PSEB 11th Class Chemistry Book Solutions Guide in Punjabi English Medium

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PSEB 11th Class Political Science Solutions Chapter 15 सरकारों के रूप-संसदीय और अध्यक्षात्मक सरकारें

Punjab State Board PSEB 11th Class Political Science Book Solutions Chapter 15 सरकारों के रूप-संसदीय और अध्यक्षात्मक सरकारें Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 11 Political Science Chapter 15 सरकारों के रूप-संसदीय और अध्यक्षात्मक सरकारें

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-

प्रश्न 1.
संसदात्मक सरकार की मुख्य विशेषताएं बताइए।
(Describe the chief characteristics of the parliamentary form of government.)
अथवा
संसदीय सरकार क्या है ? संसदीय सरकार की मुख्य विशेषताओं का वर्णन करो।
(What is parliamentary government ? Discuss the main features of parliamentary Government.)
उत्तर-
कार्यपालिका और विधानपालिका के सम्बन्धों के आधार पर दो प्रकार के शासन होते हैं-संसदीय तथा अध्यक्षात्मक। यदि कार्यपालिका और विधानपालिका में घनिष्ठ सम्बन्ध हों और दोनों एक-दूसरे का अटूट भाग हों तो संसदीय सरकार होती है और यदि कार्यपालिका तथा विधानपालिका एक-दूसरे से लगभग स्वतन्त्र हों तो अध्यक्षात्मक सरकार होती है।

संसदीय सरकार का अर्थ (Meaning of Parliamentary Government)–संसदीय सरकार में कार्यपालिका तथा विधानपालिका में घनिष्ठ सम्बन्ध पाया जाता है। संसदीय सरकार शासन की वह प्रणाली है जिसमें कार्यपालिका (मन्त्रिमण्डल) अपने समस्त कार्यों के लिए संसद् (विधानपालिका) के प्रति उत्तरदायी होती है और अब तक अपने पद पर रहती है जब तक इसको संसद् का विश्वास प्राप्त रहता है। जिस समय कार्यपालिका संसद् का विश्वास खो बैठे तभी कार्यपालिका को त्याग-पत्र देना पड़ता है। संसदीय सरकार को उत्तरदायी सरकार (Responsible Government) भी कहा जाता है क्योंकि इसमें सरकार अपने समस्त कार्यों के लिए उत्तरदायी होती है। इस सरकार को कैबिनेट सरकार (Cabinet Government) भी कहा जाता है क्योंकि इसमें कार्यपालिका की शक्तियां कैबिनेट द्वारा प्रयोग की जाती हैं।

1. डॉ० गार्नर (Dr. Garner) का मत है कि, “संसदीय सरकार वह प्रणाली है जिसमें वास्तविक कार्यपालिका, मन्त्रिमण्डल या मन्त्रिपरिषद् अपनी राजनीतिक नीतियों और कार्यों के लिए प्रत्यक्ष तथा कानूनी रूप से विधानमण्डल या उसके एक सदन (प्रायः लोकप्रिय सदन) के प्रति और राजनीतिक तौर पर मतदाताओं के प्रति उत्तरदायी हो जबकि राज्य का अध्यक्ष संवैधानिक या नाममात्र कार्यपालिका हो और अनुत्तरदायी हो।”

2. गैटेल (Gettell) के अनुसार, “संसदीय शासन प्रणाली शासन के उस रूप को कहते हैं जिसमें प्रधानमन्त्री तथा मन्त्रिपरिषद् अर्थात् वास्तविक कार्यपालिका अपने कार्यों के लिए कानूनी दृष्टि से विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी होती है। चूंकि विधानपालिका के दो सदन होते हैं अतः मन्त्रिमण्डल वास्तव में उस सदन के नियन्त्रण में होता है जिसे वित्तीय मामलों पर अधिक शक्ति प्राप्त होती है जो मतदाताओं का अधिक सीधे ढंग से प्रतिनिधित्व करता है।”
इस परिभाषा से यह स्पष्ट है कि संसदीय सरकार में मन्त्रिमण्डल अपने समस्त कार्यों के लिए विधानमण्डल के प्रति उत्तरदायी होता है और राज्य का नाममात्र का मुखिया किसी के प्रति उत्तरदायी नहीं होता।

संसदीय सरकार को सर्वप्रथम इंग्लैंड में अपनाया गया था। आजकल इंग्लैंड के अतिरिक्त जापान, कनाडा, नार्वे, स्वीडन, बंगला देश तथा भारत में भी संसदीय सरकारें पाई जाती हैं।

संसदीय सरकार के लक्षण
(Features of Parliamentary Government)-

संसदीय प्रणाली के निम्नलिखित लक्षण होते हैं-
1. राज्य का अध्यक्ष नाममात्र का सत्ताधारी (Head of the State is Nominal Executive)-संसदीय सरकार में राज्य का अध्यक्ष नाममात्र का सत्ताधारी होता है। सैद्धान्तिक रूप में तो राज्य की सभी कार्यपालिका शक्तियां राज्य के अध्यक्ष के पास होती हैं और उनका प्रयोग भी उनके नाम पर होता है, पर वह उनका प्रयोग अपनी इच्छानुसार नहीं कर सकता। उसकी सहायता के लिए एक मन्त्रिमण्डल होता है, जिसकी सलाह के भार ही उस अपनी शक्तियों का प्रयोग करना पड़ता है। अध्यक्ष का काम तो केवल हस्ताक्षर करना है।

2. मन्त्रिमण्डल वास्तविक कार्यपालिका होती है (Cabinet is the Real Executive)-राज्य के अध्यक्ष के नाम में दी गई शक्तियों का वास्तविक प्रयोग मन्त्रिमण्डल करता है। अध्यक्ष के लिए मन्त्रिमण्डल से सलाह मांगना और मानना अनिवार्य है। मन्त्रिमण्डल ही अन्तिम फैसला करता है और वही देश का वास्तविक शासक है। शासन का प्रत्येक विभाग एक मन्त्री के अधीन होता है और सब कर्मचारी उसके अधीन काम करते हैं। हर मन्त्री अपने विभागों का काम मन्त्रिमण्डल की नीतियों के अनुसार चलाने के लिए उत्तरदायी होता है।

3. कार्यपालिका और व्यवस्थापिका में घनिष्ठ सम्बन्ध (Close Relation between Executive and Legislature)-संसदीय प्रणाली में कार्यपालिका और व्यवस्थापिका में घनिष्ठ सम्बन्ध रहता है। मन्त्रिमण्डल वास्तविक कार्यपालिका होती है। इसके सदस्य अर्थात् मन्त्री संसद् में से ही लिए जाते हैं। ये मन्त्री संसद् की बैठकों में भाग लेते हैं, बिल पेश करते हैं, बिलों पर बोलते हैं और यदि सदन के सदस्य हों तो मतदान के समय मत का प्रयोग करते हैं। इस प्रकार मन्त्री प्रशासक (Administrator) भी हैं, कानून-निर्माता (Legislator) भी।

4. मन्त्रिमण्डल का उत्तरदायित्व (Responsibility of the Cabinet)—कार्यपालिका अर्थात मन्त्रिमा अपने सब कार्यों के लिए व्यवस्थापिका के प्रति उत्तरदायी होती है। संसद् सदस्य मन्त्रियों से प्रश्न पूट सकते हैं, जिनका उन्हें उत्तर देना पड़ता है। मन्त्रिमण्डल अपनी नीति निश्चित करता है, उसे संसद् के सामने रखता है तथा उसका समर्थन प्राप्त करता है। मन्त्रिमण्डल, अपना कार्य संसद् की इच्छानुसार ही करता है।

5. उत्तरदायित्व सामूहिक होता है (Collective Responsibility)-मन्त्रिमण्डल इकाई के रूप में कार्य करता है और मन्त्री सामूहिक रूप से संसद् के प्रति उत्तरदायी होते हैं। यदि संसद् एक मन्त्री के विरुद्ध अविश्वास का प्रस्ताव पास कर दे तो समस्त मन्त्रिमण्डल को अपना पद छोड़ना पड़ता है। किसी विशेष परिस्थिति में एक मन्त्री अकेला भी हटाया जा सकता है।

PSEB 11th Class Political Science Solutions Chapter 15 सरकारों के रूप-संसदीय और अध्यक्षात्मक सरकारें

6. मन्त्रिमण्डल का अनिश्चित कार्यकाल (Tenure of the Cabinet is not Fixed)-मन्त्रिमण्डल की अवधि भी निश्चित नहीं होती। संसद् की इच्छानुसार ही वह अपने पद पर रहते हैं। संसद् जब चाहे मन्त्रिमण्डल को अपदस्थ कर सकती है, अर्थात् यदि निम्न सदन का बहुमत मन्त्रिमण्डल के विरुद्ध हो तो उसे अपना पद छोड़ना पड़ता है। यही कारण है कि निम्न सदन के नेता को ही प्रधानमन्त्री नियुक्त किया जाता है और उसकी इच्छानुसार ही दूसरे मन्त्रियों की नियुक्ति होती है।

7. मन्त्रिमण्डल की राजनीतिक एकरूपता (Political Homogeneity of the Cabinet)—संसदीय सरकार की एक विशेषता यह भी है कि इसमें मन्त्रिमण्डल के सदस्य एक ही राजनीतिक दल से सम्बन्धित होते हैं। यह आवश्यक भी है क्योंकि जब तक मन्त्री एक ही विचारधारा और नीतियों के समर्थक नहीं होंगे, मन्त्रिमण्डल में सामूहिक उत्तरदायित्व विकसित नहीं हो सकेगा।

8. गोपनीयता (Secrecy)-संसदीय सरकार में पद सम्भालने से पूर्व मन्त्री संविधान के प्रति वफादार रहने तथा सरकार के रहस्यों को गुप्त रखने की शपथ लेते हैं। कोई भी मन्त्री मन्त्रिमण्डल में हुए वाद-विवाद तथा निर्णयों को मन्त्रिमण्डल की स्वीकृति के बिना घोषित नहीं कर सकता। यदि कोई मन्त्रिमण्डल के रहस्यों की सूचना दूसरे लोगों को देता है तो कानून के अनुसार उसे सख्त दण्ड दिया जाता है।

9. प्रधानमन्त्री का नेतृत्व (Leadership of the Prime Minister)-संसदीय शासन प्रणाली में मन्त्रिमण्डल प्रधानमन्त्री के नेतृत्व में कार्य करता है। जिस दल का बहुमत होता है उसके नेता को प्रधानमन्त्री नियुक्त किया जाता है। प्रधानमन्त्री मन्त्रिमण्डल का निर्माण करता है, मन्त्रियों में विभाग बांटता है, मन्त्रिमण्डल की बैठकों की अध्यक्षता करता है और सभी मन्त्री उसके अधीन कार्य करते हैं।

10. प्रधानमन्त्री संसद् के निम्न सदन को भंग कराने का अधिकार रखता है (Right of the Prime Minister to get the Lower House of the Parliament dissolved)–संसदीय शासन प्रणाली में प्रधानमन्त्री की सिफ़ारिश पर ही राष्ट्रपति या राजा संसद् के निम्न सदन को भंग करता है।

प्रश्न 2.
संसदीय सरकार के गुणों और दोषों की व्याख्या करें।
(Discuss the merits and demerits of Parliamentary Government.)
उत्तर-
संसदीय सरकार के गुण (Merits of Parliamentary Government)-
संसदीय शासन प्रणाली में बहुत-से गुण हैं-

1. कार्यपालिका तथा विधानपालिका में पूर्ण सहयोग (Complete Harmony between the Executive and Legislature)–संसदीय सरकार में कार्यपालिका तथा विधानपालिका में सहयोग बना रहता है। मन्त्रिमण्डल के सदस्य विधानपालिका के सदस्य होते हैं, बैठकों में भाग लेते हैं तथा बिल पास करते हैं। कार्यपालिका तथा विधानपालिका में सहयोग के कारण अच्छे कानूनों का निर्माण होता है तथा शासन में दक्षता आती है।

2. उत्तरदायी सरकार (Responsible Government)—संसदीय सरकार में सरकार अपने समस्त कार्यों के लिए विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी होती है। मन्त्रिमण्डल अपनी शक्तियों का प्रयोग अपनी इच्छा से न करके विधानमण्डल की इच्छानुसार कार्य करता है। विधानपालिका के सदस्य मन्त्रियों से प्रश्न पूछते हैं, काम रोको प्रस्ताव पेश करते हैं तथा निन्दा प्रस्ताव पास करते हैं और यदि मन्त्रिमण्डल अपनी मनमानी करता है विधानमण्डल अविश्वास प्रस्ताव पास करके मन्त्रिमण्डल को हटा सकता है।

3. सरकार निरंकुश नहीं बन सकती (Government cannot become Despotic)-मन्त्रिमण्डल अपने कार्यों के लिए विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी होने के कारण निरंकुश नहीं बन सकता। यदि मन्त्रिमण्डल अपनी मनमानी करता है तो विधानपालिका अविश्वास प्रस्ताव पास करके उसे हटा सकती है। विरोधी दल सरकार की आलोचना करके जनमत को अपने पक्ष में करने का प्रयत्न करता है। विरोधी दल सरकार को निरंकुश नहीं बनने देता।

4. परिवर्तनशील सरकार (Flexible Government)—संसदीय सरकार का यह भी गुण है कि इसमें सरकार परिवर्तनशील होती है। सरकार को समय के अनुसार बदला जा सकता है। उदाहरणस्वरूप द्वितीय महायुद्ध में जब इंग्लैण्ड में चेम्बरलेन सफल न हो सका तो उसके स्थान पर चर्चिल को प्रधानमन्त्री बनाया गया।

5. सरकार जनमत के अनुसार चलती है (Government is responsive to Public Opinion)–संसदीय शासन प्रणाली में सरकार जनमत की इच्छानुसार शासन को चलाती है। मन्त्री विधानपालिका के सदस्य होते हैं और इस प्रकार वे जनता के प्रतिनिधि होते हैं। बहुमत दल ने चुनाव के समय जनता के साथ कुछ वायदे किए होते हैं। इन वायदों को पूरा करने के लिए मन्त्रिमण्डल अपनी नीतियों का निर्माण करता है। मन्त्री सदा जनमत के अनुसार कार्य करते हैं क्योंकि उन्हें पता होता है कि यदि उन्होंने जनता की इच्छाओं को पूरा न किया तो उन्हें अगले चुनाव में बहुमत प्राप्त नहीं होगा।

6. योग्य व्यक्तियों का शासन (Government by Able Men)-संसदीय शासन प्रणाली में योग्य व्यक्तियों का शासन होता है। बहुमत दल उसी व्यक्ति को नेता चुनता है जो दल में सबसे योग्य, बुद्धिमान तथा लोकप्रिय हो। प्रधानमन्त्री उन्हीं व्यक्तियों को मन्त्रिमण्डल में शामिल करता है जो शासन चलाने के योग्य होते हैं। यदि कभी अनजाने में अयोग्य व्यक्ति को मन्त्री बना भी दिया जाए तो बाद में उसे हटाया जा सकता है। मन्त्रियों को अपने विभागों का प्रबन्ध करने के लिए स्वतन्त्रता प्राप्त होती है जिससे मन्त्रियों को अपनी योग्यता दिखाने का अवसर मिलता है।

PSEB 11th Class Political Science Solutions Chapter 15 सरकारों के रूप-संसदीय और अध्यक्षात्मक सरकारें

7. जनता को राजनीतिक शिक्षा मिलती है (Political Education to the People) संसदीय सरकार राजनीतिक दलों पर आधारित होती है। प्रत्येक दल जनमत को अपने पक्ष में करने के लिए अपनी नीतियों का प्रचार करता है और दूसरे दलों की नीतियों की आलोचना करता है। इस तरह जनता को विभिन्न दलों की नीतियों का पता चलता है। चुनाव के पश्चात् भी विरोधी दल सरकार की नीतियों की आलोचना करके जनमत को अपने पक्ष में करने का प्रयत्न करता है और सत्तारूढ़ दल सरकार की नीतियों का समर्थन करता है। इस प्रकार जनता को बहुत राजनीतिक शिक्षा मिलती है जिससे नागरिक राजनीतिक विषयों में रुचि लेने लगता है।

8. राज्य का अध्यक्ष निष्पक्ष सलाह देता है (Head of the State gives Impartial Advice)-राज्य का अध्यक्ष किसी राजनीतिक पार्टी से सम्बन्धित नहीं होता जिस कारण उसकी सलाह निष्पक्ष होती है। राज्य का अध्यक्ष सदा राष्ट्र के हित में सलाह देता है जिसे प्रधानमन्त्री प्रायः मान लेता है।

9. राजतन्त्र को प्रजातन्त्र में बदलना (Monarchy changed into Democracy)–संसदीय शासन प्रणाली का यह भी गुण है कि इसने राजतन्त्र को प्रजातन्त्र में बदल दिया है। संसदीय सरकार में शासन का मुखिया तथा राज्य का मुखिया अलग-अलग होता है। राजा राज्य का मुखिया होता है जबकि प्रधानमन्त्री शासन का मुखिया होता है। यदि आज इंग्लैण्ड में राजतन्त्रीय व्यवस्था होते हुए भी प्रजातन्त्र शासन है तो इसका श्रेय संसदीय शासन प्रणाली को है।

10. वैकल्पिक शासन की व्यवस्था (Provision for Alternative Government)-संसदीय शासन प्रणाली में मन्त्रिमण्डल तब तक अपने पद पर बना रहता है जब तक उसे विधानमण्डल का विश्वास प्राप्त रहता है। अविश्वास प्रस्ताव पास होने की दशा में मन्त्रिमण्डल को त्याग-पत्र देना पड़ता है तब विरोधी दल सरकार बनाता है। इस प्रकार प्रशासन लगातार चलता है और शासन में रुकावट नहीं पड़ती।

संसदीय सरकार के दोष (Demerits of Parliamentary Government)-

1. यह शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धान्त के विरुद्ध है (It is against the theory of Separation of Powers)–संसदीय सरकार शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धान्त के विरुद्ध है। शक्तियों के केन्द्रीयकरण से व्यक्तियों की निजी स्वतन्त्रता खतरे में पड़ सकती है। संसदीय सरकार में शासन चलाने की शक्ति तथा कानून निर्माण की शक्ति मन्त्रिमण्डल के पास केन्द्रित होती है। मन्त्री विधानपालिका के सदस्य होते हैं, बिल पेश करते हैं तथा पास करवाते हैं। प्रधानमन्त्री राज्य के अध्यक्ष को सलाह देकर विधानपालिका के निम्न सदन को भंग करवा सकता है। इस प्रकार यह शासन प्रणाली शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धान्त के विरुद्ध है।

2. अस्थिर सरकार (Unstable Government)—संसदीय शासन प्रणाली में सरकार अस्थिर होती है क्योंकि मन्त्रिमण्डल की अवधि निश्चित नहीं होती। विधानपालिका किसी भी समय अविश्वास प्रस्ताव पास करके मन्त्रिमण्डल को हटा सकती है। जिन देशों में दो से अधिक राजनीतिक दल होते हैं वहां पर सरकार बहुत अस्थिर होती है। सरकार अस्थिर होने के कारण लम्बे काल की योजनाएं नहीं बनाई जा सकतीं।

3. नीति में निरन्तरता की कम सम्भावना (Less Possibility of Continuity of Policy)—संसदीय शासन प्रणाली में सरकार की स्थिरता की कम सम्भावना रहती है। इसलिए शासन की नीतियों में निरन्तरता नहीं रहती। कार्यपालिका को विधानपालिका जब चाहे पद से हटा सकती है। इस प्रकार कभी एक राजनीतिक दल का शासन होता है तो कभी दूसरा दल सत्ता में आ जाता है। इसी कारण इस प्रणाली में नीति की निरन्तरता की सम्भावना कम रहती है।

4. शासन में दक्षता का अभाव (Administration lacks Efficiency)—इस शासन प्रणाली में शासन में दक्षता का अभाव होता है, क्योंकि इसमें शासन की बागडोर अनाड़ियों के हाथ में होती है। मन्त्रियों की नियुक्ति योग्यता के आधार पर न होकर राजनीतिक आधार पर होती है। कई बार मन्त्री को उस विभाग का अध्यक्ष भी बना दिया जाता है जिसके बारे में बिल्कुल ज्ञान ही नहीं होता।

5. मन्त्रिमण्डल की तानाशाही का भय (Danger of Dictatorship of the Cabinet)—संसदीय शासन प्रणाली में जहां केवल दो दल होते हैं वहां मन्त्रिमण्डल की तानाशाही स्थापित हो जाती है। जिस दल को विधानपालिका में बहुमत प्राप्त होता है उसी दल का मन्त्रिमण्डल बनता है और मन्त्रिमण्डल तब तक अपने पद पर रहता है जब तक उसे बहुमत का समर्थन प्राप्त रहता है। दल में अनुशासन के कारण दल का प्रत्येक सदस्य मन्त्रिमण्डल की नीतियों का समर्थन करता है। विरोधी दल की आलोचना का मन्त्रिमण्डल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता और मन्त्रिमण्डल अगले चुनाव तक अपनी मनमानी कर सकता है।

6. संसद् की दुर्बल स्थिति (Weak Position of the Parilament)-जिन देशों में राजनीतिक दल होते हैं वहां पर संसद् मन्त्रिमण्डल के हाथों का खिलौना बन जाती है। संसद् की बैठकों की तिथि तथा समय मन्त्रिमण्डल निश्चित करता है। 95% बिल मन्त्रियों द्वारा पेश किए जाते हैं और मन्त्रिमण्डल का बहुमत प्राप्त होने के कारण सभी बिल पास हो जाते हैं। वास्तव में संसद् स्वयं कानून नहीं बनाती बल्कि मन्त्रिमण्डल की सलाह से कानूनों का निर्माण करती है।

7. यह उग्र दलीय भावना को जन्म देती है (It gives birth to Aggressive Partisan Spirit)—यह शासन प्रणाली राजनीतिक दलों पर आधारित होने के कारण उग्र दलीय भावना को जन्म देती है। बहुमत दल अधिक-से-अधिक समय तक शासन पर नियन्त्रण रखना चाहता है और इसके लिए हर कोशिश करता है। दूसरी ओर विरोधी दल शीघ्रसे-शीघ्र सत्तारूढ़ दल को हटा कर स्वयं शासन पर नियन्त्रण करना चाहता है। विरोधी दल सरकार की आलोचना केवल आलोचना करने के लिए करता है। इस तरह सत्तारूढ़ दल तथा विरोधी दल में खींचातानी चलती रहती है।

8. संकटकाल के समय निर्बल सरकार (Weak in time of Emergency)—संकटकाल में शक्तियों का केन्द्रीयकरण होना चाहिए, परन्तु संसदीय सरकार में सभी निर्णय मन्त्रिमण्डल के द्वारा होते हैं और सभी निर्णय बहुमत से स्वीकृत किए जाते हैं। मन्त्रिमण्डल में वाद- विवाद पर काफ़ी समय बरबाद होता है जिससे निर्णय लेने में देरी हो जाती है। संकटकाल में संकट का सामना करने के लिए निर्णयों का शीघ्रता से होना अति आवश्यक है।

