घर का चयन करते समय पानी का प्रबन्ध तथा आवश्यकता का नज़दीक होना क्यों ज़रूरी है?
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

प्रश्न 6.
घर बनाते समय प्रभाव डालने वाले तीन तत्वों (कारकों) का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 7.
अपना घर बनाने के क्या नुकसान (हानियाँ) हैं?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

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वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. रिक्त स्थान भरें

  1. आय के हिसाब से (अनुसार) घरों को …………. भागों में बांटा जा सकता है।
  2. घर बनाने के लिए समतल तथा ………………… भूमि अच्छी रहती है।
  3. बैठक का आकार कम-से-कम ………………. … फुट होना चाहिए।
  4. घर बनाना परिवार के महत्त्वपूर्ण लक्ष्यों में से एक ……………… लक्ष्य है।
  5. रसोई का कम-से-कम आकार ……… वर्ग फुट होना चाहिए।

उत्तर-

  1. तीन,
  2. ठोस,
  3. 15 x 15,
  4. मुख्य,
  5. 80.

II. ठीक/ग़लत बताएं

  1. घर बनाने के लिए समतल भूमि अच्छी होती है।
  2. साफ़-शुद्ध वायु स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
  3. घर, प्रकाशमान तथा वायु वाले स्थान पर हो।
  4. घर बनाने के लिए ऋण नहीं मिल सकता।
  5. मध्यमवर्गीय घरों में तीन या चार कमरे होते हैं।

उत्तर-

  1. ठीक,
  2. ठीक,
  3. ठीक,
  4. ग़लत,
  5. ठीक।

III. बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आय के अनुसार भारतीय घरों को कितने भागों में बांटा जा सकता है
(क) दो
(ख) तीन
(ग) पांच
(घ) सात।
उत्तर-
(क) दो

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित में ठीक है
(क) अपना घर होना सामाजिक मान का कारक है
(ख) माह के बाद किराया नहीं देना पड़ता
(ग) घर आदमी को सुरक्षा प्रदान करता है
(घ) सभी ठीक।
उत्तर-
(घ) सभी ठीक।

प्रश्न 3.
घर बनाने के लिए ऋण देने वाली ऐजंसियां हैं
(क) बैंक
(ख) जीवन बीमा कम्पनी
(ग) सरकारी सोसायटियां
(घ) सभी ठीक।
उत्तर-
(घ) सभी ठीक।

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घर PSEB 10th Class Home Science Notes

  1. घर के बिना मानव सुरक्षित नहीं रह सकता।
  2. घर मानवीय जीव को इन्सान बनाता है।
  3. आय के हिसाब से समाज में ग़रीब, मध्य वर्ग और अमीर वर्ग के लोग रहते हैं।
  4. घर के लिए बढ़िया सख्त भूमि और अच्छे साफ़-सुथरे इलाके का चुनाव करना चाहिए।
  5. घर में रोशनी, हवा और पानी का प्रबन्ध होना चाहिए।
  6. आ. मकान बनाने के लिए बहुत-सी संस्थाओं से सस्ता ऋण मिल जाता है।
  7. मकान बनाते समय आरकीटैक्ट की सलाह अवश्य लें।
  8. मकान परिवार के सदस्यों की आवश्यकता अनुसार बनाना चाहिए।
  9. अपना मकान बनाने से आदमी का सामाजिक स्तर ऊँचा होता है।
  10. मकान बनाने से उचित धन राशि का प्रबन्ध पहले करना चाहिए।

घर एक ऐसी जगह है जहां इन्सान अपनी मानसिक, भावनात्मक, शारीरिक और आध्यात्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। वास्तव में घर ही मनुष्य को एक जीव से इन्सान में परिवर्तित करता है। इसलिए घर को सामाजिक गुणों का पालना भी कहा जाता है।

खो-खो (Kho-Kho) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

Punjab State Board PSEB 10th Class Physical Education Book Solutions खो-खो (Kho-Kho) Game Rules.

खो-खो (Kho-Kho) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

याद रखने योग्य बातें

  1. खो-खो मैदान की लम्बाई और चौड़ाई = 29 × 16 मीटर
  2. केन्द्र लेन में वर्गों की गिनती = 8
  3. मैदान के अंत में आयताकार का माप = 16 मीटर × 2.75 मीटर
  4. एक वर्ग के दूसरे वर्ग की दूरी = 2.50 मीटर
  5. केन्द्रीय गली की चौड़ाई और लम्बाई = 23.50 मी०, 30 सैं० मी० चौड़ाई लम्बाई
  6. वर्ग का आकार = 30 × 30 सैं० मी०
  7. खो-खो के खिलाड़ियों की गिनती = 12 (9+3 बदलवें)
  8. बदलवें खिलाड़ी = 3
  9. मैच का समय = 9-5-9 (सात मिनट का आराम) 9-5-9
  10. मैच के इनिंग्ज = 2
  11. फ्री जोन का माप = 2.75 x 16 मी०
  12. लॉबी = 1.50 मीटर
  13. वर्गों में बैठे खिलाड़ियों को कहते हैं = चेजर
  14. वर्गों में विरोधी खिलाड़ी होते हैं = रनर 7-5-7(5)
  15. स्त्रियों के लिए समय = 7-5-7
  16. अधिकारी = एक रैफ़री, दो अम्पायर, एक टाइम कीपर, एक स्कोरर,
  17. पोल की ज़मीन से ऊंचाई = 1.20 मीटर
  18. क्रास लेन = 16 मी० × 30 सैं०मी०
  19. लास्ट लेन की रेखा की दूरी = 2.50 मी०
  20. मध्य रेखा द्वारा विभाजित प्रत्येक कोर्ट = 7.88 मी०
  21. फालोआन = 9 अथवा इसके अधिक अंक।

खो-खो खेल की संक्षेप रूप-रेखा
(Brief outline of the Kho-Kho Game)

  1. खो-खो का मैदान आयताकार होता है। यह 29 मीटर लम्बा तथा 16 मीटर चौड़ा होता है।
  2. खो-खो की खेल में एक टीम 12 खिलाड़ियों की होती है जिसमें 9 खिलाड़ी खेलते हैं तथा तीन खिलाड़ी स्थानापन्न (Substitutes) होते हैं।
  3. खेल का आरम्भ टॉस द्वारा होता है। टॉस जीतने वाली टीम का कप्तान चेज़र या रनर बनने का निर्णय करता है।
  4. एक चेज़र को छोड़कर शेष सभी चेज़र वर्ग में इस प्रकार बैठेंगे कि किसी पास पास बैठे चेज़र का मुंह एक दिशा में न हो।
  5. ‘खो’ बैठे हुए चेज़र को पीछे से देनी चाहिए। बिना खो प्राप्त किए बैठा हुआ चेज़र नहीं उठ सकता।
  6. खो-खो के मैच की दो इनिंग्ज़ होती हैं। दोनों इनिंग्ज़ में से अधिक प्वाईंट लेने वाली टीम को विजयी घोषित किया जाता है।
  7. खेल के दौरान किसी खिलाड़ी को चोट लग जाने की दशा में रैफरी की अनुमति से कोई अन्य खिलाड़ी उसके स्थान पर खेल सकता है।
  8. कार्यशील चेज़र के शरीर का कोई भी अंग केन्द्रीय पट्टी को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
  9. यदि कोई टीम बराबर रह जाती है तो फिर एक और इनिंग्ज़ लगाई जाती है। यदि फिर भी बराबर रह जाए तो एक इनिंग्ज़ और लगाई जाती है।
  10. यदि किसी खिलाड़ी के चोट लग जाए तो उसके स्थान पर स्थानापन्न (Substitutes) में से ले लिया जाता है।
  11. खेल का समय 9-5-9, (7) 9-5-9 का होता है।

खो-खो (Kho-Kho) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
खो-खो के खेल के मैदान, पारिभाषिक शब्द, खेल के आरम्भ, खेल के नियम तथा खेल के अधिकारियों का वर्णन करें।
उत्तर-
खेल का मैदान
खो-खो का क्रीडा क्षेत्र आयताकार होता है। यह 29 मीटर x 16 मीटर होता है। मैदान के अन्त में दो आयताकार होते हैं। आयताकार की एक भुजा 16 मीटर और दूसरी भुजा 2.75 मीटर होती है। इन दोनों आयताकारों के मध्य में दो लकड़ी के स्तम्भ (खम्बे/पोल) होते हैं। केन्द्रीय गली 23.50 मीटर लम्बी और 30 सैंटीमीटर चौड़ी होती है। इसमें 30 सम x 30 सम के आठ वर्ग होंगे।
KHO-KHO GROUND
खो-खो (Kho-Kho) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 1
परिभाषाएं

  1. स्तम्भ का पोस्ट-मध्य लेन के अन्त में दो स्तम्भ गाड़े जाते हैं जो भूमि से 1.20 से 1.25 सैंटीमीटर के बीच ऊंचे होते हैं। इनकी परिधि 30 सम से कम या 40 सम से अधिक नहीं हो सकती।
  2. केन्द्रीय गली या लेन-दोनों स्तम्भों के मध्य में केन्द्रीय गली होती है। यह 23.50 मीटर लम्बी और 30 सम चौड़ी होती है।
  3. क्रॉस-लेन-प्रत्येक आयताकार 15 मीटर लम्बा और 30 सैंटीमीटर चौड़ा होता है। वह केन्द्रीय लेन को समकोण (90°) पर काटता है। यह स्वयं भी दो अर्द्धकों में विभाजित होता है। इसे क्रॉस-लेन कहते हैं।
    पोल से पोल की दूरी = 23.50 मीटर
    पोल की ऊंचाई = 1.20 से 1.25 मीटर।
  4. वर्ग-केन्द्रीय लेन तथा क्रॉस-लेन के परस्पर काटने से बना 30 सम – 30 सम का क्षेत्र वर्ग कहलाता है।
  5. स्तम्भ रेखा–पोल के पास केन्द्र से गुज़रती हुई क्रॉस-लेन और केन्द्रीय लेन के समानान्तर रेखा को स्तम्भ रेखा कहते हैं।
  6. आयताकार-स्तम्भ रेखा का बाहरी क्षेत्र आयताकार कहलाता है।
  7. परिधियां-केन्द्रीय लेन तथा बाहरी सीमा निश्चित करने वाली दोनों आयताकारों की रेखाओं से 7.85 मीटर दूर दोनों पार्श्व-रेखाओं को परिधियां कहते हैं।
  8. अनुधावक या चेज़र-वर्गों में बैठे खिलाड़ी अनुधावक या चेज़र कहलाते हैं। विरोधी खिलाड़ियों को पकड़ने या छूने के लिए भागने वाला अनुधावक या चेज़र सक्रिय अनुधावक या चेज़र कहलाता है।
  9. धावक-चेज़रों या धावकों के विरोधी खिलाड़ी ‘धावक’ या ‘रनर’ कहलाते हैं।
  10. ‘खो’ देना-अच्छी ‘खो’ देने के लिए सक्रिय चेज़र को बैठे हुए चेज़र को पीछे से हाथ से छूते ही ‘खो’ शब्द ऊंचा तथा स्पष्ट कहना चाहिए। छूने और ‘खो’ कहने का काम एक साथ होना चाहिए।
  11. फाऊल-यदि बैठा हुआ (निष्क्रिय) या सक्रिय चेज़र किसी नियम का उल्लंघन करता है तो वह फाऊल होता है।
  12. दिशा ग्रहण करना-एक स्तम्भ से दूसरे स्तम्भ की ओर जाना ‘दिशा ग्रहण करना’ कहलाता है।
  13. मुंह मोड़ना-जब सक्रिय चेज़र एक विशेष दिशा की ओर जाते समय अपने कंधे की रेखा 90° के कोण से अधिक दिशा को मोड़ लेता है तो इसे ‘मुंह मोड़ना’ कहते हैं। यह फाऊल होता है।
  14. निवर्तन या पलटना-किसी विशेष दिशा की ओर जाता हुआ सक्रिय चेज़र जब विपरीत दिशा में जाता है तो उसे निवर्तन या पलटना कहा जाता है। यह फाऊल होता है।
  15. स्तम्भ रेखा से हटना-जब कोई सक्रिय चेज़र स्तम्भ का अधिकार छोड़ दे या आयताकार से परे चला जाए तो इसे स्तम्भ रेखा से हटना कहते हैं।
  16. पांव बाहर-जब रनर के दोनों पांव सीमाओं से बाहर भूमि को छू लें तो उसके पांव बाहर माने जाते हैं, उसे आऊट माना जाता है।

