Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं Important Questions and Answers.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
पौधों में कायिक जनन का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर-
पौधों में कायिक जनन मुख्य रूप से दो प्रकार से होता है
(i) प्राकृतिक और
(ii) कृत्रिम कायिक जनन।
(i) प्राकृतिक कायिक जनन-प्राकृतिक कायिक जनन निम्नवत् होता है –
(क) जड़ों द्वारा-कुछ पौधों की जड़ों, जैसे शकरकंद में कलिकाएं (आँक) मौजूद होती हैं। शकरकंद को भूमि में गाड़ देने से कलिकाओं के कोंपल फूटते हैं, जिससे नया पौधा बनता है।
(ख) तने द्वारा- कुछ तनों से भी आँक या कलिकाएं मौजूद होती हैं जैसे आलू, अदरक आदि। इनको भूमि में बो देने से कलिकाओं से कोंपल निकल आती है।
(ग) पत्तियों द्वारा-ब्रायोफिलम, बिगोनिया आदि की पत्तियों से पर्ण-कलिकाएं निकल आती हैं, जो पत्तियों से विलग होकर भूमि पर गिर कर नये पौधे को जन्म देती हैं।
(ii) कृत्रिम कायिक जनन-यह मुख्यत: निम्नलिखित प्रकार का होता है-
(क) लेयरिंग-कुछ पौधों की टहनियों को झुकाकर भूमि के भीतर मिट्टी में दबा देते हैं। कुछ दिन बाद मिट्टी में दबी टहनी में से कोंपल फूट आते हैं। उदाहरण-चमेली, अंगूर आदि।
(ख) कलम-गुलाब, गुड़हल, चमेली आदि की ऐसी शाखा काट लेते हैं जिनमें दो पर्व हों। इनको भूमि में गाड़ देने से पर्वो से अपस्थानिक जड़ें निकल आती हैं और कक्षकलिकाओं से कोंपल फूटने लगते हैं।
(ग) रोपण-इसमें एक वृक्ष की शाखा को काट कर उसमें ‘T’ के आकार का खांच बना लेते हैं, इसको स्टाक कहते हैं। अब उसी जाति को दूसरे वृक्ष की शाखा को काट कर स्टॉक के खांच के अनुरूप खांच बना लेते हैं, इसको सिऑन कहते हैं। सिऑन को स्टॉक में फिट कर देते हैं। खांच के चारों ओर मिट्टी लगा कर बाँध देते हैं। कुछ दिन बाद दोनों जुड़कर पौधा बन जाता है। उदाहरण-गन्ना, आम, अमरूद, लीची आदि।
(घ) कलिका-इसमें एक वृक्ष की टहनी की छाल में ‘T’ की तरह खांच बना लेते हैं। किसी दूसरे चुने हुए पौधे की कलिका को लेकर स्टॉक के खांचे में घुसा देते हैं। इसको अच्छी तरह से बांधकर इसके ऊपर मिट्टी लपेट देते हैं। कुछ दिन बाद उस स्थान में कोंपल निकल आते हैं।
उदाहरण-नींबू, नारंगी आदि।
प्रश्न 2.
अंकित चित्र की सहायता से पुष्प के भागों का वर्णन करो।
उत्तर-
पुष्प-पुष्पी पौधों में पुष्प लैंगिक जनन में सहायता करता है। पुष्पों की सहायता से बीज बनते हैं। पुष्प में एक आधारी भाग होता है जिस पर पुष्प के सभी भाग लगे होते हैं। इसे पुष्पासन कहते हैं। पुष्प के मुख्य चार भाग होते हैं –
(i) बाह्य दलपुंज या हरी पत्तियाँ- यह पुष्प का सबसे बाहरी भाग होता है। यह हरी पत्तियों के रूप में परागकोष होता है जिन्हें बाह्य दल कहते हैं। यह पुष्प की रक्षा करता है।
(ii) दलपुंज या रंगीन पत्तियाँ- बाह्य दलपुंज के भीतरी भाग को दलपुंज कहते हैं। प्रत्येक अंग पंखुड़ी या दल कहलाता है। इसका रंग विभिन्न पुष्पों में अलग-अलग होता है। इनका कार्य कीटों को आकर्षित करके परागण में सहायता करना है।
(iii) पुंकेसर-यह पुष्प का बाहर से तीसरा भाग है। इसके प्रत्येक अंग को पुंकेसर कहते हैं। पुंकेसर के मुख्य दो भाग होते हैं-पराग सूत्र एवं पुतंतु। पराग सूत्र भोजी द्वारा पराग कोष से जुड़ा होता है। पराग कोष के अंदर परागकण होते हैं। ये निषेचन के बाद बीज बनाते हैं।
(iv) स्त्रीकेसर-यह पुष्प का मादा भाग होता है। इसके प्रत्येक अंग को स्त्रीकेसर या गर्भ केसर कहते हैं। इसके तीन भाग होते हैं-
- वर्तिकाग्र
- वर्तिका
- अंडाशय।
अंडाशय के अंदर बीजाणु होते हैं।
प्रश्न 3.