9. आलोचना आलोचना के उद्देश्य से (Criticism for the sake of Criticism)-संसदीय प्रणाली का यह दोष भी है कि विरोधी दल सरकार के हर कार्य की आलोचना करता है, चाहे वह अच्छी और जन-हित में भी क्यों न हो। ऐसा करना अच्छी बात नहीं और इससे विरोधी दल की शक्ति भी नष्ट होती है और जनता को भी उचित शिक्षा नहीं मिलती।

10. योग्य व्यक्तियों की उपेक्षा (Able Persons Neglected)—संसदीय प्रणाली में बहुमत दल के सदस्यों को ही मन्त्रिमण्डल में शामिल किया जाता है। चाहे उनमें बहुत-से अयोग्य ही क्यों हों और विरोधी दल के योग्य व्यक्तियों को भी नहीं पूछा जाता। इनसे देश को हानि होती है।

निष्कर्ष (Conclusion)–संसदीय सरकार अनेक दोषों के बावजूद भी अधिक लोकप्रिय है। आज संसार के अधिकांश देशों में संसदीय सरकार को अपनाया गया है। इस शासन प्रणाली की लोकप्रियता का कारण यह है कि इसमें सरकार जनमत की इच्छानुसार शासन चलाती है तथा अपने समस्त कार्यों के लिए विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी होती है और इसमें परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तन किया जा सकता है।

PSEB 11th Class Political Science Solutions Chapter 15 सरकारों के रूप-संसदीय और अध्यक्षात्मक सरकारें

प्रश्न 3.
अध्यक्षात्मक सरकार की मुख्य विशेषताएं बताइए।
(Describe the chief characteristics of the Presidential form of Government.)
अथवा
अध्यक्षात्मक सरकार से आप क्या समझते हैं ? इसकी मुख्य विशेषताओं का वर्णन करें।
(What do you understand by Presidential form of Government ? Discuss its main features.)
उत्तर-
अध्यक्षात्मक सरकार वह शासन प्रणाली है जिसमें कार्यपालिका विधानपालिका से स्वतन्त्र होती है और उसके प्रति उसका कोई उत्तरदायित्व नहीं होता। राज्य का अध्यक्ष राष्ट्रपति होता है और वह वास्तविक शासक होता है। राष्ट्रपति निश्चित अवधि के लिए प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तौर पर चुना जाता है और विधानपालिका जब चाहे राष्ट्रपति को नहीं हटा सकती। राष्ट्रपति मन्त्रिमण्डल का निर्माण स्वयं करता है और जब चाहे मन्त्रिमण्डल को तोड़ सकता है। मन्त्रिमण्डल के सदस्य विधानपालिका के सदस्य नहीं होते। इस प्रकार अध्यक्षात्मक सरकार शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धान्त पर आधारित है।

1. डॉ० गार्नर (Garner) के अनुसार, “अध्यक्षात्मक सरकार वह प्रणाली है जिसमें राज्य का अध्यक्ष और मन्त्री अपने कार्यकाल के लिए संवैधानिक तौर पर व्यवस्थापिका से स्वतन्त्र होते हैं और अपनी नीतियों के लिए उसके प्रति उत्तरदायी नहीं होते। इस प्रणाली में राज्य का अध्यक्ष केवल नाममात्र कार्यपालिका नहीं होता बल्कि वास्तविकता कार्यपालिका होता है और संविधान तथा कानूनों द्वारा दी गई शक्तियों का वास्तव में प्रयोग करता है।”
2. गैटेल (Gettell) के अनुसार, “अध्यक्षात्मक शासन-व्यवस्था उसे कहते हैं जिसमें प्रधान कार्यपालिका अपनी नीति एवं कार्यों के बारे में विधानपालिका से स्वतन्त्र होता है।”

संयुक्त राज्य अमेरिका, चिल्ली, मैक्सिको, श्रीलंका, जर्मन, रूस आदि देशों में अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली पाई जाती है।
अध्यक्षात्मक प्रणाली के लक्षण (Features of the Presidential System)-अध्यक्षात्मक प्रणाली में निम्नलिखित प्रमुख बातें होती हैं-

1. नाममात्र तथा वास्तविक कार्यपालिका में भेद नहीं (No distinction between Nominal and Real Executive)-अध्यक्षात्मक सरकार में नाममात्र तथा वास्तविक कार्यपालिका में भेद नहीं पाया जाता। राष्ट्र का अध्यक्ष राष्ट्रपति होता है। उसे संविधान द्वारा जो शक्तियां प्राप्त होती हैं उनका प्रयोग वह अपनी इच्छानुसार करता है। मन्त्रिमण्डल का निर्माण राष्ट्रपति स्वयं करता है और मन्त्रिमण्डल की सलाह को मानना अथवा न मानना राष्ट्रपति पर निर्भर करता है। राष्ट्रपति जब चाहे मन्त्रियों को हटा सकता है।

2. मन्त्रिमण्डल केवल सलाहकार के रूप में (Cabinet is only an Advisory Body)-अध्यक्षात्मक प्रणाली में भी मन्त्रिमण्डल की व्यवस्था होती है, परन्तु इसकी स्थिति संसदीय प्रणाली के मन्त्रिमण्डल की स्थिति से पूर्णतः भिन्न होती है। अध्यक्ष मन्त्रियों की सलाह के अनुसार कार्य करने के लिए बाध्य नहीं होता। मन्त्री केवल सलाहकार ही होते हैं। उसकी अपनी इच्छा है कि मन्त्रियों से सलाह ले या न ले।

3. Cruiuifcich it alareucht at yerCUT (Separation of Executive and Legislature) अध्यक्षात्मक शासन में कार्यपालिका और व्यवस्थापिका में कोई सम्बन्ध नहीं होता। अध्यक्ष अपने मन्त्री संसद् में से नहीं लेता। मन्त्री संसद् की बैठकों मे न भाग ले सकते हैं, न बिल पेश कर सकते हैं, न भाषण दे सकते हैं। इस प्रकार व्यवस्थापिका और कार्यपालिका में कोई सम्बन्ध नहीं रहता है।

4. कार्यपालिका का अनुत्तरदायित्व (Irresponsibility of the Executive)-अध्यक्षात्मक सरकार में कार्यपालिका अपने कार्यों तथा नीतियों के लिए विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी नहीं होती। राष्ट्रपति को अविश्वास प्रस्ताव पास करके नहीं हटाया जा सकता। संसद् सदस्य मन्त्रियों से लिखित रूप में प्रश्न पूछ सकते हैं, परन्तु मन्त्री उनका उत्तर दें या न दें, उनकी इच्छा पर निर्भर है। मन्त्री राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किये जाते हैं और वे राष्ट्रपति के प्रति उत्तरदायी होते हैं।

5. कार्यपालिका की निश्चित अवधि (Fixed Tenure of the Executive)-अध्यक्षात्मक सरकार में राष्ट्रपति निश्चित अवधि के लिए चुना जाता है। विधानपालिका राष्ट्रपति को केवल महाभियोग द्वारा ही हटा सकती है। अमेरिका में राष्ट्रपति चार वर्ष के लिए चुना जाता है और उसे केवल महाभियोग द्वारा ही हटाया जा सकता है।

6.शक्तियों के पृथक्करण पर आधारित (Based on the theory of Separation of Powers)-अध्यक्षात्मक सरकार शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धान्त पर आधारित होती है। इसमें सरकार के मुख्य कार्य तीन विभिन्न अंगों द्वारा किए जाते हैं जो एक-दूसरे से स्वतन्त्र होते हैं। अमेरिका में शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धान्त को अपनाया गया है।

7. राष्ट्रपति विधानमण्डल को भंग नहीं कर सकता (President cannot dissolve the Parliament)अध्यक्षात्मक सरकार शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धान्त पर आधारित है। इसलिए राष्ट्रपति विधानपालिका के किसी सदन को भंग नहीं कर सकता। विधानपालिका की अवधि संविधान द्वारा निश्चित होती है और यदि राष्ट्रपति चाहे भी तो समय से पहले इसको भंग नहीं कर सकता।

8. राजनीतिक एकरूपता अनावश्यक (Political Homogeneity is Unnecessary)-इस प्रणाली में मन्त्रियों का एक ही राजनीतिक दल से सम्बन्धित होना आवश्यक नहीं होता। यह इसलिए कि मन्त्री केवल अपने व्यक्तिगत रूप में ही अध्यक्ष के प्रति उत्तरदायी होते हैं। इसलिए इस प्रणाली में मन्त्री के सामूहिक उत्तरदायित्व का लक्षण अनुपस्थित होता है। इसलिए उनका राजनीतिक विचारों में पूर्णतः एकमत होना अधिक आवश्यक नहीं होता।

प्रश्न 4.
अध्यक्षात्मक शासन के गुणों और दोषों का वर्णन करें।
(Discuss the merits and demerits of Presidential Government.)
उत्तर-
अध्यक्षात्मक शासन के गुण (Merits of Presidential Government)-
अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली के निम्नलिखित गुण हैं-

1. शासन में स्थिरता (Stability in Administration)-अध्यक्षात्मक सरकार में राष्ट्रपति की अवधि निश्चित होती है जिससे शासन में स्थिरता आती है। राष्ट्रपति को केवल महाभियोग के द्वारा हटाया जा सकता है। अमेरिका में अभी तक किसी राष्ट्रपति को नहीं हटाया गया। शासन में स्थिरता के कारण लम्बी योजनाएं बनाई जाती हैं और उन्हें दृढ़ता से लागू किया जाता है।

2. संकटकाल के लिए उचित सरकार (Suitable in time of Emergency)-अध्यक्षात्मक सरकार संकटकाल के लिए बहुत उपयुक्त है। शासन की सभी शक्तियां राष्ट्रपति के पास होती हैं जिनका प्रयोग वह अपनी इच्छानुसार करता है। शासन के सभी महत्त्वपूर्ण निर्णय राष्ट्रपति द्वारा लिए जाते हैं । इसलिए राष्ट्रपति संकटकाल में शीघ्र निर्णय लेकर उन्हें दृढ़ता से लागू कर संकट का सामना कर सकता है। युद्ध और आर्थिक संकट का सामना करने के लिए अध्यक्षात्मक सरकार सर्वश्रेष्ठ है।

3. इसमें नीति की एकता बनी रहती है (It ensures Continuity of Policy)-इस शासन प्रणाली में कार्यपालिका एक निश्चित समय तक अपने पद पर रहती है जिससे एक ही नीति निश्चित अवधि तक चलती रहती है। शासन की नीतियों में शीघ्रता से परिवर्तन न होने के कारण एक शक्तिशाली नीति को अपनाया जा सकता है।

4. शासन में दक्षता (Efficiency in Administration)-यह प्रणाली शक्ति विभाजन के सिद्धान्त पर कार्य करती है। मन्त्रियों को न तो चुनाव लड़ना पड़ता है और न ही उन्हें संसद् की बैठकों में ही भाग लेना पड़ता है। उनके पास तो केवल शासन चलाने का ही कार्य रहता है। वे स्वतन्त्रतापूर्वक शासन-कार्य में लगे रहते हैं। इससे शासन में दक्षता आना स्वाभाविक ही है।

5. योग्य व्यक्तियों का शासन (Administration by Able Statesmen)-इस प्रणाली में मन्त्रियों को संसद् का सदस्य होने की आवश्यकता नहीं। इसलिए राष्ट्रपति ऐसे व्यक्तियों को मन्त्रिमण्डल में तथा सरकारी पदों पर नियुक्त करता है जो योग्य प्रशासक और अनुभवी राजनीतिज्ञ हों और इस प्रणाली में सभी राजनीतिक दलों से मन्त्री लिए जा सकते हैं।

6. यह शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धान्त पर आधारित है (It is based on the Theory of Separation of Powers) कार्यपालिका तथा विधानपालिका एक-दूसरे से स्वतन्त्र होती हैं। विधानपालिका कानूनों का निर्माण करती है और कार्यपालिका कानूनों को लागू करती है। कार्यपालिका विधानपालिका को भंग नहीं कर सकती और न ही विधानपालिका अविश्वास प्रस्ताव पास करके कार्यपालिका को हटा सकती है। शक्तियों के विभाजन के कारण सरकार का कोई भाग निरंकुश नहीं बन सकता और नागरिकों की स्वतन्त्रता का खतरा नहीं रहता।।

7. इसमें राजनीतिक दल उग्र नहीं होते (Political Parties are Less Aggressive)-अध्यक्षात्मक सरकार में संसदीय सरकार की अपेक्षा राजनीतिक दलों का प्रभाव कम होता है। संसदीय सरकार में चुनाव के पश्चात् भी विरोधी दल सत्तारूढ़ दल को हटा कर स्वयं शासन पर अधिकार करने के लिए प्रयत्न करते रहते हैं, परन्तु अध्यक्षात्मक सरकार के चुनाव के पश्चात् राजनीतिक दलों की उग्रता समाप्त हो जाती है क्योंकि विरोधी दल को पता होता है कि राष्ट्रपति को अगले चुनाव से पहले नहीं हटाया जा सकता।

8. बहु-दलीय प्रणाली के लिए उपयुक्त (Suitable for a Multiple-Party System)—जिस देश में बहुदल प्रणाली हो अर्थात् कई राजनीतिक दल हों और किसी भी दल को संसद् में बहुमत प्राप्त न होता हो, उस देश में यही प्रणाली अधिक उपयुक्त रहती है। बहुदल प्रणाली में संसदीय सरकार स्थापित हो जाए तो मन्त्रिमण्डल जल्दी-जल्दी बदलता रहता है, परन्तु अध्यक्षात्मक प्रणाली में चुनाव के समय ही दलों का संघर्ष अधिक रहता है और कार्यपालिका जल्दी-जल्दी नहीं बदलती।

अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली के दोष (Demerits of Presidential Government)-
अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली के मुख्य दोष निम्नलिखित हैं-

1. निरंकुशता का भय (Fear of Despotism)-शासन की सभी शक्तियां राष्ट्रपति के पास होती हैं जिससे वह निरंकुश बन सकता है। राष्ट्रपति की अवधि निश्चित होने के कारण अगले चुनाव तक उसे हटाया नहीं जा सकता है। अतः राष्ट्रीय अपनी शक्तियों का प्रयोग मनमाने ढंग से कर सकता है।

2. शासन को परिस्थितियों के अनुसार नहीं बदला जा सकता (Government is not changeable according to Circumstances)–संसदीय सरकार में प्रधानमन्त्री तथा मन्त्रियों में आवश्यकतानुसार परिवर्तन किया जा सकता है, परन्तु अध्यक्षात्मक सरकार में राष्ट्रपति निश्चित अवधि के लिए चुना जाता है और विधानपालिका की अवधि भी निश्चित होती है। राष्ट्रपति यदि शासन को ठीक ढंग से न चलाए तो भी जनता उसे निश्चित अवधि से पहले नहीं हटा सकती।

3. कार्यपालिका और विधानपालिका में गतिरोध की सम्भावना (Possibility of deadlock between the Executive and Legislature)-अध्यक्षात्मक सरकार में कार्यपालिका तथा विधानपालिका के एक-दूसरे से स्वतन्त्र होने के कारण दोनों में गतिरोध उत्पन्न होने की सम्भावना रहती है। विशेषकर यदि राष्ट्रपति एक दल से हो और विधानमण्डल में किसी दूसरे राजनीतिक दल का बहुमत हो तो इन दोनों अंगों में संघर्ष होना अनिवार्य हो जाता है। इससे शासन अच्छी तरह नहीं चलता। विधानपालिका कार्यपालिका की इच्छानुसार कानून नहीं बनाती और न ही कार्यपालिका कानून को उस भावना से लागू करती है जिस भावना से कानूनों को बनाया गया होता है।

4. शक्तियों का विभाजन सम्भव नहीं (Separation of Powers not Possible)-अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धान्त पर आधारित है, परन्तु यह सिद्धान्त व्यावहारिक नहीं है और न ही वांछनीय है। शासन एक इकाई है तथा इसके अंगों को उसी प्रकार बिल्कुल पृथक् नहीं किया जा सकता है जिस प्रकार शरीर के अंगों को। यदि सरकार के तीन अंगों को एक-दूसरे से बिल्कुल पृथक् रखा जाए तो इसका परिणाम यह होगा कि शासन की एकता समाप्त हो जाएगी और तीनों अंगों में क्षेत्राधिकार सम्बन्धी झगड़े उत्पन्न हो जाएंगे। अतः शक्तियों के विभाजन का सिद्धान्त अच्छे शासन के लिए आवश्यक नहीं है।

5. जनमत की अवहेलना (Public Opinion Neglected)—अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली में जनमत की अवहेलना होने की बहुत अधिक सम्भावना रहती है। मन्त्री संसद् के सदस्य नहीं होते और न ही विधानमण्डल के प्रति उत्तरदायी होते हैं। इन्हें चुनाव नहीं लड़ना पड़ता है। इसलिए उन्हें जनमत की परवाह नहीं होती।

6. अच्छे कानूनों का निर्माण नहीं होता (Good Laws are not Passed)-अच्छे कानूनों के निर्माण के लिए कार्यपालिका तथा विधानपालिका में सहयोग का होना आवश्यक है, परन्तु अध्यक्षात्मक सरकार में दोनों एक-दूसरे से स्वतन्त्र होते हैं। विधानपालिका को इस बात का पता नहीं होता कि कार्यपालिका को किस तरह के कानूनों की आवश्यकता है। आवश्यकतानुसार कानूनों का निर्माण न होने के कारण शासन में कुशलता नहीं रहती।

7. अनुत्तरदायी सरकार (Irresponsible Government)-अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली में सरकार अपने कार्यों के लिए उत्तरदायी नहीं होती। राष्ट्रपति विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी नहीं होता। इसलिए राष्ट्रपति अपनी मनमानी कर सकता है।

8. संविधान की कठोरता (Rigid Constitution)-अध्यक्षात्मक सरकार में संविधान बहुत कठोर होता है। इसलिए उसमें समयानुसार परिवर्तन नहीं किए जा सकते।

9. विदेशी सम्बन्धों में निर्बलता (Weakness in conduct of Foreign Relations)-अध्यक्षात्मक प्रणाली में कार्यपालिका दूसरे देशों के साथ दृढ़तापूर्वक सम्बन्ध स्थापित नहीं कर सकती। इसका कारण यह है कि युद्ध और शान्ति की घोषणा करने की स्वीकृति संसद् ही दे सकती है। राष्ट्रपति को इस बात का भरोसा नहीं होता कि संसद् उस पर अपनी स्वीकृति देगी या नहीं।

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10. दल दोषों से मुक्त नहीं (Not free from Party Evils)—यह कहना ठीक नहीं है कि अध्यक्षात्मक सरकार में राजनीतिक दलों में बुराइयां नहीं पाई जातीं। राष्ट्रपति का चुनाव दलीय व्यवस्था के आधार पर होता है और जिस दल का उम्मीदवार राष्ट्रपति चुना जाता है वह अपने समर्थकों को खुश करने के लिए उन्हें बड़े-बड़े पद देता है। अमेरिका में राष्ट्रपति अपना पद ग्रहण करने के बाद अपने दल के व्यक्तियों को ऊंचे-ऊंचे राजनीतिक पदों पर नियुक्त करता है। इससे शासन में भ्रष्टाचार फैलता है।

निष्कर्ष (Conclusion)-अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली के गुण भी हैं और अवगुण भी। अमेरिका में यह प्रणाली सन् 1787 से प्रचलित है और सफलतापूर्वक कार्य कर रही है। भारत में बहुदल प्रणाली को देखकर कुछ एक विद्वान् भारत में संसदीय प्रणाली के स्थान पर अध्यक्षात्मक प्रणाली को स्थापित करने का सुझाव देते हैं, परन्तु सुझाव न तो ठोस है और न ही इसके माने जाने की सम्भावना है। फ्रांस में बहुदल के कारण वहां की संसदीय शासन प्रणाली ठीक प्रकार न चल सकी। इस कारण वहां भी अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली के कुछ अंश अपनाए गए हैं।

प्रश्न 5.
संसदीय सरकार और अध्यक्षात्मक सरकारों की तुलना करो तथा दोनों में अन्तर का वर्णन करो।
(Compare and contrast the parliamentary and Presidential forms of governments.)
उत्तर-
संसदीय शासन प्रणाली और अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली में अग्रलिखित अन्तर पाए जाते हैं-

संसदीय सरकार की विशेषताएं-

  1. अध्यक्षात्मक सरकार में राज्य का अध्यक्ष नाममात्र का मुखिया न हो कर वास्तविक शासक होता है। संविधान के द्वारा शासन की सभी शक्तियां उसके पास होती हैं और वह उसका प्रयोग अपनी इच्छानुसार करता है।
  2. अध्यक्षात्मक सरकार में कार्यपालिका विधानपालिका से स्वतन्त्र होती है। राष्ट्रपति तथा मन्त्रिमण्डल के सदस्य विधानमण्डल के सदस्य नहीं होते। मन्त्री न तो विधानपालिका की बैठकों में भाग ले सकते हैं और न ही बिल पेश कर सकते हैं।
  3. अध्यक्षात्मक सरकार में कार्यपालिका विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी नहीं होती। मन्त्री राष्ट्रपति के प्रति उत्तरदायी होते हैं न कि विधानपालिका के प्रति। विधानपालिका कार्यपालिका को अविश्वास प्रस्ताव पास करके नहीं हटा सकती।
  4. अध्यक्षात्मक सरकार में कार्यपालिका की अवधि निश्चित होती है। राष्ट्रपति को केवल महाभियोग के द्वारा हटाया जा सकता है।
  5. संसदीय सरकार में प्रधानमन्त्री राज्य के अध्यक्ष को सलाह देकर विधानपालिका को भंग कर सकता है।

अध्यक्षात्मक सरकार की विशेषताएं-

  1. संसदीय सरकार में राज्य का अध्यक्ष नाममात्र का मुखिया होता है। व्यवहार में उसकी शक्तियों का प्रयोग मन्त्रिमण्डल के द्वारा किया जाता है।
  2. संसदीय सरकार में कार्यपालिका तथा विधानपालिका में घनिष्ठ सम्बन्ध होता है। मन्त्रिमण्डल के सभी सदस्य विधानपालिका के सदस्य होते हैं । मन्त्री विधानमण्डल की बैठकों में भाग लेते हैं, बिल पेश करते हैं तथा वोट डालते हैं।
  3. संसदीय सरकार में कार्यपालिका अपने समस्त कार्यों के लिए विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी होती है। विधानपालिका के सदस्य मन्त्रियों से प्रश्न पूछ सकते हैं, काम रोको तथा निन्दा प्रस्ताव पास करके मन्त्रिमण्डल को हटा सकते हैं।
  4. संसदीय सरकार में कार्यपालिका की अवधि निश्चित नहीं होती। विधानपालिका जब चाहे अविश्वास प्रस्ताव पास करके मन्त्रिमण्डल को हटा सकती है।
  5. अध्यक्षात्मक सरकार में राष्ट्रपति विधानपालिका के किसी सदन को भंग नहीं कर सकता।

