This PSEB 10th Class Computer Notes Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज will help you in revision during exams.
PSEB 10th Class Computer Notes Chapter 2 एच०टी०एम०एल० फंडामैंटल्ज
जान पहचान
HTML एक विलक्षण भाषा है। यह एक साधारण और टैक्सट बेस्ड भाषा है। इसका इस्तेमाल वैब पेज़ तैयार करने के लिए किया जाता है। HTML डॉक्यूमैंट एक साधारण टैक्सट एडीटर. (जैसे कि Notepad) में तैयार किया जा सकता है।
वैब पेजों के मेल से वैबसाइट बनती है। वैबसाइट ऑन-लाइन सूचना का एक विलक्षण संसार है। यह इंटरनैट पर उपलब्ध होती है। हाइपर टैक्सट (Hyper Text) वैबसाइट पर नज़र आने वाली हर एक सूचना का मूल केंद्र होता है।
एच० टी० एम० एल०
HTML का पूरा नाम है-हाइपर टैक्सट मार्कअप लैंगवेज़ (Hyper Text Markup Language)। यह एक साधारण भाषा है। यह टैक्सट बेस होती है। इसका इस्तेमाल वैब पेज़ तैयार करने के लिए किया जाता है। वैब पेजों को वैब डॉक्यूमैंट कहा जाता है। वैब डॉक्यूमैंटस के मेल से वैबसाइट (Website) का निर्माण होता है।
HTML = Hyper Text Markup Language इन चारों शब्दों के अपने आप में कुछ खास मतलब हैं। सबसे पहले हम उनका मतलब समझते हैं।
Hypter Text : Hyper Text का मतलब है कि वह टैक्सट या शब्द जो एक लिंक के रूप में काम करता है। इस लिंक पर क्लिक करने से हम किसी और वैब पेज़ को देख सकते हैं।
Markup Markup का अर्थ है कि चिन्हों और अक्षरों के विशेष क्रम का इस्तेमाल करने से किसी विशेष तरह का टैक्सट फारमेट तैयार करना। इसमें अन्य दस्तावेज़ों से जुड़े लिंक भी शामिल होते हैं। इसके लिए हम जिन चिन्हों का इस्तेमाल करते हैं वो वैब ब्राऊजर को बताते हैं कि इन शब्दों को किस तरह दिखाना है।
Language-Language का अर्थ एक सामान्य भाषा के अर्थ के समान है। इसका अर्थ है चिन्हों और नियमों का समूह जिसके साथ हम किसी प्रकार का संचार कर सकते हैं। वैब पेज़ के कई भाग होते हैं; जैसे कि पेज़ टाइल, पैराग्राफ, लिस्ट, टेबल और पिक्चर आदि। हर एक भाग को टैग (Tag) में लिखा जाता है। टैग बताते हैं कि वैब पेज़ का भाग हैडिंग, लिस्ट, पैराग्राफ आदि में से कौन-सा है। वैब पेज़ में टैक्सट के साथ-साथ पिक्चर, आवाज़ और मूवी भी दाखिल की जा सकती है।
डॉक्यूमैंट की संरचना
HTML डॉक्यूमैंट की संरचना को समझना बहुत आसान है। पूरा डॉक्यूमैंट <HTML> और </HTML> टैगज़ के बीच लिखा जाता है। इसमें <Head>, <Body>, <Title> आदि टैगज़ लिखे जाते हैं। नीचे HTML डॉक्यूमैंट की संरचना को विस्तार से समझाया गया है।
<HTML>
<Head>
…………..
………….
</Head>
<Body>
……………
…………..