परागण से आरंभ करके पौधों में बीज बनने तक सभी अवस्थाएं बताइए।
उत्तर-
परागकोश से परागकणों का वर्तिकाग्र तक स्थानांतरण परागण कहलाता है। फूल के पुंकेसर में परागकोश होते हैं, जो परागकण उत्पन्न करते हैं। स्त्रीकेसर के तीन भाग होते हैं-अंडाशय, वर्तिका और वर्तिकाग्र। परागण के बाद परागकण से एक नली निकलती है जिसे परागनली कहते हैं। पराग नली में दो नर युग्मक होते हैं। इनमें से एक नर युग्मक पराग नली में से होता हुआ बीजांड तक पहुँच जाता है। यह बीजांड के साथ संलयन करता है जिससे युग्मनज बनता है। दूसरा नर युग्मक दो ध्रुवीय केन्द्रकों से मिलकर प्राथमिक एंडोस्पर्म (भ्रूणकोष) केंद्रक बनाता है जिस से अंत में एंडोस्पर्म बनता है। इस प्रकार उच्चवर्गीय (एंजियोस्पर्मी) पौधे दोहरी निषेचन क्रिया प्रदर्शित करते हैं।
निषेचन के बाद फूल की पंखुड़ियां, पुंकेसर, वर्तिका तथा वर्तिकाग्र गिर जाते हैं। बाह्य दल सूख जाते हैं और अंडाशय पर लगे रहते हैं। अंडाशय शीघ्रता से वृद्धि करता है और इनमें स्थित कोशिकाएं विभाजित होकर वृद्धि करती हैं और बीज का बनना आरंभ हो जाता है। बीज में एक शिशु पौधा अथवा भ्रूण होता है। भ्रूण में एक छोटी जड़ (मूल जड़), एक छोटा प्ररोह (प्रांकुर) तथा बीजपत्र होते हैं। बीजपत्र में भोजन संचित रहता है। समयानुसार बीज सख्त होकर सूख जाता है। यह बीज प्रतिकूल परिस्थिति में जीवित रह सकता है। अंडाशय की दीवार भी सख्त हो सकती है और एक फली बन जाती है। निषेचन के बाद सारे अंडाशय को फल कहते हैं।
प्रश्न 4.
बाह्य निषेचन तथा आंतरिक निषेचन का क्या अर्थ है ? परनिषेचन तथा स्वनिषेचन में क्या अंतर है? इनमें से कौन-सी ज्यादा लाभदायक है?
उत्तर-
बाह्य निषेचन तथा आंतरिक निषेचन-जब नर और मादा अपने-अपने शुक्राणु तथा अंडे सारे शरीर से बाहर पानी में छोड़ देते हैं और शुक्राणु और अंडे का संयोग शरीर से बाहर होता है तो इस क्रिया को बाह्य निषेचन कहते हैं। जैसे मेंढक और मछलियों में। आंतरिक निषेचन में नर अपने शुक्राणु मादा के शरीर में विसर्जित करता है और शुक्राणु मादा के शरीर में अंडे से संयोग करता है। जैसे पक्षियों और स्तनधारियों में।
परनिषेचन और स्वनिषेचन-
परनिषेचन (Cross-Fertilization)-यह उन जीवों में होता है जहां नर और मादा अलग-अलग होते हैं। उभयलिंगी जंतुओं में यह हो सकता है यदि जनन अंग विभिन्न समय पर परिपक्व हों। इससे जीवों में विविधताएं आती हैं।
स्वनिषेचन (Self-Fertilization)-उभयलिंगी जीवों में जहां नर और मादा जनन अंग एक ही समय पर परिपक्व होते हैं, स्वनिषेचन होता है। इस विधि में पैतृक गुण पीढ़ी दर पीढ़ी कायम रहते हैं। परपरागण से जीवों में विविधताएँ उत्पन्न होती हैं जिससे जीवों में क्षमताएँ बढ़ती हैं। जीवन के नए युग्मक बनने में आनुवंशिक विविधता का विकास होता है।
प्रश्न 5.
अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियां कौन-कौन सी हैं ?
उत्तर-
अलैंगिक जनन में जीव स्वयं गुणित होते हैं। अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियां निम्नलिखित हैं
(i) विखंडन (Binary Fission)-द्विखंडन में जीव का शरीर लंबवत् अनुप्रस्थ खांच से दो बराबर भागों में विभाजित हो जाता है। प्रत्येक भाग जनक के समान हो जाता है। जनन की यह विधि प्रोटोज़ोआ (अमीबा, पैरामीशियम आदि) में होती है जिन में यही विधि आवश्यक रूप से कोशिका विभाजन की विधि है जिसके परिणामस्वरूप संतति कोशिकाओं का पृथक्करण होता है। बहुकोशिकीय जंतुओं में भी इस विधि को देखा गया है। जैसे-सी-ऐनीमोन में लंबवत् खंडन तथा प्लेनेरिया में अनुप्रस्थ खंडन।
(ii) मुकुलन (Budding)-मुकुलन एक प्रकार की अलैंगिक जनन क्रिया है जिसमें नया जीव जो अपेक्षाकृत छोटे पुँज की कोशिकाओं से निकलता है, आरंभ में जनक जीव में मुकुल बनाता है। मुकुल अलग होने से पहले जनक का रूप धारण कर लेता है जैसे-बाह्य मुकुलन में या जनक से अलग होने के पश्चात् आंतरिक मुकुलन में। बाह्य मुकुलन स्पंज, सोलेंट्रेटा (जैसे हाइड्रा), चपटे कृमि और ट्यूनीकेट में मिलता है लेकिन कुछ सीलेंट्रेट जैसे ओबेलिया पोलिप की अपेक्षा मैडूयूसी पैदा करते हैं।
(iii) खंडन (Fragmentation)-स्पाइरोगायरा जैसे कुछ जीव पूर्ण विकसित होने के बाद साधारणतया दो या अधिक खंडों में टूट जाते हैं। ये खण्ड वृद्धि करके पूर्ण विकसित जीव बन जाते हैं। खंडन चपटे कृमि, रिबन कृमि
और एनेलिडा संघ के प्राणियों में भी होता है।
(iv) बहुखंडन (Multiple Fission)-कभी-कभी प्रतिकूल परिस्थितियों में कोशिका के चारों ओर एक संरक्षक परत या भित्ति बन जाती है। ऐसी अवस्था को पुटी (सिस्ट) कहते हैं। पुटी के अंदर कोशिका कई बार विभाजित हो जाती है जिससे बहुत-सी संतति कोशिकाएं बन जाती हैं। ऐसी प्रक्रिया को बहुखंडन कहते हैं। पुटी के फटने के बाद बहुत-सी कोशिकाएं बाहर निकल जाती हैं।
(v) कायिक प्रवर्धन (Vegetative Reproduction)-जब पौधे के किसी कायिक अंग जैसे पत्ता, तना अथवा जड़ से नया पौधा उगाया जा सकता हो तो इस प्रक्रिया को कायिक प्रवर्धन कहते हैं।
प्रश्न 6.
मनुष्य में नर जनन तंत्र का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर-
मनुष्य में नर जनन तंत्र-नर मनुष्य (पुरुष) में जंघनास्थि क्षेत्र में एक मांसल संरचना शिश्न होता है जिसके बीच में मूत्रवाहिनी होती है। शिश्न के नीचे उसकी जड़ में एक मांसल थैली वृषण कोष होता है जिसमें अंडाकार संरचनाएं वृषण होते हैं। वृषण नर युग्मक शुक्राणु का निर्माण करते हैं। वृषण में एक विशिष्ट संरचना शुक्राशय पाया जाता है जिसमें शुक्राणु के पोषण के लिए चिपचिपा पदार्थ स्रावित होता है। चिपचिपे पदार्थ (वीर्य) के साथ शुक्राणु एक संकरी नली द्वारा मूत्र वाहिनी में पहुंचते हैं। जहाँ से शिश्न की सहायता से मादा की योनि में छोड दिए जाते हैं। शिश्न मूत्र एवं शुक्राणु युक्त वीर्य दोनों को बाहर निकालता है।
प्रश्न 7.