प्रश्न 6.
दोनों प्रकार की सरकारों में आप किसे श्रेष्ठ मानते हैं और क्यों ?
(Which of the two types do you consider better ? Why ?)
उत्तर-
यह एक विवाद का विषय है कि दोनों प्रकार की शासन प्रणालियों में से कौन-सी शासन प्रणाली अच्छी है। यह कहना कठिन है कि कौन-सी शासन प्रणाली पूर्ण रूप से अच्छी है। इसका कारण यह है कि दोनों शासनप्रणालियों के अपने-अपने गुण भी हैं और दोष भी हैं। इंग्लैण्ड में संसदीय सरकार अच्छी तरह चल रही है जबकि अमेरिका में अध्यक्षात्मक सरकार। परन्तु फिर भी आजकल निम्नलिखित कारणों की वजह से संसदीय शासन व्यवस्था को अध्यक्षात्मक शासन व्यवस्था से अच्छा समझा जाता है

1. संसदीय शासन व्यवस्था कार्यपालिका तथा विधानपालिका में पूर्ण सहयोग का विश्वास दिलाती हैसंसदीय शासन व्यवस्था में कार्यपालिका तथा विधानपालिका में सहयोग बना रहता है। मन्त्रिमण्डल के सदस्य विधानमण्डल के सदस्य होते हैं, वाद-विवाद में भाग लेते हैं और बिल पेश करते हैं। मन्त्रिमण्डल का विधानमण्डल में बहुमत होता है जिस कारण मन्त्रिमण्डल द्वारा पेश किए गए बिल पास हो जाते हैं। मन्त्रिमण्डल के समर्थन के बिना कोई बिल पास नहीं हो सकता है। मन्त्रिमण्डल तथा विधानपालिका में सहयोग होने के कारण अच्छे कानूनों का निर्माण होता है। सरकार में दक्षता तभी आती है जब सरकार के विभिन्न अंगों में सहयोग हो, क्योंकि सरकार एक इकाई होती है। संसदीय सरकार में कार्यपालिका तथा विधानपालिका में पूर्ण सहयोग होता है।

अध्यक्षात्मक शासन-व्यवस्था में कार्यपालिका तथा विधानपालिका एक-दूसरे से स्वतन्त्र होती है और मन्त्रियों को विधानपालिका की बैठकों में भाग लेने का अधिकार नहीं होता है। यदि राष्ट्रपति एक दल से हो और विधापालिका में दूसरे दल का बहुमत हो, तो इन दोनों में संघर्ष होना अनिवार्य हो जाता है और गतिरोध उत्पन्न हो जाता है। 1968 से 1976 तक अमेरिका में राष्ट्रपति रिपब्लिकन पार्टी से था जबकि कांग्रेस में डैमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत था। जबकि 1992 से 2000 तक अमेरिका में राष्ट्रपति डैमोक्रेटिक पार्टी का था, और कांग्रेस में बहुमत रिपब्लिकन पार्टी का था। विधानपालिका और कार्यपालिका में सहयोग न होने के कारण विधानपालिका कार्यपालिका की इच्छानुसार कानून नहीं बनाती और न ही विधानपालिका के बनाए हुए कानूनों को कार्यपालिका उस भावना से लागू करती है, जिस भावना से कानूनों को बनाया गया होता है।

2. संसदीय शासन व्यवस्था अध्यक्षात्मक शासन व्यवस्था से अधिक प्रजातन्त्रात्मक होती है-संसदीय शासनव्यवस्था को अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली से अच्छा समझा जाता है क्योंकि यह अध्यक्षात्मक शासन-व्यवस्था से अधिक प्रजातन्त्रात्मक होती है। मन्त्रिमण्डल के सदस्य जनता के प्रतिनिधियों की निरन्तर आलोचना के अधीन कार्य करते हैं। निरन्तर आलोचना के कारण मन्त्री सदैव सतर्क रहते हैं और निरंकुश बनने की चेष्टा नहीं करते। ‘अविश्वास प्रस्ताव’ के डर के कारण मन्त्री जनता की इच्छाओं के अनुसार काम करते हैं। अध्यक्षात्मक शासन में राष्ट्रपति निश्चित अवधि के लिए चुना जाता है और उसे अविश्वास प्रस्ताव पास करके नहीं हटाया जा सकता। निःसन्देह अमेरिका में राष्ट्रपति को महाभियोग द्वारा हटाया जा सकता है, परन्तु महाभियोग का तरीका इतना कठिन है कि अभी तक अमेरिका में एक भी राष्ट्रपति को महाभियोग द्वारा नहीं हटाया गया है। इसका अभिप्राय यह है कि अमेरिका में राष्ट्रपति को अवधि से पहले नहीं हटाया जा सकता।

3. गृह और विदेश-नीति में दृढ़ता-संसदीय शासन-व्यवस्था में मन्त्रिमण्डल गृह और विदेश नीति को दृढ़ता से लागू करता है क्योंकि उसे यह पता होता है कि विधानपालिका में उसे बहुमत का समर्थन प्राप्त है। इसके विपरीत अध्यक्षात्मक शासन-व्यवस्था में राष्ट्रपति विदेशी नीति को दृढ़ता से नहीं अपना सकता क्योंकि उसको कांग्रेस के समर्थन का विश्वास नहीं होता। इसके अतिरिक्त अमेरिका में राष्ट्रपति सीनेट की स्वीकृति के बिना दूसरे देशों के साथ सन्धिसमझौते नहीं कर सकता। अतः राष्ट्रपति दूसरे देशों के साथ दृढ़ नीति को नहीं अपना सकता।

4. संसदीय शासन-व्यवस्था में वैकल्पिक शासन की व्यवस्था-संसदीय शासन प्रणाली में मन्त्रिमण्डल के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पास होने की दशा में वैकल्पिक शासन की स्थापना बिना चुनाव करवाए सम्भव होती है। विशेषकर इंग्लैण्ड में जहां द्वि-दलीय प्रणाली पाई जाती है, सत्तारूढ़ दल के हटने पर विरोधी दल सरकार बनाने के लिए सदैव तैयार रहता है। इस प्रकार प्रशासन लगातार चलता रहता है और शासन में कोई रुकावट नहीं पड़ती है।

संसदीय शासन प्रणाली के विपरीत अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली में साधारणतया सरकार नहीं हटती क्योंकि राष्ट्रपति निश्चित अवधि के लिए चुना जाता है, परन्तु यदि सरकार हटती है तो इससे नए चुनाव करवाने की समस्या उत्पन्न होती है। वास्तव में अध्यक्षात्मक शासन व्यवस्था में दो चुनावों के बीच के काल में नोति में कोई परिवर्तन सम्भव नहीं होता है। नीति में परिवर्तन तभी सम्भव होता है यदि चुनाव के समय दल अपने विभिन्न कार्यक्रम के आधार पर चुना जाए, परन्तु संसदीय शासन-प्रणाली में नीति में परिवर्तन चुनावों के बीच के काल में भी सम्भव होता है।

5. संसदीय शासन-व्यवस्था में सरकार परिवर्तनशील होती है-संसदीय शासन प्रणाली को सरकार की परिस्थितियों के अनुसार बदला जा सकता है। उदाहरणस्वरूप द्वितीय विश्व युद्ध में जब इंग्लैण्ड में चैम्बरलेन सफल न हो सका तो उसके स्थान पर चर्चिल को प्रधानमन्त्री बनाया गया, परन्तु अध्यक्षात्मक सरकार में ऐसा नहीं किया जा सकता क्योंकि इसमें कार्यपालिका के अध्यक्ष की अवधि निश्चित होती है। राष्ट्रपति चाहे ठीक ढंग से शासन न चलाए जनता उसे निश्चित अवधि से पूर्व नहीं हटा सकती।

6. जनमत के प्रति उत्तरदायी-संसदीय शासन प्रणाली में मन्त्रिमण्डल जनमत के प्रति अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली की अपेक्षा अधिक उत्तरदायी होते हैं। मन्त्रिमण्डल सदैव जनमत के अनुसार शासन चलाता है और जनता के साथ किए गए वायदों को पूरा करने के लिए भरसक प्रयत्न करता है। मन्त्रिमण्डल यह जानता है कि उसका बना रहना जनमत के समर्थन पर निर्भर करता है, इसलिए कोई भी मन्त्रिमण्डल आसानी से जनमत के प्रति उदासीन नहीं रह सकता।

इसके विपरीत अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली में शक्तियों के पृथक्करण के कारण सरकार जनमत के प्रति इतना अधिक उत्तरदायी नहीं होती। राष्ट्रपति और मन्त्रिमण्डल के सदस्य कांग्रेस के सदस्य नहीं होते, इसलिए उन्हें जनता के प्रतिनिधियों के द्वारा यह जानने का अवसर प्राप्त नहीं होता कि जनमत क्या चाहता है। इसके अतिरिक्त कार्यपालिका इसलिए जनमत की परवाह नहीं करती क्योंकि उसको पता होता है कि उसका पद पर बने रहना जनमत पर निर्भर नहीं करता और अगले चुनाव तक जनता उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। चुनाव आने पर ही कार्यपालिका जनमत की ओर ध्यान देती है।

निष्कर्ष (Conclusion)—संक्षेप में, हम कह सकते हैं कि संसदीय शासन-प्रणाली अध्यक्षात्मक शासन-प्रणाली की अपेक्षा अधिक अच्छी है।

प्रश्न 7.
क्या आप इस मत से सहमत हैं कि भारत के लिए संसदात्मक सरकार ही अधिक उचित है ? कारण सहित स्पष्ट कीजिए।
(Do you agree with the view that the parliamentary form of government is more suitable to India ? Give reasons.)
उत्तर-
कुछ विद्वानों एवं राजनीतिज्ञों का विचार है कि भारत के लिए संसदीय शासन प्रणाली की अपेक्षा अध्यक्षात्मक शासन अधिक उपयुक्त है। इन विद्वानों का मुख्य तर्क यह है कि विधानपालिका अविश्वास प्रस्ताव पेश करके कार्यपालिका को नहीं हटा सकती, जिससे शासन में स्थिरता रहती है। देश की प्रगति के लिए कार्यपालिका का विधानपालिका से स्वतन्त्र होना आवश्यक है ताकि कार्यपालिका अपना सारा समय शासन में लगा सके जबकि संसदीय शासन में कार्यपालिका का काफ़ी समय संसद् में बर्बाद हो जाता है। भारत में बहु-दलीय प्रणाली पाई जाती है जोकि संसदीय शासन के लिए उपयुक्त नहीं है। अतः इन विद्वानों के अनुसार भारत के लिए अध्यक्षात्मक शासन अधिक उपयुक्त है।

परन्तु हमारे विचार से भारत के लिए संसदीय शासन ही अधिक उपयुक्त है। संसदीय शासन प्रणाली स्वतन्त्रता प्राप्ति से लेकर अब तक सफलता से कार्य कर रही है। इसमें शासन संसद् के प्रति उत्तरदायी होता है और संसद् के साथ कार्यपालिका का गहरा सम्बन्ध होने के कारण अच्छे कानूनों का निर्माण होता है। संसदीय शासन को परिस्थितियों के अनुसार बदला जा सकता है और एक अच्छे शासन के लिए यह आवश्यक भी है। अत: भारत के लिए संसदीय शासन उपयुक्त है।
नोट- भारत के लिए संसदीय सरकार उचित होने के वही कारण हैं जो संसदीय सरकार के होते हैं। अतः पिछला प्रश्न देखें।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
संसदीय सरकार किसे कहते हैं ? संसदीय सरकार की परिभाषा दें ।
उत्तर-
संसदीय सरकार उस शासन प्रणाली को कहते हैं जिसमें कार्यपालिका तथा विधानपालिका में घनिष्ठ सम्बन्ध पाया जाता है। कार्यपालिका (मन्त्रिमण्डल) अपने सभी कार्यों के लिए विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी होती है और तब तक अपने पद पर रह सकती है जब तक उसको विधानपालिका का विश्वास प्राप्त रहता है। जिस समय कार्यपालिका विधानपालिका का विश्वास खो देती है तो कार्यपालिका को अपने पद से त्याग-पत्र देना पड़ता है।

डॉ० गार्नर का मत है, “संसदीय सरकार वह प्रणाली है जिसमें वास्तविक कार्यपालिका-मन्त्रिमण्डल या मन्त्रिपरिषद् अपनी राजनीतिक नीतियों और कार्यों के लिए प्रत्यक्ष तथा कानूनी रूप से विधानमण्डल या उसके एक सदन (प्रायः लोकप्रिय सदन) के प्रति और राजनीतिक तौर पर मतदाताओं के प्रति उत्तरदायी हो जबकि राज्य का अध्यक्ष संवैधानिक या नाममात्र कार्यपालिका हो और उत्तरदायी हो।”

प्रश्न 2.
संसदीय सरकार की चार विशेषताएं लिखें।
उत्तर-
संसदीय शासन प्रणाली में निम्नलिखित विशेषताएं पाई जाती हैं-

  1. राज्य का अध्यक्ष नाममात्र का सत्ताधारी-संसदीय सरकार में राज्य का अध्यक्ष नाममात्र का शासक होता है। सैद्धान्तिक रूप में राज्य की सभी शक्तियों उसके नाम पर होती हैं, परन्तु वास्तव में उन शक्तियों का प्रयोग मन्त्रिमण्डल द्वारा किया जाता है।
  2. मन्त्रिमण्डल वास्तविक कार्यपालिका होती है-राज्य के अध्यक्ष को सौंपी गई शक्तियों का प्रयोग वास्तव में मन्त्रिमण्डल द्वारा किया जाता है।
  3. कार्यपालिका और विधानपालिका में घनिष्ठ सम्बन्ध होना-संसदीय शासन प्रणाली में विधानपालिका और कार्यपालिका में घनिष्ठ सम्बन्ध पाया जाता है। मन्त्रिमण्डल के सदस्यों के लिए संसद् का सदस्य होना अनिवार्य है और वे संसद् की बैठकों में भाग भी लेते हैं, बिल पेश करते हैं और बिलों पर मतदान करते हैं।
  4. मन्त्रिमण्डल का उत्तरदायित्व-कार्यपालिका अर्थात् मन्त्रिमण्डल अपने सब कार्यों के लिए व्यवस्थापिका के प्रति उत्तरदायी होती है।

प्रश्न 3.
संसदीय सरकार के चार गुणों का वर्णन करो।
उत्तर-
संसदीय शासन प्रणाली में निम्नलिखित गुण पाए जाते हैं-

  1. कार्यपालिका तथा विधानपालिका में पूर्ण सहयोग-संसदीय सरकार में कार्यपालिका तथा विधानपालिका में सहयोग बना रहता है। मन्त्रिमण्डल के सदस्य विधानपालिका के सदस्य होते हैं, बैठकों में भाग लेते हैं तथा बिल पास करते हैं। कार्यपालिका तथा विधानपालिका में सहयोग के कारण अच्छे कानूनों का निर्माण होता है तथा शासन में दक्षता होती
  2. उत्तरदायी सरकार-संसदीय सरकार में सरकार अपने समस्त कार्यों के लिए विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी होती है। यदि मन्त्रिमण्डल अपनी मनमानी करता है तो विधानमण्डल अविश्वास प्रस्ताव पास करके मन्त्रिमण्डल को हटा सकता है।
  3. सरकार निरंकुश नहीं बन सकती-मन्त्रिमण्डल अपने कार्यों के लिए विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी होने के कारण निरंकुश नहीं बन सकता।
  4. परिवर्तनशील सरकार-संसदीय सरकार का यह भी गुण है, कि इसमें सरकार परिवर्तनशील होती है। सरकार को समय के अनुसार बदला जा सकता है।

प्रश्न 4.
संसदीय सरकार के चार अवगुण बताइए।
उत्तर-
संसदीय सरकार में निम्नलिखित दोष पाए जाते हैं-

  1. यह शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धान्त के विरुद्ध है-संसदीय सरकार शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धान्त के विरुद्ध है। इसमें मन्त्रिमण्डल (कार्यपालिका) के सदस्य संसद् के सदस्य भी होते हैं, जिससे कार्यपालिका तथा विधानपालिका में घनिष्ठ सम्बन्ध पाया जाता है। शक्तियों के केन्द्रीयकरण के कारण व्यक्तियों की निजी स्वतन्त्रता खतरे में पड़ सकती है।
  2. अस्थिर सरकार-संसदीय शासन प्रणाली में सरकार अस्थिर होती है, क्योंकि मन्त्रिमण्डल की अवधि निश्चित नहीं होती।
  3. नीति में निरन्तरता की कम सम्भावना-संसदीय शासन प्रणाली में नीति की निरन्तरता की कम सम्भावना रहती है क्योंकि विधानपालिका, कार्यपालिका को जब चाहे अविश्वास प्रस्ताव पास करके हटा सकती है।
  4. शासन में दक्षता का अभाव-संसदीय शासन प्रणाली में शासन में दक्षता का अभाव होता है, क्योंकि इसमें शासन की बागडोर अनाड़ियों के हाथ में होती है।

प्रश्न 5.
अध्यक्षात्मक सरकार का अर्थ एवं परिभाषा लिखें।
उत्तर-
अध्यक्षात्मक सरकार उस शासन प्रणाली को कहते हैं, जिसमें कार्यपालिका संवैधानिक दृष्टि से विधानपालिका से अपनी नीतियों और कार्यों के लिए स्वतन्त्र होती है। कार्यपालिका विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी नहीं होती और दोनों में कोई सम्बन्ध नहीं होता। विधानपालिका मन्त्रियों को उनके पद से हटा नहीं सकती। राज्य का अध्यक्ष वास्तविक कार्यपालिका होता है और संविधान द्वारा दी गई शक्तियों का प्रयोग अपनी इच्छानुसार करता है। अमेरिका में अध्यक्षात्मक सरकार है।

डॉ० गार्नर के शब्दानुसार, “अध्यक्षात्मक सरकार वह प्रणाली है जिसमें राज्य का अध्यक्ष और मन्त्री अपने कार्यकाल के लिए संवैधानिक तौर पर व्यवस्थापिका से स्वतन्त्र होते हैं और अपनी राजनीतिक नीतियों के लिए उसके प्रति उत्तरदायी नहीं होते। इस प्रणाली में राज्य का अध्यक्ष केवल नाममात्र कार्यपालिका नहीं होता बल्कि वास्तविक कार्यपालिका होता है और संविधान तथा कानूनों द्वारा दी गई शक्तियों का वास्तव में प्रयोग करता है।”

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प्रश्न 6.
अध्यक्षात्मक सरकार की चार विशेषताएं बताओ।
उत्तर-
अध्यक्षात्मक प्रणाली में निम्नलिखित प्रमुख विशेषताएं होती हैं-

  1. नाममात्र तथा वास्तविक कार्यपालिका में भेद नहीं-अध्यक्षात्मक सरकार में नाममात्र तथा वास्तविक कार्यपालिका में भेद नहीं पाया जाता। राष्ट्र का अध्यक्ष राष्ट्रपति होता है। उसे संविधान द्वारा जो शक्तियां प्राप्त होती हैं उनका प्रयोग वह अपनी इच्छानुसार करता है।
  2. मन्त्रिमण्डल केवल सलाहकार के रूप में अध्यक्षात्मक प्रणाली में भी मन्त्रिमण्डल की व्यवस्था होती है, परन्तु इसकी स्थिति संसदीय प्रणाली के मन्त्रिमण्डल की स्थिति में पूर्णत: भिन्न होती है। अध्यक्ष मन्त्रियों की सलाह के अनुसार कार्य करने के लिए बाध्य नहीं होता। मन्त्री केवल सलाहकार ही होते हैं। उसकी अपनी इच्छा है कि मन्त्रियों से सलाह ले या न ले।
  3. कार्यपालिका और व्यवस्थापिका का पृथक्करण-अध्यक्षात्मक शासन में कार्यपालिका और व्यवस्थापिका में कोई सम्बन्ध नहीं होता। अध्यक्ष अपने मन्त्री संसद् में से नहीं लेता। मन्त्री संसद् की बैठकों में न भाग ले सकते हैं, न बिल पेश कर सकते हैं, न भाषण दे सकते हैं। इस प्रकार व्यवस्थापिका और कार्यपालिका में कोई सम्बन्ध नहीं रहता है।
  4. कार्यपालिका का अनुत्तरदायित्व-अध्यक्षात्मक सरकार में कार्यपालिका अपने कार्यों तथा नीतियों के लिए विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी नहीं होती।

प्रश्न 7.
अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली के चार गुण लिखें।
उत्तर-
अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली में निम्नलिखित चार गुण पाए जाते हैं-

  1. शासन में स्थिरता-अध्यक्षात्मक सरकार में राष्ट्रपति की अवधि निश्चित होती है जिससे शासन में स्थिरता आती है।
  2. इसमें नीति की एकता बनी रहती है-इस शासन प्रणाली में कार्यपालिका एक निश्चित समय तक अपने पद पर रहती है जिससे एक ही नीति निश्चित अवधि तक चलती रहती है।
  3. शासन में दक्षता-यह प्रणाली शक्ति विभाजन के सिद्धान्त पर कार्य करती है। मन्त्रियों को न तो चुनाब लड़ना पड़ता है और न ही संसद् की बैठकों में भाग लेना पड़ता है। उनके पास तो केवल शासन चलाने का कार्य होता है। वे स्वतन्त्रतापूर्वक शासन चलाने में लगे रहते हैं, इससे शासन में दक्षता आना स्वाभाविक है।
  4.   संकटकाल के लिए उचित सरकार- अध्यक्षात्मक सरकार संकटकाल के लिए उचित सरकार मानी जाती है।

प्रश्न 8.
अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली के चार दोष बताइए।
उत्तर-
अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली के मुख्य चार दोष नीचे दिए गए हैं-

  1. निरंकुशता का भय-शासन की सभी शक्तियां राष्ट्रपति के पास होती हैं जिससे वह निरंकुश बन सकता है।
  2. शासन की परिस्थितियों के अनुसार नहीं बदला जा सकता- अध्यक्षात्मक सरकार में राष्ट्रपति निश्चित अवधि के लिए चुना जाता है और विधानपालिकाओं की अवधि भी निश्चित होती है। राष्ट्रपति यदि शासन ठीक ढंग से न चलाए तो भी जनता उसे निश्चित अवधि से पहले नहीं हटा सकती।
  3. कार्यपालिका और विधानपालिका में गतिरोध की सम्भावना-अध्यक्षात्मक सरकार में कार्यपालिका तथा विधानपालिका के एक-दूसरे से स्वतन्त्र होने के कारण दोनों में गतिरोध उत्पन्न होने की सम्भावना रहती है।
  4. जनमत की अवहेलना-अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली में जनमत की अवहेलना होने की बहुत अधिक सम्भावना रहती है।

प्रश्न 9.
संसदीय सरकार और अध्यक्षात्मक सरकार में चार अन्तर लिखें।
उत्तर-
संसदीय सरकार और अध्यक्षात्मक सरकार में निम्नलिखित मुख्य अन्तर पाए जाते हैं-

संसदीय सरकार-

  1. संसदीय सरकार में राज्य का अध्यक्ष नाममात्र का मुखिया होता है। व्यवहार में उसकी शक्तियों का प्रयोग मन्त्रिमण्डल के द्वारा किया जाता है।
  2. संसदीय सरकार में कार्यपालिका तथा विधानपालिका में घनिष्ठ सम्बन्ध होता है।
  3. संसदीय सरकार में कार्यपालिका अपने समस्त कार्यों के लिए विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी होती है।
  4. संसदीय सरकार में कार्यपालिका की अवधि निश्चित नहीं होती।