खेल के नियम

  1. क्रीडा क्षेत्र (खेल का मैदान) को आकार में वर्णित अनुसार चिन्हित किया जाएगा।
  2. दौड़ने या चेज़र बनने का निर्णय टॉस द्वारा किया जाएगा।
  3. एक चेज़र के अतिरिक्त अन्य सभी चेज़र वर्गों में इस प्रकार बैठेंगे कि दो साथसाथ बैठे चेज़रों का मुंह एक ओर नहीं होगा। नौवां चेज़र (सक्रिय चेज़र) (Active Chaser) पीछा करने के लिए किसी एक स्तम्भ के पास खड़ा होगा।
  4. सक्रिय चेज़र के शरीर का कोई भी भाग केन्द्रीय गली से स्पर्श नहीं करेगा। वह स्तम्भों में अन्दर से केन्द्रीय रेखा पार नहीं कर सकता।
  5. ‘खो’ बैठे हुए चेज़र के पीछे से समीप जाकर ऊंची और स्पष्ट आवाज़ में देनी चाहिए। बैठा हुआ चेज़र बिना ‘खो’ प्राप्त किए नहीं उठ सकता और न ही वह अपनी टांग या भुजा फैला कर स्पर्श प्राप्त करने की कोशिश करेगा।
  6. यदि कोई सक्रिय चेज़र उस वर्ग की केन्द्रीय गली से बाहर चला जाए जिस पर कोई चेज़र बैठा है और यदि वह निष्क्रिय चेज़र की पकड़ छोड़ देता/देती है तो सक्रिय चेज़र उसे ‘खो’ नहीं देगा। कोई सक्रिय चेज़र ‘खो’ देने के लिए वापस नहीं आ सकता।
  7. नियम 4, 5 तथा 6 का उल्लंघन फाऊल होता है। इस पर सक्रिय चेज़र उस दिशा के विपरीत जाने के लिए बाध्य किया जाएगा जिस दिशा में वह जा रहा/रही थी। निर्णायक की सीटी के संकेत के साथ सक्रिय चेज़र सांकेतिक दिशा की ओर चल देगा। यदि इस तरह रनर आऊट हो जाता है तो उसे आऊट नहीं माना जाता।
  8. सक्रिय चेज़र ‘खो’ देने के पश्चात् तुरन्त खो पाने वाले चेज़र का स्थान ग्रहण कर लेगा। खो देना और साथ बैठे चेज़र से खो लेना एक साथ होना चाहिए।
  9. ठीक खो लेने के पश्चात् यदि एक्टिव चेज़र का पहला कदम सैंटर लेन को छूता हो तो वह फाऊल नहीं है। यदि सैंटर लेन को क्रॉस करे तो वह फाऊल है।
    नोट-जब तक किसी खिलाड़ी का पांव क्रॉस लेन की भूमि को स्पर्श करता है तब तक वह उस लेन से बाहर नहीं माना जाएगा।
  10. दिशा लेने के पश्चात् एक्टिव चेज़र पुनः क्रॉस लाइन में आक्रमण कर सकता है और इसको फाऊल नहीं माना जाता।
  11. सक्रिय चेज़र वह दिशा ग्रहण करेगा जिस ओर इसका मुंह मुड़ा हो अर्थात् जिस ओर उसने अपने कन्धे की रेखा को मोडा था।
  12. सक्रिय चेज़र नियम 9 तथा 10 के अनुसार किसी एक ओर दिशा ग्रहण करेगा।
  13. सक्रिय चेज़र किसी एक स्तम्भ की ओर दिशा ग्रहण करने के पश्चात् स्तम्भ रेखा की उसी दिशा में जाएगा जब तक वह ‘खो’ नहीं करता। सक्रिय चेज़र केन्द्र गली से दूसरी ओर नहीं जाएगा जब तक कि वह स्तम्भ के चारों ओर बाहर से न घूम ले।
  14. यदि कोई सक्रिय चेज़र स्तम्भ छोड़ देता है तो वह स्तम्भ छोड़ने वाले स्थान की ओर वाली केन्द्रीय लेन पर रहते हुए दूसरे स्तम्भ की दिशा में जाएगा। नोट-जब वह स्तम्भ पर है तो सक्रिय चेज़र गली को पार नहीं करेगा।
  15. सक्रिय चेज़र का मुंह सदैव उसके द्वारा ग्रहण की गई दिशा की ओर रहेगा। वह अपने मुंह को नहीं मोड़ेगा। उसे केन्द्रीय लेन के समानान्तर कंधे की रेखा मोड़ने की आज्ञा होगी।
  16. चेज़र इस प्रकार बैठेंगे कि धावकों (रनरों) के मार्ग में रुकावट न पहुंचे। यदि ऐसी रुकावट से कोई रनर आऊट हो जाता है तो उसे आऊट नहीं माना जाएगा।
  17. दिशा ग्रहण करने वाले और मुंह मोड़ने वाले नियम आयताकार क्षेत्र में लागू नहीं होंगे। (नियम 9 से 11 तथा 14)
  18. पारी (इनिंग) के दौरान सक्रिय चेज़र सीमा (परिधि) से बाहर जा सकता है परन्तु सीमा से बाहर उसे दिशा लेने और मुंह मोड़ने के नियमों का पालन करना होगा।
  19. कोई भी रनर बैठे हुए चेज़र को छू नहीं सकता। यदि वह ऐसा करता है तो उसे चेतावनी दी जाती है। यदि वह फिर उस हरकत को दोहराता है तो उसे मैदान से बाहर भेज दिया जाता है। अभिप्राय यह कि आऊट दिया जाता है।
  20. यदि रनर के दोनों पैर सीमा से बाहर हों तो वह आऊट हो जाता है।
  21. यदि सक्रिय चेज़र बिना नियम का उल्लंघन किए रनर को छू लेता है तो रनर आऊट माना जाएगा।
  22. सक्रिय चेज़र नियम 4 से 14 तक के किसी नियम का उल्लंघन नहीं करेंगे। इन नियमों का उल्लंघन फाऊल माना जाता है। यदि ऐसे फाऊल के कारण कोई रनर आऊट हो जाता है तो उसे आऊट नहीं माना जाएगा।
  23. यदि कोई सक्रिय चेज़र नियम 8 से 14 तक के किसी नियम का उल्लंघन करते हैं तो अम्पायर तुरन्त ही उचित दिशा लेने और कार्य करने के लिए बाध्य करेगा।

मैच सम्बन्धी नियम
खो-खो (Kho-Kho) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 2

  1. प्रत्येक टीम में खिलाडियों की संख्या 9 होगी और 3 खिलाड़ी स्थानापन्न (Substitutes) होते हैं।
  2. (क) प्रत्येक पारी (इनिंग) में नौ-नौ मिनट छूने तथा दौड़ने का काम बारी-बारी होगा। प्रत्येक मैच में 4 पारियां (इनिंग्ज) होंगी। दो पारियां छूने की और 2 पारियां दौड़ने की होती हैं।
    (ख) रनर खेलने के क्रमानुसार स्कोरर (फलांकनकर्ता) के पास अपने नाम दर्ज कराएंगे। पारी के आरम्भ में पहले तीन खिलाड़ी सीमा के अन्दर होंगे। इन तीनों
    के आऊट होने के पश्चात् तीन और खिलाड़ी ‘खो’ देने से पहले अन्दर आ जाएंगे। जो इस अवधि में प्रवेश न कर सकेंगे उन्हें
    आऊट घोषित किया जाएगा। अपनी बारी के बिना प्रविष्ट होने वाला खिलाड़ी भी आऊट घोषित किया जाएगा।
    यह प्रक्रिया पारी के अन्त तक जारी रहेगी। तीसरे रनर (जो तीन के समूह में प्रवेश करते हैं) को निकालने वाला सक्रिय चेज़र नए प्रविष्ट होने वाले रनर का पीछा नहीं करेगा, वह ‘खो’ देगा। प्रत्येक टीम खेल के मैदान के केवल एक पक्ष से ही अपने रनर प्रविष्ट करेगी।
  3. चेज़र तथा प्रत्येक रनर समय से पहले भी अपनी पारी समाप्त कर सकते हैं। केवल चेज़र या रनर टीम के कप्तान के अनुरोध पर ही अम्पायर खेल रोक कर पारी समाप्त की घोषणा करेगा। एक पारी के बाद 5 मिनट तथा दो पारियों के बीच 9 मिनट का अवकाश होगा।
  4. चेज़र पक्ष को प्रत्येक रनर के आऊट होने पर एक अंक मिलेगा। सभी रनरों के समय से पहले आऊट हो जाने पर उनके विरुद्ध एक ‘लोना’ दे दिया जाता है। इसके पश्चात् वह टीम उसी क्रम से अपने रनर भेजेगी। लोना प्राप्त करने के लिए कोई अतिरिक्त अंक नहीं दिया जाता है। पारी का समय समाप्त होने तक इसी ढंग से खेल जारी रहेगी। पारी के दौरान रनरों के क्रम में परिवर्तन नहीं किया जा सकता।
  5. नॉक आऊट (Knock out) पद्धति में मैच के अन्त में अधिक अंक प्राप्त करने वाली टीम को विजयी घोषित किया जाएगा। यदि अंक बराबर हों तो एक और इनिंग (प्रत्येक टीम के लिए चेज़र तथा रनर की) खेली जाएगी। यदि फिर भी अंक बराबर रहें . तो टाईब्रेकर रूल (नियम) का प्रयोग किया जाएगा। इस स्थिति में यह जरूरी नहीं कि टीमों में वही खिलाड़ी हों। लीग प्रणाली में विजेता टीम को 2 अंक प्राप्त होंगे। पराजित टीम को शून्य (0) अंक तथा बराबर रहने की दशा में प्रत्येक टीम को एक-एक अंक दिया जाएगा। यदि लीग प्रणाली में लीग अंक बराबर हों तो टीम अथवा टीमें पर्चियों द्वारा पुनः मैच खेलेंगी। ऐसे मैच नॉक-आऊट प्रणाली के आधार पर खेले जाएंगे।
  6. यदि किसी कारणवश मैच पूरा नहीं होता है तो यह किसी अन्य समय खेला जाएगा और पिछले अंक नहीं गिने जाएंगे। मैच शुरू से ही खेला जाएगा।
  7. यदि किसी एक टीम के अंक दूसरी टीम से 12 या उससे अधिक हो जाएं तो पहली टीम दूसरी टीम को चेज़र के रूप में पीछा करने को कह सकती है। यदि दूसरी टीम इस बार अधिक अंक प्राप्त कर ले तो भी उसका चेज़र बनने का अधिकार बना रहता है।

खेल के लिए अधिकारी
मैच की व्यवस्था के लिए निम्नलिखित अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं—
(1) अम्पायर (दो)
(2) रैफरी (एक)
(3) टाइम कीपर (एक)
(4) स्कोरर (एक)

  1. अम्पायर-अम्पायर लॉबी से बाहर खड़ा होगा और केन्द्रीय गली द्वारा विभाजित अपने स्थान से खेल की देख-रेख करेगा। वह अपने अर्द्धक में सभी निर्णय देगा। वह निर्णय देने में दूसरे अर्द्धक के अम्पायर की सहायता कर सकता है।
  2. रैफरी-रैफरी के कर्त्तव्य इस प्रकार हैं
    • वह अम्पायरों की उनके कर्त्तव्य पालन में सहायता करेगा और उसमें मतभेद होने की दशा में अपना फैसला देगा।
    • वह खेल में बाधा पहुंचाने वाले, असभ्य व्यवहार करने वाले, नियमों का उल्लंघन करने वाले खिलाड़ियों को दण्ड देता है।
    • वह नियमों की व्याख्या सम्बन्धी प्रश्नों पर अपना निर्णय देता है।
    • इनिंग्ज़ के अन्त में वह टीमों के अंक और परिणामों की घोषणा करता है।
  3. टाइम-कीपर-टाइम-कीपर का काम समय का रिकार्ड रखना है। वह सीटी बजाकर पारी के आरम्भ या समाप्ति का संकेत देता है।
  4. स्कोरर–स्कोरर इस बात का ध्यान रखता है कि खिलाड़ी निश्चित क्रम से मैदान में उतरते हैं। वह आऊट हुए रनरों का रिकार्ड रखता है। प्रत्येक पारी के अन्त में वह स्कोर शीट पर अंक दर्ज करता है और चेज़रों का स्कोर तैयार करता है। मैच के अन्त में वह परिणाम तैयार करता है और रैफरी को सुनाने के लिए देता है।
    SCORE SHEET
    खो-खो (Kho-Kho) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 3
    खो-खो (Kho-Kho) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 4