मनुष्य के मादा जनन तंत्र का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
मनुष्य के मादा जनन तंत्र के निम्नलिखित भाग हैं –
(i) अंडाशय (Ovary) – श्रोणीय गुहिका में दो अंडाशय होते हैं जो बहुत छोटे आकार के होते हैं। अंडाशय में अंडे बनते हैं। अंडाशय की अंदर की सतह पर एपीथीलियम कोशिकाओं की पतली परत होती है जिसे जनन एपीथीलियम कहते हैं। इसकी कोशिकायें विभाजित होकर फोलिकल तथा अंडा बनाती हैं। अंडाशय की गुहा में संयोजी ऊतक होते हैं जिन्हें स्ट्रोमा कहते हैं। प्रत्येक फोलिकल में एक जनन कोशिका होती है जिसके चारों ओर स्ट्रोमा की कोशिकाएं रहती हैं। अर्ध सूत्री विभाजन के फलस्वरूप जनन कोशिकाएं अंडे का निर्माण करती हैं। ओस्ट्रोजिन तथा प्रोजिस्ट्रॉन नामक दो हार्मोन अंडाशय द्वारा स्रावित होते हैं जो मादा में प्रजनन संबंधी विभिन्न क्रियाओं का नियंत्रण करते हैं।
(ii) फैलोपियन नलिका (Fallopian Tube)-यह रचना में नलिका समान होती है। इसका एक सिरा गर्भाशय से जुड़ा रहता है और दूसरा सिरा अंडाशय के पास खुला रहता है। इसके सिरे पर झालदार रचना होती है जिसे फिंब्री कहते हैं। अंडाशय से जब अंडा निकलता है तो फिंब्री की संकुचन क्रिया के कारण फैलोपियन नलिका में आ जाता है। यहाँ से गर्भाशय की ओर बढ़ता है। अंड निषेचन फैलोपियन नलिका में ही होता है। यदि अंडे का निषेचन नहीं होता यह गर्भाशय से होकर योनि में और ऋतु स्राव के समय योनि से बाहर निकल जाता है।
(iii) गर्भाशय (Uterus)-यह मूत्राशय तथा मलाशय के बीच स्थित एक मांसल रचना है। फैलोपियन नलिकाएँ इसके दोनों ओर ऊपर के भागों में खुलती हैं। गर्भाशय का निचला सिरा कम चौड़ा होता है और योनि में खुलता है। गर्भाशय के अंदर की दीवार एंड्रोमीट्रियम की बनी होती है। गर्भाशय का मुख्य कार्य निषेचन अंडे को परिवर्धन काल में जब तक कि गर्भ विकसित होकर शिशु के रूप में जन्म न ले ले, आश्रय तथा भोजन प्रदान करना है।
(iv) योनि (Vagina)-यह मांसल नलिका समान रचना है। इसका पिछला भाग गर्भाशय की ग्रीवा में खुलता है। मादा में मूत्र निष्कासन के लिए अलग छिद्र होता है जो योनि में खुलता है।
(v) भग (Vulva)–योनि बाहर की ओर एक सुराख से खुलती है जिसे भग कहते हैं।
प्रश्न 8.
(क) परागण क्रिया निषेचन से किस प्रकार भिन्न है ?