अध्यक्षात्मक सरकार-

  1. अध्यक्षात्मक सरकार में राज्य का अध्यक्ष नाममात्र का मुखिया न हो कर वास्तविक शासक होता है। संविधान के द्वारा शासन की सभी शक्तियां उसके पास होती हैं और वह उसका प्रयोग अपनी इच्छानुसार करता है।
  2. अध्यक्षात्मक सरकार में कार्यपालिका एवं विधानपालिका में घनिष्ठ सम्बन्ध नहीं पाया जाता।
  3. अध्यक्षात्मक सरकार में कार्यपालिका विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी नहीं होती।
  4. अध्यक्षात्मक सरकार में कार्यपालिका की अवधि निश्चित होती है।

PSEB 11th Class Political Science Solutions Chapter 15 सरकारों के रूप-संसदीय और अध्यक्षात्मक सरकारें

प्रश्न 10.
संसदीय शासन प्रणाली और अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली में कौन-सी अच्छी सरकार है ? कारण दीजिए।
उत्तर-
संसदीय और अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली में से संसदीय शासन प्रणाली को निम्नलिखित कारणों से अच्छा माना जाता है-

  1. संसदीय सरकार परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तनशील है।
  2. उत्तरदायी सरकार।
  3. विधानपालिका तथा कार्यपालिका में सहयोग।
  4. अच्छे कानूनों का निर्माण।
  5. संसदीय सरकार जनमत पर आधारित है।

संसदीय सरकार अध्यक्षात्मक सरकार से अच्छी है, इसका यह भी प्रमाण है कि आज संसार के अधिकांश देशों में संसदीय सरकार को अपनाया गया है।

प्रश्न 11.
क्या अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली भारत के लिए अधिक उपयुक्त है ?
उत्तर-
कुछ विद्वानों एवं राजनीतिज्ञों का विचार है कि भारत के लिए संसदीय शासन प्रणाली की अपेक्षा अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली अधिक उपयुक्त है। इन विद्वानों का मुख्य तर्क यह है कि अध्यक्षात्मक शासन में कार्यपालिका का चुनाव निश्चित अवधि के लिए होता है और विधानपालिका अविश्वास-प्रस्ताव पेश करके कार्यपालिका को नहीं हटा सकती, जिससे शासन में स्थिरता बनी रहती है। भारत में बहुदलीय प्रणाली पाई जाती है जो कि संसदीय शासन के लिए उपयुक्त है। अतः इन विद्वानों के मतानुसार भारत के लिए अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली अधिक उपयुक्त है।

परन्तु हमारे विचार में भारत के लिए संसदीय शासन ही अधिक उपयुक्त है । स्वतन्त्रता प्राप्ति से लेकर अब तक संसदीय शासन प्रणाली सफलता से कार्य कर रही है। इसमें शासन संसद् के प्रति उत्तरदायी होता है और संसद् के साथ कार्यपालिका का गहरा सम्बन्ध होने के कारण अच्छे कानूनों का निर्माण होता है। संसदीय शासन को परिस्थितियों के अनुसार बदला जा सकता है और एक अच्छे शासन के लिए यह आवश्यक भी है। अतः भारत के लिए संसदीय शासन प्रणाली उपयुक्त है।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
संसदीय सरकार किसे कहते हैं ?
उत्तर-
संसदीय सरकार उस शासन प्रणाली को कहते हैं जिसमें कार्यपालिका तथा विधानपालिका में घनिष्ठ सम्बन्ध पाया जाता है। कार्यपालिका (मन्त्रिमण्डल) अपने सभी कार्यों के लिए विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी होती है और तब तक अपने पद पर रह सकती है जब तक उसको विधानपालिका का विश्वास प्राप्त रहता है। जिस समय कार्यपालिका विधानपालिका का विश्वास खो देती है तो कार्यपालिका को अपने पद से त्याग-पत्र देना पड़ता है।

प्रश्न 2.
संसदीय सरकार की दो विशेषताएं लिखें।
उत्तर-

  1. राज्य का अध्यक्ष नाममात्र का सत्ताधारी-संसदीय सरकार में राज्य का अध्यक्ष नाममात्र का शासक होता है।
  2. मन्त्रिमण्डल वास्तविक कार्यपालिका होती है-राज्य के अध्यक्ष को सौंपी गई शक्तियों का प्रयोग वास्तव में मन्त्रिमण्डल द्वारा किया जाता है।

प्रश्न 3.
संसदीय सरकार के दो गुणों का वर्णन करो।
उत्तर-

  1. कार्यपालिका तथा विधानपालिका में पूर्ण सहयोग-संसदीय सरकार में कार्यपालिका तथा विधानपालिका में सहयोग बना रहता है।
  2. उत्तरदायी सरकार-संसदीय सरकार में सरकार अपने समस्त कार्यों के लिए विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी होती है।

प्रश्न 4.
संसदीय सरकार के दो अवगुण बताइए।
उत्तर-

  1. यह शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धान्त के विरुद्ध है-संसदीय सरकार शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धान्त के विरुद्ध है।
  2. अस्थिर सरकार-संसदीय शासन प्रणाली में सरकार अस्थिर होती है, क्योंकि मन्त्रिमण्डल की अवधि निश्चित नहीं होती।

प्रश्न 5.
अध्यक्षात्मक सरकार का अर्थ लिखें।
उत्तर-
अध्यक्षात्मक सरकार उस शासन प्रणाली को कहते हैं, जिसमें कार्यपालिका संवैधानिक दृष्टि से विधानपालिका से अपनी नीतियों और कार्यों के लिए स्वतन्त्र होती है। कार्यपालिका विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी नहीं होती और दोनों में कोई सम्बन्ध नहीं होता। विधानपालिका मन्त्रियों को उनके पद से हटा नहीं सकती। राज्य का अध्यक्ष वास्तविक कार्यपालिका होता है और संविधान द्वारा दी गई शक्तियों का प्रयोग अपनी इच्छानुसार करता है। अमेरिका में अध्यक्षात्मक सरकार है।

PSEB 11th Class Political Science Solutions Chapter 15 सरकारों के रूप-संसदीय और अध्यक्षात्मक सरकारें

प्रश्न 6.
अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली के दो गुण लिखें।
उत्तर-

  1. शासन में स्थिरता-अध्यक्षात्मक सरकार में राष्ट्रपति की अवधि निश्चित होती है जिससे शासन में स्थिरता आती है।
  2. इसमें नीति की एकता बनी रहती है-इस शासन प्रणाली में कार्यपालिका एक निश्चित समय तक अपने पद पर रहती है जिससे एक ही नीति निश्चित अवधि तक चलती रहती है।

प्रश्न 7.
अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली के दो दोष बताइए।
उत्तर-

  1. निरंकुशता का भय-शासन की सभी शक्तियां राष्ट्रपति के पास होती हैं जिससे वह निरंकुश बन सकता है।
  2. शासन की परिस्थितियों के अनुसार नहीं बदला जा सकता-अध्यक्षात्मक सरकार में राष्ट्रपति निश्चित अवधि के लिए चुना जाता है। राष्ट्रपति यदि शासन ठीक ढंग से न चलाए तो भी जनता उसे निश्चित अवधि से पहले नहीं हटा सकती।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न I. एक शब्द/वाक्य वाले प्रश्न-उत्तर-

प्रश्न 1. संसदीय सरकार का क्या अर्थ है ?
उत्तर-संसदीय सरकार में कार्यपालिका अपने कार्यों के लिए संसद् के प्रति उत्तरदायी होती है। वह तब तक अपने पद पर रहती है, जब तक इसको संसद का विश्वास प्राप्त रहता है।

प्रश्न 2. संसदीय सरकार की कोई एक विशेषता बताएं।
उत्तर-संसदीय सरकार में राज्य का अध्यक्ष नाम-मात्र का सत्ताधारी होता है।

प्रश्न 3. संसदीय सरकार का कोई एक गुण लिखें।
उत्तर-संसदीय सरकार में कार्यपालिका एवं विधानपालिका में पूर्ण सहयोग रहता है।

प्रश्न 4. संसदीय सरकार का कोई एक अवगुण लिखें।
उत्तर-संसदीय सरकार अस्थिर होती है।

प्रश्न 5. सामूहिक उत्तरदायित्व किस सरकार में पाया जाता है ?
उत्तर-संसदीय सरकार में।

प्रश्न 6. अध्यक्षात्मक सरकार किसे कहते हैं ?
उत्तर-अध्यक्षात्मक सरकार उस शासन प्रणाली को कहते हैं जिसमें कार्यपालिका संवैधानिक दृष्टि से विधानपालिका से अपनी नीतियों और कार्यों के लिए स्वतन्त्र होती है।

प्रश्न 7. संसदीय और अध्यक्षात्मक सरकार में कोई एक अन्तर बताओ।
उत्तर-संसदीय सरकार में राज्य का अध्यक्ष नाममात्र का मुखिया होता है जबकि अध्यक्षात्मक सरकार में राज्य का अध्यक्ष वास्तविक अध्यक्ष होता है।

प्रश्न 8. अध्यक्षात्मक सरकार की कोई एक विशेषता बताओ।
उत्तर-अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली में कार्यपालिका का अध्यक्ष वास्तविक अध्यक्ष होता है। शासन की शक्तियों का प्रयोग अध्यक्ष द्वारा ही किया जाता है।

प्रश्न 9. अध्यक्षात्मक सरकार का कोई एक गुण बताओ।
उत्तर-इसमें सरकार स्थिर रहती है।

प्रश्न 10. अध्यक्षात्मक सरकार का कोई एक अवगुण बताओ।
उत्तर-अध्यक्षात्मक सरकार में राष्ट्रपति के निरंकुश बनने का भय बना रहता है।

प्रश्न 11. भारतीय राष्ट्रपति किस प्रकार की कार्यपालिका है?
उत्तर- भारतीय राष्ट्रपति नाममात्र की कार्यपालिका है।

प्रश्न 12. भारतीय प्रधानमन्त्री किस प्रकार की कार्यपालिका है?
उत्तर-भारतीय प्रधानमन्त्री वास्तविक कार्यपालिका है।

प्रश्न 13. इंग्लैण्ड की रानी या राजा किस प्रकार की कार्यपालिका है?
उत्तर-इंग्लैण्ड की रानी या राजा नाममात्र की कार्यपालिका है।

प्रश्न 14. इंग्लैण्ड का प्रधानमन्त्री किस प्रकार की कार्यपालिका है?
उत्तर-इंग्लैण्ड में प्रधानमन्त्री वास्तविक कार्यपालिका है।

PSEB 11th Class Political Science Solutions Chapter 15 सरकारों के रूप-संसदीय और अध्यक्षात्मक सरकारें

प्रश्न 15. संसदीय एवं अध्यक्षात्मक सरकार में से किसे श्रेष्ठ समझा जाता है?
उत्तर-संसदीय सरकार को श्रेष्ठ समझा जाता है।

प्रश्न 16. अमेरिका में किस प्रकार की शासन प्रणाली है?
उत्तर-अमेरिका में अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली है।

प्रश्न 17. भारत में संसदीय शासन प्रणाली अपनाने का एक कारण लिखें।
उत्तर-संसदीय परम्पराएं।

प्रश्न II. खाली स्थान भरें-

1. संसदीय शासन प्रणाली में सरकार …………….. की इच्छानुसार शासन को चलाती है।
2. संसदीय सरकार शक्तियों के ……………. के सिद्धान्त के विरुद्ध है।
3. संसदीय सरकार में शासन की …………… का अभाव रहता है।
4. संकटकाल के समय संसदीय सरकार …………… साबित होती है।
उत्तर-

  1. जनमत
  2. पृथक्करण
  3. कुशलता
  4. कमज़ोर।

प्रश्न III. निम्नलिखित में से सही एवं ग़लत का चुनाव करें-

1. अध्यक्षात्मक सरकार में कार्यपालिका विधानपालिका से स्वतन्त्र होती है।
2. अध्यक्षात्मक सरकार में राष्ट्रपति नाममात्र का शासक होता है।
3. अध्यक्षात्मक सरकार में मन्त्रिमण्डल के सदस्य विधानपालिका के सदस्य नहीं होते।
4. अध्यक्षात्मक सरकार में नाममात्र तथा वास्तविक कार्यपालिका में भेद नहीं पाया जाता।
5. अध्यक्षात्मक सरकार शक्तियों के पृथक्करण पर आधारित है।
उत्तर-

  1. सही
  2. ग़लत
  3. सही
  4. सही
  5. सही।

प्रश्न IV. बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अध्यक्षात्मक शासन में जनमत की अवहेलना हो सकती है, यह कथन-
(क) सही है
(ख) ग़लत है
(ग) उपरोक्त दोनों
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(क) सही है।

प्रश्न 2.
अध्यक्षात्मक शासन में सरकार में राजनीतिक एकरूपता नहीं होती। यह कथन-
(क) सही है
(ख) ग़लत है
(ग) उपरोक्त दोनों
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(क) सही है।

प्रश्न 3.
संसदीय सरकार में मन्त्रिमण्डल को महाभियोग द्वारा हटाया जाता है, यह कथन-
(क) सही है
(ख) ग़लत है
(ग) उपरोक्त दोनों
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) ग़लत है ।

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प्रश्न 4.
अध्यक्षात्मक सरकार में राष्ट्रपति को अविश्वास प्रस्ताव पास करके हटाया जाता है। यह कथन-
(क) सही है
(ख) ग़लत है
(ग) उपरोक्त दोनों
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) ग़लत है ।

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History Guide for Class 11 PSEB | PSEB 11th Class History Book Solutions

PSEB 11th Class History Book Solutions in Hindi Medium

PSEB 11th Class History Book Solutions in English Medium

  • Chapter 1 Indus Valley Civilization
  • Chapter 2 The Indo-Aryans
  • Chapter 3 Jainism and Buddhism
  • Chapter 4 The Mauryas
  • Chapter 5 The Age of the Guptas
  • Chapter 6 The Vardhanas and Their Time
  • Chapter 7 The Rajputs and Their Period
  • Chapter 8 The Sultanate of Delhi
  • Chapter 9 Kingdoms of the South
  • Chapter 10 Socio-Religious Movements
  • Chapter 11 Sri Guru Nanak Dev Ji and Foundation of Sikhism
  • Chapter 12 Foundation of The Mughal Empire
  • Chapter 13 Mughal Polity and Administration
  • Chapter 14 Rise of New Powers in the South
  • Chapter 15 Rise of New Powers in the North
  • Chapter 16 Maharaja Ranjit Singh
  • Chapter 17 Advent of the Europeans in India and Their Struggle for Supremacy
  • Chapter 18 Expansion and Consolidation of the British Empire
  • Chapter 19 Economic and Social Changes Under the Rule of British Empire
  • Chapter 20 Social/Religious Reforms
  • Chapter 21 Political Consciousness and Political Movement Against the British Empire
  • Chapter 22 Struggle for Freedom

PSEB Class 11 History Structure of Question Paper

History
Class – XI (PB.)

Time Allowed: 3 Hours

Theory: 80 Marks
Project Work/IA: 20 Marks
Total: 100 Marks

1. All questions are compulsory.

2. The question paper will comprise 5 questions in sections A, B, C, D, and E with subparts. The question paper will carry :

Section – A

1. Objective Type Questions: This section comprises questions with one word to one sentence answer/Fill in the blank/True or false/Multiple choice type questions. Question No. 1 comprises of 20 subparts (questions I to XX) carry 1 mark each. (20 × 1 = 20)

Section – B

2. Short Answer Type Questions: This question comprises of 4 subparts (question i to iv) carry 3 marks each. The answer to each question should be in about 35-40 words. (4 × 3 = 12)

Section – C

3. Source Based Question This section comprises 2 subparts I to II (based on a passage given) carry 5 marks. (2 × 5 = 10)

Section – D

4. Long Answer Questions: This question comprises of 7 subparts (question no. i to vii) carry 6 marks each. Students have to attempt any 4 questions out of 7. The answer to each question should be in about 100-150 words. (4 × 6 = 24)

Section – E

5. Map Question: This section comprises one question of map carries 14 marks (10 marks for showing 4 places and 4 marks for an explanation of those places to be written in 20 to 25 words) with 100% internal choice. (10 + 4)

Question Wise Break up

Type of Question Marks Per Question Total No. of Questions Total Marks
Objective Type (Learning checks) 1 20 20
Short Answer Type (VSA) 3 4 12
Source-Based Question 5 2 10
Long Answer Type (LA) 6 4(7) 24
Map Skill Based 10 + 4 1 14
Total 80

Weightage of Difficulty Level

Estimated Difficulty Level Percentage
Easy (E) 30%
Average (AV) 50%
Difficult (D) 20%

Weightage of Marks Unit Wise

Objective Type Questions
(1 Mark)
Short Answer
(3 Marks)
Source-Based
(5 Marks)
Long Answer
(6 Marks)
Map Question
(14 Marks)
Project Work/IA
(20 Marks)
1(5) 3(1) Passage From Prescribed Source
5*2
6(1)
Unit – 1
Unit – 2 1(5) 3(1) 6(1)
Unit – 3 1(5) 3(1) 6(1)
Unit – 4 1(5) 3(1) 6(1)
Map Work 1 (10 + 4)
Total 1 × 20 = 20 3 × 4 = 12 5 × 2 = 10 6 × 4 = 24 1(10 + 4) =  14 20 Marks

PSEB Class 11 History Syllabus

UNIT – 1

I. Indus Valley Civilisation: a synoptic view of research material, culture, socio-cultural life; decline and disappearance.

II. The Indo-Aryans: Early settlements; political organizations; Economic life; Social Institutions; religious beliefs and practices; legacy.

III. Buddhism and Jainism: the socio-political environment, major doctrines; socio¬political impact; Legacy.

IV. The Mauryas: The background to their rise into power; establishment and consolidation of their empire; Ashoka’s Dhamma; social and cultural life during their rule.

V. The age of the Guptas: establishment and consolidation of the Gupta empire, major socio-cultural achievement of the age; Legacy.

VI. The Vardhanas and their times; Political supremacy in the North; Kingdoms of the South; cultural achievements of the age; Legacy.

UNIT – 2

VII. The Rajputs; establishment of their kingdom; Political conflict and change; socio-political structure; survival.

VIII. The Sultanate of Delhi: establishment of Turkish Rule, Dynastic changes and the fortunes of the Sultanate, administration; the ruling classes; art, and architecture, Socio-religious life.

IX. Kingdoms of the South: The Bahmani empire and its successor states; the Vijayanagar empire; administration, the ruling classes: art architecture; socio-religious life.

X. socio-religious movements: Vaishnava Bhakti; the Saints.

XI. Guru Nanak Dev Ji and Foundation of Sikhism: Socio-religious environment; Development of Sikhism (1539-1605); Transformation of Sikhism (1605-1699); Discovery of a new path, the foundation of a new path, Legacy.

UNIT – 3

XII. Establishment of the Mughal Empire; Mughal Afghan contest; consolidation of the Mughal.

XIII. Mughal Policy and Administration; Conception of kingship: attitude towards the subjects people; central and provincial administration; administration of justice and local administration; the mansabdari system.

XIV. Rise of new powers in the South: with special reference to the Marathas.

XV. Rise of new powers in the North: with special reference to the Sikhs.

XVI. Maharaja Ranjit Singh: Conquests and consolidation; the new ruling classes administration; attitude towards the subject people, relationship with sovereign powers; the Legacy.

XVII. Advent of the Europeans and their struggle for supremacy: The Portuguese; the Dutch; The French: Anglo-French rivalry; the emergence of East India Company as a political power in India.

UNIT – 4

XVIII. Expansion and Consolidation of the British Empire: Expansion through war and diplomacy; Imperial framework: administration and bureaucracy.

XIX. Social and Economic changes under British Rule: Means of communication and transportation; raw materials for exports: industrial development; the Indian elite; the middle classes; the working class.

XX. Socio-Religious Movements; Construction, Brahmo Samaj; Aligarh Movement; Nirankari Movement; Kuka Movement and Singh Sabha Movement.

XXI. Political Consciousness and struggle for Representative Government in India: The Revolt of 1857 and it’s legacy; the Indian National Congress; the Home Rule Movement; Constitutional Reforms; Jallianwala Bagh massacre and its impact demand for independence.

XXII. Towards Freedom: The Quit India Movement and its aftermath; transfer of power.
(i) Sites of Indus Valley Civilization;
(ii) Extent of Ashoka’s empire;
(iii) Extent of Samudragupta’s Empire;
(iv) Important Historical places;
(v) India in 1526;
(vi) Extent of Akbar’s empire;
(vii) Extent of Ranjit Singh’s empire;
(viii) Important historical places;

PSEB 11th Class Geography Book Solutions Guide in Punjabi English Medium

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PSEB 11th Class Geography Book Solutions in Hindi Medium

Unit 1 सूर्यमण्डल

Unit 2 स्थलमण्डल

Unit 3 वायुमण्डल

Unit 4 जलमण्डल

PSEB 11th Class Geography प्रयोगात्मक भूगोल

PSEB 11th Class Geography Book Solutions in English Medium

Unit 1 Solar System

  • Chapter 1 The Earth
  • Chapter 2 Rocks
  • Chapter 3 Agents of Change : Denudation, Transportation and Deposition
  • Chapter 3(i) Denudation Works of River
  • Chapter 3(ii) Denudation Works of Glacier
  • Chapter 3(iii) Denudation Works of Winds
  • Chapter 3(iv) Denudation Works of Underground Water
  • Chapter 3(v) Denudation Works of Sea

Unit 2 Lithosphere

  • Chapter 4 Major Land Forms
  • Chapter 5 Volcanoes and Earthquakes
  • Chapter 5(i) Volcanoes
  • Chapter 5(ii) Earthquakes

Unit 3 Atmosphere

  • Chapter 6 Formation and Structure of Atmosphere
  • Chapter 7 Winds
  • Chapter 8 Humidity and Precipitation

Unit 4 Hydrospere

  • Chapter 9 The Ocean
  • Chapter 10 Geo-Political Significance of Indian Ocean

PSEB 11th Class Geography Practical Geography

  • Chapter 1 Maps
  • Chapter 2 Scale
  • Chapter 3 Enlargement and Reduction of Maps
  • Chapter 4 Topographical Maps
  • Chapter 5 Weather Maps
  • Chapter 6 Contours
  • Chapter 7 Weather Instrument

PSEB Class 11 Geography Structure of Question Paper

Class – XI (Pb.)
Geography

Time Allowed: 3 Hours
Theory: 70 Marks

The question paper has 5 sections comprising a total of 25 questions. All questions are compulsory.