खो-खो (Kho-Kho) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

PSEB 10th Class Physical Education Practical खो-खो (Kho-Kho)

प्रश्न 1.
खो-खो में कितने खिलाड़ी होते हैं ?
उत्तर-
खो-खो में 12 खिलाड़ी होते हैं जिनमें से 9 खिलाड़ी खेलते हैं और तीन खिलाड़ी अतिरिक्त (Substitutes) होते हैं।

प्रश्न 2.
खो-खो के मैदान की लम्बाई और चौड़ाई बताओ।
उत्तर-
खो-खो के मैदान की लम्बाई 29 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर होती है।

प्रश्न 3.
खो-खो के खेल में चेज़र और रनर किसे कहते हैं ?
उत्तर-
खो-खो के खेल में चेज़र (Chaser) उसे कहते हैं जो खिलाड़ी बैठते हैं और रनर (Runner) वे होते हैं, जो दौड़ते हैं।

खो-खो (Kho-Kho) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न 4.
खो-खो के मैच में कितनी इनिंग्ज होती हैं ?
उत्तर-
खो-खो के मैच में दो इनिंग्ज़ होती हैं।

प्रश्न 5.
खो-खो के खेल का कितना समय होता है ?
उत्तर-
खो-खो के खेल का समय 9-5-9, 10 आराम, 9-5-9 की दो पारी होंगी।

प्रश्न 6.
मैच कैसे शुरू होता है ?
उत्तर-
मैच शुरू करने से पहले टॉस होता है। टॉस जीतने वाली टीम चेज़र या रनर की बारी का फ़ैसला करती है।

खो-खो (Kho-Kho) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न 7.
रनर के आऊट होने पर कितने अंक मिलते हैं ?
उत्तर-
रनर के आऊट होने पर एक अंक मिलता है।

प्रश्न 8.
जीत-हार का फैसला कैसे होता है?
उत्तर-
जो टीम अधिक प्वाइट बना ले उसे विजयी कहते हैं।

प्रश्न 9.
खो-खो के खेल में कितने वर्ग होते हैं और उनका आकार कितना होता
उत्तर-
खो-खो के खेल में 8 वर्ग या पट्टियां होती हैं जिनका आकार 30 cm × 30 cm होता है।

खो-खो (Kho-Kho) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न 10.
क्या खो-खो की खेल लॉबी होती है ? उसकी चौड़ाई बताओ।
उत्तर-
खो-खो की खेल लॉबी होती है जिसकी चौड़ाई 3 मीटर होती है।

प्रश्न 11.
खो-खो के पोल की लम्बाई और घेरा बताओ।
उत्तर-
खो-खो के पोल की लम्बाई 1.22 मीटर और घेरा 20 सैंटीमीटर होता है।

प्रश्न 12.
खो-खो की पोल से पोल की लम्बाई कितनी होती है ?
उत्तर-
खो-खो के पोल से पोल की लम्बाई 24.40 मीटर होती है।

खो-खो (Kho-Kho) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न 13.
खो-खो के खेलाने वाले अधिकारियों की कुल गिनती बताओ।
उत्तर-
दो अम्पायर, एक रैफ़री, एक टाइम कीपर, एक स्कोरर।

प्रश्न 14.
खो-खो के खेल में खिलाड़ी कैसे आऊट माना जाता है ?
उत्तर-
जब चेज़र रनर को हाथ लगा दे या रनर अपने आप मैदान से बाहर चला जाए तो आऊट माना जाता है।

प्रश्न 15.
खो-खो के मुख्य 5 फाऊल बताओ।
उत्तर-
मुख्य फाऊल निम्नलिखित हैं—

  1. खो देने से पहले उठना।
  2. सैंटर लाइन कट करनी।
  3. पोल को हाथ लगाए बिना मुड़ना।
  4. चेज़र का ग़लत भागना।
  5. भागने वाला अपने-आप बाहर चला जाए।

खो-खो (Kho-Kho) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न 16.
खो-खो की खेल में बराबर होने की हालत क्या होती है?
उत्तर-
यदि खो-खो की खेल में टीमें बराबर रह जाएं तो फिर एक-एक इनिंग्ज़ और लगाई जाती है। यदि फिर भी बराबर रह जाए तो एक और इनिंग्ज़ लगाई जाएगी। यदि फिर भी बराबर रह जाए तो मैच दोबारा खेला जाएगा।

PSEB 10th Class SST Solutions Civics Chapter 2 The Central Government

Punjab State Board PSEB 10th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 2 The Central Government Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Social Science Civics Chapter 2 The Central Government

SST Guide for Class 10 PSEB The Central Government Textbook Questions and Answers

I. Answer the following questions in brief:

Question 1.
Mention the tenure of the Lok Sabha.
Answer:
The term of the Lok Sabha is five years but the President, on the advice of the Prime Minister, can dissolve it before the expiry of its term. During the emergency, this period can be extended for one year by the Parliament.

Question 2.
What is the maximum number of the members of the Lok Sabha?
Answer:
The maximum strength of the Lok Sabha has been fixed at 550 members. Out of this number, 530 members represent the people of the States of India and 20 members are elected by the voters of the Union Territories. The President can nominate two Anglo- Indians, if he feels that this community has not got adequate representation.

Question 3.
How is the Speaker of the Lok Sabha appointed?
Answer:
The Speaker or Chairman of the Lok Sabha is elected by the members of the Lok Sabha from among themselves.

Question 4.
What do you mean by a Vote of No-confidence?
Answer:
The Prime Minister and the Council of Ministers can continue to be in office as long as they enjoy the confidence of the Lok Sabha. They can be thrown out of office by a vote of no-confidence passed by a majority of members present and voting in the house.

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Question 5.
What is the minimum age required to become a member of the Lok Sabha or the Rajya Sabha?
Answer:
The minimum age limit for a person to become a member of the Lok Sabha is 25 , years and that of the Rajya Sabha is thirty years.

Question 6.
When and how many Anglo-Indians can be nominated by the President in the Lok Sabha?
Answer:
If no Anglo-Indian is elected to the Lok Sabha, the President can nominate two members of this community to it.

Question 7.
Enumerate the stages through which an ordinary bill passes to become a law.
Answer:
A bill passes through three stages or readings through both the houses of the parliament separately. If the bill is passed, it is sent to the President for his assent.

Question 8.
How and who elects the members of Rajya Sabha?
Answer:
The members of the Rajya Sabha are indirectly elected by the members of the State Legislative Assemblies. The maximum number of the members of Rajya Sabha can be 250.

Question 9.
Who are included in the electoral college for the election of the President? ,
Answer:
Elected representative of the people are included in the electoral college for the President.

Question 10.
How is the Vice-President of India elected?
Answer:
The Vice-President of India is elected by the members of both the houses of Parliament in a joint sitting by an absolute majority.

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Question 11.
How is the Prime Minister appointed?
Answer:
The Prime Minister is appointed by the President. He appoints that person as the Prime Minister who enjoys a majority in the Lok Sabha.

Question 12.
Explain the organisation of the Union Council of Ministers,
Answer:
The Union Council of Ministers is appointed by the President on the recommendation of the Prime Minister.

Question 13.
Explain each of the following :
(a) Qualification of a Judge of the Supreme Court.
Answer:

  1. He must be a citizen of India.
  2. He must have worked as a judge of High Court for a period of not less than five years or must have worked as an advocate in some high courts for a period of not less than ten years. Or he must be an eminent jurist in the view of the President.

(b) Advisory Jurisdiction of the Supreme Court.
Answer:
Advisory Jurisdiction of the Supreme Court. It is the obligation of the Supreme Court to advise on constitutional as well as other legal matters to any legislature, the Council of Ministers or the President. But it is not binding upon the President or the government to accept the advice given by the Supreme Court.

(c) Supreme Court Act as a Court of Record.
Answer:
Supreme Court Act as a Court of Record. The Supreme Court is a Court of Record. It means that its decisions and Judicial proceedings are recorded and printed. The Courts subordinate to it and the lawyers use them in their pleadings. The decisions given by the Supreme Court are recorded and then used by the Lower Courts to give further Judgements.

II. Answer the following questions in short :

Question 1.
Explain the powers of the Parliament.
Answer:
Following are the main powers of the Parliament :
1. Legislative Powers. The Parliament legislates on the subjects included in the Union List and the Concurrent List. It can also pass laws on the Residuary Subjects. During the emergency, it can also legislate on any and every subject mentioned in the State List.

2. Executive Powers. It can dissolve the cabinet by passing a vote of no-confidence against it. It also exercises control over the executive by asking questions and supplementary ‘questions. The members can table certain other resolutions to suspend the normal proceedings of the Parliament.

3. Financial Powers. The Parliament is the custodian of the Union purse. It passes the budget and authorises all expenditure. No tax can be imposed without its sanction.

4. Constitutional Amendment. All proposals for the constitutional amendments can be initiated only by the Parliament.

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Question 2.
Examine the role or functions of the Speaker of the Lok Sabha.
Answer:
The Speaker is elected by the House from amongst its members. Following are the main functions of the Speaker :

  • He presides over the meetings of the Lok Sabha and conducts its business. He generally belongs to the majority party, but he acts in an impartial manner.
  • He maintains discipline in the House. He can suspend a member from the House for his misconduct and indiscipline in the house.
  • He decides whether a particular bill is a Money Bill or an Ordinary Bill.
  • If a joint session of both the Houses of the Parliament is summoned by the President to discuss a bill, it is presided over by the Speaker of the Lok Sabha.

Question 3.
How a bill becomes an Act in the Indian Parliament?
Answer:
An ordinary bill may be introduced in the either House by any minister or a member of the Parliament. A bill, before becoming an Act, has to pass through the stages given below :

  • First Reading. Only the heading and main clauses of the bill are read out at this stage. No discussion takes place.
  • Second Reading or Stage. The bill is debated-clause by clause and amendments are moved. If the majority of the members vote in its favor, the bill is referred to the select committee.
  • Third Reading or Stage. The debate at this stage is confined only to the matter of the bill. The bill is rejected or accepted by the House.
  • Bill in the Second House. The Bill in the Second House also passes through the same stages as in the First House. If the Bill is also passed by the Second House, it is referred to the President for his assent.
  • Assent of the President. After getting the assent of the President, it becomes a law.

Question 4.
Explain the collective and individual responsibility of the Council of Ministers?
Answer:
Principle of Collective Responsibility. The Council of Ministers is collectively responsible to the Lok Sabha. The ministers come into the office and go out of it as a team. The Prime Minister is the captain of this team. He presides over the meetings of the Cabinet or the whole Council of Ministers. They take decisions collectively. After decisions are arrived at, all the members of the Cabinet are equally responsible for it, including those who might have argued against it. If a vote of no-confidence is passed against one Minister in the Lok Sabha, the whole Council of Ministers must resign. The ministers sink and sail together. When any minister is criticised in the Parliament, the other members of the Council of Ministers come to his rescue and support the action and policy of the minister. The ministers are thus responsible to the Parliament both collectively and individually.

Question 5.
How is the Union Cabinet appointed in India?
Answer:
The Cabinet which is a part of the Council of Ministers is appointed by the President of India. In fact, the President has not free hand in the appointment of the Prime Minister or Ministers. He appoints the leader of the majority party in the Lok Sabha as a Prime Minister. The President has no choice in this matter.

The Prime Minister prepares the list of other ministers to be included in the Council of Ministers. He presents this list to the President. The President cannot refuse to approve this list. Sometimes a person who is not a member of the Parliament is appointed a minister. Such a minister must become the member of Parliament within six months of his appointment as a minister.

Question 6.
Examine the position of the Prime Minister.
Answer:
The Prime Minister enjoys vast powers in the constitutional setup of the country. He chooses the Ministers of his team and allots the portfolios to them. In the Cabinet, he is not only the first among the equals, but a moon among the stars. His resignation brings about the fall of the entire Cabinet. He is thus the key stone of the Cabinet arch. Although all the executive authority of the Union is vested in the President, it is invariably exercised by his Council of Ministers and the President is supposed to be a mere constitutional head. To sum up, the Prime Minister is the linchpin of the government.