</Body>
</HTML>
उपरोक्त ढांचे में परिभाषित टैग मूल रूप में वैब ब्राउज़र को दिए गए टैगों में परिभाषित किए गए टैक्सट पर किए गए भिन्न कार्यों के बारे में परिभाषित करते हैं या हिदायत देते हैं।
(HTML) टैग-(HTML) Tag में दस्तावेज शुरू किया गया है और </HTML> टैग के साथ बंद किया जाएगा। यह वैब ब्राऊज़र को सूचित करता है कि कहां वैब पेज़ शुरू होगा और यह कहां समाप्त होगा। अगर कमांड को टैग में परिभाषित नहीं किया जाता तो टैग ब्राऊज़र में टैक्सट के रूप में लेता है।
<HTML> टैग-HEAD टैग, हैडिंग (शीर्षक) के बारे में जानकारी प्रदान करती है। डाक्यूमैंट का हैडिंग <HEAD> टैग में लिखा गया है। यह हमेशा जोड़ों (Pair) के रूप में होता है। हैड टैग को एक वैब पेज़ के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण माना जाता है। यह एक कंटेनर टैग है। यह HTML डाक्यूमैंट का शीर्षक परिभाषित करता है।
यह<HEAD> Tag से शुरू होता है और </HEAD> से समाप्त होता है। यह टैग हमेशा </HTML> टैग से नीचे और <Body> टैग से पहले दर्शाया जाता है। इसमें वैब पेज़ का शीर्षक, सर्च इंजन के द्वारा प्रयोग किए गए शब्द आदि से संबंधित जानकारी शामिल है, इसमें अपने आपसे संबंधित कोई टैक्सट नहीं होता।
उदाहरण <HEAD><Title>This is a Title</Title></HEAD>
<Title> टाइटल टैग वैब पेज़ का शीर्षक परिभाषित करता है, जो वैब ब्राउज़र के टाइटल बार पर प्रदर्शित होता है जब वैब पेज़ को वैब ब्राऊज़र में लोड किया जाता है। यह <Title> और </Title> टैगस के बीच में होता है, यह छोटा और अर्थपूर्ण होना चाहिए।
<Body> टैग वैब ब्राऊज़र में वैब पेज़ में लोड होने पर वैब ब्राऊज़र पर प्रदर्शित करने वाली असल जानकारी रखता है। इसमें टैक्सट, चित्र, ऑडियो, वीडियो आदि के तत्त्व या कंटैंट शामिल हो सकते हैं। यह कंटेंट <Body> और </Body> टैगस के बीच परिभाषित होता है। यह एक कंटेनर टैग है।
HTML दस्तावेज बनाना
एक HTML दस्तावेज़ किसी भी साधारण टैक्सट एडीटर में बनाया जा सकता है। इसके लिए सबसे अधिक Notepad तथा Notepad ++ का प्रयोग होता है।
होम पेज़ (Home Page)-होम पेज़ वैबसाइट का पहला पेज़ होता है। यह वैबसाइट के बारे में परिचय करवाता है। इस पर कई प्रकार के लिंक होते हैं जो बाकी वैब पेजों से संबंध स्थापित करते हैं।
वैब पेज़ देखना
वैब पेज़ देखने के लिए किसी वैब ब्राऊज़र का इस्तेमाल किया जाता है। इंटरनैट एक्सप्लोरर एक साधारण काम में आने वाला वैब ब्राऊज़र है।
वैब ब्राउजर
वैब ब्राऊज़र वह सॉफ्टवेयर होता है जिस का प्रयोग वैब पेज देखने के लिए किया जाता है। ये कई प्रकार के होते हैं। जैसे कि;
- इंटरनैट एक्सपलोरर : यह माईक्रोसॉफ्ट का उत्पाद है।
- गूगल क्रोम : यह Google कम्पनी का उत्पाद है।
- मोजीला फायरफाक्स : यह मोजीला कम्पनी का उत्पाद है।
- ओपेरा : यह ओपेरा साफ्टवेयर कम्पनी का उत्पाद है।
टैग की किस्में
टैग कुछ खास निर्देश होते हैं। इनका इस्तेमाल HTML डॉक्यूमैंट में किया जाता है। टैग ब्राऊज़र (Browser) को किसी विशेष कार्य को करने के बारे में निर्देश देते हैं। टैग दो प्रकार के होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं
1. कंटेनर टैग (Container Tag)