Section – I
MCQ/Objective Type Questions: This section comprises questions with one word to one sentence answer/fill in the blanks/true or false etc. all multiple choice type questions. The section has 8 subparts (questions) 1 to 8, carrying one mark each. This section shall cover whole the syllabus. (1 × 8 = 8)

Section – II
Very Short Answer Type Questions: This section comprises questions of 7 subparts or questions 9 to 15, carrying 2 marks each. The answer to each question maybe two to three sentences. This section will cover whole the syllabus, choosing at least one question from each unit. (2 × 7 = 14)

Section – III
Short Answer Type Questions: This section comprises 5 subparts, questions 16 to 20, each carrying 4 marks. One question each from Unit I and Unit IV shall be set in this section and three questions from Unit II and Unit III. All the questions shall have an internal choice. (4 × 5 = 20)

Section – IV
Long Answer Type Questions: This section comprises of 3 subparts (questions) with 100% internal choice, 21 to 23, carrying 6 marks each. The answer to each question should be in about 100 to 150 words. All four Units of the Syllabus shall be covered. (6 × 3 = 18)

Section – V
Map Question: This section comprises two questions of map carrying 5 marks each. Students/Examinees are to attempt any 5 out of 8 items in each question. One part of map work pertains to identification and the other pertains to labelling in a political outline map of India and the World as per syllabus. (5 × 2 = 10)

Question Wise Break up

Type of Question Marks Per Question Total no. of Questions Total Marks Percentage
Objective Type (Learning checks) 1 8 8 11.5
Short Answer (VSA) 2 7 14 20
Short Answer (SA) 4 5 20 28.5
Long Answer (LA) 6 3 18 25.5
Map Skills Based 5 2 10 14.5
Total 25 70 100

Weightage to Content

Section A 8 Marks
Section B 14 Marks
Section C 20 Marks
Section D 18 Marks
Section E (Map Work) 10 Marks
Practical 20 Marks
Project Work/Book bank 8/2 Marks
Total 100 Marks

Weightage of Difficulty Level

Estimated Difficulty Level Percentage
Easy (E) 30%
Average (AV) 50%
Difficult (D) 20%

Design of Question Paper

Typology of questions MCQ/Objective Type (1 Mark) Very Short Answer (VSA)
(2 Marks)
Short Answer-I (SA-I)
(4 Marks)
Long Answer (LA) (6 Marks) Map Work (5) Total Marks % Wise Weightage
Remembering-
(Kno­wledge based Simple recall questions, to know specific facts, terms, concepts, principles or theories; Identity, defined or recite information)
8 2 1 18 25.5%
Understanding- Comprehension-to be familiar with the meaning and to understand con­ceptually, interpret, compare, contrast, explain, paraphrase, or interpret information 3 3 2 30 43%
Application-
(Use abstract information in a concrete situation, to apply knowledge to the new situation; Use given content to interpret a situation, provide an example, or solve a problem)
1 2 2 12 17%
Thinking Skills-
(Analysis & Synthesis classify, compare, contrast, or differentiate between different pieces of information, Organize  and/or integrate            unique pieces of information from a variety of sources)
2 10 14.5%
Total – 70 8 7 × 2 = 14 5 × 4 = 20 3 × 6 = 18 2 × 5 = 10 Total = 70 100%

PSEB Class 11 Geography Syllabus

Theory

Unit – I: Solar System
Solar System: Earth Position of Earth in Solar System, Size and Shape, Movements of Earth and Effects, Longitudes and Latitudes.

Time; Local, Standard, and International Date Line.

Rocks: Origin, Classification, and Characteristics

Factors of change; Weathering and Denudation by river, glacier, wind, oceans, and underground water.

Unit – II: Lithosphere
Landforms: Mountains, Plateaus, and Plains; Origin, Classification and their significance to mankind.

Earthquakes: Causes, Effects, Types, and Distribution.

Volcanoes: Causes and effects of Volcanic activities.

Unit – III: Atmosphere

Extents, Layers, and composition.

Temperature; Factors controlling temperature, distribution, and range of temperature.

Pressures; Factors controlling pressures, horizontal and vertical distribution.

Winds; Planetary, seasonal and local; Shifting of wind belts and their impact. Cyclones and Anti-cyclones.

Humidity and Precipitation; Relative humidity and Specific humidity Precipitation types, rainfall types, and distribution.

Unit – IV: Hydrosphere
Oceans: Ocean basins and submarine relief, Ocean waters and their circulation, temperature, salinity^ waves, currents, and tides.

Special reference: Geopolitical importance of Indian Ocean.

Note:
A. Examples as far as possible be given from India.
B. Answers be illustrated with maps and diagrams.

Map Work: 20 Marks

Maps: Necessity of maps, classification, the scale of maps; R.F., Linear scale, its use in maps. Reduction and enlargement through the square method.

Direction: Finding direction in the field and on the map, Orientation of Local map in the field, methods of showing direction on the map.

Atlas map symbols: Identifications and Recognition of Symbols of conventional signs used in the atlas, Topographic sheet, and weather maps.

Methods of showing relief on maps: Contours, Interpolation of Contours identification of simple relief features from contours on a map.

Drawing of cross-section, observation, and recording of various weather elements with the help of the following instruments:
(a) Six’s minimum and maximum thermometer.
(b) Aneroid Barometer
(c) Wind Vane
(d) Wet and dry bulb thermometer
(e) Rain gauge
(f) Drawing of isotherms, isobars, and isohyets.

PSEB 11th Class Political Science Book Solutions Guide in Punjabi English Medium

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PSEB 11th Class Political Science Book Solutions in English Medium

Part A Foundations of Political Science

Part B Indian Constitution and Government

PSEB 11th Class Political Science Book Solutions in Hindi Medium

PSEB 11th Class Political Science Syllabus

Part – A Foundations of Political Science

Unit I: Meaning, Scope, and Significance of Political Science
(a) Meaning of Political Science.
(b) Scope and Significance of Political Science.
(c) Relationship of Political Science with History, Economics, Sociology.
(d) Citizen and his Rights and Duties.
(e) Citizen and Citizenship.

Unit II: (a) Meaning of Rights and Duties.
(b) Relation between Rights and Duties.
Basic Concepts
(a) Law – Meaning and its Kinds.
(b) Liberty – Meaning. Kinds and Safeguards.
(c) Equality – Meaning, Kinds, Liberty, and Equality.
(d) Justice.

Unit III: State, Forms of Governments
(a) State and its attributes.
(b) State and Government differences.
(c) Forms of Governments.
a. Democratic and Authoritarian (Dictatorial)
b. Parliamentary and Presidential.
c. Unitary and Federal.

Unit IV: Organs of Government
(a) Executive – Types of Executive, Functions.
(b) Legislature, Types of Legislature – Unicameral and Bicameral, Functions.
(c) Judiciary, Importance, and Functions, Independence of the Judiciary.

Part – B Indian Constitution and Government

Unit V: (a) Preamble
(b) Salient features of the Indian Constitution.
(c) Fundamental Rights and Directive Principles of State Policy.
(a) Fundamental Rights: Nature and Kinds.
(b) Fundamental Duties.
(c) Directive Principles of the State Policy – Importance and Sanctions behind them.
(d) Distinction and relationship between Fundamental Rights and Directive Principles.

Unit VI: Indian Federal System
(a) Nature of Indian Federation.
(b) Union-State Relations: Legislative, Administrative, and Financial.
Union Government.
(c) The Union Executive – President, Prime Minister, and Council of Ministers.

Unit VII: The Union Legislature
(Lok Sabha, Rajya Sabha)
Law Making procedure (ordinary bill and money bill)
The State Government.
(a) State Executive – Governor, Chief Minister, and Council of Ministers.
(b) State Legislature.

Unit VIII: District Administration.
Indian Judicial System.
(a) The Supreme Court.
(b) State High Court.

PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom

Punjab State Board PSEB 11th Class Chemistry Book Solutions Chapter 2 Structure of Atom Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 2 Structure of Atom

PSEB 11th Class Chemistry Guide Structure of Atom InText Questions and Answers

Question 1.
(i) Calculate the number of electrons which will together weigh one gram.
(ii) Calculate the mass and charge of one mole of electrons.
Answer:
(i) Mass of one electron = 9.1 × 10-31 g
Number of electrons in 1.0 g = \(\frac{1}{9.1 \times 10^{-31}}\) = 1.098 x 1030 electrons

(ii) One mole of electron = 6.022 × 1023 electrons
Mass of 1 electron = 9.1 × 10-31 kg
Mass of 6.022 × 1023 electrons – (9.1 x 10-31 kg) × (6.022 x 1023)
= 5.48 × 10-7 kg
Charge on one electron = 1.602 × 10-19 coulomb
Charge on one mole of electrons = 1.602 × 10-19 × 6.022 × 1023
= 9.65 × 104 coulomb.

PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom

Question 2.
(i) Calculate the total number of electrons present in one mole of methane.
(ii) Find (a) the total number and (b) the total mass of neutrons in 7 mg of 14C.
(Assume that mass of a neutron = 1.675 × 10-27 kg)
(iii) Find (a) the total number and (b) the total mass of protons in 34 mg of NH3 at STP.
Will the answer change if the temperature and pressure are changed?
Answer:
(i) Number of electrons present in 1 molecule of methane (CH4)
= {1(6) + 4(1)} = 10 electrons
Number of electrons present in 1 mole i.e., 6.022 × 1023 molecules of
methane = 6.022 × 1023 × 10 = 6.022 × 1024 electrons
(ii) (a) Mass of a neutron = 1.675 × 10-27 kg
14.0 g of 14C contains 1 mole of atoms of C-14
∴ 14.0 g of 14C contains 8 × 6.022 × 1023 neutrons
[∵ each atom of C-14 contains 8 neutrons]
7 mg (= 7 × 10-3 g) of 14C contains
= \(\frac{6.022 \times 10^{23} \times 8 \times 7 \times 10^{-3}}{14}\) = 2.4092 × 1021 neutrons

(b) Mass of one neutron = 1.675 × 1027 kg
Mass of 2.4092 × 1021 neutrons
= (2.4092 × 1021)(1.675 × 10-27 kg) = 4.035 × 10-6 kg

(iii) 1 mole of NH3 contains protons = 7 + 3 = 10 moles of protons
= 6.022 × 1023 × 10 protons = 6.022 × 1024 protons

(a) 17 gNH3 contains 6.022 × 1024 protons.
Number of protons in 34 mg NH3 will contain
= \(6.022 \times 10^{24} \times 34 \times 10^{-3}\) = 1.2046 x 1022 Protons

(b) Mass of one proton = 1.675 x 10-27 kg
Total mass of protons in 34 mg of NH3
– (1.675 × 10-27 kg) (1.2046 × 1022)
= 2.0177 × 10-5 kg
The number of protons, electrons and neutrons in an atom is independent of temperature and pressure conditions. Hence, the obtained values will remain unchanged if the temperature and pressure is changed.

Question 3.
How many neutrons and protons are there in the following nuclei?
\({ }_{6}^{13} \mathrm{C},{ }_{8}^{16} \mathrm{O},{ }_{12}^{24} \mathrm{Mg},{ }_{26}^{56} \mathrm{Fe},{ }_{38}^{88} \mathrm{Sr}\)
Answer:
\({ }_{6}^{13} \mathrm{C}\)C : Atomic mass =13
Atomic number = Number of protons = 6
Number of neutrons = (Atomic mass) – (Atomic number)
= 13 – 6 = 7
\({ }_{8}^{16} \mathrm{O}\) :
Atomic mass =16
Atomic number = 8
Number of protons = 8
Number of neutrons = (Atomic mass) – (Atomic number)
= 16 – 8 = 8
\({ }_{12}^{24} \mathrm{Mg}\) : Atomic mass = 24
Atomic number = Number of protons = 12
Number of neutrons = (Atomic mass) – (Atomic number)
= 24-12 = 12
\({ }_{26}^{56} \mathrm{Fe}\) : Atomic mass = 56
Atomic number = Number of protons = 26
Number of neutrons = (Atomic mass) – (Atomic number)
= 56 – 26 = 30
\({ }_{38}^{88} \mathrm{Sr}\) : Atomic mass = 88
Atomic number = Number of protons = 38
Number of neutrons = (Atomic mass) – (Atomic number)
= 88 – 38 = 50

Question 4.
Write the complete symbol for the atom with the given atomic number (Z) and atomic mass (A)
(i) Z = 17, A = 35
(ii) Z = 92, A = 233
(iii) Z = 4, A = 9
Answer:
(i) Z = 17, A = 35
Since the no. of protons = 17 – no. of electrons
∴ The atom is chlorine, Cl: \({ }_{17}^{35} \mathrm{Cl}\)

(ii) Z = 92, A = 233
No. of protons = 92
∴ The atom is uranium, U : \({ }_{92}^{233} U\)

(iii) Z = 4, A = 9
No. of protons = 4
∴ The atom is Beryllium, Be : \({ }_{4}^{9} \mathrm{Be}\)

PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom

Question 5.
Yellow light emitted from a sodium lamp has a wavelength (A.) of 580 nm. Calculate the frequency (υ) and wave number (\(\overline{\mathbf{v}}\)) of the ‘ yellow light.
Answer:
We know that,
Frequency, v = \(\frac{c}{\lambda}\)
1 nm = 10-9 m
580 nm = 580 × 10-9 m = 580 x 10-7 cm
v = \(\) = 5.17 × 1014s-1
(velocity of light = 3 × 108 m/s)
Wave number, \(\bar{v}=\frac{1}{\lambda}\)
= \(\frac{1}{580 \times 10^{-7}}\) = 1.72 × 104 cm-1

Question 6.
Find energy of each of the photons which
(i) correspond to light of frequency 3 × 1015 Hz.
(ii) have wavelength of 0.50 Å
Answer:
(i) Energy E = hv
where, h = Planck’s constant = 6.626 × 10-34 Js
and v = frequency of light = 3 × 1015 Hz
E= (6.626 × 10-34)(3 × 1015)
E = 1.988 × 10-18 J

(ii) Energy E = \(\frac{h c}{\lambda}\)
where, h = Planck’s constant = 6.626 × 10-34 Js
c = velocity of light in vacuum = 3 × 108 m/s
= wavelength = 0.50Å = 0.50 × 10-10
E = \(\frac{\left(6.626 \times 10^{-34}\right)\left(3 \times 10^{8}\right)}{0.50 \times 10^{-10}}\) = 3.976 × 10-15 J

Question 7.
Calculate the wavelength, frequency and wave number of a light wave whose period is 2.0 × 10-10 s.
Answer:
Frequency of light (v) = \(\frac{1}{\text { Time period }}=\frac{1}{2.0 \times 10^{-10} \mathrm{~s}}\) = 5.0 × 109s-1
Wavelength of light (λ) = \(\frac{c}{v}\)
where, c = velocity of light in vacuum = 3 × 108 m/s
λ = \(\frac{3 \times 10^{8}}{5.0 \times 10^{9}}\) = 6.0 × 10-2 m
Wave number(\(\bar{v}\)) of light
= \(\frac{1}{\lambda}=\frac{1}{6.0 \times 10^{-2}}\) = 1.66 × 101m-1 = 16.66m-1

Question 8.
What is the number of photons of light with a wavelength of 4000 pm that provide 1 J of energy?
Answer:
Energy (E) of a photon = hv = \(\frac{h c}{\lambda}\)
where, = wavelength of light = 4000 pm = 4000 × 10-12 m
(∵ 1 pm = 10-12 m)
c = velocity of light in vacuum = 3 × 108 m/s
h = Planck’s constant = 6.626 × 10-34 Js
E = \(\frac{6.626 \times 10^{-34} \times 3 \times 10^{8}}{4000 \times 10^{-12}}\) = 4.9695 × 10-17J
Number of protons, N = \(\frac{1}{4.9695 \times 10^{-17}}\) = 2.0122 × 1016 protons.

Question 9.
A photon of wavelength 4 × 10-7 m strikes on metal surface, the work function of the metal being 2.13 eV. Calculate (i) the energy of the photon (eV), (ii) the kinetic energy of the emission, and (iii) the velocity of the photoelectron (1 eV = 1.6020 × 10-19 J).
Answer:
(i) Energy (E) of a photon = hv = \(\frac{h c}{\lambda}\)
where,
h = Planck’s constant = 6.626 × 10-34 Js
c = velocity of light in vacuum = 3 × 108 m/s
λ = wavelength of photon =4 × 10-7 m
E = \(\frac{\left(6.626 \times 10^{-34}\right)\left(3 \times 10^{8}\right)}{4 \times 10^{-7}}\)
= 4.9695 × 10-19j = \(\frac{4.9695 \times 10^{-19}}{1.602 \times 10^{-19}}\) [∵ 1 eV = 1.602 x 10-19J]
= 3.10 eV
Hence, the energy of the photon is 3.10 eV.

(ii) The kinetic energy of emission Ek is given by
= hv – hv0 = (E – W) eV
= 3.10 – 2.13 eV = 0.97 eV
Hence, the kinetic energy of emission is 0.97 eV.

(iii) The velocity of a photoelectron is given by
KE = \(\frac{1}{2}\) mv2 – hv – hv0 = 0.97 eV
\(\frac{1}{2}\)mv2 = 0.97 × 1.602 × 10-19 J
(∵ 1 eV = 1.602 x 10-19 J)
\(\frac{1}{2}\) × 9.11 × 10-31 kg × v2 = 0.97 × 1.602 × 10-19 J
(∵ mass of electron = 9.11 × 10-31 kg)
v2 = \(\frac{0.97 \times 1.602 \times 10^{-19} \times 2}{9.11 \times 10^{-31}}\) = 0.341 × 1012
v = 0.584 × 106 = 5.84 × 105 m/s
Hence, the velocity of the photoelectron is 5.84 × 105 ms-1.

Question 10.
Electromagnetic radiation of wavelength 242 run is just sufficient to ionise the sodium atom. Calculate the ionisation energy of sodium in kJ mol-1.
Answer:
Energy (E) = \(\frac{h c}{\lambda}\)
= \(\frac{\left(6.626 \times 10^{-34} \mathrm{Js}\right)\left(3 \times 10^{8} \mathrm{~ms}^{-1}\right)}{242 \times 10^{-9} \mathrm{~m}}\)
= 0.0821 × 10-17 J
This energy is sufficient for ionisation of one Na atom.
E = 6.02 × 1023 × 0.0821 × 10-17 J/mol
E = 4.945 × 105 J/mol = 4.945 × 102 kJ/mol

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Question 11.
A 25 watt bulb emits monochromatic yellow light of wavelength of 0.57 (am. Calculate the rate of emission of quanta per second.
Answer:
Power of bulb, P = 25 watt = 25 Js-1
Wavelength,
λ = 0.57 µm = 0.57×10-6 m
Energy of one photon,
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 1

Question 12.
Electrons are emitted with zero velocity from a metal surface when it is exposed to radiation of wavelength 6800Å. Calculate threshold frequency (v0) and work function (W0) of the metal.
Answer:
Threshold wavelength of radiation
λ0 = 6800Å = 6800 × 10-10 m
Threshold frequency (v0) of the metal
= \(\frac{c}{\lambda_{0}}=\frac{3 \times 10^{8} \mathrm{~ms}^{-1}}{6800 \times 10^{-10} \mathrm{~m}}\) = 4.41 × 1014s-1
Thus, the threshold frequency (v0) of the metal is 4.41 × 1014s-1.
Hence, work function (W0) of the metal = hv0
= (6.626 × 10-34Js)(4.41 × 1014s-1)= 2.922 × 10-19 J

Question 13.
What is the wavelength of light emitted when the electron in a hydrogen atom undergoes transition from an energy level with n = 4 to an energy level with n = 2 ?
Answer:
The ni = 4 to nf= 2 transition will give rise to a spectral line of the
Balmer series. The energy involved in the transition is given by the relation,
E = 2.18 × 10-18 \(\left[\frac{1}{n_{i}^{2}}-\frac{1}{n_{f}^{2}}\right]\)
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Question 14.
How much energy is required to ionise a H atom if the electron occupies n = 5 orbit? Compare your answer with the ionization enthalpy of H atom (energy required to remove the electron from n – 1 orbit).
Answre:
Energy change, ΔE = Ef – Ei
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Hence, far higher energy (25 times) is required to remove an electron from first orbit.

Question 15.
What is the maximum number of emission lines when the excited electron of a H atom in n = 6 drops to the ground state?
Answer:
The maximum number of emission lines
= \(\frac{n(n-1)}{2}=\frac{6(6-1)}{2}\) = 3 × 5 = 15

Question 16.
(i) The energy associated with the first orbit in the hydrogen atom is -2.18 × 10-18 J atom-1. What is the energy associated with the fifth orbit?
(ii) Calculate the radius of Bohr’s fifth orbit for hydrogen atom.
Answer:
(i) Energy associated with the fifth orbit of hydrogen atom is calculated as :
E5 = \(\frac{-\left(2.18 \times 10^{-18}\right)}{(5)^{2}}=\frac{-2.18 \times 10^{-18}}{25}\)
E5 = -8.72 × 10-20 J
(ii) Radius of Bohr’s nth orbit for hydrogen atom is given by,
rn = (0.0529 nm) n2
For, n= 5
r5 = (0.0529 nm) (5)2
r5 = 1.3225 nm

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Question 17.
Calculate the wave number for the longest wavelength transition in the Balmer series of atomic hydrogen.
Answer:
For the Balmer series, a transition from n1= 2 to n2 = 3 is allowed.
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 4

Question 18.
What is the energy in joules, required to shift the electron of the hydrogen atom from the first Bohr orbit to the fifth Bohr orbit and what is the wavelength of the light emitted when the electron returns to the ground state? The ground state electron energy is -2.18 × 10-11 ergs.
Answer:
ΔE = E5 – E1 = 2.18 × 10-11 (\(\left(\frac{1}{n_{i}^{2}}-\frac{1}{n_{f}^{2}}\right)\))erg
(ni = 1st orbit and nf = 5th orbit)
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Question 19.
The electron energy in hydrogen atom is given by En = (-218 × 10-18)/n2J. Calculate the energy required to remove an electron completely from n = 2 orbit. What is the longest wavelength of light in cm that can be used to cause this transition?
Answer:
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Question 20.
Calculate the wavelength of an electron moving with a velocity of 2.05 × 107 ms-1.
Answer:
According to de Broglie’s equation,
λ = \(\frac{h}{m v}\)
where, λ = wavelength of moving electron
m = mass of electron = 9.1 × 10-31 kg
h= Planck’s constant – 6.626 × 10-34 Js
v = velocity of electron = 2.05 × 107 ms-1
λ = \(\frac{6.626 \times 10^{-34} \mathrm{Js}}{\left(9.1 \times 10^{-31} \mathrm{~kg}\right)\left(2.05 \times 10^{7} \mathrm{~ms}^{-1}\right)}\)
λ = 3.548 × 10-11 m
Hence, the wavelength of the electron moving with a velocity of
2.5× 107 ms-1 is 3.548 x 10-11m.

Question 21.
The mass of an electron is 9.1 x 10-31 kg. If its K.E. is 3.0 x 10-25 J, calculate its wavelength.
Answer:
Kinetic energy, K.E. = \(\frac{1}{2}\) mv2
∴ Velocity(v) = \(\sqrt{\frac{2 \mathrm{KE}}{m}}=\sqrt{\frac{2\left(3.0 \times 10^{-25}\right)}{9.1 \times 10^{-31} \mathrm{~kg}}}=\sqrt{0.6593 \times 10^{6}}\)
_ 6.626 x 10~34 Js
~ (9.1 x 10-31 kg)(811.579 ms-1)
λ = 8.968 x 10-7 m
Hence, the wavelength of the eliectron is 8.968 x 10-7 m or 8968 Å.