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Question 7.
Examine the powers of the Prime Minister.
Answer:
‘There is no doubt that the Prime Minister is the pivot of the cabinet. He appoints the ministers. The President appoints the ministers only on the recommendation of the Prime Minister. He allots the portfolios to the ministers. He can reorganise the cabinet to make the administration efficient. He can change the portfolios of the ministers. If the Prime minister resigns, the whole council of ministers is dissolved. He can ask the erring ministers or a minister having a different opinion, to quit. If a minister refuses to resign, he can tender the resignation of his Council of Ministers and reconstitute the ministry. He presides over the meetings of the Cabinet and exercises control over its agenda.

Question 8.
Explain the emergency powers of the President.
Answer:
Following are the emergency powers of the President :
1. National Emergency. If the President is satisfied that a grave emergency exists whereby the security of India is threatened by war, external aggression or armed rebellion, he may declare a state of emergency for the whole of India or a part of it. (Article 352)

2. Constitutional Emergency. If the President is satisfied either on the recommendation of the Governor or otherwise that the government cannot be carried on in the state in accordance with the constitution, he may declare emergency in that state. (Art.-356) .

3. Financial Emergency. The President may declare financial emergency if he is satisfied that there is a threat to financial stability or credit of the country as a whole or a part thereof. (Art. 360)

Question 9.
Describe the procedure of Impeachment of the President.
Answer:

  1. The process of impeachment of the President may be started in either house of the Parliament.
  2. A prior notice to this effect has to be given to the President duly signed by l/4th of the total number of that house;
  3. A prior notice of 14 days must be served before initiating the impeachment;
  4. Such resolution of charges must be supported by at least 2/3rd of the total membership of that house;
  5. The charges initiated in one house, if are proved after investigation in the other house by 2/3 majority of the total membership of the house, the President shall have to leave the office from the date such a resolution is approved. The President can defend himself personally or through a counsel before both the houses.

Question 10.
Do you think that the Indian President is nominal head of the union executive? If yes, then who is the real executive?
Answer:
From the study of powers of the President in various fields, it seems that he is a very powerful executive head. Besides, he has important legislative, financial and judicial powers. He can declare emergency. He can dissolve the Lok Sabha, can issue ordinances. No bill can become law without his signature.

In actual practice, however, he is the nominal head of the state. He does not exercise these powers himself but on the advice of the Council of Ministers. He declares emergency only on the advice of the Council of Ministers and uses these powers with its aid. He can never become a dictator. His powers closely resemble the powers of the Queen of Britain. He can advise, encourage and warn his ministers. But much depends upon the personality and character of the President. And in this sense, he is no figure head. He is, in fact, a guide who can shape and mould the policy of India both at home and abroad.

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Question 11.
Describe the role of the Vice-President of India.
Answer:
Following are the two important functions of the Vice-President of India :

  1. He is the ex-officio Chairman of the Rajya Sabha. When he acts as the President of India or discharges his functions, he shall not preside over the meetings of the Rajya Sabha.
  2. He can officiate as the President for a maximum period of six months in case of death, resignation or removal of the latter till the new President is elected. He discharges the functions of the President when the latter is unable to do so owing to any reason.

Question 12.
Explain briefly the powers of the President of India.
Answer:
Following are the powers of the Indian President :
1. Executive Powers

  • All laws are enforced in the name of the President,
  • He appoints the Prime Minister and other ministers on the basis of the recommendations of the Prime Minister,
  • He can make a declaration of war and peace.
  • It is he who appoints ambassadors to foreign states and receives those coming from other countries.

2. Legislative Powers.

  • No bill becomes an act without his approval,
  • He can dissolve the Lok Sabha before its fixed term on the advice of the Prime Minister.
  • He nominates 12 members to the Rajya Sabha and two to the Lok Sabha.

3. Financial Powers. No money bill can be introduced in the Lok Sabha without the prior approval of the President.

4. Judicial Powers

  • The President can remove the judges of the High Courts and Supreme Court on the basis of the resolution passed by the Parliament with 2/3rd majority of the members present and voting,
  • He can pardon or reprieve the punishment confirmed by the Supreme Court.

5. Emergency Powers: The President can proclaim emergency under certain circumstances,

  • War, external aggression and armed rebellion.
  • Breakdown of constitutional machinery in a State,
  • Financial crisis.

Question 13.
Explain the following :
(a) How an ordinary bill differs from a money bill?
Answer:
Money bill. A money bill relates to the imposing, reducing or repealing of taxes, borrowing of money or authorizing expenditure by the government. It is called a money bill. A money bill can be introduced only in the Lok Sabha by a minister.

Ordinary bill. All the bills other than money bills are called ordinary bills. They are of two types, Public bill and Private bill. Public bill is of universal nature and affects all the residents of the state. Private bill relates to a particular section of the society or some private companies.

(b) Unified concept of Judiciary in India.
Answer:
India has single unified judicial system. The Supreme Court of India is the highest court of Justice in India, immediately below which are the state High Courts, below the High Courts, there are District Courts. All these courts apply the same law code in the decisions of all civil, criminal and constitutional cases. The appeals can be taken to the High Court, against the decision of the District Court. The Supreme Court hears appeals against the decisions of High Court.

(c) The power of Judicial Review in India.
Answer:
The power of Judicial Review in India (2014 III). The Supreme Court can exercise the power of judicial review. It can declare any law passed by the Union Parliament or by a State Legislature as unconstitutional if it violates the Constitution.

PSEB 10th Class Social Science Guide The Central Government Important Questions and Answers

Answer the following questions in one line or one word :

Question 1.
What is meant by the Indian Parliament?
Answer:
In India, the Union Legislature is called the Parliament or Sansad.

Question 2.
Mention any one essential qualification for the members of Lok Sahha.
Answer:
He must, be a citizen of India.

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Question 3.
Write any one important function of the Speaker of Lok Sabha.
Answer:
He presides over the meetings of the Lok Sabha.

Question 4.
What is the difference between a money bill and an ordinary bill?
Answer:
A money bill can originate in the Lok Sabha and not in the Rajya Sabha.

Question 5.
Write down one power of the President relating to a bill.
Answer:
No bill can become a law without his assent.

Question 6.
Mention any one method by which the Parliament keeps the executive under control.
Answer:
It can dissolve the cabinet by passing a vote of no-confidence against it.

Question 7.
What is meant by the Parliamentary system?
Answer:
It means a system of government in which all the powers of the state are exercised by the Prime Minister and his ministers.

Question 8.
When can the President declare Financial Emergency?
Answer:
If he is satisfied that there is a threat to financial stability or credit of the country as a whole or a part thereof.

Question 9.
What is the composition of Electoral College which elects the Vice¬President of India?
Answer:
The electoral college which elects the Vice-President includes only the elected members of the Parliament. .

Question 10.
Explain any one function of the Vice-President.
Answer:
He is the ex-officio Chairman of the Rajya Sabha.

Question 11.
How many types of ministers are included in the Council of Ministers?
Answer:
Cabinet Ministers, Ministers of State, Deputy Ministers.

Question 12.
What is meant by the Reading of the Bill?
Answer:
The procedure of discusssion of a bill is called the Reading of the Bill.

Question 13.
What is an adjournment motion?
Answer:
To discuss a grave matter of public importance out of turn in the Parliament is called adjournment motion.

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Question 14.
Explain the meaning of Question Hour.
Answer:
The first hour of every sitting in both the houses of the parliament is devoted to asking arid answering questions.

Question 15.
In connection with the Parliament what is a supplementry question?
Answer:
The right of the members to ask some more questions relating to the same matter. Question 16. Mention any two qualifications for the membership of the Rajya Sabha. Answer:He must be a citizen of India and must have completed 30 years of age.

Question 17.
Write any one important function of the Speaker of Lok Sahha.
Answer:
To preside over the meetings of the Lok Sabha.

Question 18.
What is the main function of the Parliament?
Answer:
The main function of the Parliament is to make laws.

Question 19.
What is a Bill?
Answer:
The proposed law is called a Bill.

Question 20.
Who decides whether a bill is an ordinary or money bill?
Answer:
The Speaker of the Lok Sabha decides whether a Bill is ordinary or money bill.

Question 21.
For how many days can the Rajya Sabha delay a money hill duly passed by the Lok Sabha?
Answer:
A money bill duly passed by the Lok Sabha can be delayed by fourteen days by the Rajya Sabha.

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Question 22.
What should be the minimum age required to become the President of India?
Answer:
35 years.

Question 23.
What is the tenure of the President of India?
Answer:
The tenure of the President is five years.

Question 24.
Write one executive power of the President.
Answer:
The President makes the appointment of the Prime Minister and other Ministers on his advice.

Question 25.
Who is the Supreme Commander of all the three armed forces?
Answer:
The President.

Question 26.
Who can issue an ordinance?
Answer:
The President can issue an ordinance.

Question 27.
Write one legislative power of the President.
Answer:
All bills passed by the Parliament must receive his assent before becoming laws.

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Question 28.
Write any one financial power of the President.
Answer:
The President causes to be laid, before the Parliament the annual: budget.

Question 29.
Write one judicial power qf the president.
Answer:
The President appoints judges of the. Supreme Court and the High Courts.

Question 30.
Who is the real head of the Union Government’?
Answer:
The Prime Minister.

Question 31.
Write one power of the Prime Minister.
Answer:
He chooses the Ministers of his team and allocates portfolios to them.

Question 32.
Which is the highest court of justice in India?
Answer:
The Supreme Court.

Question 33.
How many judges are there in the Supreme Court?
Answer:
At present Supreme Court consists of one Chief Justice and 33 other Judges.

Question 34.
Mention any one qualification with regard to experience for appointment as a judge in the Supreme Court.
Answer:
He has been for at least 10 years an advocate of a High Court or two or more such courts in succession.

Question 35.
How many jurisdictions are there of the Supreme Court? Which are these?
Answer:

  1. Original
  2. Appellate and
  3. Advisory jurisdiction.

Question 36.
Who is the guardian of our fundamental rights?
Answer:
The Supreme Court is the guardian of our fundamental rights.

Question 37.
What does the term ‘appeal’ mean?
Answer:
When petition against the decision of a lower court is made to a high court, it is called appeal.

Question 38.
Describe one function and jurisdiction of the Supreme Court.
Answer:
It decides the cases regarding the fundamental rights.

Question 39.
How can the President remove the judges of the Supreme Court or High Courts?
Answer:
On the basis of a resolution passed by the parliament by a special majority.

Question 40.
How is the Lok Sabha dissolved?
Answer:
Lok Sabha can be dissolved by the President on the recommendation of the Prime Minister.

Question 41.
Who presides over the meetings of Rajya Sabha?
Answer:
Vice-President of India presides over the meetings of Rajya Sabha.

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Question 42.
How are the judges of Supreme Court-appointed?
Or
Who elects (appoints) the Judges of Supreme Court?
Answer:
They are appointed by the President of India.

Question 43.
What is the tenure of the Judges of Supreme Court?
Answer:
The Judges of the Supreme Court retire at the age of 65 years.

Question 44.
Who is Public Prosecutor?
Answer:
Public prosecutor is a person appointed by central / state govt, to represent cases on behalf of the state in criminal trials.

Question 45.
How many members can be nominated in the Lok Sabha and Ra\ya Sabha by the President?
Answer:
The President can nominate twelve members to the Rajya Sabha. The President can nominate two members of the Anglo-Indian Community in the Lok Sabha if no member of the community is elected to the Lok Sabha.

Question 46.
Mention the term of the members of Rajya Sabha.
Answer:
The tenure of the members of Rajya Sabha is six years. One third members of the Rajya Sabha retire after two years.

Fill in the blanks :

Question 1.
The tenure of the Lok Sabha is ___________ years.
Answer:
five

Question 2.
Maximum number of the members of Lok Sabha can be ___________
Answer:
550

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Question 3.
The Prime Minister is appointed by the ___________
Answer:
President

Question 4.
The term of the members of Rajya Sabha is ___________ years.
Answer:
six

Question 5.
Upper House of the Parliament is known as ___________
Answer:
Rajya Sabha

Question 6.
Lower House of the Parliament is known as ___________
Answer:
Lok Sabha

Question 7.
Vice-President is the ex-officio Chairman of the ___________
Answer:
Rajya Sabha

Question 8.
The Speaker of the Lok-Sabha is elected by the members of the ___________
Answer:
Lok Sabha

Question 9.
No money bill can be introduced in the Lok Sabha without the prior approval of the ___________
Answer:
Speaker

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Question 10.
The highest court of justice is ___________
Answer:
Supreme Court

Question 11.
The tenure of the President is ___________years.
Answer:
five

Question 12.
Lok Sabha can be dissolved by the ___________
Answer:
President.