2. ऐंपटी टैग (Empty Tag)
1. कंटेनर टैग (Container Tag)-यह डॉक्यूमैंट में दो बार इस्तेमाल किये जाते हैं। टैक्सट के टैगज़ को जोड़े के बीज में लिखा जाता है। इनको पेअर (Pair) टैग या (Companion) कोंपैनीअन टैग भी कहा जाता है।
2. ऐंपटी टैग (Empty Tag)-ऐपटी टैग अकेला टैग होता है। इसको सिंगुलर (Singular) टैग भी कहा जाता है। इसका कोई साथी टैग नहीं होता। क्लोजिंग या समाप्ति टैग का इस्तेमाल इसमें बिल्कुल ही नहीं होता।
कंटेनर और ऐंपटी टैग। कंटेनर और ऐंपटी टैग में निम्नलिखित अंतर हैं –
कंटेनर टैग | ऐंपटी टैग |
1. कंटेनर टैग जोड़ों में होते हैं। | 1. ऐंपटी टैग अकेले होते हैं। |
2. यह कैसे टैक्सट पर अपना काम करते हैं। | 2. एक टैक्सट के लिए स्थान की व्यवस्था करते |
3. इनमें समाप्त होने वाला टैग देना ज़रूरी है। | 3. इनमें इस प्रकार का कोई टैग नहीं होता। |
4. अपने जोड़ीदार के बिना यह अधूरे हैं। | 4. यह अपने आप में पूरे होते हैं। |
एट्रीब्यूट्स Attributes वह गुण होते हैं जो किसी टैग की विशेषता परिभाषित करते हैं। यह टैग के शुरू में दिये जाते टैग और ऐट्रीब्यूट में अंतर –
टैग | ऐट्रीब्यूटस |
1. टैगस में ऐसे ऐलीमैंटस होते हैं जो जानकारी प्रदान करते हैं कि सूचना को किस तरह प्रौसेस या प्रदर्शित किया जा सकता है। इसमें दो टैग शुरुआती टैग <TAG> और अंतिम टैग </TAGS> होते हैं जो कि एक ऐलीमैंट की शुरुआत और अंत को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। | 1. एक ऐट्रीब्यूटस ऐलीमैंट की ऐसी प्रापर्टी को दर्शाता है जिसमें उस टैग से संबंधित विशेषता बताई जाती है और यह टैग के शुरु आती टैग में बताई जाती है। |
2. टैगज़ में टैग के साथ उसकी विशेषताएं भी हो सकती हैं। | 2. ऐट्रीब्यूटस ऐलीमैंट के शुरुआती टैग का भाग होता है। |
3. यह दो तरह के होते हैं-ऐंपटी टैग और कंटेनर टैग। | 3. ऐट्रीब्यूटस की किस्में इस्तेमाल किये जा रहे टैग पर निर्भर करती हैं भाव कि हर एक टैग के ऐट्रीब्यूट की संख्या भिन्न-भिन्न होती है। |
4. उदाहरण <Table> यहाँ टेबल एक टैग है। | 4. उदाहरण <Table Border = “3”> यहाँ टेबल एक टैग है और बार्डर एक ऐट्रीब्यूट है। |
Body टैग तथा ऐट्रीब्यूट्स –
Body टैग में सारे HTML दस्तावेज़ की परिभाषा होती है। सारा दस्तावेज़ इसी टैग में लिखा जाता है। इसके निम्न ऐट्रीब्यूटस होते हैं;
1. Background : इसका प्रयोग दस्तावेज़ की बैकग्राऊंड में तस्वीर दिखाने के लिए किया जाता है।
जैसे-Background = “abc.jpg”
2. Bgcolor : दस्तावेज़ की बैकग्राऊंड का रंग बदलने के लिए इसका प्रयोग होता है। जैसे Bgcolor = “Red”
3. Text : दस्तावेज़ के टैक्सट का रंग इस टैग द्वारा बदला जाता है। जैसे Text = “Yellow” BGCOLOR और BACKGROUND में अंतर निम्नलिखित हैं-
BGCOLOR | BACKGROUND |
1. BGCOLOR ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल बैकग्राउंड को कलर देने के लिए किया जाता है। | 1. BACKGROUND ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल बैकग्राउंड इमेज लगाने के लिए किया जाता है। |
2. बैकग्राउंड कलर के रूप में कई रंग-जैसे- काला, पीला, सफेद, लाल, हरा, नीला आदि इस्तेमाल किये जा सकते हैं। | 2. यह वैब पेज की दिखावट को बदल देता है और इसमें इमेज को दाखिल करने के बाद सुंदर और आकर्षक बनाता है। |