(ख) फूल के नर तथा मादा जनन अंगों का नामांकित चित्र बनाओ।
उत्तर-
(क) परागण क्रिया तथा निषेचन क्रिया में अंतर-देखें “अध्याय के अंतर्गत प्रश्न’ शीर्षक के अधीन प्रश्न 1 पृष्ठ 201
(ख) फूल का नर जनन अंग : पुंकेसर
फूल का मादा जनन अंग : स्त्रीकेसर
लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
कायिक प्रवर्धन के लाभ बताइए।
उत्तर-
- सभी नये पौधे मातृ पौधे के समान होते हैं। इस प्रकार एक अच्छे गुणों वाले पौधे से कलम द्वारा उसके समान ही अनेक पौधे तैयार किये जाते हैं।
- फलों द्वारा उत्पन्न सभी बीज समान नहीं होते परंतु कायिक जनन खरा उत्पन्न पौधों में पूर्ण समानता होती है।
- कायिक जनन द्वारा नये पौधे थोड़े समय में ही प्राप्त हो जाते हैं।
- वे पौधे जो बीज द्वारा सरलता से प्राप्त नहीं किए जा सकते, कायिक जनन द्वारा प्राप्त किये जा सकते हैं। केला, अंगूर, संतरे आदि की खेती इस प्रकार की जाती है।
प्रश्न 2.
पुनरुद्भवन (Regeneration) किसे कहते हैं ?
उत्तर-
पुनरुद्भवन-शरीर के कटे हुए किसी भाग में पूर्ण जीव बना लेने या उसे फिर से विकसित कर लेने की क्षमता को पुनर्जनन या पुनरुद्भवन कहते हैं। स्टार फिश कटी हुई भुजा को फिर से प्राप्त कर लेती है। स्पाइरोगायरा, हाइड्रा, प्लैनेरिया आदि इस विधि से जनन करते हैं।
प्रश्न 3.
ऊतक संवर्धन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ऊतक संवर्धन (Tissue Culture)- इस विधि में पौधे के ऊतक का एक टुकड़ा काट लेते हैं। एक बीकर में पोषक तत्वों से युक्त माध्यम लेकर उसमें उचित परिस्थितियों में ऊतक के टुकड़े को रख देते हैं। इस चीकर के अंदर उस ऊतक की वृद्धि एक असंगत पिंड की तरह होती है जिसे कैलस कहा जाता है। कैलस का थोड़ा-सा भाग एक अन्य माध्यम में रखा जाता है जिसमें पदपादक में विभेदन होता है। इस पदपादक को गमले या मिट्टी में रोपित कर देते हैं। इस प्रकार एक नया पौधा बनकर तैयार हो जाता है।
प्रश्न 4.
राइज़ोपस में बीजाणु समासंघ से नए जीव किस प्रकार उत्पन्न होते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
अनेक सरल बहुकोशिक जीवों में विशिष्ट जनन संरचनाएँ पाई जाती हैं। नमी युक्त ब्रेड पर धागे के समान कुछ संरचनाएं विकसित होती हैं। वह राइजोपस का कवक जाल है। यह जनन के भाग नहीं हैं। इन उर्ध्व तंतुओं पर गोल सूक्ष्म गुच्छ (संरचनाएँ) जनन में भाग लेती हैं। यह गुच्छ बीजाणुधानी हैं जिसमें विशेष कोशिकाएँ अथवा बीजाणु होते हैं। यह बीजाणु वृद्धि करके राइजोपस के नए जीव उत्पन्न करते हैं। बीजाणु के चारों ओर एक मोटी भित्ति होती है जो प्रतिकूल परिस्थितियों में उसकी रक्षा करती है। नम सतह के संपर्क में आने पर वह वृद्धि करने लगते हैं।
प्रश्न 5.
मासिक धर्म के बंद होने का क्या कारण है ?
उत्तर–
गर्भाशय में भ्रूण की उपस्थिति में प्लेसैंटा बनता है। प्लेसैन्टा ऐस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोजन हार्मोन पैदा करता है जो मासिक धर्म को बंद कर देते हैं।
प्रश्न 6.
गर्भधारण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
गर्भधारण-निषेचित अंडा बार-बार माइटोटिक विभाजन करता है जिससे कोशिकाओं का एक पुँज-सा बन जाता है जो अंडवाहिनी से गर्भाशय तक जाता है। यहाँ यह गर्भाशय की गर्भ दीवारों में धंस जाता है। इस क्रिया को गर्भाधारण करना कहते हैं।
प्रश्न 7.
मैनोपॉज (Menopause) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
मैनोपॉज-मादा में प्राकृतिक मासिक धर्म की क्रिया के बंद होने को मैनोपॉज कहते हैं। मानव मादा में यह 45-50 वर्ष की अवस्था में होता है। इस मैनोपॉज के बंद होने के पश्चात् स्त्री बच्चों को जन्म नहीं दे सकती।
प्रश्न 8.