Choose the correct answer:

Question 1.
The Indian Parliament is:
(a) Unicameral
(b) Three Houses
(c) Bicameral
(d) None of the above.
Answer:
(c) Bicameral

Question 2.
The tenure of the members of the Rajya Sabha is:
(a) 5 years
(b) 4 years
(c) 6 years
(d) 3 years.
Answer:
(c) 6 years

Question 3.
The term of office of the Indian President is:
(a) 4 years
(b) 5 years
(c) 6 years
(d) 3 years.
Answer:
(b) 5 years

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Question 4.
The Judges Qf the Supreme Court retire at the age of:
(a) 62
(b) 58
(c) 60
(d) 65.
Answer:
(d) 65.

Question 5.
The President of India is elected by:
(a) The Electoral College
(b) The Legislative Assemblies
(c) The Parliament
(d) The People.
Answer:
(a) The Electoral College

Question 6.
Who is the guardian of ouí’ fundamental rights?:
(a) President
(b) Supreme Court
(c) Parliament
(cl) Prime Minister.
Answer:
(b) Supreme Court

Question 7.
Who is the supreme commander of the defence forces?
(a) Defence Minister
(b) Prime Minister
(c) Home Minister
(d) President,
Answer:
(d) President,

Question 8.
The real head of the Union Government is:
(a) The President
(b) Home Minister
(c) Prime Minister
(d) Cabinet.
Answer:
(c) Prime Minister

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Question 9.
The President is:
(a) Head of Govt.
(b) Head of the State
(c) Head of the Union Territory
(d) None of these.
Answer:
(b) Head of the State

Question 10.
Supreme Court consists of one Chief Justice and :
(a) 13 other Judges
(b) 25 other Judges
(c) 20 other Judges
(d) 33 other Judges.
Answer:
(d) 33 other Judges.

Question 11.
While appointing the Judges of the Supreme Court it is obligatory for the President to consult the :
(a) Chief Justice of the High Court
(b) Law Minister
(c) Prime Minister
(d) Chief Justice of India.
Answer:
(d) Chief Justice of India.

Question 12.
The tenure of the Prime Minister is :
(a) 5 years
(b) 4 years
(c) 6 years
(d) Not fixed.
Answer:
(d) Not fixed.

Short Answer Type Questions

Question 1.
Give arguments to prove that there is the Supremacy of the Parliament in the country.
Or
What do you mean by the ‘Supremacy of the Parliament’?
Answer:
By the ‘Supremacy of the Parliament’, we mean that the Parliament is the supreme law-making body. It can enact, amend and repeal any lav/ as and when it likes. It is both an ordinary law-making body as well as a constitutional law-making body.

The Indian Parliament is the creation of the Constitution of India which has specified its powers, etc. in relevant articles. It is the legislative organ of the Union and is comprised of the representatives of the people. It takes part in the election of the President and the Vice-President. It exercises control over the executive who is collectively responsible to it. It can dissolve the Cabinet by withdrawing confidence in it. It keeps complete control over the national finance. The foregoing points prove its supremacy but it is not a sovereign body uncontrolled or having unlimited powers. The Supreme Court can strike down the Acts passed by the Parliament, if they violate the Constitution.

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Question 2.
Make a mention of the mutual relationship between the President and the Prime Minister.
Answer:
The essence of the Parliamentary form of Government is that the chief executive head of the State is a nominal head. All those powers vested in him are exercised by the Council of Ministers headed by the Prime Minister. The Prime Minister is the link between the President and the Council of Ministers. The Prime Minister is appointed by the President. The President invariably appoints that person as the Prime Minister who is the leader of the majority party in the Lok Sabha. The Prime Minister is the chief advisor of the President and as the present constitutional position stands, it is binding on the President to act on the advice of the Prime Minister.

Question 3.
Write any four powers of the Prime Minister.
Or
Explain three powers of the Prime Minister.
Answer:
Main functions of the Prime Minister are given ahead :

  1. He chooses the ministers of his team and allocates portfolios to them.
  2. He can change the portfolios of the ministers.
  3. He advises the President on different matters of the government.
  4. He formulates all internal and external policies of the government.
  5. Inside the Parliament, he is the chief spokesman of the government.
  6. He supervises the work of administration of different departments.

Question 4.
When can emergency be declared in a state?
Answer:
A state of emergency may be declared in a state by the President. Generally, it is declared on the advice of the Governor of the state.

If the President is satisfied either on the recommendation of the Governor or otherwise that the government cannot be carried on in a State in accordance with the Constitution, he may declare emergency in the State. Initially, the President’s Rule is imposed for a period of six months but it can be extended upto a maximum period of three years. During this emergency, the President can suspend or dissolve the State Legislative Assembly. The President can himself assume all or any of the functions of the State. He may vest all or any of those functions in the Governor or any other executive authority.

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Question 5.
Explain the relations between the Parliament and Judiciary in India.
Answer:
In India, there is a close relation between the Parliament and Judiciary. The Parliament determines the number of judges of the Supreme Court and can also pass a resolution for their removal. Moreover, it can increase or decrease the powers of the Supreme Court. The Supreme Court of India is also competent to declare null and void the laws of the Parliament if they violate the Constitution by exercising its power of ‘Judicial Review’.

Question 6.
Mention the procedure of election of the members of the Lok Sabha.
Answer:
Lok Sabha is the lower chamber of the Parliament. It has 544 members. These members are directly elected by the people. Every Indian citizen (who is 18 years of age) whose name is on the voters’ list can participate in the election to the Lok Sabha. Some seats are reserved for the scheduled castes and scheduled tribes. The President can nominate two Anglo-Indians if he feels that the community has not received proper representation.

The members of Lok Sabha are elected on the basis of population. Every member represents 10 lakh to 15 lakh of population. The whole country is divided into constituencies. Every state gets representation in proportion to its population.

Question 7.
Who can be elected the Speaker of the Lok Sabha and how?
Answer:
The office of the Presiding Officer of the Lok Sabha (called the Speaker) is of great dignity and authority. The Speaker is elected by the Lok Sabha from among its members. After the general elections, when the House assembles, it is presided over by the seniormost member of the House to elect its Presiding Officer. Any member can seek election to this office and one getting majority of votes is elected as the Speaker of the House.

Question 8.
What is meant by Parliament? Tell the names of the two Houses of the Parliament and also their term.
Answer:
The Union Legislature of India is called the Parliament. Constitutionally Parliament consists of the President and two houses-the Lok Sabha and the Rajya Sabha. The Parliament can make laws on all the subjects of national importance. It is the supreme law making body.

1. Term of the Lok Sabha. The Lok Sabha is elected for 5 years. But it can be dissolved earlier by the President on the advice of the Prime Minister. During the emergency due to external aggression or armed revolt its life can be extended.

2. Term of the Rajya Sabha. The Rajya Sabha is a permanent house. But every two years one-third (l/3rd) of its members retire and new ones are elected in their place. Thus every member is elected for a term of six years.

Question 9.
Mention six essential qualifications for the membership of the Parliament.
Answer:
Following are the six essential qualifications for the membership of the Parliament :

  1. He must be a citizen of India.
  2. He must have completed 30 years of age for the Rajya Sabha and 25 years for the Lok Sabha.
  3. He must not hold any office of profit under the state or union government.
  4. He must not be of unsound mind.
  5. He must not be bankrupt.
  6. He must not be an alien or non-citizen.

Question 10.
Mention the basis on which the President can nominate 12 members for the Rajya Sabha and 2 members for Lok Sabha.
Answer:
The President can nominate twelve members to the Rajya Sabha from amongst the persons of eminence having practical experience in literature, science, art and social services. He is also empowered to nominate to the Lok Sabha not more than two members from the Anglo-Indian Community if he feels that it has not got adequate representation.

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Question 11.
Mention three types of legislative and non-legislative powers of the Parliament.
Answer:
Legislative Powers :

  • It can legislate upon all ordinary bills.
  • It also passes the money bills.
  • It approves all the ordinances issued by the President. It can also reject them.

Non-legislative Powers :

  • It accords approval to all emergency proclamations promulgated by the President.
  • Any member of Parliament may ask the government any question to elicit information regarding its policies.
  • It also considers the no-confidence motion initiated against the Cabinet.

Question 12.
Who makes the appointment of the Chief Justice of the Supreme Court and other judges and with whose consultation?
Answer:

  1. The appointment of the Chief Justice and other judges of the Supreme Court is made by the President.
  2. The appointment of the Chief Justice is made in consultation with the judges of the Supreme Court and High Courts.
  3. The appointment of other judges of the Supreme Court is made in consultation with the Chief Justice of India and others whom the President may deem necessary.

Question 13.
Mention the qualifications, tenure, and salary of the Chief Justice and other judges of the Supreme Court.
Answer:
Qualifications for an appointment :

  • He must be a citizen of India.
  • He has been for at least five years a judge of a High Court or of two or more such Courts in succession.
  • He has been for at least 10 years an advocate of a High Court or of two or more such Courts in succession.
  • He is, in the opinion of the President, a distinguished jurist.

Tenure :

  • A Judge of a Supreme Court can serve up to the age of 65 years.
  • Salary. The salary of the Chief Justice is Rs. 2,80,000 per month and Rs. 2,50,000 of the other Judges of the Supreme Court.

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Question 14.
Mention those five references from the Constitution which make the Supreme Court independent and impartial.
Answer:

  1. The Directive Principles of State Policy provide that the judiciary be made independent of the control of the executive.
  2. The appointment of Judges is made on the basis of their legal acumen.
  3. The judges are paid decent salaries befitting their position which cannot be altered to their disadvantage.
  4. The procedure for their removal has been made very difficult.
  5. The decisions of the Supreme Court cannot be subjected to criticism by an individual, institution or even Parliament.

Question 15.
Describe the effects of the emergency proclamation on the state administration.
Answer:
According to Article 356 of the Constitution, the President can proclaim an emergency in a state if he is satisfied that the constitutional machinery in a state has broken down. The President declares constitutional emergency in a state only after receiving a report from the Governor. During the emergency, the whole administration of the state comes under the control of the central govt. Such an emergency is declared when the constitutional machinery in a state does not work properly. The Governor of the state is generally asked to run the state administration on behalf of the central government. The Governor can suspend or dissolve the state legislative assembly. He becomes the real ruler of the state.

Question 16.
What do you mean by a Vote of No-confidence?
Answer:
The Constitution grants the Lok Sabha the power of passing a Vote of No-confidence against the Council of Ministers. It means that the Council, of Ministers, is responsible to the Lok Sabha. The members of the Council of Ministers remain in office so long as they enjoy the confidence of the Lok Sabha. If the Lok Sabha passes by a majority of votes, the motion of No-confidence against the Council of Ministers will resign.

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.2

Punjab State Board PSEB 10th Class Maths Book Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.2 Textbook Exercise Questions and Answers

PSEB Solutions for Class 10 Maths Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.2

प्रश्न 1.
दो ग्राहक श्याम और एकता एक विशेष दुकान पर एक ही सप्ताह में जा रहे हैं ( मंगलवार से शनिवार तक)। प्रत्येक द्वारा दुकान पर किसी दिन या किसी अन्य दिन जाने के परिणाम समप्रायिक हैं। इसकी क्या प्रायिकता है कि दोनों उस दुकान पर
(i) एक ही दिन जाएँगे ?
(ii) क्रमागत दिनों में जाएँगे ?
(iii) भिन्न-भिन्न दिनों में जाएँगे ?
हल :
जब श्याम और एकता एक दुकान पर एक ही सप्ताह में जा रहे हैं। संभाव्य परिणाम है :
S = {(T, T) (T, W) (T, Th) (T, F) (T, S) (W, T) (W, W)(W, Th) (W, F)(W, S) (Th, T) (Th, W) (Th, Ts) (Th, F) (Th, S) (F, T) (F, W) (F, Th) (E, F) (F, S) (S,T) (S, W) (S, Th) (S, F)(S, S)}
यहाँ T मंगलवार के लिए
W बुधवार के लिए
Th वीरवार के लिए
F शुक्रवार के लिए और
S शनिवार के लिए है।
n (S) = 25

(i) मान लीजिए ‘श्याम और एकता दुकान पर एक ही सप्ताह जा रहे हैं’ घटना A है।
A = {(T, T), (W, W) (TS, TS) (F, F), (S, S)}
n (A) = 5
दोनों एक ही दिन दुकान पर जाएंगे की प्रायिकता .
∴ P(A) = \(\frac{5}{25}=\frac{1}{5}\)