3. रंगों के नाम के स्थान पर, की कीमत हैक्सा डैसीमल में (जैसे कि “#FFA3C”) भी दी जा सकती है। | 3. इमेज के नाम के स्थान पर, BACK GROUND में कीमत हैक्सा डैसीमल में नहीं दी जा सकती है। |
4. इसमें ग्राफिक्स फाइल फारमैट का इस्तेमाल नहीं किया जाता। | 4. इसमें ग्राफिक्स फाइल फारमैट जैसे-JPG, GIF आदि का इस्तेमाल किया जाता है। |
5. Syntax : BGCOLOR ऐट्रीब्यूट का BODY टैग में सिनटैक्स है- <Body BGCOLOR = “Red”> | 5. Syntax : BACKGROUND ऐट्रीब्यूट का BODY टैग में सिनटैक्स है- <Body BACKGROUND “ABC.jpg”> |
HTML दस्तावेज़ में फारमैटिंग
Heading टैग
ये <Hn> </Hn> द्वारा परिभाषित किये जाते हैं। ये गिनती में 6 होते हैं। जैसे;
<H1> Text </H1>
<H1> टैग सबसे बड़े आकार तथा <H6> सबसे छोटे आकार का टैक्सट दिखाता है।
Font Tag
फौंट टैग का इस्तेमाल टैक्सट को सुंदर दिखाने के लिए किया जाता है। इसमें कई प्रकार के ऐट्रीब्यूट इस्तेमाल किये जाते हैं ; जैसे कि
Face – फोंट का नाम देने के लिए
Color – फोंट का रंग बदलने के लिए
Size – फौंट का आकार बदलने के लिए
<P> टैग
इस टैग का प्रयोग पैराग्राफ दर्शाने में होता है।
<P> Text </P> Align ऐट्रीब्यूट : Align ऐट्रीब्यूट का प्रयोग टैक्सट की Alignment बदलने में होता है। इसके चार मूल्य Left, Justify, Centre या Right हो सकते है।
<BR>
टैग इस टैग का प्रयोग नई लाइन की शुरुआत के लिए किया जाता है। यह सब एंपटी टैग है।
जैसे <Br> पैराग्राफ टैग और ब्रेक टैग में अंतर-
Paragraph <P> Tag | Break <BR> Tag |
1. टैग एक कंटेनर ऐलीमैंट (तत्त्व) होता है जो किसी वैब पेज में पैराग्राफ के रूप में टैक्सट का ब्लॉक देता है और वैब ब्राऊज़र को दो अनुच्छेद के बीच एक लाइन छोड़ जाता है। इस टैग में एक ऐट्रीब्यूट ALIGN है, जोकि तीन मूल्य-left, right and center (बायें, दायें और केंद्र) ले सकता है, टैग एक अनुच्छेद को संकेत करता है और </P> से समाप्त होता है। यह एक कंटेनर टैग होता है। | 1. टैग एक ऐपटी ऐलीमैंट है जोकि एक लाइन को तोड़ने और अगली लाइन से जारी टैक्सट को बिना दो लाइनों में कोई स्पेस दिए बिना प्रदर्शित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, इसका कोई ऐट्रीब्यूट नहीं है। <br> एक लाइन ब्रेक है और एक ऐपटी टैग है। |
2. इस टैग को आपके टैक्सट के साथ पैराग्राफ परिभाषित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण – <p> hello world </p> |
2. यह टैग एक साधारण लाइन ब्रेक है, यह केवल किसी भी स्पेसिंग या फारमैटिंग चुनाव के बिना अगली लाइन पर जंप करता है। उदाहरण- hello <br> world ! |
<HR> टैग
इसका प्रयोग एक लेटवीं रेखा दिखाने में होता है। इसके निम्न Attributes हैं –
Size : रेखा की मोटाई बढ़ाने में
Width : रेखा की लंबाई सैट करना
Align : रेखा की Alignment सैट करना
Color : रेखा का रंग सैट करना।
लिस्टें
लिस्टें संबंधित भागों का संग्रह होती हैं। दूसरे शब्दों में यह एक जैसी चीज़ों की सूची होती है। यह ब्लॉक-फारमैटिड भाग होते हैं जो ब्लॉक की संरचना बताते हैं। HTML में निम्नलिखित तीन प्रकार की लिस्टें होती हैं
