This PSEB 10th Class Science Notes Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक will help you in revision during exams.
PSEB 10th Class Science Notes Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक
याद रखने योग्य बातें (Points to Remember)
→ हमारे दैनिक जीवन में प्रयुक्त होने वाली अधिकांश वस्तुएँ कार्बन के यौगिक हैं।
→ सभी सजीव संरचनाएँ कार्बन पर आधारित होती हैं।
→ प्रकृति में बहुत कम मात्रा में उपस्थित कार्बन हमारे लिए उपयोगी है।
→ अधिकांश कार्बन यौगिक विद्युत् संवाहक नहीं होते।
→ कार्बन यौगिकों के संयोजन से किसी आयनं की उत्पत्ति नहीं होती।
→ कार्बन की परमाण्विक संख्या 6 है। इसके सबसे बाहरी कक्ष में चार इलेक्ट्रॉन होते हैं।
→ हाइड्रोजन को एक इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता होती है। इलेक्ट्रॉन के सहभाजी युगल हाइड्रोजन के दो परमाणुओं के बीच एकल बंध बनाते हैं।
→ क्लोरीन विपरमाणुक अणु Cl2, बनाता है।
→ ऑक्सीजन के दो परमाणुओं के बीच दोहरे बंध की संरचना होती है।
→ अष्टक प्राप्त करने के लिए नाइट्रोजन के एक अणु में नाइट्रोजन का प्रत्येक परमाणु तीन इलेक्ट्रॉन देता है। इससे इलेक्ट्रॉन के तीन सहभागी युगल प्राप्त होते हैं।
→ मीथेन कार्बन का यौगिक है। यह बायोगैस एवं कंप्रैस्ड नेचुरल गैस (CNG) का प्रमुख घटक है।
→ हीरा और ग्रेफाइट कार्बन के अपरूप हैं। इनके रासायनिक गुणधर्म एक समान होते हैं।
→ फुलेरेंस कार्बन अपरूप की एक श्रेणी है जिसे C-60 के नाम से पहले पहचाना गया था।
→ सहसंयोजी बंध बनाने की प्रकृति के कारण कार्बन यौगिक बहुत बड़ी संख्या में हैं।
→ कार्बन परमाणु शृंखलन करते हैं। कार्बन परमाणुओं के बीच केवल एकल बंध से जुड़े यौगिक संतृप्त यौगिक कहलाते हैं।
→ कार्बन-कार्बन बंध अत्यधिक तीव्र और स्थायी होता है।
→ कार्बन ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, सल्फर, क्लोरीन तथा अनेक अन्य तत्वों के साथ यौगिक बनाता है।
→ एक समान फॉर्मूला लेकिन विभिन्न संरचनाओं वाले यौगिक संरचनात्मक यौगिक कहलाते हैं।
→ सीधी और शाखाओं वाली कार्बन शृंखलाओं के अतिरिक्त कुछ यौगिकों में कार्बन के परमाणु वलय के आकार में व्यवस्थित होते हैं जैसे साइक्लो-हैक्सेन।
→ संतृप्त हाइड्रोकार्बन ‘एल्केन’ कहलाते हैं। असंतृप्त हाइड्रोकार्बन जिनमें एक या अधिक दोहरे बंध होते हैं उन्हें एल्कीन कहते हैं। एक या अधिक तिहरे बंध वाले ‘एल्काइन’ कहलाते हैं।
→ सभी हाइड्रोकार्बन, ऑक्सीजन की उपस्थिति में दहन करके ताप एवं प्रकाश के साथ CO2, बनाते हैं।
→ संतृप्त हाइड्रोकार्बन से प्रायः स्वच्छ ज्वाला बनती है जबकि असंतृप्त कार्बन यौगिकों से अत्याधिक काले धुएं वाली पीली ज्वाला निकलती है।
→ अपूर्ण दहन होने पर कजली ज्वाला उत्पन्न होती है।
→ कोयला और पेट्रोलियम जीवाश्मी ईंधन हैं।
→ पूर्ण ऑक्सीकरण से अल्कोहल को कार्बोक्सलिक अम्ल में बदला जा सकता है।
→ जिन पदार्थों में अन्य पदार्थों को ऑक्सीजन देने की क्षमता होती है उन्हें ऑक्सीकारक कहते हैं।
→ उत्प्रेरक स्वयं को प्रभावित किए बिना अभिक्रिया दर को आगे बढ़ाते हैं।
→ मिथेनॉल के थोड़े-से प्रयोग से भी मृत्यु हो जाती है। यह व्यक्ति को अंधा भी बना सकता है।
→ मिथेनॉल को एथनॉल में मिला दिया जाता है ताकि उसका दुरुपयोग रोका जा सके।
→ गन्ने के रस का किण्वन करके एथनॉल तैयार किया जाता है।