Question 22.
Which of the following are isoelectronic species i.e., those having the same number of electrons?
Na+, K+, Mg2+, Ca2+, S2-, Ar
Ans. No. of electrons in Na+ = 10 [11-1]
No. of electrons in K+ = 18 [19-1]
No. of electrons in Mg2+ = 10 [12-2]
No. of electrons in Ca2+ =18 [20 – 2]
No. of electrons in S2- = 18 [16 + 2]
No. of electrons in Ar = 18
∴ Na+ , Mg2+ are isoelectronic (10 e each)
∴ Ca2+, K+, S2-, Ar are isoelectronic (18 e each).

PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom

Question 23.
(i) Write the electronic configurations of the following ions:
(a) H (b) Na+ (c)02- (d)F
(ii) What are the atomic numbers of elements whose outermost electrons are represented by
(a) 3s1 (b) 2p3 (c) 3p5?
(iii) Which atoms are indicated by the following configurations?
(a) [He] 2s1 (b) [Ne] 3s2 3p3 (c) [Ar] 4s23d1.
Answer:
(i) (a) H ion
The electronic configuration of H atom is 1s1.
A negative charge on the species indicates the gain of an electron by it.
∴ Electronic configuration of H = 1s2

(b) Na+ ion
The electronic configuration of Na atom is 1s2 2s2 2p6 3s1.
A positive charge on the species indicates the loss of an electron by it.
∴ Electronic configuration of Na+ = 1s2 2s2 2p6 3s° or 1s2 2s2 2p6

(c) O2- ion
The electronic configuration of O atom is 1s22s2 2p4
A dinegative charge on the species indicates that two electrons are gained by it.
∴ Electronic configuration of 02- ion is 1s2 2s2 2p6

(d) F ion
The electronic configuration of F atom is 1s22s22p5.
A negative charge on the species indicates the gain of an electron by it.
∴ Electronic configuration of F“ ion is 1s2 2s2 2p6.

(ii) (a) 3s1
Completing the electronic configuration of the element as 1s2 2s2 2p6 3s1. .-. Number of electrons present in the atom of the element = 2 +2 + 6 +1=11
∴ Atomic number of the element = 11

(b) 2p3
Completing the electronic configuration of the element as 1s2 2s2 2p3
∴ Number of electrons present in the atom of the element = 2+ 2+ 3 = 7
∴ Atomic number of the element = 7

(c) 3p5
Completing the electronic configuration of the element as 1s2 2s2 2p6 3s2 3 P5
∴ Number of electrons present in the atom of the element
2 + 2 + 6 + 2 + 5 = 17
∴ Atomic number of the element = 17

(iii) (a) [He] 2s1
The electronic configuration of the element is [He]2s1 = 1s22s1.
∴ Atomic number of the element = 3
Hence, the element with the electronic configuration [He] 2s1 is lithium (Li).

(b) [Ne] 3s2 3p3
The electronic configuration of the element is
[Ne] 3s2 3p3 = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p3
∴ Atomic number of the element = 15
Hence, the element with the electronic configuration [Ne] 3s2 3p3 is phosphorus (P).

(c) [Ar] 4s2 3d1
The electronic configuration of the element is [Ar] 4s2 3d1 = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 4s2 3d1.
∴ Atomic number of the element = 21
Hence, the element with the electronic configuration [Ar] 4s2 3d2 is scandium (Sc).

Question 24.
What is the lowest value of n that allows g orbitals to exist?
Answer:
For g-orbitals, l = 4.
As for any value ‘n’ of principal quantum number, the Azimuthal quantum number (l) can have a value from zero to (n —1).
∴ For l = 4, minimum value of n = 5

Question 25.
An electron is in one of the 3d orbitais. Give the possible values of n, l and ml for this electron.
Answer:
For the 3d orbital:
Principal quantum number (n) = 3
Azimuthal quantum number (L) = 2
Magnetic quantum number (ml) = – l to + l including 0 = -2 -1, 0, 1, 2

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Question 26.
An atom of an element contains 29 electrons and 35 neutrons. Deduce (i) the number of protons and (ii) the electronic configuration of the element.
Answer:
No. of protons in a neutral atom = No. of electrons = 29
Electronic configuration = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s1.

Question 27.
Give the number of electrons in the species : H2+, H2 and 02+.
Answer:
H2+ = one ; H2 = two ; 02+ = 15

Question 28.
(i) An atomic orbital has n = 3. What are the possible values of l and ml ?
(ii) List the quantum numbers ml and l of electron in 3rd orbital.
(iii) Which of the following orbitals are possible ?
1p, 2s, 2p and 3f.
Answer:
(i) For n = 3; l = 0, 1 and 2.
For l = 0 ; ml = 0
For l = 1; ml = +1, 0, -1
For l = 2 ; ml = +2, +1,0, +1, + 2
(ii) For an electron in 3rd orbital ; n = 3; l = 2 ; ml can have any of the values -2, -1, 0,
+ 1, +2.
(iii) 1p and 3f orbitals are not possible.

Question 29.
Using s, p and d notations, describe the orbitals with follow ing quantum numbers :
(a) n = 1, l = 0
(b) n = 4, l = 3
(c) n = 3, l = 1
(d) n = 4, l = 2
Answer:
(a) 1s orbital
(b) 4f orbital
(c) 3p orbital
(d) 4d orbital

Question 30.
From the following sets of quantum numbers, state which are possible. Explain why the others are not possible.
(i) n = 0, l = 0, ml = 0, ms = +1/2
(ii) n = 1, l = 0, ml = 0, ms – – 1/2
(iii) n = 1, l = 1, ml = 0, ms= +1/2
(iv) n = 1, l = 0, ml = +1, ms= +1/2
(v) n = 3, l = 3, ml = -3, ms = +1/2
(vi) n = 3, l = 1, ml = 0, ms= +1/2
Answer:
(i) The set of quantum numbers is not possible because the minimum value of n can be 1 and not zero.
(ii) The set of quantum numbers is possible.
(iii) The set of quantum numbers is not possible because, for n = 1, l can not be equal to 1. It can have 0 value.
(iv) The set of quantum numbers is not possible because for l = 0. mt cannot be + 1. It must be zero.
(v) The set of quantum numbers is not possible because, for n = 3, l ≠ 3.
(vi) The set of quantum numbers is possible.

Question 31.
How many electrons in an atom may have the following quantum numbers ?
(a) n = 4 ; ms = -1/2
(b) n = 3, l = 0.
Answer:
(a) For n = 4
Total number of electrons = 2n2 = 2 × 16 = 32
Half out of these will have ms = —1/2
∴ Total electrons with ms (-1/2) = 16
(b) For n = 3
l= 0 ; ml = 0, ms +1/2, -1/2 (two e)

Question 32.
Show that the circumference of the Bohr orbit for the hydrogen atom is an integral multiple of the de Broglie wavelength associated with the electron revolving around the orbit.
Answer:
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 20
Thus, the circumference (2πr) of the Bohr orbit for hydrogen atom is an integral multiple of the de Broglie wavelength.

PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom

Question 33.
Calculate the number of atoms present in :
(i) 52 moles of He
(ii) 52 u of He
(iii) 52 g of He.
Answer:
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 21

Question 34.
Calculate the energy required for the process :
He+fe) → He2+(g) + e
The ionisation energy’ for the H atom in the ground state is 2.18 × 10-18  J atom-1
Answer:
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 22

For H atom (Z = 1), En =2.18 × 10-18 × (l)2 J atom-1 (given)
For He+ ion (Z = 2), En =2.18 × 10-18 × (2)2 = 8.72 × 10-18 J atom-1 (one electron species)

Question .35.
If the diameter of carbon atom is 0.15 nm, calculate the number of carbon atoms which can be placed side by side in a straight line across a length of a scale of length 20 cm long.
Answer:
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 23

Question 36.
2 × 108 atoms of carbon are arranged side by side. Calculate the radius of carbon atom if the length of this arrangement is 2.4 cm.
Answer:
The length of the arrangement = 2.4 cm
Total number of carbon atoms present = 2 ×108
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 24
Radius of each carbon atom = 12(1.2 × 10-8) = 6.0 × 10-9cm = 0.06 nm

Question 37.
The diameter of zinc atom is 2.6 Å. Calculate :
(a) the radius of zinc atom in pm
(b) number of atoms present in a length of 1.6 cm if the zinc atoms are arranged side by side length wise.
Answer:
(a) Radius of zinc atom =Undefined control sequence = 1.3 Å = 1.3 × 10-10m = 130 × 10-12m = 130 pm
(b) Length of the scale = 1.6 cm = 1.6 × 1010 pm
Diameter of zinc atom = 260 pm
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 25

Question 38.
A certain particle carries 2.5 x 10-16 C of static electric charge. Calculate the number of electrons present in it.
Answer:
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 26

Question 39.
In Millikan’s experiment, the charge on the oil droplets was found to be – 1.282 x 10-18C. Calculate the number of electrons present in it.
Answer:
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 27

PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom

Question 40.
In Rutherford experiment, generally the thin foil of heavy atoms like gold, platinum etc. have been used to be bombarded by the a-particles. If a thin foil of light atoms like aluminium etc. is used, what difference would be observed from the above results ?
Answer:
We have studied that in the Rutherford’s experiment by using heavy metals like gold and platinum, a large number of a-particles sufferred deflection while a very few had to retrace their path.

If a thin foil of lighter atoms like aluminium etc. be used in the Rutherford experiment, this means that the obstruction offered to the path of the fast moving a-particles will be comparatively quite less.

As a result, the number of a-particles deflected will be quite less and the particles which are deflected back will be negligible.

Question 41.
Symbols \(_{ 35 }^{ 79 }{ Br }\) and 79Br can be written whereas symbols \(_{ 79 }^{ 35 }{ Br }\) and 35Br are not accepted. Answer in brief.
Answer:
In the symbol \(_{ A }^{ B }{ X }\) of an element :
A denotes the atomic number of the element
B denotes the mass number of the element.
The atomic number of the element can be identified from its symbol because no two elements can have the atomic number. However, the mass numbers have to be mentioned in order to identify the elements. Thus,
Symbols \(_{ 35 }^{ 79 }{ Br }\) and 79Br are accepted because atomic number of Br will remain 35 even if not mentioned. Symbol \(_{ 79 }^{ 35 }{ Br }\) is not accepted because atomic number of Br cannot be 79 (more than the mass number = 35). Similarly, symbol 35Br cannot be accepted because mass number has to be mentioned. This is needed to differentiate the isotopes of an element.

Question 42.
An element with mass number 81 contains 31.7% more neutrons as compared to protons. Assign the symbol to the element.
Answer:
An element can be identified by its atomic number only. Let us find the atomic number.
Let the number of protons = x
Number of neutrons = x + [\(\frac { x\times 31.7 }{ 100 } \) = (x × 0.317x)
Now, Mass no. of element = no. of protons =no. neutrons
81 = x + x + 0-317 x = 2.317 x or x = \(\frac { 81 }{ 2.317 } \) = 35
∴ No. of protons = 35, No. of neutrons = 81 – 35 =46
Atomic number of element (Z) = No. of protons = 35
The element with atomic number (Z) 35 is bromine \(_{ 35 }^{ 81 }{ Br }\).

Question 43.
An ion with mass number 37 possesses one unit of negative charge. If the ion contains 11 -1% more neutrons than the electrons, find the symbol of the ion.
Answer:
Let the no. of electron in the ion = x
∴ the no. of protons = x – 1 (as the ion has one unit negative charge)
and the no. of neutrons = x + \(\frac { x\times 11.1 }{ 100 } \) = 1.111 x
Mass no. or mass of the ion = No. of protons + No. of neutrons
(x – 1 + 1.111 x)
Given mass of the ion = 37
∴ x- 1 + 1.111 x = 37 or 2.111 x = 37 + 1 = 38
x = \(\frac { 38 }{ 2.111 } \) = 18
No. of electrons = 18 ; No. of protons = 18 – 1 = 17
Atomic no. of the ion = 17 ; Atom corresponding to ion = Cl
Symbol of the ion = \(_{ 17 }^{ 37 }{ Cl }\)

Question 44.
An ion with mass number 56 contains 3 units of positive charge and 30.4% more neutrons than electrons. Assign symbol to the ion.
Answer:
Let the no. of electrons in the ion = x
∴ the no. of the protons = x + 3 (as the ion has three units positive charge)
and the no. of neutrons = x + \(\frac { x\times 31.7 }{ 100 } \) = xc + 0.304 x
Now, mass no. of ion = No. of protons + No. of neutrons
= (x + 3) + (x + 0.304x)
∴ 56 = (x + 3) + (x + 0.304x) or 2.304x = 56 – 3 = 53
x = \(\frac { 53 }{ 2.304 } \) = 23
Atomic no. of the ion (or element) = 23 + 3 = 26
The element with atomic number 26 is iron (Fe) and the corresponding ion is Fe3+.

Question 45.
Arrange the following type of radiations in increasing order of frequency:
(a) radiation from microwave oven (b) amber light from traffic signal (c) radiation from FM radio (d) cosmic rays from outer space and (e) X-rays.
Answer:
The increasing order of frequency is as follows :
Radiation from FM radio < Radiation from microwave oven < Amber light from traffic signal < X-rays < Cosmic rays from outer space.

PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom

Question 46.
Nitrogen laser produces a radiation at a wavelength of 337.1 nm. If the number of photons emitted is 5.6 x 1024 , calculate the power of this laser.
Answer:
Power of laser (E) = \(\frac{n h c}{\lambda}\)
= \(\frac{\left(5.6 \times 10^{24}\right)\left(6.626 \times 10^{-34} \mathrm{Js}\right)\left(3 \times 10^{8} \mathrm{~ms}^{-1}\right)}{\left(337.1 \times 10^{-9} \mathrm{~m}\right)}\)
= 0.3302 x 107 J = 3.33 x 106 J
Hence, the power of the laser is 3.33 x 106 J.

Question 47.
Neon gas is generally used in the sign boards. If it emits strongly at 616 nm, calculate (a) the frequency of emission, (b) distance travelled by this radiation in 30 s (c) energy of quantum and (d) number of quanta present if it produces 2 J of energy.
Answer:
(a) Frequency (v) of emission can be calculated as: c = v x λ
where, λ – wavelength = 616 nm = 616 x 10-9 ms-1
c = velocity of light = 3.0 x 108 ms-1
v = \(\frac{c}{\lambda}=\frac{3.0 \times 10^{8}}{616 \times 10^{-9}}\) = 4.87 x 1014s-1

(b) Distance travelled in 1 second = 3.0 x 108 m
Distance travelled in 30 seconds = 30 x 3.0 x 108 m = 9 x 109 m
(c) Energy of the photon (quantum)
E= hv = 6.626 x 10-34 x 4.87 x 1014J
= 32.26 x 10-20 J

(d) Number of quanta = \(\frac{Total energy produced}
{Energy of one quantum}\)
= \(\frac{2}{32.26 \times 10^{-20}}\) = 6.2 x 1018

Question 48.
In astronomical observations, signals observed from the distant stars are generally weak. If the photon detector receives a total of 3.15 x 10-18 J from the radiations of 600 rnn, calculate the number of photons received by the detector.
Answer:
Energy of one photon, E = \(\frac{h c}{\lambda}\)
= \(\frac{\left(6.626 \times 10^{-34} \mathrm{Js}\right)\left(3 \times 10^{8} \mathrm{~ms}^{-1}\right)}{\left(600 \times 10^{-9} \mathrm{~m}\right)}\) = 3.313 x 10<sup>-19</sup> J
Number of photons = \(\frac{Total energy received}{Energy of one photon}\)
= \(\frac{3.15 \times 10^{-18} \mathrm{~J}}{3.313 \times 10^{-19} \mathrm{~J}}\)

Question 49.
Lifetimes of the molecules in the excited states are often measured by using pulsed radiation source of duration nearly in the nano second range. If the radiation source has the duration of 2 ns and the number of photons emitted during the pulse source is 2.5 x 1015, calculate the energy of the source.
Answer:
Duration of radiation source = 2 ns = 2 x 10-9 s
No. of photons (n) = 2.5 x 1015
Frequency of radiation
v = \(\frac{1}{2.0 \times 10^{-9} \mathrm{~s}}\) = 5.0 x 108s-1
Energy (E) of source = n x hv
E= (2.5 x 1015)(6.626 x 10-34Js) (5.0 x 108)
E = 8.282 x 10-10J
Hence, the energy of the source (E) is 8.282 x 10-10 J.

Question 50.
The longest wavelength doublet absorption transition is observed at 589 and 589.6 nm. Calculate the frequency of each transition and energy difference between two excited states.
Answer:
For λ1 = 589 nm = 589 x 10-9
Frequency of transition (v1) = \(\) = 5.093 x 1014s-1
Similarly, for λ2 = 589.6 nm = 589.6 x 10-9m
Frequency of transition (v2) = \(\frac{c}{\lambda_{2}}=\frac{3.0 \times 10^{8} \mathrm{~ms}^{-1}}{589.6 \times 10^{-9} \mathrm{~m}}\) = 5.088 x 1014s-1
Energy difference (ΔE) between excited states = E1 – E2
ΔE = h(v1 – v2)
= (6.626 × 10-34Js) (5.093 × 1014 – 5.088 × 1014)s-1
= (6.626 × 10-34Js) (0.005 × 10-14) s-1
ΔE = 3.31 × 10-22

Question 51.
The work function for caesium atom is 1.9 eV. Calculate (a) the threshold wavelength and (b) the threshold frequency of the radiation. If the caesium element is irradiated with a wavelength 500 nm, calculate the kinetic energy and the velocity of the ejected photoelectron.
Answer:
It is given that the work function (W0) for caesium atom is 1.9 eV.
(a) Work function,
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 6 1
λ0 = 6.53 × 10-7 m
= 653 × 10-9m = 653nm.
Hence the threshold wave length is 653nm

(b) threshold frequency
v0 = \(\frac{W_{0}}{h}\)
v0 = \(\frac{1.9 \times 1.6 \times 10^{-19} \mathrm{~J}}{6.626 \times 10^{-34} \mathrm{Js}}\) = 4.59 x 1014s-1
Hence the threshold frequency of radiation is 4.59 x 1014s-1
According to the question :
wavelength used in irradiation = 500nm
Kinetic Energy = h(v – v0)
= hc( \(\frac{1}{\lambda}-\frac{1}{\lambda_{0}}\) )

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Question 52.
Following results are observed when sodium metal is irradiated with different wavelengths. Calculate (a) threshold wavelength and, (b) Planck’s constant.
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 8
Answer:
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 8
Mass of electron, m = 9.1 × 10-31 kg
Here, λ = 500 × 10-9 m
vmax = 2.55 ×105ms-1
λ0 = ?
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 9
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Question 53.
The ejection of the photoelectron from the silver metal in the photoelectric effect experiment can be stopped by applying the voltage of 0.35 V when the radiation 256.7 nm is used. Calculate the work function for silver metal.
Answer:
h = 6.626 × 10-34 Js
V0 = 0.35 volt
e = 1.6 × 10-19 C
λ = 256.7 nm = 256.7 × 10-9 m
W0 = ? (eV)
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 11

Question 54.
If the photon of the wavelength 150 pm strikes an atom and one of its inner bound electrons is ejected out with a velocity of 1.5 x 107ms-1, calculate the energy with which it is bound to the nucleus.
Answer:
λ = wavelength = 150 pm = 150 × 10-12 m
v = velocity = 1.5 × 107 ms-1
Kinetic energy of the ejected electron
= \(\frac{1}{2}\) mv7 = \(\frac{1}{2}\) x 9.1 x 10-31 x (1.5 x 107 )2 J = 0.102 x 10-15 J
Energy of the incident radiation
hv= hv0 +\(\frac{1}{2}\)mv2
E = hv = \(\frac{h c}{\lambda}=\frac{6.626 \times 10^{-34} \times 3.0 \times 10^{8}}{150 \times 10^{-12}}\)
= 1.325 × 10-15 J
Minimum energy required to eject the electron
E0 = E – K.E.
= (1.325 × 10-15 – 0.102 × -15 ) J
= 1.223 × 10-15J
= \(\frac{1.223 \times 10^{-15}}{1.602 \times 10^{-19}} \mathrm{eV}\)
[ 1J = 1.602 × 10-19 eV]
= 7.6 × 103 eV

Question 55.
Emission transitions in the Paschen series end at orbit n = 3 and start from orbit n and can be represented as v = 3.29 x 1015 (Hz) \(\left[\frac{1}{3^{2}}-\frac{1}{n^{2}}\right]\)
Calculate the value of n if the transition is observed at 1285 nm. Find the region of the spectrum.
Answer:
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 12

PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom

Question 56.
Calculate the wavelength for the emis8ion transition if it starts from the orbit having radius 1.3225 mn and ends at 211.6 pm. Name the series to which this transition belongs and the region of the spectrum.
Answer:
The radius of the nth orbit of hydrogen like particles is given by
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 13
Thus, the transition ocurs from the 5th orbit to the 2nd orbit. It belongs to the Balmer series.
Wave number ( \(\bar{V}\) ) for the transition is given by,
\(\bar{v}=\frac{1}{\lambda}=1.097 \times 10^{7}\left(\frac{1}{2^{2}}-\frac{1}{5^{2}}\right)=1.097 \times 10^{7}\left(\frac{21}{100}\right)\)
= 2.303 × 106 m-1
∴ Wavelength ) associated with the emission transition is given by,
λ = \(\frac{1}{\bar{v}}=\frac{1}{2.303 \times 10^{6} \mathrm{~m}^{-1}}\)
= 0.434 × 10-6 = 434 nm
∴ This transition belongs to Balmer series and comes in the visible region of the spectrum.

Question 57.
Dual behaviour of matter proposed by de Broglie led to the discovery of electron microscope often used for the highly magnified images of biological molecules and other type of material. If the velocity of the electron in this microscope is 1.6 x 106 ms-1, calculate de Broglie wavelength associated with this electron.
Answer:
From Broglie’s equation,
λ = \(\frac{h}{m v}\)
λ = \(\frac{6.626 \times 10^{-34} \mathrm{Js}}{\left(9.1 \times 10^{-31} \mathrm{~kg}\right)\left(1.6 \times 10^{6} \mathrm{~ms}^{-1}\right)}\) (1J = 1 kgm2s-2)
= 4.55 × 10-10 m = 455 pm
∴ de Broglie’s wavelength associated with the electron is 455 pm.

Question 58.
Similar to electron diffraction, neutron diffraction microscope is also used for the determination of the structure of molecules. If the wavelength used here is 800 pm, calculate the characteristic velocity associated with the neutron.
Answer:
From de Broglie’s equation,
λ = \(\frac{h}{m v}\)
v = \(\frac{h}{m \lambda}\)
mass of neutron, m = 1.675 × 10-27 kg
λ = 800pm = 800 × 10-12 m
v = \(\frac{6.626 \times 10^{-34} \mathrm{Js}}{\left(1.675 \times 10^{-27} \mathrm{~kg}\right)\left(800 \times 10^{-12} \mathrm{~m}\right)}\) = 4.94 × 102ms-1
= 494 ms-1
∴ Velocity associated with the neutron is 494 ms-1.