1. अन-आर्डरड लिस्ट (Un-ordered List)
2. आर्डरड लिस्ट (Ordered List)
3. डैफीनेशन लिस्ट (Definition List)
1. अन-आर्डरड लिस्ट (Un-ordered List)-यह लिस्टें अंकों के बिना होती हैं। इन लिस्टों के आगे बुलेट (गोली) का चिन्ह लगा होता है। ऐट्रीब्यूटस (Attributes)—Type = “Circle” यह खाली बुलेट के लिए इस्तेमाल किया जाता है। Type = “disc’ यह ठोस बुलेट के लिए इस्तेमाल किया जाता है। Type = “Square” यह ठोस वर्ग के लिए इस्तेमाल किया जाता है। डिफॉल्ट किस्म डिस्क (disc) होती है।
2. आर्डरड लिस्ट (Ordered List)-आर्डरड लिस्टों में अंक पाये जाते हैं जिसके कारण इसको नबंरड लिस्ट भी कहा जाता है। यह लिस्ट अन-आर्डरड लिस्ट के जैसी होती है। फर्क सिर्फ इतना होता है कि इसमें बुलेट की जगह पर अंकों का इस्तेमाल किया जाता है। ऐट्रीब्यूटस (Attributes)-Type = “a” अंग्रेज़ी वर्णमाला के छोटे अक्षरों का इस्तेमाल किया जाता है। Type = “A” अंग्रेज़ी वर्णमाला के बड़े अक्षरों का इस्तेमाल किया जाता है। Type = “i” छोटे रोमन अंकों का इस्तेमाल किया जाता है। Type = “I” बड़े रोमन अंकों का इस्तेमाल किया जाता है।
आर्डरड लिस्टें | अनआर्डरड लिस्टें |
1. आर्डरड लिस्ट <OL> ……. </OL> टैग का इस्तेमाल करती है। | 1. अन-आर्डरड लिस्ट <UL> ……. </UL> टैग का इस्तेमाल करती है। |
2. डिफॉल्ट Type Attribute का मूल्य है। | 2. डिफॉल्ट Type Attribute का मूल्य Disci है। |
3. इनमें अंकों का इस्तेमाल होता है। | 3. इनमें चिन्हों का इस्तेमाल होता है। |
4. इनमें अंग्रेज़ी के अक्षर भी दिखाये जा सकते हैं। | 4. इनमें सिर्फ चिन्ह ही दिखाये जा सकते हैं। |
5. इनके लिए टैग है-<OL> | 5. इनके लिए टैग है-<UL> |
6. इनमें ऐट्रीब्यूटस के लिए पाँच आप्शन हैं। | 6. इनमें ऐट्रीब्यूटस के लिए तीन आप्शन |
3. डैफीनेशन लिस्ट (Definition List)-यह किसी शब्द की परिभाषा देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। डैफीनेशन लिस्ट ‘DL’ टैग से शुरू होती है और </DL> से समाप्त होती है।
4. नैस्टिड लिस्ट (Nested List)-जब एक लिस्ट में कोई दूसरी लिस्ट लिखी जाती है तो वो नैस्टिड लिस्ट कहलाती है। नैस्टिड लिस्ट के लिए कोई अलग टैग नहीं लिखा जाता।
इमेज दाखिल करना
इमेज दाखिल करने से वैब पेज बहुत प्रभावशाली नज़र आते हैं। वैब पेज में इमेज महत्त्वपूर्ण सूचना प्रदान करवाते हैं। वैब पेज में .jpg, .gif या .xbm एक्सटेंशन वाले इमेज भरे जा सकते हैं। इमेज और वैब डाक्यूमैंट एक ही फोल्डर में स्टोर होने चाहिए। अगर इमेज उसी फोल्डर में न हो तो उर लए उचित पाथ लिखना पड़ता है जिसमें गलती की संभावना ज़्यादा होती है। एक वैब पेज में तस्वीरें भी दिखाई जा सकती हैं। यह तस्वीर किसी भी तरह की हो सकती है। इन तस्वीरों की मदद से हम अपने वैब पेज को सुंदर और आकर्षित बना सकते हैं।
इसके लिए <img> tag का इस्तेमाल किया जाता है। इस टैग में हम तस्वीर का नाम बताते हैं। हम तस्वीर को उस स्थान पर रखते हैं जो स्थान हमने <img> टैग में लिखा होता है।