एक लिंगी तथा उभयलिंगी की परिभाषा एक-एक उदाहरण देते हुए लिखिए।
उत्तर-
एक लिंगी-वे जीव जिनमें नर और मादा स्पष्ट रूप से अलग-अलग हों उन्हें एक लिंगी जीव कहते हैं। उदाहरण- मनुष्य। उभयलिंगी-जिन जीवों में नर और मादा लिंग एक साथ उपस्थित होते हैं उन्हें उभयलिंगी कहते हैं। उदाहरण-केंचुआ।
प्रश्न 9.
पुरुष तथा स्त्री के द्वितीयक लैंगिक लक्षणों का वर्णन कीजिए।
अथवा
किशोर अवस्था में लड़के तथा लड़कियों में आने वाले परिवर्तन कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
(क) नर के शरीर में दिखाई देने वाले परिवर्तन
- आवाज़ में भारीपन आ जाता है।
- दाढ़ी और मूंछे उग जाती हैं।
- जननांगों पर बाल उग आते हैं।
- शिश्न का आकार बढ़ जाता है और दिन या रात के सपनों में उसका स्तंभन बढ़ जाता है।
- कंधे चौड़े हो जाते हैं। माँस पेशियाँ विकसित हो जाती हैं।
- विपरीत लिंग की ओर आकर्षण बढ़ जाता है।
(ख) मादा के शरीर में दिखाई देने वाले परिवर्तन
- जननांगों पर बाल उग आते हैं।
- वक्षों का विकास हो जाता है। मांसलता आ जाती है।
- रजोधर्म चक्र आरंभ हो जाता है।
- कूल्हों के आस-पास वसा इकट्ठी हो जाती है।
- विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण बढ़ जाता है।
- जनन अंगों का विकास हो जाता है।
प्रश्न 10.
अंडे और शुक्राणु में क्या अंतर है ?
उत्तर-
अंडा | शुक्राणु |
(1) यह नर जनन कोशिका है। | (1) यह मादा जनन कोशिका है। |
(2) यह अंडे की अपेक्षा आकार में छोटा होता है। | (2) यह शुक्राणु की अपेक्षा आकार में बड़ा होता है। |
(3) इसकी पूंछ नहीं होती। | (3) इसकी पूंछ होती है। |
(4) यह तैर नहीं सकते। |
(4) ये पूंछ की सहायता से तैर सकते हैं। |
प्रश्न 11.
लैंगिक तथा अलैंगिक जनन में अंतर बताओ।
उत्तर-
लैंगिक तथा अलैंगिक जनन में अंतर
लैंगिक जनन | अलैंगिक जनन |
(1). इस क्रिया में नर और मादा दोनों की आवश्यकता नहीं होती। | (1) इस क्रिया में नर और मादा दोनों की आवश्यकता पड़ती है। |
(2) इस प्रकार का जनन उच्च श्रेणी के जीवों में होता है। | (2) यह निम्न श्रेणी के जीवों में होता है। |
(3) लैंगिक जनन निषेचन क्रिया के बाद जीव बनना आरंभ करता है। | (3) अलैंगिक जीव में निषेचन क्रिया नहीं होती। |
(4) इस जनन द्वारा उत्पन्न संतान में नए गुण विकसित सकते। | (4) इस जनन द्वारा उत्पन्न संतान में नए गुण नहीं आ हो सकते हैं। |
(5) इस क्रिया में बीजाणु उत्पन्न नहीं होते। | (5) इस क्रिया में एककोशिकीय बीजाणु (जैसे फफूंदी में) उत्पन्न हो सकते हैं। |
प्रश्न 12.
नर मानव में वृषण शरीर के बाहर क्यों स्थित होते हैं ?
उत्तर-
नर मानव में वृषण की स्थिति वृषण कोश में होती है जो उदर गुहिका के बाहर नीचे की ओर स्थित होता है। शुक्राणुओं के जनन के लिए निम्न ताप प्राप्ति के लिए ऐसा संभव होता है ताकि शुक्राणु देर तक सक्रिय रह सकें।
प्रश्न 13.