Question 59.
If the velocity of the electron in Bohr’s first orbit is 2.19 × 106ms-1, calculate the de Broglie wavelength associated with it.
Answer:
According to de Broglie’s equation,
λ = \(\frac{h}{m v}\)
Mass of electron = 9.1 × 10-31 kg, h = 6.626 × 10-34 Js,
velocity = 2.19 × 106 ms-1
= \(\frac{6.626 \times 10^{-34} \mathrm{Js}}{\left(9.1 \times 10^{-31} \mathrm{~kg}\right)\left(2.19 \times 10^{6} \mathrm{~ms}^{-1}\right)}\) = 3.32 × 10-10m
= 3.32 × 10-10m × \(\frac{100}{100}\) = 332 × 10-12 m
λ = 332pm
∴ Wavelength associated with the electron is 332 pm.

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Question 60.
The velocity associated with a proton moving in a potential difference of 1000 V is 437 × 105 ms-1. If the hockey ball of mass 0.1 kg is moving with this velocity, calculate the wavelength associated with this velocity.
Answer:
Wavelength associated with the velocity of hockey ball,
λ = \(\frac{h}{m v}\)
λ = \(\frac{6.626 \times 10^{-34} \mathrm{Js}}{(0.1 \mathrm{~kg})\left(4.37 \times 10^{5} \mathrm{~ms}^{-1}\right)}\)
λ = 1.516 × 10-38 m

Question 61.
If the position of the electron is measured within an accuracy of ± 0.002 nm, calculate the uncertainty in the momentum of the electron. Suppose the momentum of the electron is \(\frac{h}{4 \pi_{m}}\) × 0.05 nm, is there any problem in defining this value.
Answer:
From Heisenberg’s uncertainty principle,
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 14
Since the magnitude of the actual momentum is smaller than the uncertainty, the value cannot be defined.

Question 62.
The quantum numbers of six electrons are given below. Arrange them in order of increasing energies. If any of these comhination(s) has/have the same energy lists.
1. n = 4, l = 2, ml = -2, ms = – \(\frac{1}{2}\)
2. n = 3, l = 2, ml= 1, ms = + \(\frac{1}{2}\)
3. n = 4, l = 1, ml = 0, ms = +\(\frac{1}{2}\)
4. n = 3, l – 2, ml = -2, ms = –\(\frac{1}{2}\)
5. n = 3, l = 1, ml = -1, ms = + \(\frac{1}{2}\)
6. n = 4, l = 1, ml = 0, ms = + \(\frac{1}{2}\)
Answer:
For n = 4 and l = 2, the orbital occupied is 4d.
For n = 3 and l = 2, the orbital occupied is 3d.
For n = 4 and l = 1, the orbital occupied is 4p.
Hence, the six electrons i.e., 1, 2, 3, 4, 5 and 6 are present in the 4d, 3d, 4p, 3d, 3p and 4p orbitals respectively.
Therefore, the increasing order of energies are
5(3p) < 2(3d) = 4(3d) < 6(4p) = 3(4p) < 1(4d).

Question 63.
The bromine atom possesses 35 electrons. It contains 6 electrons in 2p orbital,6 electrons in 3p orbital and 5 electrons in 4p orbital. Which of these electron experiences the lowest effective nuclear charge.
Answer:
Effective nuclear charge decreases as the distance of the orbitals increases from the nucleus. Hence, 4p electrons experience the lowest effective nuclear charge.

Question 64.
Among the following pairs of orbitals which orbital will experience the larger effective nuclear charge? (i) 2s and 3s, (ii) 4d and 4f, (iii) 3d and 3p.
Answer:
Nuclear charge is defined as the net positive charge experienced by an electron in the orbital of a multi-electron atom. The closer the orbital, the greater is the nuclear charge experienced by the electron (s) in it.
(i) The electron(s) present in the 2s orbital will experience greater nuclear charge (being closer to the nucleus) than the electron(s) in the 3s orbital.
(ii) 4d will experience greater nuclear charge than 4/ since 4d is closer to the nucleus.
(iii) 3p will experience greater nuclear charge since it is closer to the nucleus than 3/.

Question 65.
The unpaired electrons in A1 and Si are present in 3p orbital. Which electrons will experience more effective nuclear charge from the nucleus?
Answer:
13Al = 1s22s22p63s23p1
14Si = 1s22s22p63s23p2
Si (+4) has greater nuclear charge than aluminium (+3). Hence, 3p unpaired electrons of Si experience greater effective nuclear charge than Al.

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Question 66.
Indicate the number of unpaired electrons in
(a) P, (b) Si, (c) Cr, (d) Fe and (e) Kr.
Answer:
(a) Phosphorus (P) : Atomic number = 15
The electronic configuration of P is : 1s2 2s2 2p6 3s2 3p3

The orbital picture of P can be represented as :
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 15
From the orbital picture, phosphorus has three unpaired electrons
(b) Silicon (Si) : Atomic number = 14
The electronic configuration of Si is : 1s2 2s2 2p6 3s2 3p2
The orbitai picture of Si can be represented as :
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 16
From the orbital picture, silicon has two unpaired electrons.
(c) Chromium (Cr) : Atomic number = 24
The electronic configuration of Cr is : 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 4s1 3d5
The orbital picture of chromium is :
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 17
From the orbital picture, chromium has six unpaired electrons.
(d) Iron (Fe) : Atomic number = 26

The electronic configuration of Fe is : 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 4s2 3d6
The orbital picture of Fe is:
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 18
From the orbital picture, iron has four unpaired electrons.
(e) Krypton (Kr) : Atomic number = 36
The electronic configuration of Kr is : 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 4s2 3d10 4p6
The orbital picture of krypton is :
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Structure of Atom 19
Since all orbitals are fully occupied, there are no unpaired electrons in krypton.

Question 67.
(a) How many sub-shells are associated with n = 4? (b) How many electrons will be present in the sub-shells having ms value of \(\) 1/2 for n – 4?
Answer:
(a) n = 4 (Given)
For a given value of ‘rt, V can have values from zero to n -1.
l = 0, 1, 2, 3
Thus, four sub-shells are associated with n = 4, which are s, p, d and f
(b) Number of orbitals in the nth shell = n2
For n = 4
Number of orbitals = 16
If each orbital is taken fully, then it will have 1 electron with ms value of \(-\frac{1}{2}\)
Number of electrons with ms value of (\(-\frac{1}{2}\)) is 16.

PSEB 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 Chemical Bonding and Molecular Structure

Punjab State Board PSEB 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 Chemical Bonding and Molecular Structure Important Questions and Answers.

PSEB 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 Chemical Bonding and Molecular Structure

Very Short Answer Type Questions

Question 1.
In \(\mathrm{PO}_{4}^{3-}\) ion formal charge on the oxygen atom of P—O bond is
Answer:
In \(\mathrm{PO}_{4}^{3-}\) ion, formal charge on each O-atom of P—O bond
= \(\frac{\text { total charge }}{\text { Number of O-atoms }}=-\frac{3}{4}\) = -0.75

Question 2.
Which of the following molecules show super octet?
CO2, CIF3, SO2, IF5
Answer:
ClF3 and IF5 are super octet molecules.

PSEB 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 Chemical Bonding and Molecular Structure

Question 3.
Which of the following has highest lattice energy and why?
CsF, CsCl, CsBr, Csl
Answer:
CsF has highest lattice energy because ‘F’ is smallest in size and is more electronegative, therefore, it has maximum ionic character and maximum force of attraction, hence, highest lattice energy.

Question 4.
Account for the following:
The experimentally determined N—F bond length in NF3 is greater than the sum of the single covalent radii of N and F.
Answer:
This is because both N and F are small and hence, have high electron density. So, they repel the bond pairs thereby making the N—F bond length larger.

Question 5.
What is valence bond approach for the formation of covalent * bond?
Answer:
A covalent bond is formed by the overlapping of half-filled atomic orbitals.

Question 6.
Why axial bonds of PCI5 are longer than equatorial bonds?
Answer:
This is due to greater repulsion on the axial bond pairs by the equatorial bond pairs of electrons.

Question 7.
Which type of atomic orbitals can overlap to form molecular orbitals?
Answer:
Atomic orbitals with comparable energies and proper orientation can overlap to form molecular orbitals.

Question 8.
Why KHF2 exists but KHCl2 does not?
Answer:
Due to H-bonding in HF, we have
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 4 Chemical Bonding and Molecular Structure 1

PSEB 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 Chemical Bonding and Molecular Structure

This can dissociate to give \(\mathrm{HF}_{2}^{-}\) ion and hence, KHF2 exists but there is no H-bonding in H-Cl. So, \(\mathrm{HCl}_{2}^{-}\) ion does not exist and hence, KHCl2 also does not exist.

Question 9.
How many nodal planes are present in n(2px) and n(2px) molecular orbitals?
Answer:
One and two respectively.

Question 10.
What is the magnetic character of the anion of K02?
Answer:
Anion of KO2 is \(\mathrm{O}_{2}^{-}\) (superoxide ion) which has one unpaired electron and hence is paramagnetic.

Short Answer Type Questions

Question 1.
Describe the change in hybridisation (if any) of the Al-atom in
the following reaction:
AlCl3 + Cl → \(\mathrm{AlCl}_{\mathbf{4}}^{-}\)
Answer:
Electronic configuration of Al in ground state,
13Al = 1s2, 2s2,2p6,3s2,3p1x
In excited state = 1s2, 2s2, 2p6, 3s1, 3p1x, 3p1y
In the formation of AlCl3, Al undergoes sp2 hybridisation and it is trigonal
planar in shape. While in the formation of AlCl4, Al undergoes sp3
hybridisation.
It means empty 3Pz orbital also involved in hybridisation.
Thus, the shape of AlCl4 ion is tetrahedral.

Question 2.
Arrange the following in order of decreasing bond angle, with appropriate reason
\(\mathrm{NO}_{2}, \mathrm{NO}_{2}^{+}, \mathrm{NO}_{2}^{-}\)
Answer:
\(\mathrm{NO}_{2}, \mathrm{NO}_{2}^{+}, \mathrm{NO}_{2}^{-}\). This is because \(\mathrm{NO}_{2}^{+}\) has no lone pair of electrons
(i.e., has only bond pairs on two sides) and hence it is linear.

NO2 has one unshared electron while \(\mathrm{NO}_{2}^{-}\) has one unshared electron pair. There are greater repulsion on N—O bonds in case of \(\mathrm{NO}_{2}^{-}\) than in case of NO2

PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 4 Chemical Bonding and Molecular Structure 2

Question 3.
Among the molecules, \(\mathbf{O}_{2}^{-}, \mathbf{N}_{2}^{+}, \mathrm{CN}^{-}\) and \(\mathbf{O}_{2}^{+}\) identify the species which is isoelectronic with CO.
Answer:
Isoelectronics species are those species which have the same number of electrons. CO in total has 14 electrons (6 from carbon and 8 from oxygen). Out of the given ions CN is the ion which has 14 electrons (6 from carbon 7 from Nitrogen and 1 from the negative charge). Thus CN ion is isoelectronic with CO.

PSEB 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 Chemical Bonding and Molecular Structure

Question 4.
Which is more polar : COa or N20? Give reason.
Answer:
N2Ois more polar than CO2. This is because CO2 is linear and symmetrical.
Its net dipole moment is zero im
on the other hand, is linear but unsymmetrical. It is considered as a resonance hybrid of the following two structures

PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 4 Chemical Bonding and Molecular Structure 3

It.has a net dipole moment of 0.116 D.

Question 5.
Aluminium forms the ion Al3+, but not Al4+ why?
Answer:
Aluminium [Ne]3s2 3p1 can achieve the electronic configuration of the nearest noble gas (Ne) by losing only three electrons. : Al3+ = 1s2 2s2 2p6.
Aluminium will not form Al4+ ion because an extremely high amount of energy would be required to remove an electron from the stable noble gas configuration.

Long Answer Type Questions

Question 1.
On the basis of VSEPR theory, predict the shapes of the following
(i) \(\mathbf{N H}_{2}^{-}\) (ii) O3
Answer:
(i) Shape of \(\mathbf{N H}_{2}^{-}\)
Number of valence electrons on central N atom = 5 + 1 (due to one unit negative charge) = 6
Number of atoms linked to it = 2
∴ Total number of electron pairs around N
= \(\frac{6+2}{2}\) = 4 and number of bond pairs = 2
∴ Number of lone pairs = 4 —2 = 2. Thus, the ion is of the type AB2E2
Hence, it has bent shape (V-shape).

(ii) Shape of O3
While predicting geometry of molecules containing the double (or multiple) bond is considered as one electron pair, e.g., in case of ozone, its two resonating structures are

PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 4 Chemical Bonding and Molecular Structure 4

Thus, the central O-atom is considered to have two bond pairs and one lone pair, i.e., it is of the type AB2E. Hence, it is a bent molecule. Thus, the two resonating structures will be

PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 4 Chemical Bonding and Molecular Structure 5

Question 2.
In each of the following pairs of compounds, which one is more covalent and why?
(i) AgCl, Agl
(ii) BeCl2,MgCl2
(iii) SnCl2, SnCl4
(iv) CuO, CuS
Answer:
Applying Fajans’ rules, the result can be obtained in each case as follows :
(i) Agl is more covalent than AgCl. This is because I ion is larger in size than Cl ion and hence, is more polarised than Cl ion.
(ii) BeCl2 is more covalent thanMgCl2. This is because Be2+ ion is smaller in size than Mg2 ion and hence has the greater polarising power.
(iii) SnCl4 is more covalent than SnCl2. This is because Sn4+ ion has greater charge and smaller size than Sn2+ ion and hence has greater polarising power.
(iv) CuS is more covalent than CuO. This is because S2- ion has larger size
than O2- ion and hence is more polarised than O2- ion.

PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 5 States of Matter

Punjab State Board PSEB 11th Class Chemistry Book Solutions Chapter 5 States of Matter Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 5 States of Matter

PSEB 11th Class Chemistry Guide States of Matter InText Questions and Answers

Question 1.
What will be the minimum pressure required to compress 500 dm3 of air at 1 bar to 200 dm3 at 30° C?
Answer:
Given,
Initial pressure, P1 =1 bar
Initial volume, V1 = 500 dm3
Final volume, V2 = 200 dm3
Final pressure, P2 = ?
Sipce the temperature remains constant at30°C.
According to Boyle’s law,
P1V1 = P2V2
⇒ P2 = \(\frac{p_{1} V_{1}}{V_{2}}=\frac{1 \times 500}{200}\) bar = 2.5 bar
Therefore, the minimum pressure required is 2.5 bar.

PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 5 States of Matter

Question 2.
A vessel of 120 mL capacity contains a certain amount of gas at 35°C and 1.2 bar pressure. The gas is transferred to another vessel of volume 180 mL at 35°C. What would be its pressure?
Answer:
Given,
Initial pressure, P1 =1.2 bar
Initial volume, V1 = 120 mL
Final volume, V2 = 180 mL
Final pressure, P2 = ?
Since the temperature remains constant at 35°C.
According to Boyle’s law,
⇒ P2 = \(\frac{p_{1} V_{1}}{V_{2}}=\frac{1.2 \times 120}{180}\) bar = 0.8 bar
Therefore, the pressure would be 0.8 bar.

Question 3.
Using the equation of state pV = nRT; show that at a given temperature density of a gas is proportional to gas pressure p.
Answer:
The equation of state is given by
pV = nRT
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 5 States of Matter 1
or d = \(\frac{p M}{R T}\)
If T constant, then d ∝ p.

Question 4.
At 0°C, the density of a certain oxide of a gas at 2 bar is same as that of dinitrogen at 5 bar. What is the molecular mass of the oxide?
Answer:
Density (d) of the substance at temperature (T)
d = \(\frac{p M}{R T}\)
When T and d are same and R is constant then
p1M1 = p2M2
Given, P1 = 2 bar
p2 = 5 bar
Molecular mass of nitrogen, M2 = 28g/mol
Now, M1 = \(\frac{M_{2} p_{2}^{2}}{p_{1}}=\frac{28 \times 5}{2}\) = 70 g/mol
Hence, the molecular mass of the oxide is 70 g/ mol.

Question 5.
Pressure of 1 g of an ideal gas A at 27°C is found to be 2 bar. When 2 g of another ideal gas B is introduced in the same flask at same temperature the pressure becomes 3 bar. Find a relationship between their molecular masses.
Answer:
For ideal gas A, the ideal gas equation is given by
pAV – nART …(i)
Where, pA and nA represent the pressure and number of moles of gas A. For ideal gas B, the ideal gas equation is given by
pBV = nBRT …(ii)
Where, pB and nB represent the pressure and number of moles of gas B.
Number of moles of A gas, nA = \(\frac{1}{M_{A}}\) [MA = molar mass of gas A]
Number of moles of B gas, nB = \(\frac{2}{M_{B}}\) [MB = molar mass of gas B]
Pressure of gas A, pA = 2 bar
Total pressure Ptotal = pA + pB = 3 bar
Pressure of gas B, pB = ptotal – pA = 3 – 2 = 1 bar
V, R and T are same for both the gases.
Hence from eqs. (i) and (ii)
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PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 5 States of Matter

Question 6.
The drain cleaner, Drainex contains small hits of aluminum which react with caustic soda to produce dihydrogen. What volume of dihydrogen at 20°C and one bar will be released when 0.15g of aluminum reacts?
Answer:
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 5 States of Matter 3

Question 7.
What will be the pressure exerted by a mixture of 3.2 g of methane and 4.4g of carbon dioxide contained in a 9 dm3 flask at 27°C?
Answer:
Mass of CH4 = \(\frac{\text { Mass of } \mathrm{CH}_{4}}{\text { Molar mass of } \mathrm{CH}_{4}}\)
[Molar mass of CH4 = 12 + 4 x 1 = 16]
= \(\frac{3.2}{16}\) = 0.2 mol
Mass of CO2 = \(\frac{4.4}{44}\) = 0.1 mol
[Molar mass of CO2 = 12 + 2 x 16 = 44]
Total moles = 0.2 + 0.1 = 0.3 mol
Pressure P = \(\frac{n R T}{V}=\frac{0.3 \times 8.314 \times 300}{9 \times 10^{-3}}\) = 8.314 x 104 Pa

Question 8.
What will be the pressure of the gaseous mixture when o.5L of H2 at 0.8 bar and 2.0 L of dioxygen at 0.7 bar are introduced in a 1L vessel at 27°C?
Answer:
To calculate the partial pressure of H2, Le., pH2
V1 = 0.5L, V2 = 1L, p1 = 0.8 bar, p2 = ?
Temperature remaining constant, applying Boyl&s Law
p1V1=p2V2
0.8 x 0.5= p2 x 1
or P2 = 0.4 bar
To calculate the partial pressure of O2 i.e., PO2
V1 = 2.0L, V2 = 1L, p1 = 0.7 bar, P2 = ?
Applying Boyle’s Law
p1V1 = p2V2
0.7 x 2.0 = 1 x p2
or p2 = 1.4 bar.
If p is final pressure of the gas mixture, then according to Dalton’s Law of partial pressures
p = pH2 + pO2 = (0.4 +1.4)
= 1.8 bar

Question 9.
Density of a gas is found to be 5.46 g/dm3 at 27°C at 2 bar pressure. What will be its density at STP?
Answer:
Given,
d1 = 5.46 g/dm3
p1 = 2 bar
T1 = 27°C = (27 + 273)K = 300 K
P2 = 1 bar
T2 = °C = 273 K
d2 = ?
Density a = \(\frac{M p}{R T}\)
For same gas at different temperatures and pressures
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 5 States of Matter 4

PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 5 States of Matter

Question 10.
34.05 ml. of phosphorus vapour weighs 0.0625g at 546°C and 0.1 bar pressure. What is the molar mass of phosphorus?
Answer:
Given,
p= 0.1 bar
V= 34.05 mL = 34.05 x 10-3L
R = 0.083 bar dm3K-1 mol-1
T = 546°C = (546 + 273) K = 819 K
Mass, M = 0.0625 g
Now, pV = nRT
n = \(\frac{p V}{R T}=\frac{0.1 \times 34.05 \times 10^{-3}}{0.083 \times 819}\)= 5.0 x 10-5 mol-1
∴ Molar mass of phosphorus = \(\frac{0.0625}{5.0 \times 10^{-5}}\) = 1250 g mol-1
Hence, the molar mass of phosphorus is = 1250 g mol-1

Question 11.
A student forgot to add the reaction nixture to the round bottomed flask at 27°C but instead he/she placed the flask on the flame. After a lapse of time, he realized his mistake, and using a pyrometer he found the temperature of the flask was 477°C. What fraction of air would have been expelled out?
Answer:
Let the volume of the round bottomed flask = V cm3 at 27°C = 300 K
V1 = V, T1 = (27 + 273)K = 300K, V2 =?,
T2 = 477° C = (477 + 273)K
According to Charles’s law,
\(\frac{V_{1}}{T_{1}}=\frac{V_{2}}{T_{2}}\)
V2 = \(\frac{V_{1} T_{2}}{T_{1}}=\frac{750 \mathrm{~V}}{300}\) = 2.5V
Therefore, volume of air expelled out = 2.5 V – V = 1.5 V
Hence, fraction of air expelled out = \(\frac{1.5 \mathrm{~V}}{2.5 \mathrm{~V}}\) = 0.6

Question 12.
Calculate the temperature of 4.0 mol of a gas occupying 5 dm3 at 3.32 bar. (R = 0.083 bar dm3K-1 mol-1).
Answer:
Given,
n = 4.0 mol, V = 5 dm3, p = 3.32 bar, R = 0.083 bar dm3K-1mol-1
Applying ideal gas equation ‘
pV = nRT
T = \(\frac{p V}{n R}=\frac{3.32 \times 5}{4 \times 0.083}\) = 50K
Hence, the required temperature is 50 K.

Question 13.
Calculate the total number of electrons present in 1.4g of dinitrogen gas.
Answer:
Molar mass of dinitrogen (N2) = 28 g mol-1 Mass
Moles = \(\frac{Mass}{Molar mass}\)
nN2 = \(\frac{1.4}{28}\) = 0.05 mol
1 mol = 6.022 x 1023 molecules
0.05 mol = 0.05 x 6.022 x 1023 molecules
= 0.3011 x 1023 molecules
Now, 1 molecule of N2 contains = 14 electrons.
Therefore, 0.3011 x 1023 molecules will contain = 14 x 0.3011 x 1023
= 4.214 x 1023 electrons

Question 14.
How much time would it take to distribute one Avogadro number of wheat grains, if 1010 grains are distributed each second?
Answer:
Avogadro number, NA = 6.022 x 1023
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 5 States of Matter 5
Hence, the time taken would be 1.909 x 106 years.

Question 15.
Calculate the total pressure in a mixture of 8 g of dioxygen and 4 g of dihydrogen confined in a vessel of 1 dm3 at 27°C.
R 0.083 bar dm3 K-1 mol-1
Answer:
Moles of O2 = \(\frac{\text { Mass }}{\text { Molar weight }}=\frac{8}{32}\) = 0.25 mol
Moles of H2 = \(\frac{4}{2}\) = 2 mol
Therefore, total number of moles in the mixture = 0.25 + 2- 2.25 mol
Given, V = 1 dm3
n = 2.25 mol
R = 0.083 bar dm3K-1mol-1
T = 27°C = 300K
pV= nRT
⇒ Pressure, p = \(\frac{n R T}{V}=\frac{2.25 \times 0.083 \times 300}{1}\) = 56.025 bar.
Hence, the total pressure of the mixture is 56.025 bar.

PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 5 States of Matter

Question 16.
Pay load is defined as the difference between the mass of displaced air and the mass of the balloon. Calculate the pay load when a balloon of radius 10m, mass 100kg is filled with helium at 1.66 bar at 27°C.(Density of air = 1.2 kg m-3 and R = 0.083 bar dm3K-1 mol-1)
Answer:
Given,
Radius of the balloon, r = 10m
∴ Volume of the balloon = \(\frac{4}{3} \pi r^{3}=\frac{4}{3} \times \frac{22}{7}\) x 103 = 4190.5 m3(approx)
∴ Mass of displaced air = Vdisplaced air x density of air
= 4190.5 x 1.2 kg = 5028.6 kg
Now, mass of helium (m) filled in balloon
\(m_{\mathrm{He}}=\frac{M p V}{R T}\)
Here, M = 4 x 10-3 kg mol-1
p= 1.66 bar
V = Volume of the balloon = 4190.5 x 103 dm3
R = 0.083 bar dm3K-1mol-1
T = 27°C = 300 K
Then mHe = \(\frac{4 \times 10^{-3} \times 1.66 \times 4190.5 \times 10^{3}}{0.083 \times 300}\) = 1117.5kg(approx)
Now, total mass of the balloon filled with helium
= (100 +1117.5)kg = 1217.5kg
Hence, pay load = mass of displaced air – mass of balloon
= (5028.6 -1217.5) kg = 3811.1 kg
Hence, the pay load of the balloon is 3811.1 kg

Question 17.
Calculate the volume occupied by 8.8g of CO2 at 31.1°C and 1 bar pressure. (R = 0.083 bar LK-1 mol-1).
Answer:
We know that,
pV = nRT m
pV = \(\frac{m}{M} R T\)
V = \(\frac{m R T}{M p}\)
Here, m = 8.8 g
R = 0.083 bar LK-1mol-1
T = 31.1°C = 304.1 K
M = 44 g mol-1
p = 1 bar
Then, volume V = \(\frac{8.8 \times 0.083 \times 304.1}{44 \times 1}\) = 5.048 L
Hence, the volume occupied is 5.048 L.

Question 18.
2.9 g of a gas at 95°C occupied the same volume as 0.184 g of dihydrogen at 17°C, at the same pressure. What is the molar mass of the gas?
Answer:
Applying the ideal gas equation pV = nRT
PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 5 States of Matter 6
Hence, the molar mass of the gas is 40 g mol-1 .

Question 19.
A mixture of dihydrogen and dioxygen at one bar pressure contains 20% by weight of dihydrogen. Calculate the partial pressure of dihydrogen.
Answer:
Let the weight of dihydrogen be 20 g and the weight of dioxygen be 80g.
Moles of dihydrogen,
nH2 = 20/2 = 10 mol
Moles of dioxygen,
nO2 = 80/32 = 2.5 mol
Given,
Total pressure of the mixture, ptotal = 1 bar
Then, partial pressure of dihydrogen,
pH2 = \(\frac{n_{\mathrm{H}_{2}}}{n_{\mathrm{H}_{2}}+n_{\mathrm{O}_{2}}} \times p_{\text {total }}=\frac{10}{10+2.5} \times 1\) = 0.8 bar
Hence, the partial pressure of dihydrogen is 0.8 bar.

Question 20.
What would be the SI unit for the quantity pV2 T2 / n?
Answer:
The SI unit of \(\frac{p V^{2} T^{2}}{n}\) is given by
= \(\frac{\left(\mathrm{Nm}^{-2}\right)\left(\mathrm{m}^{3}\right)^{2}(\mathrm{~K})^{2}}{\mathrm{~mol}}\) = Nm4K2mol-1

Question 21.
In terms of Charles’ law explain why -273°C is the lowest possible temperature.
Answer:
According to Charles’ law,
Vt = V0 [1 + \(\frac{t}{273}\) ]
At t = -273° C
Vt = V0 = [1 – \(\frac{273}{273}\) ] = 0
Thus, at -273° C, volume of a gas becomes zero and below this temperature the volume becomes negative, which is meaningless.

PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 5 States of Matter

Question 22.
Critical temperature for carbon dioxide and methane are 31.1° C and -81.9°C respectively. Which of these has stronger intermolecular forces and why?
Answer:
Higher is the critical temperature of a gas, easier is its liquefaction. This means that the intermolecular forces of attraction between the molecules of a gas are directly proportional to its critical temperature. Hence, intermolecular forces of attraction are stronger in the case of C02.

Question 23.
Explain the physical significance of van der Waals parameters.
Answer:
Significance of constant ‘a’ : The value of constant ‘a’ is a measure of the magnitude of intermolecular forces between the molecules of the gas. Its units are atm L mol-2 . Larger the value of ‘a’ larger will be the intermolecular forces among the gas molecules.
Significance of constant ‘b’ : The constant ‘b’ is called co-volume or excluded volume per mol of a gas. Its units are litre mol-1.The volume of V is four times the actual volume of the molecules. It is measure of effective size of the gas molecules.

PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 6 Thermodynamics

Punjab State Board PSEB 11th Class Chemistry Book Solutions Chapter 6 Thermodynamics Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 6 Thermodynamics

PSEB 11th Class Chemistry Guide Thermodynamics InText Questions and Answers

Question 1.
Choose the correct answer. A thermodynamic state function is a quantity
(i) used to determine heat changes
(ii) whose value is independent of path
(iii) used to determine pressure volume work
(iv) whose value depends on temperature only.
Answer:
(ii) A thermodynamic state function is a quantity whose value is independent of path. Functions like p, V, T etc., depend only on the state of a system and not on the path.

PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 6 Thermodynamics

Question 2.
For the process to occur under adiabatic conditions, the correct condition is:
(i) ΔT = 0 (ii) Δp = 0
(iii) q = 0 (iv) w = 0
Answer:
(iii) A system is said to be under adiabatic conditions if there is no exchange of heat between the system and its surroundings. Hence, under adiabatic conditions, q = 0.

Question 3.
The enthalpies of all elements in their standard states are:
(i) unity
(ii) zero
(iii) < 0
(iv) different for each element
Answer:
(ii) The enthalpies of all elements in their standard states are zero.

Question 4.
\(\Delta \boldsymbol{U}^{\ominus}\) of combustion of methane is – X kJ mol-1. The value of \(\Delta \boldsymbol{H}^{\ominus}\) is
(i) = ΔU
(ii) > ΔU
(iii) \(\Delta \boldsymbol{U}^{\ominus}\)
(iv) = 0
Answer:
(iii) CH4(g) + 2O2(g) > CO2(g) + 2H2O(l)
Δng = np-nr = 1 – 3 =-2
Hence,\(\Delta \boldsymbol{H}^{\ominus}\) = \(\Delta \boldsymbol{U}^{\ominus}\) + Δ ngRT
\(\Delta \boldsymbol{H}^{\ominus}\) = – X – 2RT
Hence, \(\Delta \boldsymbol{H}^{\ominus}\) < \(\Delta \boldsymbol{U}^{\ominus}\)

Question 5.
The enthalpy of combustion of methane, graphite and dihydrogen at 298 K are, -890.3 kJ mol-1 – 393.5 kJ mol-1 and -285.8 kJ mol-1 respectively. Enthalpy of formation of CH4(g) will be
(i) -748kJmol-1
(ii) -52.27kJ mol-1
(iii) +748kJ mol-1
(iv) +52.26kJ mol-1
Answer:
According to the equation
(i) CH4(g) + 2O2(g) → CO2(g) + 2H2O(l); ΔH = -890.3 kJ mol-1

(ii) C(s) + O2(g) → CO2(g); ΔH = – 393.5 kJ mol-1

(iii) H2(g) + \(\frac{1}{2}\)O2(g) → H2O(l); ΔH = -285.8 kJ mol-1
Multiplying equation (iii) by 2, we get equation (iv).

(iv) 2H2(g) + O2(g) → 2H2O(l); ΔH = – 571.6 kJ mol-1
Adding eqs. (ii) and (iv), we get

(v) (C(s) +2H2(g) + 2O2(g) → CO2(g) + 2H2O(l); ΔH = – 965.1 kJ mol-1
Reversing eqs. (i)

(vi) CO2(g) + 2H2O(l) → CH4(g) + 2O2(g); ΔH = +890.3 kJ mol-1
Adding eqs. (v) and (vi), we get
C(s) + 2H2(g) → CH4(g); ΔH = – 74.8 kJ mol-1
Hence, option (i) is correct.

PSEB 11th Class Chemistry Solutions Chapter 6 Thermodynamics

Question 6.
A reaction, A + B → C + D +q is found to have a positive entropy change. The reaction will be
(i) possible at high temperature
(ii) possible only at low temperature
(iii) not possible at any temperature
(iv) possible at any temperature
Answer:
(iv) For a reaction to be spontaneous, AG should be negative.
ΔG = ΔH – TΔS
According to the question, for the given reaction,
ΔS = positive
ΔH = negative (since heat is evolved)
=> ΔG = negative
Therefore, the reaction is spontaneous at any temperature.
Hence, option (iv) is correct.

Question 7.
In a process, 701 J of heat is absorbed by a system and 394 J of work is done by the system. What is the change in internal energy for the process?
Answer:
According to the first law of thermodynamics,
ΔU = q + W …(i)
Given,
q = +701 J (heat is absorbed here, q is positive)
W=- 394 J
(work is done by the system hence W is negative)
Substituting the values in expression (i), we get
ΔU= +701 J + (-394 J)
ΔH = 307 J
Hence, the change in internal energy for the given process is 307 J.

Question 8.
The reaction of cyanamide, NH2CN(s) with dioxygen was carried out in a bomb calorimeter, and ΔU was found to be – 742.7 kJ mol-1 at 298K. Calculate enthalpy change for the reaction at 298 K.
NH2CN(s) + \(\frac{3}{2}\)O2(g) → N2(g) + CO2(g) + H2O(l)
Answer:
The given reaction is
NH2CN(s) + \(\frac{3}{2}\)O2(g) → N2(g) + CO2(g) + H2O(l)
Difference of moles of gaseous products and reactants,
Δng = np – nr = 2 – \(\frac{3}{2}=\frac{1}{2}\) = 0.5 mol
Given, ΔU=- 742.7kJ mol-1
Enthalpy change ΔH = ΔU + ΔngRT
= – 742.7 + (0.5 x 8.314 x 10-3 x 298)
= – 742.7 +1238.786 x 10-3
= – 741.46 kJ mol-1

Question 9.
Calculate the number of kJ of heat necessary to raise the temperature of 60.0 g of aluminium from 35°C to 55°C. Molar heat capacity of Al is 24 J mol-1K-1.
Answer:
Given, mass of Al = 60.0 g
ΔT= 55 – 35 = 20°C
No.of moles of Al = \(\frac{60.0}{27}\) mol
Molar heat capacity of Al
= 24 J mol-1K-1
Heat, q = n.C . ΔT
= [ \(\frac{60}{27}\) mol )(24 J mol-1K-1)(20 K)
q= 1066.7 J
q = 1.07 kJ

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Question 10.
Calculate the enthalpy change on freezing of 1.0 mol of water at 10.0°C to ice at – 10.0°C. ΔfusH = 6.03 kJ mol-1 at 0°C.
Cp[H2O(l)] – 75.3 J mol-1K-1
Cp[H2O(s)] = 36.8J mol-1K-1
Answer:
(i) Heat change required to lower the temperature of water from 10.0°Cto0°C
ΔH1= n x Cp x ΔT= 1.0 x 75.3 x (-10) = – 753 J mol-1
(ii) Heat change required to convert 1 mol of H2O(l) at 0°C to H2O(s) at 0°C
ΔH2 = ΔHfusion = – 6.03 kJ mol-1 as heat is given out
(iii) Heat change required to change 1 mole of ice from 0°C to -10.0° C
ΔH3 = – 36.8 x 10 x 1 = – 368 J mol-1
Total heat change
= ΔH1 + ΔH2 + ΔH3 = (- 0.753 – 6.03 – 0.368) kJ mol-1
∴ Total enthalpy change = – 7.151 kJ mol-1
As in each step, heat is evolved, each step will have a negative sign with ΔH

Question 11.
Enthalpy of combustion of carbon to CO2 is -393,5 kJ mol-1. Calculate the heat released upon formation of 35.2 g of CO2 from carbon and dioxygen gas.
Answer:
The reaction for the combustion of carbon into CO2 is
C(s) + O2(g) → CO2(g); ΔH = – 393.5 kJ mol-1 (1 mole CO2 – 44g)
Heat released in the formation of 44 g CO2 = 393.5 kJ
∴ Heat released in the formation of 35.2 g CO2
\(\frac{393.5 \mathrm{~kJ}}{44 \mathrm{~g}}\) x 5.2g = 314.8 kJ mol-1

Question 12.
Enthalpies of formation of CO(g), CO(2)(g), N2O(g) and N2O4(g) are -110, -393, 81and 9.7 kJ mol-1 respectively. Find the value of ΔrH for the reaction:
N2O4(g) + 3CO(g) → N2O(g) + 3CO2(g)
Answer:
ΔfH (CO) = -110 kJ mol-1
ΔHf(CO2) = -393 kJ mol-1
ΔfH (N2O)= 81 kJ mol-1
ΔfH (N2O4) = 9.7 kJ mol-1
The given reaction is
N2O4(g) + 3CO(g) → N2O(g) + 3CO2(g); ΔrH = ?
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= [81 + 3 (-393)] – [9.7 + 3 (-110)] kJ = [81 -1179]-[9.7-330] kJ
ΔrH = – 777.8 kJ.

Question 13.
Given : N2(g) + 3H2(g) → 2NH3(g); \(\Delta_{\boldsymbol{r}} \boldsymbol{H}^{\ominus}\) = -92.4kJ mol-1.
What is the standard enthalpy of formation of NH3 gas?
Answer:
Given, N2(g) + 3H2(g) → 2NH3(g); ΔrH = – 92.4 kJ mol-1
Chemical reaction for the enthalpy of formation of NH3(g) is as follows :
\(\frac{1}{2}\)N2(g) + \(\frac{3}{2}\)H2(g) → NH3(g)
∴ Standard enthalpy of formation of NH3(g)
= \(\frac{1}{2}\)\(\Delta H^{\theta}\) = \(\frac{1}{2}\) (-92.4 kJ mol-1) = -46.2 kJ mol-1

Question 14.
Calculate the standard enthalpy of formation of CH3OH(l) from the following data:
CH3OH(l) + \(\frac{3}{2}\)O2(g) → CO2(g) + 2H2O(l); \(\Delta_{\boldsymbol{r}} \boldsymbol{H}^{\ominus}\) = -726 kJ mol-1
C(graphite) + O2(g) → CO2(g); \(\Delta_{\boldsymbol{c}} \boldsymbol{H}^{\ominus}\) = – 393 kJ mol-1
H2(g) + \(\frac{1}{2}\)O2(g) → H2O(l); \(\Delta_{\boldsymbol{f}} \boldsymbol{H}^{\ominus}\) = – 286 kJ mol-1
Answer:
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Question 15.
Calculate the enthalpy change for the process
CCl4(g) → C(g) + 4Cl(g)
and calculate bond enthalpy of C—Cl in CCl4(g).
\(\Delta_{\mathbf{v a p}} \boldsymbol{H}^{\ominus}\)(CCl4) = 30.5kJ mol-1. \(\Delta_{\boldsymbol{f}} \boldsymbol{H}^{\ominus}\)(CCl4) = – 135.5kJ mol-1.
\(\Delta_{a} \boldsymbol{H}^{\ominus}(\mathbf{C})\) = 715.0kJ mol-1, \(\Delta_{\boldsymbol{a}} \boldsymbol{H}^{\ominus}\left(\mathbf{C l}_{\mathbf{2}}\right)\)(Cl2) = 242 kJ mol-1; where \(\Delta_{\boldsymbol{a}} \boldsymbol{H}^{\ominus}\) is enthalpy of atomisation.
Answer:
Given,
(i) CCl4(Z) → CCl4(g); \(\Delta_{\mathrm{vap}} H^{\ominus}\) = +30.5 kJ mol-1
(ii) C(s) → C(g); \(\Delta_{a} H^{\ominus}\) = 715.0 kJ mol-1
(iii) Cl2(g) → 2Cl(g); \(\Delta_{a} H^{\ominus}\) = 242 kJ mol-1
(iv) C(s) + 2Cl2(g) → CCl4 a); \(\Delta_{f} H^{\ominus}\) = – 135.5KJ mol-1

Enthalpy change for the given process
CCl4(g) → C(g) + 4Cl(g); \(\Delta_{r} H^{\ominus}\) = ?

Add (i) and (iv) and subtract (ii) and (iii) x 2
CCl4(l) + C(s) + 2Cl2(g) – C(s) – 2Cl2 (g) → CCl4(g) + CCl4(g) – C(g) – 4Cl(g)
or \(\Delta_{r} H^{\ominus}\) = 30.5 -135.5 – 715 – 484 = -1304 kJ
0 = CCl4(g) – C(g) + 4Cl(g); \(\Delta_{r} H^{\ominus}\) = -1304kJ
CCl4(g) → C (g) + 4Cl(g); \(\Delta_{r} H^{\ominus}\) = 1304 kJ
There are four bonds of C—Cl in CCl4.
Bond enthalpy of C—Cl bond
= \(\frac{1304}{4}\) mol-1
= 326 kJmol-1

Question 16.
For an isolated system, ΔU = 0, what will be ΔS ?
Ans. For an isolated system, ΔU = 0 and for a spontaneous process, total entropy change must be positive. For example, consider the diffusion of two gases A and B into each other in a closed container which is isolated from the surroundings.

The two gases A and B are separated by a movable partition. When partition is removed, the gases begin to diffuse into each other and the system becomes more disordered. It shows that ΔS > 0 and ΔU = 0 for this process.
Moreover, ΔS =\(=\frac{q_{\mathrm{rev}}}{T}=\frac{\Delta H}{T}=\frac{\Delta U+p \Delta V}{T}=\frac{p \Delta V}{T}\) (∴ ΔU = 0)
i.e., TΔS or ΔS > 0

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Question 17.
For the reaction at 298 K, 2A + B > C
ΔH = 400kJ mol-1 and ΔS = 0.2kJK-1mol-1 At what temperature will the reaction become spontaneous considering ΔH and ΔS to be constant over the temperature range?
Answer:
Given, ΔH = 400 kJ mol-1, ΔS = 0.2 kJ K-1mol-1
Gibbs free energy, ΔG = ΔH – TΔS
0 = 400 kJ mol-1 – T x 0.2 kJ K-1mol-1
(ΔG = 0 at equilibrium)
T = \(\frac{400 \mathrm{~kJ} \mathrm{~mol}^{-1}}{0.2 \mathrm{~kJ} \mathrm{~K}^{-1} \mathrm{~mol}^{-1}}\)
T = 2000 K
For the reaction to be spontaneous, ΔG must be negative. Hence, for the given reaction to be spontaneous, T should be greater than 2000 K.

Question 18.
For the reaction,
2Cl(g) → Cl2(g), what are the signs of ΔH and ΔS?
Answer:
ΔH and ΔS are negative.
The given reaction represents the formation of chlorine molecule from chlorine atoms. Here, bond formation is taking place. Therefore, energy is being released. Hence, ΔH is negative.
Also, two moles of atoms have more randomness than one mole of a molecule. Since spontaneity is decreased, ΔS is negative for the given reaction.

Question 19.
For the reaction : 2A(g) + B(g) → 2D(g)
\(\Delta \boldsymbol{U}^{\ominus}\) = – 10.5 kJ and ΔS = – 441 JK-1.
Calculate \(\Delta \boldsymbol{G}^{\ominus}\) for the reaction, and predict whether the reaction may occur spontaneously.
Answer:
For the given reaction,
2A(g) + B(g) → 2D(g)
Δng = 2 – 3 = -1 mol
Substituting the value of \(\Delta \boldsymbol{U}^{\ominus}\) in the expression ofΔH
\(\Delta H^{\ominus}=\Delta U^{\ominus}+\Delta n_{g} R T\)
= (-10.5 kJ) + (-1) x (8.314 x 10-3kJK-1 mol-1) x (298 K)
= -10.5 kJ-2.48 kJ
\(\Delta H^{\ominus}\) = -12.98 kJ
We know that,
\(\Delta G^{\ominus}=\Delta H^{\ominus}-T \Delta S^{\ominus}\)
= -12.98 kJ – (298K) x ( – 44.1 JK-1)
= -12.98 kJ + 13.14kJ
\(\Delta G^{\ominus}\) = +0.16 kJ
Since, \(\Delta G^{\ominus}\) is positive, the reaction will not occur spontaneously.

Question 20.
The equilibrium constant for a reaction is 10. What will be the value of \(\Delta G^{\ominus}\)? R = 8.314 JK-1mol-1, T = 300 K.
Answer:
\(\Delta G^{\ominus}\) = – 2303RT log Kc
Given, Kc = 10, T = 300 K, R = 8.314 J K-1 mol-1
\(\Delta G^{\ominus}\) = (- 2.303) (8.314 JK-1mol-1) (300K) (loglO) (∵ log 10 = 1)
= – 5744.14 Jmol-1 = – 5.744 kJmol-1

Question 21.
Comment on the thermodynamic stability of NO(g), given
\(\frac{1}{2}\)N2(g) + \(\frac{1}{2}\)O2(g) → NO(g); \(\Delta_{\boldsymbol{r}} \boldsymbol{H}^{\ominus}\) = 90 kJ mol-1
NO(g) + \(\frac{1}{2}\)O2(g) → NO2(g); \(\Delta_{\boldsymbol{r}} \boldsymbol{H}^{\ominus}\) = – 74 kJ mol-1
Answer:
NO(g) is unstable because formation of NO is endothermic (energy is absorbed) but NO2(g) is formed because its formation is exothermic (energy is released).
Hence, unstable NO(g) changes to stable NO2(g).

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Question 22.
Calculate the entropy change in surroundings when 1.00 mol of H2O(Z) is formed under standard conditions. \(\Delta_{\boldsymbol{f}} \boldsymbol{H}^{\ominus}\) = – 286
kJ mol-1.
Answer:
Enthalpy change for the formation of 1 mol of H2O(Z)
H2(g) + \(\frac{1}{2}\)O2(g) → H2O(l); \(\Delta_{f} H^{\mathrm{s}}\) = -286 kJ mol-1
Energy released in the above reaction is absorbed by the surroundings. * It means,
qsurr = + 286 kJ mol-1
Entropy change ΔSsurr = \(=\frac{q_{\mathrm{surr}}}{T}=\frac{286 \mathrm{~kJ} \mathrm{~mol}^{-1}}{298 \mathrm{~K}}\)
ΔSsurr = 0.95973 kJ K-1 mol-1 = 959.73 J mol-1K-1