Attributes <img> टैग से हम निम्नलिखित attributes का इस्तेमाल कर सकते हैं। Width- तस्वीर की चौड़ाई बताने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। तस्वीर की चौड़ाई अंकों या प्रतिशत में दी जा सकती है।Height- चौड़ाई की तरह ही तस्वीर की लंबाई बताने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
यह भी अंकों या प्रतिशत में दी जाती है। Border- तस्वीर का बार्डर दिखाने के लिए इस attribute का इस्तेमाल किया जाता है।
Alignment- तस्वीर को दायें, बायें या मध्य आदि जगह पर दिखाने के लिए इस attribute का इस्तेमाल किया जाता है।
Alt – Alt attribute का इस्तेमाल शब्द दिखाने के लिए किया जाता है। यह शब्द तब दिखाई देते हैं जब हम माऊस तस्वीर के ऊपर लेकर जाते हैं। उदाहरण-सभी attributes के इस्तेमाल के साथ <img> टैग की उदाहरण दी गई
है।
<img scr = “cirler.gif” width = “70%” height = “200” border = “5” alt = “circle’ >
टेबल बनाना
टेबल सूचनाओं को संगठित रूप में पेश करते हैं। टेबल काल्मज़ (Columns) और रोज़ (Rows) से मिलकर बनता है। यह सूचना को पढ़ने योग्य और समझने योग्य रूप में पेश करते हैं। टेबल लंबी सूचनाओं को दिखाने का एक बढ़िया उपाय है। यह डाटा को व्यवस्थित करने का एक उचित ढंग है। टेबल में सूचनाएँ (Information) पढ़नी बहुत आसान होती हैं। सभी प्रसिद्ध ब्राऊज़र टेबल को पसंद करते हैं।
टेबल की संरचना
हम जानते हैं कि टेबल में रोअ और कॉलम होते हैं। रोअ और कॉलम के काट क्षेत्र को सैल (Cell) कहा जाता है। सैलों में डाटा (Data) होता है। HTML में टेबल बनाने के लिए निम्नलिखित चार भागों की ज़रूरत पड़ती है
1. टेबल टैग (Table Tag)-टेबल <TABLE> टैग से शुरू होता है और </TABLE> टैग से समाप्त होता है। यह टेबल के शुरू होने और समाप्त होने के बारे में सूचना देता है।
2. टेबल रोअ (Table Row)-TR का पूरा नाम टेबल रोअ होता है। <TR> और </TR> टैग का इस्तेमाल टेबल में रोअज़ (Rows) बनाने के लिए किया जाता है। लेटवी दिशा (Horizontal) में सैलों (cells) के संग्रह को रोअ कहा जाता है। टेबल में एक या एक से ज्यादा रोअज़ हो सकती हैं। हर एक रोअ के शुरू में <TR> टैग और अंत में </TR> टैग लिखा जाता है।
3. टेबल डाटा (Table Data)-TD का पूरा नाम टेबल डाटा होता है। <TD> और </TD> टैग का इस्तेमाल टेबल में डाटा दिखाने के लिए किया जाता है। सैल में दिखाई जाने वाली सूचना के शुरू में <TD> टैग और अंत में </TD> टैग का इस्तेमाल किया जाता है।
4. टेबल हैडिंग (Table Heading)- TH का पूरा नाम है टेबल हैडिंग। टेबल हैडिंग के लिए <TH> और </TH> का इस्तेमाल किया जाता है। टेबल के हर एक कॉलम के शिखर पर हैडिंग लिखा जाता है जिसको टेबल हैडिंग कहा जाता है। साधारण रूप में हैडिंग सैंटर अलाइन (Center align) और बोल्ड (bold) होता है।
सैल स्पेसिंग और सैल पैडिंग (Cell Spacing and Cell Padding)-यह एट्रीब्यूट टेबल की दिखावट को कंट्रोल करते हैं।
1. सैल स्पेसिंग (Cell Spacing)-सैलों के बीच की स्पेसिंग (खाली स्थान) को बदलने के लिए सैल स्पेसिंग ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल किया जाता है। सैल स्पेसिंग बताती है कि भिन्न-भिन्न सैलों के बीच में कितना-कितना खाली स्थान छोड़ा जाए।