एड्स (AIDS) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
एड्स (AIDS)-एड्स (एक्वायर्ड इम्युनो-डेफिशिएंसी सिंड्रोम) नामक रोग एक ऐसे विषाणु (Virus) के कारण होता है जो शरीर के प्रतिरक्षण संस्थान को निष्क्रिय करता है जिसके कारण शरीर को कोई भी रोग सरलता से लग सकता है। इस के वायरस का नाम HIV है। एड्स के रोगी उनके कमज़ोर शरीर पर हुए अन्य आक्रमण के कारण मरते हैं। यह रोग संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध स्थापित करने से फैलता है परंतु कभी-कभी इसके विषाणु सीधे ही रक्त में पहुँच जाते हैं।
ऐसा तब होता है जब रक्त आधान (खून चढ़ाना) द्वारा किया गया रक्त संक्रमित हो या टीका लगाने के लिए संक्रमित सुई का उपयोग किया गया हो यह आनुवंशिक भी होता है। इस रोग से संक्रमित माताओं के बच्चों से भी यह रोग माता के रक्त द्वारा पहुँच जाता है इसके उपचार का कोई भी टीका या औषधि अब तक उपलब्ध नहीं है। इस रोग का अधिक प्रकोप अफ्रीका तथा पश्चिमी देशों में है। अज्ञानता, ग़रीबी और अशिक्षा के कारण हमारा देश इस रोग के चंगुल में बहुत तेजी से आ रहा है।
प्रश्न 14.
मानव मादा जनन तंत्र का अंकित अंकित चित्र बनाओ।
उत्तर-
मानव मादा जनन तंत्र का अंकित चित्र-
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
DNA का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर-
डिऑक्सी राइबो न्यूक्लीक एसिड।
प्रश्न 2.
किन जीवों में एक साथ अनेक संतति कोशिकाओं में विभाजन होता है।
उत्तर-
मलेरिया परजीवी, प्लैज्मोडियम जैसे एक कोशिका जीव।
प्रश्न 3.
कैलस किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ऊतक संवर्धन में जब कोशिकाएं विभाजित हो कर अनेक कोशिकाओं का छोटा समूह बनाती हैं तो उसे कैलस कहते हैं।
प्रश्न 4.
पुष्प के जनन भाग कौन-से हैं ?
उत्तर-
पुंकेसर और स्त्रीकेसर।
प्रश्न 5.
एकलिंगी पुष्प के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
पपीता, तरबूज।
प्रश्न 6.
उभयलिंगी पुष्प के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
गुड़हल, सरसों।।
प्रश्न 7.
कलम एवं दाब लगाकर नये पौधे उत्पन्न करने के कौन-से दो मुख्य लाभ हैं ?
उत्तर-
- सभी नए पौधे मूल या मातृ पौधे के समान होते हैं।
- नए पौधे थोड़े ही समय में तैयार हो जाते हैं।
प्रश्न 8.
परागण की परिभाषा लिखें।
उत्तर-
परागण-पौधों में निषेचन क्रिया के पूर्व पराग कणों के स्त्रीकेसर के वर्तिकाग्र तक पहुँचने की क्रिया को परागण कहते हैं।
प्रश्न 9.
निषेचन क्रिया के पश्चात् युग्मनज में क्या बनता है ?
उत्तर-
भ्रूण।
प्रश्न 10.
नर तथा मादा युग्मकों को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
शुक्राणु तथा अंडाणु।
प्रश्न 11.
फीटस किसे कहते हैं ?
उत्तर-
गर्भ धारण के दो या तीन महीने बाद विकसित हो रहे बच्चे को फीटस कहते हैं।
प्रश्न 12.
वीर्य क्या है ?
उत्तर-
वीर्य में शुक्राणु और कुछ ग्रंथियों का स्राव होता है।
प्रश्न 13.
प्लेसेंटा किसे कहते हैं ?
उत्तर-
गर्भवती माँ के गर्भाशय की दीवार तथा भ्रूण की झिल्ली के संयोजन की एक नाल की रचना होती है जिसे आँवल या गर्भनाल या प्लेसैंटा कहते हैं। प्लेसेंटा में पर्याप्त रुधिर कोशिकाएं होती हैं जिनके द्वारा माता का रुधिर भ्रूण या गर्भ के शरीर में आता जाता रहता है।
प्रश्न 14.