(ii) मान लीजिए ‘दोनों क्रमागत दिनों में विशेष दुकान पर जाएंगे’ घटना B है।
B = {(T, W), (W, T), (W, Th), (Th, W) (Th, F), (F, Th) (F, S) (S, F)
n(B) = 8
∴ दोनों क्रमागत दिनों में विशेष दुकान पर जाएँगे की पायिकता = \(\frac{8}{25}\)

(iii) दोनों उस दुकान पर भिन्न-भिन्न दिनों में जाएँगे की प्रायिकता = 1 – दोनों क्रमागत दिनों में दुकान पर जाएँगे।
[∵ P(\(\overline{\mathrm{A}}\)) = 1 – P(A)]
= 1 – \(\frac{1}{5}\)
= \(\frac{5-1}{5}\)
P(A) = \(\frac{4}{5}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.2

प्रश्न 2.
एक पासे के फलकों पर संख्याएँ 1, 2, 2, 3, 3 और 6 लिखी हुई हैं। इसे दो बार फेंका जाता है तथा दोनों बार प्राप्त हुई संख्याओं के योग लिख लिए जाते हैं।दोनों बार फेंकने के बाद, प्राप्त योग के कुछ संभावित मान निम्नलिखित सारणी में दिए हैं। इस सारणी को पूरा कीजिए।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.2 1

इसकी क्या प्रायिकता है कि कुल योग
(i) एक सम संख्या होगा ?
(ii) 6 है ?
(ii) कम से कम 6 है ?
हल :

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.2 2

संभाव्य परिणामों की संख्या है = 6 × 6 = 36

(i) मान लीजिए ‘कुल योग एक संख्या’ प्राप्त करना घट
A = {2, 4, 4, 4, 4, 4, 4, 4, 4, 6, 6, 6, 6,8, 8, 8, 8, 12}
n (A) = 18
∴ एक सम संख्या प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{18}{36}=\frac{1}{2}\)
P (सम संख्या) = \(\frac{1}{2}\)

(ii) मान लीजिए ‘योग 6 प्राप्त करना’ घटना B है।
B = {6, 6, 6, 6}
n (B) = 4
कुल योग 6 प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{4}{36}\)
∴ P(B) = \(\frac{1}{9}\)

(iii) मान लीजिए ‘कुल योग कम से कम 6′ प्राप्त करना घटना C है।
C = {6, 6, 6, 6, 7, 7, 8, 8, 8, 8, 9, 9, 9, 9, 12}
n (C) = 15
∴ योग कम से कम 6 प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{15}{36}=\frac{5}{12}\)
∴ P(C) = 5

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.2

प्रश्न 3.
एक थैले में 5 लाल गेंद और कुछ नीली गेंदें हैं यदि इस थैले में से नीली गेंद निकालने की प्रायिकता लाल गेंद निकालने की प्रायिकता की दुगुनी है, तो थैले में नीली गेंदों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल :
गेंदों की संख्या = 5
मान लीजिए नीली गेंदें की संख्या = x
∴ गेंदों की कुल संख्या = 5 + x
नीली गेंदों के निकालने की प्रायिकता = \(\frac{x}{5+x}\)
लाल गेंदों के निकालने की प्रायिकता = \(\frac{5}{5+x}\)
प्रश्न के अनुसार,
नीली गेंद निकालने की प्रायिकता = 2 लाल गेंद निकालने की प्रायिकता
\(\frac{x}{5+x}=2\left[\frac{5}{5+x}\right]\)
x = 10
∴ नीली गेंदों की संख्या = 10

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.2

प्रश्न 4.
एक पेटी में 12 गेंदें हैं, जिनमें से x गेंदें काली हैं। यदि इसमें से एक गेंद यादृच्छया निकाली जाती है, तो इसकी प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि यह गेंद काली यदि इस पेटी में 6 काली गेंद और डाल दी जाएँ, तो काली गेंद निकालने की प्रायिकता पहली प्रायिकता की दुगनी हो जाती है।x का मान ज्ञात कीजिए।
हल :
थैले में गेंदों की कुल संख्या = 12
काली गेंदों की संख्या = x
∴ काली गेंद प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{x}{12}\)
यदि थैले में 6 काली गेंदें और डाल दी जाएँ, तो पेटी में गेंदों की कुल संख्या = 12 + 6 = 18
काली गेंदों की संख्या = x + 6
काली गेंद प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{x+6}{18}\)
प्रश्न के अनुसार,
काली गेंद निकालने की प्रायिकता = 2 पहली स्थिति में काली गेंद निकालने की प्रायिकता
\(\frac{x+6}{18}=\frac{2 x}{12}\)

\(\frac{x+6}{3}=\frac{2 x}{2}\)

\(\frac{x+6}{3}\) = x

x + 6 = 3x
6 = 3x – x
6 = 2x
x = 3
∴ काली गेंदों की संख्या = 3

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.2

प्रश्न 5.
एक जार में 24 कंचे हैं जिनमें कुछ हरे हैं और शेष नीले हैं। यदि इस जार में से यादृच्छया एक कंचा निकाला जाता है तो इस कंचे के हरा होने की प्रायिकता है। जार में नीले कंचों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल :
जार में कंचों की कुल की संख्या = 24
मान लीजिए हरे कंचों की संख्या = x
नीले कंचों की संख्या = 24 – x
∴ जब एक कंचा निकाला जाता है
हरा कंचा निकालने की प्रायिकता = \(\frac{2}{3}\)
\(\frac{x}{24}=\frac{2}{3}\)

x = \(\frac{24 \times 2}{3}\)

x = 16
हरे कंचों की संख्या = 16
नीले कंचों की संख्या = 24 – x = 24 – 16 = 8.

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

Punjab State Board PSEB 10th Class Maths Book Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1 Textbook Exercise Questions and Answers

PSEB Solutions for Class 10 Maths Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 1.
निम्नलिखित कथनों को पूरा कीजिए :
(i) घटना E की प्रायिकता + घटना ‘E नहीं’ की प्रायिकता = ……… है।
(ii) उस घटना की प्रायिकता जो घटित नहीं हो सकती ………. है। ऐसी घटना ……… कहलाती है।
(ii) उस घटना की प्रायिकता जिसका घटित होना निश्चित है …………. है। ऐसी घटना …………….. कहलाती है।
(iv) किसी प्रयोग की सभी प्रारंभिक घटनाओं की प्रायिकताओं का योग ……….. है।
(v) किसी घटना की प्रायिकता ……………से बड़ी या उसके बराबर होती है तथा ………. से छोटी या उसके बराबर होती है।
हल :
(i) E+ की प्रायिकता घटना ‘नही E’की प्रायिकता = 1 है।
(ii) उस घटना की प्रायिकता जो घटित नहीं हो सकती 0 है। ऐसी घटना असंभव घटना कहलाती है।
(iii) उस घटना की प्रायिकता जिसका घटित होना निश्चित है। ऐसी घटना निश्चित घटना कहलाती है।
(iv) किसी प्रयोग की सभी प्रारंभिक घटनाओं की प्रायिकताओं का योग 1 है।
(v) किसी घटना की प्रायिकता 0 से बड़ी या उसके बराबर होती है तथा 1 से छोटी या उसके बराबर होती है।

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प्रश्न 2.
निम्निलिखित प्रयोगों में से किन-किन प्रयोगों वे परिणाम समप्रायिक हैं ? स्पष्ट कीजिए।
(i) एक ड्राइवर कार चलाने का प्रयत्न करता है कार चलनी प्रारंभ हो जाती है या कार चलना प्रारंभ नहं होती है।
(ii) एक खिलाड़ी बास्केटबॉल को बास्केट में डालने का प्रयत्न करती है। वह बास्टकेट में बॉल डाल पाती है या नहीं डाल पाती है।
(iii) एक सत्य-असत्य प्रश्न का अनुमान लगाया जाता है। उत्तर सही है या गलत होगा।
(iv) एक बच्चे का जन्म होता है। वह एक लड़का है या एक लड़की है।
हल :
(i) जब एक ड्राइवर कार चलाने का प्रयत्न करता है तो सामान्य स्थिति में कार चलने लगती है परंतु यदि कार में कोई दोष हो, तो कार नहीं चलती इसलिए परिणाम समप्रायिक नहीं है।

(ii) जब एक खिलाड़ी बास्केट बॉल को बास्केट में डालने का प्रयत्न करता है, तो इस स्थिति में परिणाम समप्रायिक नहीं हैं क्योंकि परिणाम कई तथ्यों पर निर्भर करता है जैसे खिलाड़ी का प्रशिक्षण, प्रयोग की जाने वाली बन्दूक की प्रकृति आदि।

(iii) क्योंकि एक प्रश्न के लिए दो संभावनाएँ या तो सही या गलत हैं। सत्य असत्य के इस प्रश्न के इस अभिप्रयोग में एक ही परिणाम हो सकता है : सत्य या असत्य अर्थात् इस घटना के होने का एक ही अवसर है इसलिए दो परिणाम समप्रायिक हैं।

(iv) एक नव जन्मा बच्चा (जिसका जन्म इसी क्षण हुआ है) एक लड़का भी हो सकता है और एक लड़की भी हो सकती है और दोनों पर परिणाम समप्रायिक हैं।

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प्रश्न 3.
फुटबॉल के खेल को प्रारंभ करते समय यह निर्णय लेने के लिए कि कौन-सी टीम पहले बॉल लेगी, इसके लिए सिक्का उछालना एक न्यायसंगत विधि क्यों माना जाता है ? हल :
जब सिक्के को उछाला जाता है तो केवल दो ही संभावनाएँ होती हैं अर्थात् परिणाम चित या पट दो समप्रायिक हैं।
एक सिक्का उछालने के परिणाम की पूर्व भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।

प्रश्न 4.
निम्निलिखित में से कौन-सी संख्या किसी घटना की प्रायिकता नहीं हो सकती ?
(A) \(\frac{2}{3}\)
(B) – 1.5
(C) 15%
(D) 0.7
हल : जैसा कि हम जानते हैं कि एक घटना की प्रायिकता 0 से कम और 1 से अधिक नहीं हो सकती अर्थात् 0 ≤ P (E) ≤ 1
∴ (B) – 1.5 संभव नहीं है।

प्रश्न 5.
यदि P(E) = 0.05 है, तो ‘E नहीं की प्रायिकता क्या है ?
हल :
जैसा कि हम जानते हैं कि P(E) + P (\(\overline{\mathrm{E}}\)) = 1
P(E) = 1 – P (\(\overline{\mathrm{E}}\))
= 1 – 0.05
= 0.95.

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प्रश्न 6.
एक थैले में केवल नींबू की महक वाली मीठी गोलियाँ हैं। मालिनी बिना थैले में झाँके उसमें से एक गोली निकालती है। इसकी क्या प्रायिकता है कि वह निकाली गई गोली
(i) संतरे की महक वाली है ?
(ii) नींबू की महक वाली है ?
हल :
(i) क्योंकि एक थैले में केवल नींबू की महक वाली मीठी गोलियाँ हैं
∴ यहाँ संतरे की महक वाली कोई गोली नहीं है। अतः, यह एक असंभव घटना है।
∴ संतरे की महक वाली गोली की प्रायिकता = 0

(ii) क्योंकि थैले में केवल नींबू की महक वाली ही गोलियाँ हैं। इसलिए यह एक निश्चित घटना है।
∴ नींबू की महक वाली गोलियाँ निकालने की प्रायिकता = \(\frac{1}{1}\) = 1

प्रश्न 7.
यह दिया हुआ है कि 3 विद्यार्थियों के एक समूह में से 2 विद्यार्थियों के जन्मदिन एक ही दिन न होने की प्रायिकता 0.992 है। इसकी क्या प्रायिकता है कि इन 2 विद्यार्थियों का जन्मदिन एक ही दिन हो ?
हल :
दो विद्यार्थियों के एक ही दिन होने की घटना को \(\overline{\mathrm{A}}\) मान लीजिए।
∴ दो विद्यार्थियों के जन्म एक ही दिन न होने की घटना में है।
∴ P (\(\overline{\mathrm{A}}\)) = 0.992
∴ P (A) = 1 – P(A) (P (A) + P (\(\overline{\mathrm{A}}\)) = 1)
= 1 – 0.992 = 0.008
∴ दो विद्यार्थियों का जन्म एक ही दिन होने की प्रायिकता 0.008 है

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 8.
एक थैले में 3 लाल और 5 काली गेंदें हैं। इस थैले में से एक गेंद यादृच्छया निकाली जाती है। इसकी प्रायिकता क्या है कि गेंद
(i) लाल हो ?
(ii) लाल नहीं हो ?
हल :
लाल गेंदों की संख्या =3
काली गेंदों की संख्या = 5
गेदों की कुल संख्या = 3 + 5 = 8
एक गेंद यादृच्छया निकाली गई है