2. सैल पैडिंग (Cell Padding)-टैक्सट और सैल के बार्डर के बीच की दूरी को बदलने के लिए सैल पैडिंग ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण के लिए निम्नलिखित लाइन देखो <Table Border = “1” CELLSPACING = 6 CELLPADDING = 8 > सैल स्पेसिंग और सैल पैडिंग की तुलना निम्नलिखित है-
सैल स्पेसिंग | सैल पैडिंग |
1. सैलों के बीच की दूरी को बताने के लिए सैल स्पेसिंग ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल किया जाता है। | 1. टैक्सट और सैल के बार्डर के बीच की दूरी को बताने के लिए सैल पैडिंग ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल किया जाता है। |
2. यह बताता है कि सैलों के बीच कितना खाली स्थान छोड़ना है। | 2. यह बताता है कि टैक्सट और सैल बार्डर के बीच कितना खाली स्थान छोड़ा जाए। |
3. Syntax : सैल स्पेसिंग का सिनटैक्स निम्नलिखित है : <Table Border = 1 CELL SPACING = 8> | 3. Syntax : सैल पैडिंग का सिनटैक्स निम्नलिखित है <Table Border = 1 CELL = SPACING = 4> |
रोअ स्पैन और कॉल स्पैन में निम्नलिखित अंतर हैं –
रोअ स्पैन | कॉल स्पैन |
1. रोअ स्पैन एक सैल ऐट्रीब्यूट है जिसका इस्तेमाल एक सैल को एक से ज्यादा रोयज़ में बढ़ाने के लिए किया जाता है। | 1. कॉल स्पैन एक सैल ऍट्रीब्यूट है जिसका इस्तेमाल एक सैल को एक से ज्यादा काल्मज़ में बढ़ाने के लिए किया जाता है। |
2. रोअ स्पैन बताता है कि सैल में कितनी रोअज़ होंगी। | 2. कॉल स्पैन बताता है कि सैल में कितने काल्मज़ होंगे। |
3. रोअ स्पैन का इस्तेमाल सैल की ऊँचाई बढ़ाने के लिए किया जाता है। | 3. कॉल स्पैन का इस्तेमाल सैल की चौड़ाई बढ़ाने के लिए किया जाता है। |
4. यह सैलों की ऊँचाई को खड़े रुख में बढ़ाता है। | 4. यह सैलों की चौड़ाई को लेटवें रुख में बढ़ाता है। |
5. Syntax – रोअ स्पैन का सिनटैक्स निम्नलिखित है- <TD ROWS PAN = 4> | 5. Syntax – कॉल स्पैन का सिनटै क्स निम्नलिखित है – <TD COLS PAN = 5> |
बैकग्राउंड ग्राफिक्स
आप अपने टैक्सट के पीछे इमेज लगा सकते हो। इसको बैकग्राउंड ग्राफिक्स (इमेज) कहा जाता है। बैकग्राउंड इमेज के साथ वैब पेज सुंदर दिखाई देता है। बैकग्राउंड लगाते समय ध्यान रखें कि आपका टैक्सट आसानी से पढ़ा जा सके। बैकग्राउंड इमेज लगाने के लिए BACK GROUND ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल Body टैग में किया जाता है।
बैकग्राउंड कलर
आप वैब पेज की बैकग्राउंड पर कोई रंग भी भर सकते हो। इसी तरह टैक्सट का रंग भी बदला जा सकता है। आप कई तरह के रंग बैकग्राउंड पर लगा सकते हो जैसे कि Black, White, Red, Blue, Green, Yellow आदि। बैकग्राउंड कलर के लिए BGCOLOR (बी० जी० कलर) ऐट्रीब्यूट का इस्तेमाल Body टैग में किया जाता है।
बाहरी इमेज और मूवी (External Image and Movie)-आप अपने वैब पेज में कोई बाहरी इमेज खोल सकते हो। इसी प्रकार बाहरी आवाज़ और मूवी (फिल्म) आदि को भी खोला जा सकता है। इमेज या मूवी अलग डाक्यूमैंट में खुलते हैं। बाहरी इमेज या मूवी देखने के लिए ऐंकर टैग का इस्तेमाल किया जाता है।
टैक्सट, मूवी या साउंड के लिए कुछ निम्नलिखित फाइल एक्सटेंशन्ज़ याद रखनी चाहिए-
- वेव (Wave) साऊंड फाइल के लिए .Wav
- कुइक टाइम मूवी के लिए .mov
- प्लेन टैकस्ट के लिए .txt
- HTML डाक्यूमैंट के लिए .html