पुनर्जनन से उत्पन्न प्राणी का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
स्टारफिश।
प्रश्न 15.
यौवन की आयु क्या होती है ?
उत्तर-
लड़कों में 13-14 वर्ष, लड़कियों में 10-12 वर्ष।
प्रश्न 16.
मनुष्य की मादा में गर्भकाल कितना होता है ?
उत्तर-
लगभग नौ मास।
प्रश्न 17.
IUCD क्या है ?
उत्तर-
IUCD (इंटरायूटीरिन कंट्रासेप्टिव डिवाइस) नारी गर्भाशय में लगाई जाने वाली एक युक्ति है जो गर्भ निरोधक का कार्य करती है।
प्रश्न 18.
STD क्या है ?
उत्तर-
STD (Sexually Transmitted Disease) यौन संक्रमित रोग।
प्रश्न 19.
दो यौन रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
- गोनेरिया,
- सिफलिस।
प्रश्न 20.
नीचे दिए गए चित्र किस जीव के हैं तथा किस क्रिया को दर्शाते हैं ?
उत्तर-
जीव का नाम : अमीबा। क्रिया पोषण क्रिया।
प्रश्न 21.
नीचे दिए चित्र में अमीबा की कौन-सी जीवन क्रिया दर्शायी गई है ?
उत्तर-
जनन क्रिया की द्विखण्डन विधि।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)
बहु-विकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
अलैंगिक जनन मुकुलन द्वारा होता है।
(a) अमीबा
(b) यीस्ट
(c) प्लैज्मोडियम
(d) लेप्मानिया।
उत्तर-
(b) यीस्ट।
प्रश्न 2.
निम्न में से कौन मानव में मादा जनन तंत्र का भाग नहीं है ?
(a) अंडाशय
(b) गर्भाशय
(c) शुक्रवाहिका
(d) डिंबवाहिनी।
उत्तर-
(c) शुक्रवाहिका।
प्रश्न 3.
यीस्ट में अलैंगिक जनन प्रायः होता है
(a) मुकुलन द्वारा
(b) विखंडन द्वारा
(c) बीजाणु
(d) रोपण द्वारा।
उत्तर-
(a) मुकुलन द्वारा।
प्रश्न 4.
विखंडन द्वारा अलैंगिक जनन होता है –
(a) अमीबा में
(b) यीस्ट में
(c) स्पाइरोगाइरा में
(d) फर्न।
उत्तर-
(c) स्पाइरोगाइरा में।
प्रश्न 5.
हाइड्रा में अनुकूल परिस्थितियों में अलैंगिक जनन होता है –
(a) विखंडन द्वारा
(b) मुकुलन द्वारा
(c) बीजाणुओं द्वारा
(d) विखंडन द्वारा।
उत्तर-
(b) मुकुलन द्वारा।
प्रश्न 6.
कायिक प्रवर्धन होता है-
(a) दूब घास में
(b) आलू में
(c) ब्राइओफिलम में
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।
प्रश्न 7.
स्त्री में आर्तव चक्र पूर्ण होता है –
(a) 14 दिन में
(b) 21 दिन में
(c) 28 दिन में
(d) 30 दिन में।
उत्तर-
(b) 21 दिन में।
प्रश्न 8.
कौन-सा हॉर्मोन लड़कियों में यौवनावस्था के लक्षणों को नियंत्रित करता है ?
(a) एस्ट्रोजन
(b) टेस्टोस्टेरॉन
(c) थायरॉक्सिन
(d) इंसुलिन।
उत्तर-
(a) एस्ट्रोजन।
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(i) नर तथा मादा जनन कोशिकाओं के मेल से बनी संरचना को ……………………. कहते हैं।
उत्तर-
युग्मनज
(ii) प्रजनन अंगों में होने वाली कोशिका विभाजन से ………………………. कोशिकाएँ बनती हैं।
उत्तर-
जनन
(iii) मनुष्य का जीवन ………………………….. कोशिका से शुरू होता है।
उत्तर-
एक
(iv) जब वृद्धि एक निश्चित अनुपात में होती है तो इसे …………………….. कहते हैं।
उत्तर-
परिवर्धन
(v) अमीबा में अलैंगिक जनन …………………. विधि द्वारा होता है।
उत्तर-
द्विखंडन।