(i) लाल गेंद प्राप्त करने की प्रायिकता = अनुकूल परिणामों की संख्या / परिणामों की कुल संख्या
P (लाल गेंद) = \(\frac{3}{8}\)

(ii) लाल गेंद न प्राप्त करने की प्रायिकता
= 1 – P (लाल गेंद)
= 1 – \(\frac{3}{8}\) = \(\frac{5}{8}\)
P(\(\overline{\mathrm{A}}\)) = 1 – P(E)]

प्रश्न 9.
एक डिब्बे में 5 लाल कंचे, 8 सफेद कंचे और 4 हरे कंचे हैं। इस डिब्बे में से एक कंचा यादृच्छया निकाला जाता है। इसकी क्या प्रायिकता है कि निकाला गया कंचा
(i) लाल है ?
(ii) सफेद है ?
(iii) हरा नहीं है ?
हल :
लाल कंचों की संख्या = 5
सफेद कंचों की संख्या = 8
हरे कंचों की संख्या = 4
कंचों की कुल संख्या = 5 + 8 + 4 = 17
क्योंकि एक कंचा निकाला गया है

(i) लाल कंचे 5 हैं लाल कंचा निकालने की प्रायिकता = अनुकूल परिणामों की संख्या / परिणामों की कुल संख्या
= \(\frac{5}{17}\)

(ii) क्योंकि सफेद कंचे 8 हैं।
सफेद कंचा निकालने की प्रायिकता = अनुकूल परिणामों की संख्या / परिणामों की कुल संख्या
= \(\frac{4}{17}\)

(iii) हरे कंचे 4 हैं।
हरा कंचा निकालने की प्रायिकता = अनुकूल परिणामों की संख्या / परिणामों की कुल संख्या
= \(\frac{4}{17}\)
∴ हरा कंचा न निकालने की प्रायिकता = 1 – हरा कंचा निकालने की प्रायिकता
= 1 – \(\frac{4}{17}\)
= \(\frac{17-4}{17}\)
= \(\frac{13}{17}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 10.
एक पिग्गी बैंक (piggy bank) में, 50 पैसे के सौ सिक्के हैं, ₹ 1 के पचास सिक्के हैं, ₹ 2 के बीस सिक्के और ₹ 5 के दस सिक्के हैं। यदि पिग्गी बैंक को हिलाकर उल्टा करने पर कोई एक सिक्का गिरने के परिणाम समप्रायिक हैं, तो इसकी क्या प्रायिकता है कि वह गिरा हुआ सिक्का
(i) 50 पैसे का होगा ?
(ii) ₹5 का नहीं होगा ?
हल : 50 पैसे के सिक्कों की संख्या = 100
1 ₹ के सिक्कों की संख्या = 50
2 ₹ के सिक्कों की संख्या = 20
5 ₹ के सिक्कों की संख्या = 10
सिक्कों की कुल संख्या = 100 + 50 + 20 + 10 = 180

(i) चूँकि 50 पैसे के 100 सिक्के हैं
50 पैसे के सिक्के प्राप्त करने की प्रायिकता = अनुकूल परिणामों की संख्या / परिणामों की कुल संख्या
= \(\frac{100}{180}\)

(50 p के सिक्के) = \(\frac{5}{9}\)

(ii) ₹ 5 के सिक्कों की संख्या = 10
∴ ₹ 5 के सिक्के प्राप्त करने की प्रायकिता = अनुकूल परिणामों की संख्या / परिणामों की कुल संख्या 10 1
P (₹ 5 के सिक्के) = \(\frac{10}{180}=\frac{1}{18}\)
₹5 के सिक्के प्राप्त न करने की प्रायकिता = 1 – P (₹ 5 के सिक्के)
= 1 – \(\frac{1}{18}\)
= \(\frac{18-1}{18}\)
= \(\frac{17}{18}\)

प्रश्न 11.
गोपी अपने जल-जीव कुंड (aquarium) के लिए एक दुकान से मछली खरीदती है। दुकानदार एक टंकी, जिसमें 5 नर मछली और 8 मादा मछली हैं, में से एक मछली यादृच्छया Ke उसे देने के लिए निकालती है ( देखिए आकृति)। इसकी क्या प्रायिकता है कि निकाली गई मछली नर मछली है ?

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1 1

हल :
नर मछलियों की संख्या = 5
मादा मछलियों की संख्या = 8
जल-जीव कुण्ड में मछलियों की कुल संख्या = 5 + 8 = 13
नर मछली प्राप्त करने की प्रायिकता = अनुकूल परिणामों की संख्या / परिणामों की कुल संख्या
P(नर मछली) = \(\frac{5}{13}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 12.
संयोग (chance) के एक खेल में, एक तीर को घुमाया जाता है, जो विश्राम में आने के बाद संख्याओं 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, और 8 में से किसी एक संख्या को इंगित करता है ( देखिए आकृति)।यदि ये सभी परिणाम समप्रायिक हों तो इसकी क्या प्रायिकता है कि यह तीर इंगित
(i) 8 को करेगा ?
(ii) एक विषम संख्या को करेगा ?
(ii) 2 से बड़ी संख्या को करेगा ?
(iv) 9 से छोटी संख्या को करेगा ?

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1 2

हल :
(i) परिणामों की कुल संख्या = {1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8}
‘8’ प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{1}{8}\)

(ii) विषम संख्याएँ हैं = {1, 3, 5, 7}’
विषम संख्या प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{4}{8}=\frac{1}{2}\)

(iii) 2 से बड़ी संख्याएँ हैं {3, 4, 5, 6, 7, 8}
∴ 2 से बड़ी संख्याएँ प्राप्त करने की प्रायिकता 2 = \(\frac{6}{8}=\frac{3}{4}\)
P (2 से बड़ी संख्या) = \(\frac{3}{4}\)

(iv) 9 से छोटी संख्याएँ हैं : {1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8}
∴ 9 से छोटी संख्या प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{8}{8}\)
P (9 से छोटी संख्या) = 1

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 13.
एक पासे को एक बार फेंका जाता है। निम्नलिखित को प्राप्त करने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए:
(i) एक अभाज्य संख्या,
(ii) 2 और 6 के बीच स्थित | कोई संख्या
(iii) एक विषम संख्या।
हल :
जब पासे को एक बार फेंका जाता है तो संभव परिणाम हैं
S = {1, 2, 3, 4, 5, 6}
(i) अभाज्य संख्याएँ हैं : {2, 3, 5}
∴ अभाज्य संख्या प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{3}{6}=\frac{1}{2}\)

(ii) 2 और 6 के बीच स्थित संख्याएँ = {3, 4, 5}
2 और 6 के बीच स्थित संख्या प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{3}{6}=\frac{1}{2}\)

(ii) विषम संख्याएँ हैं = {1, 3, 5}
एक विषम संख्या प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{3}{6}=\frac{1}{2}\)
P (एक विषम संख्या) = \(\frac{1}{2}\)

प्रश्न 14.
52 पत्तों की अच्छी प्रकार से फेटी गई एक गड्डी में से एक पत्ता निकाला जाता है। निम्नलिखित को प्राप्त करने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए :
(i) लाल रंग का बादशाह
(ii) एक फेस कार्ड अर्थात् तस्वीर वाला पत्ता
(ii) लाल रंग की तस्वीर वाला पत्ता
(iv) पान का गुलाम
(v) हुकुम का पत्ता
(vi) एक ईट की बेगम
हल :
52 पत्तों की एक गड्डी में पत्तों की संख्या | 52 है।
(i) लाल रंग के दो बादशाह हैं अर्थात् पान का बादशाह और ईंट का बादशाह
लाल रंग का बादशाह प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{2}{52}=\frac{1}{26}\)
P (लाल रंग का बादशाह) = \(\frac{1}{26}\)

(ii) 12 फेस कार्ड हैं अर्थात् 4 गुलाम, 4 बेगम और 4 बादशाह
तस्वीर वाला पत्ता प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{12}{52}\)
P (एक फेस कार्ड) = \(\frac{3}{13}\)

(iii) क्योंकि लाल रंग के 6 पत्ते हैं अर्थात् 2 गुलाम 2 बेगम और 2 बादशाह हैं।
∴ 6 लाल रंग के फेस कार्ड प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{6}{52}\)
P (लाल रंग का फेस कार्ड) = \(\frac{3}{26}\)

(iv) पान का केवल एक ही गुलाम है।
∴ एक पान का गुलाम प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{1}{52}\)
P (एक पान का गुलाम) = \(\frac{1}{52}\)

(v) चूँकि हुकुम के 13 पत्ते हैं
∴ हुकुम का पत्ता प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{13}{52}\)
P (एक हुकुम का पत्ता) = \(\frac{1}{4}\)

(vi) चूँकि ईंट की बेगम केवल एक ही है
∴ ईंट की बेगम प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{1}{52}\)
P(ईंट की प्रायिकता) = \(\frac{1}{52}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 15.
ताश के पाँच पत्तों-ईंट का दहला, गुलाम, बेगम, बादशाह और इक्का, को पलट कर के अच्छी प्रकार फेटा जाता है। फिर इनमें से यादृच्छेया एक पत्ता निकाला जाता है। (i) इसकी क्या प्रायिकता है कि यह पत्ता एक बेगम है ?
(ii) यदि बेगम निकल आती है, तो उसे अलग रख दिया जाता है और एक अन्य पत्ता निकाला जाता है।
इसकी क्या प्रायिकता है कि दूसरा निकाला गया पत्ता
(a) एक इक्का है ?
(b) एक बेगम है ?
हल :
पाँच पत्ते ईंट का दहला, गुलाम, बेगम, बादशाह और इक्का हैं।
(i) बेगम प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{1}{5}\)
∴ P (एक बेगम) = \(\frac{1}{5}\)

(ii) यदि बेगम निकल आती है, तो उसे अलग रख दिया जाता है तो चार पत्ते बच जाते हैं : ईंट का दहला, गुलाम, बादशाह और इक्का
(a) इक्का प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{1}{4}\)
P(एक इक्का) = \(\frac{1}{4}\)
कोई बेगम नहीं बची।

(b) बेगम प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{0}{4}\) = 0
P (एक बेगम) = 0

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 16.
किसी कारण 12 खराब पेन 132 अच्छे पेनों में मिल गए हैं। केवल देखकर यह नहीं बताया जा सकता है कि कोई पेन खराब है या अच्छा है। इस मिश्रण में से, एक पेन यादृच्छया निकाला जाता है। निकाले गए पेन की अच्छा होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
हल :
खराब पेनों की संख्या = 12
अच्छे पेनों की संख्या = 132
पेनों की कुल संख्या = 12 + 132 = 144
अच्छा पेन प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{132}{144}=\frac{11}{12}\)
P (एक अच्छा पेन) = \(\frac{11}{12}\)

प्रश्न 17.
(i) 20 बल्बों के एक समूह में 4 बल्ब खराब हैं। इस समूह में से एक बल्ब यादृच्छया निकाला जाता है। इसका क्या प्रायिकता है कि यह बल्ब खराब होगा ?
(ii) मान लीजिए (i) में निकाला गया बल्ब खराब नहीं है और न ही इसे दुबारा बल्बों के साथ मिलाया जाता है। अब शेष बल्बों में से एक बल्ब यादृच्छया निकाला जाता है। इसकी क्या प्रायिकता है कि यह बल्ब खराब नहीं होगा?
हल :
(i) खराब बल्बों की संख्या = 4
अच्छे बल्बों (खराब नहीं) की संख्या = 16
बल्बों की कुल संख्या = 4 + 16 = 20
खराब बल्ब प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{4}{20}\)

(ii) जब निकाला गया बल्ब दोबारा बल्बों के साथ नहीं मिलाया जाता है, तो 19 बल्ब शेष बच जाते हैं।
अब खराब बल्ब प्राप्त न करने की प्रायिकता = \(\frac{15}{19}\)
∴ P(खराब बल्ब नहीं) = \(\frac{15}{19}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 18.
एक पेटी में 90 डिस्क (discs) हैं, जिन पर 1 से 90 तक संख्याएँ अंकित हैं। यदि इस पेटी में से एक डिस्क यादृच्छया निकाली जाती है तो इसकी प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि इस डिस्क पर अंकित होगी:
(i) दो अंकों की एक संख्या
(ii) एक पूर्ण वर्ग संख्या
(iii) 5 से विभाज्य एक संख्या।
हल :
1 से 90 तक कुल 90 संख्याएँ हैं और 10 से 90 तक 80 संख्याएँ दो अंकों वाली हैं।
(i) दो अंकों वाली संख्या प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{81}{90}\)
∴ P (दो अंकों की एक संख्या) = \(\frac{81}{90}\)

(ii) पूर्ण वर्ग संख्याएँ हैं : {1, 4, 9, 16, 25, 36, 49, 64, 81}
1 से 90 तक 9 पूर्ण वर्ग संख्याएँ हैं।
पूर्ण वर्ग संख्या प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{9}{90}=\frac{1}{10}\)
P (एक पूर्ण वर्ग संख्या) = \(\frac{1}{10}\)

(ii) 5 से विभाज्य संख्याएँ हैं : {5, 10, 15, 20, 25, 30, 35, 40, 45, 50, 55, 60, 65, 70, 75, 80, 85, 90}
5 से विभाज्य 18 संख्याएँ हैं :
∴ 5 से विभाज्य संख्या प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{18}{90}=\frac{1}{5}\)
∴ अभीष्ट प्रायिकता = \(\frac{1}{5}\).

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 19.
एक बच्चे के पास ऐसा पासा हैं जिसके फलकों पर निम्नलिखित अक्षर अंकित हैं :

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1 3

इस पासे को एक बार फेंका जाता है। इसकी क्या प्रायिकता है कि
(i) A प्राप्त हो ?
(ii) D प्राप्त हो ?
हल :
पासे के फलकों की संख्या = 6
S = {A, B, C, D, E, A}
n (S) = 6.
(1) चूंकि दो फलकों पर A हैं।
∴ A प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{2}{6}=\frac{1}{3}\)
P(A) = \(\frac{1}{3}\)

(2) चूँकि केवल एक फलक पर D अंकित है।
D प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{1}{6}\)
∴ P(D) = \(\frac{1}{6}\)

प्रश्न 20.
मान लीजिए आप एक पासे को आकृति में दर्शाए आयताकार क्षेत्र में यादृच्छया रूप से गिराते हैं। इसकी क्या प्रायिकता है कि वह पासा 1 m व्यास वाले वृत्त के अंदर गिरेगा ?

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1 4

हल : आयत की लंबाई (l) = 3 m
आयत की चौड़ाई (b) = 2 m
∴ आयत का क्षेत्रफल = 3 m × 2 m = 6 m2
वृत्त का व्यास = 1 m
वृत्त की त्रिज्या (R) = \(\frac{1}{2}\) m
∴ वृत्त का क्षेत्रफल = πR2
= π(\(\frac{1}{2}\))2
= \(\frac{\pi}{4}\) m2
वृत्त के अंदर गिरने वाले पासे = वृत का क्षेत्रफल / आयत का क्षेत्रफल
= \(\frac{\frac{\pi}{4} m^{2}}{6 m^{2}}=\frac{\pi}{24}\)
∴ अभीष्ट प्रायिकता = \(\frac{\pi}{24}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 21.
144 बॉल पेनों के एक समूह में 20 बॉलपेन खराब हैं और शेष अच्छे हैं। आप वही पेन खरीदना चाहेंगे जो अच्छा हो, परंतु खराब पेन आप खरीदना नहीं चाहेंगे। दुकानदार इन पेनों में से, यादृच्छया एक पेन निकालकर आपको देता है। इसकी क्या प्रायिकता है कि
(i) आप वह पेन खरीदेंगे ?
(ii) आप वह पेन नहीं खरीदेंगे ?
हल :
समूह में बॉल पेनों की कुल संख्या = 144
खराब पेनों की संख्या = 200
∴ अच्छे पेनों की संख्या = 144 – 20 = 124

(i) मान लीजिए आप वह पेन खरीदने की घटना A है
∴ पेन खरीदने की प्रायिकता = \(\frac{144}{124}\)
P(A) = \(\frac{31}{36}\)

(ii) वह पेन नही खरीदने की घटना \(\overline{\mathrm{A}}\) होगी :
P(\(\overline{\mathrm{A}}\)) = 1 – P (A)
= 1 – \(\frac{31}{36}\)
= \(\frac{36-31}{36}\)
∴ P(पेन नहीं खरीदने) = \(\frac{5}{36}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 22.
एक सलेटी पासे और एक नीले पासे को एक साथ फेंका जाता है। सभी संभावित परिणामों का लिाखए।
(i) निम्नलिखित सारणी को पूरा कीजिए :

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1 5

(ii) एक विद्यार्थी यह तर्क देता है कि ‘यहाँ कुल 11 परिणाम 2, 3, 4, 5, 6, 7,8,9 10, 11 और 12 हैं। अतः, प्रत्येक की प्रायिकता है। क्या आप इस तर्क से सहमत हैं ? सकारण उत्तर दीजिए।
हल :
जब दो पासे फेंके जाते हैं तो संभाव्य परिणामों की कुल संख्या है :
S = [(1, 1) (1, 2) (1, 3) (1, 4) (1, 5) (1, 6) (2, 1) (2, 2) (2, 3) (2, 4) (2, 5) (2,6) (3, 1) (3, 2) (3, 3) (3, 4) (3, 5) (3, 6) (4, 1) (4, 2) (4, 3) (4, 4) (4, 5) (4, 6) (5, 1) (5, 2) (5, 3) (5, 4) (5,5) (5, 6) (6, 1) (6, 2) (6, 3) (6, 4) (6, 5) (6, 6),]
n(S) = 36
मान लीजिए योग 3 प्राप्त करना’ घटना A है।
∴ A = {(1,2) (2,1)}
n (A) = 2
∴ योग 3 प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{2}{36}=\frac{1}{18}\)
P(A) = \(\frac{1}{18}\)

मान लीजिए ‘योग 4 प्राप्त करना’ घटना B है
B = {(1, 3), (3, 1), (2, 2)}
n(B) = 3
∴ P(B) = \(\frac{3}{36}=\frac{1}{12}\)

मान लीजिए ‘योग 5 प्राप्त करना’ घटना C है
C = {(14) (4, 1) (2, 3) (3, 2)}
n (C) = 4
P(C) = \(\frac{4}{36}=\frac{1}{9}\)

मान लीजिए ‘योग 6 प्राप्त करना’ घटना D है
D = {(1, 5) (5, 1) (2,4) (4, 2) (3, 3)},
n(D) = 5
∴ P(6) = \(\frac{5}{36}\)

मान लीजिए ‘योग 7 प्राप्त करना’ घटना E है
E = {(1.6) (6, 1) (2, 5) (5, 2) (4, 3) (3,4)}
∴ P(E) = P (योग 7 प्राप्त करना) = \(\frac{6}{36}=\frac{1}{6}\)

जब दोनो पासों को फेंका जाता हैं तो मान लीजिए ‘योग 8 प्राप्त करना’ घटना F है
F = {(2, 6) (6, 2) (3, 5) (4, 4) (5, 3)}
∴ n (F) = 5
P (F) = P (योग 8 प्राप्त करना) = \(\frac{5}{36}\)

मान लीजिए ‘योग 9 प्राप्त करना’ घटना G है
G = {(4, 5) (5, 4) (3, 6) (6, 3)}
n(G) = 4 .
∴ P (G) = P (योग 9 प्राप्त करना) = \(\frac{4}{36}=\frac{1}{9}\)

मान लीजिए ‘योग 10 प्राप्त करना’ घटना H है
H = {(6, 4) (4. 6) (5, 5)}
n (H) = 3
∴ P(H) = P (योग 10 प्राप्त करना) = \(\frac{3}{36}=\frac{1}{12}\)

मान लीजिए ‘योग 11 प्राप्त करना’ घटना I है
I = {(5,6) (6, 5)}
n (I) = 2
∴ P(I) = \(\frac{3}{36}=\frac{1}{12}\)

मान लीजिए ‘योग 12 प्राप्त करना’ घटना J है
J= {(6, 6};
n (J) = 1
∴ P (J) = \(\frac{1}{36}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1 6

(ii) नहीं सभी 11 संभाव्य परिणाम समप्रायिक नहीं हैं। क्योंकि उनकी प्रायिकता भिन्न-भिन्न है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 23.
एक खेल में एक रुपए के सिक्के को तीन बार उछाला जाता है और प्रत्येक बार का परिणाम लिख लिया जाता है। तीनों परिणाम समान होने पर, अर्थात् तीन चित या तीन पट प्राप्त होने पर, हनीफ खेल में जीत जाएगा, अन्यथा वह हार जाएगा। हनीफ के खेल में हार | जाने की प्रायिकता परिकलित कीजिए।
हल :
जब एक रुपये के सिक्के को तीन बार उछाला जाता है तो संभाव्य परिणाम हैं :
S = {HHH, HHT HTH, THH, HTT, THT, TTH, TIT}
n (S) = 8
मान लीजिए तीनों परिणाम समान होना घटना A है अर्थात् {HHH, TIT}
∴ P(A) = हार जाने की प्रायिकता = 1 – P (A)
P\((\overline{\mathrm{A}})\) = \(1-\frac{1}{4}=\frac{4-1}{4}=\frac{3}{4}\)
∴ हार जाने की प्रायिकता = \(\frac{3}{4}\)

प्रश्न 24.
एक पासे को दो बार फेंका जाता है। इसकी क्या प्रायिकता है कि
(i) 5 किसी भी बार में नहीं आएगा ?
(ii) 5 कम से कम एक बार आएगा ?
हल :
जब पासे को दो बार फेंका जाता है तो सभी संभाव्य परिणाम हैं :
S = [(1, 1) (1, 2) (1, 3) (1, 4) (1, 5) (1, 6) (2, 1) (2, 2) (2, 3) (2, 4) (2, 5) (2, 6) (3, 1) (3, 2) (3, 3) (3, 4) (3, 5) (3, 6) (4, 1) (4, 2) (4, 3) (4, 4) (4, 5) (4, 6) (5, 1) (5, 2) (5, 3) (5, 4) (5, 5) (5, 6) (6, 1) (6, 2) (6, 3) (6, 4) (6, 5) (6, 6)]
n (S) = 36
मान लीजिए ‘5 प्रत्येक बार 5 आएगा’ घटना A है
A = {(1, 5) (2, 5) (3, 5) (4, 5) (5, 5) (6, 5) (5, 1) (5, 2) (5, 3) (5, 4) (5, 5)}
n (A) = 11
∴ 5 किसी भी बार नहीं आएगा’ घटना \(\overline{\mathrm{A}}\) है
n(\(\overline{\mathrm{A}}\)) = 36 – 11 = 25

(i) ∴ ‘5 किसी भी बार में नहीं आएगा’ की प्रायिकता = \(\frac{25}{36}\)
P(\(\overline{\mathrm{A}}\)) = \(\frac{25}{36}\)
कम से कम एक बार आएगा’ की प्रायिकता = \(\frac{11}{36}\)
∴ P(A) = \(\frac{11}{36}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 25.
निम्नलिखित में से कौन-से तर्क सर्त्य हैं और कौन-से तर्क असत्य हैं ? सकारण उत्तर दीजिए।
(i) यदि दो सिक्कों को एक साथ उछाला जाता है, तो इसके तीन संभावित परिणाम-दो चित, दो पट या प्रत्येक एक बार हैं। अतः, इनमें से प्रत्येक परिणाम की प्रायिकता \(\frac{1}{3}\) है।
(ii) यदि एक पासे को फेंका जाता है, तो इसके दो संभावित परिणाम-एक विषम संख्या या एक सम संख्या हैं। अतः एक विषम संख्या ज्ञात करने की प्रायिकता \(\frac{1}{2}\) है।
हल :
(i) जब दो सिक्कों को उछाला जाता है, तो संभाव्य परिणाम हैं :
S = {HH, HT, TH, TT}
दो चित प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{1}{4}\)
P (HH) = \(\frac{1}{4}\)
दो पट प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{1}{4}\)
P (TT) = \(\frac{1}{4}\)
एक चित और एक पट प्राप्त करने की प्रायिकता
∴ (i) तर्क असत्य है।

(ii) जब पासे को फेंका जाता है तो संभाव्य परिणाम हैं:
S = {1, 2, 3, 4, 5, 6}
n (S) = 6
विषम संख्याएँ हैं : 1, 3, 5
∴ विषम संख्या प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{3}{6}=\frac{1}{2}\)
सम संख्याएँ हैं : 2, 4, 6
∴ सम संख्या प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{3}{6}=\frac{1}{2}\)

(ii) तर्क सत्य है।